केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 10 करोड़ रुपए की राशि देने की घोषणा की

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री ने केरल को 500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. यह राशि 12 अगस्त को गृह मंत्रालय की ओर से 100 करोड़ रुपए की देने की घोषणा से अलग है. कोच्चि में एक उच्च स्तरीय बैठक की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित कुछ क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया.

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बारिश और बाढ़ से जूझ रहे केरल के विभिन्न इलाकों से 10 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है और कहा है कि उसने अब तक का देश का सबसे बड़ा राहत और बचाव अभियान छेड़ा है.

एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसकी कुल 58 टीम राहत एवं बचाव काम के लिए केरल में तैनात की गई हैं. उनमें से 55 टीम वहां काम कर रही हैं जबकि तीन टीम रास्ते में है. प्रवक्ता ने कहा, ‘बाढ़ से जूझ रहे केरल राज्य में बल ने अपना राहत एवं बचाव अभियान तेज कर दिया है.’

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि हम केरल बाढ़ से प्रभावित लोगों को लेकर चिंतित हैं. केंद्र सरकार हर संभंव मदद कर रही है. रेल अब मुफ्त में खाने पीने की चीजें बाढ़ प्रभावित इलाकों में ले जाएगी.


 

हरियाणा:

केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 10 करोड़ रुपए की राशि देने की घोषणा की।
बीते 100 सालों में सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहे हैं केरलवासी जान-माल के भारी नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लिया निर्णय।
बाढ़ पीड़ितों को मदद और बचाव कार्यों के लिए सहयोग की दिशा में लिया गया निर्णय।

 


मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केरल बाढ़ प्रभावितों के मदद के लिए 10 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

 

 

 


कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका के बीजेपी के सभी कॉरपोरेटर केरल बाढ़ प्रभावित लोगों के मदद के लिए अपनी एक महीने की सैलरी दान करेंगे

 

 

 

 


उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केरल बाढ़ प्रभावितों के मदद के लिए 15 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है.

 

 

 

 

 


छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने केरल के मुख्यमंत्री विजयन से फोन पर बात कर हर संभंव मदद करने का भरोसा दिया है.

 

 

 


गुजरात

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने केरल बाढ़ प्रभावित लोगों के मदद के लिए 10 करोड़ रुपए की मदद की घोषणा की है.

 

 

 


महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केरल में बाढ़ प्रभावित लोगों के मदद के लिए 20 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

 

 

 


झारखंड

केरल में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने 5 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है

 

 

 


ओडिशा

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी केरल के लिए 5 करोड़ रुपए की सहायता राशि का ऐलान किया है. पटनायक ने नौकाओं के साथ 245 दमकलकर्मी केरल भेजने का ऐलान किया.

 

 

 


हार

बाढ़ की मार झेल रहे केरल की मदद में बिहार सरकार आगे आई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को केरल को 10 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया.

 

 

 


मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री ने हवाई सर्वे किया और हालात जाने. हमारे हेलिकॉप्टर खराब मौसम के कारण कुछ जगहों पर नहीं जा सके. वित्तीय सहायता देने के लिए हमने पीएम का आभार जताया और उनसे और हेलिकॉप्टर और नौकाएं देने की गुहार लगाई है.


मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने कहा, हमने प्रधानमंत्री को सभी परिस्थितियों की जानकारी दे दी. केरल में हालात बहुत खराब हैं. हमें एकजुट होना पड़ेगा. प्रधानमंत्री ने केरल की हालत को बखूबी समझा. राजस्व विभाग के अधिकारी भी हमारे साथ थे.


प्रधानमंत्री के साथ बैठक में मुख्यमंत्री विजयन ने प्रदेश में बाढ़ से हुई तबाही का हाल बताया. विजयन के मुताबिक केरल को 19,512 करोड़ की हानि हुई है.


 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिए आज यानी शनिवार सुबह कोच्चि पहुंचे हैं. उन्होंने यहां मुख्यमंत्री पिनारई विजयन और राज्य सरकार के साथ बाढ़ राहत को लेकर बैठक की है. उन्होंने केरल में बाढ़ राहत के लिए 500 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है.

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले केरल की आपदा के लिए 100 करोड़ पैकेज का ऐलान किया था. तब इतनी बड़ी आपदा के लिए इतने कम पैकेज की घोषणा करने पर सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था.

केरल में भारी बारिश और बाढ़ के चलते अकले शुक्रवार को ही 106 लोगों की मौत हो गई है. इसी के साथ केरल में बीते 8 अगस्त से बाढ़ और बारिश की वजह से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 324 हो गया है.

प्राकृतिक आपदा की इस स्थिति में राज्य में ऑक्सीजन की कमी और पेट्रोल पंपों में तेल नहीं होने से संकट और गहरा हो गया. बाढ़ की वजह से पर्यटन के लिए मशहूर केरल को गहरा धक्का लगा है. हजारों एकड़ खेत में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. लोगों के घर और मकान ढह गए हैं. साथ ही सड़कें पुल और बुनियादी ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचा है.

अलग-अलग जगहों पर फंसे 80,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया. इनमें 71,000 से ज्यादा लोग बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित एर्नाकुलम जिले के अलुवा क्षेत्र से थे.

तीनों सेनाओं के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने छतों और ऊंची जगहों पर फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने का काम शुक्रवार को फिर से शुरू किया. पहाड़ी इलाकों में पहाड़ के हिस्से जमीन पर गिरने से सड़क जाम हो रहे हैं, जिससे बाकी जगहों से उनका संपर्क टूट जा रहा है. द्वीप की शक्ल ले चुके कई गांवों में फंसे लोगों को निकालने का अभियान भी जारी है.

नौका से नहीं पहुंचने लायक जगहों में फंसी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोगों को सेना के हेलीकॉप्टरों से सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है.ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन में रह रहे केरल के लोगों ने टीवी चैनलों के जरिए अधिकारियों से अपील की है कि वे उनके प्रियजन की मदद करें.

ऑस्ट्रेलिया में रह रही सौम्या ने कहा कि उनके माता और कुछ रिश्तेदार बीते दो दिनों से अलुवा में फंसे हुए हैं. एक अन्य ने कहा कि उनकी बुजुर्ग रिश्तेदार मैरी वर्गीज को ऑक्सीजन सिलिंडर की सख्त जरूरत है और उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है. एक वॉट्सऐप वीडियो में छह साल के बच्चे के साथ एक जगह पर फंसी हुई महिला मदद की गुहार लगाती नजर आ रही है. वह कह रही है, ‘हमारे पास न खाना है और न पीने को पानी। कृपया हमारी मदद करें.’

बैंगलोर कर्नाटक में इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की 71 वी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक शुरू

 

बैंगलोर कर्नाटक में इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की 71 वी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक शुरू
कार्यसमिति का शुभारंभ श्री श्री रविशंकर और न्यायमूर्ति जस्टिस सन्तोष हेगड़े ने दीप पर्वजलोत कर के किया।
बैठक में भाग लेने सभी प्रदेशो के ifwj से सम्बंधित पत्रकार संगठन के प्रतिनिधि आये हुए है
हरियाणा वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के प्रतिनिधि मंडल के साथ ifwj के राष्ट्रीय सचिव रणदीप घनगस भी बैठक में मौजूद रहे। कार्यसमिति की बैठक 2 दिन चलेगी

Sidhu in Pakistan: will “thoko tali”

Cricketer-turned-politician Navjot Singh Sidhu on Friday preferred to cross the border to attend Pakistan cricket legend and his “friend” Imran Khan’s swearing-in ceremony, to be held on Saturday, over paying last tributes to his “mentor” in politics Atal Bihari Vajpayee.

All enthused, Sidhu, the Local Government Minister in the Congress Government in Punjab, crossed the Indo-Pak border at Wagah in the afternoon, when the nation was biding a final adieu to its “most loved” Prime Minister.

Not only the leaders from across the parties, but representatives from India’s neighbouring nations including Pakistan, Sri Lanka, have converged in the national capital to attend Vajpayee’s last rites.

But before leaving for Lahore, he did not forget to offer his condolences on Vajpayee’s death. “I had spiritual relations with Vajpayee sahib. Cutting across party lines, there is respect for this wonderful statesman. He elevated the BJP party from mere two seats to the majority. His demise is an irreparable loss for all of us. Vajpayee sahib will be remembered as an institution,” he said.

In an interview, Sidhu had once revealed that he had contested and won in Amritsar in 2004 Lok Sabha elections at 14 days’ notice on receiving a phone call from Vajpayee.

Sidhu, who was more than excited to attend Imran’s swearing-in, considered himself “fortunate to have a chance to be a conduit between both India and Pakistan to ease the tension and will try to work towards strengthening the trade and cultural ties between the two nations”.

For the occasion, Sidhu has got arranged a special ‘Pashmina shawl’ for Imran as a gift. “I am excited to meet my dear friend with whom I shared relationship for the past 35 years,” he said adding that since “I am representing India, this gesture is on behalf of India for Imran.”

After getting mandatory clearance from the Union Ministry of External Affairs, Sidhu was overwhelmed to receive a call from the External Affairs Minister Sushma Swaraj. “Being a law abiding citizen, I am very disciplined when it comes to the norms of a nation. I waited for clearance of my Pakistan visit. I was surprised when madam Sushma called me personally to intimate that the requisite clearance has been granted,” he said.

Sidhu has got 15-day visa for Lahore and Islamabad. Sources revealed that he will be meeting Khan on Friday night.

Earlier, Sidhu had hailed the Pak Prime Minister designate as a “man of character” and hoped that he would mend relations between the two countries.

“Men of genius are admired, men of power are feared, but men of character are trusted. Khan Sahab is a man of character. He can be trusted. Sportsmen build bridges, break barriers, unite people,” he had said.

However, Sidhu’s decision to attend Imran’s swearing-in has attracted criticism from Shiv Sena, and also from BJP senior leader Subramanium Swamy who said that the former cricketer “is “not mentally stable”, and SAD president Sukhbir Badal who advised him “to stay back in Pakistan only”.

All India yuva tabla mahotsav 20th August to 23rd August

 

Pracheen Kala Kendra is going to organize four day  Musical treat in form of  All India Yuva Tabla Mahotsav to promote young and upcoming talent from all over India.   Tabla  is the main originating from the Indian Subcontinent, consisting of a pair of drums, used in traditional, classical, popular and folk music. It  has been a particularly important instrument in Hindustani classical music since the 18th century, and remains in use in IndiaPakistanAfghanistanNepalBangladesh, and Sri Lanka.

This festival is being organized with sole aim to  promote  young and upcoming artists of  gharanas of Tabla who are flag bearers of    our cultural heritage.  So , the Kendra has endeavor to organize a four  day Tabla Mahotsav  in the city at M.L. Koser Indoor Auditorium, Sector 35 complex of Kendra, Chandigarh  from 20th to 23rd August 2018 at 6:30 p.m. daily. A brief pen sketch of the participating Tabla sensations  is  appended below:

Brief pen sketch of  Artists performing in Tabla Mahotsav

 

Nishit Gangani: Nishit Gangani  is  disciple of  Pt. Fateh Singh Gangani . He is child prodigy of  famous Ganganis . Nishit (15 years old) is the newest addition to the bandwagon. The continuum between uncle and nephew consists of siblings, cousins, fathers and grandfathers.

Zargham Khan:  Zargham is  child prodigy of Ajrara Gharana renowned Tabla exponent Ustad Akram Khan. He is  disciple of Ustad Hashmat Khan . He is youngest Tabla player of  Khan family. His  hands are  like  thunder on Tabla.

Aarchik Banerjee: Aarchik Banerjee is  prodigal child of Vocalist Nibedita Banerjee and Tabla Maestro Pt. Shubhankar Banerjee . Inspite of being  a school student , a football fanatic , his first love is Tabla.  His first performance  was in Switzerland  at the age  of 8.  He is blessed to be appreciated by  Tabla  Maestroes  like  Pt. Shankar Ghogh, Pt. Anindo Chatterjee , Pt. Swapan Chowdhury   , Pt. Hari Prasad Chaurasia. He performed in various events  in India and abroad.

Tarun Lala: Tarun lala was born on 27th July 1993. He started learning Tabla at the early age of Four from Shri Sandeep Chauhanji and after him he learned from Shri Suresh khadanvisji. Tarun gave his first performance at the age of six at South Central Cultural Zone. He is blessed to learn  Tabla intricacies  from  Great tabla Maestro Pt. Arvind Mulegaonkar ji.  He has given many performances throughout India and won the appreciation from audience and critic alike.

Vinay Mundhe:  Vinay Mundhe is learning Tabla for last10 years . Initially he has learned from Shri. Avinash Patwardhan and after that Sh.  Sagar Mestry in Mumbai, later he continued his training under Sh. Swapnil Bhise. Currently he is taking further guidance and taalim of Punjab gharana from Pt.Yogesh Samsi. He has received silver medal in national level youth festival from Mumbai University, He has won 1st prize in Pt. Nandan Mehta Taal-vadya Spardha 2018 organized by Saptak & Gujarat Government at Ahmedabad. In academics, he is completing his graduation in Tabla (B.A.in Music) from university of Mumbai.

Shivagrah Bhattacharya:  Shivargh Bhattacharya is  a young table player from Lucknow gharana . He is a graduate in Mass Communication .  He started learning Tabla in the age of six.. he is gandabandh  Shagird of Ustad Ilmas Husain Khan , a prominent pillar of  Lucknow gharana. Shivagrah  also grabed 1st position in State level music competition by SNA Lucknow.. He also received a scholarship from Ministry of Culture, Govt. of India. He has performed not only in India but in abroad as well.

Ishaan Ghosh:

Rabab Singh: Rabab Singh is Son of Ustad Kulwinder Singh (Disciple of Ustad Alla Rakha Khan). Completed my Schooling from New St. Soldier Senior Secondary School, Punjab, 2012 &Currently Doing my BA from Guru Nanak College, Punjab.His early training from Ustad Kulwinder Singh & now learning under the Guidance of Ustad Fazal Qureshi of Punjab Gharana. He performed in India and abroad and won applause from all.

Romaan Khan: Born in the year 1996 into a family of musicians. Romaan Khan is the son of Danish Aslam Khan. Romaan Khan belongs to the Ajrada gharana and is the grandson and disciple of Ustad Hashmat Ali Khan Sahib who was a prominent exponent of this gharana. Romaan started learning Tabla at a very young age from his maternal Uncle Ustad Shafaat Ahmed Khan Sahab who was the leading exponent of dilli gharana. later he continued his main training under the guidance of his grandfather Ustad Hashmat Ali Khan.,  Ustad Chhamma Khan Sahab , Ustad Akram Khan . Romaan has performed in many festivals.

 

Shahbaaz Khan: Shahbaaz Khan was born in a traditional family of Music of Delhi Gharana. He is a son of the famous Tabla Maestro Ustad Shakeel Ahmed Khan & the Grandson of Ustad Usman Khan- the famous Classical Vocalist of Delhi Gharana. He is great maternal grandson S/o Doyen of Ajrara Gharana Ustad Niyazu Khan Saheb and Doyen of Farukhabaad Gharana Ustad Amir Hussain Khan Saheb. Shahbaaz started his initial training under the guidance of hisfather Ustad Shakeel Ahmed Khan since the age of four years now he is under the prestigious wings of his Maternal Grandfather Ustad lqbal Hussain KhanSaheb of Farukhabaad and Ajrara Gharana. Shahbaaz is a child prodigy and performing on the stage since the age of 8 years. He has been performing invarious concerts in Delhi and also performed in various parts of country and abroad, has given some of the TV recordings for channels like DD National etc.

Reshma Pandit: Reshma is a young percussionist and fabulous  Solo Tabla performer. Born in 1991, was a keen interest in Tabla playing from very tender age.  She learnt tabla from  her father Pt. Kumar Pandit.  She  has performed in  many prestigious events in India and abroad.

Jyotirmoy Roy Chowdhury : Jyotirmay was initiated in Tabla at the age of four by great Tabaliya Pt. Abhijit  Banerjee in the year 1996 with familiar love & affection. After 12 years of learning, Jyotirmay started to take lessons from the Tabla wizard Late Pt. Shankar Ghosh. Finally, he could able to reach before his long cherished, legend of Tabla, Taalyogi Padmashree Pt. Suresh Talwalkar for further extensive training at Pune, Maharastra, which is continuing till date.

 

बलरामजी दस टंडन पूरे राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन

फोटो राकेश शाह

 

फोटो राकेश शाह

 

फोटो राकेश शाह

 

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फोटो राकेश शाह

 

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फोटो राकेश शाह

Entire nation will mark respect to ‘Atal Ji’ on his demise

Chandigarh, 16th August 2018:

All offices/ Boards/ Corporations of Chandigarh Administration and Educational Institutions of the Union Territory and Panjab University Campus and all its affiliated colleges of Chandigarh and Punjab shall remain closed on 17.08.2018 as a mark of respect to Sh Atal Bihari Vajpayee, former Prime Minister of India

Punjab & Haryana High court along with Vidhan Sabha  of both states has also notified about the holiday.

Haryana and Punjab has declared 17 August as holiday under negotiable instrument act.

Examination, meeting and other related activities also stand postponed till new dates announced by the University in this regard

Atal Bihari Vajpayee Left for Heavenly Abode

 

Atal Bihari Vajpayee ,93, left for Heavenly Abode  today at05:05  pm  according to an official declaration .

 

Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee continues to be on life support system since Wednesday and as per hospital sources at the All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) his condition “is very critical”.

A press release from the AIIMS on Thursday morning said: “Former Prime Minister Shri Atal Bihari Vajpayee’s condition continues to be the same. He is critical and is on life support systems.”

On August 16 morning, Prime Minister Narendra Modi visited AIIMS to enquire about the health condition of Mr. Vajpayee, his second visit in less than 24 hours. Mr. Modi had visited the hospital on Wednesday evening to enquire about the BJP leader’s condition.

On Thursday morning, Vice-President M. Venkaiah Naidu and BJP leaders, including Home Minister Rajnath Singh, party president Amit Shah and BJP veteran L.K. Advani, also visited the AIIMS to enquire about him.

Atal Bihari Vajpayee was an iconic leader of the Bharatiya Janata Party (BJP), known for his cultural moderation, liberalism and political reasonableness. He became the Prime Minister of India thrice. It was during his tenure that India successfully conducted nuclear tests at Pokhran and renewed hopes for peace between India and Pakistan emerged with the start of the New Delhi-Lahore bus service. His government has been till date the only non-Congress government to stay in power for five years. Besides being a seasoned politician and outstanding parliamentarian, Atal Bihari Vajpayee is also a renowned poet and a highly popular personality across the political spectrum.

The Narendra Modi Government has announced the conferment of Bharat Ratna on former prime minister Atal Bihari Vajpayee. His birthday on 25 December has been declared as ‘Good Governance Day’. Famous for his oratorical skills.

Early life

Atal Bihari Vajpayee was born in a middle-class Brahmin family to Krishna Devi and Krishna Bihari Vajpayee on 25 December, 1924 in Gwalior (Madhya Pradesh). His father was a poet and a school teacher. Vajpayee did his schooling from the Saraswati Shishu Mandir, Gwalior. Later, he studied at Victoria College, Gwalior – now Laxmi Bai College, for his graduation. It was at Dayanand Anglo-Vedic College, Kanpur that Vajpayee completed his post-graduation in Political Science.

Joining as the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) worker in 1939, Vajpayee became a pracharak (full-time worker) in 1947. He also worked for Rashtradharma Hindi monthly, Panchjanya Hindi weekly and the dailies Swadesh and Veer Arjun.

Vajpayee chose to stay bachelor for whole life.

Political Career

Atal Bihari Vajpayee began his career in politics as a freedom fighter. Later he joined the Bharatiya Jana Sangh (BJS), a Hindu right-wing political party, under the leadership of Dr Syama Prasad Mookerjee. He became national secretary of BJS in charge of the Northern region.

As the new leader of BJS, Vajpayee was elected to the Lok Sabha for the first time in 1957 from Balrampur. He rose to become the national president of the Jana Sangh in 1968. Supported by his colleagues Nanaji Deshmukh, Balraj Madhok and L K Advani, Vajpayee took the Jana Sangh to greater glory.

Atal Bihari Vajpayee participated in the Total Revolution movement launched by Jayaprakash Narayan (JP) against the Internal Emergency imposed by then prime minister Indira Gandhi in 1975. In 1977, Jana Sangh became a part of the Janata Party, the grand-alliance against the Indira Gandhi government.

Atal Bihari Vajpayee became a Union Minister in 1977 when Morarji Desai-led Janata Party coalition came to power for the first time. He became the Minister of External Affairs. As foreign minister, Vajpayee became the first person to deliver a speech at the United Nations General Assembly in Hindi. His career as a minister was short-lived as he resigned from his post following the resignation of Morarji Desai in 1979. But by then, Vajpayee had established himself as a political leader.

Vajpayee along with Lal Krishna Advani, Bhairon Singh Shekhawat and others from the BJS and Rashtriya Swyamsevak Sangh (RSS) formed the Bharatiya Janata Party in 1980. He became a strong critic of the Congress (I) government that followed the fall of Janata Party government.

Vajpayee did not support Operation Blue Star and raised his voice against the anti-Sikh violence after the assassination of Prime Minister Indira Gandhi in 1984 by two of her Sikh bodyguards.

The BJP won two parliamentary seats in the 1984 elections. Vajpayee functioned as BJP President and Leader of the Opposition in the Parliament. Known for his liberal views, Vajpayee bemoaned the demolition of the Babri Mosque on 6 December, 1992 and declared it as the BJP’s “worst miscalculation”.

As Prime Minister of India

By 1984 elections, the BJP had established itself as an important political party in Indian politics. Vajpayee was sworn in as the 10th Prime Minister of India following the 1996 General Elections, where the BJP emerged as the single largest party in the Lok Sabha. However, the government collapsed after only 13 days after his government could not gather support from other parties to obtain a majority. He thus became the shortest serving Prime Minister in India.

The BJP-led coalition government came back to power as the National Democratic Alliance (NDA) in 1998. Vajpayee was again sworn in as the Prime Minister.

Vajpayee’s second term as PM is known for Nuclear tests conducted at Pokhran desert in Rajasthan, in May 1998. Vajpayee also pushed for peace process with Pakistan. He inaugurated the historic Delhi-Lahore bus service in February 1999. He also pitched for resolving the Kashmir dispute and other conflicts with Pakistan.

But Pakistan ditched India by launching Kargil War, wherein Pakistani soldiers infiltrated into the Kashmir Valley and captured border hilltops around the town of Kargil.

Indian army units, under Operation Vijay, fought Pakistani intruders braving heavy artillery shelling amidst extremely cold weather, and treacherous hilly terrain, and ultimately emerged victorious. However, Vajpayee’s government lasted 13 months when the All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam (AIADMK) withdrew its support to the government in mid-1999.

In the following election, however, the NDA came back with full majority and Vajpayee was able to complete five years (1999-2004) in office as a non-Congress PM for the first time. Atal Bihari Vajpayee took oath as Prime Minister of India for the third time on 13 October 1999.

However, his third term also saw India yielding to terrorists when in December 1999, Indian Airlines flight IC 814 from Kathmandu to New Delhi was hijacked and taken to Kandahar, Afghanistan. The government had to release dread terrorists including Maulana Masood Azhar from prison to secure the freedom of passengers. On the brighter side, the Vajpayee government introduced many economic and infrastructural reforms, including encouraging the private sector and foreign investments. It also undertook National Highway Development Projects and Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana. Vajpayee adopted pro-business, free-market reforms approach to boost India’s economic development.

In March 2000, Vajpayee signed the Historic Vision Document during the visit of the then US President Bill Clinton. The Declaration incorporated several strategic issues, apart from pitching for expansion in trade and economic ties between the two countries.

Atal Bihari Vajpayee again tried for peace with Pakistan during the Agra summit with the then Pakistan President Pervez Musharraf, but the talks failed to achieve any breakthrough as Musharraf declined to leave aside the Kashmir issue.

The Atal Bihari Vajpayee regime also witnessed an attack on Indian Parliament on 13 December 2001, when Pakistan-supported terrorists stormed the Parliament building in Delhi. They were ultimately foiled in their attempts by the Indian security forces.

Vajpayee as PM was pained when communal riots broke out in Gujarat in 2002 after the Godhra train tragedy.

Retirement

The 2004 General Election brought about the downfall of the NDA, which lost almost half its seats and the Congress-led United Progressive Alliance (UPA) assumed the reins of power. Vajpayee refused to take up the position of the Leader of the Opposition paving the way for Lal Krishna Advani’s leadership of BJP. He now lives in retirement and seclusion owing to ill health.

Awards

  • Prime Minister Narendra Modi and Foreign Minister Sushma Swaraj (far right) hand over the Liberation War award to Vajpayee’s family members.
  • Padma Vibhushan in 1992
  • D. Lit. from Kanpur University in 1993
  • Lokmanya Tilak Award in 1994
  • Best Parliamentarian Award in 1994
  • Bharat Ratna Pandit Govind Vallabh Pant Award in 1994
  • Bharat Ratna in 2015
  • Liberation War award (Bangladesh Muktijuddho Sanmanona) in 2015

Facts and Information about Atal Bihari Vajpayee

Born 25 December 1924 (age 93) at Gwalior (Madhya Pradesh)
Parents Krishna Devi, Krishna Bihari Vajpayee
Education Victoria College (Now Laxmibai College), Gwalior ; DAV College, Kanpur .
Marriage Unmarried but has an adopted daughter, Namita
Recognition Known for his liberal social, cultural and political views
Awards Padma Vibhushan (1992), Honorary Doctorate of Philosophy from the Kanpur University (1993) and Bharat Ratna (2014)
Other than Politics An acclaimed poet, journalist and a brilliant orator
Political career Started as a freedom fighter; took part in Quit India Movement in 1942. Met Bharatiya Jana Sangh (BJS) leader Syama Prasad Mookerjee, took over BJS leadership after Mookerjee’s deathFounded the Bharatiya Janata Party (the BJP), along with his colleagues such as Lal Krishna Advani and Bhairon Singh Shekhawat in 1980. Served as the president of this party, during the first five years.

Served as a Member of Parliament for 50 years. Was elected 10 times to Lok Sabha beginning with 1957, represented six different constituencies.

As Prime Minister Elected as the Prime Minister of India thrice: 1996 – Vajpayee became Prime Minister for the first time but had to resign in just 13 days after the BJP failed to get the support of other parties.1998 – Headed the National Democratic Party (NDA) government as the Prime Minister for the second time but could rule only for 13 months when the All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam (AIADMK) withdrew its support.

1999 – Completed his full five-year term, becoming the longest serving non-Congress Prime Minister at the Centre (13 October 1999- 19 May 2004).

Vajpayee retired from politics in 2005.

Legacy – In May 1998, the Vajpayee government conducted five underground nuclear tests in Pokhran, Rajasthan.– Strongly pitching for India-Pakistan friendship, he inaugurated a bus service from Delhi to Lahore in Pakistan in 1999.

– His government set out on a number of economic reforms and encouraged foreign investment and privatisation.

– Asked the then Gujarat CM Narendra Modi to abide by his ‘Rajdharma’ after the Gujarat communal riots.

Aman Kumar awarded for his outstanding performance in Under 19 Cricket

72nd Independence Day Celebration at Panchkula (Haryana) organised by Panchkula Distt.Administration & Haryana Govt.

Aman Kumar S/o Amarjit Kumar, Student of 12th Class of Satluj Public School being Felicitation With Cash Award & Certificate by Sh.Manish Kumar Grover, Hon’ble Minister of State for Cooperation ,Govt.of Haryana for his Haryana Under-19 School Cricket team got third position (Bronze Medal) in 62nd National School Games,2016 organised by School Games Federation of India & Ministry of Sports & Ministry of HRD , Govt.of India.

Chandigarh, August 15, 2018: Independence Day Celebrations at Chandigarh through pics

Chandigarh, August 15, 2018: Independence Day Celebrations at Chandigarh through pics

 

 

 

 

Photo by Rakesh Shah 1/3

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लाल किले के प्राचीर से प्रधान मंत्री का राष्ट्र को सम्बोधन

 

देश बुधवार को 72वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर पांचवीं बार तिरंगा फहराया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमने फैसले लेने का साहस किया. भारत दुनिया छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना. संकल्प के साथ ही सपने पूरे होंगे. अगले साल जलियांवाला बाग हत्याकांड को 100 साल पूरे हो जाएंगे. मैं उन सभी को नमन करता हूं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी. इससे पहले वे राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि दी.

मोदी स्पीच अपडेट…

– 82 मिनट के भाषण से प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित किया.

– मैं बेसब्र हूं क्योंकि कई देश हमसे आगे निकल चुके हैं, मैं बेसब्र हूं उन देशों से अपने देश को आगे ले जाने के लिए

– जम्मू कश्मीर के लोग स्थानीय निकाय के चुनाव की मांग कर रहे थे, मुझे खुशी है कि आने वाले कुछ महीनों में उन्हें अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा. यहां के चुने हुए पंचायत विकास को नई रफ्तार देंगे. जल्द यहां पंचायत के चुनाव हों, उसकी दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं.

– हम गोली और गाली से नहीं, हम कश्मीरियों को गले लगाकर आगे बढ़ना चाहते हैं.

– माओवाद आए दिन हिंसा की वारदात को अंजाम देता है, लेकिन विकास की नई-नई योजनाओं की वजह से माओवाद 126 जिलों से कम होकर 90 जिलों तक सिमट गया है.

– आज मुझे खुशी है कि सुरक्षाबलों के प्रयास, राज्य और केंद्र सरकार के प्रयास की वजह से त्रिपुरा और मेघालय पूरी तरह से अफ्पसा से मुक्त हो गए हैं.

– मुस्लिम बहनों को विश्वास दिलाना चाहता हूं, तीन तलाक की कुरीती ने महिलाओं को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा है. संसद में अभी भी कुछ लोग हैं जो इस विधेयक को पास नहीं होने देना चाहता हूं, लेकिन मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपकी आशा अकांक्षाओं को पूरा करने की पूरी कोशिश करुंगा और इसमे कोई कमी नहीं छोड़ुुंगा.

– भारतीय सशस्त्र सेना में एसएससी के माध्यम से महिलाओं को पुरुष की तरह पारदर्शी व्यवस्था का ऐलान करता हूं. देश की महिलाएं नए व शक्तिशाली भारत के निर्माण में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं.

– हमारे लिए गर्व का दिन है, भारत की सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला न्यायाधीश हैं. आजादी के बाद यह पहली कैबिनेट है, जिसमे सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला जज हैं.

– आज पर्यावरण की मंजूरी भ्रष्टाचार का पहाड़ पार करने जैसा है, लेकिन हमने इसे ऑनलाइन कर दिया है. हमने भाई भतीजावाद को खत्म कर दिया है. रिश्वत लेने वालों पर कार्रवाई बहुत कठोर हो रही है. 3 लाख संदिग्ध कंपनियों पर ताला लगा दिया गया है.

– 2013 के बाद यह संख्या पौने सात करोड़ हो गई है. ये ईमानदारी का जीता जागता उदाहरण है। देश ईमानदारी की ओर चल पड़ा है. इनडायरेक्ट टैक्स, 70 साल में सिर्फ 70 लाख का आंकड़ा पहुंचा था, लेकिन जीएसटी आने के बाद पिछले एक वर्ष में यह 70 लाख का आंकड़ा 1.16 करोड़ पहुंच गया है.

– आज देश ईमानदारी का उत्सव लेकर आगे बढ़ रहा है. देश में 2013 तक डायरेक्ट टैक्स देने वालों की संख्या 4 करोड़ थी. ये पिछले 70 साल की गतिविधि का परिणाम था.

– मैं देश के ईमानदार करदाताओं से कहता हूं कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, आपके कर से ये योजनाएं चलती है, जब आप खाना खाने बैठते हैं तो आपके कर देने की ईमानदार प्रक्रिया का परिणाम है, आपके खाना खाने के समय में 3 गरीबों का पेट भरता है.

– बिचौलिए राशन को बाजार से खरीदकर उसकी ब्लैकमेलिंग करते थे, जबकि सरकार बाजार से 20-25 रुपए किलो गेंहू, चावल खरीदकर उसे गरीबों में 2-3 रुपए में बेचती है. लेकिन यहां अनाज को दुकानो को बेच दिया जाता था, लेकिन हमने इसे रोका है.

– आप जानकर हैरान होंगे, जबसे हम सफाई अभियान में लगे हैं, भ्रष्टाचार को रोकने में लगे हैं, 6 करोड़ ऐसे लाभार्थी जोकि राशन कार्ड, पेंशन, एलपीजी के लाभार्थी थे वह ऐसे थे जो कभी पैदा ही नहीं हुए, उनके नाम से पैसे जा रहे थे. यह कितना कठिन काम था, इस सरकार ने इसे रोका है। भ्रष्टाचार और कालाधन को रोकने की दिशा में हमने कदम उठाए हैं. इसका परिणाम यह है कि 90 हजार करोड़ रुपए जो गलत तरीके से गलत लोगों के हाथ में चले जाते थे, वह अब देश के सामान्य नागरिकों के काम आ रहा है.

– 25 सितंबर को पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जन्मदिन पर यह प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान लॉच कर दिया जाएगा.

– आयुष्मान भारत के तहत इस देश के 10 करोड़ परिवार शामिल हैं. 10 करोड़ परिवार यानि करीब-करीब 50 करोड़ परिवार, हर परिवार को 5 लाख रुपए देने की योजना है, इसे हम देने वाले हैं.

– WHO की रिपोर्ट के मुताबिक 3 लाख बच्चे स्वच्छता के कारण मरने से बचे हैं.

– बाजार से बाजार तक के अप्रोच से हम कृषि के क्षेत्र में कई रिफॉर्म ला रहें है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना हमारा लक्ष्य है.

– आज हमारे देश की 65 फीसदी आबादी 35 से कम उम्र की है, इसलिए सारे विश्व की नजर हम पर बनी हुई है.

– हम कड़े फैसले लेने का सामर्थ्य रखते हैं, क्योंकि देशहित हमारे लिए सर्वोपरि है. जब हौसले बुलंद होते हैं, देश के लिए कुछ करने का इरादा होता है तो बेनामी संपत्ति का कानून भी लागू होता है.

– भारत की अर्थव्‍यवस्‍था बहुत तेजी से विकास कर रही है. पूर्वोत्‍तर भारत भी देश के विकास के साथ जुड़ रहा है. चार साल में नार्थ ईस्‍ट को भारत के साथ लाकर खड़ा कर दिया है.

– भारत की पहचान अब रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के तौर पर है. हमने रिकॉर्ड आ​र्थिक ग्रोथ दर्ज की.

– देश के जवान के लिए कई सालों से पेंडिग वन रैंक वन पेंशन को हमने लागू किया.

– आज भारत की बात हर जगह सुनी जाती है. पूरा विश्व कहता है कि सोया हुआ हाथी जाग गया है.

– पहले विश्व के अन्य देश हमारे साथ जुड़ने से हिचकिचाते थे, कहते थे, भारत की अर्थव्यवस्था में रिस्क है लेकिन आज वही देश हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं और उन्हें भारत में अवसर नजर आते हैं.

– आज लाल किले की प्राचीर से मैं देशवासियों को खुशखबरी सुनाना चाहता हूं. हमने सपना देखा है कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर या उससे पहले मां भारत की कोई संतान, चाहे बेटा हो या बेटी, वह अंतरिक्ष में जाएगा. हाथ में तिरंगा लेकर जाएगा. भारत के वैज्ञानिकों ने मंगलयान से लेकर अब तक ताकत का जो परिचय कराया है. जब हमारा यान हिंदुस्तानी लेकर जाएगा, तब अंतरिक्ष में मानव को पहुंचाने वाले विश्व के चौथे देश बन जाएंगे.

– आज भारत की हर चीज पर पूरा विश्व नजर रखता है। 2014 के बाद ये स्थिति बदली है.

– देश के छोटे व्यापारियों की वजह से, उनके दिमाग के खुलेपन की वजह से देश में जीएसटी लागू हुआ है.

– देश में आग छोटे शहरों में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहा है.

– 2014 से अबतक मैं अनुभव कर रहा हूं कि सवा सौ करोड़ देशवासी सिर्फ सरकार बनाकर रुके नहीं, वो देश बनाने में भी जुटे हुए हैं.

– देश आज रेकॉर्ड अनाज पैदा कर रहा है तो देश आज मोबाइल फैक्ट्री बनाने का काम भी कर रहा है. बाबा सहाब के बनाए गए संविधान में सबके लिए न्याय की बात की गई है. हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि सभी को न्याय मिले और एक ऐसे भारत का निर्माण हो जिसमें तेजी से विकास हो.

– अगर शौचालय बनाने में 2013 की रफ्तार से चलते तो शायद तो कितने दशक बीत जाते. अगर हम गांव में बिजली पहुंचाने की बात करें, तो 2013 के आधार के आधार पर सोचें, तो एक दो दशक और लग जाते. 2013 को सोचें तो एलपीजी कनेक्शन… अगर 2013 की रफ्तार से ऑप्टिकल फाइबर लगाने का काम करते तो गांवों में पहुंचाने में पीढ़ियां निकल जातीं.

– आजादी का ये पर्व हम तब मना रहे हैं, जब उत्तराखंड, मणिपुर, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश हमारी की बेटियों ने सात समुंदर पार किया और देश वापस लौट आईं. हमारे दूरसुदूर जंगलों में रहने वाले बच्चों ने एवरेस्ट पर झंडा फहराकर तिरंगे की शान बढ़ा दी.

– पीएम मोदी ने पढ़ी सुब्रमण्यम भारती की कविता

– अगले साल जलियांवाला बाग हत्याकांड को 100 साल पूरे हो जाएंगे. मैं उन सभी को नमन करता हूं जिन्होंने अपने प्राणों की आहूती दी.

– भारत विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना. हमने ओबीसी को संवैधानिक दर्जा दिया.

– मोदी ने इससे पहले चार बार के अपने भाषण में किसी न किसी बड़ी योजना का ऐलान किया.