धीरेद्र कृष्ण शास्त्री पर उदयपुर पुलिस ने दर्ज किया भावनाएं भड़काने का केस

उदयपुर में नवसंवत्सर और चेटीचंड के मौके पर गांधी ग्राउंड में धर्मसभा का आयोजन हुआ। धर्मसभा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। इससे पहले शहरभर में शोभायात्रा निकाली गई थी। इसके बाद धर्मसभा शुरू हुई। धर्मसभा में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, उत्तम स्वामी और देशभर में चर्चित बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने संबोधित किया था।

बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री पर उदयपुर में केस दर्ज, भड़काऊ भाषण  देने का आरोप। – Hint

दिनेश पाठक, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, जयपुर – 24 मार्च :

उदयपुर पुलिस ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर केस दर्ज किया है। एक दिन पहले हुई धर्मसभा में उनके एक बयान को लेकर पुलिस ने यह एक्शन लिया है। धर्मसभा में उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा था कि राजसमंद जिले के कुम्भलगढ़ किले में जो 100 हरे झंडे लगे हैं, वहां भगवा झंडा लगवाओ।

पुलिस ने इसे धार्मिक हिंसा भड़काने वाला माना है। उनके इस बयान पर संज्ञान लेते हुए शहर के हाथीपोल थाने में मामला दर्ज किया गया। उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि उनका बयान भड़काऊ और विवादित है।

एडिशनल एसपी चन्द्रशील ठाकुर ने बताया- पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने समुदायों के बीच विवाद बढ़ाने वाले भड़काऊ शब्दों का प्रयोग किया। इसी बयान के बाद गुरुवार रात कुछ युवाओं ने कुम्भलगढ़ किले पर उत्पात मचाने की कोशिश भी की। इनमें से 5 युवाओं को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के खिलाफ केलवाड़ा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

धीरेंद्र शास़्त्री ने उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर कहा- क्षमा कीजिएगा, एक कन्हैया धोखे से चला गया। अब घर-घर कन्हैया बैठा है।
धीरेंद्र शास़्त्री ने उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर कहा- क्षमा कीजिएगा, एक कन्हैया धोखे से चला गया। अब घर-घर कन्हैया बैठा है।

बता दें कि उदयपुर शहर के गांधी ग्राउंड में गुरुवार को एक धर्मसभा की गई थी। इसमें पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ कथा मर्मज्ञ पंडित देवकीनंदन ठाकुर और बांसवाड़ा के संत उत्तम स्वामी सहित कई संत-महात्मा मंच पर मौजूद थे।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कुम्भलगढ़ किले में भगवा झंडा लगवाने का मंच से तीन बार जिक्र किया। कहा, ‘डरते तो हम किसी के बाप से नहीं हैं। डरते तो वो हैं, जो बुजदिल होते हैं। हम तो वो हैं, जो कुम्भलगढ़ किले में भी भगवा झंडा लगवाकर मानेंगे। युवाओं की भीड़ को आह्वान करते हुए शास्त्री बोले- तुम चाहते हो कि वहां भगवा झंडा गड़े। क्या ये बात सही है, अगर सही है तो चुप क्यों बैठे हो।’

वरिष्ठ इतिहासकार प्रो. जीएल मेनारिया ने बताया कि महाराणा कुम्भा ने कुम्भलगढ़ दुर्ग बनवाया। इसी दुर्ग में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ। सैकड़ों साल से इस दुर्ग की तलहटी में एक विशेष धर्म के 25 से 30 परिवार रहते हैं। ये परिवार हरे रंग का धार्मिक झंडा लगाते हैं। इस जगह पर अब तक कोई सांप्रदायिक घटना नहीं हुई है।

पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘मेवाड़ में रहने वाले सनातनियों को जातियों में बंट कर नहीं, बल्कि एक होकर हिंदुत्व के लिए लड़ना चाहिए। अगर भारत में रहना होगा तो सीता-राम कहना होगा। उदयपुर में धोखे से एक कन्हैया चला गया, लेकिन अब तो घर-घर में कन्हैया है। अब हिंदुओं पर अत्याचार नहीं सहा जाएगा। हिंदू को जागना होगा। देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेना चाहिए। मेवाड़ तो महाराणा प्रताप, मीराबाई और हाड़ी रानी जैसी वीरांगनाओं की धरती है। कुम्भलगढ़ में भी भगवा फहराना है।’

उन्होंने धर्मसभा में आए लोगों को शपथ दिलाई कि राम-श्रीकृष्ण का विरोध करने वालों को जवाब देंगे, संतों की रक्षा करेंगे और जब तक भारत हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं होता, चैन से नहीं बैठेंगे। सभा में मौजूद मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘ये आए तो लगा कि प्रताप की खुशबू आई है। ये वो मेवाड़ है, जहां का घोड़ा चेतक भी वीर था और हाथी रामप्रसाद भी। मैं यहां भाषणबाजी या राजनीति करने नहीं आया हूं। केवल सनातन के लिए काम करता हूं और इसके लिए अपने प्राण भी न्यौछावर करूंगा।’

उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने कहा- धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि पं. धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। यह धारा धर्म, जाति, भाषा या निवास आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भावना बिगाड़ने के मामले में लगाई जाती है। इसमें 3 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

शहीदी दिवस पर वाटर कूलर किया जनता को समर्पित

  सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 23 मार्च :

शहीदी दिवस के मौके पर स्वतंत्रता संग्राम की अलख जगाने वाले तथा 1857 में अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह करने वाले स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद मंगल पांडे की वंशज शिक्षाविद कविता त्यागी द्वारा भगवान परशुराम समुदायिक केंद्र में लगाए गए वाटर कूलर को जनता को समर्पित किया गया।

इस मौके पर उनके साथ किरण त्यागी, प्रियंका त्यागी, पूजा त्यागी, सुधा, अरुण त्यागी, अजय त्यागी, नरेश बाबा जी, विक्रम त्यागी बिट्टू, संजीव चौहान तथा वीरेंद्र त्यागी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

इस मौके पर कविता त्यागी ने कहा कि अमर शहीद मंगल पांडे की शहादत को सदा ही याद रखा जाएगा और वह सदा ही युवाओं के प्रेरणा स्रोत रहेंगे। इस मौके पर उन्होंने शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु को याद करते हुए कहा कि ऐसे ही शहीदों की शहादत की बदौलत आज हम आजाद देश की हवा में सांस ले रहे हैं।

उनका कहना था कि गर्मी के इस मौसम को देखते हुए जबकि हर किसी को शीतल जल की आवश्यकता होती है, ऐसे में भगवान परशुराम समुदायिक केंद्र में लगा यह वाटर कूलर आम जनमानस की प्यास बुझाने का काम करेगा जो कि एक पुण्य का कार्य है। उन्होंने इस मौके पर युवाओं से आह्वान किया कि वे अमर शहीदों द्वारा बताए गए रास्ते पर चलते हुए देश को उन्नति की राह पर अग्रसर करने का प्रयास करें और देश से भ्रष्टाचार को समाप्त करें।

केजरीवाल, कहा ‘MP में बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा सब कर दूंगा मुफ्त’

गुजरात के पश्चात,मध्य प्रदेश में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी की मध्य प्रदेश में एंट्री हो चुकी है। ट्रेलर मिल चुका है.. हमारी पार्टी की रानी अग्रवाल सिंगरौली मेयर बन चुकी हैं। आने वाले विधानसभा चुनावों में पूरी फिल्म दिखाई जाएगी। उन्होने कहा कि ‘आज मध्य प्रदेश का एक एक नागरिक मामा को हटाना चाहती है। पिछली बार भी हटा दिया था लेकिन यहां किसी को भी वोट दो सरकार तो बीजेपी की ही बनेगी। बीजेपी ने पूरी व्यवस्था, संविधान और लोकतंत्र को बाजार बना दिया है जहां खुलेआम एमएलए खरीदे बेचे जाते हैं। एक मौका दिल्लीवालों ने मुझे दिया मुझे और फिर दिल खोलकर लोगों ने आम आदमी पार्टी को सीटें दी। फिर पंजाब वालो ने मौका दिया। मध्यप्रदेश वालों एक मौका दो हमें..हम हालात बदल देंगे। इस बार चलेगी झाड़ू..अब इनका खेल खत्म। अब आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश में आ गई है..जो जो इस बार मामा को हटाना चाहते हैं वो झाड़ू का बटन दबा देना। अब आम आदमी पार्टी के रूप में आपको विकल्प मिल गया है।’

arvind kejriwal aap leaders left party joined bjp gandhinagar gujarat amh |  अरविंद केजरीवाल के गुजरात छोड़ते ही भागने लगे 'आप' नेता, थामा भाजपा का दामन
  • देश का प्रधानमंत्री पढ़ा-लिखा होना जरूरी है, नहीं तो कोई भी उन्हें बेवकूफ बना देगा
  • दिल्लीवालों ने मुझे दिया मुझे और आम आदमी पार्टी को सीटें दी
  • मध्य प्रदेश का एक एक नागरिक मामा को हटाना चाहती है
  • बीजेपी ने लोकतंत्र को बाजार बना दिया है जहां खुलेआम एमएलए खरीदे बेचे जाते हैं
  • जो इस बार मामा को हटाना चाहते हैं वो झाड़ू का बटन दबा देना

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/भोपाल – 14 मार्च :

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी अभियान का शंखनाद कर दिया है। भोपाल के भेल दशहरा मैदान में ‘एक मौका केजरीवाल को’ के नाम से कार्यकर्ता रैली जरिए विधानसभा चुनाव के लिए अपनी हुंकार भर दी। सभा को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी समस्या है कि यहां सरकार ख़रीदी और बेची जाती है। प्रदेश का हर नागरिक आज बेबस महसूस कर रहा है। चुनाव खत्म होने के बाद एक पार्टी एमएलए बेचने निकल जाती है कि 10% पर एमएलए ले लो और दूसरी पार्टी ख़रीद लेती है। इन्होंने लोकतंत्र की पूरी व्यवस्था और संविधान को बाज़ार बना दिया जहां पर खुले आम विधायक खरीदे और बेचे जाते है।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली-पंजाब में हमारी सरकार ने बिजली, इलाज और स्कूल में शिक्षा मुफ्त कर दी है। मध्यप्रदेश में भी एक मौका दीजिए, यहां भी सब मुफ्त कर देंगे। उन्होंने कहा- काम न करूं, तो दोबारा वोट मांगने नहीं आऊंगा। देश का प्रधानमंत्री पढ़ा-लिखा होना जरूरी है, नहीं तो कोई भी उन्हें बेवकूफ बना देगा। सभा को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी संबोधित किया। केजरीवाल ने स्टेट हैंगर पर मीडिया के एक सवाल पर कहा कि आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

सीएम केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि अब मध्य प्रदेश में बेचने और खरीदने का काम खत्म क्योंकि अब प्रदेश में आम आदमी पार्टी आ रही है। कांग्रेस के विधायकों को BJP खरीदती है। संविधान को कांग्रेस और बीजेपी ने मजाक बना दिया है। पूरा मध्य प्रदेश बदलाव चाहता है लेकिन व्यवस्था और मजबूरी थी। जनता के पास दूसरा विकल्प ही नहीं था। अब मध्य प्रदेश की जनता के पास विकल्प है। अब मध्यप्रदेश को भी बदलेंगे जैसे दिल्ली को ठीक किया, पंजाब को ठीक किया, अब मध्यप्रदेश को ठीक करेंगे। मध्य प्रदेश का एक एक वोटर बेबस हो गया एक एक वासी बेबस हो गया। मगर अब नहीं होगा, इस बार झाड़ू चलेगी।

सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में क्रांति आ रही है, पंजाब में क्रांति आ रही है। एमपी में भी एक मौका दो। दिल्ली के अंदर में गली-गली मोहल्ला क्लिनिक और मुफ्त इलाज किया जा रहा है। पंजाब में भगवंत मान ने मेरा रिकॉर्ड तोड़ दिया। सबका इलाज मुफ्त कर देंगे। पंजाब में एमएसपी की शुरुआत की गई है। 5 साल में 12 लाख सरकारी नौकरियां देने की बात कही है। रोजगार नहीं दे सकते तो डंडो क्यों बरसाते हो? दिल्ली और पंजाब में करके दिखाया। एमपी के युवाओं से अपील है मुझे एक मौका दो। पंजाब में 25 हजार कच्चे कर्मचारी पक्के हुए।  

हम काम की राजनिति करते हैं। केजरीवाल के काम के आगे इनकी राजनीति नहीं चलेगी। 2027 में गुजरात में हमारी सरकारी बनेगी। देश में सरकारी अस्पताल की दुर्द्शा हो चुकी है। देश के प्रधानमंत्री पढ़े लिखे होने चाहिए। अगर पीएम पढ़े लिखे होते तो उन्हें पता होता कि देश के लिए शिक्षा कितनी जरुरी है।

केजरीवाल ने कहा– प्रधानमंत्री जी ने मनीष सिसोदिया को जेल भेज दिया। उस दिन मुझे लगा कि देश का प्रधानमंत्री पढ़ा-लिखा तो होना चाहिए। अगर पीएम पढ़े लिखे होते, तो उन्हें शिक्षा का महत्व पता होता। अगर पीएम देश भक्त होते, तो वो ये नहीं सोचते कि मनीष किस पार्टी का है।

कम पढ़े-लिखे पीएम ने नोटबंदी कर दी, लेकिन भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ। नोटबंदी से पूरा देश चौपट हो गया। लाइनों में लोग मर गए। फिर भी न आतंकवाद खत्म हुआ और न भ्रष्टाचार। पीएम ने कहा- थाली बजवाओ, तरंगों से कोरोना भाग जाएगा। इसीलिए मैं कह रहा हूं- देश का पीएम पढ़ा-लिखा होना जरूरी है।

MP का हर आदमी ‘मामा’ को हटाना चाहता है

दिल्ली के सीएम ने कहा- कुछ दिन पहले मप्र के कुछ लोग मुझसे मिलने आए। मैंने पूछा- मप्र की सबसे बड़ी समस्या क्या है? मंहगाई, बेरोजगारी या भ्रष्टाचार? एक ने कहा- हमारे यहां सरकारें खरीदी और बेची जाती हैं। आज प्रदेश का हर नागरिक बेबस है। चुनाव खत्म होने के बाद एक पार्टी अपनी रेहड़ी लेकर निकलती है- एमएलए ले लो.. 10 पर एक डिस्काउंट मिलेगा। इन लोगों ने लोकतंत्र और संविधान को बाजार बना दिया। एमपी का हर नागरिक मामा (मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान) को हटाना चाहता है। पिछली बार हटा दिया था, लेकिन इसको वोट दो या उसको। सरकार तो भाजपा की ही बनेगी।

अब आम आदमी पार्टी मप्र के अंदर आ गई है। पूरा प्रदेश बदलाव चाहता है। अब आपको ईमानदार पार्टी का विकल्प मिल गया है। जैसे- दिल्ली को बदला, वैसे ही मप्र को बदलेंगे। ट्रेलर मिल गया। सिंगरौली में रानी अग्रवाल मेयर बन गईं। विधानसभा चुनाव में पूरी फिल्म दिखाएंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री बोले– आजादी के बाद आज तक 45 साल कांग्रेस ने राज किया। 20 साल बीजेपी ने राज किया। आपने मौका देने में कसर नहीं छोड़ी। कुछ करना होता तो कर देते, लेकिन इन्होंने बारी-बारी से लूटा। इस बार एक मौका आम आदमी पार्टी को देकर देख लो। अगर काम न करूं, तो दूसरी बार वोट मांगने नहीं आऊंगा। दिल्ली में बिजली मुफ्त कर दी। मप्र मौका दे, तो यहां भी बिजली मुफ्त कर देंगे। आपके बच्चों का भविष्य बना दूंगा। सबका इलाज मुफ्त कर दूंगा। नौकरी का इंतजाम कर दूंगा। हमें नौकरी देना आता है। पंजाब में जितने कच्चे कर्मचारी थे, सबको पक्का कर दिया। एमपी में भी कर्मचारियों को पक्का करेंगे।

केजरीवाल ने कहा– एमपी में व्यापमं घोटाला आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला होगा। 45 लोग मर गए। पीएम ने किसी को जेल नहीं भेजा, क्योंकि सभी अपने थे। यहां महिला बाल विकास विभाग में 107 करोड़ का घोटाला हो गया। कटनी में 2200 करोड़ का हवाला कांड हुआ।

पुरानी फिल्मों में एक गुंडा होता था। एक ईमानदार इंस्पेक्टर को कब्जे में करने की कोशिश करता था। फिर गुंडा बुलाकर बंदूक और पैसे दिखाता था। बीजेपी भी वही कर रही है। बीजेपी कहती है- खूब भ्रष्टाचार करो, लेकिन बीजेपी में आकर। वे कहते हैं कि बीजेपी में आ जाओ या जेल जाओ। मप्र में ‘आप’ की सरकार जरूर बनेगी, लेकिन मेहनत करनी पड़ेगी। एक-एक घर में जाकर समझाना पड़ेगा। जनता को साथ लेना पड़ेगा। हमारे पास पैसा भले न हो।

केजरीवाल ने कहा– इन्होंने मुझे रोकने के लिए षड्यंत्र की राजनीति की। हम दिल्ली से पंजाब पहुंच गए। शेर की मांद गुजरात में 14 % वोट ले लिए। उन्होंने दावा कि 2027 में गुजरात में सरकार बनेगी। इन्होंने मेरे ऊपर खूब कीचड़ फेंका, लेकिन जनता कह रही है कि अच्छे स्कूल, कॉलेज अस्पताल भ्रष्टाचारी बनाता है क्या? फिर इन्होंने मेरे दो सबसे अच्छे मंत्री गिरफ्तार करवा दिए। सत्येन्द्र जैन ने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक बनाए। मनीष सिसोदिया ने अच्छे स्कूल बनाए। दिल्ली-पंजाब को छोड़ दो, तो पूरे देश में सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा हो रही है। 18 करोड़ बच्चों का भविष्य खतरे में हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी सभा को संबोधित किया। पीएम मोदी की ओर इशारा करते हुए मान ने कहा कि ‘बड़े साहब’ कहते हैं कि में रेल के डिब्बों में चाय बेचता था। अब ‘बड़े साहब’ ने रेल ही बेच दी। ‘बड़े साहब’ ने रेल से लेकर तेल तक, सब बेच दिया। केंद्र सरकार ‘हम दो हमारे दो’ के नारे पर चल रही है। ऊपर वाले दो यानी अडाणी और अंबानी। मान ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस चेंज नहीं, एक्सचेंज हो गई है। कांग्रेस सेल पर है।

मान ने कहा कि नीयत साफ हो, तो सब कुछ हो सकता है। पंजाब में आप ने ये कर दिखाया है। हम सच्ची नीयत से काम करने वाले लोग हैं। हम किसी पार्टी को छोड़ने या निकाले जाने वाले लोग नहीं हैं। मान ने कहा कि हम जनता से पूछकर पॉलिसी बनाते हैं। ‘सरकार आपके द्वार’ का काम हमारी सरकार करती है। विश्वस्तरीय शिक्षा पर सबका अधिकार है, लेकिन इनके यहां फर्क होता है। अमीर गरीब में.. किताबों तक फर्क करते हैं। काम करने वालों को भाजपा सरकार जेल में डलवा देती है।

आम आदमी पार्टी ने पिछले साल हुए नगरीय निकाय के चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे। सिंगरौली नगर निगम में आम आदमी पार्टी ने रानी अग्रवाल को मेयर बनाने में कामयाबी हासिल की। सिंगरौली के अलावा पार्टी के प्रदेश भर में 52 पार्षद जीते थे। नगरीय निकाय के चुनाव में AAP को 6.3% वोट मिले थे। पंचायत चुनाव में 10 जिला पंचायत सदस्य, 27 जनपद पंचायत सदस्य और 118 सरपंच चुनाव जीते थे।

भोपाल गैस पीड़ितों को अतिरिक्त ₹7800 करोड़ मुआवजा नहीं मिलेगा

केंद्र सरकार ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अधिक मुआवजा दिलाने के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी फर्मों से अतिरिक्त करीब 7844 करोड़ रुपये मांगने के लिए केंद्र सरकार ने याचिका दायर की थी। सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि हम पीड़ितों को अधर में नहीं छोड़ सकते। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि केस दोबारा खोलने पर पीड़ितों की मुश्किलें ही बढ़ेंगी। कोर्ट ने कहा कि ‘यह केवल भानुमती का पिटारा खोलकर यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के पक्ष में काम करेगा और दावेदारों को भी इससे कोई लाभ नहीं होगा।’

भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों को नहीं मिलेगा 7400 करोड़ का अतिरक्ति मुआवजा, सुप्रीम  कोर्ट ने खारिज की याचिका… - Pradesh Live

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 14 मार्च :

भोपाल गैस पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा दिलवाने की केंद्र सरकार की अर्ज़ी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। केंद्र ने 1989 में तय मुआवजे को नाकाफी बताया था। उसकी मांग थी कि कोर्ट यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल्स को 7844 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा चुकाने का आदेश दे। लेकिन कोर्ट ने इससे मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1989 में सरकार और कंपनी में मुआवजे पर समझौता हुआ। अब फिर मुआवजे का आदेश नहीं दे सकते हैं।

केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि 1989 में जब सुप्रीम कोर्ट ने हर्जाना तय किया था, तब 2.05 लाख पीड़ितों को ध्यान में रखा गया था। इन वर्षों में गैस पीड़ितों की संख्या ढाई गुना से अधिक बढ़कर 5.74 लाख से अधिक हो चुकी है। ऐसे में हर्जाना भी बढ़ना चाहिए। यदि सुप्रीम कोर्ट हर्जाना बढ़ने को मान जाता है तो इसका लाभ भोपाल के हजारों गैस पीड़ितों को भी मिलेगा।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने 1984 भोपाल गैस त्रासदी में पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने के लिए केंद्र की याचिका खारिज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मुआवजा काफी था। अगर सरकार को ज्यादा मुआवजा जरूरी लगता है तो खुद देना चाहिए था।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भोपाल गैस पीड़ितों के लिए यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन और उसकी सहायक फर्माें से अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की केंद्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। केंद्र ने 2010 में क्यूरेटिव पिटीशन के जरिए डाउ कैमिकल्स से 7800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की अपील की थी।

सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 1984 में 2-3 दिसंबर की रात को हुए इस हादसे में 3700 लोग मारे गए थे। केंद्र सरकार ने इस राशि की मांग यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन को खरीदने वाली फर्म ​​​​​​डाउ केमिकल्स से की थी। गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन ने पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर (715 करोड़ रुपए) का मुआवजा दिया था।

केंद्र सरकार की क्यूरेटिव पिटीशन पर 12 जनवरी 2023 को SC ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सरकार ने पक्ष रखते हुए कहा था- पीड़ितों को अधर में नहीं छोड़ सकते।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें

  • सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि केस दोबारा खोलने पर पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ेंगी।
  • सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन पर और ज्यादा मुआवजे का बोझ नहीं डाला जा सकता। पीड़ितों को नुकसान की तुलना में करीब 6 गुना ज्यादा मुआवजा दिया जा चुका है।
  • कोर्ट ने कहा कि 2004 में समाप्त हुई कार्यवाही में यह माना गया था कि मुआवजा राशि काफी है। जिसके मुताबिक दावेदारों को उचित मुआवजे से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है।
  • कोर्ट ने कहा- हम इस बात से निराश हैं कि सरकार ने त्रासदी के दो दशक तक इस पर ध्यान नहीं दिया और अब इस मुद्दे को उठाने का कोई औचित्य नहीं है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिए गए हलफनामे के मुताबिक गैस कांड पीड़ितों के लिए बीमा पॉलिसी तैयार नहीं करने के लिए भी केंद्र को फटकार लगाई और इसे घोर लापरवाही बताया।

जनवरी में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था- सुप्रीम कोर्ट ने 1989 में एक लाख से ज्यादा पीड़ितों को ध्यान में रखकर हर्जाना तय किया था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, गैस पीड़ितों की संख्या ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में हर्जाना भी बढ़ना चाहिए।

  • 2-3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात गैस त्रासदी हुई। यूनियन कार्बाइड कारखाने के 610 नंबर के टैंक में खतरनाक मिथाइल आइसोसायनाइड रसायन था। टैंक में पानी पहुंच गया। तापमान 200 डिग्री तक पहुंच गया। धमाके के साथ टैंक का सेफ्टी वॉल्व उड़ गया। उस समय 42 टन जहरीली गैस का रिसाव हुआ था।
  • उस वक्त एंडरसन यूनियन कार्बाइड का प्रमुख था। हादसे के चार दिन बाद वह अरेस्ट हुआ, लेकिन जमानत मिलने के बाद अमेरिका लौट गया। फिर कभी भारतीय कानूनों के शिकंजे में नहीं आया। उसे भगोड़ा घोषित किया गया। अमेरिका से प्रत्यर्पण के प्रयास भी हुए, लेकिन कोशिशें नाकाम रहीं। 92 साल की उम्र में एंडरसन की मौत 29 सितंबर 2014 में अमेरिका के फ्लोरिडा में हो गई थी।

ब्रम शंकर जिम्पा द्वारा मध्य प्रदेश की नागदा जल सप्लाई स्कीम का दौरा

– नागदा प्रोजैक्ट की अच्छी प्रैकटिसज़ को पंजाब में चल रहे नहरी प्रोजेक्टों में भी लागू करने की हिदायत

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : पंजाब के जल सप्लाई और सेनिटेशन मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने नदियों के पानी पर आधारित बहु गाँवों वाली जल सप्लाई स्कीम नागदा का प्रतिनिधिमंडल सहित दौरा किया। इस स्कीम के द्वारा 22 गाँवों को जल सप्लाई किया जा रहा है। इस दौरे का उद्देश्य पंजाब के मेगा प्रोजेक्टों की वित्तीय और तकनीकी स्थिरता सम्बन्धी ज्ञान हासिल करना था जिससे लम्बे समय तक पानी की गुणवत्ता से प्रभावित पंजाब के गाँवों को साफ़ और सुरक्षित पानी मुहैया करवाया जा सके।

इस दौरे के दौरान जिम्पा को बताया गया कि मध्य प्रदेश के नागदा में चंबल नदी पर बाँध बना कर पानी को इकट्ठा किया जाता है। इसके बाद वाटर ट्रीटमैट प्लांट में इसका शुद्धिकरण और कीटाणु मुक्त करने के बाद प्लांट की टैंकी के द्वारा 22 गाँवों की टैंकियों में भेजा जाता है। सम्बन्धित ग्राम पंचायतों और जल और सेनिटेशन कमेटियों की तरफ से उपभोक्ताओं से 80 रुपए प्रति महीना प्रति घर के हिसाब से महीनावार बिल वसूला जाता है। सभी 22 गाँवों के हरेक घर को इस स्कीम के द्वारा पानी सप्लाई किया जाता है।

इस प्रोजैक्ट की ख़ासियत यह है कि सभी 22 गाँवों की कमेटियों के पास पिछले एक साल के दौरान सभी खर्चे करने के बाद लगभग 8 से 10 हज़ार रुपए बचत रकम पड़ी है और सभी गाँव वित्तीय, तकनीकी और संस्थागत ढांचे की स्थिरता के साथ चल रहे हैं। जिम्पा ने इस प्रोजैक्ट के साथ ही जुड़े अलग-अलग गाँवों के पंचों-सरपंचों और अन्य लोगों से उनके तजुर्बे पूछे। जिम्पा को बताया गया कि पहले-पहल पानी के बिल इकट्ठा करने में काफ़ी मुश्किल आती थी परन्तु मध्य प्रदेश के जल निगम और कमेटियों के आपसी सहयोग और सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों के कारण अब यह समस्या ख़त्म हो गई है। अब सभी गाँव वासी सुरक्षित और साफ़ पानी की अहमीयत को समझते हुये हर महीने समय पर बिल देते हैं।

जिम्पा ने इस मौके पर पंजाब में चल रही नहरी और नदी के पानी पर आधारित बनाए जा रहे प्रोजेक्टों के बारे विस्तार में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पंजाब देश के उन अग्रणी राज्यों में शुमार है जहाँ पंजाब के सभी ग्रामीण घरों में पाईपों के द्वारा पीने वाले पानी की सप्लाई की जा रही है।

बाद में जिम्पा ने नागदा प्रोजैक्ट का दौरा करने वाले पंजाब के प्रतिनिधिमंडल को हिदायत की कि वह नागदा प्रोजैक्ट की अच्छी प्रैकटिसज़ को पंजाब में चल रहे नहरी प्रोजेक्टों में भी लागू करें। इस मौके पर उज्जैन के विधायक दलीप सिंह गुज्जर, रज़ेस दुबे, निगरान इंजीनियर होशियारपुर और जल निगम इन्दौर के जनरल मैनेजर इंजीनियर जे. पी. गनोट समेत स्थानीय गाँवों के पंच-सरपंच उपस्थित थे।

MP के कांग्रेस नेता पटेरिया बोले- मोदी की हत्या के लिए तत्पर रहो, अब FIR दर्ज होगी

मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता राजा पटेरिया ने एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की बात कही। पन्ना में हुई इस सभा में पटेरिया ने कहा कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो मोदी की हत्या को तत्पर रहो। हत्या का मतलब हराना है। इस पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पटेरिया पर FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता राजा पटेरिया ने एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की बात कही

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे और कांग्रेस नेता राजा पटेरिया ने पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या को लेकर एक विवादित बयान दे दिया। वहीं कांग्रेस नेता बयान के बाद उनके खिलाफ एफआईआर के आदेश दे दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमे कांग्रेस नेता राजा पटेरिया, पीएम मोदी की हत्या को लेकर लोगों को उकसाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

पटेरिया ने बयान पर विवाद के बाद कहा कि वे गांधी को मानने वाले हैं और गांधी को मानने वाला हत्या की बात नहीं कर सकता। VIDEO गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। पटेरिया ने ये बयान कुछ दिन पहले दिया था, इसका वीडियो अब वायरल हो रहा है।

डॉ. मिश्रा ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि उन्होंने पटेरिया का बयान सुना। इससे स्पष्ट हो रहा है कि ये महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं। इस कांग्रेस की इटली से संबद्ध मुसोलिनी वाली मानसिकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री के खिलाफ बेहद आपतिजनक बयान दिया है। वे इस मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के जिला पुलिस अधीक्षक को निर्देश दे रहे हैं।

पटेरिया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे मोदी के बारे में आपत्तिजनक और उकसावे वाले शब्द बोलते हुए सुनाई दे रहे हैं। पटेरिया वीडियो में कह रहे हैं कि संविधान बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो। वीडियो वायरल हुआ और बवाल बढ़ा तो उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि हत्या का मतलब चुनाव में हराना है। मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पटेरिया का ये बयान सामने आया है। 

देश में अब तक रबी की फसलों के बुवाई के रकबे में 15 फीसदी तक वृद्धि, गेहूं का 51.85 लाख हैक्टेयर रकबा बढ़ा 

रघुनंदन पराशर,डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 10 दिसम्बर :

            केंद्रीय कृषि व कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारतीय किसानों और कृषि की सहायता करने का हरसंभव प्रयास कर रही है। इन प्रयासों में गुणवत्तापूर्ण बीजों की आपूर्ति, इनपुट, ऋण उपलब्धता, फसल बीमा सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं। इसके परिणामस्‍वरूप इस वर्ष रबी फसलों के रकबे में बड़े पैमाने में वृद्धि हुई है।रबी फसलों की बुवाई की निगरानी से पता चलता है कि 9 दिसम्बर 2022 तक रबी फसलों की बुवाई का रकबा  457.80 से बढ़कर 526,27 लाख हैक्टेयर हो गया है। 68.47 लाख हैक्टेयर का यह अंतर वर्ष 2021-22 की इसी अवधि की तुलना में 15 फीसदी अधिक है। रकबे में वृद्धि सभी फसलों में हुई है,लेकिन सबसे ज्यादा वृद्धि गेहूं में देखने को मिली है।

            सभी रबी फसलों के रकबे में हुई 68.47 लाख हैक्टेयर की वृद्धि में से 51.85 लाख हैक्टेयर वृद्धि गेहूं के रकबे में हुई है,जो 203.91 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 255.76 लाख हैक्टेयर हो गया है।रबी सीजन में गेहूं के बाद तिलहन के रकबे में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। तिलहन की खेती का रकबा वर्ष 2021-22 के 87.65 लाख हैक्टेयर से 7.55 लाख हैक्टेयर बढ़कर इस साल 95.19 लाख हैक्टेयर हो गया है। खाद्य तेलों में आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार तिलहन पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

            तिलहन के रकबे में हुई 7.55 लाख हैक्टेयर की वृद्धि में से अकेले रेपसीड और सरसों के रकबे में 7.17 लाख हैक्टेयर की वृद्धि हुई। इसका कारण पिछले 2 वर्षों से लागू किया जा रहा विशेष सरसों मिशन है, जिसके तहत रेपसीड और सरसों का रकबा 2019-20 में 68.56 से 17 फीसदी बढ़कर 2021-22 में 80.58 लाख हैक्टेयर हो गया। रबी 2022-23 के दौरान, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन के तहत 18 राज्यों के 301 जिलों में 20 क्विंटल प्रति हैक्टेयर से अधिक उपज क्षमता वाले 26.50 लाख एचवाईवी बीज मिनीकिट किसानों को वितरित किए गए।

            दलहन का रकबा 3.30 लाख हैक्टेयर वृद्धि के साथ 123.77 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 127.07 लाख हैक्टेयर हो गया। सभी दालों के रकबे में हुई 3.30 लाख हैक्टेयर की वृद्धि में से 2.14 लाख हेक्टेयर की वृद्धि अकेले चने की फसल में हुई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत एनएफएसएम ‘टीएमयू 370’ के नाम से विशेष कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य अच्छे बीज और तकनीकी हस्तक्षेपों के अभाव के कारण दालों की राज्य औसत से कम उपज वाले जिलों की उत्पादकता बढ़ाना था। जिलों में फसल के फैलाव और उत्पादकता के आधार पर 370 जिलों पर अरहर, मसूर और उड़द (टीएमयू) की खेती के लिए केंद्रित किया गया। खरीफ के दौरान 19.99 लाख क्विंटल और रबी सीजन के दौरान 4.54 लाख क्विंटल के एचवाईवी बीज मिनीकिट किसानों को वितरित किए गए।

            मोटे सह पोषक अनाजों की खेती के रकबे में 4.34 लाख हेक्टेयर की वृद्धि देखी गई। वर्ष 2021-22 में 32.05 लाख हैक्टेयर की तुलना में इस वर्ष अब तक का कवरेज 36.39 लाख हेक्टेयर है। यह एक शुभ संकेत है, क्‍योंकि संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईओएम) घोषित करने का प्रस्‍ताव पारित किया है, जिसका पेशकश भारत द्वारा खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) को की गई थी। भारत अग्रणी रूप से आईवाईओएम को बड़े पैमाने पर मना रहा है। आईवाईओएम मनाए जाने के कारण मोटे अनाज की मांग में हुई वृद्धि को इसके अधिक उत्पादन की बदौलत पूरा किया जा सकेगा।

            ‘सरकार सभी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दे रही है और इसके लिए किसानों को तकनीकी सहायता और महत्वपूर्ण इनपुट के साथ-साथ एचवाईवी बीज मिनीकिट मुफ्त में दिए जाते हैं। उच्च उत्पादकता के साथ रकबे में हुई वृद्धि देश के खाद्यान्न उत्पादन में एक नया मील का पत्थर स्‍थापित करेगी । अधिक उत्पादन और लाभकारी कीमतों के लिए समर्थन के कारण किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

आदर्श पब्लिक स्मार्ट स्कूल में दिवाली का त्यौहार मनाया गया 

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता चंडीगढ़ :

             आदर्श पब्लिक स्मार्ट स्कूल (APS-20), सेक्टर 20B, चंडीगढ़ ने पर्यावरण के अनुकूल दीपावली उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया 

            इस अवसर पर कक्षा VI से VIII के बीच रंगोली प्रतियोगिता  का आयोजन किया, जिसमें छात्रों ने बहु-रंगों का उपयोग करके रंगोली के विभिन्न डिजाइनों को बनाया।

            कक्षा पहली से पांचवीं तक दीया, मोमबत्ती और बर्तन सजावट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

             श्रीमती सुनीता ठाकुर ने कहा कि रैली का आयोजन छात्रों और शिक्षकों द्वारा किया गया था जिसे हरे, स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त दिवाली के संदेश का पता लगाने के लिए आसपास के क्षेत्रों से पारित किया गया था।

आम आदमी पार्टी के हिन्दू धर्म विरोधी होना एक टीवी चैनल ने दिखाया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/पंचकुला :

केजरीवाल का मंत्री दिल्ली में हिंदुओं को, हिंदू देवी देवताओं को गाली दे रहा है और केजरीवाल गुजरात में जय श्री कृष्णा बोलने का ढोंग कर रहा है – कपिल मिश्रा

मुफ़्त का सामान देकर गरीब हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने वाली एजेन्सी बन गयी हैं आम आदमी पार्टी – कपिल मिश्रा

आम आदमी पार्टी के नेता/मंत्री ने 10,000( दस हज़ार) लोगों से हिन्दू धर्म और देवी देवताओं के विरोध में शपथ दिलवाई।

पीएफआई और RSS बराबर, इसपर भी लगाओ बैन : कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल

                        उर्दू अखबार ‘इंकलाब’ ने एक जुलाई 2018 को रिपोर्ट छापी थी जिसमें बताया गया था कि राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मुलाकात के दौरान कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है इस रिपोर्ट को पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा खारिज करने पर उसी अखबार में कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रमुख नदीम जावेद का इंटरव्यू छपा है, जिसमें कांग्रेस नेता ने एक तरह से यह पुष्टि की है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी बताया था। साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी 2018 में RSS के खिलाफ विवादित बयान दे चुके हैं। झाबुआ में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अभी तक जितने भी हिंदू आतंकी सामने आए हैं, सब RSS से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा था कि संघ के खिलाफ जांच की जाए और फिर कार्रवाई होनी चाहिए। आज कॉंग्रेस की सनातन धर्मी लोगों के प्रति नफरत फिर सामने आई जब केरल से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है और कहा है कि पीएफआई पर बैन लगाना कोई उपाय नहीं है।  

  • भारत सरकार ने पीएफआई को पांच साल के लिए बैन कर दिया
  • पीएफआई पर बैन को लेकर कांग्रेस सांसद ने उठाया सवाल
  • कांग्रेस सांसद सुरेश ने कहा कि आरएसएस पर भी बैन लगना चाहिए

राजविरेन्द्र वसिष्ठ, डेमोक्रेटिक फ्रंट चंडीगढ़/ नयी दिल्ली

            समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मल्लपुरम में कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल ने कहा. “हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं।  पीएफआई पर बैन कोई उपाय नहीं है। आरएसएस भी पूरे देश में हिंदू साम्प्रदायिकता फैला रहा है। आरएसएस और पीएफआई दोनों समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। केवल पीएफआई पर ही बैन क्यों?”

            गौरतलब है कि पीएफआई के अलावा, आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पावर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन’(केरल) को भी प्रतिबंधित किया गया है।

            कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी 2018 में RSS के खिलाफ विवादित बयान दे चुके हैं। झाबुआ में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अभी तक जितने भी हिंदू आतंकी सामने आए हैं, सब RSS से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा था कि संघ के खिलाफ जांच की जाए और फिर कार्रवाई होनी चाहिए।


            PFI पर बैन लगने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया है। सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा- बाय बाय PFI। वहीं असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा- मैं भारत सरकार की ओर से PFI पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत करता हूं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि भारत के खिलाफ विभाजनकारी या विघटनकारी डिजाइन से सख्ती से निपटा जाएगा।

           12 सितंबर को कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट से खाकी की एक निक्कर की तस्वीर शेयर की। इसमें लिखा- देश को नफरत से मुक्त कराने में 145 दिन बाकी हैं। हालांकि, संघ ने भी इसका तुरंत विरोध किया और संगठन के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा था कि इनके बाप-दादा ने संघ का बहुत तिरस्कार किया, लेकिन संघ रुका नहीं। 

           भारत में आजादी के बाद 3 बार बैन लग चुका है। पहली बार 1948 में गांधी जी की हत्या के बाद बैन लगा था। यह प्रतिबंध करीब 2 सालों तक लगा रहा। संघ पर दूसरा प्रतिबंध 1975 में लागू आंतरिक आपातकाल के समय लगा। आपातकाल खत्म होने के बाद बैन हटा लिया गया।

वहीं तीसरी बार RSS पर 1992 में बाबरी विध्वंस के वक्त बैन लगाया गया। यह बैन करीब 6 महीने के लिए लगाया गया था।

           RSS की स्थापना साल 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। संघ में सर संघचालक सबसे प्रमुख होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक करोड़ से ज्यादा प्रशिक्षित सदस्य हैं। संघ परिवार में 80 से ज्यादा समविचारी या आनुषांगिक संगठन हैं। दुनिया के करीब 40 देशों में संघ सक्रिय है।

           मौजूदा समय में संघ की 56 हजार 569 दैनिक शाखाएं लगती हैं. करीब 13 हजार 847 साप्ताहिक मंडली और 9 हजार मासिक शाखाएं भी हैं। संघ में सर कार्यवाह पद के लिए चुनाव होता है। संचालन की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर होती है।

वहीं PFI के खिलाफ हुई इस कार्रवाई को लेकर SDPI  ने कहा है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों को गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।  

एक तरफ जहां पीएफआई के खिलाफ इस कार्रवाई पर संगठन से सहानुभूति रखने वाला पक्ष केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा है तो दूसरी ओर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने इस कदम का स्वागत किया है।  PFI पर बैन को लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “देश गृह मंत्री अमित शाह के फैसले की सराहना कर रहा है, हम उनका धन्यवाद करते हैं और इस निर्णय का स्वागत करते हैं इसका विरोध करने वालों भारत स्वीकार नहीं करेगा और सख्त जवाब देगा।”

                पीएफआई को लेकर सांप्रदायिक हिंसा के आरोप लगते रहे हैं. ऐसे में संभावनाएं है कि बैन जैसी बड़ी कार्रवाई के बाद पीएफआई के कार्यकर्ता सामाजिक माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं जिसके चलते पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है. दिल्ली से लेकर तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों में सुरक्षा एजेंसियां चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं।  

                आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए छापेमारी की थी जिसमें संगठन के खिलाफ अहम सबूत मिले थे और विदेशी फंडिंग तक की बातें सामने आईं थीं। इसके चलते मंगलवार देर रात मोदी सरकार ने इस संगठन को बैन करने का ऐलान कर दिया जो कि संगठन के लिए एक बड़ा झटका है।