करोड़ों के शारदा घोटाले का कॉन्ग्रेसी – वामपंथी कनेक्शन – पी चिदंबरम की पत्नी समेत कई लोगों की संपत्ति जब्त

                        सारदा चिटफंड मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे लाभार्थियों की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है।

ed saradha money laundering case ed p chidambaram
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे ‘‘लाभार्थियों” की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। 

सरिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी 8दिल्ली – 03 फरवरी :

                        प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने सारदा धनशोधन मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे ‘‘लाभार्थियों” की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। 

                        संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। इन संपत्तियों पर सारदा समूह और अन्य लोगों का स्वामित्व था, जो समूह द्वारा सृजित “अपराध की आय” के लाभार्थी थे। इसने कहा कि “लाभार्थियों” में नलिनी चिदंबरम, देवव्रत सरकार (ईस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी), देबेंद्रनाथ बिस्वास (पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं पूर्व माकपा विधायक) और असम के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दत्ता के स्वामित्व में रही अनुभूति प्रिंटर एंड पब्लिकेशंस शामिल हैं। 

                        ईडी ने अपने बयान में कहा, ”शारदा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देवेन्द्रनाथ विश्वास और असम के पूर्व मंत्री अंजन दत्ता की कंपनी ‘अनुभूति प्रिंटर और पब्लिकेशन’ जैसे लाभार्थियों के 6 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है।”

ईडी ने कहा:

इस समूह की कंपनी ने कुल 2,459 करोड़ रुपए जुटाए थे, जिसमें से ब्याज को छोड़कर 1,983 करोड़ रुपए अब तक जमाकर्ताओं को लौटाए गए हैं।

                        उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को ठगने के लिए कई लुभावने अवसर दिए थे। कुछ ही महीनों में रकम दोगुनी करने का सब्ज़बाग दिखाया गया था। करीब 10 लाख लोगों से पैसे लिए गए और जब लौटाने की बारी आई तो कंपनी ताला लगा कर भाग चुकी थी।

                        शारदा ग्रुप ने कई निवेश योजनाओं को बढ़ावा देकर पैसा इकट्ठा करना शुरू किया, जिसमें पर्यटन पैकेज, फॉरवर्ड ट्रैवल, होटल बुकिंग, क्रेडिट ट्रांसफर, रियस एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और मोटरसाइकिल निर्माण से जुड़ी कई योजनाएँ शामिल थीं। साल 2009 में बाज़ार नियामक सेबी का ध्यान शारदा ग्रुप पर गया था।

भाजपा युवा मोर्चा जिला यमुनानगर ने विवेकानंद जयंती पर मैराथन दौड़ आयोजित की गई : राहुल राणा

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर  –  12 जनवरी : 

            भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश सपरा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा जिला यमुनानगर की टीम ने युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष पुनीत बिंदल  के नेतृत्व में स्वामी विवेकानंद  की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाते हुए रन फॉर यूथ मैराथन दौड़ का आयोजन यमुनानगर में किया।इस मैराथन दौड़ को भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष राहुल राणा,भाजपा जिला यमुनानगर के जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ,भाजयुमो जिला अध्यक्ष पुनित बिंदल,भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष निश्चल चौधरी,के साथ झंडी दिखाकर रवाना किया।

            इस अवसर पर यमुनानगर के सैकड़ों युवकों के साथ इस मैराथन दौड़ में भाग लिया ,भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष राहुल राणा ने युवाओं को संदेश दिया कि दौड़ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य हैं। जो तुम सोचते हो, वो बन जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे। अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।भाजयुमो जिलाध्यक्ष पुनित बिंदल व उपाध्यक्ष निश्चल चौधरी ने कहा कि ‘ साथियों, आज युवा दिवस के मौके पर हम सभी न सिर्फ उन्हें याद कर श्रद्धांजिल दें, बल्कि हम उनके दिए ज्ञान, बातों, सीखों व चरित्र के एक छोटे से हिस्से को अपने जीवन में भी उतारें यही हम सभी की उन को सच्ची श्रद्धांजलि है।

            मैराथन दौड़ के विजेताओं को यमुनानगर नगर के विधायक घनश्यामदास अरोड़ा,  मेयर मदन चौहान, व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन  राम निवास, समाज कल्याण बोर्ड की चेयरमैन रोज़ी मलिक, जिला उपाध्यक्ष नितिन कपूर, व युवा मोर्चा प्रभारी मोहित गेरा जी ने मेडल एवं ट्राफ़ी  प्रदान कर प्रोत्साहित किया।

            युवा मोर्चा यमुनानगर से जिला उपाध्यक्ष निश्चल चौधरी , विक्रम राणा , जिला परिषद सदस्य सर्वजीत रघुवंशी, जिला महामंत्री अमित चौहान ,अभिषेक अरोड़ा, सचिव राहुल राणा , जिला आई० टी० एवं सोशल मीडिया प्रमुख ऐडवोकेट दीपक पंडित , प्रतापनगर मंडल अध्यक्ष पंकज बेगमपुर , ऊँचा चाँदना चितरंजन राणा , जगाधरी मंडल अध्यक्ष  राहुल गढ़ी, यमुनानगर मंडल अध्यक्ष सिद्क कुमार , बुढ़िया मंडल अध्यक्ष साहिल गर्ग ,भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग व युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

अमृतसर – कोलकाता के बीच चलने वाली अकाल तख्त एक्सप्रेस की बहाल करने का निर्णय 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 22 दिसंबर  :

            उत्तर रेलवे के फिरोजपुर रेल मंडल के डी.आर.एम.डा.सीमा शर्मा ने वीरवार को कहा कि आम रेलयात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने गाड़ी संख्या 12318 अमृतसर और कोलकाता के मध्य चलने वाली और गाड़ी संख्या 12317 कोलकाता और अमृतसर के मध्य चलने वाली अकाल तख्त एक्सप्रेस का परिचालन पुनर्बहाल करने का निर्णय लिया है।

            पूर्व में कोहरे के कारण इन ट्रेनों का परिचालन अस्थायी रूप से रद्द किया गया था। गाड़ी संख्या 12318 (अमृतसर-कोलकाता एक्सप्रेस) 27.12.2022, 30.12.2022, 03.01.23, 06.01.23 और 10.01.23 को बहाल किया जाएगा जबकि गाड़ी संख्या 12317 (कोलकाता-अमृतसर एक्सप्रेस) 25.12.2022, 28.12.2022, 01.01.2023, 04.01.2023 और 08.01.2023 को बहाल किया जाएगा।

स्कन्दपुराण में किस शक्तिपीठ को काशी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया है  जाने शक्तिपीठो के बारे में डॉ सुमित्रा अग्रवाल जी से  भाग २  

वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कोलकाता

            महिषमर्दिनी माँ १८ भुजाओं वाली, सिंह पर विराजमान है। उसके हाथों में एक बीज, कमल, तलवार बाण वज्र मिसाइल, गदा, चक्र, डंडा , ढाल, धनुष, सुपारी और कमंडल की माला है। माँ का चेहरा सफेद, कमर और पैरों का रंग लाल है। टांगों की जांघें और पिंडली नीले रंग की होती हैं। कमर का अगला भाग बहुरंगी वस्त्रों से ढका रहता है। उनकी माला, वेश-भूषा, आभूषण और श्रृंगार-प्रसाधन सभी दर्शनीय हैं। 

सती को महिषमर्दिनी और शिव को क्रोधीसा कहा जाता है। इसे करबीर शक्तिपीठ भी कहते हैं।

महिषमर्दिनी माँ कहा विराजमान है  १६ .४२०  अक्षांश और ७६ .१६०  देशांतर पर सह्याद्री पहाड़ियों पर कोल्हापुर महाराष्ट्र में स्थित है महिषमर्दिनी माँ का दरबार । 

            कोल्हापुर महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा की सीमा रेखा पर स्थित है। मुंबई और पुणे से कोल्हापुर के लिए कुछ ही सीधी ट्रेनें हैं। हालांकि पुणे, गोवा सीधी ट्रेन। मिराज जंक्शन के माध्यम से सेवा, जो पूर्व में लगभग ५४  किमी दूर है, मौजूद है। मुंबई कोल्हापुर से ५२०  किमी दूर है। मुंबई से सीधी ट्रेन महालक्ष्मी एक्सप्रेस उपलब्ध है।

            महिषमर्दिनी का मंदिर कोल्हापुर स्टेशन से लगभग ३  किमी दूर है। ५२  स्तंभों पर भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। जिसमें मां की भव्य मूर्ति है। मंदिर के पास पद्म सरोवर, काशी तीर्थ और मणिकर्णिका पवित्र स्थान हैं। परिसर में ही एक बड़ा भैरव मंदिर स्थित है। मंदिर के मुख्य भाग का निर्माण नीले पत्थरों से किया गया है। महालक्ष्मी का भव्य मंदिर कोल्हापुर में पुराने शाही महल के पास कोषागार के पीछे स्थित है। इस स्थान का महालक्ष्मी मंदिर शक्तिपीठ है। यह स्थान महालक्ष्मी का नित्य निवास माना जाता है। हीरा मिश्रित कीमती पत्थरों से बनी देवी की चमकती हुई मूर्ति स्वयंभू है और इसी तरह बीच में स्थित पद्मरागमणि है।  3.५  फीट ऊंचाई की यह मूर्ति काफी खूबसूरत है। पैर के पास सिंह भी मौजूद है। मंदिर का आधार क्रययंत्र पर आधारित है। यह पांच चोटियों और तीन खुले हॉल से सुशोभित है।

सती माता का कौनसा अंग यहाँ गिरा था –

यहां सती माता के नेत्र गिरे थे। 

 स्कन्दा पुराण , काशी और महिषमर्दिनी माँ –

महिषमर्दिनी माँ के स्थान का महत्व और भी अधिक बताया जाता है काशी की तुलना में।

वाराणस्याधिकं क्षेत्रं करवीरपुरं महत्व ।

भुक्तिमुक्तिप्रदं नृणां वाराणस्य यवाधिकम् ।।

अर्थात – करवीरपुर वाराणसी का सबसे बड़ा क्षेत्र है और इसका बहुत महत्व है।

यह वाराणसी से भी बढ़कर है और मनुष्यों को सुख और मुक्ति प्रदान करता है।

ED ने अब तक छापे में जब्त किए एक लाख करोड़ रुपये, बरामद हुए करोड़ों रुपए और सोने के गहनों का आखिर होता क्या है?

केंद्रीय जांच एजेंसी कोई भी हो, चाहे ईडी हो, सीबीआई हो या इनकम टैक्स, इन सभी को मनी लॉन्ड्रिंग, घोटालों, कर अनियमतताओं और किसी भी तरह अनियमितता की स्थिति में छापा मारने और जब्त हुई किसी भी तरह की सामग्री, रुपयों या प्रॉपर्टी की जांच करने का अधिकार है। नकद, सामग्री या प्रॉपर्टी की जब्ती के बाद उनका आंकलन किया जाता है। पहले पश्चिम बंगाल शीक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में निलंबित मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के अपार्टमेंट से 50 करोड़ रुपए नकद बरामद की थी। ईडी अधिकारियों की माने तो देश के इतिहास में यह नकदी की सबसे बड़ी जब्ती थी। पार्थ चटर्जी ग्रुप ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों, नौवीं-बारहवीं कक्षा के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों के कथित भर्ती घोटाले में शामिल हैं। अधिकारियों के संदेह है कि बरामद की गई राशि शिक्षक भर्ती घोटाले के जरिए इकट्ठा की गई थी।

27-28 जुलाई को चली 13 घंटे की रेड में ED ने ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित फ्लैट से 27.9 करोड़ कैश और 5 किलोग्राम सोना बरामद किया। इससे पहले 23 जुलाई को अर्पिता के टॉलीगंज स्थित फ्लैट में हुई छापेमारी में ED ने 21.9 करोड़ कैश, गहने और 76 लाख रुपए कीमत की विदेशी मुद्रा बरामद की थी।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 11 सितंबर :

प्रवर्तन निदेशालय इन दिनों जबरदस्त एक्शन में है। ईडी ने भ्रष्ट व्यापारियों, नेताओं और नौकरशाहों के खिलाफ लगातार छापे मारकर उनके भ्रष्टाचार पर न केवल लगाम लगाई है, बल्कि उनके करोड़ों रुपये नगद और अवैध संपत्ति को भी जब्त किया है। ईडी की इस कार्रवाई से एक तरफ देश में हड़कंप मचा हुआ है, तो दूसरी तरफ तारीफ भी हो रही है। मार्च 2022 के अंत तक ईडी के पास एक लाख करोड़ की संपत्ति अटैच है। यह संपत्ति उन मामलों से संबंधित है जो अभी विचाराधीन हैं। इन छापों के मद्देनजर सवाल यह उठता है कि आखिर ईडी जब्त कि हुई इस नगद राशि का करती क्या है ? वह कौन सा ठिकाना है जहां खरबों की इस राशि को रखा जाता है ?

गौरतलब है कि छापे के बाद अक्सर ईडी के अधिकारी बड़े-बड़े कंटेनर में रुपये ले जाते हुए दिखाई देते हैं। मीडिया के सामने जब्त किए नगद को ‘E’ और ‘D’ अक्षरों के आकार में रखा जाता है। पर सवाल यह है कि इतनी मात्रा में मिली नगद राशि का आखिर होता क्या है, वह कहां जाती है ? जानकारी के मुताबिक, एक बार जब छापा पड़ गया और ईडी ने नगद रपये जब्त कर लिए, तो उसके बाद जांच अधिकारी उसे सीधे अपने कार्यालय ले जाते हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी कोई भी हो, चाहे ईडी हो, सीबीआई हो या इनकम टैक्स, इन सभी को मनी लॉन्ड्रिंग, घोटालों, कर अनियमतताओं और किसी भी तरह अनियमितता की स्थिति में छापा मारने और जब्त हुई किसी भी तरह की सामग्री, रुपयों या प्रॉपर्टी की जांच करने का अधिकार है।

ED की छापेमारी के बाद अर्पिता के घर से बरामद नोटों के ढेर की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। नोटों के बंडलों को देखकर आपके मन में सवाल उठा होगा कि आखिर इतने पैसों का होगा क्या?

ED, CBI, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को मनी लॉन्ड्रिंग, इनकम टैक्स फ्रॉड या अन्य आपराधिक गतिविधियों में जांच, पूछताछ, छापेमारी करने और चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार होता है।

ये एजेंसियां जब्त पैसे को अपनी कस्टडी में लेती हैं और फिर अदालत के आदेश से या तो उस पैसे को आरोपी को वापस कर दिया जाता है या फिर वो सरकार की संपत्ति बन जाता है।

ये पूरी प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। इसमें कई चरण होते हैं…

इस सवाल का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता से बात की।

विराग ने कहा, ‘’केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे-ED, CBI और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को किसी मामले की जांच के लिए छापा मारने का अधिकार होता है। इन एजेंसियों को जांच करने का जो अधिकार होता है, उसके दो हिस्से होते हैं- एक गिरफ्तारी और पूछताछ और दूसरा उससे संबंधित सबूत इकट्ठा करने के लिए छापेमारी।’’

”जांच एजेंसिया जो छापे मारती हैं वो अलग-अलग सूचनाओं पर आधारित होती हैं, इसलिए जरूरी नहीं है कि एक आरोपी के यहां एक ही बार छापा मारा जाए बल्कि छापेमारी कई चरणों में हो सकती है।”

विराग गुप्ता का कहना है, ‘’अगर ED की बात करें तो उसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 यानी PMLA 2002 के तहत, अगर कस्टम डिपार्टमेंट है तो कस्टम एक्ट के तहत और अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट है तो उसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत संपत्ति जब्त करने का अधिकार होता है।’’

‘’जांच एजेंसी जिस कानून के तहत काम करती है, उसी के तहत उसे छापा मारने, जब्त करने और जब्त सामान को मालखाने या भंडारघर में जमा करने का अधिकार होता है।’’

छापे में कई चीजें बरामद हो सकती हैं- इनमें पेपर डॉक्युमेंट्स, कैश और अन्य कीमती सामान जैसे सोने-चांदी के गहने मिल सकते हैं।

विराग ने बताया कि छापेमारी में जब्त की गई चीजों का पंचनामा बनाया जाता है। पंचनामा जांच एजेंसी का IO यानी जांच अधिकारी बनाता है। पंचनामे पर दो स्वतंत्र गवाहों के हस्ताक्षर होते हैं। साथ ही इस पर जिस व्यक्ति का सामान जब्त होता है, उसके भी हस्ताक्षर होते हैं। पंचनामा बनने के बाद जब्ती का सामान केस प्रॉपर्टी बन जाता है।

  • सबसे पहले जब्त किए गए पैसे या कैश का पंचनामा बनाया जाता है। पंचनामे में इस बात का जिक्र होता है कि कुल कितने पैसे बरामद हुए, कितनी गड्डियां हैं, कितने 200, 500 और अन्य नोट हैं।
  • जब्त किए गए कैश में अगर नोट पर किसी तरह के निशान हों या कुछ लिखा हो या लिफाफे में हो तो उसे जांच एजेंसी अपने पास जमा कर लेती है, जिससे इसे कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया जा सके।
  • विराग कहते हैं कि बाकी पैसों को बैंकों में जमा कर दिया जाता है। जांच एजेंसिया जब्त किए गए पैसों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में केंद्र सरकार के खाते में जमा करा देती हैं।
  • कई बार कुछ पैसों को रखने की जरूरत होती है, तो उसे जांच एजेंसी इंटरनल ऑर्डर से केस की सुनवाई पूरी होने तक अपने पास जमा रखती है।

प्रॉपर्टी

ED के पास PMLA के सेक्शन 5 (1) के तहत संपत्ति को अटैच करने का अधिकार है। अदालत में संपत्ति की जब्ती साबित होने पर इस संपत्ति को PMLA के सेक्शन 9 के तहत सरकार कब्जे में ले लेती है

विराग के अनुसार, ‘’जब ED किसी की प्रॉपर्टी को अटैच करती है, तो उस पर बोर्ड लगा दिया जाता है, जिस पर लिखा होता है इस संपत्ति की खरीद-बिक्री या इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता है।’’

हालांकि कई मामलों में घर और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को अटैच किए जाने पर उनके इस्तेमाल को लेकर छूट भी है।

ED 180 दिनों के लिए अटैच कर सकती है प्रॉपर्टी

PMLA के तहत ED अधिकतम 180 दिन यानी 6 महीने के लिए किसी संपत्ति को अटैच कर सकती है।

अगर तब तक ED संपत्ति अटैच करने को अदालत में वैध नहीं ठहरा पाती है तो 180 दिन बाद संपत्ति खुद ही रिलीज हो जाएगी, यानी वो अटैच नहीं रह जाएगी।

अगर ED 180 दिनों के अंदर प्रॉपर्टी अटैच करने को अदालत में सही साबित कर देती है तो संपत्ति पर सरकार का कब्जा हो जाता है। इसके बाद आरोपी को ED की इस कार्रवाई के खिलाफ ऊपर की अदालतों में अपील करने के लिए 45 दिन का समय मिलता है।

  • ED के किसी संपत्ति को तात्कालिक जब्ती या प्रोविजनल अटैचमेंट करने से वह सील नहीं हो जाती है।
  • कई बार ऐसा भी होता है कि ED जिस संपत्ति को अटैच करती है, उस मामले की अदालत में सुनवाई जारी रहने के दौरान आरोपी उस संपत्ति का उपयोग कर सकता है।
  • उदाहरण के लिए 2018 में ED ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के दिल्ली स्थित जोरबाग के बंगले का 50% हिस्सा अटैच कर दिया था, लेकिन उस प्रॉपर्टी को खाली करने का कोर्ट का नोटिस मिलने तक उनका परिवार वहीं रह रहा था। चिदंबरम के बेटे कार्ति ने इस नोटिस के खिलाफ भी कानूनी राहत ले ली थी।
  • कॉमर्शियल प्रतिष्ठान ED के प्रॉपर्टी अटैच किए जाने के बाद भी बंद नहीं होते हैं। जैसे-दुकानें, मॉल, रेस्टोरेंट, होटल जैसी कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज को भले ही ED ने अटैच कर दिया हो, लेकिन इसके बावजूद अदालत का फैसला आने तक वह काम करना जारी रख सकते हैं।
  • 2018 में ED ने एअर इंडिया से जुड़े केस में दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर स्थित Inn होटल को अटैच कर दिया था, लेकिन होटल ने फिर भी बुकिंग करना जारी रखा था।

गहने

  • जांच एजेंसी अगर सोना-चांदी, गहने और अन्य कीमती सामान बरामद करती हैं, तो उसका भी पंचनामा बनता है।
  • पंचनामे में इस बात की पूरी जानकारी होती है कि-उसे कितना सोना या कितने गहने या कितना कीमती सामान बरामद हुआ।
  • विराग बताते हैं कि सोने-चांदी के गहने और अन्य कीमती सामान को जब्त करके सरकारी मालखाने या भंडारघर में जमा कराया जाता है।

संपत्ति किसकी होगी, अदालत करती है आखिरी फैसला

  • कैश हो या गहने या प्रॉपर्टी, जब्त किए गए सामान पर आखिरी फैसला कोर्ट करती है। मुकदमा शुरू होने पर जब्त किए गए सामान को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया जाता है।
  • विराग का कहना है कि अगर अदालत जब्ती का आदेश देती है तो पूरी संपत्ति पर सरकार का कब्जा हो जाता है। अगर ED कोर्ट में जब्ती की कार्रवाई को सही नहीं साबित कर पाती तो संपत्ति संबंधित व्यक्ति को लौटा दी जाती है।
  • जब्ती को अदालत में चुनौती दिए जाने पर या हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अगर अपीलकर्ता जब्त किए गए सामान को लीगल साबित कर देता है तो उसे जब्त किया गया सारा सामान वापस मिल जाता है।
  • कई बार कोर्ट जिसकी संपत्ति है, उस पर कुछ फाइन लगाकर भी उसे संपत्ति लौटाने का मौका देती है।
  • विराग ने बताया कि जांच एजेंसियां प्रशासनिक आदेश से ही संपत्ति को अटैच करती हैं और फिर कोर्ट के ऑर्डर से वो सरकार की हो जाती है या जिसकी संपत्ति जब्त की गई है, उसे लौटा दी जाती है।

सप्तक सोसायटी द्वारा वर्चुअल संगीत कार्यक्रम आयोजित

  • अध्यापक दिवस पर विद्यार्थियों ने संगीत के माध्यम से अध्यापक के प्रति बरसाया प्यार, दिया गुरु को सम्मान

 
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 6 सितम्बर, 22 :

अध्यापक दिवस पर स्वर सप्तक सोसायटी, चंडीगढ़ व  कलकत्ता द्वारा सोसायटी की अध्यक्ष व शास्त्रीय संगीत गायिका व संगीत शिक्षिका विदुषी डॉ संगीता चौधरी(लाहा) के नेतृत्व में आयोजित किया गया जिसमें संगीत के विद्यार्थियों ने गुरु की अर्चना करते हुए मधुर गायन प्रस्तुत कर सभी उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस आयोजन में शास्त्रीय संगीत गायिका व संगीत शिक्षिका विदुषी डॉ संगीता चौधरी(लाहा) के विद्यार्थियों ने भाग लिया था इस दौरान विद्यार्थियों के परिजन भी मौजूद थे। कार्यक्रम का उदेश्य विद्यार्थियों द्वारा अपनी संगीत शिक्षिका को इस दिवस पर सम्मान से विभूषित करना था।

 
कार्यक्रम की शुरुआत नन्हें विद्यार्थी सिद्धार्थ रावत ने गुरु वंदना से की जिसके बाद उन्होंने अध्यापक के प्रति अपने स्नेह को दर्शाते हुए एक खूबसूरत कविता पेश की जिसे सभी ने सराहा। नन्हें विद्यार्थी ऋ षित भारद्वाज आ चल के तुझे मैं लेके चलूं गाना बखूबी प्रस्तुत किया जबकि यूएसए से नन्हीं विद्यार्थी काव्या रॉय नन्हा मुन्ना राही हूं, गाना पूरे स्वर के साथ सुनाया, न्यूजीलैंड से विर्चुअल कार्यक्रम में जुड़ी रिहाना कौशल ने गुरु वंदना मोहे लगी लगन, यूएसए से छात्रा अहाना रॉय ने एकला चोलो अपनी मधुर आवाज में गाकर सुनाया और संमा बांधा। वहीं शास्त्रीय संगीत गायिका अंजलि सूरी ने गुरु बिन कौन संभारे, ममता गोयल ने पियू बोले पिया बोल, रूमा सोनी ने राग भुपाली में अपना गायन प्रस्तुत किया।, वहीं सुमन चड्ढा ने मधुबन में राधिका नाचे री, नवनीत कौर ने जाने क्या बात है, मनीषा घोष ने तुम गगन की चंद्रमा हो, सुनीता कौशल ने भजन जाऊं तोरे चरण कमल, स्मृति वेदव्यास ने मैने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने।, तृप्ति गुप्ता ने बंगाली गीत गाकर श्रोताओं से प्रशंसा बटौरी।

 
इस अवसर पर डॉ संगीता चौधरी(लाहा) ने अपने सभी विद्यार्थियों की गायन कविता प्रस्तुति की भूरि भूरि प्रशंसा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अध्यापक और विद्यार्थी का रिश्ता सबसे अच्छा होता है। एक विद्यार्थी जिसका कर्तव्य होता है कि वह अपने अध्यापको को सम्मान दें और उनके द्वारा कही हुई बातों को अमल में लाए। जबकि अध्यापक का कर्तव्य होता है कि वह अपने द्वारा दी जाने वाली शिक्षा को विद्यार्थियों को सही मायने में समझाने का प्रयास करें, वे ऐसी शिक्षा उन्हें दें जिससे उनका जीवन उज्जवल हो। उन्होंने बताया कि स्वर सप्तक सोसाइटी की स्थापना 1987 में उनके पिता स्वर्गीय श्री निर्मलेंदु चौधरी द्वारा की गई थी। श्री निर्मलेंदु चौधरी मुखर शास्त्रीय संगीत में उस्ताद थे। स्वर सप्तक सोसाइटी के अध्यक्ष भी थे, जबकि उनकी माता स्वर्गीय श्रीमती मंजू चौधरी प्रसिद्ध गायक स्वर्गीय हेमंत मुखर्जी के  छात्रा रही हैं।

ईडी ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को भेजा समन

सीबीआई की टीम बंगाल की आसनसोल जेल में बंद टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल से पशु तस्करी मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ कर सकती है। सीबीआई की चार सदस्यीय टीम सोमवार रात कोलकाता से आसनसोल पहुंची है। वह जेल में जाकर मंडल से पूछताछ करेगी। सीबीआई एक अधिकारी ने बताया कि हमारे अधिकारी उस जेल में जाएंगे, जहां मंडल बंद है। उनसे घोटाले को लेकर नई जानकारी हासिल की जाएगी।  उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को शुक्रवार की सुबह अपने कोलकाता स्थित कार्यालय में पेश होने को कहा है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हमने अभिषेक बनर्जी को यहां अपने अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए तलब किया है।”

  • तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को ईडी ने समन भेजा है
  • शुक्रवार को ईडी ने कोयला चोरी घोटाले मामले में पेश होने के लिए कहा है
  • बीते सोमवार को ममता बनर्जी ने कहा था कि अभिषेक को ईडी समन भेज सकती है

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, कोलकाता :

तृणमूल कांग्रेस की इन दिनों मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। आए दिन पार्टी के नेता ईडी के घेरे में आ रहे हैं। इसी क्रम में अब प्रवर्तन निदेशालय ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को ‘कोयला चोरी घोटाले’ की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए मंगलवार को समन जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को शुक्रवार की सुबह अपने कोलकाता स्थित कार्यालय में पेश होने को कहा है। तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए आशंका जतायी थी कि केंद्रीय एजेंसियां उनके भतीजे और अन्य वरिष्ठ नेताओं को नोटिस भेज सकती है।

इसके अलावा ममता बनर्जी ने कहा, “अभिषेक ने आज एक अच्छा भाषण दिया, उसे कल ईडी या सीबीआई द्वारा बुलाया जा सकता है। पहले उन्हें नोटिस दिया गया था, उनकी पत्नी को नोटिस दिया गया था. अब मुझे लगता है कि उनके बेटे को भी बुलाया जाएगा। अपने बेटे को ले लो, जब वे तुम्हें बुलाएंगे, उन्हें भी देखना चाहिए कि दो साल का बच्चा कितना मजबूत है।”  इसके अलावा अभिषेक बनर्जी ने भी कहा, “हम इतनी बड़ी रैली कर रहे हैं, मैं लिखित में दे सकता हूं कि वे चार-पांच दिनों में कुछ करेंगे। हम झुकेंगे नहीं।” बता दें कि ईडी द्वारा अभिषेक बनर्जी से दो बार पूछताछ की जा चुकी है।

प्रवर्तन निदेशालय बंगाल के चर्चित कोयला घोटाले की पहले से जांच कर रहा है। मामले में अब तक अभिषेक बनर्जी से कई बार पूछताछ हो चुकी है। बनर्जी के निवास पर छापे भी मारे गए थे। ईडी ने एक बार फिर अभिषेक बनर्जी को समन भेजा है। उन्हें 2 सितंबर को कोलकाता स्थित ईडी दफ्तर में बुलाया गया है। 

उधर, सीबीआई की टीम बंगाल की आसनसोल जेल में बंद टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल से पशु तस्करी मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ कर सकती है। सीबीआई की चार सदस्यीय टीम सोमवार रात कोलकाता से आसनसोल पहुंची है। वह जेल में जाकर मंडल से पूछताछ करेगी। सीबीआई एक अधिकारी ने बताया कि हमारे अधिकारी उस जेल में जाएंगे, जहां मंडल बंद है। उनसे घोटाले को लेकर नई जानकारी हासिल की जाएगी। 

सीबीआई ने जांच में सहयोग नहीं करने पर बीरभूम जिले के टीएमसी अध्यक्ष मंडल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने जिले में कई जगह छापे मारकर बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए थे। अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल में कोयला चोरी घोटाले में घिरे हुए हैं। बनर्जी से 2 सितंबर को दिल्ली से कोलकाता पहुंचने वाले ईडी के अधिकारी पूछताछ करेंगे। 

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा पर हमला बोलते आशंका जताई थी कि केंद्रीय एजेंसियां उनके भतीजे व पार्टी के अन्य नेताओं को समन भेज सकती हैं। अभिषेक टीएमसी में दूसरे नंबर के नेता माने जाते हैं। मामले में बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी से भी पूछताछ की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री योगी को बम से उड़ाने की धमकी, 3 दिन में हमला करने की चेतावनी

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी। भारतीय किसान मोर्चा के नेता देवेंद्र तिवारी के घर के बाहर एक बैग पड़ा मिला। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उन्हें बम से उड़ाने की धमकी भरा पत्र था। पत्र किसी सलमान सिद्दीकी नाम के शख्स ने भेजा है। आलमबाग पुलिस मामले की जांच कर रही है।

  • सीएम योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है
  • पुलिस कंट्रोल रूम यूपी 112 के व्हाट्सएप नंबर पर दी गई धमकी
  • जिस नंबर से धमकी दी गई वो शाहिद खान के नाम पर है

लखनऊ (ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, लखनऊ :  

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। पुलिस कंट्रोल रूम यूपी 112 के व्हाट्सएप नंबर पर ये धमकी दी गई है। जिस नंबर से धमकी दी गई वह नंबर शाहिद खान के नाम पर रजिस्टर्ड है। धमकी के बाद पुलिस ने आनन-फानन सुशांत गोल्फ सिटी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जान की धमकी 2 अगस्त को दी थी। इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। अब इस मामले में पुलिस, साइबर और सर्विलांस सेल की टीम जांच में जुट गई है।

पुलिस मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपी की तलाश कर रही है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। प्रभारी निरीक्षक सुशांत गोल्फ सिटी शैलेंद्र गिरी ने मीडिया को बताया कि दो अगस्त की शाम को ऑपरेशन कमांडर के मुताबिक वह आफिस में थे। पुलिस मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपी की तलाश कर रही है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। योगी।

आलमबाग इलाके में रहने वाले भारतीय किसान मोर्चा के नेता देवेंद्र तिवारी के घर के बाहर बृहस्पतिवार रात में एक बैग पड़ा मिला। बैग में एक पत्र मिला है जिसमें उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी दी गई है। देवेंद्र की तहरीर पर आलमबाग पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले जांच शुरू कर दी है।

किसान मोर्चा के नेता देवेंद्र तिवारी के मुताबिक पत्र में पीआईएल दाखिल करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उन्हें बम से उड़ाने की धमकी भरा पत्र किसी सलमान सिद्दीकी ने भेजा है। उस पत्र में लिखा है कि तुझे कितनी बार समझाया गया है लेकिन फिर भी नहीं मान रहा है।

पीआईएल की वजह से मुसलमानों के पेट पर लात पड़ी है। इतनी बार समझाया लेकिन तुम मान नहीं रहे हो। योगी के कहने पर पीआईएल की वजह से हम लोगों के सारे स्लाटर हाउस बंद हो गए हैं। अब तू देख तेरा क्या हाल होता है। इंतजार करो अगले 15 दिन के अंदर तुझे रिजल्ट देखने को मिलेगा। तुम लोगों ने जितना हमारे रहनुमा जनाब असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना मदनी को रुलाया है। उनकी एक-एक आंसू का बदला लेंगे।

प्रभारी निरीक्षक आलमबाग धनंजय सिंह के मुताबिक, पीड़ित देवेंद्र तिवारी की तहरीर पर अज्ञात महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं, आसपास लगे सीसीटीवी की मदद से पत्र भेजने वाले की तलाश की जा रही है।

चिराग पासवान आज भी दिल से मानते हैं कि वह पीएम मोदी के हनुमान हैं

                                   चिराग पासवान पहले ही कह चुके हैं कि वो पीएम मोदी के हनुमान हैं।  सवाल उठता है कि यदि बिहार में जदयू ने अपना पाला बदला तो मुकेस सहनी से दूर जा चुकी बीजेपी के पास क्या सिर्फ चिराग पासवान ही बचेंगे?  हाल में चिराग की केंद्र से दूरी जगजाहिर है।  लेकिन ये भी तय है कि चिराग की आज भी पीएम मोदी में आस्था  है।  

JDU अलग हुई तो BJP के साथ बचेंगे चिराग पासवान! नीतीश के खिलाफ फिर खोला  मोर्चा - Bihar political upheaval JDU is separated chirag Paswan will be  left with BJP and opened
  • बिहार में जेडीयू-बीजेपी में तलाक का ऐलान अब केवल औपचारिकता
  • जेडीयू के एनडीए से अलग होने से सबसे ज्यादा खुश होंगे चिराग पासवान
  • गौरतलब है कि चिराग लगातार सीएम नीतीश पर हमला करते रहे हैं

सारिका तिवारी(राजनैतिक विश्लेषक) डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/पटना :

बिहार में बड़ा सियासी बदलाव हुआ है। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और बीजेपी के साथ जेडीयू के गठबंधन को तोड़ दिया है। अचानक हुए इस बदलाव से सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, “आज नीतीश कुमार की विश्वसनीयता शून्य हो गई है। हम चाहते हैं कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो और राज्य को नए सिरे से जनादेश देना चाहिए। आपकी (नीतीश कुमार) कोई विचारधारा है या नहीं? अगले चुनाव में जेडीयू को जीरो सीटें मिलेंगी। नीतीश कुमार किसी के प्रति वफादार नहीं हैं।”

दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए चिराग ने कहा- देखिए उन्होंने शरद पवार और प्रशांत किशोर के साथ क्या किया? विधानसभा चुनाव से पहले ही मैंने लोगों को चेतावनी दी थी कि नीतीश कुमार कभी भी दलबदल कर सकते हैंऔर वह समय फिर से आ गया है। उन्होंने आगे कहा कि कहा कि नीतीश कुमार ने दूसरी बार लोगों के जनादेश का अपमान किया है। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने और फिर से चुनाव कराने की भी मांग की है। चिराग ने कहा राज्य में नए सिरे से चुनाव होने दें।

चिराग पासवान ने ये बयान जेडीयू द्वारा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ अपना गठबंधन तोड़ने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को लेकर आया है। दूसरी तरफ राज्यपाल फग्गू चौहान को इस्तीफा सौंपने के बाद राजभवन से बाहर निकले नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी सांसदों और विधायकों की इस बात पर आम सहमति पर हैं कि हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए।

चिराग पासवान ने कहा कि कोई है जो नीतीश कुमार को सबसे अच्छी तरह जानता है तो वो मैं हूं। उनके अहंकार ने राज्य को तबाह कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए के साथ चुनाव लड़ने से इनकार करने का एकमात्र कारण यह था कि वह नीतीश कुमार के साथ गठबंधन नहीं करना चाहते थे। इस बीच बीजेपी ने नीतीश कुमार के इस्तीफे को बिहार की जनता के साथ विश्वासघात बताया है। बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा- हमने एनडीए के तहत बिहार विधानसभा 2020 का चुनाव एक साथ लड़ा। जनादेश जद (यू) और भाजपा के लिए था। हमने अधिक सीट जीतने के बाजवूद नीतीश कुमार को सीएम बनाया। आज जो कुछ भी हुआ वह बिहार के लोगों और भाजपा के साथ विश्वासघात है।

चिराग पासवान ललन सिंह के उसी ‘चिराग मॉडल’ का जवाब देने के लिए मीडिया के सामने आने वाले हैं। दरअसल, महाराष्ट्र में शिंदे गुट की बगावत से काफी पहले बिहार में जदयू ने लोजपा को दो फाड़ कर दिया था। बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान खुलकर नीतीश कुमार के विरोध में थे। उस समय वे भाजपा के सहयोगी के रूप में भी काम कर रहे थे। लेकिन, भाजपा ने तब उन्हें नीतीश विरोध के लिए रोका-टोका नहीं। बाद में चुनावी गठबंधन नहीं हो पाया। लोजपा अकेले चुनावी मैदान में उतरी और पार्टी को महज 1 सीट पर जीत मिली। इसके बाद जदयू की ओर से पशुपति कुमार पारस को साधकर चिराग पासवान को उनकी ही बनाई गई पार्टी लोजपा में अलग-थलग कर दिया गया। लोजपा को चुनाव आयोग ने सीज करते हुए चिराग और पारस गुट को अगल-अलग नाम से पार्टी अलॉट कर दी। लोजपा का चुनाव चिह्न बंगला छाप भी जब्त हो गया। ऐसे में चिराग के प्रेस कांफ्रेंस पर हर किसी की नजर रहेगी। वे जदयू अध्यक्ष के चिराग मॉडल का क्या जवाब देते हैं। यहां पढ़िए चिराग पासवान के प्रेस कांफ्रेंस का लाइव कवरेज।

6 राज्यों में सीबीआई से जांच के लिए 221 सहमति अनुरोध लंबित, 30,912 करोड़ रुपये शामिल: डॉ जितेंद्र सिंह

पंजाब सहित 9 राज्यों ने सीबीआई को जांच के लिए अनुमति देने से मना कर दिया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि पंजाब ,पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मिजोरम ,केरल, झारखंड, महाराष्ट्र और मेघालय ने अपने राज्यों में सीबीआई को जांच करने की अनुमति ना देने का निर्णय लिया है। राज्यों में आपराधिक मामलों जांच करने के लिए केंद्र को सीबीआई जांच के लिए संबंधित राज्य से अनुमति लेना अनिवार्य है। आपको बता दें कि इन सभी 9 राज्यों में गैर भाजपा सरकारें हैं। हालांकि यदि जांच आदेश उच्चत्तम या उच्च न्यायालय जारी किए जाते हैं स्थिति में केंद्र राज्यों से अनुमति लेने के लिए बाध्य नहीं है।

फ़ाइल फोटो

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि छह राज्यों द्वारा सहमति ना दिए जाने के कारण केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की मांग करने वाले 221 अनुरोध लंबित हैं, जिनमें सर्वाधिक 168 अनुरोध महाराष्ट्र से हैं और इनमें सन्निहित राशि 29,000 करोड़ रुपये हैं।राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मत्रालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने दी।उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग करने वाले कुल अनुरोधों में 30, 912,.28 करोड़ रुपये के मामले हैं। इनमें 27 अनुरोध पश्चिम बंगाल से हैं जिनमें 1,193.80 करोड़ रुपये के मामले हैं।

उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग करने वाले कुल अनुरोधों में 30, 912,.28 करोड़ रुपये के मामले हैं। इनमें 27 अनुरोध पश्चिम बंगाल से हैं जिनमें 1,193.80 करोड़ रुपये के मामले हैं, नौ अनुरोध पंजाब से हैं और इनमें 255.32 करोड़ रुपये के मामले हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसी प्रकार सात अनुरोध छत्तीसगढ़ से हैं, जिनमें 80.35 करोड़ रुपये और चार राजस्थान से हैं, जिनमें 12.06 करोड़ रुपये की राशि सन्निहित हैं। सिंह ने बताया कि 30 जून 2022 की स्थिति के अनुसार सबसे अधिक 168 अनुरोध महाराष्ट्र से हैं, जिनमें 29,040.18 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।

महाराष्ट्र में भी, इस साल जून तक विपक्षी सरकार थी। अब वहां भाजपा गठबंधन की सरकार है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राज्य सरकार की सहमति के अभाव में सीबीआइ द्वारा जांच के लिए लंबित मामलों की कुल संख्या इस वर्ष 30 जून तक 221 है। इनमें 40 मामले एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। 48 मामले ऐसे हैं जो छह महीने से एक वर्ष के बीच की अवधि के हैं। इसके अलावा 133 मामले छह महीने से कम समय से लंबित हैं।

इन मामलों में शामिल कुल राशि 30,912 करोड़ रुपये है।मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, महाराष्ट्र में कुल 168 मामले लंबित हैं। इनमें से 39 एक वर्ष से अधिक, 38 छह माह से एक वर्ष और 91 छह माह से कम समय से लंबित हैं। बंगाल में 27 लंबित मामले हैं। इनमें से एक मामला एक वर्ष से लंबित है। एक मामला छह महीने से एक वर्ष के बीच का है जबकि 25 केस छह महीने से कम समय से लंबित हैं।महाराष्ट्र और बंगाल में लंबित मामलों में शामिल राशि क्रमश: 29,040 करोड़ और 1,194 करोड़ रुपये है। पंजाब, राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर 26 मामले लंबित हैं, जिनमें कुल राशि 678 करोड़ रुपये है।