एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ दायर की हाई कोर्ट में जनहित याचिका

  • एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने हाई कोर्ट में कहा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ चलाये जा रहे ऑपरेशन में पंजाब पुलिस के साथ एनआईए व ईडी को भी जोड़ने के आदेश दे हाईकोर्ट, ताकि अमृतपाल को कौन फंडिंग कर रहा बेंनकाब हो

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, अंबाला –20 मार्च :

हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट अतुल लखनपाल द्वारा दायर जनहित याचिका में आतंकियों को रिहा करवाने को लेकर जाम रोड को तुरंत खुलवाने के आदेश देने की हाईकोर्ट से मांग,

शांडिल्य ने हाई कोर्ट को बताया कि नवंबर 2022 व फरवरी 2023 में पंजाब के राज्यपाल को ज्ञापन देकर बताया था कि अमृतपाल सिंह बताया था आतकवादी व आईएसआई का एजेंट व हथियार जब्त करने की मांग भी कर चुके, नही जागी तक पंजाब सरकार

अम्बाला एंटीः टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने आज वारिस पंजाब के प्रमुख व पंजाब में खलिस्तानी मुहिम चलाने वाले अमृतपाल सिंह के खिलाफ खिलाफ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका सीनियर एडवोकेट अतुल लखनपाल व अर्जुन लखनपाल द्वारा दायर की। जिस पर बुधवार तक सुनवाई होने की उम्मीद है। शांडिल्य ने आज पत्रकारो से बातचीत करते हुए कहा कि वह 25 साल से आतंकवाद, खालिस्तानी मुहिम व बब्बर खालसा के आतंकवादियो के खिलाफ जमीनी व कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं और जब से पंजाब में खलिस्तानी मुहिम अमृतपाल चला रहा है उनका एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया उन्हें लगातार ललकार रहा है और 12 नवंबर 2022 व 4 फरवरी 2023 को पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को ज्ञापन देकर मांग कर चुके है कि अमृतपाल आतंकवादी है आईएसआई का एजेंट ही नही बब्बर खालसा के आतंकवादियो का भी अमृतपाल सिंह को सरक्षण है बता चुके हैं और अमृतपाल सिंह के साथ चल रहे हथियार बंद कट्टरपंथियों के हथियार जब्त करने व उनके लाइसेंस रद्द करने को लेकर भी राज्यपाल पंजाब को ज्ञापन दे चुके हैं, पंजाब के सीएम सहित उच्च अधिकारियों को अमृतपाल के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर चुके हैं। लेकिन कोई एक्शन न होने पर आज एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया की तरफ से जनहित याचिका दायर की और उसमें हाईकोर्ट से मोहाली सीमा चंडीगढ़ सीमा मटौर की सड़क को महीनों से बंद कर आतंकवादियो को रिहा करने वालो से रोड़ खाली करवाया जाए और बंदूकें, भाले, गंडसियो से लैस वारिस पंजाब, सहित रोड जाम करने वाले कट्टर पंथियों व आतकवादी परिवारों को लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की है।

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के सुप्रीमो शांडिल्य ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में मांग की है कि जो पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह व उनके साथियों को गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन छेड़ा उसमे एनआईए व ईडी को साथ जोड़ा जाए क्योंकि अमृतपाल सिंह को कहा से फंडिंग हो रही और कौन लोग विदेशों में बैठ पंजाब व देश की अमन शांति को आग लगा रहे हैं।और शांडिल्य ने कहा संविधान से बड़ा कोई धर्म नही ओर अमृतपाल ने संविधान को ललकारा ओर अजनाला व चंडीगढ़ पुलिस पर हमला कर देश मे दहशत फैलाने की साजिश रची इसको सजा मिले।

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया मुखी वीरेश शांडिल्य ने हाईकोर्ट से अहम मांग की है कि जो भी पंजाब सरकार अमृतपल सिंह को लेकर अभियान छेडे हुए है उसकी मॉनिटरिंग खुद करे क्योंकि अमृतपाल ने खालस्तानी मुहिम चला कर संविधान को ललकारा ओर सुप्रीम कोर्ट हो या देश के राज्यो के हाईकोर्ट संविधान के सुरक्षा कवच हैं। शांडिल्य ने कहा कि यह पहला मौका नही जब एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने किसी आतंकवादी के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की उन्होंने बताया कि जब 2004 में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों जगतार सिंह हवारा जो बब्बर खालसा का भारत प्रमुख व उसका आतंकी साथी, परमजीत सिंह भ्योरा व अन्य बुड़ैल जेल में 109 फुट की सुरंग खोदकर फरार हुए खिलाफ जनहित याचिका दायर की और उसके बाद इन आतंकवादियो को तिहाड़ हाई सिक्योरटी जेल में शिफ्ट किया और जब वहां से ये आतकवादी चंडीगढ़ बाई रोड दिल्ली,हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की सुरक्षा में लाखों का खर्च कर लाये जाते थे और जनता को खतरा अलग होता था जब ये जेल से भाग गए तो सड़क रास्ते से भगाना इनके लिए क्या मुश्किल था तो उनके संगठन ने 2010 में इन आतंकवादियों की पेशी चंडीगढ़ कोर्ट में तिहाड़ से वीसी से करने को।लेकर जनहित याचिका दायर की जिस पर हाईकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर बब्बर खालसा के इन आतंकवादियो की सुनवाई वीसी से शुरू हुई और पंजाब की अमन शांति को बचाया ।

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय …

नगालैंड – त्रिपुरा – मेघालय चुनाव का एग्जिट पोल

एग्जिट पोल के जरिए चुनाव में जनता ने कौन से दल पर भरोसा जताया और किस दल को लेकर उसका रुझान है इसका अनुमान लगाया जाता है। अगले साल लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं इसलिए ये विधानसभा चुनाव इस लिहाज से भी काफी अहम माने जा रहे हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों में उग्रवाद और घुसपैठ और विकास जैसे मुद्दे आम रहते हैं इसलिए इन चुनावों में भी यही मुद्दे छाए रहे हैं। अब एग्जिट पोल के जरिए ये अनुमान लगाया जाएगा कि कौन से दल पर जनता ने ज्यादा विश्वास जताया है।

अजय सिंगला। डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ :

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम दो मार्च को आने हैं, लेकिन सोमवार को एक्जिट पोल के अनुमानों के अनुसार त्रिपुरा में भाजपा की पहले से ज्यादा सीटों के साथ दमदार वापसी हो सकती है। कांग्रेस-वामदलों और भाजपा गठबंधन के बीच संघर्ष में पहली बार आए टिपरा मोथा की करामात कुछ खास क्षेत्र तक ही सीमित रह सकती है। फिर भी इसे नौ से ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं।

पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में विधानसभा चुनाव करवाए गए हैं, और मतगणना, यानी चुनाव परिणाम 2 मार्च, 2023 को घोषित किए जाएंगे। अलग-अलग मीडिया हाउस की ओऔर से कराए गए एक्ज़िट पोल में चुनावी नतीजों के रुझान सामने आ गए हैं। पोल ऑफ एक्ज़िट पोल के मुताबिक अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस राज्य में कौन सा दल सत्ता में आ सकता है। त्रिपुरा में एक ही चरण में 16 फरवरी को मतदान करवाया गया था, जबकि मेघालय और नागालैंड में भी एक ही चरण में सोमवार, 27 फरवरी को मतदान करवाया गया।

सोमवार को वोटिंग खत्म होने के बाद जी न्यूज-मेट्राइस,न्यूज 18-सी वोटर्स, इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया और टाइम्स नाउ-ईटीजी रिसर्च ने एग्जिट पोल जारी किए। नीचे दिए ग्राफिक्स में अलग-अलग राज्यों में इन एग्जिट पोल्स के अनुमान देख सकते हैं।

चुनाव आयोग ने नॉर्थ-ईस्ट के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव का ऐलान 18 जनवरी को किया था। तीनों राज्यों में फरवरी की 16 और 27 तारीख को वोटिंग हुई। सभी राज्यों में मतगणना 2 मार्च को होगी

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत, मंगलवार तक गिरफ्तारी पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को अंतरिम जमानत देते हुए राज्यों से पूछा है कि आखिर उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है । उनके खिलाफ तीनों एफआईआर को एक साथ लाकर एक कोर्ट में सुनवाई करने के लिए कहा गया है । हालांकि कोर्ट ने खेड़ा के खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी , जिसपर कोर्ट ने कहा कि वह एफआईआर को रद्द नहीं कर सकती । कोर्ट ने खेड़ा को लेकर कहा है कि यह अंतरिम राहत मंगलवार तक है , उन्हें तब तक रेगुलर बेल अप्लाई करनी होगी।  

कांग्रेसी नेता एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठै।- India TV Hindi

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली :

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा पर बड़ा फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी पुलिस और असम पुलिस को FIR एक साथ करने के लिए नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि खेड़ा के खिलाफ जो मामले अलग-अलग राज्यों में दर्ज है उन्हें एक जगह कर दिया जाए। साथ ही कोर्ट ने खेड़ा की गिरफ्तारी पर मंगलवार तक रोक लगा दी है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। इस दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने और कई राज्यों में दर्ज मुकदमों को एकसाथ जोड़कर रोक लगाने की मांग की है। सिंघवी की इस मांग पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी करते हुए कहा, “ठीक है हम सारी FIR एक जगह कर देते हैं।”

अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पवन खेड़ा के खिलाफ लखनऊ, बनारस और असम में केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने आज दिल्ली एयरपोर्ट पर पवन खेड़ा को रायपुर जाने नहीं दिया और फिर असम पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया।

इस दौरान सिंघवी ने कहा कि ‘यह पूरा मामला दरअसल कन्फ्यूजन का था कि असल नाम दामोदर दास या कुछ और…  मैं खुद टीवी पर बैठता हूं, मैं मानता हूं ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।’

इस पर असम सरकार की तरफ से पेश एएसजी एश्वर्या भाटी पेश ने कहा, “वीडियो देखिए क्या बयान जानबूझकर नहीं दिया गया था।” इसके बाद सीजेआई ने पवन खेड़ा का वीडियो देखा। इस दौरान एएसजी ने दलील दी, “पीसी में देखा जा सकता है कि किस तरह से हंस रहे थे, ये देश के पीएम के प्रति बोला जा रहा था।”

बता दें पवन खेड़ा को गुरुवार को यहां आईजीआई हवाईअड्डे से असम पुलिस के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। वह रायपुर जाने वाली उड़ान में सवार होने वाले थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। अब उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा, जहां असम पुलिस ट्रांजिट रिमांड मांगेगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर टिप्पणी के मामले में पवन खेड़ा पर असम के 15 जिलों में 15 मुकदमे दर्ज हैं।

पवन खेड़ा को असम पुलिस ने किया गिरफ्तार, 15 FIR हैं दर्ज

पवन खेड़ा ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर आपत्तिजनक बयान दिया था। इसके बाद से भाजपा भड़की हुई है। लखनऊ समेत अन्य शहरों में पवन खेड़ा के खिलाफ शिकायत भी दर्ज हुई है।पवन खेड़ा गुरुवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत भी मौजूद थे। जैसे ही पवन खेड़ा को रोका गया, ये नेता भी रनवे पर ही प्रदर्शन करने लगे।

Congress Claims police tried detain pawan khera at delhi airport ANN Pawan Khera Arrested: पवन खेड़ा गिरफ्तार, असम ले जाने की हो रही तैयारी, कांग्रेस बोली- तानाशाही का दूसरा नाम...
दिल्ली पुलिस ने करीब 2 घंटे के हंगामे के बाद पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया। खेड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा- “लड़ाई अभी लंबी है। देखते हैं आगे क्या होता है।”

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 23 फरवरी :

रायपुर के कांग्रेस अधिवेशन में जा रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन पर एक दिन पहले ही असम पुलिस ने कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर दीमापुर में केस दर्ज किया था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस पर दोपहर 3 बजे से सुनवाई करेगी।

इससे पहले खेड़ा को गुरुवार सुबह दिल्ली पुलिस ने फ्लाइट से उतार दिया था। खेड़ा रायपुर में शुक्रवार से शुरू हो रहे कांग्रेस के अधिवेशन में हिस्सा लेने जा रहे थे। इस कार्रवाई के विरोध में फ्लाइट में मौजूद दूसरे कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और विमान से उतर गए।

इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा को रायपुर जाने वाली उड़ान से नीचे उतार दिया गया। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल किया कि किस आधार पर खेड़ा को नीचे उतारा गया है और देश में कानून का कोई राज है या नहीं। बताया जाता है कि यह घटना इंडिगो की विमान संख्या 6 ई 204 में हुई और विरोध में कांग्रेस के कई नेता विमान से नीचे उतर गए।

असम के दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग थाने में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। असम के पुलिस महानिरीक्षक (लॉ एंड ऑर्डर) और प्रवक्ता प्रशांत कुमार भुइयां ने एएनआई से कहा, “मामले के सिलसिले में पवन खेड़ा की रिमांड लेने के लिए असम पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना हो चुकी है। हमने दिल्ली पुलिस से पवन खेड़ा को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया है। स्थानीय अदालत से अनुमति लेने के बाद हम उन्हें असम लाएंगे।”

दिल्ली पुलिस की तरफ से भी इस मामले में बयान जारी किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने कहा कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिल्ली हवाईअड्डे पर विमान में सवार होने से रोक दिया गया क्योंकि असम पुलिस ने उन्हें रोकने का अनुरोध किया था।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस बारे में कहा, “मुझे बताया गया है कि मेरे सामान को लेकर कुछ समस्या है, जबकि मेरे पास केवल एक हैंडबैग है। जब फ्लाइट से नीचे आया तो बताया गया कि आप नहीं जा सकते हैं. फिर कहा गया। आपसे डीसीपी मिलेंगे। मैं काफी देर से इंतजार कर रहा हूं। नियम, कानून और कारणों का कुछ अता-पता नहीं है।”

दरअसल, रायपुर में शुक्रवार से कांग्रेस पार्टी का महाधिवेशन होने वाला है। इसी सिलसिले में पवन खेड़ा पार्टी के अन्य नेताओं के साथ रायपुर जाने वाली फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर पहुंचे थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के सत्र को बाधित करने का यह प्रयास है, ठीक वैसे ही जैसे ईडी का छापा 20 फरवरी को मारा गया था।

कांग्रेस नेता दिल्ली से रायपुर इंडिगो की फ्लाइट से जाने वाले थे। फ्लाइट अभी भी नहीं उड़ पाई।

असम पुलिस के प्रवक्ता सुशांत भुयन ने भास्कर को बताया कि पवन खेड़ा के खिलाफ दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग में कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बुधवार रात केस दर्ज किया गया है। इन्होंने एक बयान दिया था, जिसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। असम पुलिस की एक टीम दिल्ली में मौजूद है। उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस को कहा गया है। लोकल कोर्ट से परमिशन के बाद उन्हें असम लाया जाएगा।

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘पवन खेड़ा पर ये कार्रवाई किस धारा के तहत कार्रवाई की है। वे आम नागरिक की तरह क्यों उड़ान नहीं भर सकते।। भाजपा हमारे अधिवेशन से बौखला गई है। पहले ईडी भेजते हैं और अब यह। अगर कुछ गलत किया है तो लुकाछिपी क्यों कर रहे हैं, कार्रवाई कीजिए। वजह सिर्फ यह है कि तानाशाह बौखलाया हुआ है। जब तक पवन खेड़ा नहीं आते, हम फ्लाइट को उड़ान नहीं भरने देंगे।’

20 फरवरी को पवन खेड़ा दिल्ली में पत्रकारों से बात कर रहे थे। हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर उन्होंने कहा था, ‘जब अटल बिहारी बाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतमदास मोदी को क्या समस्या है।’ अपने बयान में उन्होंने नरेंद्र दामोदरदास मोदी को गौतमदास मोदी कहा था।

इसके बाद उन्होंने आसपास खड़े लोगों से पूछा गौतम दास है या दामोदरदास। इसके बाद उन्होंने कहा कि नाम भले ही दामोदर दास है। उनका काम गौतमदास का है। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था।

20 फरवरी को लखनऊ महानगर भाजपा के अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने पवन खेड़ा के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है। उन्होंने गलत उद्देश्य के साथ यह बयान दिया था।

छत्तीसगढ़ में 20 फरवरी की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 6 कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर छापा मारा। इसमें विधायक और पार्टी पदाधिकारी शामिल थे। एजेंसी ने कोयला लेवी घोटाले में कार्रवाई की थी। छापा रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन से 4 दिन पहले मारा गया। कांग्रेस ने कहा कि ये कार्रवाई अधिवेशन को डिस्टर्ब करने के लिए है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस एक्शन पर कहा था, “पिछले 9 सालों में ED ने जो रेड की हैं उसमें 95% विपक्षी नेता हैं, और सबसे ज्यादा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ है।’

करोड़ों के शारदा घोटाले का कॉन्ग्रेसी – वामपंथी कनेक्शन – पी चिदंबरम की पत्नी समेत कई लोगों की संपत्ति जब्त

                        सारदा चिटफंड मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे लाभार्थियों की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है।

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पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे ‘‘लाभार्थियों” की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। 

सरिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी 8दिल्ली – 03 फरवरी :

                        प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने सारदा धनशोधन मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे ‘‘लाभार्थियों” की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। 

                        संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। इन संपत्तियों पर सारदा समूह और अन्य लोगों का स्वामित्व था, जो समूह द्वारा सृजित “अपराध की आय” के लाभार्थी थे। इसने कहा कि “लाभार्थियों” में नलिनी चिदंबरम, देवव्रत सरकार (ईस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी), देबेंद्रनाथ बिस्वास (पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं पूर्व माकपा विधायक) और असम के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दत्ता के स्वामित्व में रही अनुभूति प्रिंटर एंड पब्लिकेशंस शामिल हैं। 

                        ईडी ने अपने बयान में कहा, ”शारदा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देवेन्द्रनाथ विश्वास और असम के पूर्व मंत्री अंजन दत्ता की कंपनी ‘अनुभूति प्रिंटर और पब्लिकेशन’ जैसे लाभार्थियों के 6 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है।”

ईडी ने कहा:

इस समूह की कंपनी ने कुल 2,459 करोड़ रुपए जुटाए थे, जिसमें से ब्याज को छोड़कर 1,983 करोड़ रुपए अब तक जमाकर्ताओं को लौटाए गए हैं।

                        उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को ठगने के लिए कई लुभावने अवसर दिए थे। कुछ ही महीनों में रकम दोगुनी करने का सब्ज़बाग दिखाया गया था। करीब 10 लाख लोगों से पैसे लिए गए और जब लौटाने की बारी आई तो कंपनी ताला लगा कर भाग चुकी थी।

                        शारदा ग्रुप ने कई निवेश योजनाओं को बढ़ावा देकर पैसा इकट्ठा करना शुरू किया, जिसमें पर्यटन पैकेज, फॉरवर्ड ट्रैवल, होटल बुकिंग, क्रेडिट ट्रांसफर, रियस एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और मोटरसाइकिल निर्माण से जुड़ी कई योजनाएँ शामिल थीं। साल 2009 में बाज़ार नियामक सेबी का ध्यान शारदा ग्रुप पर गया था।

केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार ने मणिपुर के एक विद्रोही समूह जे.ड.यू.एफ. के साथ गतिविधियों की समाप्ति के समझौते पर हस्ताक्षर किए : गृह मंत्रालय 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 27 दिसम्बर :

            गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘उग्रवाद मुक्त और समृद्ध पूर्वोत्तर’ के विजन को साकार करते हुए और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में भारत सरकार और मणिपुर सरकार ने एक दशक से अधिक समय से सक्रिय जेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट (जेडयूएफ) के साथ आज नई दिल्ली में गतिविधियों की समाप्ति का समझौता किया। यह समझौता मणिपुर में शांति प्रक्रिया को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगा।

            इस समझौते पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय एवं मणिपुर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और जेडयूएफ के प्रतिनिधियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।सशस्त्र समूह के प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने और देश के कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते में सशस्त्र कैडरों के पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन का प्रावधान है।

            सहमति प्राप्त बुनियादी नियमों के कार्यान्वयन की देख-रेख के लिए एक संयुक्त निगरानी समूह का गठन किया जाएगा।

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि मिया संग्रहालय के फंडिंग की जांच की जाएगी

            सीएम बिस्व सरमा ने कहा किराज्य के बुद्धिजीवियों को इस पर विचार करना चाहिए। जब मैंने मिया शायरी के खिलाफ आवाज उठाई तो उन्होंने मुझे सांप्रदायिक कहा। अब मिया कविता, मिया स्कूल, मिया संग्रहालय यहां हैं। कार्यालय खुलने के बाद मामले पर सरकार कार्रवाई करेगी। रिपोर्टों के अनुसार, ‘मियाँ’शब्द का इस्तेमाल उन मुस्लिमों के लिए किया जाता है जो बंगाल से माइग्रेट कर गए थे और 1890 के दशक के अंत में असम में बस गए। अंग्रेजों ने उन्हें कथित तौर पर व्यावसायिक खेती के लिए उन्हें खरीदा था।

   

डेमोक्रेटिक फ्रंट, असम/नयी दिल्ली (ब्यूरो) :

                 असम के गोलपारा जिला में मिया म्यूजियम का उद्घाटन किया गया है। जिसके बाद इसको लेकर काफी विवाद बढ़ गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने संग्रहालय के फंडिंग को लेकर सवाल उठाया है। इसके बाद जिला प्रशासन ने संग्राहलय को सील कर दिया है। मिया संग्रहालय के दरवाजे पर एक नोटिस चस्पा किया गया है।

            असम के गोलपारा जिला प्रशासन ने मंगलवार को ‘मियाँ संग्रहालय’ को सील कर दिया। आरोप है कि संग्रहालय ने भूमि और संपत्ति कानूनों का उल्लंघन किया है। अधिकारियों के अनुसार, ‘संग्रहालय’ एक घर के अंदर है, जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) फंड का उपयोग करके बनाया गया था। संग्रहालय का उद्घाटन 23 अक्टूबर को दपकरभिता गाँव में किया गया था।

            वहीं पूर्वोत्तर के पत्रकार हेमंत कुमार नाथ ने कहा, “उपायुक्त, गोलपारा, असम ने गाँव दपकरभिता के मोहर अली पुत्र सोमेश अली के घर को सील कर दिया। यह एक प्रधानमंत्री आवास योजना घर था। यह वही घर था जहाँ 23 अक्टूबर को एक निजी ‘मियाँ संग्रहालय’ का उद्घाटन किया गया था।”

प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई से एक दिन पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने संग्रहालय की फंडिंग पर सवाल उठाया था।

संग्रहालय के बारे में बोलते हुए, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “मुझे समझ में नहीं आता कि यह किस तरह का संग्रहालय है। संग्रहालय में उन्होंने जो हल रखा है, उसका उपयोग असमिया लोग करते हैं, यहाँ तक कि मछली पकड़ने के लिए उपयोग की जाने वाली वस्तुएँ भी असमिया समुदाय से हैं। इसमें नया क्या है? ‘लुंगी’ को छोड़कर वहाँ रखी गई हर चीज असमिया लोगों की है। उन्हें यह साबित करना होगा कि नंगोल (हल) का उपयोग केवल मिया लोग करते हैं, अन्य नहीं। अन्यथा, मामला दर्ज किया जाएगा।”

सरमा ने कहा, “संग्रहालय में केवल पारंपरिक वस्तुएँ हैं जो पूरे असमिया समाज की संस्कृति को दर्शाती हैं न कि मियाँ समुदाय की।”

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “राज्य के बुद्धिजीवियों को इस पर विचार करना चाहिए। जब मैंने मियाँ शायरी के खिलाफ आवाज उठाई तो उन्होंने मुझे सांप्रदायिक कहा। अब मियाँ कविता, मियाँ स्कूल, मिया संग्रहालय यहाँ हैं… सरकार कार्यालय खुलने के बाद मामले पर कार्रवाई करेगी।”

इससे पहले, राज्य में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने संग्रहालय खोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की थी, जिन्होंने जिले में ‘प्रवासी मुसलमानों की संस्कृति’ को प्रदर्शित करने का दावा किया था। डिब्रूगढ़ के भाजपा विधायक प्रशांत फुकन संग्रहालय के खिलाफ आवाज उठाने वालों में सबसे पहले थे। उन्होंने कहा था, “मैं राज्य सरकार से इस संग्रहालय को बंद करवाने का अनुरोध करता हूँ।” भाजपा विधायक शिलादित्य देव ने भी संग्रहालय स्थापित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की थी।

रिपोर्टों के अनुसार, ‘मियाँ’शब्द का इस्तेमाल उन मुस्लिमों के लिए किया जाता है जो बंगाल से माइग्रेट कर गए थे और 1890 के दशक के अंत में असम में बस गए। अंग्रेजों ने उन्हें कथित तौर पर व्यावसायिक खेती के लिए उन्हें खरीदा था।

अंतरात्मा की आवाज सुन कई विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में की ‘क्रॉस वोटिंग’

झारखंड और गुजरात में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक और हरियाणा तथा ओडिशा में कांग्रेस विधायक हैं जिन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट किया। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के विधायक ने राज्य से संबंधित मुद्दों का समाधान न होने का हवाला देते हुए राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार किया। असम में, ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) विधायक करीमुद्दीन बरभुइयां ने दावा किया कि राज्य के करीब 20 कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को मुर्मू को वोट दिया।

  • राष्ट्रपति चुनाव में अंतरात्मा की आवाज सुन कई विधायकों ने मुर्मू के पक्ष क्रॉसवोटिंग की है
  • असम में एआईयूडीएफ के विधायक करीमुद्दीन बरभुइयां ने दावा किया कि राज्य के करीब 20 कांग्रेस विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू को वोट दिया है
उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ‘क्रॉस वोट’ किया

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/ नई दिल्ली :

राष्ट्रपति चुनाव के पहले से ही विपक्ष बिखरा हुआ नजर आ रहा था। अब खबर आ रही है कि अलग-अलग राज्यों के कई विधायकों ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी पार्टी लाइन का पालन नहीं कर एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ‘क्रॉस वोट’ किया है। क्रॉस वोटिंग में झारखंड और गुजरात में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक और हरियाणा तथा ओडिशा के कांग्रेस विधायक शामिल हैं। विधायकों ने कहा है कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट किया है। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के विधायक ने राज्य से संबंधित मुद्दों का समाधान न होने का हवाला देते हुए राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार किया। असम में, ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक करीमुद्दीन बरभुइयां ने दावा किया कि राज्य के करीब 20 कांग्रेस विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू को वोट दिया है।

उधर उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी में फूट की खबर सामने आई है। पार्टी के विधायक शहजिल इस्लाम ने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। बता दें कि कॉन्ग्रेस और सपा ने आधे-अधूरे विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया था। बरेली के भोजीपुरा से विधायक शहजिल इस्लाम ने इसके बाद ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी’ के अध्यक्ष और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव से भी मुलाकात की।

उत्तर प्रदेश में, शिवपाल सिंह यादव ने भी दावा किया कि वह कभी भी यशवंत सिन्हा का समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने एक बार उनके भाई और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर ‘आईएसआई एजेंट’ होने का आरोप लगाया था। पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में हरियाणा में ‘क्रॉस वोटिंग’ करने वाले कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में भी अपने विवेक के अनुसार मतदान किया।

राष्ट्रपति चुनाव में मतदान गुप्त मतदान के माध्यम से होता है और पार्टियां अपने सांसदों और विधायकों को व्हिप जारी नहीं कर सकती हैं। ओडिशा में कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोकीम ने सोमवार को यह घोषणा कर हलचल पैदा कर दी कि उन्होंने राजग उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया। विधानसभा में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद, कटक-बाराबती विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोकीम ने कहा कि उन्होंने अपनी ‘‘अंतरात्मा की आवाज’’सुनी।

खुद शिवपाल यादव ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। सपा गठबंधन में शामिल ओमप्रकाश राजभर की ‘सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP)’ ने भी मुर्मू के ही समर्थन का ऐलान किया था। शिवपाल यादव ने पहले ही एक पत्र लिख कर अखिलेश यादव को कहा था कि सपा विधायकों को यशवंत सिन्हा को वोट नहीं देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि यशवंत सिन्हा ने कभी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को ‘ISI एजेंट’ कहा था।

वहीं असम में AIUDF के नेता करीमुद्दीन ने कहा कि कॉन्ग्रेस क्रॉस वोटिंग कर रही है और ये आँकड़ा 20 से अधिक भी हो सकता है। वहीं कॉन्ग्रेस के एक अन्य बागी नेता कुलदीप बिश्नोई ‘अंतरात्मा की आवाज़’ सुनते हुए द्रौपदी मुर्मू को वोट करने की बात कही। मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस में भी फूट की खबर सामने आ रही है, लेकिन पार्टी इसे नकार रही है। पश्चिम बंगाल में TMC का दावा है कि 9 भाजपा विधायकों ने यशवंत सिन्हा के लिए वोट डाला।

मनीष सिसोदिया पर असम के सीएम की पत्नी ने दर्ज कराया 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस महीने की शुरुआत में पीपीई किट के कांट्रैक्ट को लेकर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ भ्रष्टाचार की बात कही थी। सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी पत्नी रिनिकी भुइयां सरमा और बेटे के बिजनेस पार्टनर्स की फर्मों को 2020 में बाजार दरों से अधिक पर पीपीई किट की आपूर्ति के लिए सरकारी ठेके दिए थे।

नई दिल्ली:(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली :  

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 30 जून को कामरूप (ग्रामीण) में सीजेएम कोर्ट के समक्ष दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है। इससे पहले सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकी भुइयां सरमा ने भी मनीष सिसोदिया के खिलाफ सिविल जज कोर्ट में 100 करोड़ रुपये का मानहानि मुकदमा दायर किया है।


दरअसल, आम आदमी पार्टी (आआपा) के नेता मनीष सिसोदिया ने 4 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि भारत 2020 में जब कोविड महामारी से जूझ रहा था, तब असम के स्वास्थ्य मंत्री रहे हिमंत बिस्व सरमा ने अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए ठेके दिये थे। हालांकि, असम सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का परिवार महामारी के दौरान पीपीई किट की आपूर्ति में कथित कदाचार में शामिल था।

सरमा के वकील देवोजीत सैकिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरमा ने खुद पर लगे इन आरोपों को निराधार बताते हुए सिसोदिया के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज करवाया है।

सिसोदिया ने सरमा पर कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान असम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को बाजार से अधिक कीमतों पर पीपीई किट्स की आपूर्ति करने का आरोप लगाया था।

सिसोदिया के खिलाफ यह मुकदमा कामरूप ग्रामीण जिले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में बृहस्पतिवार को दर्ज किया गया। मामले को शिकायतकर्ता का प्रारंभिक बयान दर्ज करने के लिए 22 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है।

सरमा पर आरोप है कि उनकी पत्नी रिंकी भुइयां सरमा के स्वामित्व वाली कंपनी जेसीबी इंडस्ट्रीज ने कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान असम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को ‘‘बाजार से अधिक कीमत’’ पर पीपीई किट्स की आपूर्ति करवाई की थी।

सरमा के वकील देवोजीत सैकिया ने कहा, “मनीष सिसोदिया ने चार जून को नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उनके मुवक्किल हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने विशेष रूप से दावा किया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सरमा की पत्नी के सह-स्वामित्व वाली कंपनी से अधिक कीमत पर पीपीई किट की खरीद की थी। यह खरीद 2020 में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान की गई थी। उस समय सरमा असम के स्वास्थ्य मंत्री थे।”

सैकिया ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा, “सरमा ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से व्यथित होने और बाद में मामले पर कोई स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करने का फैसला किया है।”

उन्होंने दावा किया कि जेसीबी इंडस्ट्रीज ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को ये पीपीई किट दान में दिए थे।

ईडी के समन पर भड़के संजय राउत, कहा- चाहे गर्दन काट लो, नहीं जाऊंगा गुवाहाटी

ED के समन पर भी राउत की प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे अभी मालूम पड़ा कि ईडी ने समन भेजा है। अच्छा है। महाराष्ट्र में बड़ा घटनाक्रम चल रहा है। हम सब बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें रोकने के लिए यह सारी कारस्तानी की जा रही है। मेरी गर्दन भी काट लो तो भी मैं गुवाहाटी का मार्ग स्वीकार नहीं करूंगा। आओ मुझे गिरफ्तार करो। जय हिंद’टी का रास्ता नहीं अपनाऊँगा।” इसके साथ ही उन्होंने लिखा था, “मुझे गिरफ्तार करो! जय हिन्द!” वहीं, मराठी भाषा में लिखे गए अपने ट्वीट में उन्होंने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को भी टैग किया था।

महाराष्ट्र (ब्यूरो)। डेमोक्रेटिक फ्रंट, मुंबई :

महाराष्‍ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। श‍िवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खास स‍िपहसालार संजय राउत की मुश्‍क‍िल बढ़ गई है। प्रवर्तन न‍िदेशालय (ED) ने पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत के ख‍िलाफ समन जारी क‍िया है। ईडी ने संजय राउत को 28 जून, मंगलवार को पूछताछ के ल‍िए तलब किया है।

वहीं ED के समन पर भी राउत की प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे अभी मालूम पड़ा कि ईडी ने समन भेजा है। अच्छा है। महाराष्ट्र में बड़ा घटनाक्रम चल रहा है। हम सब बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें रोकने के लिए यह सारी कारस्तानी की जा रही है। मेरी गर्दन भी काट लो तो भी मैं गुवाहाटी का मार्ग स्वीकार नहीं करूंगा। आओ मुझे गिरफ्तार करो। जय हिंद’

पात्रा चॉल की जमीन को लेकर 1,034 करोड़ रु. के घोटाले की बात कही है।

ED ने 1,034 करोड़ रुपए के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में महाराष्ट्र के बिजनेसमैन और राउत के करीबी प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस केस में संजय राउत का नाम भी जुड़ा। 5 अप्रैल को ED ने इसी मामले में राउत के अलीबाग वाले प्लॉट के साथ दादर व मुंबई में एक-एक फ्लैट को भी कुर्क कर लिया था।

जब ED ने प्रवीण को पकड़ा तो संजय राउत का नाम सामने आया। प्रवीण शिवसेना सांसद संजय राउत का दोस्त है। प्रवीण की पत्नी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 83 लाख रुपए का कर्ज भी दिया था, जिसका इस्तेमाल राउत परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था। जब जांच शुरू हुई तो वर्षा ने 55 लाख रुपए प्रवीण की पत्नी को लौटा दिए।

पात्रा चॉल मामले में गिरफ्तार हुए प्रवीण शिंदे और संजय राउत की पत्नी वर्षा के बीच बड़ी रकम के लेन-देन की बात कही गई थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिस एचडीआईएल ने ये दोनों जमीन घोटाले किए थे, उसके डायरेक्टर प्रवीण राउत, सारंग वधावन, राकेश वधावन हैं। प्रवीण राउत और सारंग को 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। तब दोनों से पूछताछ में शिवसेना सांसद संजय राउत का कनेक्शन सामने आया था। बता दें कि प्रवीण राउत शिवसेना सांसद संजय राउत के दोस्त हैं।

गौरतलब है कि 5 अप्रैल, 2022 को पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में ED ने शिवसेना सांसद संजय राउत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति कुर्क कर ली थी। इस कार्रवाई के तहत जाँच एजेंसी ने राउत के अलीबाग स्थित आठ प्लॉट और दादर में एक फ्लैट को कुर्क किया था।

इसी मामले में ED ने प्रवीण राउत से जुड़ी करोड़ों की संपत्ति को भी कुर्क किया था। ED ने 11 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। इसमें पालघर में प्रवीण राउत से जुड़ी संपत्ति करीब 9 करोड़ रुपए की है। जबकि 2 करोड़ की कीमत वाले दादर में फ्लैट और अलीबाग में प्लॉट संजय राउत की पत्नी का बताया जाता है।