मैं, हिमंत बिस्वा सरमा ज़िंदा हूं, तब तक असम में छोटी बच्चियों का विवाह नहीं होने दूँगा

सदन में विपक्ष पर भड़कने के बाद  सीएम सरमा ने ट्वीट भी किया, लिखा, कांग्रेस के लोग सुन लें, जब तक मैं, हिमंत बिस्वा सरमा ज़िंदा हूं, तब तक असम में छोटी बच्चियों का विवाह नहीं होने दूँगा। आप लोगों ने मुस्लिम समुदाय की बेटियों को बर्बाद करने की जो दुकान खोली है उन्हें पूरी तरह से बंद किए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे। दरअसल असम सरकार ने राज्य में बाल विवाह पर रोक के लिए मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून, 1935 खत्म कर दिया है। शुक्रवार देर रात हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। राज्य सरकार ने ’23 फरवरी को असम कैबिनेट ने एक अहम फैसला लेते हुए वर्षों पुराने असम मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून को वापस ले लिया गया है।

  1. मैं बाल विवाह की दुकान को 2026 से पहले बंद कर दूंगा: असम सीएम
  2. हमने मुस्लिम समुदाय के लिए कांग्रेस से ज्यादा काम किए: सीएम हिमंत
  3. राज्य से 2026 के पहले बाल विवाह खत्म किया जाएगा: सीएम हिमंत

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 26फरवरी     :

गुवाहाटी। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि जब तक वे जिंदा हैं तब तक मुसलमान बच्चों को लेकर व्यापार नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि 2026 से पहले वे असम में मुसलमान बच्चों को लेकर चल रहे दुकान को बंद करके रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 5, 6, 7 साल की बच्चियों की शादी कर उसका जीवन बर्बाद करने वाले इस कारोबार को बंद करके ही रहेंगे।

इस बयान के वीडियो को सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सीएम विधानसभा में कांग्रेस पर गरजते हुए कहते हैं, ध्यान से सुन लो, जब तक मैं जिंदा हूं, तब तक असम में बाल विवाह नहीं होने दूंगा। यह आप सुन लीजिए। मैं आपको राजनीतिक चैलेंज करना चाहता हूं कि 2026 से पहले से यह दुकान बंद कर दूंगा।

सोशल मीडिया पर सीएम हिमंता का असम विधानसभा में आक्रामक तेवर वाला यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, ”कांग्रेस के लोग सुन लें, जब तक मैं, हिमंता बिस्वा सरमा ज़िंदा हूं, तब तक असम में छोटी बच्चियों का विवाह नहीं होने दूंगा। आप लोगों ने मुस्लिम समुदाय की बेटियों को बर्बाद करने की जो दुकान खोली है, उन्हें पूरी तरह से बंद किए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे।”

बता दें कि हाल ही में असम की हिमंता सरकार ने मैरिज एक्ट पर बड़ा फैसला लिया था। इसमें राज्य में मुस्लिम मैरिज एंड डाइवोर्स एक्ट 1935 को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया था। इसके बाद अब असम में सभी शादियां स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत ही होंगी। इसके बाद से ही कांग्रेस के साथ कई अन्य मुस्लिम नेताओं के द्वारा हिमंता सरकार के इस फैसले के खिलाफ हल्ला बोला जा रहा है। इसी का जवाब आज विधानसभा में सीएम ने तल्ख लहजे में दिया।

असम की पूर्व महिला मंत्री ने बताया राहुल गाँधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में क्या हुआ, छोड़ी पार्टी

बिस्मिता गोगोई ने कहा कि उस दिन उनकी प्रतिष्ठा बर्बाद हो गई। उन्होंने पूछा कि जिस पार्टी में महिला विरोधी बातें होती हों, उसे लोग कैसे रोक सकते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें हर कदम पर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। बिस्मिता गोगोई ने बताया कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि वह उसके काम में शामिल हों। महत्वपूर्ण निर्णय लेने में उनकी भागीदारी समाप्त कर दी गई। कांग्रेस और ‘ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU)’ के 150 से ज्यादा नेता रविवार (28 जनवरी, 2024) को बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

पूर्व मंत्री बिस्मिता गोगोई

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, गुवाहाटी/चंडीगढ – 29 जनवरी :

असम में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्‍याय यात्राा के बाद गुवाहटी में 150 से अधिक कांग्रेस और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) कार्यकर्ता रव‍िवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। बीजेपी में शाम‍िल होने वाले बड़े नेताओं में पूर्व मंत्री बिस्मिता गोगोई, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जीबा कांता गोगोई की बेटी, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अंजन दत्ता की बेटी अंगकिता दत्ता और एएएसयू के पूर्व अध्यक्ष दीपांका कुमार नाथ शामिल हैं।

कांग्रेस नेताओं ने असम भाजपा मुख्यालय में राज्य भाजपा अध्यक्ष भाबेश कलिता और मंत्री पीयूष हजारिका और जयंत मल्ला बरुआ की मौजूदगी में पार्टी में शाम‍िल हुएपूर्व मंत्री बिस्मिता गोगोई आपको बता दें क‍ि यह दलबदल कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मणिपुर से गुजरात भारत जोड़ो न्याय यात्रा के असम की यात्रा के कुछ दिनों बाद हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे यहां सार्वजनिक रूप से ब्लाउज के बारे में बात करने तक में परेशानी हो रही है । यह घटना भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हुई थी, जो खुमतई में प्रदेश स्तर पर निकाली गई थी। यात्रा के दौरान मैंने वो ड्रेस पहनी थी। उन्हें लगा कि यह संकेत है कि मैं भाजपा में जाने की योजना बना रही हूं। यहां तक कि शीर्ष नेतृत्व भी इस मुद्दे पर राजीव भवन में बात कर रहा था।’

उन्होंने बताया कि इस घटना से उन्हें गहरा धक्का लगा था और रोना आ गया था। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘यह महिलाओं के लिए अपमान की बात है। मुझे उस घटना से दुख पहुंचा था। जब मैंने इसके बारे में सुना तो मुझे रोना आ गया था। मेरा सम्मान उस दिन ही खत्म हो गया था। अगर पार्टी में महिला विरोधी बातें होती रहेंगी, तो लोग पार्टी में कैसे रुकेंगे? हर कदम पर मेरा मानसिक शोषण किया गया। वे मुझे काम में शामिल नहीं करना चाहते थे। मुझे कई बड़े चर्चाओं से दूर रखा गया।’

बिस्मिता गोगोई ने कहा कि उस दिन उनकी प्रतिष्ठा ख़त्म कर दी गई थी। उन्होंने पूछा कि जिस दल में महिला विरोधी बातें होती हों, वहाँ लोग कैसे रोक सकते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि हर कदम पर उनकी मानसिक प्रताड़ना की गई है। बिस्मिता गोगोई ने बताया कि कॉन्ग्रेस नहीं चाहती थी कि वो उसके कामकाज में शामिल हों। महत्वपूर्ण फैसले लेने में उनकी सहभागिता खत्म कर दी गई। कॉन्ग्रेस और ‘ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU)’ के 150 से अधिक नेता रविवार (28 जनवरी, 2024) को भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

असम की ही एक अन्य महिला नेता अंगकिता दत्ता भी यूथ कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास BV पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इसके बाद काॅन्ग्रेस ने डॉ अंगकिता दत्ता को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था, “श्रीनिवास पिछले छह महीनों से उन्हें परेशान और प्रताड़ित कर रहे हैं। लैंगिक टिप्पणी करते हैं। अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से इसकी शिकायत करने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं।”

हरियाणा में पत्रकरों के कल्याण, सुरक्षा और सुविधाओं की हो रही अनदेखी : दीपेंद्र

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकूला – 04 जुलाई :

पंचकूला,3 जुलाई। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र ङ्क्षसह हुड़ा का कहना है कि मीडिया के क्षेत्र में आज काफी बदलाव आ गया है। प्रिंट मीडिया और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के बाद अब सोशल मीडिया भी काफी प्रभावशाली हो गया है। मगर अब बदलते समय के साथ मीडिया के हालात भी काफी बदल गये हैं। अब बड़े बड़े मीडिया हाउस के पत्रकारों को उपरी दबाब के साथ साथ बड़े बड़े कारपोरेटस हाउसेस से आने वाले दबाब का भी सामना करना पड़ता है, जिसके चलते कई बार सत्तारुढ़ दल व प्रशासन के खिलाफ उठने वाली बात भी दबा दी जाती है। आज ज्यादातर पत्रकार न तो खुलकर लिख सकते हैं और न ही बोल पाते हैं।

सांसद दीपेंद्र सिंह हुड़ा यहां वर्किंग जर्नलिस्ट युनियन ऑफ हरियाणा द्वारा आल इंडिया जर्नलिस्ट युनियन के देश भर से आये प्रतिनिधियों के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विदेशी अखबारों के साथ साथ स्वदेशी अखबारों के पाठकों की संख्या में भी काफी गिरावट आई है। जबकि सोशल मीडिया पर खबरें जानने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। विभिन्न राज्यों से आये पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधियों तथा इंडिया जर्नलिस्ट युनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के सदस्य विनोद कोहली, महासचिव सवा नायकन तथा प्रेस कौंसिल आफ ंइडिया के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश दुबे का हरियाणा आने पर स्वागत करते हुए श्री हुड़ा ने कहा कि तीन दिनों तक चले युनियन के अधिवेशन में अन्य मुद्दों के आलावा अवश्य इस बात पर भी चर्चा हुई होगी कि पत्रकारों की छिन रही आजादी को कैसे बचाया जाए। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में यह बात लाई गई है कि हरियाणा में किस तरह से छोटे छोटे अखबारों के पत्रकारों को एक्रीडिटेशन तथा समाचारपत्रों को विज्ञापन के लिए अनदेखा किया जा रहा है। इसके आलावा भी प्रदेश में आज पत्रकारों को अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हुड़ा सरकार ने अपने कार्यकाल में पत्रकारों के लिए अनेकों कल्याणकारी सुविधायें शुरु की थीं,मगर अब अगर पत्रकार परेशान हैं तो हम एक मजबूत विपक्ष के नाते पत्रकारों की इस समस्याओं को विधानसभा में उठायेंगे। और अगर सरकार फिर भी नहीं मानी तो सत्ता में वापिस आते ही इन सभी समस्याओं का हल करेंगे।

उनसे से पहले बोलते हुए इंडियन जर्नलिस्ट युनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कोहली ने बताया कि यह पत्रकारों की यह युनियन देश में सबसे बड़ा संगठन है और लगभग हर राज्य में इसकी ईकाईयां हैं अथवा वहां के पत्रकार संगठन इससे संबंद्ध हैं। उन्होंने युनियन द्वारा पत्रकारों के लिए वेज वोर्ड की सिफारिशें लागू करवाने की जानकारी भी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि आज की स्थिति यह है कि देश में पत्रकार दबाब में पत्रकारिता करने को मजबूर हैं। सच दिखाने व लिखने की हिम्मत बहुत ही कम दिखाई दे रही है। वर्किंग जर्नलिस्ट युनियन ऑफ हरियाणा के अध्यक्ष अशोक कुमार, उपप्रधान गौतम धीर,महासचिव सारिका तिवारी व कोषाध्यक्ष भरत भंडारी व कार्यकारिणी सदस्य एसके जैन व मेनपाल ने मुख्यातिथि व आये हुए वरिष्ठ मेहमानों को बुके व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

डिब्रूगढ़ में आयोजित योग महोत्सव में हजारों लोगों ने किया योगाभ्यास

  • डिब्रूगढ़ में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 75वें काउंटडाउन पर आयोजित ‘योग महोत्सव’ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के मैदान में कॉमन योगा प्रोटोकॉल (सीवाईपी) का अभ्यास किया।

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़   07  अप्रैल :

कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने कहा कि “यह बहुत खुशी और गर्व की बात है कि डिब्रूगढ़ इस अद्भुत वातावरण में ‘योग महोत्सव’ की मेजबानी कर रहा है। हम योग को स्वस्थ और बेहतर कल की दिशा में एक वैश्विक आंदोलन बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन को आगे बढ़ा रहे हैं।

 योग को जीवन के एक तरीके के रूप में बढ़ावा देने का हमारा प्रयास न केवल हमारे स्वास्थ्य को समृद्ध करेगा बल्कि हमारे प्रधानमंत्री के विजन ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण में भी निर्णायक भूमिका निभाएगा।”

केंद्रीय आयुष मंत्री ने आगे कहा कि “योग महोत्सव के इस विशेष अवसर पर जो ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ पर मनाया जा रहा है, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय डिब्रूगढ़ में 100 बिस्तरों वाला योग और प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल स्थापित करने जा रहा है। यह अस्पताल क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल के केंद्र के रूप में डिब्रूगढ़ को और मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निरंतर समर्थन के साथ मैं असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा का उत्तर-पूर्व में अपनी तरह के एकमात्र केंद्र को पूर्ण समर्थन देने के लिए वास्तव में आभारी हूं। यह केंद्र असम के लोगों को योग और प्राकृतिक चिकित्सा आउट-पेशेंट और इन-पेशेंट उपचार प्रदान करके क्षेत्र की स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा। एमडीएनआईवाई और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के बीच योग चिकित्सकों का व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर हुआ, जो योग को हर किसी की स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा।”

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 75वें काउंटडाउन पर आयुष मंत्रालय ने आज डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय परिसर में ‘योग महोत्सव’ का आयोजन किया। तंजानिया, युगांडा, केन्या, टोगो, नेपाल, नाइजीरिया, लेसोथो, बोत्सवाना, मिस्र, नामीबिया और कोरिया के अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के अलावा हजारों छात्रों, योग के प्रति उत्साही लोगों ने आज यहां योग महोत्सव में भाग लिया और इसे शानदार सफलता दिलाई।  कार्यक्रम में एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. ईश्वर वी. बसवराड्डी ने मौजूद लोगों को सीवाईपी का अभ्यास करने के लिए निर्देशित किया।

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ दायर की हाई कोर्ट में जनहित याचिका

  • एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने हाई कोर्ट में कहा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ चलाये जा रहे ऑपरेशन में पंजाब पुलिस के साथ एनआईए व ईडी को भी जोड़ने के आदेश दे हाईकोर्ट, ताकि अमृतपाल को कौन फंडिंग कर रहा बेंनकाब हो

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, अंबाला –20 मार्च :

हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट अतुल लखनपाल द्वारा दायर जनहित याचिका में आतंकियों को रिहा करवाने को लेकर जाम रोड को तुरंत खुलवाने के आदेश देने की हाईकोर्ट से मांग,

शांडिल्य ने हाई कोर्ट को बताया कि नवंबर 2022 व फरवरी 2023 में पंजाब के राज्यपाल को ज्ञापन देकर बताया था कि अमृतपाल सिंह बताया था आतकवादी व आईएसआई का एजेंट व हथियार जब्त करने की मांग भी कर चुके, नही जागी तक पंजाब सरकार

अम्बाला एंटीः टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने आज वारिस पंजाब के प्रमुख व पंजाब में खलिस्तानी मुहिम चलाने वाले अमृतपाल सिंह के खिलाफ खिलाफ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका सीनियर एडवोकेट अतुल लखनपाल व अर्जुन लखनपाल द्वारा दायर की। जिस पर बुधवार तक सुनवाई होने की उम्मीद है। शांडिल्य ने आज पत्रकारो से बातचीत करते हुए कहा कि वह 25 साल से आतंकवाद, खालिस्तानी मुहिम व बब्बर खालसा के आतंकवादियो के खिलाफ जमीनी व कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं और जब से पंजाब में खलिस्तानी मुहिम अमृतपाल चला रहा है उनका एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया उन्हें लगातार ललकार रहा है और 12 नवंबर 2022 व 4 फरवरी 2023 को पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को ज्ञापन देकर मांग कर चुके है कि अमृतपाल आतंकवादी है आईएसआई का एजेंट ही नही बब्बर खालसा के आतंकवादियो का भी अमृतपाल सिंह को सरक्षण है बता चुके हैं और अमृतपाल सिंह के साथ चल रहे हथियार बंद कट्टरपंथियों के हथियार जब्त करने व उनके लाइसेंस रद्द करने को लेकर भी राज्यपाल पंजाब को ज्ञापन दे चुके हैं, पंजाब के सीएम सहित उच्च अधिकारियों को अमृतपाल के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर चुके हैं। लेकिन कोई एक्शन न होने पर आज एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया की तरफ से जनहित याचिका दायर की और उसमें हाईकोर्ट से मोहाली सीमा चंडीगढ़ सीमा मटौर की सड़क को महीनों से बंद कर आतंकवादियो को रिहा करने वालो से रोड़ खाली करवाया जाए और बंदूकें, भाले, गंडसियो से लैस वारिस पंजाब, सहित रोड जाम करने वाले कट्टर पंथियों व आतकवादी परिवारों को लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की है।

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के सुप्रीमो शांडिल्य ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में मांग की है कि जो पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह व उनके साथियों को गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन छेड़ा उसमे एनआईए व ईडी को साथ जोड़ा जाए क्योंकि अमृतपाल सिंह को कहा से फंडिंग हो रही और कौन लोग विदेशों में बैठ पंजाब व देश की अमन शांति को आग लगा रहे हैं।और शांडिल्य ने कहा संविधान से बड़ा कोई धर्म नही ओर अमृतपाल ने संविधान को ललकारा ओर अजनाला व चंडीगढ़ पुलिस पर हमला कर देश मे दहशत फैलाने की साजिश रची इसको सजा मिले।

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया मुखी वीरेश शांडिल्य ने हाईकोर्ट से अहम मांग की है कि जो भी पंजाब सरकार अमृतपल सिंह को लेकर अभियान छेडे हुए है उसकी मॉनिटरिंग खुद करे क्योंकि अमृतपाल ने खालस्तानी मुहिम चला कर संविधान को ललकारा ओर सुप्रीम कोर्ट हो या देश के राज्यो के हाईकोर्ट संविधान के सुरक्षा कवच हैं। शांडिल्य ने कहा कि यह पहला मौका नही जब एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने किसी आतंकवादी के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की उन्होंने बताया कि जब 2004 में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों जगतार सिंह हवारा जो बब्बर खालसा का भारत प्रमुख व उसका आतंकी साथी, परमजीत सिंह भ्योरा व अन्य बुड़ैल जेल में 109 फुट की सुरंग खोदकर फरार हुए खिलाफ जनहित याचिका दायर की और उसके बाद इन आतंकवादियो को तिहाड़ हाई सिक्योरटी जेल में शिफ्ट किया और जब वहां से ये आतकवादी चंडीगढ़ बाई रोड दिल्ली,हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की सुरक्षा में लाखों का खर्च कर लाये जाते थे और जनता को खतरा अलग होता था जब ये जेल से भाग गए तो सड़क रास्ते से भगाना इनके लिए क्या मुश्किल था तो उनके संगठन ने 2010 में इन आतंकवादियों की पेशी चंडीगढ़ कोर्ट में तिहाड़ से वीसी से करने को।लेकर जनहित याचिका दायर की जिस पर हाईकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर बब्बर खालसा के इन आतंकवादियो की सुनवाई वीसी से शुरू हुई और पंजाब की अमन शांति को बचाया ।

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय …

नगालैंड – त्रिपुरा – मेघालय चुनाव का एग्जिट पोल

एग्जिट पोल के जरिए चुनाव में जनता ने कौन से दल पर भरोसा जताया और किस दल को लेकर उसका रुझान है इसका अनुमान लगाया जाता है। अगले साल लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं इसलिए ये विधानसभा चुनाव इस लिहाज से भी काफी अहम माने जा रहे हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों में उग्रवाद और घुसपैठ और विकास जैसे मुद्दे आम रहते हैं इसलिए इन चुनावों में भी यही मुद्दे छाए रहे हैं। अब एग्जिट पोल के जरिए ये अनुमान लगाया जाएगा कि कौन से दल पर जनता ने ज्यादा विश्वास जताया है।

अजय सिंगला। डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ :

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम दो मार्च को आने हैं, लेकिन सोमवार को एक्जिट पोल के अनुमानों के अनुसार त्रिपुरा में भाजपा की पहले से ज्यादा सीटों के साथ दमदार वापसी हो सकती है। कांग्रेस-वामदलों और भाजपा गठबंधन के बीच संघर्ष में पहली बार आए टिपरा मोथा की करामात कुछ खास क्षेत्र तक ही सीमित रह सकती है। फिर भी इसे नौ से ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं।

पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में विधानसभा चुनाव करवाए गए हैं, और मतगणना, यानी चुनाव परिणाम 2 मार्च, 2023 को घोषित किए जाएंगे। अलग-अलग मीडिया हाउस की ओऔर से कराए गए एक्ज़िट पोल में चुनावी नतीजों के रुझान सामने आ गए हैं। पोल ऑफ एक्ज़िट पोल के मुताबिक अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस राज्य में कौन सा दल सत्ता में आ सकता है। त्रिपुरा में एक ही चरण में 16 फरवरी को मतदान करवाया गया था, जबकि मेघालय और नागालैंड में भी एक ही चरण में सोमवार, 27 फरवरी को मतदान करवाया गया।

सोमवार को वोटिंग खत्म होने के बाद जी न्यूज-मेट्राइस,न्यूज 18-सी वोटर्स, इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया और टाइम्स नाउ-ईटीजी रिसर्च ने एग्जिट पोल जारी किए। नीचे दिए ग्राफिक्स में अलग-अलग राज्यों में इन एग्जिट पोल्स के अनुमान देख सकते हैं।

चुनाव आयोग ने नॉर्थ-ईस्ट के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव का ऐलान 18 जनवरी को किया था। तीनों राज्यों में फरवरी की 16 और 27 तारीख को वोटिंग हुई। सभी राज्यों में मतगणना 2 मार्च को होगी

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत, मंगलवार तक गिरफ्तारी पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को अंतरिम जमानत देते हुए राज्यों से पूछा है कि आखिर उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है । उनके खिलाफ तीनों एफआईआर को एक साथ लाकर एक कोर्ट में सुनवाई करने के लिए कहा गया है । हालांकि कोर्ट ने खेड़ा के खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी , जिसपर कोर्ट ने कहा कि वह एफआईआर को रद्द नहीं कर सकती । कोर्ट ने खेड़ा को लेकर कहा है कि यह अंतरिम राहत मंगलवार तक है , उन्हें तब तक रेगुलर बेल अप्लाई करनी होगी।  

कांग्रेसी नेता एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठै।- India TV Hindi

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली :

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा पर बड़ा फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी पुलिस और असम पुलिस को FIR एक साथ करने के लिए नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि खेड़ा के खिलाफ जो मामले अलग-अलग राज्यों में दर्ज है उन्हें एक जगह कर दिया जाए। साथ ही कोर्ट ने खेड़ा की गिरफ्तारी पर मंगलवार तक रोक लगा दी है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। इस दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने और कई राज्यों में दर्ज मुकदमों को एकसाथ जोड़कर रोक लगाने की मांग की है। सिंघवी की इस मांग पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी करते हुए कहा, “ठीक है हम सारी FIR एक जगह कर देते हैं।”

अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पवन खेड़ा के खिलाफ लखनऊ, बनारस और असम में केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने आज दिल्ली एयरपोर्ट पर पवन खेड़ा को रायपुर जाने नहीं दिया और फिर असम पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया।

इस दौरान सिंघवी ने कहा कि ‘यह पूरा मामला दरअसल कन्फ्यूजन का था कि असल नाम दामोदर दास या कुछ और…  मैं खुद टीवी पर बैठता हूं, मैं मानता हूं ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।’

इस पर असम सरकार की तरफ से पेश एएसजी एश्वर्या भाटी पेश ने कहा, “वीडियो देखिए क्या बयान जानबूझकर नहीं दिया गया था।” इसके बाद सीजेआई ने पवन खेड़ा का वीडियो देखा। इस दौरान एएसजी ने दलील दी, “पीसी में देखा जा सकता है कि किस तरह से हंस रहे थे, ये देश के पीएम के प्रति बोला जा रहा था।”

बता दें पवन खेड़ा को गुरुवार को यहां आईजीआई हवाईअड्डे से असम पुलिस के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। वह रायपुर जाने वाली उड़ान में सवार होने वाले थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। अब उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा, जहां असम पुलिस ट्रांजिट रिमांड मांगेगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर टिप्पणी के मामले में पवन खेड़ा पर असम के 15 जिलों में 15 मुकदमे दर्ज हैं।

पवन खेड़ा को असम पुलिस ने किया गिरफ्तार, 15 FIR हैं दर्ज

पवन खेड़ा ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर आपत्तिजनक बयान दिया था। इसके बाद से भाजपा भड़की हुई है। लखनऊ समेत अन्य शहरों में पवन खेड़ा के खिलाफ शिकायत भी दर्ज हुई है।पवन खेड़ा गुरुवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत भी मौजूद थे। जैसे ही पवन खेड़ा को रोका गया, ये नेता भी रनवे पर ही प्रदर्शन करने लगे।

Congress Claims police tried detain pawan khera at delhi airport ANN Pawan Khera Arrested: पवन खेड़ा गिरफ्तार, असम ले जाने की हो रही तैयारी, कांग्रेस बोली- तानाशाही का दूसरा नाम...
दिल्ली पुलिस ने करीब 2 घंटे के हंगामे के बाद पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया। खेड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा- “लड़ाई अभी लंबी है। देखते हैं आगे क्या होता है।”

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 23 फरवरी :

रायपुर के कांग्रेस अधिवेशन में जा रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन पर एक दिन पहले ही असम पुलिस ने कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर दीमापुर में केस दर्ज किया था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस पर दोपहर 3 बजे से सुनवाई करेगी।

इससे पहले खेड़ा को गुरुवार सुबह दिल्ली पुलिस ने फ्लाइट से उतार दिया था। खेड़ा रायपुर में शुक्रवार से शुरू हो रहे कांग्रेस के अधिवेशन में हिस्सा लेने जा रहे थे। इस कार्रवाई के विरोध में फ्लाइट में मौजूद दूसरे कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और विमान से उतर गए।

इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा को रायपुर जाने वाली उड़ान से नीचे उतार दिया गया। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल किया कि किस आधार पर खेड़ा को नीचे उतारा गया है और देश में कानून का कोई राज है या नहीं। बताया जाता है कि यह घटना इंडिगो की विमान संख्या 6 ई 204 में हुई और विरोध में कांग्रेस के कई नेता विमान से नीचे उतर गए।

असम के दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग थाने में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। असम के पुलिस महानिरीक्षक (लॉ एंड ऑर्डर) और प्रवक्ता प्रशांत कुमार भुइयां ने एएनआई से कहा, “मामले के सिलसिले में पवन खेड़ा की रिमांड लेने के लिए असम पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना हो चुकी है। हमने दिल्ली पुलिस से पवन खेड़ा को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया है। स्थानीय अदालत से अनुमति लेने के बाद हम उन्हें असम लाएंगे।”

दिल्ली पुलिस की तरफ से भी इस मामले में बयान जारी किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने कहा कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिल्ली हवाईअड्डे पर विमान में सवार होने से रोक दिया गया क्योंकि असम पुलिस ने उन्हें रोकने का अनुरोध किया था।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस बारे में कहा, “मुझे बताया गया है कि मेरे सामान को लेकर कुछ समस्या है, जबकि मेरे पास केवल एक हैंडबैग है। जब फ्लाइट से नीचे आया तो बताया गया कि आप नहीं जा सकते हैं. फिर कहा गया। आपसे डीसीपी मिलेंगे। मैं काफी देर से इंतजार कर रहा हूं। नियम, कानून और कारणों का कुछ अता-पता नहीं है।”

दरअसल, रायपुर में शुक्रवार से कांग्रेस पार्टी का महाधिवेशन होने वाला है। इसी सिलसिले में पवन खेड़ा पार्टी के अन्य नेताओं के साथ रायपुर जाने वाली फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर पहुंचे थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के सत्र को बाधित करने का यह प्रयास है, ठीक वैसे ही जैसे ईडी का छापा 20 फरवरी को मारा गया था।

कांग्रेस नेता दिल्ली से रायपुर इंडिगो की फ्लाइट से जाने वाले थे। फ्लाइट अभी भी नहीं उड़ पाई।

असम पुलिस के प्रवक्ता सुशांत भुयन ने भास्कर को बताया कि पवन खेड़ा के खिलाफ दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग में कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बुधवार रात केस दर्ज किया गया है। इन्होंने एक बयान दिया था, जिसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। असम पुलिस की एक टीम दिल्ली में मौजूद है। उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस को कहा गया है। लोकल कोर्ट से परमिशन के बाद उन्हें असम लाया जाएगा।

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘पवन खेड़ा पर ये कार्रवाई किस धारा के तहत कार्रवाई की है। वे आम नागरिक की तरह क्यों उड़ान नहीं भर सकते।। भाजपा हमारे अधिवेशन से बौखला गई है। पहले ईडी भेजते हैं और अब यह। अगर कुछ गलत किया है तो लुकाछिपी क्यों कर रहे हैं, कार्रवाई कीजिए। वजह सिर्फ यह है कि तानाशाह बौखलाया हुआ है। जब तक पवन खेड़ा नहीं आते, हम फ्लाइट को उड़ान नहीं भरने देंगे।’

20 फरवरी को पवन खेड़ा दिल्ली में पत्रकारों से बात कर रहे थे। हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर उन्होंने कहा था, ‘जब अटल बिहारी बाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतमदास मोदी को क्या समस्या है।’ अपने बयान में उन्होंने नरेंद्र दामोदरदास मोदी को गौतमदास मोदी कहा था।

इसके बाद उन्होंने आसपास खड़े लोगों से पूछा गौतम दास है या दामोदरदास। इसके बाद उन्होंने कहा कि नाम भले ही दामोदर दास है। उनका काम गौतमदास का है। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था।

20 फरवरी को लखनऊ महानगर भाजपा के अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने पवन खेड़ा के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है। उन्होंने गलत उद्देश्य के साथ यह बयान दिया था।

छत्तीसगढ़ में 20 फरवरी की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 6 कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर छापा मारा। इसमें विधायक और पार्टी पदाधिकारी शामिल थे। एजेंसी ने कोयला लेवी घोटाले में कार्रवाई की थी। छापा रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन से 4 दिन पहले मारा गया। कांग्रेस ने कहा कि ये कार्रवाई अधिवेशन को डिस्टर्ब करने के लिए है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस एक्शन पर कहा था, “पिछले 9 सालों में ED ने जो रेड की हैं उसमें 95% विपक्षी नेता हैं, और सबसे ज्यादा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ है।’

करोड़ों के शारदा घोटाले का कॉन्ग्रेसी – वामपंथी कनेक्शन – पी चिदंबरम की पत्नी समेत कई लोगों की संपत्ति जब्त

                        सारदा चिटफंड मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे लाभार्थियों की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है।

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पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे ‘‘लाभार्थियों” की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। 

सरिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी 8दिल्ली – 03 फरवरी :

                        प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने सारदा धनशोधन मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे ‘‘लाभार्थियों” की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। 

                        संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। इन संपत्तियों पर सारदा समूह और अन्य लोगों का स्वामित्व था, जो समूह द्वारा सृजित “अपराध की आय” के लाभार्थी थे। इसने कहा कि “लाभार्थियों” में नलिनी चिदंबरम, देवव्रत सरकार (ईस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी), देबेंद्रनाथ बिस्वास (पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं पूर्व माकपा विधायक) और असम के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दत्ता के स्वामित्व में रही अनुभूति प्रिंटर एंड पब्लिकेशंस शामिल हैं। 

                        ईडी ने अपने बयान में कहा, ”शारदा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देवेन्द्रनाथ विश्वास और असम के पूर्व मंत्री अंजन दत्ता की कंपनी ‘अनुभूति प्रिंटर और पब्लिकेशन’ जैसे लाभार्थियों के 6 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है।”

ईडी ने कहा:

इस समूह की कंपनी ने कुल 2,459 करोड़ रुपए जुटाए थे, जिसमें से ब्याज को छोड़कर 1,983 करोड़ रुपए अब तक जमाकर्ताओं को लौटाए गए हैं।

                        उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को ठगने के लिए कई लुभावने अवसर दिए थे। कुछ ही महीनों में रकम दोगुनी करने का सब्ज़बाग दिखाया गया था। करीब 10 लाख लोगों से पैसे लिए गए और जब लौटाने की बारी आई तो कंपनी ताला लगा कर भाग चुकी थी।

                        शारदा ग्रुप ने कई निवेश योजनाओं को बढ़ावा देकर पैसा इकट्ठा करना शुरू किया, जिसमें पर्यटन पैकेज, फॉरवर्ड ट्रैवल, होटल बुकिंग, क्रेडिट ट्रांसफर, रियस एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और मोटरसाइकिल निर्माण से जुड़ी कई योजनाएँ शामिल थीं। साल 2009 में बाज़ार नियामक सेबी का ध्यान शारदा ग्रुप पर गया था।

केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार ने मणिपुर के एक विद्रोही समूह जे.ड.यू.एफ. के साथ गतिविधियों की समाप्ति के समझौते पर हस्ताक्षर किए : गृह मंत्रालय 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 27 दिसम्बर :

            गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘उग्रवाद मुक्त और समृद्ध पूर्वोत्तर’ के विजन को साकार करते हुए और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में भारत सरकार और मणिपुर सरकार ने एक दशक से अधिक समय से सक्रिय जेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट (जेडयूएफ) के साथ आज नई दिल्ली में गतिविधियों की समाप्ति का समझौता किया। यह समझौता मणिपुर में शांति प्रक्रिया को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगा।

            इस समझौते पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय एवं मणिपुर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और जेडयूएफ के प्रतिनिधियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।सशस्त्र समूह के प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने और देश के कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते में सशस्त्र कैडरों के पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन का प्रावधान है।

            सहमति प्राप्त बुनियादी नियमों के कार्यान्वयन की देख-रेख के लिए एक संयुक्त निगरानी समूह का गठन किया जाएगा।