DGP से की तिवारी ने मांग की पिछले साल की तरह इस साल पुलिस छठ व्रतियों के साथ न करे ज्यादती

चंडीगढ़

पूर्वांचल विकास महासंघ ट्राईसिटी चंडीगढ़ के अध्यक्ष शशी  शंकर तिवारी ने चंडीगढ पुलिस महानिदेशक श्री प्रवीण कुमार रंजन से मांग की है की चंडीगढ शहर में तकरीबन लाखो की संख्या में महिला एवम पुरुष चंडीगढ में छठ व्रत को करते है ।

जिसमें बहुत ही विधि विधान से पूजा पाठ होती है ,लोग छठ घाट पर रात्रि में विश्राम भी करते है क्योंकि सुबह 4 बजे से ही लोगो को फिर सूर्य भगवान को अर्घ देने के लिए पानी में खड़ा रहना पड़ता है।

जो दूर दराज से आए छठ व्रतियों को फिर शाम को जाकर सुबह 4 बजे आना मुश्किल होता है ।

जिस कारण काफी संख्या में महिला पुरुष सेक्टर 42 छठ घाट झील के पास ही सो जाते है ।

जो पिछले साल  छठ में कुछ पुलिस अफसरों द्वारा सेक्टर 42 लेक पर छठ व्रतियों को रात में इसलिए लाठी चार्ज किया गया था  क्योंकि छठ घाट सेक्टर 42 में सो रहे थे , और उनसे कहा गया था की आप लोग

अभी खाली करके चले जाओ ।

जिसका काफी स्तर पर विरोध हुआ था। और DGP साहब के भी संज्ञान में लाया गया था।

शशि शंकर तिवारी ने DGP से आग्रह किया की , इस साल पहले ही सभी अफसरों को आगाह करदे की पिछले साल जैसे छठ व्रतियों के साथ कोई जयादती न हो और वैसे भी  DGP साहब बिहार के रहने वाले है छठ महापर्व के विषय में उन्हें विधिवत रूप से सब जानकारी है।

छठ व्रत से सबके मनोरथ पूर्ण होते हैं : परमहंस द्विवेदी

रंजना शुक्ला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़  –  09नवम्बर  :

 छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला महापर्व है जो भारत में मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है।  

 इसे और भी कई अन्य नामों जैसे डाला छठ, सूर्योपासना व्रत, षष्ठी व्रत और सूर्य व्रत के नाम से जाना जाता है । इसे प्रसिद्धि मिली डाला छठ से। अगर आस्था का पर्याय कहें छठ पूजन तो गलत नही होगा, प्रमाण के लिये एक बार बिहार में गुज़ार कर तो देखे आप को उत्तर मिल जाएगा। पूरे उत्तर भारत मे या कहें तो पूरे भारत वर्ष में शारदीय नवरात्र से शुरू हो कर छठ पूजन की समाप्ति तक लगभग एक माह तक त्यौहार और पर्व का माहौल छाया रहता है। यह समय हम सभी के लिए अत्यंत खुशी लेकर आता है। क्योंकि आज के इस भागम भाग की ज़िंदगी मे ये तीज और त्यौहार ही तो है, जो एक दूसरे को जोड़े हुए है। आज हम इन्ही त्यौहारों में अति महत्वपूर्ण त्यौहार महापर्व छठ की बात करेंगे।

यह छठ पर्व उत्तर भारत से लेकर मध्य भारत तक और मॉरीशस सहित तमाम अन्य देशों में भी  मनाया जा रहा है। इसे अंतरराष्ट्रीय पर्व कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह ऐसा पर्व है, जो नहाय खाय से शुरू हो कर खरना, डूबते सूर्य को अर्घ्य दे कर पुनः एक बार उगते सूर्य को अर्घ्य दे कर समाप्त होने वाला अत्यंत ही कठिन निर्जला व्रत है। यह अपने भव्यता और एकता के लिए सुविख्यात है। यह एक मात्र ऐसा पर्व है जिसमे डूबते सूरज को जल दिया जाता है, अर्थात अर्घ्य दिया जाता है।

ततपश्चात दूसरे दिन ही उगते सूरज भगवान को अर्घ्य दे कर इस महापर्व की समाप्ति की जाती है। यह अर्घ्य व्रती महिलाएं नदी, तालाब में कमर तक पानी मे जाकर देती है सूर्य देवता का स्मरण करके। व्रती महिलाएं, पुरुष और बच्चे छठ के प्रसाद के साथ व्रत का पारण करते हैं।

छठ क्यो मनाते हैं? 

भारत मे मुख्य रूप से दो प्रकार के छठ का वर्णन है। पहला चैती छठ और दूसरा कार्तिक छठ है।

कार्तिक शुक्ल पक्ष के चतुर्थी को नहाय – खाय, पंचमी को खरना, षष्ठी को निर्जला व्रत के साथ सन्ध्या अर्घ्य और सप्तमी को उषा काल मे सूर्य देवता को अर्घ्य दे कर समाप्त कर प्रसाद से पारण किया जाता है।

हिन्दू मान्यता में सूर्य को यश, समृद्धि, प्रसिद्धि का देवता माना गया हैं इसलिए सर्वउद्देश्य, कार्यसिद्धि, पुत्र के तेजस्वी और दीर्घायु और अन्य शुभ फल प्राप्ति के उद्देश्य से यह व्रत किया जाता है।

सूर्य की उपासना करके ही मातायें सूर्य के समान तेज़ और यशस्वी पुत्र की कामना भी करती है, इसलिये इस पर्व को सर्वश्रेष्ठ पर्व और सर्वसिद्धि कामना वाला व्रत कहते है। पुत्र कामना पर बल इसलिये दिया जाता है कि हिन्दू मान्यता के अनुसार पुत्र ही आगे चल कर परिवार की सभी ज़िम्मेदारी को गृह मुखिया के रूप निभाता है।

ऐसा नही की यह व्रत केवल महिलाएं ही रखती है, पुरुष भी तथा बच्चे भी इस व्रत को रखते है। केवल ध्यान देना इस बात का होता है कि 36 घण्टे तक चलने वाले इस व्रत में साफ सफाई और पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है।

छठ पर्व का इतिहास

छठ पर्व का इतिहास देखें तो, इस पूजा में सूर्य उपासना के साथ छठी मैया का भी आहवान किया जाता है। यह पर्व भारत का सबसे पुराना त्यौहार है, जो वैदिक काल से चला आ रहा है। इस पर्व का उल्लेख तो महाभारत में भी मिलता है। अंग नरेश कर्ण सूर्यपुत्र थे और सूर्यभक्त भी थे, प्रतिदिन सूर्य भगवान की उपासना करते हुए कमर तक जल में खड़े होकर अर्घ्य दे कर पूजा को सम्पन्न करते थे। द्रोपदी ने भी पांडव के साथ इस पर्व पर सूरज भगवान की आराधना की थी।

कब मनाया जाता है?

हिंदी पंचांग की मान्यता के अनुसार कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाते है, तो ठीक दीवाली के 6 दिन बाद कार्तिक शुक्लपक्ष षष्ठी को छठ मनाया जाता है।

कैसे मनाते छठ पर्व?

इस त्योहार की तैयारी बिहार में या जहाँ भी मनाया जाता है वहाँ कई दिन पूर्व से शुरू हो जाती है जैसे कि..

सभी के लिए नया कपड़ा खरीदना, विभिन्न प्रकार के फल की खरीदारी, घर मे मीठी पूड़ी जिसे स्थानीय भाषा मे ठेकुआ भी कहते है जो प्रमुख रूप से सम्मलित किया जाता है। ठेकुआ को गेहूं के आटे के साथ चीनी या गुढ़ का प्रयोग करके बनाते है। इस पर्व में सब कुछ नया होता है। इस पूजन में सूप का बहुत ही महत्व है। चूंकि डाला छठ में किसी भी मूर्ति की पूजा नही किया जाता है बल्कि सूर्य देवता और छठी मैया का आह्वान किया जाता है। इस पूजा में नदी या तालाब के किनारे मिट्टी की वेदी बना कर इस पर ही पूजन की शुरुआत होती है।

आस्था के इस महापर्व ” डाला छठ ” को कोटि कोटि नमन।

पितरों के प्रति श्रद्धा का अनुष्ठान

पितरों के प्रति श्रद्धा का अनुष्ठान

धार्मि​क मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में किए गए इन कार्यों से पितरों को शांति मिलने के साथ ही वंशजों का पितृ दोष दूर होता है। यही नहीं पितरों का आर्शीवाद भी प्राप्त होता है। पितृ पक्ष में वंशजों के लिए अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करने का विधान है।

श्राद्ध पक्ष हमारी श्रद्धा का पक्ष

अश्वनी कुमार तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पटना – 28   सितम्बर :

श्राद्ध करने की 6 बड़े फायदे होते हैं !

तुलसी से पिण्डार्चन किए जाने पर पितरगण प्रलयपर्यन्त तृप्त रहते हैं। तुलसी की गंध से प्रसन्न होकर गरुड़ पर आरुढ़ होकर विष्णुलोक चले जाते हैं।

 पितर प्रसन्न तो सभी देवता प्रसन्न !

 श्राद्ध से बढ़कर और कोई कल्याणकारी कार्य नहीं है और वंशवृद्धि के लिए पितरों की आराधना ही एकमात्र उपाय है…

 आयु: पुत्रान् यश: स्वर्ग कीर्तिं पुष्टिं बलं श्रियम्।

पशुन् सौख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृपूजनात्।। (यमस्मृति, श्राद्धप्रकाश)

 यमराजजी का कहना है कि

  • श्राद्ध-कर्म से मनुष्य की आयु बढ़ती है।
  • पितरगण मनुष्य को पुत्र प्रदान कर वंश का विस्तार करते हैं।
  • परिवार में धन-धान्य का अंबार लगा देते हैं।
  • श्राद्ध-कर्म मनुष्य के शरीर में बल-पौरुष की वृद्धि करता है और यश व पुष्टि प्रदान करता है।
  • पितरगण स्वास्थ्य, बल, श्रेय, धन-धान्य आदि सभी सुख, स्वर्ग व मोक्ष प्रदान करते हैं।
  • श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करने वाले के परिवार में कोई क्लेश नहीं रहता वरन् वह समस्त जगत को तृप्त कर देता है।

 श्राद्ध कर्म क्यों ?

पूर्वजों द्वारा पितर श्रेणी धारण कर लेने की अवस्था में उनकी शांति तथा तृप्ति के लिए श्राद्ध-कर्मों का विधान है। ब्रह्म पुराण ने श्राद्ध की परिभाषा यह दी है – ‘जो कुछ उचित काल, पात्र एवं स्थान के अनुसार विधि द्वारा पितरों को लक्ष्य करके श्रद्धापूर्वक ब्राह्मणों को दिया जाता है, वह श्राद्ध कहलाता है।’

मिताक्षरा (याज्ञ. 1/217) ने श्राद्ध को इस तरह परिभाषित किया है – ‘पितरों का उद्देश्य करके (उनके कल्याण के लिए) श्रद्धापूर्वक किसी वस्तु का अथवा उनसे सम्बंधित किसी द्रव्य का त्याग श्राद्ध है।’

तीन पूर्व पुरुषों के पिण्डदान का सिद्धांत यह बताता है कि तीनों पूर्वजों की आत्माएं पचास अथवा सौ वर्षों के उपरान्त भी वायु में संतरण करते हुए चावल के पिण्डों की सुगंधि अथवा सारतत्व वायव्य शरीर द्वारा ग्रहण करने में समर्थ होती हैं। याज्ञवल्क्य स्मृति (1/269), मार्कण्डेय पुराण (29/38), मत्स्य पुराण (19/11-12) एवं अग्नि पुराण (163/41-42) में उल्लेख है कि पितामह (पितर) श्राद्ध में दिए गए पिण्डों से स्वयं संतुष्ट होकर अपने वंशजों को जीवन, संतति, संपत्ति, विद्या, स्वर्ग, मोक्ष आदि सभी सुख तथा राज्य देते हैं।

मत्स्य पुराण (19/3-9) में एक प्रश्न के उत्तर में कहा गया है कि पिता, पितामह एवं प्रपितामह, वैदिक उक्तियों के अनुसार क्रमशः वस्तुओं, रुद्रों एवं आदित्यों के समान रूप माने गए हैं। वे नाम एवं गोत्र, उच्चरित मन्त्र एवं श्रद्धा से अर्पित आहुतियों को समस्त पितरों के पास ले जाते हैं। यदि किसी के पिता (अपने सत्कर्मों के कारण) देवता हो गए हैं, तो श्राद्ध में दिया गया भोजन अमृत हो जाता है और वह उनके देवत्व की स्थिति में उनका अनुसरण करता है। यदि वे दैत्य हो गए हैं, तो वह उनके पास भांति-भांति आनन्दों के रूप में पहुंचता है। यदि वे पशु हो गए हैं, तो वह उनके लिए घास रूप में उपस्थित हो जाता है और यदि वे सर्प हो गए हैं, तो श्राद्ध-भोजन वायु बन कर उनकी सेवा करता है।

डॉ. पाण्डुरंग वामन काणे ने ‘धर्मशास्त्र का इतिहास’ (पृष्ठ 1199) में पुनर्जन्म एवं कर्म-विपाक सिद्धांत के आधार पर श्राद्ध-कर्म को अनुपयोगी बताने वालों को ग़लत ठहराते हुए लिखा है – ‘प्रतीत होता है कि (श्राद्ध द्वारा) पूर्वज-पूजा प्राचीन प्रथा है तथा पुनर्जन्म एवं कर्म-विपाक के सिद्धांत अपेक्षाकृत पश्चात्कालीन हैं और हिन्दू धर्म ने, जो व्यापक है (अर्थात सभी को स्वयं में समेट लेता है) पुनर्जन्म आदि के सिद्धांत ग्रहण करते हुए भी श्राद्धों की परम्परा को ज्यों का त्यों रख लिया है। एक प्रकार से श्राद्ध-संस्था अति उत्तम है। इससे व्यक्ति अपने उन पूर्वजों का स्मरण कर लेता है, जो जीवितावस्था में अपने प्रिय थे।’

श्रीगणेश : हमारे पारिवारिक देव

  • श्री गणेश कवि स्वरूप  हैं। अपने अंतःकरण में उनकी  स्थापना के बिना, सर्जनशीलता बिल्कुल असंभव!
  • यदि आप सोचते हैं कि आप दुनिया के सामने कुछ रचनात्मक परिणाम प्रस्तुत कर सकते हैं, तो आप श्री गणेश के आशीर्वाद के ऋणी हैं। उनके बिना मूलाधार स्थित रहते हुए, यह असंभव है।
  • यहां तक कि वेद व्यास को महाभारत लिखने के लिए श्री गणेश की मदद लेनी पड़ी थी।
  • श्री गणेश = मूलाधार = मरुतो  के गणपति = संतान से लेकर कविता तक सभी रचनात्मकता कर्मों के लिए मूल आधार ।

अश्वनी कुमार तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पटना – 25 सितम्बर :

मैं 100 साल पुरानी कुछ किताबें पढ़ रहा था। इन सभी में एक बात समान थी, मंगलाचरण। आरंभिक भाग सभी देवताओं, विशेषकर माँ सरस्वती और भगवान गणेश को समर्पित है।

निःस्वार्थ सार्वभौमिक यज्ञ को समर्पित आपके सभी रचनात्मक कार्यों की सफलता के लिए, श्री गणेश स्तुति करना महत्वपूर्ण है।

श्रीगणेश : हमारे पारिवारिक देव

भारतीय परिवारों में श्रीगणेश इतने घुल मिल गए हैं कि अब विश्वास ही नहीं होता कि स्मृतियों और पुराणकारों ने कभी उन्हें विघ्नेश लिखा, निवृत्ति के लिए विनायक स्नान की विधियां लिखीं। वे मंगल मूर्ति होकर हमारे हृदय और मन के सिंहासन पर विराजित हैं। उनका यह अद्भुत प्रभाव है कि वे प्रथम पूज्य है! श्रीगणेश ही आद्य मंगल के सूचक हैं…! कला में सबसे पहला अंकन उनका!

मित्रवर श्री राजदीप ने भगवान गणेश के हजारों स्वरूपों का संग्रह किया है। उनका साथ उदयपुर और राज्य सहित देश के अनेक चित्रकारों और कलाकारों ने भी दिया है। उदयपुर में उनकी लगाई प्रदर्शनी “श्रीगणेश दर्शन” को मैं देश की अनोखी प्रदर्शनी अनेक कारणों से मानता हूं। इसके समापन पर मुझे भारत में गणेशजी की व्याप्ति और विश्वास पर अपनी बात कहने का अवसर मिला! लगा कि गणेश की महिमा में इतना कहा जा सकता है कि अनेक शोध प्रबंध बन जाए!  राजदीप जी का यह सहस्र संग्रह कोटि संग्रह बने।

कहना न होगा कि एक जन्म में इतना बड़ा संग्रह कैसे खड़ा हो सकता है! उन्हें गणेश प्रिय हैं और गणेश को वे…!

गणेश पुराण – एक पठनीय उपपुराण

गणेश मंगलमूर्ति देवता हैं। हालांकि पूर्व काल में उनको विघ्‍नेश भी कहा जाता था। बौधायन ने उनके कई नामों का जिक्र किया है जो तर्पणादि पूजा के लिए स्‍मरणीय बताए गए हैं। धीरे-धीरे गणेश भारतीय जन जीवन में अति ही महत्‍वपूर्ण हो गए कि देवालयो में तक द्वार के शीर्ष देव बने। हर ग्रंथ की रचना में उनको प्रथम स्‍मरणीय माना जाने लगा।

गणेश को लेकर कई स्‍तोत्रों की रचना हुई, आथर्वशीर्ष पाठ तैयार हुए। गणेश गायत्री बनी। पुराण तक रचा गया। उप पुराणों में गणेश पुराण का स्‍थान खास माना गया है। क्‍या महाराष्‍ट्र, गुजरात और मध्‍यप्रदेश, राजस्‍थान अन्‍यत्र भी गणेश के प्रति अतिशय आस्‍था देखने को मिलती है। विदेशों में भी गणेश की पूजा होती आई है, बौद्ध धर्मानुयायी भी उनकी पूजा करते हैं। गणेश पुराण का अपना अलग ही रचना विधान है। इस पुराण के प्रथम उपासनाखंड में गणेशजी के आविर्भाव, उनके स्‍वरूप, उनके नाना अवतारों और उनकी उपासना से देवों, मुनियों और भक्‍तों के मनोरथ सिद्धि का वर्णन है। द्वितीय क्रीडाखंड में गणेशजी के नाना अवतारों, उनकी बाल लीलाओं तथा आसुरी शक्तियों के दमन तथा नाना चमत्‍कारों का वर्णन है…।

गणेशपुराण का अाज तक हिंदी अनुवाद नहीं था। यह संस्‍कृत में ही मिलता था, इस कारण पठन-पाठन से दूर ही रहा। पहली बार चौखंबा संस्‍कृत सीरिज ऑफिस, वाराणसी ने यह काम किया और पूर्वार्द्ध व उत्‍तरार्द्ध दो खंडों में यह विशालकाय पुराण प्रकाशित किया है। प्रकाशित होते ही यह मेरे हाथों तक पहुंचा, प्रकाशक को इस उपलब्धिमूलक कार्य के लिए बधाई। दोनों ही खंड पुराण अध्‍येताओं और पाठकों के लिए उपयोगी लग रहे हैं। मेरे लिए तो उपलब्धि इस अर्थ में है कि पुराणों के संग्राहक होने से एक महत्‍वपूर्ण पुराण मिल गया।

साभार : श्रीकृष्ण जुगनू

संसद में I.N.D.I.A. अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है 

जब अंग्रेज भारत में आए उस समय हमारे देश को हिन्दुस्तान कहा जाता था। हालांकि ये शब्द बोलने में उन्हें परेशानी होती थी।जब अंग्रेजों को पता चला कि भारत की सभ्यता सिंधु घाटी है जिसे ‘Indus Valley’ वैली भी कहा जाता है, इस शब्द को लैटिन भाषा में INDIA कहा जाता है तो अंग्रेजों ने भारत को ‘INDIA’ कहना शुरू कर दिया।

मणिपुर के मुद्दे पर संसद में संसद में बढ़ता जा रहा है गतिरोध, केंद्र के  खिलाफ विपक्ष ला सकता है अविश्वास प्रस्ताव – Johar LIVE
  1. मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है विपक्ष
  2. लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकता विपक्ष
  3. ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दलों की बैठक में लिया गया फैसला

सारिका तीवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली – 25 जुलाई :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (25 जुलाई, 2023) को भाजपा के संसदीय दल को संबोधित करने के दौरान विपक्ष के नए गठबंधन पर भी जम कर हमला बोला। बता दें कि विपक्ष ने यूपीए को अलविदा कहते हुए अपने गठबंधन का नाम ‘I.N.D.I.A’ रखा है, जिसे ‘इंडिया’ कह कर प्रचारित किया गया। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद दिलाया है कि आतंकी संगठन ‘इंडियन मुजाहिदीन’ और आक्रांता अंग्रेजों की ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ के नाम में भी तो इंडिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A.) पर निशाना साधे जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन पर पलटवार किया है। राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री इस गठबंधन को लेकर कुछ भी कहें, लेकिन हम ‘I.N.D.I.A’ है, जो मणिपुर को मरहम लगाने और हर महिला तथा बच्चे के आंसू पोंछने में मदद करेगा। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि यह विपक्षी गठबंधन मणिपुर में भारत की अवधारणा का पुनर्निर्माण करेगा।

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘I.N.D.I.A.’ को देश का अब तक का सबसे ‘दिशाहीन’ गठबंधन करार दिया और ईस्ट इंडिया कंपनी तथा इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों का हवाला देते हुए कहा कि केवल देश के नाम के इस्तेमाल से लोगों को गुमराह नहीं किया जा  सकता।

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन ‘I.N.D.I.A.’ में शामिल कुछ विपक्षी दल लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस ला सकते हैं। मंगलवार सुबह ‘I.N.D.I.A.’ के घटक दलों की बैठक में नोटिस सौंपने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।

दरअसल, संसदीय प्रणाली में नियम 198 के तहत यह व्यवस्था दी गई है कोई भी सांसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा अध्यक्ष के दे सकता है। ठीक ऐसी ही व्यवस्था राज्यों में मामले में विधानसभा में की गई है। केंद्र या राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने का मतलब है कि अब मंत्री परिषद ने सदन में अपना विश्वास खो दिया है। सदन में बहुमत उसके पक्ष में नहीं है। ऐसी स्थिति में सरकार गिर जाती है। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देना पड़ता है। 

सूत्रों ने कहा कि संघर्षग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद में बोलने के लिए मजबूर करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का यह एक प्रभावी तरीका होगा। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर पर सरकार को घेरने की विपक्ष की रणनीति राज्यसभा में भी जारी रहेगी। 

बता दें, 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र के पहले मणिपुर का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया जा रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद संसद के दोनों सदनों (लोकसभा  और राज्यसभा) में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया।

विपक्ष पीएम मोदी से मणिपुर पर सदन में जवाब देने की मांग पर अड़ा है, जबकि सरकार का कहना है कि वह मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं करने दे रहा है। सत्र का तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया।

बिहार में लाठीचार्ज, BJP नेता की मौत विजय कुमार सिंह जहानाबाद जिला भाजपा पार्टी में महामंत्री के पद पर कार्यरत थे

भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को शिक्षक, रोजगार समेत कई मुद्दों को लेकर विधानसभा मार्च का ऐलान किया था इसको लेकर सुबह से ही प्रशासन भी पटना के मुख्य चौक चौराहों पर पूरी तरीके से अलर्ट मोड पर थी। भारतीय जनता पार्टी का गांधी मैदान से विधानसभा के लिए पैदल मार्च लगभग 12:30 में गांधी मैदान से निकला लेकिन डाक बंगला चौराहा आते आते तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने रोक दिया। बीजेपी नेताओं को रोकने के लिए बिहार पुलिस के साथ-साथ सैप के जवानों की तैनाती की गई थी। इसके साथ मजिस्ट्रेट, सिटी एसपी और डीएसपी भी मौके पर मौजूद थे। पटना के डाकबंगला चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई और देखते ही देखते लाठीचार्ज हो गया।

Bihar BJP Leader Death LIVE: बीजेपी के मार्च पर लाठीचार्ज, जिला महासचिव की  मौत; PMCH में सुरक्षा बढ़ी, सुशील मोदी-शाहनवाज पहुंचे Bihar BJP Teachers  Protest Live today Patna ...
बीजेपी के मार्च पर लाठीचार्ज, जिला महासचिव की मौत

राजवीरेंद्र वशिष्ठ, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/पटना – 13जुलाई :

पटना में गुरुवार को भाजपा द्वारा आयोजित विरोध-प्रदर्शन एवं विधानसभा का घेराव में पुलिस के द्वारा किए गए लाठीचार्ज में हुई भगदड़ में जहानाबाद जिले के भाजपा के महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गई। विरोध प्रदर्शन में पटना के डाक बंगला चौराहे पर हुई भगदड़ के बाद भाजपा के लोगों ने विजय सिंह को इलाज के लिए पटना पीएमसीएच ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक विजय कुमार सिंह जहानाबाद जिला भाजपा पार्टी में महामंत्री के पद पर कार्यरत थे।

राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बीजेपी के जहानाबाद के महामंत्री विजय कुमार सिंह पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठियाँ चलाई। जिसके बाद वह रोड पर गिर गए और उनके माथें पर चोट आई। लेकिन रोड पर गिरने के बाद भी पुलिस उनपर लाठियाँ बरसाती रही। गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्हें तारा नर्सिंग होम भेजा गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद फिर उन्हें पीएमसीएसच भेजा गया मगर वहाँ भी डॉक्टरों ने उन्हें मृत ही बताया।

बिहार पुलिस ने विधानसभा तक होने जा रहे इस मार्च को रोकने के लिए भाजपा नेताओं पर आँसू गैस और पानी भी बरसाया था। लेकिन जब इन सबसे मार्च हीं रुका तो इन्होंने भाजपा नेताओं पर लाठी-चार्ज शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस ने भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्नीवाल और बिहार के विरक्ष विजय कुमार सिन्हा को भी पीटा। खबरों में बताया जा रहा है कि सिग्रीवाल को सिर में गंभीर चोटें आई गहैं। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, पूर्व डिप्टी सीएम रेनू देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

  • बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने अपराधी की तरह मेरे भाई की हत्या करवाई है। बीजेपी इस हत्या का बदला लेगी। जिस तरह लाठी चलवाने का काम किया गया, आंसू गैस चलाने का काम किया गया, इससे स्पष्ट है कि नीतीश कुमार भाजपा के लोगों की हत्या करवाना चाहते हैं।
  • लाठीचार्ज पर आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि टिकट कंफर्म करवाने के लिए भी हो सकता है बीजेपी नेता ने खुद को पिटवाया हो। उन्होंने कहा कि प्रशासन को जबरन उत्तेजित कीजिएगा तो ये हाल होगा ही।
  • जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि कानून का पालन तो करना ही होगा। डाक बंगला का क्षेत्र प्रतिबंधित है। कानून का सम्मान करना चाहिए।
  • बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने ट्वीट कर कहा, भाजपा कार्यकर्ताओं पर पटना में हुआ लाठीचार्ज राज्य सरकार की विफलता और बौखलाहट का नतीजा है। महागठबंधन की सरकार भ्रष्टाचार के किले को बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला कर रही है। जिस व्यक्ति पर चार्जशीट हुई है, उसको बचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता तक भूल गए हैं।
  • नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हमें खदेड़ा जा रहा है।
  • एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट शशिभूषण कुमार और सिपाही पवन पर पत्थर और मिर्ची पाउडर फेंका गया है।
  • बीजेपी विधायक नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार लोकतंत्र की हत्या करवा रहे हैं। लाठीचार्ज की जा रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं।
  • बीजेपी के प्रदर्शन को रोकने के लिए गांधी मैदान से आईटी गोलबंर तक 40 मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी। गांधी मैदान, डाक बंगला चौराहा, इनकम टैक्स गोलंबर, भाजपा ऑफिस के पास, आर ब्लॉक और विधानसभा के पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।

हरियाणा में पत्रकरों के कल्याण, सुरक्षा और सुविधाओं की हो रही अनदेखी : दीपेंद्र

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकूला – 04 जुलाई :

पंचकूला,3 जुलाई। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र ङ्क्षसह हुड़ा का कहना है कि मीडिया के क्षेत्र में आज काफी बदलाव आ गया है। प्रिंट मीडिया और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के बाद अब सोशल मीडिया भी काफी प्रभावशाली हो गया है। मगर अब बदलते समय के साथ मीडिया के हालात भी काफी बदल गये हैं। अब बड़े बड़े मीडिया हाउस के पत्रकारों को उपरी दबाब के साथ साथ बड़े बड़े कारपोरेटस हाउसेस से आने वाले दबाब का भी सामना करना पड़ता है, जिसके चलते कई बार सत्तारुढ़ दल व प्रशासन के खिलाफ उठने वाली बात भी दबा दी जाती है। आज ज्यादातर पत्रकार न तो खुलकर लिख सकते हैं और न ही बोल पाते हैं।

सांसद दीपेंद्र सिंह हुड़ा यहां वर्किंग जर्नलिस्ट युनियन ऑफ हरियाणा द्वारा आल इंडिया जर्नलिस्ट युनियन के देश भर से आये प्रतिनिधियों के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विदेशी अखबारों के साथ साथ स्वदेशी अखबारों के पाठकों की संख्या में भी काफी गिरावट आई है। जबकि सोशल मीडिया पर खबरें जानने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। विभिन्न राज्यों से आये पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधियों तथा इंडिया जर्नलिस्ट युनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के सदस्य विनोद कोहली, महासचिव सवा नायकन तथा प्रेस कौंसिल आफ ंइडिया के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश दुबे का हरियाणा आने पर स्वागत करते हुए श्री हुड़ा ने कहा कि तीन दिनों तक चले युनियन के अधिवेशन में अन्य मुद्दों के आलावा अवश्य इस बात पर भी चर्चा हुई होगी कि पत्रकारों की छिन रही आजादी को कैसे बचाया जाए। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में यह बात लाई गई है कि हरियाणा में किस तरह से छोटे छोटे अखबारों के पत्रकारों को एक्रीडिटेशन तथा समाचारपत्रों को विज्ञापन के लिए अनदेखा किया जा रहा है। इसके आलावा भी प्रदेश में आज पत्रकारों को अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हुड़ा सरकार ने अपने कार्यकाल में पत्रकारों के लिए अनेकों कल्याणकारी सुविधायें शुरु की थीं,मगर अब अगर पत्रकार परेशान हैं तो हम एक मजबूत विपक्ष के नाते पत्रकारों की इस समस्याओं को विधानसभा में उठायेंगे। और अगर सरकार फिर भी नहीं मानी तो सत्ता में वापिस आते ही इन सभी समस्याओं का हल करेंगे।

उनसे से पहले बोलते हुए इंडियन जर्नलिस्ट युनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कोहली ने बताया कि यह पत्रकारों की यह युनियन देश में सबसे बड़ा संगठन है और लगभग हर राज्य में इसकी ईकाईयां हैं अथवा वहां के पत्रकार संगठन इससे संबंद्ध हैं। उन्होंने युनियन द्वारा पत्रकारों के लिए वेज वोर्ड की सिफारिशें लागू करवाने की जानकारी भी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि आज की स्थिति यह है कि देश में पत्रकार दबाब में पत्रकारिता करने को मजबूर हैं। सच दिखाने व लिखने की हिम्मत बहुत ही कम दिखाई दे रही है। वर्किंग जर्नलिस्ट युनियन ऑफ हरियाणा के अध्यक्ष अशोक कुमार, उपप्रधान गौतम धीर,महासचिव सारिका तिवारी व कोषाध्यक्ष भरत भंडारी व कार्यकारिणी सदस्य एसके जैन व मेनपाल ने मुख्यातिथि व आये हुए वरिष्ठ मेहमानों को बुके व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

“अद्रा चढ़लई है तो बारिश होतई”

हमारे पुर्वजों और दादी नानियों का खगोल बोध हम सामान्य लोगों से बहुत आगे था और दूसरा ये कि सूर्य के तेज को शमन करने वाले उनके शत्रु राहु के नक्षत्र आर्द्रा में सूर्य धरती के लिए, मनुष्य जाति के लिए वरदान बनकर आते हैं। ये अंतर्विरोध भी समझना आवश्यक है।

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पीयूष पयोधि, बिहार – 29 जून :

बचपन में नानी और दादी के मुंह से सुनता था कि “अद्रा चढ़लई है तो बारिश होतई” और सच में बारिश होती थी। आजतक बिना अपवाद इस नक्षत्र में सूर्य के आते ही बारिश देखी ही देखी है।

अब आर्द्रा चढ़ना क्या होता है ये तब समझ में आया जब ज्योतिष शास्त्र को समझना शुरू किया। निरयन सूर्य 21 जून को जब मिथुन राशि में संचार करते हुए आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो इसे आर्द्रा चढ़ना कहते हैं। सूर्य का एक नक्षत्र में संचार की अवधि लगभग तेरह चौदह दिनों की होती है यानि जून का उत्तरार्ध और जुलाई के पहले तीन चार दिन तक सूर्य इस नक्षत्र में संचार करते हैं।

हमारे देश के लिए यह मान्यता है कि इस नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश करते ही धरती रजस्वला हो जाती हैं और बारिश होना निश्चित होता है। धरती बीज धारण के लिए तैयार हो जाती हैं। आर्द्रा के बाद सूर्य पुनर्वसु में 5 या 6 जुलाई को, पुष्य नक्षत्र में 20 जुलाई को, अश्लेषा में 3 या 4 अगस्त को, माध नक्षत्र में 17 अगस्त को, पूर्वा फाल्गुनी में 30 अगस्त को, उत्तराफाल्गुनी में 13 सितंबर को तथा हस्त नक्षत्र में 27 सितंबर को संचार करते हैं और ये अवधि सारी बारिश के लिए होती है। बारिश की शुरुआत आर्द्रा से होती है और ये अवधि किसानों के लिए इंद्र देव के स्वागत का अवसर होता है।

हम कृषिकारी लोगों के यहां इस नक्षत्र के स्वागतार्थ घर में सदियों से दाल भरी पूरी और खीर बनने का रिवाज है जो आज भी जारी है।

यहां दो बात बताना आवश्यक है। एक ये कि हमारे पुर्वजों और दादी नारियों का खगोल बोध हम सामान्य लोगों से बहुत आगे था और दूसरा ये कि सूर्य के तेज को शमन करने वाले उनके शत्रु राहु के नक्षत्र आर्द्रा में सूर्य धरती के लिए, मनुष्य जाति के लिए वरदान बनकर आते हैं। ये अंतर्विरोध भी समझना आवश्यक है।

हां ! जब भी बारिश होती है तो मीडिया इसे प्रकृति का कहर बताती है जबकि बरसात ईश्वर का वरदान है, इसे इसी रुप में लीजिए। प्रकृति के द्वारा धरती मां के श्रृंगार के इस अवसर को एंजॉय कीजिए।

आभास – अभिजीत सिंह

समुदाय विशेष को खुश करने के लिए हिंदू त्योहार का हो रहा दमन : बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का 14वां दिन हजारीबाग की रामनवमी में लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू हुआ। सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले सदन के बाहर भाजपा के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। विधायकों ने हजारीबाग की रामनवमी को विश्व प्रसिद्ध बताते हुए वहां लगाए जा रहे प्रतिबंधों पर हंगामा करते हुए कहा यह सरकार गूंगी-बहरी सरकार है जो तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। इसके बाद सदन की कार्रवाई शुरू हुई। सदन के भीतर भाजपा के विधायकों ने जय श्री राम के नारे लगाए। इसके बाद सदन 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। 12 बजे के बाद सदन शुरू हुआ। इसके बाद भी भाजपा विधायक हजारीबाग रामनवमी पर निर्णय लेने की मांग कर रहे हैं। सदन दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

रामनवमी को लेकर सदन के बाहर विपक्ष का हंगामा - Dainik Bhaskar

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, झारखंड ब्यूरो – 21 मार्च :

झारखंड विधानसभा मंगलवार (21 मार्च 2023) को जय श्रीराम के नारों से गूँज उठा। बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने सदन में अपना कुर्ता फाड़ लिया। बनियान पर लिखा ‘जय श्रीराम’ दिखाया। वे हजारीबाग में रामनवमी जुलूस को लेकर लगाई गई पाबंदियों का विरोध कर रहे थे। जायसवाल हजारीबाग सदर की सीट से विधायक हैं।

विधानसभा में भाजपा विधायक ने हेमंत सरकार को घेरते हुए कई तीखे सवाल किए। उन्होंने कहा कि रामनवमी को लेकर हजारीबाग में कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। डीजे पर रोक लगा दी गई। फैसले के खिलाफ आवाज उठाने वाले 5 हजार लोगों पर धारा 107 के तहत मुकदमा कर दिया गया है। क्या इस राज्य में हिंदू होना अपराध है? क्या हम तालिबान में रहते हैं?

हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि ये गूंगी बहरी सरकार है और केवल वोट बैंक का राजनीति कर रही है। दो चीजें स्पष्ट हैं पहला कि ये राम के नाम पर कांग्रेस का वोट साफ करने की कोशिश कर रही है। दूसरा एक समुदाय विशेष को खुश करने के लिए हिंदू त्योहार का दमन कर रही है। सरस्वती पूजा में भी ऐसा हुआ था। अब रामनवमी में भी ऐसा किया जा रहा है। कल हजारीबाग डीसी ने प्रेस कांफ्रेंस किया, जहां उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर अलाउड है। ताशा अलाउड है। ढ़ोल-बाजे अलाउड हैं। आप गाना भी बजा सकते हैं। लेकिन चलंत डीजे नहीं बजा सकते हैं। जब आपने गाना बजाने की अनुमति दे दी है तब आपको डीजे बजाने देने से क्या चिढ़ है। कहीं न कहीं यह दूसरे समुदाय को खुश करने की कोशिश है। ये हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं।

हजारीबाग की जनता रामनवमी को लेकर काफी संवेदनशील है। हजारीबाग के लोगों के अंदर आग सी सुलग रही है। चूंकि आपने हिंदुओं की भावना के साथ खेलने का काम किया है। जब तक सदन चल रहा है तब तक हम लोकतांत्रिक तरीके से रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे।

विधायकों ने हजारीबाग में आयोजित होने वाले हैं विश्व प्रसिद्ध रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान डीजे नहीं बजाने और वृहद स्तर पर पर जुलूस न निकालने के सरकार के आदेश को अविलंब रद्द करने की बात कही। इस पर विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि भगवान श्री राम के ऊपर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जब से झारखंड में जेएमएम कांग्रेस और राजद के गठबंधन वाली सरकार आई है तब से हर वर्ष हजारीबाग में आयोजित होने वाले रामनवमी के जुलूस पर अलग-अलग तरह से प्रतिबंध लगाकर हिंदुओं को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, जो भारतीय जनता पार्टी कभी उन्हें नहीं देगी।

24 जगहों पर ED के छापे, 1 करोड़ कैश, विदेशी करेंसी, ED ने कहा- 600 करोड़ की लेनदेन के सबूत मिले

केन्द्रीय एजेंसी ने कहा कि लालू प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों के लिए रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में किए गए निवेशों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। ईडी ने शुक्रवार को लालू प्रसाद के पुत्र व बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित परिसर सहित परिवार के सदस्यों के विभिन्न परिसरों पर छापा मारा। ईडी ने बयान में कहा, ईडी ने जॉब स्कैम के लिए रेलवे भूमि में 24 स्थानों पर तलाशी ली, जिसके परिणामस्वरूप 1 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी, यूएस $ 1900 सहित विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोना बुलियन और 1.5 किलो से अधिक सोने के आभूषण की बरामदगी हुई है।

ईडी छापे में बरामद...- India TV Hindi

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, नई दिल्ली/ पटना – 11 मार्च :

ईडी की कार्रवाई के बाद लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों की मुश्किलें बढ़ती हुए नजर आ रही हैं। शुक्रवार को ईडी के द्वारा पटना, रांची, दिल्ली, मुंबई के 24 जगहों पर छापेमारी की गई। इस दौरान दिल्ली के एनसीआर में तेजस्वी यादव जिस घर में रहते हैं वहां और अन्य जगहों पर भी छापेमारी की. ईडी के द्वारा जारी बयान में करोड़ों की संपत्ति का जिक्र किया गया है।

लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के यहां शुक्रवार की सुबह ही ईडी ने देशभर में 24 जगहों पर छापेमारी की। पटना में आरजेडी के पूर्व विधायक अबू दोजान और दिल्ली में तेजस्वी यादव जिस घर में रहते हैं वहां भी छापेमारी की गई। रेड के बाद ईडी द्वारा प्रेस रिलीज जारी कर इसकी विस्तृत जानकारी दी गई। ईडी ने जानकारी दी है कि उन्हें पहले उनके सूत्रों ने इनपुट दी जिसके आधार पर कार्रवाई की गई है।

इस बीच केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर बीजेपी नीत सरकार के खिलाफ विपक्षी दल साथ आ रहे हैं जो महा ठग बंधन है। ठाकुर ने कहा, सभी का अपना भ्रष्टाचार का मॉडल है। अब जब कार्रवाई हो रही है तो सब साथ आ रहे हैं. यह महागठबंधन नहीं है बल्कि महा ठग बंधन है।

मंत्री अनुराग ठाकुर ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बनाने के लिए करने का आरोप लगाने के लिए आम आदमी पार्टी (आआपा ), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को आड़े हाथ लिया।

दिल्ली में आबकारी नीति घोटाले के संदर्भ में ठाकुर ने कहा कि आप नेता मनीष सिसोदिया मामले में मुख्य आरोपी हो सकते हैं, लेकिन मुख्य कर्ताधर्ता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं. ठाकुर ने कहा, वी कौन है? किसने संदेश भेजा था कि ‘वी’ को पैसा चाहिए? अरविंद केजरीवाल आपका विजय नायर से क्या रिश्ता है? क्या आबकारी नीति बनाये जाते समय विजय नायर मौजूद था?

बीआरएस की नेता के. कविता द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने पर चुटकी लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले नौ साल में तेलंगाना की पार्टी ने केवल एक महिला के सशक्तीकरण के लिए काम किया।

मंत्री ठाकुर ने कहा, जब भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए तो आपको महिला सशक्तीकरण की बात सूझ रही है। तेलंगाना में लूट काफी नहीं थी, जो आप दिल्ली में आए हैं। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ जांच पर ठाकुर ने कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री का एक विशेष नारा था, आप मुझे भूखंड दीजिए, मैं आपको नौकरी दूंगा।