Chandigarh Police

Police Files, Chandigarh – 21 October, 2023

क्राइम ब्रांच आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले आरोपियों की धर पकड़ कर रहा है

संदीप सैंडी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 21 अक्टूबर :

क्राइम ब्रांच आए दिन लगातार नशीले पदार्थ आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले आरोपियों की धर पकड़ कर रहा है। वही पुलिस ने वेरका बूथ से दूध के क्रेट चोरी के मामले में आरोपी ऑटो चालक को ऑटो समेत गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान सेक्टर 52 के रहने वाले 24 वर्षीय हर्ष के रूप में हुई है। पुलिस ने मामले में आरोपी को जिला अदालत में पेश किया।

अदालत ने आरोपी को 14 दिन की न्यायकि हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने मामले में आरोपी के कब्जे से दूध के 10 खाली क्रेट और ऑटो भी कब्जेमें लिया है। जानकारी के मुताबिक पता चला है कि पुलिस को वीरवार गुप्त सूचना टेक्निकल तकनीक के जरिए सूचना मिली थी कि सेक्टर 16 स्थित वेरका बूथ दूध के खाली क्रेट चोरी करने वाला आरोपी एरिया में सक्रिय है। मामले को गंभीरता से लेते हुए और चंडीगढ़ पुलिस के आला अधिकारियों के दिशा निर्देशों के चलते सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर जसमिंदर सिंह की सुपरविजन में एएसआई हवा सिंह और उनकी टीम ने सेक्टर 38 स्मॉल चौक के पास नाका लगा लिया। नाके के दौरान सूचना के आधार पर जैसे ही ऑटो में सवार आरोपी आया पुलिस ने उसे रोककर पूछताछ के दौरान तलाशी ली तो पुलिस को ऑटो में से 10 दूध के खाली क्रेट मिले। पुलिस ने तुरंत मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह नशे का आदी है। नशे की लत को पूरा करने के लिए वह चोरी की वारदात को अंजाम देता है।

क्या था मामला जानकारी के मुताबिक पीड़ित शिकायतकर्ता नयागांव के रहने वाले सुशील कुमार ने पुलिस को बताया कि वह सेक्टर 16 स्थित वेरका बूथ चला रहा है। बीते दिन सुबह-सुबह एक अज्ञात ऑटो चालक ने दूध से भरी क्रेटें चुरा ली विरका बूथ के बाहर से वेरका दूध और 30 खाली वेरका दूध की क्रेटें मिलीं थी। जिसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई थी। थाना पुलिस ने मामले में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

क्राइम ब्रांच ने नशीले पदार्थों की सप्लाई करने वाले आरोपियों पर लगातार शिकंजा कसा

संदीप सैंडी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 21 अक्टूबर :

क्राइम ब्रांच ने नशीले पदार्थों की सप्लाई करने वाले आरोपियों पर लगातार शिकंजा कस रखा है। पुलिस आए दिन आरोपियों की धर पकड़ कर रही है। वहीं एक बार फिर क्राइम ब्रांच पुलिस ने हेरोइन सप्लाई करने वाले आरोपी तस्कर को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान पंजाब के जिला अमृतसर के रहने में हुई है। वाले 31 वर्षीय प्रदीप कुमार के रूप जानकारी अपराध शाखा सेक्टर 11.यूटी चांद चला है कि क्राइम ब्रांच पुलिस की के मुताबिक पता टीम चंडीगढ़ पुलिस के एसपी क्राइमकेतन बंसल के दिशा निर्देशों के चलते और क्राइम ब्रांच के डीएसपी उदयपाल सिंह की सुपरविजन में क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर सत्यवान और एएसआई जतिंदर कुमार और अन्य पुलिसकर्मियों की टीम वीरवार को एरिया में पेट्रोलिंग कर रही थी। पेट्रोलिंग के दौरान जब पुलिस सेक्टर 42 स्थित एक मंदिर के नजदीक पहुंची तो पुलिस ने शक के आधार पर युवक को रोककर पूछताछ के दौरान तलाशी ली तो उसके पास से 20.75 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। पुलिस ने तुरंत मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।आरोपी की प्रोफाइल पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी प्रदीप नशे का आदी है। इससे पहले पंजाब पुलिस ने आरोपी को नशीले पदार्थ के मामले में गिरफ्तार किया था। पकड़ा गया आरोपी हाल ही में जमानत पर बाहर आया था और चंडीगढ़ में नशा बेचने आया था। पकड़े गए आरोपी तस्कर को पुलिस ने जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी को पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। रिमांड के दौरान पुलिस ने मामले को लेकर और भी कई अहम जानकारी हासिल करनी है की नशा कहां से खरीद कर लाता था। और किस-किस जगह बेचता था। 

Case Registered Against Person Failed To Appear In Court

Case registered against person failed to appear in Court

A case FIR No. 367, U/S 174-A IPC has been registered in PS-36, Chandigarh on the orders  of  Dr. Amaninder Singh, CJM, UT, Chandigarh against Satbir Nijjer Managing Director, Nijjer Farm, Amritsar Rural (Pb) who was declared PO and he did not appear before the Hon’ble Court. Investigation of the case is in progress.

A case FIR No. 368, U/S 174-A IPC has been registered in PS-36, Chandigarh on the orders of Dr. Amaninder Singh, CJM, UT, Chandigarh against Mustkhama R/o Navi Mumbai Maharashtra and Yusuf Seria R/o Navi Mumbai Maharashtra who were declared PO and they did not appear before the Hon’ble Court. Investigation of the case is in progress.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से हो रही जालसाज़ी

जब आप “बिग इनकम” टेलीग्राम चैनल पर किसी को संदेश भेजते हैं, तो लैला राव की अमीर बनने की यात्रा के बारे में एक झूठी खबर तुरंत उन्हें भेज दी जाती है। अपने जीवन को बदलने के लिए लैला राव की प्रशंसा करने वाले कथित उपयोगकर्ताओं द्वारा धन हस्तांतरण और व्हाट्सएप संदेशों के कई काल्पनिक स्क्रीनशॉट दूसरे खाते से भेजे गए हैं। पुलिस ने दावा किया कि उस समय, निवेश के लिए धन की मांग शुरू हुई। “निवेश धोखाधड़ी को सभी को गंभीरता से लेना चाहिए। देश के हर राज्य में शिकायतें की गई हैं। साइबर अपराध पुलिस ने दावा किया कि धोखाधड़ी करने वाले कलाकार एक साथ कई न्यायालयों से काम कर रहे थे।

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 06अक्टूबर :

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में अभी ज्यादा लोग नहीं जानते लेकिन वित्तीय धोखाधड़ी करने वालों की इस तकनीक से आजकल चांदी ही चांदी है। सोशल मीडिया पर ऐसी आई डी धड़ले से लोगों को छल रही हैं। कहीं मुकेश अंबानी तो कहीं श्री श्री, तो कहीं सदगुरु जैसी शख्सियतों और सी एन एन, इंडिया टुडे, और अन्य कई चैनलों के लोगो का इस्तेमाल बडी सफाई से हो रहा है ।

विडियो और ऑडियो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से बदल कर लोगों को जाल में फंसाया जा रहा है।

इसी सिलसिले में ईशा फाउंडेशन ने आज सार्वजनिक सूचना जारी की जिसके अनुसार सदगुरु का ऐसे विज्ञापनों से कोई लेना देना नही। सार्वजनिक सूचना के अनुसार ” यह हमारे संज्ञान में आया है कि सूरज शर्मा, लैला राव और आमिर के नाम पर वित्तीय घोटाले फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित हो रहे हैं और ये सद्गुरु के वीडियो और छवियों का उपयोग कर रहे हैं और उनकी आवाज की क्लोनिंग भी कर रहे हैं।

हमने इसकी सूचना संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को दी है, जिसमें कहा गया है कि सद्गुरु इसमें शामिल नहीं हैं और वे नकली और धोखाधड़ी वाले हैं और हमने इनके खिलाफ पुलिस में साइबर शिकायतें भी दर्ज की हैं।

हम इसके द्वारा जनता के ध्यान में लाते हैं कि सद्गुरु किसी भी वित्तीय या निवेश योजना में शामिल नहीं हैं और ऐसी किसी चीज़ को बढ़ावा नहीं देते हैं। हम सभी संबंधित लोगों को सलाह देते हैं कि वे इस पर क्लिक करके और अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी प्रकट करके और इस धारणा के तहत अपना पैसा निवेश न करें कि सद्गुरु इसे बढ़ावा दे रहे हैं, ऐसे किसी भी वित्तीय घोटाले में शामिल न हों।

हमें यह भी उम्मीद है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाएंगी। यह जनहित में जारी किया जाता है”।

आपको बता दें तेलंगाना में ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं बावजूद इसके अभी तक सोशल मीडिया ऐसे विज्ञापनों की भरमार है।

पुलिस ने भी जनता को डेटा-फेसबुक पेज और “लैला राव” “सूरज शर्म” और अन्य कई लेबल वाले टेलीग्राम अकाउंट पर विज्ञापित ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी पर “सतर्क सावधानी” बरतने की चेतावनी दी है। यह चेतावनी तब जारी की गई जब अधिकारियों को पता चला कि कई मध्यम वर्ग की महिलाएँ धोखेबाज़ों के लालच और बड़ी रकम की चोरी का शिकार हो गई हैं। चेतावनी में दावा किया गया है कि लैला राव’ और महिलाओं को सशक्त बनाने के उनके अच्छी तरह से प्रलेखित प्रयासों की विशेषता वाली ऑनलाइन टेलीविजन बहस फिल्मों के नकली ऑडियोविजुअल बनाने के लिए हाई-प्रोफाइल व्यवसायियों की बातचीत का उपयोग कर रहे हैं।

धोखाधड़ी करने वाला ज़्यादातर अपना विज्ञापन करने के लिए डेटा-फ़ेसबुक का उपयोग करता है। कथित लैला राव के दैनिक व्यवसाय के वीडियो वहां पोस्ट किए गए हैं, जैसे कैप्शन के साथ, “मैं एक निवेशक हूं, अद्भुत मां और खुश पत्नी हूं। एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया, “मैं निवेश के साथ भारतीय महिलाओं की सहायता कर सकती हूं।” वे भी हैं टेलीग्राम पर “लैला सुपर”, “लैला – यूर इन्वेस्टमेंट गाइड”, “लैला राव बेस्ट” और कई अन्य चैनल चला रहे हैं।

जब आप “बिग इनकम” टेलीग्राम चैनल पर किसी को संदेश भेजते हैं, तो लैला राव की अमीर बनने की यात्रा के बारे में एक झूठी खबर तुरंत उन्हें भेज दी जाती है। अपने जीवन को बदलने के लिए लैला राव की प्रशंसा करने वाले कथित उपयोगकर्ताओं द्वारा धन हस्तांतरण और व्हाट्सएप संदेशों के कई काल्पनिक स्क्रीनशॉट दूसरे खाते से भेजे गए हैं। पुलिस ने दावा किया कि उस समय, निवेश के लिए धन की मांग शुरू हुई। “निवेश धोखाधड़ी को सभी को गंभीरता से लेना चाहिए। देश के हर राज्य में शिकायतें की गई हैं। साइबर अपराध पुलिस ने दावा किया कि धोखाधड़ी करने वाले कलाकार एक साथ कई न्यायालयों से काम कर रहे थे।

अब बात करते हैं सूरज शर्मा नामक आई डी की। सूरज शर्मा के जाल में फंसे एक व्यक्ति ने कंज्यूमर फोरम को इसी वर्ष 11 सितंबर को लिखी शिकायत में लिखा है कि वह अधिक पैसे पाने में मदद करने की कोशिश में पैसे मांगता है। जब पैसे का भुगतान किसी और की यूपीआई आईडी के माध्यम से किया जाता है तो वह कहता है कि वह कुछ घंटों में वापस आ जाएगा। फिर वह जीते हुए पैसे के साथ एक बधाई संदेश भेजता है, ऐसा लगता है कि यह सट्टेबाजी है और अलग से कमीशन देने के लिए कहता है जिसके बाद वह कहता है कि वह पुरस्कार राशि जारी कर देगा। जब उसे एक अलग यूपीआई आईडी के माध्यम से कमीशन का भुगतान किया जाता है, तो वह स्क्रीन शॉट मांगकर चाल चलता है, जब हम उस विशेष वार्तालाप स्क्रीन पर भेजने में सक्षम नहीं होते हैं। पता नहीं वह कैसे चाल चलता है और हम इस जाल में फंस गए हैं कि उसकी स्क्रीन पर स्क्रीन शॉट नहीं भेज पा रहे हैं जहां वह इतनी देर से बातचीत कर रहा था। भेजने में हमारी असमर्थता से वह हमें गुड बाय कह कर चला गया।

इस सब से सबक लेते हुए सरकारों को चाहिए कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कानूनी तौर पर नियंत्रित कर के इस्तेमाल करने का कोई प्रक्रिया बनाए और लागू करे जिससे इसका दुरुपयोग न हो।

रणबीर कपूर को ED ने तलब किया, ₹5000 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का है मामला

बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर को ED ने बुधवार को समन भेजा है। एजेंसी ने उन्हें 6 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप के 5 हजार करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में रणबीर का नाम आया है। केस के मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर की शादी में वे शामिल हुए थे। वहीं दूसरी तरफ दावा किया जा रहा है कि रामायण पर आधारित एक फिल्म में वो भगवान श्रीराम के किरदार में दिखने वाले हैं। रणबीर कपूर खुद को बीफ प्रेमी बताए जाने के कारण भी आलोचकों के निशाने पर रहे हैं।

रणबीर महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप ओनर सौरभ चंद्राकर की शादी में भी शामिल हुए थे
  • ED ने पाया है कि हवाला के जरिए 112 करोड़ रुपए का पेमेंट किया गया था। वहीं 42 करोड़ रुपए का पेमेंट कैश के जरिए किया गया था
  • ऑनलाइन गेमिंग महादेव ऐप मामले में 6 अक्टूबर 2023 को पूछताछ के लिए बुलाया गया है
  • रणबीर कपूर खुद को बीफ प्रेमी बताए जाने के कारण भी आलोचकों के निशाने पर रहे हैं

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 04 अक्टूबर :

बॉलीवुड के सुपरस्टार रणबीर कपूर अपने दमदार अभिनय के लिए काफी जाने जाते हैं। लेकिन मौजूदा समय में रणबीर का नाम विवादों में घिरता हुआ नजर आ रहा है। खबर है कि देश के प्रवर्तन निदेशालय ईडी की ओर से ब्रह्मास्त्र फिल्म कलाकार रणबीर कपूर को समन भेजा गया है। मालूम हो कि ऑनलाइन गेमिंग ऐप को लेकर अभिनेता के खिलाफ ईडी की ओर से कार्रवाई की गई है। 

दरअसल, जांच एजेंसी को शक है कि रणबीर कपूर ने महादेव ऐप को प्रमोट करने के लिए बहुत बड़ी रकम ली है।  बताया जा रहा है कि 12 से ज्यादा ‘ए’ लिस्ट के बॉलीवुड और टॉलीवुड के सितारे भी ईडी के रडार पर हैं और जल्द सबको समन किया जाएगा. इतना ही नहीं, कई स्पोर्ट्स सितारे भी जांच एजेंसी के शक के दायरे में हैं। 

इनमें टाइगर श्रॉफ, सनी लियोनी, नेहा कक्कर, आतिफ असलम, राहत फ़तेह अली खान, अली असगर, विशाल डडलानी, एली अवराम, भारती सिंह, भाग्यश्री, कीर्ति खरबंदा, नुसरत भरूचा, कृष्णा अभिषेक और सुखविंदर सिंह शामिल हैं। ED के अलावा कई राज्यों की पुलिस भी इस मामले की जाँच कर रही है। ED ने पाया है कि हवाला के जरिए 112 करोड़ रुपए का पेमेंट किया गया था। वहीं 42 करोड़ रुपए का पेमेंट कैश के जरिए किया गया था।

इस मामले में ED नेहा कक्कड़, सनी लियोनी, टाइगर श्रॉफ और नुसरत भरूचा से भी पूछताछ कर सकती है

एक रिपोर्ट की मानें तो इन एक्टर्स और सिंगर्स ने इस साल फरवरी में महादेव बुक ऐप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की शादी के फंक्शन अटैंड किए थे। दुबई में हुई इस शादी में सौरभ ने 200 करोड़ रुपए खर्च किए थे। शादी में इन सभी सेलेब्स ने परफॉर्म भी किया था।

इस मामले में टाइगर श्रॉफ, सनी लियोन, नुसरत भरुचा, नेहा कक्कड़, आतिफ असलम, राहत फतेह अली खान, अली असगर, विशाल ददलानी, एली अबराम, भारती सिंह, भाग्यश्री, कृति खरबंदा, कृष्णा अभिषेक और सुखविंदर सिंह समेत कई सेलेब्स से पूछताछ हो सकती है।

रिपोर्ट्स की मानें तो इन सभी कलाकारों ने इस साल फरवरी में महादेव बुक ऐप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की शादी का फंक्शन अटैंड किया था। दुबई में हुई इस शादी में सौरभ ने 200 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस मौके पर इन सभी सेलेब्स ने परफॉर्म किया था, जिसके लिए इन्हें मोटी रकम भी दी गई थी।

दुबई के आलीशान होटल में हुई इस शादी को मुंबई की इवेंट कंपनी R1 इवेंट ने ऑर्गेनाइज किया था। मुंबई में इस कंपनी के दफ्तर पर ED ने छापेमारी भी की है। पता चला है कि इस कंपनी को सौरभ चंद्राकर ने अवैध तरीके से हवाला के जरिए 112 करोड़ रुपए पहुंचाए, 42 करोड़ रुपए में तो सिर्फ होटल की बुकिंग हुई थी।

ED इन दिनों 5 हजार करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में दुबई से ऑनलाइन बेटिंग ऐप चलाने वाले सौरभ चंद्राकर और उसके बिजनेस पार्टनर रवि उप्पल के खिलाफ जांच कर रही है
  • छत्तीसगढ़ के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल मनी लॉन्ड्रिंग केस में वांटेड हैं। सौरभ कभी छत्तीसगढ़ के भिलाई में जूस बेचा करता था।
  • ED के सूत्रों की मानें तो चंद्राकर ने 18 सितंबर 2022 को दुबई के एक 7 स्टार होटल में एक पार्टी दी थी। इस पार्टी में कुछ बॉलीवुड सेलेब्स भी शामिल हुए थे, जिसके लिए उन्होंने 40 करोड़ रुपए चार्ज किए थे।
  • इसी साल फरवरी में हुई अपनी शादी में सौरभ ने अपने परिवार वालों को नागपुर से प्राइवेट जेट्स के जरिए दुबई बुलाया था। बॉलीवुड सेलेब्स, वेडिंग प्लानर्स, डांसर्स और डेकोरेटर्स भी मुंबई से दुबई पहुंचे थे। इसी शादी में इन 17 सेलेब्स ने परफॉर्म किया था।
  • पिछले साल दिसंबर से चल रही इस केस की इन्वेस्टिगेशन में अब जाकर बॉलीवुड कनेक्शन सामने आया है।
  • महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप एक गेम ऐप है जिसे 30 सेंटर्स से ऑपरेट किया जाता है। इसके प्रमोटर्स दुबई से हैं, जहां बेटिंग अवैध है। शुक्रवार को ही रायपुर, कोलकाता, भोपाल, मुंबई के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर 417 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त की गई है।

रणबीर कपूर पर इंडस्ट्री का काफी ज्यादा पैसा लगा हुआ है। उनकी अपकमिंग फिल्म एनिमल का बजट 100 करोड़ रुपए है। एनिमल एक ऐसी फिल्म है, जिसका इंतजार रणबीर कपूर के फैंस काफी समय से कर रहे हैं। उनकी पिछली फिल्म तू झूठी मैं मक्कार भी हिट रही थी। इस फिल्म में उन्होंने एक कूल, फंकी और लवर बॉय टाइप रोल प्ले किया था।

एनिमल ठीक इसके उलट है। इसमें रणबीर की आक्रामक छवि देखने को मिली है। खबर यह भी है कि नितेश तिवारी की रामायण बेस्ड फिल्म में रणबीर भगवान राम की भूमिका निभाएंगे। फिल्म से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इसका प्री-प्रोडक्शन का काम हो चुका है।

यश ‘KGF’ सीरीज के बाद पूरे देश में लोकप्रिय हो चुके हैं। हालाँकि, रणबीर कपूर खुद को ‘बिग बीफ गाय(guy)’ बता चुके हैं, ऐसे में उनके श्रीराम का किरदार अदा करने को लेकर विवाद खड़े हो सकते हैं। ये तीन फिल्मों की सीरीज होगी। 2024 की पहली तिमाही में इसकी शूटिंग शुरू होगी। पहली फिल्म में यश का एक्सटेंडेड कैमियो होगा। ऑस्कर विजेता कंपनी DNEG इसका VFX डिजाइन करेगी। फरवरी 2024 से लेकर अगस्त तक इसकी शूटिंग चलेगी, जुलाई में यश शूटिंग में शामिल होंगे।

पितरों के प्रति श्रद्धा का अनुष्ठान

पितरों के प्रति श्रद्धा का अनुष्ठान

धार्मि​क मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में किए गए इन कार्यों से पितरों को शांति मिलने के साथ ही वंशजों का पितृ दोष दूर होता है। यही नहीं पितरों का आर्शीवाद भी प्राप्त होता है। पितृ पक्ष में वंशजों के लिए अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करने का विधान है।

श्राद्ध पक्ष हमारी श्रद्धा का पक्ष

अश्वनी कुमार तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पटना – 28   सितम्बर :

श्राद्ध करने की 6 बड़े फायदे होते हैं !

तुलसी से पिण्डार्चन किए जाने पर पितरगण प्रलयपर्यन्त तृप्त रहते हैं। तुलसी की गंध से प्रसन्न होकर गरुड़ पर आरुढ़ होकर विष्णुलोक चले जाते हैं।

 पितर प्रसन्न तो सभी देवता प्रसन्न !

 श्राद्ध से बढ़कर और कोई कल्याणकारी कार्य नहीं है और वंशवृद्धि के लिए पितरों की आराधना ही एकमात्र उपाय है…

 आयु: पुत्रान् यश: स्वर्ग कीर्तिं पुष्टिं बलं श्रियम्।

पशुन् सौख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृपूजनात्।। (यमस्मृति, श्राद्धप्रकाश)

 यमराजजी का कहना है कि

  • श्राद्ध-कर्म से मनुष्य की आयु बढ़ती है।
  • पितरगण मनुष्य को पुत्र प्रदान कर वंश का विस्तार करते हैं।
  • परिवार में धन-धान्य का अंबार लगा देते हैं।
  • श्राद्ध-कर्म मनुष्य के शरीर में बल-पौरुष की वृद्धि करता है और यश व पुष्टि प्रदान करता है।
  • पितरगण स्वास्थ्य, बल, श्रेय, धन-धान्य आदि सभी सुख, स्वर्ग व मोक्ष प्रदान करते हैं।
  • श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करने वाले के परिवार में कोई क्लेश नहीं रहता वरन् वह समस्त जगत को तृप्त कर देता है।

 श्राद्ध कर्म क्यों ?

पूर्वजों द्वारा पितर श्रेणी धारण कर लेने की अवस्था में उनकी शांति तथा तृप्ति के लिए श्राद्ध-कर्मों का विधान है। ब्रह्म पुराण ने श्राद्ध की परिभाषा यह दी है – ‘जो कुछ उचित काल, पात्र एवं स्थान के अनुसार विधि द्वारा पितरों को लक्ष्य करके श्रद्धापूर्वक ब्राह्मणों को दिया जाता है, वह श्राद्ध कहलाता है।’

मिताक्षरा (याज्ञ. 1/217) ने श्राद्ध को इस तरह परिभाषित किया है – ‘पितरों का उद्देश्य करके (उनके कल्याण के लिए) श्रद्धापूर्वक किसी वस्तु का अथवा उनसे सम्बंधित किसी द्रव्य का त्याग श्राद्ध है।’

तीन पूर्व पुरुषों के पिण्डदान का सिद्धांत यह बताता है कि तीनों पूर्वजों की आत्माएं पचास अथवा सौ वर्षों के उपरान्त भी वायु में संतरण करते हुए चावल के पिण्डों की सुगंधि अथवा सारतत्व वायव्य शरीर द्वारा ग्रहण करने में समर्थ होती हैं। याज्ञवल्क्य स्मृति (1/269), मार्कण्डेय पुराण (29/38), मत्स्य पुराण (19/11-12) एवं अग्नि पुराण (163/41-42) में उल्लेख है कि पितामह (पितर) श्राद्ध में दिए गए पिण्डों से स्वयं संतुष्ट होकर अपने वंशजों को जीवन, संतति, संपत्ति, विद्या, स्वर्ग, मोक्ष आदि सभी सुख तथा राज्य देते हैं।

मत्स्य पुराण (19/3-9) में एक प्रश्न के उत्तर में कहा गया है कि पिता, पितामह एवं प्रपितामह, वैदिक उक्तियों के अनुसार क्रमशः वस्तुओं, रुद्रों एवं आदित्यों के समान रूप माने गए हैं। वे नाम एवं गोत्र, उच्चरित मन्त्र एवं श्रद्धा से अर्पित आहुतियों को समस्त पितरों के पास ले जाते हैं। यदि किसी के पिता (अपने सत्कर्मों के कारण) देवता हो गए हैं, तो श्राद्ध में दिया गया भोजन अमृत हो जाता है और वह उनके देवत्व की स्थिति में उनका अनुसरण करता है। यदि वे दैत्य हो गए हैं, तो वह उनके पास भांति-भांति आनन्दों के रूप में पहुंचता है। यदि वे पशु हो गए हैं, तो वह उनके लिए घास रूप में उपस्थित हो जाता है और यदि वे सर्प हो गए हैं, तो श्राद्ध-भोजन वायु बन कर उनकी सेवा करता है।

डॉ. पाण्डुरंग वामन काणे ने ‘धर्मशास्त्र का इतिहास’ (पृष्ठ 1199) में पुनर्जन्म एवं कर्म-विपाक सिद्धांत के आधार पर श्राद्ध-कर्म को अनुपयोगी बताने वालों को ग़लत ठहराते हुए लिखा है – ‘प्रतीत होता है कि (श्राद्ध द्वारा) पूर्वज-पूजा प्राचीन प्रथा है तथा पुनर्जन्म एवं कर्म-विपाक के सिद्धांत अपेक्षाकृत पश्चात्कालीन हैं और हिन्दू धर्म ने, जो व्यापक है (अर्थात सभी को स्वयं में समेट लेता है) पुनर्जन्म आदि के सिद्धांत ग्रहण करते हुए भी श्राद्धों की परम्परा को ज्यों का त्यों रख लिया है। एक प्रकार से श्राद्ध-संस्था अति उत्तम है। इससे व्यक्ति अपने उन पूर्वजों का स्मरण कर लेता है, जो जीवितावस्था में अपने प्रिय थे।’

श्रीगणेश : हमारे पारिवारिक देव

  • श्री गणेश कवि स्वरूप  हैं। अपने अंतःकरण में उनकी  स्थापना के बिना, सर्जनशीलता बिल्कुल असंभव!
  • यदि आप सोचते हैं कि आप दुनिया के सामने कुछ रचनात्मक परिणाम प्रस्तुत कर सकते हैं, तो आप श्री गणेश के आशीर्वाद के ऋणी हैं। उनके बिना मूलाधार स्थित रहते हुए, यह असंभव है।
  • यहां तक कि वेद व्यास को महाभारत लिखने के लिए श्री गणेश की मदद लेनी पड़ी थी।
  • श्री गणेश = मूलाधार = मरुतो  के गणपति = संतान से लेकर कविता तक सभी रचनात्मकता कर्मों के लिए मूल आधार ।

अश्वनी कुमार तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पटना – 25 सितम्बर :

मैं 100 साल पुरानी कुछ किताबें पढ़ रहा था। इन सभी में एक बात समान थी, मंगलाचरण। आरंभिक भाग सभी देवताओं, विशेषकर माँ सरस्वती और भगवान गणेश को समर्पित है।

निःस्वार्थ सार्वभौमिक यज्ञ को समर्पित आपके सभी रचनात्मक कार्यों की सफलता के लिए, श्री गणेश स्तुति करना महत्वपूर्ण है।

श्रीगणेश : हमारे पारिवारिक देव

भारतीय परिवारों में श्रीगणेश इतने घुल मिल गए हैं कि अब विश्वास ही नहीं होता कि स्मृतियों और पुराणकारों ने कभी उन्हें विघ्नेश लिखा, निवृत्ति के लिए विनायक स्नान की विधियां लिखीं। वे मंगल मूर्ति होकर हमारे हृदय और मन के सिंहासन पर विराजित हैं। उनका यह अद्भुत प्रभाव है कि वे प्रथम पूज्य है! श्रीगणेश ही आद्य मंगल के सूचक हैं…! कला में सबसे पहला अंकन उनका!

मित्रवर श्री राजदीप ने भगवान गणेश के हजारों स्वरूपों का संग्रह किया है। उनका साथ उदयपुर और राज्य सहित देश के अनेक चित्रकारों और कलाकारों ने भी दिया है। उदयपुर में उनकी लगाई प्रदर्शनी “श्रीगणेश दर्शन” को मैं देश की अनोखी प्रदर्शनी अनेक कारणों से मानता हूं। इसके समापन पर मुझे भारत में गणेशजी की व्याप्ति और विश्वास पर अपनी बात कहने का अवसर मिला! लगा कि गणेश की महिमा में इतना कहा जा सकता है कि अनेक शोध प्रबंध बन जाए!  राजदीप जी का यह सहस्र संग्रह कोटि संग्रह बने।

कहना न होगा कि एक जन्म में इतना बड़ा संग्रह कैसे खड़ा हो सकता है! उन्हें गणेश प्रिय हैं और गणेश को वे…!

गणेश पुराण – एक पठनीय उपपुराण

गणेश मंगलमूर्ति देवता हैं। हालांकि पूर्व काल में उनको विघ्‍नेश भी कहा जाता था। बौधायन ने उनके कई नामों का जिक्र किया है जो तर्पणादि पूजा के लिए स्‍मरणीय बताए गए हैं। धीरे-धीरे गणेश भारतीय जन जीवन में अति ही महत्‍वपूर्ण हो गए कि देवालयो में तक द्वार के शीर्ष देव बने। हर ग्रंथ की रचना में उनको प्रथम स्‍मरणीय माना जाने लगा।

गणेश को लेकर कई स्‍तोत्रों की रचना हुई, आथर्वशीर्ष पाठ तैयार हुए। गणेश गायत्री बनी। पुराण तक रचा गया। उप पुराणों में गणेश पुराण का स्‍थान खास माना गया है। क्‍या महाराष्‍ट्र, गुजरात और मध्‍यप्रदेश, राजस्‍थान अन्‍यत्र भी गणेश के प्रति अतिशय आस्‍था देखने को मिलती है। विदेशों में भी गणेश की पूजा होती आई है, बौद्ध धर्मानुयायी भी उनकी पूजा करते हैं। गणेश पुराण का अपना अलग ही रचना विधान है। इस पुराण के प्रथम उपासनाखंड में गणेशजी के आविर्भाव, उनके स्‍वरूप, उनके नाना अवतारों और उनकी उपासना से देवों, मुनियों और भक्‍तों के मनोरथ सिद्धि का वर्णन है। द्वितीय क्रीडाखंड में गणेशजी के नाना अवतारों, उनकी बाल लीलाओं तथा आसुरी शक्तियों के दमन तथा नाना चमत्‍कारों का वर्णन है…।

गणेशपुराण का अाज तक हिंदी अनुवाद नहीं था। यह संस्‍कृत में ही मिलता था, इस कारण पठन-पाठन से दूर ही रहा। पहली बार चौखंबा संस्‍कृत सीरिज ऑफिस, वाराणसी ने यह काम किया और पूर्वार्द्ध व उत्‍तरार्द्ध दो खंडों में यह विशालकाय पुराण प्रकाशित किया है। प्रकाशित होते ही यह मेरे हाथों तक पहुंचा, प्रकाशक को इस उपलब्धिमूलक कार्य के लिए बधाई। दोनों ही खंड पुराण अध्‍येताओं और पाठकों के लिए उपयोगी लग रहे हैं। मेरे लिए तो उपलब्धि इस अर्थ में है कि पुराणों के संग्राहक होने से एक महत्‍वपूर्ण पुराण मिल गया।

साभार : श्रीकृष्ण जुगनू

‘पुत्री मोह’ में डूब गई शरद पवार की पार्टी, जिसे ‘चाणक्य’ बता कर ढोल पीट रही थी मीडिया, उसका उद्धव ठाकरे से भी बुरा हाल

NCP के दिग्गज नेता अजीत पवार के साथ कई अन्य नेताओं ने भी शपथ ग्रहण किया है। इनमें छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, धर्मराव अतराम, आदित्य तटकरे, संजय बाबूराव बनसोडे और अनिल पाटिल का नाम शामिल है। महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा के प्रमुख विपक्षी दलों में से एक राकांपा में फूट पड़ गई है। राकांपा नेता अजित पवार ने रविवार को ही अपने आवास पर पहले पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई और फिर सीधे राजभवन पहुंच गए। अजित यहां महाराष्ट्र के सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस की मौजूदगी में एनडीए में शामिल हो गए। इसके बाद उन्हें राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। सूत्रों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को 40 NCP विधायकों और NCP के 6 एमएलसी का समर्थन प्राप्त है।

  • अजित पवार 5वीं बार महाराष्ट्र के डिप्टी CM बने : 31 महीने में तीसरी बार शपथ ली : राकांपा के 8 विधायक भी मंत्री बने
  • अजित पवार ने बताई शरद पवार से बगावत की वजह, पूरी NCP पर ठोका दावा, कहा- हम PM मोदी के साथ
  • न पार्टी बची न बचा परिवार… : अब क्या करेंगे शरद राव पवार?
  • महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में डिप्टी CM बने अजित पवार :  शिवसेना के बाद राकांपा भी टूटी

सारिका तिवारी, मुंबई(ब्यूरो) – 02 जुलाई : 

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक अजित पवार पार्टी से बगावत कर रविवार को एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा के गठबंधन वाली एनडीए सरकार में शामिल हो गए। उन्होंने राजभवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ छगन भुजबल सहित एनसीपी के 8 अन्य नेता भी शिंदे कैबिनेट में शामिल हुए।

अजित समेत बाकी विधायक शरद पवार के पटना में विपक्षी एकता बैठक में मंच साझा करने और राहुल गांधी के साथ सहयोग करने के एकतरफा फैसले से नाराज थे।

महाराष्ट्र में अगले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके छह महीने पहले आम चुनाव होंगे। अजित के सरकार में शामिल होने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पहले से ज्यादा सीटें जीतेंगे। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमारी सरकार को 40 NCP विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

अब थोड़ा सा पीछे चलते हैं। मई 2023 की शुरुआत में शरद पवार ने जब राष्ट्रवादी काॅन्ग्रेस (राकांपा) का अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा की तो मीडिया ने इसे ‘मास्टरस्ट्रोक’ बताया । जब जून में उन्होंने बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया तो इसमें भी मीडिया ने उनका ‘राजनीतिक कौशल’ देखा। कहा गया कि उन्होंने राकांपा का भविष्य तय कर दिया है और भतीजे अजित पवार को भी उनकी राजनीतिक हैसियत समझा दी है। लेकिन, जुलाई की 2 तारीख आते-आते शरद पवार के मास्टर स्ट्रोक की बत्ती बन चुकी है।

राजनीतिक कौशल का पता नहीं, उनके खुद के राजनीतिक भविष्य पर संकट खडे हो गए हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा में करीब-करीब एनसीपी साफ हो गई है। 53 विधायकों वाली पार्टी के ज्यादातर विधायक और अधिकतर बड़े नेता अजित पवार के साथ जा चुके हैं। 82 वर्षीय शरद पवार अब उस अवस्था में भी नहीं रहे कि सक्रियता दिखा कर अपने खेमे को गोलबंद करें और अपनी बेटी के नेतृत्व में काम करने के लिए मनाएँ। कुल मिला कर सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही पतन शुरू हो गया था।

राजनीतिक कौशल का पता नहीं, उनके खुद के राजनीतिक भविष्य पर संकट खडे हो गए हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा में करीब-करीब एनसीपी साफ हो गई है। 53 विधायकों वाली पार्टी के ज्यादातर विधायक और अधिकतर बड़े नेता अजित पवार के साथ जा चुके हैं। 82 वर्षीय शरद पवार अब उस अवस्था में भी नहीं रहे कि सक्रियता दिखा कर अपने खेमे को गोलबंद करें और अपनी बेटी के नेतृत्व में काम करने के लिए मनाएँ। कुल मिला कर सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही पतन शुरू हो गया था।

यानी, मीडिया और राजनीतिक विश्लेषक जिन फैसलों को ‘मास्टरस्ट्रोक’ बता रहे थे, वही एनसीपी के पतन का कारण बनी। राकांपा में शरद पवार के बाद अजित ही पार्टी के प्रबंधन से लेकर नेताओं को एकजुट रखने का काम अब तक देखते रहे हैं। ये चौथी बार है, जब अजित पवार राज्य के डिप्टी CM बने हैं। शरद पवार की पार्टी का भी वही हाल हुआ है, जो शिवसेना का हुआ था। आइए, पूरे खेल को समझने के लिए थोड़ा पीछे चलते हैं क्योंकि हमें 2019 विधानसभा चुनाव को समझना पड़ेगा।

संक्षेप में बात करते हैं, फिर मुद्दे पर आएँगे। 2014-19 तक महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार चली। तनातनी की खबरें आती रहीं, लेकिन सरकार पर कोई संकट नहीं आया। 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत भाजपा ने 152 और शिवसेना ने 124 सीटों पर चुनाव लड़ा। भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें प्राप्त की। इसके बाद शिवसेना का ड्रामा शुरू हुआ। पार्टी ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व को नकारते हुए अपनी पार्टी से CM बनाने की माँग रख दी।

पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ के एग्जीक्यूटिव एडिटर और राज्यसभा सांसद संजय राउत जैसे नेताओं ने उलूल-जलूल बयान देने शुरू कर दिए और कहने लगे कि अगला सीएम शिवसेना से होगा। भाजपा ने मनाने की लाख कोशिश की, लेकिन उद्धव ठाकरे टस से मस नहीं हुए। पार्टी ने अपने विधायकों को बांद्रा में समुद्र किनारे स्थित रंग शारदा होटल में रखा, फिर उन्हें दूर मड आइलैंड्स में रखा। बड़ी बात ये है कि उस समय इन सबमें बढ़-चढ़ कर भूमिका निभा रहे एकनाथ शिंदे और रामदास कदम जैसे नेता अब भाजपा गठबंधन के साथ हैं।

खैर, किसी तरह शरद पवार ने डील फाइनल की और कॉन्ग्रेस-शिवसेना को एक साथ लेकर आए और राज्य में NCP के साथ मिल कर इन दोनों दलों ने ‘महा विकास अघाड़ी (MVA)’ की गठबंधन सरकार बनाई। लेकिन, उससे पहले जो हुआ वो चौंकाने वाला था। राष्ट्रपति शासन लग चुका था। अचानक से अजित पवार ने तड़के सुबह भाजपा का साथ देते हुए डिप्टी CM की शपथ ले ली। देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने, लेखों ये सरकार मात्र 3 दिनों तक चल सकी। अजित पवार वापस चाचा के खेमे में चले गए।

सरकार गिर गई और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाया गया। अजित पवार इस सरकार में भी उप-मुख्यमंत्री बने। लेकिन, इस दौरान मीडिया और राजनीतिक विश्लेषकों ने शरद पवार का जो महिमामंडन किया, वो देखने लायक था। जिस व्यक्ति ने आज तक कभी मुख्यमंत्री का 5 साल का पूरा कार्यकाल नहीं चलाया, जिसकी पार्टी को कभी राज्य में बहुमत मिला ही नहीं, उसकी तुलना अमित शाह से की जाने लगी। अमित शाह, जो उस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।

हालाँकि, उद्धव ठाकरे की सरकार ढाई साल चली और जून 2022 में एकनाथ शिंदे सहित कई बड़े नेताओं ने बगावत कर दिया। अंततः एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और शिवसेना टूट गई। उद्धव ठाकरे की एक जिद ने 40 विधायकों और 13 सांसदों को उनसे दूर कर दिया। ढाई साल बाद ही सही, शिवसेना टूटी और उद्धव ठाकरे के साथ रह गए प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। आज उद्धव ठाकरे के साथ जो संख्या है, 2024 लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बाद वो और घट जाएगी।

शिवसेना के टूटने के एक साल बाद अब एनसीपी टूटी है। ये सबक है उन्हें, जो शरद पवार को चाणक्य बताते नहीं थक रहे थे और अमित शाह का मजाक बना रहे थे। मराठी पत्रकार निखिल वागले ने भी शरद पवार को चाणक्य बताया। इसी तरह से तमाम पत्रकारों और भाजपा विरोधी गिरोह ने उन्हें ‘चाणक्य’ बता कर पेश किया। शिवसेना का मुख्यमंत्री तो भाजपा भी चाहती तो बना सकती थी, शरद पवार ने किसी NCP नेता को तो सीएम बनाया नहीं, लेकिन उनकी तारीफों के पुल बाँधे जाने लगे।

बात यही है कि जिस तरह बालासाहब ठाकरे के पुत्रमोह ने शिवसेना को डूबा दिया, ठीक उसी तरह शरद पवार के पुत्रीमोह NCP को खा गया। सुप्रिया सुले अपने पिता के गढ़ बारामती से सांसद हैं, जहाँ से शरद पवार भी 6 बार जीत चुके हैं। 1991 में अजित पवार भी यहाँ से सांसद बन चुके हैं। अजित पवार लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं और उन्होंने लगातार 7वीं बार बारामती से जीत दर्ज की है। उनके पास अलग-अलग सरकारों में कई मंत्रालयों को सँभालने का अनुभव है और संगठन का भी।

अनुभव हो या राजनीतिक दक्षता, किसी भी क्षेत्र में सुप्रिया सुले अपने बड़े भाई अजित पवार के सामने नहीं टिकतीं। इसके बावजूद शरद पवार ने अपनी बेटी को अपना उत्तराधिकारी बनाया, और मीडिया ने इसे ‘मास्टरस्ट्रोक’ बता दिया। कहा तो ये जाना चाहिए था कि शरद पवार अपने ही परिवार को नहीं सँभाल पा रहे हैं। लेकिन, ‘द इकोनॉमिक टाइम्स’ जैसे मीडिया संस्थानों में अंग्रेजी में लंबा-चौड़ा ओपिनियन लिख कर उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया।

शरद पवार की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा तो प्रधानमंत्री और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष बनने की थी, इसके लिए उन्हें हाथ-पाँव भी मारा। लेकिन, 90 के दशक में अपनी सक्रियता के दौरान भी वो इसमें विफल रहे। उन्हें राष्ट्रपति तक बनाए जाने की बातें चलीं, लेकिन वो भी नहीं हो पाया। अब स्थिति ये हो गई है कि मीडिया ने जिसे ‘चाणक्य’ बता कर पेश किया, वो न अपना पार्टी बचा पाया और न परिवार। अगले चुनाव में उनका और उद्धव का पूरी तरह पत्ता साफ़ होता दिख रहा है।

वैसे अब आश्चर्य न हो कि कल को शरद पवार को ‘चाणक्य’ बता कर उनका महिमामंडन करने वाले अब ये कहने लगें कि ED/CBI जैसी केंद्रीय जाँच एजेंसियों के डर से ये सब हो रहा है। अब बोलने के लिए कुछ बचा ही नहीं, तो चुनाव बाद EVM का रोना की तरह इस तरह का नया क्रंदन भी शुरू हो सकता है। शरद पवार की पार्टी और परिवार, दोनों टूट चुके हैं। उनका समर्थन करने वाले अब नया रोना क्या निकालते हैं, इस पर सभी की नजरें रहेंगी।

शरद पवार ने भतीजे अजित को किया दरकिनार और सुप्रिया सुले के साथ प्रफुल्ल पटेल को बनाया कार्यकारी अधयक्ष

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में पिछले महीने शरद पवार की ओर से पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद जो भूचाल आया था, वह उनके इस्तीफा वापस लेने के बाद ही थमा था। हालांकि, इससे पार्टी में अंदरूनी हितों से जुड़े मुद्दे खुलकर सतह पर आ गए थे। इस बीच राकांपा में संगठन में बड़े बदलाव किए गए हैं। शरद पवार की ओर से एनसीपी में अब दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं। इनमें शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का नाम भी शामिल है। वहीं, दूसरा नाम प्रफुल्ल पटेल का है। 

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, मुंबई/चंडीगढ़ – 10 जून :  

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया। पवार ने एनसीपी की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने भतीजे और पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार की मौजूदगी में यह घोषणा ।

शरद पवार ने इसके साथ पार्टी संगठन में कई अहम बदलावों की भी घोषणा की है, हालांकि इसमें अजित पवार को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। ऐसे में अजित पवार की तरफ से इसे लेकर प्रतिक्रिया का सभी को इंतजार है। इस बीच अजीत पवार ने ट्विटर पर दोनों कार्यकारी अध्यक्षों तथा अन्य पदाधिकारियों को बधाई दी है।

शरद पवार ने शनिवार को कहा, “प्रफुल्ल पटेल के कंधे पर राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी दे रहे हैं। इसके साथ ही पटेल पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, गोवा, राज्यसभा की जिम्मेदारी रहेगा।”

महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार ने आगे कहा, “सुप्रिया सुले को भी हम वर्किंग प्रेसीडेंट की जिम्मेदारी देते हैं। इसके साथ ही उन्हें महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, यूपी और लोकसभा की जिम्मेदारी उनको देते हैं।”

शरद पवार ने यह एलान एनसीपी की स्थापना की 25वीं वर्षगाँठ के मौके पर की। इस दौरान मंच पर उनके भतीजे और खुद को उनका उत्तराधिकारी मानने वाले अजित पवार भी मौजूद थे। पार्टी में कोई अहम पद नहीं देना अजित पवार के साथ-साथ कई सियासी संकेत है।

इस संकेत के बीच पार्टी नेता छगन भुजबल ने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष के एलान के साथ ही चुनाव का काम और लोकसभा-राज्यसभा का काम बँट जाएगा। 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही ये जिम्मेदारी तय की गई है।

शरद पवार ने पार्टी में दो कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करके पार्टी की सियासत को समझाने की कोशिश की है। एक तो वो ये संदेश देने में कामयाब रहे कि वे अपनी बेटी का पक्ष नहीं ले रहे हैं और काम के आधार पर जिम्मेदारी दे रहे हैं, दूसरे अपनी तबीयत को कारण सक्रियता कम होने के कारण प्रफुल्ल पटेल जैसे दिग्गज नेता के सानिध्य में सुले को नेतृत्व कला सीखने का मौका दे रहे हैं।

हालाँकि, सुप्रिया सुले की NCP में अजित पवार से स्वीकृति कहीं अधिक है। वह मीडिया में कब, कहाँ, कैसे और कितना बोलना है अच्छी तरह जानती हैं। अपने पिता की तरह वह पार्टी के सभी नेताओं को बराबर सम्मान भी देती हैं। वहीं, अजित पवार थोड़ा मुँहफट स्वभाव के हैं और मौके की नजाकत को समझने की कोशिश नहीं करते। इससे अलग संकेत जाता है।

अजित ने ही किया था शरद पवार के इस्तीफे का समर्थन

दूसरी बात यह है कि अजित पवार को महाराष्ट्र की राजनीति में अधिक रूचि है। वे इसके बारे में कई बार बोल चुके हैं कि उन्हें दिल्ली रास नहीं आती। वहीं, सुप्रिया सुले एक सांसद के रूप में अपनी अच्छी पहचान बनाई है। हो सकता है कि आने वाले वक्त में महाराष्ट्र में सीएम या अथवा डिप्टी सीएम जैसे पद पार्टी उन्हें ऑफर करे। हालाँकि, राजनीति में कुछ कहना जल्दबाजी होती है।

जब सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है तो यह एक स्पष्ट संकेत भी है कि पार्टी की कमान उन्हीं की पास रहेगी और वे केंद्र की राजनीति करेंगी। बाल ठाकरे ने भी राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच उत्तराधिकार की लड़ाई में उद्धव ठाकरे का पक्ष लेते हुए उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया था। अजित पवार फिलहाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।

अजित पवार और सुप्रिया सुले में पार्टी में उत्तराधिकार को लेकर लंबे समय खींचतान चल रही थी। कई मौकेे पर अजित पवार ने खुद को शरद पवार का असली उत्तराधिकारी होने का संकेत दिया था। वहीं, सुप्रिया सुले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच अपनी स्वीकृति को लगातार बढ़ा रही थीं।

पार्टी में मचे इस अंदरुनी घमासान के बीच 2 मई 2023 को शरद पवार ने स्वास्थ्य का हवाला देकर पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। छगन भुजबल, जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, प्रफुल्ल पटेल जैसे बड़े नेता कार्यकर्ताओं का हवाला देते हुए उनसे इस्तीफा वापस लेने की माँग करते रहे।

इस बीच भतीजे अजित पवार ने उनके इस्तीफे का समर्थन किया। वे इसे अवसर के रूप में देख रहे थे। इस बीच वरिष्ठ नेताओं की माँग के बाद 6 मई 2023 को शरद पवार ने इस्तीफा वापस ले लिया। उस दौरान अजित पवार उनके साथ मौजूद नहीं थे। लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सहायता के लिए पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष की जरूरत है।

कहा जाता है कि NCP में दो गुट है, जिसमें से एक चाहता है कि भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई जाए, जबकि दूसरा गुट इसके लिए राजी नहीं है। इस बीच मीडिया में यह भी चर्चा होने लगी की अजित पवार NCP छोड़कर कुछ नेताओं के साथ भाजपा का दामन थामेंगे, लेकिन बाद में उन्होंने इस अकटल का खंडन कर दिया।

यहाँ ध्यान रखना जरूरी है कि साल 2019 में अजित पवार एक बार अपनी पार्टी से बगावत कर चुके हैं। तब उन्होंने पार्टी के फैसले के खिलाफ जाकर बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सरकार बनाई थी। अजित पवार को तब डिप्टी सीएम पद मिला था। हालाँकि, यह सरकार कुछ ही दिन चल पाई।

इस घोषणा के सुप्रिया सुले ने कहा, “कार्यकारी अध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी को सौंपने के लिए मैं NCP अध्यक्ष पवार साहब, सभी वरिष्ठ नेता, पार्टी के साथी, कार्यकर्ता और शुभचिंतकों का आभार व्यक्त करती हूँ। मैं NCP को और मजबूत करने के लिए साथ मिलकर लगन से काम करूँगी।”

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रसिद्ध अभिनेत्री सुलोचना के निधन पर शोक व्यक्त किया


रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, जैतो – 5 जून :

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रसिद्ध अभिनेत्री सुलोचना के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा है कि उनकी भूमिकाओं के माध्यम से उनकी सिनेमा की विरासत जीवित रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि सुलोचना जी के निधन से भारतीय सिनेमा की दुनिया में एक बड़ी शून्यता आयी है। उनकी अविस्मरणीय भूमिकाओं ने हमारी संस्कृति को समृद्ध किया है और उन्हें कई पीढ़ियों के लोगों का प्रिय बना दिया है। उनकी भूमिकाओं के माध्यम से उनकी सिनेमा की विरासत जीवित रहेगी।

उनके परिवार के प्रति संवेदना। उल्लेखनीय हैं कि सुलोचना जी का 94 वर्ष की उम्र में कल को मुंबई में निधन हो गया। अमिताभ बच्चन व धर्मेंद्र सहित फिल्म इंडस्ट्री के अनेक हस्तियों ने सुलोचना के निधन पर शोक जताया है।

डी.आर.आई. ने मुंबई हवाई अड्डे पर 6.2 करोड़ रुपए मूल्य का 10 किग्रा सोना जब्त, 4 यात्री गिरफ्तार : वित्त मंत्रालय 


रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, जैतो – 5 जून :

वित्त मंत्रालय ने कहा कि राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) मुंबई ने पिछले दो दिनों में  अलग-अलग दो मामलों 10 किग्रा से ज्यादा सोना जब्त किया है। विशेष सूचना के आधार पर पहले मामले में 2 यात्री एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान संख्या आई.एक्स.252 से शारजाह से मुंबई पहुंचे और उन्हें पकड़ लिया गया। जांच के दौरान उन यात्रियों से विदेशी मार्किंग वाली 24 कैरेट की 8 सोने की बार्स बरामद हुईं। उनका वजन 8 किग्रा था और यात्रियों ने सोना अपने कमर के चारों ओर कपड़ों के भीतर छिपा रखा था। एक अन्य खुफिया जानकारी पर तेजी से कार्रवाई करते हुए यात्रियों के एक और साथी को पकड़ा गया। जांच के दौरान बरामद 8 किलो वजन का बार के रूप में सोना जब्त किया गया, जिसकी कीमत 4.94 करोड़ रुपए थी। पहले मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

दूसरे मामले में 3 जून, 2023 को दुबई से आ रहे एक अन्य भारतीय नागरिक को छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय (सीएसएमआई) हवाई अड्डे से पकड़ा गया। उस यात्री के सामान की जांच की गई और इस दौरान उसके सामान से 56 लेडीज क्लच (पर्स) बरामद हुए। महिलाओं के सभी क्लच की धातु की स्ट्रिप्स के चांदी के रंग के तारों के रूप में 24 कैरेट सोने की चालाकी से छुपाया गया था।बरामद हुए सोने के तारों का कुल वजन 2005 ग्राम था और उसका अनुमानित मूल्य 1,23,80,875 रुपए था। उस यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया है। दूसरी जब्ती में स्पष्ट रूप से सुशिक्षित व्यक्ति शामिल हैं जो सोने की तस्करी की योजना और उसे अंजाम देने में सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।

दोनों मामलों में तस्करी के नए तौर-तरीकों का पता चला है, जिससे देश में विभिन्न रूपों में सोने की तस्करी करने वाले सिंडिकेट की जांच में नियमित आधार पर डी.आर.आई. के अधिकारियों के सामने आने वाली नई चुनौतियों के संकेत मिलते हैं।

मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर चांदी के रंग के धातु के तारों के रूप में विदेशी मार्किंग वाले सोने और छुपाए गए 24 कैरेट सोने की जब्ती सोने की तस्करी के खिलाफ चल रही लड़ाई की याद दिलाती है।उक्त मामलों में लगभग 6.2 करोड़ रुपए मूल्य का कुल 10 किलो सोना जब्त किया गया है और कुल 4 यात्रियों को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल आगे की जांच चल रही है।

ममता सरकार ने पश्चिम बंगाल में फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर लगाई रोक

‘द केरला स्टोरी’ इस फिल्म को लेकर कई राज्यों में बवाल है। कहीं इस फिल्म के पोस्टर फाड़कर नारा-ए-तकबीर और अल्लाहु अकबर के नारे लगाए जा रहे हैं तो कहीं पर इसका पोस्टर लगाने पर धमकी दी जा रही है। तमिलनाडु में तो सरकार से अपील हो रही है कि इस फिल्म को बैन किया जाए जबकि थिएटर मालिकों ने खुद ही इसे चलाने से मना कर दिया है। वहीं अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने खुद इस पर प्रतिबंध का ऐलान कर दिया है। इससे पहले दिन में, बनर्जी ने कहा कि ‘द केरला स्टोरी’ में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जिसका इरादा केरल को बदनाम करना है। अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने ‘द केरला स्टोरी’ के प्रदर्शन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।

  • फिल्म ‘द करेल स्टोरी’ पर विवाद जारी
  • पश्चिम बंगाल में फिल्म पर लगाया गया बैन
  • सीएम ममता बनर्जी बोलीं- कानून व्यवस्था बनाए रखने लिया गया फैसला

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट(ब्यूरो) कोलकत्ता/नई दिल्ली – 08 मई :

फिल्म ‘द करेला स्टोरी’ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बड़ा फैसला लेते हुए पश्चिम बंगाल में फिल्म पर बैन लगा दिया गया है। पश्चिम बंगाल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवादास्पद फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है, ताकि ‘नफरत और हिंसा की किसी भी घटना’ को टाला जा सके। इससे पहले दिन में, ममता बनर्जी ने कहा था कि ‘द केरला स्टोरी’ में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जिसका इरादा केरल को बदनाम करना है।

बता दें कि यह ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म की कहानी ISIS में शामिल की जाने वाली लड़कियों के साथ घटित घटनाओं पर आधारित है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक एजेंडे के तहत दूसरे धर्म की लड़कियों को बहलाकर इस्लाम कबूल करवाया जाता है, फिर उन्हें आतंकी बनाकर IS भेज दिया जाता है।

फिल्म में अदा शर्मा ने शालिनी उन्नीकृष्णन का रोल निभाया है। शालिनी वो किरदार है जिसे प्यार का झाँसा देकर पहले इस्लाम के करीब लाया जाता है, फिर प्रेगनेंट करके इस्लाम कबूल करवाया जाता है और इसके बाद उसे IS जाने की ट्रेनिंग देकर सीरिया भेज दिया जाता है।

इस फिल्म को लेकर कई राज्यों में बवाल है। कहीं इस फिल्म के पोस्टर फाड़कर नारा-ए-तकबीर और अल्लाहु अकबर के नारे लगाए जा रहे हैं तो कहीं पर इसका पोस्टर लगाने पर धमकी दी जा रही है। तमिलनाडु में तो सरकार से अपील हो रही है कि इस फिल्म को बैन किया जाए जबकि थिएटर मालिकों ने खुद ही इसे चलाने से मना कर दिया है। वहीं अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने खुद इस पर प्रतिबंध का ऐलान कर दिया है।

याद दिला दें कि इससे पहले ममता बनर्जी ने रामनवमी पर हिंदुओं से कहा था कि वो मुस्लिम इलाकों में न जाएँ क्योंकि ऐसा करने से माहौल बिगड़ सकता है। उन्होंने शिबपुर में भड़की हिंसा के बाद अपने बयान में यह भी कहा था कि रमजान में मुस्लिम कोई गलत काम नहीं करते। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से ये भी कहा था कि वो अल्लाह से दुआ करें कि दंगा करने वाले किसी कीमत पर न बचें।