राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश नहीं करना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा

हमारे पास दो दलीय प्रणाली नहीं है। भारत बहुदलीय लोकतंत्र है। बहुदलीय लोकतंत्र का मतलब है कि हम गठबंधन के युग में हैं। गठबंधन दो प्रकार के होते हैं – चुनाव पूर्व गठबंधन, चुनाव के बाद गठबंधन। चुनाव के बाद आमतौर पर गठबंधन संख्या को पूरा करने के लिए अवसरवादी गठबंधन होता है। लेकिन चुनाव पूर्व गठबंधन एक सैद्धांतिक गठबंधन है। दो राजनीतिक दलों – भाजपा और शिवसेना के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन था। जैसा कि किहोतो कहता है, जब आप मतदाता के सामने जाते हैं, तो आप एक उम्मीदवार के रूप में नहीं जाते हैं बल्कि एक राजनीतिक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधि के रूप में , जो जाकर कहेगा, यह हमारा साझा विश्वास है, हमारा साझा एजेंडा है। मतदाता व्यक्तियों के लिए नहीं बल्कि उस विचारधारा या राजनीतिक दर्शन के लिए वोट करता है जिसे पार्टी प्रोजेक्ट करती है। हम ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ शब्द सुनते हैं। यहां, अस्तबल के नेता (उद्धव ठाकरे) ने उन लोगों के साथ सरकार बनाई, जिनके खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा (कांग्रेस और एनसीपी) और एक विशेष पार्टी के खिलाफ मतदाताओं द्वारा एक नकारात्मक वोट दिया गया।

ऐसा कौन सा संवैधानिक संकट था, जो विश्वास मत बुलाया? यह लोकतंत्र की एक दुखद  तस्वीर | Shiv Sena Case Hearing Update; Eknath Shinde VS Uddhav Thackeray -  Dainik Bhaskar

अजय सिंगल, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 15 मार्च :

शिवसेना विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल पर उठाए बड़े सवाल उठाए और कहा कि वे इस मामले में राज्यपाल की भूमिका को लेकर चिंतित हैं. पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा, ‘राज्यपाल को इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं करना चाहिए, जहां उनकी कार्रवाई से एक विशेष परिणाम निकलेगा. सवाल यह है कि क्या राज्यपाल सिर्फ इसलिए सरकार गिरा सकते हैं क्योंकि किसी विधायक ने कहा कि उनके जीवन और संपत्ति को खतरा है?’

शीर्ष न्यायालय ने कहा, ‘क्या विश्वास मत बुलाने के लिए कोई संवैधानिक संकट था? सरकार को गिराने में राज्यपाल स्वेच्छा से सहयोगी नहीं हो सकते. लोकतंत्र में यह एक दुखद तस्वीर है. सुरक्षा के लिए खतरा विश्वास मत का आधार नहीं हो सकता.’ प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने राज्यपाल से कहा कि उन्हें इस तरह विश्वास मत नहीं बुलाना चाहिए था. सीजेआई ने कहा, ‘उनको खुद ये पूछना चाहिए था कि तीन साल की सुखद शादी के बाद क्या हुआ? राज्यपाल ने कैसे अंदाजा लगाया कि आगे क्या होने वाला है?’

पढ़िए CJI ने राज्यपाल को लेकर क्या-क्या कहा…

  • क्या राज्यपाल सिर्फ इसलिए सरकार गिरा सकते हैं क्योंकि किसी विधायक ने उनसे कहा कि उसके जीवन और संपत्ति को खतरा है
  • विश्वास मत क्यों बुलाया, ​​​​​क्या कोई संवैधानिक संकट था। किसी की सुरक्षा विश्वास मत बुलाने का आधार नहीं हो सकता
  • राज्य की सरकार को गिराने में राज्यपाल अपनी मर्जी से सहयोगी नहीं हो सकते। लोकतंत्र में यह एक दुखद तस्वीर है
  • राज्यपाल को खुद से यह पूछना चाहिए कि 3 साल का खुशहाल रिश्ता एक रात में कैसे टूट गया। राज्यपाल बेखबर नहीं हो सकते

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का बचाव करते हुए तुषार मेहता ने कहा- शिवसेना विधायक दल ने एकनाथ शिंदे को नेता चुना था। इसलिए राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए बुलाया था। 25 जून को 38 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल के पास पहुंचा। बताया गया कि उनकी जान को खतरा है। कुछ न्यूज चैनलों के क्लिप भी दिए गए। छोटे दलों के 38 विधायक और निर्दलीय समेत 47 विधायकों ने राज्यपाल को धमकियों की जानकारी दी। इन विधायकों ने तत्काल सुरक्षा की मांग की थी।

भाजपा विधायक दल ने 28 जून को राज्यपाल को लेटर भेजा था। इस पर देवेंद्र फडणवीस के हस्ताक्षर थे। इसमें लिखा था कि ठाकरे सरकार के पास बहुमत नहीं है। ठाकरे सरकार दल-बदल कानून और शक्तियों का दुरुपयोग करके कुछ विधायकों को अयोग्य घोषित करने की कोशिश कर रही है। इसी लेटर में फ्लोर टेस्ट की मांग भी की गई थी।

CJI के रातों-रात गठबंधन टूटने के सवाल पर तुषार मेहता ने कहा- इसका जवाब देना मेरा काम नहीं है। यह एक राजनीतिक बहस का मुद्दा है। मेहता ने यह भी कहा कि शिंदे गुट के विधायकों को धमकी दी जा रही थी। ऐसे में क्या गवर्नर चुपचाप होकर बैठे रहते।

20 जून को शिवसेना के 15 विधायक 10 निर्दलीय विधायकों के साथ पहले सूरत और फिर गुवाहाटी के लिए निकल गए। 23 जून को शिंदे ने दावा किया कि उनके पास शिवसेना के 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। लेटर जारी किया गया।

25 जून को डिप्टी स्पीकर ने 16 बागी विधायकों को सदस्यता रद्द करने का नोटिस भेजा। बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। 26 जून को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना, केंद्र, महाराष्ट्र पुलिस और डिप्टी स्पीकर को नोटिस भेजा।

28 जून को राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कहा। देवेंद्र फडणवीस ने मांग की थी। 29 जून को सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

30 जून को एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री बनाए गए।

सतीश कौशिक के निधन से शोक में बॉलीवुड

ब़ॉलीवुड एक्टर सतीश कौशिक के निधन से बॉलीवुड जगत में शोक की लहर दौड़ गई। महज 66 साल की उम्र में सतीश कौशिक का निधन हो गया। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, वो गुरुग्राम में किसी से मिलने जा रहे थे। गुरुग्राम के फोर्टिस में उनका शव है, पोस्टमार्टम के बाद शव को मुंबई लाया जाएगा। उनके निधन से फैंस भी दुख में हैं, क्योंकि एक दिन पहले ही सतीश कौशिक ने होली मनाई थी जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

सतीश कौशिक निधन: किसी के थे दोस्त तो किसी के चीयरलीडर, सतीश कौशिक को ऐसे  याद कर रहा है बॉलीवुड

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, मुंबई – 09 मार्च :

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशक का 67 साल की उम्र में निधन हो गया है। सतीश कौशिक के जिगरी दोस्त और बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने उनके निधन की जानकारी फैंस को दी और इस खबर के बाद अभिनेता के फैंस और सेलेब्स शोक में डूब गए हैं। जानकारी मिलने के बाद कई सेलेब्स ने सतीश कौशिक को श्रद्धांजलि दी। कई ने सोशल मीडिया पर भी अभिनेता को याद किया और उनके यूं अचानक इस दुनिया से चले जाने पर शोक व्यक्त किया। अनुपम खेर से लेकर कंगना रनौत तक ने सतीश कौशिक को श्रद्धांजलि देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।

सतीश कौशिक ने जावेद अख्तर, शबाना आजमी, महिमा चौधरी और ऋचा चड्ढा, अली फजल के साथ होली मनाई थी और तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। तस्वीरें शेयर करते हुए सतीश कौशिक ने लिखाक था- कलरफुल होली और फन होली पार्टी।

वहीं रितेश देशमुख ने लिखा, विश्वास नहीं होता कि आप चले गए। आपकी हंसी अब भी मेरे कानों में गूंजती है। एक दयालु और उदार सह-अभिनेता होने के लिए धन्यवाद, एक शिक्षक होने के लिए धन्यवाद। आपको हमेशा याद किया जाएगा, आपकी विरासत हमारे दिलों में जीवित रहेगी।

बढ़ती महंगाई ने यह सिद्ध कर दिया कि गरीब व्यक्ति  रोटी की जगह आंसू पी कर या भूखे सोए  : चंद्रमोहन

  • आज एल पी जी गैस सिलेंडर और कामर्शियल  गैस सिलेंडर के दामों अप्रत्याशित भारी अभिवृद्धि
  • मुम्बई में भैंस के दूध में अप्रत्याशित अभिवृद्धि करके उपभोक्ताओं को होली का उपहार दिया गया
  • गरीब लोगों को उपहार ‌के रुप में आज घरेलू गैस  सिलेंडर 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर के दामों में 50  रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकूला – 01 मार्च :

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमन्त्री  और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य चन्द्र मोहन ने कहा कि आज एल पी जी गैस सिलेंडर और कामर्शियल  गैस सिलेंडर के दामों अप्रत्याशित भारी अभिवृद्धि के साथ ही मुम्बई में भैंस के दूध में अप्रत्याशित अभिवृद्धि करके उपभोक्ताओं को होली का उपहार दिया गया है। देश के गरीब लोगों को उपहार ‌के रुप में आज घरेलू गैस  सिलेंडर 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर के दामों में 50  रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी तथा कामर्शियल गैस सिलेंडर में 350 रुपए प्रति गैस सिलेंडर की अप्रत्याशित अभिवृद्धि करने के साथ साथ मुम्बई में भैंस के दूध के दाम में 5 रुपए प्रति किलो ग्राम बढ़ोतरी करके गरीब लोगों के मुंह से निवाला छीनने का काम किया गया है और लोगों को भूखा मरने के लिए एक सौगात दी गई है।

       चन्द्र मोहन ने कहा कि यह इस देश के गरीब का बड़ा दुर्भाग्य है कि उसको सन् 2014 में बनी केन्द्र सरकार ने गरीबों को सब्जबाग दिखाकर वोट हासिल किए थे और आज उसकी सजा देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को मिल रही है।‌उन्होने भाजपा सरकार पर तंज़ कहते हुए कहा कि  किसानों की आय  वर्ष 2022 तक दोगुना करने का वायदा तो भाजपा सरकार पूरा नहीं कर पाई, लेकिन भाजपा सरकार ने आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ा कर देश के लोगों के  साथ जो धोखा किया है उसका हिसाब जनता आने वाले 2024 के लोकसभा चुनावों में पूरा करेगी।

    अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य ने कहा कि आज मार्च महीने के पहले ही दिन  देश के लोगों को तीन नए उपहार मिलें हैं। इनमें  घरेलू गैस एल पी जी, कामर्शियल गैस और भैंस के दूध के दाम में बढ़ोतरी करके गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर उपकार करके उनकी कमर तोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज से 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू एल पी जी सिलेंडर के दाम 50 रुपए बढ़ गए है। दिल्ली में इसकी कीमत बढ़कर 1103 रुपए  प्रति सिलेंडर हो गई है। इससे पहले 6 जुलाई 2022 को दामों में भी इसके दामों में बदलाव किया गया था और उस समय भी  कीमतें 50 रुपए बढ़ाई गई थी। इस प्रकार से पिछले 7 महीने में 100 रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी करके यह सिद्ध कर दिया कि गरीब व्यक्ति  रोटी की जगह आंसू पी कर सोए  या भूखे सोते हैं,तो सरकार को कोई भी फर्क नहीं पड़ता है।

         उन्होंने कहा कि इसी प्रकार  19 किलो वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 350.50 रुपए की अप्रत्याशित अभिवृद्धि करके  यह संकेत दे दिया है अब रेहड़ी पटरी पर मिलने वाला गरीब का भोजन कल से ही महंगा  हो जाएगा। दिल्ली में  कामर्शियल गैस सिलेंडर अब 2119.50 रुपए का मिल रहा है और सबसे बड़ी विडंबना यह है कि इस साल 2023 में दो महीने में  कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में यह दूसरी बढ़ोतरी  की गई है और यह बढ़ोतरी 22 प्रतिशत से अधिक है। इससे पहले  केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को नए वर्ष का तोहफा बढ़ोतरी के रूप में 1 जनवरी को कीमतों में 25 रुपए का इजाफा करके दिया गया था।वहीं आज से मुंबई में भैंस के दूध में भी 5 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी करके दूध से बनने वाले उत्पाद घी,दही, मक्खन और पनीर के दामों में भी अभिवृद्धि आम आदमी का स्वागत करने के लिए तैयार है।

        चन्द्र मोहन ने कहा कि महंगाई के इस कुचक्र से निकलने का एक ही रास्ता है कि सभी देशवासी एक जूट होकर ही अगले वर्ष होने वाले लोकसभा के चुनाव में भाजपा को सत्ता विहिन करने से ही महंगाई के भूत से छूटकारा मिल सकता है। इस लिए गरीब विरोधी इस सरकार से आने वाले समय में भी देश के गरीब लोगों को राहत की कोई उम्मीद नहीं है। अन्यथा वर्ष 2014 में 430 रुपए में मिलने वाला एल पी जी सिलेंडर 2000  रुपए में लेने के लिए तैयार रहना चाहिए।

शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग के फैसले पर बिफरे शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने चुनाव आयोग के इस फैसले को राजनीतिक दलों पर बड़ा हमला करार देते हुए कहा, “सभी के साथ निष्पक्ष व्यवहार करना कुछ संगठनों की जिम्मेदारी है।” इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि “क्या आपने कभी चुनाव आयोग को एक राजनीतिक दल का पूरा नियंत्रण छीनकर दूसरे को देते देखा है?” शरद पवार ने इसके साथ उद्धव ठाकरे को आगे बढ़कर ‘एक नया चुनाव चिह्न लेने’ की सलाह दी. उन्होंने कहा, “एक बार फैसला (चुनाव आयोग द्वारा) दिए जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती है… इसका (शिवसेना का चुनाव चिह्न को खोने का) कोई खास असर नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग (नए चुनाव चिह्न को) स्वीकार कर लेंगे। “

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना की है.  (पीटीआई फाइल फोटो)
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना की है 

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/मुंबई – 22 फरवरी :

महाराष्ट्र में उद्धव और शिंदे गुट के बीच जारी विवाद में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी एंट्री हो गई है। सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे गुट को झटका लगा है, जिसे लेकर शरद पवार ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि “चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले एक फैसला दिया था। यह एक उदाहरण है कि कैसे एक संस्था का दुरुपयोग किया जा सकता है। हमने चुनाव आयोग द्वारा ऐसा फैसला पहले कभी नहीं देखा। बालासाहेब ठाकरे ने अपने आखिरी दिनों में कहा था कि उनके बाद शिवसेना की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे को दी जाएगी।

पवार ने आगे कहा कि एक विचारधारा और पार्टी देश में भाईचारे को खत्म कर रही है। अटल बिहारी वाजपेयी जब PM थे, तब देश की संस्था पर इस तरह का हमला नहीं हुआ था। नरेंद्र मोदी की सरकार देश की संस्था पर हमला कर रही है और राजनीतिक दल को काम नहीं करने दे रही है।

इलेक्शन कमीशन ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी थी। उसे शिवसेना का ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न भी दे दिया। कमीशन के इस फैसले के विरोध में शिवसेना (उद्धव गुट) ने सुप्रीम कोर्ट (SC) में याचिका दाखिल की। बुधवार यानी आज SC ने इस मामले में EC के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। SC ने कहा कि हम आदेश पर रोक नहीं लगा सकते।

इस दौरान शरद पवार ने देश की केंद्र सरकार पर भी जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग और अन्य संस्थाएं वही फैसले दे रही हैं जो सत्ताधारी सरकार चाहती है। आज देश में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो संस्था काम कर रही है, वह सोचती है कि सत्ता उनके हाथ में रहेगी।

आपको बता दें, शरद पवार ने पिछले दिनों उद्धव ठाकरे को आगे बढ़ने और पार्टी के लिए नए चुनाव चिह्न पर सहमती जाहिर करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, एक बार फैसला (चुनाव आयोग द्वारा) दिए जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती है। पुराने चुनाव चिह्न को खोने का कोई खास असर नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग नए चुनाव चिन्ह को स्वीकार कर लेंगे। बाद में उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह इस विवाद में और नहीं फंसना चाहते हैं। जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले से दूरी बना ली थी।

एन विनायक बतौर निर्देशक अपनी पहली कन्नड़ ‘फुल मील्स’ के निर्देशन में व्यस्त

एन विनायक की बतौर निर्देशक पहली रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘फुल मील्स’

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, मुंबई – 18 फरवरी :

पिछले ६ वर्षों तक कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय निर्देशक एन विनायक ने दर्जनों फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर और एसोसिएट निर्देशक के तौर पर कई कन्नड़ फिल्मे की।  इसके अलावा विज्ञापन फिल्में, शार्ट फिल्में  व कई म्यूजिक विडिओ अलबमों का निर्देशन किया, जोकि काफी सफल व चर्चित हुई जिसके कारण उनकी बतौर निर्देशक कन्नड़ ‘फुल मील्स’ मिली। जिसकी शूटिंग बड़े जोरशोर से कर्नाटक के विभिन्न जगहों में कर रहे है।

 उनकी पहली फिल्म ही टाइटल की वजह से काफी चर्चित हो गयी है। इस फिल्म में हीरो लिकिथ शेट्टी और हीरोइन खुशी रवि और तेजस्विनी शर्मा है।

रंगायन रघु, साधु कोकिला और विजय चेंदूर जैसे कलाकार इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म के बारे में निर्देशक एन विनायक कहते है,” यह एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, जोकि आजकल के युवा पीढ़ी को ध्यान में रखकर बना रहे है। यह एक फोग्राफर की कहानी है। इसमें चार गाने है। यह दर्शकों के लिए सभी मसालों से भरपूर ‘फुल मील्स’ है। इससे ज्यादा नहीं बता सकता हूँ, आगे परदे पर देखिये। इस साल के अंत तक रिलीज़ हो जायेगी। ‘

भोजपुरी फिल्म स्टार सुदीप पाण्डेय को अपने परिसर में बंद करने के आरोप में प्राथमिता दर्ज

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, मुंबई/नवी मुंबई – 17 फरवरी :

फिल्म स्टार सुदीप पाण्डेय का पुनीत चेम्बर्स परिसर सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा 08/02/2023 को बंधक बना लिया गया और समिति के सदस्यों के आदेशानुसार चौकीदार शिवम पाण्डेय ने उन्हें 4 घंटे के लिए अपने कार्यालय में बंद कर दिया। दरवाजा तब खुला जब मीडिया और पुलिस अभिनेता की मदद के लिए आई। इससे पहले पूर्व चेयरमैन विनोद नायर और मैनेजर विजय मेनन के खिलाफ कथित तौर पर अभिनेता से पैसे ऐंठने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

इसकी अनियमितताओं के कारण समाज का विघटन हुआ और पदाधिकारियों ने बाद में स्वीकार किया कि विनोद नायर ने झूठ बोला और उन्हें गुमराह किया और धोखे से अभिनेता के खिलाफ उनके हस्ताक्षर प्राप्त किए। नए अध्यक्ष संजय रुइया और प्रबंधक विजय मेनन ने अभिनेता को धमकी दी और उन्हें अपने कार्यालय में बंद कर दिया।

अभिनेता को पुलिस और मीडिया को बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसने अभिनेता को समिति के सदस्यों द्वारा बंधक बना लिया।अभिनेता का कहना है कि उन्हें अपनी जान का डर था लेकिन महाराष्ट्र पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उन्हें बचाया और प्राथमिता संख्या 0066/2023 दर्ज की।

बीबीसी ऑफिस सर्वे को लेकर कांग्रेस नाराज़, पर बीजेपी ने कहा- दूध का दूध और पानी का पानी होगा

                   BBC के दिल्ली स्थित दफ्तर में मंगलवार (14 फरवरी, 2023) को IT विभाग के अधिकारी पहुँचे और तलाशी लेनी शुरू की। बीबीसी हाल ही में रूस-यूक्रेन सीरीज को लेकर बनाई गई वीडियो सीरीज के कारण भी सुर्ख़ियों में रहा था। ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के लोगों ने जम कर इसके खिलाफ प्रदर्शन किया है। लेस्टर में हिन्दू विरोधी हिंसा के दौरान इसने हिन्दुओं के खिलाफ दुष्प्रचार किया और हमलावर मुस्लिमों को बचाने की कोशिश की।

BBC, दिल्ली, आयकर विभाग

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली – 14 फ़रवरी :

                भारत के खिलाफ लगातार प्रोपेगंडा चलाने वाले BBC के दिल्ली स्थित दफ्तर पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है। हाल ही में मीडिया संस्थान ‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात दंगों को लेकर दुष्प्रचार करते हुए एक विवादस्पद डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। इतना ही नहीं, उसकी ताज़ा डॉक्यूमेंट्री में ISIS आतंकी शमीमा बेगम का महिमामंडन भी किया गया था। इससे उसके अपने ही देश के लोग नाराज़ हैं।

                        BBC के दिल्ली और मुंबई ऑफिस पर आयकर विभाग (IT) की टीम पहुंचने की खबर मिली है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के KG मार्ग एरिया में HT टॉवर की पांचवीं और छठवीं मंजिल पर BBC का ऑफिस है। यहां IT की 24 मेंबर्स की टीम ने रेड की है। सूत्रों ने बताया कि एक्शन के दौरान स्टाफ के फोन बंद करा दिए गए हैं और सभी को मीटिंग रूम में बैठने को कहा गया है।

                        बीबीसी के एक स्टाफ के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग के 15 लोग सर्च ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। एक सर्वे के तहत, आयकर विभाग केवल कंपनी के व्यावसायिक परिसर की ही जांच करता है और इसके प्रवर्तकों या निदेशकों के आवासों और अन्य स्थानों पर छापा नहीं मारता है। बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स विभाग द्वारा जल्द ही सर्वे को लेकर औपचारिक रूप से जानकारी दी जाएगी।

                   सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान बीबीसी के दफ्तर में मौजूद सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन सीज किये गए हैं। अकाउंट ऑफिस में रखे कंप्यूटर का डेटा खंगाला जा रहा है। किसी भी कर्मी को बाहर जाने की इजाजत नहीं है और कुछ स्टाफ से पूछताछ भी की जा रही है। कर्मचारियों से कहा गया है कि वे सिस्टम का उपयोग न करें या कार्यालय न आएं। कर्मचारियों को अपने निजी फोन का भी इस्तेमाल करने से मना किया गया है।

                   BBC के ऑफिसों पर कार्रवाई को कांग्रेस ने PM मोदी पर बनी उसकी डॉक्यूमेंट्री से जोड़ा है। पार्टी ने ट्वीट कर इसे अघोषित आपातकाल बताया है। पार्टी ने अपने ट्वीट में लिखा- पहले BBC की डॉक्यूमेंट्री आई, उसे बैन किया गया। अब BBC पर IT का छापा पड़ गया है। अघोषित आपातकाल।

कांग्रेस ने कहा- अघोषित आपातकाल

                   कांग्रेस के बयान के बाद भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस आपातकाल की बात न करे। प्रेस की आजादी की बात करने वाले खुद आइना देखें। उन्होंने कहा -एओ. ह्यूम की बनाई पार्टी कांग्रेस का चाल, चरित्र अभी भी ब्रिटिश ही है। लगता है अंग्रेजों ने 1947 में भारत छोड़ने के बाद बीबीसी के विघटनकारी एजेंडे को देश में आगे बढ़ाने का काम कांग्रेस को सौंप दिया था। खैर, आपातकाल और प्रेस की आजादी की बात करने वालों को आईना जरूर देखना चाहिए।

भाजपा ने कहा- आइना देखे कांग्रेस

                   BBC के ऑफिसों पर रेड के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- यहां हम अडाणी के मामले में JPC की मांग कर रहे हैं और वहां सरकार BBC के पीछे पड़ी हुई है। ‘विनाशकाले विपरीत बुद्धि’। रमेश ने मंगलवार को यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में JPC जांच से भाग रही है।

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जयराम बोले- विनाशकाले विपरीत बुद्धि

                   जयराम रमेश का यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस इंटरव्यू के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था भारतीय जनता पार्टी के पास छिपाने या डरने के लिए कुछ भी नहीं है। जयराम रमेश ने कहा कि उन्होंने अडानी मामले की निष्पक्ष जांच के लिए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास और सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को लेटर लिखा है।


                   BBC के ऑफिसों पर IT रेड की खबर को TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने चौंकाने वाली खबर बताया है। मोइत्रा ने ट्वीट किया- BBC के दिल्ली दफ्तर में आयकर की छापेमारी…बहुत खूब…चौंकाने वाला।

Jholewala fakir': Mahua Moitra responds to accusations of "hiding her  expensive bag" | India News – India TV
महुआ मित्रा ने कहा- यह चौंकाने वाला

                   ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कोर्पोरेशन (BBC) वर्ल्ड सर्विस टेलीविजन ब्रिटिश सरकार की संस्था है। यह 40 भाषाओं में खबरें प्रसारित करता है। ब्रिटेन की संसद के ग्रांट के जरिए इसकी फंडिंग करती है। इसका मैनेजमेंट फॉरेन एंड कॉमेनवेल्थ ऑफिस के जरिए होता है। यह डिजिटल, कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट्स विभाग के तहत काम करती है। BBC को एक रॉयल चार्टर के तहत साल 1927 में शुरू किया गया था।

संगीता तिवारी व अमन कुमार के म्युज़िक वीडियो “केसरिया” लॉन्च हुआ

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, मुंबई – 23 जनवरी :

                        बॉलीवुड की मशहूर ऎक्ट्रेस संगीता तिवारी एक और जबरदस्त म्युज़िक वीडियो “केसरिया” लेकर आई हैं। मुम्बई के रेड बल्ब स्टूडियो में इस गाने के लॉन्च पर संगीता तिवारी के साथ अमन कुमार भी मौजूद रहे। इस गाने में संगीता तिवारी के साथ अमन कुमार दिखाई दे रहे हैं। इसके वीडियो डायरेक्टर और कोरियोग्राफर पप्पू खन्ना, डीओपी दिलीप कहर हैं। इस म्युज़िक अल्बम के म्युज़िक डायरेक्टर और गीतकार लक्ष्मीनारायण, सिंगर गुलाम फरीद साबरी हैं।

                            एसटी सीरीज़ द्वारा प्रस्तुत केसरिया के लॉन्च के अवसर पर कई सेलेब्रिटीज़ मेहमान के रूप में मौजूद रहे जिनमे संगीतकार दिलीप सेन, श्री दिव्यराज श्रीवास्तव (ऑन टीवी डिजिटेक), शब्बीर शेख (फार्च्यून लाइफ लाइन मीडिया एंड एंटरटेनमेंट) का नाम उल्लेखनीय है।

                         केसरिया को लेकर काफी उत्साहित संगीता तिवारी ने कहा,”यह काफी अलग तरह का गीत है,जिसमें अमन कुमार के साथ केमिस्ट्री बड़ी खूबसूरत है। नेपाल की हसीन लोकेशन में इसकी शूटिंग का अनुभव कमाल का रहा है। मुझे उम्मीद है कि दर्शकों को यह वीडियो पसन्द आएगा।”

                        बता दें कि एसटी सीरीज सात गाने लॉन्च करने जा रहा है और उनमें से पहला गाना केसरिया रिलीज किया है। अन्य गीत जो आने वाले हैं तू राजा धीरज भोले गायक लक्ष्मीनारायण, हो जाओ तुम मेरी गायक मनोज नेगी, जमना शर्मा, ये मन बड़ा ही गायक लक्ष्मीनारायण, इश्क अमीरन गायक लक्ष्मीनारायण, जमना शर्मा, ओ माई बलमा एंगेवा गायिका खुशबू जैन, लक्ष्मीनारायण, मेरे यार गायक विकास चतुर्वेदी इत्यादि हैं।

                        संगीता तिवारी के कई सांग सुपर हिट रहे हैं। केसरिया भी एक जबरदस्त गीत है जिसमें संगीता तिवारी का आकर्षक लुक और अलग सा जलवा नजर आ रहा है। मिक्सिंग मनोज नेगी ने की है।केसरिया की मार्केटिंग और प्रोमोशन फार्च्यून लाइफ लाइन मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के शब्बीर शेख द्वारा बखूबी की जा रही है।

बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे ने किया गठबंधन का एलान

                        2019 के विधानसभा चुनाव में भी प्रकाश आंबेडकर ने दलित-मुस्लिम गठजोड़ बना कि पार्टी ने कांग्रेस-एनसीपी के वोट काटे थे, जिससे बीजेपी को फायदा हुआ था।  साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रकाश आंबेडकर की पार्टी की करीब 10 निर्वाचन क्षेत्रों में एक लाख से ज्यादा वोट पड़े थे। तब प्रकाश आंबेडकर की पार्टी का गठबंधन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से था। तब दलित-मुस्लिम गठजोड़ बना था और एआईएमआईएम के खाते में औरंगाबाद सीट गई थी। 

उद्धव ठाकरे - फोटो : Social Media
  • उद्धव ठाकरे और प्रकाश अंबेडकर आए साथ
  • BMC चुनाव के लिए VBA के साथ गठबंधन की घोषणा
  • MVA गठबंधन में अब VBA भी शामिल

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/मुंबई – 23 जनवरी :

                        आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के साथ हाथ मिलाया है। हालांकि निकाय चुनावों की तारीखों की घोषणा अभी बाकी है, लेकिन इस कदम को इस संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि उद्धव की सेना ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। सोमवार दोपहर दोनों पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटनाक्रम का ऐलान किया।

                        उद्धव ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हम संविधान को अक्षुण्ण रखने के लिए एक साथ आए हैं।’ इस दौरान उन्होंने प्रकाश अंबेडकर के साथ मंच साझा किया। गौरतलब है कि उद्धव की महा विकास अघाड़ी सरकार को जून में एकनाथ शिंदे नेतृत्व वाले विद्रोही सेना गुट द्वारा गिरा दिया गया था। MVA गठबंधन के बारे में बात करते हुए, प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस और एनसीपी उनकी वीबीए पार्टी को सहयोगी के रूप में भी स्वीकार करेंगे। अंबेडकर ने ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर भी भाजपा सरकार पर हमला किया।

                        वहीं वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर शिवसेना (यूबीटी) और वीबीए का गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया बदलाव लाएगा। इस कदम से राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां कुछ पार्टियों ने अपने सहयोगियों को कम करने और खत्म करने की कोशिश की, लेकिन राजनीतिक दल की जीत का फैसला करना लोगों पर निर्भर है। हमारे देश की इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कोई नहीं बदल सकता है।

                        पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि अभी तक चुनाव की कोई घोषणा नहीं हुई है। मैं देशद्रोहियों (शिंदे गुट) को चुनाव कराने की चुनौती देना चाहता हूं। अगर उनमें (शिवसेना शिंदे गुट और बीजेपी में) दम है तो उन्हें चुनाव की घोषणा करनी चाहिए। 

                        इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने आरएसएस प्रमुख पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत मस्जिद गए तो क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया? जब बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन किया तो क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया? वे जो कुछ भी करते हैं वह सही है और जब हम कुछ करते हैं, तो हम हिंदुत्व छोड़ देते हैं, यह सही नहीं है। 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जान से मारने की धमकी

                         केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नागपुर ऑफिस में फोन कर जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी भरा ये फोन कॉल उनके नागपुर कार्यालय के लैंडलाइन नंबर पर किया गया। जिसके बाद उनके दफ्तर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नितिन गडकरी को पहला धमकी भरा कॉल 11.30 बजे, आया, दूसरा कॉल 11.35 पर आया और फिर तीसरा फोन कॉल दोपहर 12:32 आया। यह सभी धमकी भरे कॉल नितिन गडकरी के कार्यालय के लैंडलाइन नंबर पर किए गए। फोन करने वाले अज्ञात शख्स ने गडकरी को जान से मारने की धमकी देने के साथ कहा, “उनके कार्यालय को बम से उड़ा दिया जाएगा।”  वहीं खबरों के मुताबिक धमकी देने वाले शख्स ने दाऊद इब्राहिम गैंग का नाम लिया है। जिसके बाद नागपुर पुलिस के साथ महाराष्ट्र एटीएस भी मामले की जांच में जुट गई है।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नागपुर – 14 January : 

                        केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को जान से मारने की धमकी मिली है.। आज सुबह 11:30 बजे नागपुर के खामला चौक स्थित नितिन गडकरी के ऑफिस में उन्हें जान से मारने की धमकी देने वाला फोन आया। किसी अज्ञात शख्स ने दो बार फोन कॉल किया. पहली कॉल 11:30 बजे आई, इसके 10 मिनट बाद 11:40 बजे दूसरी कॉल रिसीव हुई।  केंद्रीय मंत्री के कार्यालय की ओर से पुलिस को इसके बारे में सूचना दी गई।  नागपुर पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है। नितिन गडकरी के कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।  नितिन गडकरी के संसदीय कार्यालय से उनके आवास की दूरी सिर्फ 1 किमी है।

                        धमकी देने वाले ने 100 करोड़ रुपए की फिरौती की भी मांग की। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जिस नंबर से कॉल की है उसे ट्रेस कर लिया है। कर्नाटक के किसी इलाके से यह थ्रेट कॉल की गई थी।आरोपी की गिरफ्तारी की कोशिशें जारी हैं। 

                        नागपुर के डीसीपी राहुल मदाने ने जानकारी दी है कि नितिन गडकरी के स्थानीय जनसंपर्क कार्यालय में तीन धमकी भरे फोन कॉल आए थे। फोन कॉल BSNL नंबर से कार्यालय के लैंडलाइन पर किए गए थे। पहला फोन सुबह 11.25 बजे किया गया इसके बाद 11.32 मिनट पर दोबारा धमकी भरा फोन आया तब तक पुलिस को इसकी जानकारी दे दी गई। दोपहर 12.32 बजे तीसरी कॉल आईं। नागपुर के डीसीपी मदाने का कहना है कि कॉल रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। इस केस पर क्राइम ब्रांच कॉल डाटा रिकॉर्ड (CDR) के आधार पर जाँच कर रही है।

                        मीडिया रिपोर्ट्स में नागपुर पुलिस के हवाले से बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री के जनसंपर्क ऑफिस के लैंडलाइन नंबर पर ‘दाऊद गैंग’ के नाम से कॉल आया। धमकी देने वाले कॉलर ने 100 करोड़ रुपए न दिए जाने पर जान से मारने की धमकी दी। पत्रकारों का दावा है कि पुलिस ने उस नंबर को ट्रेस कर लिया है, जिससे धमकी भरा कॉल किया गया था। बताया जा रहा है कि कॉल कर्नाटक के किसी स्थान से किया गया है।

                        आपको बता दें कि नागपुर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का संसदीय क्षेत्र है। उनकी गिनती मोदी सरकार के सबसे अच्छा काम करने वाले मंत्रियों में सबसे ऊपर होती है। देश के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में नितिन गडकरी ने  8 सालों में बेहतरीन काम किया है।आने वाले दिनों में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे, दिल्ली अमृसर एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे, द्वारका एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे के रूप में देश को बुनियादी ढांचे की सौगात देने वाले हैं।

                        पुलिस धमकी देने वाले शख्स की गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है। वहीं केंद्रीय मंत्री के नागपुर स्थित कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस की टीम आसपास के हर एक मूवमेंट पर नजर बनाई हुई है। मामले की जाँच स्थानीय पुलिस के साथ-साथ महाराष्ट्र एटीएस की टीम भी कर रही है।