बॉर्डर से सेना हटाओ, तभी आगे बढ़ेगी बात : चीनी विदेश मंत्री से बोले अजीत डोभाल
/in ARUNACHAL PRADESH, CHANDIGARH, DELHI, HARYANA, HEALTH, HIMACHAL, JAMMU & KASHMIR, MOHALI, NATIONAL, PANCHKULA, POLITICS, PUNJAB, SIKKIM, STATES, TRICITY, UTTRAKHAND/by Demokratic Front Bureauभारत ने शांति की बहाली के लिए राजनयिक, सैन्य स्तर पर सकारात्मक बातचीत जारी रखने की जरूरत पर जोर दिया है। अजीत डोभाल ने वांग यी से कहा है कि सुनिश्चित किया जाए कि कार्रवाई समान और परस्पर सुरक्षा की भावना का उल्लंघन नहीं करती है। एक ही दिशा में काम करें और बकाया मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाएं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री को साफ लहजे में कह दिया है कि जब तक वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control -LAC) से चीनी सेना नहीं हटाई जाएगी, तब तक दोनों देशों के बीच कोई बात नहीं हो सकती।

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट:
चीनी विदेश मंत्री वांग यी आज से भारत दौरे पर हैं। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री को साफ लहजे में कह दिया है कि जब तक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से चीनी सेना नहीं हटाई जाएगी, तब तक दोनों देशों के बीच कोई बात नहीं हो सकती। डेढ़ घंटे तक चली इस बातचीत के दौरान भारत ने कहा है बॉर्डर क्षेत्र के बचे हुए इलाके में जल्द और पूरी तरह से सेना को हटाए जाने की जरूरत है, ताकि द्विपक्षीय संबंध स्वाभाविक रास्ते पर आ सकें।
निर्वासित तिब्बती सांसद थुबटेन ग्यात्सो ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है कि मैं सरकार से चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक के दौरान तिब्बती मुद्दे को उठाने और चीन से दलाई लामा के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की अपील करता हूं। एक और निर्वासित तिब्बती सांसद चोदक ग्यामत्सो ने कहा है कि यह महत्वपूर्ण है कि तिब्बती मुद्दे को दोनों पक्षों द्वारा उठाया जाए। चीनी विदेश मंत्री की इस तरह की यात्रा एक अच्छा संकेत है। दो बड़े एशियाई देशों के लिए सकारात्मक संबंध बनाए रखना आवश्यक है।

तिब्बती यूथ कांग्रेस ने जानकारी दी है कि संगठन वांग यी की भारत यात्रा को लेकर दोपहर दो बजे करीब हैदराबाद हाउस के सामने विरोध-प्रदर्शन करेगी। तिब्बती कार्यकर्ता तेंजिन तुसुंदे ने एक ट्वीट में कहा. “वांग यी के भारत आने से पहले दिल्ली हवाई अड्डे पर एक फ्री तिब्बत प्रदर्शनकारी छात्र पहले से ही मौजूद थे। गलवान के बाद भी कोई भारतीय प्रदर्शनकारी नहीं दिखा।”
चीनी विदेश मंत्री वांग यी 24 मार्च की शाम दिल्ली पहुंचे थे। 2020 में लद्दाख संघर्ष के बाद से यह उनकी पहली भारत यात्रा है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के साथ गतिरोध और जून 2020 में गालवान घाटी में एक हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों और कई चीनी सैनिकों की मौत हो गई थी।
इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तन लेने के पश्चात दलित नहीं ले सकेंगे जातिगत आरक्षण का लाभ
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नयी दिल्ली(ब्यूरो):
इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तित होने वाले दलितों को चुनावों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा वह आरक्षण से जुड़े अन्य लाभ भी नहीं ले पाएँगे। गुरुवार (11 फरवरी 2021) को राज्यसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी।
हिन्दू, सिख या बौद्ध धर्म स्वीकार करने वाले अनुसूचित जाति के लोग आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के योग्य होंगे। साथ ही साथ, वह अन्य आरक्षण सम्बन्धी लाभ भी ले पाएँगे। भाजपा नेता जीवी एल नरसिम्हा राव के सवाल का जवाब देते हुए रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर जानकारी दी।
आरक्षित क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की पात्रता पर बात करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, “स्ट्रक्चर (शेड्यूल कास्ट) ऑर्डर के तीसरे पैराग्राफ के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो हिन्दू, सिख या बौद्ध धर्म से अलग है, उसे अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जाएगा।” इन बातों के आधार पर क़ानून मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि इस्लाम या ईसाई धर्म स्वीकार करने वाले दलितों के लिए आरक्षण की नीति कैसी रहेगी।
क़ानून मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि संसदीय या लोकसभा चुनाव लड़ने वाले इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तित होने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति को निषेध करने के लिए संशोधन का प्रस्ताव मौजूद नहीं।
कैप्टन सब से घटिया मुख्य मंत्री हैं और जाखड़ ने खुद को पंजाब का ‘पप्पू’ साबित कर दिया है : हरपाल सिंह चीमा
/0 Comments/in CHANDIGARH, HARYANA, HEALTH, HIMACHAL, MOHALI, NATIONAL, PANCHKULA, POLITICS, PUNJAB, RAJASTHAN, SIKKIM, STATES, TRICITY/by Demokratic Front Bureau- बौखलाए जाखड़ ने ‘आआपा’ विरुद्ध की टिप्पणी गैर-जिम्मेवारना शरारत-हरपाल सिंह चीमा
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर पलटवार करते ‘आआपा’ ने लगाए गंभीर आरोप
- जाखड़ को एक सप्ताह की मोहलत, माफी मांगे या फिर राज्य स्तरीय विरोध के लिए तैयार रहे ‘आआपा’*
- पूछा, अगर ‘आआपा’ देश विरोधी है तो एक्शन लेने में इतनी सुसती क्यूं दिखा रही है कांग्रेस की सरकार*
- ‘आआपा’ नेताओं ने मरहूम हाकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर को मौन रख कर श्रद्धा के फूल किए अर्पित*
- नेता प्रतिपक्ष ने दी ईद की बधाई
चंडीगड़, 25 मई (राकेश शाह)
पंजाब के एक कोने से दूसरे कोने तक (अबोहर से गुरदासपुर) लोगों द्वारा हरा कर नकारे जा चुके पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रधान सुनील जाखड़ की अध्यक्ष वाली कुर्सी भी खतरे में है। सरकार में लगातार अनदेखी का शिकार हो रहे सुनील जाखड़ बुरी तरह से बौखला चुके हैं। अपनी खिसकती जा रही जमीन और माफिया के समक्ष नीलाम हुई मृत जमीर को जीवित करने के लिए सुनील जाखड़ ने पंजाब और पंजाबियों से संबंधित मुद्दे छोड़ कर दिल्ली सरकार के अफसरों द्वारा हुई गलती को बड़ा मुद्दा बना कर पेश करने की गैर जिम्मेदारना कोशिश की है। आम आदमी पार्टी विरुद्ध की इस घटिया शरारत के लिए जाखड़ को माफी मांगनी पड़ेगी।’’
पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ पर यह तीखा शब्दिक हमला आम आदमी पार्टी (‘आआपा’) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को राजधानी में पै्रस कान्फ्रेंस के द्वारा किया।
सुनील जाखड़ द्वारा दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर टविट्टर के द्वारा उस टिप्पणी पर ‘‘आआपा’’ ने तीखा पलटवार किया। जिस में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी को अलगाववादी और राष्ट्र विरोधी बताया था।
The timing of Delhi Govt’s adv coming at a time when there’re increased number of skirmishes with China at LOC and even Nepal disputing India’s building road at lipulekh, raises may questions which must be answered. https://t.co/IQCASsb0eA
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) May 24, 2020
हरपाल सिंह चीमा ने पार्टी के सीनियर नेता हरचन्द सिंह बरसट और व्यापार विंग की राज्य प्रधान नीना मित्तल के साथ मीडिया के मुखातिब होते स्पष्ट किया कि जिस विज्ञापन को लेकर जाखड़ उूट-पटांग टिप्पणियां कर रहे हैं, दिल्ली सरकार के मामला ध्यान में आते ही न केवल वह विज्ञापन वापस लिया बल्कि सम्बन्धित अधिकारी को बर्खास्त करके उसके विरुद्ध जांच शुरू कर दी है। जिक्र योग्य है कि दिल्ली सरकार की तरफ से एक भर्ती से संबंधित जारी विज्ञापन में सम्बन्धित अफसरों की गलती से सिक्कम को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया था।
चीमा ने कहा कि बाबूओं के स्तर पर हुई गलती को सुनील जाखड़ ने जिस शरारताना अंदाज में जाखड़ ने आम आदमी पार्टी की नीयत और नीतियों पर उंगली उठाई है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदारना हरकत है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यदि आम आदमी पार्टी राष्ट्र विरोधी या अलगाववादी होती तो दिल्ली में मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार बड़ी जीत न दर्ज कर सकती। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी आम लोगों की बेहतरी के लिए भ्रष्टाचार के विरुद्ध चले आंदोलन में से पैदा हुई पार्टी है। पूरी दुनिया में फैली कोरोना महामारी के विरुद्ध जिस सफलता के साथ केजरीवाल सरकार ने काम किए हैं, उसकी प्रशंसा न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है। चीमा ने जाखड़ को पूछा कि यदि आम आदमी पार्टी का पृष्टभूमि राष्ट्र विरोधी है तो साढ़े तीन सालों के कांग्रेसी कार्यकाल के दौरान ‘आप’ के नेताओं के विरुद्ध केस दर्ज क्यों नहीं किए? क्या ऐसे गैर जिम्मेवारना बयान अपनी कुर्सी बचाने और असली मुद्देखास करके कांग्रेसी की अंदरुनी जंग से ध्यान हटाने के लिए नहीं दिया गया?

चीमा ने चुनौती दी कि यदि जाखड़ की अपनी सरकार में थोड़ी-बहुत चलती है तो वह ‘आआपा’ के कथित ‘राष्ट्र विरोधी’ नेताओं पर पर्चे क्यों नहीं दर्ज करवाते? चीमा ने कहा कि या तो जाखड़ अपने आरोप साबित करें या फिर एक हफ्ते के अंदर-अंदर अपना बयान वापस ले कर पंजाब के लोगों से माफी मांगें। ऐसा न करने की सूरत में राज्य स्तरीय विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहे।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बतौर कांग्रेस के राज्य प्रधान सुनील जाखड़ के पास किसी भी पार्टी के पृष्टभूमि पर उंगली उठाने का कोई नैतिक अधिकार ही नहीं है। देश की बटवारे से लेकर आज तक कांग्रेस के सांप्रदायक पृष्टभूमि से बच्चा-बच्चा अवगत है। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार और कांग्रेस का जो हाल आज सबके सामने है, उस ने जहां कैप्टन अमरिन्दर सिंह को सब से घटिया मुख्य मंत्री और सुनील जाखड़ को पंजाब का ‘पप्पू’ साबित कर दिया है।
सुनील जाखड़ पर राज्य के माफिया को अपनी जमीर बेचे जाने के आरोप लगाते हुए चीमा ने कहा कि जाखड़ ने भी बिजली माफिया के साथ कैप्टन और बादलों की तरह अपनी हिस्सेदारी निर्धारित की हुई है, यही कारण है कि बादलों के राज के दौरान घातक बिजली समझौतों के विरुद्ध रोजाना प्रैस कान्फ्रेंस करने वाले जाखड़ अपनी सरकार के आने पर चुप हो गए। चीमा ने कहा कि यदि जाखड़ में रत्ती भर भी पंजाब और पंजाबियों के प्रति दर्द है तो वह घातक बिजली समझौते रद्द क्यों नहीं करवाते। यदि कैप्टन सरकार उनकी नहीं मानती तो वह अध्यक्ष की कुर्सी के साथ क्यों चिपके हुए हैं?
इस से पहले चीमा ने महान हाकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए मौन रख कर इस हाकी खिलाड़ी को श्रद्धा के फूल भेंट किए। चीमा ने समूह पंजाब निवासियों को ईद के पवित्र त्योहार की बधाई भी दी।
इस मौके पार्टी की कोर समिति के मैंबर गैरी बडि़ंग, सुखविन्दर सुखी और प्रवक्ता गोबिन्दर मित्तल भी मौजूद थे।
मोदी के आवाहन पर भारत ने दिखाई एकता, की दीपावली
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कोरोना के खिलाफ जंग में पीएम मोदी की अपील के बाद देशवासी आज रात 9 बजे 9 मिनट दीया, कैंडल, मोबाइल फ्लैश और टार्च जलाकर एकजुटता का परिचय देंगे. लोग दीया जलाने की तैयारी कर लिए हैं.
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे देश ने एकजुट होकर प्रकाश पर्व मनाया. पीएम मोदी की अपील पर एकजुट होकर देश ने साबित कर दिया कि कोरोना के खिलाफ हिंदुस्तान पूरी ताकत से लड़ेगा. देश के इस संकल्प से हमारी सेवा में 24 घंटे, सातों दिन जुटे कोरोना फाइटर्स का भी हौसला लाखों गुना बढ़ गया. गौरतलब है कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में हैं. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देश कोरोना के आगे बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं लेकिन भारत के संकल्प की वजह से देश में कोरोना संक्रमण विकसित देशों के मुकाबले कई गुना कम है.
Live Updates-
- कोरोना के खिलाफ एकजुट हुआ भारत, प्रकाश से जगमगाया पूरा देश
- पीएम मोदी की अपील पर हिंदुस्तान ने किया कोरोना के खिलाफ जंग का ऐलान
- कोरोना के खिलाफ जापान में जला पहला दीया,
- कुछ देर बाद 130 करोड़ हिंदुस्तानी लेंगे एकजुटता का संकल्प
अमित शाह ने जलाए दीये
दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर सभी लाइट बंद करने के बाद मिट्टी के दीपक जलाए.
Delhi: Home Minister Amit Shah lights earthen lamps after turning off all lights at his residence. PM had appealed to the nation to switch off all lights of houses today at 9 PM for 9 minutes,& just light a candle, 'diya', or flashlight, to mark India's fight against #Coronavirus pic.twitter.com/J8HvaGCfCL
— ANI (@ANI) April 5, 2020
योगी आदित्यनाथ ने जलाया दीया
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीया जलाकर एकता की पेश की मिसाल. दीए की रोशनी से बनाया ऊं.
Lucknow: UP CM Yogi Adityanath lights earthen lamps to form an 'Om', at his residence. PM Modi had appealed to the nation to switch off all lights of houses today at 9 PM for 9 minutes, and just light a candle, 'diya', or flashlight, to mark India's fight against #Coronavirus. pic.twitter.com/QXrj2oTsVu
— ANI UP (@ANINewsUP) April 5, 2020
अनुपम खेर ने जलायी मोमबत्ती
अनुप खेर ने दीया जलाकर दिया एकता का संदेश
#9pm9minsSundayDiya 🙂 pic.twitter.com/WKohsS5Ki5
— Anupam Kher (@AnupamPKher) April 5, 2020
बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपील की थी कि पूरे देश के लोग रविवार रात 9 बजे घर की बत्तियां बुझाकर अपने कमरे में या बालकनी में आएं और दीया, कैंडिल, मोबाइल और टॉर्च जलाकर कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी एकजुटा प्रदर्शित करें.
भाजपा ने 3 प्रदेश प्रमुखों को बदला
/0 Comments/in CHANDIGARH, DELHI, HARYANA, HIMACHAL, KERELA, MADHYA PRADESH, MOHALI, NATIONAL, OPINION, PANCHKULA, POLITICS, PUNJAB, RAJASTHAN, SIKKIM, STATES, TRICITY/by Demokratic Front Bureauबीजेपी की तरफ से जारी बयान के अनुसार, मध्य प्रदेश बीजेपी के नए अध्यक्ष खजुराहो के सांसद विष्णु दत्त शर्मा को बनाया गया है, जबकि केरल बीजेपी का अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन को बनाया गया है. वहीं सिक्किम में दल बहादुर चौहान को फिर से प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है.

नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के पदभार ग्रहण करने के साथ ही तेजी से राज्यों में भी प्रदेश अध्यक्षों के चयन का काम शुरू हो गया है. इसी कड़ी में नड्डा ने शनिवार को तीन प्रदेशों में अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी.
बीजेपी की तरफ से जारी बयान के अनुसार, मध्य प्रदेश बीजेपी के नए अध्यक्ष खजुराहो के सांसद विष्णु दत्त शर्मा को बनाया गया है, जबकि केरल बीजेपी का अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन को बनाया गया है. वहीं सिक्किम में दल बहादुर चौहान को फिर से प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है.
सबसे चौंकाने वाला फैसला मध्यप्रदेश को लेकर किया गया है, जहां राकेश सिंह की जगह पर खजुराहो के सांसद विष्णुदत्त शर्मा को बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. शर्मा मूलत: मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के निवासी हैं. उन्हें वी.डी. शर्मा के नाम से भी जाना जाता है. वह 32 वर्षों से लगातार सक्रिय राजनीति में है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति शुरू करने के बाद विष्णुदत्त शर्मा को संगठन में अनेक पद मिले. मौजूदा समय में वह पार्टी के प्रदेश महामंत्री हैं. प्रदेश की राजनीति में उन्हें बड़ा चेहरा माना जाता है. संघ से भी उनका जुड़ाव रहा है.
विष्णुदत्त शर्मा के बारे में बताया जाता है कि वह संघ और बीजेपी संगठन से जुड़े जमीनी नेता हैं. विष्णुदत्त शर्मा 1987 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए. 1995 से उन्होंने पूर्ण रूप से राजनीति में कदम रखा. इससे पहले 1993 से 1994 तक वह मध्यप्रदेश में सचिव रहे.
विष्णुदत्त शर्मा 2001 से 2007 तक मध्यप्रदेश एबीवीपी राज्य संगठन सचिव रहे. इस दौरान विष्णुदत्त शर्मा एबीवीपी के राष्ट्रीय सचिव भी रहे. वह 2007 से 2017 तक मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय संगठन सचिव रहे. 2007 से 2009 तक विष्णुदत्त शर्मा एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव भी रहे.

सिक्किम में एक बार फिर दल बहादुर चौहान को बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया है. दल बहादुर को सिक्किम बीजेपी में सबसे बड़ा नाम माना जाता है. वहीं केंद्र में मुरलीधरन के मंत्री बनने के बाद बीजेपी केरल में एक ऐसे नेता की तलाश में थी, जिनकी राज्य में पहचान हो. के. सुरेन्द्रन संघ से जुड़े रहे हैं और उनकी पहचान एक फायरब्रांड नेता की रही है.
अब देश में होंगे 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर अब राज्य नहीं
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इतिहास के पटल पर आज 31 अक्तूबर का दिन खास तौर पर दर्ज़ हो गया जब आज आधी रात से जम्मू कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया ।
यह पहला मौका है जब एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया हो। आज आधी रात से फैसला लागू होते ही देश में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या नौ हो गई है।
आज जी सी मुर्मू और आर के माथुर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रथम उपराज्यपाल के तौर पर बृहस्पतिवार को शपथ लेंगे।
श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथ ग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल दोनों को शपथ दिलाएंगी।
सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए
गए विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में
बांटने का फैसला किया था, जिसे संसद ने अपनी मंजूरी दी। इसे लेकर देश में खूब सियासी
घमासान भी मचा।
भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का
दर्जा खत्म करने की बात कही थी और मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 90 दिनों के भीतर ही इस वादे
को पूरा कर दिया। इस बारे में पांच अगस्त को फैसला किया गया।
सरदार पटेल की
जयंती पर बना नया इतिहास
सरदार पटेल को देश की 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय का श्रेय है। इसीलिए उनके जन्मदिवस को ही इस जम्मू कश्मीर के विशेष अस्तित्व को समाप्त करने के लिए चुना गया।
देश में 31 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। आज पीएम मोदी गुजरात के केवडिया में और अमित शाह दिल्ली में अगल-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके साथ ही दो केंद्रशासित प्रदेशों का दर्जा मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए हैं।
जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की बौखलाहट एक बार फिर सामने आई है. आतंकियों ने कुलगाम में हमला किया है, जिसमें 5 मजदूरों की मौत हो गई है. जबकि एक घायल है. मारे गए सभी मजदूर कश्मीर से बाहर के हैं. जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से घाटी में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला है. आतंकियों की कायराना हरकत से साफ है कि वे कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले से बौखलाए हुए हैं और लगातार आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं.
जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इस इलाके की घेराबंदी कर ली है और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है. अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया है. माना जा रहा है कि मारे गए मजदूर पश्चिम बंगाल के थे.
ये हमला ऐसे समय हुआ है जब यूरोपियन यूनियन के 28 सांसद कश्मीर के दौरे पर हैं. सांसदों के दौरे के कारण घाटी में सुरक्षा काफी कड़ी है. इसके बावजूद आतंकी बौखलाहट में किसी ना किसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. डेलिगेशन के दौरे के बीच ही श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं.
जम्मू एवं से अनुच्छेद-370 हटने के बाद यूरोपीय संघ के 27 सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाने पर भारतीय जनता पार्टी ने जवाब दिया है. पार्टी का कहना है कि कश्मीर जाने पर अब किसी तरह की रोक नहीं है. देसी-विदेशी सभी पर्यटकों के लिए कश्मीर को खोल दिया गया है, और ऐसे में विदेशी सांसदों के दौरे को लेकर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है.
भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा, ‘कश्मीर जाना है तो कांग्रेस वाले सुबह की फ्लाइट पकड़कर चले जाएं. गुलमर्ग जाएं, अनंतनाग जाएं, सैर करें, घूमें-टहलें. किसने उन्हें रोका है? अब तो आम पर्यटकों के लिए भी कश्मीर को खोल दिया गया है.’शहनवाज हुसैन ने कहा कि जब कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा था, तब शांति-व्यवस्था के लिए एहतियातन कुछ कदम जरूर उठाए गए थे, मगर हालात सामान्य होते ही सब रोक हटा ली गई. उन्होंने कहा, ‘अब हमारे पास कुछ छिपाने को नहीं, सिर्फ दिखाने को है.’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘जब कश्मीर में तनाव फैलने की आशंका थी, तब बाबा बर्फानी के दर्शन को भी तो रोक दिया गया था. यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर जाना चाहते थे. वे पीएम मोदी से मिले तो अनुमति दी गई. कश्मीर को जब आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है तो विदेशी सांसदों के जाने पर हायतौबा क्यों? विदेशी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर जाने से पाकिस्तान का ही दुष्प्रचार खत्म होगा.’
आठ दिन और छ्ह फैसले
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मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई नवंबर की 17 तारीख को रिटाइर हो रहे हैं उन्हें छह महत्त्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाना है। सुप्रीम कोर्ट में इस समय दिवाली की छुट्टियां चल रही हैं और छुट्टियों के बाद अब काम 4 नवंबर को शुरू होगा।
अयोध्या बाबरी मस्जिद मामला, राफल समीक्षा मामला , राहुल पर अवमानना मामला, साबरिमाला , मुख्य न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का मामला और आर टी आई अधिनियम पर फैसले आने हैं।
अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला इन सभी मामलों में सर्वाधिक चर्चित है अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला। पांच जजों की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई पूरी कर चुकी है और 16 अक्टूबर को अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा। इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ही कर रहे हैं। इस विवाद में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित 2 .77 एकड़ विवादित जमीन पर किसका हक़ है, इस बात का फैसला होना है। हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में कहा कि यह भूमि भगवान राम के जन्मभूमि के आधार पर न्यायिक व्यक्ति है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मात्र यह विश्वास की यह भगवान राम की जन्मभूमि है, इसे न्यायिक व्यक्ति नहीं बनाता। दोनों ही पक्षों ने इतिहासकारों, ब्रिटिश शासन के दौरान बने भूमि दस्तावेजों, गैज़ेट आदि के आधार पर अपने अपने दावे पेश किये है। इस सवाल पर कि क्या मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनाई गई? आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट भी पेश की गई।
रफाल समीक्षा फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में एसके कौल और केएम जोसफ की पीठ के 10 मई को रफाल मामले में 14 दिसंबर को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई समीक्षा रिपोर्ट पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला 36 रफाल लड़ाकू विमानों के सौदे में रिश्वत के आरोप से संबंधित है। इस समीक्षा याचिका में याचिकाकर्ता एडवोकेट प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मीडिया में लीक हुए दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार ने फ्रेंच कंपनी (Dassault) से 36 फाइटर जेट खरीदने के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण सूचनाओं को छुपाया है। कोर्ट ने इस मामले में उन अधिकारियों के विरुद्ध झूठे साक्ष्य देने के सन्दर्भ में कार्रवाई भी शुरू की जिन पर यह आरोप था कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को गुमराह किया है। 10 अप्रैल को अदालत ने इस मामले में द हिन्दू आदि अखबारों में लीक हुए दस्तावेजों की जांच करने के केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी थी कि ये दस्तावेज सरकारी गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन करके प्राप्त किए गए थे, लेकिन पीठ ने इस प्रारंभिक आपत्तियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि साक्ष्य प्राप्त करने में अगर कोई गैरकानूनी काम हुआ है तो यह इस याचिका की स्वीकार्यता को प्रभावित नहीं करता।
राहुल गांधी के “चौकीदार चोर है” बयान पर दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा रफाल सौदे की जांच के लिए गठित मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रखा। राहुल गांधी ने रफाल सौदे को लक्ष्य करते हुए यह बयान दिया था कि “चौकीदार चोर है।” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी इस टिपण्णी के लिए माफी मांग ली थी।
सबरीमाला समीक्षा फैसला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सबरीमाला मामले में याचिकाकर्ताओं को एक पूरे दिन की सुनवाई देने के बाद समीक्षा याचिका पर निर्णय को फरवरी 6 को सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति नरीमन, न्यायमूर्ति चंद्रचूड और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में ट्रावनकोर देवस्वोम बोर्ड, पन्दलम राज परिवार और कुछ श्रद्धालुओं ने 28 दिसंबर 2018 को याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में अपनी दलील में यह भी कहा था कि संवैधानिक नैतिकता एक व्यक्तिपरक टेस्ट है और आस्था के मामले में इसको लागू नहीं किया जा सकता। धार्मिक आस्था को तर्क की कसौटी पर नहीं कसा जा सकता। पूजा का अधिकार देवता की प्रकृति और मंदिर की परंपरा के अनुरूप होना चाहिए। यह भी दलील दी गई थी कि फैसले में संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत ‘अस्पृश्यता’ की परिकल्पना को सबरीमाला मंदिर के सन्दर्भ में गलती से लाया गया है और इस क्रम में इसके ऐतिहासिक सन्दर्भ को नजरअंदाज किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के अधीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 4 अप्रैल को सीजेआई कार्यालय के आरटीआई अधिनियम के अधीन होने को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने दिल्ली हाईकोर्ट के जनवरी 2010 के फैसले के खिलाफ चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सीजेआई का कार्यालय आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2(h) के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकरण’है। वित्त अधिनियम 2017 की वैधता पर निर्णय ट्रिब्यूनलों के अधिकार क्षेत्र और स्ट्रक्चर पर डालेगा प्रभाव राजस्व बार एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा। इस याचिका में वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जिनकी वजह से विभिन्न न्यायिक अधिकरणों जैसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण, आयकर अपीली अधिकरण, राष्ट्रीय कंपनी क़ानून अपीली अधिकरण के अधिकार और उनकी संरचना प्रभावित हो रही है। याचिकाकर्ता की दलील थी कि वित्त अधिनियम जिसे मनी बिल के रूप में पास किया जाता है, अधिकरणों की संरचना को बदल नहीं सकता।
यौन उत्पीडन मामले में सीजेआई के खिलाफ
साजिश मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोपों की साजिश की जांच
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति एके पटनायक ने की और जांच में क्या सामने
आता है, इसका इंतज़ार किया जा
रहा है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन और दीपक गुप्ता की पीठ ने न्यायमूर्ति पटनायक को
एडवोकेट उत्सव बैंस के दावों के आधार पर इस मामले की जांच का भार सौंपा था। उत्सव
बैंस ने कहा था कि उनको किसी फ़िक्सर, कॉर्पोरेट लॉबिस्ट, असंतुष्ट
कर्मचारियों ने सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एप्रोच किया था। ऐसा समझा जाता
है कि न्यायमूर्ति पटनायक ने इस जांच से संबंधित अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को
सौंप दी है।
दार्जिलिंग में ममता को मिला एक बड़ा झटका
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नई दिल्ली: बीजेपी पश्चिम बंगाल की राजनीति में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को हर कदम पर नुकसान पहुंचाती दिख रही है. लोकसभा में तृणमूल से 16 सीटें छीनने के बाद अब बीजेपी नगर पालिका और नगर निगम पर अपनी निगाहें जमा दी हैं. शनिवार को दार्जिलिंग नगर निगम में तृणमूल के 17 पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए. इसके साथ ही इस नगर निगम में बीजेपी का कब्जा हो गया है. इससे पहले भाटपारा में नगर पालिका में भी बीजेपी ने जीत हासिल की थी.

दार्जीलिंग नगर निगम के 17 पार्षद शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गए जिससे स्थानीय निकाय में भाजपा को बहुमत मिल गया है. बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने पार्षदों को औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल कराने के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. रॉय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जनप्रतिनिधियों और उनके समर्थकों का उत्पीड़न करने के लिए पुलिस के इस्तेमाल का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘राज्य में लोकतंत्र बचाने की हमारी लड़ाई जारी है. लोकसभा चुनाव में जनादेश मुख्यमंत्री के खिलाफ था, लेकिन अब वह बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को परेशान करने के लिए पुलिस राज का इस्तेमाल कर रही हैं.’ रॉय ने कहा कि 32 सदस्यीय दार्जीलिंग नगर निगम में भाजपा अब बहुमत में है. निगम की दो सीटें खाली हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा आने वाले दिनों में यहां बड़ा प्रदर्शन करेगी. राज्य के पार्टी मामलों के प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन पर अनेक संस्थाओं पर हमले का आरोप लगाया. दार्जीलिंग से सांसद राजू बिस्ता ने कहा कि राज्य में खासकर उत्तर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को हुए नुकसान के लिए पुलिस क्षेत्र में बीजेपी के लोगों को परेशान कर रही है.
एक साल पहले हुए निकाय चुनावों में पहली बार ममता बनर्जी की पार्टी को हिल्स यानी दार्जिलिंग नगर निगम में कामयाबी मिली थी. इस क्षेत्र में बिमल गुरुंग की गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का दबदबा रहता है. ये संगठन लंबे समय से अलग प्रदेश गोरखालैंड की मांग पर अड़ा है. बीजेपी इसी के सहयोग से दार्जिलिंग की लोकसभा सीट जीतती आ रही है.
रहस्यमय येती के सबूत
/0 Comments/in CHANDIGARH, DELHI, HARYANA, HIMACHAL, MOHALI, NATIONAL, PANCHKULA, PUNJAB, RAJASTHAN, SIKKIM, STATES, TRICITY, Uncategorized, UTTAR PRADESH, UTTRAKHAND, WORLD/by Demokratic Front BureauAll About Yeti: इंडियन फोर्स ने दावा किया है कि एक अभियान दल ने हिमालय के मकालू कैंप (Makalu Base Camp) के पास मायावी हिममानव ‘येति‘ (Yeti) के पैरों के निखान देखा है। मकालू वरुन राष्ट्रीय उद्यान नेपाल (Nepal) के लिंबुवान हिमालय क्षेत्र में स्थित है। यह जगह दुनिया का एक मात्र ऐसा संरक्षित क्षेत्र है जहां पर 26,000 फुट से अधिक उष्णकटिबंधीय वन के साथ-साथ बर्फ से ढकी चोटियां हैं। जानें हिममानव येति के बारें में सबकुछ।

भारतीय सेना की ओर से किए गए एक ट्वीट में कुछ तस्वीरें शेयर की गई हैं और दावा किया गया है कि इसमें दिख रहे पैर के निशाने हिममानव येति के हैं। इसमें पैरों की नाप 32X15 इंच है। भारतीय सेना ने दावा किया है यह पैर के निशाने भारतीय सेना को नेपाल के मकालू बेस कैंप के पास मिले हैं। सेना के अतिरिक्त सूचना महानिदेशालय ने ट्वीट करके बताया, ‘पहली बार, भारतीय सेना (Indian Army) के पर्वतारोहण अभियान दल ने मकालू बेस कैंप के करीब हिममानव ‘येति’ (Yeti) के रहस्यमयी पैरों के निशान देखे हैं।” आगे उन्होंने बताया, ‘इस मायावी हिममानव (Him Manav Yeti) को इससे पहले सिर्फ मकालू-बरुन नेशनल पार्क में देखा गया है। जो कि एक आश्चर्य की बात है।
‘येति’ एक नाम अनेक
हिमालय में रहने वाले येति को कई नामों से बुलाया जाता है। इसे तिब्बत में ‘मिचे’ यानी की इंसानी भालू। इसके अलावा मिगोई, मिरका, कांग आदमी और बन मांची जैसे नामों से जाना जाता है।
आखिर क्या है येति (Yeti)?
येति एक ऐसे वानर प्राणी का नाम है। जो कि एक इंसान से भी लंबा और बड़ा होने के साथ-साथ पूरा शरीर मोटे-मोटे बालों से ढका होता है। येती दुनिया के सबसे रहस्यमयी प्राणियों में से एक है, जिसकी कहानियां करीब 100 साल पुरानी है. लद्दाख के कुछ बौद्ध मठों ने दावा किया था कि हिममानव ‘येती’ उन्होंने देखे हैं. इन दावों को लेकर वैज्ञानिक एकमत नहीं हैं. शोधकर्ताओं ने येती को मनुष्य नहीं बल्कि ध्रुवीय और भूरे भालू की क्रॉस ब्रीड यानी संकर नस्ल बताया है. कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि येती एक विशालकाय जीव हैं, जिसकी शक्लोसूरत तो बंदरों जैसी होती है, लेकिन वह इंसानों की तरह दो पैरों पर चलता है. माना जाता है इसके अस्तित्व का कोई सबूत नहीं है लेकिन इसे लोग ‘घिनौना स्नोमैन’ नाम से भी पुकारते है।

येति इन जगहों पर रहता है
येति के रहने को लेकर मान्यता है कि यह हिमालय, साइबेरिया, मध्य और पूर्वी एशिया में रहता है।
ऐसे करता है खुद की सुरक्षा
येति को लेकर की किस्सें प्रचलित है। माना जाता है कि ह ऐसे इलाकों में रहते है। जहां पर इंसानों का पहुचंना मुश्किल है। यह अपने बचाव के लिए पत्थर के औजार का इस्तेमाल करते है। इसके अलावा इसकी आवाज बहुत ही अजीब मानी जाती है।
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