राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म, मोदी सरनेम पर टिप्पणी मामले में 2 साल की सजा के बाद एक और झटका

केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। लोकसभा सचिवालय की तरफ से इस बारे में सात पंक्तियों की एक अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य किया जाता है। यह अयोग्यता उन पर दोष साबित होने के दिन यानी 23 मार्च 2023 से लागू रहेगी। यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है।

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म,
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म
  1. लीगल एक्सपर्ट के मुताबिक, लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसदीय सीट वायनाड को खाली घोषित कर दिया है। इलेक्शन कमीशन अब इस सीट पर इलेक्शन का ऐलान कर सकता है। दिल्ली में राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने को भी कहा जा सकता है।
  2. अगर राहुल गांधी की सजा का फैसला ऊंची अदालतें भी बरकरार रखती हैं तो वे अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। 2 साल की सजा पूरी करने के बाद वह छह साल के लिए अयोग्य रहेंगे।
  3. राहुल गांधी अब सूरत कोर्ट के फैसले को अदालत में चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस ने एक्शन की वैधानिकता पर भी सवाल उठाया है कि राष्ट्रपति ही चुनाव आयोग के साथ विमर्श कर किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली :

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा से अयोग्य घोषित किया गया है।  लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी आदेश में यह जानकारी दी गई है। आदेश के मुताबिक, सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल के वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य पाए जाते हैं।

दरअसल, सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद से ही राहुल गांधी पर लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने का खतरा मंडराने लगा था।

इस संबंध में लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा पत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सूरत के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद केरल के वायनाड से सांसद राहुल गाँधी को संसद की सदस्यता के अयोग्य ठहराया जा रहा है।

इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह दोषी ठहराए जाने की तिथि 23 मार्च 2023 से लागू होता है। नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 8 के अनुसार यह कार्रवाई की गई है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।

23 मार्च 2023 को सूरत की जिला अदालत ने काॅन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद उन्हें जमानत भी दे दी गई। उन्हें ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिनों का समय दिया है। इस दौरान उन पर सजा लागू नहीं होगी।

दरअसल, राहुल गाँधी ने कर्नाटक की एक रैली में 13 अप्रैल 2019 को था, “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी इन सभी के नाम में मोदी लगा हुआ है। सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों लगा होता है।” इसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था।

भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ सूरत में मामला दर्ज कराया था। राहुल गाँधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज करवाया था, जो आपराधिक मानहानि से संबंधित है। 4 साल के बाद अदालत ने मामले में राहुल गाँधी को दोषी पाते हुए सजा सुना दी।

इस केस के सिलसिले में राहुल गाँधी कई बार सूरत पहुँचे। जून 2021 में राहुल गाँधी ने पेशी के दौरान अपना बयान दर्ज कराया था। कॉन्ग्रेस नेता ने अदालत को बताया था कि उन्होंने चुनाव के दौरान राजनीतिक कटाक्ष किया था। उन्होंने यह बात किसी समाज के लिए नहीं कही थी। साथ ही कहा कि इस मामले में अब उन्हें ज्यादा कुछ याद नहीं है।

सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गाँधी की सांसदी छिने जाने के कयास लगाए जा रहे थे। दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) के तहत यदि किसी सांसद को दोषी ठहराया जाता है और 2 साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। इतना ही नहीं सजा पूरी होने के बाद 6 साल तक वह व्यक्ति चुनाव भी नहीं लड़ सकता।

साल 2013 से पहले जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 8(4) के अनुसार कोई भी सांसद या विधायक दोषी करार दिए जाने के तीन महीने के भीतर फैसले के खिलाफ अपील या रिव्यू पिटीशन दायर कर अपने पद पर बना रह सकता था। 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने धारा 8(4) को रद्द कर दिया। अदालत के 2013 में दिए गए फैसले के अनुसार अपील के बाद दोषी करार दिए गए सांसद को अदालत से सजा पर स्टे लेना होगा। स्टे मिल जाने के बाद ही उसकी सदस्यता बच सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 8(4) को रद्द करने के फैसले के खिलाफ 2013 में केंद्र की तात्कालिक यूपीए-2 सरकार ने सदन में एक बिल पेश किया था। कोर्ट के फैसले के बाद उस वक्त कानून मंत्री रहे कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जनप्रतिनिधि एक्ट में बदलाव के लिए विधेयक पेश किया था। सितंबर 2013 में सरकार ने इसे अध्यादेश के तौर पर लागू करने की कोशिश की। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत दोषी एमपी या एमएलए की सदस्यता फौरन रद्द नहीं हो सकती थी।

इसके तहत अपील के बाद अदालत के फैसले तक आरोपित सदस्य सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकते थे। उनकी सदस्यता बनी रहती, लेकिन वे वेतन प्राप्त करने और वोट देने के अधिकारी नहीं होते। 27 सितंबर 2013 को इसी अध्यादेश के प्रारंभिक ड्राफ्ट को राहुल गाँधी ने भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नॉनसेंस बताते हुए फाड़ दिया था। तब राहुल ने कहा था, “इस कानून को और मजबूत किए जाने की जरूरत है।” बाद में इस अध्यादेश को वापस ले लिया गया था। अब लोगों का कहना है कि यदि राहुल उस बिल को पास हो जाने देते तो आज उनकी संसद सदस्यता पर खतरा नहीं पैदा होता।

राहुल गांधी ने किया था ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ नारे का समर्थन : स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी ने एक ऐसे देश में जाकर विदेशी ताकतों का आह्वान किया जिसका इतिहास रहा है भारत को गुलाम बनाने का। उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाते हुए राहुल गांधी ने ये खेद व्यक्त किया कि…क्यों विदेशी ताकतें आकर भारत पर धावा नहीं बोलती? स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर देश को बदनाम किया। राहुल गांधी ने SC और EC जैसी संस्थाओं का अपमान किया। क्या भारत को अपमानित करना लोकतंत्र है? क्या सदन के अध्यक्ष का अपमान लोकतंत्र है? भारत राहुल गांधी से माफी की मांग करता है।

स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश में देश की गरिमा को चोट पहुंचाई है.

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 15 मार्च :

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में वायनाड से सांसद राहुल गांधी पर उनके लंदन में दिए गए बयान को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस नेता ने एक ऐसे देश में जाकर विदेशी ताकतों का आह्वान किया जिसका इतिहास रहा है भारत को गुलाम बनाने का। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाते हुए राहुल गांधी ने ये खेद व्यक्त किया कि… क्यों विदेशी ताकतें आकर भारत पर धावा नहीं बोलती? उनका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए द्वेष, अब भारत के प्रति द्वेष में तब्दील हो चुका है। ’

स्मृति ईरानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘राहुल गांधी विदेश की धरती पर जाकर ‘बोलने की आजादी’ नहीं होने की बात करते हैं. उनका आरोप है कि उन्हें भारत के विश्वविद्यालय में बोलने की आजादी नहीं है।  मैं राहुल गांधी से पूछना चाहती हूं कि अगर ऐसा है, तो 2016 में दिल्ली में जब एक विश्वविद्यालय में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ का नारा लग रहा था तब आपने वहां जाकर इसका समर्थन किया, वो क्या था?”

स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गाँधी विदेश जाकर देश में बोलने की आजादी नहीं होने की बात करते हैं। वे कहते हैं भारत के विश्वविद्यालयों में बोलने की आजादी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो साल 2016 में दिल्ली के एक विश्वविद्यालय में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगाए गए थे और आपने भी वहाँ जाकर नारे लगाने वालों का समर्थन किया था, वह क्या था?

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लंदन में विदेशी संस्था के सामने राहुल गाँधी ने झूठ बोला। देश के संसद का अपमान किया। उन्हें सदन से भागना नहीं चाहिए बल्कि सदन में आकर देश से माफी माँगनी चाहिए। बता दें कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी बुधवार (15 मार्च 2023) को विदेश से दिल्ली लौट आए हैं।

इसके पहले राहुल गाँधी ने कैम्ब्रिज में अपने संबोधन के दौरान अपने ही देश पर कीचड़ उछाला था। उन्होंने आरोप लगाया था कि संसद में विपक्षी नेताओं को बोलने नहीं दिया जाता। उनकी माइक बंद कर दी जाती है। राहुल ने आरोप लगाया था कि भारत में सिखों और मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया है। राहुल के इन बयानों के बाद से ही भाजपा उनपर हमलावर है

इंडो एथलेटिक्स सोसायटी के नेतृत्व में पुणे से हम्पी तक हेरिटेज राइड सफलतापूर्वक संपन्न 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 22 दिसंबर  :

            स्वास्थ्य और खेल के क्षेत्र में भारत में उल्लेखनीय कार्य करने वाली संस्था इंडो एथलेटिक्स सोसाइटी ने पिछले साल पुणे से कन्याकुमारी तक 1600 सौ किलोमीटर की दूरी  साइकिलों से सफलतापूर्वक तय की थी। स्वतंत्रता और इस वर्ष इसने अमृत जयंती वर्ष मनाने के लिए पुणे से हम्पी तक 600 किलोमीटर की दूरी पूरी की है।इसके लिए एक बार फिर आई.ए.एस.की 75 साइकिलें पुणे से हम्पी के लिए साइकिल पर रवाना हुई । उद्यमी अन्ना बिरादर, एफ.डी.सी.लिमिटेड के संदीप कुलकर्णी, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम के मुख्य अभियंता ,इंडो एथलेटिक्स सोसायटी के नितिन वानखेड़े सर, प्रकाश शेटबाले,अजीत पाटिल,गणेश भुजबल, गजानन खैरे और अमृता पाटिल ने हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की।

 पुणे से हम्पी की दूरी तीन दिनों में तय की गई। पुणे से मोहोल – 240 किमी,

 मोहोल से बीजापुर – 150 किमी,

 बीजापुर से हम्पी – 220 किमी,

             बीजापुर में गोल घुमट और इब्राहिम रोजा का दौरा किया गया। हम्पी में तीन दिन रहे और विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया।पूरे हम्पी क्षेत्र में ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी ली गई।इस राइड में पुणे, पिंपरी चिंचवाड़, मावल और महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों के साइकिल प्रेमियों ने भाग लिया।  सभी लोगों ने 600 किलोमीटर से अधिक की दूरी साइकिल से तय की। यात्रा के दौरान भिगवां में भिगवान साइक्लिस्ट क्लब ने शर्बत और जलपान प्रदान किया, सोलापुर मौली राजे मंगल कार्यालय एम.आई.डी.सी. सोलापुर के वरिष्ठ अभियंता अशोक मागर सर ने स्वप्निल लोढ़ा द्वारा टेंभुरनी में सभी सुविधाएं प्रदान कीं।  साडू श्री संचेती, वैभव गायकवाड़, मारुति गाडेकर सर,मनोज चोपड़े, सचिन सावंत ने सिरप प्रदान किया। सोलापुर शहर के पास रॉयल साइकिल साइकिल क्लब ने पानी और पोहे प्रदान किए।  संस्थापक सदस्य गजानन खैरे ने कहा कि कोर्ति स्थित रेवनसिद्ध मंदिर में महाप्रसाद का आयोजन किया गया जबकि बीजापुर स्थित अन्ना बिरादर के होटल में ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई.

             इंडो एथलेटिक्स सोसाइटी से गिरिराज उमरीकर, अजीत गोरे, संदीप परदेशी, रमेश माने, श्रीकांत चौधरी, सुशील मोरे, अमित पवार,प्रतीक पवार, नितिन पवार, सुधाकर तिलकर, अविनाश चौगुले,रवि पाटिल, अमृता पाटिल, पूनम रणदिवे,मंगेश पुणे से सवारी हम्पी को दाभाडे, शिवाजीराव काले, स्वप्निल लोढ़ा, दर्शन वाले, हनुमंत शिंदे, गणपत मसल, अभिजीत सरवाडे,रमेश सेन्चा,प्रवीण पवार, धानाजी गोसावी,अभय खाटावकर, दत्तात्रय मेंदुगड़े, राहुल जाधव, मंगेश भुजबल,सुजीत मेनन,माधवन स्वामी, वाल्मीक अहिरराव,  देवीदास खुर्द,अमित काडे,शीतल कुमार चौहान,अनिल पिंपलकर,डॉ.अजीत कुलकर्णी,विवेक सिंह, चैतन्य वज़रकर,अमित कुमार, सुबोध मेडिसीकर,प्रसाद सागरे, संदीप परदेशी, हेमंत डंगट, पंजाबराव इंगले, नरेश चड्ढा,अभिजीत रोडे, तानाजी मांगडे  , संतोष तोंपे,सचिन तोंपे, उमेश सुर्वे,श्रेयस पाटिल, विवेक कडू, सुनीलजी चाको, प्रशांत जाधव, मदन शिंदे, अजीत पुरोहित, ईश्वर जामगांवकर,सागर शिरभाटे,बालाजी जगताप,दीपक उमरंकर, दत्तात्रेय आनंदकर, योगेश तवारे, योगेश कौशिक और अन्य  साइकिल चालकों ने भाग लिया। इंडो एथलेटिक सोसाइटी ने दस वर्षों में भक्ति शक्ति साइक्लोथॉन, घोरवाडेश्वर बाइक और हाइक, पुणे से पंढरपुर साइकिल वारी, पुणे से शिवनेरी दुर्गवारी, नवरात्रि रन, पुणे से गेट ऑफ इंडिया सहित सौ से अधिक सामाजिक गतिविधियों का सफलतापूर्वक संचालन किया है। संस्थान को विभिन्न स्थानीय निकायों से कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। नवरात्रि रन, पुणे से गेट ऑफ इंडिया तक विभिन्न सवारी सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं, संगठन को विभिन्न स्थानीय निकायों से कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।  खेलों के माध्यम से सामाजिक जागरूकता पैदा करने में संस्था हमेशा आगे रहती है।  स्वास्थ्य और खेल के क्षेत्र में भारत में उल्लेखनीय कार्य करने में इंडो एथलेटिक्स सोसायटी हमेशा अग्रणी रही है।

विश्व प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक बेला तार छात्रों के लिए फिल्म निर्देशन में मास्टर क्लास का करेंगे आयोजन 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो 19 दिसम्बर :

             केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि  ‘सर्वश्रेष्ठ आत्मकेन्द्रित शैली के लेखक और वर्तमान विश्व सिनेमा की सबसे सम्मानित हस्तियों में से एक, हंगरी के फिल्म निर्माता बेला तार निर्देशन और पटकथा लेखन विभाग में डिप्लोमा के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए फिल्म निर्देशन में पांच-दिवसीय मास्टर क्लास आयोजित करने के लिए पुणे स्थित भारतीय फिल्म और टैलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) पहुंचे हैं।

            उनकी फिल्मों, जिनमें वेर्कमेस्टर हार्मोनीज़ (2000), द ट्यूरिन हॉर्स (2011) और ब्लैक एंड व्हाइट में ह्रदय में गहराई तक उतर जाने वाली कालजयी सतान्तांगो (1994) शामिल हैं, ने हर जगह एक शैली को प्रेरित किया है।विस्तारित लंबे टेक, स्थान और समय के विभिन्न चरणों में कलात्मक रूप से कोरियोग्राफ की गई उनकी फिल्में विशेष रूप से वर्तमान समय में जीवन से जुड़ी दार्शनिक एवं काव्यात्मक प्रश्नों का विश्लेषण करती हुई अपने पात्रों और उनकी आसपास की दुनिया को वास्तविक गहरा अर्थ प्रदान करती हैं।

            सिनेमाई अभिव्यक्ति में प्रयोग की संस्थान की समृद्ध विरासत और सार्थक सिनेमा के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के साथ एफ.टी.आई.आई. में मास्टर की उपस्थिति, निर्देशन और पटकथा लेखन विभाग के साथ-साथ अन्य सभी विशेषज्ञता वाले विभागों के वर्तमान छात्रों की ललक को प्रेरित और मार्गदर्शन करने में मदद करेगी।

            बेला तार एफ.टी.आई.आई. परिसर में छात्र समुदाय के लिए एक सत्र भी आयोजित करेंगे, जहां वे सिनेमाई रूप में अपने अनूठे अन्वेषणों को साझा करेंगे, जिससे वृहद छात्र समुदाय की सिनेमाई आकांक्षाओं को निखारने में मदद मिलेगी। कोलकाता स्थित सत्यजीत रे फिल्म एंड टैलीविजन इंस्टीट्यूट के छात्र इस खुले सत्र में ऑनलाइन शामिल होंगे।बेला तार केरल के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव द्वारा प्रदान की गई लाइफटाइम अचीवमैंट अवार्ड (2022) को प्राप्त करने के लिए भारत आए थे।

            एफ.टी.आई.आई. के निदेशक प्रोफेसर संदीप शहारे ने इस मास्टर क्लास के आयोजन के लिए निर्देशन और पटकथा लेखन विभाग को बधाई दी।

चिदंबरम और थरूर के बयान से कांग्रेस का किनारा

           एक  दिन भारत में इस प्रथा को अपनाया जाएगा। टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा ने इस कदम का खैरमकदम किया और उम्मीद जताई कि भारत भी भविष्य में और सहिष्णु बनेगा। चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा, “पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगा लिया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है।” उन्होंने यह भी कहा, “मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों को सबक लेना चाहिए।”  जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, “यूके ने अल्पसंक्यक को पीएम चुन लिया है। फिर भी हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों में फंसे हैं।” एक विद्यार्थी ने बोला “कॉंग्रेस विपक्ष द्वारा भारत में कोई रेमोट कंट्रोल नहीं चाहती होगी, डाक्टर ज़ाकिर हुसैन,मुहम्मद हिदायतुल्लाह,अवुल पकिर जैनुलाब्दीनऔर प्रधान मंत्री सरदार मन मोहन सिंह (सब minorities से नहीं रेमोट कंट्रोल से चलने वाले थे, जबकि राष्ट्रपति अब्दुल कलामअलग थे। इसीलिए वह सब गिने नहीं जाते।”

Rishi Sunak Elevation Some Leaders Hope India Will One Day Elect A Minority  To Top Post - Rishi Sunak Elevation: ऋषि सुनक के बहाने विपक्षी नेताओं ने  बताई मन की बात, कहा-
कांग्रेस नेता पी॰ चिंदबरम और शशि थरूर साथ ही तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा
  • ऋषि सुनक पर पोस्ट करना चिंदबरम-थरूर को पड़ा भारी
  • कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दोनों नेताओं को झिड़का
  • कहा- भारत को किसी दूसरे देश से सबक लेने की जरूरत नहीं

सारीका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 25 अक्तूबर :

            कांग्रेस ने मंगलवार को अपने ही साथियों पी॰ चिदंबरम और शशि थरूर को आड़े हाथों लिया। दोनों ने ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने पर इसकी सराहना की थी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि भारत भी अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्तियों को शीर्ष पद देने की इस परंपरा का अनुसरण करेगा। इस पर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने दोनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के कई व्यक्ति राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री बने। ऐसे में भारत को किसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह देश अनेकता में एकता की मिसाल रहा है।

             रमेश ने मीडिया से कहा, यह नौबत आ गई है कि विविधताओं को सम्मान देने के बारे में उनसे सबक लेना पड़ेगा. भारत लंबे समय से अनेकता में एकता, अनेकताओं का जश्न मनाने की मिसाल रहा है. पिछले आठ वर्षों में हमने देखा कि क्या हो रहा है।” उन्होंने कहा, हमें किसी और देश से सबक सीखने की जरूरत नहीं है। हमारी एकता अनेकता से ही मजबूत होगी। हमें अनेकताओं का सम्मान करना होगा। भारत जोड़ो यात्रा’ में हमारा मकसद यही है।”

हाल ही में लिज़ ट्रस के त्यागपत्र देने के बाद ब्रिटेन के कंजरवेटिव पार्टी में चुनाव हुआ कि कौन ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनेगा। इस परिप्रेक्ष्य में ऋषि सुनक ने दावेदारी पेश की। कंजरवेटिव पार्टी में पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए 100 सांसदों का समर्थन जरूरी था लेकिन पेनी मोर्डेंट चुनाव में खड़े होने के लिए आवश्यक सांसदों का समर्थन जुटाने में नाकाम रही। वहीं, बोरिस जॉनसन पहले ही उम्मीदवारी की दौड़ से पीछे हट चुके थे। ऐसे में ऋषि सुनक के ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। सुनक के ब्रिटेन का पीएम चुने जाने की खबर आते होते ही सोशल मीडिया पर भारत का कोहिनूर हीरा वापस लौटाने की मांग तेज हो गई। ऋषभ नाम के एक यूजर ने लिखा, “द एम्पायर स्ट्राइक्स बैक! ऋषि सुनक होंगे ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री। कोहिनूर ​हीरा वापस भिजवा दें।” 

            कांग्रेस नेता पी. चिंदबरम और शशि थरूर ने इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि एक दिन देश में भी इस प्रथा को अपना जाएगा। 

            वहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ब्रिटेन के इस कदम का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि भारत भी अधिक सहिष्णु बनेगा। 

            चिदंबरम ने अपने ट्वीट में कहा, पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया है और उन्हें सरकार में उच्च पदों पर चुना है।             उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों को इससे सबक लेना चाहिए। 



            वहीं कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा, मुझे लगता है कि हम सभी को स्वीकार करना होगा कि ब्रिटेन ने दुनिया में बहुत ही दुर्लभ काम किया है। एक अल्पसंख्यक को सबसे ताकतवर कार्यालय में बैठाया है। हम भारतीय ऋषि सुनक के ऊपर पहुंचने का जश्न मना रहे हैं। ईमानदारी से पूछें क्यां यह यहां (भारत) हो सकता है। 

            वहीं मोइत्रा ने कहा, 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रिटिश एशियाई को रखने पर मुझे गर्व है। यूके मेरा दूसरा पसंदीदा देश है। भारत को और सहिष्णु व सभी धर्मों, सभी वर्गों को स्वीकार करने वाला होना चाहिए। 

पीएफआई और RSS बराबर, इसपर भी लगाओ बैन : कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल

                        उर्दू अखबार ‘इंकलाब’ ने एक जुलाई 2018 को रिपोर्ट छापी थी जिसमें बताया गया था कि राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मुलाकात के दौरान कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है इस रिपोर्ट को पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा खारिज करने पर उसी अखबार में कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रमुख नदीम जावेद का इंटरव्यू छपा है, जिसमें कांग्रेस नेता ने एक तरह से यह पुष्टि की है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी बताया था। साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी 2018 में RSS के खिलाफ विवादित बयान दे चुके हैं। झाबुआ में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अभी तक जितने भी हिंदू आतंकी सामने आए हैं, सब RSS से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा था कि संघ के खिलाफ जांच की जाए और फिर कार्रवाई होनी चाहिए। आज कॉंग्रेस की सनातन धर्मी लोगों के प्रति नफरत फिर सामने आई जब केरल से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है और कहा है कि पीएफआई पर बैन लगाना कोई उपाय नहीं है।  

  • भारत सरकार ने पीएफआई को पांच साल के लिए बैन कर दिया
  • पीएफआई पर बैन को लेकर कांग्रेस सांसद ने उठाया सवाल
  • कांग्रेस सांसद सुरेश ने कहा कि आरएसएस पर भी बैन लगना चाहिए

राजविरेन्द्र वसिष्ठ, डेमोक्रेटिक फ्रंट चंडीगढ़/ नयी दिल्ली

            समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मल्लपुरम में कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल ने कहा. “हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं।  पीएफआई पर बैन कोई उपाय नहीं है। आरएसएस भी पूरे देश में हिंदू साम्प्रदायिकता फैला रहा है। आरएसएस और पीएफआई दोनों समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। केवल पीएफआई पर ही बैन क्यों?”

            गौरतलब है कि पीएफआई के अलावा, आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पावर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन’(केरल) को भी प्रतिबंधित किया गया है।

            कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी 2018 में RSS के खिलाफ विवादित बयान दे चुके हैं। झाबुआ में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अभी तक जितने भी हिंदू आतंकी सामने आए हैं, सब RSS से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा था कि संघ के खिलाफ जांच की जाए और फिर कार्रवाई होनी चाहिए।


            PFI पर बैन लगने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया है। सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा- बाय बाय PFI। वहीं असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा- मैं भारत सरकार की ओर से PFI पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत करता हूं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि भारत के खिलाफ विभाजनकारी या विघटनकारी डिजाइन से सख्ती से निपटा जाएगा।

           12 सितंबर को कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट से खाकी की एक निक्कर की तस्वीर शेयर की। इसमें लिखा- देश को नफरत से मुक्त कराने में 145 दिन बाकी हैं। हालांकि, संघ ने भी इसका तुरंत विरोध किया और संगठन के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा था कि इनके बाप-दादा ने संघ का बहुत तिरस्कार किया, लेकिन संघ रुका नहीं। 

           भारत में आजादी के बाद 3 बार बैन लग चुका है। पहली बार 1948 में गांधी जी की हत्या के बाद बैन लगा था। यह प्रतिबंध करीब 2 सालों तक लगा रहा। संघ पर दूसरा प्रतिबंध 1975 में लागू आंतरिक आपातकाल के समय लगा। आपातकाल खत्म होने के बाद बैन हटा लिया गया।

वहीं तीसरी बार RSS पर 1992 में बाबरी विध्वंस के वक्त बैन लगाया गया। यह बैन करीब 6 महीने के लिए लगाया गया था।

           RSS की स्थापना साल 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। संघ में सर संघचालक सबसे प्रमुख होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक करोड़ से ज्यादा प्रशिक्षित सदस्य हैं। संघ परिवार में 80 से ज्यादा समविचारी या आनुषांगिक संगठन हैं। दुनिया के करीब 40 देशों में संघ सक्रिय है।

           मौजूदा समय में संघ की 56 हजार 569 दैनिक शाखाएं लगती हैं. करीब 13 हजार 847 साप्ताहिक मंडली और 9 हजार मासिक शाखाएं भी हैं। संघ में सर कार्यवाह पद के लिए चुनाव होता है। संचालन की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर होती है।

वहीं PFI के खिलाफ हुई इस कार्रवाई को लेकर SDPI  ने कहा है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों को गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।  

एक तरफ जहां पीएफआई के खिलाफ इस कार्रवाई पर संगठन से सहानुभूति रखने वाला पक्ष केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा है तो दूसरी ओर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने इस कदम का स्वागत किया है।  PFI पर बैन को लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “देश गृह मंत्री अमित शाह के फैसले की सराहना कर रहा है, हम उनका धन्यवाद करते हैं और इस निर्णय का स्वागत करते हैं इसका विरोध करने वालों भारत स्वीकार नहीं करेगा और सख्त जवाब देगा।”

                पीएफआई को लेकर सांप्रदायिक हिंसा के आरोप लगते रहे हैं. ऐसे में संभावनाएं है कि बैन जैसी बड़ी कार्रवाई के बाद पीएफआई के कार्यकर्ता सामाजिक माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं जिसके चलते पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है. दिल्ली से लेकर तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों में सुरक्षा एजेंसियां चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं।  

                आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए छापेमारी की थी जिसमें संगठन के खिलाफ अहम सबूत मिले थे और विदेशी फंडिंग तक की बातें सामने आईं थीं। इसके चलते मंगलवार देर रात मोदी सरकार ने इस संगठन को बैन करने का ऐलान कर दिया जो कि संगठन के लिए एक बड़ा झटका है।

6 राज्यों में सीबीआई से जांच के लिए 221 सहमति अनुरोध लंबित, 30,912 करोड़ रुपये शामिल: डॉ जितेंद्र सिंह

पंजाब सहित 9 राज्यों ने सीबीआई को जांच के लिए अनुमति देने से मना कर दिया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि पंजाब ,पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मिजोरम ,केरल, झारखंड, महाराष्ट्र और मेघालय ने अपने राज्यों में सीबीआई को जांच करने की अनुमति ना देने का निर्णय लिया है। राज्यों में आपराधिक मामलों जांच करने के लिए केंद्र को सीबीआई जांच के लिए संबंधित राज्य से अनुमति लेना अनिवार्य है। आपको बता दें कि इन सभी 9 राज्यों में गैर भाजपा सरकारें हैं। हालांकि यदि जांच आदेश उच्चत्तम या उच्च न्यायालय जारी किए जाते हैं स्थिति में केंद्र राज्यों से अनुमति लेने के लिए बाध्य नहीं है।

फ़ाइल फोटो

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि छह राज्यों द्वारा सहमति ना दिए जाने के कारण केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की मांग करने वाले 221 अनुरोध लंबित हैं, जिनमें सर्वाधिक 168 अनुरोध महाराष्ट्र से हैं और इनमें सन्निहित राशि 29,000 करोड़ रुपये हैं।राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मत्रालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने दी।उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग करने वाले कुल अनुरोधों में 30, 912,.28 करोड़ रुपये के मामले हैं। इनमें 27 अनुरोध पश्चिम बंगाल से हैं जिनमें 1,193.80 करोड़ रुपये के मामले हैं।

उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग करने वाले कुल अनुरोधों में 30, 912,.28 करोड़ रुपये के मामले हैं। इनमें 27 अनुरोध पश्चिम बंगाल से हैं जिनमें 1,193.80 करोड़ रुपये के मामले हैं, नौ अनुरोध पंजाब से हैं और इनमें 255.32 करोड़ रुपये के मामले हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसी प्रकार सात अनुरोध छत्तीसगढ़ से हैं, जिनमें 80.35 करोड़ रुपये और चार राजस्थान से हैं, जिनमें 12.06 करोड़ रुपये की राशि सन्निहित हैं। सिंह ने बताया कि 30 जून 2022 की स्थिति के अनुसार सबसे अधिक 168 अनुरोध महाराष्ट्र से हैं, जिनमें 29,040.18 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।

महाराष्ट्र में भी, इस साल जून तक विपक्षी सरकार थी। अब वहां भाजपा गठबंधन की सरकार है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राज्य सरकार की सहमति के अभाव में सीबीआइ द्वारा जांच के लिए लंबित मामलों की कुल संख्या इस वर्ष 30 जून तक 221 है। इनमें 40 मामले एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। 48 मामले ऐसे हैं जो छह महीने से एक वर्ष के बीच की अवधि के हैं। इसके अलावा 133 मामले छह महीने से कम समय से लंबित हैं।

इन मामलों में शामिल कुल राशि 30,912 करोड़ रुपये है।मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, महाराष्ट्र में कुल 168 मामले लंबित हैं। इनमें से 39 एक वर्ष से अधिक, 38 छह माह से एक वर्ष और 91 छह माह से कम समय से लंबित हैं। बंगाल में 27 लंबित मामले हैं। इनमें से एक मामला एक वर्ष से लंबित है। एक मामला छह महीने से एक वर्ष के बीच का है जबकि 25 केस छह महीने से कम समय से लंबित हैं।महाराष्ट्र और बंगाल में लंबित मामलों में शामिल राशि क्रमश: 29,040 करोड़ और 1,194 करोड़ रुपये है। पंजाब, राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर 26 मामले लंबित हैं, जिनमें कुल राशि 678 करोड़ रुपये है।

ED ने सोनिया गांधी को जुलाई के आखिरी में पेश होने के लिए कहा

‘यंग इंडियन’ के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं। कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है। उसने यह भी कहा कि पार्टी और उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है। दिल्ली की एक निचली अदालत द्वारा ‘यंग इंडियन’ के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिए जाने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में वर्ष 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने एवं धन के गबन का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एजेएल पर कांग्रेस का बकाया था।

नईदिल्ली (ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली :

नेशनल हेराल्ड केस के कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जुलाई महीने के आखिरी में किसी भी समय पेश होकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा है। सोनिया गांधी ने अपनी खराब सेहत की वजह से ईडी से आग्रह किया था कि उनकी पेशी की तारीख कुछ सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दी जाए। ईडी ने उनके इस आग्रह को स्वीकार कर लिया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आज यानी 23 जून को पेश होना था। 

सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने सोनिया गांधी से प्रस्तावित पूछताछ को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है और अब उनसे कहा गया है कि वह जुलाई महीने के आखिर में किसी समय पेश होकर अपना बयान दर्ज कराएं। कांग्रेस अध्यक्ष को ईडी ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 23 जून को तलब किया था। कोविड-19 से जुड़़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते उन्हें हाल ही में दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें सोमवार की शाम छुट्टी मिल गई थी।

इसी मामले में ईडी ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पांच दिन में 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की व इस दौरान धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान दर्ज किए गए। अधिकारियों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (AJL) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके। 

यंग इंडियन के प्रमोटर्स और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं। कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है। उसने यह भी कहा कि पार्टी और उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है।

ईडी ने राहुल गांधी को कल फिर बुलाया है

अधिकारियों ने कहा कि उन्हें फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया है और बयान दर्ज करने में काफी समय लग रहा है। गांधी अपनी बहन एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ ईडी मुख्यालय पहुंचे थे और उनसे पूर्वाह्न 11:30 बजे पूछताछ शुरू हुई। करीब चार घंटे के पूछताछ के सत्र के बाद वह करीब अपराह्न साढ़े तीन बजे करीब एक घंटे के लिये बाहर निकले। वह शाम करीब साढ़े चार बजे फिर से पूछताछ में शामिल हुए। केरल के वायनाड से सांसद गांधी ने सोमवार को संघीय एजेंसी के कार्यालय में 10 घंटे से अधिक समय बिताया था, जहां उनसे पूछताछ की गई और उनका बयान दर्ज किया गया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से आज ईडी ने करीब आठ घंटे तक पूछताछ की। इससे पहले सोमवार को केंद्रीय एजेंसी ने राहुल गांधी से 10 घंटे तक पूछताछ की थी। 18 घंटे की पूछताछ के बाद अब ईडी ने राहुल गांधी को आगे की पूछताछ के लिए कल फिर से बुलाया है।

नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली : 

नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर दो दिनों तक लगातार पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने कल यानी बुधवार को भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया है। आज उनसे ईडी ने करीब 5 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सोमवार को भी ईडी ने करीब 10 घंटे तक सवाल-जवाब किए थे। आज सुबह राहुल गांधी अपनी बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के साथ ईडी की दफ्तर पहुंचे थे।

अब उन्हें बुधवार को भी ईडी के सामने पेश होना होगा। दूसरी ओर मंगलवार को राहुल गांधी से करीब 8 घंटे की पूछताछ की गई। मंगलवार को पहले चरण की पूछताछ में राहुल से करीब 40 सवाल पूछे गए। इस दौरान राहुल गांधी के साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी साथ थीं। पहेल चरण की करीब चार घंटे की पूछताछ के बाद दोपहर करीब 3.30 बजे राहुल ईडी ऑफिस से निकले। फिर एक घंटे बाद आगे की पूछताछ के लिए पहुंचे।

पहले दौर की पूछताछ के बाद राहुल गांधी को दोपहर करीब दो बजकर 10 मिनट पर भोजन के लिए ईडी मुख्यालय से बाहर जाने की इजाजत दी गई थी। भोजनावकाश के बाद वह दिन में करीब तीन बजकर 30 मिनट पर फिर ईडी के समक्ष पेश हुए। ईडी ने पहले राउंड में राहुल गांधी से करीब तीन घंटे पूछताछ की थी जबकि दूसरे दौर में उनसे साढ़े 5 घंटे बातचीत हुई। समझा जाता है कि राहुल गांधी ने धनशोधन रोकथाम कानून की धारा 50 के तहत अपना बयान लिखित रूप से दिया है।

सुबह में पूछताछ के लिए राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय से ईडी दफ्तर पहुंचे। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति अपना समर्थन जताया। राहुल गांधी का काफिला जब ईडी मुख्यालय पहुंचा तो गाड़ी में उनके बगल में प्रियंका गांधी भी बैठी हुईं थीं।

एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत राहुल गांधी का बयान दर्ज किया था। अधिकारियों के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके। ‘यंग इंडियन’ के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं।

समझा जाता है कि मामले से जुड़े सहायक निदेशक स्तर के एक ईडी अधिकारी ने ‘यंग इंडियन’ की स्थापना, ‘नेशनल हेराल्ड’ के संचालन और धन के कथित हस्तांतरण को लेकर सवालों की सूची सामने रखी। ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितताएं भी जांच के दायरे में हैं। कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है। उसने यह भी कहा है कि वह एवं उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस एक राजनीतिक दल है और एक राजनीतिक दल किसी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता। इसलिए, ‘यंग इंडियन’ के नाम से एक गैर-लाभकारी कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी) को ‘नेशनल हेराल्ड’ एवं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर दिए गए, ताकि 90 करोड़ रुपये का कर्ज खत्म हो सके।’’

Haryana wins gold medal in Gatka

  • Haryana also wins silver medals in single individual women’s and men’s categories in Gatka

Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Panchkula, June 6 :

In the ongoing Khelo India Youth Games in Panchkula, Haryana won gold medal in Gatka today and also won silver medals in single individual women and men in Gatka itself.

Haryana won the gold medal in the under-18 single stick team event of Gatka. This team consisted of Inderjit Singh, Krish and Jashanpreet Singh.

Similarly, in the individual men’s category of Gatka, Waris Preet Singh won the silver medal. Arjneet Kaur won silver medal in singel stick individual women’s category.