केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि आयकर विभाग ने सोने और हीरे के आभूषणों और रियल एस्टेट के कारोबार में लगे कुछ समूहों के ठिकानों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। इन समूहों के पटना, भागलपुर, डेहरी-ऑन-सोन, लखनऊ और दिल्ली में फैले 30 से अधिक परिसरों पर यह तलाशी अभियान चलाया गया।
तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जो आय चोरी को दर्शाते हैं। इन सभी साक्ष्यों को जब्त कर लिया गया है।
सोने और हीरे के आभूषणों के कारोबार में लगे एक समूह से जब्त किए गए साक्ष्यों के विश्लेषण से पता चला है कि इस समूह ने अपनी बेहिसाब आय का आभूषणों की नकद खरीद, दुकानों के नवीनीकरण और अचल संपत्तियों में निवेश किया है। इस समूह को ग्राहकों से अग्रिम राशि की आड़ में अपनी लेखा बहियों में 12 करोड़ से अधिक की बेहिसाब धनराशि शामिल करने का भी पता चला है। इसके अलावा, तलाशी अभियान के दौरान स्टॉक के भौतिक सत्यापन पर 12 करोड़ रुपए से अधिक का बेहिसाब स्टॉक भी मिला है।रियल स्टेट व्यापार में लगे एक अन्य समूह के मामले में भूमि की खरीद, भवनों के निर्माण और अपार्टमेंट की बिक्री में बेहिसाब नकद लेन-देन करने के भी सबूत मिले हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया है। एक जाने-माने भूमि दलाल के मामले में उपरोक्त बेहिसाब लेनदेन की पुष्टि हुई है। इस तरह के बेहिसाब नकद लेनदेन की मात्रा 80 करोड़ रुपए से अधिक है। समूह के प्रमुख व्यक्तियों द्वारा इस प्रकार अर्जित की गई अघोषित आय का बड़े भूमि खंडों सहित कई अचल संपत्तियों की खरीददारी में निवेश किया गया है।
तलाशी अभियान के दौरान 5 करोड़ रूपए से अधिक मूल्य की बेहिसाब नकदी और जेवरात भी जब्त किए गए हैं। कुल 14 बैंक लॉकरों को सीज किया गया है। अभी तक की गई तलाशी कार्रवाई में 100 करोड़ रुपए से अधिक के बेहिसाब लेनदेन का पता चला है। आगे की जांच चल रही है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/11/logo-हिन्दी-4.jpg350646Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-11-22 13:22:522022-11-22 13:23:08आयकर विभाग का बिहार में तलाशी के दौरान 100 करोड़ रुपए के बेहिसाब का चला पता और 14 बैंक लाकर सीज
गोपाल गोलोक धाम गौशाला, कैम्बवाला, चण्डीगढ़ के संचालक गौ गंगा कृपाकांक्षी पूज्य गोपाल मणि जी महाराज, जो भारतीय गौ क्रांति मंच के संस्थापक हैं, के सानिध्य में जीरकपुर के वीआईपी रोड़ पर स्थित हाई स्ट्रीट मार्किट में धेनु मानस गौकथा सम्पन हुईं कथा विराम के अवसर पर सुबह हवन-यज्ञ उपरांत गो कृपाकांक्षी धेनु मानस ग्रंथ के रचयिता पूज्य श्री गोपाल मणि जी महाराज के पावन सानिध्य में धेनु मानस गौ कथा में गुरुजी ने बताया कि लोग गाय को समझें, गाय को जानना जरूरी है। गावो विश्वस्य मातर यानि गाय विश्व की माता है।
कथा में विशेष अतिथि मंजू मल्होत्रा फूल ने महराज श्री से आशीर्वाद लिया और कहा कि पर्यावरण की बदलती परिस्थितियों में शुद्ध हवा की वातावरण में बहुत कमी हो रही है। जीवन जीने के लिए हमें ऑक्सीजन की जरूरत होती है। आज सबसे बड़ा देवता ऑक्सीजन है। गाय 24 घंटे ऑक्सीजन देती है। इस तरह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गाय में सबसे बड़े देवता का वास है। गाय के सम्मान के लिए हम सभी को खड़े होना चाहिए।
गाय को हमारा प्रेम और सम्मान चाहिए। दूध न देने वाली गाय का जब हम सम्मान करते हैं तो वह कामधेनु बन जाती है और हमारी हर इच्छा पूरी करती है। गाय को हमें रोजगार से भी जोड़ना चाहिए। गोबर प्लांट लगाकर उसकी गैस का घरों में प्रयोग किया जाए तथा वाहन चलाने में प्रयोग किया जाए। हमने यदि गाय के गोबर को आजीविका से जोड़ दिया तो नए समृद्ध भारत का निर्माण होगा। इस अवसर पर संत गोपाल मणि जी महाराज के मिशन को गौ माता राष्ट्रीय माता का दर्जा मिलना चाहिए का पुरजोर समर्थन किया। इस अवसर पर गौ कथा में ट्राइसिटी से हजारों गौ भक्तों ने भाग लिया। कथा उपरांत प्रसाद और भंडारा भी वितरित किया गया।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/11/maxresdefault-2.jpg7201280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-11-17 13:10:092022-11-17 13:35:55हमने यदि गाय के गोबर को आजीविका से जोड़ दिया तो नए समृद्ध भारत का निर्माण होगा : मंजू मल्होत्रा
आम आदमी पार्टी के बाद अब कॉंग्रेस के राज में दिलाई गई हिंदू विरोधी शपथ, वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक कार्यक्रम में हिंदू विरोधी शपथ दिलवाई जा रही है। यह वायरल वीडियो छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले का बताया जा रहा है। इस वीडियो में हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाई जा रही है। वीडियो में एक व्यक्ति वहाँ मौजूद लोगों को शपथ दिलाते हुए कह रहा है, “मैं गौरी,गणपति इत्यादि हिन्दू धर्म के किसी भी देवी-देवताओं को नहीं मानूँगा और ना ही कभी उनकी पूजा करूँगा। मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूँगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है।” इस दौरान शपथ दोहराने वाले लोगों में महापौर देशमुख भी दिख रहीं हैं।
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, पटना :
कॉन्ग्रेस शासित छत्तीसगढ़ से एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में हिंदू विरोधी शपथ दिलवाई जा रही है। वीडियो राजनांदगांव का है। इस दौरान कॉन्ग्रेस की महापौर हेमा सुदेश देशमुख भी मौजूद थीं।
राहुल गांधी के कर्नाटक दौरे के बाद कांग्रेसी नेता के बयानों पर बीजेपी ने कहा था कि रिजिल मकुट्टी के साथ राहुल गांधी के दिखने से साफ हो गया है कि कांग्रेस अपनी हिंदू विरोधी नफरत को छिपाने की कोशिश भी नहीं कर रही है। दरअसल, सतीश जारकीहोली को अंध विश्वास की खुलकर मुख़ालफ़त करने वाला नेता माना जाता है और उन्होंने ‘मानव बंधुत्व वेदिके’ नाम से अंध-विश्वास विरोधी संगठन भी बना रखा है। हाल ही में एक सभा में दिए भाषण में उन्होंने कहा कि हिंदू एक फारसी शब्द है और इसका अर्थ भयानक होता है। हिंदू शब्द भारत का है ही नहीं ये तो फारस से आया है। उनके मुताबिक हिन्दू का अर्थ बहुत विचित्र है। कहीं का धर्म लाकर आप चर्चा कर रहे हैं। हम पर हिन्दू शब्द थोपा जा रहा है। ईरान और इराक से आया है, हिन्दू शब्द। हिंदू शब्द कहां से आया? यह फ़ारसी है। भारत का क्या संबंध है? यह आपका कैसे हो गया हिंदू? इस पर बहस होनी चाहिए। यह शब्द आपका नहीं है। अगर आपको इसका मतलब समझ में आएगा, तो आपको शर्म आ जाएगी।
वीडियो राजनांदगांव के वार्ड मोहरा में आयोजित राज्यस्तरीय बौद्ध सम्मेलन का है। यह वीडियो 7 नवंबर 2022 का है। वीडियो में आप देख सकते हैं कि लोगों को हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाई जा रही है।
वीडियो में एक व्यक्ति वहाँ मौजूद लोगों को शपथ दिलाते हुए कह रहा है, “मैं गौरी,गणपति इत्यादि हिन्दू धर्म के किसी भी देवी-देवताओं को नहीं मानूँगा और ना ही कभी उनकी पूजा करूँगा। मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूँगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है।” इस दौरान शपथ दोहराने वाले लोगों में महापौर देशमुख भी दिख रहीं हैं।
कांग्रेस राज में हिंदु विरोध चरम पर है..
यहाँ हिंदू आस्था पर खुलेआम प्रहार किया जा रहा है और कांग्रेस की राजनांदगाँव महापौर हिंदू धर्म के विरूद्ध शपथ ले रही है।
जनजातीय मामलों की केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने यह वीडियो ट्वीट करते हुए कहा है, “कॉन्ग्रेस राज में हिंदू विरोध चरम पर है। यहाँ हिंदू आस्था पर खुलेआम प्रहार किया जा रहा है और कॉन्ग्रेस की राजनांदगांव महापौर हिंदू धर्म के विरूद्ध शपथ ले रही हैं। कोई सनातन विरोधी कार्यक्रम हो और कॉन्ग्रेस से उसके तार ना जुड़े ऐसा हो सकता है क्या?”
छत्तीसगढ़ भाजपा प्रवक्ता नीलू शर्मा ने भी इस आयोजन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पत्रकारों को बताया, “एक तरफ भूपेश बघेल की सरकार छतीसगढ़ में राम गमन पथ निर्माण की बात करती है। दूसरी और कॉन्ग्रेस नेता हिंदू विरोधी कार्यक्रमों में शिकरत करते हैं। कॉन्ग्रेस महापौर की ऐसे कार्यक्रम में मौजूदगी दुर्भाग्यजनक है।”
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले इसी तरह का कार्यक्रम दिल्ली में भी हुआ था। 5 अक्टूबर 2022 को आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 10 हजार लोगों को हिंदू विरोधी शपथ दिलाई गई थी। इसका आयोजन बौद्ध सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा नई दिल्ली के झंडेवालान स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर भवन में किया गया था।
इस कार्यक्रम में केजरीवाल सरकार के तत्कालीन मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हुए थे। गौतम ने इसकी कुछ तस्वीरें ट्विटर पर साझा करते हुए कहा था, “आज मिशन जय भीम के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ. अंबेडकर भवन रानी झाँसी रोड पर 10000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धाम में घर वापसी कर जाति विहीन और छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली। नमो बुद्धाय, जय भीम!”
इस कार्यक्रम में गौतम समेत कई लोग एक शपथ लेते भी दिखे थे। इसमें कहा गया था, “मैं हिंदू धर्म के देवी देवताओं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, श्रीराम और श्रीकृष्ण को भगवान नहीं मानूँगा, न ही उनकी पूजा करूँगा। मुझे राम और कृष्ण में कोई विश्वास नहीं होगा, जिन्हें भगवान का अवतार माना जाता है।” इस दौरान यह भी कहते हुए सुना गया, “मैं इस बात को नहीं मानता और न ही मानूँगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे। मैं इसे केवल पागलपन और झूठा प्रचार मानता हूँ। मैं श्राद्ध नहीं करूँगा और न ही पिंडदान करूँगा।” इसके बाद गौतम को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/11/rajnandgaon-buddhist-event-congress.jpg450800Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-11-09 15:51:122022-11-09 15:52:45छत्तीसगढ़ में सनातन धर्म के देवी-देवताओं का कांग्रेस नेता की उपस्थिती में अपमान
उत्तराखंड जन कल्याण समिति, मोहाली द्वारा प्रथम रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 96 यूनिट रक्त एकत्र हुआ। इस अवसर पर सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने शपथ भी ग्रहण की। सभा के प्रधान दीपक सिंह परिहार ने बताया कि उनकी संस्था समय-समय पर धार्मिक एवं जन कल्याण के लिए अनेकों कार्य करती रहती है।
इस अवसर पर पंजाब भाजपा की कार्यकारिणी के सदस्य संजीव वशिष्ट, मोहाली भाजपा के उपाध्यक्ष उमाकांत तिवारी, चण्डीगढ़ की पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर हीरा नेगी, जसविंदर सिंह, अनिल कुमार, मंडल प्रधान मोहाली, बी वी बहुगुणा, कुंदन लाल उनियाल, बचन सिंह नगरकोटी, मनोज रावत, पूरन सिंह रावत, दलीप सिंह रावत एवं ट्राइसिटी में उत्तराखंड की अनेक सभाओं एवं उत्तराखंड कीर्तन मंडली, मोहाली के पदाधिकारी शामिल हुए।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/11/a-2.jpg7681024Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-11-08 13:50:132022-11-08 13:53:03उत्तराखंड जन कल्याण समिति के प्रथम रक्तदान शिविर में 96 यूनिट रक्त एकत्र
चण्डीगढ़ पूर्वांचल वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में अगले माह आने वाले छठ पूजा त्यौहार की तैयारियों को लेकर एक बैठक आयोजित हुई जिसमें फ़ैसला लिया गया कि 30 अक्तूबर को सेक्टर 42 स्थित सन लेक पर हर साल की तरह ही महापर्व छठ पूजा त्यौहार को धूमधाम से मनाया जाएगा।
संस्था के वरिष्ठ सदस्य सुनील गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि घाट पर पहुचने वाले श्रद्धालुओं व व्रतियों के लिए सभी मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रशासन के साथ मिलकर पहले से पुख्ता इंतज़ाम किये जाने बारे में चर्चा हुई।
बैठक में डीके सिंह, राजिंदर सिंह, डॉ. एसडी पांडे, यूके सिंह, विक्रम यादव, गोविन्द राव व भोला रॉय आदि भी शामिल रहे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/09/IMG-20220919-WA0045.jpg8811170Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-09-19 13:52:042022-09-19 13:52:25छठ पूजा त्यौहार की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित
बीमा भारती ने लेसी सिंह को मंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लेसी सिंह मर्डर करवाती है। फिर भी उसे मंत्री बनाया गया है। बीमा भारती ने आगे कहा कि लेसी सिंह पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लेसी सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाए तो मैं विधायक पद से इस्तीफा दूंगी। बता दें कि बीमा भारती रुपौली की विधायक हैं। उन्होंने कहा लेसी सिंह अपने स्वार्थ के लिए पूर्णिया इलाके मेंमर्डर करवा देती है।
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद बनी महागठबंधन सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. पहले बीजेपी ने मंत्रिमंडल में आपराधिक छवि के लोगों को शामिल करने का आरोप लगाया, और अब जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) की विधायक ने ही अपनी सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रुपौली से जेडीयू की विधायक बीमा भारती की नाराजगी लेसी सिंह से है। उनका आरोप है कि मंत्रिमंडल विस्तार में आपराधिक छवि और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले को मंत्री बनाया गया है।
बिहार सरकार की खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह से बीमा भारती की नाराजगी का आलम यह है कि वो उनके खिलाफ खुलकर मैदान में आ गई हैं। उन्होंने लेसी सिंह पर हत्या सहित अन्य अपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार को अविलंब उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए। बीमा भारती ने कहा कि लेसी सिंह पर लगाए आरोपों का खुलासा खुद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया था जब वो विपक्ष में थे। उन्होंने तब कहा था कि लेसी सिंह हत्या के मामले में आरोपित हैं, लेकिन अब उनको महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल कराया गया है।
पहली बार लेसी सिंह साल 2014 में उद्योग विभाग की मंत्री बनीं। इसके बाद 9 फरवरी 2021 को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री बनीं। इस बार भी खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का ही मंत्री बनाया गया है।
लेसी सिंह का जन्म 5 जनवरी साल 1974 को कटिहार जिले के मनिहारी में हुआ था। वर्तमान में लेसी सिंह पूर्णिया में रहती हैं। इनके पिता का नाम गंगाशरण सिंह है। लेसी सिंह ने 12वीं तक की पढ़ाई की है। साल 1990 में उनकी शादी मधुसुदन सिंह उर्फ बूटन सिंह से हो गई। इनके तीन बेटे और एक बेटी भी है।
साल 1995 में लेशी सिंह ने पति बूटन सिंह के साथ मिलकर अपनी राजनीतिक जीवन की शुरूआत की। उनके चुनाव प्रचार में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ देती थीं।
लेसी सिंह पहली बार 27 फरवरी 2000 को जार्ज फर्नांडीस और नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठित समता पार्टी के सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनी। लेसी सिंह कोशी-पूर्णिया प्रमंडल में पहली ऐसी उम्मीदवार थी जो समता पार्टी से चुनाव जीत विधानसभा पहुंची।
विधायक बनने के दो महीनों के भीतर 19 अप्रैल 2000 को पति बूटन सिंह की हत्या हो गई। इसके बाद विपत्ति को झेलते हुए उन्होंने समाजसेवा जारी रखी। साल 2001 में पूर्णिया में समता पार्टी की जिला अध्यक्ष रहीं। साथ ही विधानसभा में समता पार्टी की उपसचेतक भी रहीं। फरवरी 2005 में समता पार्टी में जदयू के विलय के बाद नवंबर 2005 में जदयू से दोबारा चुनाव जीतीं।
साल 2006 में जनता दल यूनाइटेड महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व मिला। इनके अच्छे कार्य को देखते हुए 2 नवंबर 2007 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य महिला आयोग बिहार की अध्यक्ष बनाया।
नीतीश कुमार की नेतृत्व में जनता दल यूनाइटेड के टिकट से लेसी सिंह लगातार चुनाव जीता। साल 2010 में 45 हजार वोट, साल 2015 में 30921 और 2020 विधानसभा चुनाव में 33594 वोट से जीतकर धमदाहा विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुईं।
लेसी सिंह हमेशा लोगों की सेवा में उपलब्ध रहती हैं। इसके अलावा वे जनता की सुख-दुख में शामिल रहीं। लोगों के साथ उनका सीधा संपर्क रहता है। पटना से पूर्णिया आने पर घर पर लोगों से मिलकर समस्याओं का निपटारा करती हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/08/article-image.jpg9001200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-08-17 16:56:532022-08-17 16:57:22लेसी सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाया गया तो दे देंगे इस्तीफा : बीमा भारती
पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “नीतीश कुमार जी आपके कानून मंत्री कोर्ट की प्रक्रिया से मजाक कर रहे हैं उनका एंटीसिपेटरी बेल पटना हाई कोर्ट ने फरवरी 2017 में खारिज कर सरेंडर करने के लिए कहा था। पीड़ित ने साफ तौर पर कहा कि उनके अपहरण में कार्तिकेय सिंह की बड़ी भूमिका थी। ये अपहरण का गंभीर केस है जिसमें कार्तिकेय सिंह सरेंडर नहीं करते हैं। इसमें आजीवन कारावास या कम से कम दस साल की सजा का प्रावधान है।” कार्तिकेय सिंह के मंत्री के तौर पर शपथ लेते ही सोशल मीडिया समेत तमाम जगहों पर ऐसी ख़बरें चलने लगीं कि उनके ख़िलाफ़ वारंट जारी किया जा चुका है। कोर्ट की नज़रों में वो फ़रार हैं, और फ़रार होते हुए उन्होंने बतौर विधि मंत्री शपथ ले ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन पर पटना ज़िले के बिहटा थाने में अपहरण का मामला दर्ज है। मामला आईपीसी की 363, 365, 364 और 34 धाराओं के तहत दर्ज है।
कार्तिकेय सिंह
नीतीश के मंत्री कार्तिकेय सिंह पर दर्ज हैं कई मामले
बाहुबली नेता अनंत सिंह के करीबी माने जाते हैं कार्तिकेय सिंह
बीजेपी ने कार्तिकेय सिंह समेत कई मंत्रियों को लेकर नीतीश को घेरा
बिहार में नीतीश सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह शपथ लेते ही विवादों में घिरे हुए है और उन्हें बर्खास्त किए जाने की मांग की जा रही हैं। दरअसल कार्तिकेय सिंह के वारंट को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बीच नेताओं का बयानबाजी का दौर जारी है। अब भारतीय जनता पार्टी के नेता व केंद्रीय मंत्री का बयान सामने आया है।
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नीतीश कुमार RJD के सामने झुक गए है वो RJD से समझौता कर रहे है। ये एक बड़ा सवाल है की आखिर पांच साल पहले का आदेश हैं तो कार्तिकेय सिंह ने अभी तक सरेंडर क्यों नहीं किया। दरअसल नीतीश कुमार कानून प्रक्रिया से खिलवाड़ कर रहे है। मामले को लेकर जांच होनी चाहिए और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करने पर कार्यवाही होनी चाहिए। साथ ही कार्तिकेय सिंह को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की।
कार्तिकेय सिंह के मंत्री के तौर पर शपथ लेते ही सोशल मीडिया समेत तमाम जगहों पर ऐसी ख़बरें चलने लगीं कि उनके ख़िलाफ़ वारंट जारी किया जा चुका है। कोर्ट की नज़रों में वो फ़रार हैं, और फ़रार होते हुए उन्होंने बतौर विधि मंत्री शपथ ले ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन पर पटना ज़िले के बिहटा थाने में अपहरण का मामला दर्ज है। मामला आईपीसी की 363, 365, 364 और 34 धाराओं के तहत दर्ज है।
आईपीसी की 363 : भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति भारत से या किसी क़ानूनी अभिभावक की संरक्षता से किसी का अपहरण करता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा। सजा – सात वर्ष कारावास + आर्थिक दंड।
आईपीसी की 364 : भारतीय दंड संहिता की धारा 364 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करने के लिए उसका व्यपहरण या अपहरण करे या उस व्यक्ति को ऐसे व्यवस्थित करे कि उसे अपनी हत्या होने का ख़तरा हो जाए, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
आईपीसी की 365 : भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से सीमित / क़ैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
आईपीसी की 34 : भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के अनुसार, जब कई लोग समान इरादे से कोई आपराधिक कृत्य करते हैं तो उनमें से प्रत्येक इस कृत्य के लिए उसी तरह जवाबदेह होगा, जैसे उसने अकेले इस काम को अंजाम दिया हो।
We expect Patna HC to take serious notice of this. I expect CM Nitish Kumar to show some courage. Kartikeya Singh should be sacked and strict action should be taken against him: BJP leader Ravi Shankar Prasad on Bihar law min Kartikeya Singh's allegedly outstanding arrest warrant pic.twitter.com/uwXvTXUJ3L
हालांकि RJD कार्तिकेय सिंह पर लगे अपराधिक मामले को झूठा करार दे रही है। बिहार में क़ानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर जारी वारंट पर RJD प्रमुख लालू यादव ने कहा है ऐसा कोई मामला नहीं है ,सुशील मोदी झूठ बोल रहे है।
दरअसल नीतीश सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। नीतीश सरकार में एक दिन पहले जिस कानून मंत्री ने शपथ ली थी उन पर अपरहण का केस दर्ज है। ताज्जुब की बात ये है की कल उन्हें अपहरण के केस में दानापुर कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन वो दूसरी तरफ कानून मंत्री की शपथ लेने राजभवन पहुंचे हुए थे। नए कानून मंत्री के लिए अपरहण मामले में गैरजमानती वारंट जारी है।कार्तिकेय सिंह को न तो बिहार की पुलिस पकड़ पाई है न ही कोर्ट में उनकी पेशी हुई है।
कार्तिकेय सिंह पर क्या मामला है?
साल 2014 में राजीव रंजन नाम के एक व्यक्ति का अपहरण किया गया था। इस मामले में दर्ज एफआईआर में अपहरण के आरोपियों में कार्तिकेय सिंह का नाम भी शामिल है। केस अदालत में लंबित है। इसी सिलसिले में उन्हें वॉरंट जारी किया गया था।
वहीं मीडिया में कोर्ट का वो आदेश भी सामने आया है जिसके मुताबिक कार्तिकेय सिंह को 1 सितंबर तक गिरफ्तारी से राहत दी गई है। 12 अगस्त 2022 के इस आदेश में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 1 सितंबर तक कार्तिकेय सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है जिस पर अब सवाल उठ रहे हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/08/2020_82020083012214541759_0_news_large_23.jpeg387660Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-08-17 15:33:292022-08-17 16:05:35नीतीश सरकार के क़ानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर रविशंकर प्रसाद का निशाना, कहा ‘कार्तिकेय को बर्खास्त और सख्त कार्रवाई की जाए’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने 160 विधायकों के समर्थन के साथ नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया। शाम करीब 4:00 बजे नितीश, फागु चौहान से मिलने पहुंचे और अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ फिर बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं। बिहार के राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद जनता दल यू नेता नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे सभी सांसदों और विधायकों के बीच इस बात पर आम सहमति पर है हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए। राजभवन से बाहर आते हुए मीडिया कर्मियों से नीतीश कुमार ने कहा कि वह अब एनडीए गठबंधन से बाहर आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी सांसद और विधायक चाहते थे कि एनडीए गठबंधन छोड़ दिया जाए। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. फैसला पार्टी का है। उन्होंने बताया कि आरजेडी के साथ नई सरकार बनाएंगे इस दौरान नीतीश कुमार ने बताया कि राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। बिहार में पिछले 3 दिनों से जारी राजनैतिक उठापटक का दौर आखिरी दौर में पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री बनने का एक ख्वाब ओर एक (झठा) वादा नितीश को मोदी से दूर कर गया। 2024 की इंतज़ार सबको करनी पड़ेगी और देखना पड़ेगा की यहाँ का फदनवीस कौन ? – राजनैतिक विश्लेषक
जब नीतीश राजभवन से सीधे राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे, तो तेजस्वी यादव उन्हें रिसीव करने बाहर तक आए। राबड़ी के घर राजद, कांग्रेस और माले के विधायक मौजूद हैं।
पटना में भाजपा ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में भाजपा कोटे के सभी मंत्रियों और संगठन के नेताओं को भी बुलाया गया है। पार्टी हाईकमान भी इनसे चर्चा कर सकता है।
RJD विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने 115 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी नीतीश कुमार को सौंपी है। इसमें नीतीश की अगुआई में सरकार बनाने की बात कही गई है।
सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के गठन से पहले तेजस्वी ने गृह मंत्रालय मांगा है, जो अब तक नीतीश के पास था। पिछली सरकार में तेजस्वी यादव के पास पथ निर्माण विभाग था।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। राजभवन से बाहर निकलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम एनडीए में थे और अब एनडीए के मुख्यमंत्री पद से मैंने इस्तीफा दे दिया है। एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ सरकार बनाने का फैसला लिया है और इस फैसले के बाद वो राज्यपाल को इस्तीफा देने राजभवन पहुंचे। नीतीश कुमार ने सीएम के पद से इस्तीफा देने के साथ ही विधायकों का समर्थन – पत्र भी गवर्नर को सौंप दिया। इससे पहले मंगलवार को महागठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार को समर्थन दिए जाने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सीएम नीतीश कुमार एनडीए(नरेंद्र मोदी) से अलग होंगे।
पार्टी के विधायकों और सांसदों की बैठक के बाद जेडीयू ने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया, हांलाकि इसका औपचारिक ऐलान होना अभी भी शेष है। इस घटना के बाद नीतीश कुमार राज्यपाल फागू चौहान को इस्तीफा देने पहुंचे। कहा जा रहा था कि किसी भी वक्त नीतीश कुमार अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं लेकिन अंततः राज्यपाल ने मिलने के लिए उन्हें शाम करीब 4 बजे का वक्त दिया। नीतीश कुमार राजभवन अकेल ही इस्तीफा देने पहुंचे। उनके इस्तीफा सौंपने के साथ ही बिहार में नई सरकार के गठन का रास्ता भी साफ हो गया है।
इस बीच बड़ी खबर यह है कि महागठबंधन की नई नीतीश सरकार में दो उपमुख्यमंत्री रहेंगे। इनमें आरजेडी से तेजस्वी यादव का नाम तय है। सूत्रों के मुताबिक JDU की मीटिंग में नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा हमेशा हमें कमजोर करने की कोशिश की। भाजपा ने मुझे अपमानित किया। 2013 से लेकर अब तक भाजपा ने सिर्फ धोखा ही दिया।
उपेंद्र कुशवाहा, JDU नेता- नए स्वरूप में नए गठबंधन के नेतृत्व की जवाबदेही के लिए नीतीश कुमार को बधाई। आप आगे बढ़िए। देश आपका इंतजार कर कर रहा है।रोहिणी आचार्य, लालू यादव की बेटी- राजतिलक की करो तैयारी, आ रहे हैं लालटेनधारी।
पशुपति कुमार पारस, केंद्रीय मंत्री- RJD और JDU की सरकार पहले भी बनी थी लेकिन चल नहीं पाई। फिर ये लोग मिलकर सरकार बना रहे हैं। ये बिहार के विकास के लिए शुभ संकेत नहीं है। हमारी पार्टी NDA के साथ थी और आगे भी रहेगी।
नीतीश कुमार 2013 में भाजपा और 2017 में राजद से गठबंधन तोड़ चुके हैं। दोनों ही बार उन्होंने सरकार बनाई थी और सूबे के मुख्यमंत्री बने थे।
पिछले वर्ष बजट सत्र में विधानसभा में हुए भारी हंगामे और विपक्षी विधायकों की ओर से स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के साथ किए गए दुर्व्यवहार मसले पर विधानसभा की आचार समिति की सिफारिश के आधार पर 14 विधायकों की सदस्यता पर तलवार लटकी हुई है। राज्य में जारी सियासी गतिविधि के बीच इस मसले पर भी फैसले लिए जाने की आशंका जताई जा रही है।
दरअसल, आचार समिति की सिफारिश अभी स्पीकर के स्तर पर विचाराधीन है। उस रिपोर्ट में क्या कार्रवाई की अनुशंसा की गई है यह सदन में पेश होने पर ही पता चलेगा, पर सूत्रों की मानें तो 14 आरोपी विधायकों की सदस्यता जाने का खतरा बरकरार है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/08/Nitish-kaa-bhajpa-ko-dhokha-1.jpg614819Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-08-09 12:32:102022-08-09 12:32:35बिहार में फिर चाचा – भतीजा की सरकार
पंजाब सहित 9 राज्यों ने सीबीआई को जांच के लिए अनुमति देने से मना कर दिया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि पंजाब ,पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मिजोरम ,केरल, झारखंड, महाराष्ट्र और मेघालय ने अपने राज्यों में सीबीआई को जांच करने की अनुमति ना देने का निर्णय लिया है। राज्यों में आपराधिक मामलों जांच करने के लिए केंद्र को सीबीआई जांच के लिए संबंधित राज्य से अनुमति लेना अनिवार्य है। आपको बता दें कि इन सभी 9 राज्यों में गैर भाजपा सरकारें हैं। हालांकि यदि जांच आदेश उच्चत्तम या उच्च न्यायालय जारी किए जाते हैं स्थिति में केंद्र राज्यों से अनुमति लेने के लिए बाध्य नहीं है।
फ़ाइल फोटो
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :
केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि छह राज्यों द्वारा सहमति ना दिए जाने के कारण केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की मांग करने वाले 221 अनुरोध लंबित हैं, जिनमें सर्वाधिक 168 अनुरोध महाराष्ट्र से हैं और इनमें सन्निहित राशि 29,000 करोड़ रुपये हैं।राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मत्रालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने दी।उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग करने वाले कुल अनुरोधों में 30, 912,.28 करोड़ रुपये के मामले हैं। इनमें 27 अनुरोध पश्चिम बंगाल से हैं जिनमें 1,193.80 करोड़ रुपये के मामले हैं।
उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग करने वाले कुल अनुरोधों में 30, 912,.28 करोड़ रुपये के मामले हैं। इनमें 27 अनुरोध पश्चिम बंगाल से हैं जिनमें 1,193.80 करोड़ रुपये के मामले हैं, नौ अनुरोध पंजाब से हैं और इनमें 255.32 करोड़ रुपये के मामले हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसी प्रकार सात अनुरोध छत्तीसगढ़ से हैं, जिनमें 80.35 करोड़ रुपये और चार राजस्थान से हैं, जिनमें 12.06 करोड़ रुपये की राशि सन्निहित हैं। सिंह ने बताया कि 30 जून 2022 की स्थिति के अनुसार सबसे अधिक 168 अनुरोध महाराष्ट्र से हैं, जिनमें 29,040.18 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
महाराष्ट्र में भी, इस साल जून तक विपक्षी सरकार थी। अब वहां भाजपा गठबंधन की सरकार है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राज्य सरकार की सहमति के अभाव में सीबीआइ द्वारा जांच के लिए लंबित मामलों की कुल संख्या इस वर्ष 30 जून तक 221 है। इनमें 40 मामले एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। 48 मामले ऐसे हैं जो छह महीने से एक वर्ष के बीच की अवधि के हैं। इसके अलावा 133 मामले छह महीने से कम समय से लंबित हैं।
इन मामलों में शामिल कुल राशि 30,912 करोड़ रुपये है।मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, महाराष्ट्र में कुल 168 मामले लंबित हैं। इनमें से 39 एक वर्ष से अधिक, 38 छह माह से एक वर्ष और 91 छह माह से कम समय से लंबित हैं। बंगाल में 27 लंबित मामले हैं। इनमें से एक मामला एक वर्ष से लंबित है। एक मामला छह महीने से एक वर्ष के बीच का है जबकि 25 केस छह महीने से कम समय से लंबित हैं।महाराष्ट्र और बंगाल में लंबित मामलों में शामिल राशि क्रमश: 29,040 करोड़ और 1,194 करोड़ रुपये है। पंजाब, राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर 26 मामले लंबित हैं, जिनमें कुल राशि 678 करोड़ रुपये है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/Jitendra-singh.jpg221228Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-29 04:45:012022-07-29 04:46:216 राज्यों में सीबीआई से जांच के लिए 221 सहमति अनुरोध लंबित, 30,912 करोड़ रुपये शामिल: डॉ जितेंद्र सिंह
झारखंड और गुजरात में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक और हरियाणा तथा ओडिशा में कांग्रेस विधायक हैं जिन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट किया। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के विधायक ने राज्य से संबंधित मुद्दों का समाधान न होने का हवाला देते हुए राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार किया। असम में, ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) विधायक करीमुद्दीन बरभुइयां ने दावा किया कि राज्य के करीब 20 कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को मुर्मू को वोट दिया।
राष्ट्रपति चुनाव में अंतरात्मा की आवाज सुन कई विधायकों ने मुर्मू के पक्ष क्रॉसवोटिंग की है
असम में एआईयूडीएफ के विधायक करीमुद्दीन बरभुइयां ने दावा किया कि राज्य के करीब 20 कांग्रेस विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू को वोट दिया है
उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ‘क्रॉस वोट’ किया
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/ नई दिल्ली :
राष्ट्रपति चुनाव के पहले से ही विपक्ष बिखरा हुआ नजर आ रहा था। अब खबर आ रही है कि अलग-अलग राज्यों के कई विधायकों ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी पार्टी लाइन का पालन नहीं कर एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ‘क्रॉस वोट’ किया है। क्रॉस वोटिंग में झारखंड और गुजरात में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक और हरियाणा तथा ओडिशा के कांग्रेस विधायक शामिल हैं। विधायकों ने कहा है कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट किया है। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के विधायक ने राज्य से संबंधित मुद्दों का समाधान न होने का हवाला देते हुए राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार किया। असम में, ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक करीमुद्दीन बरभुइयां ने दावा किया कि राज्य के करीब 20 कांग्रेस विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू को वोट दिया है।
I am a Congress MLA but I have voted for NDA's Presidential candidate Droupadi Murmu. It's my personal decision as I've listened to my heart which guided me to do something for the soil and that's why voted for her: Odisha Congress MLA Mohammed Moquim#PresidentialElectionpic.twitter.com/ckbaKRGdM7
उधर उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी में फूट की खबर सामने आई है। पार्टी के विधायक शहजिल इस्लाम ने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। बता दें कि कॉन्ग्रेस और सपा ने आधे-अधूरे विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया था। बरेली के भोजीपुरा से विधायक शहजिल इस्लाम ने इसके बाद ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी’ के अध्यक्ष और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव से भी मुलाकात की।
उत्तर प्रदेश में, शिवपाल सिंह यादव ने भी दावा किया कि वह कभी भी यशवंत सिन्हा का समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने एक बार उनके भाई और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर ‘आईएसआई एजेंट’ होने का आरोप लगाया था। पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में हरियाणा में ‘क्रॉस वोटिंग’ करने वाले कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में भी अपने विवेक के अनुसार मतदान किया।
राष्ट्रपति चुनाव में मतदान गुप्त मतदान के माध्यम से होता है और पार्टियां अपने सांसदों और विधायकों को व्हिप जारी नहीं कर सकती हैं। ओडिशा में कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोकीम ने सोमवार को यह घोषणा कर हलचल पैदा कर दी कि उन्होंने राजग उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया। विधानसभा में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद, कटक-बाराबती विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोकीम ने कहा कि उन्होंने अपनी ‘‘अंतरात्मा की आवाज’’सुनी।
खुद शिवपाल यादव ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। सपा गठबंधन में शामिल ओमप्रकाश राजभर की ‘सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP)’ ने भी मुर्मू के ही समर्थन का ऐलान किया था। शिवपाल यादव ने पहले ही एक पत्र लिख कर अखिलेश यादव को कहा था कि सपा विधायकों को यशवंत सिन्हा को वोट नहीं देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि यशवंत सिन्हा ने कभी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को ‘ISI एजेंट’ कहा था।
वहीं असम में AIUDF के नेता करीमुद्दीन ने कहा कि कॉन्ग्रेस क्रॉस वोटिंग कर रही है और ये आँकड़ा 20 से अधिक भी हो सकता है। वहीं कॉन्ग्रेस के एक अन्य बागी नेता कुलदीप बिश्नोई ‘अंतरात्मा की आवाज़’ सुनते हुए द्रौपदी मुर्मू को वोट करने की बात कही। मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस में भी फूट की खबर सामने आ रही है, लेकिन पार्टी इसे नकार रही है। पश्चिम बंगाल में TMC का दावा है कि 9 भाजपा विधायकों ने यशवंत सिन्हा के लिए वोट डाला।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/2022-a.jpg540960Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-18 16:07:332022-07-18 16:09:06अंतरात्मा की आवाज सुन कई विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में की ‘क्रॉस वोटिंग’
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