सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 23 मार्च :
शहीदी दिवस के मौके पर स्वतंत्रता संग्राम की अलख जगाने वाले तथा 1857 में अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह करने वाले स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद मंगल पांडे की वंशज शिक्षाविद कविता त्यागी द्वारा भगवान परशुराम समुदायिक केंद्र में लगाए गए वाटर कूलर को जनता को समर्पित किया गया।
इस मौके पर उनके साथ किरण त्यागी, प्रियंका त्यागी, पूजा त्यागी, सुधा, अरुण त्यागी, अजय त्यागी, नरेश बाबा जी, विक्रम त्यागी बिट्टू, संजीव चौहान तथा वीरेंद्र त्यागी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
इस मौके पर कविता त्यागी ने कहा कि अमर शहीद मंगल पांडे की शहादत को सदा ही याद रखा जाएगा और वह सदा ही युवाओं के प्रेरणा स्रोत रहेंगे। इस मौके पर उन्होंने शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु को याद करते हुए कहा कि ऐसे ही शहीदों की शहादत की बदौलत आज हम आजाद देश की हवा में सांस ले रहे हैं।
उनका कहना था कि गर्मी के इस मौसम को देखते हुए जबकि हर किसी को शीतल जल की आवश्यकता होती है, ऐसे में भगवान परशुराम समुदायिक केंद्र में लगा यह वाटर कूलर आम जनमानस की प्यास बुझाने का काम करेगा जो कि एक पुण्य का कार्य है। उन्होंने इस मौके पर युवाओं से आह्वान किया कि वे अमर शहीदों द्वारा बताए गए रास्ते पर चलते हुए देश को उन्नति की राह पर अग्रसर करने का प्रयास करें और देश से भ्रष्टाचार को समाप्त करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20230323-WA0025.jpg11521600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-03-23 12:44:492023-03-23 12:45:04शहीदी दिवस पर वाटर कूलर किया जनता को समर्पित
स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी ने एक ऐसे देश में जाकर विदेशी ताकतों का आह्वान किया जिसका इतिहास रहा है भारत को गुलाम बनाने का। उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाते हुए राहुल गांधी ने ये खेद व्यक्त किया कि…क्यों विदेशी ताकतें आकर भारत पर धावा नहीं बोलती? स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर देश को बदनाम किया। राहुल गांधी ने SC और EC जैसी संस्थाओं का अपमान किया। क्या भारत को अपमानित करना लोकतंत्र है? क्या सदन के अध्यक्ष का अपमान लोकतंत्र है? भारत राहुल गांधी से माफी की मांग करता है।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 15 मार्च :
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में वायनाड से सांसद राहुल गांधी पर उनके लंदन में दिए गए बयान को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस नेता ने एक ऐसे देश में जाकर विदेशी ताकतों का आह्वान किया जिसका इतिहास रहा है भारत को गुलाम बनाने का। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाते हुए राहुल गांधी ने ये खेद व्यक्त किया कि… क्यों विदेशी ताकतें आकर भारत पर धावा नहीं बोलती? उनका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए द्वेष, अब भारत के प्रति द्वेष में तब्दील हो चुका है। ’
स्मृति ईरानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘राहुल गांधी विदेश की धरती पर जाकर ‘बोलने की आजादी’ नहीं होने की बात करते हैं. उनका आरोप है कि उन्हें भारत के विश्वविद्यालय में बोलने की आजादी नहीं है। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहती हूं कि अगर ऐसा है, तो 2016 में दिल्ली में जब एक विश्वविद्यालय में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ का नारा लग रहा था तब आपने वहां जाकर इसका समर्थन किया, वो क्या था?”
स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गाँधी विदेश जाकर देश में बोलने की आजादी नहीं होने की बात करते हैं। वे कहते हैं भारत के विश्वविद्यालयों में बोलने की आजादी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो साल 2016 में दिल्ली के एक विश्वविद्यालय में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगाए गए थे और आपने भी वहाँ जाकर नारे लगाने वालों का समर्थन किया था, वह क्या था?
I want to ask Rahul Gandhi, you said abroad that you do not have the right to speak at any university in the country. If so, in 2016, when the slogan 'Bharat tere tukde honge' was raised at a university in Delhi, you backed it, what was that? : Union Minister Smriti Irani pic.twitter.com/zYnED7z0AL
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लंदन में विदेशी संस्था के सामने राहुल गाँधी ने झूठ बोला। देश के संसद का अपमान किया। उन्हें सदन से भागना नहीं चाहिए बल्कि सदन में आकर देश से माफी माँगनी चाहिए। बता दें कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी बुधवार (15 मार्च 2023) को विदेश से दिल्ली लौट आए हैं।
इसके पहले राहुल गाँधी ने कैम्ब्रिज में अपने संबोधन के दौरान अपने ही देश पर कीचड़ उछाला था। उन्होंने आरोप लगाया था कि संसद में विपक्षी नेताओं को बोलने नहीं दिया जाता। उनकी माइक बंद कर दी जाती है। राहुल ने आरोप लगाया था कि भारत में सिखों और मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया है। राहुल के इन बयानों के बाद से ही भाजपा उनपर हमलावर है
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/03/SARAGA.jpg383680Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-03-15 14:42:362023-03-15 14:43:24राहुल गांधी ने किया था ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ नारे का समर्थन : स्मृति ईरानी
राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विदेशी जमीन पर देश का अपमान करने का आरोप लगाया और राज्य में पार्टी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उसे जनता की समस्याओं से सरोकार नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया राहुल गांधी (gone Bonkers’) बौखला गए हैं। जो दूसरे देश की संसद में अपने देश का अपमान करते हैं। शायद वह इटली को अपनी मातृभूमि मानते हैं। विश्वेंद्र सिंह सबसे प्रसिद्ध कांग्रेस विधायकों में से एक थे, जिन्होंने 2020 में गहलोत प्रशासन के खिलाफ पायलट के साथ विद्रोह किया था। वो उस समय भी पर्यटन मंत्री थे, लेकिन पायलट के समर्थन में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की कोशिश करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें हटा दिया था। बाद में, कांग्रेस नेतृत्व द्वारा कुछ बागियों को शांत करने में कामयाब होने के बाद उन्हें मंत्री के रूप में बहाल कर दिया गया।
मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह
राजवीरेंद्र वशिष्ठ, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यूनाइटेड किंगडम में भारत के खिलाफ टिप्पणी के लिए राजस्थान के मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे ने आलोचना की। राजस्थान के पर्यटन मंत्री के बेटे, अनिरुद्ध, जिन्हें कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का करीबी माना जाता है, ने कहा कि..
“राहुल गांधी बौने हो गए हैं। दूसरे देश की संसद में अपने देश का अपमान कौन करता है? या शायद वह इटली को अपनी मातृभूमि मानते हैं।”
राहुल गांधी के ब्रिटेन में दिए गए उस बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा हमेशा के लिए सत्ता में नहीं रहने वाली पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिरुद्ध ने ट्वीट किया कि “क्या वे भारत में ये सब बकवास नहीं बोल सकते हैं? या वह आनुवंशिक रूप से यूरोपीय मिट्टी को पसंद करते हैं?”
He has gone bonkers. Who insults ones’ own country in another country’s Parliament. Or perhaps he considers Italy his homeland. https://t.co/20fqFZKTqQ
— Anirudh D. Bharatpur (@thebharatpur) March 7, 2023
अनिरुद्ध कांग्रेस नेता सचिन पायलट के करीबी हैं क्योंकि उन्होंने ट्विटर पर दिए गए परिचय में स्वयं को सचिन पायलट के विचारों को मानने वाला बताया है। उनके पिता विश्वेंद्र ने भी 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान पायलट के साथ अशोक गहलोत की सरकार के खिलाफ बगावत की थी। उस समय मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के भीतर एक गुट उनकी निर्वाचित सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा है।
कॉन्ग्रेस पार्टी के ऑफिशियल हैंडल से राहुल गाँधी की एक तस्वीर शेयर की गई थी। इस तस्वीर पर कटाक्ष करते हुए अनिरुद्ध ने लिखा – “हाँ, राहुल मानते हैं कि वे एक इटालियन हैं।”
लंदन में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में राहुल गाँधी ने कहा था कि बीजेपी हमेशा सत्ता में नहीं रहने वाली। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिरुद्ध ने लिखा कि क्या यह सब बकवास भारत में नहीं किया जा सकता था या राहुल गाँधी अनुवांशिक रूप से यूरोपीय मिट्टी को पसंद करते हैं?
Can he not speak all this garbage in India? Or he genetically prefers European soil? https://t.co/Qsz4FBWAbC
— Anirudh D. Bharatpur (@thebharatpur) March 7, 2023
यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस नेता और मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह के ट्वीट से विवाद खड़ा हो गया हो और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसकी आलोचना की हो। इसके पहले भी अनिरुद्ध के ट्वीट ने भरतपुर इलाके में बड़ा विवाद खड़ा किया था। अनिरुद्ध ने दिसंबर 2022 में ब्रिटिश शासन की 1935 में प्रकाशित किताब ‘द इंडियन स्टेट्स’ का उल्लेख करते हुए लिखा था कि भरतपुर रियासत के सिनसिनवार जाट जादौन राजपूतों के वंशज हैं।
अनिरुद्ध सिंह की इस बात को लेकर बहुत हंगामा हुआ। जाट महासभा की बैठक में इस बात को खारिज कर दिया गया था। जाट महासभा ने सिनसिनवार जाटों को श्री कृष्ण का वंशज बताते हुए यदुवंशी जाट क्षत्रिय करार दिया था।
बताया जाता है कि अनिरुद्ध और उनके पिता विश्वेन्द्र सिंह के संबंध भी अच्छे नहीं हैं। मई 2021 में अनिरुद्ध ने अपने पिता पर शराब का सेवन करने और माता के प्रति हिंसक होने का आरोप लगाया था। इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि 6 हफ्तों से वे अपने पिता के संपर्क में नहीं हैं। अनिरुद्ध ने खुद को मदद करने वाले अपने दोस्तों के कारोबार को नष्ट करने का आरोप भी अपने पिता पर लगाया था। अनिरुद्ध खुद को सचिन पायलट का समर्थक मानते हैं।
अनिरुद्ध ने पुलवामा हमले के शहीद जवानों के परिवार के साथ राज्य की कांग्रेस सरकार के व्यवहार पर भी टिप्पणी की। शहीदों के परिजन अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी, शहीद की मूर्ति स्थापित करने सहित अन्य मांगों को लेकर भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ धरने दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह हमेशा के लिए जारी रहेगा। कांग्रेस पार्टी को ऐसे मामलों की परवाह नहीं है – उन्हें लगता है कि ये मामले उनके इतालवी संचालकों को परेशान करने के लिए बहुत तुच्छ हैं! विश्वेंद्र सिंह ने अपने बेटे अनिरुद्ध की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/03/LKM.jpg456797Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-03-10 11:16:372023-03-10 11:19:08गहलोत के मंत्री के बेटे ने राहुल गांधी को बताया ‘पागल’ और ‘वो इटली को मातृभूमि मानते हैं’
तुलसीदासजी रामायण में लिखते हैं कि “ढोल गंवार शूद्रपसु नारी, सकल ताडऩा के अधिकारी…।” इस कथन को लेकर बहुत से लोगों ने तुलसीदासजी पर शुद्रों और नारियों के प्रति भेदभाव और असम्मान की भावना रखने का आरोप लगाया। कहा कि वे तो शुद्रों और नारियों को डांटने- फटकराने और प्रताडि़त करने का पक्ष लेते हैं। पर वास्तव में देखें तो तुलसीदास जी नहीं बल्कि इस चौपाई का अपने हिसाब से मतलब निकालने वाले लोग गलत है। दरअसल ताडऩा का अर्थ किसी को देखते रहना, सीख, शिक्षा या संरक्षण देने के अर्थ में भी लिया जाता है। और संतों की व्याख्या के अनुसार तुलसीदास जी यहां यही कहना चाहते हैं कि ढोल, गंवार, शुद्र और नारी को शिक्षा व सीख देने के साथ उनके कार्यों को देखते रहना चाहिए। वरना दोष उनका नहीं, बल्कि उनके संरक्षकों का होगा। जैसे शादी के बाद यदि बहु कोई गलत काम करती है तो उलाहना आज भी उसकी मां को ही दिया जाता है कि उसने अच्छी सीख नहीं दी। इसी तरह ढोल ठीक नहीं बजेगा तो दोष ढोल वादक का होगा। गवांर गवांरुपन दिखाए तो दोष उसके शिक्षक का होगा और शुद्र यानी सेवक सलीका नहीं रखे और पशु भी ठीक नहीं है तो दोष उनके मालिकों का ही माना जाएगा कि उनकी सीख में कोई कमी है। इसलिए तुलसीदासजी की चौपाई का अर्थ यही निकालना चाहिए कि वे ढोल, गवांर, सेवक, पशु व नारी को शिक्षा और संरक्षण पाने का अधिकारी मानते हैं। ना कि प्रताडऩा का।
पीयूष पयोधी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, बिहार :
ढोल गंवार शूद्र पशु नारी
मुझे आज तक यह समझ नहीं आया कि “कोटि विध बध लागहिं जाहू/ आएँ सरन तजउ नहि ताहू”– “जिसे करोड़ों ब्राह्मणों की हत्या लगी हो, शरण में आने पर मैं उसे भी नहीं त्यागता” जैसे कथनों के आधार पर अब तक किसी ने तुलसी को ब्राह्मण विरोधी क्यों नही बताया?
किसी ने जैसे उस एक कथन को शास्त्र से निकालना चाहा, वैसे इस एक कथन को क्यों नहीं निकलवाना चाहा।
पहला कथन तो समुद्र जैसे जड़ पात्र के द्वारा तुलसी ने कहलवाया है–“इन्ह कइ नाथ सहज जड़ करनी।” वह भी ऐसे जड़ के जो गहरी आत्म-ग्लानि में ग्रस्त है।
पर ‘कोटि बिप्र बध’ वाला उद्गार साक्षात ‘प्रभु’ के मुखारविंद से कहते हुए बतलाया है।
संवेदना का यह कौन सा ध्रुवांत है जिसके तहत एक का ‘ताड़न’ भी सहन योग्य नहीं दूसरे का ‘वध’ भी आपत्ति के लायक नहीं लगता।
संवेदना की यह कौन-सी सरहद है जहां ‘एक’ और ‘कोटि’ का भी फर्क समाप्त हो जाता है।
कोटि बिप्र बध तो एक तरह का जेनोसाइड हुआ!
यदि वह एक कोटि( श्रेणी) है तो यह कोटि भी कोटि है। संख्या नहीं, वर्ग। संवेदना के ये कौन से कोष्ठक हैं? करुणा के ये कौन से कारागार हैं?
क्या इनकी पूर्ति यह कहकर हो सकती है कि अन्यत्र ‘द्विज-पद-प्रेम’ की बात कहकर इसका परिहार किया है? तो यह परिहार गुह निषाद केवट शबरी आदि से क्यों नहीं संभव हुआ?
क्या तुलसी को यह आशंका रामचरितमानस समय लिखते समय बहुत पहले से नहीं थी?कि ‘पैहहिं सुख सुनि सुजन सब खल करिहहिं उपहास’- इस रचना को सुनकर सज्जन सभी सुख पावेंगे और दुष्ट सब हंसी उड़ावेंगे।
संवेदना का स्वस्तिक एक गतिमय स्वस्तिक है। उसकी गति चक्रानुगमन करती है और वही विष्णु का सुदर्शन चक्र हो जाता है।
यदि ईश्वर की करुणा जातिभेद करती होती तो ईश्वर भी करुणा का कोटा निर्धारित कर रहा होता। ‘कोटि’ से कोटे तक पहुंचने में वक्त कितना लगता है।
लेकिन तुलसी वर्ग-भेद का लक्ष्य लेकर नहीं चल रहे। उनके रामराज में जो बात सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य है, वह है ‘सब’ शब्द का उपयोग। ‘सब नर करहिं परस्पर प्रीती।’ ‘सब सुन्दर सब बिरुज सरीरा।’ सब निर्दंभ धर्मरत पुनी/नर अरु नारि चतुर सब गुनी’ / सब गुनग्य पंडित सब ग्यानी/सब कृतग्य नहिं कपट सयानी।’ यदि तुलसी की निष्पत्ति किसी पूंजीवादी, किसी वर्ग-वैषम्यवादी, किसी सर्वहारा की तानाशाही वाले समाज की होती तो वे ‘सब’ की यह रट नहीं लगा रहे होते। वे ‘सब उदार सब पर उपकारी’ भी नहीं कह रहे होते।
विप्रों ने इस करोड़ों विप्रों के वध वाली पंक्ति पर आक्षेप नहीं किया तो इसलिए कि उन्हें किसी महाकाव्य को कैसे पढ़ा जाता है, इसका पता था और है।
जिन्हें यह कला नहीं मालूम और पढ़ाई लिखाई की गहराई से जिनका दूर दूर तक वास्ता नहीं, उनकी ही व्यभिचारिणी बुद्धि के तमाशे चलते रहे हैं।
कुछ लोगों ने इस पंक्ति की व्याख्या यों की है कि वह व्याख्या नहीं, सफ़ाई अधिक लगती है। ज़रूरत टीका की है लेकिन दिए स्पष्टीकरण जा रहे हैं। मसलन एक बंधु यह कहते हैं कि तुलसी के समय हिंदी में अंग्रेज़ी का हाइफन नहीं होता था।
इस कारण तुलसी के जिन शब्दों को 5 वर्ग समझा जाता है- ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी वे वस्तुतः तीन वर्ग हैं : एक ढोल, दूसरा गंवार-शूद्र और तीसरा पशु-नारी ये तीनों प्रताड़ना, दंड, पिटाई के योग्य हैं। हर शूद्र पिटाई के लायक नहीं है। पहले एक विशेषण उसे क्वालिफाई करता है हर नारी भी पिटाई के लायक नहीं है। पहले एक विशेषण उसे भी क्वालिफाई करता है। गंवार-शूद्र और पशु-नारी पृथक- पृथक संज्ञाएं नहीं हैं। उनके बीच विशेषण- विशेष्य संबंध है।
यह व्याख्या इन पंक्तियों की कर्कशता को कम करने की और उन्हें सहय बनाने की कोशिश है। एक तरह की नैरोकास्टिंग। लेकिन यह उचित नहीं है, औचित्यीकृत है।
एक पल को इसे मान भी लिया जाए कि बात गंवार-शूद्र के बारे में कही जा रही है तो उससे समाधान जितना नहीं होता, सवाल उतने ज्यादा उठते हैं। प्रतिप्रश्न ये है कि यदि गंवार शूद्र ताड़ना के काबिल हैं तो गंवार ब्राह्मण क्यों नहीं? मनु तो अपमान को ब्राह्मण का पथ्य कहते थे। स्मृतियों में तो यहाँ तक कहा गया कि अर्चित और पूजित ब्राह्मण दुही जाती हुई गाय के समान खिन्न हो जाता है। गंवार ब्राह्मण को तो शास्त्रों में पंक्तिदूषक ब्राह्मण या अपांक्तेय ब्राह्मण के रूप में वर्णित किया गया है। वेदव्यास ने महाभारत के वनपर्व में ‘चतुर्वेदोऽपि दुर्वृत्तः स शूद्रादतिरिच्यते’ क्यों कहा था? देवी भागवत में ‘यस्त्वाचार विहीनोऽत्र वर्तते द्विजसत्तमः’ को बहिष्कार योग्य क्यों कहा गया? गंवार-शूद्र ही क्यों, गंवार वैश्य और गंवार- क्षत्रिय को भी ताड़ना मिलनी चाहिए। बात तो आचरण की है।
वाल्मीकि ने यही तो कहा था : ‘कुलीनमकुलीन वा वीरं पुरुषमानिनम् / चारित्र्यमेव व्याख्याति शुचि वा यदि वाशुचिम‘– मनुष्य का चरित्र ही यह बतलाता है कि वह कुलीन है या अकुलीन, वीर है या कायर, अथवा पवित्र है या अपवित्र तो गंवार शूद्र को किसी विशेष ताड़ना का हिस्सा बनाना कवि तुलसीदास का अभिप्रेत नहीं हो सकता था।
यही बात पशु-नारी के संदर्भ में है। क्या तुलसी उत्तरपूर्वी कंबोडिया के जंगलों में अभी जनवरी 2007 में पाई गई उस स्त्री के बारे में बात कर रहे थे जो 6 साल की उम्र में जंगलों में खो गई, 19 साल जंगलों में जानवरों के बीच रही और जब पुलिस ने उसे बरामद किया तो वह पूर्णतः जानवरों जैसी हरकतें कर रही थी ? क्या वे ‘वाइल्ड वोल्फ वूमन’ (जंगली भेड़िया – स्त्रियों) के बारे में प्रतिक्रिया दे रहे थे ? क्या तुलसी अरस्तू की तरह स्त्री को ‘आत्म विहीन’ प्राणी मान रहे थे ? क्या नारी की ‘एनीमलिटी’ पुरुष के पशुत्व से विशेष बदतर है ? तुलसी पशु-पुरुष को प्रताड़ना योग्य क्यों नहीं मानते ? क्या तुलसी ‘पशु-नारी’ के रूप में किन्हीं ‘गुरिल्ला नारियों’ को ताड़ना योग्य बता रहे थे?
स्त्रीवादी लेखिका एलिजाबेथ स्पेलमेन ने ‘सोमाटोफोबिया’ नामक एक मानसिक व्याधि की चर्चा की है जिसमें स्त्री को पशु से समीकृत किया जाता है। क्या तुलसी इस सोमाटोफोबिया के शिकार थे? क्या ‘पशु- नारी’ शब्द अपने आप में ही पशु और मनुष्य के बीच में किसी द्वैत के होने का परिचायक नहीं है? शैव दर्शन में पशुपति की संकल्पना ‘पशु’ की व्याख्या किस तरह से करती है ? क्या अंग्रेजी में स्त्रियों को ‘कैटी’ (Catty ), श्रू (Shrew), काउ (cow), बिच (bitch), डम बन्नी (Dumb bunny), ओल्ड क्रौ (old crow), विक्सन (vixen) कहने वाले अभिधान इसी ‘ पशु-नारी’ के बारे में हैं? जोरू के गुलाम के लिए अंग्रेजी में जो ‘हेन्पेक्ड’ शब्द चलता है वह स्त्री को ‘मुर्गी’ मानता है। ये तो नकारात्मक अर्थों वाले शब्द हैं लेकिन ‘फॉक्सी’ जैसे स्त्री-विश्लेषण भी स्त्री की पशु-पहचान को ही उभारते हैं।
तो तुलसीदास किसी सैक्सुअल हैरासमेंट के समर्थक थे? क्या तुलसीदास भारत में पशु और मनुष्य के बीच सांस्कृतिक रिश्तेदारी से अनभिज्ञ थे? पशु नारी हमेशा ही नकारात्मक हो, यह भी कैसे मान लिया जाए? मेरी वेब का उपन्यास ‘गोन टू अर्थ’ (1917) पढ़िए जिसमें उसने हेज़ेल नामक एक ऐसे स्त्री पात्र की रचना की है जिसमें जंगली निर्दोषिता और ऊर्जस्विता है, जो अपने आसपास के सामाजिक विश्व को जैसे ‘बिलांग’ ही नहीं करती, क्या वह ‘पशु-नारी’ ताड़ना योग्य लगती है ? हेज़ेल पशुओं की मूक वेदना को समझती है और एक छोटी लोमड़ी को बचाने की कोशिश में प्राण भी दे देती है। क्या तुलसी जैसा संवेदनशील कवि ऐसी प्रकृत सहज नारी की प्रताड़ना के बारे में कभी सोच भी सकेगा? जब ‘बैटमैन’, स्पाइडर मैन, एनीमल मैन आदि के रूप में आधुनिक कॉमिक हीरो लोकप्रिय हो रहे हैं तो पशु-नारी में ऐसी क्या कमी है कि आधुनिक व्याख्याकार उसे प्रताड़नीय समझ रहे हैं ?
क्रमशः….
(सहयोग : अश्विनी कुमार तिवारी)
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/02/td.jpg469840Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-02-08 11:28:502023-02-08 11:29:36तुलसीदासजी ने क्यों लिखा, ढोल गंवार शूद्र पशु नारी
श्री सनातन धर्म मंदिर सेक्टर 22बी चंडीगढ़ 34 वां वार्षिक उत्सव श्री राम कथा संगीतमय कथा व्यास- परम श्रद्धेय परम भागवत श्री गोविंद कृष्ण जी शास्त्री बनारस काशी (उत्तर प्रदेश)
श्री सनातन धर्म मंदिर सैक्टर 22बी चंडीगढ़ में जो संगीतमय श्री राम कथा चल रही है आज तिथि 3 फरवरी 2023 दिनांक शुक्रवार को परम श्रद्धेय कथा व्यास श्री गोविंद कृष्ण शास्त्री जी ने कथा का वर्णन करते हुए भगवान श्री रामचंद्र जी के वन गमन का प्रसंग सुनाया और कहा कि श्री राम जी ने मर्यादा के पालन हेतु राज्य का भी त्याग कर दिया। पिता के बचनों को एवं अपने कुल की रीती को बनाए रखने के लिए श्री राम जी ने वन गमन किया। आज के समय में यह एक समाज के लिए उच्च आदर्श है कि हमें अपने माता-पिता बड़े बुजुर्गों का सम्मान कैसे करना चाहिए। वन में जाकर श्री राम जी केवट, जटायु,शबरी, सुग्रीव, एवं हनुमान से मिले । यहां भगवान ने यह आदर्श स्थापित किया कि संसार में सब जीव बराबर है सबके साथ प्रेम एवं मानवता का व्यवहार ही सर्वोपरि है। जाती -पाती कुल धर्म उन सब से ऊपर उठकर के हमें केवल मानव धर्म का ही एवं भाईचारे का पालन करना चाहिए। यही प्रभु श्री राम जी के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
सभा की ओर से महामंत्री ने बतलाया कि सभी भक्तजनों को करबद्ध आग्रह किया जाता है कि कल 4 फरवरी 2023 शनिवार को कथा नियमानुसार दोपहर 3:00 से 5:30 बजे होगी पर 5 फरवरी 2023 रविवार माघ-पूर्णिमा को कथा का समय दिन में 10:30 बजे से 1:30 बजे तक ही होगा और उसके बाद प्रभु श्री राम जी की असीम कृपा से सभा की ओर से भक्तजनों के लिए अटूट भंडारा के व्यवस्था है। सभी प्रभु प्रेमी अब दो दिन की शेष अमृतमयी दिव्य कथा का आनंद लूटे और प्रभु प्रसाद ग्रहण कर अनुग्रहित करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/02/IMG-20230203-WA0082.jpg9601280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-02-03 13:47:192023-02-03 13:48:49पिता के वचनों एवं कुल की रीति बनाए रखने के लिए भगवान राम जी ने किया वन गमन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि भारत में 600 से अधिक जनजातियां कहती थीं कि हम अलग हैं और भारत विरोधी ताकतों ने उन्हें उकसाने का काम किया था। इस पर गोलवलकर गुरुजी ने कहा कि वह हिंदू हैं। ऐसे में हम अगर वसुधैव कुटुंबकम की दिशा में अगर काम कर रहे हैं तो उनके लिए दरवाजे बंद नहीं कर सकते। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि यहां तक कि जिन लोगों ने मजबूरी में गोमांस खाया है, हम उन्हें इस वजह से छोड़ नहीं सकते। हम उनके लिए दरवाजे बंद नहीं करा सकते। यहां तक कि उनकी हम अभी भी घर वापसी करा सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निंबाराम और सह-कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले
राजस्थान के जयपुर में इन दिनों संघ का कार्यक्रम चल रहा है, इसमें शिरकत करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले भी पहुंचे हुए हैं। यहां उन्होंने कहा कि भारत में गौ-मांस खाने वालों की भी घर वापसी हो सकती है, क्योंकि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति जन्म से हिंदू है।
होसबोले ने कहा कि संघ न तो दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी है, बल्कि वह राष्ट्रवादी है। उन्होंने कहा कि लोग अपने मत एवं संप्रदाय का पालन करते हुए संघ के कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘संघ कठोर नहीं है, बल्कि लचीला है।” उन्होंने कहा कि संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए। उन्होंने अगली पीढ़ी के कल्याण के लिए पर्यावरण की रक्षा करने पर बल दिया। होसबाले ने कहा कि देश में लोकतंत्र की स्थापना में आरएसएस की अहम भूमिका रही है।
उन्होंने कहा, ‘भारत में 600 से अधिक जनजातियां कहती थीं कि हम अलग हैं। हम हिंदू नहीं हैं। भारत विरोधी ताकतों ने उन्हें उकसाने का काम किया था। इस पर गोलवलकर जी ने कहा कि वे हिंदू हैं। उनके लिए दरवाजे बंद नहीं हैं, क्योंकि हम वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा पर काम करते हैं। किसी ने मजबूरी में गौ मांस ही क्यों न खाया हो, किसी कारण से वे चले गए तो दरवाजा बंद नहीं कर सकते हैं। आज भी उसकी घर वापसी हो सकती है।’
होसबोले ने कहा, ‘भारत हिंदू राष्ट्र है, क्योंकि इस देश को बनाने वाले हिंदू हैं। कुछ लोग कहते हैं कि वेद पुराण में हिंदू नहीं हैं, लेकिन वेद पुराण में ऐसा भी नहीं कि इन्हें स्वीकार नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि सत्य और उपयोगी बातों को स्वीकार करना चाहिए। डॉ. हेडगेवार इस व्याख्या में नहीं पड़े कि हिंदू कौन हैं। भारत भूमि को पितृ भूमि मानने वाले हिंदू हैं, जिनके पूर्वज हिंदू हैं, वे लोग हिंदू हैं। जो स्वयं को हिंदू माने, वो हिंदू है। जिन्हें हम हिंदू कहते हैं, वो हिंदू हैं।’
होसबोले के स्पीच की बड़ी बातें, कहा- संघ सभी मतों और संप्रदाय को एक मानता है
संघ न तो दक्षिणपंथी है, और न ही वामपंथी: संघ न तो दक्षिणपंथी है, और न ही वामपंथी है। बल्कि राष्ट्रवादी है। संघ भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है। ऐसे में सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरु बनकर दुनिया का नेतृत्व करेगा। संघ ने हर दर्द को सहा और कहा, एन्जॉय द पेन।
राष्ट्र जीवन के केंद्र बिंदु पर संघ है: आज राष्ट्र जीवन के केंद्र बिंदु पर संघ है। संघ व्यक्ति निर्माण और समाज निर्माण के कार्य करता रहेगा। समाज के लोगों को जोड़कर समाज के लिए काम करेगा। आज संघ के एक लाख सेवा कार्य चलते हैं। संघ एक जीवन पद्धति और कार्य पद्धति है। संघ एक जीवन शैली है और संघ आज एक आंदोलन बन गया है। हिंदुत्व के सतत विकास के आविष्कार का नाम RSS है।
संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए:संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं, दिल चाहिए। केवल दिमाग से काम नहीं चलेगा, क्योंकि दिल और दिमाग बनाना ही संघ का काम है। यही वजह है कि आज संघ का प्रभाव भारत के राष्ट्रीय जीवन में है। देश में लोकतंत्र की स्थापना में RSS की भूमिका रही। ये बात विदेशी पत्रकारों ने लिखी थी।’
संघ छपता है तो अखबार बिकता:तमिलनाडु में मतांतरण के विरुद्ध हिंदू जागरण का शंखनाद हुआ था। जब पत्रकार संघ के कहने से खबर तक नहीं छापते थे, लेकिन आज संघ छपता है तो अखबार बिकता है। देश में संघ के सैकड़ों लोगों की हत्याएं हुईं, पर कार्यकर्ता डरे नहीं हैं। संघ सिर्फ राष्ट्र हित में काम करने वाला है और हम नेशनलिस्ट हैं।
इस कार्यक्रम में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. महेश चन्द्र शर्मा, अशोक परनामी और प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/02/v-1024x628-1.jpg6281024Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-02-02 14:17:492023-02-02 14:49:19“मजबूरी में गौ-मांस खाने वालों की भी हो सकती है घर वापसी”, होसबोले बोले- विश्व गुरु बनकर भारत करेगा दुनिया का नेतृत्व
उत्तर प्रदेश में कंपनी की 5 डीलरशिप, वित्त वर्ष 24-25 तक 100 डीलरशिप खोलने की योजना
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, नोएडा – 27 जनवरी :
एंग्लियन ओमेगा ग्रुप की कंपनी, ओमेगा सेकी मोबिलिटी ने आज नोएडा में अपनी पहली अत्याधुनिक डीलरशिप का उद्घाटन किया। नोएडा में कदम बढ़ाते हुए कंपनी ने नई डीलरशिप आरएन मोबिलिटी का काम-काज शुरू किया, जो एच 125ए, एच ब्लॉक, सेक्टर 63, नोएडा में है। वर्तमान में ओमेगा सेकी मोबिलिटी की उत्तर प्रदेश में 5 डीलरशिप हैं और वित्त वर्ष 24-25 तक 100 डीलरशिप खोलने की योजना है। आरएन मोबिलिटी के निदेशक श्री मनोज गर्ग, श्री दिवेश जिंदल और श्री संजीव जिंदल इस मौके पर मौजूद थे।
नई डीलरशिप ओएसएम के ग्राहकों को अभूतपूर्व अनुभव देगी। यह एक ही जगह बिक्री और सभी ग्राहक सेवाएं प्रदान करेगी। यह नेक्स्ट-जेन डीलरशिप कंपनी का रिटेल नेटवर्क बढ़ाते हुए ओएसएम को नई ऊंचाई देगी। नोएडा डीलरशिप में कंपनी अपने सात इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों का पूरा पोर्टफोलियो पेश करेगी, जिसमें शामिल हैं – रेज$, रेज$ रैपिड, रेज$ रैपिड प्रो, रेज$ फ्रॉस्ट, रेज$ स्वैप, और रेज$ गारबेज टिपर तथा पैसेंजर वाहन स्ट्रीम।
ओमेगा सेकी प्राइवेट लिमिटेड का परिचय
ओमेगा सेकी प्राइवेट लिमिटेड एंग्लियन ओमेगा व्यवसाय समूह की सदस्य है, जो मुख्य रूप से भारत और विदेशों में भी ऑटोमोटिव और इंजीनियरिंग उद्योगों के लिए स्टील पार्ट्स का निर्माण करता है। इस समूह ने पिछले पांच वर्षों में मोटर वाहन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और उच्च प्रौद्योगिकी डिजाइन एवं विकास की कई परियोजनाओं के साथ भारी निवेश करते हुए तेजी से विस्तार किया है। इलेक्ट्रिक वाहन का कारोबार समूह की कम्पनी ओमेगा सेकी प्राइवेट लिमिटेड संभालती है। कम्पनी ने खुद के शोध-विकास केंद्र में अपने तिपहिया वाहनों का स्वदेशी डिजाइन विकसित किया है। ओमेगा सेकी के रेज$ ब्रांड वाहन भारत की कई प्रमुख ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स कम्पनियां इस्तेमाल करती हैं।
डीलरशिप के उद्घाटन पर ओमेगा सेकी मोबिलिटी के चेयरमैन, श्री उदय नारंग ने कहा, ”नोएडा में हमारी सबसे बड़ी डीलरशिप्स में से एक के उद्घाटन पर हम बहुत प्रसन्न हैं। शोरूम आधुनिक है। इसके प्रत्येक एलिमेंट में ब्रांड ओएसएम की विशेषताएं दिखती हैं और यह निरंतर प्रगतिशील होने का अभूतपूर्व अनुभव देगा। नोएडा में ओएसएम की नई डीलरशिप में कदम रखने के साथ ग्राहकों को हर दृष्टि से खुशी देने की हमारी इच्छा है। हम ग्राहकों को बिक्री बाद हर संभव सहायता देने पर पूरा ध्यान देते हैं और इस तरह उत्तर प्रदेश के बाजार में पहुंच बढ़ा रहे हैं।”
आरएन मोबिलिटी के डायरेक्टर श्री मनोज गर्ग, श्री दिवेश जिंदल और श्री संजीव जिंदल ने कहा, ”ओमेगा सेकी मोबिलिटी से पार्टनरशिप करने और नोएडा में ओएसएम वाहनों की बड़ी रेंज़ पेश करने पर हमें गर्व है। उत्तर प्रदेश के बाजार में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर कमर्शियल और पैसेंजर दोनों सेगमेंट तेजी से बढ़ रहे हैं। मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहन के आकर्षक लाभ के प्रति बढ़ती जागरूकता के चलते इस सेगमेंट में बढ़ोतरी हुई है और ओएसएम वाहनों की हमारी नई डीलरशिप शहर में ईवी की बढ़ती मांग को पूरा करेगी और ईवी वाहन को लेकर उत्साहित लोगों को यह वाहन स्वामी होने का शानदार अनुभव देगी।”
ओमेगा सेकी मोबिलिटी भारत में अपनी प्रोडक्ट रेंज़ और उत्पादन केंद्रों का तेजी से विस्तार कर रही है। कंपनी पहला ओईएम है जिसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में दो, तीन और चार पहिया वाहन मौजूद हैं। दिल्ली एनसीआर और पुणे में ओएसम के बड़े उत्पादन केंद्र हैं और अब चेन्नई में विस्तार का लक्ष्य है। कंपनी अपने ब्रांड ऊनोएक्सप्रेस के तहत लास्ट माइल सेवा देती है। ओएसएम अपने 1200 से अधिक वाहनों के साथ भारत की सबसे बड़ी फ्लीट परिचालन कंपनियों में एक है।
ओमेगा सेकी मोबिलिटी ऑटोमोबाइल और सोसाइटी को आपस में जोड़ कर रखने का दृष्टिकोण अपनाते हुए, परिवहन का एक टिकाऊ साधन देने में विश्वास रखती है। यह ब्रांड मुख्य रूप से पर्यावरण अनुकूल, सुरक्षित परिवहन का स्वच्छ इकोसिस्टम और भीड़ मुक्त परिवहन व्यवस्था बनाने पर ध्यान देता है। ओएसएम भारत के अग्रणी स्वच्छ ऊर्जा इन्क्यूबेटरों में से एक है और टिकाऊपन के मानक पर भारतीय सफलता की मिसाल है। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण कंपनी का लक्ष्य तीव्र भावी परिवहन व्यवस्था बनाने के लिए डेटा आधारित, स्मार्ट इंजीनियरिंग का लाभ लेना है। इस प्रयास के केंद्र में स्वच्छ ऊर्जा होगी।
एंग्लियन ओमेगा समूह की वित्तीय सहायक कंपनी को एंग्लियन फिनवेस्ट नाम दिया गया है। यह ओएसएम वाहनों पर ऋण की आकर्षक स्कीम देगी। अन्य प्रमुख फाइनेंस कंपनी के साथ भी ओएसएम का करार है। रेंटल या फाइनेंस ऑफर के लिए ग्राहक नोएडा के डीलर से संपर्क कर सकते हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/01/IMG_20230127_114452-scaled.jpg14412560Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-01-28 12:52:342023-01-28 12:53:01उप्र के नोएडा में ओमेगा सेकी मोबिलिटी की नई अत्याधुनिक डीलरशिप शुरू
पत्रकारों से बात करते हुए जगदानंद सिंह ने एक बार फिर से चंद्रशेखर के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सभी समाजवादी आपके साथ हैं। उन्होंने राममनोहर लोहिया के हवाले से कहा कि रामचरितमानस में हीरा-मोती भी है और कूड़ा-कचरा भी है, इसलिए हम कूड़ा साफ करेंगे और हीरा-मोती को रखेंगे। इसके पहले उन्होंने चंद्रशेखर के विवादित बयान का समर्थन करते हुए कहा था कि पूरी राजद उनके साथ खड़ी है। जगदानंद सिंह ने कहा था कि ‘राष्ट्रीय जनता दल’ कमंडल के आगे कभी मंडल को हारने नहीं देगा। लेकिन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने साफ कहा है कि जदयू के लिए सभी धर्म एक समान है और वह राजद के राम या रामचरितमानस पर दिए बयान के साथ नहीं है। जदयू के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राजद के इस स्टैंड का फायदा भाजपा को मिलेगा।
रामचरितमानस पर राजद में दो फाड़, प्रदेश अध्यक्ष ने फिर किया अपमान
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर राजद में भी एकमत नहीं
जगदानंद सिंह ने किया समर्थन तो शिवानंद तिवारी विरोध में खड़े हुए
जदयू और राजद के बीच भी रामचरितानस विवाद पर अलग-अलग सुर
डेमोक्रेटिक फ्रंट, पटना ब्यूरो – 14 जनवरी :
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए ‘ज्ञान’ ने देश में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। चंद्रशेखर के विवादित बयान से लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल बुरी तरह फंस गई है। विरोधी दलों के अलावा बिहार की सत्ता में सहयोगी पार्टी जनता दल युनाइटेड भी चंद्रशेखर के बयान की निंदा कर रही है। इतना ही नहीं, अब राजद के अंदर भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को लेकर दो फाड़ हो गई है। कुछ नेता चंद्रशेखर के साथ खड़े हो गए हैं तो कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में अब राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी चंद्रशेखर के बयान पर आपत्ति जताई है।
रिपब्लिक भारत से खास बातचीत में राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि ‘चंद्रशेखर ने जो कुछ कहा है, उससे हम सहमति नहीं रखते हैं। हमने उन्होंने कहा भी कि आपको वहां रामचरितमानस पर बोलने की क्या जरूरत थी। आप जिस वैचारिक धरातल तक खड़े हैं, उससे आप अलग होना चाह रहे हैं। राजद हो या जदयू हो, इन दोनों की एक ही वैचारिक धारा है।’
इसी बीच चंद्रशेखर को जगदानंद सिंह के समर्थन पर भी शिवानंद तिवारी ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं जगदानंद सिंह के बयान से असहमत हूं कि पार्टी चंद्रशेखर के बयान के साथ खड़ी है। प्रदेश अध्यक्ष ऐसा फैसला कैसे ले सकते हैं। मैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं। मैं इस पर तेजस्वी यादव से बात करूंगा कि चंद्रशेखर द्वारा दिया गया बयान पार्टी के हित में नहीं है। मैं उस बैठक का हिस्सा नहीं था, जिसमें रामचरित मानस पर चंद्रशेखर के बयान का समर्थन करने का फैसला लिया गया था।’ शिवानंद तिवारी ने आगे कहा,
“जगदानंद सिंह ने शायद यह बयान इसलिए दिया है क्योंकि वह अपने बेटे को नीतीश कैबिनेट से बाहर किए जाने से नाराज हैं।”, शिवानंद तिवारी
उल्लेखनीय है कि बीते दिन बिहार आरजेडी के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने चंद्रशेखर के विवादित बयान का समर्थन करते हुए कहा था कि पूरी राजद उनके साथ खड़ी है। जगदानंद सिंह ने कहा था कि ‘राष्ट्रीय जनता दल कमंडल के आगे कभी मंडल को हारने नहीं देगा, जो हमारी सामजिक न्याय और समाजवाद की धारा है, जो डॉ. राममनोहर लोहिया से सीख हमको मिली है, उसके लिए कर्पूरी ठाकुर मृत्यु तक लड़ते रहे।’ उन्होंने आगे कहा था,
जो राह समाजवादियों ने हमें बताई है उस पर आज भी चलने का ये (चंद्रशेखर) काम कर रहे हैं। मैं इस विषय पर ज्यादा नहीं कहना चाहता पर एक बात जरूर कहूंगा कि चंद्रशेखर आप आश्वस्त रहिए, पूरी राष्ट्रीय जनता दल आपके साथ और कमंडलवादियों के खिलाफ आपके साथ खड़ी है।
दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हाल ही में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था। चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को ‘नफरती ग्रंथ’ बताया था। इसके बाद रिपब्लिक भारत से खास बातचीत में भी शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने अपने बयान को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘उस ग्रंथ में नफरत का अंश है। मैं सीधी बात कहता हूं कि रामचरितमानस हो या मनुस्मृति हो इसमे जातियों के लेकर जो विषमता दिखाई गई है उसे हटाना चाहिए।’
इस मामले के तूल पकड़ने के बावजूद चंद्रशेखर गलती मानने की बजाय अपने बयान पर आज भी कायम हैं। ऐसे में उनको विपक्ष की आलोचना के साथ अपने सहयोगी दलों, यहां तक की अपनी ही पार्टी के नेताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है। चंद्रशेखर के विवादित बयान से महागठबंधन सरकार में साथी कांग्रेस और जेडीयू किनारा कर गए हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/01/n4n6024e1be-ab13-48bd-98dc-7b29cf36cc4d.jpg465827Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-01-14 17:59:482023-01-14 18:00:31रामचरितमानस विवाद पर बदली-बदली दिख रही बिहार की राजनीति
पहले पुजारियों पर उगला जहर, अब RSS को बता दिया 21वीं सदी का कौरव
राहुल गांधी ने कहा कि भारत ‘तपस्वियों’ का देश है न कि ‘पुजारियों’ का। युवा तीर्थ पुरोहित महासभा के उज्ज्वल पंडित ने आरोप लगाया कि गांधी ने भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपराओं का अपमान किया है जिसमें पुजारियों ने केंद्रीय भूमिका निभाई है। उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया है कि यह स्पष्ट है कि कांग्रेस नेता दिखावे के लिए ‘जनेऊ’ पहनते हैं और अपने सिर पर तिलक लगाते हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) लोगों को उनकी पूजा करने के लिए मजबूर करते हैं।
राहुल गांधी के इस बयान से भड़का संत समाज
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 09 जनवरी :
हरियाणा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा आज करनाल के बाद अब कुरुक्षेत्र के पुराना बस स्टैंड पर समाप्त हो चुकी है। कुरुक्षेत्र में राहुल गांधी के करीब जाने को लेकर कांग्रेसी वर्करों और पुलिस के बीच हलकी झड़प हुई। पुलिस ने धक्का देकर कांग्रेसी समर्थकों को वहां से दूर खदेड़ा। वहीं पानीपत में पुलिस कर्मी ने भारत जोड़ो यात्रा की गाड़ी तोड़ दी। वहां यात्रा की पिकअप गाड़ी पर VVIP पास लगा हुआ था। जिसकी वजह से जाम लगा हुआ था।
इससे पहले राहुल गांधी ने बहु समाना में प्रेस कान्फ्रेंस की। यहां राहुल ने कहा कि कांग्रेस तपस्वियों का संगठन है। वहीं RSS और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबरन पूजा करवाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह देश तपस्वियों का है, पुजारियों का नहीं।
इससे पहले दोपहर में करनाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस तपस्या का संगठन है। भाजपा पूजा का संगठन है। पूजा 2 तरीके की होती है। नॉर्मली पूजा भगवान के पास जाकर होती है। RSS की पूजा अलग है।
वह चाहता है कि जबरन उनकी पूजा हो। मोदी जी चाहते हैं कि जबरन उनकी पूजा हो। देश में सब लोग उनकी पूजा करें। उसका रिस्पॉन्स तपस्या ही हो सकती है। कांग्रेस की तपस्या में कमी हो गई थी, यात्रा से उसे पूरा कर रहे हैं।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक बार फिर बोलते हुए राहुल गाँधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को कौरव बता दिया। उन्होंने कहा कि महाभारत काल में कौरव हुए थे। वही कौरव इन दिनों RSS के रूप में मौजूद है। उन्होंने कहा कि पांडवों ने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली थी।
स्वामी दीपांकर ने कहा कि राहुल गाँधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा को अपनी ‘मोहब्बत की दुकान’ के रूप में वर्णित किया था, लेकिन अब ‘नफरत’ की बातें कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस नेता को बोलने से पहले सोचना चाहिए। उन्होंने पूछा, “तो क्या पुजारियों को समुद्र में फेंक देना चाहिए?”
युवा तीर्थ पुरोहित महासभा के उज्ज्वल पंडित ने आरोप लगाया कि राहुल गाँधी ने भारत की उन परंपराओं का अपमान किया है, जिसमें पुजारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस नेता अपने शो के लिए सिर पर ‘जनेउ’ पहनते थे और तिलक लगाते थे। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी की टिप्पणी ब्राह्मणों के खिलाफ है।
कांग्रेस का हिंदू द्रोही चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ। हिंदू आस्था के केंद्र पुजारियों पर हमला बेहद निंदनीय व विनाश काले विपरीत बुद्धि जैसा..
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि राहुल गाँधी के बयान के कॉन्ग्रेस का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है और इसके लिए उन्हें जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 70 वर्षों में हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने, मुस्लिम तुष्टीकरण करने और ईसाई मिशनरियों को बढ़ावा देने और अब हिंदू राष्ट्र के मद्देनजर अवसरवादी बनने के लिए कॉन्ग्रेस जिम्मेदार है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/01/images-1.jpg183276Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-01-09 18:42:462023-01-09 18:48:43राहुल गाँधी का नया झूठ- संघ वाले नहीं बोलते ‘हर हर महादेव’
हीरो एलीट यूथ लीग में टेक्ट्रो स्वदेश यूनाइटेड ने दूसरे मैच को भी बड़े मार्जिन के साथ जीता और उत्तरप्रदेश के यंग हीरोज को उन्होंने 5-0 से मात दी। मैच के पहले ही मिनट में टेक्ट्रो ने बाजी मारी। निर्भय ने दाईं ओर से एक सुंदर क्रॉस भेजा और आशीष राणा ने उसे नेट में भेजते हुए टीम को 1-0 की लीड दिला दी। इसके बाद टीम टेक्ट्रो ड्राइविंग सीट पर थी और उन्होंने यंग हीरोज को वापसी करने का मौका नहीं दिया। पहले हाफ में टेक्ट्रो स्वदेश युनाइटेड की टीम 1-0 से आगे रही।
दूसरे हाफ में आते ही टेक्ट्रो स्वदेश यूनाइटेड ने दूसरा गोल भी कर दिया। यंग हीरोज को उन्होंने मौका नहीं दिया और 49वें मिनट में अनिमेष ने गोल करते हुए स्कोर 2-0 कर दिया। इसके बाद थांगमिनलुन एक्शन में आए और उन्होंने तीन गोल पांच मिनट में दागे। पहला गोल उन्होंने 61वें मिनट में किया और दूसरा गोल उन्हें 63वें मिनट में मिला। 66वें मिनट में यंग हीरोज को उन्होंने फिर सफलता दिलाई और हैट्रिक लगाकर स्कोर 5-0 कर दिया।
थांगमिनलुन की ओर से पहला गोल तब आया जब आशीष राणा ने तेज शॉट लगाया। ये शॉट गोल में नहीं गया और रिबाउंड पर थांगमिनलुन ने बॉल को गोल में टैप कर दिया। दूसरा गोल बाईं ओर से आया। विंगर ने आगे बढ़ते हुए बॉल पर क्रॉस लगाया और थांगमिनलुन ने डाइविंग हेडर के साथ दूसरा गोल किया। कुछ ही मिनट बाद उन्होंने हैट्रिक लगाई और निर्भय ने बाईं ओर से अंदर कट करते हुए बॉल थंगमिनलुन को दी। उन्होंने गलती नहीं की और टीम को 5-0 की बड़ी लीड दिला दी। इसी स्कोर के साथ टेक्ट्रो स्वदेश युनाइटेड ने उत्तर प्रदेश के यंग हीरोज को बड़ी जीत दिला दी।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2023/01/MM1.jpg8531280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2023-01-05 13:55:492023-01-05 13:56:21टेकट्रो स्वदेश युनाइटेड ने उत्तर प्रदेश के यंग हीराेज को 5 – 0 से दी शिकस्त
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