कांग्रेस को महाराष्ट्र में झटका, बसवराज पाटिल ने दिया इस्तीफा

पार्टी के पूर्व प्रदेश कार्याध्यक्ष और पूर्व मंत्री रहे बसवराज पाटिल लिंगायत समुदाय के नेता हैं और मराठवाड़ा में कांग्रेस के बड़े चेहरे रहे हैं. उनका इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है। ऐसा होने पर कांग्रेस मराठवाड़ा में और कमजोर हो जाएगी। फिलहाल उन्होंने अपने अगले कदम की चर्चा नहीं की है लेकिन ऐसी चर्चाएं हैं कि बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। 

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री व प्रदेश कार्याध्यक्ष बसवराज पाटिल
  • मराठवाड़ा के बड़े चेहरे हैं बसवराज पाटिल, BJP में शामिल हो सकते हैं : सूत्र
  • सपा खेमे की बैठक से 6 विधायक रहे गायब, हो न जाए खेला

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 26फरवरी     :

 लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन देश के प्रमुख दल कांग्रेस में भगदड़ मची है. उसके नेता एक- एक करके कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह रहे हैं।  उसे सोमवार को तब एक और झटका लगा, जब उसके महाराष्ट्र के बड़े नेता बसवराज पाटिल ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। 

इससे पहले, फरवरी मध्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (65) भी पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद भाजपा ने उन्हें महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया और 20 फरवरी को उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। 

लिंगायत समुदाय के नेता बसवराज पाटिल मूल रूप से उस्मानाबाद तालुक के उमरग्या के मुरूम के रहने वाले हैं।  राजनीतिक हलकों में बसवराज पाटिल को पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल चाकुरकर के बेटे के रूप में जाना जाता है। वह कांग्रेस के वफादार रहे हैं और औसा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने 2009 और 2014 में औसा से दो बार चुनावी जीती हासिल की थी। 

राज्यसभा के लिए कल होने वाली वोटिंग में सपा के साथ खेला हो सकता है।  सूत्रों के मुताबिक आज लखनऊ में हुई सपा की बैठक में 6 विधायक गैर-हाजिर रहे।  इनमें अमेठी विधायक महाराजी देवी, पल्लवी पटेल, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी और कौशाम्बी विधायक पूजा पाल नहीं पहुंचीं।  माना जा रहा है कि अगर इन विधायकों ने पाला बदला तो कल सपा को बड़ा नुकसान हो सकता है।  

विधायक के पहले ही कार्यकाल में कांग्रेस ने उन्हें राज्य मंत्री का पद दिया था। हालांकि, 2019 विधानसभा चुनाव में अभिमन्यु पवार से हार के बाद ऐसी चर्चा थी कि बसवराज पाटिल को कांग्रेस में कुछ हद तक दरकिनार कर दिया गया था।  ऐसे में अब कहा जा रहा है कि बसवराज पाटिल बीजेपी से बुलावे का इंतजार कर रहे हैं और बहुत संभव है कि वे मंगलवार को भाजपा में जाने की घोषणा भी कर दें। 

बसवराज पाटिल लंबे समय से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक रहे हैं। इसके लिए उन्होंने काफी पहले से ही प्रचार शुरू कर दिया है।  बताया जा रहा है कि बसवराज पाटिल धाराशिव लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि ऐसी संभावना है कि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के सीट बंटवारे में धाराशिव की सीट शरद पवार गुट के पास चली जाएगी। महागठबंधन में शिंदे गुट को यह सीट मिल सकती है। 

चण्डीगढ़ के कुल 8 विशिष्ठ लोगों को मिला श्री अयोध्या धाम से निमंत्रण

  • चण्डीगढ़ क्षेत्र से डॉ. संदीप संधू प्रभु श्री राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पूजा में शामिल होने के लिए अयोध्या धाम को हुईं रवाना
  • प्रभु राम से चण्डीगढ़ वासियों के कल्याण की कामना करुँगी : डॉ. संदीप संधू 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 20 जनवरी

आगामी 22 जनवरी को श्री अयोध्यापुरी में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा पूजा का भव्य आयोजन किया जा रहा है जिसमें सम्मिलित होने के लिए देश ही नहीं अपितु विदेशों से भी निमंत्रित व्यक्ति विशेष आ रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि न्यास के द्वारा देश तथा विदेश से कुछ चुनिंदा व्यक्तियों को ही प्राण प्रतिष्ठा पूजन हेतु विशिष्ट आमंत्रण भेजा गया है। चण्डीगढ़ क्षेत्र से यह विशिष्ट आमंत्रण कुल जमा आठ लोगों को ये निमंत्रण प्राप्त हुआ है जिनमें चण्डीगढ़  विकास समिति की अध्यक्ष डॉ. संदीप संधू भी शामिल हैं। 

इस विशिष्ट आमंत्रण का सम्मान करते हुए तथा प्राण प्रतिष्ठा पूजन के भव्य आयोजन में सम्मिलित होने के लिए डॉक्टर संधू ने आज अयोध्या के लिए प्रस्थान किया। डॉ. संधू ने रवाना होने से पूर्व बताया कि उनके लिए यह न केवल एक ऐतिहासिक एवं विशिष्ट अवसर है अपितु अत्यंत भावुक कर देने वाला क्षण भी है कि वे एक ऐसे दैवीय आयोजन की साक्षी बनने जा रही हैं जिसका साक्षी बनने का सपना न जाने कितनी पीढ़ियों ने संजोया था। 

डॉ. संधू ने यह भी कहा कि वे इस भव्य आयोजन में केवल एक व्यक्ति विशेष के रूप में नहीं अपितु समस्त चण्डीगढ़ राजधानी क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में भी सम्मिलित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि उनकी प्रभु श्री राम से केवल यही प्रार्थना रहेगी कि श्री राम अपनी असीम अनुकंपा उन पर बनाए रखें ताकि वे राजधानी क्षेत्र की निरंतर तथा निस्वार्थ सेवा में कार्यरत रहें और एक समृद्ध समाज के निर्माण में प्रतिभागी बनें।

हरिशंकर मिश्रा द्वारा 21 जनवरी को कारसेवक सम्मान समारोह का आयोजन

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता होंगे मुख्य अतिथि : सत्यपाल जैन, सतिंदर सिंह व विनीत जोशी को भी किया जाएगा सम्मानित

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 19 जनवरी

वर्ष 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को ध्वस्त करने पूरे देश भर से कारसेवक वहाँ पहुंचे थे। इस घटनाक्रम का इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। अब जबकि 22 जनवरी को श्री अयोध्या धाम में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इसी सिलसिले में चण्डीगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता हरिशंकर मिश्रा, जो स्वयं भी कारसेवा करने गए थे, द्वारा 21 जनवरी को कार सेवक सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। मलोया में आयोजित किये जाने वाले इस समारोह में वर्ष 1990 व 1992 में चण्डीगढ़, मोहाली व पंचकूला से श्री राम जन्मभूमि मंदिर की कार सेवा के लिए गए कार सेवकों को सम्मानित करने का आयोजन रखा गया है। इस उपलक्ष्य में उस दिन सर्वप्रथम दोपहर दो बजे सुंदरकांड का पाठ रखा गया है जिसमें सुप्रसिद्ध भजन गायक श्री हरीश शर्मा सुंदरकांड का पाठ करेंगे।

इस कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उल्लेखनीय कि ज्ञानचंद गुप्ता भी अयोध्या में कार सेवा के लिए गए थे। कारसेवक सम्मान समारोह के मुख्य आयोजक हरि शंकर मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए बहुत सारे लोग, जो चंडीगढ़ से बाहर दूसरे राज्यों में चले गए हैं, वह भी आ रहे हैं। सभी कार सेवकों को स्मृति के रूप में श्री राम मंदिर का मॉडल भी भेंट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वह इस सम्मान समारोह का आयोजन भगवान श्री राम की प्रेरणा से कर रहे हैं क्योंकि वह कारसेवक के रूप में अयोध्या जाने वालों में सम्मिलित थे और यह बड़ी ही प्रसन्नता का विषय है कि 500 सालों के बाद आज जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।

इस मौके पर सम्मानित किए जाने वालों में पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता सतिंदर  सिंह, स्वराज माजदा के पूर्व अधिकारी पी बी सुधाकरण, पंजाब भाजपा के मीडिया प्रमुख विनीत जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र पांडेय, गोविंद हरि, संदीप चुघ, अजय महाजन, ललित सेंगर, राम दरबार विश्वकर्मा मंदिर के प्रधान रामजीलाल सहित 100 से अधिक कारसेवकों को सम्मानित किया जाएगा।

22 जनवरी से पहले जिला के सभी मंदिर होंगे चकाचक : दीपक शर्मा

हर बूथ पर पांच दीवार लेखन का कार्य करें कार्यकर्ता: दीपक शर्मा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 16 जनवरी

भारतीय जनता पार्टी ज़िला पंचकूला की महत्वपूर्ण बैठक ज़िलाध्यक्ष  दीपक शर्मा की अध्यक्षता में ‘‘पंचकमल कार्यालय’’ में संपन्न हुई। बैठक में अयोध्या में होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले जिला के सभी देव स्थलों पर साफ-सफाई, व दीवार लेखन कार्यक्रम के अलावा आगामी कार्यक्रमों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस संगठनात्मक बैठक में जिला अध्यक्ष ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संगठन के महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। जिला अध्यक्ष श्री शर्मा ने जिला के सभी मंदिरों को साफ  और स्वच्छ करने का आग्रह किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से हर बूथ पर पांच दीवार लेखन कार्य की जिम्मेदारी भी तय की। बैठक में ज़िला महामंत्री परमजीत कौर, वरिन्द्र राणा के साथ सभी मंडल अध्यक्ष मौजूद रहे।

जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर स्वच्छ तीर्थ स्वच्छता अभियान की 14 जनवरी मकर संक्रांति के अवसर पर शुरूआत की गई है। हरियाणा में भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश प्रभारी बिप्लब कुमार देब व प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने हरियाणा में देव स्थलों पर साफ-सफाई अभियान का आगाज किया है। श्री शर्मा ने सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि समाज के साथ मिलकर जिले के सभी मंदिरों में स्वच्छ अभियान में बढ़चढ़ कर भाग लेते हुए साफ-सफाई में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएं। श्री शर्मा ने कहा कि पंचकूला से जो-जो कार्यकर्ता भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद 25 जनवरी से 25 मार्च तक अयोध्यान जाने के इच्छुक हैं उनकी लिस्ट तैयार की जाए। 

जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अब समय बहुत ही कम बचा है। लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं। उन्होंने कहा कि जनता जनार्दन और कार्यकर्ताओं के दम पर प्रचंड जीत के साथ एक बार फिर से मोदी-मनोहर सरकार बननी तय है। श्री शर्मा ने कहा कि सभी कार्यकर्ता बूथ स्तर पर मोदी और मनोहर सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों की जानकादी दें और पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने में सहायक की भूमिका निभाएं।  दीपक शर्मा ने कहा कि पीएम विश्व कर्मा योजना कामगारों के लिए महत्वपूर्ण योजना है। कार्यकर्ता युवाओं को इस योजना की ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें। प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम को बूथ पर स्तर सुनने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को एकत्रित करें। 

दीपक शर्मा ने कहा कि 15 जनवरी से जेपी नड्डा ने दिल्ली से दीवार लेखन कार्यक्रम की देश व्यापी शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता हर बूथ पर पांच दीवार लेखन कार्य की जिम्मेदारी तय करें। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता इस राष्ट्रव्यापी अभियान को सफल बनाने में अभी से जुट जाएं।

अयोध्या में राम लला के मंदिर पर अपना झंडा लहराने पहुंची कांग्रेस

काल्प्निक प्रभु श्री राम के बन रहे मंदिर पर अपने झंडे लहराने कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा अयोध्या पहुंचे थे। विवाद की वजह झंडा लहराने को बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेसी पार्टी का झंडा लहराते हुए मंदिर परिसर में दाखिल हुए थे। भक्तों ने झंडा न लहराने की अपील की तो इस दौरान विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।

अयोध्या जी (ब्युरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट, 15 जनवरी

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा(अयोध्या मुठभेड) कार्यक्रम को अब कुछ ही दिन का समय बचा है। इन तैयारियों के बीच रामनगरी अयोध्या में राजनीतीक पार्टियों के समर्थकों के बीच हुई झड़प की जानकारी सामने आई है। इस झड़प ने इस कदर विक्राल रुप ले लिया कि दोनों पक्षों के बीच छीनाझपटी की जानकारी सामने आई है।

रामनगरी अयोध्या में कांग्रेस के समर्थकों और राम मंदिर में आए भक्तों के बीच झड़प हो गई। बहस के दौरान हाथापाई होने की भी सूचना मिली है। राम मंदिर में कांग्रेस नेता अजय राय दर्शन करने आए थे। विवाद की वजह झंडा लहराने को बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेसी पार्टी का झंडा लहराते हुए मंदिर परिसर में दाखिल हुए थे। भक्तों ने झंडा न लहराने की अपील की तो इस दौरान विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।

बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय व कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा के अयोध्या पहुंचे थे। अयोध्या पहुंचने से पहले रानीमऊ चौराहे पर एआईसीसी सदस्य दयानन्द शुक्ला के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेसियों ने भव्य स्वागत किया। दयानन्द शुक्ला ने दोनों नेताओं को अंगवस्त्र व माला पहनाकर स्वागत किया। 

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देखकर उत्साहित अजय राय ने कहा कि सभी कार्यकर्ता पूरी मेहनत और ईमानदारी से अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। जनता इस बार कांग्रेस की सरकार लाने का मन बना चुकी है। 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा से जनता का मोहभंग हो चुका है। महंगाई बढ़ती जा रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। भाजपा मंदिर के नाम पर महंगाई और बेरोजगारी से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है, लेकिन जनता इस बार भाजपा के नेताओं के झांसे में आने वाली नहीं है।

पालघर पार्ट-2, ममता बनर्जी को भारी न पड़ जाए, पुरुलिया में तीन साधुओं से मारपीट

पुरुलिया में साधुओं को निर्वस्त्र कर पीटने वाले वीडियो पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि  बंगाल में हिंदू होना अपराध है। ममता बनर्जी के राज में शाहजहां जैसे आरोपियों को राज्य की तरफ से सुरक्षा दी जाती है और साधुओं की पीट-पीट कर हत्या की जा रही है। फिलहाल TMC और बंगाल कि पुलिस ने आरोपों पर मुखदर्शक बनी हुई है।

  • बंगाल में हिंदू होना गुनाह : BJP
  • पिटाई का आरोप ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं पर है
  • बंगाल में तुष्टीकरण का वातावरणः अनुराग ठाकुर
  • बंगाल में अराजकता चरम पर : शिवराज
  • कुछ दिन पहले हि ईडी कर्मचारियो पर भि बंगाल मैं हमला हुआ था

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 13जनवरी :

बंगाल में पालघर जैसी घटना सामने आने के बाद BJP ने ममता सरकार को घेरा है। गुरुवार शाम को यहां भारी भीड़ ने यूपी के 3 साधुओं को बच्चा चोर समझकर बेरहमी से पीटा है। इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों को हिरासत लिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा. “तुष्टीकरण की राजनीति करके ये वातावरण खड़ा कर दिया गया है। हिंदुओं को जश्न भी नहीं मानाने दिया जा रहा। अब हिंदू साधुओं को मारने पीटने और हत्या करने का प्रयास किया जा रहा है।और राज्य सरकार मुखदर्शक बनी हुई है।”

हर कोई उस पल का इंतजार कर रहा है, जब 22 जनवरी को भगवान रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। इस बीच, पश्चिम बंगाल से हिंदू भावनाओं पर चोट करने वाली खबर आई है। पश्चिम बंगाल में पुरुलिया में साधुओं को गाड़ी से खींचकर बुरी तरह पीटा गया है। उन्हें निर्वस्त्र करके लाठी-डंडों से मारा गया है। उसमें भी बड़ी बात ये है कि साधुओं की पिटाई का आरोप ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं पर है। बीजेपी नेता पश्चिम बंगाल में साधुओं की पिटाई को पालघर पार्ट-2 कह रहे हैं और ममता सरकार पर निशाना साध रहे हैंपिटाई का आरोप ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं पर है। ऐसे में अगर हिंदू एकजुट हो गए और ममता बनर्जी के खिलाफ अपना गुस्सा चुनाव में निकाल दिया तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने 30 सेकेंड के इस वीडियो को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठाए हैं। बंगाल बचाने का आह्वान करते हुए मालवीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध हो गया है।

उन्होंने लिखा, “पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पालघर की तरह की एक लिंचिंग में मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा। ममता बनर्जी के शासन में शाहजहाँ शेख जैसे आतंकवादी को सरकारी संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या की जा रही है।”

इस वीडियो को शेयर करते हुए भाजपा के प्रवक्ता शहजाद जयहिंद ने X पर लिखा है, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में पालघर पार्ट 2 का नजारा देखने को मिला। जिस प्रकार से साधु-संतों को पीटा गया, टीएमसी के गुंडों के द्वारा। जिस प्रकार उद्धव ठाकरे जी के राज में पालघर पार्ट 1 हुआ था, उस प्रकार ममता दीदी के राज में पालघर पार्ट 2 इसलिए हो रहा है कि वहाँ राजनीतिक हिंसा चरम पर पहुँच चुकी है?”

जयहिंद ने आगे कहा, “वहाँ कोई भी सुरक्षित नहीं है। चाहे वो ED के ऑफिसर हों, सेंट्रल एजेंसी के लोग हों, राष्ट्रवादी लोग हों या साधु-संत हों। क्या इतनी नफरत हो चुकी है जय श्रीराम कहने से? क्या इतनी नफरत हो चुकी है नफरत हो चुकी है हिंदू होने से? वहाँ शाहजहाँ जैसे गुंडे को तो पूरा संरक्षण मिल रहा है। यही हकीकत है आज के पश्चिम बंगाल की।”

रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुलिया में साधुओं के साथ हुई पिटाई का पुलिस ने स्वत: संज्ञान लिया है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। हालाँकि, साधु पक्ष की ओर से कोई एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई है। TV9 की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित साधुओं का कहना है कि उन्हें लगता है कि मार खाना उनके भाग्य में ही लिखा है।
बताते चलें कि 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में 72 साल के कल्पवृक्ष गिरि और 35 साल के सुशील गिरि नाम के दो साधुओं की लिचिंग कर दी गई थी। वे दोनों अपने गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई से सूरत जा रहे थे। इस दौरान पालघर में 200 लोगों की भीड़ ने उन्हें बच्चा चोरी करने का आरोप लगा रोका और दोनों साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।













लोकसभा चुनाव के लिए BJP का नया फॉर्मूला, मिलने लगे संकेत

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की ये तैयारी इसलिए भी ख़ास हो जाती है क्योंकि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होना है. इस दौरान पूरे प्रदेश का माहौल राममय करने की तैयारी है. ऐसे में बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार होगा। उसी वातावरण में पार्टी में अपने प्रत्याशियों के नामों का एलान करके चुनावी बिगुल फूंक देगी। जहां विपक्षी दलों के गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर ही स्थिति साफ नहीं हो पाई है। भाजपा पहले से ही अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है तो वहीं केंद्रीय नेतृत्व से इशारा मिलने के बाद जमीन स्तर पर भी काम तेज हो गया है। माना जा रहा है कि आचार संहिता लागू होने से पहले ही बीजेपी अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है। 

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 10 जनवरी :

लोकसभा चुनाव 2024 की आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले भाजपा के प्रत्याशियों की पहली सूची आ सकती है। प्रदेश भाजपा ने केंद्रीय नेतृत्व का इशारा मिलने के बाद जमीनी स्तर पर चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। बीते दिनों दिल्ली में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं को संकेत मिला है कि आचार संहिता लागू होने से पहले प्रत्याशियों की सूची घोषित की जाएगी। इसमें यूपी के प्रमुख जिलों में दिग्गज चेहरों के नाम भी घोषित किए जाएंगे। वहीं पिछड़े और दलित समीकरण साधने के लिए दोनों वर्गों के बड़े चेहरों के टिकट का भी एलान होगा।

पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने अपनी पहली ही सूची में पीएम मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह की सीटों का नाम का ऐलान किया था। बीजेपी की पहली सूची में उन 164 सीटों से ज्‍यादातर सीटों पर उम्मीदवारों का नाम भी होगा, जो सीटें बीजेपी आज तक कभी नहीं जीती या 2019 में जीत का मार्जिन बेहद कम रहा है। बीजेपी पिछले दो साल से ऐसी सीटों पर लगातार मेहनत कर रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 543 में से 436 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 303 सीटो पर जीत दर्ज की थीं और 133 सीटों पर चुनाव हार गई थी। साथ ही 31 अन्य सीटें हैं, जहां पार्टी कमजोर है इन 164 सीटों का क्लस्टर बनाकर केंद्रीय मंत्रियों और बड़े नेताओं को इनकी जिम्मेदारी दी गई जिनमें गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं।

2019 में बीजेपी का पंजाब में शिरोमणि अकाली दल, बिहार में जेडीयू, महाराष्ट्र में शिवसेना, तमिलनाडु में एआईएडीएमके और राजस्थान में हनुमान बैनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ तालमेल था। बीजेपी ने पंजाब की 13 में से तीन, महाराष्ट्र की 48 में से 25 और बिहार की 40 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं तमिलनाडु में एआईएडीएमके ने बीजेपी को पांच सीटें दी थीं। इस बार इन राज्यों में बीजेपी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

बसपा के मौजूदा दस सांसदों में से कुछ सांसद भाजपा में शामिल हो सकते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक उच्च स्तर पर बसपा के बड़े नेताओं और सांसदों को पार्टी में शामिल करने की बात चल रही है। उनकी उम्मीदवारी पर निर्णय होने के बाद उन्हें शामिल कराया जा सकता है।

भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने विधानसभा क्षेत्र विस्तारकों को क्षेत्र में चुनाव कार्य के दौरान केवल चुनाव कार्य पर ध्यान दें। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बृहस्पतिवार को लोकसभा चुनाव के लिए नियुक्त विधानसभा विस्तारकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धर्मपाल सिंह ने कहा कि विस्तारकों को बूथ से लेकर मंडल तक चुनाव प्रचार और प्रबंधन करना है। बूथ समितियों का गठन, पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति और प्रशिक्षण पर भी ध्यान दें। पार्टी की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों का मंडल स्तर पर क्रियान्वयन भी समयबद्ध करना है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भाजपा का इतिहास बताते हुए कहा कि विस्तारक मोदी-योगी सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाएं। प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने भी संबोधित किया।

चण्डीगढ़ पहुंचे अयोध्या से पूजित अक्षत और निमंत्रण पत्र 

अवध की परंपरा के अनुसार अक्षत (साबुत चावल, हल्दी और कुमकुम में रंग कर) दे कर इस शुभ कार्य की सूचना और निमंत्रण देशवासियों को भेजा जा रहा है

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 11 दिसम्बर  :

अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। 22 जनवरी 2024 को मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम किया जाना है। इसको लेकर अवध की परंपरा के अनुसार अक्षत (साबुत चावल, हल्दी और कुमकुम में रंग कर) दे कर इस शुभ कार्य की सूचना और निमंत्रण देशवासियों को भेजा जा रहा है। अयोध्या से पूजित अक्षत (साबुत चावल, हल्दी और कुमकुम में रंग कर) और निमंत्रण पत्र चण्डीगढ़ के हर घर में पहुँचाने के लिए चण्डीगढ़ पहुंच गए हैं।

विश्व हिंदू परिषद्, चण्डीगढ़ के विभाग मंत्री प्रदीप शर्मा की अगुआई में इस सभी पवित्र सामग्री का चण्डीगढ़ में पहुँचने पर विधिवत स्वागत कर सेक्टर 37 स्थित श्री परशुराम भवन में आमजन के दर्शनार्थ विराजित किया गया है। प्रदीप शर्मा ने बताया कि श्रीराम जी का निमंत्रण पत्र, पूजित अक्षत तथा श्रीराम जी का भव्य चित्र लेकर 1 से 15 जनवरी के बीच चण्डीगढ़ के हर घर में पहुंचाया जाएगा। उन्होंने लोगों को अपील की कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम जी के बाल रूप की स्थापना पर अपने नजदीकी मंदिर में एलईडी पर देख इस ऐतिहासिक पल का गवाह जरूर बनें।

डॉ. संदीप कौर संधू, यश पाल तिवारी, नीना तिवारी, रजिंदर जैन, सुरेश राणा, पंकज शर्मा, राकेश चौधरी, विश्व दीप, दीपक शर्मा, शशि शंकर तिवारी  एवं राकेश उप्पल आदि सैकड़ों लोग इस अवसर पर उपस्थित रहे। 

DGP से की तिवारी ने मांग की पिछले साल की तरह इस साल पुलिस छठ व्रतियों के साथ न करे ज्यादती

चंडीगढ़

पूर्वांचल विकास महासंघ ट्राईसिटी चंडीगढ़ के अध्यक्ष शशी  शंकर तिवारी ने चंडीगढ पुलिस महानिदेशक श्री प्रवीण कुमार रंजन से मांग की है की चंडीगढ शहर में तकरीबन लाखो की संख्या में महिला एवम पुरुष चंडीगढ में छठ व्रत को करते है ।

जिसमें बहुत ही विधि विधान से पूजा पाठ होती है ,लोग छठ घाट पर रात्रि में विश्राम भी करते है क्योंकि सुबह 4 बजे से ही लोगो को फिर सूर्य भगवान को अर्घ देने के लिए पानी में खड़ा रहना पड़ता है।

जो दूर दराज से आए छठ व्रतियों को फिर शाम को जाकर सुबह 4 बजे आना मुश्किल होता है ।

जिस कारण काफी संख्या में महिला पुरुष सेक्टर 42 छठ घाट झील के पास ही सो जाते है ।

जो पिछले साल  छठ में कुछ पुलिस अफसरों द्वारा सेक्टर 42 लेक पर छठ व्रतियों को रात में इसलिए लाठी चार्ज किया गया था  क्योंकि छठ घाट सेक्टर 42 में सो रहे थे , और उनसे कहा गया था की आप लोग

अभी खाली करके चले जाओ ।

जिसका काफी स्तर पर विरोध हुआ था। और DGP साहब के भी संज्ञान में लाया गया था।

शशि शंकर तिवारी ने DGP से आग्रह किया की , इस साल पहले ही सभी अफसरों को आगाह करदे की पिछले साल जैसे छठ व्रतियों के साथ कोई जयादती न हो और वैसे भी  DGP साहब बिहार के रहने वाले है छठ महापर्व के विषय में उन्हें विधिवत रूप से सब जानकारी है।

छठ व्रत से सबके मनोरथ पूर्ण होते हैं : परमहंस द्विवेदी

रंजना शुक्ला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़  –  09नवम्बर  :

 छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला महापर्व है जो भारत में मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है।  

 इसे और भी कई अन्य नामों जैसे डाला छठ, सूर्योपासना व्रत, षष्ठी व्रत और सूर्य व्रत के नाम से जाना जाता है । इसे प्रसिद्धि मिली डाला छठ से। अगर आस्था का पर्याय कहें छठ पूजन तो गलत नही होगा, प्रमाण के लिये एक बार बिहार में गुज़ार कर तो देखे आप को उत्तर मिल जाएगा। पूरे उत्तर भारत मे या कहें तो पूरे भारत वर्ष में शारदीय नवरात्र से शुरू हो कर छठ पूजन की समाप्ति तक लगभग एक माह तक त्यौहार और पर्व का माहौल छाया रहता है। यह समय हम सभी के लिए अत्यंत खुशी लेकर आता है। क्योंकि आज के इस भागम भाग की ज़िंदगी मे ये तीज और त्यौहार ही तो है, जो एक दूसरे को जोड़े हुए है। आज हम इन्ही त्यौहारों में अति महत्वपूर्ण त्यौहार महापर्व छठ की बात करेंगे।

यह छठ पर्व उत्तर भारत से लेकर मध्य भारत तक और मॉरीशस सहित तमाम अन्य देशों में भी  मनाया जा रहा है। इसे अंतरराष्ट्रीय पर्व कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह ऐसा पर्व है, जो नहाय खाय से शुरू हो कर खरना, डूबते सूर्य को अर्घ्य दे कर पुनः एक बार उगते सूर्य को अर्घ्य दे कर समाप्त होने वाला अत्यंत ही कठिन निर्जला व्रत है। यह अपने भव्यता और एकता के लिए सुविख्यात है। यह एक मात्र ऐसा पर्व है जिसमे डूबते सूरज को जल दिया जाता है, अर्थात अर्घ्य दिया जाता है।

ततपश्चात दूसरे दिन ही उगते सूरज भगवान को अर्घ्य दे कर इस महापर्व की समाप्ति की जाती है। यह अर्घ्य व्रती महिलाएं नदी, तालाब में कमर तक पानी मे जाकर देती है सूर्य देवता का स्मरण करके। व्रती महिलाएं, पुरुष और बच्चे छठ के प्रसाद के साथ व्रत का पारण करते हैं।

छठ क्यो मनाते हैं? 

भारत मे मुख्य रूप से दो प्रकार के छठ का वर्णन है। पहला चैती छठ और दूसरा कार्तिक छठ है।

कार्तिक शुक्ल पक्ष के चतुर्थी को नहाय – खाय, पंचमी को खरना, षष्ठी को निर्जला व्रत के साथ सन्ध्या अर्घ्य और सप्तमी को उषा काल मे सूर्य देवता को अर्घ्य दे कर समाप्त कर प्रसाद से पारण किया जाता है।

हिन्दू मान्यता में सूर्य को यश, समृद्धि, प्रसिद्धि का देवता माना गया हैं इसलिए सर्वउद्देश्य, कार्यसिद्धि, पुत्र के तेजस्वी और दीर्घायु और अन्य शुभ फल प्राप्ति के उद्देश्य से यह व्रत किया जाता है।

सूर्य की उपासना करके ही मातायें सूर्य के समान तेज़ और यशस्वी पुत्र की कामना भी करती है, इसलिये इस पर्व को सर्वश्रेष्ठ पर्व और सर्वसिद्धि कामना वाला व्रत कहते है। पुत्र कामना पर बल इसलिये दिया जाता है कि हिन्दू मान्यता के अनुसार पुत्र ही आगे चल कर परिवार की सभी ज़िम्मेदारी को गृह मुखिया के रूप निभाता है।

ऐसा नही की यह व्रत केवल महिलाएं ही रखती है, पुरुष भी तथा बच्चे भी इस व्रत को रखते है। केवल ध्यान देना इस बात का होता है कि 36 घण्टे तक चलने वाले इस व्रत में साफ सफाई और पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है।

छठ पर्व का इतिहास

छठ पर्व का इतिहास देखें तो, इस पूजा में सूर्य उपासना के साथ छठी मैया का भी आहवान किया जाता है। यह पर्व भारत का सबसे पुराना त्यौहार है, जो वैदिक काल से चला आ रहा है। इस पर्व का उल्लेख तो महाभारत में भी मिलता है। अंग नरेश कर्ण सूर्यपुत्र थे और सूर्यभक्त भी थे, प्रतिदिन सूर्य भगवान की उपासना करते हुए कमर तक जल में खड़े होकर अर्घ्य दे कर पूजा को सम्पन्न करते थे। द्रोपदी ने भी पांडव के साथ इस पर्व पर सूरज भगवान की आराधना की थी।

कब मनाया जाता है?

हिंदी पंचांग की मान्यता के अनुसार कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाते है, तो ठीक दीवाली के 6 दिन बाद कार्तिक शुक्लपक्ष षष्ठी को छठ मनाया जाता है।

कैसे मनाते छठ पर्व?

इस त्योहार की तैयारी बिहार में या जहाँ भी मनाया जाता है वहाँ कई दिन पूर्व से शुरू हो जाती है जैसे कि..

सभी के लिए नया कपड़ा खरीदना, विभिन्न प्रकार के फल की खरीदारी, घर मे मीठी पूड़ी जिसे स्थानीय भाषा मे ठेकुआ भी कहते है जो प्रमुख रूप से सम्मलित किया जाता है। ठेकुआ को गेहूं के आटे के साथ चीनी या गुढ़ का प्रयोग करके बनाते है। इस पर्व में सब कुछ नया होता है। इस पूजन में सूप का बहुत ही महत्व है। चूंकि डाला छठ में किसी भी मूर्ति की पूजा नही किया जाता है बल्कि सूर्य देवता और छठी मैया का आह्वान किया जाता है। इस पूजा में नदी या तालाब के किनारे मिट्टी की वेदी बना कर इस पर ही पूजन की शुरुआत होती है।

आस्था के इस महापर्व ” डाला छठ ” को कोटि कोटि नमन।