भारत का रत्न, हॉकी का जादूगर दादा ध्यानचंद

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 इलाहाबाद, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनके जन्मदिन को भारत का राष्ट्रीय खेल दिवस घोषित किया गया है। इसी दिन खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। भारतीय ओलम्पिक संघ ने ध्यानचंद को शताब्दी का खिलाड़ी घोषित किया था।

भारत का रत्न, हॉकी का जादूगर दादा ध्यानचंद

आज जन्मदिवस पर विशेष : भारत का रत्न, हॉकी का जादूगर दादा ध्यानचंद

वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन सिंह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 29 अगस्त :

आज 29 अगस्त है, जन्मदिवस उस महान खिलाड़ी का जो आज भी हॉकी की दुनियां का बेताज बादशाह है। अपने करोड़ों चाहने वालों में ‘दादा’ के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद आज भी हर उस बशर के दिल में जिंदा हैं जो देश को प्यार करता है। आज भी उनका नाम हॉकी का पर्याय बन गया है।

तीन ओलंपिक खेलों एमेस्टरडम (1928) लॉस एंजेलिस (1932) और बर्लिन (1936) में ध्यानचंद ने भाग लिया। बर्लिन में तो वे भारतीय हॉकी टीम के कप्तान भी थे। 1928 में जब भारत की टीम समुद्र के रास्ते एमेस्टरडम के लिए रवाना हुई तो उसे विदा करने केवल तीन लोग आए थे। इनमे दो हॉकी फेडरेशन के पदाधिकारी और एक पत्रकार था। यह बात अलग है कि टीम की वापसी पर उसके स्वागत के लिए जनता का हजूम था। दादा ने तीन ओलंपिक खेलों में कुल 12 मैच खेले और 40 गोल किए। इन तीनों ओलंपिक खेलों में भारत ने प्रति मैच 8.5 की औसत से कुल 102 गोल किए और उनके खिलाफ मात्र तीन गोल हुए। दादा की प्रति मैच औसत 3.33 गोल की बैठती है।

एलान तो ऑटोग्राफ दे रहे थे:

इन तीनों ओलंपिक खेलों में जो तीन गोल भारत पर हुए उनमें अमेरिका का गोल तो इसलिए हो गया क्योंकि गोलकीपर एलेन अपनी पोस्ट को छोड़ कर अपने फैंस को ऑटोग्राफ देने में व्यस्त थे। असल में भारत के हाफ में गेंद आ ही नहीं रही थी। एलेन भी अकेले खड़े बोर हो गए थे इसलिए अपने चाहने वालों को खुश करने चले गए। इतने में एक लंबी गेंद निकली। भारतीय रक्षापंक्ति को विश्वास था कि एलेन आगे बढ़ कर गेंद रोक ही लेंगे, पर एलेन थे ही नहीं। जब तक भारतीय टीम को पता चला की गोलपोस्ट तो खाली है तब तक देर हो चुकी थी। अमेरिका एक गोल कर गया। अंत में भारत 24-1 के अंतर से जीता। ओलंपिक हॉकी के इतिहास की अब तक भी यही सबसे बड़ी जीत है। ध्यान रहे उस ज़माने में कृत्रिम खेल मैदान नहीं होते थे, अगर कहीं एस्ट्रो टर्फ होती तो शायद गोलों की गिनती कहीं अधिक होती।1936 के बाद 1940 और 1944 के ओलंपिक दूसरे विश्व युद्ध के कारण नहीं हो सके। फिर 1948 तक आते आते दादा 43 साल के हो चुके थे और खेलना छोड़ चुके थे फिर भी 31 साल की उम्र में उन्होंने अपना आखरी ओलंपिक खेल था।

दादा ने भारतीय हॉकी को उरूज़ से रसातल की तरफ जाते देखा। पर तीन दिसंबर 1979 को 74 बरस की आयु में संसार छोड़ने से पहले उन्होंने भारत को कुआलालंपुर (1975) में तीसरा विश्व कप जीतते देखा। उनके लिए इससे अधिक खुशी की बात क्या होगी की फाइनल में पाकिस्तान को हराने वाला गोल उनके अपने पुत्र अशोक कुमार की स्टिक से आया। भारत ने यह फाइनल 2-1 के अंतर से जीता था। अशोक कुमार आज भी हॉकी को समर्पित हैं। हॉकी के विकास में लगे हैं। पिछले दो ओलंपिक खेलों में भारत ने लगातार दो कांस्य पदक जीत कर यह साबित कर दिया है कि यदि ओडिशा के पूरब मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जैसे कुछ और लोग आगे आ कर हॉकी को बढ़ावा दें तो हमारे खिलाड़ी हॉकी को ध्यानचंद के सपनों की उड़ान दे सकते हैं।
दादा को नमन।

‘भारत बंद’ ……

सर्वोच्च नयायालय ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था,  ”सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए – सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज्‍य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।” सर्वोच्च नयायालय ने कोटे में कोटा निर्धारित करने के फैसले के साथ ही राज्यों को जरूरी हिदायत भी दी। कहा कि राज्य सरकारें मनमर्जी से यह फैसला नहीं कर सकतीं।

  1. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की ओर से सर्वोच्च नयायालय के निर्णय का विरोध किया जा रहा है
  2. बसपा और आजाद समाज पार्टी ने दिया है समर्थन
  3. भारत बंद पर सभी प्रकार की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं खुली रहेंगी
  4. भारत बंद के दौरान विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट रहेगा

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 21   अगस्त :

अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सर्वोच्च नयायालय के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न संगठनों ने आज ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। बसपा समेत कई पार्टियां इस बंद का समर्थन कर रही हैं। ऐसे में सवाल ये हैं कि भारत बंद क्यों बुलाया गया है? सर्वोच्च नयायालय का वो कौन-सा फैसला है, जिसका दलित संगठन विरोध कर हैं? दलित संगठनों की क्या मांगे हैं? संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लेटरल एंट्री ( लेटरल एंट्री का मतलब बिना एग्जाम के सीधी भर्ती से है। लेटरल एंट्री के जरिए केंद्र सरकार UPSC के बड़े पदों पर प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स की सीधी भर्ती करती है। इसमें राजस्व, वित्त, आर्थिक, कृषि, शिक्षा जैसे सेक्टर्स में लंबे समय से काम कर रहे लोग शामिल होते हैं। ) क्यों सवालों के घेरे में है? भारत बंद के दौरान क्‍या-क्‍या खुलेगा और क्या बंद रहेगा।

भारत बंद में क्या खुला रहेगा और क्या बंद रहेगा, इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, भारत बंद को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि कुछ जगहों पर सार्वजनिक परिवहन प्रभावित हो सकता है। आपातकालीन सेवाएं जैसे कि अस्पताल, एम्बुलेंस और चिकित्सा सुविधाएं चालू रहेंगी। बैंकों और सरकारी दफ्तरों को बंद करने को लेकर सरकारों की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई है। इसका मतलब है कि ये भी खुले रहेंगे। शिक्षण संस्थान भी खुले रहेंगे। आयोजकों ने लोगों से बड़ी संख्या में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने का आग्रह किया है।

 ‘रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति’ ने आज भारत बंद बुलाया है। आज का भारत बंद सर्वोच्च नयायालय के एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमीलेयर वाले फैसले के खिलाफ है। देशभर के दलित और आदिवासी संगठन हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर आज ‘भारत बंद’ कर रहे हैं। ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है, जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं।

दलित संगठनों ने हाल में सर्वोच्च नयायालय की सात जजों की बेंच द्वारा सुनाए गए फैसले के विरोध में यह बंद बुलाया है। संगठन का मानना है कि यह ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी। एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है।

फिल्म समीक्षा : ‘द यूपी फाइल्स’, 3 स्टार्स

इस रियलिस्टिक फ़िल्म में एक भ्रष्ट डीजीपी का रोल शाहबाज खान ने निभाया है वहीं मंजरी फडनीस ने एक ईमानदार और कठोर पुलिस वाली की चुनौती भरी भूमिका को  बखुबी जिया है। जब वह यह संवाद अदा करती हैं कि सुजाता मेनन नाम है मेरा, मैं पहले एक्शन लेती हूं।” तो उनके बोलने का अंदाज़ और इंटेंसिटी दमदार डायलॉग में झलकती है। मनोज जोशी द्वारा अदा किया गया एक और संवाद भी बहुत असरदार है कि बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की कद्र, न एक इंच इधर न एक इंच  उधर।”

  • द यूपी फाइल्स, जानदार और असरदार है मनोज जोशी, मंजरी फडनीस स्टारर सिनेमा
  • कलाकार ; मनोज जोशी, मंजरी फडनिस, अवतार गिल, अली असगर, शाहबाज खान, मिलिंद गुणाजी, अमन वर्मा, अशोक समर्थ
  • निर्देशक: नीरज सहाय
  • निर्माता : कुलदीप उमराव सिंह ओस्टवाल
  • अवधि : 2 घण्टे 2 मिनट
  • रेटिंग : 3 स्टार्स

अनिल बेदाग, डेमोक्रेटिक फ्रंट, मुंबई, 27   जुलाई :

बॉलीवुड में इन दिनों रियल स्टोरीज से प्रेरित सिनेमा का चलन जोरों पर है। 26 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई हिंदी फिल्म ‘द यूपी फाइल्स’ भी सच्ची घटनाओं से प्रेरित फ़िल्म है जिसमें प्रमुख भूमिका मनोज जोशी ने निभाई है। साथ ही मंजरी फडनिस और मिलिंद गुणाजी सहित कई बेहतर कलाकारों से यह फ़िल्म सजी हुई है। श्री ओस्टवाल फिल्म्स की फिल्म ‘द यूपी फाइल्स’ भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की पृष्ठभूमि पर बनी है और इस फिल्म में मनोज जोशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका निभाई है।

यह फिल्म उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने पर आदित्यनाथ के सामने आने वाली राजनीतिक मुश्किलों पर विस्तार से नज़र डालती है। मनोज जोशी ने इस किरदार में अपना सौ प्रतिशत दिया है। चाहे वह बॉडी लैंगुएज हो, डायलॉग डिलीवरी हो, चेहरे का हाव भाव हो सभी मे उन्होंने प्रभावित किया है। वह यूपी को बदलने के कठिन लक्ष्य का पीछा करते हैं और राज्य से भ्रष्टाचार, गुंडाराज खत्म करने का संकल्प लेते हैं। उनके अभिनय में एक संतुलन दिखाई देता है। 

इस सिनेमा में सीएम योगी आदित्यनाथ से इंस्पायर्ड मनोज जोशी के चरित्र का नाम अभय सिंह दिखाया गया है।

लेकिन ‘यूपी फाइल्स’ को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बायोपिक भी नहीं कही जा सकती है।

इस रियलिस्टिक फ़िल्म में एक भ्रष्ट डीजीपी का रोल शाहबाज खान ने निभाया है वहीं मंजरी फडनीस ने एक ईमानदार और कठोर पुलिस वाली की चुनौती भरी भूमिका को  बखुबी जिया है। जब वह यह संवाद अदा करती हैं कि सुजाता मेनन नाम है मेरा, मैं पहले एक्शन लेती हूं।” तो उनके बोलने का अंदाज़ और इंटेंसिटी दमदार डायलॉग में झलकती है।

उन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और अपने किरदार में संघर्ष एवं संजीदगी का मिश्रण लाने में सफल रही हैं जो कहानी में ट्विस्ट भी लाती हैं।

फ़िल्म के संवाद इसके हाइलाइट्स हैं। मनोज जोशी जब यह डायलॉग बोलते हैं “हम शास्त्र भी जानते हैं और शस्त्र चलाने वालों पर अंकुश लगाना भी जानते हैं।” तो सिनेमाहॉल तालियों से गूंज उठता है। 

मनोज जोशी द्वारा अदा किया गया एक और संवाद भी बहुत असरदार है कि बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की कद्र, न एक इंच इधर न एक इंच  उधर।”

नीरज सहाय का निर्देशन फिल्म को बांधे रखता है। उन्होंने एक पॉलिटिकल ड्रामा को बड़ी कुशलता से संभाला है। फ़िल्म का कैमरा वर्क उत्तर प्रदेश की लोकेशन को बखूबी पेश करने में सफल रहा है। 

फिल्म के सिचुएशनल गीतों का संगीत दिलीप सेन ने दिया है और डांस मास्टर गणेश आचार्य हैं। विष्णु निषाद द्वारा किया गया आर्ट डायरेक्शन और प्रोडक्शन डिज़ाइन अच्छा है। वास्तविकता के एकदम करीब इस फ़िल्म को शानदार अभिनय और कुशल निर्देशन के लिए देखा जाना चाहिए।

कांग्रेस को महाराष्ट्र में झटका, बसवराज पाटिल ने दिया इस्तीफा

पार्टी के पूर्व प्रदेश कार्याध्यक्ष और पूर्व मंत्री रहे बसवराज पाटिल लिंगायत समुदाय के नेता हैं और मराठवाड़ा में कांग्रेस के बड़े चेहरे रहे हैं. उनका इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है। ऐसा होने पर कांग्रेस मराठवाड़ा में और कमजोर हो जाएगी। फिलहाल उन्होंने अपने अगले कदम की चर्चा नहीं की है लेकिन ऐसी चर्चाएं हैं कि बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। 

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री व प्रदेश कार्याध्यक्ष बसवराज पाटिल
  • मराठवाड़ा के बड़े चेहरे हैं बसवराज पाटिल, BJP में शामिल हो सकते हैं : सूत्र
  • सपा खेमे की बैठक से 6 विधायक रहे गायब, हो न जाए खेला

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 26फरवरी     :

 लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन देश के प्रमुख दल कांग्रेस में भगदड़ मची है. उसके नेता एक- एक करके कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह रहे हैं।  उसे सोमवार को तब एक और झटका लगा, जब उसके महाराष्ट्र के बड़े नेता बसवराज पाटिल ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। 

इससे पहले, फरवरी मध्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (65) भी पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद भाजपा ने उन्हें महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया और 20 फरवरी को उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। 

लिंगायत समुदाय के नेता बसवराज पाटिल मूल रूप से उस्मानाबाद तालुक के उमरग्या के मुरूम के रहने वाले हैं।  राजनीतिक हलकों में बसवराज पाटिल को पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल चाकुरकर के बेटे के रूप में जाना जाता है। वह कांग्रेस के वफादार रहे हैं और औसा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने 2009 और 2014 में औसा से दो बार चुनावी जीती हासिल की थी। 

राज्यसभा के लिए कल होने वाली वोटिंग में सपा के साथ खेला हो सकता है।  सूत्रों के मुताबिक आज लखनऊ में हुई सपा की बैठक में 6 विधायक गैर-हाजिर रहे।  इनमें अमेठी विधायक महाराजी देवी, पल्लवी पटेल, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी और कौशाम्बी विधायक पूजा पाल नहीं पहुंचीं।  माना जा रहा है कि अगर इन विधायकों ने पाला बदला तो कल सपा को बड़ा नुकसान हो सकता है।  

विधायक के पहले ही कार्यकाल में कांग्रेस ने उन्हें राज्य मंत्री का पद दिया था। हालांकि, 2019 विधानसभा चुनाव में अभिमन्यु पवार से हार के बाद ऐसी चर्चा थी कि बसवराज पाटिल को कांग्रेस में कुछ हद तक दरकिनार कर दिया गया था।  ऐसे में अब कहा जा रहा है कि बसवराज पाटिल बीजेपी से बुलावे का इंतजार कर रहे हैं और बहुत संभव है कि वे मंगलवार को भाजपा में जाने की घोषणा भी कर दें। 

बसवराज पाटिल लंबे समय से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक रहे हैं। इसके लिए उन्होंने काफी पहले से ही प्रचार शुरू कर दिया है।  बताया जा रहा है कि बसवराज पाटिल धाराशिव लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि ऐसी संभावना है कि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के सीट बंटवारे में धाराशिव की सीट शरद पवार गुट के पास चली जाएगी। महागठबंधन में शिंदे गुट को यह सीट मिल सकती है। 

चण्डीगढ़ के कुल 8 विशिष्ठ लोगों को मिला श्री अयोध्या धाम से निमंत्रण

  • चण्डीगढ़ क्षेत्र से डॉ. संदीप संधू प्रभु श्री राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पूजा में शामिल होने के लिए अयोध्या धाम को हुईं रवाना
  • प्रभु राम से चण्डीगढ़ वासियों के कल्याण की कामना करुँगी : डॉ. संदीप संधू 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 20 जनवरी

आगामी 22 जनवरी को श्री अयोध्यापुरी में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा पूजा का भव्य आयोजन किया जा रहा है जिसमें सम्मिलित होने के लिए देश ही नहीं अपितु विदेशों से भी निमंत्रित व्यक्ति विशेष आ रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि न्यास के द्वारा देश तथा विदेश से कुछ चुनिंदा व्यक्तियों को ही प्राण प्रतिष्ठा पूजन हेतु विशिष्ट आमंत्रण भेजा गया है। चण्डीगढ़ क्षेत्र से यह विशिष्ट आमंत्रण कुल जमा आठ लोगों को ये निमंत्रण प्राप्त हुआ है जिनमें चण्डीगढ़  विकास समिति की अध्यक्ष डॉ. संदीप संधू भी शामिल हैं। 

इस विशिष्ट आमंत्रण का सम्मान करते हुए तथा प्राण प्रतिष्ठा पूजन के भव्य आयोजन में सम्मिलित होने के लिए डॉक्टर संधू ने आज अयोध्या के लिए प्रस्थान किया। डॉ. संधू ने रवाना होने से पूर्व बताया कि उनके लिए यह न केवल एक ऐतिहासिक एवं विशिष्ट अवसर है अपितु अत्यंत भावुक कर देने वाला क्षण भी है कि वे एक ऐसे दैवीय आयोजन की साक्षी बनने जा रही हैं जिसका साक्षी बनने का सपना न जाने कितनी पीढ़ियों ने संजोया था। 

डॉ. संधू ने यह भी कहा कि वे इस भव्य आयोजन में केवल एक व्यक्ति विशेष के रूप में नहीं अपितु समस्त चण्डीगढ़ राजधानी क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में भी सम्मिलित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि उनकी प्रभु श्री राम से केवल यही प्रार्थना रहेगी कि श्री राम अपनी असीम अनुकंपा उन पर बनाए रखें ताकि वे राजधानी क्षेत्र की निरंतर तथा निस्वार्थ सेवा में कार्यरत रहें और एक समृद्ध समाज के निर्माण में प्रतिभागी बनें।

हरिशंकर मिश्रा द्वारा 21 जनवरी को कारसेवक सम्मान समारोह का आयोजन

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता होंगे मुख्य अतिथि : सत्यपाल जैन, सतिंदर सिंह व विनीत जोशी को भी किया जाएगा सम्मानित

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 19 जनवरी

वर्ष 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को ध्वस्त करने पूरे देश भर से कारसेवक वहाँ पहुंचे थे। इस घटनाक्रम का इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। अब जबकि 22 जनवरी को श्री अयोध्या धाम में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इसी सिलसिले में चण्डीगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता हरिशंकर मिश्रा, जो स्वयं भी कारसेवा करने गए थे, द्वारा 21 जनवरी को कार सेवक सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। मलोया में आयोजित किये जाने वाले इस समारोह में वर्ष 1990 व 1992 में चण्डीगढ़, मोहाली व पंचकूला से श्री राम जन्मभूमि मंदिर की कार सेवा के लिए गए कार सेवकों को सम्मानित करने का आयोजन रखा गया है। इस उपलक्ष्य में उस दिन सर्वप्रथम दोपहर दो बजे सुंदरकांड का पाठ रखा गया है जिसमें सुप्रसिद्ध भजन गायक श्री हरीश शर्मा सुंदरकांड का पाठ करेंगे।

इस कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उल्लेखनीय कि ज्ञानचंद गुप्ता भी अयोध्या में कार सेवा के लिए गए थे। कारसेवक सम्मान समारोह के मुख्य आयोजक हरि शंकर मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए बहुत सारे लोग, जो चंडीगढ़ से बाहर दूसरे राज्यों में चले गए हैं, वह भी आ रहे हैं। सभी कार सेवकों को स्मृति के रूप में श्री राम मंदिर का मॉडल भी भेंट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वह इस सम्मान समारोह का आयोजन भगवान श्री राम की प्रेरणा से कर रहे हैं क्योंकि वह कारसेवक के रूप में अयोध्या जाने वालों में सम्मिलित थे और यह बड़ी ही प्रसन्नता का विषय है कि 500 सालों के बाद आज जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।

इस मौके पर सम्मानित किए जाने वालों में पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता सतिंदर  सिंह, स्वराज माजदा के पूर्व अधिकारी पी बी सुधाकरण, पंजाब भाजपा के मीडिया प्रमुख विनीत जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र पांडेय, गोविंद हरि, संदीप चुघ, अजय महाजन, ललित सेंगर, राम दरबार विश्वकर्मा मंदिर के प्रधान रामजीलाल सहित 100 से अधिक कारसेवकों को सम्मानित किया जाएगा।

22 जनवरी से पहले जिला के सभी मंदिर होंगे चकाचक : दीपक शर्मा

हर बूथ पर पांच दीवार लेखन का कार्य करें कार्यकर्ता: दीपक शर्मा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 16 जनवरी

भारतीय जनता पार्टी ज़िला पंचकूला की महत्वपूर्ण बैठक ज़िलाध्यक्ष  दीपक शर्मा की अध्यक्षता में ‘‘पंचकमल कार्यालय’’ में संपन्न हुई। बैठक में अयोध्या में होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले जिला के सभी देव स्थलों पर साफ-सफाई, व दीवार लेखन कार्यक्रम के अलावा आगामी कार्यक्रमों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस संगठनात्मक बैठक में जिला अध्यक्ष ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संगठन के महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। जिला अध्यक्ष श्री शर्मा ने जिला के सभी मंदिरों को साफ  और स्वच्छ करने का आग्रह किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से हर बूथ पर पांच दीवार लेखन कार्य की जिम्मेदारी भी तय की। बैठक में ज़िला महामंत्री परमजीत कौर, वरिन्द्र राणा के साथ सभी मंडल अध्यक्ष मौजूद रहे।

जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर स्वच्छ तीर्थ स्वच्छता अभियान की 14 जनवरी मकर संक्रांति के अवसर पर शुरूआत की गई है। हरियाणा में भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश प्रभारी बिप्लब कुमार देब व प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने हरियाणा में देव स्थलों पर साफ-सफाई अभियान का आगाज किया है। श्री शर्मा ने सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि समाज के साथ मिलकर जिले के सभी मंदिरों में स्वच्छ अभियान में बढ़चढ़ कर भाग लेते हुए साफ-सफाई में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएं। श्री शर्मा ने कहा कि पंचकूला से जो-जो कार्यकर्ता भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद 25 जनवरी से 25 मार्च तक अयोध्यान जाने के इच्छुक हैं उनकी लिस्ट तैयार की जाए। 

जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अब समय बहुत ही कम बचा है। लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं। उन्होंने कहा कि जनता जनार्दन और कार्यकर्ताओं के दम पर प्रचंड जीत के साथ एक बार फिर से मोदी-मनोहर सरकार बननी तय है। श्री शर्मा ने कहा कि सभी कार्यकर्ता बूथ स्तर पर मोदी और मनोहर सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों की जानकादी दें और पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने में सहायक की भूमिका निभाएं।  दीपक शर्मा ने कहा कि पीएम विश्व कर्मा योजना कामगारों के लिए महत्वपूर्ण योजना है। कार्यकर्ता युवाओं को इस योजना की ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें। प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम को बूथ पर स्तर सुनने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को एकत्रित करें। 

दीपक शर्मा ने कहा कि 15 जनवरी से जेपी नड्डा ने दिल्ली से दीवार लेखन कार्यक्रम की देश व्यापी शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता हर बूथ पर पांच दीवार लेखन कार्य की जिम्मेदारी तय करें। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता इस राष्ट्रव्यापी अभियान को सफल बनाने में अभी से जुट जाएं।

अयोध्या में राम लला के मंदिर पर अपना झंडा लहराने पहुंची कांग्रेस

काल्प्निक प्रभु श्री राम के बन रहे मंदिर पर अपने झंडे लहराने कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा अयोध्या पहुंचे थे। विवाद की वजह झंडा लहराने को बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेसी पार्टी का झंडा लहराते हुए मंदिर परिसर में दाखिल हुए थे। भक्तों ने झंडा न लहराने की अपील की तो इस दौरान विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।

अयोध्या जी (ब्युरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट, 15 जनवरी

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा(अयोध्या मुठभेड) कार्यक्रम को अब कुछ ही दिन का समय बचा है। इन तैयारियों के बीच रामनगरी अयोध्या में राजनीतीक पार्टियों के समर्थकों के बीच हुई झड़प की जानकारी सामने आई है। इस झड़प ने इस कदर विक्राल रुप ले लिया कि दोनों पक्षों के बीच छीनाझपटी की जानकारी सामने आई है।

रामनगरी अयोध्या में कांग्रेस के समर्थकों और राम मंदिर में आए भक्तों के बीच झड़प हो गई। बहस के दौरान हाथापाई होने की भी सूचना मिली है। राम मंदिर में कांग्रेस नेता अजय राय दर्शन करने आए थे। विवाद की वजह झंडा लहराने को बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेसी पार्टी का झंडा लहराते हुए मंदिर परिसर में दाखिल हुए थे। भक्तों ने झंडा न लहराने की अपील की तो इस दौरान विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।

बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय व कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा के अयोध्या पहुंचे थे। अयोध्या पहुंचने से पहले रानीमऊ चौराहे पर एआईसीसी सदस्य दयानन्द शुक्ला के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेसियों ने भव्य स्वागत किया। दयानन्द शुक्ला ने दोनों नेताओं को अंगवस्त्र व माला पहनाकर स्वागत किया। 

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देखकर उत्साहित अजय राय ने कहा कि सभी कार्यकर्ता पूरी मेहनत और ईमानदारी से अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। जनता इस बार कांग्रेस की सरकार लाने का मन बना चुकी है। 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा से जनता का मोहभंग हो चुका है। महंगाई बढ़ती जा रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। भाजपा मंदिर के नाम पर महंगाई और बेरोजगारी से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है, लेकिन जनता इस बार भाजपा के नेताओं के झांसे में आने वाली नहीं है।

पालघर पार्ट-2, ममता बनर्जी को भारी न पड़ जाए, पुरुलिया में तीन साधुओं से मारपीट

पुरुलिया में साधुओं को निर्वस्त्र कर पीटने वाले वीडियो पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि  बंगाल में हिंदू होना अपराध है। ममता बनर्जी के राज में शाहजहां जैसे आरोपियों को राज्य की तरफ से सुरक्षा दी जाती है और साधुओं की पीट-पीट कर हत्या की जा रही है। फिलहाल TMC और बंगाल कि पुलिस ने आरोपों पर मुखदर्शक बनी हुई है।

  • बंगाल में हिंदू होना गुनाह : BJP
  • पिटाई का आरोप ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं पर है
  • बंगाल में तुष्टीकरण का वातावरणः अनुराग ठाकुर
  • बंगाल में अराजकता चरम पर : शिवराज
  • कुछ दिन पहले हि ईडी कर्मचारियो पर भि बंगाल मैं हमला हुआ था

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 13जनवरी :

बंगाल में पालघर जैसी घटना सामने आने के बाद BJP ने ममता सरकार को घेरा है। गुरुवार शाम को यहां भारी भीड़ ने यूपी के 3 साधुओं को बच्चा चोर समझकर बेरहमी से पीटा है। इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों को हिरासत लिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा. “तुष्टीकरण की राजनीति करके ये वातावरण खड़ा कर दिया गया है। हिंदुओं को जश्न भी नहीं मानाने दिया जा रहा। अब हिंदू साधुओं को मारने पीटने और हत्या करने का प्रयास किया जा रहा है।और राज्य सरकार मुखदर्शक बनी हुई है।”

हर कोई उस पल का इंतजार कर रहा है, जब 22 जनवरी को भगवान रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। इस बीच, पश्चिम बंगाल से हिंदू भावनाओं पर चोट करने वाली खबर आई है। पश्चिम बंगाल में पुरुलिया में साधुओं को गाड़ी से खींचकर बुरी तरह पीटा गया है। उन्हें निर्वस्त्र करके लाठी-डंडों से मारा गया है। उसमें भी बड़ी बात ये है कि साधुओं की पिटाई का आरोप ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं पर है। बीजेपी नेता पश्चिम बंगाल में साधुओं की पिटाई को पालघर पार्ट-2 कह रहे हैं और ममता सरकार पर निशाना साध रहे हैंपिटाई का आरोप ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं पर है। ऐसे में अगर हिंदू एकजुट हो गए और ममता बनर्जी के खिलाफ अपना गुस्सा चुनाव में निकाल दिया तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने 30 सेकेंड के इस वीडियो को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठाए हैं। बंगाल बचाने का आह्वान करते हुए मालवीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध हो गया है।

उन्होंने लिखा, “पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पालघर की तरह की एक लिंचिंग में मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा। ममता बनर्जी के शासन में शाहजहाँ शेख जैसे आतंकवादी को सरकारी संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या की जा रही है।”

इस वीडियो को शेयर करते हुए भाजपा के प्रवक्ता शहजाद जयहिंद ने X पर लिखा है, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में पालघर पार्ट 2 का नजारा देखने को मिला। जिस प्रकार से साधु-संतों को पीटा गया, टीएमसी के गुंडों के द्वारा। जिस प्रकार उद्धव ठाकरे जी के राज में पालघर पार्ट 1 हुआ था, उस प्रकार ममता दीदी के राज में पालघर पार्ट 2 इसलिए हो रहा है कि वहाँ राजनीतिक हिंसा चरम पर पहुँच चुकी है?”

जयहिंद ने आगे कहा, “वहाँ कोई भी सुरक्षित नहीं है। चाहे वो ED के ऑफिसर हों, सेंट्रल एजेंसी के लोग हों, राष्ट्रवादी लोग हों या साधु-संत हों। क्या इतनी नफरत हो चुकी है जय श्रीराम कहने से? क्या इतनी नफरत हो चुकी है नफरत हो चुकी है हिंदू होने से? वहाँ शाहजहाँ जैसे गुंडे को तो पूरा संरक्षण मिल रहा है। यही हकीकत है आज के पश्चिम बंगाल की।”

रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुलिया में साधुओं के साथ हुई पिटाई का पुलिस ने स्वत: संज्ञान लिया है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। हालाँकि, साधु पक्ष की ओर से कोई एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई है। TV9 की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित साधुओं का कहना है कि उन्हें लगता है कि मार खाना उनके भाग्य में ही लिखा है।
बताते चलें कि 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में 72 साल के कल्पवृक्ष गिरि और 35 साल के सुशील गिरि नाम के दो साधुओं की लिचिंग कर दी गई थी। वे दोनों अपने गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई से सूरत जा रहे थे। इस दौरान पालघर में 200 लोगों की भीड़ ने उन्हें बच्चा चोरी करने का आरोप लगा रोका और दोनों साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।













लोकसभा चुनाव के लिए BJP का नया फॉर्मूला, मिलने लगे संकेत

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की ये तैयारी इसलिए भी ख़ास हो जाती है क्योंकि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होना है. इस दौरान पूरे प्रदेश का माहौल राममय करने की तैयारी है. ऐसे में बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार होगा। उसी वातावरण में पार्टी में अपने प्रत्याशियों के नामों का एलान करके चुनावी बिगुल फूंक देगी। जहां विपक्षी दलों के गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर ही स्थिति साफ नहीं हो पाई है। भाजपा पहले से ही अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है तो वहीं केंद्रीय नेतृत्व से इशारा मिलने के बाद जमीन स्तर पर भी काम तेज हो गया है। माना जा रहा है कि आचार संहिता लागू होने से पहले ही बीजेपी अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है। 

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 10 जनवरी :

लोकसभा चुनाव 2024 की आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले भाजपा के प्रत्याशियों की पहली सूची आ सकती है। प्रदेश भाजपा ने केंद्रीय नेतृत्व का इशारा मिलने के बाद जमीनी स्तर पर चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। बीते दिनों दिल्ली में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं को संकेत मिला है कि आचार संहिता लागू होने से पहले प्रत्याशियों की सूची घोषित की जाएगी। इसमें यूपी के प्रमुख जिलों में दिग्गज चेहरों के नाम भी घोषित किए जाएंगे। वहीं पिछड़े और दलित समीकरण साधने के लिए दोनों वर्गों के बड़े चेहरों के टिकट का भी एलान होगा।

पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने अपनी पहली ही सूची में पीएम मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह की सीटों का नाम का ऐलान किया था। बीजेपी की पहली सूची में उन 164 सीटों से ज्‍यादातर सीटों पर उम्मीदवारों का नाम भी होगा, जो सीटें बीजेपी आज तक कभी नहीं जीती या 2019 में जीत का मार्जिन बेहद कम रहा है। बीजेपी पिछले दो साल से ऐसी सीटों पर लगातार मेहनत कर रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 543 में से 436 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 303 सीटो पर जीत दर्ज की थीं और 133 सीटों पर चुनाव हार गई थी। साथ ही 31 अन्य सीटें हैं, जहां पार्टी कमजोर है इन 164 सीटों का क्लस्टर बनाकर केंद्रीय मंत्रियों और बड़े नेताओं को इनकी जिम्मेदारी दी गई जिनमें गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं।

2019 में बीजेपी का पंजाब में शिरोमणि अकाली दल, बिहार में जेडीयू, महाराष्ट्र में शिवसेना, तमिलनाडु में एआईएडीएमके और राजस्थान में हनुमान बैनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ तालमेल था। बीजेपी ने पंजाब की 13 में से तीन, महाराष्ट्र की 48 में से 25 और बिहार की 40 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं तमिलनाडु में एआईएडीएमके ने बीजेपी को पांच सीटें दी थीं। इस बार इन राज्यों में बीजेपी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

बसपा के मौजूदा दस सांसदों में से कुछ सांसद भाजपा में शामिल हो सकते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक उच्च स्तर पर बसपा के बड़े नेताओं और सांसदों को पार्टी में शामिल करने की बात चल रही है। उनकी उम्मीदवारी पर निर्णय होने के बाद उन्हें शामिल कराया जा सकता है।

भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने विधानसभा क्षेत्र विस्तारकों को क्षेत्र में चुनाव कार्य के दौरान केवल चुनाव कार्य पर ध्यान दें। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बृहस्पतिवार को लोकसभा चुनाव के लिए नियुक्त विधानसभा विस्तारकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धर्मपाल सिंह ने कहा कि विस्तारकों को बूथ से लेकर मंडल तक चुनाव प्रचार और प्रबंधन करना है। बूथ समितियों का गठन, पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति और प्रशिक्षण पर भी ध्यान दें। पार्टी की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों का मंडल स्तर पर क्रियान्वयन भी समयबद्ध करना है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भाजपा का इतिहास बताते हुए कहा कि विस्तारक मोदी-योगी सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाएं। प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने भी संबोधित किया।