थाना फतेपुरपुर पुलिस व बदमाशो के बीच देर रात्रि चली भीषण मुठभेड़,दो शातिर बदमाश गिरफ्तार।
बदमाशो के कब्जे से बोलेरो पिकअप गाड़ी,24 पुराने टायर एक देशी तमन्चा-जिन्दा व खोंखा कारतूस तथा एक चाकू हुआ बरामद।
सहारनपुर थाना फतेहपुर पुलिस व बदमाशो के बीच कल देर रात्रि चली भीषण मुठभेड़ मे पुलिस ने दो बदमाशो को एक फर्जी नम्बर की बोलेरो पिकअप गाड़ी सहित,24 पुराने टायर,एक देशी तमन्चा-चाकू तथा जिन्दा-खोंखा कारतूस सहित किया गिरफ्तार।
आपको बता दे,कि थाना फतेहपुर प्रभारी मनोज चौधरी कल देर रात्रि अपनी पुलिस टीम उप-निरीक्षक दीप चन्द,इन्द्र सेन तथा कांस्टेबल पंकज,गोरव,जेकी व अभिमन्यु के साथ कलसिया रोड स्थित ग्राम माण्डूवाला पुलिया के पास गस्त पर थे,कि अचानक इधर से ही गुजर रही बोलेरो पिकअप गाड़ी जिसका फर्जी नम्बर UP-11BP 2023 को जैसे ही पुलिस टीम ने रूकने का इशारा किया,तो बोलेरो चालक ने गाड़ी को ओर तेज भगा लिया,लेकिन पुलिस टीम ने अपनी दबंगता परिचय देते हुए बोलेरो को जेसे ही पकड़ना चाह तो उसमें सवार दोनों बदमाशो ने पुलिस टीम पर फायर झोंक दिया,फिर भी पुलिस टीम ने हिम्मत नही हारी ओर कुछ ही दूरी पर इन बदमाशो को बोलेरो पिकअप गाडी सहित धर दबोचा,पुलिस द्वारा पुछताछ करने पर दोनों बदमाशो हसीन पुत्र मुस्तकिम निवासी नई कालोनी कस्बा व थाना तीतरो तथा सरफराज पुत्र अकबर निवासी अम्बेहटापीर थाना नकुड ने पुलिस को बताया कि,वह गाड़ियों की चोरी कर उसे अधिक दामों मे दूसरे प्रांतों मे बेच देते थे।पुलिस द्वारा इनके कब्जे से एक फर्जी नम्बर वाली बोलेरो पिकअप गाड़ी,चोरी किये हुए 24 पुराने टायर,एक देशी तमन्चा एक खोंखा तथा जिन्दा कारतूस एवम चाकू बरामद किया।दोनों अभियुक्तों के चालान काटकर जेल भेज दिया है।इधर थाना फतेहपुर प्रभारी मनोज चौधरी ने बताया,कि यह दोनों बदमाश बड़े ही शातिर तरिके से बड़ी व छोटी गाड़ियों की चोरी किया करते थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/IMG-20210114-WA0005.jpg1280589Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-14 15:33:022021-01-14 15:33:27थाना फतेपुरपुर पुलिस व बदमाशो के बीच देर रात्रि चली भीषण मुठभेड़,दो शातिर बदमाश गिरफ्तार
सहायक नगरायुक्त के नेतृत्व में डीपीएस स्कूल में भी कराया गया फीडबैक।
सहारनपुर स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की रैंकिंग में सहारनपुर को नंबर वन लाने के लिए नगर निगम ने अपनी पूरी ताकत झौक दी हैं। सफाई व्यवस्था पर ध्यान देने के साथ ही सिटीजन फीडबैक के लिए निगम की टीमें वार्डो के अलावा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में घर-घर और दुकान-दुकान जाकर फीडबैक करा रही हैं। इसके अलावा शिक्षण संस्थानों में भी अध्यापकों व छात्र-छात्राओं से फीडबैक कराया जा रहा है। बुधवार को सहायक नगरायुक्त अशोक प्रिय गौतम के नेतृत्व में डीपीएस स्कूल में फीडबैक के अलावा स्वच्छता ऐप भी लोड कराया गया। बुधवार को सहारनपुर का सिटीजन फीडबैक आंकड़ा 90 हजार पार कर गया है। नगरायुक्त ज्ञानेन्द्रसिंह के निर्देशन में सिटीजन फीडबैक लगातार तेज़ी पकड़ रहा है। मेयर संजीव वालिया जहां निगम की टीमों को फीडबैक के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं वहीं नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह फीडबैक की स्वयं माॅनेटरिंग कर रहे हैं। घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और वार्डो में विभिन्न स्थानों तथा शिक्षण संस्थानों में कराये जा रहे फीडबैक का ही परिणाम है कि सहारनपुर बुधवार की दोपहर तक 90 हजार का आंकड़ा पार कर चुका है। नगरायुक्त ने दो लाख फीडबैक का लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि स्वच्छता रैंकिंग में नंबर वन की दौड़ में सहारनपुर के लिए आसानी हो सके।
बुधवार को निगम की टीम सहायक नगरायुक्त अशोक प्रिय गौतम के नेतृत्व में दिल्ली रोड स्थित डीपीएस स्कूल पहुंची और प्रधानाचार्य श्रीमती सुरेखा सिंह के सहयोग से स्कूल की सभी शिक्षिकाओं को स्वच्छता का महत्व समझाते हुए सिटीजन फीडबैक कराया। निगम की टीम में सहायक नगरायुक्त अशोक प्रिय गौतम के अलावा मीडिया कंसलटेंट डाॅ. वीरेन्द्र आज़म, आईटी आॅफिसर मोहित तलवार व चाँद खां आदि शामिल रहे। सहायक नगरायुक्त ने सभी शिक्षिकाओं को सिटीजन के लिए स्वच्छता ऐप डाउनलोड कराते हुए उनसे अपने छात्रों, परिजनों और अन्य परिचितों को भी सिटीजन फीडबैक के लिए प्रेरित करने की अपील की। डीपीएस की प्रधानाचार्या श्रीमती सुरेखा सिंह ने कहा कि पिछले तीन वर्षाें में सहारनपुर की सूरत काफी बदली है और सहारनपुर अब सूंदर लगने लगा है। हम सबका दायित्व है कि हम अपना घर ही नहीं अपने आस पास का माहौल भी साफ स्वच्छ रखें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/IMG-20210114-WA0004.jpg8641152Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-14 15:24:502021-01-14 15:26:18सिटीजन फीडबैक में निगम ने झौकी पूरी ताकत
मध्यप्रदेश में विधानसभा के पिछले चुनावों में एक दूसरे पर बहुत लांछन लगाए गए जातिगत व्यक्तिगत और न जाने क्या क्या। वहीं कॉंग्रेस के कद्दावर नेता जीतू पटवारी भी सुर्खियों में रहे। वह अपने चुनाव क्षेत्र में एक वोटर जिनहे वह मेहता उंकल कह कर पुकारते हैं वहीं अपनी पार्टी के बारे में कहते हैं कि “पार्टी गयी तेल लेने”। कहीं भी कुछ भी कहना इन लोगों कि आदत सी हो गयी है। लें अरविंद केजरीवाल कि बात ही कुछ और है। वह क्या सोचते हैं क्या चाहते हैं यह बाद में पता चलता है। इस बार उनके पंजाब अभियान कि पोल खोल रहे हैं उनके तब के साथी पार्टी के स्तम्भ रहे और अब पार्टी से निशासित नेता और कवि कुमार विश्वास। पंजाब में यदि आआपा ने बक़ौल कुमार विश्वास हिंदु – सिख अलगाव के साथ मुख्य मंत्री बनने के ख्वाब सँजोये थे जो पूरे नहीं हुए। अब देखने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश आआपा किस आग से खेलती हैं।
नयी दिल्ली/चंडीगढ़ :
पंजाब कॉन्ग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट से आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास का एक पुराना वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो अपने पूर्व सहयोगी और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल को लेकर कुछ बड़े खुलासे कर रहे हैं। एक पुराने इंटरव्यू के इस हिस्से में कुमार विश्वास ने बताया कि केजरीवाल ने पंजाब चुनाव के बाद वहाँ का मुख्यमंत्री बनने की पूरी तैयारी कर ली थी और इसके लिए वो मनीष सिसोदिया को दिल्ली की कमान सौंपना चाह रहे थे।
कुमार विश्वास इस इंटरव्यू में कहते हैं, “मैंने कहा ये गलत काम मत करो। आग मत लगाओ। वहाँ भावनाओं को मत भड़काओ। पंजाब में कोई नहीं चाहता है कि वहाँ शांति भंग हो। हिंदू नहीं चाहते, सिख भी नहीं चाहते। वहाँ के किसी हिंदू ने नहीं कहा कि हम मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। लुधियाना मंदिर और दरबार साहिब के प्रति श्रद्धा बराबर है वहाँ के हिंदुओ में। इसको (अरविन्द केजरीवाल) ये लग गया था कि वहाँ 90 सीट आएँगी और वो मुख्यमंत्री बन जाएँगे वहाँ के। मैंने कहा कि पंजाब के लोग आपको स्वीकार नहीं करेंगे।”
अरविन्द केजरीवाल की रणनीति पर बात करते हुए कवि कुमार विश्वास कहते हैं, “मैंने कहा कि पंजाब में लोग बिना पगड़ी वाले आदमी को स्वीकार नहीं करेंगे। पंजाब सूबा नहीं बल्कि वो एक इमोशन है, वो भी पूरी दुनिया के लिए। पूरी दुनिया में जो पंजाबी और सिख फैले हुए हैं उनके लिए पंजाब एक इमोशन है। मैंने अरविंद से पूछा कि कैसे बनेगा कैसे? वह 200% सीएम बनना चाहता था। मैंने पूछा क्या फॉर्मूला है सीएम बनने का? तो उन्होंने (केजरीवाल) बताया कि जब 90 सीटें आ जाएँगी तो हम फुल्का ग्रुप और भगवंत मान ग्रुप में फूट डलवाएँगे।”
इसके आगे कुमार विश्वास कहते हैं, “जब मैंने पूछा कि बनेगा कैसे सीएम तो उसने बोला- वहाँ जब नब्बे सीट आ जाएँगी तो उनको लगेगा कि फुल्का बनेगा तो दूसरी तरफ लगेगा कि भगवंत मान बनेगा। फिर तीन-चार दिन न्यूज चलेगी, झगड़ा होगा। फिर तू (विश्वास) चला जाना, आशुतोष चला जाएगा। तुम दोनों वहाँ जाकर केंद्र के पर्यवेक्षक के तौर पर विधायकों से बात करना और फिर ये कहना कि वो (विधायक) कह रहे हैं कि या तो अरविंद को बनाओ या फिर हमारे कैंडिडेट को बनाओ। मैं भारी मन से दिल्ली को छोड़ दूँगा और मनीष को दिल्ली सौंप के पंजाब चला जाऊँगा। मनीष को लोग पंसद भी कर रहे हैं। फिर धीरे-धीरे वहाँ जमा भी लेंगे।”
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/asdffdsa.jpg190671Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-14 10:06:522021-01-14 10:52:06अरविंद केजरीवाल के पंजाब प्लान का कुमार ने किया खुलासा अब देखें उत्तर प्रदेश के लिए क्या है रणनीति
किसान संगठनों ने 26 जनवरी के प्रोटेस्ट पर भी स्टैंड क्लियर कर दिया है। किसानों का कहना है कि गणतंत्र दिवस पर हम शांतिपूर्ण रैली निकालेंगे। इसमें हिंसा होने जैसी कई अफवाहें फैलाई जा रही हैं। कोर्ट को भी इस मामले में गुमराह किया गया है। हम साफ कर दें कि हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं और किसी भी तरह की हिंसा स्वीकार नहीं करेंगे।
नयी दिल्ली(ब्यूरो) :
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगले आदेश तक कृषि कानूनों पर रोक लगाए जाने और कमेटी के गठन के आदेश के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वे किसानों के साथ बातचीत करने के बाद तय करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के पास जाएंगे या नहीं। किसान नेता टिकैत ने आगे कहा कि यदि सरकार ने जबरदस्ती किसानों को हटाने की कोशिश की तो इसमें दस हजार लोग मारे जा सकते हैं। मालूम हो कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से बड़ी संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं। इन किसानों की मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसानों के 4 ऐतराज
कानूनों के अमल पर रोक अंतरिम राहत है, पर ये हल नहीं है। किसान संगठन इस उपाय की मांग नहीं कर रहे थे, क्योंकि कानूनों को तो कभी भी लागू किया जा सकता है।
यह साफ है कि कई ताकतों ने कमेटी के गठन को लेकर कोर्ट को गुमराह किया है। कमेटी में शामिल लोग वो हैं, जो इन कानूनों को समर्थन करने के लिए जाने जाते हैं और लगातार इन कानूनों की वकालत करते रहे हैं। वो यह लिखते रहे हैं कि ये कानून किसानों के लिए किस तरह फायदेमंद हैं।
ये कृषि कानून कार्पोरेट्स को खेती और मंडियों पर कंट्रोल करने का रास्ता बनाएंगे। इन कानूनों से किसानों पर कर्ज बढ़ेगा, उपज के दाम कम होंगे, किसानों का घाटा बढ़ेगा, सरकार द्वारा खरीदी कम होगी, खाद्यान्न के दाम बढ़ेंगे, किसानों की खुदकुशी और भूख से मौतें बढ़ेंगी। कर्ज के कारण किसानों को अपनी जमीनों से बेदखल होना पड़ेगा। सरकार ने लोगों और अदालत, दोनों से इन कानूनों के सख्त पहलुओं को छिपाया है।
किसान सरकार से बातचीत करना चाहते हैं, वो सुप्रीम कोर्ट से बातचीत नहीं करना चाहते हैं। किसान सुप्रीम कोर्ट में खुद को रिप्रेजेंट नहीं कर सकते हैं। इसलिए हम इस पर कोई कमेंट नहीं कर रहे हैं और न ही इसका कोई विरोध कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कोर्ट के आदेश के बाद कहा, ”हम किसानों की कमेटी में इसकी चर्चा करेंगे। 15 जनवरी को होने वाली किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत में भी शामिल होंगे। जो कोर्ट ने कमेटी बनाने की बात की है, उसमें बाद में बताएंगे कि जाएंगे या नहीं, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा। जब तक बिल वापस नहीं होगा, तब तक घर वापसी नहीं होगी।” उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड करके रहेगा।
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि किसान यहां से अब कहीं नहीं जा रहा है। सरकार का आकलन है कि यहां हटाने पर एक हजार आदमी मारा जा सकता है। यह गलत आकलन है। यदि जबरन हटाने की कोशिश की गई तो यहां 10 हजार आदमी मारा जा सकता है। टिकैत ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट के आदेश से किसानों को कोई राहत नहीं मिली है। आंदोलन लंबा चलेगा। कोर्ट की तरफ से जारी समिति के नाम में सरकार से बातचीत कर रहे 40 संगठनों में से कोई भी नाम नहीं हैं।”
अगले आदेश तक कानून लागू करने पर रोक चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने इस मामले में मंगलवार को भी सभी पक्षों को सुनने के बाद इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी। पीठ ने कहा कि वह इस बारे में आदेश पारित करेगी। कोर्ट द्वारा गठित की जाने वाले समिति इन कानूनों को लेकर किसानों की शंकाओं और शिकायतों पर विचार करेगी। इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विरोध कर रहे किसानों से भी सहयोग करने का अनुरोध किया और स्पष्ट किया कि कोई भी ताकत उसे गतिरोध दूर करने के लिए इस तरह की समिति गठित करने से नहीं रोक सकती है।
कोर्ट ने लगाई थी सरकार को फटकार इससे पहले, सोमवार को हुई सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मोदी सरकार को जमकर फटकार लगी थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से सवाल किया था कि कृषि कानूनों पर आप रोक लगाएंगे या हम लगाएं। हालांकि, इसके बाद केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों पर रोक लगाने का विरोध किया था। सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा था कि किसी कानून पर तब तक रोक नहीं लगाई जा सकती, जब तक वह मौलिक अधिकारों या संवैधानिक योजनाओं का उल्लंघन ना करें। वहीं, जब वेणुगोपाल ने मामले में और समय मांगा तो कोर्ट ने कहा कि श्रीमान अटॉर्नी जनरल हम आपको बहुत समय दे चुके हैं, कृपया आप हमें संयम पर भाषण ना दें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/Superem-Couurt-snvaaie.jpg433717Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-12 18:58:542021-01-12 19:00:09सर्वोच्च न्यायालय की कमेटी को किसानों की मंजूरी नहीं, आंदोलन जारी रहेगा और होगा ट्रैक्टर मार्च भी
दोस्ती में विश्वास का क़त्ल, दोस्त ने अपने ही दोस्त को उतारा मौत के घाट।
गंगोह पुलिस की बड़ी क़ामयाबी, मर्डर की बन्द गुत्थी 48 घण्टों से भी कम समय में सुलझाई।
उत्तर प्रदेश में आये दिन रिश्तों को कलंकित करने वाली खबरें आम हो गयी है, लेकिन अब रिश्तों में विश्वास के भी कोई मायने नही रह गए है? आज एक ऐसा ही मामला थाना गंगोह क्षेत्र में सामने आया है जहां दोस्ती में विश्वास व रिश्तों का क़त्ल हुआ है, एक दोस्त ने अपने ही जिगरी दोस्त व उसके विश्वास को अपने ही मकान में दफ़न कर दिया, लेकिन शायद अपराधी को क्राइम करने से पहले यह सोच लेना चाहिये था कि उसका सामना गंगोह प्रभारी इंस्पेक्टर यगदत्त शर्मा से होने वाला है, अपने आपकों पाक शाक भले ही रख लिया हो लेकिन गंगोह पुलिस की गहनता से हुई जांच से उसका बचना मुश्किल ही नही न मुमकिन था,पुलिस ने उक्त मामलें की पूरी गुत्थी 48 घण्टों से भी कम समय में सुलझा कर रख दी और असली अपराधी को उसकी किये की सजा दिलाने में गंगोह पुलिस की प्रशंसा होना लाजमी है, क्योकि यहां एक ऐसा क्राइम हुआ था जिसमें गहरी दोस्ती पर विश्वास को बलि चढ़ाया गया, लेकिन पुलिस ने भी अपनी बेस्ट पुलिसिंग का परिचय देते हुए उक्त वारदात को खोलकर रख दिया।
मिली जानकारी के अनुसार जिगरी दोस्त सुनील पुत्र सुरेन्द्र निवासी ढलावली थाना गंगोह ने ही अपने सगे दोस्त ईश्वर उर्फ बिट्टू पुत्र कश्मीरा निवासी ग्राम कुंडाकला थाना गंगोह की हत्या कर शव को अपने ही मकान में दफ़न कर दिया था, बताया जा रहा है कि कातिल दोस्त ने ही दोस्त की हत्या से पहले खुदवाई थी कब्र, क़ातिल सुनील ने उसी गड्ढे में अपने जिगरी दोस्त बिट्टू की हत्या कर उसके शव को दबा दिया था, 7 तारीख से लापता था मृतक युवक बिट्टू, दोस्त ने ही रची हत्या की पूरी साज़िश, हत्या कर बिट्टू के शव को बोरी में डालकर अपने कमरे में खुदे गड्ढे में ही दबाया, ताकि किसी को भी शक न हो, पुलिस ने भी सतर्कता दिखाई और मामलें की तय तक पहुँची, परिजनों की सूचना पर पुलिस ने क़ातिल दोस्त को आलाकत्ल व एक साइकिल सहित बरामद कर किया गिरफ्तार, पुलिस ने गड्ढा खुदवा कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया, थाना गंगोह क्षेत्र के गांव कुंडाकला की है पूरी वारदात, उक्त सनसनी वारदात का खुलासा करने वाली टीम में थाना गंगोह प्रभारी यगदत्त शर्मा, वरिष्ठ उपनिरीक्षक राधेश्याम, उपनिरीक्षक नन्दकिशोर शर्मा, हैड-कांस्टेबल निपेन्द्र सिंह, कॉन्स्टेबल-अजय राठी, राजीव कुमार, सन्नी कुमार सहित अन्य पुलिस कर्मी शामिल रहें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/murdered.jpg450640Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-12 11:51:262021-01-12 11:52:32दोस्ती में विश्वास का क़त्ल, दोस्त ने अपने ही दोस्त को उतारा मौत के घाट
24 स्थानों पर दूसरे चरण की ड्राई रन का सफल संचालन।
ग्रामीण क्षेत्रों में 31 सेंशन तथा शहरी क्षेत्रों में 16 सेंशन आयोजित।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के निर्देशन में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के ड्राई रन का सफल संचालन हुआ। उन्होंने ड्राई रन के सफल संचालन तथा ड्राई रन को पूरा करने के लिए की गयी व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन के टीकाकरण के लिए 24 स्थानों पर 54 सेंशन आयोजित किये गये। कोविन पोर्टल पर सेसन साईट का निर्धारण, वैक्सीन आवंटन तथा वैक्सीन एवं प्रत्येक सत्र के लिये 15 लाभार्थियों को अपलोड किया गया। चिन्हित सेशन पर कार्य करने वाले वैक्सीनेटर्स, सहयोगी कर्मियों तथा संबंधित चिकित्सा इकाई के प्रभारी चिकित्साधिकारी का प्रशिक्षण किया गया है।
डी एम अखिलेश सिंह आज नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नेहरू मार्किट, एस0बी0डी0 जिला चिकित्सालय में ड्राई रन पर आयोजित पूर्वाभ्यास में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. एस. चनप्पा एवं मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 बी0एस0सोढी उपस्थित रहें तथा ड्राई रन के कार्यों का निरीक्षण के साथ ही स्वंय जनपदीय कोल्ड चैन, सहारनपुर का भी निरीक्षण किया गया।
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 बी0एस0सोढी ने बताया कि अन्र्तविभागीय समन्वय के लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित कर ड्राई रन के सफल क्रियान्वयन हेतु रणनीति तैयार की गयी थी। उन्होंने कहा कि सभी विभागों का अपेक्षित सहयोग प्राप्त हुआ। चिन्हित सेशन पर कार्य करने वाले वैक्सीनेटर्स, सहयोगी कर्मियों तथा संबंधित चिकित्सा इकाई के प्रभारी चिकित्साधिकारी का प्रशिक्षण दिया गया है।
डाॅ0 बी0एस0सोढी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवबंद पर चार सेंशन किए गए। इसी प्रकार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गंगोह, नागल, रामपुर मनिहारान, पुवांरका, बेहट, सरसावा व मुजफ्फराबाद में 3-3, फतेहबाद व हरोरा में एक-एक नकुड़, ननौता में 2-2, राजकीय मेडिकल काॅलेज में 3 तथा समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुनहेटी खेडखड़ी में 4 सेशन आयोजित किये गये। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार शहरी क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जिला अस्पताल व महिला अस्पताल में 4-4 सेंशन आयोजित हुए। जबकि नेहरू मार्किट, हल्लापुर, अमन विहार, महीपुरा, गढ़ी मलूक, अशोक विहार, केयर हाॅस्पिटल दिल्ली रोड़ तथा तारावती हाॅस्पिटल में एक-एक सेशन आयोजित किये गये। उन्होंने बताया कि सभी जगह ड्राई रन का सफल आयोजन हुआ।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/IMG-20210112-WA0007.jpg9601280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-12 11:21:472021-01-12 11:22:1124 स्थानों पर दूसरे चरण की ड्राई रन का सफल संचालन
शनिवार को‘आआपा’ विधायक सोमनाथ भारती ने अमेठी के जगदीशपुर में पार्टी कार्यकर्ता मीटिंग में कहा था कि भाजपा सरकार में गुंडों का राज है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में बच्चे तो पैदा हो रहे हैं, लेकिन कुत्तों के बच्चे पैदा हो रहे हैं। उनके इस बयान पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और इसी केस में उन्हें सोमवार को रायबरेली से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें फुरसतगंज थाने ले जाया गया। हालांकि, उसके बाद उन्हें कहां ले जाया गया इस बारे में पुलिस कुछ भी नहीं बता रही है।
अमेठी/नयी दिल्ली:
आम आदमी पार्टी‘आआपा’ के विधायक सोमनाथ भारती आज (जनवरी 11, 2021) सुबह से चर्चा में हैं। रायबरेली में उनके चेहरे पर स्याही फेंके जाने की घटना के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मारने की धमकी दी। पुलिस अधिकारियों के साथ अभद्रता करने पर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
Shocked to learn that my bail application has been kept pending till 13th January n I am sent to judicial custody of 14 days.
इस बीच ‘आआपा’ के कई नेता उनके लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं। सीएम केजरीवाल ने भी उनके पक्ष में पोस्ट किया है। मगर,‘आआपा’ के सभी दिग्गज शायद भुला रहे हैं कि जिस सोमनाथ भारती की बदजुबानी को वह आज योगी सरकार की नाकामयाबी कहकर छिपा रहे हैं, उनसे जुड़े विवादों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। लें साथ ही सोमनाथ भारती की भाषा भी सुनें
हालिया मामलों से हम अच्छे से वाकिफ हैं कि उन्होंने कैसे पुलिस को धमकाया। कैसे योगी आदित्यनाथ की मौत की धमकी दी। कैसे यूपी के अस्पतालों में पैदा हो रहे बच्चों की तुलना कुत्ते के बच्चों से की। लेकिन, थोड़ा फ्लैशबैक में जाएँ तो उनके कई कारनामे हैं जो मीडिया में कई दिन तक चर्चा में रहे।
बीवी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप
सोमनाथ भारती पर अपनी बीवी को कुत्ते से कटवाने का आरोप 2015 में सामने आया था। आप विधायक की पत्नी लिपिका ने मीडिया के सामने मदद की गुहार लगाते हुए घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना आदि का आरोप लगाया था।
लिपिका ने दिल्ली महिला आयोग में दर्ज कराई अपनी शिकायत में कहा था, “भारती ने कुत्ते से मुझे कटवाया। जब कुत्ते ने मुझ पर हमला किया, तब सोमनाथ भारती वहीं खड़े रहे और देखते रहे। कुत्ते ने मुझे पेट में और कई अन्य हिस्सों पर काटा। भारती ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं और मुझे तत्काल कोई प्राथमिक चिकित्सा तक मुहैया नहीं करवाई।”
महिलाओं के साथ बदसलूकी करने वाले सोमनाथ भारती के रवैये का खुलासा 2018 में महिला एंकर से बातचीत के दौरान भी हुआ था। सुदर्शन न्यूज की महिला पत्रकार से बात करते हुए उन्होंने ‘ये भड़^*$# करना बंद करो। जाकर धंधे पर बैठ जाओ’ कहा था। इसके बाद आप विधायक ने 2019 के चुनावों का इंतजार करने के लिए महिला एंकर से कहा और बोले, “ये भड़*%गिरि” नहीं चलेगी, 2019 का इंतजार कर लो।
विदेशी महिलाओं को प्रताड़ित किया
दिल्ली के ख़िड़की एक्सटेंशन मामले में भी सोमनाथ भारती पर अपने समर्थकों के साथ खिड़की एक्सटेंशन में युगांडा मूल के 9 लोगों के घर में घुसकर उनके साथ मारपीट करने का आरोप है। महिलाओं ने उनके ऊपर छेड़खानी और बदसलूकी के भी आरोप लगाए थे। सोमनाथ भारती ने सफाई में कहा था कि उन्हें शिकायत मिली थी कि युगांडा के नागरिक उस इलाके में ड्रग्स और वेश्यावृत्ति का व्यापार कर रहे हैं। लिहाजा दिल्ली के कानून मंत्री के तौर पर उन्होंने वहाँ पुलिस के साथ मिलकर रेड की।
पुलिस की वर्दी उतारने की धमकी
हालिया मामलों की बात करें तो आज ही सोमनाथ भारती ने पुलिस अधिकारी से नोंकझोंक के दौरान अपना रसूख दिखाते हुए कहा,“आपकी वर्दी उतरवाएँगे हम। हम पहचान रहे हैं आपको। जो-जो आज बद्तमीजी कर रहा है मेरे साथ, सबकी वर्दी उतरवाऊँगा मैं। आप हट जाइए यहाँ से।”
मुख्यमंत्री योगी के लिए पुलिस से भारती ने कहा,“ये सब करने से कुछ नहीं होगा अतुल, योगी की मौत सुनिश्चित है। उसको अरेस्ट करिए। मेरी बात समझ लो। योगी से बोल दो ये सब करने से कुछ नहीं होगा। आप समझ लीजिए। यही सब करवा रहे हैं आप?”
इसी प्रकार यूपी अस्पतालों में पैदा होने वाले बच्चों की तुलना सोमनाथ भारती ने कुत्तों से की थी। उन्होंने कहा, “हम उत्तर प्रदेश में आए हैं। हम यहाँ के स्कूलों को देख रहे हैं। यहाँ के अस्पताल को देख रहे हैं। ऐसी बदतर हालत में हैं कि अस्पतालों में बच्चे तो पैदा हो रहे हैं, लेकिन कुत्तों के बच्चे पैदा हो रहे हैं।”
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/Aombhar.jpg364650Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-11 18:47:072021-01-11 18:51:38यूपी के अस्पतालों में कुत्ते के बच्चे पैदा होते हैं; योगी की मौत निश्चित है, लिखवालों मुझसे: आआपा विधायक सोमनाथ भारती
सीजेआइ ने कहा कि कोर्ट को ऐसा लगता है केंद्र सरकार इस मुद्दे को सही से संभाल नहीं पा रही है। इसलिए हमें इस बारे में कोई कार्रवाई करनी पड़ेगी। यह बेहद गंभीर मामला है।सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि केंद्र सरकार और किसान संगठनों में हाल ही में मुलाकात हुई, जिसमें तय हुआ है कि चर्चा चलती रहेगी और इसके जरिए ही समाधान निकाला जाएगा। मुख्य न्यायाधीश ने इसपर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार इस मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रही है, हम उससे खुश नहीं हैं। हमें नहीं पता कि आपने कानून पास करने से पहले क्या किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रस्ताव करते हैं कि किसानों के मुद्दों के समाधान के लिए कमिटी बने। हम ये भी प्रस्ताव करते हैं कि कानून के अमल पर रोक लगे। इस पर जिसे दलील पेश करना है कर सकता है। इस पर एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि अदालत तब तक कानून पर रोक नहीं लगा सकती, जब तक कि यह नहीं पता चलता कि कानून विधायी क्षमता के बिना पारित हो गया है और कानून मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि अगर उसने कृषि कानूनों पर रोक नहीं लगाई, तो उसे खुद ये काम करना होगा। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की। इन याचिकाओं पर CJI एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले से निपटने के सरकार के तौर-तरीकों से वह निराश है।
शीर्ष अदालत ने सरकार से पूछा कि बातचीत की आखिर कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई कि पूरे के पूरे राज्य बगावत पर उतर गए हैं? जब अटॉर्नी जनरल ने पढ़ कर सुनाया कि इन प्रक्रियाओं को पूर्ववर्ती सरकारों ने ही शुरू किया था तो CJI ने कहा कि इससे कुछ साबित नहीं होता। CJI ने कहा कि वे एक सर्वमान्य निदान की तरफ देख रहे हैं। अटॉर्नी जनरल ने उन्हें बताया कि किसान संगठन जिद पर अड़े हैं कि या तो तीनों कृषि कानूनों को ख़त्म किया जाए, या आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि वो इन कृषि कानूनों पर रोक क्यों नहीं लगा रहे? उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार जिम्मेदारी दिखाते हुए इसे रोकने का आश्वासन देती है तो सुप्रीम कोर्ट एक समिति बना कर इसे देखने को कहेगा। तब तक इसे रोक कर रखा जाए। उन्होंने पूछा कि आखिर इसे क्यों जारी रखा जा रहा है? उन्होंने बताया कि अब तक एक भी ऐसी अर्जी नहीं आई है, जिसमें कहा गया हो कि ये कृषि कानून ठीक है।
CJI बोबडे ने कहा कि अगर कुछ किसान संगठन इसे सही मान रहे हैं तो उन्हें जाँच समिति के समक्ष ये बातें कहने दीजिए, लेकिन केंद्र सरकार बताए कि वो इन कृषि कानूनों पर रोक लगाएगी या ये काम सुप्रीम कोर्ट करे? उन्होंने कहा कि इसे निलंबन की अवस्था में डालिए। उन्होंने कहा कि वो इस पक्ष में नहीं है कि इस कानून को रोका ही जाए, वो बस ये कह रहे हैं कि लागू न किया जाए। CJI ने बार-बार दोहराया कि वो इन कानूनों के कार्यान्वयन को रोक देंगे।
Supreme Court bench led by CJI SA Bobde to consider a clutch of petitions seeking removal of farmer protesters near Delhi borders owing to #COVID19 and petitions challenging the Constitutional validity of the three #FarmActs#SupremeCourtpic.twitter.com/GNzsoah4MK
उन्होंने आशंका जताई कि कुछ ऐसी घटनाएँ हो सकती हैं जिससे शांति भंग हो, भले ही ये जान-बूझकर किया गया हो या फिर गैर-इरादतन। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसी दिशा-निर्देशों को नहीं मान रहे हैं, ऐसे में किसी भी नुकसान का भागी सुप्रीम कोर्ट नहीं बनेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने इस बात पर जोर दिया कि प्रदर्शनकारी भी आंदोलन रोक कर समिति के पास जाएँ, पर CJI ने कहा कि कोर्ट किसी को प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकता।
अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को याद दिलाया कि जब तक किसी कानून से संविधान के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता, वो उस पर रोक नहीं लगा सकता। उन्होंने कहा कि एक भी याचिका इस मामले को नहीं छूती है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि दक्षिण भारत में एक भी किसान संगठन ने प्रदर्शन नहीं किया। हरियाणा में हुई हिंसा की भी उन्होंने चर्चा की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे कानून तोड़ने का कभी समर्थन नहीं कर सकते।
बता दें कि कृषि सुधार क़ानूनों का विरोध लगातार दूसरे महीने भी जारी है, जिसमें ज़्यादातर किसान संगठन पंजाब के हैं। जहाँ एक तरफ किसान अपनी माँग पर अड़े हुए हैं कि उन्हें किसी भी तरह का संशोधन स्वीकार नहीं है, वहीं दूसरी तरफ सरकार ने भी किसान संगठनों के ब्लैकमेलिंग पर समर्पण करने से साफ़ मना कर दिया है। सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि कृषि सुधार क़ानून वापस नहीं लिए जा सकते हैं, बल्कि बेहतर यही होगा कि अब इस मुद्दे पर देश की सबसे बड़ी अदालत फैसला ले।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/Superem-Couurt-snvaaie.jpg433717Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-11 14:43:512021-01-11 14:44:38सर्वोच्च न्यायालय सख्त, किसान मस्त सरकार पस्त
रामपुर मनिहारान (सहारनपुर) प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवा केन्द्र के तत्वावधान में कस्बे के विभिन्न सामाजिक एवम् संस्थाओं वर्ग के लिए स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारभ मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राज्य सभा (सांसद) कांता कर्दम ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संसार एक सागर हैं जिसमें सुख के शीतल बयार है तो दुःख या परिस्थितियों रूपी तूफान भी। ऐसे मे अपने जीवन रूपी नैया को सफलता पूर्वक लक्ष्य तक पहुॅचाने के लिए हमें दिव्य गुणों और शक्तियों की आवश्यकता है। बीके संतोष बहन ने कहा कि अभ्यास हमें सर्वशक्तिसम्पन्न बनाता है। इस अभ्यास से अष्ट शक्तियो की प्राप्ति होती है।
उन्होंने कहा कि राजयोग में परमपिता परमात्मा को अन्तर्रात्मा की आवाज से याद करना होता है, जिसमें भजन कीर्तन एवं मंत्रा एवं मालाओं का जाप करने की आवश्यकता नहीं होती। राजयोग का ध्येय पुजारी से पूजा और भिखारी से अधिकारी बनना होता है। राजयोग में परमात्मा से कनेक्शन जोडना पडता है। इस कार्य में मन और बुद्धि को माध्यम से बनाना होता है। इससे भक्ति साधनों की आवश्यकता नहीं होती। राजयोगी को परम पिता से कुछ मांगने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि अपने को लायक, योग्य एवं पात्रा बनाना पडता है।
पूर्व चेयरमैन प्रतिनिधि प्रदीप चौधरी एवं जैन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य दीपक श्रीवाल ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में ऋषिपाल, राजकुमार, पत्रकार मनोज शर्मा, ताहिर मलिक, राजन गुप्ता, धर्मेश गुप्ता, तारिक सिद्दकी आदि उपस्थित रहे। बीके सुशील कुमार, कोमल, पूजा, सरिता का विशेष योगदान रहा।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2021/01/IMG-20210111-WA0006.jpg7201280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-11 12:28:072021-01-11 12:28:22लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए हमें दिव्य गुणों एवं शक्तिओ की आवश्यकता: कांता कर्दम
“इनमें कई अनुभवहीन हैं, एक साल पहले तक जो पार्टी में सदस्य भी नहीं थे, उन्हें जिम्मेदारी दे दी जा रही है। लगातार निष्काम भाव से 30 सालों से पार्टी में सेवा देते रहे हैं, उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है। जिससे पार्टी की नींव कमजोर हो रही है।”, शिव कुमार पाण्डेय।
अमेठी/नई दिल्ली:
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से बड़ी बगावत सामने आई है। पार्टी के मजबूत नेता के रूप में जाने जाने वाले पूर्व कॉन्ग्रेस के प्रदेश सचिव और मौजूदा प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी (PCC) के सदस्य शिव कुमार पाण्डेय समेत 35 अन्य पदाधिकारियों ने सोनिया गाँधी को अपना इस्तीफा दे दिया है। बता दें कॉन्ग्रेस जिलाध्यक्ष के द्वारा नई कार्यकारिणी का हाल ही में गठन किया गया है।
प्रदेश सचिव कॉन्ग्रेस कमेटी सदस्य शिव कुमार पांडेय ने कहा, “हमारे निष्ठावान कॉन्ग्रेसी वर्षों से निरंतर पार्टी की सेवा करते चले आ रहे हैं। पार्टी को कमजोर करने के लिए जिलाध्यक्ष और अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी कार्य कर रहे है। हाल ही में गठित ब्लॉक की नई कार्यकारिणी में पुराने कार्यकर्ताओं को तवज्जो न देकर अन्य पार्टी से आए लोगों को महत्वपूर्ण पद पर बैठा दिया गया है।”
गौरतलब है कि 26 दिसंबर को ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी के गौरीगंज स्थित नवोदय विद्यालय में मीडिया से कहा था, “2024 में रायबरेली में भी बीजेपी का कमल खिलेगा।” उसके ठीक 13वें दिन कॉन्ग्रेस में इस तरह की बगावत ने राजनैतिक सरगर्मियाँ बढ़ा दी हैं। वहीं ईरानी का बयान भी अब चर्चा का विषय बन गया है।”
शिव कुमार ने पार्टी के भितरघात का जिक्र करते हुए यह भी कहा, “इनमें कई अनुभवहीन हैं, एक साल पहले तक जो पार्टी में सदस्य भी नहीं थे, उन्हें जिम्मेदारी दे दी जा रही है। लगातार निष्काम भाव से 30 सालों से पार्टी में सेवा देते रहे हैं, उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है। जिससे पार्टी की नींव कमजोर हो रही है।”
कॉन्ग्रेस नेता ने कहा, “जैसे अमेठी में सांसद की कुर्सी कॉन्ग्रेस से छिन गई है, वैसी ही दशा इस जिले में होती जा रही है।” इसको लेकर सांसद और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा शिव कुमार दावा किया कि आलाकमान की ओर से ध्यान नहीं दिया गया तो इस्तीफा देनेवाले कार्यकर्ताओं का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी आलाकमान को इस्तीफा देने वालों में कॉन्ग्रेस पीसीसी सदस्य शिवकुमार पांडेय, ऊँचाहार के किसान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष अनुज सिंह, पूर्व जिला महासचिव यूथ कॉन्ग्रेस रायबरेली साधना सिंह, महासचिव ब्लाक रोहनिया रमेश कुमार पाण्डेय, ब्लाक रोहनिया सचिव छैलबिहारी, रोहनिया ब्लाक महिला ब्लाक अध्यक्ष रामश्री पटेल, जिला सचिव महिला रानू देवी, शुभम, रामबहादुर पटेल, तारावती, सजनलाल मौर्य, लवप्रकाश, वेदप्रकाश, निरंजन सिंह, ब्रज बहादुर सिंह, मुकेश, नागेन्द्र बहादुर सिंह, देवतादीन, संदीप पासी, इंन्द्रजीत रैदास, रामखेलावन पासी, शिवकुमारी सिंह, शहीद अहमद, रामपाल सिंह, रामसुख पटेल, दिनेश कुमार नाई आदि हैं।
हालाँकि, अभी तक किसी का भी इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। इतने इस्तीफे एक साथ सामने आने के बाद भी जिला के पदाधिकारी इस मामले पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/Rahul-Sonia-gandhi-birthday.jpg464696Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2021-01-11 05:49:062021-01-11 05:49:43सोनिया के गढ़ अमेठी में सब कुछ ठीक नहीं, पीसीसी के 35 सदस्यों ने दिया इस्तीफा