डा एम् के सहगल को  एमिनेंट अम्बेडकराइट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 15 मार्च :

डा एम् के सहगल को राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिये एमिनेंट अम्बेडकराइट  अवॉर्ड से डी ऐ वी कॉलेज फॉर गर्ल्स  में सम्मानित किया गया। यह अवार्ड कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय स्तर दो दिविसय सेमिनार के दौरान दिया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला यमुनानगर विधायक घनश्याम दास अरोरा मुख्यातिथि के तौर पर उपस्थित रहे । साथ सेशन अतिथि के रूप में मेयर मदन चौहान उपस्थित रहे ।  सेमिनार का आयोजन आई सी एस एस आर, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ व् डीएवी कॉलेज फॉर गर्ल्स, यमुनानगर के मानव अधिकार विभाग  और अर्थशास्त्र विभाग के सहयोग द्वारा किया गया । सेमिनार का विषय  “डॉ. बी. आर. अंबेडकर और उनका दर्शन: समावेश, समानता और गरिमा” रहा । यह सम्मान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने विशिष्ट व्यक्तियों को दिया गया जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और दूरदर्शी दृष्टि से अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की और सभी महत्वाकांक्षी युवको के लिए एक उदाहरण स्थापित किया। सम्मान प्रदान करने का उद्देश्य प्रतिष्ठ व्यक्तियों  के योगदान के लिए उनकी सराहना करना है जिन्होंने अपने क्षेत्र में एक अलग ही पहचान बनाई और अच्छा काम किया है और अपनी कड़ी मेहनत से समाज उत्थान का कार्य किया है। डा. सहगल यमुनानगर जगाधरी मैनेजमेण्ट एसोसिएशन के प्रेजिडेंट पद को सुशोभित करते है  जो आईमा से एफिलिएटेड हैं।  वह शिक्षा के साथ-साथ समाजसेवा की गतिविधियों के साथ भी  मजबूती से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपने गुणात्मक विस्तार के बल पर कई संस्थान विकसित किए हैं। उनकी सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी उन्हें जिला यमुनानगर की विशिष्ट शख्शियत बनाती है जो समाज में शिक्षा को  बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

डा एम् के  सहगल ने कहा कि  अवार्ड का मिलना सम्मान की बात है जिससे उन्हें भविष्य में और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने अपने सन्देश में बताया कि बाबा साहेब बचपन से ही बुद्धिमान और पढ़ाई में अच्छे थे, इसलिए उन्होंने जात-पात की जंजीरों को तोड़ अपनी शिक्षा पूरी की ।  बाबा साहब ने शिक्षा के संबंध में जो संदेश दिया था, उस पर चल कर ही समाज का और देश का उत्थान संभव है। बाबा साहब के बनाए संविधान से देश की अखंडता सुरक्षित है। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए की हमें अन्याय के विरुद्ध चुप नहीं बैठना चाहिए बल्कि उसका खुलकर विरोध करना चाहिए। हमें समाज में प्रचलित कुरीतियों को आँख बन्द करके अपनाने के बजाय उनका विरोध करना चाहिए। व्यक्ति अपनी योग्यता एवं क्षमता से ही उच्च पद प्राप्त करता है एवं सम्मान पाता है।

इस अवसर पर डा एम् के सहगल, देवी दास, दिलप्रीत कौर, डा मीनू जैन, डा कृष्ण कुमार , डा घनश्याम देव, प्रोफेसर एमानुएल नाहर, अवतार सिंह, अनीता मोदगिल व कई गण्यमान्य लोग मोजूद रहे।

शिक्षा के भविष्य की कल्पना : दिमाग और नवाचार का एक अभिसरण

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 14 मार्च    :

एडुवर्स समिट सीरीज़ को नई दिल्ली में अपने आगामी कार्यक्रम, एडुवर्स समिट इंडिया 2024 की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। जेडब्ल्यू मैरियट एयरोसिटी में 30 और 31 अगस्त को होने वाला यह शिखर सम्मेलन शैक्षिक क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होने का वादा करता है। परिदृश्य, दुनिया भर से विचारशील नेताओं, नीति निर्माताओं, शिक्षकों और एडटेक नवप्रवर्तकों को एक साथ लाना। इसकी जानकारी एडुवर्स समिट सीरीज़ के ग्लोबल इवेंट्स के कार्यकारी निदेशक अविनव शर्मा और डायरेक्टर पब्लिक रिलेशन्स अंशुल नंदा ने दी।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अभिनव शर्मा और अंशुल नंदा ने बताया कि एडुवर्स समिट सीरीज़ के ग्लोबल इवेंट्स के पहले दिन- विचारों की एक सिम्फनी शिखर सम्मेलन एक उद्घाटन समारोह और “वैश्विक शिक्षा में उभरते रुझान” पर एक मुख्य भाषण के साथ शुरू होगा, जो दो दिनों की विचारोत्तेजक चर्चा और आगे की सोच वाले समाधानों के लिए मंच तैयार करता है। उपस्थित लोग पैनल चर्चा में भाग लेंगे जो शिक्षा उत्कृष्टता के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर चर्चा करेंगे और नीतिगत नवाचारों का पता लगाएंगे जो भविष्य के शैक्षिक ढांचे को तैयार कर रहे हैं।

इंटरविविंग कल्चर्स एंड एजुकेशन विषय पर दूसरे दिन विचारों के क्रॉस-परागण के लिए एक अवसर प्रस्तुत करेगा। क्योंकि पैनल चर्चा “पाठ्यचर्या में क्रॉस-सांस्कृतिक अनुभवों को एकीकृत करने” और वैश्विक शैक्षिक परिदृश्य की जटिलताओं पर ध्यान केंद्रित करती है। गतिशील वैश्विक परिदृश्य के लिए अनुकूली शैक्षिक नीतियों को तैयार करने पर एक विशेष फायरसाइड चैट अगले दशक के लिए रणनीतियों की पेशकश करती है।

अभिनव शर्मा ने आगे कहा कि नई दिल्ली में एडुवर्स समिट सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है; यह एक गठबंधन है जहां शिक्षा के क्षेत्र में सबसे प्रतिभाशाली दिमाग यह परिभाषित करने के लिए एकत्रित होते हैं कि सीखना क्या हो सकता है और क्या होना चाहिए। हम एक शैक्षिक क्रांति के शिखर पर हैं, और यह शिखर सम्मेलन वह जगह है जहां हम होंगे परिवर्तन की चिंगारी प्रज्वलित करें।

अनुभवात्मक शिक्षण और नैतिक नेतृत्व इंटरैक्टिव सत्र जैसे “शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का निर्माण” प्रतिभागियों को सहयोग करने और शिक्षा में नए रास्ते बनाने के लिए व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा। “शिक्षा में नैतिक नेतृत्व” पर एक समर्पित विशेषज्ञ वार्ता भविष्य के शिक्षकों को आकार देने में सत्यनिष्ठा और मूल्यों के महत्व पर प्रकाश डालती है।

पायनियर्स के लिए एक मंच शिखर सम्मेलन के एक्सपो और नेटवर्किंग सत्र शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी लोगों के लिए अपने अभिनव समाधान प्रदर्शित करने के लिए बेजोड़ अवसर पेश करते हैं। मंच उत्साही बातचीत, रणनीतिक साझेदारी और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए तैयार है जो वैश्विक शिक्षा के भविष्य को आकार देगा।

एडुवर्स समिट इंडिया 2024: प्रभाव शैक्षिक नवाचार की चौड़ाई और गहराई को कवर करने के लिए डिज़ाइन किए गए एक व्यापक एजेंडे के साथ, एडुवर्स समिट इंडिया 2024 अनगिनत शैक्षिक प्रक्षेप पथों को प्रभावित करने के लिए खड़ा है। 

एडुवर्स समिट इंडिया 2024: प्रभाव शैक्षिक नवाचार की चौड़ाई और गहराई को कवर करने के लिए डिज़ाइन किए गए एक व्यापक एजेंडे के साथ, एडुवर्स समिट इंडिया 2024 अनगिनत शैक्षिक प्रक्षेप पथों को प्रभावित करने के लिए खड़ा है। नीति निर्माताओं से लेकर एडटेक स्टार्टअप तक, प्रत्येक भागीदार कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि और सार्थक कनेक्शन के साथ रवाना होगा।

GCG 42 में कला एवं शिल्प की दो दिवसीय कार्यशाला

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 09 मार्च    :

स्नातकोत्तर राजकीय कन्या महाविद्यालय सैक्टर ४२ चण्डीगढ़ में प्राचार्या प्रो निशा अग्रवाल जी के कुशल निर्देशन में चित्रकला विभाग के प्रमुख श्री विनोद कुमार के मार्गदर्शन में पिडिलाइट उद्योग द्वारा प्रायोजित कला एवं शिल्प की दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।इस कार्यशाला में नामवर कलाकार डॉ. बलजिंदर सिंह गिल ने शिरकत करते हुए बच्चों को कला और शिल्प की बारीकियाँ बताते हुए हस्तनिर्मित कला और दर्पण सजाना,  जूट के बैग्स की रंगीन कलाकारी,  मोबाइल के कवर्स को सजाना, वन स्ट्रोक पेंटिंग इत्यादि सम्बन्धी कलाओं पर विस्तृत चर्चा भी की और बच्चों को प्रशिक्षण देते हुए उन्हें कुछ नमूने बनाकर भी दिखाए।और इस क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु प्रेरित भी किया। इस कार्यशाला में कुल 50 छात्राओं ने भाग लिया। विभाग के प्रमुख श्री विनोद कुमार ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद ज्ञापित किया और इस कार्यशाला के सफल होने में सभी को मुबारकबाद दी और आगे भी ऐसे नये-नये विषयों पर कार्यशालाएँ करवाने की बात रखी ताकि भविष्य में बच्चे और आगे बढ़ सकें।

वर्मीकम्पोस्टिंग प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 07 मार्च    :

पीजीजीसीजी-11 महाविद्यालय, चंडीगढ़ के प्राणीशास्त्र विभाग ने निदेशक उच्च शिक्षा, चंडीगढ़ प्रशासन के तत्वावधान में 7 मार्च, 2024 को विभिन्न गतिविधियों का संचालन करके उद्यमिता के लिए वर्मीकम्पोस्टिंग प्रौद्योगिकी (60 घंटे, 3 क्रेडिट पाठ्यक्रम) पर कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम पर एक जागरूकता गतिविधि का आयोजन किया। दरअसल यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण और उद्यमिता के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की एक पहल थी। कॉलेज की प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अनिता कौशल इस अवसर की मुख्य अतिथि थीं। डॉ. दलीप कुमार, रजिस्ट्रार, एमिटी यूनिवर्सिटी, मोहाली, डॉ. कामना बरकतकी, निदेशक, सेंट्रल पोल्ट्री डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन, चंडीगढ़, श्री मदन शर्मा, संस्थापक, ग्लोबल एपियरी, श्री रमेश (प्रधान जी), गौशाला, सेक्टर-45, चंडीगढ़, श्री लाल चंद (गुशाला, मोहाली), डॉ. संगीता मेहतानी और डॉ. मधुरिमा शर्मा, एल्यूमिना, पीजीसीजीसी-11, चंडीगढ़ समारोह के सम्मानित अतिथि थे। स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए पोस्टर मार्किंग, नारा लेखन, कविता लेखन, भाषण लेखन, वीडियो निर्माण और रंगोली निर्माण जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और उन्हें वर्मीकम्पोस्टिंग के लाभों के बारे में जागरूक किया गया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार लक्ष्मी देवी मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट (पंजीकृत) द्वारा प्रायोजित किए गए थे। डॉ. दलीप कुमार ने सुश्री सना खान का उदाहरण देकर स्टार्टअप के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. कामना बरकतकी ने उद्यमिता में कौशल विकास की भूमिका पर जोर दिया। मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) अनिता कौशल ने सभी छात्रों को बधाई दी और उन्हें उद्यमिता के लिए एकजुट होने के लिए प्रेरित किया। प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) अनीता कौशल ने छात्रों के बीच कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए समन्वयकों, डॉ. उमेश भारती और डॉ. रवनीत कौर द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया। घटनाओं के परिणाम थे:

पोस्टर बनाना-
प्रथम पुरस्कार – समीक्षा बोध (एम.एससी. द्वितीय प्राणीशास्त्र)
द्वितीय पुरस्कार- अदिति शर्मा (बीसीए-द्वितीय)
तृतीय पुरस्कार- अंकिता (बी.एससी. द्वितीय मेडिकल)

नारा लेखन-
प्रथम पुरस्कार-जसप्रीत कौर (एम.एससी. द्वितीय प्राणीशास्त्र)
द्वितीय पुरस्कार- कीर्ति (बी.एससी. III मेडिकल)
तृतीय पुरस्कार- मुस्कान सांगवान (बीएससी प्रथम मेडिकल)

कविता लेखन
प्रथम पुरस्कार-ज़िया अख्तर (बी.एससी. I मेडिकल)
द्वितीय पुरस्कार- काशवी (बी.एससी. I मेडिकल)
तृतीय पुरस्कार- अंजलि (बी.एससी.II मेडिकल)
सांत्वना पुरस्कार- मीनाक्षी (एम.एससी. I जूलॉजी)

भाषण लेखन
प्रथम पुरस्कार – कोमल (एम.एससी. I जूलॉजी)
द्वितीय पुरस्कार- गीतांजलि (एम.एससी. प्रथम प्राणीशास्त्र)
तृतीय पुरस्कार- रमनदीप कौर (एम.एससी. द्वितीय प्राणीशास्त्र)

वीडियो बनाना
प्रथम पुरस्कार – प्रियांशी (बी.एससी. I मेडिकल)
द्वितीय पुरस्कार- सीरत राणा (बी.एससी. I मेडिकल)
तृतीय पुरस्कार- हिमानी (एम.एससी. द्वितीय प्राणीशास्त्र)

रंगोली बनाना
प्रथम पुरस्कार – गीतांजलि एवं अलका सैनी
द्वितीय पुरस्कार-अंकिता और आकांक्षा
तृतीय पुरस्कार-ममता एवं सुशील

नेतृत्व, जिम्मेदारी और आत्मविश्वास की भावना के साथ काम करना सीखने जैसे कौशल सिखाते हैं खेल : डॉ. आभा सुदर्शन 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 06 मार्च    :

सेक्टर 46 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज की 41वीं वार्षिक एथलेटिक मीट का आज महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. आभा सुदर्शन ने शुभारम्भ किया। उन्होंने कॉलेज का झंडा फहराया और मीट के उद्घाटन की घोषणा की। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यार्थियों द्वारा मार्च पास्ट के साथ हुई। अपने संबोधन में डॉ. सुदर्शन ने स्वस्थ दिमाग और स्वस्थ शरीर के विकास में खेल की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। खेलों के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि खेल नेतृत्व, जिम्मेदारी और आत्मविश्वास की भावना के साथ काम करना सीखने जैसे कौशल सिखाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि छात्रों को अपने व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए खेलों में भाग लेना चाहिए। स्पोर्ट्स मीट में छात्रों ने विभिन्न खेल गतिविधियों जैसे 5000 और 10000 मीटर दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, भाला फेंक, डिस्कस थ्रो, शॉट पुट, धीमी साइकिल दौड़ और रस्साकशी आदि में सक्रिय भागीदारी देखी। इस मौके पर डीन डॉ. राजेश कुमार, वाइस प्रिंसिपल डॉ. बलजीत सिंह, डॉ. राजिंदर कौरा, प्रमुख, शारीरिक शिक्षा विभाग, डॉ विशव गौरव और सुश्री सुनीता आदि मौजूद थे।

जीजीडीएसडी कॉलेज में टेडेक्स के नौवें संस्करण में वक्ताओं ने दिए सफलता के मंत्र


डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 05 मार्च    :

सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज में टेडेक्स जीजीडीएसडी कॉलेज का नौवां संस्करण “क्वेस्ट फॉर कोशिएंट” थीम पर आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने सफलता के सार को फिर से परिभाषित किया। इस कार्यक्रम में बहुआयामी गायिका, रैपर और टेलीविजन हस्ती जैस्मिन सैंडलास, जीवन प्रशिक्षक और स्वास्थ्य प्रेमी कोमल नारंग, रोडीज़ कॉफ़ीहौज़ एंड चिका लोका बाय सनी लियोन के सह-संस्थापक साहिल बवेजा, क्रूज़ और बेस्टएलप्रांप्ट.कॉम के नवोन्वेषी पारस मदान, पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट व कंटेंट क्रिएटर, सीए साक्ची जैन, उल्लेखनीय कंटेंट क्रिएटर और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर जसप्रीत द्योरा  और ऑफ-ड्यूटी, बे-सिक, निकसि स्किनकेयर के सह-संस्थापक और एक अनुभवी मार्केटिंग विशेषज्ञ मदीना एस खान जैसी प्रसिद्ध हस्तियों ने छात्रों के साथ अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा के भाषण से हुई, जिन्होंने निरंतर सीखने और अनुकूलन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी का प्रभाव संचार, मनोरंजन, कार्य और शिक्षा के माध्यम से हमारे दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को महत्वपूर्ण रूप से आकार देता है। जीजीडीएसडी सोसायटी की प्रेसिडेंट वैशाली शर्मा ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि विशेषज्ञों के अनुभवों से छात्र प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि कृतज्ञता सार्थक परिवर्तन लाने के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में कार्य करती है, जो प्रत्येक व्यक्ति के भीतर प्रगति और परिवर्तन की अपार संभावनाओं को प्रज्वलित करती है।

कार्यक्रम की शुरुआत मनमोहक कथक प्रदर्शन के साथ हुई, जिसने सांस्कृतिक विसर्जन और बौद्धिक उत्तेजना के लिए मंच तैयार किया। अंतराल की शुरुआत हर्षित लाइव बैंड की मनमोहक धुनों से हुई, जिन्होंने अपनी संगीत प्रतिभा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। एमसीएम के डांस ग्रुप आवेग की आश्चर्यजनक प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। सौ से अधिक लोगों की उपस्थिति के साथ  इस कार्यक्रम ने प्रेरणा की किरण के रूप में काम किया। उपस्थित लोगों को किट प्रदान की गईं, जो कार्यक्रम के स्थायी प्रभाव का प्रतीक थीं।

खालसा कॉलेज, मोहाली ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया

  • समाज के विकास में महिलाओं की भूमिका अहम, उनका सम्मान जरूरी: डा. हरीश कुमारी

डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली – 05 मार्च    :

खालसा कॉलेज (अमृतसर) आफ टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस स्टडीज, फेज 3ए में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम में विशेष रूप से पहुंची सांस्कृतिक संरक्षणवादी, संगीतकार, सामाजिक प्रभावक सुनैनी शर्मा, गर्ल्स राइज फॅार मोहाली संस्था की फाउंडर उपिंदरप्रीत कौर गिल, प्रसिद्ध नाटककार, डायरेक्टर, एक्टर गुरिंदर एस मकना, सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद सुरजीत कौर, समाज सेवी तथा पूर्व डीपीआर मोहाली डॉ उमा शर्मा को कॉलेज की प्रिंसीपल डॉ हरीश कुमारी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और कहा कि समाज के विकास में महिलाओं की भूमिका अहम है, उनका सम्मान बेहद जरूरी है। हर क्षेत्र में उनकी जबरदस्त कामयाबी पर हमें गर्व करना चाहिए।

कार्यक्रम की शुरुआत महिलाओं पर आधारित एक लघु नाटिका का मंचन के साथ हुई। जो कि ‘माये नी मैं किन्नू आखा’ विषय पर था, जिसे सभी ने खूब सराहा।

कार्यक्रम के दौरान गर्ल्स राइज फॅार मोहाली संस्था की फाउंडर उपिंदरप्रीत कौर गिल ने इस अवसर पर कहा कि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाओं ने अपनी पहचान नहीं बनाई है। महिलाएं राष्ट्र और हमारे समाज के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण धुरी हैं। उन्होंने कहा कि पुरुषों द्वारा महिला सशक्तिकरण को स्वीकार करना आज की जरूरत है। गुरिंदर एस मकना ने कहा कि कला से जुड़े लोग हमेशा समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। भारत में महिलाओं ने कला में उल्लेखनीय योगदान दिया और उनके योगदान को सभी कलात्मक इलाकों में सराहा गया।

सुनैनी शर्मा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि किसी भी देश का विकास वहां की महिलाओं की शिक्षा में निहित है। महिलाएं स्वयं में एक पूर्ण चक्र हैं, जो कुछ भी सही है उसके लिए लड़ने के लिए उसके पास अपनी क्षमता है। आज महिला न केवल अपने स्वयं के अधिकारों की रक्षा करती है, बल्कि दूसरों के अधिकारों की भी कीमत और रक्षा करती है। 

इस अवसर पर सुरजीत कौर ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला।  डॉ उमा शर्मा ने  महिला की सुरक्षा और आत्मसम्मान की बात पर जोर दिया। 

कार्यक्रम का समापन पर प्रिंसिपल डॉ. हरीश कुमारी ने आए हुए सभी मेहमानों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया।

प्रोफेसर्स की पक्की भर्ती की मांग को लेकर आज निकालेंगे मौन जुलूस : प्रोफेसर सुभाष सपड़ा

  • हरियाणा के राजकीय कॉलेजों में खाली पड़े सहायक प्रोफेसर्स के हजारों पदों पर पक्की भर्ती की मांग को लेकर आज निकालेंगे मौन जुलूस: सुभाष सपड़ा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 05 मार्च    :

प्रदेश के राजकीय कॉलेजों में खाली पड़े सहायक प्रोफेसरों के हजारों पदों पर रेगुलर भर्ती की मांग को लेकर हरियाणा एस्पाइरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएशन  लगातार संघर्ष कर रहा है। लंबे समय से चली आ रही इन मांगो को लेकर सैकड़ो नेट/स्कॉलर्स/टॉपर्स आज 06 मार्च को पंचकूला  में मौन जुलूस निकालेंगे। हापा के संस्थापक सदस्य व हरियाणा राजकीय कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (HGCTA) के पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा ने बताया कि इस प्रदर्शन की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। प्रदर्शन के लिए प्रदेश के सैकड़ो बेरोजगार युवा अभ्यर्थी पंचकूला  में इकट्ठा हो रहे हैं, जहां मौन जुलूस निकालते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

प्रोफेसर सपड़ा ने बताया कि हरियाणा में सरकार द्वारा वर्ष 2019 में कुल 524 पदों पर कुछ ही विषयों में आखिरी बार सहायक प्रोफेसर प्रोफेसरों की भर्ती की गई थी। आधे से अधिक विषय ऐसे भी हैं जिनपर वर्ष 2016 के बाद से अब तक भर्ती नहीं हुई है। जबकि प्रदेश सरकार ने रेगुलर भर्ती के संबंध में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक हलफनामा देकर बताया था कि राज्य के राजकीय कॉलेज में सहायक प्रोफेसर प्रोफेसर के कुल 8137 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से कुल 4738 पद रिक्त हैं अर्थात कुल का 60 फ़ीसदी पोस्ट रिक्त हैं। सरकार पक्की भर्ती के नियमों में संशोधन का हवाला देकर इसे टालती आ रही है। मार्च 2020 में उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा ने 2592 असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों की नई नियुक्तियों की स्वीकृति दी थी। परंतु यह फाइल भी इधर उधर कार्यालयों में धूल चाट रही है। 

प्रोफेसर सुभाष सपड़ा ने बताया कि हरियाणा प्रदेश के राजकीय कॉलेजों में करीब 2000 एक्सटेंशन लेक्चर बिना किसी पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया व बिना आरक्षण नीति को लागू किए कार्य कर रहे हैं। 4 मार्च 2020 को एक्सटेंशन लेक्चरर्स की गैरकानूनी तरीके से नई नीति बनाकर फर्जीवाड़ा कर इनको किसी न किसी तरह से कालेजों समायोजित किया जा रहा है। 

अब जबकि प्रदेश सरकार 3 जनवरी 2024 की केबिनेट मीटिंग में भर्ती के नियमों में संशोधन की मंजूरी भी ले चुकी है। इसके बावजूद सहायक प्रोफेसर्स की नियमित नियुक्ति नहीं होने से इन पदों के हजारों उम्मीदवारों में मायूसी है। और नौकरी की अधिकतम आयु सीमा पार कर रहे हैं।

रेगुलर सहायक प्रोफेसर्स की पक्की व नई भर्ती की मांगों को लेकर प्रदेश के सैकड़ो बेरोजगार युवा अभ्यर्थी पंचकूला व चंडीगढ़ की सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं।

खेलों से होता है सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास : निश्चल चौधरी

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर 29              फरवरी    :

महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय जगाधरी में वार्षिक खेलकूद दिवस का आयोजन हुआ जिसमें कॉलेज के पूर्व छात्र व वर्तमान में भाजपा युवा मोर्चा जिला यमुनानगर के अध्यक्ष निश्चल चौधरी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में कॉलेज प्रबंधन समिति के पदाधिकारी डॉ अश्वनी गोयल, प्रवीण गर्ग,पवन गर्ग, सुमित बंसल मौजूद रहे, कॉलेज की प्राचार्या डॉक्टर करुणा व स्पोर्ट्स मीट के समन्वयक हेमराज कोशिश ने मुख्य अतिथि निश्चल चौधरी व सभी वशिष्ठ अतिथियों का पुष्प गुच्छ  देकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि भाजयुमो जिला अध्यक्ष निश्चल चौधरी के खेल के मैदान पर पहुंचे छात्र व छात्राओं ने करतल ध्वनि व मालाऐं पहनकर उनका स्वागत किया। वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ मार्च पास्ट ध्वजारोहण तथा खेल दिवस की शुरूआत की उदघोषणा से हुई। मार्च पास्ट में कॉलेज के विभिन्न क्लब समितियो और सभी विभागों ने भाग लिया। खिलाड़ियों को बी.ए. फाईनल की छात्रा कुमारी शीतल द्वारा खेल के नियमों व खेल की भावना से खेलने की शपथ दिलाई गयी । खेल दिवस के आयोजक प्रौ. हेमराज कौशिश ने सभी का स्वागत करते हुए खेल दिवस में होने वाली सभी प्रतियोगिताओं  और उनसे सम्बंधित नियमों की संक्षिप्त रूप रेखा प्रस्तुत की, प्रौ. हेमराज कोशिश ने कहा कि खेल के माध्यम से विद्यार्थी अपनी क्षमता का निर्माण करके देश सेवा  में अपना योगदान दे सकते हैं साथ ही साथ अपने कॉलेज और परिवार का नाम रोशन कर सकते है। वार्षिक खेलकूद दिवस के आयोजक प्रोफेसर हेमराज कोशिश ने मुख्य अतिथि निश्चल चौधरी के बारे में बताते हुए कहा कि निश्चल चौधरी इसी कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हैं। तथा कॉलेज में रहते हुए उन्होंने कॉलेज की विभिन्न गतिविधियों में बढ़ चढ़कर भाग लिया जैसे यूथ फेस्टिवल ब्लड डोनेशन उन्होंने कहा कि ब्लड डोनेशन कैंप के दौरान निश्चल चौधरी को विद्यार्थियों की तरफ से मोटीवेटर बनाया गया था और उन्होंने अपना काम सफलता से करते हुए उसे वर्ष 513 यूनिट ब्लड इकट्ठा किया था।कॉलेज की प्राचार्या डॉक्टर करुणा ने अपने स्वागत भाषण में कॉलेज की संपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा 2024 से 2029 के अगले 5 सालों की एक रूपरेखा सबके सामने रखी। डॉक्टर करुणा ने निश्चल चौधरी के बारे में बताते हुए कहा कि मुख्य अतिथि निश्चल चौधरी में नेतृत्व का गुण कॉलेज के टाइम से ही है तथा उन्होंने कॉलेज में रहते हुए कॉलेज की प्रत्येक गतिविधि में बढ़.चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होने कहा कि निश्चल चौधरी के अन्दर समन्चय संगठन कार्य के गुण पहले से ही विद्यमान थे। सन् 2013 मे कॉलेज में हुए यूथ फैस्टिवल में निश्चल चौधरी व उसकी टीम द्वारा किये गए कार्यो की भरपूर सराहना की।खेल दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि निश्चल चौधरी जो सन् 2011 से 2014 तक महाविद्यालय के विद्यार्थी रहे ने कहा कि  भारत सरकार द्वारा नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए फीट इंडिया की शुरूआत की गई तथा खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेलो इण्डिया की शुरूआत की गई जिसका उददेश्य भारत मे खेलों के विकास को बढ़ावा देना है। उन्होने सभी विद्यार्थियों को अपने स्वास्थ्य एवं खेलो में भाग लेने के लिए प्रेरित किया तथा साथ ही विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने का सदेंश दिया। मुख्य अतिथि निश्चल चौधरी ने कहा कि खेलों से एक व्यक्ति का संपूर्ण विकास होता है तथा खेलों से ही नेतृत्व की भावना विकसित होती है उन्होने कॉलेज जीवन की यादों को सांझा किया और बताया कि विद्यार्थी के रूप में उन्होने किस तरह यूथ फैस्टिवल और रक्तदान शिविर के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की,उनका कॉलेज जीवन का अनुभव उनके अन्दर नेतृत्व के गुणों का विकास करने में सहायक रहा । उन्होने अपने सभी प्राध्यापकों के प्रति भी सम्मान और आभार व्यकत किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की निश्चल चौधरी ने स्वयं गोला फेंक कर प्रतियोगिताओं की शुरुआत की उसके बाद विधिवत रूप से खेल प्रतियोगिताओं की शुरुआत हुई।इस आयोजन में स्वागत कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यार्थियों के द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी प्रस्तुत किया गया। मंच का संचालन डॉ. राखी द्वारा किया गया।खेल दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं व खेलों का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों के साथ-साथ कॉलेज की प्राचार्या डॉ. करूणा  व स्टाफ ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया। खेल दिवस में 100 मीटर ,200 मीटर,400 मीटर,800 मीटर एवं 1500 मीटर रेस, लम्बी एवं उॅची कूद,शार्टपुट, रस्सा खीचना,थ्री लैग रेस आदि का आयोजन किया गया।खेल दिवस के समापन समारोह में कॉलेज प्राचार्या डॉ. करूणा व अन्य स्टाफ सदस्यों के द्वारा विजेता खिलाड़ियों व स्टाफ सदस्यों को मैडल, ट्राफी व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। खेल दिवस को सफल बनाने में सभी स्टॉफ सदस्यों ने बढ़ चढ़कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया। अन्त में आयोजक प्रौ. हेमराज कोशिश ने आये महमानों का तथा सभी स्टाफ सदस्यों का खेल दिवस को सफल बनाने के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया तथा विजेताओं को बधाई व शुभकामनाएं दी। वार्षिक खेल को दिवस के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी लड़कियों में पूजा व लड़कों में वर्षित रहे।

भारत में सतत विकास पर हुआ एसडी कॉलेज में हुआ इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन

सेमिनार की आयोजन सचिव डॉ. रुचि शर्मा ने टिकाऊ रणनीतियों की आवश्यकता पर दिया बल

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 27 फरवरी    :

गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज, चंडीगढ़ में मंगलवार को भारत में सतत विकास पर इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम में भारत में सतत विकास की तत्काल जरूरत को संबोधित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों, विशेषज्ञों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार रखे। सेमिनार की शुरूआत औपचारिक दीप प्रज्वलन के साथ हुई। डॉ. प्रीति वोहरा ने उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए सेमिनार के उद्देश्यों को रेखांकित किया। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा ने सभी अतिथियों व वक्ताओं का स्वागत किया।

 महर्षि अग्रसेन यूनिवर्सिटी, बद्दी के वाइस-चांसलर प्रो.आरके गुप्ता, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के डीन कॉलेज डेवलपमेंट कौंसिल प्रो.संजय कौशिक, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पटियाला के वाइस चेयरमैन प्रो. आदर्श विग विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे। मुख्य वक्ता व्रोकला यूनिवर्सिटी ऑफ बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स, पोलैंड से प्रोफेसर बारबरा मरोज-गोर्गन और ब्रिटिश कोलंबिया के फ्रेजर वैली यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर जियाकोमो मेंगुची ने बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की। जीजीडीएसडी कॉलेज सोसाइटी के महासचिव प्रो. अनिरुद्ध जोशी ने सेमिनार के विषय पर जोर देते हुए ‘वृक्ष सुरक्षा’ के बैनर तले वृक्षारोपण जैसी स्थायी प्रथाओं का आग्रह किया। आयोजन सचिव डॉ. रुचि शर्मा ने टिकाऊ रणनीतियों की आवश्यकता पर बल देते हुए अपने 169 लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

प्रो. संजय कौशिक की वैश्विक स्थिरता स्थितियों की तुलना ने 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए, विशेष रूप से युवाओं को शामिल करते हुए, सामूहिक प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया। प्रो. आदर्श विग ने पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए आत्म-निरीक्षण पर जोर दिया और युवाओं से सकारात्मक बदलाव के लिए प्रतिबद्धता का आग्रह किया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर बारबरा ने ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो की संस्कृति’ के हानिकारक प्रभावों पर जोर देते हुए ब्रांडिंग के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में बताया। प्रो. जियाकोमो मेंगुची ने एसडीजी रिपोर्ट से अंतर्दृष्टि साझा की, जिससे उपस्थित लोगों को स्थायी कार्यों के लिए प्रेरित किया गया। प्रो. आरके गुप्ता ने स्थिरता में ‘पंचतत्व’ के महत्व पर प्रकाश डाला, ‘बायोडिग्रेडेबल बरियल पॉड’ की अवधारणा प्रस्तुत की जो मृतक को एक पेड़ में बदल देती है।

पहले तकनीकी सत्र  में एक पैनल चर्चा का आयोजन हुआ जिसमें प्रोफेसर दीपांकर शर्मा, डॉ. दिव्या महाजन, डॉ. नितिन अरोड़ा और डॉ. मनदीप महेंद्रू शामिल थे। उन्होंने अपनी बातचीत में सतत विकास के लिए बुनियादी भारतीय ज्ञान प्रणालियों की वापसी की वकालत करते हुए विविध पहलुओं को शामिल किया। दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ.स्मिता शर्मा ने की। सत्र में 25 रिसर्च स्कॉलर्स ने सौंदर्य प्रसाधन, म्यूचुअल फंड, ग्रीन जॉब्स और लैंगिक समानता सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्थिरता पर अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए शोध पत्र प्रस्तुत किए। “पर्यावरण और स्थिरता” पर तीसरे सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर दीपांकर शर्मा ने की। सत्र में पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया। डॉ. नितिन अरोड़ा की अध्यक्षता में “सामाजिक कल्याण और स्थिरता” पर चौथा सत्र आयोजित हुआ। पंजाब यूनिवर्सिटी के इक्ऩॉमिक्स विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमृता शेरगिल ने समापन भाषण दिया और राष्ट्र के सतत विकास की बड़ी चुनौतियों से लड़ने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर सतर्कता की आवश्यकता पर सबका ध्यान आकर्षित किया। पूरे सेमिनार में 100 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए और विचारों पर चर्चा की गई।