CAA के समर्थन में एबीवीपी पंचकुला ने निकली रैली

जहां एक ओर सारे देश में CAA को जाने बिना, CAA के खिलाफ़ राजनीति से प्रेरित और प्रायोजित हिंसक प्रदर्शन चल रहे हैं, वहीं आज पंचकुला के सरकारी महाविद्यालय सैक्टर 1 की एबीवीपी की छात्र संगठन की इकाई की पहल से पंचकुला में सरकार द्वारा लाये गए इस कानून के समर्थन में छात्रों ने रैली निकाली

आज पंचकूला सेक्टर 1 के राजकीय स्नोतकार महाविद्यालय की विद्यार्थी परिषद यानी कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने #caa (citizenship amendment act) के समर्थन में एक तिरंगा यात्रा निकाली जिसमे शामिल होने के लिए परिषद के प्रदेश मंत्री सुनील भारद्वाज ने भी शिरकत की व परिषद के सभी विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया व यात्रा में बढ़ चढ़ कर भाग भी लिया।

यह यात्रा सेक्टर 1 के महावविद्याल से लेकर पंचकूला सेक्टर 5 के गीता चौक तक चली जिसमे विद्यार्थियों ने हाथ में तिरंगा व #caa के समर्थन से जुड़े पोस्टरों के साथ प्रदर्शन किया, प्रदर्शन में परिषद के जिला संयोजक पँडित पवन दुबे भी मौजूद थे।

हर व्यक्ति मे किसी न किसी प्रकार की प्रतिभा है जिनको अनेक मंचों के माध्यम से दिखाया जाता है: ओम प्रकाश यादव

पंचकूला, 18 दिसम्बर- 

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि हर व्यक्ति मे किसी न किसी प्रकार की प्रतिभा है जिनको अनेक मंचों के माध्यम से दिखाया जाता है। उन्होंने यह बात दिव्यांगजन, वृद्वजन और नशा के क्षेत्र में कार्य करने वाले उत्कृष्ट व्यक्तियो और संस्थाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यअतिथि के रूप में शिरकत करने पर कही है।

कार्यक्रम में पहुचनें पर राज्य मंत्री यादव ने दीप प्रज्जवलित कर शुभांरभ किया, और वहां पर दिव्यांग बच्चों, जिला रेडक्रास सोसाईटी करनाल, राजकीय दिव्यागं स्कूल पानीपत द्वारा लगी गई प्रर्दशनी व बच्चों की पेंटिग का अवलोकन कर बच्चों की सहराना की।उन्होनें इस अवसर पर दिव्यांगजन, वृद्धजन व नशा मुक्ति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के व्यक्तियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार में कुल 11 लाख 50 हजार रूपये की राशि वितरित की गई है। जिसमें 13 दिव्यांग जनों को 3 लाख 60 हजार, 15 वृद्धजनों को 4 लाख 40 हजार और 10 व्यक्तियों व संस्थाओं को नशा मुक्ति के क्षेत्र में 3 लाख 50 हजार रुपये की राशि पुरस्कार और समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया है। राज्य मंत्री ने 104 वर्षीय पंडित शादी राम वेद्व जिला कुरूक्षेत्र को प्रथम पुरस्कार, शतवर्षीय पुरस्कार 50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया है और श्रेष्ठ माता का प्रथम पुरस्कार श्रीमती रेवती देवी जिला रेवाडी को भी 50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया। नशा मुक्ति के क्षेत्र में कार्य करने वाले नशा मुक्ति एवं परामर्श केंद्र भगत फूल सिंह, राजकीय महिला महाविद्यालय खनपुर कलां सोनीपत को प्रथम पुरस्कार 50 हजार रुपये का चेक से नवाजा गया है। सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कर्मचारी का प्रथम पुरस्कार भुदत्त शर्मा जिला रेवाडी को 25 हजार रुपये का चेक  और शील्ड व प्रंशसा पत्र  देकर सम्मान किया गया है और अलावा अन्य द्वितीय और तृतीय पुरस्कार वितरित किए गए।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अनेक जन कल्याणकारी योजनांए दिव्यांग, वृद्धजनों के लिए चलाई गई है। दिव्यांगजन भी हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं, इसलिए दिव्यांगों की हर व्यक्ति को हरसंभव सहायता अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से दिव्यांग भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ें रहेंगे और वे समाजहित व देशहित में पूरी ताकत से काम करते रहेंगे।

यादव ने कहा कि हमारे बुजुर्ग ही समाज की सबसे अनमोल धरोहर हैं। बुजुर्गों के ज्ञान और अनुभवों की बदौलत से ही देश और समाज को खुशहाली और विकास की सही दिशा की ओर ले जाया जा सकता है। इनके अनुभवों व मार्गदर्शन से समाज में न केवल उन्नति और विकास की राह आसान होती है, बल्कि पारिवारिक संबंधों में भी घनिष्ठता और सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहता है।

यादव ने कहा कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के जिलो से आए दिव्यांग बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मंच के माध्यम से अपनी प्रतिभा दिखाई है वह अपने आप में अनूठी है और उन्होनें कहा कि दिव्यांग बच्चे अपनी प्रतिभा से खेलों के माध्यम से मेडल जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है।

इस अवसर पर राज्य मंत्री ने कहा कि नशा एक बहुत ही गंभीर समस्या है जो आज के युवाओं को अपने जाल में जकड रही है। इसको खत्म करने के लिए व्यक्ति और संस्थाओं को आगे आकर काम करना चाहिए।इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती नीरजा शेखर ने कहा कि विभाग आगे आने वाली योजनाओं की रूप रेखा तैयार कर रहौ है। उन्होनें कहा कि दिव्यांगों को मजबूत बनाने के लिए शिक्षा, खेल और व्यावसाय में उनकी भागीदारी जरूरी है।

उन्होनें कहा कि विभाग की वेबसाइट पर हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध है। इस अवसर पर दिव्यांग जन हरियाणा के आयुक्त दिनेश शास्त्री, विभाग की निदेशक श्रीमती ऋतु , अतिरिक्त निदेशक श्रीमती रानी नागर सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहें।

महिला को गोली मारने वाला काबू

कोरल, पंचकुला 18 दिसम्बर :- 

       श्री कमलदीप गोयल, ह.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकुला के दिशा-निर्देशानुसार जिला में अपराधों तथा असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए पंचकुला पुलिस को कड़े दिशा-निर्देश दिये हुए है । इन्ही दिशा-निर्देशों के तहत पुलिस चौकी बरवाला, पंचकुला की टीम द्वारा महिला को गोली मारकर जान से मारने की कोशिश करने के आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है । पकड़े गये आरोपी की पहचान विजय कुमार पुत्र श्याम लाल के रूप मे हुई है । पकड़ा गया आरोपी गांव केसरी जिला अम्बाला का रहने वाला है ।

        प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव सुन्दरपुर निवासी एक युवक ने पुलिस मे शिकायत दी थी कि मोटरसाईकिल सवार एक युवक ने उसकी माता को रोटीयां बनाने के बहाने घर से बाहर बुलाकर गोली मार दी । गोली लगने से घायल अवस्था मे महिला को अस्पताल मे भर्ती करवाया गया । जिस शिकायत पर थाना चण्डीमन्दिर मे जान से मारने की कोशिश व आर्मस एक्ट की धाराओ की तहत मामला दर्ज करके कार्रवाही अमल मे लाई गयी ।  पुलिस द्वारा कार्रवाही करते हुए आरोपी युवक विजय को विधी पूर्वक गिरफ्तार कर लिया गया है । आरोपी को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया व माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी का 2 दिन का पुलिस रिमाण्ड प्रदान किया गया ।   

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 18.12.2019

Three arrested for possessing illegal liquor

Chandigarh Police arrested Dharra R/o # 1390, Ph-1, Ram Darbar, Chandigarh while he was illegally possessing 16 quarters of country made liquor near Gurudwara, Ph-1, Ram Darbar, Chandigarh on 17.12.2019. A case FIR No. 301, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-31, Chandigarh. Later he was released on bail. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested Mangat Sharma R/o # 1172, Ph-2, Ram Darbar, Chandigarh while he was illegally possessing 16 quarters of country made liquor near Govt. School, Ph-2, Ram Darbar, Chandigarh on 17.12.2019. A case FIR No. 302, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-31, Chandigarh. Later he was released on bail. Investigation of the case is in progress.

Operation Cell of Chandigarh Police arrested Ashish @ Kaku R/o # 320, Village-Kajheri, Chandigarh who was selling recovered 8 boxes of English Wine/ Whisky, one box country made liquor, one box of Halves of country made liquor and 3 boxes of quarters of country made liquor in front of Sunil Kiryana Store, Sector-52, Chandigarh on 17.12.2019. A case FIR No. 255, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-36, Chandigarh. Later he was released on bail. Investigation of the case is in progress.

Action against obstructing public way

A case FIR No. 460, U/S 283 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh against Dharmender Kumar R/o # 147/1, Sector-55, Chandigarh who was arrested while he was obstructing public way with rehri/fari in front of SCO No. 73, Sector-40/C, Chandigarh on 16-12-2019. Later he was bailed out. Investigation of the case is in progress.

NDPS Act

A case FIR No. 300, U/S 18 NDPS Act has been registered in PS-31, Chandigarh on the complaint of Peeyush Bahl R/o Plot No. 360, Excel Worldwide Pvt Ltd, Phase-2, Ind. Area, Chandigarh who reported that while inspecting one parcel 130 gm Afeem was found on 13.12.2019. The parcel was booked by Mr. Balwinder Singh C/O DTDC Courier, Near Bhole Sweets, Old Ropar Bus Stand, Sirhind, Dist. Fatehgarh Sahib, Pujab. Investigation of the case is in progress.

Copyright Act

A case FIR No. 394, U/S 63 Copyright Act has been registered in PS-17, Chandigarh in connection with the Vigilance Enquiry against owner of Happy Book Depot, SCO No. 2409, Sector-22C Chandigarh. During surprise checking by Vigilance team along with NCERT Expert, the stocks of NCERT books seems to be duplicate were seized from Happy Book Depot Sector-22C Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Dowry

          A lady resident of Village Behlana, Chandigarh alleged that her husband & others resident of Kharar, (PB) harassed complainant to bring more dowry. A case FIR No. 165, U/S 406, 498-A has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

हिंसात्मक प्रदर्शनों से CAA का क्या बिगड़ेगा

पिछले तीन दिनों से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रही हिंसा की तस्वीरें इस बात का प्रमाण हैं कि हमारे देश में कुछ लोग संविधान की रक्षा के नाम पर संविधान की ही धज्जियां उड़ा रहे हैं. प्रधान मंत्री कहते हैं कि बिना वजह खौफ का माहौल बनाया जा रहा है ताकि मुसलमानों को डराया जा सके, जबकि सच यह है कि हिंसक प्रदर्शन, आगजनी, मारकाट तोडफोड सिर्फ समुदाय विशेष इलाकों में हो रही है।यदि डरा हुआ समुदाय विशेष यह सब कर सकता है तो सोचो निडर होकर वह क्या करेगा?

चंडीगढ़::

एक बहुत मशहूर कहावत है, ‘हाथ कंगन को आरसी क्या?’. पिछले तीन दिनों से नागरिकता संशोधन कानून(CAA) के विरोध में हो रही हिंसा की तस्वीरें इस बात का प्रमाण हैं कि हमारे देश में कुछ लोग संविधान की रक्षा के नाम पर संविधान की ही धज्जियां उड़ा रहे हैं. लेकिन इन सारे प्रमाणों के बावजूद हमारे देश के कुछ लोग हैं जो इन तस्वीरों को सच मानने के लिए तैयार ही नहीं है. ऐसे ही लोगों की पैरवी करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है.

शनिवार को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शनों के नाम पर हिंसा हुई थी. इस हिंसा के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की, कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया और कुछ के खिलाफ FIR दर्ज की गई. मंगलवार को पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं ने उपद्रवी छात्रों की गिरफ्तारी का विरोध किया और दलील दी कि छात्रों को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की तरफ से पेश हुए याचिका-कर्ताओं से ये भी पूछा कि अगर कोई कानून तोड़ता है तो पुलिस को क्या करना चाहिए? पुलिस को हिंसा करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करने से कैसे रोका जा सकता है?

जैसे ही इस मामले पर सुनवाई खत्म हुई, उसके थोड़ी देर बाद ही दिल्ली के जाफराबाद इलाके में हिंसा भड़क गई. हज़ारों की भीड़ ने प्रदर्शन के नाम पर पत्थरबाज़ी की और दिल्ली पुलिस पर हमला भी किया.

वहीं दूसरी तरफ देश के बुद्धिजीवी, अंग्रेज़ी बोलने वाले सेलिब्रिटिज़ और कई फिल्‍म स्‍टार छात्रों की हिंसा को अभिव्यक्ति की आज़ादी कह रहे हैं. दावा कर रहे हैं कि छात्र संविधान को बचाने के लिए ये सब कर रहे हैं…लेकिन आप ज़रा सोचिए कि क्या संविधान बचाने के नाम पर संविधान को तोड़ने की जो कोशिश हो रही है..उसे जायज़ कह सकते हैं?

बसों को तोड़ना..रेल की पटरियां उखाड़ना..यात्रियों को डराना और पुलिस पर हमला करना..क्या ये हरकतें संविधान बचाने के लिए की जा रही हैं?

इस वक्त हमारा देश एक दो-राहे पर खड़ा है. एक तरफ वो लोग हैं जो देश को हिंसा की आग में झोंक देना चाहते हैं और दूसरी तरफ वो लोग हैं जो देश को इस आग से बचाना चाहते हैं . फैसला आपको करना है कि आप किस तरफ खड़े होना चाहते हैं.

भारतीय राजनीति की विडंबना ये है कि यहां के नेता, सुप्रीम कोर्ट की बात भी सुनने को तैयार नहीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर, बिना वजह खौफ का माहौल बनाया जा रहा है ताकि मुसलमानों को डराया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने उपद्रवी छात्रों पर कार्रवाई को सही बताया है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस और दूसरे विरोधी दलों के नेता इस मामले पर राष्ट्रपति से मिलने पहुंच गए. कांग्रेस समेत 13 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे नागरिकता कानून मामले में दखल देने की अपील की. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तो यहां तक कहा कि केंद्र सरकार लोगों की आवाज़ दबा रही है.

यानी इन नेताओं को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से भी संतुष्टि नहीं मिलती है और ये लोग देश के राष्ट्रपति से लोकतंत्र बचाने की अपील करने लगते हैं..हो सकता है कि ये लोग राष्ट्रपति की बातों से भी असंतुष्ट होकर किसी दिन संयुक्त राष्ट्र चले जाएं.

छीन कर आज़ादी मांगने वालों पर हमारा विश्‍लेषण पढ़कर आप समझ गए होंगे कि कैसे हमारे देश में संविधान बचाने के नाम पर संविधान तोड़ने वालों को शाबाशी दी जाती है. हमें याद रखना रखना चाहिए कि लोकतंत्र में कोई भी चीज़ छीन कर नहीं ली जा सकती…यहां तक कि आज़ादी भी नहीं.

(ज़ी न्यूज़ कि इनपुट से)

क्या बंगाल में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को सीएम ममता बेनर्जी का समर्थन है ?

“लड़के हैं, गलती हो ही जाती है” यह वक्तव्य तो सभी को याद होगा ऐसे ही कई वक्तव्य भारत के सत्तासुख लोलुप नेताओं के मुंह से निकलते रहते हैं। कल ही बंगाल में प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर फैंके गए बम से पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) अजीत सिंह यादव घायल हो गए जिस पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने कहा कि यह मामूली सी घटना है। वैसे भी ममता बेनर्जी की मानें तो पुलिस उपायुक्त यादव राज्य के अधीन आते हैं अत: केंद्र का उनसे कोई लेना देना नहीं

चौंकाने वाली बात यह है कि इस प्रदर्शन में खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हो चुकी हैं. इस वजह से राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी कह चुके हैं कि संवैधानिक पद पर होते हुए सीएम ममता बनर्जी का किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होना असंवैधानिक है. अत: यह विरोध प्रदर्शन राज्य प्रायोजित है, फिर वह चाहे रेलवे में कि जा रही तोडफोड है या फिर बम फेंकेने जैसी घटनाएँ सभी को मुख्य मंत्री ममता बेनर्जी का वरद हस्त प्राप्त है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो)

 नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 के विरोध में मंगलवार को हो रहे प्रदर्शन को खदेड़ने गई पुलिस पर बम फेंका गया है. इस हमले में हावड़ा के पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) अजीत सिंह यादव घायल हो गए हैं. पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर पिछले चार दिनों से विरोध प्रदर्शन का दौर चल रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस प्रदर्शन में खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हो चुकी हैं. इस वजह से राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी कह चुके हैं कि संवैधानिक पद पर होते हुए सीएम ममता बनर्जी का किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होना असंवैधानिक है.

बंगाल के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद
पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को राज्य के कुछ हिस्सों में नए नागरिक कानून (सीएए) को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. इसकी घोषणा करते हुए राज्य सरकार ने बताया कि मालदा, मुर्शिदाबाद और हावड़ा जिले में इंटरनेट सेवा बंद की गई है.

वहीं सूत्रों ने बताया कि उत्तरी 24 परगना के बशीरहाट और बारासात सब-डिविजनों और दक्षिणी 24 परगना जिले के बारुइपुर और कनिंग सब डिविजन में भी इंटरनेट सेवा बंद की गई है. पुलिस का कहना है कि इन क्षेत्रों में हिंसा की छिटपुट घटना जारी है.

सीएम ने विरोध प्रदर्शनों को बताया ‘छिटपुट घटनाएं’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएए 2019 के विरोध में प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान हुई व्यापक हिंसा को छिटपुट घटनाएं बताया है. उन्होंने रेलवे परिसरों पर तोड़फोड़ तथा आग लगाने की घटनाओं के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वे क्षेत्र रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के अधिकार में आते हैं ना कि राज्य पुलिस के अधिकार में.

ममता बनर्जी ने इससे पहले सोमवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और सीएए के विरोध में कोलकाता के बीच से भारी विरोध रैली निकाली थी और लोगों को राज्य में एनआरसी की कोई गतिविधि नहीं लागू करने और नागरिकता कानून लागू नहीं होने देने की शपथ दिलाई थी. उन्होंने कहा, ‘हमारा नारा है ‘बंगाल में नो सीएबी, नो एनआरसी’.’

बंगाल के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद

पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को राज्य के कुछ हिस्सों में नए नागरिक कानून (सीएए) को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. इसकी घोषणा करते हुए राज्य सरकार ने बताया कि मालदा, मुर्शिदाबाद और हावड़ा जिले में इंटरनेट सेवा बंद की गई है.

वहीं सूत्रों ने बताया कि उत्तरी 24 परगना के बशीरहाट और बारासात सब-डिविजनों और दक्षिणी 24 परगना जिले के बारुइपुर और कनिंग सब डिविजन में भी इंटरनेट सेवा बंद की गई है. पुलिस का कहना है कि इन क्षेत्रों में हिंसा की छिटपुट घटना जारी है.

ABVP initiates the signature campaign in favour of ‘CAA’

The Oldest student Union of India ‘Akhil Bhartiya Vidyarthi Parishad’ Organised a ‘Signature Campaign’ at GOVT PG College sector 1 panchkula near the secretariat, in the support of #caa The Citizenship Amendment Act, on this event the members of the parishad were present at the college along with their distt. convener Pandit Pawan Dubey and their distt. unit head Ram Prasad Bharat.

In the signature campaign initiated by ABVP the member students and the youth of Panchkula dstt. too participated.

स्वयंभू पैगंबर इलाज के नाम पर चला रहे मिशनरी अजेंडा और व्यवसाय

आस्था के नाम पर इसे खिलवाड़ कहें या सुनियोजित ढंग से मिशनरी का प्रचार और लुके छुपे ढंग से धर्म परिवर्तन ,ये संस्थाएं क्या किसी मिशन के एजेंट के तौर पर काम कर रही हैं या परमेश्वर के नाम पर तथाकथित चमत्कार दिखाकर अपना व्यवसाय का रही हैं । आमतौर पर बिहार या झारखंड जैसे पिछड़े इलाकों से ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन की खबरें आती रहती हैं लेकिन पंजाब हरियाणा दिल्ली और अन्य राज्य भी इससे अछूते नहीं।

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ 18 दिसंबर

इक्कीसवीं शताब्दी में मनुष्य जहां मंगल ग्रह तक पहुंच गया है वही अपनी जीवन समस्याओं के लिए 14 वीं शताब्दी के उपाय अपनाते कुछ मनुष्यों को देख आश्चर्य होता है।

आस्था के नाम पर तमाशा करते कुछ लोग और संस्थाएं समय-समय पर लोगों को बरगला कर अपना उल्लू सीधा कर रही है । हम आधुनिक शहर चंडीगढ और इसके आसपास ही देखें तो जगह-जगह पर आजकल प्रार्थना के होर्डिंग लगे दिखाई दे जाएंगे ।

मिनिस्ट्री के नाम पर और यीशु मसीह के नाम पर यह संस्थाएं कई कई तरह से लोगों को आकर्षित करती हैं जो लोग निजी जीवन में झेल रहे हैं । शहर के आसपास जमीन खरीद कर या पट्टे पर लेकर ये लोग एक तरफ तो चर्च चला रहे हैं दूसरी ओर बात करने पर कहते हैं कि यह कोई धर्म नहीं मात्र समाज सेवा के लिए संस्था है। इस समय शहर और इसके आसपास पचास के करीब ऐसी चर्च चल रही हैं।

ऐसे ही जीरकपुर में गांव सनौली मैं है जहां हमारी टीम ने दौरा किया तो वहां मौजूद संस्था की प्रवक्ता गीतू सैनी ने बताया की संस्था धर्म से नहीं, यीशु मसीह और ईश्वर की शक्तियों से लोगों का इलाज करती है । उन्होंने बताया की कुछ वर्ष पहले उनके परिवार के एक सदस्य पर एक बुरी आत्मा का साया आया था जोकि यहां की संचालिका कंचन मित्तल द्वारा प्रार्थना करने पर चला गया । इसी तरह अन्य लोग भी कोई अपने शरीर की किसी बीमारी या अन्य किसी सामाजिक समस्या से ग्रस्त हैं।

इन प्रार्थना सभाओं में और पाया गया है कि ऐसे शिक्षत और आकर्षक व्यक्तित्व के लोगो की खेप तैयार की जाती है जो कि नवागुन्तकों को बातचीत कर आकर्षित करते हैं और समय आने पर पैसे के रूप में कुछ राशि भी उनसे ली जाती है ।

ऐसी ही एक अन्य संस्था प्रॉफेट (पैगम्बर) बृजेंद्र सिंह जिससे इस रिपोर्टर ने जब 0172-5100777 पर बात की तो पता चला कि प्रॉफेट बृजेंद्र सिंह से अपॉइंटमेंट लेने के लिए पहले चर्च जाकर 2000 रु का मासिक शुल्क जमा करवाना होगा जिसके पश्चात पास्टर से मुलाकात करवाई जाएगी उसके बाद वह ही प्रोफेट बजिंदर सिंह से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट देंगे उसके बाद ही इंटरव्यू लिया जा सकता है ।

आपको बता दें कि इन चर्चों का संचालन एक परिवार के हाथ ही है।

लोगों की तकलीफ हो और आस्था से खिलवाड़ कर अपनी जेब भरने वाले यह लोग न केवल स्थानीय प्रशासन और मीडिया में अपना प्रभाव रखते हैं बल्कि तार्किक जिज्ञासु लोगों को मुख्य संचालकों से मिलने से दूर रखा जाता है।

धर्मपरिवर्तन के खिलाफ जब से कानून बना है तभी से यह तथाकथित ministries कुकरमुत्तों की तरह उभरीं हैं। अजेंडा मात्र धन कमाना ही नहीं है अपितु एक छुपि हुई कार्यसूची के तहत धर्म परिवर्तन भी है। जिसे बड़ी ही खामोशी से कार्यान्वित किया जा रहा है, जिस पर संबन्धित विभाग और मंत्रालय आँखें मूँदे बैठे हैं.

दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंसक प्रदर्शनों से जीवन अस्तव्यस्त

  • सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन, जमकर तोड़फोड़
  • प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद में तीन बसों पर किया हमला, पुलिस पर भी पथराव
  • स्थिति बिगड़ते देखकर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, आसपास के थानों से बुलाई पुलिस
  • वेलकम, जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुर, शिवविहार और जौहरी एन्क्लेव मेट्रो के एंट्री और एक्जिट गेट भी बंद कर दिया गया:

दिल्ली के जाफराबाद इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद इलाके में 3 बसों पर पथराव किया और पुलिस की बाइक भी जला दी।

नई दिल्ली(ब्यूरो):

दिल्ली के जामिया के बाद अब सीलमपुर इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की तीन बसों में जमकर तोड़फोड़ की। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। इसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शन के कारण सात मेट्रो स्टेशन के एंट्री और एग्जिट गेट बंद कर दिए गए। हालांकि शाम करीब पौने 5 बजे सीलमपुर मेट्रो स्टेशन को खोल दिया गया। इसके बाद शाम करीब 6 बजे सभी मेट्रो स्टेशनों के गेट खोल दिए गए।

दिल्ली पुलिस ने कहा, हालात काबू में

दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने बताया है कि सीलमपुर में हालात नियंत्रण में हैं। हम लगातार निगरानी रख रहे हैं। जिस जगह घटना घटी, उस इलाके की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है। साथ-साथ विडियो रिकॉर्डिंग जारी है। हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उधर, सीलमपुर की घटना पर दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा है कि कोई भी गोली नहीं चली है, पुलिस ने केवल आंसू गैस का इस्तेमाल किया है। हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। 2 बसों, 1 रैपिड ऐक्शन फोर्स की बस और कई बाइकों को नुकसान पहुंचा है।

सीलमपुर में क्या हुआ, समझें पूरी घटना

प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। कम से कम दो मोहल्लों से धुएं का गुबार उठता दिखा। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने यातायात पुलिसकर्मियों की दो बाइकों को जला दिया। साथ ही इलाके में एक पुलिस बूथ को भी नुकसान पहुंचाया गया। हिंसा के बाद से भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को वहां तैनात किया गया। इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीलमपुर टी प्वाइंट पर लोग इकट्ठा हुए थे और दोपहर करीब 12 बजे विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।

दर्शनकारी सीलमपुर से जाफराबाद की ओर बढ़ रहे थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक प्रदर्शन दोपहर 12 बजे के करीब शुरू हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और सरकार के विरोध में नारे लगाए। सीलमपुर चौक पर सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की तब उनके बीच संघर्ष हुआ।

प्रदर्शन में शामिल मोहम्मद सादिक ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि उनका यह विरोध जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई तथा देश में एनआरसी लागू करने के लिए तैयार की जा रही पृष्ठभूमि के खिलाफ है। कासिम नामक एक अन्य व्यक्ति ने कहा, ‘देश में एनआरसी लागू नहीं होना चाहिए। हमारा विरोध इसी बात को लेकर है। पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है ताकि एनआरसी को देशभर में लागू किया जाए।’

बंद करने पड़े 7 मेट्रो स्टेशन

इससे पहले सीलमपुर में नागरिकता कानून पर हिंसक प्रदर्शन के कारण वेलकम, जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, सीलमपुर और गोकुलपुर, शिवविहार और जौहरी एन्क्लेव मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए। सीलमपुर से प्रदर्शनकारियों का मार्च शुरू हुआ था जो जाफराबाद इलाके में पहुंचकर हिंसक हो गया। शाम करीब 6 बजे सभी मेट्रो स्टेशनों के गेट खोल दिए गए।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जारी की अडवाइजरी

इससे पहले इलाके में प्रदर्शन के बाद दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अडवाइजरी जारी की। सीलमपुर से जाफराबाद जानेवाली 66 फीट रोड पर आवागमन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। स्थिति बिगड़ती देखकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे।

जामिया बवाल का विडियो, पुलिस कर रही पत्थरबाजी रोकने की अपील

बता दें कि रविवार को जामिया में भी नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इसके बाद पुलिस को भी बल प्रयोग करना पड़ा। दिल्ली पुलिस का आज एक विडियो भी जारी किया गया है जिसमें पुलिस पत्थरबाजी नहीं करने की अपील जामिया प्रदर्शन के दौरान कर रही है। जामिया में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के दिन का एक नया विडियो सामने आया है। विडियो में दिल्ली पुलिस के जॉइंट सीपी प्रदर्शनकारियों से पत्थर नहीं चलाने के लिए लगातार अपील करते दिख रहे हैं।

मनीष सिसोदियाके खिलाफ शिकायत दाखिल

“राष्ट्र के संघीय ढांचे को चोट पहुँचाती हिंसक प्रदर्शन की तसवीरों को राजनैतिक गिद्ध अपनी अपनी इछ अनुसार प्रयोग कर आग भड़का रहे हैं, और खुद को पत्रकार, लेखक, राजनीतिज्ञ इत्यादि के संबोधनों से आलंकृत करने वाले जब स्वयं की तुलना महात्मा गांधी से करें तो यकीनन पराकाष्ठा ही है। परंतु यही लेखक, पत्रकार या फिर दिल्ली का डिप्टी गांधी माफी चाहता हूँ सीएम अपनी जनता को साधारण से बिल/एक्ट का सार नहीं समझा सकता अपितु अपने बयानों से आग भड़काता है उसे क्या कहें।” चाचा चंडीगढ़िया

नई दिल्ली: 

जामिया हिंसा में एक ट्वीट को लेकर विवादों में फंसे मनीष सिसौदिया की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब एक शख्स ने मनीष सिसौदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली अर्जी दिल्ली पुलिस को सौंपी है.


दिल्ली पुलिस मुख्यालय को यह अर्जी (शिकायत) सोमवार को दी गई. आईएएनएस के पास मौजूद शिकायत की प्रति पर बाकायदा दिल्ली पुलिस कमरा नंबर-1 की मुहर भी लगी हुई है. शिकायतकर्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने खुद इसकी पुष्टि की है.

हालांकि दिल्ली पुलिस प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा की ओर से इस बाबत कोई अधिकृत बयान मीडिया में जारी नहीं किया गया है. जबकि दिल्ली पुलिस के एसीपी और अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने आईएएनएस से बातचीत में ऐसी कोई शिकायत मिलने की जानकारी होने से इनकार किया है.

शिकायतकर्ता अलख द्वारा दी गई शिकायत में दिल्ली पुलिस से मांग की गई है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए, ताकि वह बतौर मुलजिम कानून के दायरे में आ सकें.

बकौल अनिल मित्तल, “मेरी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है. अगर कोई शिकायत दी भी गई होगी तो हो सकता है, वह जयसिंह रोड स्थित नए मुख्यालय में सीधी पहुंची हो. जिसने शिकायत दी है, वही इस बारे में ज्यादा बेहतर बता सकता है.”

इस मांग और शिकायत के बाबत पूछे जाने पर सोमवार को आईएएनएस को शिकायतकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने बताया, “मनीष सिसौदिया में रविवार को जामिया में फैले उपद्रव को और ज्यादा तूल देने का घिनौना काम किया है. मनीष सिसौदिया ने तमाम कायदे-कानूनों को दरकिनार करते हुए अपने ट्विटर हैंडर के जरिये अफवाहों को फैलाने का काम किया है. यह सिर्फ राजनीतिक विद्वेष की भावना के चलते किया गया था.”

दिल्ली पुलिस मुख्यालय को प्राप्त कराई गई शिकायत में औलख ने साफ-साफ लिखा है कि मनीष सिसौदिया ने ही ट्विटर के जरिये यह बात फैलाई कि दिल्ली पुलिस बसों में आग खुद लगा-लगवा रही है.

शिकायतकर्ता के मुताबिक, किसी राज्य के उपमुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री को क्या ऐसा घिनौना और निंदनीय कृत्य करना चाहिए? अगर नहीं तो फिर उनके खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज करके जांच करे.

(इनपुट-आईएएनएस)