कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हरसिमरत कौर बादल पर झूठ बोलने का इल्ज़ाम लगाया

कहा, केंद्रीय मंत्री झूठ बोलना बंद करें और अपना मुँह खोलने से पहले तथ्यों की जांच कर लिया करें

राकेश शाह, चंडीगढ़ – 18 अप्रैल:

केंद्रीय मंत्री द्वारा लोगों को गुमराह करने वाले दिए बयान पर बरसते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को हरसिमरत कौर बादल द्वारा कोविड -19 से निपटने के लिए केंद्र द्वारा राज्य को राहत देने के दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया।

हरसिमरत कौर बादल के ट्वीट, जिसमें दावा किया गया था कि पंजाब को कोविड -19 संकट से लडऩे के लिए केंद्र से फंड और अनुदान मिले हैं, के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘आपकी सूचना बिल्कुल गलत है।’’

मुख्यमंत्री ने हरसिमरत बादल की टिप्पणियों को उसकी आदतन झूठ बोलने और अपने ही राज्य के मूल तथ्यों संबंधी जानकारी न होने वाली करार देते हुए कहा, ‘‘राज्य को केंद्र सरकार से कोविड -19 के खि़लाफ़ निपटने के लिए कोई पैसा नहीं मिला।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपना मुँह खोलने से पहले तथ्यों को जांच कर लिया करें। उन्होंने कहा कि अपने केंद्रीय मंत्री के पद को अपने राज्य की मदद के लिए बरतने की बजाय हरसिमरत शर्मनाक तरीके से ओछी राजनीति के लिए झूठ का कोलाहल मचा रही है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकाली नेताओं को कहा, ‘‘आपको ऐसे बड़े संकट वाले मुद्दे पर झूठ बोलने के लिए शर्मिंदा होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इस समय पर जब पंजाब समेत देश भर में सभी पार्टियाँ अपने पार्टी हितों से ऊपर उठकर इस अनिर्धारित संकट से लडऩे के लिए हाथ मिला रही हैं, वहीं हरसिमरत अपने राजसी एजंडे को आगे बढ़ाने के लिए यह सब कुछ कर रही है।

मुख्यमंत्री ने इस संकट के समय हरसिमरत पर राज्य सरकार को सहयोग देने की बजाय सरकार की कोशिशों को कमज़ोर करने के लिए आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘‘आप वहां बैठे क्या कर रहे हो, अगर आप पंजाब और पंजाब के लोगों के लिए नहीं लड़ सकते?’’

हरसिमरत बादल के झूठ के राज़ खोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उनकी तरफ से 2366 करोड़ रुपए का जि़क्र किया गया है वह जी.एस.टी. के हिस्से के तौर पर राज्य का बकाया पैसा था। यहाँ तक कि अभी भी राज्य का 4400 करोड़ रुपए केंद्र सरकार के पास बकाया पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘आप कोविड की जंग के लिए अपेक्षित राहत पैकेज लेना तो दूर बल्कि हमें हमारे बकाए भी नहीं दिला सके।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसिमरत बादल द्वारा अपने ट्वीट में जो बाकी राशि का जि़क्र किया गया है वह भी राज्य के आम बकाए हैं, जिनका कोविड -19 की जंग से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने अकाली नेता द्वारा इस कठिन समय में पंजाब के लिए कोई हिमायत जुटाने की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए इस कद्र झूठ बोलने पर दुख ज़ाहिर किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हरसिमरत द्वारा 10,000 टन दालें देने के किये दावों के उलट राज्य को अब तक सिफऱ् 42 टन दालें प्राप्त हुई हैं, जिसको राज्य की ज़रूरत के मुताबिक मज़ाक ही कहा जा सकता है। उन्होंने याद करवाते हुए कहा कि उन्होंने ख़ुद सुझाव दिया था कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों में गरीबों के लिए छह महीनों के राशन का बंदोबस्त करना चाहिए।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यहाँ तक कि रबी की फ़सल के भंडारण के लिए जगह खाली करने के लिए पंजाब से अतिरिक्त अनाज उठाने में तेज़ी लाने के दिए सुझाव पर भी केंद्र ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र अनाज को सड़ते रहने को प्राथमिकता देता है और मुल्क के गरीबों और जरूरतमंद लोगों का पेट भरने के लिए अनाज बरतने की बजाय अनाज सडऩे से होने वाले घाटे की भरपाई का बोझ भी राज्य सरकार के ऊपर डाल दिया जाता है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड -19 के लिए राहत पैकेज तो एक तरफ़ रहा, केंद्र सरकार ने तो मुलाजि़मों के लिए बीमा और किसानों के लिए बकाए बोनस का निपटारा तक नहीं किया।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हरसिमरत बादल द्वारा इस मुद्दे पर राजनीति खेलने और केंद्र में हिस्सेदार अकाली दल की नाकामी से लोगों का ध्यान हटाने की घटिया कोशिशें करने की निंदा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा संकट में लोगों को राहत मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार के यत्नों के प्रति कोई भी योगदान डालने में उनकी पार्टी असफल रही है।

एस.एच.ओ. खन्ना का तबादला और विभागीय जांच हुई शुरू

राकेश शाह, चंडीगढ़, 18 अप्रैल:

      पंजाब पुलिस ने शनिवार को एसएचओ खन्ना, इंस्पेक्टर बलजिन्दर सिंह के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरु कर दी है और उक्त अधिकारी के तुरंत तबादले के आदेश दिए हैं।

बलजिन्दर सिंह के विरुद्ध पिछले साल अपने थाने में तीन व्यक्तियों को कथित तौर पर नंगा करने के इल्ज़ाम लगे थे। 

      डीजीपी दिनकर गुप्ता के आदेशों के बाद लुधियाना रेंज के आईजीपी जसकरन सिंह द्वारा प्राथमिक जांच के बाद एसएचओ के विरुद्ध दोषों को सही पाया गया। जि़क्रयोग्य है कि कथित घटना का एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

      गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया एस.एच.ओ. बलजिन्दर सिंह (267/ पी.आर.) को तुरंत प्रभाव से लुधियाना रेंज (पुलिस जि़ला खन्ना) से फिऱोज़पुर रेंज में तबादला कर दिया गया है। उक्त के खि़लाफ़ बाकायदा विभागीय जांच भी आरंभ की जा चुकी है और इसकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही अगली कार्यवाही की जाएगी।

      डीजीपी ने दोहराते हुए कहा कि फोर्स ने ऐसी घटनाओं के प्रति ज़ीरो टॉलरैंस नीति अपनाई है और ऐसी अनियमितताओं को किसी भी हालात में माफ नहीं किया जाएगा।

      गुप्ता के अनुसार प्राथमिक जांच के दौरान आईजीपी लुधियाना रेंज ने शिकायतकर्ता के दोषों की पैरवी की और एस.एच.ओ. के विरुद्ध थाना सदर खन्ना में दर्ज आईपीसी की धारा 447 /511 /379 /506 /34 के अंतर्गत दर्ज एफआईआर नंबर 134 तारीख़ 13.06.2019 की पड़ताल और जांच भी की। 

      जि़क्रयोग्य है कि डीजीपी द्वारा 16 अप्रैल को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो-क्लिप वायरल होने के बाद आईजीपी जसकरन सिंह को तथ्यों पर आधारित जांच करने की जि़म्मेदारी सौंपी गई थी।  

कच्ची कॉलोनी में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम (राकेश शाह), चंडीगढ़:

कोरोना वायरस का एक मामला कच्ची कॉलोनी में आने के बाद प्रशासन ने शनिवार सुबह एरिया को सील कर दिया है। इस कॉलोनी में 1000 से ज्यादा झुग्गियां है। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग शनिवार सुबह ही इस कॉलोनी में पहुंच गया था। यहां पर न तो किसी व्यक्ति को अंदर आने दिया जा रहा है और न ही बाहर जाने दिया जा रहा है।

शुक्रवार को यहां का एक व्यक्ति कोरोना पोस्टिव आया था, जोकि पीजीआइ का कर्मचारी है। कच्ची कॉलोनी में कोरोना का मामला सामने आने के बाद इस एरिया के आसपास की रिहायशी काॅॅलोनियों को भी लोगों ने खुद ही सील कर दिया है। लोगों ने अपनी गलियों के प्रवेश और निकासी द्वार को बंद कर दिया है। कच्ची कॉलोनी में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है।

शहर में दो और लोगों में शुक्रवार रात को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसी के साथ चंडीगढ़ में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 23 हो गए हैं। वहीं, मोहाली के नयागांव में भी एक करोना वायरस से संक्रमित मामला शुक्रवार को सामने आया। चंडीगढ़ में बीते तीन दिन के बाद एक बार फिर शहर में कोरोना वायरस पॉजिटिव के दो केस दर्ज किए गए हैं। जबकि मोहाली में एक दिन की राहत के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित एक और मामला सामने आया है। मोहाली में कोरोना के अबतक कुल 57 मामले सामने आ चुके हैं।

पीजीआइ चंडीगढ़ के मुताबिक शुक्रवार रात पीजीआइ के सीडी वार्ड में कोरोना वायरस से संक्रमित दो हेल्थ वर्करों को एडमिट किया गया है। जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ के धनास स्थित 50 वर्षीय पुरुष में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। धनास के रहने वाले इस 50 वर्षीय शख्स की पहचान फ्रांसिस के रूप में हुई है। जोकि हेल्थ वर्कर है। जबकि दूसरी सेक्टर-30 की 53 साल की महिला बताई जा रही है। जोकि गवर्नमेंट मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल सेक्टर-16 के आइसोलेशन वार्ड में एडमिट है। सूत्रों के मुताबिक इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

सेक्टर-30 की महिला के संपर्क में 55 लोग होम क्वारंटाइन

सेक्टर-30 में रहने वाली महिला रेनू भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। सेक्टर-30 में 55 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। यह महिला हाउसवाइफ है। मलोया में इस महिला की पोती रहती है। वहां भी सात लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। वहीं, धनास में चार लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है।

नयागांव में हेल्थ वर्कर आया चपेट में

मोहाली के नयागांव स्थित आदर्श नगर में एक 30 वर्षीय पुरुष में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिसकी पहचान सुनील कुमार के रूप में हुई है। इसे भी हेल्थ वर्कर बताया जा रहा है। इससे पहले नयागांव में 60 वर्षीय बुजुर्ग की कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है। मोहाली में अब तक कोरोना वायरस के कुल 57 पॉजिटिव केस दर्ज किए जा चुके हैं।

28 दिन तक जवाहरपुर सील

सिविल सर्जन मोहाली ने कहा कि पहले के मुकाबले बढ़ रहे मामलों पर ब्रेक लगने से जवाहरपुर गांव में हालात सुधर रहे हैं। गांव को 28 दिन तक सील रखा जाएगा। कोरोना वायरस का संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से होता है। बचने के लिए बचाव ही एकमात्र हथियार है। कुछ लोग अब भी अपनी हिस्ट्री छुपा रहे हैं। किसी को खांसी जुकाम या बुखार है तो वे सामने आएं।

छह लोग सीडी वार्ड में एडमिट

जानकारी के मुताबिक पीजीआइ चंडीगढ़ के सीडी वार्ड में डॉक्टरों, नर्सिग स्टाफ और हेल्थ वर्करों के कुल छह लोगों को कोरोना वायरस का संदिग्ध मानते हुए शुक्रवार देर रात एडमिट किया गया। जिसमें से पीजीआइ के दो डॉक्टरों की रिपोर्ट नेगेटिव बताई जा रही है। इसमें पीजीआइ के इंटरनल मेडिसन के 24 साल के जूनियर रेजिडेंट डॉ. वोजाला निखिल और डॉक्टर चरणजीत सिंह की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जबकि गायनी डिपार्टमेंट के 39 वर्षीय कंसलटेंट डॉ. भारती, मोहाली के नयागांव की 19 साल की सुल्ताना और इंटरनल मेडिसन की डॉ. शिल्पा और फिमेल लैब टेक्नीशियन 47 वर्षीय लीला की रिपोर्ट आनी बाकी है। इन सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं।

कोरोना संक्रमित, लुधियाना के एसीपी अनिल कोहली का निधन

राकेश शाह, चंडीगढ़:

कोरोना वायरस से संक्रमित एसीपी नहीं बच पाए, जबकि एसीपी का एसपीएस अस्पताल लुधियाना में इलाज चल रहा था। सिविल सर्जन ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी है। वे कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थे और हालत नाजुक थी। एसीपी को आज प्लाजमा भी चढ़ाया जाना था। हालांकि प्लाज्मा चढ़ाया गया या नहीं, इस बारे में सिविल सर्जन ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।

लुधियाना के जिला जनसंपर्क कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘दुखद समाचार एसीपी अनिल कोहली का निधन हो गया। वह लुधियाना के एसपीएस अस्पताल में भर्ती थे.’’कोहली कुछ दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने शुक्रवार को ही अधिकारी को प्लाज्मा चढ़ाने की अस्पताल को अनुमित दी थी.

ज्ञात रहे कोरोना की दस्तक के बाद शहर में पहली बार शुक्रवार को एक के बाद एक पांच पॉजिटिव केस मिले थे, ये सभी एसपीएस अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव एसीपी नॉर्थ के संपर्क में आए लोग ही हैं। पहले आई रिपोर्ट में उनकी पत्नी, फिरोजपुर निवासी गनमैन ड्राइवर, बस्ती जोधेवाल थाने की एसएचओ और जिला मंडी ऑफिसर पॉजिटिव पाई गईं। वहीं देर रात आई रिपोर्ट में महिला एसएचओ का एएसआइ ड्राइवर भी पॉजिटिव पाया गया। इन सभी को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कर दिया गया है।

क्या झारखंड में ‘एड-हॉक अंजुमन इस्लामि’ के इशारे पर होते हैं तबादले ?

झारखंड में जब से कॉन्ग्रेस-झामुमो गठबंधन की सरकार बनी है उस पर राज्य में मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं। लोहरदगा में ही इस साल 23 जनवरी को सीएए के समर्थन में निकाले गए जुलूस पर मुस्लिमों द्वारा हमला किया गया था। जिसमें नीरज प्रजापति की मौत हो गई थी। नीरज प्रजापति के सर पर लोहे की रॉड से हमला किया गया था। सीएए के समर्थन में रैली निकाल रहे लोगों पर पूर्व-नियोजित तरीके हमला किया गया था। मुसलमानों ने अपने घरों की छतों से ईंट-पत्थर फेंककर हमला किया था।

कॉंग्रेस और मुस्लिम तुष्टीकरण का चोली दमन का साथ है। झारखंड हो राजस्थान हो या हो महाराष्ट्र जहां भी कॉंग्रेस सरकार है वहाँ मुस्लिम तुष्टीकरण ज़ोरों पर है। जहां सभी देशों में कोरोना संक्रमित मृतकों के शवों को जलाया जा रहा है, वहीं भारत में मुस्लिम तुष्टीकरण के चलते उन्हे दफनाना ही होगा भले ही बाद में संक्रामण भयावह तरीके से फैले। काँग्रेस और इनके घटक दल भाजपा के उदय के पश्चात मुस्लिम तुष्टीकरण में अधिक प्रबलता से आगे आए हैं। शाहीन बाग हो या फिर तबलीगी मरकज़, जेएनयू हो या एएमयू, देवबंद हो जामिया सब में से यदा कडा भारत विरोध स्वर सुनाई पड़ते हैं लेकिन आज तक कॉंग्रेस और घटक दलों ने इसकी भर्त्सनानहीं की, उल्टे उनके साथ खड़े दिखाई पड़े। आज कॉंग्रेस अपने लुप्त होते जनाधार को बंगलादेशी घुसपैथियों और रोहिङ्ग्याओन में तलाश रह है और पूरे ममत्व के साथ उनका पोषण कर रही है।

पिछले दिनों झारखंड के लोहरदगा में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों के छिपी होने की बात सामने आई थी। इस संबंध में रिपोर्ट देने वाले विशेष शाखा (खुफिया विभाग) के डीएसपी जितेंद्र कुमार का तबादला कर दिया गया है। उनकी जगह इमदाद अंसारी लेंगे। उन्हें लातेहार से यहॉं भेजा गया है।

जितेंद्र, इमदाद सहित कुल चार डीएसपी का तबादला हुआ है। लेकिन, जितेंद्र कुमार को पलामू भेजे जाने के पीछे राजनीतिक वजहें बताई जा रही है। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार उन्होंने एडीजी (विशेष शाखा) को सौंपी रिपोर्ट में लोहरदगा के विभिन्न इलाकों के 13 लोगों पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट से पूरे प्रदेश में हलचल मची थी।

लोहरदगा की एड-हॉक अंजुमन इस्लामिया ने राज्य के डीजीपी को पत्र लिखकर इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। 11 अप्रैल को लिखे पत्र में रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मॉंग की गई थी। अंजुमन इस्लामिया के कंवेनर हाजी शकील अहमद की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया था कि आजादी के बाद से ही लोहरदगा जिला में बांग्लादेश, पाकिस्तान या रोहिंग्या मुसलमानों का कोई वजूद नहीं है। विशेष शाखा की रिपोर्ट में जिस स्थान का जिक्र है, वहाँ भी ऐसे नागरिक नहीं हैं। रिपार्ट में जिन व्यक्तियों को संरक्षक बताया गया है, वे समाज के प्रतिष्ठित लोग हैं। एक साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है।

पत्र में दैनिक जागरण में 11 अप्रैल को प्रकाशित एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में अवैध रूप से छिपकर रह रहे म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों की झारखंड के भी कई हिस्सों में उपस्थिति और सक्रियता के प्रमाण मिले हैं। पिछले दिनों तबलीगी जमात की तलाश में हुई छापेमारी के दौरान धनबाद के बैंक मोड़ इलाके से तीन रोहिंग्या मुसलमानों को भी पकड़ा गया था, वहीं लोहरदगा में भी कई रोहिंग्या के छिपकर रहने की खबर मिली थी।

इसके साथ ही लोहरदगा के ऐसे 13 लोगों का नाम व पता के सामने आने का भी जिक्र किया गया है, जिनके ऊपर रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों को छिपाने का आरोप है। लोहरदगा के जिन मुहल्लों में बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमानों के रहने की सूचना पुलिस तक पहुँची है, उनमें ईदगाह मुहल्ला, राहत नगर, इस्लाम नगर, जूरिया, सेन्हा के चितरी, कुड़ू के जीमा व बगडु के हिसरी आदि गाँव के नाम शामिल हैं।

गौरतलब है कि झारखंड में जब से कॉन्ग्रेस-झामुमो गठबंधन की सरकार बनी है उस पर राज्य में मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं। लोहरदगा में ही इस साल 23 जनवरी को सीएए के समर्थन में निकाले गए जुलूस पर मुस्लिमों द्वारा हमला किया गया था। जिसमें नीरज प्रजापति की मौत हो गई थी। नीरज प्रजापति के सर पर लोहे की रॉड से हमला किया गया था। सीएए के समर्थन में रैली निकाल रहे लोगों पर पूर्व-नियोजित तरीके हमला किया गया था। मुसलमानों ने अपने घरों की छतों से ईंट-पत्थर फेंककर हमला किया था।

नीरज प्रजापति की पत्नी ने सीएम हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन व्यस्त सीएम ने उन्हें मुआवजे का कोई आश्वासन नहीं दिया और प्रशासन ने नीरज की शव यात्रा में सिर्फ 35 लोग को जाने की अनुमति दी थी। साथ ही शमशान जाने के रास्ते को भी बदल दिया था, क्योंकि रास्ते में एक मस्जिद थी।  

सरकार ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया तो पत्रकारों के प्रयासों के बाद जनता ने अब तक लगभग 32.5 लाख रुपए का सहयोग किया है। इसमें से 11.4 लाख रुपए क्राउडकैश के जरिए जुटाए गए, जबकि बाकी धनराशि लोगों ने दिवंगत नीरज की पत्नी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया।

चंडीगढ़ रोगग्रस्त क्षेत्र (Containment area) घोषित

चंडीगढ़ ब्रेकिंग
चंडीगढ़ रोगग्रस्त क्षेत्र (Containment area) घोषित : गाइड लाइन शीघ्र जारी होंगी : परिदा

यमुनानगर निरंकारी मंडल ने भेंट की 1005 पीपीई किट्स

  • संत निरंकारी मिशन ने जिला प्रशासन को भेट की 1005 पीपीई किटस
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री कर चुके है मिशन की प्रशंसा

सुशील पंडित (डेमोक्रेटिकफ्रंट कॉम), यमुना॰नगर

संत निरंकारी मिशन हमेशा से ही मानवता की सेवा में आगे रहा है। इसी कड़ी में संत निरंकारी मिशन द्वारा शनिवार को जिला प्रशासन यमुनानगर को डाक्टर्स द्वारा प्रयोग में लाई जा रही लगभग 11 लाख मूल्य की 1005 पीपीई किटस जिला प्रशासन को भेंट की और इसके साथ ही डाक्टर्स के लिए विशेष ग्लवस, मास्क और चशमें भी भेंट किए।

इस अवसर पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल, विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, उपायुक्त मुकुल कुमार, सिविल सर्जन डाॅ. विजय दहिया, जिला राजस्व अधिकारी अभिषेक सहित यमुनानगर के ब्रांच संयोजक बलदेव सिंह, संचालक श्रीपाल व राकेश चानना सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। संत निंरकारी मिशन के मानवता के प्रति सेवा को देखकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं टवीट कर मिशन का आभार व्यक्त किया। मिशन के कार्यो की प्रशंसा अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री भी कर चुके है।

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल व विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने मिशन के इस योगदान के लिए मिशन की भरपूर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मिशन द्वारा समय-समय पर अनेको सामाजिक कार्य किए जाते है। उपायुक्त मुकुल कुमार ने भी संत निरंकारी मिशन के पीपीई किटस प्रदान करने के सराहनीय कार्य के प्रति आभार व्यक्त किया। सिविल सर्जन डाॅ. विजय दहिया ने कहा कि डाक्टर्स को इन पीपीई किटस की आवश्यकता थी मिशन द्वारा पीपीई किटस प्रदान करने के लिए उन्होंने मिशन का धन्यवाद किया।

यमुनानगर ब्रांच के संयोजक बलदेव सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 की इस महामारी में संत निरंकारी मिशन भारत की 3000 से भी अधिक ब्रांचों सहित दूर देशों में भी मानव सेवा मंे अपना भरपूर योगदान दे रहा है जिसमें मिशन के हजारों सेवादल के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन लाखों लोगों के लिए मास्क, भोजन के पैकेट घर-घर जाकर बांटे जा रहे है। मिशन के अनेको भवनों को क्वारटाईन व होम शैल्टर बनाया गया हैं।

जुगाड़ नाके के कारण दुर्घटना एक घायल

कोशिक खान (डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम), छछरौली

कोरोना महामारी के चलते बाहरी व्यक्तियों के गांव में प्रवेश रोकने के लिए लिंक रोड पर लगाए गए नाके पर अचानक लगाए गए अवरोधक से टकरा जाने से बहादुरपुर के पूर्व सरपंच घायल हो गए हैं।

पूर्व सरपंच को तुरंत  इलाज के लिए खिजराबाद सीएससी ले जाया गया।  प्राथमिक उपचार के बाद सरपंच की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें यमुनानगर रेफर किया गया है। घायल पूर्व सरपंच ने नाके पर तैनात युवकों के खिलाफ थाना प्रताप नगर में शिकायत दर्ज कराई है।

 पावटा जगाधरी एनएच के साथ बहादुरपुर लिंक रोड पर बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए नाका लगाया गया है। नाके पर बारी-बारी से तीन-चार युवकों को तैनात किया जाता है। गांव के पूर्व सरपंच कुलवंत सिंह बाइक से अपने सिद्धू कृषि फार्म हाउस पर जा रहे थे। पूर्व सरपंच कुलवंत सिंह का आरोप है कि जैसे ही वह बाइक लेकर नाके के करीब पहुंचे नाके पर तैनात युवकों ने अचानक बीच सड़क में लकड लगा दिया । उन्होंने बताया कि जब तक वह संभलते नाके पर लगाए गए अवरोधक से टकरा गए। दुर्घटना की सूचना मिलते ही सरपंच का बेटा परमजीत सिंह व अन्य उन्हें इलाज के लिए उठाकर अस्पताल ले गए। खिजराबाद सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर हालत को देखते हुए यमुनानगर रेफर किया गया। दुर्घटना में सरपंच की बाइक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।

सरपंच ने नाके पर तैनात युवकों के खिलाफ थाना प्रताप नगर में शिकायत दी है। सरपंच कुलवंत सिंह का आरोप है कि बिना प्रशासनिक अधिकारियों की परमिशन के बीच सड़क में नाका लगाया गया है। जिस पर पूरी तरह प्रशासनिक नियमों की अवहेलना की जा रही है। सरपंच का आरोप है कि नाके पर  दस बारह युवकों की टोलियां बिना मास्क लगाए सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए नाकों पर बैठाए गए हैं । सरपंच का आरोप है कि नाके पर तैनात युवकों  ने उन्हें जानते पहचानते हुए भी अचानक  बीच सड़क में अवरोधक खड़ा किया है। घायल सरपंच के बेटे परमजीत सिंह ने गांव के बाहर लगाए गए अवैध नाको को तुरंत हटाए जाने की मांग करते हुए आरोपी युवकों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। 

सोशल-डिस्टेंसिग के बीच हुए सात फेरे

सुशील पंडित (डेमोक्रेटिक यमुना॰कॉम), यमुनानगर       

यमुनानगर कोरोना की महामारी के बीच हुए लॉक डाउन में रस्में और रिवाज बदल गए। शादी हो या फिर खुशी का अन्य मौका। इजहार के तरीके भी बदल गए। दूल्हा दुल्हन ने मास्क लगा कर निभाया लॉक डाउन व रिवाजों का बंधन 

ऐसा ही देखने को मिला गांव ममीदी में मोनिका की शादी में। इस गांव में दो कोरोना पेशेंट (अब ठीक हो चुके) मिलने के बाद पूरे एरिया को सील कर दिया गया। मोनिका की शादी 17 अप्रैल की तीन माह पहले से तय थी। मोनिका के ससुराल वाले चाहते थे कि शादी तय तारीख में ही हो। हुआ भी वही। प्रशासन ने एरिया सील होते हुए भी शादी की परमिशन दी और शुक्रवार को मोनिका की शादी वहीं पर हुई।

गांव से लगती जम्मू कॉलोनी के कम्यूनिटी हाल में शादी हुई। दो घंटे में ही शादी की सभी रस्में अदा कर दी गई। इस शादी में रिश्तेदारों का आना तो दूर, परिवार के सभी सदस्य भी शामिल नहीं हो पाए। पुलिस और प्रशासन की मौजूदी में शादी हुई। इस दौरान दुल्हा-दुल्हन से लेकर फेरे कराने पहुंचे पंडित और अन्य ने मास्क लगाया हुआ था। प्रशासन ने परमिशन दिलाने में एरिया पार्षद निर्मल चौहान ने अहम भूमिका निभाई। वे शादी के दौरान मौके पर ही रही। 

कैप्टन द्वारा मोदी को लिखी चिट्ठी के बिल्कुल उलट हैं लेबर विभाग द्वारा जारी निर्देश

राकेश शाह, चण्डीगढ़ – 18 अप्रैल 2020

अमन अरोड़ा

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से अपील की है कि इन चुनौती भरे हलातों में वह पंजाब में सब छोटे-बड़े उद्योगपतियों, व्यापारियों, दुकानदारों, कारोबारियों और उनके पास काम करने वाले कर्मचारियों और कामगारों में भ्रम पैदा करने की बजाए सब की मदद और विशेष राहत और वित्तीय पैकेज का ऐलान करें, क्योंकि यह मसला न केवल लाखों परिवारों की 2 समय रोटी के साथ जुड़ा हुआ है, बल्कि राज्य की आर्थिकता के साथ भी जुड़ा हुआ है। 

‘आप’ हैडक्वाटर से जारी बयान में अमन अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को पत्र लिख कर मांग की है कि वह पंजाब के औद्योगिक ईकाईओं, व्यापारिक अदारों, दुकानों और कारोबारियों के पास काम करते करीब 45 लाख मुलाजिमों और कामगारों को मौजूदा हालात में मासिक वेतन के बारे में सरकार की पहुंच और माली राहत या मदद के बारे में स्पष्ट करें, क्योंकि इस मुद्दे पर मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से लिखी गई चि_ी और पंजाब के लेबर विभाग के प्रिंसीपल सचिव के दिशा-निर्देशों के मुताबिक लुधियाना के डिप्टी कमिशनर की तरफ से 11 अप्रैल 2020 को जारी पत्र एक-दूसरे के उलट हैं, जिस कारण रोजगार दाता और कामगारों के दरमियान न केवल भ्रम पैदा हो रहा है, बल्कि आपसी सम्बन्ध भी प्रभावित हो रहे हैं। 

अमन अरोड़ा ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह प्रधान मंत्री को लिखे पत्र के द्वारा कह रहे हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से सभी व्यापारिक अदारों को अपने मुलाजिमों-कामगारों को समय पर पूरे वेतन के बारे में जारी निर्देशों पर फिर से विचार करे, क्योंकि ऐसे हलातों में यह व्यापारिक पर औद्योगिक यूनिट दिवालिया हो सकते हैं। दूसरी तरफ लेबर विभाग और डिप्टी कमिशनर लुधियाना सभी औद्योगिक, व्यापारिक और कारोबारी अदारों को अपने मुलाजिमों-कामगारों को समय-समय पूरा वेतन देने के लिए फरमान जारी किये हैं। इतना ही बस नहीं फरमानों में सरकारी मुलाजिमों-कामगारों को अपने-अपने अदारों में पूरा वेतन लेने के लिए कहा गया है, परंतु कफ्र्यू (लॉकडाउन) की स्थिति में यह कैसे संभव है? जब कि कफ्र्यू के उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्यवाही और 2 साल तक की सजा हो सकती है। 

अरोड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी इस समय के दौरान सभी मुलाजिमों और कामगारों को समय सिर वेतन की वकालत करती है, परंतु इस लिए सम्बन्धित अदारों की अपेक्षा भी अधिक पंजाब और केंद्र सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वह उद्योगों, दुकानदारों और कारोबारियों के लिए विशेष वित्तीय पैकेज और विशेष राहत ऐलान करे ताकि यह निजी अदारे आपने कामगारों-कर्मचारियों को समय पर पूरा वेतन दे सकें।