छत्रपति केस: सज़ा सुनाने के लिए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की अपील

चंडीगढ़:

 पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में दोषी गुरमीत राम रहीम को सजा के ऐलान का मामला एक बार फिर  सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। इससे निकलने से लिए सरकार को एक बार फिर डेरा मुखी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करवाना सबसे उपयुक्त विकल्प नजर आ रहा है। सरकार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी के लिए मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत का रुख करेगी। इस मामले में अब अदालत का रुख अहम हो गया है।

सरकार मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत में एक दर्खास्त देकर गुरमीत राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किए जाने की अपील करेगी। हरियाणा के गृह सचिव एसएस प्रसाद ने गुरमीत राम रहीम की पेशी जुड़ी तैयारियों के लिए शीर्ष अधिकारियों की बैठक के बाद उक्त फैसले की जानकारी दी। 

उल्लेखनीय है कि गुरमीत राम रहीम इस समय साध्वी यौन शोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है और उसे व तीन अन्यों को पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिया गया है। पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत 17 तारीख को दोषियों को सजा सुनाएगी।

यही तारीख हरियाणा सरकार के लिए बड़ी समस्या बन गई है। कानूनी माहिरों के मुताबिक इस तरह के मामलों में दोषी करार दिए गए व्यक्ति का सजा के ऐलान के वक्त कोर्ट में प्रत्यक्ष तौर पर रहना अनिवार्य है। दूसरी ओर सरकार भी अतीत के कड़वे अनुभवों को सामने रखते हुए इस दफा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। पिछली बार साध्वी यौन शोषण मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला समेत कई जगह जबरदस्त दंगे हुए थे।

पत्रकार छत्रपति हत्याकांड मामले में सजा के ऐलान के मामले में सरकार के सामने सबसे बड़ी दुविधा यही खड़ी है कि गुरमीत राम रहीम जहां रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं जबकि तीन अन्य आरोपी अंबाला की सेंट्रल जेल में है। सजा के ऐलान वाले दिन चारों का प्रत्यक्ष तौर पर कोर्ट में रहना जरूरी है। यानि एक ही मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति दो अलग-अलग जगह पर हैं। यानि इस मामले में कानून से जुड़ी तकनीकी अड़चनें भी मौजूद हैं।

इधर, प्रसाद के मुताबिक अधिकारियों के साथ बैठक में रोहतक की सुनारिया जेल में ही कोर्ट लगाने की संभावना पर विचार किया गया था और इसमें यह बात सामने आई कि इसके लिए शेष तीन दोषियों को भी सुनारिया ले जाना पड़ेगा तो ऐसे में कोर्ट को सुनारिया ले जाने की जगह हमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विकल्प ही ठीक लगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कानून व्यवस्था खराब नहीं होने देगी और फैसला कोई भी आता है, सरकार की तमाम तैयारियां पूरी हैं।

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