आरजेडी के स्वर्णों के कोटा विरोध ने कांग्रेस की मुश्किल बढ़ाई

कांग्रेस पार्टी आरजेडी के वोट बैंक के साथ अगड़ों को एक साथ लाने की रणनीति पर काम कर रही थी लेकिन अब वैसा हो पाना उन्हें टेढ़ी खीर मालूम पड़ने लगा है

90 के दशक में मंडल-कमंडल की राजनीति के बीच बिहार में पिछड़ों के मसीहा के तौर पर लालू यादव का उभार हुआ था. दूसरी तरफ, मंडल के जवाब में कमंडल की राजनीति ने बीजेपी को भी धीरे-धीरे बिहार में अपने-आप को खड़ा करने का मौका दे दिया. लेकिन, इन दोनों के बीच में फंस गई कांग्रेस. बिहार में लालू के उभार ने ही कांग्रेस के अवसान की पटकथा लिख दी थी. लेकिन, मजबूर कांग्रेस सब कुछ जानते हुए भी लालू से तब भी पीछा नहीं छुड़ा पाई और अभी भी जेल में बंद लालू के पीछे-पीछे चलने को मजबूर दिख रही है.

कांग्रेस की रणनीति फेल?

लेकिन, लगभग दो दशक के दौर के बाद अब लालू यादव की पार्टी आरजेडी के खिलाफ सवर्णों की नाराजगी को कम करने का बीड़ा कांग्रेस ने उठाया था. लालू की गैरहाजिरी में उनके बेटे तेजस्वी यादव को आगे कर कांग्रेस सवर्णों के एक तबके के बीच यह संदेश देने की कोशिश कर रही थी कि आरजेडी अब वो आरजेडी नहीं रह गई. गंगा में बहुत पानी बह चुका है.

मोदी विरोध के नाम पर बिहार में महागठबंधन बनाने की तैयारी में लगी कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा था जिसमें लालू यादव के यादव और मुस्लिम वोट के साथ कांग्रेस सवर्ण तबके के लोगों को भी अपने नाम पर जोड़ने की तैयारी में थी. कांग्रेस में मदनमोहन झा और अखिलेश प्रसाद सिंह सरीखे सवर्ण नेताओं को आगे बढाकर आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानंद सिंह जैसे चेहरों के सहारे कांग्रेस एक बार फिर से सवर्ण तबके को महागठबंधन से जोड़ने की तैयारी कर रही थी.

सूबे में कांग्रेस आरजेडी के बराबर सीट पर लड़ने का दावा कर रही थी. बीजेपी द्वारा एसएसी और एसटी एक्ट पर लिए गए फैसले के खिलाफ सवर्ण मतदाताओं की नाराजगी को भुनाने का मंसूबा पाल चुकी कांग्रेस बिहार में आरजेडी के साथ गठबंधन कर बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद लगाए बैठी थी. लेकिन सवर्णों को आरक्षण दिए जाने संबंधी सदन में कवायद जैसे ही शुरू हुई राजनीतिक फिजा प्रदेश में बदलने लगी. खासकर आरजेडी के विरोध के फैसले के बाद आरजेडी के सवर्ण नेता सहित कांग्रेस पार्टी का राजनीतिक गणित उलझने लगा है.

स्टेट लेवल के एक सीनियर कांग्रेसी नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अगड़ी जाति के बीच आरजेडी के रुख को समझ पाना मुश्किल होगा और इससे आगामी लोकसभा चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.

लेकिन, सामान्य वर्ग के गरीब तबके को मिलने वाले दस फीसदी आरक्षण वाले विधेयक पर आरजेडी के संसद में विरोध के बाद कांग्रेस की सारी रणनीति फेल होती दिख रही है. झटका आरजेडी के उन सवर्ण नेताओं को भी लगा है जो इस बार सवर्णों के वोट बैंक के सहारे चुनाव में उतरने की तैयारी में थे.

आरजेडी के सवर्ण नेताओं में बेचैनी

आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की तरफ से आया बयान उसी झुंझलाहट और बेचैनी को दिखाता है. आरजेडी के सवर्ण नेता पार्टी के स्टेंड को लेकर उलझन में हैं कि वो लोकसभा चुनाव में सवर्ण मतदाताओं से वोट किस आधार पर मांगेंगे, उन दिग्गज नेताओं में रघुवंश प्रसाद सिंह,जगदानंद सिंह और शिवानंद तिवारी सरीखे नेता शामिल हैं जिन्हें आरजेडी के द्वारा लिया गया सवर्ण आरक्षण विरोधी फैसला असहज करने लगा है. इसलिए आरजेडी द्वारा लिए गए फैसले को चूक बताकर रघुवंश प्रसाद सिंह ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश भी शुरू कर दी है.

उन्होंने ऐसा वक्तव्य देकर अगड़ी जाति को रिझाने की कोशिश की है. दरअसल रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी के सवर्ण चेहरा हैं. वो पांच दफा सांसद चुने जा चुके हैं. उनका चुनाव क्षेत्र वैशाली है जहां राजपूतों की संख्या निर्णायक फैसला कराने का मादा रखती है.

साल 1996 से लेकर 2009 तक लगातार रघुवंश प्रसाद सिंह वहां के सांसद रह चुके हैं. जातिगत समीकरण के तहत यादव और राजपूत जाति का एक साथ गोलबंद होना रघुवंश बाबू को संसद तक पहुंचाता रहा है लेकिन 2014 में रामा सिंह की इंट्री की वजह से एलजेपी और बीजेपी के गठबंधन ने रघुवंश प्रसाद सिंह को छठी बार सांसद बनने से रोक दिया था.

वजह साफ है कि राजपूत और यादव समाज का गठबंधन पिछले चुनाव में मज़बूत नहीं हो पाया था और आरजेडी के सवर्ण आरक्षण मुद्दे पर अपनाए गए रुख से रघुवंश प्रसाद सिंह सरीखे नेता की राजनीतिक जमीन चौपट हो सकती है. इसके लिए रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी से अलग लाइन लेकर मुद्दे को माइल्ड करने की कोशिश की है. ध्यान रहे राजपूत और यादव का गठजोड़ वैशाली के आसपास तीन लोकसभा क्षेत्र में सीधा असर डाल सकता है इसलिए बदली परिस्थितियों में उन्हें एक साथ रख पाना आसान नहीं दिखाई पड़ रहा है. यही हालत कमोबेश कई संसदीय क्षेत्र में है जिनमें मुंगेर, बलिया, बेगूसराय, नवादा, दरभंगा, मुज़्फ्फरपुर, औरंगाबाद की सीटें प्रमुख हैं.

लालू यादव के इशारे पर हुआ था विरोध!

सूत्रों की मानें तो आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से सलाह मशविरा करने के बाद ही पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा में सवर्ण आरक्षण मुद्दे पर विरोध करने का फैसला किया था. राज्य सभा में मनोज झा ने बिल का विरोध करते हुए कहा था कि ‘कहानियां हमेशा से काल्पनिक आधार पर गढ़ी जाती रही हैं और उसका वास्तविकता से दूर-दूर का वास्ता नहीं होता है.’ उन्होंने कहा था कि ‘हम सबने बचपन में पढ़ा है कि एक गरीब ब्राह्मण था लेकिन एक गरीब दलित था , एक गरीब यादव था या एक गरीब कुर्मी था ऐसी कहानी कभी नहीं पढ़ी है.’

ज़ाहिर है मनोज झा ऐसी कहानी सुना कर साबित करने की कोशिश कर रहे थे कि सवर्ण को गरीब बताया जाना मनगढ़ंत कहानी है और इसका हकीकत से कोई लेना देना नहीं है. मनोज झा पार्टी लाइन के हिसाब से सदन में बोल रहे थे और बाहर पार्टी के युवा नेता और लालू प्रसाद के वारिस तेजस्वी यादव सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर आए संविधान संशोधन विधेयक का विरोध यह कहते हुए कर रहे थे कि यह आरक्षण दलित,पिछड़े और आदिवासी को मिल रहे आरक्षण को खत्म करने की एक साजिश है. इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने विरोध करते हुए यह भी कहा था कि 15 फीसदी आबादी को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने की कोशिश हो रही है तो 52 फीसदी ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए.

तेजस्वी पिता लालू प्रसाद से गंभीर मंत्रणा के बाद ही ऐसी लाइन ले रहे थे. उन्हें मालूम था कि ऐसी पार्टी लाइन आरजेडी को सूट करती है और वो मोदी सरकार द्वारा लाए गए सवर्ण आरक्षण मुद्दे पर बिहार में अगड़ा बनाम पिछड़ा राजनीति करने में ठीक वैसे ही कामयाब होंगे जैसे उनके पिता लालू प्रसाद 90 के दशक में मंडल कमीशन लागू किए जाने के बाद सत्ता के शिखर तक पहुंचे थे.

अगड़ा बनाम पिछड़ा की रणनीति कितनी कारगर?

बिहार में अगड़ा बनाम पिछड़ा की राजनीति के दम पर लालू प्रसाद की राजनीति खूब चमकती रही है. इसकी वजह यह है कि अगड़ी जाति में जो चार जाति आती हैं, उनमें ब्राह्मण की आबादी 5.7 फीसदी है वहीं कायस्थ 1.5 फीसदी, भूमिहार 4.7 फीसदी और राजपूत 5.2 फीसदी हैं. आरजेडी अगड़ों के खिलाफ अतिपिछड़ा 21.7 फीसदी, यादव 14.4 फीसदी, बनिया 7.1 फीसदी, कुर्मी 3 और कोईरी 4 फीसदी को गोलबंद कर बिहार में अपनी राजनीति चमकाने की फिराक में है.

ये भी पढ़ें: 10 फीसदी कोटा: मोदी सरकार ने 8 लाख की आमदनी वाले को गरीब क्यों माना

लेकिन 90 के दशक की राजनीति का वो तरीका अब कारगर हो पाएगा उसकी उम्मीद कम ही दिखाई पड़ती है. मंडल कमीशन के दौर की राजनीति के बाद बिहार में तमाम दलों के नेतृत्वकर्ता पिछड़े और अति पिछड़े समाज से ही आते हैं, इसलिए आरजेडी की राजनीति से ज्यादा राजनीतिक लाभ मिल पाएगा ऐसा प्रतीत होता नजर नहीं आता है. प्रदेश में अगड़ा बनाम पिछड़ा की राजनीति फिर से शुरू हो सके इसकी गुंजाइश नहीं दिखाई पड़ती है.

यही वजह है कि महागठबंधन के घटक दलों में सवर्ण आरक्षण मुद्दे पर आरजेडी के विरोध के बाद असहज स्थिति पैदा होने लगी है. आरजेडी के सवर्ण नेता भले ही डैमेज कंट्रोल करने में लगे हों लेकिन कांग्रेस के भीतर भी आरजेडी के स्टैंड को लेकर मायूसी है. कांग्रेस पार्टी आरजेडी के वोट बैंक के साथ अगड़ों को एक साथ लाने की रणनीति पर काम कर रही थी लेकिन अब वैसा हो पाना उन्हें टेढ़ी खीर मालूम पड़ने लगा है.

राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस का साथ दे सकती है वीएचपी

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष (कार्याध्यक्ष) आलोक कुमार ने कहा यदि कांग्रेस हमारे लिए अपने दरवाजे खोलती है और अपने चुनावी घोषणा पत्र में राममंदिर निर्माण को शामिल करती है तो हम विचार करेंगे

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष (कार्याध्यक्ष) आलोक कुमार ने राम मंदिर निर्माण के लिए कानून न बनाने पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा, ‘हमें लगता था कि सरकार कानून बनाएगी. हमने आग्रह भी किया था और सरकार को कानून लाना भी चाहिए था. लेकिन अब लगता है कि सरकार कानून नहीं लाएगी. कम से कम इस कार्यकाल में तो नहीं लाएगी. इसलिए हम दूसरे विकल्पों के साथ संतों के सामने इस मामले को रखेंगे. 1 फरवरी को धर्म संसद में अब संत ही तय करेंगे कि हमें क्या करना है?’

कांग्रेस के साथ जाने पर क्या बोली VHP?

कुंभ मेला शिविर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदुत्व और राममंदिर को लेकर जो भी सकारात्मक संकेत देगा, हम उसके साथ जा सकते हैं. वहीं एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विकल्प तो कई हो सकते हैं. यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस के साथ भी जा सकते हैं तो उन्होंने कहा कि पहले वे अपने दरवाजे तो हमारे लिए खोले. कांग्रेस ने तो अपने दरवाजे हमारे लिए बंद कर रखे हैं. कांग्रेस के साथ जाने के लिए पहले कांग्रेस सेवा दल से जुड़ना होता है. यदि कांग्रेस हमारे लिए अपने दरवाजे खोलती है और अपने चुनावी घोषणा पत्र में राममंदिर निर्माण को शामिल करती है तो हम विचार करेंगे.

हालांकि उन्होंने कांग्रेस पर राममंदिर मुद्दे को कोर्ट में लटकाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं (जो वकील भी हैं) ने पूरा प्रयास किया कि यह मामला और लटके. सीजेआई पर दबाव बनाया गया. उनके खिलाफ महाभियोग की नोटिस दी गई. यह पूछे जाने पर कि क्या फिर चुनाव में वह बीजेपी को ही सपोर्ट करेंगे.

आलोक कुमार ने कहा कि यह संत ही तय करेंगे. हम तो पूरी स्थिति उनके सामने रखेंगे. हालांकि फिलहाल हिंदुत्व और राममंदिर के बारे में बीजेपी के अलावा कोई दूसरी पार्टी सोचने वाली तो नहीं दिख रही.

मीडिया के पूछे जाने पर कि क्या दोबारा बीजेपी की सरकार बनने पर वह बीजेपी पर राममंदिर के लिए दबाव बनाएंगे? उन्होंने कहा कि हम फिर उनसे आग्रह करेंगे. जनमत चाहता है कि राममंदिर बने. हमें उम्मीद है कि 2025 तक राममंदिर जरूर बन जाएगा. हालांकि यह नहीं बताया कि शुरू कब होगा.

आस्था का कुम्भ, 12 लाख करोड़ की कमाई : सीआईआई

लखनऊ: प्रयागराज में संगम की रेती पर बसे आस्था के कुंभ से उत्तर प्रदेश सरकार को 1,200 अरब रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है. उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने यह अनुमान लगाया है. सीआईआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 जनवरी से 4 मार्च तक आयोजित होने वाला कुंभ मेला हालांकि धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है मगर इसके आयोजन से जुड़े कार्यों में छह लाख से ज्यादा कामगारों के लिए रोजगार उत्पन्न हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 दिन तक चलने वाले कुंभ मेले के लिए आयोजन के लिए 4,200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जो वर्ष 2013 में आयोजित महाकुंभ के बजट का तीन गुना है.

सीआईआई के अध्ययन के मुताबिक कुंभ मेला क्षेत्र में आतिथ्य क्षेत्र में करीब ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा एयरलाइंस और हवाई अड्डों के आसपास से करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजी-रोटी मिलेगी. वहीं, करीब 45,000 टूर ऑपरेटरों को भी रोजगार मिलेगा. साथ ही इको टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म क्षेत्रों में भी लगभग 85,000 रोजगार के अवसर बनेंगे.

रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा टूर गाइड टैक्सी चालक द्विभाषिये और स्वयंसेवकों के तौर पर रोजगार के 55 हजार नए अवसर भी सृजित होंगे. इससे सरकारी एजेंसियों तथा वैयक्तिक कारोबारियों की आय बढ़ेगी.

सीआईआई के अनुमान के मुताबिक कुंभ मेले से उत्तर प्रदेश को करीब 12 सौ अरब रुपये का राजस्व मिलेगा. इसके अलावा पड़ोस के राज्यों राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश को भी इसका फायदा होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि कुंभ में शामिल होने वाले पर्यटक इन राज्यों के पर्यटन स्थलों पर भी जा सकते हैं.कुंभ मेले में करीब 15 करोड़ लोगों के आने की संभावना है. दुनिया का यह सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन पूरी दुनिया में अपनी आध्यात्मिकता और विलक्षणता के लिए प्रसिद्ध है

कर्नाटक संकट: कांग्रेस विधायकों के बीच हुई मारपीट-हाथापाई, अस्पताल में भर्ती एक MLA

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक रिसॉर्ट में कांग्रेस विधायकों के बीच झड़प की बात का तब पता चला जब एक विधायक आनंद सिंह को बेंगलुरु के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि कांग्रेस ने इन खबरों का खंडन किया है

बेंगलूर: कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम ने उस वक्त अजीबोगरीब मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के विधायक जे एन गणेश की झड़प अपनी ही पार्टी के विधायक आनंद सिंह से हो गई. इस बीच, कांग्रेस ने पार्टी विधायक दल की अहम बैठक में हिस्सा नहीं लेने वाले अपने चार विधायकों को नोटिस जारी किया है. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी के दोनों विधायकों के बीच झड़प की घटना शनिवार की रात शहर के उस रिजॉर्ट में हुई जहां कांग्रेस के विधायक शुक्रवार से ही जमे हुए हैं. मुख्य विपक्षी भाजपा की ओर से कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिराने की कथित कोशिशों के कारण इन विधायकों को रिजॉर्ट में रखा गया है.

उन्होंने बताया कि बल्लारी जिले के कम्पली विधानसभा क्षेत्र से विधायक जे एन गणेश के साथ हुई झड़प के बाद इसी जिले के होसपेट से विधायक आनंद सिंह को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. दोनों के बीच तीखी बहस हुई और फिर हाथापाई हो गई. इस बीच, रविवार को अपने चार विधायकों को भेजे गए नोटिस में कांग्रेस ने जानना चाहा है कि शुक्रवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हिस्सा नहीं लेने पर उनके खिलाफ दल-बदल निरोधक कानून के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जाए.

कांग्रेस ने अपने शक्ति प्रदर्शन के उद्देश्य से विधायक दल की बैठक की थी. बहरहाल, अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि आंनद सिंह की ‘‘आंखें काली पड़ गई हैं और उन्हें काफी चोट आई है.’’ उनके मुताबिक, आनंद ने छाती में बेचैनी की शिकायत की थी, लेकिन अब वह ‘‘ठीक’’ हैं और वॉर्ड में हैं. गणेश कांग्रेस के उन ‘असंतुष्ट’ विधायकों में शामिल बताए जाते हैं जो कथित तौर पर भाजपा में शामिल होने की योजना बना रहे पार्टी के असंतुष्ट विधायकों के संपर्क में हैं. कांग्रेस प्रवक्ता एवं निजामाबाद के पूर्व सांसद मधु गौड़ याक्षी ने बताया, ‘‘यह निजी मामला था, जिले से जुड़ा था. वे कारोबार में एक साथ हैं.

इस झड़प का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. वे एक ही जिले के हैं और उनके कारोबारी रिश्ते हैं. यह (झगड़ा) उसी से जुड़ा है. इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.’’ याक्षी ने बताया कि उनकी मौजूदगी में दोनों विधायकों ने रात में खाना खाया और उस समय सब कुछ अच्छा था, लेकिन जैसे ही वह वहां से गए तो दोनों के बीच झगड़ा हो गया. बिदाड़ी पुलिस थाने ने संपर्क किए जाने पर बताया कि उसे इस बाबत अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है. अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

कांग्रेस विधायक रघुनाथ ने कहा, ‘‘हमें अस्पताल के भीतर नहीं जाने दिया गया.’’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा ने ट्वीट किया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केपीसीसी, इगलटन रिजॉर्ट में झगड़ा रोकने में नाकाम रही. हम उम्मीद करते हैं कि आनंद सिंह का इलाज कराया जा रहा होगा और हम उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं.’’

भाजपा ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश अब दिनेश गुंडू राव (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) भाजपा पर भी ठीकरा नहीं फोड़ सकते, क्योंकि विधायक तो उनकी निगरानी में इगलटन में ठहरे हुए हैं. अब आप कौन सा बहाना बनाएंगे?’’ 
बहरहाल, कांग्रेस नेता एवं कर्नाटक सरकार में वरिष्ठ मंत्री डी के शिवकुमार ने इन खबरों को खारिज किया कि आनंद सिंह पर हमला हुआ.

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के सारे विधायक एकजुट हैं. शिवकुमार ने कहा, ‘‘किसी ने गुमराह किया है. कोई हमला नहीं हुआ. (सिंह के सिर पर) बोतले मारने की कोई घटना नहीं हुई. यह फर्जी खबर है. हर कोई साथ है. पूरी कांग्रेस एकजुट है.’’ कर्नाटक में भाजपा के वरिष्ठ नेता आर अशोक ने कहा कि कांग्रेस आनंद सिंह को मीडिया के सामने पेश करे और पुलिस इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू करे.

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने जिन विधायकों को नोटिस भेजा उनमें रमेश जरकीहोली, बी नागेंद्र, उमेश जाधव और महेश कुमताहल्ली शामिल हैं. इन चारों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था. विधायक दल की बैठक में इन चारों कांग्रेस विधायकों की गैर-मौजूदगी से राज्य की सात महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है. पार्टी ने चारों विधायकों को स्पष्टीकरण देने को कहा है. कांग्रेस के 80 में से 76 विधायकों ने बैठक में हिस्सा लिया था.

‘राहुल गांधी 25 जनवरी को ओडिशा के दौरे पर आएंगे. मैं उसी दिन उनका पर्दाफाश करूंगा ताकि वह जनता को अपना चेहरा नहीं दिखा सकें.’जेना

पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में श्रीकांत जेना और कोरापुट के पूर्व विधायक कृष्णचंद्र सागरिया को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की अनुशंसा पर पार्टी की ओडिशा इकाई ने निष्कासित किया है

भुवनेश्वर : कांग्रेस से निष्काषित किए जाने के एक दिन बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना ने रविवार को कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का ऐसा पर्दाफाश करेंगे कि वह फिर ‘‘जनता को अपना चेहरा नहीं दिखा’’ पाएंगे. पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में श्रीकांत जेना और कोरापुट के पूर्व विधायक कृष्णचंद्र सागरिया को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की अनुशंसा पर पार्टी की ओडिशा इकाई ने निष्कासित किया है.

जेना ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि राहुल गांधी 25 जनवरी को ओडिशा के दौरे पर आएंगे. मैं उसी दिन उनका पर्दाफाश करूंगा ताकि वह जनता को अपना चेहरा नहीं दिखा सकें.’ बहरहाल, कांग्रेस प्रमुख के खिलाफ अपने प्रस्तावित ‘महाखुलासे’’ का उन्होंने ब्यौरा नहीं दिया.

कांग्रेस से निष्कासित किए जाने पर नाराज जेना ने कहा, ‘राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह खनन माफिया का साथ देंगे. कभी उत्कलमणि गोपबंधु दास का साथ देने वाली ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति के नेतृत्व ने खनन माफिया से हाथ मिला लिया है. हालांकि इस तरफ मैंने कई बार राहुल गांधी का ध्यान आकर्षित किया, लेकिन उन्होंने खनन माफिया का साथ दिया.’

स्वतंत्रता सेनानी गोपबंधु दास को ‘ओडिशा का गांधी’ कहा जाता है, जिन्हें शानदार सामाजिक कार्यों, सुधारक, राजनीतिक कार्यकर्ता, पत्रकार, कवि होने के लिए ‘‘उत्कलमणि’’ की उपाधि हासिल है. जेना ने आरोप लगाए कि गांधी ने निर्णय किया था कि ओडिशा की सरकार की कमान पटनायक परिवार के हाथों में रहना चाहिए, जिसके लिए उन्होंने बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष नवीन पटनायक के साथ ‘‘महागठबंधन’’ की घोषणा की.

जेना ने कटाक्ष करते हुए कहा कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त नहीं रहे और कांग्रेस में वह उपयुक्त नहीं बैठते क्योंकि खनिजों को लूटकर उन्होंने ‘‘धन इकट्ठा’’ नहीं किया है. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक पर भी आरोप लगाए, जिनके जवाब में पटनायक ने कहा कि अनुशासनहीनता में शामिल लोगों के लिए कांग्रेस में कोई जगह नहीं है.

Kejriwal sounds poll biguil in Punjab prosing to fight for ‘dalit’, the poor and under-privileged

Rakesh Shah

Chandigarh/Barnala, January 20

Arvind Kejriwal

Sounding a poll beguil ahead of the Lok Sabha polls, national convener of the Aam Aadmi (AAP) and Delhi chief minister Arvind Kejriwal mounted a scathing attack on Captain Amarinder Singh-led government, saying it had cheated on the teeming millions of distressed farmers, unemployed youth, ‘dalits’ and the underprivileged in the state. He was addressing a mammoth rally at Barnala here on Sunday.

Continuing his tirade against the government in the saddle, he said the AAP government in Delhi, during its 3-year tenure in power, had brought about drastic changes in bettering the health care, education and other areas, which had attracted rave review from across the globe.

Reacting to the canards being spread by certain vested interest against the party dubbing it as a ‘scattered’ party, he said AAP had always fought for the rights of the people and would continue to do so in the future as well. He said that today’s rally was a befitting answer to those spreading rumors. He was critical of the erstwhile SAD-BJP and the Congress Party for colluding with each other to harm and send the party from Punjab packing. But, the people reposed abiding faith in us and that we put up a bold face and devastated their evil design with strong will power and perseverance.

Accusing the previous governments in the state changing hands in power, of being insensitive to the cause of the people, including the dalits, poor and the under-privileged as and when they were voted to power. They had always been neglected by the subsequent governments, he said.

Referring to the anti-Dalit and anti-people policies of the Captain government, he said education and health services had crumbled to the brink during its one-year tenure. This, he said, had led to depriving dalits, poor and the under-privileged in the state. He further that if the government holding the fort could not provide basic amenities in the field of education and health services, it had no moral right to be in the august chair. He also accused Captain of giving a false hope to given employment in every household and give Smartphone to the youth.

Citing an example of the Delhi model, Kejriwal further said that the AAP government had redefined the concept of education and health services. He patted deputy chief minister, Miunish Sisodia, who also holds the education portfolio, he said that he had toiled very hard to change the education system by introducing new technology and providing seamless facilities in government schools, giving access to the dalits and the under-privileged to the right to education.. He said that earlier the government school results were 40 per cent which stood at 80 per cent during the last year.

Lauding the role of Sangrur MP Bhagwant Mann, he said that he (Mann) was the true representative of the people of Punjab as he was the only elected representative from the state who spoke about the rights of the people in the Parliament. He said that he entered politics to serve the people of the state after quitting his lucrative career as an established artiste.

सी सी क्रिकेट क्लब विकास नगर मौली जागरण ने Nockout सुपर 8 टूर्नामेंट का आयोजन किया

फोटो और ख़बर: राजकुमार
पंचकुला 20/01/19

Nockout सुपर 8 टूर्नामेंट ओरगानाइज बाय के सी सी क्रिकेट क्लब विकास नगर मौली जागरा जोहर 11 V/S विकास नगर 11 जोहर , कैप्टन सुरज विकास नगर क्लब FCC चीफ़ गेसट लेखपाल जी ब्लाक प्रेज़िडेंट मौली जागरा कांग्रेस पाटी वाड न 24 नेत्राम राना जी पना लाल जी पपू जी सतीस जी कमल जी चिटी जी सभी को समानीत किया लेखपाल जी ने कहा आप सभी बच्चों देश का गोरब है अागे जा के आप ने अपने देश का नाम रोशन करना है देश के लिए खेलना है आप सभी को सालाम करता हू नेतराम जी ने कहा की आप सभी से हमारी कामना है कि हमेशा देश के लिए खेले आप सभी को हमारी तरफ़ से बहुत बहुत सुभकामनाए

आज़ादी के पूर्व से कांग्रेस के साथ रहे परिवार की बेटी ने अपने 45 सहयोगियों संग थामा भाजपा का दामन

ऐसे क्रांतिकारी परिवार की बेटी जिसने पूर्व में कोंग्रेस पार्टी के लिए अपना समय दिया हो आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की नीतियों से प्रेरित हो कर भाजपा का दामन थामा


फोटो और ख़बर: राजकुमार
पंचकुला 20/01/19

आजादी से पूर्व भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लेने वाले परिवार की बेटी एडवोकेट परवीन दत्त ने आज अपने 45 सहयोगियों के साथ भाजपा का दामन थामा। भाजपा कार्यालय पंचकूला में जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा पंचकूला विधायक ज्ञान चन्द गुप्ता हरियाणा सरकार में टेक्निकल अड्वाइज़र विशाल सेठ की उपस्थिति में इन सब ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

श्रीमती प्रवीण दत्त खुद एडवोकेट होते हुए एक सेवानिवृत्त सैनिक अफसर की पत्नी है। सन 1970 लेडी श्री राम कॉलेज नई दिल्ली में अपनी स्नातक की पढ़ाई के दौरान इन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया।अपनी पढ़ाई के बाद देश के प्रसिद्ध समाचार पर जैसे कि इंडियन एक्सप्रेस ट्रिब्यून समाचार ब्यूरो के लिए लिखने वाली श्रीमती दत्त एक क्रांतिकारी परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
श्रीमती दत्त की माता वेद दत्त जिनकी उम्र आज 96 वर्ष है उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के साथ आजादी के आंदोलन में भाग लिया तथा सन 1942 में महात्मा गांधी जी द्वारा चलाए गए भारत छोड़ो आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। उन्होंने अपनी बी ए तथा एम ए सोशल साइंस की पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी लाहौर से पूरी की थी।
ऐसे क्रांतिकारी परिवार की बेटी जिसने पूर्व में कोंग्रेस पार्टी के लिए अपना समय दिया हो आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की नीतियों से प्रेरित तो कर भाजपा का दामन थामा इनके साथ संजीव परमार श्रीमती सुनीता कौशिक मोहन सिंह राणा संदीप भारद्वाज राजपाल सदस्यता ग्रहण करने वालों में मुख्य रूप में उपस्थित थे।
कार्यक्रम में महामंत्री हरेंद्र मलिक पंचकूला महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती परमजीत कौर मंडल अध्यक्ष राजेंद्र नौनिवाल राजेश गोड़ राकेश बाल्मीकी एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

आईएम स्टिल ह्युमन द्वारा भारतीय सेना के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया

पंचकूला।

पंचकूला की नामी एनजीओ आईएम स्टिल ह्युमन द्वारा भारतीय सेना के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें सौ से भी ज्यादा लोगों ने रक्तदान किया। सेक्टर 16 में बिग दवा बाजार के सहयोग से लगाए गए इस चौथे रक्तदान शिविर का उद्घाटन सेवानिवृत्त ले. जनरल के.जे. सिंह ने किया। शिविर शुरू होने से पहले 100 बाइक के साथ एनजीओ के युवाओं ने रक्तदान का प्रचार करने के लिए रैली निकाली, जिसका रक्तदान स्थल पर पहुंचने से पहले ले. जनरल के.जे. सिंह व समाजसेवी बॉबी सिंह ने स्वागत किया।

अपने मुख्यातिथि के भाषण में ले. जनरल के.जे. सिंह ने उपस्थितों को बताया कि फौजी की जिंदगी किस तरह की होती है और वे सीमा पर किस तरह का जीवन व्यतीत करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से एक आम नागरिक भी देश की सेवा कर सकता है।
कार्यक्रम में बतौर अतिथि आए पैरा कमांडो फोर्स के मेजर जनरल ए.के. शर्मा ने बताया कि किस तरह से कमांडो का जीवन खतरों भरा होता है। मगर वह इसे बखूबी निभाता है। रक्तदान शिविर में पुलिस व होमगार्ड के जवानों ने भी रक्तदान किया। आई स्टिल ह्युमन के विवेक ने बताया कि इस तरह के आयोजन उनकी संस्था करती रहती है।
गृहरक्षी विभाग पंचकूला के स्वयंसेवक गोल्डी, कुलदीप, हरीश, अरविंद, रमेश व पंचकूला क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर कर्मवीर, एएसआई बिजेंद्र, हेडकॉन्स्टेबल रमेश ने भी खून दान किया।

जितेंद्र सिंह तौमर ने नारायणगढ़ में विधानसभा कार्यालय का किया उद्घाटन

कहा, आम आदमी पार्टी की सरकार आते ही नारायणगढ़ को करेंगे जिला घोषित

चंडीगढ़ से यमुनानगर के बीच चलाएंगे रेल

फोटो और ख़बर: राजकुमार
पंचकुला 20/01/19

रविवार को दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तौमर ने नारायणगढ़ में विधानसभा कार्यालय का उद्घाटन किया। उनके साथ अध्यक्ष योगेश्वर शर्मा व जिलाध्यक्ष अभय सैनी विशेष रूप से  मौजूद रहे। वहां पर सुरेश पुनिया ने सैकड़ों साथियों सहित पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। सुरेश पुनिया नारायणगढ़ से विधायक का चुनाव भी लड़ चुके हैं।

इस दौरान जितेंद्र सिंह तौमर ने विधानसभा कार्यालय के उद्घाटन के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी को मजबूती देने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर चलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कई विकास कार्य किए। उन्होंने कहा कि जिस तरह हरियाणा में भी पार्टी कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ डोर-टू-डोर अभियान चलाकर लोगों को पार्टी के प्रति प्रेरित कर रहे हैं इससे साफ जाहिर है कि आने वाले चुनाव में आम आदमी पार्टी की ही सरकार बनेगी।

इस दौरान उन्होंने नारायणगढ़ के लोगों से वादा किया कि आम आदमी पार्टी की सराकर आते ही नारायणगढ़ को जिला घोषित किया जाएगा और नारायणगढ़ की रेलवे लाइन की लंबित मांग चंडीगढ़ से युमानगर को भी पूरा किया जाएगा।

इस दौरान संबोधित करते हुए योगेश्वर शर्मा ने कहा कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी की सरकार बनना निश्चित है, क्योंकि वह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ लोगों के घरों में जाकर उनका आप के प्रति होते रुझान को देखा है। योगेश्वर ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में ऐसे कार्य किए हैं जो पिछली सरकारों ने कभी नहीं किए। इस दौरान जिलाध्यक्ष अभय सैनी ने कहा कि आम आदमी पार्टी हरियाणा में जनसंपर्क अभियान चला रही है, जिसके तहत हर मौहल्ले के एक-एक घर में जाकर उनकी आवश्यकताओं को लेकर बात की जा रही है। इसमें बहुत लोगों ने भाजपा व कांग्रेस के प्रति अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा है कि कांग्रेस से तंग आकर भाजपा को चुना था, लेकिन भाजपा कांग्रेस से भी चार कदम आगे निकली। बढ़ती महंगाई, गैस के दाम, पेट्रोल-डीजल, शिक्षा के मद्दों को लेकर लोगों में काफी रोष है। लोगों ने दोनों पार्टियों से तंग आकर इस बार आम आदमी पार्टी को चुनने का मन बनाया है। अभय सैनी ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस बार पूरी तैयारी के साथ विधानसभा व लोकसभा चुनाव लड़ेगी।

इस मौके पर जिला महासिचव रणबीर सैनी, जिला मीडिया प्रभारी मनीष खन्ना, विधानसभा अध्यक्ष दिलबाग सिंह, हलका अध्यक्ष शहरी अमरनाथ धिंगड़ा, दीपक अव्वल, आर्य सिंह, गगनदीप कपूर, कुशल कटोच, केवल कृष्ण खन्ना, कृष्ण ओझा, चंद्रकांता व अन्य आप कार्यकर्ता मौजूद रहे।