आज का पंचांग

पंचांग 03 जनवरी 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1940, 

मासः पौष़, 

पक्षःकृष्ण पक्ष,

तिथिः त्रयोदशी रात्रि 03.21 तक है, 

वारः गुरूवार, 

नक्षत्रः अनुराधा प्रातः 11.03 तक, 

योगः अतिगण्ड रात्रि 01.47 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः धनु, 

चंद्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालःदोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.19, 

सूर्यास्तः 05.32 बजे।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

आज का राशिफल

03 जनवरी 2019: आज आपका स्वास्थ्य पहले की अपेक्षा अधिक सुखद होगा। जिससे आप अपने कामों को पहले से अधिक तत्परता के साथ कर सकेंगे। आप देखेंगे कि आज व्यवसाय को बढ़ाने के बढ़िया अवसर आ रहे है। प्रेम संबंधों में आज मधुर संवादों की स्थिति और तेज हो चली है। किन्तु समय के आभाव के चलते आप परेशान होगे।

03 जनवरी 2019: आज आप अपने काम-काज को लेकर कई बार स्थानीय बाजार में भाग-दौड़ करते हुए होगे। इस दौरान आपको अपने किसी मित्र व रिश्तेदार से भी सहयोग प्राप्त होगा। आज आपको अपनी जेब अधिक ढ़ीली करनी पड़ सकती है। वैसे स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन कुछ परेशानी भरा होगा। जिसके लिए आपको दवा खानी होगी।

03 जनवरी 2019: आज आप अपनी आमदनी को और बढता हुए तो देखेंगे। किन्तु किसी पुराने लेन-देन को चुकाने में आपका अधिकांश धन खर्च होगा। वैसे आप कुछ अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्पर होगे। प्रेम व चाहत के मामलों आज सुखद पल होगे। किन्तु बाहरी मामलों में आपको परेशानी होगी। निजी सबन्धो मे खुशी होगी।

03 जनवरी 2019: आज आपका स्वास्थ्य सामान्य होगा। जिससे आप कामों को पहले की ही तरह सामान्य रूप से करते रहे होगे। आज के दिन आप कुछ लोगों से सम्पर्क को बढ़ाने के लिए तैयार होगे। आज आपके घर-आंगन में खुशियों के पल होगे। प्रेम संबंधों को मधुर रखने के लिए आपको कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। 

03 जनवरी 2019: आप अपने कामों में पहले से अधिक तेजी लाने के लिए तत्पर होगे। आप देखेंगे कि आज का दिन वैसे आपको कुछ अवसर दे रहा है। जिससे आप अपने परिवार के साथ मेल-मिलाप को बढ़ाने में कामयाब होगे। सेहत सामान्य होगी। प्रेम संबंधों में वार्ताओं को जारी रखने की चुनौती होगी। आपके वाहन में खराबी हो सकती है।

03 जनवरी 2019: आज का दिन आपके लिए दिपचस्प होगा। आप देखेंगे कि कुछ कानूनी मामलों में आप चुपचाप बढ़त हासिल कर रहे है। यद्यपि विरोधी आपके पीछे लगा हुआ है। किन्तु आप सकिय्र रहते हुए उन्हें नाकाम कर देंगे। आज आपके धन के अधिक व्यय होने की स्थिति होगी। स्वास्थ्य में रक्तचाप से परेशानी हो सकती है।

03 जनवरी 2019: आज आप अपने शादी-शुदा जीवन में प्रसन्नता को बढ़ाने के लिए तैयार होगे। पत्नी व बच्चों के साथ आप कुछ अधिक उदार होते हुए उनके मन के मुताबिक वस्तुओं को दिलाना चाहेंगे। यदि आप व्यवसायी हैं, तो आज का दिन आपके लिए बेहतर होगा। वैसे स्वास्थ्य समान्य होगा। किन्तु प्रेम संबंधों में तनाव होगे।

03 जनवरी 2019: आज आप अपने कामों को और अधिक ऊर्जा के साथ करने के लिए तैयार होगे। आज आप अपने अधीन काम करने वालों को तय समय में कामों को निपटाने के लिए मुस्तैद कर देंगे। आप आज किसी यात्रा में जाने के लिए तैयार होगे। वैसे आज आपका धन अधिक व्यय होगा। प्रेम संबंधों में बातों का क्रम अवरूद्ध हो सकता है।

03 जनवरी 2019: आप आज अपने ज्ञान को और उच्च करने के लिए कुछ जरूरी किताबों की खरीद को अंजाम देना चाहेंगे। यदि आप विद्यार्थी है। तो आज आपके ग्रह अधिक शुभ हैं। जिससे आप अपने विषयों को सही ढंग से तैयार करने के लिए तत्पर होगे। स्वास्थ्य ठीक होगा। प्रेम संबंधों में मधुरता होगी। कोई जरूरी वस्तु भूल सकती है।

03 जनवरी 2019: आज आप जहाँ बेहतर स्वास्थ्य के स्वामी होगे। वहीं सांस, जुकाम व ज्वर जैसी पीड़ाएं समाप्त होगी। आप अपने व्यापार को उन्नत करने के लिए पूरी तरह सक्रिय होगे। यदि आप नौकरी करते है। तो आज आपको कुछ अतिरिक्त कामों को करने के लिए कहा जाएंगा। प्रेम संबंध मधुर होगे। धन संग्रह करने की चुनौती होगी। 

03 जनवरी 2019: आज आप अपने पराक्रम को और उच्च करने के लिए तत्पर होगे। यदि आप किसी परीक्षा की तैयारी कर हैं, तो आज आप अच्छा प्रदर्शन की स्थिति मे होगे। घर परिवार से भी आपको पूरा सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम संबंधों में आज खुशी की स्थिति कुछ प्रयासों के बाद होगी। नौकरी के क्षेत्रों में कुछ तनाव जैसी स्थिति हो सकती है।

03 जनवरी 2019: आज आप किसी भूमि की खरीद के लिए उसकी कानूनी वैधता को सत्यापित करने के लिए इधर-उधर भाग-दौड़ करते होगे। आप अपने घर-परिवार के साथ तालमेल बिठाने में सफल होगे। धन के मामलों में आज ज्यादा व्यय की स्थिति होगी। स्वास्थ्य के मामलों में आज कुछ दवाई खानी पड़ सकती है।

राफेल से भागे तो किसानों में अटके राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान के किसानों आपसे 3,50,000 करोड़ चोरी कर सबसे अमीर लोगों का कर्जा माफ किया

अब यह कुछ नया है, राहुल खुद तो असमंजस में हैं साथ ही दूसरों को भी भ्रम की स्थिति में बनाए रखना चाहते हैं।

राफेल डील पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि काफी समय से ये मुद्दा उठा रहे हैं. पर्रिकर जी की बेडरूम में क्या जानकारी है. क्या फाइलें हैं और इसका प्रभाव नरेंद्र मोदी पर क्या पड़ेगा. अब भाषण में जेटली जी ने बोला कि 1600 करोड़ रुपए का नंबर कहां से आता है. उन्होंने खुद कहा कि 58,000 करोड़ रुपए की डील है. अब इसे 36 से भाग करोगे तो 1600 करोड़ ही तो आता है. तो ये कीमत नहीं है. हमारा कोई नंबर नहीं है.

आज राहुल गांधी को लोक सभा में कई बार शर्मिंदगी उठानी पड़ी। वह पररीकर को लेकर एक अडियो टेप चलाने की मांग कर रहे थे बार बार उठाई जा रही मांग पर जब स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पूछा की क्या राहुल उस टेप की प्रामाणिकता की गारंटी लेते हैं तो राहुल पलट गए और अनिल अंबानी का नाम लेने लगे, उन्हे किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से रोका गया तो वह सदन पर ही तंज़ कसने लगे।

उन्होंने कहा कि डिफेंस मिनिस्टर ने साफ कहा है कि मुझे नए डील के बारे में कुछ नहीं पता है. सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता. जितने भी ये सच्चाई को छुपाने की कोशिश करते हैं. जेटली जी अपने भाषण में कहते हैं 1600 करोड़ का नंबर कहां से आया उन्होंने खुद ही जवाब दे दिया. तो युवा और हिंदुस्तान के किसानों आपसे 3,50,000 करोड़ चोरी कर सबसे अमीर लोगों का कर्जा माफ किया.

राहुल ने कहा कि संसद में डिफेंस मिनिस्टर नहीं खड़े हुए, प्राइम मिनिस्टर नहीं खड़े हुए, लेकिन अरुण जेटली प्रधानमंत्री के एक्शन का बचाव कर रहे हैं. देश जानता है कि नरेंद्र मोदी ने 30,000 करोड़ अपने दोस्त को दिया. ये देश जानता है और नरेंद्र मोदी छुप नहीं सकते.

जबकि आज अरुण जेटली ने संसद में साफ साफ बताया की पूरी दिल 58,000 करोड़ की है जिसमें से आधा ही यानि 29,000 करोड़ offset पार्टनर को मिलेगा जो कि तकरीबन 100 से अधिक ऑफसेट पार्टनर्स में काम के हिसाब से बँटेगा और अनिल अंबानी कि कंपनी को जो कि राफेल कि कंपनी कि पुरानी पार्टनर है को 800 करोड़ का काम दिया गया है, राहुल उस 800 करोड़ के काम को 30,000 करोड़ बता रहे हैं, यह तो केजी के बच्चे के सामान्य ज्ञान से भी कम कि बात है। जेटली ने यह भी कहा कि राहुल को तो पूरी ABCD से ही शुरू करना चाहिए ।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्राधानमंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, हम जेपीसी की मांग कर रहे हैं. दो लोगों का नाम इस घोटाले में सामने आया है- एक अनिल अंबानी और एक नरेंद्र मोदी.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू में कहा कि मेरे बारे में कोई सवाल नहीं पूछ रहा. जनता आपसे ही सवाल पूछे जा रहे हैं. नरेंद्र मोदी जी को जवाब देना चाहिए. क्या डिफेंस मिनिस्ट्री ने नए कॉन्ट्रैकट के बारे में कोई ऑब्जेक्शन दी. 562 से 1600 तक बड़ा है वो किसका फैसला था. क्या वो नरेंद्र मोदी का निर्णय था. जेटली ने इस पर भी राहुल को खींचते हुए कहा कि एनडीए कार्यकाल में जिन जहाजों कि बेस प्राइस कि वह बात कर रहे हैं वह यूपीए के सौदे से प्रति विमान 9% कम है और जब यही विमान पूर्णतया हथियारों से लैस हो कर आएगा तो यूपीए के सौदे से 20% कम कीमत पर भारत को मिलेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अनिल अंबानी ने जिंदगी में कभी हवाईजहाज नहीं बनाया है. HAL 70 साल से बना रही है. मिग हवाईजहाज, सुखोई हवाईजहाज जैसे एयरक्राफ्ट HAL ने बनाए हैं. जो एयरक्राफ्ट भारत में बनना था. वो निर्णय किसने एयरफोर्स ने लिया या नरेंद्र मोदी जी ने लिया.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी इन सवालों के जवाब दें. हम सिर्फ सच्चाई ढूंढ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल में भ्रष्टाचार से नहीं मना किया और न ही कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की जांच नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम इसकी जांच नहीं करेंगे.

सर्वोच्च न्यायालय ने इन सभी मामलों में एनडीए सरकार को खरीद प्रक्रिया को, साफ सुथरा पाया यहाँ सर्वोच्च नयायालय ने केवल कीमतों को लेकर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था। और राहुल इसे भी ले कर असमंजस में हैं।

‘राफेल को लेकर पिछले छह महीनों में जो भी कहा गया है, अभी इस हाउस में जो कहा गया है, वो सब झूठ है.’

2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अब सभी दल पूरी तैयारी में लग गए हैं. राफेल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सरकार को राहत मिलने के बाद विपक्ष के हाथ से बड़ा मुद्दा निकल गया है.

नए साल में पहले दिन अवकाश के बाद जब संसद की कार्यवाही शुरू हुई तो लोकसभा में एक बार फिर राफेल सौदे का मुद्दा उठ गया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे में गड़बड़ी की बात दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया. उन्होंने राफेल सौदे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने डेढ़ घंटे के इंटरव्यू में पांच मिनट भी राफेल सौदे पर बात नहीं की.

कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर से राफेल सौदे में अपने पुराने आरोपों की झड़ी लगा दी. राहुल गांधी ने अपनी तरफ से फिर सवाल खडा किया कि जब भारत को तत्काल इन विमानों की जरूरत है तो भी अभी तक एक भी विमान भारत की जमीन पर क्यों नहीं उतरा है.

राहुल के आरोपों के बाद अब बारी अरुण जेटली की. लोकसभा में तो रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं, लेकिन, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देने के लिए मोर्चा संभाला वित्त मंत्री अरुण जेटली ने. जेटली ने एक-एक कर राहुल गांधी के सारे सवालों का जवाब भी दिया और कांग्रेस के साथ-साथ यूपीए सरकार के इतिहास के कार्यकाल में चर्चा में आए ‘घोटालों’ का जिक्र कर दिया.

जेटली ने राहुल की बातों का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा, ‘राफेल को लेकर पिछले छह महीनों में जो भी कहा गया है, अभी इस हाउस में जो कहा गया है, वो सब झूठ है.’

जिस तथाकथित ऑडियो टेप का जिक्र कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा के भीतर कर रहे थे, उस पर भी जेटली ने कहा कि ‘गोवा के मंत्री विश्वजीत पी. राणे ने गोवा के सीएम को लेटर लिखकर कहा है कि राफेल पर कांग्रेस ने जो ऑडियो टेप जारी किया है, वह फर्जी है. इस मामले में जांच करनी चाहिए.’

राहुल गांधी की तरफ से एक बार फिर राफेल सौदे में विमान की कीमत को लेकर सवाल पूछा गया था. अरुण जेटली ने इस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि ‘इस देश में कुछ परिवार हैं जिन्हें सिर्फ पैसे का तर्क समझ में आता है लेकिन देश की सुरक्षा का तर्क समझ में नहीं आता.’

जेटली ने जेम्स बॉन्ड फिल्म का जिक्र करते हुए कहा, ‘अगर कोई चीज एकबार होती है तो यह सामान्य है. दो बार कोई चीज होती है तो वह संयोग हो सकता है. लेकिन अगर कोई चीज तीन बार होती है तो यह षड्यंत्र है. कांग्रेस अपनी डील में बार-बार ऐसा करती है.’

जेटली को ठीक करने के उत्साह में राहुल को क्या कह गए डेरेक ओ ब्रायन

अरुण जेटली ने कहा कि करगिल युद्ध के दौरान हमारी सेना ने राफेल की मांग की थी. 2007 में जब राफेल के लिए बिड मंगाई गई तो दो लोगों को फाइनल किया गया. यह उनके कार्यकाल में हुआ. उस वक्त सबसे मिनिमम बिड राफेल की थी. राफेल की एयरक्राफ्ट 2012 में उस वक्त के डिफेंस मिनिस्टर की मेज पर गया. उन्होंने कहा, कांग्रेस डील को टालने के लिए मशहूर है. तब के रक्षा मंत्री को यह बात समझ में आई कि सेना इसकी मांग कर रही है.

वित्त मंत्री की तरफ से उस वक्त के एक कार्यक्रम का जिक्र करते हुए लोकसभा में जेटली ने कहा, बीबीसी पर एक कार्यक्रम आता था यस मिनिस्टर. इसमें कहा गया है कि सबसे नाकाबिल प्रशासन वह होता है जो फैसला ना ले पाए. तब के समय इकोनॉमिस्ट में लिखा था A prime minister in office but not in Power.

अरुण जेटली की तरफ से यूपीए सरकार के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री ए के एंटनी पर तंज कसा गया. दरअसल, अरुण जेटली यह दिखाना चाह रहे थे कि कैसे तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी फाइल लेकर बैठे रह गए और राफेल सौदे में देरी हुई.

हालाकि जब जेटली लोकसभा में राहुल गांधी का जवाब दे रहे थे तो उस वक्त कांग्रेस के कुछ सांसदों की तरफ से सदन में कागज की प्लेन बनाकर उड़ा रहे थे. इसपर लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, आप बच्चे हैं क्या जो ये कर रहे हैं. इस पर जेटली ने चुटकी लेते हुए कहा कि आपके कहने के बाद भी ये लोग प्लेन उड़ा रहे हैं. शायद ये बोफोर्स की याद में कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के पैसले के बाद अब सरकार राहत की सांस ले रही है. एक बार फिर जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी राफेल डील को ठीक ठहराया. 500 और 1600 की कोई तुलना नहीं है. एक दाम होता है एयरक्राफ्ट का. दूसरा दाम होता है हथियारों वाले एयरक्राफ्ट का. जेटली की तरफ से यह बताने की कोशिश की जा रही थी कि यूपीए सरकार के वक्त बिना हथियारों वाले सामान्य एयरक्राफ्ट का जिक्र था, लेकिन, एनडीए सरकार के वक्त हथियारों से लैस एयरक्राफ्ट का जिक्र है.

हालांकि एक बार फिर से उन्होंने साफ किया कि हथियारों वाले कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन होगा, अगर हम दाम बताएंगे. अरुण जेटली ने साफ किया कि बेसिक एयरक्राफ्ट का दाम 2016 में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान तय किए गए दाम से 9 प्रतिशत कम था और हथियारों से लैस एयरक्राफ्ट का दाम 20 प्रतिशत तक कम था.अरुण जेटली ने अपने जवाब के दौरान बोफोर्स तोप सौदे का भी जिक्र कर कांग्रेस को उसी के हथियार से घेरने की पूरी कोशिश की.

2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अब सभी दल पूरी तैयारी में लग गए हैं. राफेल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सरकार को राहत मिलने के बाद विपक्ष के हाथ से बड़ा मुद्दा निकल गया है. फिर भी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे को बार-बार सदन के अंदर औऱ बाहर उठाकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. कोशिश इस मुद्दे को 2019 के महासमर तक जिंदा रखने की है.

राहुल के सवाल पर ही राहुल घिर गए और विपक्ष के हाथों मज़ाक उड़वा बैठे

ऐसा पहली बार नहीं है जब ऑफसेट डील पर सवाल उठाए गए हैं. यह डील दुनिया में हर जगह विवादों में रही है

अरुण जेटली ने लोकसभा में राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनकी जानकारी KG के बच्चे जितनी है. उन्हें ‘ऑफसेट’ का मतलब नहीं मालूम है. जेटली ने कहा, ‘राहुल गांधी का मानना है कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस राफेल जेट की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है. उन्हें पता होना चाहिए कि रिलायंस ग्रुप सिर्फ ऑफसेट पार्टनर है.’

जेटली ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को पहले किसी मामले की पूरी जानकारी जुटानी चाहिए उसके बाद ही उसपर बोलना चाहिए. जेटली ने राहुल को तो घेर लिया लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऑफसेट डील क्या है और क्यों इस पर इतना विवाद हो रहा है.

क्या है ऑफसेट डील?

ऑफसेट एग्रीमेंट को अगर आसान शब्दों में कहें तो यह चाय में चीनी की तरह है. यानी सरकार जब किसी कंपनी के साथ डील करती है तो कुछ दूसरी कंपनियों के साथ साइड डील भी होती है. ये ही ऑफसेट डील होती हैं. वैसे तो यह डील खासतौर पर सरकार और किसी डिफेंस कंपनी के साथ ही होती है. लेकिन कई बार सिविल कंपनियों के साथ भी ऐसी डील हो सकती है.

जब भी किसी देश की सरकार किसी विदेशी कंपनी को ऑर्डर देती है तो ऑफसेट एग्रीमेंट की मांग करती है. सरकार ऑफसेट डील की मांग इसलिए करती है ताकि डील की रकम का कुछ फायदा घरेलू कंपनियों को भी हो. अगर हम ‘ऑफसेट डील’ को राफेल के जरिए समझे तो वो कुछ इस तरह होगा.

भारत सरकार ने एयरक्राफ्ट के लिए राफेल के साथ डील की. दोनों के बीच ऑफसेट एग्रीमेंट हुआ. राफेल की ऑफसेट पार्टनर बना अनिल अंबानी का रिलायंस ग्रुप. ऑफसेट डील के मुताबिक, राफेल भारत के लिए जो भी इक्विपमेंट बनाएगी, उसकी वेंडर कंपनी रिलायंस ग्रुप होगी. रिलायंस उसकी लोकल सप्लायर के तौर पर काम करेगी. इसके जरिए टोटल डील की रकम का कुछ हिस्सा रिलायंस ग्रुप के जरिए भारत आएगा. दूसरी तरफ यहां कि कंपनी को ऑर्डर मिलने से रोजगार के मौके बढ़ेंगे. ऑफसेट डील की वैल्यू 50 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक हो सकती है. राफेल की टोटल डील 58000 करोड़ रुपए की है. इस डील की करीब 50 फीसदी रकम घरेलू कंपनी के पास आई है. 

विवादों में क्यों है ऑफसेट डील?

राफेल के साथ डील में जब से रिलायंस ग्रुप का नाम आया है तब से विवाद और बढ़ गया है. ऐसा पहली बार नहीं है जब ऑफसेट डील पर सवाल उठाए गए हैं. यह डील दुनिया में हर जगह विवादों में रही है.

इस डील का विरोध करने वाले ऑफसेट डील को रिश्वत की तरह मानते हैं. इसके खिलाफ यह दलील दी जाती है कि किसी भी देश की सरकार किसी खास कंपनी को फायदा देने के लिए यह डील करती है. यह भी माना जाता है कि इस डील के तहत सरकार कई बार ऐसे इक्विपमेंट की डील कर लेती है, जिसकी जरूरत नहीं होती है या फिर बेस्ट क्वालिटी या वैल्यू नहीं मिल पाती है.

जेटली को ठीक करने के उत्साह में राहुल को क्या कह गए डेरेक ओ ब्रायन

बुधवार को लोकसभा में राहुल गांधी पर हमला करते हुए जेटली ने जेम्स बॉन्ड फिल्म का मशहूर डायलोग बोला था

तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने बुधवार को लोकसभा में राफेल मामले पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री अरूण जेटली को घेरा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने ‘जेम्स बॉन्ड’ फिल्म के एक मशहूर संवाद को गलत ढंग से बोला है. साथ ही तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इस मामले में एक ट्वीट भी किया. ब्रायन जेटली की भूल सुधार करते करते कांग्रेस के राहुल गांधी को ही गलत ठहरा गए। किस्सा कुछ यूं हुआ की राहुल गांधी पर हमला करते हुए भी जेटली कुछ नरम रहे।

बुधवार को लोकसभा में राहुल गांधी पर हमला करते हुए जेटली ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने जेम्स बॉन्ड फिल्म जरूर देखी होगी, उसमें बॉन्ड कहता है कि- पहली बार आप करते हैं तो गलत होती है, दूसरी बार करते हैं तो संयोग होता है और अगर तीसरी बार करते हैं तो यह षडयंत्र होता है. कांग्रेस अध्यक्ष भी वही कर रहे हैं.’

यहाँ जेटली को ठीक करने के अतिउत्साह में ब्रायन ने राहुल गांधी के बारे में अप्रत्यक्ष क्या बोला जानें। इस बयान पर सौगत रॉय ने कहा कि जेटली ने संवाद गलत ढंग से बोला है. वहीं उन्ही की पार्टी के एक और सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने इस मसले पर ट्वीट किया और जेटली पर निशाना साधा.

Derek O’Brien | ডেরেক ও’ব্রায়েন@derekobrienmp

So FM @arunjaitley misquotes Ian Fleming James Bond in #Parliament to suit himself. Here is the correct quote : “Once is happenstance. Twice is coincidence. Three times is ENEMY ACTION” (How convenient )5112:59 PM – Jan 2, 2019Twitter Ads info and privacy247 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

उन्होंने कहा, ‘जेटली जी, आपकी याददाश्त कमजोर पड़ रही है. सही संवाद यह है- पहली बार आप करते हैं तो गलत होती है, दूसरी बार करते हैं तो संयोग होता है और अगर तीसरी बार करते हैं तो यह शत्रु की कार्रवाई होती है.’ रॉय ने यह भी आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के नाम भी सही उच्चारण नहीं किया. अर्थात आप राहुल गांधी को जो षड्यंत्रकारी कह रहे हैं वह गलत है असल में यह एक राष्ट्र के साथ शत्रुता की बात है।

देखें ब्रायन का ब्यान महागठबंधन में और कितनी रुकावट डालता है।

गहलोत ने दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीरें सरकारी संस्थानों और फाइलों में नहीं दिखेंगी

अशोक गहलोत के कैबिनेट ने निर्देश दिया है कि सभी सरकारी दस्तावेजों और लेटर पैड्स पर से दीन दयाल उपाध्याय की फोटो हटाई जाए

राजस्थान में सरकार बदलते ही पुरानी सरकार के फैसलों को बदलने का दौर भी शुरू हो गया है. राज्य के सीएम अशोक गहलोत के कैबिनेट ने निर्देश दिया है कि सभी सरकारी दस्तावेजों और लेटर पैड्स पर से दीन दयाल उपाध्याय की फोटो हटाई जाए. राज्य सरकार ने ये निर्देश सभी विभागों के लिए जारी किया है.

दीन दयाल उपाध्याय RSS विचारक हैं. इससे पहले वसुंधरा राजे की सरकार ने यह फैसला किया था कि सभी सरकारी लेटरपैड और दस्तावेजों पर उपाध्याय की फोटो लगाई जाएगी.

ANI@ANI

Rajasthan cabinet directs removal of photographs of Deen Dayal Upadhyay from Govt documents and from letter pads. The direction has been issued to all the state govt departments53110:48 PM – Jan 2, 2019Twitter Ads info and privacy363 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

राजस्थान की सरकार ने बुजुर्गों के लिए मंथली पेंशन बढ़ाने का भी ऐलान किया है. बुजुर्गों को अब 500 रुपए की जगह 750 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेंगे. जिन्हें पहले ही 750 रुपए मासिक मिल रहे थे अब उन्हें इसके बदले 1,000 रुपए मिलेंगे.

मध्यप्रदेश में भी नया फरमान

इसके दूसरी तरफ मध्यप्रदेश सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर मीसाबंदियो को दी जाने वाली पेंशन इस महीने से अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है और बैंकों को भी इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये गए हैं. मीसाबंदी पेंशन को लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि के नाम से भी जाना जाता है. इस संबंध में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने गत 29 दिसंबर को सर्कुलर जारी कर मीसाबंदी पेंशन योजना की जांच के आदेश दिए. सरकार ने बैंकों को भी मीसाबंदी के तहत दी जाने वाली पेंशन जनवरी 2019 से रोकने के निर्देश जारी किए हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान साल 1975 से 1977 के बीच लगे आपातकाल में जेल में डाले गए लोगों को मीसाबंदी पेंशन योजना के तहत मध्य प्रदेश में करीब 4000 लोगों को 25,000 रुपए मासिक पेंशन दी जाती है.

वंदे मातरम विवाद का हल ढूँढने में जुटी कांग्रेस्स

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सॉफ्ट हिन्दुत्व की नीति पर चल रही मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार मंत्रालय में वंदेमातरम का गायन रोक कर एक अनचाहे विवाद में फंस गई है।

 हिन्दुत्व पर साफ्ट होने कार्थ राष्ट्र से मुख मोड़ना नहीं है यह बात शायद कांग्रेस को जल्दी ही समझ आ जाएगी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सॉफ्ट हिन्दुत्व की नीति पर चल रही मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार मंत्रालय में वंदेमातरम का गायन रोक कर एक अनचाहे विवाद में फंस गई है. मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को बैठे-बैठाए सरकार को घेरने का एक मुद्दा भी हाथ लग गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस राजनीतिक विवाद को भांपकर विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा है कि मंत्रालय में वंदेमातरम का गायन को जल्द ही नए रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.

बाबूलाल गौर के कार्यकाल में शुरू हुआ था वंदेमातरम का गायन

राज्य मंत्रालय में वंदे मातरम गायन की व्यवस्था लगभग चौदह साल पूर्व बाबूलाल गौर के मुख्यमंत्रित्व काल में शुरू हुई थी. इस व्यवस्था के तहत हर माह की पहली तारीख को मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में तैनात अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यालय शुरू होने के समय सुबह साढ़े दस बजे वंदे मातरम का सामूहिक गान करते थे. माह की पहली तारीख को अवकाश होने पर अगले कार्यालयी दिवस में वंदेमातरम का कार्यक्रम आयोजित किया जाता था.

पिछले चौदह साल में मुख्यमंत्री ने यदाकदा ही इस कार्यक्रम में रस्मी तौर पर हिस्सा लिया. कभी-कभी कोई मंत्री भी भूले-भटके इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंच जाता था. राज्य मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में बीस हजार से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात हैं. इसके बाद भी वंदे मातरम के सामूहिक गान कार्यक्रम में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति कभी भी एक हजार का आकंडा नहीं छू पाई.

पिछले कुछ सालों से लगातार वंदे मातरम के गायन को वरिष्ठ अधिकारियों ने भी गंभीरता से लेना बंद कर दिया था. राज्य के मुख्य सचिव इस सामूहिक गायन में आमतौर पर मौजूद रहते थे. पिछले कुछ माह में इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले कर्मचारियों की संख्या भी तेजी से घटी. इसकी वजह मंत्रालय के कर्मचारियों का समय पर कार्यालय न पहुंचना रहा है.

उमा भारती की तिरंगा यात्रा का जवाब माना जाता था वंदे मातरम

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के लिए वंदे मातरम का गायन हमेशा ही राष्ट्र भक्ति साबित करने का बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है. बाबूलाल गौर ने मंत्रालय में वंदे मातरम गायन का निर्णय उन दिनों लिया था, जब उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाए जाने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी थीं. गौर को अगस्त 2004 में राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था.

गौर, साध्वी उमा भारती के स्थान पर मुख्यमंत्री बनाए गए थे. कर्नाटक के हुबली में दर्ज एक आपराधिक मामले के चलते उमा भारती को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. यह आपराधिक मामला राष्ट्र ध्वज तिरंगा के कथित अपमान से जुड़ा हुआ था.

इस्तीफे के बाद उमा भारती ने तिरंगा यात्रा भी निकाली. तिरंगा यात्रा पूरी होने और हुबली मामले में कोर्ट से मिली राहत के बाद उमा भारती ने गौर को हटाने के लिए पार्टी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था. जवाब में गौर ने एक जुलाई 2005 से मंत्रालय में वंदे मातरम का गायन शुरू कर दिया. यद्यपि इसके बाद भी गौर अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए. उनके स्थान पर नवंबर 2005 में शिवराज सिंह चौहान राज्य के मुख्यमंत्री बना दिए गए.

वंदे मातरम के गायन कार्यक्रम में अधिकारी एवं कर्मचारी हिस्सा लें, इसका कोई बंधन सरकार की ओर से नहीं रखा गया था. वर्ष 2019 के पहले ही दिन मंत्रालय में वंदेमातरम का गायन न होने पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात करेंगे.

बीजेपी की कोशिश लोकसभा चुनाव से पहले गांव-गांव पहुंचे मुद्दा

एक जनवरी को मंत्रालय परिसर में वंदे मातरम का गायन कार्यक्रम न होने पर प्रदेश की राजनीति अचानक गर्म हो गई है. भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे के जरिए एक बार फिर राष्ट्रवाद के मुद्दे को हवा देने में लग गई है. बीजेपी के नेताओं ने सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए बुधवार को मंत्रालय के समक्ष वंदे मातरम का सामूहिक गान किया.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वंदेमातरम के गान को बंद करने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कांग्रेस सरकार की राष्ट्र भक्ति पर सवाल खड़े किए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि देश भक्ति से ऊपर कुछ नहीं है. बीजेपी के विधायक छह जनवरी को मंत्रालय के समक्ष वंदे मातरम का सामूहिक गान करेंगे.

सात जनवरी से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है. बीजेपी की योजना विधानसभा के भीतर भी सरकार को घेरने की है. बीजेपी इस मुद्दे के जरिए लोगों को यह बताना चाहती है कि कांग्रेस ने वंदे मातरम के गायन का फैसला अल्पसंख्यक वोटों के तुष्टिकरण के लिए लिया है.

तीन माह बाद लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इससे पहले बीजेपी गांव-गांव तक इस मुद्दे को ले जाना चाहती है. हाल ही में हुए विधानसभा के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी बहुमत से कुछ कदम ही दूर रह गई थी. बीजेपी 109 सीटें ही जीत पाई थी. जबकि कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं.

बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत होती है. कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका ज्यादा सीटें जीतने के कारण मिला है. कांग्रेस को विधानसभा में मिली सीटों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपनी कई मौजूदा सीटों को गंवाना पड़ सकता है. वर्तमान में बीजेपी के पास लोकसभा की 29 में से 26 सीटें हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ पार्टी की सॉफ्ट हिन्दुत्व की नीति पर चलते हुए गाय रक्षा का एजेंडे का प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखे हुए हैं.

कमलनाथ ने अधिकारियों से साफ शब्दों में कहा है कि उन्हें सड़क पर गाय नहीं दिखना चाहिए. सरकार पंचायत स्तर पर गौशाला खोलने की तैयारी भी कर रही है. साधु-संतों को साधने के लिए आध्यात्म विभाग भी बनाया जा रहा है.

वंदे मातरम का गायन नहीं होगा,इसकी खबर सिर्फ चंद अफसरों को थी

वंदे मातरम के मुद्दे पर तेज हुई सियासत के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी की राष्ट्र भक्ति सिर्फ वंदे मातरम के गाने से तय नहीं की जा सकती. कमलनाथ ने बचाव में कहा कि वे वंदे मातरम के गान की परंपरा को नए रूप में जल्द ही शुरू करेंगे.

एक जनवरी को मंत्रालय में वंदे मातरम का गान नहीं होगा इसकी जानकारी सिर्फ चुनिंदा अफसरों को ही थी. सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने 29 दिसंबर को एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें एक जनवरी को वंदे मातरम के सामूहिक गान के कार्यक्रम की सूचना सभी कर्मचारियों की दी गई थी. सूचना जरूर जारी की गई लेकिन, कार्यक्रम की तैयारियां नहीं की गईं.

पुलिस बैंड को भी सूचित नहीं किया गया. कुछ अधिकारी कर्मचारी निर्धारित समय पर मंत्रालय परिसर में पहुंचे लेकिन, वहां तैयारी न देख अपनी सीट पर चले गए. मुख्यमंत्री कमलनाथ भोपाल से बाहर थे. वे अपने निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा से सीधे उज्जैन महाकाल के दर्शन करने के लिए चले गए थे. राज्य के नए मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने भी नए साल के पहले दिन ही कार्यभार ग्रहण किया था.

पत्रकार रामचन्द्र छात्रपति हत्या मामले में 11 जनवरी को आ सकता है बड़ा फैसला।

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या आरोप में आ सकता है बड़ा फैसला।

मृतक पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने 11 जनवरी को इंसाफ मिलने की उम्मीद जताई।

पिछले 16 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं अंशुल छत्रपति इंसाफ के लिए।

सीबीआई कोर्ट व सीबीआई अधिकारियों की अब तक कि कार्यवाही पर जताई संतुष्टि।

पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में आज हुई सुनवाई ।

आरोपी किशनलाल, आरोपी निर्मल, आरोपी कुलदीप प्रत्यक्ष रूप से हुए सीबीआई कोर्ट में पेश।

गुरमीत राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुआ पेश।

आज मामले की सभी करवाई हुई पूरी।

गुरमीत राम रहीम और अन्य आरोपियों के वकीलों की बहस हुई पूरी।

11 जनवरी को आ सकता है मामले में फैसला।

आरोपी गुरमीत राम रहीम, आरोपी किशनलाल, आरोपी निर्मल, आरोपी कुलदीप पर है साजिश रचने का आरोप।

बाइक पर सवार होकर आरोपी कुलदीप ने गोली मार कर की थी हत्या। कुलदीप के साथ आरोपी निर्मल भी था मौजूद।

लाइसेंस रिवाल्वर से की गई थी हत्या।

आरोपी कुलदीप और निर्मल ने दिन दिहाड़े सिरसा में बीच सड़क पर रामचंद्र को मारी थी गोली।

दोनों आरोपियों को मौके से किया गया था गिरफ्तार।

पत्रकार रामचन्द्र हत्या का मामला 2002 का है।

2003 में एफआईआर हुई थी दर्ज।

2006 में मामला पहुंचा था सीबीआई के पास।

आरोपी गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में साध्वी योन शोषण मामले में काट रहा है सज़ा।

अध्यापक पात्रता परीक्षा एचटेट के लिए पंचकूला में बनाए 10 सैंटर-मुकुल कुमार

परीक्षा को पूरी तरह से नकल रहित करवाने के लिए करवाएं जाएगें समूचित प्रबंध।

परीक्षा केन्द्रों के 100 मीटर की परिधि में रहेगी धारा 144 लागू ।

औचक निरीक्षण के लिए 10 उडन दस्तों का किया गठन ।

पंचकूला 2 जनवरी: 

उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि हरियाणा राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा करवाई जा रही अध्यापक पात्रता परीक्षा एचटेट को नकल रहित करवाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी प्रकार की तैयारियां की जा रही है। इसके लिए जिला में 10 केन्द्र बनाए गए हैं जिनमें 7309 उम्मीदवार परीक्षा देंगें।

  उपायुक्त जिला सचिवालय के सभागार में परीक्षा को निर्विघन व नकल रहित करवाने के लिए अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पांच व छह जनवरी 2019 को यह परीक्षा आयोजित करवाई जाएगी। पांच जनवरी को लेवल तीन पीजीटी लैक्चरार की परीक्षा होगी। यह परीक्षा सांय कालीन सत्र में 3 बजे से साढे 5 बजे तक होगी। छ जनवरी को लेवल 2 टीजीटी कक्षा छ से आठ तक के अध्यापक के लिए परीक्षा होगी। यह परीक्षा दो सत्रों में होगी। प्रातः कालीन सत्र 10 बजे से साढे 12 बजे तक रहेगा। इसी दिन लेवल 1 प्राईमरी टीचर की परीक्षा सांय कालीन सत्र में होगी। इसका समय सांय तीन बजे से साढे पांच बजे तक का रहेगा। उन्होंने ने बताया कि एल-1 की परीक्षा में 1849, एल-2 की परीक्षा में3100 तथा एल-3 की परीक्षा में 2355 उम्मीदवार परीक्षा देंगें।

 उन्होने बताया कि 5 जनवरी को सांयकालीन सत्र में जबकि 6 जनवरी को दोनों सत्रों में परीक्षा होगी। प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर लगभग 300 तक परीक्षार्थी परीक्षा देगें। परीक्षा को नकल रहित करवाने के लिए एसडीएम, जिला शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में 10 उडन दस्ते परीक्षा केन्द्रों का औचक निरीक्षण करेगें। इसके अतिरिक्त बोर्ड के 10 उडन दस्ते अलग से रहेंगे।

  बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी एच एस सैनी, नगराधीश ममता शर्मा, स्कूल मुखिया, केन्द्र अधीक्षक, शिक्षा बोर्ड के अधीक्षक बलवान सिंह सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।