5 में से 4 राज्यों में जीतेगी कांग्रेस और 2019 बसपा और स्पा महागठबंधन में शामिल होंगे: मोइली


मोइली ने कहा कि प्रस्तावित महागठबंधन लोकसभा चुनावों के लिए बनना है, राज्य विधानसभा चुनावों में नहीं. उन्होंने कहा कि राज्य के चुनावों में पार्टियों की अपनी बाध्यताएं होती हैं


वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एम वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी नीत एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों के महागठबंधन में एसपी और बीएसपी भी शामिल होंगे. मोइली ने यह दावा भी किया कि कांग्रेस उन पांच में से कम से कम चार राज्यों में जीतेगी जहां अगले दो महीने में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री के बयान से पहले एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में गठबंधन पर कांग्रेस के फैसले का अब और इंतजार नहीं करेगी. उन्होंने संकेत दिया था कि वह मायावती की अगुवाई वाली बीएसपी से गठजोड़ कर सकते हैं.

इससे कुछ दिन पहले ही मायावती ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया था.

मोइली ने कहा कि प्रस्तावित महागठबंधन लोकसभा चुनावों के लिए बनना है, राज्य विधानसभा चुनावों में नहीं. उन्होंने कहा कि राज्य के चुनावों में पार्टियों की अपनी बाध्यताएं होती हैं.

लोकसभा चुनाव तक बन जाएगा महागठबंधन

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी प्रमुख इच्छा लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एकजुट देखने की है और हमें उम्मीद है कि इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि बीएसपी और एसपी इस महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में वोटों का ध्रुवीकरण कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ही जीतेगी और मध्य प्रदेश में भी वह बीजेपी से आगे चल रही है.

मोइली ने कहा, छत्तीसगढ़ में 50-50 की स्थिति है. वहां (परिणाम) हमारे चुनाव प्रबंधन, उम्मीदवारों के चयन पर निर्भर करेगा. मिजोरम में हम जीतेंगे. उन्होंने यह दावा भी किया कि उनकी पार्टी तेलंगाना में तेलुगु देशम पार्टी, सीपीएम और अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन बनाएगी.

महागठबंधन के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के सवाल पर मोइली ने कहा कि संभवत: यह मुद्दा नहीं उभरेगा क्योंकि प्रस्तावित गठजोड़ में कोई पार्टी इस पर जोर नहीं देगी.

आंध्र कि 5 सीटों पर उपचुनाव कि कोई आवश्यकता नहीं : चुनाव आयोग


आयोग ने स्पष्ट किया कि आंध्र प्रदेश की पांच सीटें इस साल 20 जून को खाली हुई थी, जबकि लोकसभा का कार्यकाल अगले साल तीन जून को खत्म होगा


चुनाव आयोग ने लोकसभा के कार्यकाल में एक साल से कम समय बचने की दलील देते हुए आंध्र प्रदेश की 5 सीटों पर उपचुनाव कराने की जरूरत से इनकार किया है.

आयोग ने मंगलवार को जारी बयान में स्पष्ट किया कि आंध्र प्रदेश की पांच सीटें इस साल 20 जून को खाली हुई थी, जबकि लोकसभा का कार्यकाल अगले साल तीन जून को खत्म होगा. इसलिए जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 151 ए के अनुसार लोकसभा के कार्यकाल की अवधि एक साल से कम बची होने पर किसी सीट के रिक्त होने की स्थिति में उपचुनाव कराने की जरूरत नहीं है.

आयोग ने कर्नाटक की तीन लोकसभा सीटों के साथ ही आंध्र प्रदेश की पांच रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव घोषित नहीं करने संबंधी कुछ मीडिया रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कर्नाटक में उपचुनाव वाली तीनों सीटें 18 और 21 मई को रिक्त हुई थी. आयोग ने कहा कि लोकसभा के शेष कार्यकाल की अवधि से एक साल पहले इन सीटों के खाली होने के कारण इनके रिक्त होने के छह महीने के भीतर तीनों सीटों पर उपचुनाव कराने की कानूनी अनिवार्यता का पालन करते हुए उपचुनाव कार्यक्रम घोषित किया गया है.

पिछले सप्ताह शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों के साथ कर्नाटक की बेल्लारी, शिमोगा और मांड्या सीट के लिए उपचुनाव कार्यक्रम भी घोषित किया था.

आयोग ने स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत लोकसभा की सीट रिक्त होने से छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना अनिवार्य है. लेकिन अगर कोई सीट लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने से एक साल की अवधि में रिक्त होती है तो उस पर उपचुनाव कराने की कोई जरूरत नहीं है. आयोग ने कहा कि इस आधार पर अब आंध्र प्रदेश की 20 जून को खाली हुई पांच सीटों पर उपचुनाव कराना जरूरी नहीं रह गया है

गुजरात निकाय चुनाव में भाजपा ने 24/33 जीत कर कायम रखा दबदबा

 

गुजरात में नगरपालिकाओं और पंचायतों की 46 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी ने बाजी मार ली है. इन चुनावों में बीजेपी ने 24 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस के हिस्से में 19 सीटें आईं. मंगलवार को इन चुनाव के नतीजे घोषित किए गए. ये उपचुनाव सात अक्टूबर को हुए थे जो मौजूदा प्रतिनिधियों के निधन या इस्तीफे के कारण ये सीटें खाली हो गई थीं.

आठ नगरपालिकाओं की 11 सीटों, मेहसाणा और खेड़ा जिला पंचायत की दो सीटों और 33 तालुका पंचायतों की 33 सीटों के लिए ये उपचुनाव हुए थे. राज्य निर्वाचन आयोग की विज्ञप्ति के अनुसार, नगरपालिकाओं की 11 में से पांच बीजेपी ने और तीन सीटें कांग्रेस ने जीतीं. जबकि अन्य तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने कब्जा किया.

वहीं मेहसाणा और खेड़ा जिला पंचायत की दोनों सीटें कांग्रेस प्रत्याशियों के हिस्से में गई. बीजेपी ने 33 तुलाका पंचायत सीटों में से 19 सीटों पर कब्जा जमाया तो कांग्रेस ने 14 सीटों पर जीत का परचम लहराया.

हालांकि हार तो हार होती है. लेकिन पीएम मोदी को अपने ही गढ़ में इस तरह की कड़ी टक्कर मिलने से बीजेपी के लिए संकेत साफ है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को आसान जीत नहीं मिलने वाली.

मोदी टीवी पर इतना क्यूँ दीखते हैं


सेल्फ गोल में माहिर खिलाड़ी राहुल गाँधी कि एक और बेक किक

पीएम की मार्केटिंग उनके उद्योगपति मित्र कर रहे हैं जिन्हें पीएम करोड़ों रुपए देते हैं

और जब राहुल गाँधी टीवी पर दिखाई देते हैं तब उनकी मार्केटिंग के लिए टीवी को पैसे कौन देता है?


चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिनों की राजस्थान यात्रा पर हैं. राहुल गांधी ने राजस्थान के बारी में आज एक जनसभा को संबोधित किया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला.

राहुल गांधी ने कहा कि- मोदी जी 24 घंटे टीवी पर आते रहते हैं. उनके पोस्टर हर जगह दिखाई देते हैं. कोई भी टीवी पर फ्री में नहीं दिख जाता. अगर ऐसा होता तो हर कोई टीवी पर दिखाई दे रहा होता. मार्केटिंग के लिए करोड़ों रुपए लगते हैं. और पीएम की मार्केंटिंग उद्योगपतियों द्वारा की जा रही है जिन्हें पीए करोड़ों रुपए दे रहे हैं.

इससे पहले धौलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी ने किसानों और गरीबों की जेब से 45 हजार करोड़ रुपए निकालकर अनिल अंबानी को दे दिए. मैंने संसद में पूछा कि पीएम ने उन्हें कॉन्ट्रैक्ट क्यों दिया?’

राहुल ने कहा, ‘मैंने पीएम की आंखों में देखकर सवाल किया लेकिन वह इधर-उधर देखते रहे. पूरे देश ने देखा कि पीएम देश के युवा से नजरें नहीं मिला सकते.’ उन्होंने कहा, ‘आप लोग सेल्फी लेते हैं लेकिन जब फोन पलटकर देखते हैं तो उस पर मेड इन चाइना लिखा होता है. मैं चाहता हूं कि उस पर मेड इन धौलपुर लिखा हो, मेड इन राजस्थान लिखा हो, मेड इन जयपुर लिखा हो.’

राहुल ने यह भी कहा, ‘मैं चाहता हूं कि जब कोई चीन में सेल्फी ले तो वह पूरी दुनिया को दिखा सके कि फोन के पीछे मेड इन धौलपुर लिखा है. इससे विदेशी लोगों के मन में धौलपुर के बारे में जानने की इच्छा होगी. वो टूरिस्ट के रूप में यहां आएंगे. आपकी जेब में पैसा होगा और हम उन्हें दोबारा फ्लाइट से वापस भेज देंगे.’

Gray line in dark clouds

 

Opinion polls, particularly those conducted well in advance of elections are notoriously inaccurate, critics even wonder if some are deliberately slanted. Despite those realities the Congress party like the proverbial drowning man and a straw, will desperately clutch on to the poll which suggests that the party will regain Rajasthan, and despite the Prime Minister’s recent campaigning, Vasundhara Raje will make way for Sachin Pilot in Jaipur.

Whether that is the incumbency factor at work, or evidence of Raje’s increasing unpopularity within the BJP ranks is a question yet to be answered. However, a couple of by-elections have suggested that Pilot does have an advantage.

Which is not the case in Madhya Pradesh and Chhattisgarh: the same polls suggest the Congress does have a slim chance of success there too, but the sitting BJP chief ministers retain their personal popularity ~ confusion over who the Congress will project for the top job could negate the anti-incumbency factor. Of course Pilot could have internal rivals too: hopefully the High Command will desist from meddling. Best to wait and watch: a couple of polls do not an election determine.

Yet those surveys, even if subsequently proved off-target, should serve to boost the sagging morale in the Congress’ ranks. Rahul Gandhi’s hopes of leading a grand alliance next summer have taken a hit ~ the Bahujan Samaj Party and the Samajwadi party’s refusal to join forces in the upcoming curtain- raisers are a serious setback, unlikely to be rectified before the big one. That both Ms Mayawati and Akhilesh Yadav have accused the Congress (read Rahul Gandhi) to be too arrogant to enter into an alliance rooted in equality in seat-sharing says a lot.

The skewed sense of entitlement persists despite a series of electoral reverses and points to Rahul’s inability to lead others: the manner in which he talks of becoming prime minister if other parties so desire indicates he believes he would be doing them a favour if he accepts the leadership role.

Sonia Gandhi does try hard to keep intact what remains of the UPA: Rahul is a stumbling block she dare not try to dislodge; family and dynasty remain top priority. The Lok Dal has called upon Mayawati to lead the fight against the BJP, Mamata Banerjee believes she is better placed, and though Chandrababu Naidu might deny it he would not be averse to responding to the “nation’s call”. More so since Sharad Pawar is thinking aloud about calling it a day.

The sinister assertion that Rahul Gandhi remains Narendra Modi’s most potent electoral weapon will be tested on December 11/12 ~ there are few signs of the theory being reversed. Many hope that Rahul will spring a surprise a couple of months hence. If he does not, well-wishers of the Congress will hope that the worms eventually turn

माँ शैलपुत्री : प्रथम पूज्य देवी

मां दुर्गा की पहली शक्ति की पावन कथा

 

  शैलपुत्री

वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌ । 

वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ॥

 

प्रथम नवदुर्गा: माता शैलपुत्री

नवरात्री में माता के नौ स्वरूपों में प्रथम स्वरुप है माँ शैलपुत्री। हिमालय के घर पुत्री स्वरुप जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। माता शैलपुत्री के वहां वृषभ है इसी लिए इन्हे वृषारूढ़ा के नाम से भी जाना जाता है। माता के दाएं हाथ में त्रिशूल व बाएं हाथ में कमल का फूल देखा जाता है। नवरात्री में माँ शैलपुत्री को ही सबसे पहले पूजा जाता है।

माता दुर्गा के स्वरुप कुछ इस प्रकार है :- 

 

नवरात्रि में दुर्गा पूजा के अवसर पर दुर्गा देवी के नौ रूपों की पूजा-उपासना बहुत ही विधि विधान से की जाती है। इन रूपों के पीछे तात्विक अवधारणाओं का परिज्ञान धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के लिए आवश्यक है। आइए जानते हैं मां शैलपुत्री के बारे में…

 

मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा है और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। यही देवी प्रथम दुर्गा हैं। ये ही सती के नाम से भी जानी जाती हैं। उनकी एक मार्मिक कहानी है।

 

एक बार जब प्रजापति ने यज्ञ किया तो इसमें सारे देवताओं को निमंत्रित किया, भगवान शंकर को नहीं। सती यज्ञ में जाने के लिए विकल हो उठीं। शंकरजी ने कहा कि सारे देवताओं को निमंत्रित किया गया है, उन्हें नहीं। ऐसे में वहां जाना उचित नहीं है।

 

सती का प्रबल आग्रह देखकर शंकरजी ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी। सती जब घर पहुंचीं तो सिर्फ मां ने ही उन्हें स्नेह दिया। बहनों की बातों में व्यंग्य और उपहास के भाव थे। भगवान शंकर के प्रति भी तिरस्कार का भाव है। दक्ष ने भी उनके प्रति अपमानजनक वचन कहे। इससे सती को क्लेश पहुंचा।

 

वे अपने पति का यह अपमान न सह सकीं और योगाग्नि द्वारा अपने को जलाकर भस्म कर लिया। इस दारुण दुःख से व्यथित होकर शंकर भगवान ने उस यज्ञ का विध्वंस करा दिया। यही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मीं और शैलपुत्री कहलाईं।

 

पार्वती और हेमवती भी इसी देवी के अन्य नाम हैं। शैलपुत्री का विवाह भी भगवान शंकर से हुआ। शैलपुत्री शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं।

 

माता शैलपुत्री का मंत्र। 

वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌ ।

वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ॥

 

शैलपुत्री माता की आरती। 

शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।

पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।

सोमवार को शिव संग प्यारी।आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।

घी का सुंदर दीप जला के।गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिवमुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।

 

माता शैलपुत्री का स्तोत्र पाठ। 

प्रथम दुर्गा त्वंहिभवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्यदायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥

त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥

चराचरेश्वरी त्वंहिमहामोह: विनाशिन।
मुक्तिभुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रमनाम्यहम्॥

 

माता शैलपुत्री का  कवच। 

ओमकार: मेंशिर: पातुमूलाधार निवासिनी।
हींकार: पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी॥

श्रींकारपातुवदने लावाण्या महेश्वरी ।
हुंकार पातु हदयं तारिणी शक्ति स्वघृत।

फट्कार पात सर्वागे सर्व सिद्धि फलप्रदा॥

 

भोग व प्रसाद। 

अपने रोगो से मुक्ति के लिए माँ शैलपुत्री को भोग लगाए गाय के देसी घी से बनी किसी चीज़ का और स्वयं  प्रसाद ग्रहण करे।

 

प्रथम नवरात्र के दिन माँ शैलपुत्री की आराधना करे। कलश स्थापना के बाद माँ शैलपुत्री का ध्यान लगाए और उनके मंत्र का कम से कम 1 माला जाप करे, स्त्रोत पढ़े और विधि पूर्वक आरती करे।

नवरात्री पूजन क्या क्या करें और क्या क्या नहीं

माँ दुर्गा पूजा दिनांक10/10/2018 से शुरू हो रहा है।

◆ कलश पर नारियल रखने में त्रुटि न करे,◆
◆ दुर्गा पाठ में फूल माँ को प्रिय है एवं जरूरी बात◆

★★ प्रतिदिन पढ़े, पूजा पाठ विधि, क्या करना चाहिये, क्या नही करना चाहिये, पाठ शास्त्रोक्त विधि से, या तांत्रिक विधि से, इत्यादि पर पोस्ट करेंगे लाभ उठायें। ★★
【नोट- यह पोस्ट मानो या ना मानो यह आपकी इच्छा पर निर्भर है, मुझे लगता है कि जानकारी शेयर करना चाहिये, इसी उद्देश्य से पोस्ट कर रहे है।】

◆ ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते ।। ◆

माँ के महा मंत्र-

1-ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्यै ।
2- ॐ महिषमर्दिनी नमः।
इस महा मंत्र एक-एक माला जप करना चाहिये, रुद्राक्ष की माला से।
3- नारियल की स्थापना इसप्रकार करनी चाहिए कि उसका मुख साधक यानि पाठ करने वाले कि तरफ रहे।नारियल का मुख उस सिरे से होता है जिस तरफ से पेड़ की टहनी से जुड़ा रहता है।
इसलिये नारियल का मुख अपनी तरफ रख कर ही स्थापना करें।

माँ के रूप के अनुसार फूल अर्पित करके उनकी पूजा करने से माता की अनुकंपा जल्दी मिलती है।
1- माँ काली या कालरात्रि हो या माँ तारा हो या माँ छिन्मस्तिका हो सभी के लिये, अड़हुल लाल का फूल और माँ को अपराजिता का फूल अधिक प्रिय है।जो नीला रंग का होता है।
108 अड़हुल लाल फूल माँ को अर्पित करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
2- माँ शेरावाली को लाल फूल अधिक प्रिय है, माँ को प्रसन्न करने के लिए लाल गुलाब या लाल अड़हुल के फूल की माला पहनाये तो आर्थिक परेशानी दूर होती है।
3- माँ वीणा वाली शारदा मैया यानी माँ सरस्वती को सफेद फूल और पीले रंग का फूल चढ़ाने से माँ ज्ञान की देवी अतिप्रसन्न होती है।माँ वीणा वाली भगवती शांत एवं सौम्य की मूर्ति है।
4- माँ धन-धान्य की देवी माँ भगवती लक्ष्मी इन्हें भी लाल ही फूल प्रिय है, माँ सौभाग्य और संपदा की देवी को कमल का फूल या गुलाब का फूल लेकिन माँ को कमल का फूल ही ज्यादा पसंद है,फूल अर्पित करना चाहिए।
माँ श्री तो है ही लेकिन श्री हरि की होने के कारण, यानी भगवान् विष्णु की अर्धांगनी होने से माँ लक्ष्मी को पीले फूल भी पसंदीदा है।और कमल का फूल ज्यादा प्रिय इस लिए है कि माँ लक्ष्मी स्वयं सागर से प्रकट हुई है।
5- अब बारी आ गई माँ भगवती गौरी की साथ माँ शैल पुत्री की तो इन्हें सफेद फूल और लाल फूल पसंद है,
पतिव्रता स्त्री या सुहागन स्त्रियों को लाल फूल से माँ भगवती की पूजा करनी चाहिये, जिससे सुहाग की उम्र बढ़ती है।
जो भी कुमारी कन्याओं हो, मन पसंद वर के लिये भी लाल रंग की फूल से माँ की पूजा करनी चाहिये।
6- नवरात्रि में बहुत ही शुभ होता है नवनाग स्त्रोत का पाठ, इसका पाठ कहते है कि किसी नागदोष या सर्प दोष दूर होते है, बहुत से लोग इस दोष नही मानते है, फिर भी महादेव हो या श्री हरि हो इनकी सोभा तो नागदेवता ही बढ़ाते है, इस बात को तो जरूर मानेंगे।चलिये इसी बहाने नवरात्रि में नौ नाग की पूजा का फल प्राप्त करने के लिये इनका स्त्रोत का जप करना चाहिये।
-: नव नाग स्त्रोत:-
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलं

शन्खपालं ध्रूतराष्ट्रं च तक्षकं कालियं तथा

एतानि नव नामानि नागानाम च महात्मनं

सायमकाले पठेन्नीत्यं प्रातक्काले विशेषतः

तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत

ll इति श्री नवनागस्त्रोत्रं सम्पूर्णं ll
कहते है कि नौ नागों के नामो का स्मरण सायंकाल और प्रातः काल करता है, सर्वत्र विजयी होता है, और किसी प्रकार का भय नही रहता है।

चुनाव आयोग पर दलित नायक खड्गे का गुस्सा फूटा

खड्गे का फाइल फोटो


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘जो भी उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे उन्हें सिर्फ 5-6 महीने के मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के लिए चुनाव का भारी-भरकम खर्च वहन करना होगा’

आचार संहिता के बहाने अब सरकारी मशीनरी को कुछ दीं और आराम के मिल जायेंगे


कर्नाटक के 3 संसदीय क्षेत्रों में उपचुनाव की घोषणा को लेकर चुनाव आयोग कांग्रेस के निशाने पर आ गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिना राज्य सरकार को भरोसे में लिए उपचुनावों के तारीखों की घोषणा की.

उन्होंने आयोग के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा, ‘जो भी उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे उन्हें सिर्फ 5-6 महीने के मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के लिए चुनाव का भारी-भरकम खर्च वहन करना होगा.’

खड़गे ने कहा, ‘वो (चुनाव आयोग) इसे रोक सकते थे लेकिन उन्होंने पहले भी ऐसा किया है, वो जब चाहते हैं तब चुनाव की तारीखें टाल देते हैं या उसे घोषित समय से पहले कर देते हैं. कुछ क्षेत्र सूखे की चपेट में हैं, कुछ बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. अब आचार संहिता लागू हो जाने के कारण यहां किसी तरह का काम नहीं हो सकेगा.’

बता दें कि चुनाव आयोग ने शनिवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही कर्नाटक की तीन संसदीय क्षेत्रों (शिमोगा, बेल्लारी और मांडया) में भी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया था.

40,000 people, mostly from Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and Bihar, have fled Gujarat


Gujarat Home Minister Pradeepsinh Jadeja said that the state government has asked the police to take action on anyone threatening migrant workers forcing them to flee the state.

Ahead of elections in 5 states it seems to be pretty strategic move to disturb immigrant voters in the states


Gujarat Home Minister Pradeepsinh Jadeja said that the state government has asked the police to take action on anyone threatening migrant workers forcing them to flee the state.

“Thirty-five FIRs have been lodged and the number of attacks on migrants has decreased in the last 24 hours,” Jadeja said, adding, “We appeal to people to not be frightened as we are taking appropriate actions.”

In a statement issued today, Gujarat Chief Minister Vijay Rupani assured the safety of migrant workers and promised appropriate action against those involved in attacks.

He also appealed for the unity “which is the culture and identity of Gujarat”.

Reports say that around 40,000 people, mostly from Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and Bihar, have fled Gujarat following days of violence against them by unidentified groups.

In a press conference held on Monday, Jadeja acknowledged that there have attacks on the people from the three states in the last 4-5 days adding that action has been taken against the perpetrators.

“Police are interrogating the people who have been arrested for these attacks. We have registered three cases under the IT Act for spreading hatred on social media,” Jadeja told the media.

He said that the ruling Bharatiya Janata Party (BJP) government in the state is committed to provide security to those who come to Gujarat for employment.

“We have submitted a report to the central govt regarding every incident,” the state home minister said.

Railways stations in northern parts of Gujarat witnessed crowds of migrant workers boarding trains bound for their home state to escape targeted attacks on them.

The attacks on the migrants began after a labourer from Bihar was arrested for allegedly raping a 14-month-old girl in a village in Sabarkantha district on 28 September.

Hate messages on Whatsapp were circulated calling for attacks on people from Bihar and Uttar Pradesh. Around 170 people were arrested in connection with the attacks till 6 October. Though the intensity of attacks has reduced stray incidents continue to be reported from seven districts in north Gujarat.

Bihar Chief Minister Nitish Kumar said that he had spoken to his Gujarat counterpart on Sunday.

“I spoke to Gujarat CM yesterday. We’re in touch with them. They’re monitoring situation. Those who’ve committed a crime should be punished but no bias should be harboured for others,” Kumar was quoted as saying by ANI on Monday.

In a letter written to Gujarat High Court Chief Justice R Subhash Reddy, Deputy Chief Minister Nitin Patel had requested the setting up of a special fast-track court in the case.

Addressing reporters on Saturday in Ahmedabad, Patel said, “I have written to the chief justice with request to set up a special fast-track court so that trial in rape cases at Himmatnagar (in Sabarkantha district) and Surat are held there and completed in a month or so.”

Meanwhile, the state government blamed Congress MLA Alpesh Thakor for the violence. According to reports, the toddler who was raped belonged to the Thakor community.

His group, the Thakor Sena, have been staging protests in north Gujarat demanding justice for the girl. Thakor had on Sunday called the attacks “unfortunate” and stated that his group “never advocated violence and only talked peace”.

Thakor had on 3 October announced a fast outside Ahmedabad’s Sabarmati Ashram on 8 October to seek justice

गुरुग्राम-:लव जिहाद का सनसनीखेज मामला..

एक सनसनीखेज लव जेहाद का एक मामला सोमवार रात सामने आया है। एक युवक ने जाति धर्म और नाम बदल कर युवती को जाल में फंसाया। फिर शादी का झांसा देकर 2 साल तक उसके साथ सम्बन्ध बनाया। जब युवती को असलियत का पता चला तो युवक मोबाइल बन्द कर फरार हो गया। पीड़ित युवती उस युवक की तलाश में उसके घर तक आ गई। आरोपी के भाई ने कुबूला कि दोनों भाई वहां फर्जी आईडी के सहारे वहां रह रहे हैं. आरोपी ने अपना नाम विकास शर्मा बता रखा था। युवक के दूसरे धर्म का होने की सच्चाई सामने आई तो युवती सीधे पुलिस के पास पहुंच गई।

मामला गुरुग्राम से जुड़ा है। सेक्टर 10 के एक युवक द्वारा इस कृत्य को अंजाम दिया गया है। उसने अपना नाम बदल कर दूसरे समुदाय की युवती को अपने प्रेमजाल में फंसाकर वह दो वर्षों से अधिक समय तक लगातार उसके साथ दुराचार करता रहा। सेक्टर10 के निवासी विकास शर्मा (असली नाम जिलाल अहमद) ने राजस्थान की युवती से जुड़ाव रखना शुरू कर दिया।शादी करने की बात कहकर शारीरिक सम्बन्ध बनाने लगा। यह सिलसिला दो वर्षों तक चलता रहा। पीडिता के गर्भवती होने पर जिलाल अहमद फरार हो गया.