कोलकाता : बीजेपी पश्चिम बंगाल में आगामी 20 जनवरी से रैलियों की तीन दिवसीय सीरीज की शुरूआत करेगी. इन रैलियों को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह संबोधित करेंगे. पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने यह घोषणा की. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को भगवा पार्टी को सार्वजनिक रैलियां और बैठकें करने की इजाजत देने के लिए कहा था.
भाजपा की प्रस्तावित रैलियों से एक दिन पहले 19 जनवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में एक रैली आयोजित करेगी जिसमें शामिल होने के लिए देशभर के विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है.
घोष ने कहा, ‘हम 20 जनवरी से सार्वजनिक रैलियां आयोजित करना शुरू करेंगे. अमित शाह 20 जनवरी को माल्दा में पहली रैली को संबोधित करेंगे.’ उन्होंने बताया कि 21 जनवरी को शाह बीरभूम जिले के सूरी और झारग्राम में दो रैलियों को संबोधित करेंगे. वह 22 जनवरी को नदिया जिले के कृष्णानगर और दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में रैलियों को संबोधित करेंगे. शाह ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 22 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है.
घोष ने इससे पहले कहा था कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुछ रैलियां आयोजित कराना भी चाहती है. उन्होंने कहा था कि वे प्रधानमंत्री की रैलियों के लिए केन्द्रीय नेता से बात कर रहे हैं. लेकिन अभी किसी भी बात की पुष्टि नहीं की गई है. पिछले कुछ वर्षों में पार्टी राज्य में मुख्य विपक्ष के रूप में उभरकर सामने आई है.
भाजपा ने राष्ट्रीय चुनावों में अपनी संभावनाओं को बढ़ाने के लिए ‘‘रथ यात्रा’’ की योजना बनाई थी जो राज्य के सभी लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरने वाली थी. हालांकि राज्य सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी और तब से यह मामला कानूनी पचड़ों में फंसा हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में भाजपा की प्रस्तावित ‘‘रथ यात्रा’’ पर अस्थायी रोक लगा दी थी और पार्टी से कहा था कि वह राज्य की ममता बनर्जी सरकार के समक्ष पुनरीक्षित प्रस्ताव देकर नए सिरे से मंजूरी मांगे. न्यायालय ने कहा था कि कानून-व्यवस्था से जुड़ी राज्य सरकार की आशंकाएं ‘‘पूरी तरह निराधार नहीं’’ हैं. घोष ने कहा कि उन्हें ‘रथ यात्रा’ पर अभी निर्णय लेना है और बंगाल इकाई केन्द्रीय नेताओं के साथ मामले पर विचार विमर्श करेगी.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/rally.jpg482660Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-17 01:12:302019-01-17 01:12:32भाजपा 20 जनवरी से रैलियों की तीन दिवसीय सीरीज की शुरूआत करेगी
सीबीआई कोर्ट ने हरियाणा सरकार की अर्जी की मंजूर हरियाणा सरकार ने किए सुरक्षा के चाकचौबंद प्रबंध
चंडीगढ़:
पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिए गए डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम व तीन अन्य को वीरवार को सजा का ऐलान कर दिया जाएगा। सजा का ऐलान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा और इस तरह अदालती प्रक्रिया के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब किसी मामले में दोषियों को सजा का ऐलान में आईटी के एक बड़े टूल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का इस्तेमाल किया जाएगा। अबतक तक व्यवस्था इस तरह की रही है कि किसी मामले में दोषियों को सजा के ऐलान के वक्त दोषी करार दिए गए लोगोें का कोर्ट में प्रत्यक्ष तौर पर रहना जरूरी होता है लेकिन, इस मामले में कोर्ट ने तमाम पहलुओं का बारिकी से विश्लेषण करने के बाद सजा के ऐलान के लिए नई व्यवस्था अपनाई है।
दरअसल, पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को इस संबंध में हरियाणा सरकार की अर्जी को मंजूर कर लिया और इससे हरियाणा सरकार के ऊपर से बड़ा संकट टल गया है। हरियाणा सरकार पिछले अनुभवों को सामने रखते हुए कोर्ट गई थी और अपील की थी कि पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिए गए व्यक्तियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो। दरअसल, सरकार इस दफा किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहती थी।
इस तरह दोषी करार दिए गए गुरमीत राम रहीम, कृष्ण लाल, निर्मल सिंह और कुलदीप सिंह को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में प्रत्यक्ष तौर पर पेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इनमें से गुरमीत राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है जबकि अन्य तीनों अंबाला की सेंट्रल जेल में रखे गए हैं। इस तरह वीरवार को जिस समय सजा का ऐलान होगा तो आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे
कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम तथा कृष्ण लाल को आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने) व 302 के तहत मुल्जिम करार दिया है जबकि कुलदीप सिंह तथा निर्मल सिंह को आईपीसी की धारा 302 ( हत्या की सजा) तथा 120बी (आपराधिक साजिश) का दोषी करार दिया था। निर्मल सिंह को आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 25 तथा कृष्ण लाल को आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 29 के तहत भी दोषी करार दिया गया है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/Chhatrapati-Murder-Case-latest-News.png570806Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-16 14:42:012019-01-16 15:34:44पत्रकार छत्रपति हत्याकांड: अदालती इतिहास में पहली पार चारो दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाई जाएगी सजा
लक्ष्य ज्योतिष संस्थान एवम् श्री माता मनसा देवी भण्डारा कमेटी चैरिटेबल ट्रस्ट ( ग्रेन मार्किट) द्वारा 19 और 20 जनवरी को दो दिवसीय निःशुल्क ज्योतिष शिविर आयोजित किया जा रहा है।
इस शिविर में देश के विभिन्न राज्यों से सौ से अधिक जाने माने ज्योतिष विद् भाग लेंगे। इस शिविर में विभिन्न विधाओं महारत रखने वाले विद्वान निःशुल्क परामर्श देंगे।
शिविर के माध्यम से ज्योतिष के बारे में फैली भ्रान्तियों को दूर करने का प्रयास किया जायेगा।हस्त रेखा, कुण्डली, स्पिरिचुअल healing, अंक गणित, रैकी, वास्तु, नाड़ी ज्योतिष , लाल किताब, वैदिक ज्योतिष आदि के माध्यम से समस्याओं के उपाय बताए जायेंगे।
पण्डित रोहित ने बताया कि हर ज्योतिष की हर विधा का अपना महत्व है। जहाँ वैदिक ज्योतिष पाठ, जप और वैदिक पद्धति के माध्यम से उपाय बताता है वहीं लाल किताब ज्योतिष के अलग तरीके हैं। वास्तु विभिन्न दिशाओं के महत्व का अध्ययन करता है,तो अंक ज्योतिष अंकों से जीवन को नई दिशा देता है।
इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य रोहित शर्मा के अतिरिक्त बाला दत्त पुजारी , रुपिंदर कौर, बीना शर्मा भी उपस्थित थे।
आयोजक सदस्य एच सी गुप्ता ने बताया के 20 जनवरी को पंचकूला के विधायक मुख्य विहप ज्ञान चन्द गुप्ता ज्योतिषाचार्यों को सम्म्मानित करेंगे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/jyotish-shivir.jpg7801040Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-16 12:08:582019-01-16 12:09:0119 – 20 जनवरी को नि:शुल्क ज्योतिष शिविर का आयोजन
डेरा प्रकरण के दौरान पंचकूला में दंगों की आरोपी व डेरा मुखी की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत को जेल से फोन करने की सुविधा मिलेगी। हनीप्रीत ने इस सिलसिले में अपने माता पिता का नंबर हाईकोर्ट में दे दिया है। अब इन नंबर पर हनीप्रीत जेल नियमों के तहत अपने माता-पिता से बात कर पाएगी लेकिन, इन दोनों नंबर पर कॉल के दौरान जेल विभाग की पूरी निगाह रहेगी। हनीप्रीत की तरफ से कोर्ट में भी आश्वासन दिया गया कि फोन पर किसी तरह की कोई गैरकानूनी बात नहीं होगी। जेल मैनुअल के अनुसार हनीप्रीत को बात करने की इजाजत दी जाएगी। हनीप्रीत ने जेल में फोन की सुविधा न देने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि जब अन्य केदियो को बात करने इजाजत है तो उसको क्यों नही? इसपर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट में तर्क रखा गया कि जेल नियमों के अनुसार कैदी दो नंबर पर बातचीत कर सकते हैं ऐसे में हनीप्रीत को भी बात करने की इजाजत मिलनी चाहिए। हनीप्रीत ने हाईकोर्ट में अपना दो नंबर भी दे दिए थे जिनसे बात करना चाहती है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ले नियमों के अनुसार हनीप्रीत को जेल से फोन पर बात करने की इजाजत दे दी।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/70422-wjgdbvnofm-1507360855.jpg6301200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-15 15:21:092019-01-15 15:21:12हनीप्रीत जेल से अपने माता पिता से फोन पर बात कर पाएगी
पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में दोषी गुरमीत राम
रहीम को सजा के ऐलान का मामला एक बार फिर सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
इससे निकलने से लिए सरकार को एक बार फिर डेरा मुखी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
के जरिए करवाना सबसे उपयुक्त विकल्प नजर आ रहा है। सरकार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के
जरिए पेशी के लिए मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत का रुख करेगी। इस मामले में अब
अदालत का रुख अहम हो गया है।
सरकार मंगलवार को
सीबीआई की विशेष अदालत में एक दर्खास्त देकर गुरमीत राम रहीम को वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किए जाने की अपील करेगी। हरियाणा के गृह सचिव एसएस
प्रसाद ने गुरमीत राम रहीम की पेशी जुड़ी तैयारियों के लिए शीर्ष अधिकारियों की
बैठक के बाद उक्त फैसले की जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि
गुरमीत राम रहीम इस समय साध्वी यौन शोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद
है और उसे व तीन अन्यों को पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिया गया है।
पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत 17
तारीख को दोषियों को सजा सुनाएगी।
यही तारीख हरियाणा सरकार के लिए बड़ी समस्या बन गई है। कानूनी माहिरों के मुताबिक इस तरह के मामलों में दोषी करार दिए गए व्यक्ति का सजा के ऐलान के वक्त कोर्ट में प्रत्यक्ष तौर पर रहना अनिवार्य है। दूसरी ओर सरकार भी अतीत के कड़वे अनुभवों को सामने रखते हुए इस दफा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। पिछली बार साध्वी यौन शोषण मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला समेत कई जगह जबरदस्त दंगे हुए थे।
पत्रकार छत्रपति
हत्याकांड मामले में सजा के ऐलान के मामले में सरकार के सामने सबसे बड़ी दुविधा
यही खड़ी है कि गुरमीत राम रहीम जहां रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं जबकि तीन
अन्य आरोपी अंबाला की सेंट्रल जेल में है। सजा के ऐलान वाले दिन चारों का
प्रत्यक्ष तौर पर कोर्ट में रहना जरूरी है। यानि एक ही मामले में दोषी करार दिए गए
व्यक्ति दो अलग-अलग जगह पर हैं। यानि इस मामले में कानून से जुड़ी तकनीकी अड़चनें
भी मौजूद हैं।
इधर, प्रसाद के मुताबिक
अधिकारियों के साथ बैठक में रोहतक की सुनारिया जेल में ही कोर्ट लगाने की संभावना
पर विचार किया गया था और इसमें यह बात सामने आई कि इसके लिए शेष तीन दोषियों को भी
सुनारिया ले जाना पड़ेगा तो ऐसे में कोर्ट को सुनारिया ले जाने की जगह हमें वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग का विकल्प ही ठीक लगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कानून व्यवस्था
खराब नहीं होने देगी और फैसला कोई भी आता है, सरकार की तमाम तैयारियां पूरी हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/Chhatrapati-Murder-Case-latest-News.png570806Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-15 01:15:452019-01-15 01:28:38छत्रपति केस: सज़ा सुनाने के लिए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की अपील
कर्नाटक की राजनीतिक उथल-पुथल में एक नया मोड़ आया है. बेंगलुरू का राजनीतिक ड्रामा अब राजधानी दिल्ली तक पहुंच चुका है. दरअसल बीजेपी ने पहले तो अपने 100 विधायकों को दिल्ली बुलाया. फिर दिल्ली के पास गुड़गांव में एक रिसॉर्ट में भेज दिया.
बीजेपी का आरोप है कि राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा, ‘जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) बीजेपी विधायकों को तोड़ना चाहता है. हम एकजुट हैं. हम एक-दो दिन दिल्ली में रहेंगे.’
दोनों पार्टियां एक दूसरे पर लगा रही हैं खरीद-फरोख्त का आरोप
कांग्रेस पार्टी भी लगातार आरोप लगा रही है कि बीजेपी कर्नाटक में विधायकों की खरीद फरोख्त कर के वैकल्पिक सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है. इस पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम एक वैकल्पिक सरकार बनाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.’
कांग्रेस ने कहा है कि लापता विधायकों का एक समूह इस बात का सबूत है कि बीजेपी ने ‘ऑपरेशन लोटस’ लॉन्च किया है. यह शब्द पहली बार 2008 में इस्तेमाल किया गया था, जब बीजेपी पर कई विपक्षी विधायकों को उकसाने का आरोप लगाया गया था. ताकि येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली अपनी सरकार की स्थिरता सुनिश्चित की जा सके.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में, जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन में 118 विधायक हैं, जो बहुमत के 113 के आंकड़े से अधिक है. बीजेपी के पास 104 विधायक हैं और यह आवश्यक संख्या से बहुत कम है.
कांग्रेस के पांच विधायक भी गायब हैं लेकिन येदियुरप्पा के संपर्क में हैं
लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी कोशिश कर रही है, यही कारण है कि उसके पांच विधायक गायब हो गए हैं. कुमारस्वामी का दावा है कि वे मुंबई के एक होटल में हैं और उनके संपर्क में हैं. मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘वे सभी (कांग्रेस विधायक) मुझसे लगातार संपर्क में हैं. वे मुझे सूचित करने के बाद मुंबई चले गए. मेरी सरकार किसी भी खतरे में नहीं है.’
कुमारस्वामी ने कहा ‘मुझे पता है कि बीजेपी किससे संपर्क करने की कोशिश कर रही है और वे क्या पेशकश कर रहे हैं. मैं इसे संभाल सकता हूं.’ कांग्रेस पार्टी के नेता और राज्य के डिप्टी गवर्नर जी परमेस्वर ने कहा, ‘हमारे कुछ विधायक चले गए हैं, वे मंदिर, छुट्टी, परिवार के कार्यक्रमों के लिए जा सकते हैं, हम नहीं जानते. हमारे सभी विधायक बरकरार हैं.’
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/Yediyurappa.jpg498885Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-14 18:10:342019-01-14 18:10:37भाजपा के 100 विधायक दिल्ली में ओर कांग्रेस्स के 5 विधायक गायब
मध्य प्रदेश में बीजेपी नेताओं की तरफ से इशारों-इशारों में इस बात को कहा जा रहा है कि मौजूदा कमलनाथ सरकार कभी भी गिर जाएगी. इसी क्रम में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पहली बार सागर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राहतगढ़ में कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब तक मंत्रियों के बंगले पुतेंगे तब तक सरकार गिर जाएगी. बंगले पुते के पुते रह जाएंगे.
नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष ने आगे कह, ”जिसके हार्ट और किडनी दूसरी पार्टी के हैं, वह सरकार ज्यादा दिन नहीं चलती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार चार माह से ज्यादा नहीं चलेगी. उन्होंने कहा, ”11 दिसंबर (चुनाव परिणाम के बाद) को बीमार शिशु पैदा हुआ जिसकी किडनी समाजवादी पार्टी, हार्ट बहुजन समाज पार्टी और अन्य अंग निर्दलियों के लगे हैं.
15 दिन के अंदर उल्टी कर देंगे MP सरकार, ऊपर से सिग्नल मिलने की देर: कैलाश विजयवर्गीय यह पूछे जाने पर कि विपक्षी दल के तौर पर आपकी क्या चुनौतियां है? इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जनता के लिए की गई घोषणाएं सरकार से गला दबाकर पूरी करवाएंगे. उन्होंने कांग्रेस की गुटबाजी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब प्रदेश में 12 मुख्यमंत्री हो गए हैं जो कि सरकार का नियंत्रण कर रहे हैं. यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश: इन बीजेपी नेताओं से छिना पद, अब कांग्रेस सरकार ने थमाया बंगला छोड़ने का नोटिस
MP: कमलनाथ के मंत्री ही उन्हें नहीं मान रहे ‘मुख्य’मंत्री, सिंधिया गुट का अलग राग सूबे में कांग्रेस के अलग-अलग धड़ों पर भार्गव ने कहा कि इसके कोटे में 7 मंत्री और उसके कोटे में 8 मंत्री, ये कोटे न हुए बल्कि राशन की दुकान हो गई. आपको बता दें कि सीएम कमलनाथ के मंत्रिमंडल में राज्य के तीनों बड़े नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन वाले विधायकों को जगह दी गई है. मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री कमलनाथ के 11, दिग्विजय सिंह के 9, ज्योतिरादित्य सिंधिया के 7 और अरुण यादव खेमे के एक मंत्री को शामिल किया गया है.
भाजपा आलाकमान को छींक भर आ गई, तो MP में हमारी सरकार बन जायेगी: BJP महासचिव विपक्षी दलों के महागठबंधन को लेकर गोपाल भार्गव ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी का तूफान आता है तो शेर-बिल्ली एक साथ पेड़ पर चढ़ जाते हैं. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पहली बार सागर पहुंचे गोपाल भार्गव का जगह-जगह स्वागत किया गया.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/shivrajsinghchouhan3-30-1480512106.jpg450600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-14 18:04:262019-01-14 18:04:29मध्य प्रदेश में बीजेपी नेताओं की तरफ से लगातार इशारों-इशारों में इस बात को कहा जा रहा है कि मौजूदा कमलनाथ सरकार कभी भी गिर जाएगी.
बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक में राजनेतिक हालात को देखकर अपने 102 विधायकों को गुड़गांव के रिज़ॉर्ट में शिफ़्ट करने फ़ैसला किया है
नई दिल्ली/बेंगलुरू: कर्नाटक की सियासत में एक बार फिर से हलचल बढ़ गई है. कुमारस्वामी सरकार पर संकट बढ़ गया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है. उधर, बीजेपी ने भी पलटवार किया है. सूत्रों के मुताबिक, कोंग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. बीजेपी की कोशिश है कि जल्दी ही ये 13 विधायकों इस्तीफ़ा दे दें. बीजेपी कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के ख़िलाफ़ अगले हफ़्ते अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है.
इसके अलावा, बीजेपी ने अपनी पार्टी के विधायकों को दिल्ली बुला लिया है. कर्नाटक विधायकों की बैठक 1:30 बजे दिल्ली के वेस्टर्न कोर्ट एनेक्सी में हुई. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष येदियुरप्पा के साथ -साथ प्रदेश बीजेपी के कई नेता भी मौजूद थे. हालांकि बताया जा रहा है कि बैठक लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई लेकिन सूत्रों का कहना इस बैठक में राज्य के ताजा राजनीतिक हालातों पर चर्चा के साथ-साथ बीजेपी की कोशिश अपने विधायकों को एकजुट रखने और संभावित तोड़-फोड़ से बचाने की है. मीटिंग के बाद बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक में राजनेतिक हालात को देखकर अपने 102 विधायकों को गुड़गांव के रिज़ॉर्ट में शिफ़्ट करने फ़ैसला किया है.
कुमारस्वामी ने सरकार गिराने की रिपोर्ट को खारिज किया उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि राज्य में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार की ‘अस्थिरता’ का कोई सवाल नहीं है. उन्होंने इन रिपोर्टो को भी खारिज किया जिनमें कहा गया है कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराने के लिए कथित रूप से ‘ऑपरेशन कमल’ चला रही है. कुमारस्वामी ने हालांकि अपने इस आरोप को दोहराया कि बीजेपी सत्तारुढ़ गठबंधन के विधायकों को लुभाने का प्रयास कर रही है. हालांकि उन्होंने विश्वास जताया कि गठबंधन का कोई भी विधायक पाला नहीं बदलेगा.
कुमारस्वामी ने कहा, “मैंने मीडिया में आई इन रिपोर्ट (ऑपरेशन कमल) को देखा है. आज भी मैंने एक मीडिया रिपोर्ट देखी जिसमें कहा गया है कि 17 जनवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा. मुझे नहीं मालूम कि मीडिया में इस प्रकार की रिपोर्ट कौन दे रहा है…. मुझे यह रिपोर्ट देखकर बड़ी हैरानी हुई.” उन्होंने कहा, “मुझे नहीं मालूम ऐसी रिपोर्टो से किसको फायदा होगा लेकिन मेरी राय में, इससे राज्य की जनता का नुकसान होगा.” उन्होंने मैसूर में संवाददाताओं से यह बात कही.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/KUMARASWAMY-L.jpg440660Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-14 15:34:182019-01-14 15:34:21राज्य में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार की ‘अस्थिरता’ का कोई सवाल नहीं है : एचडी कुमारस्वामी
कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार ने बीजेपी पर कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया. डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी पर भी बीजेपी का पक्ष लेने का आरोप जड़ दिया.
बेंगलुरू : कर्नाटक की कांग्रेस जेडीएस सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. कांग्रेस के ही मंत्री ने दावा किया है कि उनकी ही पार्टी के तीन विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. जो इस समय मुंबई में मौजूद हैं. कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी के. शिवकुमार ने रविवार को कहा कि राज्य की गठबंधन (कांग्रेस- जेडीएस) सरकार को गिराने के लिए भाजपा का ‘ऑपरेशन लोटस’ वास्तव में चल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई के एक होटल में भाजपा के कुछ नेताओं के साथ डेरा डाले हुए है.
कांग्रेस नेता शिवकुमार ने कहा, ‘राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त जारी है. हमारे तीन विधायक भाजपा के कुछ विधायकों और नेताओं के साथ मुंबई के एक होटल में हैं. वहां क्या कुछ हुआ है उन्हें कितनी रकम की पेशकश की गई है, उससे हम अवगत हैं.’ गौरतलब है कि 2008 में कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा नीत सरकार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भाजपा द्वारा कई विपक्षी विधायकों को कथित प्रलोभन दिए जाने को ‘ऑपरेशन लोटस’ के नाम से जाना जाता है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/talk1.jpg450900Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 18:50:272019-01-13 18:50:30कर्नाटक सरकार के 3 एमएलए भाजपा के साथ :डी के शिवकुमार
पाकिस्तान में करोड़ों रुपये मूल्य की अपनी संपत्ति छोड़कर पंजाब पहुंचे 50 वर्षीय सरन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में उनके साथ दोयम दर्ज का व्यवहार किया जाता था. नरेन्द्र मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक से सुरवीर सिंह और पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के हजारों शरणार्थियों के मन में आस की उम्मीद फिर से जगी है
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से परेशान होकर भागे सुरवीर सिंह को पहचान और आजीविका के दो पाटों के बीच पिसना पड़ रहा है. अपनी मातृभूमि भारत की नागरिकता के लिए आवश्यकताओं को पूरा करने और एक स्थिर नौकरी पाने के लिए उनकी दुविधा 27 साल बाद भी दूर होने का नाम नहीं ले रही है. चार सदस्यों के अपने परिवार के साथ अमृतसर में रहने वाले 33 वर्षीय सिंह ने कहा कि उसे अपनी मातृभूमि में रहने के लिए हर दूसरे महीने सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते है. वर्ष 1992 में उसके माता-पिता के भारत आने का फैसला लेने से पहले सुरवीर सिंह का परिवार अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में रहता था.
सोवियत संघ की वापसी और मुजाहिदीन के आगमन के बाद हिंदुओं और सिखों के अफगानिस्तान छोड़ने की एक लहर सी चली थी. परिवार का एकमात्र कमाने वाला होने के नाते सुरवीर सिंह कई तरह की नौकरियां करके अपनी आजीविका कमाते हैं. हालांकि उनका परिवार उसी समय भारत आया था और उनके परिवार के प्रत्येक व्यक्ति के पास अलग-अलग तारीखों में जारी किये गये वीजा और शरणार्थी प्रमाण पत्र हैं.
सिंह ने कहा कि क्योंकि उनकी नागरिकता का आवेदन नौकरशाही के चक्रव्यूह में फंस गया है और उन्हें अपने कागजातों को बनाये रखने के लिए नियमित रूप से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता पड़ती है. उन्होंने कई राजनीतिक नेताओं से भारतीय नागरिकता हासिल करने की गुहार लगाई है लेकिन उन्हें आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है. सुरवीर सिंह ने कहा,‘‘हर 12 महीनों में कागजातों की अवधि समाप्त होने के बाद, मुझे हर दो या तीन महीनों में इनके नवीनीकरण के लिए अपने परिवार के एक सदस्य के साथ नई दिल्ली जाना पड़ता है. ’’
उन्होंने कहा कि नौकरी तलाशना पहले से ही बहुत मुश्किल है क्योंकि कोई भी शरणार्थियों को रोजगार नहीं देना चाहता है. यहां तक कि अगर किसी को नौकरी मिलती है तो अक्सर उन्हें कम भुगतान किया जाता है और हर दूसरे महीने नई दिल्ली जाने की आवश्यकता की वजह से नियोक्ता नाराज हो जाते है और वे ऐसे कर्मचारियों की तलाश करते है जिन्हें कम छुट्टी की जरूरत होती है. हालांकि नरेन्द्र मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक से सुरवीर सिंह और पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के हजारों शरणार्थियों के मन में आस की उम्मीद फिर से जगी है.
यह प्रस्तावित विधेयक नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है. इस विधेयक के कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल के बजाय छह साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी. सुरवीर सिंह ने कहा,‘‘मैं सरकार से इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित करने का आग्रह करता हूं. ’’ उनकी तरह ही सरन सिंह ने कहा कि वह एक गरिमापूर्ण जीवन चाहते है.
पाकिस्तान में करोड़ों रुपये मूल्य की अपनी संपत्ति छोड़कर 1999 में अपने परिवार के साथ पंजाब पहुंचे 50 वर्षीय सरन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में उनके साथ दोयम दर्ज का व्यवहार किया जाता था. वह पाकिस्तान की खैबर एजेंसी में रहते थे जहां आतंकवाद और धार्मिक उत्पीड़न जोरों पर था. उन्होंने कहा कि आतंकवादी प्राय: उन्हें बाध्य किया करते थे कि यदि वे जीवित रहना चाहते हैं तो उनका परिवार इस्लाम कबूल कर ले.
इसलिए कई महिलाओं का अपहरण कर लिया गया और उन्हें जबरन इस्लाम कुबूलवाया गया. सरन ने कहा,‘‘कोई भी हमारी बेटियों और बेटों से शादी नहीं करना चाहता क्योंकि जब उन्हें पता चलता है कि हम पाकिस्तान से है तो वे हमे संदेह की नजर से देखते है. लोग कहते हैं कि आपके पास भारतीय नागरिकता नहीं है, अगर सरकार आपको निर्वासित करने का फैसला करती है तो क्या होगा? शादी का क्या होगा?’’
उन्होंने कहा,‘‘हम पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से बचकर अपनी मातृभूमि भारत पहुंचे लेकिन यहां हम लाल फीताशाही और नौकरशाही की बाधा में फंस गये. कभी-कभी अधिकारी हमें अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट को नवीनीकृत करने के लिए कहते हैं जिसके लिए हमें पाकिस्तान जाने और जारी किए गए कागजात प्राप्त करने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डालना पड़ता है. ’’
सरन ने कहा,‘‘जब हम पाकिस्तान में रह रहे थे तो स्थानीय लोगों का कहना था कि आप पाकिस्तानी नहीं हूं क्योंकि आप हिंदू और सिख हो और आपको अपने देश जाना चाहिए. भारत में रहने के दौरान लोग कहते हैं कि आप पाकिस्तान से हो. ’’ उन्होंने सरकार से उन्हें जल्द से जल्द नागरिकता दिये जाने का अनुरोध किया.
सरन ने कहा,‘‘हमें अपने दैनिक जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि किसी भी काम के लिए आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र की जरूरत होती है. ’’ उन्होंने दावा किया कि कागजातों के नहीं होने के कारण कई शरणार्थी अपने बच्चों को शिक्षित भी नहीं कर पाते है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/55891b417c034.jpg480800Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 18:34:572019-01-13 18:35:00नागरिकता संशोधन विधेयक से पाक हिंदुओं सिखों में बंधी सम्मानजनक जीवन की आस।
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