मेवात से हिंदुओं का पलायन, गहरी नींद में खट्टर

हरियाणा के मेवात क्षेत्र को कट्टरवादियों ने बहुत पहले ही ‘बंगलादेश’ बना दिया है। बंगलादेश में करीब 8 प्रतिशत हिन्दू रह गए हैं, यही स्थिति मेवात की भी हो गई है। जबकि 1947 में बंगलादेश में करीब 30 प्रतिशत और मेवात में भी लगभग 30 प्रतिशत हिन्दू थे। अब पूरे मेवात को ‘पाकिस्तान’ की शक्ल देने देने का प्रयास तेजी से हो रहा है। आज हरियाणा के मेवात में हिन्दुओं के साथ वह सब हो रहा है जो बंगलादेश या पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ होता है। हिन्दू लड़कियों और महिलाओं का अपहरण, उनका मतान्तरण और फिर किसी मुस्लिम के साथ जबरन निकाह। हिन्दुओं को जबरदस्ती मुसलमान बनाना। हिन्दू व्यापारियों से जबरन पैसे की वसूली करना। मंदिरों और श्मशान के भूखंडों पर कब्जा करना। बंगलादेशी घुसपैठियों को बसाना। हिन्दुओं को झूठे मुकदमों में फंसाना। हिन्दुओं के यहां डाका डालना। कोढ़ में खाज यह कि प्रशासन द्वारा भी हिन्दुओं की उपेक्षा आम बात हो गयी है। इस कारण मेवात के हिन्दू मेवात से पलायन कर रहे हैं। मेवात के सभी 508 गांव लगभग हिन्दू-विहीन हो चुके हैं। किसी- किसी गांव में हिन्दुओं के दो-चार परिवार ही रह गए हैं। यदि सेकुलर सरकारों का रवैया नहीं बदला तो यहां बचे हिदू भी पलायन कर जाएंगे। फिर इस इलाके को पाकिस्तान बनने से कोई रोक नहीं सकता है।

सारिका तिवारी, चंडीगढ़

Sarika Tiwari,
Editor: demokratikfront.com

हरियाणा के मेवात से हिंदू समुदाय की पलायन पर अखबारों में एक रिपोर्ट छप रही है लगभग 75 से 100 शब्दों की। बस विश्व हिंदू परिषद ने पिछले दिनों एक समिति बनाई जिसमें जनरल बक्शी स्वामी धर्मदेव और वकील चंद्रकांत शर्मा शामिल थे। समिति ने ओट में बताया गत 25 वर्षों से मेवात से भारी संख्या में हिंदू पलायन कर गए हैं। वीएचपी के संयुक्त सचिव डॉ सुरेंद्र जैन की माने तो उन्होंने मेवात को हिंदुओं का कब्रिस्तान ही कह दिया, क्योंकि आए दिन हिंसा की घटनाएं सामने आ रही है। धर्म परिवर्तन के लिए दबाव आए दिन सुनने में आ रहा है, कभी किसी लड़के की शिखा काटने का प्रयास और विरोध करने पर उसके घर पर भारी संख्या में समुदाय विशेष के लोगों द्वारा हल्ला बोल कर ना केवल लड़के को अधमरा करना बल्कि उसकी मां के साथ भी मारपीट करना आम है। इतना ही नहीं प्रशासन और पुलिस इतने पंगु हैं कि पहले तो रिपोर्ट दर्ज ही नहीं हुई बाद में किसी तरह मामला दर्ज हुआ तो दबाव बनाकर सम्झौता करवाया गया। उसके अगले ही दिन लठियों से दो हिन्दू युवाओं पर जान लेवा हमला किया गया जिनमें से एक अभी भी अस्पताल में दाखिल है। उसकी स्थिति नाज़ुक बनी हुई है। इससे साफ झलकता है कि पुलिस और प्रशासन अपना कर्तव्य पालन करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। या तो किसी प्रभाव के अंतरगर्त अपना काम नहीं कर पा रहे या स्वयं दोनों मशीनरियाँ ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं।

गोहत्यारों पर नहीं होती कड़ी कार्रवाई

गोकशी के मामलों में भी जब पुलिस को सूचना दी जाती है तो पुलिस अपराधियों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करती है। उदाहरण के लिए 28 अप्रैल को पुन्हाना में गो तस्करों की गोली से रघुवीर नामक एक मजदूर मारा गया। लेकिन इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के बजाए पुलिस इसकी लीपापोती में लगी है। मजदूर का परिवार भुखमरी के कगार पर है, परन्तु मुआवजे की बात तो दूर, उसकी कोई परवाह नहीं की जा रही है। ऐसी घटनाएं बताती हैं कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जहां हिन्दू परिवार गिने चुने हैं, वहां हिंदुओं की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही अपेक्षित सुरक्षा बल मौजूद है। इसके अतिरिक्त, लॉक डाउन के चलते जहां हिन्दू व्यावसायी लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए जब अपने प्रतिष्ठान चला रहे होते हैं, तो वहां के स्थानीय अधिकारी केवल हिंदुओं का गैर कानूनी चालान करते हैं, जबकि मुस्लिमों द्वारा चलाये जा रहे व्यावसायिक प्रतिष्ठान लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाकर, बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप के धड़ल्ले से चल रहे हैं। 500 मकानों वाले गांव कुलैटा (नगीना ) में जहां केवल 10 मकान हिंदुओं के हैं वहां हिन्दुओं का घर से निकलना दूभर हो रहा है। बहू-बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं। इतना ही नहीं, सरकारी स्कूलों में हिन्दुओं के बच्चों को नमाज पढ़ने के लिये बाध्य किया जाता है,जहां पर कर्मचारी मुस्लिम बहुल हैं।

इस सबके बीच पुन्हाना के पास नई गांव से कन्वर्जन की साजिशों का भी पता चला। यहां के एक हिन्दु युवक को मुस्लिम बनाया गया और अब उसकी मां को भी इस्लाम अपनाने के लिये प्रताड़ित किया जा रहा है। यह भी बात सामने आई है कि गांव उटावड़ में कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद द्वारा दिए गए पैसों से एक बड़ी मस्जिद बनाई गयी जो सलमान नाम के व्यक्ति के माध्यम से बनवाई गयी। इस समय यह सलमान किसी अन्य मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की गिरफ्त में है। कुल मिलाकर हरियाणा के इस जिले में मुसलमानों का इतना आतंक व खौफ है, जिसके चलते हिन्दुओं का जीना दूभर हो रहा है। इन्हीं कारणों के चलते हिन्दू पलायन तक को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में यह समिति हिन्दू समुदाय की सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार को जागरूक करते हुए अपील करती है कि सरकार हिन्दुओं की सुरक्षा का उचित प्रबन्ध करे ताकि उनमें एक विश्वास उत्पन्न हो सके। पीड़ितों से चर्चा करते समय एक ही बात सामने आई कि वे प्रशासन पर विश्वास खो बैठे हैं। इसलिये उनमें से कुछ लोग पलायन की सोच रहे हैं। ऐसी स्थिति घातक है। इन परिस्थितियों को वर्तमान हरियाणा सरकार ही ठीक कर सकती है। इसलिए यह रिपोर्ट हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी को भेज दी गई है। विश्व हिंदू परिषद विश्वास करती है कि मुख्यमंत्री महोदय इस रिपोर्ट की अनुशंसाओं को अति शीघ्र लागू करके मेवात को राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी गतिविधियों से मुक्त कराएंगे।

जुलाई 2018 को 8 लोगों द्वारा एक बकरी के साथ गैंगरेप करने की घटना को कोई भूला तो नहीं होगा?

समिति ने कुछ अनुशंसा भी की हैं जो इस प्रकार हैं—

  • क्षेत्र के समस्त पुलिस प्रशासन को बदल कर इनकी जगह कर्मठ व किसी दबाव में न झुकने वाले अधिकारियों को लाया जाये।
  •  जिस क्षेत्र में हिन्दुओं पर अत्याचार होते हैं, वहां के थानाध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाए।
  • मेवात में मदरसों,—मस्जिदों और मजारों से चल रही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की एनआईए से जांच कराई जाए। हवाला के रास्ते आतंकवादियों का पैसा मस्जिदों के बनाने और अवैध हथियारों के जखीरे खड़ा करने में हो रहा है, यह भी जांच में शामिल हो।
  • पुलिस पर अविश्वास के कारण वहां पर अर्ध सैनिक बलों की उपस्थिति आवश्यक है। अतः मुस्लिम बहुल इलाकों मे अर्ध सैनिक बलों का केन्द्र बनना चाहिये, चाहे उसके लिये भूमि अधिग्रहण करनी पड़े।
  •  हिंदुओं की व्यक्तिगत, सामाजिक व धार्मिक सम्पत्ति पर अवैध कब्जों की जांच होनी चाहिये और उनको जिहादियों के चंगुल से अविलम्ब मुक्त कराना चाहिए।

मुख्यमंत्री को परिषद की ओर से यह रिपोर्ट सौंपी गई। सुरेन्द्र जैन चाहते हैं कि मुख्यमंत्री जल्दी से जल्दी रिपोर्ट का संगयानलेते हुए उचित कार्रवाई करें और समिति की सिफारिशों जिसमें वर्तमान अधिकारियों और कर्मियों को तुरंत प्रभाव से हटाकर दूसरे अधिकारी और कर्मचारी नियुक्त किया जाए। इतना ही नहीं समिति ने सिफ़ारिश की है कि मेवात के संवेदनशील माहौल को देखते हुए यहां सीआरपीएफ़ और बीएसएफ को तैनात किया जाए।

भई यह तो रही विश्व हिंदू परिषद की मांग, जिन मसलों पर सुरेन्द्र जैन बात कर रहे हैं यह समस्याएं और घटनाएं आर एस एस के घटक दल भाजपा के राज मैं ही हुई है।

मुख्यमंत्री हो या गृह मंत्री दोनों के पास इस विषय पर बात करने का समय नहीं, मान ले अपने किसी खास या चहेते पत्रकार से इस विषय पर बात करें भी तो आम दिनों की तरह एक ही जवाब उम्मीद की जा सकती है या तो उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं या इस पर जांच चल रही है इस पर वह सामने आएगी भी या नहीं यह आने वाले समय के शोध का विषय रहेगा।

अब बात करते हैं कि क्यों प्रशासन ऐसे व्यक्ति जो कि इस तरह की घोर हिंसा में संलिप्त हैं के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करता या इन पर कोई राजनीतिक दबाव जो कि अपने वोट बैंक को संजोकर रखने के लिए तथाकथित अपिजमेंट नीति का प्रयोग करते हैं? राजनेताओं के हाथ की कठपुतली बने अखबार और चैनल क्यों सच को उजागर होने नहीं देते? एक समुदाय विशेष के कुछ गिने-चुने लोगों द्वारा हिंसा फैलाने या वारदातों को अंजाम देने को मात्र कुछ शब्दों तक समेट कर रख दिया जाता है जबकि मेवात के इलाके में पिछले दिनों इस तरह की हिंसा और सांप्रदायिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों के बारे में बोलने और लिखने वाले पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया और उसे ना केवल पुलिस ने गिरफ्तार करने की पूरी तैयारी कर ली थी। और कुछ लोगों ने उसके घर पर भी हमला किया। चलो कुछ सोच कर पुलिस ने गिरफ्तारी तो नहीं की लेकिन उसकी शिकायत पर हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई इससे बड़ी विडंबना यह है की पत्रकार संगठनों या उनके पदाधिकारी साथ देना तो दूर घटनाक्रम क निंदा करने के लिए आगे नहीं आए।

अब बात करें ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग की चाहे रिपोर्ट जनता के सामने आने की बात हो रिपोर्ट दर्ज करने के बाद दोनों ही मामलों में रिपोर्ट औंधे मुंह गिरी दिखाई पड़ती हैं। मीडिया की दिलचस्पी तथाकथित अल्पसंख्यक समुदाय मैं ही है चाहे मुजफ्फरनगर का हो या शामली का मामला, मीडिया ने क्षेत्र को अपनी छावनी बना लिया था और ग्राउंड ज़ीरो से रेपोर्टिंग हो रही थी। इतना ही नहीं मिडीया इस तरह से रिपोर्टिंग करता है की जैसे चाहता हो कि घटना क्रम जितनी जल्दी हो सके जनसाधारण के मानस पटल से साफ हो जाए।

पलायन बंगाल से भी हो रहा है, आसनसोल के दंगों के बाद से यह पलायन जारी है, लेकिन अखबार और चैनल मालदा, उत्तरी दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद और टेलिनपरा की खबर बाहर नहीं आने देते। ममता बनर्जी के आने के बाद ही से यह घटना विषम रूप लेती जा रही है। देश में संचार माध्यमों की भरमार है लेकिन संचार के विषय का चुनाव देश हित के लिए नहीं बिजनेस हाउस और राजनीतिक हाउसेस के लिए किया जाता है फॉर सेल के बोर्ड तो भले ही से हट गए हैं लेकिन घरों के बाहर लटकते ताले देखकर तीन दशक पहले के कश्मीर को यहां जीवंत करते हैं।

जारी है:-

चौधरी सुरेंद्र सिंह हाथी पुनर्वास केंद्र में हाथी लूट रहे हैं लॉकडाउन के मज़े

कोशिक खान, छछरौली:

चौधरी सुरेंद्र सिंह हाथी पुनर्वास केंद्र में चंचल, लक्ष्मी, लिली, मोती व लक्ष्मी2 चल रहे लाॅकडाउन में शोर शराबे से दूर शांत वातावरण में केला व कद्दु खाकर  इंजाय कर रही है। रूटीन की डाइट के साथ मौसमी फल खाकर लाॅक डाउन में मस्ती कर रही हैं। फलों में इस समय इनको कद्दू और केला दिया जा रहा है। मॉर्निंग वॉक के बाद नाश्ता देने के लिए चिंघाडकर सायरन बजाना शुरू कर देती है। जिससे अंदाजा लग जाता है कि चंचल एंड फ्रेंड की टोली को अब नाश्ता चाहिए। प्रत्येक हाथी को नाश्ते में 10 किलो सीजनल फ्रूट और शाम की फीडिंग में भी 10 किलो फ्रूट दिया जाता है। इसके साथ रूटीन मे 2 क्विंटल 50 किलो ग्रीन ग्रास के साथ 10 किलो खिचड़ी भी दी जाती है।हाथी पुनर्वास केंद्र के मैनेजर आशीष बतूरा ने जानकारी देते हुए बताया कि सुबह 6:00 बजे सभी हाथी मॉर्निंग वॉक के लिए निकल पड़ते हैं। यह मॉर्निंग वॉक करीब 3 घंटे तक चलती है। उसके बाद वापस आने पर प्रत्येक हाथी को 10 केजी सीजनल फ्रूट दिए जाते हैं। उसके कुछ समय के बाद खिचड़ी दी जाती है। जिसमें प्रत्येक हाथी को 5 किलो खिचड़ी दी जाती है जो कि गर्मी व सर्दी मौसम के हिसाब से बनाई जाती है। गर्मी में गेहूं की खिचड़ी और सर्दी में बाजरे की खिचड़ी दी जाती है। उसके बाद हाथियों की फुट नेल ट्रीमिंग की जाती है।

फुट नेल ड्रीमिंग करना बहुत ही जरूरी होती है। हाथी की पूरी सेहत उसके पैरों के ऊपर डिपेंड होती है। इसलिए जरूरी है कि हाथी के नाखून को ट्रीमिंग करके एक सुरक्षात्मक शेप दी जाती है ताकि नाखून के नीचे चलते समय पत्थर ना आए। हाथी के नाखूनों की सफाई इसलिए भी जरूरी है कि हाथी के पूरी बॉडी का पसीना उसके नाखूनों की जड़ों से ही बाहर निकलता है। इसलिए उस जगह को पूरी तरह से साफ रखा जाता है। नेल ट्रीमिंग करने के बाद हाथी को नहलाया जाता है।

शाम को फ्रूट व खिचड़ी देने के बाद रात को 2 क्विंटल 50 किलो प्रत्येक हाथी को ग्रीन ग्रास जिसमें गन्ना, चैरी, बांस दिया जाता है। जिसको वह पूरी रात तक धीरे-धीरे खाता रहता है। स्वस्थ हाथी 24 घंटे में सिर्फ चार पांच घंटे की नींद लेता है। उन्होंने बताया कि इस समय लॉक डाउन की वजह से घूमने वाले नहीं आ रहे इसलिए हाथी भी अपनी मस्ती में मस्त हैं। हाथी पुनर्वास केंद्र में इस समय पांच मादा हाथी हैं। जिनको फीडिंग नेल ट्रीमिंग बाथिंग उनके महावत द्वारा कराई जा रही है। उनके स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। जिनका हर साल खून टेस्ट और पैरों के एक्स-रे भी समय-समय पर कराए जाते हैं।

आज का राशिफल

Aries

13 मई 2020: आप किसी नतीजे या फैसले का इंतजार कर रहे हैं तो शांति रखें, सब ठीक हो जाएगा. अपने नियमित काम से हटकर कुछ करने की कोशिश करेंगे तो सफल रहेंगे. मेहनत से सफलता मिलने के योग हैं. कोई बड़ा फायदा भी हो सकता है. मनचाहे कामों को पूरे करने के लिए आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है. परिवार के साथ समय बिताने की कोशिश करेंगे. बिजनेस के लिहाज से आज का दिन अच्छा है.

Taurus

13 मई 2020: अपनी राय और बातों से आप ज्यादातर लोगों पर प्रभाव जमा सकते हैं. अपने से छोटे लोगों की टेंशन हो सकती है. उलझे हुए काम सुलझाने के लिए स्थितियां आपके फेवर में हो सकती हैं. आपके सोचने के तरीके में बदलाव हो सकता है. दोस्तों से समय पर मदद मिल सकती है. घर परिवार के काम निपटाने में भी मन लगेगा.

Gemini

13 मई 2020: रोजमर्रा का कामकाज निपटाने के लिए एक्स्ट्रा कोशिश करें. अपनी जिम्मेदारियों को ध्यान में रखें. अपने समय और धैर्य का पूरा इस्तेमाल करें. आज इसकी जरूरत होगी. अपने ही दम पर और शांत मन से जो काम करेंगे, उसमें आपको सफलता मिल सकती है. पॉजिटिव रहने की कोशिश करें.

Cancer

13 मई 2020: लव लाइफ में गलतफहमियां हो सकती हैं. किसी मामले में लापरवाही न करें. जॉब और बिजनेस में लापरवाही या जल्दबाजी न करें. सोचे हुए काम पूरे होने में थोड़ा समय लग सकता है. आज किसी भी काम में आपको मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है. कर्क राशि वाले लोग आज सेहत के मामले में लापरवाह न रहें.

Leo

13 मई 2020: पैसा कमाने की कोशिश में सफलता मिल सकती है. एक्स्ट्रा काम में किसी की मदद मिल सकती है. पुराने कुछ मामलों में अनबन खत्म हो सकती है. दूसरों का नजरिया समझने की कोशिश करें. आपको किसी अच्छी खबर का इंतजार रहेगा.

Virgo

13 मई 2020: आज का दिन अच्छा है. अपनी भावनाओं पर कंट्रोल करेंगे तो फायदा होगा. किसी नई महिला मित्र के साथ कुछ ज्यादा बातचीत हो सकती है. ऐसे लोगों से मदद मिलने के भी योग हैं. प्रेम जताने के लिए दिन ठीक है. समय पर काम पूरे हो सकते हैं. किसी के मेंटल सपोर्ट से आपकी मानसिक स्थिति में संतुलन रहेगा.

Libra

13 मई 2020: अपने हालातों को बदलने की कोशिश कर सकते हैं. हिम्मत और दिमाग से बिगड़ी हुई स्थिति को संभालने में बहुत हद तक सफल भी हो सकते हैं. अच्छे व्यवहार के कारण कुछ लोगों की मदद मिल सकती है. रुके हुए काम पूरे होने की संभावना है. कुछ खास काम निपटाने में आप सफल हो सकते हैं. काम में भी मन लगेगा. आपको संयम में रहना होगा.

Scorpio

13 मई 2020: बहुत से काम आसानी से पूरे हो सकते हैं और आपका अच्छा असर लोगों पर होगा. जो काम और बातें अटक रही हैं उनके लिए कोई बीच का रास्ता भी निकल सकता है. कामकाज में सफलता के योग बन रहे हैं. आप बहुत सारा काम निपटाने की कोशिश कर सकते हैं. जीवनसाथी से मदद मिल सकती है. आप घर के मामले सुलझा लेंगे. सबसे विनम्र होकर बात करें. आज आपको बुजुर्गों का आशीर्वाद भी मिल सकता है.

Sagittarius

13 मई 2020: आज ऐसे काम पूरे हो सकते हैं जिनके बारे में आप पिछले कुछ दिनों से प्लानिंग कर रहे हैं. लंबे समय से अधूरी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं. अपनी कोशिशों में आप सफल रहेंगे. कुछ नया सीखने को मिलेगा. नए स्थान पर भी जा सकते हैं. आप मीठा बोलकर सारे काम पूरे करवा सकते हैं. आज आपको किस्मत का साथ भी मिल सकता है. दूसरों की जरूरतों और मूड का अंदाज आप आसानी से लगा सकेंगे. अपने आप पर भरोसा रखें.

Capricorn

13 मई 2020: बेरोजगार लोगों को नौकरी मिल सकती है. उन मामलों को टाल दें जिनको निपटाने में आप परेशान हो रहे हैं. जरूरी काम निपटाने में कुछ लोगों की मदद मिल सकती है. बड़ा कदम उठाने के पहले अच्छी तरह विचार कर लें. किसी अनुभवी से भी सलाह लें. शारीरिक परेशानियां खत्म हो सकती हैं. बिजनेस में अच्छी स्थिति बन सकती है. कोशिश करने पर रुका हुआ पैसा मिल सकता है.

Aquarius

13 मई 2020: आपके लिए दिन सामान्य रहेगा. परेशानी में खुद को संभाल लें. विवाद के मामलों से खुद को दूर रखने की कोशिश करें. कुछ विवादों में समझौते हो सकते हैं. पैसों के क्षेत्र में प्रगति होगी. पुराने अटके कामों में भी गति आ सकती है. आपको कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है.

Pisces

13 मई 2020: रोजमर्रा और पार्टनरशिप के काम समय से पूरे हो सकते हैं. दोस्तों और भाइयों की मदद मिलने के योग बन रहे हैं. किसी तरह का कन्फ्यूजन खत्म हो सकता है. आज पैसों और अन्य मामलों में फायदे वाला दिन है. आज आप कामकाज में व्यस्त रहेंगे. आपके सामने कई जिम्मेदारी वाले काम भी आ सकते हैं. मानसिक तौर पर आप सक्रिय रहेंगे. रोजमर्रा के कामकाज में बदलाव की कोशिश हो सकती है. अपने कामकाज में सुधार करने का दिन है.

rashifal

आज का राशिफल

Aries

09 मई 2020: आपका आकर्षक बर्ताव दूसरों का ध्यान आपकी तरफ़ खींचेगा।जल्दबाज़ी में निवेश न करें- अगर आप सभी मुमकिन कोणों से परखेंगे नहीं तो नुक़सान हो सकता है।आज आप अपने चारों तरफ़ के लोगों के बर्ताव के चलते खीज महसूस करेंगे।आज आप इश्क़ की चाशनी ज़िन्दगी में घुलती हुई महसूस करेंगे।अपने काम और प्राथमिकताओं पर ध्यान एकाग्र करें।सफ़र के लिए दिन ज़्यादा अच्छा नहीं है।अपने जीवनसाथी के स्नहे से भीगकर आप ख़ुद को राजसी महसूस कर सकते हैं।आपके परिजन अपने साथ आपको किसी जगह ले जाएंगे। हालाँकि शुरुआत में आपकी कुछ ख़ास दिलचस्पी नहीं होगी, लेकिन बाद में आप उस अनुभव का भरपूर लुत्फ़ उठाएंगे।

Taurus

09 मई 2020: बेचैनी की कसमसाहट आपको परेशान कर सकती है। इससे बचने के लिए टहलने निकलें और ताज़ा हवा में गहरी साँसें लें। साथ ही सकारात्मक सोच भी बहुत मददगार रहेगी।ऐसा लगता है आप जानते हैं कि लोग आपसे क्या चाहते हैं- लेकिन आज अपने ख़र्चों को बहुत ज़्यादा बढ़ाने से बचें।कुछ लोगों के लिए- परिवार में किसी नए का आना जश्न और उल्लास के पल लेकर आएगा।प्यार की ताक़त आपको प्यार करने की वजह देती है।पेशेवर तौर पर आज का दिन सकारात्मक रहेगा। इसका भरपूर उपयोग करें।यात्रा करना फ़ायदेमंद लेकिन महंगा साबित होगा।जीवनसाथी की मासूमियत आपके दिन को ख़ास बना सकती है।आज का दिन किसी भी धार्मिक स्थल के लिए समर्पित करना अपनी मानसिक शांति बनाए रखने का सर्वश्रेष्ठ साधन हो सकता है।

Gemini

09 मई 2020: खुला हुआ सामान न खाएँ, नहीं तो सेहत डांवाडोल हो सकती है।होशियारी से निवेश करें।किसी ऐतिहासिक इमारत के आस-पास सैर-सपाटे की योजना बनाएँ। इससे बच्चों और परिवार के सदस्यों को ज़रूरी ताज़गी मिलेगी।आप अनुभव करेंगे कि आपके प्रिय का आपके प्रति प्यार वाक़ई बहुत गहरा है।काम पर लोगों के साथ मेलजोल में समझ और धैर्य से सावधानी बरतें।आज कुछ ऐसा दिन है जब चीजें उस तरह नहीं होंगी, जैसी आप चाहते हैं।आपका प्यार, आपका जीवनसाथी आपको कोई ख़ूबसूरत तोहफ़ा दे सकता है।आज छुट्टी के दिन किसी मल्टीप्लेक्स में जाकर कोई अच्छी फ़िल्म देखने से बढ़िया और क्या हो सकता है।

Cancer

09 मई 2020: परिवार वालों के साथ आपका रुख़ा बर्ताव घर का माहौल तनावपूर्ण बना सकता है। आपको दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, जैसा आप दूसरों से अपने लिए चाहते हैं।लम्बे अरसे को मद्देनज़र रखते हुए निवेश करें।बच्चों की उनसे जुड़े मामलों में मदद करना आवश्यक है।प्यार के नज़रिए से देखें तो आज आप जीवन के रस का भरपूर आनन्द लेने में सफल रहेंगे।दफ़्तर में आपको कुछ उबाऊ काम करना पड़ सकता है।गप्पबाज़ी और अफ़वाहो से दूर रहें।आज आपका जीवनसाथी आपकी वजह से दुःखी महसूस कर सकता है।आज का दिन थोड़ा उबाऊ सकता है, इसलिए कोई रचनात्मक कार्य करके दिन को रोचक बना सकते हैं।

Leo

09 मई 2020: किसी ऊँचे और ख़ास इंसान से मिलते समय घबराएँ नहीं और आत्मविश्वास बनाए रखें। यह सेहत के लिए उतना ही ज़रूरी है, जितना काम-धंधे के लिए पैसा।ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च करने और चालाकी-भरी आर्थिक योजनाओं से बचें।आपकी दिलचस्प रचनात्मकता आज घर के वातावरण को सुखद बनाएगी।अपने प्रिय के लिए बदले की भावना से कुछ हासिल नहीं होगा- बजाय इसके आपको दिमाग़ शांत रखना चाहिए और अपने प्रिय को अपनी सच्चे जज़्बात से परिचित कराना चाहिए। अतीत में किया गया काम आज परिणाम और पुरुस्कार लेकर आएगा।अगर आप ख़रीदारी पर जाएँ तो ज़रूरत से ज़्यादा जेब ढीली करने से बचें।अगर आप वैवाहिक तौर पर लंबे समय से कुछ नाख़ुश हैं, तो आज के दिन आप हालात बेहतर होते हुए महसूस कर सकते हैं।बहुत सारे मेहमानों की आवभगत आपका मूड ख़राब कर सकती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि आप कई पुराने दोस्तों से मिल सकते हैं।

Virgo

09 मई 2020: भावी माताओं को सेहत को लेकर थोड़ी ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है।होशियारी से निवेश करें।घर और काम पर दबाव आपको ग़ुस्सैल और बेचैन बना सकता है।अगर आप हुक़्म चलाने की कोशिश करेंगे, तो आपके और आपके प्रिय के बीच काफ़ी परेशानी खड़ी हो सकती है।आज के दिन आप कार्यक्षेत्र में आलोचनाओं का शिकार हो सकते हैं।आज आप नए विचारों से परिपूर्ण रहेंगे और आप जिन कामों को करने के लिए चुनेंगे, वे आपको उम्मीद से ज़्यादा फ़ायदा देंगे।आपके वैवाहिक जीवन में शारीरिक सुख के नज़रिए से कुछ ख़ूबसूरत परिवर्तन हो सकता है।अपनी रचनाधर्मिता को नया आयाम देने के लिए अच्छा दिन है। कुछ ऐसे विचार आ सकते हैं जो वाक़ई ज़बरदस्त और सृजनात्मक हों।

Libra

09 मई 2020: भागमभाग भरे दिन के बावजूद आपकी सेहत पूरी तरह दुरुस्त रहेगी।अचानक आए अप्रत्याशित ख़र्चे आपके ऊपर आर्थिक तौर पर बोझ डाल सकते हैं।घरेलू मोर्चे पर समस्या खड़ी हो सकती है, इसलिए तोल-मोल कर ही बोलें।आपको उदार और स्नेह से भरे प्यार का तोहफ़ा मिल सकता है।आपको अपनी प्रतिभा दिखाने का अच्छा मौक़ा मिलेगा।भरपूर रचनात्मकता और उत्साह आपको एक और फ़ायदेमंद दिन की ओर ले जाएंगे।रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी न होने से आपके वैवाहिक जीवन में तनाव संभव है। खाना, साफ़-सफ़ाई या कोई और घरेलू चीज़ इसका कारण हो सकती है।अगर आज कुछ ज़्यादा करने को नहीं है तो किसी लाइब्रेरी में समय बिताना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

Scorpio

09 मई 2020: किसी भी तरह के द्वन्द्व या विरोध से बचें, क्योंकि आपकी सेहत पर इसका बुरा असर होगा।आर्थिक मामलों में अतिरिक्त सावधानी बरतने की ज़रूरत है।लोग आपको आशाएँ और सपने देंगे, लेकिन असल में सारा दारोमदार आपके प्रयासों पर रहेगा।अपने प्रिय के साथ ख़रीदारी करने जाते समय ज़्यादा आक्रामक व्यवहार न करें।साझीदारी और व्यापार में हिस्सेदारी वग़ैरह से दूर रहें।अपने ज़बरदस्त आत्मविश्वास का फ़ायदा उठाएँ, बाहर निकलें और कुछ नए सम्पर्क व दोस्त बनाएँ।वैवाहिक जीवन के उजले पहलू का अनुभव करने के लिए अच्छा दिन है।अपने साथी के लिए कोई बेहतरीन पकवान बनाना आपके फीके पड़े रिश्तों में गर्मजोशी भर सकता है।

Sagittarius

09 मई 2020: मानसिक और नैतिक शिक्षा के साथ शारीरिक शिक्षा भी लें, केवल तभी सर्वांगीण विकास संभव है। याद रखें कि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ दिमाग़ निवास करता है।आकस्मिक मुनाफ़े या सट्टेबाज़ी के ज़रिए आर्थिक हालात सुदृढ़ होंगे।बच्चों के साथ बातचीत और कामकाज में आप कुछ परेशानियाँ महसूस करेंगे।प्यार-मुहब्बत के मामले में अपनी ज़ुबान पर क़ाबू रखें, नहीं तो परेशानी में पड़ सकते हैं।आपकी अतिरिक्त काम करने की क्षमता उन लोगों को चौंका देगी, जिनका प्रदर्शन आपसे कमतर है।आपके हँसने-हँसाने का अन्दाज़ आपकी सबसे बड़ी पूंजी साबित होगा।अपने जीवनसाथी की वजह से आपको मानसिक अशान्ति का सामना करना पड़ सकता है।समय मुफ़्त ज़रूर है पर बेशक़ीमती भी है, इसलिए अपने अधूरे कार्यों को निपटाकर आप आने वाले कल के लिए निश्चिंत हो सकते हैं।

Capricorn

09 मई 2020: आज के दिन आप बिना झंझट विश्राम कर सकेंगे। अपनी मांसपेशियों को आराम देने के लिए तैल से मालिश करें।आप पैसा बना सकते हैं, बशर्ते आप अपनी जमा-पूंजी पारम्परिक तौर पर निवेश करें।रिश्तेदार आपके दुःख में भागीदार बनेंगे। अपनी परेशानियाँ उनसे बांटने में हिचकिचाएँ नहीं। निश्चित तौर पर आप उन्हें हल करने में सफल रहेंगे।आज आप आनन्द का अनुभव करेंगे।आज आपके बॉस का बढ़िया मिज़ाज पूरे कार्यालय के माहौल को अच्छा बना देगा।छुपे हुए दुश्मन आपके बारे में अफ़वाहें फैलाने के लिए अधीर होंगे।आपको महसूस होगा कि शादी के वक़्त किए गए सारे वादे सच्चे हैं। आपका जीवनसाथी ही आपका हमदम है।आज वह दिन है जब आप पूरी तरह से आराम करना चाहते हैं, लेकिन लगता है कि आपके परिजनों की कुछ और ही योजना है। इसलिए तैयार रहें और खीझें नहीं, नहीं तो पूरा सप्ताहांत ख़राब हो सकता है।

Aquarius

09 मई 2020: ख़ुद को किसी रचनात्मक काम में लगाएँ। मानसिक शांति के लिए आपकी खाली बैठने की आदत ख़तरनाक साबित हो सकती है।वे निवेश-योजनाएँ जो आपको आकर्षित कर रहीं हैं, उनके बारे में गहराई से जानने की कोशिश करें- कोई भी क़दम उठाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर ले लें।मुमकिन है कि माता-पिता आपकी बात को ग़लत तरह से समझें, क्योंकि आपने अपनी बात भली-भांति उनके सामने न रखी हो। सुनिश्चित करें कि आपकी बात उन्हें ठीक तरीक़े से समझ में आए।किसी के साथ ज़रूरत से जल्दी दोस्ती करने से बचें, क्योंकि इसके चलते आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।पर्यटन क्षेत्र आपको बढ़िया करिअर दे सकता है। यह समय अपनी महत्वाकांक्षा को समझने और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने का है। सफलता आपका बेताबी से इंतज़ार कर रही है।वक़ील के पास जाकर क़ानूनी सलाह लेने के लिए अच्छा दिन है।यह दिन आपके जीवनसाथी के रूमानी पहलू को भरपूर तरीक़े से दिखाएगा।अगर आप अपने मन की सुनें, तो यह दिन ख़रीदारी के लिहाज़ से उम्दा है। आपको कुछ अच्छे कपड़ों और जूतों की ज़रूरत भी है।

Pisces

09 मई 2020: गर्भवती महिलाओं को चलते-फिरते समय ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है। अगर संभव हो तो ऐसे लोगों से दूर रहें जो धूम्रपान करते हैं, क्योंकि इससे पैदा होने वाले शिशु को नुक़सान हो सकता है।केवल एक दिन को नज़र में रखकर जीने की अपनी आदत पर क़ाबू करें और ज़रूरत से ज़्यादा वक़्त व पैसा मनोरंजन पर ख़र्च न करें।अगर आप सामूहिक गतिविधियों में हिस्सा लेंगे, तो आप नए दोस्त बना सकते हैं।किसी से अचानक हुई रुमानी मुलाक़ात आपका दिन बना देगी। आपके बॉस किसी भी बहाने में दिलचस्पी नहीं ज़ाहिर करेंगे- इसलिए निगाहों में बने रहने के लिए अपना काम अच्छी तरह से करें।यात्रा और शिक्षा से जुड़े काम आपकी जागरुकता में वृद्धि करेंगे।जीवनसाथी से अच्छी बातचीत हो सकती है; आप महसूस करेंगे कि आप-दोनों में कितना प्यार है।आधुनिक दौर का मंत्र है – जमकर काम करें और उससे भी ज़्यादा जमकर पार्टी करें। लेकिन इतना भर याद रखें कि ज़रूरत से ज़्यादा पार्टी भी सेहत को नासाज़ कर सकती है।

पानीपत में 10 कोरोना पोस्टिव पाए गए, जिनमें 4 पत्रकार

मनोज त्यागी, पानीपत:

29 अप्रैल को हुए टेस्ट में 4 पत्रकारों के पोसिटिव पाये जाने से पत्रकार समुदाय में खलबली मच गयी है लॉकडाउन के दौरान अपने कर्तव्यों के पालन में कहीं किसी जगह यह पत्रकार कोरोना संक्रामण से टकरा गए और अब स संकर्मण से जूझ रहे हैं।

जतिन,आशु,नीरज,दीपक के नामपत्रकारों की सूची में पानीपत प्रशाशन के हाथ पांव फूले, ढूंढा जा रहा है कि यह पत्रकार कौन है व किस मीडिया से है। चार पत्रकारों सहित 10 पॉजिटिव केस मिले। जिसमें 3 प्रिंट के व एक लोकल यूट्यूब चैनल का फोटोग्राफर शामिल है।

सबसे अधिक चिंता की बात है इनके संक्रामण स्रोत का पता लगाना।

*राजनीति में बोदा नहीं सदा समृद्ध रहा है बरोदा * अब फिर बन सकते हैं दो-तीन चेयरमैन

धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़

सोनीपत जिले के गोहाना उपमंडल में शुरू से 2 विधानसभा क्षेत्र है। एक गोहाना दूसरा बरोदा। संयुक्त पंजाब के समय गोहाना नाम के दो हल्के हुआ करते थे। एक गोहाना जनरल दूसरा गोहाना रिजर्व। गोहाना रिजर्व में लाखन माजरा महम तक का क्षेत्र आता था। कहने को बरोदा में न कोई कस्बा है मैं उद्योग धंधे हैं। जबकि कुछ रौनक दिखती है तो गोहाना में  दिखती है। यहां एक यूनिवर्सिटी है एक मेडिकल कॉलेज है। शहर के नाम पर गोहाना है। खानपुर और मोहाना कस्बे का रूप लेने लगे हैंl

 रौनक  गोहाना में  ,चौधर  बरोदा में

सरसरी तौर पर बरोदा को बहुत पिछड़ा इलाका माना जाता है परंतु हरियाणा बनने से लेकर आज तक की सारी की सारी राजनीतिक चौधर बरोदा हलके के लोगों  के हाथ में रही है l इसमें एक अपवाद यह जरूर है कि गोहाना विधानसभा क्षेत्र के गांव बीधल से संबंधित चौधरी धर्मपाल सिंह मलिक दो बार सांसद एक बार विधायक और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं l

चाहे मंत्री बने चाहे सांसद , चेयरमैन या दूसरे ऊंचे ओहदे ,हमेशा से बरोदा का पलड़ा काफी भारी रहा है lअब भी हालात ऐसे दिख रहे हैं कि आने वाले समय में उपचुनाव जीतने के लिए मौजूदा सरकार बरोदा हलके के दो तीन प्रभावशाली लोगों को किसी न किसी लाभ के पद पर सुशोभित जरूर करेगी l

पूर्व सांसद स्वर्गीय किशन सिंह सांगवान

लोकदल ने बरोदा के उम्मीदवारों को लड़ाया गोहाना में

चौधरी देवीलाल या ओमप्रकाश चौटाला की बात करें तो यह बात साफ होती है कि उन्होंने तो गोहाना हल्के की टिकटें भी बरोदा हलके वालों को दी lइस कोशिश में बरोदा हलका में नूरन खेड़ा गांव के स्वर्गीय किशन सिंह सांगवान और धनाना गांव के डॉक्टर रामकुमार सैनी गोहाना के विधायक बने lदेखें तो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने पूर्व चेयरमैन प्रेम सिंह मलिक और उनके पुत्र अतुल मलिक को भी गोहाना से चुनाव लड़वाया lबेशक उनका गांव गोहाना हल्के में आता था परंतु आज यही गांव बरोदा हलके का हिस्सा है l

इनेलो की टिकट पर गोहाना से चुनाव लड़ने वालों में डॉ केसी बांगड़ का नाम भी शुमार है lजिन्होंने गोहाना से दो बार चुनाव लड़ा  l जाहिर है उनका गांव अभी बरोदा हलके में पड़ता है l

हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर केसी बांगड़

सोनीपत लोकसभा में 5 बार जीते बरोदा के उम्मीदवार

सोनीपत के जो सांसद रहे उनमें दो नेता बरोदा हलका के थे। यह कुल मिलाकर 5 बार जीते हैं  lयह थे स्वर्गीय कपिल देव शास्त्री और स्वर्गीय श्री किशन सिंह सांगवान। इनके गांव क्रमशः घड़वाल और नूरन खेड़ा है। यह दोनों गांव बरोदा हलके के हैं।
गोहाना क्षेत्र से जो भी मंत्री रहे थे, ज्यादातर बरोदा का प्रतिनिधित्व करने वाले रहे।

पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर स्वर्गीय चौधरी श्यामचंद

विकास के पर्याय ,  पहले  कैबिनेट मंत्री चौधरी श्यामचंद 

नमें स्वर्गीय चौधरी श्यामचंद का नाम सबसे ऊपर है lचौधरी श्यामचंद 1972 से 1977 तक मंत्री रहे lचौधरी बंसीलाल के प्रमुख कैबिनेट मिनिस्टर चौधरी श्यामचंद के पास  एक या दो नहीं बल्कि नो महत्वपूर्ण विभाग होते थे l आप समझ सकते हैं कि चौधरी श्यामचंद के पास excise and taxation, food and supply, urban local bodies development and panchayat  social welfare जैसे महत्वपूर्ण तथा भारी भरकम विभाग हुआ करते थे चौधरी श्यामचंद हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी HUDA के फाउंडर चेयरमैन के रूप में याद किए जाएंगे। वह पूरे राज्य में विकास पुरुष के रूप में जाने जाते हैं l

दूसरे महत्वपूर्ण मंत्री थे डॉ के आर पुनिया l वे 1987 में चौधरी देवीलाल की सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री रहे l वे उद्योग मंत्री हुआ करते थे l डॉक्टर पूनिया ने हल्के में थोड़े समय में ही खूब काम किएl परंतु डेढ़ साल के बाद उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया और फिर पार्टी भी छोड़ दी थी l
गोहाना हल्के के प्रतिनिधि के रूप में दो ही व्यक्ति मंत्री रहे l एक थे पूर्व बिजली सिंचाई मंत्री स्वर्गीय रामधारी गॉड और दूसरे थे राज्यमंत्री जगबीर मलिक lइन दोनों के भी पैतृक गांव आज बरोदा हलके में आते हैं l

सत्ता सुख की दौड़ में आगे रहे  बरोदा वाले 

यदि हम सरकार में लाभ के पदों की बात करें तो सारे मौके भी बरोदा हल्का वालों को ही मिले हैं l गोहाना हल्के वालों का कभी कभार नंबर आया l प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं गोहाना उपमंडल के 5 लोग हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन में रहे हैं lइनमें से गोहाना हल्के की केवल एक जबकि बरोदा के चार व्यक्ति इनमें भी एक चेयरमैन का रुतबा पाने में सफल रहे हैं l

आप हैरान रहेंगे की बरोदा हलके के गांव कोहला से दो मुंडलाना से दो यानी एक ही परिवार के दो दो सदस्य हरियाणा लोक सेवा आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के सदस्य या चेयरमैन रहे हैं l

बता दें कि डॉ केसी बांगड़ आयोग के चेयरमैन और उनकी पत्नी संतोष बांगड़ सदस्य रही हैं l उधर जिले और हल्के के प्रमुख गांव मुंडलाना से स्वर्गीय पंडित रतिराम शर्मा और उनके पुत्र प्रेम प्रकाश पंडित हरियाणा लोक सेवा आयोग के सदस्य रह चुके हैं lगोहाना से एकमात्र सदस्य श्रीमती सुधा मलिक रही हैं। बड़े शैक्षिक समायोजन की बात करें तो डॉक्टर केसी बांगड़ दो तीन बार अलग-अलग विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर रहे हैं lपहले ही बताया जा चुका है कि डॉक्टर बांगड़ का ताल्लुक बरोदा हलके से हैइसके अलावा ओम प्रकाश चौटाला के शासनकाल में बरोदा हलके के गांव गंगेसर से संबंधित श्रीमती विमल लाठर को एससीईआरटी हरियाणा का निदेशक बनाया गया था l 

चेयरमैन और सदस्य भी बरोदा के ही ज्यादा

विभिन्न सरकारों में जो चेयरमैन या सदस्य आदि बनाए गए उनमें भी बरोदा का एकतरफा प्रतिनिधित्व रहा है lजबकि गोहाना के हिस्से कभी यह सौगात भी नहीं आई lचौधरी बंसीलाल की सरकार में स्वर्गीय मास्टर चंद्रभान को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का सदस्य बनाया गया था l बता दें कि गोहाना उपमंडल से विभिन्न सरकारों में जो चेयरमैन बने, अमूमन बरोदा हल्का से ताल्लुक रखने वाले ही थे l इनमें स्वर्गीय कपिल देव शास्त्री हैफेड स्वर्गीय किशन सिंह सांगवान हैफेड रामकुमार सैनी आयुर्वेदिक बोर्ड दादा बलजीत सिंह मलिक हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड के चेयरमैन रहे l इन सबके गांव बरोदा हल्के में पड़ते हैं  l

ऐसे ही कई और उदाहरण भी हैं जिससे यह साबित होता है कि गोहाना और बरोदा की तुलना करें तो राजनीतिक हिस्सेदारी में बरोदा का पलड़ा सदा भारी ही नहीं बहुत भारी रहा है और आने वाले समय में भी मनोहर लाल सरकार बरोदा हलके के एक दो नहीं तीन-तीन चेयरमैन आदि भी बना सकती है lऐसा उपचुनाव जीतने की योजना के तहत उसी तरह किया जा सकता है जैसे जींद उपचुनाव में कई लोगों को सरकार में समायोजित करके किया गया था l यह लाभ पाने वाले कौन-कौन लोग हो सकते हैं ,इस पर चर्चा आगे करेंगे l

ऋषि कपूर नहीं रहे

ऋषि कपूर (4 सितंबर 1952 – 30 अप्रैल 2020) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। ऋषि कपूर एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता और निर्देशक थे। वह एक बाल कलाकार के रूप मे काम कर चुके है। उन्हें बॉबी फ़िल्म के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और साथ ही 2008 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने उनकी पहली फ़िल्म मेरा नाम जोकर में बाल कलाकार के रूप में शानदार भूमिका के लिए 1970 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किया।

पुरनूर (नाट्य शास्त्र डेस्क), चंडीगढ़:

कैंसर से जूझ रहे ऋषि कपूर का गुरुवार सुबह 8:45 बजे मुंबई में निधन हुआ. ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) का गुरुवार दोपहर चंदनवाड़ी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. यहां उनकी पत्नी नीतू कपूर और बेटे रणबीर कपूर समेत करीब 24 लोग मौजूद थे. अपने पिता के सबसे करीब है बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी. रिद्धिमा साहनी अभी दिल्ली में ही हैं. उन्होंने पहले डीजीसीए से चार्टर प्लेन से जाने की मंजूरी मांगी थी, जो नहीं मिल सकी. अब दिल्ली पुलिस ने उन्हें सड़क के रास्ते जाने की मंजूरी दी है. रिद्धिमा 1400 किमी का सफर सड़क के रास्ते तय करेंगी. इसलिए पिता के अंतिम संस्कार के वक्त वे मुंबई नहीं पहुंच सकीं. रिद्धिमा कपूर साहनी ने अपने पिता के नाम आखिरी संदेश लिखा है.

रिद्धिमा ने इंस्टग्राम पर अपनी और पिता ऋषि कपूर की एक तस्वीर पोस्ट की हैं. उन्होंने उसके साथ एक बेहद इमोशनल संदेश भी लिखा हैं. रिद्धिमा लिखती हैं, ‘पापा आई लव यू मैं हमेशा आपसे प्यार करुंगी, मेरे सबसे मजबूत योद्धा, मैं आपको हर दिन, हर वक्त याद करुंगी. मैं आपके फेसटाइम कॉल हर रोज याद करुंगी! काश मैं आपको अलविदा कहने के लिए वहाँ हो सकती! जब तक हम फिर से मिलते हैं पापा आई लव यू. आपकी मुशक.’

ऋषि कपूर के निधन की खबर से बॉलीवुड सेलेब्स सदमे में हैं. ऋषि कपूर के निधन के बाद पत्नी नीतू कपूर (Neetu Kapoor) ने पहला पोस्ट किया है. उन्होंने ऋषि कपूर की फोटो शेयर करते हुए पूरे परिवार की ओर से एक स्टेटमेंट जारी किया है.

इस पोस्ट में ऋषि कपूर की एक मुस्कराती तस्वीर भी शेयर की गई है. जिसके साथ नोट में लिखा है, ”हमारे प्यारे ऋषि कपूर आज सुबह 8.45 पर इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए. डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का कहना है कि वह लास्ट तक सभी को एंटरटेन करते रहते थे. वह इन 2 सालों में बीमारी से लड़ते हुए भी खुश रहते थे. उनका फोकस सिर्फ परिवार, दोस्त, खाना और फिल्मों में था. जो भी उनसे मिलता वो ये देखकर चौंक जाते थे कि कैसे ऋषि ने बीमारी से खुद को कभी निराश नहीं होने दिया.” 

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🙏

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इसके आगे नीतू ने जो बात लिखी वह पढ़कर सभी का दिल भर आएगा. नीतू ने लिखा है, ”फैन्स द्वारा मिले प्यार से वह काफी खुश होते थे. वह चाहते थे कि जब वह इस दुनिया से जाएं तो उनके फैन्स उन्हें उनकी स्माइल से याद करें आंसू से नहीं.” 

वहीं, 67 साल के ऋषि कपूर के निधन पर बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट ने एक इमोशनल नोट लिखा है. उन्होंने अपनी फीलिंग्स को इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए लिखा, आलिया ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘खूबसूरत इंसान के बारे में मैं क्या कह सकती हूं, जो मेरी जिंदगी में इतना ज्यादा प्यार और अच्छाई लेकर आए. आज सभी लोग ऋषि कपूर के लीजेंड होने की बात कर रहे हैं.’ 

इसके आगे लॉकडाउन पर नीतू ने लिखा, ”इस वक्त दुनिया में जो परेशानी चल रही इस वजह से काफी प्रतिबंध होंगे और पब्लिक में ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हम सभी फैन्स और परिवार से ये रिक्वेस्ट करते हैं कि आप सभी नियमों का पालन करें.”

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❤️❤️❤️

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आलिया ने आगे लिखा, ‘मैंने पिछले दो सालों से उन्हें एक दोस्त की तरह जाना है. वह चाइनीज फूड लवर, सिनेमा लवर, एक फाइटर, एक लीडर, शानदार स्टोरीटेलर, ट्विटर के दीवाने और शानदार पिता थे. इन पिछले दो वर्षों में मुझे जो प्यार मिला है, मैं इसे हमेशा संजोकर रखूंगी. मैं ब्रह्मांड का शुक्रिया अदा करती हूं कि मुझे आपको जानने का मौका मिला. आज शायद मैं यह कह सकती हूं कि वह मेरे परिवार का एक हिस्सा थें क्योंकि उन्होंने ऐसा ही महसूस करवाया. लव यू ऋषि अंकल. हम आपको हमेशा याद रखेंगे. इन सब चीजों के लिए शुक्रिया.’ 

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beautiful boys 🤍

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खूबसूरत लड़के

बता दें कि ऋषि कपूर ने बॉलीवुड में बाल कलाकार के रूप में ‘मेरा नाम जोकर’ से शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने ‘बॉबी’, ‘नगीना’, ‘चांदनी’, ‘प्रेम ग्रंथ’, ‘हिना’, ‘कर्ज’, ‘दीवाना’, ‘अमर अकर एंथोनी’, ‘दामिनी’, ‘बोल राधा बोल’, ‘सरगम’, ‘कभी कभी’, ‘नसीब’, ‘सागर’, ‘हम किसी से कम नहीं’, ‘दरार’, ‘लव आजकल’ जैसी शानदार फिल्मों मे काम किया है.

रामानुजाचार्य जयंती पर विशेष

चंडीगढ़ (धर्म – संस्कृति)

भारत की पवित्र भूमि ने कई संत-महात्माओं को जन्म दिया है। जिन्होंने अपने अच्छे आचार-विचार एवं कर्मों के द्वारा जीवन को सफल बनाया और कई सालों तक अन्य लोगों को भी धर्म की राह से जोड़ने का कार्य किया। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार संत श्री रामानुजाचार्य का जन्म सन् 1017 में श्री पेरामबुदुर, तमिलनाडु के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम केशव भट्ट था। जब उनकी अवस्था बहुत छोटी थी, तभी उनके पिता का देहावसान हो गया। बचपन में उन्होंने कांची में यादव प्रकाश गुरु से वेदों की शिक्षा ली। हिन्दू पुराणों के अनुसार श्री रामानुजम का जीवन काल लगभग 120 वर्ष लंबा था। रामानुजम ने लगभग नौ पुस्तकें लिखी हैं। उन्हें नवरत्न कहा जाता है। वे आचार्य आलवन्दार यामुनाचार्य के प्रधान शिष्य थे। गुरु की इच्छानुसार रामानुज ने उनसे तीन काम करने का संकल्प लिया था। पहला– ब्रह्मसूत्र, दूसरा- विष्णु सहस्रनाम और तीसरा– दिव्य प्रबंधनम की टीका लिखना। 

जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य

रामानुजाचार्य के गुरु यादव प्रकाश थे, जो एक विद्वान थे और प्राचीन अद्वैत वेदांत मठवासी परंपरा का एक हिस्सा थे। श्री वैष्णव परंपरा यह मानती है कि रामनुज अपने गुरु और गैर-दैवीय अद्वैत वेदांत से असहमत हैं, वे इसके बजाय वे भारतीय अलवर परंपरा, विद्वान नथमुनी और यमुनाचार्य के नक्शेकदम पर चले।

रामानुजाचार्य वेदांत के विशिष्टाद्वैत सबस्कुल के प्रमुख प्रत्याशी के रूप में प्रसिद्ध हैं, और उनके शिष्यों को संभवतः शांतियानी उपनिषद जैसे लेखों के लेखकों के रूप में जाना जाता है। रामनुज ने स्वयं ब्रह्म सूत्रों और भगवद गीता पर भक्ति जैसे संस्कृत के सभी प्रभावशाली ग्रंथ लिखे थे।

उनके विशिष्टाद्वैत (योग्य मोनिस्म) दर्शन में माधवचर्या के द्वैता (ईश्वरीय द्वैतवाद) दर्शन और शंकराचार्य के अद्वैत (अद्वैतवाद) दर्शन, साथ में दूसरे सहस्त्राब्दि के तीन सबसे प्रभावशाली वेदांतिक दर्शन थे। रामानुजाचार्य ने उपन्यास प्रस्तुत किया जिसमे भक्ति के सांसारिक महत्व और एक व्यक्तिगत भगवान के प्रति समर्पण को आध्यात्मिक मुक्ति के साधन के रूप में प्रस्तुत किया।

रामानुजाचार्य ने विवाह किया और कांचीपुरम में चले गये, उन्होंने अपने गुरु यादव प्रकाश के साथ अद्वैत वेदांत मठ में अध्ययन किया। रामानुजाचार्य और उनके गुरु अक्सर वैदिक ग्रंथों, विशेषकर उपनिषदों की व्याख्या में असहमत रहते थे। बाद में रामानुजाचार्य और यादव प्रकाश अलग हो गए, और इसके बाद रामनुज ने अपनी पढ़ाई जारी रखी।

रामानुजा कांचीपुरम में वरधराजा पेरुमल मंदिर (विष्णु) में एक पुजारी बन गए, जहां उन्होंने यह पढ़ाना शुरू कर दिया कि मोक्ष (मुक्ति और संसार से छुटकारा) आध्यात्मिक, निरगुण ब्राह्मण के साथ नहीं, बल्कि व्यक्तिगत भगवान और साधू विष्णु की सहायता से प्राप्त करना है। रामानुजाचार्य ने श्री वैष्णव परंपरा में लंबे समय से सबसे अधिक अधिकार का आनंद लिया।

रामानुजाचार्य की कई पारंपरिक जीवनी ज्ञात हैं, कुछ 12 वीं शताब्दी में लिखी गईं, लेकिन कुछ बाद में 17 वीं या 18 वीं शताब्दियों में लिखी गई। विशेष रूप से वाड़काले और तिकालियों में श्रीविष्णव समुदाय के विभाजन के बाद, जहां प्रत्येक समुदाय ने रामानुजाचार्य की संतचर विज्ञान का अपना संस्करण बनाया।

ब्रह्मंत्र स्वतन्त्र द्वारा मुवायिरप्पाती गुरुपरमपराप्राभावा सबसे पहले वद्कालाई जीवनी का प्रतिनिधित्व किया। रामानुजाचार्य के बाद उत्तराधिकार के वद्कालाई दृश्य को दर्शाता है दूसरी ओर, श्रीरायिरप्पा गुरुपारम्परपभावा, दसकेली जीवनी का प्रतिनिधित्व करते हैं। [उद्धरण वांछित] अन्य दिवंगत जीवनचर्या में अन्धरभर्णा द्वारा यतीराजभविभव शामिल हैं।

लेखन

श्री वैष्णव परंपरा में संस्कृत ग्रंथों में रामनुज के गुण हैं-

-वेदार्थसंग्रह (सचमुच, “वेदों का सारांश”),
-श्री भाष्य (ब्रह्मा सूत्रों की समीक्षा और टिप्पणी),
-भगवद गीता भाष्य (भगवद गीता पर एक समीक्षा और टिप्पणी),
-और वेदांतपिडा, वेदांतसारा, गाडिया त्रयम (जो कि तीन ग्रंथों का संकलन है, जिन्हें सरनागती ग्यादाम, श्रीरंग गद्यम और श्रीकांत ग्रन्दाम कहा जाता है), और नित्या ग्रन्थम नामक लघु कार्य हैं।

रामानुजाचार्य की दार्शनिक नींव मोनिसम के योग्य थी, और इसे हिंदू परंपरा में विशिष्टाद्वैत कहा जाता है। उनका विचार वेदांत में तीन उप-विद्यालयों में से एक है, अन्य दो को आदी शंकर के अद्वैत (पूर्ण मोनिसम) और माधवचार्य के द्वैता (द्वैतवाद) के नाम से जाना जाता है।

रामानुजाचार्य दर्शन

रामानुजा ने स्वीकार किया कि वेद ज्ञान का एक विश्वसनीय स्रोत हैं, फिर हिन्दू दर्शन के अन्य विद्यालय, अद्वैत वेदांत सहित, सभी वैदिक ग्रंथों की व्याख्या में असफल होने के कारण, उन्होंने श्री भास्कर में कहा कि पुरव्पेक्सिन (पूर्व विद्यालय) उन उपनिषदों को चुनिंदा रूप से व्याख्या करते हैं जो उनकी नैतिक व्याख्या का समर्थन करते हैं, और उन अंशों को अनदेखा करते हैं जो बहुलवाद की व्याख्या का समर्थन करते हैं।

रामनुज ने कहा, कोई कारण नहीं है कि एक शास्त्र के एक भाग को पसंद किया जाए और अन्य को नहीं, पूरे शास्त्र को सममूल्य समझा जाना चाहिए। रामानुजाचार्य के अनुसार कोई भी, किसी भी वचन के अलग-अलग भागों की व्याख्या करने का प्रयास नहीं कर सकता है।

बल्कि, ग्रंथ को एक एकीकृत संगठित माना जाना चाहिए, एक सुसंगत सिद्धांत को व्यक्त करना चाहिए। वैदिक साहित्य, ने रामानुजाचार्य पर जोर दिया, जो बहुलता और एकता दोनों का उल्लेख करते हैं, इसीलिए इस सत्य को बहुलवाद और अद्वैतवाद या योग्यतावाद को शामिल करना चाहिए।

शास्त्रीय व्याख्या की इस पद्धति ने रामनुज को आदि शंकरा से अलग किया। शंकर की अनाव्या-व्यातिरेका के साथ समनवयित तात्पर्य लिंगा के व्यापक दृष्टिकोण में कहा गया है कि उचित रूप से सभी ग्रंथों को समझने के लिए उनकी संपूर्णता में जांच की जानी चाहिए। और फिर उनके इरादे छह विशेषताओं द्वारा स्थापित किए गए, जिसमें अध्ययन शामिल है जो लेखक द्वारा उनके लक्ष्य के लिए कहा गया है।

क्या वह अपने विवरण में दोहराता है, क्या वह निष्कर्ष के रूप में बताता है और क्या यह व्यावहारिक रूप से सत्यापित किया जा सकता है। शंकर कहते है, किसी भी पाठ में समान वजन नहीं है और कुछ विचार किसी भी विशेषज्ञ की पाठ्य गवाही का सार है।

शास्त्रीय अध्ययनों में यह दार्शनिक अंतर दर्शाया, शंकराचार्य ने यह निष्कर्ष निकाला कि उपनिषद के सिद्धांत मुख्य रूप से तात तवम सी जैसे उपनिषदों के साथ बौद्ध धर्म को पढ़ाते हैं। जबकि रामानुजाचार्य ने यह निष्कर्ष निकाला कि योग्यतावाद हिंदू आध्यात्मिकता की नींव पर है।

रामानुज जी के शिष्य

  • किदंबी आचरण
  • थिरुकुरुगाई प्रियन पिल्लान
  • दाधुर अझवान
  • मुदलीयानंदन
  • कुराथाझवान

निधन

करीब एक सहस्राब्दी के बाद से (सीए 1017-1137) से रामानुजाचार्य दक्षिणी भारत की सड़कों पर भ्रमण करते रहे। अभी तक उनके धर्मशास्त्रज्ञ, शिक्षा और दार्शनिक के विरासत रूप में जीवित है।

उनकी मृत्यु 1137, श्रीरंगम में हुइ थी।

Tale Of Two States

Chandigarh:

All of us have probably read these famous opening lines:

It was the best of times, it was the worst of times, it was the age of wisdom, it was the age of foolishness, it was the epoch of belief, it was the epoch of incredulity….

Yes, Charles Dickens and his Tale of Two Cities. So here is a story many of you might have missed. A Tale of Two States.

First the positive story.

Ravi Bharti Gupta
(Editorial Advisor)

Punjab is governed by a “opposition” party. Their CM vowed not one grain of wheat would be wasted in the Khariff crop. So Punjab and Central Govt worked in tandem to harvest the crop. You probably know Punjab contributes 35% of our wheat.

Migrant labour was missing. To compensate people under MNREGA were mobilised by Centre. Fleets of combined harvesters were mobikised and escorted in convoys from elsewhere to Punjab’s fields. FCI was mobilised. 2000 odd additional mandis were created to reduce crowding and improve social distancing. Centre controlled Paramilitary forces worked with local police to control convoys of thousands of trucks and tractors conveying wheat from fields to mandi/arat and beyond to godowns. Harvesting started on 15 Apr and is continuing. They are actually lighting up the fields at night to allow harvesting on 24×7 basis. The focus was to quickly complete harvesting and disband the workforce to reduce chances of disease spread.

Capt. Amrinder Singh CM Punjab

Net result? Last year Punjab harvested 1.3 Million Tonnes (MT) all thru April. Some more in May. This year, from 15-26 Apr i.e. in 9 days only, Punjab has harvested 2.8 MT. Stunning! Not only that, Punjab would have all time high record wheat production this year.

FCI is present at all the mandis and arats, procuring and immediately paying for the wheat as it is coming in. Putting money in the hands of the population, encouraging farmers to harvest even more quickly.

Story doesn’t end there. Punjab Govt is working with FCI and Indian Railways to simultaneously take the grain away from Punjab. Because there is no place to store all that grain in Punjab itself.

So Indian Railways have created special Annapoorna Trains. Each train is an amazing 2.4 km long, comprising 84 wagons with multiple engines and radio communication between driver and guard. Best of Ind Rail drivers and guards from the Shatbadis and Rajdhanis are operating the Annapoornas. These trains are taking all the wheat away from Punjab to FCI godowns around the country.

In April last year IR transported some 2 MT of food grains. This April they have already crossed 4 MT and April isn’t over yet.

All of the above is being managed by special teams comprising DMs + SPs + Para Military + IR + FCI under the overall supervision of MHA. Brilliant example of amazing achievement if State + Centre works together.

But this is a Tale of Two States.

See what’s happening at WB. The only topic that all 4 Bangla news channels have been covering for last 7 days is State vs Centre fights. CM’s 3 page letter, followed by Governor’s 5 page letter, followed by CM’s 7 page letter, followed by Governor’s 11 page letter. Whether Constitution is being upheld etc etc. Utter Bullshit.

Mamta Banerjee CM West Bengal

Do you find any news of how and when the Khariff crops in Bengal would be harvested? Any news of the Khariff potato, onion, rice and mustard harvesting? Any news of their sale and procurement? Any report of how to put money in the hands of the farmers? I couldn’t find any. It seems, the entire world has forgotten the Bengal farmers.

निकम्मी सरकारों से चीन को बचाने उतरे ‘रविश कुमार’

चंडीगढ़:

पत्थरबाजों को बचाना हो, टेबल पर ओसामा बिन लादेन की मूर्ती रखने वाले NDTV के कर्मचारी को बचाना हो या फिर कोरोना पर दुनिया भर से झूठ बोलने वाले और दुनिया भर में कोरोना फैलाने वाले चीन को बचाना हो, ब्रह्माण्ड के सर्वश्रेष्ठ पत्रकार मैग्सेसे विजेता रवीश कुमार हाजिर हो जाते हैं। उन्हें लगता है वो एकलौते ज्ञानी और परम सत्यवादी हैं। इसलिए पूरी दुनिया उनकी बात मान लेगी। लेकिन ऐसा है नहीं। अपनी हर कोशिश के साथ ही रवीश कुमार खुद को एक्सपोज करते जा रहे हैं। इस बार वो चीन के वकील बन कर सामने आये। चीन को बचाने की उनमे इतनी अकुलाहट थी कि दुनिया भर के सरकारों पर उंगली उठा दी। अपनी सरकार पर तो हमेशा ही उठाते हैं। सारी दुनिया की सरकारें नकारा, निकम्मी, बस एक चीन की सरकार ही सबसे मेहनती और सबसे काबिल क्योंकि रवीश कुमार जी ने खुद उसे प्रमाणपत्र दिया है।

रवीश कुमार ने NDTV के प्राइम टाइम में चीन का वकील बन कर उसे बचाने के लिए दलीलें दी और समूचे ब्रह्माण्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कहा कि सरकारें अपनी जवाबदेही से बचना चाहती है इसलिए वो कोरोना फैलाने के पीछे चीन की थ्योरी ले कर आ रही है। मीडिया के पास खबरों का अकाल है इसलिए वो चीन की थ्योरी को बढ़ा चढ़ा कर दिखा रही है। रवीश कुमार कहना चाहते हैं कि दुनिया भर की सरकारें चीन को दु’श्मन के तौर पर आपके सामने परोस रही हैं क्योंकि वो नकारी है। निकम्मी है, निठल्ली है।

महात्मा रवीश कुमार के अनुसार दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं डूबने के कगार पर है, और इसके लिए जिम्मेदार खुद वो देश ही हैं जिनकी अर्थव्यवस्थाएं डूब रही है. रवीश कुमार चाहते हैं कि चीन पर कोई ये इलज़ाम नहीं लगाए कि उसने उसी डॉक्टर को जेल में ठूंस दिया जिसने सबसे पहले कोरोना वायरस के बारे में जानकारी दी थी, रवीश कुमार चाहते हैं कि उनके परम प्रिय और परम मित्र देश चीन को इसके लिए जिम्मेदार न ठहराया जाए कि वो दुनिया से कोरोना की जानकारी छुपा रहा था। परम सत्यवादी रवीश कुमार चाहते हैं कि उनके चहेते देश चीन पर की ये आरोप लगाए कि उसने जो रायता कोरोना के रूप में फैलाया है उससे पूरी दुनिया लॉकडाउन हो गई है, और इस वजह से दुनिया भर की अर्थव्यवस्था डूबने के कगार पर है यह अपराध किसी और यानि मोदी – ट्रम्प पर लाग्ने चाहिए।

रवीश कुमार चाहते हैं कि उनकी बात मान कर पूरी दुनिया ये भूल जाए कि किस तरह से चीन ने WHO के साथ मिलकर पूरी दुनिया को कोरोना के ख’तरे के प्रति गुमराह किया। रवीश कुमार चाहते है कि दुनिया ये भी भूल जाए कि जब कोरोना फ़ैल रहा था तो चीन ये कह रहा था कि ये इंसानों से इंसानों में नहीं फैलता। दुनिया ये भी भूल जाए कि किस तरह से चीन ने अपने यहाँ कोरोना की वजह से हुई मौ’तों का आंकड़ा छुपाया। रवीश कुमार ये भी चाहते हैं कि कोरोना की रिपोर्टिंग करने वालों को चीन ने कैसे प्रताड़ित किया लोग ये भी भूल जाएँ। पूरी दुनिया सब भूल जाए, बस याद रखे तो परम सत्यवादी और ब्रह्माण्ड के सर्वश्रेष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के ब्रह्म वाक्य।

साभार : आदर्श शर्मा