हरियाणा रोडवेज की चलती बस में आग लगने से अफरातफरी मची

अम्बाला। अम्बाला कैंट बस अड्डे के निकट ही हरियाणा रोडवेज की चलती बस में शनिवार दोपहर बाद आग लगने से अफरातफरी मच गई। बस रूकते ही यात्रियों ने धड़ाधड़ से छलांगे लगाते उतर कर अपनी जान बचाई।

जानकारी के मुताबिक रोडवेज की यह बस एकदम नई थी। बस झज्जर से चंडीगढ़ जा रही थी। अंबाला कैंट के पास बस अड्डे के निकट अचानक इसके इलैक्ट्रिक पैनल में आग लग गई। बस कडंक्टर विनोद कुमार ने सूझबूझ दिखाते हुए आग बुझाने वाले सिलेंडर से गैस का स्प्रे कर आग पर काबू पाया।

बाद में बस की सवारियों को दूसरी बसों में चंडीगढ़ भेजा गया। यात्रियों का कहना है कि उन्हें रास्ते में कुछ जलने की बू आ रही थी, जिसके बारे में कंडक्टर को बताया गया था। कंडक्टर ने गर्मी की वजह से टायर से बू आने की बात कही लेकिन जैसे ही बस अम्बाला कैंट बस अड्डे के निकट पहुंची इसमें से धुआं उठने लगा। गनीमत रही कि हादसे में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।

खट्टर ने करनाल के कर्ण स्टेडियम का औचक निरीक्षण किया

 

करनाल। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज शुक्रवार सुबह-सुबह अचानक बुलेट बाइक पर सवार होकर करनाल के कर्ण स्टेडियम का औचक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने करीब 7 करोड़ की लागत से बनाये जा रहे सिंथेटिक ट्रैक के कार्य का जायजा लिया।

 

बताया जा रहा है कि सीएमको शिकायत मिली थी कि वहां पर कार्य सही नहीं चल रहे हैं जिसके चलते वह सुबह ही स्टेडियम पहुंच गए। मुख्यमंत्री ने इस दौरान खिलाड़ियों से भी बातचीत की। मुख्यमंत्री के साथ जिले के सभी अधिकारी भी मौजूद रहे। इसके बाद 9 बजे से वह नई अनाज मंडी में खुला दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं।

 

जन क्रान्ति यात्रा प्रदेश में बदलाव की आंधी- हूड्डा

पुन्हाना अनाज मंडी में जनक्रांति रैली के दौरान अपार जनसमूह का अभिवादन स्वीकार करते चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा


युवाओं के लिए बड़ा ऐलान- नौकरियों के लिए होगा आवेदन निशुल्कभाजपा को रोकने के लिए इनेलो की चाल समझना जरूरी, इनेलो पहले भी भाजपा के साथ थी, आज भी है, आगे भी रहेगी- हूड्डाकांग्रेस सरकार आने पर पैट्रोलियम पदार्थों पर VAT होगा आधा- हूड्डालोगों के पसीने की हर बूंद का सरकार से लेंगे हिसाब- हूड्डा 


जबरदस्त उमस भरी गर्मी के बावजूद गगनभेदी जयकारों के बीच जनक्रांति यात्रा में उमड़ी भारी भीड़ से उत्साहित होकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने दावा किया कि होडल, समालखा और अब पुन्हाना में जनक्रांति यात्रा में लोगों की हाजिरी व उत्साह देखकर वे निःसंकोच कह सकते हैं कि हरियाणा में बदलाव की आंधी चल रही है।

हुड्डा ने पुनहाना में युवाओं के लिए बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि कांग्रेस का राज आने पर नौकरियों के लिए आवेदन करते समय उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। उन्होंने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा शुरु कराये गये कामों के फीते काटना ही इस सरकार की एकमात्र उपलब्धि है। अच्छे दिन आएंगें का नारा देकर सत्ता में आई भाजपा की इस सरकार से किसान, मजदूर,व्यापारी, कर्मचारी हर वर्ग परेशान है I उन्होंने जनता से सीधा संवाद करते हुए पुछा आप बताइए अच्छे दिन आए या चले गए? भीड़ से आवाज गूंजी कि ‘चले गए’I

हुड्डा ने घोषणा की, कि आगामी चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने पर पैट्रोलियम पदार्थों पर वैट आधा कर दिया जायेगा। वे आज पुन्हाना की अनाज मंडी में ‘जनक्रांति यात्रा’ के तीसरे चरण की शुरुआत के अवसर पर अथाह जन सैलाब को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में डीजल पर वैट 8.24 प्रतिशत था, जिसे इस सरकार ने बढ़ाकर 17.50 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद हरियाणा में पहले की तरह पैट्रोलियम पदार्थ देश भर में सबसे सस्ता हो जाएंगे।

सरकार ने जिस तरह से लोगों का पसीना निकाला है, सत्ता आने पर हम भाजपा से एक-एक बूंद का हिसाब लेंगे। किसी वक्त एक कर्मचारी को प्रताड़ित करने के लिए मेवात भेजा जाता रहा है। मेरा आपसे वादा है कि अबकी बार कांग्रेस की सरकार आने के बाद, यहां इस कदर विकास किया जाएगा कि कर्मचारी खुद मेवात की नियुक्ति मांगेंगे।

बिजली और पानी के संकट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में न बिजली है और न ही पानी। चारों ओर हा-हाकार मचा हुआ है। उनकी सरकार के समय बिजली की कमी को पूरा करने के लिये चार नये थर्मल प्लांट लगाये। इस सरकार ने एक यूनिट भी नयी बिजली पैदा नहीं की। सरकार कहती है कि उसके पास बिजली सरप्लस है, जनता कहती है कि बिजली के कटों से जीना दूभर हो गया है I उन्होंने जनता से फिर पूछा कि क्या आपको पूरी बिजली मिलती है? जनता से फिर आवाज़ आई नहीं मिलती I

हुड्डा ने कहा मेवात में ट्रांस्पोर्ट एक बड़ा काम-धंधा रहा है परन्तु भाजपा सरकार आने के बाद में यहां ड्राईविंग लाईसेंस का नवीनीकरण का काम बंद है जिससे हजारों लोगों की आजीविका संकट में पड़ गई है। यह जन-विरोधी फैसला सरकार की दखल के कारण हो, चाहे अधिकारियों की लापरवाही हो, यह असहनीय है। मेरा सरकार से कहना है की पात्र लोगों के ड्राईविंग लाईसेंस का नवीनीकरण जल्द किया जाए।

पुन्हाना पहुँचने पर रथ में सवार हुड्डा को देखने के लिये उमड़ी भीड़

पूर्व मुख्यमंत्री ने इनेलो पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनेलो पार्टी के नेता कह रहे हैं कि उनकी सरकार आयी तो बिजली के मीटर उखाड़ के तालाब में फेंक देंगे। ये वही पार्टी है जिसने 1999 से पूर्व प्रदेश की जनता के सामने वायदा किया था कि यदि इनेलो की सरकार बन गयी तो हरियाणा में ‘न मीटर रहेगा, न मीटर रीडर रहेगा’। लेकिन सत्ता में आने के बाद इनेलो पार्टी न केवल अपना वादा भूल गयी, बल्कि बिजली बिल माफी की मांग कर रहे भोले-भाले लोगों को कंडेला और गुलकनी में गोलियों से भून दिया। इनेलों के छलावे से पीड़ित जनता के घावों पर मरहम लगाने के लिये उन्होंने 2005 में कांग्रेस की सरकार बनने पर 1600 करोड़ रुपये के बिजली के बिल माफ किये।

इनेलो द्वारा SYL के मुद्दे पर चलाए जा रहे जेल भरो आन्दोलन को भाजपा के साथ नूराकुश्ती बताते हुए हुड्डा ने शायराना अंदाज में कहा कि”देखो इनेलो की नकली लड़ाई – नकली गिरफ्तारी – नकली रिहाई”I उन्होंने पूछा क्या इनेलो नेता बताएंगें कि उनका एक भी कार्यकर्ता या नेता एक दिन भी किसी जेल में रहा है? लिस्ट की गिरफ्तारी हो जाती है और लिस्ट की ही रिहाई हो जाती है I उन्होंने कहा कि इनेलो पार्टी के सांसदों ने न केवल प्रधानमंत्री बनाने के लिए मोदी का समर्थन किया बल्कि राष्ट्रपति चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवार का साथ दिया I इसलिए भाजपा को सत्ता से बहार करने क लिए इनेलो को रोकना भी जरुरी है I

उन्होंने आगे कहा कि जिस हरियाणा में अपराधी घुसने से खौफ़ खाते थे, वो आज अपराध में नम्बर वन हो गया है। मौजूदा सरकार अपराध और अपराधियों के आगे घुटने टेक चुकी है। ‘बेटी बचाओ’ का नारा लगाने वाले भाजपा राज में भारत महिलाओं के लिये सबसे खतरनाक देश बन चुका है, यहां तक कि अफगानिस्तान और सीरिया भी भारत से नीचे हैं, ये बात हाल में आयी थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन की रिपोर्ट में साफ तौर से कही गयी है। इतना ही नहीं, गोवा में भाजपा की सरकार है और गोवा के एक मंत्री ने कहा कि ‘हम गोवा को किसी भी कीमत पर हरियाणा नहीं बनने देंगे।’

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच हुड्डा ने ये घोषणा की, कि उनकी सरकार बनने पर बुढ़ापा पेंशन 3000 रुपये महीना कर दी जायेगी तथा पिछली बार की तरह किसानों तथा गरीबों के सहकारी बैंकों के कर्जे माफ कर दिये जायेंगे।

हुड्डा ने मेवात की जनता से अपना दो पीढ़ी का रिश्ता बताते हुए एक भावुक अपील की, कि वो भाईचारे को कायम रखें और एकजुट होकर उनकी मदद करें। हुड्डा ने कहा कि मेवात का पिछड़ापन दूर करने के लिये उनकी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य तथा विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया था। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हसन खां मेवाती के नाम पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना की। स्वस्थ रहने के लिये स्वच्छ पानी बहुत जरुरी है, जिसके लिये ‘रेनी वेल’ योजना को प्रभावी तरीके से लागू कराया। तकनीकी शिक्षा के लिये पॉलिटेक्निक तथा आईटीआई का जाल बिछाया। मेवात के स्वस्थ तथा शिक्षित युवकों को रोजगार मिले, इसके लिये आईएमटी की स्थापना की। लेकिन, उन्हें अफसोस है कि विगत 4वर्षों में वर्तमान सरकार ने इस आईएमटी में एक नयी ईंट भी नहीं जोड़ी। उन्होंने मेवात की जनता को विश्वास दिलाया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर मेवात के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

हुड्डा ने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने नगीना में MDU का रीजनल सेंटर खोलने की मंजूरी दी थी जिसे भाजपा सरकार ने ठंडे बसते में डाल दिया I उन्होंने घोषणा की कि उनकी सरकार आने पर वे नगीना में रीजनल सेंटर नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी बनवाएंगे I

जन क्रांति यात्रा में उमड़ी भीड़ को संबोधित करने वालों में लोकसभा सासंद दीपेन्द्र सिंह हूड्डा, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष फूल चंद मुलाना, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष धर्मपाल मलिक,

पूर्व मंत्री आफताब अहमद, विधायक रघुबीर सिंह कादयान, विधायक कुलदीप शर्मा, विधायक करण सिंह दलाल, विधायक उदयभान, विधायक आनंद सिंह डांगी, विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा, विधायक गीता भुक्कल, विधायक शकुन्तला खटक, विधायक जगबीर मलिक, विधायक जयवीर मलिक, विधायक जयतीरथ दहिया, विधायक ललित नागर, पूर्व डिप्टी स्पीकर आजाद मोहम्मद, पूर्व मंत्री राव धर्मपाल, पूर्व सीपीएस राव दान सिंह, पूर्व विधायक रामबीर पटौदी, मोहम्मद ईसरायल, सुभान खान सिंगारिया, ऐजाज अहमद व शौकत अली घुड़चडी, याकूब मुरली, सईदा खान भी शामिल रहे।

इस मौके पर पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रण सिंह मान, पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया, पूर्व संसदीय सचिव शारदा राठौर, पूर्व संसदीय सचिव अनीता यादव, युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन कुंडु, जितेन्द्र भारद्वाज, कुलदीप वत्स, लखन कुमार सिंगला, सुरेन्द्र दहिया, पीसीसी सदस्य महताब अहमद, पूर्व विधायक अर्जुन सिंह, मकसूद सिकरावा, मुबीन तेड़, चौधरी हुकम चंद, इब्राहिम इंजिनियर, अबदुल गफ्फार कुरैशी,एडवोकेट इशाक मुहम्मद, कमरुद्दीन, मदन तंवर भी मौजूद थे। मंच का संचालन प्रो वीरेन्द्र ने किया।

इस अवसर पर इनेलो के जिला उप-प्रमुख अयूब खान और सोहना के प्रदीप खटाना ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। पूर्व मुख्य मंत्री ने कहा कि दोनों साथियों को कांग्रेस पार्टी में पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा।

Adopt stringent measure to prevent the illegal drug menace  in Punjab : Giani  Gurbachan Singh

 

Amritsar, June 29, 2018:

Jathedar of Akal Takht, the highest Sikh temporal seat, Giani  Gurbachan Singh here today has asked the Punjab Government to adopt stringent measure to prevent the illegal drug menace  in Punjab as Punjab Police remained utterly failure to perform its duty.

Jathedar said it was the duty of Punjab Police as well as Punjab Government to maintain law and order in Punjab but Punjab police couldn’t perform its duty honesty as some people in the force were found involved in illegal drug trade.

Adding further he said that here it didn’t mean that entire police was accountable for drug menace but few black sheep were there, needed to be identified in order to save Punjab and its youth.

He said that it was the duty of Punjab government to identify all bad elements working in the Government system so that they could be punished. He said that people who were supporting the drug trade in Punjab should also not be spared as there was need to disclose their identity before the public to get them punished.

 

Jathedar expressed his gratitude to Punjab Government for extending financial help to Jodhpur detainees, said that it was highly appreciable step of Punjab Government to Sikh community.

 

He asked that State Government to do the needful for the youth of Punjab who were badly addicted as they were needed medical treatment as well as counselling besides mandatory de-addiction treatment.

क्या कश्मीर पाकिस्तान को देने को राज़ी थे सरदार पटेल?

 

सोज़ का कहना था कि अगर पाकिस्तान भारत को हैदराबाद देने के लिए तैयार होता, तब सरदार पटेल को भी पाकिस्तान को कश्मीर देने में कोई दिक़्क़त नहीं होती.

सोज़ ने ये दावा अपनी किताब ‘कश्मीर: ग्लिम्प्स ऑफ़ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ़ स्ट्रगल’ में किया है. इस किताब में बंटवारे की बहुत सी घटनाओं का उल्लेख किया गया है.

लेकिन क्या सरदार पटेल का वास्तव में कश्मीर पाकिस्तान को देने का विचार था?


क्या सोज़ के दावे में कोई सच्चाई है?

सोज़ अपनी किताब में लिखते हैं, पाकिस्तान के ‘कश्मीर ऑपरेशन’ के इंचार्ज सरदार हयात ख़ान को लॉर्ड माउंटबेटन ने सरदार का प्रस्ताव पेश किया.

प्रस्ताव के अनुसार, सरदार पटेल की शर्त थी कि अगर पाकिस्तान हैदराबाद दक्कन को छोड़ने के लिए तैयार है तो भारत भी कश्मीर पाकिस्तान को देने के लिए तैयार है. (पेज 199, कश्मीर: ग्लिम्प्स ऑफ़ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ़ स्ट्रगल)

हयात ने इस संदेश को पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाक़त अली ख़ान तक पहुँचाया.

तब प्रधानमंत्री लियाक़त अली ख़ान ने कहा, “मैं पागल नहीं हूं कि कश्मीर और उसके पत्थरों के लिए एक ऐसे क्षेत्र (हैदराबाद) को जाने दूं जो पंजाब से भी ज़्यादा बड़ा है.”

सरदार कश्मीर देने को राज़ी थे


सोज़ ने अपनी किताब में कश्मीर और इसके इतिहास के विशेषज्ञ ए.जी. नूरानी के एक लेख का भी ज़िक्र किया है.

इस लेख का नाम ‘अ टेल ऑफ़ टू स्टोरीज़’ है जिसका ज़िक्र करते हुए लिखा गया है: 1972 में एक आदिवासी पंचायत में पाकिस्तान के राष्ट्रपति ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो ने कहा था कि सरदार जूनागढ़ और हैदराबाद के बदले में कश्मीर देने को तैयार थे. (पेज 199, कश्मीर: ग्लिम्प्स ऑफ़ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ़ स्ट्रगल)

भारत के पूर्व गृह सचिव और सरदार के क़रीबी सहयोगी रहे वी.पी. मेनन ने भी कहा था कि शुरुआत में सरदार कश्मीर को पाकिस्तान देने को राज़ी थे.

मेनन अपनी किताब ‘इंटिग्रेशन ऑफ़ द इंडियन स्टेट’ में लिखते हैं, तीन जून 1947 को रियासतों को यह विकल्प दिया गया था कि वह चाहें तो पाकिस्तान के साथ विलय कर सकते हैं या भारत के साथ.

कश्मीर एक ऐसा मुस्लिम बहुल प्रांत था जिस पर हिंदू राजा हरि सिंह का शासन था. साफ़तौर पर हरि सिंह के लिए किसी को चुनना आसान नहीं था.

इस मामले को सुलझाने के लिए लॉर्ड माउंटबेटन ने महाराजा हरि सिंह के साथ चार दिन बिताए थे.

लॉर्ड माउंटबेटन ने महाराजा से कहा था कि सरदार पाकिस्तान के साथ जाने के कश्मीर के फ़ैसले का विरोध नहीं करेंगे. (पेज 394, इंटिग्रेशन ऑफ़ द इंडियन स्टेट)

गुहा ने भी दावे पर हामी भरी


इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सोज़ की किताब के दावों पर सहमति जताई है.

ट्विटर पर गुहा ने लिखा: कश्मीर पाकिस्तान को देने को लेकर पटेल को कोई दिक़्क़त नहीं थी.

गुहा इसमें जोड़ते हुए कहते हैं कि सरदार की आत्मकथा में राजमोहन गांधी ने भी इसका ज़िक्र किया है.

राजमोहन गांधी अपनी किताब ‘पटेल: अ लाइफ़’ में लिखते हैं, 13 सितंबर 1947 तक पटेल के कश्मीर को लेकर अलग विचार थे.

सरदार ने भारत के पहले रक्षा मंत्री बलदेव सिंह को लिखे पत्र में भी कुछ ऐसा ही लिखा है. वह अपने पत्र में लिखते हैं कि कश्मीर अगर किसी दूसरे राष्ट्र का शासन अपनाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.

राजमोहन गांधी अपनी किताब में लिखते हैं, जब पाकिस्तान ने जूनागढ़ के नवाब के विलय के निवेदन को स्वीकार कर लिया केवल तभी कश्मीर को लेकर सरदार के विचार में बदलाव आया.

‘आप पाकिस्तान नहीं जा रहे’

सरदार के बदले विचार पर भी राजमोहन गांधी लिखते हैं.

“26 अक्तूबर 1947 को नेहरू के घर पर एक बैठक हुई थी. कश्मीर के दीवान मेहर चंद महाजन ने भारतीय सेना की मदद के लिए कहा था.

महाजन ने यह भी कहा कि अगर भारत इस मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है तब कश्मीर जिन्ना से मदद के लिए कहेगा.

नेहरू यह सुनकर गुस्से में आ गए और उन्होंने महाजन को चले जाने को कहा.

उस वक़्त सरदार ने महाजन को रोका और कहा, “महाजन, आप पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं.” (पेज 439, पटेल: अ लाइफ़)

गुजराती भाषा में सरदार पटेल पर ‘सरदार: साचो मानस साची वात’ लिखने वालीं उर्विश कोठारी ने बीबीसी से बात की.

उन्होंने कहा, “रजवाड़ों के विलय के दौरान सरदार कश्मीर का भारत का अंग बनने को लेकर ज़्यादा गंभीर नहीं थे.”

उर्विश कहते हैं, “इसकी मुख्यतः दो वजहें थीं. पहली उस राज्य का भूगोल और दूसरा राज्य की आबादी.”

उर्विश कोठारी ने विस्तार से कहा, “इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि कश्मीर एक सीमाई राज्य था और उसकी अधिकतर जनसंख्या मुसलमान थी. इसी कारण सरदार कश्मीर का भारत में विलय करने को लेकर ज़्यादा हठी नहीं थे लेकिन नेहरू जो ख़ुद कश्मीरी थे वह कश्मीर को भारत में चाहते थे.”

जूनागढ़ विवाद शुरू हुआ

उर्विश कोठारी ने कहा, “कश्मीर के दोनों प्रतिष्ठित नेता महाराजा हरि सिंह और शेख़ अब्दुल्ला नेहरू के दोस्त थे. कश्मीर को लेकर नेहरू के नरम रुख़ का एक यह भी कारण था. उसी समय जूनागढ़ विवाद शुरू हुआ और सरदार कश्मीर मसले में दाख़िल हुए. इसके बाद सरदार ने बिलकुल साफ़तौर पर कहा कि कश्मीर भारत के साथ रहेगा.”

वरिष्ठ पत्रकार हरि देसाई कहते हैं, “शुरुआती दिनों में कश्मीर के पाकिस्तान में जाने से सरदार को कोई समस्या नहीं थी. बहुत से दस्तावेज़ों में यह है भी. जून 1947 में सरदार ने कश्मीर के महाराजा को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कश्मीर के पाकिस्तान में विलय पर भारत आपत्ति नहीं करेगा, लेकिन महाराजा को 15 अगस्त से पहले फ़ैसला लेना होगा.”

उर्विश कोठारी कहते हैं, “हमारे पास दस्तावेज़ हैं जो उन ऐतिहासिक घटनाओं और फ़ैसलों को दर्शाते हैं लेकिन वे फ़ैसले उस विशेष स्थिति में लिए गए थे. राजनेता अपने एजेंडे के लिए उन ऐतिहासिक घटनाओं का केवल आधा सच ही दिखाते हैं. हम निश्चित तौर पर नेहरू या सरदार लिए गए फ़ैसलों का विश्लेषण कर सकते हैं लेकिन हमें उनके इरादों पर शक नहीं करना चाहिए.”

साभार बीबीसी हिंदी

7 फेरों में बंधे कलेक्टर और तहसीलदार

 

बस्तर के सहायक कलेक्टर व प्रशिक्षु आईएएस चंद्रकांत वर्मा व तहसीलदार करिश्मा दुबे शनिवार को शादी के बंधन में बंध गए। रायपुर के समता कॉलोनी स्थित गायत्री मंदिर में शादी पारंपरिक रीति रिवाज के साथ संपन्न हुई।

इस मौके पर परिवार के लोगों के अलावा कई करीबी भी मौजूद थे। वर्मा और करिश्मा ने साथ में पढ़ाई की है और दोनों काफी अच्छे दोस्त रहे हैं, लेकिन अब वो दोस्ती शादी में बदल गई है।

शादी के बंधन में बंधने के बाद रविवार को रायपुर के डीडी नगर में एक रिस्पेशन का कार्यक्रम है, जिसमें छत्तीसगढ़ के कई प्रशासनिक अधिकारी और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शामिल होंगे। वर्मा 2017 बैच के होम कैडर के आईएएस हैं।

2017 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के 5 आईएएस में से वर्मा इकलौते होम कैडर के आईएएस हैं। चंद्रकांत पहले राज्य प्रशासनिक सेवा में ही थे, लेकिन बाद में उन्होंने संघर्षों की नई इबारत लिखी और फिर 7 बार नाकाम होने के बाद यूपीएससी में कामयाबी का झंडा बुलंद किया।

2008 बैच के पीएससी में वर्मा बतौर डिप्टी कलेक्टर थे, जबकि करिश्मा 2008 बैच में पीएससी के जरिए तहसीलदार में सेलेक्ट हुई थीं।

पंडरिया में तहसीलदार हैं करिश्मा

करिश्मा दुबे 2008 बैच की तहसीलदार हैं और वर्तमान में पंडरिया में पदस्थ हैं। करिश्मा ने भी बड़े संघर्षों के बाद मुकाम हासिल किया है। इससे पहले करिश्मा ने शिक्षाकर्मी के तौर पर भी ज्वाइनिंग दी थी, लेकिन जब वहां उनका मन नहीं लगा तो महिला बाल विकास विभाग के महिला पर्यवेक्षक के तौर पर भी उनकी पोस्टिंग हुई, वो धमधा में कार्यरत रहीं। शिक्षाकर्मी मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे व अतुल अवस्थी करिश्मा के जीजा हैं।

“The Race 3 song ‘Heeriye’ is a copy of my original composition ‘Naina Da Nasha’ : Falak Shabir

 

 

The song ‘Heeriye’ is one of the tops faves, with the video having over a 100 million views on YouTube.

But Pakistani singer Falak Shabir noticed the song seemed familiar. Too familiar. Almost like he may have written the song himself?

He tweeted at Salman Khan to make it known that he believes the track ‘Heeriye’ is very similar to his single ‘Naina Da Nasha’ and that he deserves credit for it.

According to the singer, “The Race 3 song ‘Heeriye’ is a copy of my original composition ‘Naina Da Nasha’, which I launched in 2015. The production house that made Race 3 never asked for permission to use my composition. The film’s music producers have not given me credit for my song.”

Falak has not disclosed whether he plans on taking legal action for this act of plagiarism.

US upgrades Pakistan on ‘human trafficking index’


The United States has moved Pakistan from a watch list to another group of countries that have taken significant steps to curb human trafficking, says a report released on Friday.


“The government of Pakistan does not fully meet the minimum standards for the elimination of trafficking; however, it is making significant efforts to do so,” says the report released by the US State Department.

“The government demonstrated increasing efforts compared to the previous reporting period, therefore, Pakistan was upgraded to Tier 2.”

The move came two days after an international financial watchdog placed Pakistan on its monitoring list — known as the ‘grey list’— for allowing terrorist groups to collect funds.

“Modern slavery has no place in the world, and I intend to ensure, through diplomatic engagement and increased action, that the United States government’s leadership in combating this global threat is sustained in the years to come,” said US Secretary of State Michael R. Pompeo while releasing the trafficking in persons report.


Report urges Islamabad to increase prosecution, convictions for forced and bonded labour, sex trafficking


Tier 2 on the State Department’s list includes countries that do not fully comply with these minimum standards, but are making significant efforts to bring themselves into compliance while tier 2 watch list includes countries being monitored for compliance.

The report notes that the Pakistan government demonstrated increasing efforts by raising the number of victims it identified and investigations and prosecutions of sex trafficking.

The provincial government of Punjab increased investigations, prosecutions, and convictions for bonded labour, the country’s largest human trafficking problem.

The government of Azad Jammu and Kashmir adopted a law prohibiting bonded labour.

The governments of Khyber Pakhtunkhwa and Sindh reported operating two additional women shelters and three additional child protection units, respectively.

The federal government continued to implement its 2015-20 national strategic framework against trafficking in persons and migrant smuggling.

The report, however, points out the Pakistan government did not meet the minimum standards in several key areas:

Overall government law enforcement efforts on labour trafficking remained inadequate compared with the scale of the problem; Punjab continued to be the only province to report prosecutions and convictions for bonded labour.

Convictions for sex trafficking decreased and the government’s overall convictions remained small compared with the extent of trafficking in Pakistan.

Official complicity in trafficking crimes remained a pervasive problem, yet the government did not report new law enforcement efforts to hold such officials accountable, including failing to investigate serious allegations of trafficking regarding a high-ranking diplomatic official.

Government protection efforts remained inconsistent; only a small number of the total victims identified were referred to assistance services.

The report urges Pakistan to increase prosecutions and convictions, particularly of forced and bonded labour, while strictly respecting due process; pass an anti-trafficking law that criminalises all forms of human trafficking, including sex trafficking of those under 18 without requiring coercive means.

It also urges Pakistan to prescribe penalties commensurate with other serious crimes, such as rape; thoroughly investigate credible allegations of government complicity in trafficking and stringently prosecute and punish officials who are complicit.

Pakistan should also provide additional resources to increase trafficking-specific services for victims, including for men and boys, and ensure victims are not penalised for acts committed as a result of being subjected to trafficking.

The States Department also urges Pakistan to ensure the creation, dissemination, and use of standard operating procedures (SOPs) for victim identification and referral to rehabilitation services at the provincial level; expand ability for freed bonded labourers; to obtain identification documents and gain access to government services.

Pakistan should also take steps to eliminate all recruitment fees charged to workers; issue policies and provide trainings to government officials that clearly distinguish between human trafficking and migrant smuggling.

The report urges Pakistan to strengthen the capacity of provincial governments to address human trafficking, including bonded labour, through training, awareness raising, funding, and encouraging the creation of coordination task forces and the adoption of provincial-level anti-trafficking action plans.

Troller want EAM Swaraj to be beaten up


The barrage of hate directed at External Affairs Minister (EAM) Sushma Swaraj following her intervention in the Lucknow passport row involving an interfaith couple doesn’t seem to be subsiding.


The barrage of hate directed at External Affairs Minister (EAM) Sushma Swaraj following her intervention in the Lucknow passport row involving an interfaith couple doesn’t seem to be subsiding.

Days after Swaraj was forced to turn off the review section of her official Facebook page and expose the haters by ‘liking’ their tweets, the MEA continues to face verbal criticism bordering on the most abhorrent kind on social media.

Such has been the vitriolic hatred of the trolls that even Swaraj’s husband, Swaraj Kaushal, finds himself in the middle of the nastiness.

Earlier on Saturday, the former Governor of Mizoram posted a tweet containing the screenshot of a now-deleted tweet from a user who wanted him to “beat Sushma Swaraj and teach her not to do Muslim appeasement”.

But even after Kaushal, a senior criminal lawyer, called him out, the user didn’t stop posting objectionable tweets. “Somebody needs to set the EAM right” read a tweet posted in response to Swaraj Kaushal’s.

Some body needs to set Sushma right

Addressing Kaushal, the user also wrote that Twitter allows him to say “what I want to say to you”.

On 25 June, Sushma had given back in kind to the trolls who took to social media to call her names. The EAM, who was not present in India at the time when the incident made headlines, was bombarded with a barrage of insensitive remarks by a section which was offended with the transfer of the passport officer at the centre of the row.

The incident dates back to 20 June. A couple, Mohammad Anas Siddiqui and Tanvi Seth, had alleged that a passport officer posted in the Regional Passport Office in Lucknow had asked Anas to convert to Hinduism and pulled up the wife for not changing her name after marriage.

The passport officer, Vikas Mishra, was transferred to Gorakhpur and the couple were issued the passports on Thursday, 21 June.

Mishra later denied the allegations saying he didn’t ask Anas to convert. He said he only followed the procedure and that Tanvi had a different name in her ‘nikahnama’ (wedding certificate), compared to that in her other documents, which was why he had asked for more proof.

Swaraj, who returned from her four-nation tour of Europe on 24 June, posted a message from her official Twitter handle in which she smartly called out those who trolled her.

“I was out of India from 17th to 23rd June 2018. I do not know what happened in my absence. However, I am honoured with some tweets. I am sharing them with you. So I have liked them,” wrote Swaraj.

FATF has formally placed the country on the ‘grey list’ for failing to curb terror funding


The highly-anticipated decision came on Friday night at the concluding session of the week-long plenary of the anti-terror finance watchdog in Paris


In a major setback for Pakistan ahead of the 25 July general election, the Financial Action Task Force (FATF) has formally placed the country on the ‘grey list’ for failing to curb terror funding. India promptly welcomed the decision, hoping Pakistan would now address global concerns relating to terrorism emanating from its territory.

The highly-anticipated decision came on Friday night at the concluding session of the week-long plenary of the anti-terror finance watchdog in Paris.

The global body took the decision on the basis of a monitoring report of the International Cooperation Review Group (ICRG). It came despite Islamabad strongly claiming at the meeting that it had made progress in the majority of areas identified as threat by the terror-financing watchdog.

Pakistan, it is learnt, accepted the grey-listing because even its traditional allies like Saudi Arabia, Turkey and China could not defend it at the meeting. If Islamabad fails to comply with the FATF blueprint, it could be even moved to the blacklist next year

Reacting to the development, India hoped Pakistan would comply with the  FATF’s action plan in a time-bound manner and take credible measures to deal with terrorism.

“Pakistan has given a high-level political commitment to address the global concerns regarding its implementation of the FATF standards for countering terror financing and anti-money laundering especially in respect of UN designated and internationally proscribed terror entities and individuals,’’ External Affairs Ministry spokesperson Raveesh Kumar pointed out.

He observed that the freedom and impunity with which designated terrorists like Hafiz Saeed and entities like the Jamaat-ud-Dawaa, Lashkar-e-Taiba and Jaish-e-Mohammed continue to operate in Pakistan was not in keeping with such commitments.

Meanwhile, China, an ‘all-weather’ ally of Islamabad, declined to comment on Pakistan being placed on the ’grey list’ but heaped praise on the country, saying the world should recognise the enormous efforts and sacrifices it had made to combat terrorism.

The FATF asked Pakistan to complete implementation of the action plans expeditiously and within the proposed timeframes, saying it would closely monitor the implementation of those action plans.

The FATF’s decision could hurt Pakistan economically as the country runs the risk of being downgraded by multilateral financial institutions. Being on the ‘grey list’ could also mean that accessing funds from international markets could become tougher for Pakistan.

The ICRG report showed that Pakistan did show progress on some of major areas of concerns. Pakistan Finance Minister Shamshad Akhtar represented the country at the meeting, strongly refuting the allegation of lax supervision of the financial sector.