MC Panchkula granted 3 weeks time to reply cattle menance

 

Ajay Kumar

PANCHKULA, September 5:

The Court of Sh. Kanwal Kumar, ACS (SD) today granted 3 weeks time to the Commissioner, Municipal Corporation and Deputy Commissioner Panchkula to reply and file an action taken report on the stray cattle menace in Panchkula in response to the PIL filed by Advocate Pankaj Chandgothia, after advocate Anil Garg appeared on their behalf and sought time to file reply. The Court also issued urgent DASTI notices to the Chief Secretary Haryana; Director, Urban Local bodies, Haryana and Director General of police Haryana as no counsel appeared on their behalf today, inspite of their having received the notice in the case. Dasti notices have been issued for 26th September, 2018.
In his petition filed under Section 91 of Civil Procedure Code, Chandgothia has termed the stray cattle menace as a public nuisance. He said that the commuting public in Panchkula is in constant danger and risk of meeting with accidents due to various deficiencies and negligence on the part of the defendants, who all are liable to ensure the safety and welfare of the citizens. Stray Cattle are often found sitting or moving in the middle of busy roads, leading to sudden breaking by vehicles, giving rise to the risk of accidents and resultantly injuries and loss of life and also damage to vehicles. This malaise has been highlighted by the print media many times, but the concerned authorities are turning a blind eye to the grave problem.

Chandgothia contended that there is no proper agency nor co-ordination between the various functionaries to strictly deal with the problem of stray cattle menace in the city. A special cell needs to be created with representatives from all concerned department including the administration, municipal council/corporation and police, in order to deal with this problem. The stray cattle must be immediately removed from the streets/roads/public places and a scheme needs to put in place to prevent them from coming on to roads and public spaces, to ensure the safety of the general public.

It is pointed out that the authorities can also take penal action and register FIRs against the guilty persons under Section 268, 283, 289 and 290 and 291 of IPC. In addition, criminal action can also be taken under sections 337 and 338 of IPC.

Chandgothia has also sought a compensation policy wherein the administration should be held liable to compensate any person who suffers on account of the stray cattle menace. The police must register an FIR in every such case.

मोहाली में किसानों का प्रदर्शन, चंडीगढ़ में हरियाणा रोडवेज कर्मियों का चक्का जाम

चंडीगढ़/मोहाली। पंजाब व हरियाणा सरकार के खिलाफ मंगलवार को मोहाली में किसान तो चंडीगढ़ में हरियाणा रोडवेज कर्मियों ने आंदोलन शुरू कर दिया। मोहाली में जहां किसानों की कर्ज माफी से संबंधित मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया, वहीं चंडीगढ़ में हरियाणा रोडवेज वर्कर्स ने डिपो में पूरी तरह चक्का जाम कर आंदोलन की शुरुआत की।
मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में किसान एकत्रित हुए और फिर किसानों ने पंजाब राज भवन की ओर कूच किया। दोपहर के समय किसान नेता राज्यपाल से मिलने पहुंचे। किसानों ने कर्ज माफी सहित अन्य मांगों को लेकर उन्हें मांगपत्र सौंपा।

दूसरी ओर हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन ने 5 सितंबर से प्रस्तावित हड़ताल के चलते मंगलवार को दिन में ही डिपो में चक्का जाम कर दिया। ज्वाइंट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य बलवान सिंह दोदवा ने कहा कि ये सरकार की वादाखिलाफी, तानाशाही रवैये और परिवन के निजीकरण के विरोध में किया गया है।

हरियाणा रोडवेज यूनियन के प्रधान प्रदीप बूरा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बताया कि हरियाणा सरकार 700  नई बसें प्रति किलोमीटर के हिसाब से शामिल करने जा रही है उन्होंने आगेे कहा कि प्राइवेट बसों के आने से सवारियों व हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि 13 जून और 27 दिसम्बर 2017 को सरकार के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था कि प्राइवेट बसों को शामिल नहीं किया जाएगा।

मगर सरकार ने वादा खिलाफी करते हुए सरकार ने प्राइवेट बसों को शामिल करने का निर्णय लिया है। जिसका वह तथा उनकी यूनियन पुरजोर विरोध करती है। इसके साथ ही उन्होंने खट्टर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने वर्कशॉप के गेट बंद कर दिए जिसके बाद पुलिस ने आके गेट खुलवाए। उसके बाद प्रदर्शनकारी गेट के बाहर धरने पर बैठ गए।

पीयू चुनाव 6 सितंबर को, तैयारियां एवं उत्साह शीर्ष पर

चंडीगढ़।

6 तारीख को होने वाले पीयू छात्र संघ चुनावों से पहले कैपस में खूब चहल देखने को मिल रही है। कहीं तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है तो कहीं हॉस्टल में जाकर छात्रों का विश्वास जीतने की कोशिश की जा रही है। इसी सिलसिले मे छात्र पार्टियों ने अपने-अपने स्टाल लगाए व आपनी पार्टी के लिए कैंपेन किया व अपनी पार्टी को विजयी बनाने के लिए छात्रों से आ पूल की गई ।

पीयू कैंपस के साथ साथ यू.आई.टी. में भी संघ पार्टियों ने कैंपेन का आयोजन करवाया व अपने प्रत्याशियों को छात्रों से रूबरू करवाया। सभी पार्टियों केे स्टीकर लगाकर अपनी पसंदीता पार्टी के प्रती समर्थन जाहिर किया। कल ही वीसी राजकुमार ने भी कैंपस का मुआयना पैदल घूम कर किया व हालात का जायजा लिया। खासकर हॉस्टलों में आउटसाइडरों को हॉस्टल व कैपस में एंट्री न दिए जाने पर उन्होंने जोर दिया व वार्डनों को दिशा निर्देश जारी किए।

पीयू कैंपस छावनी में तबदील….

पिछले सालों मे छात्र संघ चुनावो में हुई हिंसा को देखते हुए पुलिस ने पूरे कैंपस को छावनी मे ंतबदील कर दिया गया है। हर तरफ पुलिस का कड़ा पहरा देखा जा सकता , जो किसी भी अप्रीय घटना को रोकने के लिए तत्पर हैं। कैंपस में दाखिल होने वाली गाड़ी की गहनता से जांच की रही है।

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड करेगा निवासियों की सुविधाओं के लिए परिवर्तन, 2 महीने का लक्ष्य रखा गया

 

चंडीगढ़।

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) के मकानों में रहने वालों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए हाउंसिग बोर्ड ने कुछ बदलाव करने की योजना तैयार की है। जिसके लिए बोर्ड विशेष कदम उठाने जा रहा है। जिसका सीधा फायदा सेक्टरों में रहने वाले लाखों लोगों को होगा और बोर्ड की ओर से यह कार्य दो महीने के भीतर की पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा है। जिसकी जानकारी प्रशासन के अधिकारियों को प्रेजेंटेशन देकर दे दी गई है। सीएचबी के अधिकारी ने बताया कि इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।

ये होंगे बदलाव…

– सभी हाउसिंग कांप्लेक्स में रेजिडेंट्स और विजिटर्स के लिए ओपन पार्किंग स्पेस उपलब्ध करवाना।
– ब्लड रिलेशन, डेथ केस और म्यूचअल मकान ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को सरल करना।
– अधिकारियों से मिलने के लिए समय पब्लिक मीटिंग की समय सीमा बढ़ाई जाएगी।
– कंस्ट्रक्शन साइट पर आंगनबाड़ी स्थापित करना।
– खेल सुविधाओं के साथ कॉलोनियों में खेलने के उपकरण लगाए जाएंगे।
– सुरक्षा के लिए थेफ्ट अलार्म और सीसीटीवी कैमरे लगवाना।
– कॉमन एरिया की मेंटेनेंस के लिए फंड जुटाने को स्कीम तैयार होगी। जिससे ओपन एरिया, रूफ टेरेस, सीढिय़ों और लिफ्ट की मेंटेनेंस हो सकेगी।
– रिहेबिलिटेशन स्कीम के तहत स्माल फ्लैट मेंटेनेंस के लिए फंड निर्धारित किया जाएगा।
– सभी हाउसिंग कांप्लेक्स को दो महीने के अंदर डिसएबल्ड फ्रेंडली बनाया जाएगा।
– फ्लैट्स टॉयलेट और लिफ्ट इस्तेमाल के लिए व्हीलचेयर उपलब्ध कराई जाएगी। लोगों की दिक्कतों को दूर करने के लिए जनता दरबार लगाए जाएंगे। दो महीने के अंदर यह दिक्कतें दूर होंगी।
– कमर्शियल प्रॉपर्टी की तीन महीने के भीतर फ्री होल्ड बेस्ड ऑक्शन की जाएगी।

एस्मा को तोड़ते हुए 5 सितम्बर को करेंगे चक्का जाम ।

फोटो केवल संदर्भ हेतु

चण्डीगढ़,3 सितम्बर:

हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन इंटक के राज्य प्रधान अनूप सहरावत व ज्वाईन्ट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य सहरावत ने ब्यान जारी करते हुए बताया कि सरकार की वादाखिलाफी, तानाशाही, हठधर्मिता,700 बसें निजी कम्पनियों से किलोमीटर स्किम के तहत हायर करने व एस्मा जैसे काले कानून के खिलाफ ज्वाईन्ट एक्शन कमेटी के आह्वान पर 5 सितम्बर को होने वाली राज्यव्यापी हड़ताल की तैयारी पूरी हो चुकी हैं तथा सभी संगठन व कर्मचारियों का पुरा समर्थन मिल रहा है। इसलिए एस्मा को तोड़ते हुए 5 सितम्बर को पुरे प्रदेश में पुर्ण रुप से चक्का जाम होगा जो अनिश्चितकालीन चलेगा।
नसीब जाखड़ प्रदेश प्रवक्ता व चण्डीगड़ डिपो के प्रधान प्रदीप बूरा ने बताया कि हड़ताल को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए राज्य प्रधान हरिनारायण शर्मा, दलबीर किरमारा व अनुप सहरावत के नेतृत्व में ‌तीन जीप जत्थों का गठन किया गया था जिन्होंने प्रदेश के सभी डिपो व सब डिपुओं का ‌दौरा करके गेट मिटींगो के माध्यम से कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए तैयार किया है। सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ कर्मचारियों में भारी गुस्सा है तथा कर्मचारी हड़ताल करने के लिए ‌पुर्ण रुप से तैयार हैं। उन्होंने बताया कि रोड़वेज कर्मचारी बिल्कुल भी हड़ताल पर जाने के हक में नहीं है लेकिन सरकार इनको जानबूझकर हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है। सरकार एस्मा जैसे काले कानून लागू ‌करके रोड़वेज कर्मचारीयों की आवाज को दबाना चाहती है लेकिन ‌इससे‌ कर्मचारी डरने वाला नही है तथा किसी भी सूरत में आवाज को दबाया नही जा सकता। ऐसे काले कानुनों से आन्दोलन रुकने की‌ बजाय और ज्यादा ‌उग्ररुप धारण करेगा। हर समस्या का समाधान बातचीत से होता है लेकिन सरकार बातचीत करने की बजाय ‌दमनकारी नितियां अपना रही है। ज्वाईन्ट एक्शन कमेटी ने चेतावनी ‌देते‌ हुए कहा है कि ‌सरकार दमनकारी नितियां छोड़कर ‌बातचीत का रास्ता अपनाये तथा ‌समय रहते वार्ता ‌करके रोड़वेज कर्मचारियों की सभी समस्याओं का समाधान करें व किलोमीटर स्किम को वापिस ले वरना सरकार ने ‌इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।‌ रोड़वेज कर्मचारी किसी भी सूरत में ‌झुकने वाले नहीं हैं तथा यह आर-पार का व निर्णायक आन्दोलन होगा। इसलिए रोड़वेज कर्मचारी ‌एस्मा की परवाह न करते हुए तथा काले कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए 5 सितम्बर से ‌अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व परिवहन अधिकारियों की होगी।

बारिश में धुला जन्माष्टमी महोत्सव

Image result for चंडीगढ़ चैतन्य गोड़िया मठ

सेक्टर 20 जन्माष्टमी महोत्सव की पुरानी फोटो

चंडीगढ़,

3 सितंबर,2018:

भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस जन्माष्टमी पर सिटी ब्यूटिफुल में सोमवार को खूब चहल पहल देखने को मिली। सेक्टर 20 मठ मंदिर व सेक्टर 36 के इस्कोन मंदिर में लाखों कि संख्या में श्रद्धालु उमड़े व झाकियों का आनंद लिया। रंग बिरंगे फूलों से सजे बाल कृष्णा के झूले को झूलाने के लिए भी लोगों में होड़ दिखाई दी।

बरसात कि वजह से सेक्टर 20 में लगने वाला जन्माष्टमी मेले मे मंदी देखने को मिली , जिसकी वजह से छोटे व्यापारियों को मायूसी हुई । कफी देर तक खुले में दुकान होने कि वजह से वह अपनी दुकान नही खोल पाए। हालाकि शाम होते-होते बाजार मे दुबारा भीड़ एकत्रित होने लगी। बारिश होने के बादजूद लोगों का आना जाना लगा रहा।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और बारिश कि वजह से सेक्टर 36 इसकॉन मंदिर के बाहर जाम कि स्थिति उतपन्न हो गई, पुलिस हालांकि इसे खोलने के निरंतर प्रयास करती हुई दिखाई दी। बारिश कि वजह से पार्किंग वाले इलाके में कीचड़ भर गया जिस वजह से श्रद्धालुओं को अपने वाहन सड़क पर ही खड़ा करना पड़ा जिसकी वजह से जाम कि स्थिति उतपन्न हो गई।

फोटोजर्निलिस्टों की तीन दिवसीय फोटोप्रदशर्नी हुई सम्पन्न नेतागण, पूर्व खिलाडी, डीसी, विद्यार्थियों आदि ने लिया प्रदशर्नी का आनंद

फोटोजर्नलिस्ट राकेश शाह ओलम्पियड बलबीर सिंह के साथ

चंडीगढ, 2 सितंबर, 2018:
सेक्टर 16 स्थित पंजाब कला भवन में फोटोजर्निलिस्ट वैल्फेयर ऐसोसियेशन द्वारा आयोजित की गई तीन दिवसीय फोटो प्रदशर्नी आज कला प्रेमियों की जुटी व्यापक जोश के बीच समन्न हो गई । प्रदशर्नी में इस बार देश और विदेश के करीब 66 फोटोग्राफर्स और वरिष्ठ पत्रकारों के 136 फ्रेम्स को प्रदर्शित किया था। आज अंतिम दिन प्रदशर्नी देखने के लिये कलाप्रेमियों की काफी भीड जुटी जिसमें गणमान्य लोगों में मोहाली की डिप्टी कमीशनर गुरप्रीत कौर सपरा, चंडीगढ के मेयर देवेश मौदगिल, हाकी लिजेंड बलबीर सिंह सीनियर, भाजपा दिग्गज सत्यपाल जैन आदि प्रमुख रहे। आये दर्शकों ने ऐसोसियेशन के साथ साथ भाग ले रहे फोटोग्राफर्स की खूब प्रशंसा की और फोटोज की बारिकियों को समझते दिखे। ऐसोसियेशन के महासचिव संजय शर्मा कुर्ल ने बताया कि लोगों की डिमांड और स्थानीय फोटोग्राफर्स के सहयोग से यही प्रदशर्नी पंजाब और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न शहरों मे भी आयोजित की जा रही है। अपने संबोधन मे अध्यक्ष अखिलेश कुमार ने अपने सहयोगियों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस आयोजन का सफल बनाने के लिये अपना योगदान दिया ।

मेयर देवेश मौदगिल, फोटो राकेश शाह

ओलम्पियड बलबीर सिंह, फोटो राकेश शाह

फोटो राकेश शाह

 

फोटो राकेश शह

फोटो राकेश शह

जहां नम्रता, सत्य, लज्जा और धर्म हैं वहीं कृष्ण हैं, जहां कृष्ण हैं वहीं विजय है


धार्मिक विश्वासों को छोड़ दें तो एक किरदार के रूप में कृष्ण के जीवन के तमाम पहलू बेहद रोचक हैं


जनमाष्टमी यानी कृष्ण के जन्म का उत्सव. कृष्ण के जन्म से दो बिल्कुल कड़ियां अलग जुड़ती हैं. एक ओर मथुरा की काल कोठरी है जहां वासुदेव और देवकी जेल में अपनी आठवीं संतान की निश्चित हत्या का इंतजार कर रहे हैं. दूसरी तरफ गोकुल में बच्चे के पैदा होने की खुशियां हैं. कृष्ण के जन्म का ये विरोधाभास उनके जीवन में हर जगह दिखता है. धार्मिक विश्वासों को छोड़ दें तो एक किरदार के रूप में कृष्ण के जीवन के तमाम पहलू बेहद रोचक हैं. और समय-समय पर उनके बारे में जो नई कहानियां गढ़ी गईं उन्हें समझना भी किसी समाजशास्त्रीय अध्ययन से कम नहीं है.

अब देखिए वृंदावन कृष्ण की जगह है, लेकिन वृंदावन में रहना है तो ‘राधे-राधे’ कहना है. ऐसा नहीं हो सकता कि आप अयोध्या में रहकर सिया-सिया, लुंबिनी में यशोधरा-यशोधरा या ऐसा कुछ और कहें. यह कृष्ण के ही साथ संभव है. कान्हा, मुरली और माखन के कथाओं में कृष्ण का बचपन बेहद सुहावना लगता है. लेकिन कृष्ण का बचपन एक ऐसे शख्स का बचपन है, जिसके पैदा होने से पहले ही उसके पिता ने उसकी हत्या की जिम्मेदारी ले ली थी. वो एक राज्य की गद्दी का दावेदार हो सकता था तो उसको मारने के लिए हर तरह की कोशिशें की गईं. बचपन के इन झटकों के खत्म होते-होते पता चलता है कि जिस परिवार और परिवेश के साथ वो रह रहा था वो सब उसका था ही नहीं.

कहानियां यहीं खत्म नहीं होतीं. मथुरा के कृष्ण के सामने अलग चुनौतियां दिखती हैं. जिस राज सिंहासन को वो कंस से खाली कराते हैं उसे संभालने में तमाम मुश्किलें आती हैं. अंत में उन्हें मथुरा छोड़नी ही पड़ती है. महाभारत युद्ध में एक तरफ वे खुद होते हैं दूसरी ओर उनकी सेना होती है. वो तमाम योद्धा जिनके साथ उन्होंने कई तैयारियां की होंगी, युद्ध जीते होंगे. अब अगर कृष्ण को जीतना है तो उनकी सेना को मरना होगा. इसीलिए महाभारत के कथानक में कृष्ण जब अर्जुन को ‘मैं ही मारता हूं, मैं ही मरता हूं’ कहते हैं तो खुद इसे जी रहे होते हैं.

महाभारत से इस्कॉन तक कृष्ण

अलग-अलग काल के साहित्य और पुराणों में कृष्ण के कई अलग रूप हैं. मसलन महाभारत में कृष्ण का जिक्र आज लोकप्रिय कृष्ण की छवि से बिलकुल नहीं मिलता. भारतीय परंपरा के सबसे बड़े महाकाव्य में कृष्ण के साथ राधा का वर्णन ही नहीं है. वेदव्यास के साथ-साथ श्रीमदभागवत् में भी राधा-कृष्ण की लीलाओं का कोई वर्णन नहीं है. राधा का विस्तृत वर्णन सबसे पहले ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है. इसके अलावा पद्म पुराण में भी राधा का जिक्र है. राधा के शुरुआती वर्णनों में कई असमानताएं भी हैं. कहीं दोनों की उम्र में बहुत अंतर है, कहीं दोनों हमउम्र हैं.

इसके बाद मैथिल कोकिल कहे जाने वाले विद्यापति के पदों में राधा आती हैं. यह राधा विरह की ‘आग’ में जल रही हैं. 13वीं 14वीं शताब्दी के विद्यापति राधा-कान्हा के प्रेम के बहाने, शृंगार और काम की तमाम बातें कह जाते हैं. इसके कुछ ही समय बाद बंगाल से चैतन्य महाप्रभु कृष्ण की भक्ति में लीन होकर ‘राधे-राधे’ का स्मरण शुरू करते हैं. यह वही समय था जब भारत में सूफी संप्रदाय बढ़ रहा था, जिसमें ईश्वर के साथ प्रेमी-प्रेमिका का संबंध होता है. चैतन्य महाप्रभु के साथ जो हरे कृष्ण वाला नया भक्ति आंदोलन चला उसने भक्ति को एक नया आयाम दिया जहां पूजा-पाठ साधना से उत्सव में बदल गया.

अब देखिए बात कृष्ण की करनी है और जिक्र लगातार राधा का हो रहा है. राधा से शुरू किए बिना कृष्ण की बात करना बहुत मुश्किल है. वापस कृष्ण पर आते हैं. भक्तिकाल में कृष्ण का जिक्र उनकी बाल लीलाओं तक ही सीमित है. कृष्ण ब्रज छोड़ कर जाते हैं तो सूरदास और उनके साथ बाकी सभी कवि भी ब्रज में ठहर जाते हैं. उसके आगे की कहानी वो नहीं सुनाते हैं. भक्तिकाल के कृष्ण ही सनातन परंपरा में पहली बार ईश्वर को मानवीय चेहरा देते हैं. भक्तिकाल के बाद रीतिकाल आता है और कवियों का ध्यान कृष्ण की लीलाओं से गोपियों और राधा पर ज्यादा जाने लगता है. बिहारी भी जब श्रृद्धा के साथ सतसई शुरू करते हैं, तो ‘मेरी भव बाधा हरो राधा नागरि सोए’ ही कहते हैं. इन सबके बाद 60 के दशक में इस्कॉन जैसा मूवमेंट आता है जो उस समय दुनिया भर में फैल रहे हिप्पी मूवमेंट के साथ मिलकर ‘हरे कृष्णा’ मूवमेंट बनाता है.

ईश्वर का भारतीय रूप हैं कृष्ण

कृष्ण को संपूर्ण अवतार कहा जाता है. गीता में वे खुद को योगेश्वर भी कहते हैं. सही मायनों में ये कृष्ण हैं जो ईश्वर के भारतीय चेहरे का प्रतीक बनते हैं. अगर कथाओं के जरिए बात कहें तो वे छोटी सी उम्र में इंद्र की सत्ता और शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हैं. जीवन भर युद्ध की कठोरता और संघर्षों के बावजूद भी उनके पास मुरली और संगीत की सराहना का समय है. वहीं वह प्रेम को पाकर भी प्रेम को तरसते रहते हैं. यही कारण है कि योगेश्वर कृष्ण की ‘लीलाओं’ के बहाने मध्यकाल में लेखकों ने तमाम तरह की कुंठाओं को भी छंद में पिरोकर लिखा है. उनका यह अनेकता में एकता वाला रूप है जिसके चलते कृष्ण को हम बतौर ईश्वर अलग तरह से अपनाते हैं.

तमाम जटिलताएं

इसमें कोई दो राय नहीं कि कृष्ण की लीलाओं के नाम पर बहुत सी अतिशयोक्तियां कहीं गईं हैं. बहुत कुछ ऐसा कहा गया है जो, ‘आप करें तो रास लीला…’ जैसे मुहावरे गढ़ने का मौका देता है. लेकिन इन कथाओं की मिलावटों को हटा देने पर जो निकल कर आता है वो चरित्र अपने आप में खास है. अगर किसी बात को मानें और किसी को न मानें को समझने में कठिनाई हो तो एक काम करिए, कथानकों को जमीन पर जांचिए. उदाहरण के लिए वृंदावन और मथुरा में कुछ मिनट पैदल चलने जितनी दूरी है. मथुरा और गोकुल या वृंदावन और बरसाने का सफर भी 2-3 घंटे पैदल चलकर पूरा किया जा सकता है. इस कसौटी पर कसेंगे तो समझ जाएंगे कि कौन-कौन सी विरह की कथाएं कवियों की कल्पना का हिस्सा हैं.

कृष्ण के जीवन में बहुत सारे रंग हैं. कुछ बहुत बाद में जोड़े गए प्रसंग हैं जिन्हें सही मायनों में धार्मिक-सामाजिक हर तरह के परिवेश से हटा दिया जाना चाहिए. राधा के वर्णन जैसी कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो महाभारत और भागवत में नहीं मिलती मगर आज कृष्ण का वर्णन उनके बिना संभव नहीं है. इन सबके बाद भगवद् गीता है जो सनातन धर्म के एक मात्र और संपूर्ण कलाओं वाले अवतार की कही बात. जिसमें वो अपनी तुलना तमाम प्रतीकों से करते हुए खुद को पीपल, नारद कपिल मुनि जैसा बताते हैं. आज जब तमाम चीजों की रक्षा के नाम पर हत्याओं और अराजकता एक सामान्य अवधारणा बनती जा रही है. निर्लज्जता, झूठ और तमाम तरह की हिंसा को कथित धर्म की रक्षा के नाम पर फैलाया जा रहा है, ऐसे में कृष्ण के लिए अर्जुन का कहा गया श्लोक याद रखना चाहिए यतः सत्यं यतो धर्मो यतो ह्लीराजर्वं यतः. ततो भवति गोविंदो यतः कृष्णोस्ततो जयः यानी जहां नम्रता, सत्य, लज्जा और धर्म हैं वहीं कृष्ण हैं, जहां कृष्ण हैं वहीं विजय है. अंतिम बात यही है कि कृष्ण होना सरस होना, क्षमाशील होना, नियमों की जगह परिस्थिति देख कर फैसले लेना और सबसे ज़रूरी, निरंकुशता के प्रतिपक्ष में रहना है.

श्री कृष्ण के नामकरण पर पधारे महर्षि गर्ग ने कुंडली विचार जो भविष्यवाणियाँ कीं वह अक्षरश: सत्य थीं

जगत के पालनहार का कृष्ण अवतार विधि का विधान था और वे स्वयं दुनिया का भाग्य लिखते हैं, उनके भाग्य को कोई नहीं पढ सकता। लेकिन जैसे ही मानव योनि में अवतार आया तो वे संसार के बंधन में पड़ जाता है और इस कारण उसे दुनिया के लोकाचार को भी निभाना पडता है। जन्म से मृत्यु तक सभी संस्कार करने पडते हैं।

इन्हीं लोकाचारों में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर महर्षि गर्ग पधारे और उनका नामकरण संस्कार किया। उनका नाम कृष्ण निकाल कर उनके जीवन की अनेकों भविष्यवाणी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार की थी जो अक्षरशः सही रही। इस आधार पर श्रीकृष्ण की कुंडली में ग्रह क्या बोलते हैं का यह संक्षिप्त विश्लेषण प्रस्तुत किया जा रहा है।

भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र के संयोग में भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया। सोलह कला सम्पूर्ण महान योगी श्रीकृष्ण का नामकरण व अन्नप्राशन संस्कार गर्ग ऋषि ने कुल गुरू की हैसियत से किया तथा कृष्ण के जीवन की सभी भविष्यवाणियां की जो अक्षरशः सही रहीं। भाद्रपद मास की इस बेला पर हम गर्ग ऋषि को प्रणाम करते हैं।

अष्टमी तिथिि की मध्य रात्रि में जन्मे कृष्ण का वृषभ लग्न में हुआ। चन्द्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में बैठे व गुरू, शनि, मंगल, बुध भी अपनी-अपनी उच्च राशियों में बैठे थे। सूर्य अपनी ही सिंह राशि में बैठे।

योग साधना, सिद्धि एवं विद्याओं की जानकारी के लिए जन्म जन्म कालीन ग्रह ही मुख्य रूप से निर्भर करते हैं। अनुकूल ग्रह योग के कारण ही कृष्ण योग, साधना व सिद्धि में श्रेष्ठ बने। गुरू अष्टमेश बनकर तृतीय स्थान पर उच्च राशि में बैठ गुप्त साधनाओं से सिद्धि प्राप्त की तथा पंचमेश बुध ने पंचम स्थान पर उच्च राशि कन्या में बैठ हर तरह की कला व तकनीकी को सीखा।

चन्द्रमा ने कला में निपुणता दी। मंगल ने गजब का साहस व निर्भिकता दी। शुक्र ने वैभवशाली व प्रेमी बनवाया। शनि ने शत्रुहन्ता बनाया व सुदर्शन चक्र धारण करवाया। सूर्य ने विश्व में कृष्ण का नाम प्रसिद्ध कर दिया।

जन्म के ग्रहों ने कृष्ण को श्रेष्ठ योगी, शासक, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, चमत्कारी योद्धा, प्रेमी, वैभवशाली बनाया। श्रीकृष्ण की कुंडली में पांच ग्रह चन्द्रमा, गुरू, बुध, मंगल और शनि अपनी उच्च राशि में बैठे तथा सूर्य व मंगल अपनी स्वराशि में हैं।

रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाला बुद्धि और विवेक का धनी होता है। यही चन्द्रमा का अति प्रिय नक्षत्र और चन्द्रमा की उपस्थिति व्यक्ति को जातक मे आकर्षण बढा देती है। ऐसे व्यक्ति सभी को प्रेम देते हैं और अन्य लोगों से प्रेम लेते हैं। श्रीकृष्ण को इस योग ने सबका प्रेमी बना दिया और वे भी सबसे प्रेम करते थे।

जन्म कुंडली का पांचवा स्थान विद्या, बुद्धि और विवेक तथा प्रेम, संतान, पूजा, उपासना व साधना की सिद्धि का होता है। यहां बुध ग्रह ने उच्च राशि में जमकर इन क्षेत्रों में कृष्ण को सफल बनाया तथा राहू के संयोग से बुध ग्रह ने परम्पराओं को तुड़वा ङाला और भारी कूटनीतिकज्ञ को धराशायी करवा डाला।

स्वगृही शुक्र ने उन्हें वैभवशाली बनाया तो वहां उच्च राशि में बैठे शनि ने जमकर शत्रुओं का संहार करवाया। भाग्य व धर्मस्थान में उच्च राशि में बैठे मंगल ने उनका भाग्य छोटी उम्र में ही बुलंदियों पर पहुंचा दिया। मारकेश व व्ययेश बने मंगल ने धर्म युद्ध कराकर व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन कराया।

अष्टमेश गुरू को मारकेश मंगल ने देख उनके पांव के अगूठे में वार करा पुनः बैकुणठ धाम पहुंचाया। अष्टमेश और मारकेश का यह षडाष्ठक योग बना हुआ है और मारकेश मंगल ग्रह को पांचवी दृष्टि से राहू देख रहा। यह सब ज्योतिष शास्त्र के ग्रह नक्षत्रों का आकलन मात्र है। सत्य क्या था यह तो परमात्मा श्रीकृष्ण ही बता सकते हैं।

Bharat Ratna Sh.Atal Bihari Vajpayee First International Girls & Boys Cricket Trophy from 20th November

Chandigarh / Panchkula:

According to Mrs.Latika Sharma ,Chairman & Amar jit Kumar ,Secretary Genetal of Haryana Sports Welfare Association (regd.) is organising the First Bharat Ratna Shri.Atal Bihari Vajpayee (Former Prime Minister of India ) International Women’s (Seniors) and Boys U-15 International Cricket Championship at Cricket Stadium,Panchkula (Haryana) & Chandigarh (U.T.) from 20th November to 24th November,2018 between Our Asia Region Neighbouring Countries Bangladesh ,Nepal ,Afghanistan ,Pakistan & India as a mark of tribute to the former Prime minister. According to Latika Sharma & Amarjit kumar It is to be mentioned that the After the demise of the late Prime Minister and to showcase his contribution to the nation which was highly appreciable and as he was one among the few leaders who was universally accepted by all political parties,Sports Lovers all our India as well as World and people from all walks of life the tournament has been named as { Bharat Ratna Sh.Atal Bihari Vajpayee Trophy }

According to Secretary General In this Bhartiya Rural Premier International Girls (Seniors) & Boys under-15 Cricket League day/night Championship total eight Girls cricket teams from Bangladesh, Nepal,Afghanistan,,Pakistan & India shall participate in this mega championship at Cricket Stadium’s Panchkula (Haryana ) & Chandigarh(U.T.) (India.) from 20th to 24th November ,2018. According to Mrs.Latika Sharms,Chairman & Secretary General Amarjit kumar the Haryana Sports Welfare Association (regd.) the main motto to organise the 2nd Girls International Rural league cricket championshipas ” BETI KHILAYO” to follow the theme of “BETI BACHAYO,BETI PADHAYO”is a Social Campaign of the Government of India that aims to Generateawareness & improve the efficiency of welfare services intended for Girls.According to Amarjit kumar ,Secretary General of Haryana Sports Welfare Association (Regd.) the main motive of the First Boys under-15 International Junior League Cricket Championship is to restrain the young Generation of our Rural / backward Area from the drug addiction and shall given chance to villages / Rural Area Junior players to show their talent in International Stadiums Chandigarh (U.T.) and Panchkula (Haryana) with international teams. Amarjit Kumar said that the main aims is to promote and develop the game of cricket for men from the grass root level in the Junior age Grouos.Amar Jit Kumar said that the organising Committee will provide Top class Boarding, Lodging and Transport facilities to all participants and officials accompanying the International girls (Seniors) & boys under-15 cricket teams fromBangladesh,Nepal,,Afghanistan, Pakistan & india.
The Association shall give Glittering trophies and individual prizes. The Haryana Sports Welfare Association (Regd.) will distribute every Man of the match, best batsman, best bowler, best all rounder, best wicket keeper, best fielder of the championship and Up-Coming Cricketers.

All the matches of the Championship will be played at International Cricket Stadium’s Chandigarh (U.T.), Panchkula (Haryana), on day/night affairs with coloured clothing and white ball. Qualified umpires, scorer and officials will be deputed in the League Championship.