हमले की निंदा करते हुए भी झूठ बोलने से बाज़ नहीं आया पाकिस्तान

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की निंदा तो की लेकिन झूठ बोलने से बाज नहीं आया.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की निंदा तो की लेकिन झूठ बोलने से बाज नहीं आया. पाकिस्तन ने पुलवामा हमले पर प्रतिकिया देते हुए कहा कि बिना जांच के इसके तार इस्लामाबाद से जुड़े होने के भारत के आरोप ठीक नहीं. 

गौरतलब है कि पुलवामा में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 37 जवान शहीद हो गए जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं. घंटों की चुप्पी के बाद आधी रात के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया. बयान में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुआ हमला ‘गंभीर चिंता का विषय है.” उसमें कहा गया है, “हमने हमेशा घाटी में हिंसक घटनाओं की निंदा की है.” 

पाकिस्तान ने इस आरोप को खारिज किया कि वह कहीं भी इस हमले से जुड़ा हुआ है. बयान में कहा गया है, “हम जांच के बगैर इस हमले से पाकिस्तान को जोड़ने की भारत सरकार के किसी भी व्यक्ति या मीडिया की कोशिशों को सिरे से खारिज करते हैं.” 

चीन ने मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने की मांग को नकारा
चीन ने शुक्रवार को पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा की है, लेकिन उसने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराए जाने की भारत की अपील का समर्थन करने से एक बार फिर इनकार कर दिया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने पत्रकारों से कहा, “चीन आत्मघाती हमले की खबरों से वाकिफ है. हम इस हमले से गहरे सदमे में हैं और मृतकों तथा घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं.” 

गेंग ने कहा, “हम आतंकवाद के किसी भी रूप की कड़ी निंदा और पुरजोर विरोध करते हैं. उम्मीद है कि संबंधित क्षेत्रीय देश आतंकवाद से निपटने के लिए एक दूसरे का सहयोग करेंगे और इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व के लिये मिलकर काम करेंगे.” 

अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, जहां तक सूचीबद्ध करने की बात हैं, मैं बस यही बता सकता हूं कि सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के प्रस्ताव संख्या 1267 के तहत आतंकवादी संगठनों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया और नियम स्पष्ट हैं.” 

अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों से भारत की अपील के बारे में उन्होंने कहा, “जैश-ए-मोहम्मद को सुरक्षा परिषद की आतंकवाद प्रतिबंध सूची में रखा गया है. चीन संबंधित प्रतिबंधों के मुद्दे से रचनात्मक और जिम्मेदार तरीके से निबटना जारी रखेगा.” 

पाकिस्तान के करीबी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो शक्ति प्राप्त चीन अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने की भारत की कोशिशों को कई बार विफल कर चुका है. उसका कहना है कि इस मुद्दे को लेकर सुरक्षा परिषद में कोई सहमति नहीं है.

ईडी ने वाड्रा की 4.62 करोड़ की संपाती की अटैच

ईडी ने यह कार्रवाई बीकानेर लैंड स्कैम केस में की है

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा पर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी(पी) लिमिटेड(अब एलएलपी) की 4.62 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर दी है. यह कार्रवाई बीकानेर लैंड स्कैम केस में की गई है.

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ANI@ANI

Enforcement Directorate (ED) attaches assets worth Rs 4.62 crores of Robert Vadra’s company M/s Sky Light Hospitality (P) Ltd (Now LLP) and others in connection with Bikaner land scam case.6437:38 PM – Feb 15, 2019353 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने रॉबर्ट वाड्रा से बुधवार को जयपुर में लगभग नौ घंटे पूछताछ की थी. राज्य के बीकानेर जिले में हुए कथित जमीन घोटाले के संबंध में उनसे यह पूछताछ की गई थी.

वाड्रा सुबह 10.26 बजे निदेशालय (ED) के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे थे. उनसे लगभग नौ घंटे की पूछताछ की गई. बीच में उन्हें एक घंटे का लंच ब्रेक दिया गया था. वह रात 8.40 बजे ईडी कार्यालय से निकले और सीधे एयरपोर्ट चले गए थे.

वाड्रा से मंगलवार को भी लगभग नौ घंटे पूछताछ हुई थी. वाड्रा अपनी मां मॉरीन वाड्रा के साथ जयपुर स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे थे लेकिन मौरीन को कुछ घंटे बाद कार्यालय से जाने की अनुमति दे दी गई थी.

इस पूछताछ के बाद वाड्रा ने फेसबुक पर इमोशनल पोस्ट लिखा था. इसमें उन्होंने अपनी मां मॉरीन वाड्रा को हुई परेशानियों का जिक्र किया था. उन्होंने लिखा, समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार एक वरिष्ठ नागरिक के साथ बदले की भावना से क्यों काम कर रही है. वो भी उस महिला के साथ, जिसने अपनी बेटी को सड़क दुर्घटना में खोया है. उसके बेटे और पति की डायबिटीज की बीमारी की वजह से मौत हो गई.

वाड्रा ने कहा, परिवार में तीन मौतों के बाद मैंने सिर्फ उन्हें (मॉरीन वाड्रा को) अपने कार्यालय में मेरे साथ समय बिताने के लिए कहा ताकि मैं उनकी देखभाल कर सकूं और हम दोनों अपने दुख से उबर सकें.’

ईडी ने 2015 में सौदे के सिलसिले में आपराधिक मामला दर्ज किया था. बीकानेर के तहसीलदार ने इलाके में जमीन के आवंटन में कथित धोखाधड़ी के बारे में शिकायत की थी जिसके बाद राजस्थान पुलिस ने प्राथमिकी और आरोपपत्र दायर किए थे.

सीएजी भगवान नहीं: चिदम्बरम

जब खेमका ने रोबर्ट वाड्रा की फ़ाइलस की जांच शुरू कर घोटालों का पर्दाफाश किया था तो भगवान थे चिदम्बरम जिनहोने कहा की “मैंने सब देख लिया है सब, ठीक है”। आज फिर वही भगवान सामने आ कर ‘सीएजी’ के बारे में कह रहे हैं की ‘सीएजी’ भगवान नहीं है, उसके ऊपर संसद हैं। यह संसद वही संसद है जिसमे प्रधान मंत्री मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और रक्षामंत्री श्रीमती सीतारमण हैं। परंतु भगवान चिदम्बरम सिर्फ कांग्रेस के सांसदों ही को संसद मानते हैं। राफेल के सौदे को भारत सरकार, सर्वोच्च न्यायालय, भारतीय संसद, वायु सेना, राफेल की निर्माता कंपनी, सीएजी(नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) और फ्रांस की सरकार ने माना कि इस सौदे में कोई त्रुटि नहीं है। सब पाक साफ है, कोई घोटाला अथवा दलाली कि बात नहीं है। परंतु माननीय पी चिदम्बरम जी को पता नहीं क्यों यकीन है कि कोई भी रक्षा सौदा बिना दलाली के संभव नहीं।

कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की आलोचना करते हुए गुरुवार को कहा कि कैग कोई भगवान नहीं है और इस मामले की छानबीन संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से ही सकती है क्योंकि संसद सर्वोच्च है.

पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, ‘अगर आप राफेल से जुड़ी कैग रिपोर्ट के 33 पन्नों को पढ़ेंगे तो सौदे के कई छिपे पहलुओं के बारे में पता चलेगा. इसमें विमानों की संख्या, कीमत और आपूर्ति के समय जैसे पहलू शामिल हैं. इन्हें पढ़ने के बाद आपको निराशा होगी.’

उन्होंने कहा, ‘कैग रिपोर्ट में जो कहा गया है उस संदर्भ में यह महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि जो नहीं कहा गया है उसको लेकर यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण है.’

पूर्व वित्त मंत्री ने आरोप लगाया, ‘कैग ने ऐसी रिपोर्ट सौंपी जिसमें कोई उपयोगी जानकारी, विश्लेषण या निष्कर्ष का उल्लेख नहीं है. कैग ने देश के लोगों को निराश कर दिया.’ उन्होंने दावा किया कि सरकार इस मामले में तथ्यों को छिपानी चाहती है और कैग ने उसकी मर्जी के मुताबिक काम किया है.

एक सवाल के जवाब में चिदंबरम ने कहा, ‘कैग भगवान नहीं है. उसने एक रिपोर्ट दी है. संसद सर्वोच्च है. संसद रिकॉर्ड की जांच कर सकती है और निष्कर्ष निकाल सकती है. संसद सत्र के आखिरी दिन कैग की रिपोर्ट पेश की गई ताकि लोकलेखा समिति इस पर विचार नहीं कर सके.’ एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कैग ने अपना ‘मजाक’ बनवाने दिया है.

गौरतलब है कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 36 लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद के लिए राजग सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट के साथ जो सौदा किया वह इन विमानों की खरीद के लिए 2007 में की गई तत्कालीन UPA सरकार की वार्ता पेशकश की तुलना में 2.86 फीसदी सस्ता है. हालांकि, रिपोर्ट में इन विमानों की कीमतों का जिक्र नहीं है.

न भूलेंगे, न माफ करेंगे: सीआरपीएफ़

नई दिल्‍ली : जम्‍मू-कश्‍मीर में पुलवामा में हुए आतंकी हमले में अपने 44 जवानों को खोने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में आतंकियों और उसके पनहगारों के प्रति कितनी नाराजगी है, इसका अंदाजा शुक्रवार को उसकी तरफ से आई प्रतिक्रिया से साफ जाहिर हो गया. बल ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि ‘न भूलेंगे और ना ही माफ करेंगे’. 

बल ने ट्विटर पर अपने आधिकारिक अकाउंट पर ट्वीट करते हुए कहा कि ‘हम न भूलेंगे, ना ही माफ करेंगे. हम पुलवामा हमले में शहीद हुए अपने जवानों को सलाम करते हैं और शहीद भाईयों के परिवार के साथ खड़े हैं. इस जघन्य हमले का बदला लिया जाएगा’.

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में कहा गया कि भारत, पाकिस्तान के मंसूबों को कभी भी कामयाब होने नहीं देगा. 

पीएम ने कहा कि ‘पुलवामा में वीर शहीद हुए जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए सुरक्षाबलों को पूरी आजादी दे दी गई है. हमले से पूरे देश में आक्रोश है, इस समय लोगों का खून खौल रहा है, लेकिन देश की जनता को सेना के शौर्य पर पूरा भरोसा है’.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ‘गुनहगारों को उनके किए की सजा अवश्य मिलेगी. भारत आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई को और भी तेज करेगा. मैं आतंकी संगठनों को और उनके सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि वो बहुत बड़ी गलती कर गए हैं’.

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 44 जवान (रॉयटर्स के अनुसार)  शहीद हो गए.

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे. इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे. जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया. श्रीनगर से लगभग 20 किलोमीटर दूर पुलवामा के इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है.

कंठ में कोई गीला गोला सा अटक रहा है बार बार, ईश्वर तू ही कुछ कर’: डॉ. कुमार विश्वास

नई दिल्लीः पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. दुनियाभर के नेताओं और नामचीन हस्तियों ने इस हमले की निंदा करते हुए शहीद परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. भारत में भी तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं, बॉलीवुड हस्तियों और खिलाड़ियों ने हमले की निंदा करते हुए आतंक के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है. मशहूर कवि डॉ कुमार विश्वास ने पुलवामा हमले में शहीद जवानों के परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए मार्मिक पंक्तियां लिखी हैं. कुमार विश्वास की इन लाइनों के पढ़ आपका भी गला रुंध जाएगा.

इसके साथ ही कुमार विश्वास ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट की प्रोफाइल पिक भी बदल दी है. उनकी नई तस्वीर में एक सैनिक सो रहे नागरिक की रक्षा करते हुए दिखाया गया. सैनिक की पीठ पर कई वार हो रहे हैं.

डॉ. कुमार विश्वास ने ट्वीट में लिखा, ‘ग़ुस्सा,बेबसी और आंसू हावी हैं नींद पर, कैसी बीत रही होगी उन परिवारों पर ये रात?, हर तरफ़ दुनिया सोई है पर मेरी नींद मर सी गई हैं !, आंखों में किरचें चुभ रही हैं. हम ही शायद पागल हैं जो संवेदना को इतने गहरे ले बैठते हैं. कंठ में कोई गीला गोला सा अटक रहा है बार बार, ईश्वर तू ही कुछ कर’

District Magistrate Jammu imposes curfew in Jammu city

Curfew was imposed in Jammu city on Friday as a precautionary measure following massive protests over the terror attack in Pulwama in the Kashmir Valley in which 40 CRPF personnel were killed, officials said.

The Army has been requested to help the administration in maintaining law and order and conduct flag marches, they said.

Curfew was clamped as authorities feared a communal backlash, officials said. Protesters, particularly in the old city, refused to disperse even after loudspeakers announced that curfew was imposed.

पाकिस्तान से MFN दर्जा छिना

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर विचार-विमर्श के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की शुक्रवार को बैठक खत्म हो गई है. संभव है कि इस मीटिंग में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीटिंग में हुई चर्चा की जानकारी शेयर करते हुए बताया कि इसमें पाकिस्तान का सीधा संबंध है और सरकार पाकिस्तान के खिलाफ बड़े कदम उठाने के लिए तैयार है.

जेटली ने बताया कि सरकार ने इस दिशा में सबसे बड़ा कदम उठाते हुए भारत ने पाकिस्तान को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया.

जेटली ने बताया कि भारत इस हमले के मद्देनजर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उसे अंतरराष्ट्रीय जगत पर बेनकाब करेगा और उसे आतंक के मुद्दे पर दुनिया भर में अलग-थलग करेगा. जेटली ने कहा कि जो लोग भी इस हमले में शामिल हैं, उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.

आइये जानते हैं क्‍या है मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का मतलब और इसके मायने…
दरअसल, मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का मतलब है सबसे ज्‍यादा तरजीही वाला देश. MSN का दर्जा मिलने के बाद दर्जा प्राप्‍त देश को इस बात का आश्‍वासन रहता है कि उसे कारोबार में कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) और अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार नियमों के आधार पर बिजनेस में सबसे अधिक तरजीह वाले देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है. डब्ल्यूटीओ बनने के साल भर बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था.

यह बैठक पुलवामा की फिदायीन हमले की घटना की पृष्ठभूमि में हुई है, जिसमें 40 सीआरपीएफकर्मी शहीद हुए हैं. सीसीएस की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. इस मीटिंग में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री इसमें शामिल हैं. साथ ही इसमें एनएसए और एनएससी के सदस्य भी हिस्सा हैं. सीसीएस सुरक्षा और सामरिक मामलों पर निर्णय करती है.

इस दर्जे से किसी देश को क्‍या लाभ होते हैं…
यह दर्जा दो देशों के मध्‍य कारोबार में दिया जाता है. इससे अंतर्गत दोनों मुल्‍क एक दूसरे को आयात और निर्यात में विशेष छूट देते हैं. विश्‍व व्‍यापार संगठन के सदस्‍य देश खुले व्‍यापार और बाजार के नियमों में बंधे हुए हैं, लेकिन एमएफएन के नियमों के तहत देशों को विशेष छूट दी जाती है. 
भारत-पाक के बीच इन चीजों का है बड़ा कारोबार
भारत और पाकिस्‍तान के बीच सीमेंट, चीनी, रुई, सब्जियों, ऑर्गेनिक केमिकल, चुनिंद फल, ड्राई फ्रूट्स, मिनरल ऑयल, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा करने भी जाने वाले हैं. हादसे की जांच के लिए शुक्रवार को NIA की टीम भी पुलवामा जाएगी. इस टीम में 12 सदस्य होंगे जिसका नेतृत्व IG रैंक के अधिकारी करेंगे.

गृहमंत्री पहले श्रीनगर जाएंगे. फिर यहां से 11 बजे के आसपास वो गवर्नर सत्यपाल मलिक और फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की टीम के साथ पुलवामा जाएंगे.

इसके पहले सूत्रों के हवाले से खबर मिली थी कि गुरुवार शाम दिल्ली में CRPF के डीजी राजीव राय भटनागर और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बीच करीब 20 मिनट तक बैठक चली थी. राजीव राय ने CRPF वॉर रूम में मौजूद आला अधिकारियों से रिपोर्ट ली और उसके बाद गृहमंत्री को सारी जानकारी दी.

बता दें कि गुरुवार को पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ काफिले की एक बस से विस्फोटक भरे अपनी गाड़ी को भिड़ा दिया. हाल के सालों में जम्मू-कश्मीर में हुआ यह भीषण आतंकवादी हमला है.

हालांकि पाकिस्तान हमेशा नकारता रहा है की उसका भारत के साथ मात्र 2 से 2.5 बिल्यन डॉलर्ज़ का व्यापार होता है अत: यदि MFN status वापिस भी लेता है तो उसकी अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। भारत के जन मानस की तरफ से पाकिस्तान के भारत के आकाश एवं जल मार्ग अवरुद्ध करने की मांग उठ रही है। और जल संधियों पर पुन: विचार करने पर ज़ोर दिया जा रहा है।

आतंकियों और उनके समर्थकों सभी को सीधे गोली मारने की छूट सेना को मिलनी चाहिए।खून का बदला सिर्फ खून😡😡😡

Facebook से अशोक कुमार जी से साभार

सेनानायक चंदन सिंह ठाकुर जी की कलम से।

ये काश्मीर समस्या की जड़ फारूक अब्दुल्ला बोल रहे कि पाकिस्तान नहीं दोषी, काश्मीरी युवाओं से पूछो। ये वही अब्दुल्ला हैं जिनकी तीन पीढ़ियों ने काश्मीर को बर्बाद कर दिया और काश्मीर को अगला पाकिस्तान बनाने की बहाबी कट्टरपंथ की चाल चलती रही सारे काश्मीरी हिंदू सिख पलायन कर गये।
और अब पाकिस्तान युद्ध की मांग कर रहा है और भारत का नैतिक अधिकार है कि पाकिस्तान को युद्ध का पुरस्कार दिया जाय। शायद मोदी जी को यह मौका है जब अनुच्छेद 370 हटा दे, बलूचिस्तान को आजाद कराये और काश्मीर में सभी भारतीयों के रहने बसने का अधिकार दे। क्या मोदी जी ऐसा करेंगे क्या मुल्क उनसे जो उम्मीदे पाल रखा है उसपर अब खरे उतरेंगे। शायद मोदीजी सरकार नहीं करेगी तो तारीख कभी माफ न करे। अभि तक की बीजेपी की केन्द्र सरकार काश्मीर मामले में कांग्रेस की पूर्व सरकार की नकल ही की है। 
जो गद्दार पत्थरबाजों को अपना अब्बा हजूर समझकर उनके मानवाधिकार की बात करते हैं क्या वो दोगले ये बतायेंगे कि इन आतंकियों को किसने यह सब करने का अवसर दिया। क्या अफजल और याकूब के हमदर्द नमक हराम हरामखोर यह बतायेंगे कि जो स्लीपर सेल ऐसी घिनौनी कायराना हरकत करते हैं उनके लिए जो सडकों पर उतरतै है वो भी आतंकी है और जवानों और मासूमों के खून से इनके हाथ भी सने हैं।
जो मीडिया वाले जो वकील जो बदमिजाज बुद्धिजीवी इनकी सार्वजनिक और न्यायालय में पैरवी करते हैं वो भी जवानों के खून की शहादत के दोषी हैं। जेएनयू में कन्हैया जैसे गद्दार जो भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाते हैं वो भी जवानों के नाहक खून के दोषी है। यदि चीन होता तो अबतक आतंकवाद और आतंकियों और उनके प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष समर्थकों को दोजख भेज दिया गया होता।वैसे गद्दारी तो भारतीय लोकतंत्र की राजनीति के मुख्यधारा में भी शामिल है 😡😡😡
सडक पर खडा कर इन सभी को सीधे गोली मार दी जाती।
लेकिन यह मजबूत भारत वर्ष है जहां बहुत सारे गद्दार हरामखोर दोगले जिनके खून में दोष है वो पैदा है जिनके समर्थन से आतंकी लोगो को घुसपैठ करने छिपने और कायराना हत्या करने का मौका मिलता है। भारत को एक मजबूत कठोर निर्णय लेने वाली ताकतवर बहुमत की केन्द्र सरकार और कद्दावर नेता की जरूरत है। बहुत दुखद घटना। शहीदों को नमन उनके परिवार को नमन और गद्दारों के लिए फांसी मौत की मांग करता हूं।
भारत की संकल्पना ऐसे कायराना हरकत से कमजोर होने वाली नहीं है।
बाहर और अंदर दोनों दुश्मनों गद्दारों का सफाया ही एकमात्र समाधान है।

जय जवान। जय हिंद के जनगण मन।

पुलवामा पर हुए हमले पर एबीवीपी ने आक्रोश जताया

ख़बर, विडियो और फोटो : तारा ठाकुर


विडियो : तारा ठाकुर

आज सम्पूर्ण राष्ट्र पुलवामा में हुए कायराना आतंकी हमले को ले कर आक्रोश में है। गलियों चौराहों से लेकर टीवी के शो में इसी बात की चर्चा है। जगह जगह देश के स्वाभिमान और संप्रभुता पर हुए इस हमले की निंदा की जा रही है। पंचकुला में भी विद्यार्थियों में इस हमले को ले कर आक्रोश दिखाई पड़ा।

फोटो : तारा ठाकुर

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गवर्नमेंट पीजी कॉलेज सेक्टर 1 के छात्र संघ अध्यक्ष चिराग के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। चिराग के नेतृत्व में कॉलेज के छात्रों ने मुख्य द्वार से शहीद संदीप सांखला के शहीद स्मारक तक कैंडल मार्च निकाला और शहीद जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।


विडियो : तारा ठाकुर

छात्रसंघ अध्यक्ष चिराग ने इस अवसर पर कहा कि हमारे देश के जवान बहुत ही वीर और बहादुर है आतंकियों द्वारा ऐसा आत्मघाती हमला का एक कायरता पूर्ण घटना है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवानों पर हुए हमले का मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए और एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी जांबाजी दिखाने के लिए हमारे सैनिकों को अवसर देना चाहिए हमें अपने जवानों और उनकी वीरता पर पूरा भरोसा है कि वे इस आतंकी हमले का बदला जरूर लेंगे।

फोटो : तारा ठाकुर

फिदायीन हमले में 25 सीआरपीएफ़ जवान शहीद

इस आत्‍मघाती हमले की जिम्‍मेदारी जैश-ए-मोहम्‍मद ने ली है. गौर करने वाली बात ये है कि इस आत्‍मघाती हमले को अंजाम देने वाला आतंकवादी पाकिस्‍तान से नहीं है. वह घाटी का ही रहने वाला है.

नई दिल्‍ली/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने आत्‍मघाती हमले को अंजाम देते हुए विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी. इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए. इस आत्‍मघाती हमले की जिम्‍मेदारी जैश-ए-मोहम्‍मद ने ली है. गौर करने वाली बात ये है कि इस सीआरपीएफ के काफ‍िले पर आत्‍मघाती हमले को अंजाम देने वाला आतंकवादी पाकिस्‍तान से नहीं है. वह घाटी का ही रहने वाला है.

इस आतंकी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर हुई है. पुलिस ने बताया कि आदि‍ल अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. वह तभी से घाटी में बड़े आतंकी हमले की फिराक में था. सुरक्षाबलों का कहना है कि आदिल को कुछ दिनों पहले एक ऑपरेशन के दौरान घेर भी लिया गया था. लेकिन वह किसी तरह बच निकला था.

डार ने इस वीडियो में ऐलान करते हुए सरकार के प्रति अपनी नफरत को दिखाया है. इसमें उसने बाबरी मस्‍ज‍िद के मुद्दे को भी उठाया है. इस वीडियो से साफ है कि इस हमले से पहले उसका ब्रेनवॉश किस हद तक किया गया था.

इस हमले के बाद जैश ए मोहम्‍मद ने आदिल डार का एक वीडियो जारी किया. कहा जा रहा है कि इस वीडियो को इस आत्‍मघाती हमले के पहले ही शूट किया गया. इस वीडियो में आदिल के पीछे जैश ए मोहम्‍मद का बैनर दिख रहा है. इसमें हव खुद तमाम हथियारों से लैस है. इस हमले के बाद जैश के प्रवक्‍ता मोहम्‍मद हसन ने दावा किया है कि इस हमले में सेना के कई वाहन नष्‍ट कर दिए गए हैं.

इससे पहले जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर गुरुवार को आतंकियों द्वारा किए गए एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 18 जवान शहीद हो गए और 45 अन्य घायल हुए हैं. पुलिस ने कहा कि आतंकियों ने यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में अपरान्ह करीब सवा तीन बजे सीआरपीएफ बस को निशाना बनाकर आईईडी विस्फोट किया.

धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट की घटना श्रीनगर जम्मू राजमार्ग पर अवंतिपुरा इलाके में हुई. रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने आईईडी में विस्फोट करने के बाद सीआरपीएफ बस पर स्वचलित हथियारों से गोलियां भी बरसाईं. जम्मू एवं कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने 25 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की पुष्टि की और कहा कि यह एक आत्मघाती हमला हो सकता है. खुद को जेईएम का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था.