Sunday, May 25
  • भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए बच्चों की शैक्षणिक नींव मजबूत होना बेहद जरूरी : गुलाब चंद कटारिया
  • भाविप के साक्षरता 2025 प्रोग्राम के अंतर्गत के 606 जरूरतमंद व मेधावी विद्यार्थियों को प्रदान की गई शैक्षणिक किट

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 05 मई :

देश को विश्व गुरु बनाने में साझे प्रयास करने होंगें, विशेषकर युवाओं और बच्चों की भागीदारी के साथ, जिनकी शैक्षिणिक नींव मजबूत होना आवश्यक है। ये बात आज पंजाब के राज्यपाल और यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने आज टैगोर थियेटर में भारत विकास परिषद् द्वारा जरुरतमंदों और योग्य स्टूडेंट्स के शिक्षण सामग्री वितरण के लिये आयोजित साक्षरता 2025 प्रोग्राम के दौरान कही। अपने संबोधन में गुलाब चंद कटारिया ने बच्चों को कहा कि पढ़ाई के साथ साथ अपनी एक विशेष रुचि भी रखें। बच्चों के अच्छे मार्क्स आने पर अध्यापको की सराहनीय कार्य की प्रसंसा करते हुए बताया कि मूर्ति गढ़ना आसान है परन्तु इंसान को बनाना मुश्किल है। भारत विकास परिषद की सराहना करते हुये उन्होंनें लोगों से आह्वान किया कि समाज के उत्थान में इस राष्ट्रव्यापी अभियान को मजबूती देने का प्रयास करें।अपने संबोधन में राज्यपाल ने शैक्षणिक  नींव को मजबूत करने और विद्यार्थियों में मूल्यों को स्थापित करने में भारत विकास परिषद के प्रयासों की सराहना की ओर आगामी सत्र मे उच्च  शिक्षा की बच्चों को बुक्स निशुल्क उपलब्ध करवाने की भी घोषणा की।

 इससे पूर्व परिषद के राष्ट्रीय चेयरमैन (सेवा) अजय दत्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुये परिषद् की गतिविधियों से अवगत करवायाा। साक्षरता प्रोग्राम के निदेशक अशोक कुमार गोयल ने अपने संबोधन में बताया कि वर्ष 1987 से चलाया जा रहा साक्षरता प्रोग्राम निर्धन परन्तु मेधावी छात्रों को सशक्त करने की दिशा में शुरु किया गया था जिसमें उनकी पढ़ाई जारी करने के लिये परिषद् द्वारा किताबे, वर्दी, बैग, स्टेशनरी आदि स्कूली सामग्री निशुल्क वितरित की जाती हैं। उन्होंनें बताया कि अब तक लगभग बीस हजार निर्धन स्टूडेंट्स को आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है। इसके अलावा इस प्रोग्राम के तहत निर्धन लड़कियों के लिये तीन बाल विकास केन्द्र और सिलाई केन्द्रों का भी संचालन किया जा रहा है।

 कार्यक्रम के दौरान 78 सरकारी स्कूलों के 606 स्टूडेंट्स को स्कूली किट प्रदान की गई। इनमें से 371 लड़कियां थी जबकि अन्य 235 लडके थे।

भाविप, चंडीगढ़ प्रांत के अध्यक्ष एमके विरमानी ने कहा कि इस प्रयास से चंडीगढ़ में साक्षरता दर में सुधार करने के लिए विद्यार्थियों, शिक्षकों, दानदाताओं और भारत विकास परिषद के सदस्यों को प्रेरित करने में मदद होगी। इससे पहले, रामकृष्ण मिशन आश्रम, चण्डीगढ़ के सचिव स्वामी भितिहरानंद जी महाराज ने छात्रों को ज्ञान और चरित्र निर्माण के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। अजय दत्ता ने संस्था की विभिन्न संस्कार और सेवा परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। साक्षरता के निदेशक अशोक कुमार गोयल ने बताया कि जरूरतमंद और मेधावी छात्रों की मदद के लिए 1987 में यह परियोजना शुरू की गई थी ताकि छात्रों को वित्तीय बाधाओं के कारण पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर न होना पड़े। 22,000 से अधिक छात्र पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं और अपने जीवन में स्थापित हैं। इस परियोजना के पिछले लाभार्थियों, सी-डैक में वरिष्ठ वैज्ञानिक संजय पुष्पाकर और पीजीआई में शोध छात्रा सुश्री अनु कुमारी ने छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए अपने अनुभव साझा किए। समारोह में साक्षरता अभियान के सह-निदेशक रमन शर्मा, भाविप के सचिव अनिल कौशल और कोषाध्यक्ष अनूप गुप्ता एवं राकेश मोहन सहगल, तिलक राज वाधवा, गीता टंडन, गुरदीप सिंह, मनजीत सिंह, डॉ. जसपिंदर कौर सूरी, विनोद पंडित, राकेश दत्ता, श्रीमती निर्मल अग्रवाल, श्रीमती मीना राणा और सभी शाखाओं के पदाधिकारी और वरिष्ठ सदस्य आदि भी उपस्थित थे।

संस्था ने परियोजना के लिए वित्तीय सहायता देने वाले सतिया इंडस्ट्रीज से ध्रुव सतिया, किस्को इंडिया से सिम्मी खन्ना, टेक्स्टिंग एक्सपर्ट्स से अर्चना गुप्ता एवं अन्य सम्मानित दानदाताओं का आभार व्यक्त किया।