‘दिल्ली के शाहीन बाग फायरिंग करने वाला कपिल गुर्जर आम आदमी पार्टी से जुड़ा है’: पुलिस तफतीश

समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई

कभी चेहरा नहीं मिलता कभी आईना नहीं मिलता

कपिल के पिता गजे सिंह दिल्ली में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ तस्वीरों में नजर आ रहे हैं. करीब एक साल पहले 2019 की इन फोटो में कपिल गुर्जर आम आदमी पार्टी की सदस्यता लेते नजर आ आया है. उस वक्त कपिल और उसके पिता के साथ कपिल के करीब एक दर्जन से ज्यादा साथियों ने भी आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली थी.

  • क्राइम ब्रांच SIT की तफ्तीश में हुआ खुलासा
  • तस्वीरों में AAP की सदस्यता लेते दिखा कपिल

नयी दिल्ली ब्यूरो:

दिल्ली के शाहीन बाग फायरिंग मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि शाहीन बाग में पिछले दिनों फायरिंग करने वाला शख्स कपिल गुर्जर आम आदमी पार्टी से जुड़ा है. कपिल के पिता गजे सिंह भी आम आदमी पार्टी से जुड़े हैं. कपिल ने बताया है कि उसने और उसके पिता ने 2019 के शुरुआती महीने में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली थी.

कपिल गुर्जर के इस बयान को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम अदालत में भी बता चुकी है. कपिल गुर्जर के मोबाइल फोन से यह खुलासा हुआ है. बता दें, क्राइम ब्रांच को कपिल गुर्जर के मोबाइल में कुछ फोटो मिले हैं. इन फोटो में आरोपी कपिल गुर्जर और उसके पिता गजे सिंह आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी, सांसद संजय सिंह के साथ नजर आ रहे हैं.

कपिल के पिता गजे सिंह दिल्ली में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ तस्वीरों में नजर आ रहे हैं. करीब एक साल पहले 2019 की इन फोटो में कपिल गुर्जर आम आदमी पार्टी की सदस्यता लेते नजर आ आया है. उस वक्त कपिल और उसके पिता के साथ कपिल के करीब एक दर्जन से ज्यादा साथियों ने भी आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली थी.

क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव ने कहा, अपनी शुरुआती जांच में हमें कपिल के फोन से कुछ तस्वीरें मिलीं जो बताती हैं वह (कपिल) और उसेक पिता एक साल पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे. उसने इसका पहले ही खुलासा कर दिया है. हमने उसका 2 दिन का रिमांड लिया है.

जांच में कपिल गुर्जर फिलहाल क्राइम ब्रांच की एसआईटी की कस्टडी में है. कपिल ने फायरिंग के बाद अपने व्हाट्सएप को डिलीट कर दिया था. तफ्तीश में क्राइम ब्रांच ने व्हाट्सएप चैट और बाकी चीजें फोन से बरामद की जिससे यह खुलासा हुआ. बता दें, 30 जनवरी को कपिल बाइक से सार्थक के साथ शाहीन बाग पहुंचा था. उसने शाहीन बाग में दो राउंड फायरिंग भी की थी. उधर क्राइम ब्रांच ने सार्थक से भी पूछताछ की है.

कपिल के पिता पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और फिर एमसीडी का चुनाव लड़ चुके हैं. कपिल ने शाहीन बाग पहुंच कर अपना मोबाइल और बाइक सार्थक को दे दिया था. फिर फायरिंग की थी. इसके बाद उसे घटनास्थल से पकड़ लिया गया था. पुलिस ने फायरिंग में इस्तेमाल किए गए हथियार को भी बरामद किया था.

The Ashok Chakra of the Indian National Flag was replaced

During one of the anti CAA protests in Hyderabad, a shocking visual came to light. The Ashok Chakra of the Indian National Flag was replaced with an Islamic Shahada ‘La Ilaha Illallah’ which means “there is no other God but allah”. On the official twitter handle of The News Indian Express, Telangana (TNIE, Telangana), the following tweet was seen on Jan 04, 2020, the image of which was credited to photojournalist Vinay Madapu.

LSJ approached TNIE to verify the veracity of the image and the claim, which was confirmed as true and correct. The slogan ‘La Ilaha Illallah’ which means “there is no other God but allah” is now being openly used to mock the Constitution and the revered Ashok Chakra of India’s national flag in the name of secularism by replacing it with the same Islamic Shahada that once provoked the gullible Kashmiris in January, 1990 in order to provoke them to wash their hands in blood of their own brothers in the name of Allah leading to a macabre tale of the Kashmiri pandits massacre.

credited to photojournalist Vinay Madapu

The Flag Code of India, 2002 contains executive instructions issued by the Government of India. Also, in terms of Section 2 of Insults to National Honour Act, 1971 – no person shall burn, mutilate, deface, defile, disfigure, destroy, trample upon or otherwise show disrespect to or bring into contempt (by words, either spoken or written, or by acts) the Indian National Flag. Strict action must be taken to curb such instances that rip apart the country in the name of religion.

पूरा भाषण न पढ़ पाने पर भी सीतारमण ने तोड़ा अपना ही सबसे लंबा भाषण पढ़ने के रेकार्ड

आम बजट 2020 (Union Budget 2020) पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने देश के बजट इतिहास में सबसे लंबी स्पीच देने का रिकॉर्ड बना दिया। उनका ये बजट भाषण (Budget Speech) दो घंटे 42 मिनट तक चला।

नई दिल्ली. 

आम बजट 2020 (Union Budget 2020) पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया. उन्होंने देश के बजट इतिहास में सबसे लंबी स्पीच देने का रिकॉर्ड बना दिया। उनका ये बजट भाषण (Budget Speech) दो घंटे 42 मिनट तक चला। उनका ये बजट भाषण और भी लंबा हो सकता था, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण वह बजट भाषण के आखिरी दो पन्ने नहीं पढ़ पाईं. इसके बाद उन्हें ये भाषण वहीं रोकना पड़ा। हालांकि तब तक वह सबसे लंबा भाषण देने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ चुकी थीं।

लगातार दो घंटे 42 मिनट तक अपना बजट भाषण देने के बाद निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की तबीयत खराब हो गई. उस समय बजट भाषण में दो पेज बचे हुए थे। उन्हें पसीना आने लगा और वह माथे से पसीना पोछती दिखाई दीं. उनके सहयोगी मंत्रियों द्वारा टेबलेट दी गईं। इस बीच अकाली दल की सांसद और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर (Harsimarat Kaur) उन्हें एक टेबलेट देने आईं जो उन्होंने नहीं ली। उन्होंने कौर को बताया कि वह पहले से ही एक टेबलेट ले रखी है.इसके बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से बजट भाषण रोकने की अपील की. लोकसभा अध्यक्ष ने उनसे पूछा कितने पेज बचे हैं। उन्हें बताया गया कि 2 पेज बचे हैं. इसके बाद उन्हें भाषण रोकने की इजाजत दे दी गई।

निर्मला सीतारमण ने सबसे लंबा भाषण देकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया. 2019 में उनके नाम 2 घंटे 17 मिनट का भाषण दिया था. तब उन्होंने 2003 में एनडीए के वित्तमंत्री जसवंत सिंह का सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड तोड़ा था.

TWO DAY NATION WIDE STRIKE BY BANKERS

CHANDIGARH – 1 Feb, 2020
On the call of United Forum of Bank Unions (UFBU), the apex co-ordination of 9 trade unions of Bank employees and Officers, observed strike today i.e. 01/02/2020.  This is the 2nd day of two day strike called by UFBU ON 31/01/2020 and 01/02/2020.  More than 2500 members of UFBU from the tricity participated in the massive demonstration held in front of PNB, Sector 17, Chandigarh.  The two day strike has been called by UFBU against the pending Wage Revision, 5 day Banking as well as other demands.  The wage revision of Public sector Bankers is done after 5 years.  The present wage revision is due since 01/11/2017.  The loud sloganeering by the participants showed the anger of the members.  The participation by more than 700 lady members in the demonstration and the slogan shouting by them was a proof of their anguish against the non fulfillment of their demands.

Sanjeev Bandlish, Deepak Sharma, Jagdish Rai, Aashish, Kranti Rai, Sanjay Sinha, B S Gill, T S Saggu, Gurbax Singh, Ashok Goyal, Harvinder Singh, A P Sharma, Shri Pankaj Sharma, T R Gupta, Devinder Singh participated in the demonstration.  All the speakers deplored the rigid as well as anti employees attitude of the IBA, conveyed their grievance about the inordinate delay and rejecting the 5 days week demand.  In view of the above, the members were left with no alternative than to go on strikes.  The speakers aplogised to the general public/customers of the Public sector banks for any inconvience caused and appealed to them to bear with us for the disruption of services due to the strike which has been forced on us by the bank managements and IBA. Public as well as our customers will appreciate that we have patiently negoiated for the past 30 months with a view to settle our demands amicably without creating any industrial relation problems and without affecting banking services.

नकारात्मक पत्रकारिता की वजह शिक्षा और प्रशिक्षण की कमी : एस॰के॰ जैन

पुरनूर, पंचकुला – 31 जनवरी:

पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में कुछ कमियां दिखाई दे रही है जिसका कारण शहर के वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार एस के जैन शिक्षा और जरूरी प्रशिक्षण की कमी को मानते हैं । पत्रकारिता के लगातार बदलते आयाम विषय पर चर्चा करते हुए जैन ने www.demokraticfront.com से कहा कि अखबार पढ़ने से लेकर अखबार में छपने तक के सफर में उन्होंने मीडिया में बहुत से परिवर्तन देखे। पहले मीडिया का माध्यम केवल अखबारें यानी प्रिंट मीडिया ही हुआ करता था लेकिन समय और तकनीक बदलने के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया ने भी अपने जगह ना केवल बना ली है बल्कि आज की तारीख में मीडिया में इनका स्थान सर्वोपरि है।

लेकिन समकालीन परिवर्तन सकारात्मक होने से ज्यादा नकारात्मक है क्यों कि छोटी बड़ी सभी अखबारें और अन्य मीडिया के माध्यम पैसे को अधिक तरजीह देते हैं जबकि पहले पत्रकारिता पैशन हुआ करता था कि अब मात्र प्रोफेशन बनकर रह गया है ।
पत्रकारिता के गिरते स्तर का एक अन्य कारण बताते हुए जैन ने कहा के आजकल लोग लिखने की बजाय टाइपिंग पर जोर देते हैं इसी वजह से भाषा भावों का स्तर पहले सा नहीं रहा।

एसके जैन ने कहा कि धीरे-धीरे अखबारों से बहुत से कॉलम गायब हो रहे हैं प्रिंट मीडिया में पहले कार्टून का स्थान था कार्टून अपने आप में एक पूर्ण लेख खबर और चित्र का काम करता है ।परन्तु प्रतिभा की कमी कहें या कोई व्यवसायिक कारण यह कॉलम अब इक्का दुक्का अखबारों में ही मिलता है।

जैन ने कहा के पहले अखबारों के मालिक स्वयं पत्रकार हुआ करते थे लेकिन अब मालिक व्यवसायी हैं जोकि मिशन ना लेकर बल्कि आमदनी का ज़रिया मानते हैं वह चाहे किसी भी तरह हो।

निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषियों को फांसी पर लटकाने की तय तारीख एक बार फिर टल गई

पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था. उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद दोषियों को इस घिनौने अपराध के लिए मृत्युदंड दिया था। अब दिल्ली की अदालत ने 31 दिसंबर को 16 दिसंबर, 2012 के सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चार दोषियों की मौत की सजा को अगले आदेश तक के लिए टाल दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषियों द्वारा 1 फरवरी को उनके निष्पादन पर रोक लगाने की याचिका पर आदेश पारित किया।

नई दिल्ली. 

निर्भया गैंगरेप और हत्या के (Nirbhaya Case)दोषियों को फांसी पर लटकाने की तय तारीख एक बार फिर टल गई है. पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है.  अब उन्हें 1 फरवरी को फांसी नहीं दी जाएगी. ये दूसरी बार है जब दोषियों की फांसी टाली गई है. इससे पहले 22 जनवरी सुबह 7 बजे दोषियों को फांसी देने की तारीख तय हुई थी.

बता दें कि दोषी विनय की ओर से गुरुवार कोर्ट में याचिका दाखिल कर राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने का आधार बताकर फांसी पर रोक लगाने की मांग की गई थी. न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल प्रसाशन को ऑर्डर की प्रति प्राप्त करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगाई जाए.

निर्भया के वकील ने दी थी ये दलील

वहीं, सुनवाई के दौरान तिहाड़ के वकील ने कहा कि विनय इंतजार कर सकता है, लेकिन बाकी तीन दोषियों को कल फांसी दी जाये. तिहाड़ के वकील ने कहा कि जिसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, उसे छोड़कर बाकी तीन को कल यानी 1 फरवरी को फांसी दी जाय. तिहाड़ जेल की ओर से पेश हुए वकील इरफान अहमद ने कहा कि केवल एक दोषी की (विनय शर्मा) दया याचिका लंबित है और अन्य को फांसी दी जा सकती है.उन्होंने कहा कि इसमें कोई अवैधता नहीं है.

निर्भया के वकील ने कोर्ट में कहा कि नियम कहता है कि जेल प्रशासन इस संबंध में सरकार को संदेश भेजकर पूछेगा कि क्या फांसी रोकी जाए. अगर कोई जवाब नहीं मिलता तो फांसी को रोका जा सकता है. इसके लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है.

कुछ दोषियों ने नहीं इस्तेमाल किया है कानूनी उपाय

बता दें दोषी पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार के वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी पर ‘अनिश्चितकालीन’ स्थगन लगाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि दोषियों में कुछ के द्वारा कानूनी उपायों का इस्तेमाल किया जाना बचा हुआ है.निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ब्लैक वारंट जारी किया था जिसमें एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया. इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी.

तिहाड़ जेल ने किया था विरोध

अब तक की स्थिति में दोषी मुकेश ने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है. इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दाखिल करना भी शामिल है. उसकी दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को ठुकरा दी थी. मुकेश ने फिर दया याचिका ठुकराए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिसने बुधवार को उसकी यह अपील खारिज कर दी.

वहीं, सुनवाई के दौरान तिहाड़ के वकील ने कहा कि विनय इंतजार कर सकता है, लेकिन बाकी तीन दोषियों को कल फांसी दी जाये. तिहाड़ के वकील ने कहा कि जिसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, उसे छोड़कर बाकी तीन को कल यानी 1 फरवरी को फांसी दी जाय. तिहाड़ जेल की ओर से पेश हुए वकील इरफान अहमद ने कहा कि केवल एक दोषी की (विनय शर्मा) दया याचिका लंबित है और अन्य को फांसी दी जा सकती है.उन्होंने कहा कि इसमें कोई अवैधता नहीं है.

चंडीगढ़ एनसीबी ने 4 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया

कपिल नागपाल, चंडीगढ़ – 31 जनवरी

शहर में नशे से संबंधित मामले बढ़ते जा रहे हैं|आयेदिन पुलिस नशा तस्करों को पकड़ते हुए नजर आ रही है|जहां अब फिर से चार नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है|चंडीगढ़ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने नशा बेचने के मामले में कुल चार लोगों को अलग-अलग जगह से पकड़ा है|चंडीगढ़ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने दो नशा तस्करों को हेरोइन और दो नशा तस्करों को चरस के साथ काबू किया है|पकड़े गए हेरोइन तस्करों की पहचान डड्डू माजरा के रहने वाले 25 साल के सुखविंदर सिंह और 28 साल के उसके साथी हरप्रीत सिंह के रूप में हुई है।वहीँ, चरस तस्करों की पहचान हिमाचल के जिला चंबा के रहने वाले 65 साल के दीन मोहम्मद और पंजाब के जिला लुधियाना के प्रेम कुमार के रूप में हुई है|

डड्डू माजरा के रहने वाले आरोपी, हेरोइन तस्कर कैसे पकडे गए….

चंडीगढ़ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) टीम को 29 / 30 की देर रात को सूचना मिली थी कि एक ब्रिजा कार में सवार होकर दो युवक जिनके पास हेरोइन है वह दिल्ली से चंडीगढ़ की तरफ आ रहे हैं|जिसके बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी)टीम ने डेराबस्सी से आगे दप्पर टोल प्लाजा के पास नाका लगा लिया।जैसे ही आरोपियों की गाड़ी टोल प्लाजा के पास आई तो एनसीबी की टीम ने कार को रोका और तलाशी ली|तलाशी के दौरान कार से 268 ग्राम हेरोइन बरामद हुई|हेरोइन मिलने के बाद एनसीबी ने फ़ौरन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया|एनसीबी ने बताया कि दो आरोपियों में से एक आरोपी सुखविंदर सिंह कंप्यूटर एप्लीकेशन का कोर्स कर रहा है|

पकड़े गए दोनों आरोपी किस तरह करते थे हेरोइन की सप्लाई…….

पकड़े गए दोनों आरोपी हेरोइन दिल्ली में किसी नाइजीरियन से लेते थे| नाइजीरियन दोनों आरोपियों को हेरोइन दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर बुलाकर देता था।यह भी बताते हैं कि पकड़े गए आरोपी जब भी दिल्ली में सप्लाई लेने के लिए जाते थे। तब वह अलग-अलग गाड़ी लेकर जाते थे और 1 महीने में दो बार दिल्ली जाते थे। ताकि कोई उनके ऊपर ट्रैप ना लगा पाए। दोनों तस्कर चंडीगढ़ मोहाली खरड़ और आसपास के इलाकों में तीन हजार पर ग्राम हेरोइन की सप्लाई करते थे।

चरस तस्कर कैसे पकडे गए……

चंडीगढ़ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को सूचना मिली थी कि हिमाचल के जिला चंबा का रहने वाला तस्कर दीन मोहम्मद पंजाब के जिला लुधियाना निवासी प्रेम कुमार को सप्लाई की लिए चरस देने आ रहा है|चंडीगढ़ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी)टीम ने ताक में रहते हुए दोनों को काबू कर लिया|एनसीबी की टीम ने पकड़े गए आरोपियों से 4 किलो चरस बरामद की|चंडीगढ़ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बताया कि लुधियाना निवासी आरोपी प्रेम कुमार लुधियाना के आसपास इलाकों में चरस की सप्लाई करता था।

बता दें कि चंडीगढ़ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) टीम ने जनवरी 2020 में नशा बेचने वालों को पकड़ने में चौथी सफलता हासिल की है।चंडीगढ़ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का कहना है कि उत्तरी भारत में नशे रोकथाम के लिए उनका अभियान लगातार जारी रहेगा

Congress Spokes Person Ajay Verma demanded separate nation for Indian Muslims

New Delhi, 30th January

A video clip of the Congress spokesperson, Ajay Verma, is doing the rounds on social media. In the video, from a programme that was aired this past week on an Indian television news channel, Verma is heard challenging the Bhartiya Janata Party-led ruling government to give a ‘separate nation’ to the 25 crore Indian Muslims and then declare India a ‘Hindu Rashtra’.

“I dare Indian government to show guts and give a separate country, like Pakistan, to Indian Muslims. Then you can declare India as a Hindu Rashtra (nation),” he said during a live debate on Zee news.

Verma’s remarks drew sharp reactions from the anchor and from the BJP spokesperson, Sudhanshu Trivedi, who berated him for his inflammatory and divisive comments.

The incident happened during the show ‘Taal Thok Ke’ on which participants were debating the controversial Citizenship Amendment Act.

राहुल गांधी को री – लॉन्च करने के लिए गहलोत सरकार ने कालेजों से जुटाई भीड़, रैली के दौरान कोई पढ़ाई नहीं

राहुल गाँधी को इस प्रकार तीसरी बार लॉन्च किया जा रहा है। यही कारण है कि गहलोत सरकार अपनी तरफ से किसी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। राज्य सरकार की पूरी मशीनरी ने राहुल गाँधी को बतौर युवा नेता पेश करने के लिए अपना दम-खम लगा दिया गया है। उनकी छवि निर्माण के लिए आज़ राजस्थान मुख्यमंत्री गहलोत एक सभा भी करने वाले हैं।

राहुल गाँधी की युवा आक्रोश रैली में भीड़ जुटाने के लिए गहलोत सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। कॉलेजों में नोटिस जारी करके छात्रों को इस रैली में शामिल होने का फरमान सुनाया गया है। रैली के दौरान कक्षाएँ नहीं होंगी 

राजस्थान के जयपुर के अलबर्ट हॉल में आज ( जनवरी 28, 2020) राहुल गाँधी की युवा आक्रोश रैली के लिए पूरा इंतजाम हो चुका है। खबर है कि रैली में भीड़ जुटाने के लिए गहलोत सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। राजस्थान के कॉलेजों में नोटिस जारी करके छात्रों को इस रैली में शामिल होने का फरमान सुनाया गया है। इस नोटिस में कहा गया कि रैली के दौरान कक्षाएँ नहीं होंगी।

गौरतलब है कि अभी तक जहाँ राजनेताओं की रैलियों में इकट्ठा होने वाली भीड़ पर तरह-तरह के सवाल उठते रहे हैं, वहीं गहलोत सरकार के इस नए कारनामे का पर्दाफाश होने के बाद विपक्ष में बैठी भाजपा को नया हथियार मिल गया है। सिर्फ भाजपा ही नहीं बल्कि आम जनता भी अपने बच्चों पर इस तरह के राजनीतिक हथकंडे थोपने को लेकर राज्य सरकार के प्रति गुस्से में है।

टाइम्स नाऊ की खबर के अनुसार जयपुर के ज्ञानदीप महाविद्यालय के प्रिंसिपल द्वारा जारी किए गए नोटिस में साफ-साफ लिखा है कि महाविद्यालय के छात्र 9 बजे वहाँ इकट्ठा होंगे और उसके बाद गाड़ी उन्हें अल्बर्ट हॉल तक लेकर जाएगी।

बता दें राहुल गाँधी को इस प्रकार तीसरी बार लॉन्च किया जा रहा है। यही कारण है कि गहलोत सरकार अपनी तरफ से किसी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। राज्य सरकार की पूरी मशीनरी ने राहुल गाँधी को बतौर युवा नेता पेश करने के लिए अपना दम-खम लगा दिया गया है। उनकी छवि निर्माण के लिए आज़ राजस्थान मुख्यमंत्री गहलोत एक सभा भी करने वाले हैं।

खबरों के अनुसार राहुल गाँधी आज अल्बर्ट हॉल में युवाओं को संबोधित करते हुए बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक मंदी को लेकर केंद्र सरकार को घेरने वाले हैं। रैली में उनका फोकस युवाओं पर ही रहेगा। यूथ कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता एनआरयू (नेशनल रजिस्टर ऑफ अनइंप्लॉयमेंट) राहुल के सामने लॉन्च करेंगे। इसके अलावा राहुल सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर भी अपनी बात रख सकते हैं।

जानिए भारत को तोड़ने का ब्यान देने वाले शरजील को

भड़काऊ भाषण देने के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ छह राज्यों में केस दर्ज किए गए हैं. कहा जा रहा है कि शरजील इमाम (Sharjeel Imam) शाहीन बाग में हो रहे धरना प्रदर्शन का मुख्य आयोजक था. वो सोशल मीडिया पर लोगों को लगातार इस धरने में शामिल होने की अपील करता था.

नई दिल्ली: 

आजकल अफजल प्रेमी गैंग  के नए-नए अवतार में सामने आ रहा है. नए-नए POSTER BOY और POSTER GIRL बड़ी शान से देश के टुकड़े-टुकड़े करने की कसमें खा रहे हैं. दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने तो कई मौकों पर ये साबित कर दिया है कि जिन्ना वहां के कुछ छात्रों के आदर्श हैं. कुछ दिनों पहले JNU के छात्र और टुकड़े-टुकड़े गैंग के नए सदस्य शरजील इमाम ने भी देश को तोड़ने वाले बयान दिए थे. जिसके बाद दिल्ली के शाहीनबाग में भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील इमाम को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

क्राइम ब्रांच ने शरजील इमाम को जहानबाद के काको थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. शरजील इमाम के ऊपर देशद्रोह और दंगा भड़काने का आरोप लगा है. वहीं, दिल्ली में भी यूपी पुलिस ने शरजील की तलाश में कई जगह छापेमारी की थी. उसके ऊपर असम, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में उनके खिलाफ मामले दर्ज हैं.

बिहार के जहानाबाद जिले का रहने वाला है शरजील इमाम

शरजील इमाम मूल रूप से बिहार के जहानाबाद का रहनेवाला है. उसपर भड़काऊ भाषण के लिए देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. जानकारी के मुताबिक, आइआइटी बॉम्बे (IIT Bombay) से कंप्यूटर साइंस (Computer science) में एमटेक (M Tech)की डिग्री हासिल करने के बाद शरजील भारत से विदेश चला गया था. वहां नौकरी करने के बाद फिर वापस भारत लौट आया. यहां उसने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में पीएचडी करने के लिए दाखिला ले लिया.

शरजील शाहीन बाग में हो रहे धरना प्रदर्शन का मुख्य आयोजक

कहा जा रहा है कि शरजील शाहीन बाग में हो रहे धरना प्रदर्शन का मुख्य आयोजक था. वो सोशल मीडिया पर लोगों को लगातार इस धरने में शामिल होने की अपील करता था. एक फेसबुक पोस्ट में शरजील ने लिखा है, ‘शाहीन बाग का मॉडल चक्का जाम का है, बाक़ी सब सेकेंडरी हैं, चक्का जाम और धरने में फ़र्क समझिए, हर शहर में धरने कीजिए, उसमे लोगों को चक्का जाम के बारे में बताइए, और फिर तैयारी करके हाईवेज पर बैठ जाइए.’

शरजील इमाम नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के कारण अचानक चर्चा में आए. सोशल मीडिया पर जारी उनके वीडियो में कथित तौर पर देशविरोधी भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा था. जिसमें उन्हें पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम को शेष भारत से अलग (कम से कम एक महीने के लिए)करने की बात करते हुए सुना जा सकता है.