कल से शुरु हो जायेगी कुर्की व संपत्ति सील की कार्रवाई

राहुल भारद्वाज सहारनपुर:

  • कल से शुरु हो जायेगी कुर्की व संपत्ति सील की कार्रवाई।
  • कुर्की व सील के बाद देना होगा 10 प्रतिशत अतिरिक्त बकायादारों के पास बस आज का दिन बाकि।

सहारनपुर जिन बकायादारों की ओर निगम का टैक्स बकाया है उनके लिए केवल आज का दिन शेष है, कल यानि एक जनवरी से नगर निगम बकायादारों की संपत्ति सील करने और कुर्की की कार्रवाई शुरु कर देगा। उधर बकायादारों की सुविधा के लिए निगम द्वारा शहर के विभिन्न इलाकों में वसूली कैंप लगाकर टैक्स वसूली की जा रही है। गत तीन दिनों में ही निगम द्वारा करीब 55 लाख रुपया टैक्स वसूला गया है। नगरायुक्त के निर्देश पर नगर निगम के अधिकारियों ने कुर्की व संपत्ति सील की कार्रवाई के लिए बकायादारों, विशेषकर बडे़ बकायादारों की सूची को अंतिम रुप दे दिया है। कर अधीक्षक विनय शर्मा ने बताया कि ऐसे बकायादारों के पास टैक्स जमा कराने के लिए केवल आज का दिन शेष है जिन्होंने पिछले कई वर्ष से टैक्स जमा नहीं कराया है या जो बड़े बकायादार है। उन्होंने बताया कि ऐसे बकायादारों की संपति सील करने व कुर्की की कार्रवाई एक जनवरी से शुरु कर दी जायेगी, जबकि सामान्य बकायादारों के लिए महानगर मंे टैक्स वसूली के लिए वसूली कैंप लगाकर टैक्स वसूलने का सिलसिला जारी रहेगा।

कर अधीक्षक विनय शर्मा ने बताया कि 31 दिसंबर तक निगम की खिड़की या वसूली कैंप में नकद टैक्स जमा कराने पर चालू वर्ष की डिमांड पर 5 प्रतिशत तथा आॅन लाईन जमा कराने पर 10 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। लेकिन एक जनवरी से कोई छूट बकायादारों को नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया कि कुर्की या संपत्ति सील की कार्रवाई के बाद बकायादार द्वारा टैक्स जमा कराने पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त पेनाॅल्टी देनी पडे़गी। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में निगम की खिड़की के अलावा बकायादारों द्वारा वसूली कैंपों में टैक्स जमा कराया गया है। गत तीन दिनों में लगभग 55 लाख रुपये टैक्स के रुप में वसूले गए है। आज चैक फव्वारा, मानकमऊ व नूर बस्ती में वसूली कैंप लगाकर वसूली की गयी है। इसके अलावा बेरीबाग, दराकोटतला, ज्वालानगर, लेबर काॅलोनी, नवीन नगर, मल्हीपुर रोड, पर वसूली कैंप लगाये गए हैं।

समाजवादी व्यापार सभा में हरपाल सिंह वर्मा बने जिलाध्यक्ष व अनुराग मलिक बने महानगर अध्यक्ष

राहुल भारद्वाज सहारनपुर:

सहरानपुर नगर विधायक संजय गर्ग के कैंप कार्यालय पर आयोजित बैठक में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की संस्तुति  पर सपा व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष नगर विधायक/पूर्व मंत्री संजय गर्ग ने व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष पद पर हरपाल सिंह वर्मा को एवं महानगर अध्यक्ष पद पर अनुराग मलिक को मनोनीत किया ।जिला महामंत्री अनुज गुप्ता को एवं महानगर महामंत्री नवीन सिंघल को मनोनीत किया गया ।

इस दौरान बैठक में बोलते हुए प्रदेश अध्यक्ष व्यापार सभा संजय गर्ग ने कहा कि सपा सरकार ही व्यापारियों की हितैषी रही है जितनी सहूलियत व्यापारियों को सपा की सरकार में मिली है वह आज भी व्यापारी वर्ग याद करता है चाहे वह चुंगी हटाने का काम हो, 3/7 स्थगित करने या वैट को व्यापारियों की सहमति के बिना नहीं लागू किए जाने का निर्णय हो , इंस्पेक्टर राज का खात्मा किया गया हो, यह सब पूर्व की सपा सरकारों में ही हुआ है आज व्यापारी वर्ग सरकार के व्यापारी विरोधी निर्णयों की वजह से त्रस्त है नोट बंदी हो या जीएसटी की विसंगतियां हों इस सब से आज भी व्यापारी उबर नहीं पाया है इसने व्यापारीयों को बर्बाद कर दिया है, छोटे व मझोले व्यापारी आत्महत्या करने को मजबूर हो गए हैं, अनियंत्रित लॉकडाउन ने व्यापार की स्थिति को बिगाड़ कर रख दिया है, हम सरकार से यह मांग रखते हैं कि लॉकडाउन के दौरान बिजली बिलों में जोड़े गए फिक्स चार्ज को हटाया जाए एवं व्यापारियों की लिमिट व बैंक लोन पर लॉकडाउन के दौरान लगाए गए ब्याज को माफ किया जाए।सपा महानगर अध्यक्ष आजम शाह व नगर महामंत्री गुलशन कपूर ने व्यापार सभा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा से ही व्यापारियों के विषय में सजग रही है समस्त पार्टी पदाधिकारी व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनकी समस्याओं का हल करवाने के लिए तत्पर रहेंगे 2022 में व्यापारी चुनावों में सपा को पूर्ण समर्थन देकर सरकार बनाने का काम करेगा।

व्यापार सभा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष हरपाल सिंह वर्मा ने कहा कि जिले में व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा सपा ही व्यापारियों की सच्ची हितैषी पार्टी है पूरे जिले में सपा व्यापार सभा को व्यापारियों के बीच मजबूत किया जाएगा।व्यापार सभा के नवनियुक्त महानगर अध्यक्ष अनुराग मलिक ने मनोनीत किए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा के हर स्तर पर व्यापारियों की लड़ाई लड़ने का काम सपा व्यापार सभा करेगी किसी भी व्यापारी को कोई भी समस्या हो तो व्यापार सभा हमेशा तत्पर मिलेगी , नित नए कानून बनाकर व्यापारियों की परेशानी को और बढ़ाया जा रहा है जो कदापि सहन नहीं किया जाएगा प्राथमिकता के आधार पर व्यापारिक समस्याओं का हल करवाया जाएगा ।व्यापार सभा के नवनियुक्त जिला महामंत्री अनुज गुप्ता व महानगर महामंत्री नवीन सिंघल ने कहा कि व्यापार सभा व्यापारियों की आवाज को प्रदेश स्तर तक पहुंचाने का कार्य करेगी एवं व्यापारियों की हर समस्या का हल प्राथमिकता के आधार पर करवाया जाएगा।

इस दौरान उपस्थित प्रदेश सचिव इंजीनियर वीजेश शर्मा, मुस्तकीम राणा कोषाध्यक्ष उपाध्यक्ष शेखर राणा रतन यादव शाहनवाज चांद शहजाद विधानसभा अध्यक्ष परीक्षित वर्मा महासचिव काशिफ अल्वी पार्षद टिंकू अरोड़ा , रविकांत लूथरा, मीडिया प्रभारी उमर अली रामशरण पुरुषोत्तम सैनी देवेंद्र पवार नरेश पांचाल विनय त्यागी, स0 सुरिंदर सिंह, अनिल वर्मा, रमेश बजाज, जितेंद्र नरूला , विनोद वर्मा फैजान खान , विजेंद्र गुप्ता,अनिल वर्मा सरदार रणजीत सिंह अफजाल मलिक अनुज यादव मास्टर अब्दुल हमीद आदि ने नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी।

आंध्र में हिन्दू मंदिरों पर हमले जारी, या यह सरकारी तुष्टीकरण की अगली सीढ़ी है ?

पिछले कुछ समय से आंध्र प्रदेश में लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएँ सामने आ रही हैं। कहीं मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है, तो कहीं रथों को आग में जलाकर राख किया जा रहा है। 27 सितंबर को चित्तूर जिले में एक शिव मंदिर पर हमला किया गया और मंदिर में स्थित नंदी की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर में नंदी की मूर्ति को 26 और 27 सितंबर की रात कुछ बदमाशों ने तोड़ा। मूर्ति के टुकड़े पास रखी कुर्सी पर बिखरे हुए पाए गए थे।“जिस समय अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण चल रहा है, हमारे राज्य में भगवान राम की मूर्ति को नष्ट कर दिया गया है। मूर्ति के सिर को अलग करना एक पागल व्यक्ति का कार्य नहीं हो सकता है। यह धार्मिक उन्मादियों का कृत्य है।”

विशाखापत्तनम/नयी दिल्ली :

एक तरफ आंध प्रदेश की सरकार पर मुस्लिमों और ईसाइयों के तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं, दूसरी तरफ हिंदू मंदिरों पर हमले रुक नहीं रहे। ताजा घटना में प्रदेश के विजयनगरम जिले के नेल्लीमरला मंडल में एक पहाड़ी पर स्थित मंदिर में अज्ञात उपद्रवियों ने भगवान राम की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया।

मूर्ति रामतीर्थम गाँव के पास पहाड़ी की चोटी पर स्थित बोडिकोंडा कोदंडाराम मंदिर में विराजमान थी। कथित तौर पर उपद्रवी ताला तोड़ मंदिर के गर्भगृह में घुसे और और स्वामी कोदंडारामुडु का सिर काटकर अलग कर दिया।

बताया जाता है कि यह मूर्ति 400 साल पुरानी थी। इसके साथ ही मंदिर में माता सीता और लक्ष्मण की भी मूर्तियाँ विराजमान हैं। मुख्य मंदिर पहाड़ी की तलहटी में है। जिस मंदिर में मूर्ति क्षतिग्रस्त की गई वह पहाड़ी की चोटी पर है। एक ही पुजारी दोनों मंदिरों में नियमित अनुष्ठान करते हैं। यह घटना तब सामने आई जब पुजारी मंगलवार (दिसंबर 29, 2020) सुबह मंदिर में नियमित अनुष्ठान करने के लिए पहुँचे।

मंगलवार की सुबह, पुजारियों को रामतीर्थम में बोडिकोंडा पहाड़ी पर प्राचीन सीता लक्ष्मण कोदंडाराम मंदिर के दरवाजे खुले मिले और गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति का सिर धड़ से अलग दिखा। मंदिर के कर्मचारियों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। बुधवार को क्षतिग्रस्त किए गए हिस्से को पास के तालाब में प्रवाहित कर दिया गया।

जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने बुधवार (दिसंबर 30, 2020) को एक बयान में कहा, “जिस समय अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण चल रहा है, हमारे राज्य में भगवान राम की मूर्ति को नष्ट कर दिया गया है। मूर्ति के सिर को अलग करना एक पागल व्यक्ति का कार्य नहीं हो सकता है। यह धार्मिक उन्मादियों का कृत्य है।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर लापरवाह है। इसकी वजह से ही यह घटना हुई है। उन्होंने पूछा कि मंदिर पर लगातार हो रहे हमले पर मुख्यमंत्री जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? वे चुप क्यों हैं?

पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुँचकर सबूत इकट्ठे किए और अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें बनाई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जाँच सभी संभावित एंगल से की जा रही है।

TNM से बात करते हुए, जिला पुलिस अधीक्षक (SP) राजा कुमारी ने कहा, “घटना सोमवार को मंदिर के बंद होने के बाद हो सकती है। यह कल (मंगलवार) हमारे संज्ञान में आई। अज्ञात बदमाशों ने भगवान राम की मूर्ति का सिर अलग कर दिया। अभी तक आरोपित का पता नहीं चला है। टीमें मामले पर काम कर रही हैं।”

मूर्ति के क्षतिग्रस्त होने के पीछे के मकसद के बारे में पूछे जाने पर एसपी ने कहा, “यह घटना दुर्घटना की तरह नहीं दिख रही है, बल्कि इरादन किया गया कृत्य जान पड़ता है। हालाँकि, फिलहाल हम इस बारे में निष्कर्ष नहीं निकाल सकते हैं कि इसके पीछे क्या इरादे थे।”

घटना की जानकारी मिलने के बाद टीडीपी के स्थानीय नेता एस.रविशेखर और अन्य लोगों ने मंदिर में जाकर पहाड़ी पर धरना दिया। उन्होंने सरकार से उपद्रवियों पर कार्रवाई करने और मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करने की माँग की। वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष आर.पावनी और अन्य लोगों ने भी मंदिर का दौरा किया और धरना दिया। उन्होंने भी घटना की निंदा की और सरकार से अपराधियों का पता लगाने और मंदिर की सुरक्षा करने की माँग की।

दूसरी तरफ, नेल्लीमारला के विधायक बी.पला नायडू ने मंदिर का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की। रामतीर्थम परिक्षेत्र परिषद के अध्यक्ष श्रीनिवासानंद स्वामी ने भी मंदिर का दौरा किया और कहा कि इसकी अपमानजनक घटना से भक्तों की भावनाएँ आहत हुई है। सरकार को इस मुद्दे पर तेजी से काम करना चाहिए और जनता में विश्वास पैदा करना चाहिए। राज्य के सभी मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से आंध्र प्रदेश में लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएँ सामने आ रही हैं। कहीं मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है, तो कहीं रथों को आग में जलाकर राख किया जा रहा है। 27 सितंबर को चित्तूर जिले में एक शिव मंदिर पर हमला किया गया और मंदिर में स्थित नंदी की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर में नंदी की मूर्ति को 26 और 27 सितंबर की रात कुछ बदमाशों ने तोड़ा। मूर्ति के टुकड़े पास रखी कुर्सी पर बिखरे हुए पाए गए थे।

दो मांगों पर झुकी सरकार लेकिन कानून वापस लेने की मांग पर अड़े किसान

सब्सिडियाँ जारी रहेंगी, किसानों पर पराली जलाने पर आपराधी मामले दर्ज़ नहीं होंगे इन दो मांगों के माने जाने के साथ सरकार और आंदोलनकारी किसानों की वार्ता पर पड़ी बर्फ पिघली. वहीं कॉंग्रेस के बड़े नेता ने एक टीवी चैनल पर कहा या यूं कहें की किसानों को समझाया (भड़काया) कि उन्हे सरकार से वार्ता की आवश्यकता नहीं है और सरकार को समझाईश दी कि तीनों कृषि सुधार क़ानूनों को रद्द कर दें. यही बात समाजवादी पार्टी के एक बड़े नेता ने भी प्रधानमंत्री को दिल बड़ा करने की सलाह दी.

नई दिल्‍ली:  

कल आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच अब तक की सबसे सकारात्मक बैठक हुई.  इस बैठक में सरकार ने किसानों की दो बड़ी मांगें मान ली हैं. इसके तहत पराली जलाने पर अब किसानों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज नहीं किए जाएंगे और किसानों को बिजली बिल पर मिलने वाली सब्सिडी में कटौती नहीं होगी, यानी ये सब्सिडी जारी रहेगी. 

कानून वापस लेने की मांग पर अड़े किसान 

35 दिनों से आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे किसान तीन हफ्ते के ब्रेक बाद सरकार से मिलने आए.  दिल्ली के विज्ञान भवन में कल 30 दिसंबर को दोपहर दो बजे बातचीत शुरू हुई.  इसमें किसानों ने चार मुद्दे रखे.  करीब 5 घंटे बाद सरकार ने किसानों की 50 प्रतिशत बात मान लीं.  बाकी मांगों पर 4 जनवरी को चर्चा होगी.  इस बैठक में नये कृषि कानूनों की वापसी और MSP की कानूनी Guarantee प्रमुख हैं.  सरकार इन मुद्दों के हल के लिए कमेटी बनाने को तैयार है लेकिन किसान कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. 

किसान भले ही सरकार का खाना न खा रहे हों पर सरकार ने कल किसानों  का खाना भी खाया और उनकी चाय भी पी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लाइन में खड़े होकर किसानों के लिए गुरुद्वारे से लाया गया लंगर खाया.  इन तस्वीरों से संदेश साफ है कि अब किसानों और सरकार के बीच जमी बर्फ पिघलने लगी है. 

रूस के मशहूर लेखक Leo Tolstoy ने कहा था – 

“हर कोई इस दुनिया को बदलने के बारे में सोचता है लेकिन कोई भी खुद को बदलने के बारे में नहीं सोचता. ”

किसानों को बहका रहे वामपंथी और टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग

मौजूदा किसान आंदोलन में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है. किसान संगठन चाहते हैं कि किसानों की आमदनी बढ़े और उनकी मुश्किलें कम हों.  लेकिन वो खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं.  वामपंथी और टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग किसानों को बहका रहे हैं. 

जब नया नागरिकता कानून आया था तो एक विशेष धर्म के लोगों को ये कहकर डराया गया था कि इससे उनकी नागरिकता छीन ली जाएगी.  शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों से कहा गया था कि उन्हें देश से काट दिया जाएगा और इस आंदोलन में भी एक क्षेत्र विशेष के किसानों से कहा जा रहा है कि उनकी ज़मीनें छीन ली जाएगीं, जबकि सच ये है कि न तो किसी की नागरिकता गई और न ही किसी की ज़मीन जाएगी. 

सरकार ने नये कृषि कानून इसलिए बनाए हैं कि किसानों की आमदनी बढ़े. वो अपनी मर्जी से अपनी फसल बेच सकें. 

अधिकतर किसानों ने नये कानूनों को बताया फायदेमंद 

किसी नियम या सुधार के लागू होने में बदलाव का एक दौर होता है.  जिसमें कुछ समय लगता है और तब जाकर सुधार के नतीजे आते हैं.  नये कृषि कानूनों को लागू हुए 6 महीने से अधिक समय बीत चुका है और देश के अधिकतर किसानों ने नये कानूनों को फायदेमंद बताया है. 

बावजूद इसके आंदोलनकारी किसान खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं है. उन्हें लगता है कृषि कानूनों को वापस लेना ही एक मात्र विकल्प है. 

हरियाणा प्रान्त के श्याम सिंह राजावत तीसरी बार बने प्रान्त संगठन मंत्री

30-12-2020

श्याम सिंह राजावत को पुनः हरियाणा प्रान्त संगठन मंत्री घोषित किया गया यह निर्णय बीते दिन महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित अभाविप ( अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ) राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया गया।उनके अतिरिक्त हरियाणा प्रदेश के पुर्व अध्यक्ष प्रो. राजेन्द्र धीमान जी को राष्ट्रीय विशेष आमंत्रित सदस्य, प्रो. सुभाष कलसना जी, माधव रावत जी, सुश्री प्रसन्ता चावरिया और सूर्य प्रताप जी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य घोषित किया गया। अभाविप के मीडिया सह सन्योंजक पुरनूर ने यह जानकारी सांझा की।

सम्मेलन में अभाविप की राष्ट्रीय स्तर की समस्त सक्रिय इकाई शामिल रही जिसमे अभाविप राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ छघनभाई पटेल और राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी और उनके अतिरिक्त स्वयं सेवक एम ए सरकार्यवाह और श्री सुरेश भईया जी जोशी मुख्य परिचय में उपस्तिथ रहे।

हर साल यह सम्मेलन अभाविप इकाई द्वारा किया जाता है जिसमे देश भर से अभाविप कार्यकर्ता एक जगह एकगरित होकर परिषद के आगामी कार्यक्रम की योजनाओं पर चर्चा करते हैं और यह सब प्रतिभागी के हज़ारों की संख्या में होते हैं परंतु इस वर्ष घोर माहमारी के चलते इस कार्यक्रम को भव्य स्तर पर आयोजित न करते हुए और सामाजिक दूरी को ध्यानपूर्वक रखते हुए एक छोटे स्तर पर यह कार्यक्रम आयोजित कर हर एक प्रांत में से 2 या 3 प्रांतीय स्तर के कार्यकर्ताओं को अपेक्षित कर उन्हें इस सम्मेलन का प्रतिभागी बनाकर इस कार्यक्रम का उदघाटन व समापन भी किया गया यह कार्यक्रम दो दिवसीय रहा (25 दिसंबर से 26 दिसंबर) जिसमे न केवल आगामी योजनाओं पर चर्चा की गई परन्तु इस बार यह कार्यक्रम केवल उन्ही कार्यकर्ताओं तक सीमित नही रहा बल्कि जो सम्मेलन में शामिल नहीं हो सके लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से उन कार्यकर्ताओं तक भी यह पहुंचा । हरियाणा प्रदेश की पूरी अभाविप इकाईयों द्वारा अपने अपने जिलों में दिखाया गया जिसका आंकड़ा कुछ इस प्रकार था की हरियाणा प्रदेश में 49 स्थानो पर49 स्क्रीन के जरिये 20 जिला 49 ईकाई के कुल 1134 सहभागियो ने भाग लिया जिनमे 846 छात्र 147 छात्रा 103 प्राध्यापक तथा 38 अन्य ने भाग लिया।