हमने विकास करवाया भाजपा ने रुकवाया :उपिंदर अहलूवालिया
आज भारतीय जनता पार्टी की ओर से मेयर पद के लिए प्रयाशी कुलभूषण गोयल ने विधान सभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता की मौजूदगी में अपना शपथ पत्र जारी किया दूसरी ओर काँग्रेस प्रत्याशी उपेन्द्र आहलूवालिया ने इन दावों को खोखला बताया। कांग्रेस ने इस बार उन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है जिन्हें जनता या तो पसंद नहीं करती या फिर वह है जिनकी जमीनी स्तर पर कोई पहचान नहीं है, और ना ही उन्होंने कोई कार्य जनता के बेहतरी के लिए किया है। यही कारण है कि कई मेहनत करने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ता अब पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। इन्हीं कारणों से पंचकूला में कांग्रेस पार्टी की जड़े खोखली हो चुकी है। पंचकूला में सक्रिय रहने वाले कई कांग्रेसी नेताओं ने चुनाव प्रचार से मुंह मोड़ लिया है जो कि मेयर पद की उम्मीदवार वह पार्टी के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन चुकी है
पंचकूला, 19 दिसंबर :
पंचकूला नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी उपिंदर अहलूवालिया ने शनिवार को कहा कि अपनी हार को देखते हुए भाजपा अब आधारहीन दावे कर रही है। वास्तविकता में, यह भाजपा है जिसने समर्थन के बजाय विकास की राह में अड़चनें डालीं।
उन्होंने कहा कि पंचकुला के लोगों ने मेरा काम देखा है। नगर निगम में हमारे पिछले कार्यकाल के दौरान हमारे द्वारा किए गए विकास कार्यों को कोई नहीं नकार सकता।
मेयर के रूप में उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि अधिकांश गांवों में सामुदायिक केंद्र बनाए गए, जबकि अधिकांश सडक़ों पर एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं। कई सडक़ों का निर्माण व मरम्मत का काम हुआ और सफाई के काम को नियमित किया गया। आवासीय क्षेत्र से दूर कचरा डंपिंग साइट को स्थानांतरित करने के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि हमने एक प्रस्ताव पारित किया, पर इस पर आगे कार्रवाई नहीं हुई ।
उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं की समस्याओं के लिए हमने एक मवेशी शेड की योजना बनाई है जो अब अधूरा पड़ा हुआ है। वास्तविकता यह है कि जून 2018 मे नगर निगम में हमारा कार्यकाल समाप्त होने के बाद सभी विकास कार्य रुक गए हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस की गुटबाजी पढ़ सकती है भारी, कॉंग्रेस के भीतर ही से कांग्रेस से मेयर पद की प्रत्याशी का जगह-जगह हो रहा है विरोध, पहले मेयर पद पर रहते हुए काम ना करने के मामले तूल पकड़ रहे हैं। अगर बात मेयर पद की जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी उपिंदर कौर आहलूवालिया के लिए इस बार उनकी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।
कांग्रेस में गुटबाजी हमेशा से ही परेशानी का सबब रहा है इस बार विधानसभा में भी कांग्रेसी गुटबाजी उभरकर सामने आई थी, मेयर पद के लिए दावेदारी करने वाले कांग्रेस के नेताओं ने टिकट ना मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रचार से मुंह मोड़ लिया हैऔर अपने अपने घरों में बैठ गए हैं कुछ कांग्रेसी प्रत्याशियों ने तो साफ कर दिया कि वह अपने वार्ड तक ही सीमित रहेंगे। पर उन्हें मेरे पास से कोई लेना देना नहीं है।
कई बड़े चेहरे जो काफी समय तक पंचकूला में सक्रिय नजर आ रहे थे आज वह उपेंद्र को आहलूवालिया के प्रचार में नजर नहीं आ रहे इसे साफ होता है कि कांग्रेश के मेयर पद के प्रत्याशी को अंदरूनी गुटबाजी का सामना करना पड़ सकता है जो कि उनके वह कांग्रेस पार्टी के लिए घातक सिद्ध हो सकती है, वहीं दूसरी तरफ अगर लोगों की बात की जाए तो लोग भी खुलकर कांग्रेस के पक्ष में नजर नहीं आ रहे लोगों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की मेयर रहते रहते हुए पहले भी रह चुकी है और उस दौरान उन्होंने कई ऐसे कार्य जो आसानी से हो सकते थे उन्हें नहीं किया गया।
लोगों ने कहा कि मेयर पद पर होते हुए भी उपेंद्र पर आहलूवालिया पहले कार्य नहीं कर सकी। जबकि अब भी प्रदेश में भाजपा की सरकार है और विधायक व सांसद भी भाजपा का है तो मेयर पद के लिए कांग्रेस को वोट देना उचित नहीं होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक इस बार नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की गुटबाजी हावी रहेगी। जिसका सीधा तोर में फायदा भाजपा को मिल सकता है
इस बार टिकट को लेकर भी कांग्रेस में काफी खींचातानी नजर आई। कांग्रेस हाईकमान ने इस बार उन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है जिन्हें जनता या तो पसंद नहीं करती या फिर वह नहीं है जिनका जमीनी स्तर पर कोई पहचान नहीं है, और ना ही उन्होंने कोई कार्य जनता के बेहतरी के लिए किया है। यही कारण है कि कई मेहनत करने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ता अब पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। इन्हीं कारणों से पंचकूला में कांग्रेस पार्टी की जड़े खोखली हो चुकी है। पंचकूला में सक्रिय रहने वाले कई कांग्रेसी नेताओं ने चुनाव प्रचार से मुंह मोड़ लिया है जो कि मेयर पद की उम्मीदवार वह पार्टी के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन चुकी है