29 मार्च तक नीरव जाईल में, जमानत रद्द

साभार : NEWS18

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन की अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने नीरव को 29 मार्च तक लंदन पुलिस की हिरासत में भेज दिया है. जज ने अपने आदेश में कहा कि यह मामला मोटी रकम की जालसाजी से जुड़ा हुआ है और आरोपी के भागने का भी डर है.

नीरव ने जमानत याचिका दायर कर कहा था कि उसके पास बचाव में कई दलीलें हैं. उसने पांच लाख पाउंड सिक्‍योरिटी जमानत के रूप में देने का प्रस्‍ताव रखा. लेकिन कोर्ट ने इस नामंजूर कर दिया और जमानत याचिका खारिज की दी. नीरव मोदी को मंगलवार को लंदन पुलिस ने भारतीय अधिकारियों के निर्देश पर गिरफ्तार किया था.

सीबीआई नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए लगातार कोशिश में लगी हुई है.

बता दें कि नीरव मोदी मंगलवार को लंदन की सड़कों पर आराम से टहलता दिखा था. NEWS18 की टीम ने नीरव मोदी को लंदन की ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर खुलेआम टहलते हुए देखा. इस दौरान NEWS18 ने नीरव मोदी से एक के बाद एक कई सवाल पूछे, लेकिन उसने किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया.

पिछले हफ्ते  प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नई चार्जशीट दाखिल की थी. भारतीय एजेंसियों ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए पिछले साल से ही यूके सरकार के पास अर्जी दे रखी है. प्रत्यर्पण की अर्जी मिलने की पुष्टि यूके सरकार ने भी की है. वहां की सरकार ने शनिवार को यह भी बताया था कि भारतीय एजेंसियों की मांग को कोर्ट को रेफर कर दिया गया है.

खबर यह भी थी कि नीरव मोदी लंदन के 80 लाख पाउंड (करीब 70 करोड़ रुपये) के आलीशान अपार्टमेंट में रह रहा था और सोहो में हीरे का नया कारोबार भी शुरू किया है.

अधिक पासपोर्ट के कारण नीरव मोदी की मुसीबतें बढ़ी

लंदन: भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी के पास तीन पासपोर्ट हैं. लंदन पुलिस की गिरफ्तारी के बाद जब उसे शहर के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, तब उसके पास तीन पासपोर्ट होने का पता चला. लंदन पुलिस (स्काटलैंड यार्ड) ने भारतीय जांच एजेंसियों की तरफ से कारोबारी को गिरफ्तार किया है. नीरव मोदी के वकीलों की टीम की अगुवाई कर रहे जार्ज हेपबर्न स्काट ने अदालत से जमानत के लिये आग्रह करते समय कई यात्रा दस्तावेज होने की बात कही. जमानत अर्जी को जिला न्यायाधीश मारी मैलोन ने खारिज कर दिया.

भारतीय एजेंसियों ने 48 वर्षीय हीरा कारोबारी का पासपोर्ट को रद्द कर दिया था. उसके पास जो पासपोर्ट हैं, उसमें एक अब मेट्रोपोलिटन पुलिस के पास है, दूसरा पासपोर्ट ब्रिटेन के गृह विभाग के पास पड़ा है. इसकी समयसीमा समाप्त हो चुकी है. तीसरा पासपोर्ट ब्रिटेन के ड्राइविंग एंड व्हीकल लाइसेंसिंग आथोरिटी के पास है.

अदालत को यह भी बताया गया कि नीरव मोदी के पास पासपोर्ट के अलावा कई निवास कार्ड भी हैं. इनमें से कुछ की मियाद समाप्त हो गयी है. उसके पास जिन देशों के निवासी (रेसिडेंसी) कार्ड हैं, उनमें संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर तथा हांगकांग के हैं. यह अभी साफ नहीं है कि करीब 2 अरब डालर के मनी लांड्रिंग आरोप का सामना कर रहे हीरा कारोबारी के पास कैसे इतने पासपोर्ट आये. 

‘राम बारात’ के समय मचा उपद्रव, स्थिति काबू में

बरेली (उप्र): 

बरेली शहर में होली को लेकर बुधवार को निकल रही ‘राम बारात’ के दौराना दो पक्षों के बीच पथराव से भगदड़ मच गई. स्थिति संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. तनाव के मद्देनजर इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. बरेली के पुलिस उप महानिरीक्षक आर.के. पाण्डेय ने बताया कि होली के मौके पर निकाली जा रही परम्परागत ‘राम बारात’ को कुछ महिलाएं साहू गोपीनाथ कालेज के निकट लाजपत राय मार्केट की छत पर खड़ी होकर देख रही थीं. उन महिलाओं पर बारात में शामिल कुछ अराजक तत्वों ने छींटाकशी कर दी. इसी बीच, किसी युवक ने एक लड़की से छेड़खानी भी की.

लड़की के शोर मचाने पर छत पर खड़ी महिलाओं ने बारात पर पथराव कर दिया. उन्होंने बताया कि इसके जवाब में राम बारात में शामिल कुछ युवकों ने महिलाओं पर पत्थर फेंके. देखते ही देखते ही मामले ने तूल पकड़ लिया और बारात में शामिल कुछ युवकों ने जवाबी पथराव किया. इससे इलाके में भगदड़ मच गयी और दुकानें बंद होने लगीं. साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाके में हुई इस घटना में दोनों समुदायों के लोग आमने—सामने आ गये.

पथराव से दो राम बाराती आंशिक रूप से घायल बताये जाते हैं. कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. पाण्डेय ने बताया कि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने पथराव कर रहे लोगों पर हल्का बल प्रयोग करके स्थिति को सम्भाला. बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस और अर्द्धसैनिक बल की मौजूदगी में राम बारात को सकुशल गंतव्य की ओर रवाना किया गया.

उन्होंने बताया कि इलाके में व्याप्त तनाव के मद्देनजर साहू गोपी नाथ कालेज से लेकर बांसमंडी, मुर्गो वाली गली और मठ की चौकी क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस और अद्धसैनिक बल तैनात कर दिया गया है. स्थिति नियंत्रण में है. पुलिस अराजक तत्वों की तलाश कर रही है. 

माया – अखिलेश की देवबंद राजनीति का जवाब है योगी के पास

जब माया-अखिलेश-राहुल देवबंद से अपने चुनाव प्रचार कि शुरुआत करते हैं तो वह धार्मिक सौहार्द कहलाता है, परंतु ठीक इसके विपरीत यदि योगी शककुंभरी देवी से आशीर्वाद ले कर चुनाव प्रचार आरंभ करते हैं तो यह घोर ध्रुवीकरण की राजनीति कहलाता है

नई दिल्ली: 

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले और दूसरे चरण की अधिसूचना जारी हो चुकी है. इसी के साथ अब सभी राजनीतिक दल अपनी चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने में मशगूल हैं. लोकसभा चुनाव में इस वक्त सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश पर है क्योंकि यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं.

यूपी में सपा-बसपा-RLD गठबंधन ने नवरात्रि से चुनाव प्रचार करने का ऐलान किया है. अखिलेश-मायावती और चौधरी अजित सिंह 7 अप्रैल को सहारनपुर के देवबंद से संयुक्त चुनावी रैलियों की शुरूआत करेंगे. अखिलेश-माया के प्लान देवबंद से निपटने के लिए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ख़ास प्लान तैयार किया है. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरूआत सहारनपुर से करेंगे. योगी आदित्यनाथ 24 मार्च को सहारनपुर में हिंदुओं के प्रसिद्ध शक्तिपीठ शाकुम्भरी देवी मंदिर में दर्शन कर रैली करेंगे और फिर देर शाम मथुरा में भी एक चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे.

बता दें कि देवबंद अपने फतवों के लिए जाना जाता है. मुस्लिम समुदाय के सभी बड़े फ़तवे देवबंद से ही जारी होते हैं. हालांकि, जाट-मुस्लिम-दलित-यादव समीकरण को साधने के लिए ही सपा-बसपा और आरएलडी देवबंद से चुनावी रैली की शुरूआत कर रही है. लेकिन, बीजेपी विपक्ष के देवबंद वाले कार्ड पर हिंदुत्व को आगे कर रही है. यही कारण है कि सीएम योगी हिंदुओं के शक्तिपीठ से चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे.

पश्चिमी यूपी को ध्रुवीकरण की प्रयोगशाला भी कहा जाता है. 2013 में मुज़फ्फरनगर दंगों के बाद पश्चिमी यूपी की राजनीति पूरी तरह से बदल चुकी है. एक दौर था, जब राष्ट्रीय लोकदल के जाट वोटबैंक के साथ मुस्लिम मतदाता को परहेज़ नहीं होता था. लेकिन, दंगों के बाद से सारे समीकरण बदल चुके थे और नतीजा ये हुआ कि चौधरी अजित सिंह अपनी परंपरागत सीट बागपत को भी नहीं बचा पाए और इस सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा हो गया.

योगी आदित्यनाथ की पहली सभा शाकुम्भरी देवी मंदिर के पास से कराकर बीजेपी पश्चिमी यूपी के माहौल को बदलना चाहती है और जाट वोट बैंक को अपने पाले में लाना चाहती है. हालांकि, विपक्ष भी बीजेपी के सॉफ्ट हिंदुत्व की पिच पर ही बैटिंग करने की रणनीति तैयार कर चुका है, इसीलिए अखिलेश और मायावती ने चुनाव प्रचार की शुरूआत के लिए नवरात्रि का समय चुना है.

कमल नाथ के टिकट आबंटन से पहले हिमाद्रि सिंह ने थामा ‘कमल’

कमल नाथ की नीतियों और उनके शब्दों ने हिमाद्रि सिंह को इतना आहात किया कि वह भाजप कि होलीं

भोपाल:

 मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के टिकट के लिए दावेदारों का जो पैनल तैयार किया है, उसमें सबसे चौंकाने वाला नाम शहडोल लोकसभा क्षेत्र से हिमाद्री सिंह का है. यही नाम कांग्रेस के गलियारों में भी तेजी से चल रहा था, इसकी वजह हिमाद्री सिंह का पूर्व केंद्रीय मंत्री दलबीर सिंह की बेटी होना.

हिमाद्रि 2016 में हुए शहडोल संसदीय सीट के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रही हैं, लेकिन बदले हुए राजनीतिक समीकरणों ने हिमाद्री को बीजेपी ज्वाइन करने पर मजबूर कर दिया. इसकी वजह प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का वो बयान था जिसमें उन्होंने हिमाद्री को तभी टिकट देने की बात कही थी, जब वो पति नरेंद्र मरावी को बीजेपी से कांग्रेस में शामिल करवाएं. ऐसा हो पाता इसके पहले ही बीजेपी नेता नरेंद्र मरावी ने हिमाद्री को बीजेपी की सदस्यता दिलवा दी. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पार्टी अध्यक्ष राकेश सिंह ने कांग्रेस नेत्री को बीजेपी की सदस्यता दिलवाई.

पति के लिए प्रचार किया तो बढ़ी परेशानी
इसके पहले उनके पति नरेंद्र मरावी बतौर बीजेपी प्रत्याशी शहडोल लोकसभा का ही चुनाव लड़ चुके हैं. मरावी ने 2009 में हिमाद्रि की मां राजेश नंदिनी के खिलाफ चुनाव लड़ा और वे 13,415 मतों से हार गए. मरावी पुष्पराजगढ़ से विधानसभा चुनाव भी लड़े थे, लेकिन हार गए. इसी चुनाव में हिमाद्री पर बीजेपी का प्रचार करने का आरोप लगा और कांग्रेस ने इस बार टिकट देने से पहले उनके सामने पति को कांग्रेस ज्वाइन करवाने की शर्त रखी थी. लेकिन कांग्रेस की मुहिम को झटका देते हुए हिमाद्री पति के साथ बीजेपी दफ्तर पहुंच गईं.

ऐसे रहे सियासी समीकरण
2016 में हिमाद्रि शहडोल सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार रह चुकी हैं. उपचुनाव से पहले हिमाद्री को बीजेपी की ओर से कई बार पार्टी में शामिल कराने की कोशिश की गई लेकिन वे कांग्रेस के साथ ही आगे बढ़ती रहीं. सिर्फ इतना ही नहीं हिमाद्री ने बीजेपी के उम्मीदवार रहे ज्ञान सिंह को तगड़ी टक्कर दी, इसके बावजूद बीजेपी जीत गई. अब पार्टी फिर हिमाद्रि को टिकिट देने का मन बना चुकी है. हिमाद्री ने 2014 में जीत के अंतर को 2.41 लाख से घटाकर 59 हजार तक पहुंचा दिया.

कांग्रेस यूपी में तो संकट ही में है: राम गोपाल यादव

आज एक चैनल पर सीपीआई नेता सुनीत चोपड़ा ने माना की गठबंधन तो चुनावों के बाद होते हैं, पहले तो बस शक्ति प्रदर्शन होता है। राहुल गांधी ने भी गठबंधन का यही फार्मूला दिया था कि जिस दल की अधिक सीटें होंगी प्रधान मंत्री उस दल का होगा। अब इसी फार्मूले को निभाने के लिए सभी दल एकला चलो की राह पर निकल पड़े हैं। यह तो तय है कि गठबंधन तो होगा, अब चुनावों के पश्चात। सपा हो या बसपा यदि यह यूपी कि सारी सीटें ले भी लेते हैं तो भी अपने दम पर सरकार नहीं बना सकते। बस यही गूढ ज्ञान इन्हे कांग्रेस के प्रति नरम रुख अपनाने को मजबूर करता है। आपसी छींटाकशी से इन सभी को बचना चाहिए

लखनऊ: 

कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा का तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरा बुधवार को संपन्न हो गया. लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में में कांग्रेस में नई जान फूंकने की कवायद में  पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका ने करीब सौ किलोमीटर की दूरी गंगा नदी मार्ग से तय की और तटों पर रहने वालों से मुलाकात की. प्रियंका के दौरे को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने तंज कसा. उन्होंने कहा, “मंदिर में आदमी तभी जाता है जब अपने को संकट में समझता है. कांग्रेस उत्तर प्रदेश में तो संकट में है ही.

हाल के दिनों में सपा की ओर से यह पहला हमला है. इससे पहले दोनों दल के नेता एकदूसरे पर कटाक्ष करने से बचते रहे हैं. रामगोपाल यादव के बयान के बाद कांग्रेस की ओर तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है. निकट भविष्य में दोनों दलों के बीच जुबानी जंग और तेज होने के पूरे आसार हैं. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा ने गठबंधन करते हुए कांग्रेस को केवल दो सीटें छोड़ी हैं. वहीं कांग्रेस भी इसी रणनीति के तहत कुछ सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारने के पक्ष में है. कुछ समय खबर आई थी कि मायावती अमेठी और रायबरेली में भी उम्मीदवार उतारने के लिए सपा पर दबाव डाल रही हैं. मायावती साफ कह चुकी हैं कि कांग्रेस से गठबंधन किसी भी हालत में नहीं होगा.   

Ram Gopal yadav

उधर, प्रधानमंत्री मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी गंगा मार्ग से पहुंचने पर प्रियंका ने नाविक समुदाय के लोगों से अस्सी घाट पर संवाद किया. उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे देश में हो रही नकारातमक राजनीति को नकार दें और अपनी आवाज बुलंद करें. उन्होंने कहा कि इन चुनावों में एक नए तरह की राजनीति की जरूरत है. उन्होंने वोटरों से कहा कि वे नकारात्मक राजनीति को नकारें.

नाविकों में निषाद और मल्लाह समुदाय के लोगों ने अपनी समस्याओं से प्रियंका को अवगत कराया. प्रियंका ने आश्वासन दिया कि कांग्रेस उनकी समस्याओं का हल करने के प्रयास करेगी. प्रियंका ने बीजेपी नेताओं को अहंकारी बताते हुए कहा कि जब राजनीति का मकसद केवल सत्ता हासिल करना हो जाता है तो उससे समस्या खड़ी होती है. उन्होंने कहा कि किसान परेशान हैं क्योंकि उन्हें उनके उत्पाद के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. युवा बेरोजगार हैं. 

स्वामी असीमानंद के दोषमुक्त होने पर पाकिस्तान में मची खलबली

भारत के प्रति 1000 घाव जो रिसते रहें की नीति वाले पाकिस्तान ने हमेशा अपनी सरजमीं पर आतंक को पोषित किया है। दाऊद हो, मसूद अज़हर हो या फिर हफीज हो पाकिस्तान हमेशा इन्हे अपने सुरक्षा घेरे में रखता रहा है और आगे भी रखेगा। आज जब भारत की सरजमीं पर हुये एक आतंकवादी हमले में जिसमें दो पाकिस्तानी नागरिकों की संदिग्ध संलिप्तता भी कही जाती रही है उस मामले में निर्दोष लोग जो 10 साल तक बिना सज़ा के कैद भुगतते रहे, भारतीय कानून के अनुसार दोष सिद्ध न हो पाने के कारण उन्हे दोषमुक्त किया गया तो पाकिस्तान तिलमिला उठा।

नई दिल्ली: 

पाकिस्तान ने समझौता ट्रेन में विस्फोट के आतंकी मामले में सभी चार आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर भारतीय राजदूत को तलब किया. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को तलब किया और समझौता ट्रेन में विस्फोट के आतंकी मामले में सभी चार आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर कड़ी निंदा करते हुए विरोध जताया है. 2007 में हुए इस धमाके में 68 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे. भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली इस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के नजदीक धमाका हुआ था. 

असीमानंद को बरी किये जाने पर बोलीं महबूबा- दोहरा मापदंड क्यों?
उधर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को एक अदालत द्वारा समझौता ट्रेन धमाका मामले के आरोपियों को बरी किये जाने के आधारों पर सवाल उठाया. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने बुधवार को कहा, “महत्वपूर्ण सबूत होने के बावजूद आरएसएस के एक पूर्व सदस्य समेत आरोपियों को बरी कर दिया गया. भगवान न करे, अगर वह कश्मीरी या मुस्लिम होते तो उन्हें दोषी ठहरा दिया जाता और निष्पक्ष सुनवाई के बिना ही जेल में डाल दिया जाता. भगवा आतंक को लेकर ऐसी नर्मी और दोहरे मापदंड क्यों? महबूबा मुफ्ती का यह बयान हरियाणा की एक विशेष अदालत द्वारा समझौता ट्रेन धमाका मामले में स्वामी असीमानंद तथा अन्य तीन आरोपियों को बरी किये जाने के बाद आया है. 

पाकिस्तान के लिए भी अहम था फैसला
भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में बम धमाका हुआ था. ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी. विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था. हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई थी. ब्लास्ट में 12 लोग घायल हो गए थे. धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे इसलिए पाकिस्तान की नज़रे भी इस मामले पर टिकी हुई थी. मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चों समेत चार रेलवे कर्मी भी शामिल थे.

सभी राजनैतिक दल चुनाव आदर्श आचार संहिता का सख्ती से करें पालन-उपायुक्त

पंचकूला, 20. मार्च-

उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 बलकार सिंह ने सभी राजनैतिक दलों को चुनाव आदर्श आचार संहिता का इमानदारी व सख्ती से पालन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिला के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करने के लिये अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। चुनाव प्रचार में कहीं पर भी चुनाव आयोग के निर्देशों की अवेहलना पाये जाने पर सख्त कार्रवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने बताया कि चुनाव संहिता के उल्लघन सम्बन्धी कोई भी शिकायत चुनाव आयोग द्वारा तैयार किये गये मोबाईल एप पर भी की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में छठे चरण में मतदान होगा और इसके लिये नोटिफिकेशन 16 अप्रैल को होगी और नामांकन पत्र 23 अप्रैल तक दाखिल किये जा सकते है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिये मतदान 12 मई को होगा और मतगणना 23 मई को की जायेगी। उन्होंने बताया कि ऐसे मतदाता जिन्होंने अभी तक अपना वोट नहीं बनवाया है, वे 12 अप्रैल तक फार्म नंबर 6 भरकर अपना वोट बनवा सकते है। उन्होंने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी ऐसे मतदाताओं को वोट बनवाने के लिये प्रेरित करने में सहयोग करना का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि मतदाता अपनी वोट से सम्बन्धित जानकारी हैल्प लाईन नं0 1950 पर प्राप्त कर सकता है। इस हैल्प लाईन नं0 पर चुनाव से सम्बन्धित शिकायत भी दर्ज करवाई जा सकती है।  जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कोई भी राजनैतिक दल ऐसी कोई भी कार्रवाही न करें, जिससे लोगों की धार्मिक व सांप्रदायिक भावनाओं को ठेस पंहुचे। उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना, चुनाव प्रचार के लिये किसी धार्मिक स्थान का प्रयोग करना भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा। चुनाव प्रचार के लिये रैली, जनसभा, रोड शो और जलूस इत्यादि के आयोजन के लिये राजनैतिक दलों को जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी और इसकी सूचना पुलिस को भी देनी होगी।

  उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिये होर्डिंग्स, पोस्टर और झंडे इत्यादि जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही लगाये जा सकते है और बिना अनुमति के किसी भी सरकारी संपति पर यह सामग्री चिपकाने व लगाने की स्थिति में संबंधित उम्मीदवार और राजनैतिक दल के विरूद्ध डिफेसमैंट आॅफ प्रोपर्टी एक्ट के तहत कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि लोगों की निजी संपति और भवनों पर झंडे लगाने व प्रचार सामग्री चस्पा करने से पहले भी  लिखित अनुमति लेना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि कोई भी राजनैतिक दल दूसरे राजनैतिक दल की जनसभा व जलूस में बाधा नहीं डाल सकता। यदि एक ही दिन में दो या उससे अधिक पार्टीयों द्वारा जलूस निकाला जाता है तो उन्हें अपने रूट प्लान सहित प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि जो भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी जनसभा, जलूस निकालने अथवा प्रचार सामग्री इत्यादी चिपकाने के स्थानों के लिये पहले आवेदन करेगा, उसे ही पहले अनुमति दी जाये।  उपायुक्त ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को यह निर्देश भी दिये कि वे चुनाव प्रचार व जनसभा में लाउड स्पीकर इत्यादि का प्रयोग करने के लिये भी प्रशासन से पूर्व अनुमति अवश्य लें। उन्होंने कहा कि लाउड स्पीकर का प्रयोग प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिये प्रयोग किये जाने वाले वाहनों की भी अनुमति लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को धन, शराब, उपहार व अन्य प्रकार के प्रलोभन देना चुनाव आदर्श संहिता का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान धन व शराब के गैर कानूनी प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिये दोनों विधानसभा क्षेत्रों में प्लाइंग्स स्क्वायर्ड गठित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन टीमों द्वारा न केवल गैर कानूनी गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी  बल्कि ऐसा कोई मामला ध्यान में आने पर पूरी कार्यवाही की विडियो ग्राफी भी की जायेगी। 

Dr. Arora to conduct a research under the impress

Chandigarh March 20, 2019

            Dr. Navneet Arora, Associate Professor of Sociology, University Institute of Legal Studies has been awarded a project grant of Rs. 10,00,000 (Rupees ten lakh only) to conduct the research work under the IMPRESS (Impactful Policy Research in Social Science) Scheme.

            IMPRESS is an initiative of Ministry of Human Resource and Development, Government of India and is being implemented by ICSSR (Indian Council of Social Science Research). The title of the project is “Obsession of Children with Digi Screens: A study into Social and Health Effects of Electronic Media” under Domain ‘Media Culture and Society’ has been approved by the competent authority on the recommendations of the steering Committee. 

            The research will be a unique exercise in exploring the social and health effects of Digital Screens and electronic media on toddlers, preschoolers, kids and teenagers. Digital screens are out and everywhere. Anytime, anywhere and everywhere presence of digital media is exciting but alarming too. The danger it has caused to the children is enormous and unthought-of. The massive presence of media and the time spent on media technologies by children are clear indicators that there is a shift in lifestyles and priorities for our new generation. Children as young as in their infancy are exposed to vibrant colours and music of electronic screens. All types of screens television, cell phone, tablets, video games, etc. have been termed as best baby sitters. These not only keep the baby busy but help in feeding and calming a crying baby. Since there is no ban on buying of electronic gadgets nor there is any limit of ‘Screen time’.             Over indulgence on such smart devices is making the young generation dependent on varieties of media and they are compromising on their social and health aspects. Also, the growing incidence of crime has left no other option for parents except to give them screen time. There is a need to assess the damage it has caused and is causing on children. For the present study, all kinds of screens and electronic gadgets being used by children below 18 years would be investigated.

Children should make healthy choices in life: DGP

Chandigarh 20.03.2019 :

Children who are vulnerable to substance abuse and are being imparted life skills training under “URJA” program of Chandigarh Police celebrated Holi with Shri Sanjay Baniwal, Director General of Police, Chandigarh. Events was organized in three pockets of Chandigarh i.e. Dhanas, Bapudham and Ramdarbar by Chandigarh Police in partnership with SPYM to celebrate the occasion with underprivileged children. On this occasion, Ms. NilambariJagdale, SSP Chandigarh and other officials of Chandigarh Police were also present.

Children shared their experience being part of the initiative of Chandigarh Police and how it has helped them change their behavior. Mr. Manish Kumar, SPYM briefed the DGP about the initiative and progress made in the direction of making the community drug free. DGP in his address to the children talked about the importance of education in making meaningful contribution to the family and society. He urged children to make healthy choices in life to help the family & society grow with positive energy. In Bapudham, SSP interacted with the children as part of the event and asked them to lead a healthy & meaningful life. She asked children to stay away from substance abuse and also help family members stay away from the same. Children enjoyed spending time with police officials and thanked Chandigarh Police for this initiative and showed their willingness to be part of the program in time to come.