दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बनती बात

दिल्ली की सियासत पल पल बदलती है, कभी शीला दीक्षित के खिलाफ सबूतों की फ़ाइल ले कर घूमने वाले केजरीवाल अब शीला दीक्षित के द्वार के पायदान की तरह बर्ताव कर रहे थे हर पल कांग्रेस से गुहार लगात रहे गुहार क्या रिरियाते र्हए की गठबंधन कर लो। शीला के माना करने पर यूएनओने दिल्ली की सातों लोक सभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला क्यी लेकिन हरियाणा के लिए फिर से जजपा और कांग्रेस से गुहार लगाने लग पड़े। हरियाणा का तो पता नहीं लेकिन दिल्ली के पीसी चक ने शीला ए आत्मसम्मान को ताक पर रखते हुए दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में जाने का फैसला किया है।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित अकेली पड़ गयी हैं क्योंकि ‘ज्यादातर’ वरिष्ठ नेता तालमेल के पक्ष में हैं. कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि बीजेपी को हराने का सबसे सही तरीका है आप से गठबंधन. 

कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि ‘कई नेता’ गठबंधन के पक्ष में हैं, हालांकि आप के साथ किसी तरह के तालमेल के बारे में फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के स्तर पर होगा.

न्यूज एजेंसी एएनआई से पीसी चाको ने कहा, मैं पहले भी कह चुका हूं कि दिल्ली में हमें गठबंधन करना चाहिए. बीजेपी को हराने का सबसे सही तरीका यही है कि हम आप के साथ गठबंधन करें. उन्होंने कहा कि मैं और दूसरे कई लोग इस विचार के हैं. पार्टी अध्यक्ष जब भी फैसला लेंगे हर कोई इसका पालन करेगा. 

Congress leader PC Chacko says Best way to defeat BJP is to have an alliance with AAP in Delhi

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की जिसमें शीला ने अपना रुख दोहराया कि आप के साथ गठबंधन नहीं होगा. बैठक में शामिल एक नेता ने बताया, ‘दिल्ली कांग्रेस के ज्यादातर नेता आप के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं. उनका मानना है कि गठबंधन के जरिए ही दिल्ली में भाजपा को हराया जा सकता है.’

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि गठबंधन को लेकर जो भी निर्णय होगा वो सभी नेताओं को स्वीकार होगा.  चोपड़ा ने यह भी कहा कि भाजपा को किसी भी तरह से रोकना है, हालांकि उन्होंने आप के साथ गठबंधन को लेकर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

गौरतलब है कि हाल में आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल गठबंधन के लिए कांग्रेस से लगातार गुहार लगाते रहे हैं.  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले दिनों दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक की थी जिसमें ज्यादातर नेताओं ने गठबंधन के खिलाफ राय जाहिर की थी. 

स्टैला मारिस कालेज को राहुल का कार्यक्र्म करवाने पर डायरेक्टोरेट ऑफ़ कॉलेजिएट एजुकेशन ने नोटिस जारी किया है

आचार संहित की धज्जियां उड़ता काले कैम्पस का कार्यक्र्म जहां राहुल गांधी को उनके महिमामंडन का अवसर प्रदान किया गया उसी कालेज को अब कार्न बताओ नोटिस जारी किया गया है।

चेन्नई के जिस कॉलेज में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का स्टूडेंट्स के साथ संवाद हुआ था, उस कॉलेज को डायरेक्टोरेट ऑफ़ कॉलेजिएट एजुकेशन ने नोटिस जारी किया है. नोटिस में पूछा गया है कि कॉलेज कैंपस को राहुल गांधी के कार्यक्रम के लिए इस्तेमाल क्यों करने दिया गया?

राहुल गांधी ने इस कॉलेज में 13 मार्च को स्टूडेंट्स के साथ संवाद किया था. यह वही कॉलेज है जिसमें एक छात्रा ने राहुल को ‘सर’ कहकर संबोधित किया था. इस पर राहुल गांधी ने छात्रा से कहा था कि वो उन्हें सर न कहकर, राहुल कहें.

देश में चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है. इसका पालन करवाने के लिए चुनाव आयोग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत सरकारी खर्च से ऐसे आयोजन नहीं होंगे जिनसे किसी पार्टी विशेष को लाभ पहुंचता हो. इसके अलावा चुनाव आयोग की अनुमति के बिना किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता या नेता सभा या रैली नहीं कर सकते हैं.

ताज़ा विवाद राहुल गांधी के स्टुडेंट आउटरीच प्रोग्राम को लेकर खड़ा हुआ है जिसके तहत चेन्नई के स्टैला मैरिस कॉलेज में एक कार्यक्रम हुआ था. राहुल अपने चुनाव अभियान के तहत 13 मार्च को वहां गए थे और तीन हज़ार से ज़्यादा छात्राओं को उन्होंने संबोधित किया था. इसके बाद तमिलनाडु में काफ़ी हो हल्ला हुआ था. तमिलनाडु के बीजेपी नेता तमिलिसाई सौंदराजन ने राहुल गांधी पर छात्रों के बीच राजनीति के अनैतिक पक्ष को फैलाने का आरोप लगाया था.

ताजा़ नोटिस के ज़रिए डायरेक्टोरेट ने यह जानने की कोशिश की है कि कैंपस का राजनीतिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल क्यों किया गया.

आचार संहिता उल्लंघन की जानकारी चुनाव आयोग की हेल्पलाइन 1095 पर की जा सकती है. आयोग का दावा है कि 100 मिनट के भीतर एक्शन लिया जाएगा.

थरूर के मौसा-मौसी और 13 अन्य ने उठाई केरल में कमल की ज़िम्मेदारी

जब प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूर्वी उत्तरप्रदेश की कमान संभाली तभी से वह राष्ट्र भर ए दौरों पर हैं। और तभी से कभी बिहार कभी उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात से वरिष्ठ नेता यहाँ तक की विधायक भी अपने पदों से इस्तीफा दे कर भाजपा का दामन पकड़ रहे हैं। अभी टॉम वादक्कन का मामला शांत भी नहीं हुआ था की शोभना शशिकुमार अपने पति और 13 अन्य सहित भाजपा में शामिल हो गईं। कांग्रेस के अपने को पुन:sथापित करने की राह में यह बड़ी रुकावट है। वहीं शशि थरूर के लिए भी यह अच्छी खबर नहीं है।

कोच्चि: कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन के भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर के मौसा-मौसी ने शुक्रवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. थरूर की मां की बहन, सोभना शशिकुमार और उनके पति शशिकुमार तथा 13 अन्य लोग बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी के राज्य अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लै ने सभी का पार्टी में स्वागत किया. थरूर के मौसा-मौसी ने कहा कि एक लंबे समय से वे भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा का अनुसरण कर रहे हैं.

 लोकसभा चुनाव 2019 चुनावों के समर में कांग्रेस प्रवक्‍ता टॉम वडक्‍कन ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. केरल में शशि थरूर कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक हैं. वह इस समय त‍िरुवनंतपुरम से सांसद है. बीजेपी की लंबे समय से इस सीट पर नजर है. इस बार भी वह उनके सामने अपना मजबूत उम्‍मीदवार उतार सकती है. एेसी भी चर्चा है कि हाल ही में मिजोरम के राज्‍यपाल पद से इस्‍तीफा देने वाले कुम्‍मानम राजशेखरन यहां से चुनाव लड़ सकते हैं. पद संभालने के 10 महीने के बाद ही उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था.

आरएसएस के निष्ठावान व्यक्ति माने जाने वाले और भाजपा की प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख राजशेखरन (65) को केरल में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बेहतर मौका नजर आ रहा है. इस राज्य में पार्टी अभी तक अपना खाता नहीं खोल पायी है. भाजपा नेतृत्व ने उम्मीदवार सूची की घोषणा नहीं की है, लेकिन प्रदेश पार्टी के सूत्रों ने यहां कहा कि इसकी काफी संभावना है कि राजशेखरन बहुचर्चित तिरूवनंतपुरम सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पार्टी राज्य में करीब छह सीटों पर अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है और यह सीट भी उनमें से एक है.

केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ ने शुरू किया चुनावी अभियान, कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी तय नहीं
केरल में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 23 अप्रैल को होना है और सत्तारूढ़ एलडीएफ ने इसके लिए सोशल मीडिया पर और घर-घर जाकर प्रचार शुरू कर दिया है. उधर, विपक्षी यूडीएफ तथा भाजपा नीत राजग अभी प्रत्याशियों के नामों पर माथापच्ची करने में जुटे हैं. माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने बहुत पहले उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. इस मोर्चे ने चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखें घोषित करने से पहले ही अपने उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक कर दिये थे. वाम मोर्चे के उम्मीदवारों ने मतदाताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलना शुरू कर दिया है जबकि विपक्षी दल अभी चुनावी समर में उतरने की तैयारी ही कर रहे हैं.

माकपा की ज्‍यादा से ज्‍यादा सीटों पर नजर
भाकपा के वरिष्ठ नेता और तिरूवनंतपुरम सीट से एलडीएफ के उम्मीदवार सी दिवाकरन ने यहां एक स्थानीय मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आईं महिला श्रद्धालुओं से वोट मांगे. एलडीएफ ने अपने छह वर्तमान सांसदों और छह विधायकों को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है. मोर्चे ने इसके अलावा वरिष्ठ नेताओं और अनुभवी पार्टी सदस्यों को टिकटें दी हैं. अधिक से अधिक सीटें हासिल करना माकपा के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा चुनावों के नतीजों को उनकी तीन साल पुरानी सरकार के कामकाज के मूल्यांकन के तौर पर देखा जाएगा.

सबरीमाला मुद्दे का कितना होगा असर
विजयन को नतीजों के जरिये यह भी साबित करना है कि सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के उनके निर्णय को आम लोगों से समर्थन प्राप्त हुआ. विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) और भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वे सबरीमला मुद्दे तथा विजयन के ‘‘अड़ियल रवैये’’ को उठाएंगे.

बीजेपी को खाता खुलने की उम्‍मीद
इस बीच, खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, केपीसीसी प्रमुख एवं वर्तमान सांसद मुल्लापल्ली रामचंद्रन और वरिष्ठ नेता वीएम सुधीरन सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने लेाकसभा चुनाव लड़ने से अनिच्छा जाहिर की है जिससे कांग्रेसी नेतृत्व दुविधा में है. कांग्रेस नीत गठबंधन की चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों ने भी आशाएं बढ़ा दी हैं, जिनमें कांग्रेस नीत मोर्चे का केरल में शानदार प्रदर्शन का पूर्वानुमान लगाया गया है. भाजपा नीत राजग इस दक्षिणी राज्य में अपने उम्मीदवारों पर माथापच्ची करने में जुटा है. उसे इस बार केरल में खाता खुलने की उम्मीद है. वर्ष 2014 लोकसभा चुनावों में, केरल की कुल 20 सीटों में से कांग्रेस नीत यूडीएफ ने 12 जबकि माकपा नीत एलडीएफ ने आठ सीटें जीती थीं.

पुलिस फ़ाइल पंचकुला

पंचकूला, 15 मार्च :- 

1. पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बतलाया कि खुफिया विभाग सैक्टर-12 की टीम द्वारा थाना सैक्टर-5, पंचकुला के अभियोग संख्या 84 दिनांक 15-03-2019 धारा 20-61-85 NDPS ACT मे आरोपी प्रिंस पुत्र श्याम लाल वासी  # 35, खडग मंगोली, गेट नम्बर-3, ओल्ड पंचकुला को माजरी चौक के पास से विधी-पूर्वक गिरफ्तार किया गया । आरोपी के कब्जा से 110  ग्राम मादक पदार्थ चरस बरामद की गयी ।

2. पुलिस थाना सैक्टर-5, पंचकुला की टीम द्वारा थाना के अभियोग संख्या-38/19 धारा 376 के तहत आरोपी अनुज पुत्र सत्यवान गांव # 740, इंदिरा कॉलोनी, सैक्टर-17, पंचकुला को सैक्टर-5 से विधी-पूर्वक गिरफ्तार करके पेश माननीय अदालत करके न्यायिक हिरासत मे भेजा गया । 

3. खुफिया विभाग की टीम द्वारा अभियोग संख्या 52 दिनांक 14-3-2019 धारा 13A-3-67 जुँआ अधिनियम थाना सैक्टर-14 मे आरोपी रोहित पुत्र बब्लू लाल वाली # 3812, मौला जागरा, चण्डीगढ़ इंदिरा कॉलोनी मस्जिद के पास से विधी-पूर्वक गिरफ्तार किया गया । आरोपी के पास से 1350 रूपये नकद बरामद किये गये ।

4. पुलिस थाना कालका की टीम द्वारा अभियोग संख्या -33 दिनांक 14-3-2019 धारा 380, 457 मे आरोपी चन्दन पुत्र हरिन्द्र प्रसाद वासी खटीक महोल्ला, कालका को बाबा बालक नाथ मंदिर के पास से विधी-पूर्वक गिरफ्तार किया गया । आरोपी को पेश माननीय अदालत करके न्यायिक हिरासत मे भेजा गया ।

Walk for Fun at Sukhna Lake

walk for Fun for Senior Citizens of the city will be organized at Sukhna Lake by Chandigarh Police and Senior Citizens Association on16.03.2019. This event will be flagged off by Sh. Sanjay Baniwal, IPS, Director General of Police, UT, Chandigarh. All media persons are requested to cover the programme at 6:45 PM

सड़क सुरक्षा संबंधी सभी कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करें: उपायुक्त

पंचकूला,15 मार्च-

      उपायुक्त डा0 बलकार सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित कार्यो को विशेष प्राथमिकता पर पूरा करे। उन्होंने कहा कि जिला में सड़क सुरक्षा समिति द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में दुर्घटना सम्भावित बिन्दूओं की पहचान की जा रही है। इसके उपरान्त सम्बन्धित विभागों को इन बिन्दूओं पर किये जाने वाले कार्यो के बारे में बताया जायेगा ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोक कर ऐसे हादसों में होने वाले मानवीय नुक्सान को कम किया जा सके।

उपायुक्त आज जिला सचिवालय में स्थित कान्फ्रैंस हाल में जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति व सुरक्षित स्कूल वाहन पोलसी से सम्बन्धित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने सड़कों की आवश्यक मरम्मत के मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग अथारटी की ढिल्ली कार्यवाही पर नराजगी व्यक्त की और सम्बन्धित अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने शहर में बेसहारा पशुओं व आवारा कुत्तों की समस्या प्रभावी समाधान के लिये भी नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये।

डा0 बलकार सिंह ने कहा कि प्रति मास सड़क सुरक्षा मान दण्ड़ो को लेकर विभिन्न विभागों द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को लाने-लेजाने के लिये प्रयोग होने वाली बसों व वाहनों का भी नियमित तौर पर निरीक्षण करे और खामियां पाई जाने पर उचित कार्यवाही भी करे। उन्होंने कहा कि शहर में आटो चालकों को भी यातायात नियम सख्ती से अपनाने के लिये प्रेरित करे और इन से जुड़े संगठनों की अगल से बैठक आयोजित करे। इसके अलावा आज की इस बैठक में सडक दुर्घटनाओं को कम करने के लिये विभिन्न विभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही की भी विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त उतम सिंह,एसडीएम पंकज सेतिया,एसडीएम कालका मनीता मलिक,नगराधीश गगनदीप सिंह,सहायक पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश,जीएम रोडवेज भवरजीत सिंह,डीडीपीओ कवरदमन पाल,नगर निमग के कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

वादक्कन कोई बड़े नेता नहीं जिनके जाने से फर्क पड़े: राहुल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने टॉम वडक्कन के बीजेपी में शामिल होने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ दौरे पर आए राहुल से पत्रकारों ने जब इसे लेकर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि टॉम वडक्कन बड़े नेता नहीं हैं इसलिए उनके कांग्रेस छोड़कर जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता,

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Congress President Rahul Gandhi on Tom Vadakkan joining BJP: Vadakkan? No, no Vadakkan is not a big leader.1,64112:55 PM – Mar 15, 2019801 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

सोनिया गांधी के करीबी रहे टॉम वडक्कन गुरुवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए थे. बाद में वो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मिले. इस दौरान अमित शाह ने उन्हें गुलदस्ता देकर पार्टी में स्वागत किया।

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Delhi: Congress leader Tom Vadakkan joins Bharatiya Janata Party in presence of Union Minister Ravi Shankar Prasad.4,7871:36 PM – Mar 14, 20191,575 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

वडक्कन ने इस दौरान पुलवामा आतंकी हमले के बाद वायुसेना के हवाई हमले (Air Strike) पर कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया को लेकर उस पर निशाना साधा. वडक्कन ने बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा, पाकिस्तान स्थित आतंकवादी शिविर पर हुए हमले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया दुखद थी. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के भीतर स्थितियों को लेकर आहत थे जहां यह स्पष्ट नहीं था कि सत्ता के केंद्र में कौन है.

Tom Vadakkan: I left Congress party because when Pakistani terrorists attacked our land, my party’s reaction to it was sad, it hurt me deeply. If a political party takes such a position that is against the country then I’m left with no option but to leave the party. pic.twitter.com/8oZYoFRGx45,7841:52 PM – Mar 14, 2019Twitter Ads info and privacy

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वडक्कन ने कहा, ‘मैं बेहद आहत हूं, इसलिए यहां हूं. मैंने भारी दिल के साथ पार्टी (कांग्रेस) छोड़ी है. अगर कोई पार्टी राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम करती है, तब पार्टी छोड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता है.’ उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वो अब इस्तेमाल करो और फेंको की नीति अपना रहे हैं.

लोकसभा चुनाव से ऐन पहले वडक्कन के इस कदम से कांग्रेस को बेहद असहज स्थिति का समना करना पड़ा.

माना जा रहा है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में वडक्कन को केरल की किसी सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है.

आरएलएसपी के राम बिहारी पुन: राजग में शामिल

बिहार राजनीति के एक प्रमुख घटक रहे आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा राजग को छोड़ कांग्रेस और लालू से गलबहियाँ डालने चले गए थे। बहुत मनाने के बाद भी उन्होने अपना हाथ नहीं छोड़ा और अब उन्हें उनकी हठधर्मिता के चलते उनकी पार्टी ही में विघटन हो रहा है, अभी हाल ही में राम बिहारी सिंह का नाम भी इन्हीं कारणों से चर्चा में है।

पटनाः राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) से नेताओं के जाने का दौर जारी है. आरएलएसपी पार्टी से पहले ही कई बड़े नेता जो पार्टी के अहम पद पर पदस्थापित थे वह चले गए. अब पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल राम बिहारी सिंह ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी. जिससे उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली इस पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले एक झटका लगा है.

आरएलएसपी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव राम बिहारी सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को छोड़कर विपक्ष के महागठबंधन में शामिल होकर लोगों के साथ ‘विश्वासघात’ करने का आरोप लगाया.

सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं उन कुछ लोगों में से था जिन्होंने उस समय कुशवाहा का समर्थन किया था जब उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) से अपना रास्ता अलग करने का फैसला किया था. लेकिन आज वह सर्वेसर्वा बन गये है. मैंने राजग छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने के उनके निर्णय का भी विरोध किया था लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और मनमाने ढ़ंग से निर्णय लिया. ऐसा करके उन्होंने राजग सहयोगी के रूप में उन्हें वोट देने वाले लोगों को धोखा दिया है.’’ 

उन्होंने आरोप लगाया कि टिकटों के बंटवारे में कुशवाहा कॉरपोरेट के हाथों खेल रहे है. हालांकि उन्होंने इस संबंध में विस्तृत रूप से नहीं बताया. लेकिन उन्होंने कहा कि एनडीए में भी उन्हें तीन सीट मिल रही थी. और महागठबंधन में भी इससे अधिक मिलने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में वह एनडीए में मंत्री पद पर होने के बाद भी क्यों महागठबंधन में आ गए.

आपको बता दें कि आरएलएसपी के एनडीए छोड़ने के साथ ही पार्टी के दो विधायक और एक एमएलसी ने कुशवाहा का साथ छोड़ दिया. वहीं, हाल ही में पार्टी के दो बर्खास्त नेता नागमणि और प्रदीप मिश्रा ने कुशवाहा पर टिकटों को ‘बेचने’ का आरोप लगाया था. आरएलएसपी प्रमुख ने इन आरोपों को खारिज किया था.

अपना दल पुन: एनडीए के साथ

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 की सरगर्मियों के बीच शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में बीजेपी-अपना दल (एस) के बीच गठबंधन फाइनल हो गया. अपना दल (एस) यूपी में दो सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगा. मिर्ज़ापुर सीट अपना दल के कोटे में है और अनुप्रिया पटेल मिर्ज़ापुर से सांसद हैं. यह सीट फिर से अपना दल को मिली है. एक और सीट के नाम का ऐलान जल्द होगा. अनुप्रिया पटेल और अपना दल अध्यक्ष आशीष पटेल ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से आज दिल्ली में मुलाकात की. मुलाकात के बाद इस बात की घोषणा की गई. 

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस संबंध में ट्वीट भी किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “फिर एक बार-मोदी सरकार” के संकल्प के साथ ‘भाजपा-अपना दल’ गठबंधन उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव साथ-साथ लडेगा. अपना दल प्रदेश की दो सीटों पर चुनाव लडेगा, जिसमे श्रीमती @AnupriyaSPatel जी मिर्जापुर से चुनाव लड़ेंगी और दूसरी सीट पर दोनों दलों के नेता बैठकर चर्चा करेंगे.” 

कुछ समय पूर्व अपना दल (एस) की बीजेपी से नाराजगी की खबरें आई थीं. हालांकि बीजेपी अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को अपने खेमे में बनाए रखने में सफल रही. बीजेपी-अपना दल (एस) के बीच गठबंधन फाइनल होने पर अनुप्रिया ने भी एक ट्वीट किया:  

Anupriya Patel

मिर्जापुर से चुनाव लड़ेंगी अनुप्रिया
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल एक बार फिर से मिर्जापुर से चुनाव लड़ेंगी. 2014 के चुनाव में अनुप्रिया ने करीब 2 लाख मतों से जीत हासिल की थी. उन्हें बसपा प्रत्याशी समुद्र बिंद ने टक्कर दी थी और करीब 2 लाख मत हासिल किए थे. कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही थी. कांग्रेस के उम्मीदवार ललितेशपति त्रिपाठी को डेढ़ लाख वोट मिले थे. इस बार सपा-बसपा गठबंधन के मिलकर चुनाव लड़ने के कारण यह सीट सपा के खाते में है. सपा इस सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा भी कर चुकी है. 2019 में अनुप्रिया का मुकाबला सपा प्रत्याशी राजेंद्र एस बिंद से होगा. मिर्जापुर लोकसभा सीट पर बिंद समाज के मतदाता अच्छी खासी तादाद में हैं.

उधर, कांग्रेस ने एक बार फिर से ललितेशपति त्रिपाठी पर भरोसा जताया है. कुलमिलाकर, मिर्जापुर सीट पर सपा, कांग्रेस और अपना दल (एस) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा. ललितेश पति त्रिपाठी पूर्व रेल मंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र हैं.

मुलायम को दरकिनार कर अपर्णा को चुनाव से दूर रखेंगे अखिलेश यादव

योगी आदित्यनाथ के साथ गोशाला में अपर्णा यादव

लखनऊ :लोकसभा चुनावों की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट को जारी कर दिया है. इस लिस्ट में समाजवादी पार्टी की हाई प्रोफाइल सीट कैराना और संभल लोकसभा सीट के उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है. इस लिस्ट के आने के बाद इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई है कि अखिलेश यादव, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की कोई भी बात नहीं मान रहे हैं. ऐसा इसलिए कहा जा क्योंकि मुलायम सिंह यादव ने संभल लोकसभा सीट से अपर्णा यादव के लिए टिकट मांगा था. 

यह भी कहा जा रहा था कि इस बार इस सीट से यादव परिवार का सदस्य मैदान होगा. सूत्रो के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ वक्त पहले मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव से अपर्णा यादव के लिए सिफारिश की थी. सभी सिफारिशों को खारिज करते हुए अखिलेश यादव ने संभल लोकसभा सीट से पार्टी के पूर्व सांसद शफिकुर्रहमान बर्क को प्रत्याशी घोषित किया है. 

अब तक 15 नामों की हुई घोषणा
नई लिस्ट आने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की संख्या 15 हो गई है. पार्टी की ओर से जारी की गई लिस्ट के मुताबिक, मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, बदायूं से धर्मेंद्र यादव, इटावा से कमलेश कठेरिया, रोबर्टसगंज से भिलाल कोल, बहराइच से शब्बीर बाल्मीकि, कन्नौज से डिंपल यादव, लखीमपुर खीरी से पूर्वी वर्मा, हरदोई से उषा वर्मा, हाथरस से रामजी लाल सुमन और मिर्जापुर से राजेंद्र एस विंद चुनावी मैदान में होंगे.