जो मुस्लिम दाढ़ी रखते हैं लेकिन मूंछ नहीं रखते, वह चरमपंथी और डरावने हैं : रिजवी


सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में रिजवी ने कहा कि बिना मूंछ के मुस्लिम डरावने लगते हैं


मुस्लिमों द्वारा दाढ़ी के साथ मूंछ न रखने को लेकर यूपी शिया बोर्ड चीफ वसीम रिजवी ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो मुस्लिम दाढ़ी रखते हैं लेकिन मूंछ नहीं रखते, वह चरमपंथी और डरावने हैं.

उन्होंने कहा कि इस्लाम में दाढ़ी रखना एक रिवाज है लेकिन जो लोग दाढ़ी के साथ मूंछ नहीं रखते वह चरमपंथी हैं और देश-विदेश में आतंक का चेहरा हैं. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में रिजवी ने कहा कि बिना मूंछ के मुस्लिम डरावने लगते हैं. ऐसे मुसलमान चरमपंथी और इस्लामी कट्टरपंथी हैं और दुनिया भर में आतंक फैलाने के लिए जाने जाते हैं, दाढ़ी के साथ मूंछ न रखना लोगों के बीच भय की भावना को जगाना है.

रिजवी ने कहा कि शरियत के नाम पर ऐसे मुस्लिम लोगों की निजी जिंदगी में फतवा जारी कर दखल देते हैं. जबकि इस्लाम में ऐसा कुछ नहीं है. केरल में एक लड़की के बिंदी लगाने पर मदरसे से निकाले जाने के मुद्दे पर रिजवी ने कहा कि शादी के बाद बिंदी लगाना इस देश का रिवाज है और ऐसे रिवाजों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए.

रिजवी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि फतवा जारी करने वालों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. संविधान के अलावा आम आदमी के लिए अलग से नियम-कानून की कोई जरूरत नहीं है. बता दें कि जान से मारने की धमकी मिलने के बाद रिजवी को यूपी सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध करवाई थी.

अप्रैल में रिजवी ने पीएम मोदी से मांग की थी कि उनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया जाए. अंडरवर्ल्ड से जुड़े एक शख्स की गिरफ्तारी के बाद रिजवी ने यह मांग की थी. उन्होंने कहा था कि राम मंदिर के मुद्दे पर अपनी राय की वजह से वह चरमपंथियों के निशाने पर हैं.

शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती और गजपति राजा दिब्यसिंह देव ने गैर-हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति देने के प्रस्ताव पर अपना विरोध दर्ज कराया है


12 वीं सदी में निर्मित इस मंदिर में अभी सिर्फ हिंदुओं के प्रवेश की अनुमति है. इसे श्री मंदिर के नाम से भी जाना जाता है


शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती और गजपति राजा दिब्यसिंह देव ने श्री जगन्नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति देने के प्रस्ताव पर अपना विरोध दर्ज कराया है. राजा दिब्यसिंह देव को भगवान जगन्नाथ का पहला सेवक माना जाता है.

12 वीं सदी में निर्मित इस मंदिर में अभी सिर्फ हिंदुओं के प्रवेश की अनुमति है. मंदिर में गैर – हिंदुओं के प्रवेश पर चर्चा तब शुरू हुई जब सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन को निर्देश दिया कि वह सभी दर्शनाभिलाषियों को भगवान की पूजा अर्चना करने दें, भले ही वे किसी भी धर्म के हों.

विश्व हिंदू परिषद ने भी रविवार को विरोध जताते हुए कहा कि वह इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी ताकि न्यायालय अपने प्रस्ताव पर फिर से विचार करे.

गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सनातन धर्म की सदियों पुरानी परंपरा का उल्लंघन कर श्री मंदिर में सभी को प्रवेश की अनुमति देना हमें स्वीकार्य नहीं है.

गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य श्री जगन्नाथ मंदिर में पंडितों की शीर्ष संस्था मुक्ति मंडप के प्रमुख होते हैं.

गजपति राजा दिब्यसिंह देव ने कहा कि वार्षिक रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा को मंदिर से बाहर ले जाया जाता है ताकि वे विभिन्न धर्मों के भक्तों को आशीर्वाद दे सकें और ‘स्नान उत्सव’ के दौरान भी लाखों लोग उन्हें देखते हैं.

गजपति राजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रस्ताव एक अंतरिम आदेश की तरह है. उन्होंने कहा कि मंदिर प्रबंध समिति रथ यात्रा के बाद इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन उसी अनुरूप कदम उठाएगा.

वीएचपी की ओडिशा इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष बद्रीनाथ पटनायक ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मंदिर को लेकर कोई भी कदम उठाने से पहले पुरी के गजपति राजा दिव्यसिंह देब और पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती से विचार-विमर्श किया जाना चाहिए.

12 वीं सदी में निर्मित इस मंदिर में अभी सिर्फ हिंदुओं के प्रवेश की अनुमति है. इसे श्री मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

विहिप नेता ने श्री जगन्नाथ मंदिर में वंशानुगत सेवादार प्रथा को खत्म करने के शीर्ष न्यायालय के प्रस्ताव को भी स्वीकार नहीं किया.

पटनायक ने कहा, ‘राज्य सरकार से अपील की जाएगी कि वह इस मामले में अपना मौजूदा रुख कायम रखे और यदि वह ऐसा करने में नाकाम रही तो हम सुप्रीम कोर्ट की बड़ी पीठ में पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे.’

सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन को निर्देश दिया था कि वह सभी दर्शनाभिलाषियों, चाहे वे किसी भी धर्म-आस्था को मानने वाले क्यों न हों, को मंदिर में पूजा करने की अनुमति दे. हालांकि, न्यायालय ने कहा था कि गैर-हिंदू दर्शनाभिलाषियों को ड्रेस कोड का पालन करना होगा और एक उचित घोषणा – पत्र देना होगा.

ट्रिपल तलाक की याचिकाकर्ता शायरा बानो ने संकेत दिया कि वह बीजेपी जॉइन कर सकती हैं


घरेलू हिंसा और ट्रिपल तलाक की पीड़िता बानो तलाक-ए-बिद्दत और निकाह हलाला के खिलाफ 2016 में सुप्रीम कोर्ट गई थीं. उन्होंने अपनी याचिक 5 अन्य लोगों के साथ दायर की थी


ट्रिपल तलाक की याचिकाकर्ता शायरा बानो ने संकेत दिया कि वह बीजेपी जॉइन कर सकती हैं. शायरा बानो ने ट्रिपल तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की है. शायरा बानो ने सबसे पहले ट्रिपल तलाक के खिलाफ पहली याचिका दायर की थी.

बानो ने कहा ‘हमारी सरकार एक समान नागरिक संहिता और बहुविवाह के प्रभावों के बारे में सोचने के बारे में चिंतित है. मुसलमानों के प्रति बीजेपी सरकार की चिंता को देखते हुए मैंने फैसला किया है कि अगर मुझे बीजेपी में शामिल होने का मौका मिलता है तो मैं निश्चित रूप से इसमें शामिल हो जाऊंगा,’

घरेलू हिंसा और ट्रिपल तलाक की पीड़िता बानो तलाक-ए-बिद्दत और निकाह हलाला के खिलाफ 2016 में सुप्रीम कोर्ट गई थीं. उन्होंने अपनी याचिक 5 अन्य लोगों के साथ दायर की थी. इसमें इशरत जहां, भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन, गुलशन परवीन, आफरीन रहमान और अतिया साबरी का नाम शामिल है.

क्या है निकाह हलाला ?

निकाह हलाला को समझना जरूरी है. अगर कोई पुरुष तीन सिटिंग में पत्नी को तलाक देता है तो तलाक मान लिया जाता है. लेकिन फिर पूर्व पत्नी से दोबारा शादी करना चाहता है तो निकाह हलाला की प्रकिया से गुजरना होगा. ये मुसलमानों के सभी मसलकों में माना जाता है, इस्लामिक कानून के जानकारों की राय है कि ये इसलिए है कि समाज में तलाक जैसी बीमारी ना फैलने पाए. पुरुष महिला को तलाक देने से पहले सोचे समझे. निकाह हलाला एक सबक के तौर पर देखा जाना चाहिए. हालांकि सवाल ये उठता है कि सिर्फ महिला को ही इस तरह के कष्ट से क्यों गुजरना पड़ता है? पुरूष को सजा के तौर पर क्या मिल रहा है?

 

के. चंद्रशेखर राव ने देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने का समर्थन किया है


टीआरएस सांसद ने कहा, ‘निर्वाचित प्रधानमंत्री हर साल विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार अभियान में अपना काफी वक्त लगाते रहे है.’


तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने का समर्थन किया है.

विधि आयोग के अध्यक्ष को (साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव के पक्ष में) राव का पत्र सौंपने के बाद करीमनगर के टीआरएस सांसद बी विनोद कुमार ने मीडिया से कहा , ‘कई लोग मानते हैं कि विधानसभाओं एवं संसद का एक साथ चुनाव कराना भाजपा या मोदी का एजेंडा है. लेकिन विधि आयोग ने काफी पहले ही प्रक्रिया शुरु कर दी थी.’

टीआरएस सांसद ने कहा, ‘निर्वाचित प्रधानमंत्री हर साल विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार अभियान में अपना काफी वक्त लगाते रहे है.’

उनका कहना था कि यह 2014 में लोकसभा और कुछ राज्यों में चुनाव के बाद 2015, 2016, 2017 और 2018 में विभिन्न राज्यों में हुए चुनावों से स्पष्ट होता है.

उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना राष्ट्र समिति और के सी आर (राव इस नाम से लेाकप्रिय हैं) का मत है कि एक बार चुनाव हो जाने से राज्यों एवं देश के विकास में मदद मिलेगी.’

उन्होंने कहा , ‘हमारी राय से आज स्पष्ट रुप से अध्यक्ष को अवगत करा दिया गया.’ एक साथ चुनाव करवाने से ‘नष्ट’ होगा संसदीय लोकतंत्र: आप

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता आशीष खेतान ने कहा कि उनकी पार्टी का यह दृढ़ता से मानना है कि एक साथ चुनाव कराए जाने से भारत का संसदीय लोकतंत्र एवं संघवाद ‘नष्ट’ होगा.

खेतान ने विधि आयोग और उसके सदस्यों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि आप इस मामले में पार्टी के रूख को लेकर आयोग को एक विस्तृत पत्र सौंपेगे.

विधि आयोग ने 14 जून को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर उनकी राय मांगी थी.

खेतान ने ट्वीट कर कहा, ‘विधि आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों से मुलाकात की. बताया कि ‘आप’ इस बात पर दृढ़ता से विश्वास करती है कि एकसाथ चुनाव करवाने से हमारा संसदीय लोकतंत्र एवं संघवाद नष्ट हो जाएगा तथा इसका मतलब होगा हमारे संविधान के बुनियादी ढांच को क्षत-विक्षत करना. हम जल्द ही आयोग को एक विस्तृत पत्र सौंपेगे.’

General Bipin Rawat, visited Amritsar here today on Sunday to review the security

Amritsar, July 8, 2018:

The Chief of Army Staff, General Bipin Rawat, visited Amritsar here today on Sunday to review the security situation and operational preparedness of the formations guarding the sensitive frontiers of the Western Theatre in the State of Punjab.

In a official release, he was received by Lt Gen Surinder Singh, , Army Commander of Western Command and  Lt Gen Dushyant Singh, Corps Commander of the Vajra Corps.

This was the first visit of the Chief to the historical city of Amritsar since he took over the reins of the Indian Army. The General visited the Headquarter of Panther Division where Lt Gen Dushyant Singh briefed him on operational preparedness of the Vajra Corps in view of prevailing situation in the region. The General also interacted with all the Formation Commanders responsible for the defense of Punjab.

He appreciated the high standards of military preparedness and level of coordination with BSF in safeguarding the interest of nation in the areas under the command of Vajra Corps.

The Army Chief was accompanied by his wife Mrs Madhulika Rawat, President Army Welfare Wife Association and both of them interacted with service personnel, veterans and families of soldiers and lauded their contribution towards the service of the nation.

2 SHOs among 6 Punjab cops suspended for being soft against drug trade

Chandigarh, July 8, 2018:

Adopting strict attitude towards involvement of cops in drug peddling, 6 more Punjab police cops including two SHOs have been suspended for not taking keen interest in anti-drug campaign.

SSP Sangrur Mandeep Singh told Babushahi.com that ‘SHO City 2 Malerkotla, SI Nirmal Singh was suspended and transferred to the district Police Lines Sangrur for not taking keen interest in anti-drug campaign. He was also not taking action against Satta operators in Malerkotla city area.

Another SHO Sherpur police station Rakesh Kumar was suspended with immediate effect and transferred to the district Police Lines for not taking effective action against drug peddlers and loose control over subordinates, added the SSP.

He further told that similar action was taken against four police personnel of Sherpur Police Station ASI Darshan Singh 2139 / SGR, Driver HC Nirmal Singh 1120 / SGR, HC Deepak Kumar 658 / SGR and HC Karnail Singh 300 / SGR for not sharing information and lack of interest in the campaign against drug trade despite having knowledge of  drug peddlers in the Sherpur area.

अंबाला कैंट के फीनिक्स सभागार में आज अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन हरियाणा प्रदेश की कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हुई

8-7-2018

आज अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन हरियाणा प्रदेश की कार्यकारिणी की बैठक अम्बाला कैंट के फोईनिक्स क्लब के सभागार में प्रदेशाध्यक्ष श्री कुलभूषण गोयल की अध्यक्षता में हुई। प्रदेश महामंत्री श्री सी बी गोयल ने मिटिंग का संचालन किया। अवसर पर राष्ट्रीय मन्त्री श्री खैराती लाल सिगंला, प्रकाश चन्द्र अग्रवाल के इलावा प्रदेश संगठन मन्त्री श्री मनोज गोयल, श्री सुमेरचन्द गर्ग, बुधीजीवी प्रकोष्ठ के संयोजक श्री दीपक जिन्दल, सहकोषाअध्य विपिन गर्ग, सत्यकुमार गुप्ता, जीन्द जिला अध्यक्ष श्री लक्ष्मी नारायण बंसल के अलावा अम्बाला जिला अध्यक्ष श्री हंसराज अग्रवाल व महामंत्री श्री प्रदीप गोयल , संरक्षक सुधीर कुमार बिन्दलिस, सोनीपत से युवा अध्यक्ष श्री अनिल गोयल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला से कुसुम गुप्ता, पलवल , रिवाङी से काफी संख्या में पदाधिकारियों ने भाग लिया। अम्बाला जिला अध्यक्ष व उनकी टीम ने सभी पदाधिकारियों व ट्रस्टीयो का शाल दे कर सम्मान किया तथा आए हुए सभी मेम्बरज का सवागत किया। श्री सी बी गोयल व अन्य ने दिवगत जिला अध्यक्ष श्री देसराज जी यमुना नगर व तांतीया जी जिला अध्यक्ष फतियाबाद को श्रधान्जली दी । श्री कुलभूषण गोयल ने अग्रोह मे चल रहे कार्यो के बारे मे जानकारी दी तथा संगठन को आगें बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को मेम्बर बनाने व ट्रस्टी बनाने की बात कही। सी बी गोयल ने प्रदेश मे चल रहे कार्यो के बारे मे जानकारी दी तथा संगठन को आगें बढ़ाने के लिए सभी प्रदेश पदाधिकारियों व सभी जिला अध्यक्ष व उनकी टीम तथा सभी ट्रस्टीयो की एक डायर्कटरी बनानेी की बात कही। जिला अध्यक्ष व प्रतिनिधियों ने अपने-अपने जिला मे चल रहे कार्यो के बारे मे जानकारी दी तथा संगठन को आगें बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को मेम्बर बनाने व ट्रस्टी बनाने की बात पर सहमति जताई। श्री दीपक जिन्दल ने अपने प्रकोष्ठ के बारे मे जानकारी दी तथा जल्दी बुधीजीवी प्रकोष्ठ की मिटिंग बुलाने की बात कही। समाज को मजबूत करने के लिए जो लोग पिछड़ गए हैं उनकी चिंता व मदद करने की बात कही। अगली कार्यकारिणी की बैठक पंचकूला में कराने का निर्णय लिया गया। सभी ने सुंदर आयोजन के लिये अम्बाला की टीम को बधाई दी और धन्यवाद किया।

PU Senate Adjourned

The Senate Meeting of Panjab University was held today with 16 members participating in the meeting. After the Vice Chancellor’s statement, several members recall the contributions of Prof. Arun K. Grover, Vice Chancellor, PU during the last 6 six years.

Before the taking up of Agenda items, a few members opined that the meeting be postponed in view of thin attendance. However, some members opined that agenda items like ratification of CAS promotions, confirmation of employees and items related to commencement of new session be dealt with by the members present and remaining matters be deferred to a later sitting of the Senate, to be rescheduled in a near future.

There was lack of consensus on the above two alternatives. A vote was then taken  on the above options. Seven persons favoured the former option and six members favoured the latter one.

The Vice Chancellor opined that he shall inform the Chancellor’s office of the deliberations of today’s Senate meeting and shall seek the guidance on convening of the next sitting of the Senate from Chairperson of Senate, namely, The Chancellor, PU on whose behalf the VC presides over the Senate meeting.

The Senate, however, authorised the Vice Chancellor to take a call on the essential items related to the smooth commencement of new academic session in consultation with Dean Student Welfare, Prof. Emanual Nahar, Fellow, PU.

‘GST has brought transparency in the system’


The Institute of Cost Association of India (ICAI ) holds one day seminar on GST, Banking & Insolvency Code and Valuation Rules-2017


Chandigarh, July 8, 2018: 

The Institute of Cost Association of India (ICAI ), Northern India Regional Council and its Chandigarh Panchkula Chapter held  one day seminar on GST, Banking & Insolvency Code and Valuation Rules-2017, at The Lalit Hotel, IT Park here today.

Delivering a key note address on the occasion, CMA Sanjay Gupta, President of ICAI-CMA said, “Ethics and Integrity need to be brought in the system and we are working in all aspects to bringing the transparency in the economic system.” He further updated the participants about new initiatives of the ICAI-CMA and what challenges the Accounting bodies have to face in the regime of Artificial Intelligence (IA) era when audit will not be the job of the accounting professionals.

While addressing the gathering, CMA Sanjay Tandon, Chandigarh-  BJP President who was one of the Guests of Honour, called GST, India’s one of the biggest economic reform, which brought transparency  in the Indian Economic system and said, “Earlier government worked on 30 % of the society, which was reasonably good but the effect of decision making could do better. But Modi government addressed the rest 70 percent of the society.

During the seminar, Vivek Atray, IAS Retd said, “World is looking at Indian Economy with a lot of confidence and faith that India will lead the way and show the way to many developing countries.  Indian economy has transformed from one phase to another, more transparency and efficiency came in the system which without GST was not possible”. He appreciate the efforts of CMA profession for conducting such seminars in the interest of all stake holders.

On the occasion, CMA Sunil K Singh Chairman –NIRC also expressed his views on the theme of the seminar, “New Economic Reforms and role of CMA profession”. He also requested the government to give CMA its due role  in achieving the mission of ‘Make in India’. CMA L.N. Aggarwal, Chairman Chandigarh-Panchkula Chapter welcomed all the participants for joining the seminar and making a valuable for all the stake holders.

CMA D.S. Bhatia, presented the formal vote of thanks and submitted to the President of the Institute for its premises in tricity as this part of the country has potential for the profession.

Delivering a key note address on the insolvency and bankruptcy code, Virender Kulharia, IA&AS, Deputy Accountant General, said, “CMA Profession has made equal understanding with professionals , which give limited certification for practice. And wish that there should held more interaction with government monitors and institutes to explore and can do cross pollination of ideas”.

While talking on GST, CMA Anil Sharma, Secretary of Northern India of the Institute talked about the issues, which needs to be addressed by the government.K. Gaurav Dhawan, Additional Commissioner CGST also expressed his view point and also informed the participants about government initiatives to make the GST more user-friendly. CMA Rakesh Bhalla Chief General Manager, SML ISUZU raised various issues that have not been addressed so far and have made working of the dealers more complicated.

In afternoon session CMA Rajansh Thukral explained the scope and challenges of Banking and Insolvency Code. CMA Varind Jain another speaker on the issues talked about the impact of IB Code on Indian economy and the banking system which is facing tough time with NPA.

To evaluate the business net worth in real terms, Valuation Rules -2016 have been released by the government where in professionals like Cost Accountants (CMAs), and other professionals have been authorized to evaluate the business assets such as goodwill, shares, plants & machinery, building etc. What are the challenges faced by Industry and these professionals were discussed at this one day seminar. CMA Aseem Jain, expressed is view point and explain the provisions of Valuations Rules -2016.

WHY PM DEVELOPED SUDDEN LOVE FOR FARMERS AS POLL CLOCK STARTS TICKING


MODI REGIME UNABLE TO MATCH UPA GOVERNMENT IN INCREASING MSP OF CROPS


Chandigarh, July 8:

Senior Congress Leader and Jail & Cooperation Minister, Punjab, S. Sukhjinder Singh Randhawa has termed the step undertaken by the Union Government to increase the Minimum Support Price (MSP) of the Kharif crops as a mere attempt to befool the farming community for the sake of electoral gains. In a statement, S. Randhawa questioned as to why during the past 4 years the Union Government didn’t care at all to remember the plight of the farmers. When the farmers were organizing protests and demonstrations in Delhi and demanding their rightful due the Prime Minister paid any attention to their misery then but now with the general elections fast approaching the BJP has made enacted a drama to encash the farmers’ vote bank. But, now the farming community has become totally aware of the politics of falsehood being perpetrated and would not at all fall prey to the lollypop promises.

Randhawa further said that during the term of Dr. Manmohan Singh as Prime Minister, the MSP of paddy crop increased 6 percent in first 5 years and 38 percent in second 5 years term. Whereas the Modi Government till date has effected the increase up to 29 percent only which is a clear cut proof of fraud being perpetrated on the farmers. The PM in his speeches promises moon to the farmers and talks of doubling their income but the bitter reality is that he is unable to give farmers the rightful price of their crops even. Furthermore, the PMand the BJP leaders are misguiding the farmers that the crop rates have been increased by one and a half percent which is a blatant lie. The truth is that the Union Government is still unable to give MSP to the farmers as per the Swaminathan Committee recommendations.

Attacking further, S. Randhawa said that during the previous polls too, Mr. Modi made false promises to the people at Bathinda and now with the polls fast approaching again, he would try to lure the farmers with his false promises but the farmers won’t fall into his trap again.