21वीं सदी में एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनाने की जरूरत – राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी


राज्यपाल ने अपने उद्घोष में कहा ‘जब तक सूरज चांद रहेगा-उधम सिंह तेरा नाम रहेगाÓ।
इन्द्री अनाज मंडी में 78वें शहीद उधम सिंह बलिदान दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल सहित मंत्रियों, विधायकों व समाजसेवियों ने दी श्रद्धांजलि, कार्यक्रम की अध्यक्षता मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने की।


इन्द्री/करनाल 31 जुलाई,

हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि 21वीं सदी में एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनाने की जरूरत है, हमें देश की एकता, अखंडता, आपसी प्रेम-प्यार, भाईचारा, शांति और सद्भावना बनाए रखने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस की याद को जाता करते हुए कहा कि ‘जब तक सूरज चांद रहेगा-उधम सिंह तेरा नाम रहेगाÓ, शहीद उधम सिंह के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके बलिदान की चिंगारी से ही अंग्रेजों को भारत छोडऩे पर विवश होना पड़ा और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी ने भी उनके बलिदान से पे्ररणा लेकर 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की थी और भारतीयों का आह्वान किया था या तो अंग्रेजों को भगाओ या खुद मर जाओ।
राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी मंगलवार को इन्द्री की नई अनाज मंडी में हरियाणा काम्बोज महासभा की ओर से आयोजित शहीद उधम सिंह के 78वें बलिदान दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर शहीद उधम सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धाजंलि दी और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुभारम्भ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, राज्यमंत्री कृष्ण बेदी, नायब सिंह सैनी, घरौंडा के विधायक एवं हैफेड के चेयरमैन हरविन्द्र कल्याण, नीलोखेड़ी के विधायक भगवानदास कबीरपंथी, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, पूर्व विधायक कृष्ण काम्बोज, राकेश काम्बोज, चौ. बंता राम बाल्मीकि, डेरा बाबा बुमनशाह के गद्दीसीन बाबा ब्रह्मदास, हरियाणा काम्बोज महासभा के प्रदेशाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह व जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह काम्बोज सहित अन्य गणमान्य लोगों ने शहीद उधम सिंह को श्रद्धांजलि दी।
राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि भारत का सही व्यक्ति वही है जो ठान लेता है वो करके दिखाता है, उधम सिंह भी ऐसे महान वीर शहीदों में से एक थे। उन्होंने देश की आन-बान-शान की खातिर बचपन में अंग्रेजों से बदला लेने की जो प्रतिज्ञा की थी उसे पूरा करके दिखाया। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीद उधम सिंह ने जब लंदन में माइकल ओ-ड्वायर को गोलियों से भूना तो उसे सबसे पहले एक महिला ने पकड़ा और पूछा कि तेरी गन में अभी 3 गोलियां और बाकी हैं ये क्यों नहीं चलाई, मुझे क्यों नहीं मारते तो उधम सिंह ने कहा कि मैं ऐसे भारत देश का वासी हूं जहां निहत्थे लोगों पर वार नहीं करते और महिलाओं की इज्जत करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें भी चाहिए कि हम शहीद उधम सिंह के बताए हुए मार्ग पर चलकर अपनी समाज की महिलाओं का सम्मान करें, यही उधम सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राज्यपाल ने शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस पर उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि पुरूषों के साथ महिलाओं की उपस्थिति इस बात को दर्शाती है कि हम भारतीय अपने शहीदों से कितना लगाव रखते हैं। इतनी बड़ी भीड़ की उपस्थिति के लिए मंत्री कर्णदेव काम्बोज वह हरियाणा काम्बोज महासभा के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आज के समय में इस प्रकार के कार्यक्रमों की जरूरत है ताकि शहीदों को याद करने के साथ-साथ युवा पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा मिल सके। हरियाणा काम्बोज महासभा की मांग पर कुरूक्षेत्र में निर्माणाधीन काम्बोज धर्मशाला के लिए 25 लाख रुपये देने की घोषणा की, तथा महासभा के पदाधिकारियों को सुझाव दिया कि कुरूक्षेत्र की धर्मशाला में यदि शहीद उधम सिंह के जीवन पर आधारित संग्रहालय बनाया जाए तो बेहतर होगा, फिर भी यदि संग्रहालय के लिए केडीबी के पास अलग जगह उपलब्ध होगी तो उसका अध्ययन करवाएंगे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि खुशनसीब होते हैं वो लोग जिनका खून देश के काम आता है। हमारा इतिहास बलिदानों से भरा पड़ा है। यह आजादी हमें यूं ही नहीं मिली इसके लिए कितनी बहनों ने अपने भाईयों व पतियों को तथा कितनी माताओं ने अपने बेटों व अपने सुहाग को खोया है। आजादी को पाने के लिए असंख्य वीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। देश के लिए कुर्बान होने वालों में ऐसे ही महान वीर देशभक्त व क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह भी एक हैं। उन्होंने बताया कि 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में जन्म उधम सिंह जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी थे। अंग्रेजों द्वारा किए गए भयानक नरसंहार का बदला लेने का प्रण लिया। आखिरकार 13 मार्च, 1940 को वह दिन आया जब लंदन के कैक्स्टन हॉल की बैठक में उन्होंने माइकल ओ-ड्वायर की गोली मारकर विदेश में अपने देश के सम्मान का बदला लिया और अपना प्रण पूरा किया। उन्होंने देशवासियों के समक्ष राष्ट्र भक्ति, त्याग और बलिदान की एक अनूठी मिसाल कायम की जोकि देशवासियों, विशेषकर युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
कार्यक्रम में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने शहीद उधम सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी देश भक्ति के जज्बे को समूचा राष्ट्र सलाम करता है। शहीद उधम सिंह ने जलियांवाला बाग की घटना से प्रेरित होकर निहत्थे, निर्दोष लोगों की हत्या को देखकर देश की आन-बान-शान के लिए प्रण लिया कि मैं इस नरसंहार का बदला गौरी सरकार से एकदिन जरूर लूंगा। आखिर उन्होंने उस संकल्प को 13 मार्च, 1940 में पूरा करके दिखाया। उन्होंने बताया कि उधम सिंह का बचपन का नाम शेर सिंह था। उन्होंने हरियाणा सरकार को बधाई देेते हुए कहा कि यह पहली सरकार है जिन्होंने शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर सरकारी अवकाश घोषित किया है। इतना ही नहीं लोगों की आस्था को देखते हुए देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शहीद उधम सिंह की अस्थियों को अपने देश में लेकर आने का काम किया।
इस अवसर पर डेरा बाबा बूमनशाह के गद्दीसीन बाबा ब्रह्मदास ने कहा कि हिंदुस्तान महान शूरवीरों की धरती है जिन्होंने भारत माता की आन-बान-शान की खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी। ऐसे वीर शहीदों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि शहीदों को यही श्रद्धांजलि होगी कि हमें बुराईयों का डटकर विरोध करना चाहिए क्योंकि जब उधम सिंह ने जलियांवाला बाग की घटना में हुए अन्याय को देखा तो उनका खून खौल गया था और उन्होंने उस घटना का बदला लेने का प्रण लिया।
हरियाणा काम्बोज महासभा के प्रधान भूपेन्द्र सिंह ने मुख्य अतिथि महामहीम राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी व कार्यक्रम के अध्यक्ष मंत्री कर्णदेव काम्बोज सहित सभी विशिष्ट अतिथियों तथा भारी जनसमूह का स्वागत किया और सभा की ओर से सभी को शहीद उधम सिंह का चित्र व शॉल भेंटकर सम्मानित किया और सभा की ओर से मांग पत्र मुख्य अतिथि को सौंपा। सभा की मांग पर काम्बोज धर्मशाला कुरूक्षेत्र के लिए मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने 21 लाख रुपये, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, विधायक सुभाष सुधा ने 11-11 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके अलावा मंत्री विपुल गोयल ने भी भवन के लिए 11 लाख रुपये की राशि की स्वीकृति सभा को भेजी। कार्यक्रम में मंच का संचालन जयप्रकाश काम्बोज ने किया। इस अवसर पर भाजपा युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष विकास काम्बोज, सभा के पूर्व प्रधान गोपीचंद, ज्ञान चंद, इन्द्री ब्लॉक अध्यक्ष सुमेर चंद, सभी पदाधिकारी व सदस्यगण तथा प्रशासन की ओर से उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया, पुलिस अधीक्षक एस.एस. भोरिया, एसडीएम ईशा काम्बोज भी उपस्थित थे।

125thAnniversary of Women’s Suffrage in New Zealand

Ranjit Singh Ahluwalia

New Zealand became the first self-governing country in the world to grant all women the right to vote in parliamentary elections 125years ago on 19th September 1893 when Lord Glasgow, signed a new Electoral Act into law.

Thesuccess was attributed to the enormous struggle over a seven year campaign by suffragists like Kate Sheppard who collected 31,872 signatures which culminated in the 1893 petition which was presented to Parliament in a wheelbarrow. At 270mtrs long the petition was unrolled across the chambers of the House with dramatic effect. It was the largest petition ever gathered in Australasia. The Electoral Bill was passed by 20 votes to 18 and 10weeks later women alongside the men casted their votes at their first election.

The petition contains the signatures of many leading suffragists and feminists, including Kate Sheppard, Marion Hatton, Rachel Reynolds, Ada Wells, Tailoresses’ Union leader Harriet Morison, writer Edith Grossman, and sisters Christina and Stella Henderson (whose younger sister, Elizabeth, then too young to sign, would later achieve fame as New Zealand’s first woman MP – under her married name, McCombs).

Today, 29th July 2018 marks 125 years since the presentation of the petition to Parliament, a great milestone worthy of celebrations and most appropriately to gather and listen to “OUR STORIES.”

 

Organiser: Hansa Naran

 

Team: Dianna Aislabie; Maree Allan; Jo Mathews; Jenny Joseph & Rosemary Keay

 

Place: Waiau Pa Hall, McKenzie Road, Waiau Pa 2679

राफेल डील पर सुरजेवाला के सवालों का जवाब दें पीएम मोदी : शत्रुघ्न सिन्हा


राफेल डील पर शत्रुघ्न सिन्हा ने उठाए सवाल, बोले- सुरजेवाला के सवाल तार्किक, ‘खामोश’ क्यों हैं पीएम मोदी


31 जुलाई 2018

नई दिल्ली : अपनी ही पार्टी (भाजपा) के खिलाफ बागी तेवर रखने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने राफेल डील मामले को लेकर सवाल किए हैं।और कांग्रेस के कंधे पर बंदूक रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।

शत्रुघ्न सिन्हा ने मंगलवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करके कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राफेल डील को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। और उनके आरोपों में दिए गए तथ्य तार्किक लगते हैं। उन्होंने कहा कि इस कारण प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द जवाब देकर स्थिति साफ करनी चाहिए।

शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सर (पीएम मोदी) हम इस मुश्किल और चिंताजनक स्थिति का मुकाबला करने के लिए अपने दिशानिर्देश और उत्तर का इंतजार कर रहे हैं। हमेशा की तरह आपके ‘खामोश’ रहने से समस्या के समाधान में मदद नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा, सुरजेवाला ने यह भी आरोप लगाया है कि हमारे कुछ ईमानदार ब्यूरोक्रेट्स संवेदनशील दस्तावेजों, फाइलों, कागजातों को आगे लीक कर रहे हैं।

सिन्हा ने कहा कि क्या हम अपने लोगों और देश पर पकड़ खो रहे हैं? उन्होंने कहा कि ये आरोप वजनदार हैं और इनके जवाब तुरंत देने चाहिए। कांग्रेस के आरोपों की तारीफ करते हुए सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस ने अत्यंत स्पष्टता, तथ्यों और भरोसे साथ आरोप लगाए हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि 60,145 करोड़ रु. की राफेल डील ने साबित कर दिया कि ‘कल्चर ऑफ क्रोनी कैपिटलिज़्म’ यानी 3C मोदी सरकार का डीएनए बन गया है। उन्होंने कहा कि इस डील में भ्रष्टाचार उसी समय उजागर हो गया जब इससे सरकारी कंपनी एचएएल को दरकिनार कर दिया गया और ये कॉन्ट्रैक्ट एक ऐसी कंपनी को दे दिया गया, जिसे इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं था।

दोषियों के खिलाफ पुलिस का कार्यवाही से इंकार

Photo: Rakesh Shah

 

मोहाली चंडीगढ़ और खरड़ के कुछ लोगों ने निजी फाइनेन्सर पर गलत तरीके से पैसे हड़पने और किसी अन्य ब्यक्ति विजय कुमार और विकास मलिक को गैर कानूनी रूप से इनके cheque देकर इनके विरुद्ध कोर्ट में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 138 के तहत मुकदमा दायर करने का आरोप लगाया है।
चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए दीपक शर्मा ,सोनू कुमार एवम अन्यों ने बताया कि घरेलू ज़रूरत के चलते उन्होंने एक बिचौलिये लव कुमार के माध्यम से इंदरप्रीत नामक व्यक्ति जिसे वे कभी नहीं मिले से कर्ज़ लिया था। यह पैसा उस व्यक्ति के बचत खाते से इन कर्ज़दारों के खाते में ट्रांसफर हुए थे बदले में इनसे कुछ कागज़ात पर हस्ताक्षर करवाये गए लेकिन पैसे चुकाए जाने के बावजूद उनको बताया गया के उन्होंने अभी तक केवल ब्याज चुकाया है मूल धन वैसे का वैसे ही खड़ा है।
उक्त व्यक्तियों के विरुद्ध पुलिस में शिकायत देने पर सम्बन्धित थाने से उन्हें कहा गया कि यह मामला पुलिस के दायरे में नहीं आता और कोई कार्यवाही नहीं बनती।

Dharamveer Rued limited autonomy of Punjab

Photo: Rakesh Shah

 

Patiala Member Parliament Dr Dharmavir Gandhi rued that limited autonomy provided to the states in Indian Constitution was usurped in the following decades by means of subtle mechanisations and by force with the result the states have gone bankrupt.
Today Punjab like many other states are under Debt by lakhs of crores of rupees and most of amount goes in budgetry allocation goes out in repaying the loan. Said Dr Gandhi.
He further added that the Punjab is the worst affected as it’s natural resources the river waters have been robbed off and violating the section 262 of the Constitution.
Prof Rinku Ram, appealed the masses of Punjab to rise above religion caste communities in order to website equal rights.

विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए केंद्र कर रहा सी बी आई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल : कैप्टन यादव


-हबीबुर्रहमान ने दिखाई अपनी ताकत

-मेवात को कोटला झील, लघु सचिवालय, ईरिगेसन रेस्ट हाउस, जुडिसियल कॉमपेलक्स, हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज, तकनीकी शिक्षा के लिए पॉलिटेक्रिक तथा आईटीआई का जाल भी कांग्रेस ने मेवात में बिछाया

-कांग्रेस की सरकार बनने पर रेलवे लाईन, युनिवर्सिटी और आईएमटी का निमार्ण करवाया जाएगा

-इनेलो भाजपा के साथ थी, साथ है और साथ ही रहेगी


पुन्हाना।
मोदी सरकार मेक इन इंडिया की बात करती है और दूसरी तरफ 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दे रखी है। विपक्ष की आवाज दबाने के लिए केंद्र सरकार सीबीआई व अन्य जांच ऐजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है। उक्त बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव ने शाहचौखा में पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान द्वारा आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। वहीं कांग्रेसियों सहित हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि राव इंद्रजीत सिंह वोटों के ध्रुवीकरण की वजह से जीतते हैं लेकिन अब जनता जागरूक हो चुकी है। इनेलो भी भाजपा की बी टीम हैं क्योंकि इनेलो को वोट देना भी इनडारेक्ट रूप में भाजपा को ही वोट देना है। इनेलो भाजपा के साथ थी, साथ है और साथ ही रहेगी। पिछले लोकसभा चुनाव मे जीते 2 सांसदों ने न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ दिया बल्कि राष्ट्रपति चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवार का ही साथ दिया। इसलिए इस बार आने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में सिर्फ कांग्रेस को वोट देना है। पुन्हाना विधानसभा से हबीबुर्रहमान को मजबूत करो। ये ईमानदार और बेदाग छवि के हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय राहुल गांधी जी ने अशोक गेहलोत जी को निर्देष दे दिए हैं कि हबीबुर्रहमान को जल्द से जल्द पार्टी ज्वाईंन करवाई जाए।
श्री यादव ने मेवात की जनता से वादा किया कि उन्होंने सांसद बनाया तो मेवात को मेवात का हक दिलाकर रहूंगा। मेवात में ड्राईविंग लाईसेंस का नवीनीकरण बंद करके यहां के लोगों के ट्रांस्पोर्ट के काम-धंधे को बंद कर दिया है। जिससे हजारों लोगों की आजीविका संकट में पड गई है। हबीबुर्रहमान के विधायक रहते हुए कांग्रेस ने मेवात को कोटला झील, लघु सचिवालय, ईरिगेसन रेस्ट हाउस, जुडिसियल कॉमपेलक्स तो बनवा ही दिया था। इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कांग्रेस ने हसन खां मेवाती के नाम पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी की। तकनीकी शिक्षा के लिए पॉलिटेक्रिक तथा आईटीआई का जाल भी कांग्रेस ने मेवात में बिछाया। मेवात के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए आईएमटी की स्थापना भी की, लेकिन बडे अफसोस की बात है कि भाजपा ने पिछले 4 साल में आईएमटी की एक ईंट भी नही रखी।
कैप्टेन अजय सिंह यादव ने तालियों की गडगडाहट की बीच कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर मेवात में रेलवे लाईन और युनिवर्सिटी बनवाई जाएगी और जितने भी काम लंबित पडे हैं उनको पूरा किया जाएगा।
पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ने उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए कहा कि विधायक रहते हुए उन्होंने विकास कार्यों में कोई कमी नही छोडी थी बिना किसी भेदभाव के युवाओं को नौकरी मैंने दी। लेकिन मेरे बाद बने विधायकों ने यहां के हिस्से की नौकरी को दूसरे जिले के लोगों को देकर भेदभाव किया। उन्होंने कहा कि इस बार आपने आशीर्वाद देकर विधानसभा भेजा तो क्षेत्र का रिकार्ड विकास कराने के साथ ही थाने-तेहसील व लूट-खसौट की राजनीति को खत्म करूंगा।
इस मौके पर अमन अहमद, पूर्व चेयरमैन शकुर खान, मुबीर तेड़, मुबारिक मलिक, अब्दुल हई ठेकेदार, शकील अहमद इत्यादि मौजूद रहे।

E-commerce policy all you need to know about the blueprint

 

E-commerce companies like Flipkart and Amazon may have to store user-data exclusively in India in view of security and privacy concerns, according to a draft policy discussed at a meeting of a high-level think tank on Monday.

The draft recommendations were prepared by several stakeholders, including by the private sector and government officials from departments such as commerce, industry, IT and electronics. The suggestions were discussed by the think tank headed by commerce minister Suresh Prabhu at a meeting in the national capital.

The think tank will  now work on the final draft national policy for the e-commerce sector, based on the recommendations, which would be placed in the public domain for further comment.

The draft policy, according to The Economic Times, “makes a strong case for championing Indian online enterprise”. The draft suggests that there should be differential voting rights for Indian founders with minority stakes, giving them more control, the newspaper reported.

Data policy 

Data that would be required to be stored exclusively in India includes “community data collected by IoT (Internet of Things) devices in the public space; and data generated by users in India from various sources, including e-commerce platforms, social media, search engines etc”, according to the initial draft.

The draft also talks about the government having access to data stored in India for national security and public policy objectives.

On competition issues

The draft suggested that the Competition Commission of India (CCI) must consider amending the threshold limit that examines potential competition distorting mergers and acquisitions (M&A). A level playing field was suggested for domestic players by ensuring that foreign websites, involved in e-commerce transactions from India also follow domestic rules.

Bulk purchase of branded goods, especially mobile phones, which lead to price distortions in the marketplace may be banned, the initial draft stated.

It was suggested that the government should set up a separate wing in the Directorate of Enforcement to handle complaints related to the implementation of guidelines related to foreign direct investment (FDI) in the e-commerce sector.

Briefing reporters post the meeting, the officer on special duty (OSD) Anup Wadhawan, the new commerce secretary, said the recommendations that were discussed on Monday were very comprehensive in nature and cover each aspect of the e-commerce business, like data flows, consumer protection, grievance redressal, logistics and server localisation.

“Draft in line with Srikrishna panel proposals”

The report of the Justice BN Srikrishna committee on data protection has also come out, Wadhawan said, adding that data localisation issues were deliberated upon as “data provisions has to balance the interest of promoting business with security and privacy concerns”.

He said that the final draft will be in line with the recommendations of the Justice Srikrishna Committee report on data privacy, The Hindu reported.

When will the final policy be out? 

Wadhawan said that there is no timeline for release of the final policy, but that the nation “…cannot afford to have a vacuum in the e-commerce space.”

What stakeholders have to say?

Commenting on the initiative, the Confederation of All India Traders (CAIT) said they are demanding a policy and a regulator for the sector. CAIT said  the draft speaks about the adoption of RuPay cards as payment technology.

A Snapdeal spokesperson said the framework for a national policy on e-commerce represents the collective output of a well-structured discussion on key issues pertaining to the future of the sector.

Representatives from NASSCOM, CII, FIEO, FISME, the Electronics and Computer Software Export Promotion Council, the Internet and Mobile Association of India (IMAI), telecom majors Bharti Enterprises, Reliance Jio Infocom, software firms TCS, Infosys, WIPRO, Mindtree, Tech Mahindra, cab aggregator Ola, MakeMyTrip, and Urban Clap participated in the meeting.

Traders laud govt’s move to formulate  policy

Traders welcomed the government’s move to formulate an e-commerce policy that mandates local storage of user data, and hoped the policy will help build robust reform. The “think tank should address a national framework on e-commerce for a robust internal reform,” Praveen Khandelwal, secretary general, The Confederation of All India Traders (CAIT), was quoted as saying in a statement.

NRC यह भारत और असम का आंतरिक मामला है : हसन उल हक इनु


बांग्लादेश के सूचना मंत्री ने कहा कि यह भारत और असम का आंतरिक मामला है, बांग्लादेश का इस मामले से कुछ लेना-देना नहीं है


असम में सोमवार को जारी एनआरीस में करीब 40 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं हैं. एनआरसी से बाहर किए गए 40 लाख लोग बांग्लादेश के अवैध प्रवासी माने जा रहे हैं, जिसके बाद भारत में इस बात को लेकर चर्चा गर्म है कि इन्हें बांग्लादेश वापस भेजा जाएगा?

इस मुद्दे पर बांग्लादेश ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन उल हक इनु ने पत्रकारों से बात करते हुए इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान देने से इनकार कर दिया. हसन उल हक ने कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश को आधिकारिक तौर पर कोई भी सूचना नहीं दी है, इसलिए इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान देने की जरूरत नहीं है.

बांग्लादेशी मंत्री ने इस मुद्दे को भारत का आंतरिक मुद्दा बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कहा, ‘यह भारत और असम का आंतरिक मामला है, बांग्लादेश का इस मामले से कुछ लेना-देना नहीं है और न ही ये लोग (40 लाख) हमारे हैं. हो सकता है कि वे असम के पड़ोसी राज्यों के हों इसलिए इस मामले में बांग्लादेश की भागीदारी का कोई मामला नहीं उठता.’

उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई के वक्त सहमति समझौते के तहत बांग्लादेश के लोगों ने भारत में शरण ली थी लेकिन बाद में उन्हें वापस भेज दिया गया जहां उनका पुनर्वास किया गया. इसके बाद भारत में किसी भी बांग्लादेशी शरणार्थी के होने की रिपोर्ट नहीं है.

हसन उल हक इनु ने कहा कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था वृद्धि पर है इसलिए किसी बांग्लादेशी को भारत जाने की जरूरत नहीं है.

बांग्लादेश के मंत्री ने आगे कहा कि अगर वे लोग बांग्लादेशी होते हैं तो भारत सरकार को हमसे आधिकारिक रूप से बात करनी होगी. बांग्लादेश असम सरकार से कोई बात नहीं करेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि वे लोग बांग्लादेशी नहीं हैं.


हैरानी है कि एनआरसी कि सूची बांग्लादेश पहुँच भी गयी ओर उन्होने जांच भी ली 

एनआरसी के लागू होने की स्थिति में देश मे गृह युद्ध छिड़ेगा: ममता


नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मार्च 1971 से जो भी लोग बांग्लादेश से भारत आए हैं वो भारतीय नागरिक हैं


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) की कवायद राजनीतिक मकसद से किया गया है ताकि लोगों को बांटा जा सके. उन्होंने चेतावनी दी कि इससे देश में गृह युद्ध छिड़ जाएगा. ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी देश को बांटने का प्रयास कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ममता बनर्जी ने कहा कि आप उन लोगों के बारे में सोचिए जिनका नाम इस सूची में नहीं है वे अपनी पहचान को खो देंगे. इस बात को समझने की जरूरत है कि विभाजन से पहले भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश एक थे. मार्च 1971 से जो भी लोग बांग्लादेश से भारत आए हैं वो भारतीय नागरिक हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नई दिल्ली के कॉन्सटिट्यूशन क्लब में ‘लव फॉर नेबर’ (पड़ोसी के लिए प्यार) नामक कार्यक्रम में बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि भारत को बदलाव की जरूरत है और यह बदलाव दुनिया की बेहतरी के लिए 2019 में जरूर आएगा.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इससे पहले भी असम के एनआरसी ड्राफ्ट पर निशाना साध चुकी हैं और यह कहा है कि यह बंगालियों और बिहारियों को निशाना बनाने के लिए जारी किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों का नाम एनआरसी ड्राफ्ट में नहीं है उनका पश्चिम बंगाल में स्वागत है.

एनआरसी में असम के बाद अब बंगाल का नंबर है : कैलाश विजयवर्गीय

 


विपक्ष पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि बांग्लादेश से बंगाल में अवैध रूप से आए प्रवासियों की पहचान के लिए भी ऐसा ही कदम उठाया जाना चाहिए


एनआरसी पर टीएमसी नेताओं के बयान के बाद अब बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी का कहना है कि एनआरसी में असम के बाद अब बंगाल का नंबर है. बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में बांग्लादेश से अवैध तरीके से दाखिल हुए लोग रह रहे हैं और इनकी संख्या करोड़ों में है.

पत्रकारों से बातचीत में पश्चिम बंगाल में बीजेपी के महासचिव  कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य का युवा बांग्लादेश से अवैध रूप से आए प्रवासियों की पहचान करना चाहता है, क्योंकि इनकी वजह से उन्हें बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था जैसे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी उनकी मांग का समर्थन करती है.

उन्होंने कहा कि अगर असम में एनआरसी के अंतिम मसौदे में 40 लाख अवैध लोगों के बारे में पता चल रहा है, तो फिर पश्चिम बंगाल में ये आंकड़ा करोड़ों में हो सकता है. असम में एनआरसी का अंतिम मसौदा सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जारी किया गया, ये पश्चिम बंगाल में भी कराया जा सकता है.

इससे पहले सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता एसएस रॉय ने कहा था कि केंद्र सरकार ने जानबूझ कर 40 लाख मजहबी और भाषाई अल्पसंख्यकों को एनआरसी से बाहर कर दिया है, जिसका असम और उससे लगे राज्यों की आबादी पर गंभीर परिणाम होगा. प्रधानमंत्री खुद संसद में आएं और इस मामले को स्पष्ट करें.

सोमवार को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का अंतिम मसौदा जारी होने के बाद से ही विवाद चला आ रहा है. विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि मोदी सरकार ने ये कदम अपने फायदे के लिए उठाया है. असम में जारी हुए एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में करीब 40 लाख लोगों के नाम नहीं हैं. विपक्ष  बीजेपी पर धर्म और भाषाई आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगा रही है.