खुशबू सुंदर ने कांग्रेस का हाथ छोड़ कर थामा कमल

कॉंग्रेस पार्टी में अभी एक महिला नेत्री की पिटाई का मामला थमा नहीं था कि दक्षिण भारत मे कांग्रेस पार्टी की चर्चित चेहरा रहीं खुशबू सुंदर सोमवार को भाजपा में शामिल हो गई हैं। उन्होंने सोमवार को ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होने सोनिया गांधी को शिकायती पत्र लिखा था। शिकायत करने पर उस शिकायत को दूर न कर सीधे सीधे पद से मुक्त कर दिया गया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटा दिया था। उन्होंने 200 से ज्यादा दक्षिण भारतीय और बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है। सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र में लिखा- पार्टी में बड़े ओहदे पर ऐसे लोग बैठे हैं, जिनका जमीनी हकीकत से कोई जुड़ाव नहीं है।

  • खुशबू सुंदर 2010 में राजनीति में उतरीं, करुणानिधि ने उन्हें डीएमके ज्वॉइन कराई थी
  • 2014 में खुशबू कांग्रेस में आईं, तब कहा था- यही पार्टी देश को एकजुट कर सकती है

नयी दिल्ली(ब्यूरो) – 12 अक्तूबर:

कांग्रेस का साथ छोड़कर खुशबू सुंदर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई हैं। एक्ट्रेस से पॉलिटिशियन बनीं खुशबू सुंदर ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने त्यागपत्र में उन्होंने बिना नाम लिए पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक्ट्रेस ने लिखा है, “पार्टी में बड़े ओहदे पर कुछ ऐसे लोग बैठे हैं, जिनका जमीनी हकीकत या सार्वजानिक मान्यता से कोई जुड़ाव नहीं है। वे आदेश दे रहे हैं और मेरे जैसे लोगों को, जो पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं, पीछे धकेल रहे हैं और रोक रहे हैं।”

2014 में कांग्रेस में आई थीं खुशबू

खुशबू को राजनीति में लाने का श्रेय करुणानिधि को जाता है। 2010 में उन्होंने एक्ट्रेस को अपनी पार्टी डीएमके ज्वॉइन कराई थी। 50 साल की खुशबू ने 2014 में कांग्रेस का दामन थामा था। तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो भारत के लोगों की भलाई और देश को एकजुट कर सकती है।

कांग्रेस ने एक्ट्रेस को राष्ट्रीय प्रवक्ता तो बनाया। लेकिन 2019 में न उन्हें लोकसभा के लिए टिकट दिया और न ही राज्यसभा में भेजा गया। बताया जा रहा है कि वे इसी बात से नाराज चल रही थीं। रिपोर्ट्स की मानें तो खुशबू अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकती हैं।

बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया

खुशबू को वैसे तो साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में उनके काम के लिए जाना जाता है। लेकिन वे बॉलीवुड की भी कई फिल्मों में नजर आ चुकी हैं।

चित्रदुर्ग में Rustom 2 ने 16,000 फीट की ऊंचाई पर आठ घंटे की उड़ान भरी

वायु सेना के ड्रोन (मानव रहित टोही विमान) रुस्तम-दो की मारक क्षमता अब अचूक हो गई है। रुस्तम न सिर्फ अब दिन और रात में बराबर दुश्मन पर निगाह बनाए रखेगा, बल्कि जरूरत पडऩे पर उस पर अचूक निशाना भी साध सकेगा। यह संभव हो पाया है यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (आइआरडीई) के लॉन्ग व मीडियम रेंज इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम की मदद से। 

चित्रदुर्ग:

 रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार को स्वदेशी प्रोटोटाइप ड्रोन रूस्तम -2 (Rustom 2) की फ्लाइट टेस्टिंग की. कर्नाटक के चित्रदुर्ग में Rustom 2 ने 16,000 फीट की ऊंचाई पर आठ घंटे की उड़ान भरी. इस प्रोटोटाइप के साल 2020 तक अंत तक 26000 फीट और 18 घंटे की स्थिरता हासिल करने की उम्मीद है. डीआरडीओ ने इस तरह का ड्रोन सेना की मदद करने के लिए बनाया है. इसका इस्तेमाल दुश्मन की तलाश करने, निगरानी रखने, टारगेट पर सटीक निशाना लगाने और सिग्नल इंटेलिजेंस में होता है. बता दें कि अमेरिका आतंकियों पर हमला करने के लिए ऐसे ड्रोन का अक्सर इस्तेमाल करता रहता है. इससे पहले साल 2019 के सितंबर में इसका ट्रायल फेल हो गया था. चित्रदुर्ग में ही एक टेस्टिंग के दौरान यह क्रैश हो गया था.

डीआरडीओ ने उम्मीद जाहिर की है कि रुस्तम 2 भारतीय वायु सेना और नौसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इजरायली हेरॉन अनमैन्ड एरियल व्हीकल वाहन का मुकाबला करेगा. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 1959 के कार्टोग्राफिक दावे के आधार पर लद्दाख में भारतीय क्षेत्र पर कब्जे की कोशिश के बाद रुस्तम -2 प्रोग्राम को शुरू किया गया. PLA के पास विंग लूंग-II आर्म्ड ड्रोन हैं. चीन ने उनमें से चार को CPEC गलियारे और ग्वादर बंदरगाह की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान को दे दिया है.

हालांकि रुस्तम -2 को भारतीय सेना में शामिल होने से पहले ट्रायस और टेस्टिंग से गुजरना होगा. रक्षा मंत्रालय वर्तमान में इजरायल एयरोस्पेस उद्योग (IAI) के साथ बातचीत कर रहा है, ताकि न केवल हेरोन ड्रोन के मौजूदा बेड़े को अपग्रेड किया जा सके, बल्कि मिसाइल और लेजर गाइडेड बमों के साथ हवा से सतह पर मार करने के काबिल बनाया जा सके.

हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक के अधिकारियों के अनुसार, रक्षा अधिग्रहण समिति (डीएसी) द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद हेरोन ड्रोन का तकनीकी अपग्रेडेशन और आर्मिंग कॉन्ट्रैक्टिंग नेगोशिएटिंग कमिटी लेवल के पास है. परियोजना को सुरक्षा समिति (CCS) की कैबिनेट समिति के स्तर पर मंजूरी दी जाएगी.

रुस्तम का दूसरा नाम है – तापस
इस विमान को तापस बीएच-201 भी कहते हैं. रुस्तम 2 को डीआरडीओ ने पूरी तरह स्वदेशी तौर पर विकसित किया है. ये ऐसा ड्रोन है, जो दुश्मन की निगरानी करने, जासूसी करने, दुश्मन ठिकानों की फोटो खींचने के साथ दुश्मन पर हमला करने में भी सक्षम है. अमेरिका आतंकियों पर हमले के लिए ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल करता रहा है. उसी तर्ज पर डीआरडीओ ने सेना में शामिल करने के लिए ऐसे ड्रोन बनाए हैं.

रुस्तम 2 ने फरवरी 2018, उसके बाद जुलाई में सफल परीक्षण उड़ान भरी थी. डीआरडीओ ने कहा था कि 2020 तक ये ड्रोन सेना में शामिल होने के लिए तैयार होंगे. रुस्तम- 2 अमेरिकी ड्रोन प्रिडेटर जैसा है. प्रिडेटर ड्रोन दुश्मन की निगरानी से लेकर हमला करने में सक्षम है.

उड़ान के दौरान ज्यादा शोर नहीं करता रुस्तम-2 यूएवी 
रुस्तम-2 को डीआरडीओ के एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इसटैब्लिसमेंट (ADE) ने HAL के साथ पार्टनरशिप करके बनाया है. इसका वजन करीब 2 टन का है. विमान की लंबाई 9.5 मीटर की है. रुस्तम-2 के पंखे करीब 21 मीटर लंबे हैं. ये 224 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भर सकता है.

रुस्तम-2 कई तरह के पेलोड्स ले जाने में सक्षम है. इसमें सिंथेटिक अपर्चर राडार, इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सिस्टम और सिचुएशनल अवेयरनेस पेलोड्स शामिल हैं. रुस्तम-2 मे लगे कैमरे 250 किलोमीटर तक की रेंज में तस्वीरें ले सकते हैं. रुस्तम-2 यूएवी उड़ान के दौरान ज्यादा शोर नहीं करता है.

बलात्कार के आरोपी को टीकेट देने की शिकायत करने पर कोंग्रेसियों ने की अपनी ही नेत्री की पिटाई

यूपी के देवरिया जिले में कांग्रेस की महिला नेता के साथ साथ कार्यकर्ताओं की हाथापाई का मामला सामने आया है. हाथापाई तब शुरू हुई जब उत्तर प्रदेश की खाली विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव के लिए टिकटों पर मंथन चल रहा था. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता तारा यादव ने ‘बलात्कार के आरोपी’ को उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ विरोध जताया और प्रदर्शन किया. इसके बाद हंगामा मच गया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महिला नेता को जमकर पीटा. 

देवरिया, उप्र(ब्यूरो):  

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में अगले माह होने जा रहे उपचुनाव को लेकर शनिवार को कांग्रेस नेताओं की एक बैठक के दौरान तब हंगामा हो गया जब पार्टी प्रत्याशी के नाम की घोषणा से नाराज एक महिला नेत्री ने राष्‍ट्रीय सचिव और प्रदेश प्रभारी सचिन नाइक पर हमला बोल दिया. इस पूरे मामले पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने कड़ी कार्रवाई करते हुए अनुशासनहीनता करने वाले दो नेताओं को तत्‍काल प्रभाव से पार्टी से निष्‍कासित कर दिया है.

कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में अजय कुमार लल्‍लू ने इस घटना को कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने की साजिश बताया है. अजय कुमार के निर्देश पर इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्‍यीय जांच समिति का गठन किया गया है. देवरिया के प्रभारी और कांग्रेस के प्रदेश सचिव कौशल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि तीन सदस्‍यीय जांच दल में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्‍य तलत अजीज, प्रदेश महिला अध्‍यक्ष पूर्वी जोन शहला अहरारी, प्रदेश उपाध्‍यक्ष पूर्वी महिला कांग्रेस चंद्रकला पुष्‍कर को शामिल किया गया है. यह समिति तीन दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट प्रदेश अध्‍यक्ष को सौंपेगी.

वायरल हुआ वीडियो

कौशल त्रिपाठी ने बताया कि अनुशासनहीनता करने वाले दीनदयाल यादव और अजय कुमार सैंथवार को तत्‍काल प्रभाव से पार्टी से निष्‍कासित किया गया है. उपचुनाव के लिये पार्टी द्वारा मुकुंद भास्कर मणि को प्रत्याशी बनाए जाने से यादव नाखुश थीं. कांग्रेस सचिव सचिन नाइक की मौजदूगी में बैठक में हुई हाथापाई और विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. टिकट न मिलने से आक्रोशित तारा यादव बैठक में सचिन नाइक से हाथापाई करने लगीं. कुछ प्रत्‍यक्षदर्शियों ने बताया कि इस दौरान नाइक पर तारा यादव ने गुलदस्ता भी फेंका. कांग्रेस पार्टी की नेता तारा यादव देवरिया सीट से मुकुंद भास्कर मणि को टिकट दिए जाने से काफी नाराज थीं.

जमकर हुई हाथापाई

यादव का आरोप है कि मुकुंद बलात्कार के एक मामले में आरोपित रहें हैं, इसलिए उनको टिकट नहीं दिया जाना चाहिए।.जबकि मुकुंद भास्कर मणि का कहना है कि आरोप लगा था लेकिन मामला बहुत पहले ही समाप्त हो चुका है. बताया जाता है कि खुद टिकट की दावेदार रहीं तारा यादव गुलदस्ता लेकर कार्यालय के अंदर पहुंचीं. आरोप है कि तारा यादव ने गुलदस्ता देने के बहाने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सचिन नाइक के साथ हाथापाई की.

जिलाध्यक्ष समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज

सचिन नाइक से हो रही हाथापाई को देखकर पार्टी कार्यकर्ता भड़क गए. नाराज कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर तारा यादव को पीटा और उनको धक्‍का देकर बैठक से बाहर निकाल दिया. बाद में कांग्रेस की इस महिला नेता ने पार्टी के जिलाध्यक्ष समेत चार नामजद और अन्य के खिलाफ मारपीट व छेड़खानी करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर दी है. इस संबंध में पूछे जाने पर कोतवाल चंद्रभान सिंह ने बताया की तहरीर के आधारा पर केस दर्ज कर लिया गया है. जांच की जा रही है.

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लोकनायक जयप्रकाश नारायण व नाना जी देशमुख की जयंती पर स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को रजिस्ट्रियाँ बांटीं गईं

पंचकूला  11 अक्तूबर:

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी ओर दूरगामी सोच के धनी है। जो सदियों से नहीं हुआ, उस गरीब व्यक्ति के दुख को समझा और देश के ग्रामीण क्षेत्र मंे रहने वाले व्यक्तियों को मालिकाना हक दिया। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष जिला सचिवालय के सभागार में लोकनायक जयप्रकाश नारायण व नाना जी देशमुख की जयंती पर स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को रजिस्ट्री बांटने का कार्य कर रहे थे। उन्होंने गांव खेड़ी के 5 व्यक्तियों को उनकी प्रोपर्टी के कार्ड सौपें। उन्होने कहा कि लाल डोरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के पास स्वामित्व का कोई कागज नहीं होता था, उन्हें नई तकनीक ड्रोन मैपिंग से मालिक बना दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना से बड़ा लाभ होने वाला है। अब वे आसानी से बैंक से ऋण लेकर कोई व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।

गुप्ता ने कहा कि इस योजना के ग्रामीण लोग पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे और अपना किसी भी तरह का रोजगार आसानी से कर सकेंगे। इसके अलावा गांवों में रजिस्ट्री न होने के कारण उनकी भूमि पर अन्य लोग कब्जा कर लेते थे जिसके कारण आपसी झगड़े होते थे। उन्होंने कहा कि अब ग्रामीणों की जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकेगा और झगडे भी नहीं होगें। इस प्रकार गांव विवादमुक्त बनेंगे  और आपसी प्यार व भाईचार की ओर अधिक मिसाल कायम होगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीब, मजदूर, कमजोर, पिछड़ेवर्ग के लोगों के लिए एक ओर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। स्वामित्व मिल जाने से उनका आत्मबल बढेगा और लोग आत्मनिर्भर होगें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने गरीब लोगों की भलाई के लिए अनेक कार्य किए जिससे उन्हें किसी पर निर्भर न होना पड़े। इनसे गांवों में नई व्यवस्थाओं का आगाज होगा। उन्होंने कहा कि अब ग्रामीण लोग विश्वास के साथ अपना जीवन और व्यवसाय शुरू कर सकेगें। इसके अलावा गांवों में विकास से जुड़े हुए सभी कार्य भी आसानी से किए जा सकेंगें।

गुप्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त करने के लिए कारगर कदम उठाए है। पंचायतों का रिकाॅर्ड आॅन लाईन किया जा रहा है। गांवों में शौचालय, स्कूल, पानी का बांध आदि जीयो टैंिगंग से जुड. जाएगें और नगर परिषद एवं नगर निगमों की तहर गांवों का बेहतर मैनेमेंट होगा। उन्होंने कहा कि ड्रोन मैपिंग तकनीक से भूमि का स्टीक रिकाॅर्ड बनेगा ओर कोई भी व्यक्ति किसी की जमीन पर आंख उठाकर नहीं देख सकेगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि स्वामित्व योजना ने वास्तव में गरीब लोगों के हक में बड़ी ताकत सौंपने का कार्य किया है। यह योजना ने ग्रामीणों के अनेक विवादों को खत्म करने का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि जमीन व घर का मालिकाना हक देश के विकास में अहम भूमिका निभाता है। इससे लोगों की सम्पति व जीवन सुरक्षित और उनके लिए निवेश व आजिविका उपार्जन की योजनाएं शुरू होंगी। उन्होंने खेड़ी के दलबीर, बलबीर, अजय राणा, खरैतीखान, सीताराम को उनकी प्रोपर्टी के कागजात भेंट किए।

इस अवसर पर जिला  परिषद की चेयरमैन रितु सिगल, उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कंवर दमन सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जिला स्तरीय मादक पदार्थ उपयोग रोकथाम समिति का गठन : उपायुक्त मुकेष कुमार

पंचकूला 11 अक्तूबर:

उपायुक्त मुकेष कुमार आहूजा ने बताया कि सरकार ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जिला स्तरीय मादक पदार्थ उपयोग रोकथाम समिति का गठन किया है ताकि विशेषकर युवाओं को मादक पदार्थों के सेवन से दूर रहने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ उसके दुष्प्रभावों से अवगत करवाया जा सके।

        उपायुक्त ने बताया कि समिति नशा मुक्त भारत के तहत जिलों के अभियान गतिविधियां तैयार करेंगी और जिला अभियानों का सूत्रीकरण एवंक्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। समिति ऐसे अभियानों में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी एवं सहयोग सुनिश्चित करेगी और जिला स्तर एवं खण्ड स्तर पर सेवा प्रदाताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगी। समिति शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध का कड़ाई से क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी और मादक पदार्थों की उपलब्धता एवं बिक्री की जानकारी हासिल करेगी और ऐसी जानकारी पर की गई कार्यवाही की समीक्षा करेगी।

       जिला स्तरीय मादक पदार्थ उपयोग रोकथाम समिति के अध्यक्ष उपायुक्त होंगे। पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी, जिला लोक सम्पर्क अधिकारी, औषध नियंत्रण अधिकारी (एफडीए), तीन गैर सरकारी संगठन, जो मादक पदार्थ रोकथाम के क्षेत्र में कार्य कर रहें और दो सेवानिवृत्त वरिष्ठ सिविल कर्मचारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी इसके सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे।

         उपायुक्त ने  बताया कि जिला स्तरीय मादक पदार्थ उपयोग रोकथाम समिति जिलों में अभियान का सूत्रीकरण एवंक्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों के लिए जिला के सभी स्कूलों एवं कॉलेजों में नशामुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी और इस संबंध में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए कॉलेजों में विद्यार्थियों के क्लब गठित करेगी। नशे की लत में गिरफ्त लोगों की पहचान करेगी और उन्हें उपचार एवं परामर्श के लिए पुनर्वास केन्द्रों एवं अस्पतालों में ले जाएगी और उन्हें वहां उपलब्ध करवाए जा रहे परामर्श एवं उपचार का निरीक्षण करेगी। समिति शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध का कड़ाई से क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी और मादक पदार्थों की उपलब्धता एवं बिक्री की जानकारी हासिल करेगी और ऐसी जानकारी पर की गई कार्यवाही की समीक्षा करेगी। सेवाएं प्रदान कर रहे अस्पतालों एवं संस्थानों का दौरा करेगी।

        उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय नशामुक्ति अभियानों में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी एवं सहयोग सुनिश्चित करेगी और जिला एवं खण्ड स्तर से नीचे सेवा प्रदाताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगी। इसके अतिरिक्त, समिति जिला स्तरीय अभियान एवं क्रियान्वयन के लिए सोशल मीडिया रणनीति तैयार करेगी। राज्य स्तरीय समिति और मंत्रालय को अपने कार्यक्रमों की प्रतिपुष्टि देगी। स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं की पहचान करेगी, उन्हें  पहचान पत्र या बैज देगी और समुदाय में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए उन्हें सामुदायिक सहकर्मी के रूप में प्रशिक्षण प्रदान करेगी।

‘फेक भाभी’ के नक्सली / कांग्रेसी कनेक्शन : एक रिपोर्ट

हाथरस कांड में एक ताजा जानकारी सामने आने से ट्विटर पर हलचल बढ़ गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़‍िता के घर में एक महिला फर्जी रिश्‍तेदार बनकर रह रही थी। खुद को पीड़‍िता की ‘भाभी’ बताने वाली इस महिला का नक्‍सल कनेक्‍शन मिला है जिसकी जांच पुलिस कर रही है। इतना पता चलते ही ट्विटर पर इस भाभी की चर्चा तेज हो गई। कुछ ही देर में ‘फेक नक्‍सल भाभी’ हैशटैग टॉप ट्रेंड्स में शामिल हो गया। लोग इस नई जानकारी के बाद सवाल उठा रहे हैं कि क्‍या साजिश की जो बात कही जा रही है, वह सही है। कई यूजर्स ने कांग्रेस महासचिव प्र‍ियंका गांधी पर भी निशाना साधा है। कुछ पत्रकार भी निशाने पर हैं।

  • हाथरस कांड में नए खुलासे से आया मोड़, पीड़‍िता के घर में थी ‘फर्जी’ रिश्‍तेदार
  • पीड़‍िता की भाभी बनकर रह रही थी महिला, नक्‍सल कनेक्‍शन के बाद अब कॉंग्रेस कनैक्शन भी सामने आया
  • पुलिस कर रही जांच, आरोप है क‍ि इस महिला ने पीड़‍ित परिवार को बरगलाया
  • 16 सितंबर से ही सक्रिय हो गई थी महिला, SIT को है उसकी जोरों से तलाश

हाथरस / नयी दिल्ली :

हाथरस मामले में कथित ‘फेक भाभी’ के कथित नक्सल और मार्क्सवादी कनेक्शन के बाद सोशल मीडिया पर अब इसके कॉन्ग्रेसी सम्बन्ध चर्चा का विषय हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में इस महिला के बारे में दावा किया जा रहा था कि वह पीड़ित परिवारवालों के घर में मृतका की फेक भाभी बन कर रह रही थी।

यह भी माना जा रहा है कि यह महिला मीडिया और पीड़ित परिवार से मिलने आ रहे राजनीतिक दलों से क्या और कैसे कहना है, इस बारे में परिजनों को सीखाने का काम करती थी। हाथरस में पीड़िता के घर में ‘नकली भाभी’ बनकर रहने की आरोपित डॉ राजकुमारी बंसल अब लगातार अपने बयान भी बदल रही हैं और पीड़िता की भाभी या बहन होने से भी इंकार कर रही हैं। वहीं ट्विटर यूज़र्स ने कथित नक्सली महिला का कनेक्शन कॉन्ग्रेस से भी होने का दावा किया है।

दक्षिणपंथी लेखिका शेफाली वैद्य ने अपने ट्विटर एकाउंट से मध्यप्रदेश जबलपुर की रहने वाली कथित नक्सली महिला के नाम से एक ट्विटर एकाउंट खोज निकाला है। उन्होंने दावा किया है कि यह एकाउंट हाथरस पीड़ित परिजनों के साथ पीड़िता के मरने के बाद रह रही कथित नक्सली महिला का ही है।

शेफाली वैद्य ने डॉ. राजकुमारी बंसल नाम से एक ट्विटर एकाउंट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। बता दें कि पीड़िता की भाभी ने भी अपने एक बयान में उनके घर में 2 सप्ताह से रह रही कथित नक्सली महिला का नाम भी राजकुमारी ही बताया है।

पोस्ट किए गए स्क्रीनशॉट में शेफाली ने कई खुलासे भी किए है। इस महिला का नाम डॉक्टर राजकुमारी बंसल बताया जा रहा है जो कि जबलपुर, मध्यप्रदेश की रहने वाली हैं। उन्होंने ट्विटर पर एक ट्वीट भी किया है जिसमें लिखा है – #कास्ट मैटर्स

अपने पोस्ट में शेफाली ने कॉन्ग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए हाथरस घटना के पीछे राहुल गाँधी और प्रियंका द्वारा रची गई साजिश की ओर इशारा किया है। शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में ट्विटर यूजर ने बताया कि राजकुमारी बंसल कॉन्ग्रेस समर्थक है, जो कि उनके ट्विटर अकाउंट से भी पता चलता है। राजकुमारी कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट को फॉलो करती है, इतना ही नहीं उन्होंने राहुल गाँधी के ट्वीट्स को भी रिट्वीट किया है।

वहीं, एक अन्य ट्विटर यूजर अंकुर सिंह ने भी यही दावा किया है। अंकुर ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, “हाथरस में रह रही नकली भाभी मध्यप्रदेश जबलपुर की रहने वाली डॉ. राजकुमारी बंसल है। आपको क्या लगता है कि किसी को एमपी से हाथरस क्यों भेजा गया? क्या उसे पीड़ित परिवार को यह सीखने के लिए भेजा गया था कि उन्हें क्या बोलना है या किसी भी सबूत को कैसे पेश करना है? फेक भाभी राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस को ट्विटर पर फॉलो करती हैं।” वहीं अंकुर ने एक फेसबुक एकाउंट भी शेयर किया है जिसे उन्होंने कथित नक्सली महिला राजकुमारी का होने का दावा किया है।

राजकुमारी बंसल फॉरेंसिक एक्सपर्ट की हैसियत से गई थी हाथरस

कॉन्ग्रेस समर्थक होने का खुलासा होने के बाद राजकुमारी बंसल का एक और वीडियो सामने आया है। राजकुमारी बंसल नाम की इस महिला ने स्वीकार किया है कि वह हाथरस पीड़ित परिवार के बीच गई थी। उन्हें इस वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह फॉरेंसिक एक्सपर्ट हैं और इस सम्बन्ध में ही ‘कुछ मदद’ करने के लिए ही वो हाथरस गई थी।

पहले कहा था ‘बहन हूँ’, अब बदले बयान

राजुकमारी बंसल अब लगातार बयान भी बदल रही हैं। हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ बैठकर एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में राजकुमारी बंसल ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि वह उनकी बहन हैं जबकि अब नए बयान में उन्होंने कहा है कि उन्होंने कभी भी खुद को परिवार का सदस्य नहीं बताया।

गौरतलब है कि एक टीवी चैनल  ने अपने एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि एक महिला पीड़ित परिवार में मृतका की ‘भाभी’ बन कर रह रही थी और परिवार की तरफ से बयान भी दे रही थी। इसके बाद से हाथरस मामले का नक्सली कनेक्शन सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि उक्त ‘भाभी’ सितम्बर 16 से 22 तारीख तक परिवार के साथ रही और इस दौरान अपने नक्सली आकाओं से भी संपर्क में थी।

हालाँकि, अन्य सूत्रों का कहना है कि वो काफी समय से पीड़ित परिवार के साथ रह रही थी। कहा जा रहा है कि वो घटना के दो दिन बाद ही पीड़ित परिवार के साथ रहने आ गई थी।

वहीं अब पीड़िता की असली भाभी की एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि सवालों के घेरे में आई महिला कोई फर्जी नहीं बल्कि उनकी दूर की रिश्तेदार थी। घूँघट में अपना चेहरा ढके और हाथ में एक बच्चा लिए पीड़िता की असली भाभी ने कहा, “उनका (संदिग्ध नक्सली) नाम राजकुमारी है। उनका एक 10 साल का बेटा है। उनका पति और एक परिवार है। ऐसा कुछ नहीं है (जो मीडिया में बताया जा रहा है)।”

‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: कार्यान्वयन के लिए रोडमैप’ पीयू में हुआ वेबिनार

कोरल ‘पुरनूर’, चंडीगढ़ – 10 अक्तूबर:

आज 10 अक्टूबर 2020 को पंजाब विश्वविद्यालय ने 2020 ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: कार्यान्वयन के लिए रोडमैप ‘पर एक वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार में, सुश्री  अनुसुईया उइके, छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, मुख्य अतिथि थीं। इस अवसर पर सुश्री उइके ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल कार्यान्वयन के लिए वेबिनार श्रृंखला के आयोजन के लिए पंजाब विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा हालांकि, NEP के बारे में देशव्यापी उत्साह अभी भी जारी है, हमारे लिए यह समझने का समय है कि ऐसे क्या क्या कारक आकार लेने जा रहे है  जो  देश भर में इसके कार्यान्वयन को प्रभावित करने जा रहे हैं। इस एनईपी में कई अच्छे तत्व हैं जैसे : समस्या और लक्ष्य अच्छी तरह से स्पष्ट हैं, यह सबूत-आधारित है और हितधारकों द्वारा व्यापक समर्थन के साथ समर्थित है। “मातृ भाषा पर ध्यान देना इस नीति की शीर्ष विशेषता है, इस तरह से हम आदिवासी युवाओं के बीच उनकी मातृ भाषा के लिए गर्व ला सकते हैं अन्यथा ये मूल भाषाएं बहुत जल्द नष्ट हो जाएंगी “सुश्री उइके ने कहा।

उन्होंने कहा कि इस शैक्षिक नीति की अवधारणा महात्मा गांधी की बुनियादी शिक्षा की अवधारणा पर आधारित है। यह शिक्षा नीति अत्यधिक प्रतिस्पर्धी 21 वीं सदी के लिए तैयार होने के लिए भारत के लिए एक मजबूत आधार का निर्माण करेगी। उन्होंने कहा कि यह भारत को ‘आत्म निर्भर भारत ‘बनाने की एकमात्र नीति है, क्योंकि यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल प्रदान करने पर केंद्रित है।

“किसी भी नीति के कार्यान्वयन में पहली बाधा हितधारकों के साथ संचार की कमी होती है। किसी भी नीति को पहले हितधारकों द्वारा प्रभावी संचार के माध्यम से अच्छी तरह से समझा जाना चाहिए। सौभाग्य से, शिक्षा मंत्रालय के इस श्रेय के रूप में कि एनईपी की घोषणा से पहले ड्राफ्ट एनईपी पर हितधारकों के साथ बड़े पैमाने पर विचार-विमर्श किया गया था ” राज्यपाल ने कहा।

नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की अवधारणा; जीडीपी का 6% खर्च इस नीति  की विशेषताएं हैं।

सही प्राथमिकताएं निर्धारित करना किसी भी नीति के सफल कार्यान्वयन का एक और महत्वपूर्ण कदम है। एनईपी के कार्यान्वयन में दो प्रमुख खिलाड़ी हैं – केंद्र में शिक्षा मंत्रालय और हितधारक, जिसमें राज्य सरकारें, स्कूल और शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। इस प्रकार इन सभी हितधारकों पर भी इसके सफल क्रियान्वन की जिम्मेवारी निहित है। “आधुनिक शिक्षा प्रणाली में स्थानीय साहित्य के विकास पर जोर दिया जाना चाहिए। अच्छी और गुणवत्ता वाली सामग्री विकसित करना समय की आवश्यकता है और यह इस नीति के कार्यान्वयन की कुंजी रहने वाली है। ” एनईपी के कार्यान्वयन के बारे में बात करते हुए राज्यपाल ने कहा

राज्यपाल ने कहा कि चूंकि एनईपी प्रकृति में दीर्घकालिक है, इसलिए हमें पहली प्राथमिकता के रूप में समर्थन तंत्र बनाने की जरूरत है। समर्थन तंत्र का विचार पहले से ही भारत के उच्च शिक्षा आयोग (HECI) की स्थापना के माध्यम से नियमन, मान्यता, वित्त पोषण और शैक्षणिक मानक-सेटिंग के लिए अलग-अलग कार्यों के साथ चार ऊर्ध्वाधर बनाये गए है। राज्यपाल की राय थी कि इस पैटर्न में हमारे पास एक आयोग होना चाहिए, जिसमें सभी हितधारकों का  प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

इससे पहले, प्रोफेसर राजकुमार, पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति, ने अपने संबोधन में कोरोना महामारी के समय में पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा की गई विभिन्न गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया था। उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल 2020 से लेकर आज तक पंजाब विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन मंच पर लगभग 370 वेबिनार / कार्यशालाएं आयोजित की हैं।

इस अवसर पर प्रो वी.आर. सिन्हा ने वेबिनार के परिचयात्मक नोट को प्रस्तुत किया और अतिथियों का परिचय दिया। अंत में प्रो हरीश ने औपचारिक वोट ऑफ थैंक्स प्रस्तुत किया।

देशद्रोह के आरोपी स्टेन ‘स्वामी’ के समर्थन में उतरे जेएमएम और कॉंग्रेस पार्टी

‘स्वामी’ छद्म नाम से भारत में ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे पादरी स्टेन ‘स्वामी’ भीमा कोरेगांव हिंसा और प्रधान मंत्री मोदी की हत्या के षड्यंत्र के आरोप में एनआईए की राडार पर थे। उन्हे नामकुम स्टेशन परिसर से गिरफ्तार किया गया। उनकी गिरफ्तारी के बाद ही से झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन और कॉंग्रेस पार्टी समेत कई कई कैथोलिक संस्थाएँ गिरफ्तारी का विरोध कर रहीं हैं।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब भीमा-कोरेगाँव हिंसा मामले में आरोपित पादरी स्टेन स्वामी के समर्थन में उतर आए हैं। स्टेन स्वामी को NIA ने हिरासत में लिया है। हेमंत सोरेन ने पूछा, “गरीब, वंचितों और आदिवासियों की आवाज़ उठाने’ वाले 83 वर्षीय वृद्ध ‘स्टेन स्वामी’ को गिरफ्तार कर केंद्र की भाजपा सरकार क्या संदेश देना चाहती है?” साथ ही कहा है, “अपने विरोध की हर आवाज को दबाने की ये कैसी जिद?

कई कांग्रेस नेता भी स्टेन स्वामी के बचाव में आ गए हैं। झारखंड कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उराँव ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी को ‘अर्बन नक्सलवाद’ के नाम पर गिरफ्तार किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मोदी सरकार पर देश के विभिन्न हिस्से में रहने वाले बुद्धिजीवियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि स्टेन स्वामी 25 वर्षों से राँची में जनजातीय वर्ग के उत्थान में जुटे हैं।

डॉक्टर उराँव ने कहा कि स्टेन स्वामी को फँसाने की साजिश रची गई है। एक दैनिक समाचार पत्र की खबर के अनुसार, प्रदेश कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार विभिन्न जाँच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। राज्य में पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने आरोप लगाया कि संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को कम किया जा रहा है, जिसका परिणाम आने वाले दिनों में देश की जनता को भुगतना पड़ेगा।

राजेश गुप्ता छोटू और आदित्य विक्रम जायसवाल सहित झारखण्ड के कई कॉन्ग्रेस नेताओं ने स्टेन स्वामी का समर्थन किया है। इससे पहले भी कॉन्ग्रेस पार्टी के लोग खुल कर भीमा-कोरेगाँव के आरोपितों का समर्थन करते आए हैं। वामपंथी पार्टियाँ और नेतागण पहले से ही कहते आ रहे हैं कि सरकार भीमा-कोरेगाँव मामले में ‘एक्टिविस्ट्स को फँसा’ रही है। हालाँकि, इनमें से कई के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है।

कई कैथोलिक संस्थाएँ और तथाकथित एक्टिविस्ट्स पहले से ही विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और स्टेन स्वामी की गिरफ़्तारी को NIA की ‘एकतरफा कार्रवाई’ बता रहे हैं। इन सभी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की भी माँग की है। 2000 ‘बुद्धिजीवियों’ ने इसे मोदी सरकार का ‘विच हंट’ करार दिया है। वहीं झारखंड पुलिस ने मीडिया से कहा कि वो सारे सवाल NIA से पूछे, पुलिस से नहीं।

ज्ञात हो कि फादर स्टेन स्वामी पर दो साल पहले महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगाँव में हुई हिंसा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने में संलिप्तता का आरोप है। बताया जा रहा है कि स्टेन स्वामी पर भीमा-कोरेगाँव मामले में एनआईए ने आतंकवाद निरोधक क़ानून (यूएपीए) की धाराएँ भी लगाई गई हैं। एनआईए की एक टीम ने नामकुम स्टेशन परिसर में फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया था।

11 अक्टूबर को कारगिल हीरो निकालेंगे बाइक रैली।

पंचकुला ब्यूरो:

An organization of all india ex sevice men द्वारा एक बाइक रैली का आयोजन किया जा रहा है जिसमे कारगिल वॉर के वह हीरो जिनके योगदान की वजह से भारत ने कारगिल युद्ध में फतेह हासिल की वह सब कल दिल्ली से पिंजौर एक बाइक रैली करते हुए आएंगे और उनका स्वागत करने हेतु शहर के तमाम लोग पहुंचेंगे।

यह जानकारी demokraticfront.com को An organization of all india ex servicemen के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव वेटरन अनुराग लठवाल ने दी।

राम विलास पासवान का निधन केंद्रीय मंत्री थे काफी समय से थे बीमार, वह 74 वर्ष के थे

ब्रेकिंग

राम विलास पासवान का निधन केंद्रीय मंत्री थे काफी समय से थे बीमार

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का  गुरुवार को नई दिल्ली में निधन हो गया है. पासवान के बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है. पासवान पिछले कुछ समय से बीमार थे और दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे. 3 अक्टूबर को देर रात रामविलास पासवान के दिल का ऑपरेशन किया गया था. मौसम विज्ञानी कहे जाने वाले राम विलास पासवान 1969 में विधायक चुने गए थे. पासवान मोदी कैबिनेट में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री थे.

5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया में जन्मे रामविलास पासवान कोसी कॉलेज और पटना यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1969 में बिहार के डीएसपी के तौर पर चुने गए थे. 1969 में पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से विधायक बनने वाले पासवान राज नारायण और जयप्रकाश नारायण का अनुसरण करते थे. पासवान 1974 में पहली बार लोकदल के महासचिव बनाए गए. वे व्यक्तिगत रूप से राज नारायण, कर्पूरी ठाकुर और सत्येंद्र नारायण सिन्हा जैसे आपातकाल के प्रमुख नेताओं के करीबी थे.

पासवान ने दो शादियां की थीं. उनकी पहली पत्नी राजकुमारी देवी के साथ उनका रिश्ता 1969 से 1981 तक रहा. 1982 में उन्होंने रीना शर्मा से शादी की. पासवान के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटियां उषा और आशा पासवान और एक बेटा चिराग पासवान हैं.