ईडी जांच से गुस्साये वाड्रा

वाड्रा ने Facebook पर इमोशनल पोस्ट लिखकर अपनी मां मॉरीन वाड्रा को इस वजह से हो रही परेशानियों को जिक्र किया. उन्होंने यह फेसबुक पोस्ट मंगलवार सुबह ईडी की पूछताछ से पहले लिखा था

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच और पूछताछ का सामना कर रहे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा का गुस्सा फूट पड़ा है. वाड्रा ने कहा है कि मोदी सरकार जान-बूझकर उन्हें परेशान कर रही है.

मंगलवार को वाड्रा ने फेसबुक पर इमोशनल पोस्ट लिखकर अपनी मां मॉरीन वाड्रा को इससे हो रही परेशानियों का जिक्र किया है. उन्होंने यह फेसबुक पोस्ट मंगलवार सुबह ईडी की पूछताछ से पहले लिखा. वाड्रा ने अपनी मां मॉरीन वाड्रा से पूछताछ से पहले एक फोटो शेयर किया है, जिसमें वो उनसे साथ नजर आ रहे हैं.

उन्होंने लिखा, समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार एक वरिष्ठ नागरिक के साथ बदले की भावना से क्यों काम कर रही है. वो भी उस महिला के साथ, जिसने अपनी बेटी को सड़क दुर्घटना में खोया है. उसके बेटे और पति की डायबिटिज की बीमारी की वजह से मौत हो गई. वाड्रा ने कहा, परिवार में तीन मौतों के बाद मैंने सिर्फ उन्हें (मॉरीन वाड्रा को) अपने कार्यालय में मेरे साथ समय बिताने के लिए कहा ताकि मैं उनकी देखभाल कर सकूं और हम दोनों अपने दुख से उबर सकें.’

वाड्रा ने कहा कि अब उनकी मां को ‘मेरे कार्यालय में समय बिताने’ की कीमत चुकानी पड़ रही है. उन पर आरोप लगाया जा रहा है, छवि धूमिल की जा रही है और पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है. 

बता दें कि कथित बीकानेर जमीन घोटाले में मंगलवार को रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मॉरीन वाड्रा जयपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए. बीते एक हफ्ते में वाड्रा की ईडी के सामने यह चौथी पेशी थी. इससे पहले पिछले हफ्ते तीन मौकों पर वो मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशों में ‘अवैध’ तरीके से संपत्ति खरीदने मामले में दिल्ली में ईडी के सामने पेश हुए थे.

वाड्रा और उनकी मां राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर मंगलवार को ईडी के सामने पेश हुए.

इब्तेदाए गांधी है रोता है क्या….

कांग्रेस पार्टी की महासचिव का पदभार संभालने से लेकर अपने पति के भ्र्श्तचर में दोषारोपण के पश्चात ईडी द्वारा की जा रही जांच में तथाकथित सहयोग को लेकर चर्चा में आई प्रियंका वाड्रा ने यूपी में एक मेगा रोड शो किया और वहाँ चोरों और जेब कतरों की चांदी हो गयी विपक्ष तो अभी से यह कहने लग गया है की इसी नीति और नियत के साथ यह देश को लूटने का प्रयास करेंगे। जहां जहां गांधी परिवार जाएगा उनके गिरहकट, चोर, लुटेरे दलाल सभी साथ साथ हैं।

जहां आम लोगों के कीमती सामान पर हाथ साफ किए गए वहीं पार्टी नेताओं सहित शहर के अस्सिटेंट मजिट्रेट और कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर के भी फोन इस भीड़ में चोरी कर लिए गए

कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश पूर्व की कमान थमा दी है. लोकसभा चुनावों में उत्तरप्रदेश राजनीतिक तौर पर सबसे महत्वपूर्ण राज्य है. सोमवार को प्रियंका ने अपने रोड शो के जरिए राज्य में अपनी चुनावी तैयारियों की शुरुआत कर दी. इस रोड शो में भले प्रियंका ने कुछ नहीं कहा लेकिन उनके बड़े भाई और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने जरुर घोषणा कर दी कि बीजेपी को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी.

प्रियंका के रोड शो में लोगों का हुजूम जमा हो गया. पूरे रास्ते पर लोगों की भीड़ प्रियंका का इंतजार कर रही थी. भीड़ का आलम ये था कि 15 किलोमीटर के सफर के लिए प्रियंका को 6 घंटे का वक्त लगा. रोड शो में प्रियंका के साथ राहुल गांधी और यूपी पश्चिम के जेनरल सेकरेट्री ज्योतिरादित्य सिंघिया भी मौजूद थे. एयरपोर्ट से लेकर राज्य में पार्टी के मुख्यालय तक के 15 किलोमीटर के इस रोड शो में हर तरफ सिर्फ लोग ही लोग थे. और इसी भीड़ का पॉकेटमारों ने खुब फायदा उठाया. प्रियंका के रोड शो में कम से कम 50 मोबाइल फोन चोरी हो गए.

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भीड़ में एक मोबाइल चोर को पकड़ा और उसे पुलिस के हवाले कर दिया. एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने पुलिस को बताया कि मेगा रैली में कम से कम 50 लोगों के मोबाइल और पर्स चोरी हुए हैं. लेकिन पुलिस ने उस संदिग्ध को छोड़ दिया क्योंकि उसके पास से चोरी का एक भी मोबाइल या पर्स बरामद नहीं हुआ. सरोजनी नगर पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज करा दी गई है.

पार्टी नेताओं सहित शहर के अस्सिटेंट मजिट्रेट और कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर के भी फोन इस भीड़ में चोरी कर लिए गए. मामले की आधिकारिक शिकायत दर्ज करा ली गई है और साइबर सेल एक्सपर्ट द्वारा जांच जारी है.

Fees Notification

Chandigarh February 12, 2019

              It is notified for the information of the Public in general and the students in particular that the last date for submission of examination forms of all UG,PG & Professional courses (without and with late fee) has been extended upto 07.03.2019 from 18.02.2019. Revised schedule for submission of examination forms (without and with late fee) is as under:-

Without late fee                                         07.03.2019

With late fee of Rs.2,075/-                         14.03.2019

With late fee of Rs.6,075/-                         22.03.2019

With late fee of Rs.11,075/-                       16.04.2019

With late fee of Rs.22,075/-                       25.04.2019                                                       

               (Students can also visit the University website www.puchd.ac.in for information)

रोबर्ट वाड्रा राजस्थान में ईडी के समक्ष हो सकते हैं पेश

वाड्रा मंगलवार को ईडी के सामने चौथी बार पेश होंगे. पिछले तीन मौकों पर वह ‘‘अवैध’’ तरीके से विदेश में संपत्ति खरीदने में अपनी कथित भूमिका के लिए अपने खिलाफ चल रही धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली में ईडी के समक्ष पेश हुए. राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर वाड्रा और उनकी मां ईडी के समक्ष पेश होने वाले हैं

नई दिल्ली/जयपुर: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा राजस्थान के बीकानेर में एक कथित जमीन घोटाले की जांच के सिलसिले में मंगलवार को जयपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हो सकते हैं. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. वाड्रा की मां मॉरीन भी मंगलवार को जयपुर के भवानी सिंह रोड स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में सुबह 10 बजे पेश हो सकती हैं. वाड्रा और उनकी मां सोमवार की दोपहर जयपुर हवाई अड्डे पर पहुंचे.

अगर वाड्रा मंगलवार को ईडी के समक्ष पेश होते हैं तो वह इस जांच एजेंसी के सामने चौथी बार पेश होंगे. पिछले तीन मौकों पर वह ‘‘अवैध’’ तरीके से विदेश में संपत्ति खरीदने में अपनी कथित भूमिका के लिए अपने खिलाफ चल रही धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली में ईडी के समक्ष पेश हुए.

राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर वाड्रा और उनकी मां ईडी के समक्ष पेश होने वाले हैं. न्यायालय ने उस वक्त दोनों को ईडी द्वारा की जा रही जांच में सहयोग करने को कहा था जब उन्होंने अदालत से ईडी को यह निर्देश देने की मांग की कि वह उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करे. अधिकारियों ने बताया कि मामले के जांच अधिकारी (आईओ) धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत वाड्रा और उनकी मां का बयान दर्ज करेंगे. ईडी ने पिछले हफ्ते दिल्ली में तीन अलग-अलग दिन कुल मिलाकर करीब 24 घंटे की पूछताछ की.

बीकानेर वाले मामले में ईडी ने वाड्रा को तीन बार तलब किया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए और आखिरकार अदालत की शरण में गए. ईडी ने जमीन सौदे के सिलसिले में 2015 में एक आपराधिक मामला दर्ज किया था. राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई प्राथमिकी और दायर किए गए आरोप-पत्रों का संज्ञान लेने के बाद यह केस दर्ज किया गया था.

पुलिस ने यह मामले तब दर्ज किए जब बीकानेर के तहसीलदार ने भारत-पाक सीमा होने के कारण संवेदनशील माने जाने वाले इलाके में जमीन आवंटन में कथित फर्जीवाड़े की शिकायत की. समझा जाता है कि ईडी वाड्रा से कथित तौर पर जुड़ी कंपनी मेसर्स स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के कामकाज के बारे में पूछताछ करना चाहती है. इसी कंपनी ने इलाके में जमीन खरीदी थी. जांच एजेंसी वाड्रा से कथित तौर पर जुड़े लोगों के बयानों को लेकर भी उनसे पूछताछ करना चाहती है.

राहुल की रैली में नहीं मिला सम्मान, कांग्रेस के नाराज विधायक बना रहे नई रणनीत‍ि

ब‍िहार में नाराज विधायकों ने सदानंद सिंह के आवास पर बैठक की.  अब व‍िधायक आगे की योजना पर सोच विचार कर रहे हैं.

पटना: राहुल गांधी यूपी में रोड शो के जरिये जनाधार पाने की भले कोशि‍श कर रहे हों, लेकिन बि‍हार में उनकी पार्टी के नेता उनसे ही खुश नहीं हैं. पटना में हुई उनकी रैली ने कांग्रेस के कई विधायकों को नाराज कर दिया है. राहुल गांधी की रैली में सम्मान नहीं मिल पाने से कांग्रेस के कई विधायक नाराज हैं और भविष्य की रणनीति को लेकर फैसला करने में जुट गये हैं.

कांग्रेस 3 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में हुई जनआकांक्षा रैली को सफल बता रही है. राहुल भले ही बिहार की रैली में लोगों का दिल जीत लेने का दंभ भर रहे हों, लेकिन हकीकत ये है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस रैली के कारण अपने विधायकों का विश्वास खो दिया है. आलम ये है कि रैली की व्यवस्था से नाराज पार्टी के तीन सीनियर विधायकों ने सोमवार को गुप्त बैठक की और आगे की रणनीति तय की. कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता  सदानंद सिंह के आवास पर विधायकों की बैठक हुई. बैठक में विधायक अवधेश सिंह, विधायक अजित शर्मा भी मौजूद थे.

बैठक को लेकर सदानंद सिंह ने कहा कि पास देने में गडबडी हुई है. यहां तक की प्रोटोकॉल का भी ख्याल नहीं रखा गया. प्रोटोकॉल के मुताबिक कांग्रेस विधायकों को राहुल गांधी के आते और जाते उनसे मिलवाया जाना चाहिए था. लेकिन ये व्यवस्था नहीं हो पाई. संगठन स्तर कहीं न कहीं चूक हुई है. बैठक में शामिल पार्टी के सीनियर लीडर विधायक अवधेश सिंह ने कहा कि रैली सफल रही. लोग बड़ी तादाद में राहुल गांधी को सुनने गांधी मैदान पहुंचे थे. लेकिन जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वह नहीं हो सकी.

विधायक भी राहुल गांधी से नहीं मिल सके. व्यवस्था में कहीं न कहीं कमी रही. वहीं विधायक अजित शर्मा ने कहा कि रैली में ऐसे लोगो को पास और मंच दिया गया, जिसके पास 1 वोट नही था. एमएलए एमएलसी राहुल गांधी से मिल तक नहीं सके. सारे विधायक रैली को सफल बनाने में जुटे थे, यही वजह रही कि उस वक्त इन मुद्दों को तरजीह नहीं दी गई,  लेकिन मामला बेहद गंभीर है कि आखिर पार्टी के विधायक और एमएलसी को क्यों नजरअंदाज किया गया.

टिवीटर की टीम में शीर्ष नेतृत्व को शामिल होना होगा: जेपीसी

नई दिल्ली: संसदीय समिति ने सोशल मीडिया मंचों पर नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के सीईओ और शीर्ष अधिकारियों को संसदीय समिति के समक्ष पेश होने कहा था. इसके बाद ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी और शीर्ष अधिकारियों ने कम समय दिए जाने की बात कहकर संसदीय समिति के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था. संसदीय समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर की कड़ी कार्रवाई की चेतावनी के बाद ट्विटर की एक टीम रविवार (11 फरवरी) को संसद पहुंच गई. संसदीय समिति के सामने पेश होने वाली इस टीम में ट्विटर इंडिया के अधिकारी भी शामिल हैं.

Twitter team including Twitter India representatives arrive at Parliament to appear before Parliamentary Committee on Information Technology today. Earlier Twitter had refused to appear citing ‘short notice’ of the hearing. The Committee had called Twitter via a letter on Feb 1.9835:02 PM – Feb 11, 2019516 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

आपको बता दें कि सूचना-प्रौद्योगिकी पर गठित संसदीय समिति ने 1 फरवरी को ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी और शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिखकर 10 दिनों के भीतर पेश होने को कहा था. ट्विटर ने समिति के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था. उन्होंने पेश होने के लिये कम समय दिये जाने को इसकी वजह बताया था. 

ANI@ANI

Sources: Parliamentary Committee on Information Technology has passed a resolution unanimously that they will not meet any Twitter officials until senior members or CEO of the Twitter Global team depose before the Committee. 15 days deadline has been given to Twitter.4,3405:20 PM – Feb 11, 2019Twitter Ads info and privacy2,247 people are talking about this

वहीं, समिति के सूत्रों ने बताया कि संसदीय समिति ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है कि वे किसी भी ट्विटर के अधिकारियों से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक समिति के समक्ष ट्विटर ग्लोबल टीम के सीईओ या वरिष्ठ सदस्य पेश नहीं होते हैं. ट्विटर को इसके लिए 15 दिन की समय सीमा दी गई है.

इससे पहले समिति के सूत्रों ने शनिवार (10 फरवरी) को बताया था कि ट्विटर के अधिकारियों ने 10 दिन का समय दिये जाने के बाद भी कम समय का बहाना किया है. बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने एक फरवरी को एक आधिकारिक पत्र लिखकर ट्विटर को सम्मन किया था. संसदीय समिति की बैठक पहले सात फरवरी को होनी थी लेकिन ट्विटर के सीईओ और अन्य अधिकारियों को अधिक समय देने के लिए बैठक को 11 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.

सूरत के एक एम्ब्रॉयडरी कारखाने के व्यापारी ने मोदी सरकार को फिर जिताने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है

सूरत: लोकसभा चुनाव को अब लगभग ढाई महीने का समय बचा है लेकिन पूरे देश में चुनाव का बुखार शुरू हो चुका है. अभी से ही नेता या तो सोशल मीडिया या किसी और तरीके से अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं. बीजेपी ‘इस बार, 400 पार’ का नारा दे रही है. बीजेपी के प्रशंसक अपने ढंग से पार्टी का प्रचार कर रहे हैं.

सूरत के एक एम्ब्रॉयडरी कारखाने के व्यापारी ने मोदी सरकार को फिर जिताने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है. व्यापारी ने अपनी इनवॉइस बिल की बुक में मोदी की तस्वीर के साथ ‘नमो अगेन’ कैंपेन शुरू किया है. लोगों में भी इस कैंपेन को लेकर एक अलग ही उत्साह नजर आ रहा है. इस इनवॉइस को देखने वाला हर आदमी व्यापारी की तारीफ किए बिना नहीं रह पा रहा है. 

सूरत के कापोद्रा इलाके में रहने वाले भरत भाई रंगोलिया एम्ब्रॉइडरी का कारखाना चलाते हैं. भरत भाई के कारखाने में पूरे देश के अलग-अलग राज्यों से जॉब वर्क काम के लिए कारखाने में माल आता है. भरत भाई ने इस बात को ध्यान में रखते हुए अपनी इनवॉइस बुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो प्रिंट के साथ ‘नमो अगेन’ कैंपेन शुरू किया है. 

GST में काफी बदलाव के बाद व्यापार काफी सरल और अनुकूल हो गया है. अब व्यापार -व्यवसाय करना पहले से काफी आसान हो गया है. व्यापार के रास्ते सुगम हुए है और इसलिए ‘एक बार फिर मोदी सरकार’ के सत्ता में लाने के लिए कैंपेन कर रहे हैं. भरत भाई के इनवॉइस बिल दिल्ली, चेन्नई, तमिलनाडु, मुंबई सहित कई शहरों में जाते हैं. सभी व्यापारी इस पहल की सराहना कर रहे हैं.

यह पहला मौका नहीं है जब बीजेपी के प्रशंसकों ने मोदी सरकार को जिताने के लिए अनोखे ढंग से प्रचार न किया हो. इसी बीच, सूरत में ‘नमो साड़ी’ का एक वीडियो वायरल हुआ है. नमो इनवॉइस, नमो अगेन के टीशर्ट और नमो टॉप्स के बाद अब सूरत में ‘नमो साड़ी’ भी लोगो के आकर्षण केंद्र बन चुकी है.

स्वाईन फलू के कहर बढने पर कंज्यूमर्स एसोसिएशन ने जताई चिंता

डेमोक्रेटिकफ्रंट न्यूज़, पंचकूला।

हरियाणा के चारों ओर सभी प्रांतों व केन्द्रीय शासित प्रदेशों में जैसे कि पंजाब, हिमाचल, राजस्थान, चण्डीगढ़, दिल्ली में स्वाईन फलू का कहर बड़े जोरो पर फैला जा रहा है। राजस्थान व पंजाब सबसे अधिक प्रभावित प्रांत हैं जिनमें लगभग 6-7 रोगी प्रतिदिन इस जानलेवा बिमारी से मृत्यु हो रही है। इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश में भी इसका कहर बहुत जोरो पर है। अब इसका प्रभाव हरियाणा में पड़ना शुरू हो गया है क्योंकि हरियाणा के करना के निकटवर्ती जिलों में इस बिमारी का असर काफी जोरों पर है और इसका प्रभाव पंचकूला पर भी पड़ रहा है क्योंकि इसमें भी स्वाईन फलू से प्रभावित केस जनरल अस्पताल सैक्टर-6 में भी आने शुरू हो गये हैं। सभी प्रदेश व यूटी ने दवाईयों का पयाप्त स्टॉक की उपलब्धि कर ली है व सभी सम्बन्धित कर्मचारियों को तुरन्त कार्यवाही करने के लिए हिदायते जारी कर दी हैं। पंजाब और राजस्थान में तो भारत सरकार ने इस जानलेवा बिमारी की गंभीरता को मुख्य रखते हुए एक्सपर्ट कर्मचारियों की टीमें में भेज दी है।
पंचकूला के निवासियों की जागरूकता के लिए कंज्यूमर्स एसोसिएशन पंचकूला इस सम्बन्धी आपातकालीन बैठक बुलाकर आवश्यक कदम उठाने सम्बन्धी गंभीरता से विचार किया। कंज्यूमर्स एसोसिएशन के प्रधान एनसी राणा ने इस बिमारी के लक्ष्णों के बारे में पूर्ण जानकारी दी कि तेज बुखार, खांसी, गला दुखना, नाक बहना, सिर दर्द, बदन दर्द, थकान, सांस ेने में कठिनाई, दस्त तथा उल्टियां से मरीज प्रभावित हो तो स्वाईन फलू का वायरल हो चुका है। उन्होंने इस बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया कि इस जानेवा बिमारी से बचने के एि पूरी सावधानिया रखने की अति आवश्यता है जैसे कि खांसते अथवा छींकते समय मुंह एवं नाक को रूमा से ढके व नाक, आंख एव मुंह को छूने से पहे और पश्चात अपने हाथ साबुन व सैनेटाईजर से धोएं। स्वच्छ तथा अधिक मात्रा में पानी पीए तथा पोषण युक्त भोजन का सेवन करने के इलावा फलू से प्रभावित व्यक्तियों से कम से कम तीन फुट की दूरी बनाएं रखें।
कंज्यूमर्स एसोसिएशन पंचकूला के महासचिव वीके शर्मा ने इस बात का विशेष वर्णन किया कि इस सम्बन्ध में पहे कई बार सेहत व दूसरे सभी सम्बन्धित विभागों को लिखा है कि तत्का दवाईयां उपलब्ध करने के लिए जरूरी कदम उठाये जायें और कमेटियों का गठन करने के उपरान्त सभी जिलों में रोगों को जागरूक करने के लिए भेजा जाये। कंज्यूमर्स एसोसिएशन ने आस-पास गांवों में विशेषकर खेड़ावाली में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालें लोगों को इस जानेवा बिमारी के बारे में जागरूक किया।
कंज्यूमर्स एसोसिएशन पंचकूला के महवपूर्ण सदस्य जैसे कि केसी जिंदल, कर्नल पीएस गोपाल, अनिल कुमार शर्मा, रोशन लला खंडूजा, एसएस सैणी, कपिल चढ्डा, केके वर्मा, जगदीश चढ्डा और सतीष शर्मा ने बढ़चढ़ हिस्सा लेते हुए इस गंभीर बिमारी के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए इस बात पर जोर दिया कि स्वस्थ संस्थाओं व विभागों को जरूरत अनुसार व योग्य अधिकारियों की उपलब्धी का यकीन कराया जाये जिससे कि हरियाणा में स्वाईन फलू से निबटने के लिए हर समय तत्पर रहना चाहिए।

अब कांग्रेस के हाथ लगी 10 करोड़ का लालच देने वाली औडियो क्लिप

कर्नाटक में वाकयी राजनैतिक घमासान मचा हुआ है या फिर यह एक चुनावी शगूफा मात्र है? यह सम्झना उतना ही कठिन है जितना कि कांग्रेस के बयानों पर यकीन करना। कुछ महत्त्व पूर्ण बातें जो शक पैदा करतीं हैं वह यह की कांग्रेस ही के एमएलए बिकाऊ हूँ की तख्ती गले में डाले घूमते है, उन्हे पार्टी अथवा सरकार से कोई नाराजगी नहीं?
दूसरे यह समझ नहीं आता कि जेडीएस के विधायक किस मिट्टी के बने हैं जिनहे खरीदने बेचने कि बात ही नहीं उठती कांग्रेस अपने घटक दल से ही यह नीति क्यों नहीं सीख लेती कि विधायकों को किस तरह से ईमानदार बनाया जाये
एक और बात जो समझ से परे है कि सरकार एचडी कुमारस्वामी कि अस्थिर होती है तो वह इल्ज़ाम कांग्रेस पर लगाते हैं.

कर्नाटक का राजनीतिक संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. एक तरफ बीजेपी का कहना है कि राज्य सरकार के पास बहुमत नहीं है तो दूसरी तरफ कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी विधायकों की खरीद फरोख्त कर एचडी कुमारस्वामी की सरकार को अस्थिर करना चाहती है. शनिवार सुबह कांग्रेस नेताओं ने कर्नाटक में कथित ऑडियो टेप जारी होने के दावे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस पीसी में कांग्रेस ने सीधे पीएम मोदी, अमित शाह और बीएस येदियुरप्पा पर आरोप लगाए.

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘कर्नाटक से आई खबर को सुनकर पूरा देश हैरान है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने एक ऑडियो क्लिप जारी किया, जिसमें येदियुरप्पा जेडीएस विधायक के भाई से कर्नाटक की सरकार को अस्थिर करने की बात कर रहे हैं. यह मोदी जी और अमित शाह की गंदी राजनीति को दिखाता है.’

वेणुगोपाल ने कहा, ‘ऑडियो क्लिप में सुना जा सकता है कि बीएस येदियुरप्पा विधायकों को 10 करोड़ ऑफर कर रहे हैं. यह साफ है कि 18 विधायक हैं और इसमें 200 करोड़ का खर्च आएगा. वे 12 विधायकों को मंत्री का पद ऑफर कर रहे हैं और 6 को अलग-अलग बोर्ड का चेयरमैन बनाने की बात कर रहे हैं.’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘वे इस्तीफा देने के बाद विधायकों को चुनाव खर्च के लिए भी पैसे देने की बात कर रहे हैं. उन्होंने अपने विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए स्पीकर को 50 करोड़ रुपए की पेशकश की. क्लिपिंग में येदियुरप्पा, अमित शाह और नरेंद्र मोदी जी के नामों का जिक्र भी कर रहे हैं.’

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर कहा कि किस हैसियत से कर्नाटक बीजेपी प्रमुख और पूर्व सीएम सुप्रीम कोर्ट के जजों से संपर्क कर केस को सही साबित करने की चर्चा कर रहे हैं? क्या नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने उन्हें इस बात का आश्वासन दिया है? सुरजेवाला ने पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट बीजेपी का ‘जेबी दुकान’ बन गया है?

दरअसल, शुक्रवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने एक ऑडियो टेप जारी किया था. इस ऑडियो के माध्यम से उन्होंने सरकार को गिराने के लिए बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप भी लगाया. कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस सरकार बनने के बाद से ही लगातार उठापटक जारी है.


राफेल डील पर द हिंदू की रिपोर्ट से सत्ता के गलियारों में शोर मच गया है

राफेल डील पर द हिंदू  की रिपोर्ट से सत्ता के गलियारों में शोर मच गया है. यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस इस डील को लेकर लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रही है और इसके बचाव में पीएम मोदी भी आ गए हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब रक्षा मंत्रालय इस डील को देख रहा था तो पीएमओ की तरफ से भी सामानांतर बातचीत की जा रही थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि रक्षा सचिव जी. मोहन कुमार ने पीएमओ के इस समानांतर बातचीत का जोरदार ढंग से विरोध भी किया था. ‘यह इच्छा थी कि पीएम इस बातचीत से हट जाए और वह लगातार हमारी बातचीत को कमजोर कर रहा था.’

राफेल डील पर बातचीत इंडियन निगोशिएटिंग टीम के प्रमुख एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा द्वारा की जा रही थी. जबतक फ्रेंच नेगोशिएटिंग टीम के द्वारा इस मुद्दे पर लेटर नहीं दिया गया, पीएमओ ने भी समानांतर बातचीत के लिए एक टीम बना दी थी.

द हिंदू  ने अपनी रिपोर्ट में बिल्कुल साफतौर पर कहा है कि मोदी सरकार आने के सत्ता में आने के बाद बातचीत की प्रक्रिया में अचानक बदलाव कर दिया गया. लेकिन इस बदलाव के लिए औपचारिक रूप से रक्षा मंत्रालय द्वारा सुझाव नहीं दिया गया था. यह बदलाव बहुत गोपनीयता से किया गया. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी इसका कोई जिक्र नहीं किया है. डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ के नेतृत्व में सात लोगों की टीम यह बातचीत कर रही थी.

रक्षा मंत्रालय ने 24 नवंबर 2015 को तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को भी नोट भेजकर ये बताया था कि पीएमओ की तरफ से इस डील में समानांतर बातचीत की जा रही है. उन्होंने कहा कि पीएमओ के अधिकारियों को कहा गया था कि जो भी नेगोशिएशन टीम का हिस्सा नहीं है वह फ्रेंच पक्ष से इसमें बातचीत नहीं कर सकता.

खैर इसके बाद नेताओं द्वारा इस पर चर्चा करना तो लाजिमी है. यह सरकार के लिए मुश्किल भी खड़ी कर सकता है. सरकार को यह साफ करना चाहिए कि पीएमओ के इस रोल की चर्चा उसने सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं की?

यह रिपोर्ट द हिंदू  के चेयरमैन एन राम ने लिखी है. इस पर उन्होंने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा ‘यह स्टोरी पूरी है. मनोहर पर्रिकर के रोल की हमने चर्चा नहीं की है और इसकी जांच होनी चाहिए.’