‘पाकिस्तान सफेद झंडा लहराए और बर्बर BAT के शव ले जाए’ भारतीय सेना

भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को शवों को लेने की पेशकश की है. भारत ने पाकिस्तान सेना को श्वेत ध्वज के साथ संपर्क करने और अंतिम संस्कार के लिए शवों को लेने की पेशकश की है.

श्रीनगर: भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को शवों को लेने की पेशकश की है. भारत ने पाकिस्तान सेना को श्वेत ध्वज के साथ संपर्क करने और अंतिम संस्कार के लिए शवों को लेने की पेशकश की है. हालांकि पाकिस्तान की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. मालूम हो कि शनिवार को भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की BAT फौजी दस्ते के 5-7 सदस्यों को मार गिराया था. BAT फौजियों के शव भारतीय सीमा में हैं. दोनों जारी गोलीबारी के चलते शवों को वहां से हटाया नहीं गया है. ऐसे में भारत ने पाकिस्तान के सामने शवों को ले जाने की पेशकश की है.

BAT पर सेना की बड़ी कार्रवाई
सेना ने LoC पर पाकिस्तानी BAT के 5-7 कमांडो और आतंकी मार गिराये हैं. इस कार्रवाई के साथ ही भारतीय सेना ने साफ संदेश दिया है कि ‘जन्नत’ में घुसोगे तो जहन्नूम भेजे जाओगे’.

आतंकियों के शव LoC पर ही पड़े हैं. सेना ने मारे गए आतंकियों की तस्वीर जारी की है. इससे पहले शोपियां और सोपोर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली. यहां 2 दिन में 4 आतंकी भी मार गिराये गए. 31 जुलाई की रात को BAT ने घुसपैठ की कोशिश की थी.

ये BAT क्या है?

बैट (BAT) यानी पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम, ऐसी टीम जो क्रूरता की सभी हदों को लांघ जाती है. बैट कमांडो पर कई बार भारतीय सैनिकों के शवों को क्षत-विक्षत करने का आरोप लगता रहा है. शहीद हेमराज का सिर काटने का आरोप भी बैट कमांडो पर लगा था. इस टीम में सेना के कमांडो के साथ आतंकी भी शामिल होते हैं.

बैट भारत-पाकिस्तान सीमा में एक से तीन किलोमीटर तक हमले को अंजाम देती है. बैट जब भी सीमा पर भारतीय सेना (Indian army) को शिकार बनाने निकलती है, PAK रेंजर्स उन्हें कवर फायरिंग देते हैं. पाकिस्तान आर्मी कैंप में बैट कमांडो की ट्रेनिंग होती है. इन्हें बर्फ, पानी, हवा, जंगल और मैदान में मार करने का प्रशिक्षण दिया जाता है. ये अपने साथ हाई एनर्जी फूड लेकर चलते हैं.

आतंकवादी हमले की आशंका के चलते अमरनाथ यात्रा रद्द, यात्री बुलाये वापिस

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा को समयसे पहले खत्म करने को कहा है. बताया जा रहा है कि यात्रा के रास्ते में एक स्नाइपर गन बरामद हुई है. अमरनाथ यात्रा के रास्‍ते में स्‍नाइपर गन और लैंड माइन मिली है. इसके बाद यात्र‍ियों से घाटी से लौटने को कहा गया है.

सूत्रों का कहना है कि जैश-ए-मोहम्मद कश्मीर में आतंकी हमले की कोशिश में है. सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में जैश के पांच आतंकवादी घुसे हैं. 

सूत्रों के मुताबिक अमरनाथ यात्रा के रास्ते में शेषनाग के पास क्लेमोर माइन बरामद हुई. बताया जा रहा है कि यह क्लेमोर माइन पाकिस्तान में बनी है. सूत्रों का यह भी कहना है कि पहली बार जम्मू कश्मीर में क्लेमोर माइन बरामद हुई है. 

श्रद्धालुओं के अनुसार, कश्मीर में समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित अमरनाथ गुफा में बर्फ की विशाल संरचना बनती है जो भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों की प्रतीक है. इस साल 17 जुलाई को शुरू हुई 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा.

यूएपीए बिल राज्यसभा में पास

  • गैर-कानूनी गतिविधि निवारण संशोधन (यूएपीए) विधेयक, 2019 बिल राज्यसभा में भी पास हुआ
  • इसमें गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का प्रावधान, विपक्षी दल इसके विरोध में
  • गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- कब तक संगठनों पर प्रतिबंध लगाएंगे, एक के बाद दूसरा सामने आ जाता है
मैं भरोसा दिलाता हूं कि आप कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा : अमित शाह

नई दिल्ली. आतंकी गतिविधियों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए मोदी सरकार संशोधित यूएपीए बिल लेकर आई है। शुक्रवार को यह विधेयक राज्यसभा में भी पास हो गया। चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने विधेयक में संशोधन का विरोध किया। दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर आतंकवाद से समझौता करने का आरोप लगाया। गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें जवाब देते हुए कहा, ”दिग्विजय सिंह जी कह रहे हैं कि मुझे ही आतंकी घोषित कर दो। आपका गुस्सा जायज है, वे क्योंकि अभी-अभी चुनाव हारे हैं। लेकिन मैं भरोसा दिलाता हूं कि आप कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा।”

संशोधित बिल में सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति विशेष को आतंकी घोषित करने का प्रावधान शामिल किया है। दिग्विजय ने कहा कि हमें भाजपा की मंशा पर संदेह है। कांग्रेस ने कभी आतंकवाद से समझौता नहीं किया, इसीलिए यह कानून लेकर आए थे। आतंकवाद से समझौता करने वाले आप लोग हैं। भाजपा सरकार ने ही पहले रुबैया सईद और फिर मसूद अजहर को छोड़ा था।

कानून का दुरुपयोग के आरोप लगाने से पहले अपना इतिहास देखिए

गृह मंत्री ने कहा, ”इमरजेंसी के दौरान क्या हुआ था? मीडिया पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया और विपक्ष के सभी नेताओं को जेल में डाल दिया था। 19 महीने तक देश में लोकतंत्र को खत्म कर दिया गया और अब आप (कांग्रेस) हम पर कानून के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं। कृपया अपना इतिहास भी देख लीजिए। जब हम विपक्ष में थे तो 2004, 2008 और 2013 में हमने यूपीए सरकार के यूएपीए बिल को समर्थन दिया था। क्योंकि हमें लगता था कि आतंकवाद से लड़ने के लिए यह जरूरी था।”

हम सिर्फ व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के विरोध में: कांग्रेस

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, ”अगर विधेयक के संशोधन को देखें तो लगता है कि यह एनआईए को ताकतवर बनाएगा। लेकिन इसमें किसी व्यक्ति का नाम आतंकी की सूची में हटाने और जोड़ने का प्रावधान है। हम इसी का विरोध कर रहे हैं न कि गैर-कानूनी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बने कानून का। 2008 में जब मैंने गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाली तो आतंकवाद का सामना करने के लिए तीन स्तंभ- एनआईए, नेटग्रिड और एनसीटीसी बनाए थे। आज हमारे पास सिर्फ एक स्तंभ है। आपने एनआईए को छोड़कर बाकी दो के लिए क्या किया?”

कब तक संगठनों पर ही रोक लगाते रहेंगे: गृह मंत्री

अमित शाह ने चिदंबरम को जवाब दिया, ”आपने पूछा कि आतंकी गतिविधियों में लिप्त संगठनों पर प्रतिबंध है तो किसी व्यक्ति को विशेष को आतंकी घोषित करने की क्या जरूरत है। हमने संशोधन में ऐसा प्रावधान रखा है क्योंकि एक संगठन पर रोक लगाई जाती है तो कुछ व्यक्तियों के द्वारा दूसरा खड़ा कर दिया जाता है। कब तक हम संगठनों पर ही रोक लगाते रहेंगे?

एनआईए को पहले से ज्यादा अधिकार, इसलिए विरोध

बिल में नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इसमें सबसे बड़ा प्रावधान यह है कि एनआईए अब आतंकी के समर्थकों को भी आतंकी घोषित कर उनकी संपत्ति जब्त कर सकेगी। यही नहीं, अब आतंकी संगठन के साथ-साथ उस व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जा सकेगा, जो किसी न किसी रूप से आतंक को बढ़ावा दे रहा होगा। उसकी संपत्ति जब्त करने के लिए एनआईए को उससे संबंधित राज्य की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।

किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के 4 आधार होंगे

1. जो व्यक्ति आतंकी घटना को अंजाम देगा या इसमें सहयोग देगा।
2. जो व्यक्ति किसी आतंकी घटना की तैयारी कर रहा होगा।
3. जो देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले कृत्य करेगा।
4. जो व्यक्ति किसी भी तरह से आतंकवाद से जुड़ा हुआ पाया जाएगा।

विपक्ष ने लोकसभा में चर्चा के दौरान वॉकआउट किया था

लोकसभा में 24 जुलाई को बिल पर बहस के दौरान विपक्ष ने इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजनी की मांग करते हुए वॉकआउट किया था। चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सरकार लड़ती है। कौन-सी पार्टी सत्ता में हैं और बिल कौन लेकर आया, उससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए। आतंकवाद के खात्मे के लिए कड़े कानून की जरूरत है। कांग्रेस सरकार बिल लाती है तो सही, लेकिन हम संशोधन कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? हम आतंकवाद को खत्म करना चाहते हैं, संशोधित कानून से राज्यों की शक्ति कम नहीं होगी। यह कानून 1967 में कांग्रेस सरकार लेकर आई। इसके बाद आप ही ने इसमें तीन संशोधन किए।

भाजपा ने घाटी में छुए 1लाख 25 हज़ार नए सदस्य

जम्मू ब्यूरो:

बीजेपी ने घाटी में अपने सदस्यता अभियान के जरिये पकड़ बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. पार्टी ने जुलाई माह में सवा लाख नए कार्यकर्ताओं को संगठन से जोड़ा है. बीजेपी के कई बड़े नेताओं कश्मीर में डेरा जमाए हुए हैं. युवाओं को पार्टी से जोड़कर सदस्यता अभियान को गति प्रदान कर रहे हैं. उधर, पार्टी में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि बीजेपी ही एकमात्र पार्टी है जो घाटी में विकास और शांति ला सकती है. पार्टी ने राज्य में 17 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. 

बीजेपी ने कश्मीर में जो सवा लाख नए सदस्य जोड़े हैं, वह अपने आप में एक रिकॉर्ड है. घाटी में पहली बार बीजेपी का क्रेज देखने को मिल रहा है. पार्टी की लोकप्रियता युवाओं के बीच बढ़ रही है. पार्टी अपनी इस सफलता का जश्न 15 अगस्त को मनाने की तैयारी में है. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी को जम्मू-कश्मीर से 17 लाख वोट मिले थे.

अभी तक घाटी में बीजेपी काफी कमजोर रही है लेकिन अब पार्टी इस क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने के इरादे से सदस्यता अभियान चला रही है. गौरतलब है कि पार्टी ने 6 जुलाई को बीजेपी का सदस्यता अभियान शुरू हुआ था. यह अभियान 11 अगस्त तक जारी रहेगा. इसी बीच, पार्टी ने चुनाव के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. 

बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने बुधवार को कहा कि अनुच्छेद 35 ए पर फैसला उचित स्तर पर लिया जाएगा और यह फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों के पक्ष में होगा. यहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “अनुच्छेद 35 ए पर फैसला उचित स्तर पर लिया जाएगा और जो कुछ भी फैसला होगा वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के पक्ष में होगा.”

राम माधव से पूछा गया गया था कि क्या अनुच्छेद 35ए को निरस्त करने की कोई योजना है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता भ्रष्ट राजनेताओं से ऊब चुकी है और अब साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को आगे आने देने का वक्त है. उन्होंने अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों की ओर संकेत करते हुए कहा कि इन दो राजनीतिक वंशावलियों के सिवा अन्य लोगों को नेतृत्व प्रदान करने का समय आ गया है. माधव ने कहा कि आने वाले कई वर्षो तक भाजपा देश का वर्तमान और भविष्य बनी रहेगी.

भाजपा ने त्रिपुरा में जीते तीनों निकायों के चुनाव

त्रिपुरा में सत्तारूढ़ बीजेपी ने त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में विपक्षी दलों का सफाया कर दिया है. राज्य की ग्राम पंचायत, पंचायत समित और जिला पंचायत की लगगभ सभी सीटों पर पार्टी ने कब्जा जमा लिया.

ब्यूरो: त्रिपुरा में सत्तारूढ़ बीजेपी ने त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में विपक्ष दलों का सफाया कर दिया है. राज्य की ग्राम पंचायत, पंचायत समित और जिला पंचायत की लगगभ सभी सीटों पर पार्टी ने कब्जा जमा लिया. बीते शनिवार को 6646 सीटों में 994 सीटों पर पंचायत चुनाव कराए गए थे. पार्टी ने 85% सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की. 

राज्य निर्वाचन अधिकारी ने अपने एक बयान में बताया, “994 सीटों में से, अधिकांश सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. उतरी त्रिपुरा की पांच ग्राम पंचायत सीटों पर कांग्रेस और सीपीआईएम के प्रत्याशी जीते हैं. कई जिलों में मतों की गिनती अभी भी जारी है. अंतिम परिणाम आज देर रात तक आएंगे.” अधिकारी ने बताया, “कांग्रेस और सीपीआईएम पंचायत समिति और जिला पंचायत की एक भी सीट नहीं जीत पाई है.” 

गौरतलब है कि त्रिपुरा चुनाव आयोग ने जुलाई माह की शुरुआत में ग्राम पंचायत की 6646 सीटों के चुनाव की घोषणा की थी. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 8 जुलाई थी. वहीं उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 11 जुलाई थी. बीजेपी के 83% उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. शेष 994 पर चुनाव करवाए गए जिसमें से अधिकांश सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है.

मस्जिदों से ब्योरा मांगने पर काश्मीर में विपक्ष ने बढ़ाया तनाव

घाटी में बढ़ाए गए सैन्य बल के कारण घाटी के अलगाववादी नेताओं की रही सही हिम्मत भी पस्त हो गयी है, वहीं म्ख्यधारा के राजनैतिक दल अब अलगाववादियों के पक्षकार बनाते दीख पड़ रहे हैं। पहले सैन्यबल फिर मस्जिदों ओर उनके कारकुनों की तफसील मांगने से घाटी के राजनेता खुल कर केंद्र सरकार के विरोध में एकजुट होने को तत्पर हैं। घाटी में कहा जा रहा है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार प्रदेश को लेकर कोई अहम फैसला ले सकती है. वहीं सियासी पार्टियों ने केंद्र सरकार से पूरी स्थिति साफ करने की मांग की.

ब्यूरो : 

जम्‍मू कश्‍मीर में 10 हजार अति‍र‍िक्‍त जवानों की तैनाती की खबरों के बीच अब प्रशासन ने मस्‍ज‍िदों की जानकारी मांगी है. इसके बाद से ही घाटी में आशंका का माहौल शुरू हो गया है. घाटी में कहा जा रहा है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार प्रदेश को लेकर कोई अहम फैसला ले सकती है. वहीं सियासी पार्टियों ने केंद्र सरकार से पूरी स्थिति साफ करने की मांग की.

महबूबा ने ‘अनुच्छेद 35 ए’ पर मांगा अब्दुल्ला का साथ

जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 35 ए की रक्षा के लिए अपने धुर राजनीतिक विरोधी फारूक अब्दुल्ला से साथ देने का आग्रह किया है. महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रदेश के विशेष दर्जे की रक्षा के लिए फारूक अब्दुल्ला से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है.

महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट के जरिए कहा, “हालिया घटनाक्रम से जम्मू-कश्मीर के लोगों में घबराहट पैदा हो गई है, इसलिए मैंने डॉ. अब्दुल्ला साहब से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है. एकजुटता के साथ जवाब देना वक्त की जरूरत है. हम कश्मीर के लोगों को एकजुट होने की जरूरत है.”

केंद्र सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 35 ए को समाप्त करने की योजना के संबंध में मीडिया रिपोर्ट आने के बाद पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में काफी घबराहट की स्थिति है. अनुच्छेद 35 ए के तहत कश्मीर में स्थाई निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार राज्य विधानसभा को दिया गया है.

सोशल मीडिया पर अफवाहें भरी पड़ी हैं कि अनुच्छेद 35 ए को जल्द ही समाप्त करने की घोषणा होने वाली है. अनुच्छेद 35 ए निरस्त होने के बाद प्रदेश में अनिश्चितता की स्थिति पैदा होने की आशंका से लोग राशन, दवा, दाल, वाहनों के लिए तेल व अन्य जरूरत की वस्तुएं इकट्ठा करने लगे हैं. हालांकि राज्यपाल के प्रशासन की ओर से लोगों को इन अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा जा रहा है जबकि नई दिल्ली या श्रीनगर की ओर इस प्रावधान के संबंध में कोई ठोस बात नहीं कही जा रही है.

घाटी में 10000 जवानों की तैनाती से रसूख़दारों की नींद उड़ी

कश्मीर से धारा-35A हटने की खबरें तेज हो गई हैं। अब इस पर महबूबा मुफ्ती का कहना है कि हम कश्मीर से 35A नहीं हटने देंगे। इसे बचाने के लिए हम अंतिम सांस तक लड़ेंगे। महबूबा ने कहा कश्मीर में बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। वहीं, 15 अगस्त से पहले जम्मू-कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती के आदेश के बाद खलबली मच गई है। कोई नहीं जानता कि अहीर अचानक इतनी सेना कि क्या आवश्यक्ता थी? सभी अपनी अपनी बात दोहराए जा रहे हैं। घाटी में सुरक्षा कर्मियों कि ड्यूटी अमरनाथ यात्रा एवं वैष्णो देवी मार्ग पर भी लगी है, demokraticfront.com का मानना है कि सेना कि यह तैनाती मात्र सेना के संख्याबल की कमी को दूर अरने ए लिए की गयी है। रिपया अफवाहों पर ध्यान दे कर स्थिति को न बिगड़ने दें।

रही बात डर की तो यह डर केवल पूर्व म्ख्यमंत्रियों एवं उन्के परिवारों का है, साता हाथ से जाने के बाद से वह बौखलाए हुए हैं पहले उन्होने निकाय चुनावों का बहिष्कार किया लेकिन ताबड़तोड़ मतदान से वह घबरा गए और लोक साभा चुनाव में अपने हाथ आजमाने निकले तो कई तो राष्ट्रवाद की आँधी में अपनी सीट भी नहीं निकाल पाये। अब जब घाटी में अमन की बयार बढ़ रही है तब इन नेताओं के होश फ़ाख्ता हो रहे हैं, उन्हे अपनी दुयानेन बंद होती नज़र आ रहीं हैं।

कयास लगाए जा रहे हैं कि 35 ए को हटाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। लोकसभा 2019 चुनाव के घोषणापत्र में भी बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35 ए और 370 को खत्म करने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।

दरअसल जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने कल सीएपीएफ की अतिरिक्त 100 कंपनियों को तैनात करने का आदेश दिया था। गृह मंत्रालय ने 25 जुलाई को केंद्रीय सशस्त्र बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियों की तैनाती का आदेश जारी किया था। इन केंद्रीय बलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) शामिल हैं।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 और 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाएं लंबित हैं। राज्य की नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जम्मू-कश्मी पीपुल्स मूवमेंट और अन्य क्षेत्रीय दलों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जे एंड केपीएम) और राज्य के सभी क्षेत्रीय दलों ने अनुच्छेद 370 और 35ए से छेड़छाड़ का विरोध किया है।

घाटी में सेना आतंकियों के सफाये में लगी हुई है

वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की अतिरिक्त 100 कंपनियों को तैनात करने के केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक समस्या है, जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता है। पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा ने कहा कि केंद्र को अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरुस्त करना होगा।

महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘घाटी में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में डर पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरूस्त करने की जरूरत है।

गर्व भरी नाम आँखों से प्रधानमंत्री ने कारगिल शहीदों को याद किया

पीएम मोदी ने कहा, करगिल में विजय भारत के वीर बेटे, बेटियों के अदम्य साहस की जीत थी. करगिल में विजय भारत के सामर्थ्य और संयम की जीत थी. करगिल में विजय भारत के संकल्पों की जीत थी. करगिल में विजय भारत के मर्यादा और अनुशासन की जीत थी.

कारगिल विजय दिवस के 20 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शनिवार को देश की राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में  एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ समेत भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत समेत कई लोगों ने शिरकत की. इस कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिवारों ने भी शिरकत की. कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिवारों को प्रधानमंत्री के बगल वाली सीट पर बैठाया गया.

इस कार्यक्रम में एक पल ऐसा भी आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखें डबडबा गईं और वह अपने आंसू नहीं रोक सके. दरअसल कारगिल युद्ध में शहीद हुए एक जवान की आखिरी चिट्ठी को पढ़ने हुए एक डांस ग्रुप ने परफॉर्मेंस दी थी. इस परफॉर्मेंस के बाद एक ऐसा क्षण आया जब प्रधानमंत्री मोदी की आंखों में आंसू भर आए.

करगिल युद्ध में भारत को अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर मिली जीत के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कृतज्ञ राष्ट्र ने देश के वीर सपूतों के सर्वोच्च बलिदान और बहादुरी को सलाम किया. उन्होंने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ कर कश्मीर में कई पर्वत चोटियों पर फिर से अपना नियंत्रण स्थापित किया था.

यह 26 जुलाई का ही दिन था, जब भारतीय थल सेना ने करगिल की बर्फीली पर्वत चोटियों पर करीब साढ़े तीन महीने तक चली लड़ाई के बाद ऑपरेशन विजय के सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा की थी. इस सीमित युद्ध में भारत ने अपने लगभग 500 सैनिक गंवाये थे.

जो भाजपा से डर गए वह पार्टी छोड़ गए: नवीन जयहिंद

पंचकुला में सियासी पारा उफान पर है, आम आदमी पार्टी के अंदरूनी मतभेद खुल कर सामने आने लगे हैं। अभी कल ही पार्टी विरोधी गतिवधियों के चलते योगेश्वर शर्मा को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित दिया गया है। आज नवीन जय हिन्द ने पत्रकार वार्ता कर पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए बिना योगेश्वर का नाम लिए हुए कहा की जिस किसी को भाजपा से लड़ना होगा वह काम करेगा और जो भाजपा से डर गया या फिर उसने भाजपा के आगे घुटने टेक दिये हैं तो भी या फिर उसे काम ही नहीं करना तो फिर यह उसकी मर्ज़ी।

यह भी पढ़ें: योगेश्वर शर्मा आम आदमी पार्टी से तुरंत प्रभाव से निष्कासित

योगेश्वर की अनुपस्थिति में किस से बात करनी होगी तो जय हिन्द ने आय गौतम का नाम लिया। पत्रकारों के पूछने पर सरपंच के मामले में नवीन की प्रतिक्रिया जाननी चाहिए तो उन्होने उन्होने इस भाजपा का ढकोसला कह कर इस प्रशन को टाल दिया

आईटीआई के सभी कोर्स 10वीं और 12वीं के समकक्ष हुए

चण्डीगढ, 25 जुलाई:

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी द्वारा राज्य की आई.टी.आई. में पढऩे वाले सभी छात्र-छात्राओं को 10वीं और 12वीं कक्षा की समकक्षता प्रदान की गई है। इस निर्णय से आई.टी.आई. के विद्यार्थियों को अब नौकरी तथा उच्च शिक्षा के और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।
बोर्ड के प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व वर्षों में आई.टी.आई. से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके सभी प्रशिक्षु 10वीं व 12वीं कक्षा की समकक्षता पाने हेतु अंग्रेजी व हिन्दी भाषा के विषय का पेपर देने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के पोर्टल http://www.bsehexam2017.in/OpenReappear/login.aspx पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 3 अगस्त, 2019 है।
उन्होंने बताया कि 10वीं स्तर के आई.टी.आई. व्यवसायों के विद्यार्थियों को दो वर्षीय कोर्स पूर्ण करने उपरान्त 12वीं स्तर की समकक्षता प्राप्त करने हेतु 12वीं स्तर की हिन्दी या अंग्रेजी में से किसी एक भाषा की परीक्षा देनी होगी। यह समकक्षता एक वर्षीय 10वीं स्तर के आई.टी.आई. कोर्स व दूसरे वर्ष की अप्रैन्टिसशिप करने उपरान्त भी विद्यार्थियों को उपलब्ध रहेगी।
इसी प्रकार, 8वीं स्तर के आई.टी.आई. व्यवसायों के विद्यार्थियों को दो वर्षीय कोर्स पूर्ण करने उपरान्त 10वीं स्तर की समकक्षता प्राप्त करने हेतु 10वीं स्तर की हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं की परीक्षा देनी होगी। यह समकक्षता एक वर्षीय 8वीं स्तर के आई.टी.आई. कोर्स तथा दूसरे वर्ष की अप्रैन्टिसशिप करने उपरान्त भी विद्यार्थियों को उपलब्ध रहेगी।