बहन सुदीक्षा संत निरंकारी मिशन की छठी सद्गुरु घोषित


संत निरंकारी मिशन के 5 वें  सतगुरू माता सविंद्र हरदेव जी महाराज द्वारा बाबा हरदेव सिंह जी की छोटी बेटी बहन सुदीक्षा को संत निरंकारी मिशन की 6 वें सतुगुरु के तौर पर घोषणा की है। इस संबंधी मिशन के इंचार्ज प्रैस एंव पब्लिसिटी विभाग के महात्मा कृपा सागर द्वारा जानकारी दी गई है।

उन्होंने प्रैस नोट जारी करते कहा कि औपचारिक तौर पर इसकी घोषणा 17 जुलाई को बुराड़ी रोड स्थित निरंकारी आध्यात्मिक स्थल ग्राउंड नंबर 8 में सुबह 11 बजे सत्संग समारोह में की जाएगी।  उल्लेखनीय है कि बाबा हरदेव सिंह जी की 3 बेटियां समता,रेणुका व सुदीक्षा हैं। जब बाबा हरदेव सिंह  ब्रह्मलीन हुए थे तो उस समय भी 5 वें सतगुरु के तौर पर बहन सुदीक्षा का नाम सामने आया था। पर फिर बाबा जी की धर्मपत्नी सविंद्र हरदेव जी को बतौर 5 वें सतगुरु के तौर पर नियुक्त किया गया था।

4-2 से फ्रांस ने फिफा 2018 अपने नाम किया


फ्रांस ने फाइनल में क्रोएशिया को 4-2 से पराजित किया. वो 1998 में पहली बार विश्व कप में फाइनल खेली थी और जीतने में सफल रही थी


 

रेफरी की अंतिम सीटी बजते ही फ्रांस जश्न में डूब गया. मैच के अंतिम पलों में ही बेंच पर बैठे उसके खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ और फैंस जश्न में मूड में आ गए थे. फ्रांस ने रविवार को मास्को के लुज्निकी स्टेडियम में फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण में एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित कर दी. महत्वपूर्ण मौकों पर स्कोर करने की अपनी काबिलियत और भाग्य के दम पर उसने रोमांचक फाइनल में दमदार क्रोएशिया को 4-2 से हराकर दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया.

 

फ्रांस ने इससे पहले 1998 में विश्व कप जीता था. तब उसके कप्तान डिडियर डेस्चैम्प्स थे जो अब टीम के कोच हैं. इस तरह से डेस्चैम्प्स खिलाड़ी और कोच के रूप में विश्व कप जीतने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए हैं. उनसे पहले ब्राजील के मारियो जगालो और जर्मनी फ्रैंज बेकनबॉर ने यह उपलब्धि हासिल की थी.

फ्रांस ने 18वें मिनट में मारियो मांजुकिच के आत्मघाती गोल से बढ़त बनाई, लेकिन इवान पेरिसिच ने 28वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया. फ्रांस को हालांकि जल्द ही पेनल्टी मिली जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने 38वें मिनट में गोल में बदला जिससे फ्रांस मध्यांतर तक 2-1 से आगे रहा.

पॉल पोग्बा ने 59वें मिनट में तीसरा गोल दागा, जबकि किलियन एम्बाप्पे ने 65वें मिनट में फ्रांस की बढ़त 4-1 कर दी. जब लग रहा था कि अब क्रोएशिया के हाथ से मौका निकल चुका है तब मांजुकिच ने 69वें मिनट में गोल करके उसकी उम्मीद जगाई. क्रोएशिया पहली बार फाइनल में पहुंचा था. उसने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किए और अपने कौशल और चपलता से दर्शकों का दिल भी जीता, लेकिन आखिर में ज्लाटको डॉलिच  की टीम को उप विजेता बनकर ही संतोष करना पड़ा. निसंदेह क्रोएशिया ने बेहतर फुटबॉल खेली लेकिन फ्रांस ने अधिक प्रभावी और चतुराईपूर्ण खेल दिखाया. यही उसकी असली ताकत है जिसके दम पर वह 20 साल बाद फिर चैंपियन बनने में सफल रहा.

दोनों टीमें 4-2-3-1 के संयोजन के साथ मैदान पर उतरी. क्रोएशिया ने इंग्लैंड की खिलाफ जीत दर्ज करने वाली शुरुआती एकादश में बदलाव नहीं किया तो फ्रांसीसी कोच डेस्चैम्प्स ने अपनी रक्षापंक्ति को मजबूत करने पर ध्यान दिया. क्रोएशिया ने अच्छी शुरुआत और पहले हाफ में न सिर्फ गेंद पर अधिक कब्जा जमाए रखा, बल्कि इस बीच आक्रामक रणनीति भी अपनाए रखी. उसने दर्शकों में रोमांच भरा, जबकि फ्रांस ने अपने खेल से निराश किया. यह अलग बात है कि भाग्य फ्रांस के साथ था और वह बिना किसी खास प्रयास के दो गोल करने में सफल रहा.

मैच की महत्वपूर्ण बातें

फ्रांस के पास पहला मौका 18वें मिनट में मिला और वह इसी पर बढ़त बनाने में कामयाब रहा. फ्रांस को दायीं तरफ बॉक्स के करीब फ्री किक मिली. ग्रीजमैन का क्रास शॉट गोलकीपर डेनियल सुबासिच की तरफ बढ़ रहा था. लेकिन तभी मांजुकिच ने उस पर हेडर लगा दिया और गेंद गोल में घुस गई. इस तरह से मांजुकिच विश्व कप फाइनल में आत्मघाती गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए. यह वर्तमान विश्व कप का रिकॉर्ड 12वां आत्मघाती गोल है.

पेरिसिच ने हालांकि जल्द ही बराबरी का गोल करके क्रोएशियाई प्रशंसकों और मांजुकिच में जोश भरा. पेरिसिच का यह गोल दर्शनीय था जिसने लुज्निकी स्टेडियम में बैठे दर्शकों को रोमांचित करने में कसर नहीं छोड़ी. क्रोएशिया को फ्री किक मिली और फ्रांस इसके खतरे को नहीं टाल पाया. मांजुकिच और डोमागोज विडा के प्रयास से गेंद विंगर पेरिसिच को मिली. उन्होंने थोड़ा समय लिया और फिर बाएं पांव से शॉट जमाकर गेंद को गोल के हवाले कर दिया. फ्रांसीसी गोलकीपरी ह्यूगो लॉरिस के पास इसका कोई जवाब नहीं था.

लेकिन इसके तुरंत बाद पेरिसिच की गलती से फ्रांस को पेनल्टी मिल गई. बॉक्स के अंदर गेंद पेरिसिच के हाथ से लग गई. रेफरी ने वीएआर की मदद ली और फ्रांस को पेनल्टी दे दी. अनुभवी ग्रीजमैन ने उस पर गोल करने में कोई गलती नहीं की. यह 1974 के बाद विश्व कप में पहला अवसर है जबकि फाइनल में मध्यांतर से पहले तीन गोल हुए.

क्रोएशिया ने दूसरे हाफ में भी आक्रमण की रणनीति अपनाई और फ्रांस को दबाव में रखा. खेल के 48वें मिनट में लुका मोड्रिच ने एंटे रेबिच का गेंद थमाई, जिन्होंने गोल पर अच्छा शॉट जमाया. लेकिन लॉरिस ने बड़ी खूबसूरती से उसे बचा दिया.

लेकिन गोल करना महत्वपूर्ण होता है और इसमें फ्रांस ने फिर से बाजी मारी. दूसरे हाफ में वैसे भी उसकी टीम बदली हुई लग रही थी. खेल के 59वें मिनट में किलियन एम्बाप्पे ने दाएं छोर से गेंद लेकर आगे बढ़े. उन्होंने पोग्बा तक गेंद पहुंचाई जिनका शॉट विडा ने रोक दिया. रिबाउंड पर गेंद फिर से पोग्बा के पास पहुंची जिन्होंने उस पर गोल दाग दिया.

इसके छह मिनट बाद एम्बाप्पे ने ने स्कोर 4-1 कर दिया. उन्होंने बाएं छोर से लुकास हर्नाडेज से मिली गेंद पर नियंत्रण बनाया और फिर 25 गज की दूरी से शॉट जमाकर गोल दाग दिया जिसका विडा और सुबासिच के पास कोई जवाब नहीं था. एम्बाप्पे ने 19 साल, 207 दिन की उम्र में गोल दागा और वह विश्व कप फाइनल में गोल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए. पेले ने 1958 में 17 साल की उम्र में गोल दागा था.

क्रोएशिया लेकिन हार मानने वाला नहीं था. तीन गोल से पिछड़ने के बावजूद उसका जज्बा देखने लायक था. लेकिन उसने दूसरा गोल फ्रांसीसी गोलकीपर लॉरिस की गलती से किया. उन्होंने तब गेंद को ड्रिबल किया जबकि मांजुकिच पास में थे. क्रोएशियाई फारवर्ड ने उनसे गेंद छीनकर आसानी से उसे गोल में डाल दिया. इसके बाद भी क्रोएशिया ने हार नहीं मानी. उसने कुछ अच्छे प्रयास किए, लेकिन उसके शॉट बाहर चले गए. इस बीच इंजरी टाइम में पोग्बा को अपना दूसरा गोल करने का मौका मिला, लेकिन वह चूक गए.

देश में फर्जी वैल्यूअर्स के कारण हो रहे बैंक घोटाले!


  • पंजाब-हरियाणा में फैले हैं दर्जनों फर्जी वैल्यूअर्स

  • उत्तरी भारत के वेल्यूअर्स ने केंद्र सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल


चंडीगढ़, 15 जुलाई। देशभर में आए दिन हो रहे बैंक घोटालों के लिए कथित तौर पर फर्जी वैल्यूअर्स जिम्मेदार हैं जो अज्ञानता के चलते चल-अचल संपत्ति की वैल्यू तय करके इस तरह के घोटालों को कारण बन रहे हैं। इन फर्जी वैल्यूअर्स के लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। 
यह दावा पैन-इंडिया वैल्यूअर्स फैडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव कपिल अरोड़ा ने आज यहां देशभर के करीब एक दर्जन राज्यों से आए हुए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। रविवार को यहां आयोजित वैल्यूअर्स की बैठक में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल, गुजरात समेत कई राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कपिल अरोड़ा व रमनदीप सिंह ने केंद्र सरकार के कारपोरेट अफेयर्स मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कंपनी रूल्स पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि हजारों प्रतिनिधियों द्वारा भेजी गई आपत्तियों पर विचार-विमर्श के बगैर ही नियमों को जारी कर दिया गया। केंद्र सरकार के यही नियम देश में बैंकिंग और वित्तीय भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब में जहां 500, हरियाणा में 850, दिल्ली में 1500, उत्तराखंड में 150 तथा हिमाचल में करीब 60 वैल्यूअर्स सरकारी मान्यता प्राप्त हैं वहीं इन राज्यों में वास्तविक संख्या के मुकाबले 15 फीसदी फर्जी वैल्यूअर्स पैदा भी सक्रिय हो गए हैं। जिनके पास अनुभव नहीं होने के कारण वह चल-अचल संपत्ति की गलत वैल्यू बताकर बैंक घोटालों के लिए बड़ा कारण बन रहे हैं। एनबीसी के नियमों का उलंघन करके कार्य करने वाले इन वैल्यूअर्स के कारण ही बैंकों में एनपीए बढ़ रहा है। क्योंकि एनपीए के बाद ऐसी संपत्तियां फर्जी व अवांछित पाई जाती हैं।
पैन-इंडिया वैल्यूअर्स फैडरेशन की पंजाब इकाई के महासचिव मोहित जैन तथा हरियाणा के इंजीनियर सुनील पुरी ने बताया कि इस समय पंजाब व हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में बैंकों द्वारा फर्जी डिग्री वाले वैल्यूअर्स को इंपैनल किया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार की नीतियां ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से तकनीकी कार्य है जिसे सरकारी पंजीकृत वैल्यूअर सिर्फ ग्रैजुएट इंजीनियर, आर्किटैक्ट और टाऊन प्लान अपने दस के प्रैक्टिकल अनुभव के साथ ही कर सकते हैं। दूसरी तरफ सरकार के नए नियमों के बाद महज 50 घंटे के प्रशिक्षण व महज एक निजी संस्था द्वारा आयोजित परीक्षा देने वाले लोग वैल्यूअर बन रहे हैं। जिस कारण इस क्षेत्र में लगातार गिरावट आ रही है। चंडीगढ़ के कर्नल श्रीराम बख्शी व एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलवंत सिंह राय ने कहा कि सरकार ने बगैर सुझाव लिए ही नया कानून पास कर दिया है। केंद्र सरकार को इस नियम में संशोधन करके आम जनता के साथ हो रही लूट को खत्म करना चाहिए। इस अवसर पर पैन-इंडिया वैल्यूअर्स की राजस्थान इकाई के दीपक सूद, बिहार के इंजीनियर संजीव कुमार, दिल्ली एनसीआर के प्रतिनिधि एच पी मित्तल, उत्तराखंड के प्रतिनिधि सौरभ सुमन समेत कई प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नय नियम के विरूद्ध अपनी आवाज उठाई। 

बॉम्बे हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अभय एम थिप्से के कांग्रेस में शामिल


 

महाराष्ट्र के एक रिटायर्ड जज के कांग्रेस में शामिल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जजों के उस पैनल से हटा दिया जिसे महाराष्ट्र सरकार और स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के बीच के विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई थी.

प्रदेश सरकार द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अभय एम थिप्से के कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया है.

थिप्से को महाराष्ट्र सरकार और स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के बीच राजकोषीय विवाद की मध्यस्थता करने के लिए मनोनीत किया गया था लेकिन बीते जून को देश में ‘बढ़ते फासीवाद और असहिष्णुता’ से लड़ने के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. यहां तक की थिप्से के स्वागत में राहुल गांधी ने एक फॉर्मल पार्टी का आयोजन भी करवाया था.

अब जब इस बात की खबर जजों के बेंच को लगी तो उन्होंने स्टेट कॉउंसल से कई सवाल जवाब किए और उस लेटर की मांग की जिसमें थिप्से के कांग्रेस ज्वाइन करने की बात लिखी हो. जजों को वो लेटर हैंडओवर की गई जिसमें लिखा था कि जस्टिस अभय एम थिप्से ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है. ऐसे में उनकी जगह हम पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस एस.जे.वसीफदार को बेंच में शामिल कर रहे हैं. लेटर मिलने के बाद जजों ने मुस्कुराते हुए इसे बहुत विरले ही होने वाली घटना करार दिया.

CRIKC & CIIC to be developed soon

 

 

Dr Pramod Kumar, while speaking on the future of Chandigarh had that  “Chandigarh is emerging as the satellite town of Delhi. It has a potential to develop as a global destination in terms of culture, trade, knowledge exchange. It can locate a diplomatic enclave to realise this potential. The main focus should be to reach out to the people and influence policy planning institutions like CRIKC (Chandigarh Region Innovation and Knowledge Cluster) to be strengthened besides setting up an institution like India International Centre, Delhi.”

Both CM seconded the idea and also promised to contribute to turn the idea into reality.

It has been learnt that the proposed site of CIIC likely to be in one of the posh sectors of Chandigarh.

Here are some of the suggested features of the proposed CIIC

The underlying vision of CIIC will be aimed to have a vibrant space for preservation and dissemination of knowledge. The purpose is to make people’s contribution central in global processes through generation, dissemination and sharing of knowledge.

CIIC will try to support Chandigarh in its journey to emerge as an international city with number of knowledge imparting and disseminating institutions. To consolidate and reinforce its capacity to become a knowledge hub, CIIC shall make an effort to, preserve cultural impulse of the north-western region, promote spirit of enquiry to reinforce scientific temper and sustain dialogue. Chandigarh being a modern city with unique architecture will be used as an example to shape and influence process and pattern of urban development in the region in terms of people-centric growth of planned cities etc.

Chandigarh India International Centre will be a non-government institution, non-commercial in nature and carried out its activities in the spirit of public service. Its basic character and predisposition would be to remain non-aligned, non-governmental and non-affiliate to any political, economic or religious formations.

The aims and objectives of the proposed centre include:

  • To develop a place where statesmen, diplomats, policymakers, intellectuals, scientists, jurists, writers, artists and members of civil society meet to initiate the exchange of new ideas and knowledge in the spirit of international cooperation.
  • To promote dialogical tradition of lokayata  through lectures, seminars, workshops and conferencing etc.
  • To create a world class library fully equipped with modern technological facilities. It will have not only printed material, but also video and audio collections.
  • To invite cultural leaders, scholars, scientists and creative artists, who may or may not be members of the society, to exchange of new ideas, knowledge, art, skills and creativity.
  • To undertake, facilitate and provide for the publication of newsletters, research papers, and books, and of a journal for the exposition of cultural patterns and values prevailing in different parts of the world.

International Vaish Federation’s (Punjab unit)

IVF’s State President (Punjab Unit), Mr. Mahesh Gupta & his team cordially invites you on 15 July 2018 (Sunday) at 12:00 ‘o clock at Chandigarh Club, Sector 1, Chandigarh as the Federation has organized an Honour Ceremony of Meritorious of UPSC Exam 2018. Sh. Sumesh Goyal, IPS, DGP Jail (HP) will grace the occasion as worthy Chief Guest. Chief Justice Sh. Ashok Bhan (R), Superme Court of India; Sh. Madan Mohan Mittal (Ex Cabinet Minister, Punjab); Sh. Bajrang Dass Garg (President, Business Cell); Justice R. K. Garg (R) (Chairman, NRI Commission); Sanjeev Garg (State Information Commissioner); IAS Dr. B. C. Gupta (R) and IAS Sh. J. B. Goyal (R) will also be a part of the event.

Mega Health Checkup camp on Sunday

On the occasion of ongoing Founders week CPC is organising a free Mega Health Checkup camp on Sunday 15th July 2018 from 10 am to 3 pm.

Specialist Doctors will conduct tests of blood sugar ECG, Echocardiography, Orthopaedic diseases, bmd, breast cancer.

Members are can avail this free facility by attending the camp.

‘जिवें राम नुं लक्ष्मण सी’ का विमोचन आज

पद्मश्री डॉ॰ सुरजीत सिंह पात्तर द्वारा पंजाबी के विख्यात लेखक श्री संतोख सिंह धीर  के चुनिन्दा पत्रों के संकलन, ‘जिवें राम नुं लक्ष्मण सी’ का विमोचन पंजाब कला भवन चंडीगढ़  में इतवार को सुबह 10:30 बजे होगा

 

पगड़ी पहनने के आदेश से सिख धर्म की भावनाएं हुईं आहत : चीमा


अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने दावा किया कि चंडीगढ़ प्रशासन के इस कदम से सिख समुदाय की धार्मिक भावनाएं बहुत आहत हुई हैं.


शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने शनिवार को केंद्र-शासित प्रदेश (यूटी) चंडीगढ़ के प्रशासन से छह जुलाई की वह अधिसूचना वापस लेने की अपील की जिसमें पगड़ीधारी सिख महिलाओं को छोड़कर बाकी सभी महिलाओं के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.

अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने दावा किया कि चंडीगढ़ प्रशासन के इस कदम से सिख समुदाय की धार्मिक भावनाएं बहुत आहत हुई हैं. चीमा ने कहा, ‘केंद्रशासित प्रदेश को किसी सिख महिला की पहचान परिभाषित या फिर से परिभाषित करने और कानून की नजर में किसी के सिख महिला होने या नहीं होने का पता लगाने का कोई अधिकार नहीं है.’

उन्होंने दलील दी कि सिख सिद्धांत में कोई टोपी या हेलमेट पहनना मना है. चीमा ने कहा, ‘सिख धर्म के सिद्धांतों के मुताबिक, किसी सिख महिला के लिए पगड़ी पहनना जरूरी नहीं है. यह पूरी तरह उसकी मर्जी है. सिख धर्म में पगड़ी सिर्फ पुरुषों के लिए जरूरी है.’

उन्होंने कहा, ‘लगभग 99.99 फीसदी सिख महिलाएं दुपट्टे से अपना सिर ढकती हैं. हेलमेट पहनने से मिली छूट उन सब पर लागू होती है लेकिन नई अधिसूचना ने सिख महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित किया है.’

पूर्व मंत्री ने कहा कि अकाली दल इस मुद्दे को यूटी चंडीगढ़ प्रशासन के सामने उठाएगा और उससे अधिसूचना वापस लेने का अनुरोध करेगा. चीमा ने कहा, ‘यदि जरूरत पड़ी तो पार्टी का प्रतिनिधिमंडल इस बेहद संवेदनशील धार्मिक मुद्दे पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करेगा.’

Health Talk for Rehabilitation Colony Children held at Bapu Dham

July 14, 2018, Chandigarh: Yuvsatta, a city based NGO organised a Health talk in Bapu Dham colony in Chandigarh to educate rehabilitation colony children about Malaria.

Dr Ashish Arora, Consultant Internal Medicine at Paras Bliss Hospitalexplained what malaria is, how it is caused and what are the symptoms and treatment of malaria. Pramod Sharma, President of Yuvsatta, said it was important to spread awareness in slums and rehabilitation colonies, which can go a long way in keeping a check on vector-borne diseases. The talk was held in collaboration with Paras Bliss Hospital.

Malaria has been problem in India for many centuries. Dr Arora informed, with more than 6,695 cases of malaria and 322 cases of dengue were registered in Haryana as per media reports in 2017 year. He added, Mohali district has recorded the highest number of dengue and malaria cases out of 22 districts of Punjab, figures by the health department reveal in year 2017 according to media source.

Dr. Arora said, “Malaria is a potentially life-threatening disease caused by parasites (Plasmodium vivax, Plasmodium falciparum, Plasmodium malariae and Plasmodium ovale) that are transmitted through the bite of infected Anopheles mosquitoes.”

The priority requirement is the early recognition of signs and symptoms of severe malaria that should lead to prompt emergency care of patient. The signs and symptoms that can be used are non-specific and may be due to any severe febrile disease, which may be severe malaria, other severe febrile disease or concomitant malaria and severe bacterial infection.

The symptoms are a history of high fever, plus at least one of the following, including, Prostration (inability to sit), altered consciousness lethargy or coma, Breathing difficulties, Severe anaemia, Generalized convulsions/fits, Inability to drink/vomiting and dark and/or limited production of urine.