Saturday, January 25


कैप्टन ने पीएम के सामने फिर उठाया चंडीगढ़ में हिस्सेदारी का मुद्दा

 सिविल पदों को भरने के लिए 60:40 के अनुपात को बनाए रखने के लिए जल्द कदम उठाने का आग्रह


चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में प्रशासकीय पदों के लिए पंजाब और हरियाणा में स्थिति ज्यों का त्यों बनाए रखने को यकीनी बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को संघ शासित (यूटी) चंडीगढ़ में सिविल पदों को भरने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच 60:40 के अनुपात को बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं, क्योंकि यह यथास्थिति लंबे समय से चली आ रही है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि यह ढांढस देने वाली बात थी कि इस साल एक अक्टूबर को लिखे उनके पत्र के समर्थन की वजह से केंद्र ने चंडीगढ़ पुलिस के डीएसपी के पदों का दिल्ली, अंडमान, निकोबार आईलैंड पुलिस सर्विस (डीएएन आईपीएस) में विलय करने संबंधी 25 सितंबर, 2018 के नोटिफिकेशन पर अस्थाई तौर पर रोक लगाने पर सहमति जताई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय चंडीगढ़ प्रशासन में 14 आईएएस अफसर तैनात हैं और इनमें से सिर्फ तीन पंजाब से और दो हरियाणा से संबंधित हैं जबकि बाकी अधिकारी यूटी काडर के हैं। इस तरह चंडीगढ़ में 7 आईपीएस अधिकारी तैनात हैं इनमें से सिर्फ 1-1 अधिकारी पंजाब और हरियाणा से संबंधित हैं, जबकि बाकी 5 अधिकारी यूटी काडर के हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन में अधिकारियों को लगाने के लिए 60:40 के अनुपात को बरकरार नहीं रखा जा रहा।

उन्होंने कहा कि यही स्थिति अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों के संबंध में है, जिनमें अध्यापक, डॉक्टर और अन्य सिविल अधिकारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन में पदों को भरने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच 60:40 को बनाए रखने की जरूरत को सही माना था, परंतु पिछले कुछ सालों के दौरान इसमें असंतुलन पैदा हुआ है जिसको ठीक करने की जरूरत है।  उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को यह भी कहा कि वह चंडीगढ़ प्रशासन को सलाह दें कि वह पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारी को हाथ न लगाएं जो कि पहले ही निर्धारित अनुपात और पदों के अनुसार प्रदान की गई है।