डॉ॰ अजय चौटाला पार्टी से निष्कासित

अजय चौटाला फ़ाइल फोटो

डॉ॰ अजय चौटाला पार्टी से निष्कासित।

अभय चौटाला ने चंडीगढ़ में एक प्रेसवारता के दौरान यह बात कही। उन्होने बताया के पिता ओर भाई अजय के जेल जाने के बाद उन्होने ही पार्टी की बागडोर संभाली ओर बिना मुख्यमंत्री पद का लालच किए अपना काम किया।

आज भी वह मुख्यमंत्री पद के दावे दार नहीं हैं, परंतु अनुशास्न्हींता के चलते दुष्यंत ओर दिग्विजय को पार्टी से निकाला गया ओर अब अजय चौटाला को मनमाना रवैया अपनाने के चलते उन्हे भी पार्टी से निष्कासित किया गया।

1 तारीख की अजय द्वारा पार्टी मीटिंग को ले कर उन्होने कहा कि जो भी पार्टी का कार्यकर्ता उक्त मीटिंग में जाएगा वह स्वयम ही जिम्मेदार होगा। पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं विधायकों ओर सांसदों को सभी ओ पत्र लिख कर इस बात की तसदीक कर दी गयी है।

मनोज खात्री की कवायद रही नाकाम राकेश पोपली ने संभाला काम

नलिन आचार्य, चंडीगढ़:

कड़ी मुश्क्क्त के बाद राकेश पोपली ने असिस्टेन्ट एस्टेट अफसर का चार्ज संभाला । मनोज खत्री ने चंडीगढ़ डेपुटेशन बढ़वाने के लिये लगाया पूरा दिन जोर । अंत मे चार्ज छोड़ना पड़ा
भरोसे के सूत्रों के अनुसार कल हुए प्रशासक के तबादलों के आदेश के बाद आज शाम तक मनोज खत्री द्वारा अपना चार्ज राकेश पोपली को न देने से असमंजस का वातावरण बन गया । मनोज खत्री तबादला आदेशो के बाद अपनी घर वापसी को रुकवाने के प्रयासों में लग गए । उन्होंने हरियाणा में बैठे अपने आकाओं के माध्यम से पूरा जोर लगा दिया । शाम होते होते उनके प्रयास हवा होने लगे तो अंत में अपना चार्ज राकेश पोपली को सौंप दिया । खत्री पिछले कुछ दिनों से अपनी कार्यप्रणाली से घेरे में आ गए थे । आज भी जाते जाते अपने कुछ चहेतों को ग्रुप Aएवम ग्रुप B में फिट करने की चर्चा है ।

“जन आवाज़” 2019 के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे अशोक तंवर


अशोक तंवर अपनी पार्टी के “वचन पत्र” को ले कर खासी मशक्कत कर रहे हैं. उनके साथ अनेकों सरकारी विभागों के अध्यक्ष भी देखे जा सकते हैं. हरियाणा में राजनैतिक बयार बह रही है जहां सभी अपनी अपनी पत्रिका कि तैयारी में जुटे हैं वहीँ कुछ बातें समझ से बाहर हैं. आम आदमी से कांग्रेस का गठबंधन समझ से बाहर है.

क्या माकन के कद को छोटा करने की कवायद की जा रही है? और क्या इसी लिए माकन कुछ सप्ताह पहले पार्टी से विमुख हो गये थे?   (कांग्रेस कभी किसी को अपनी मर्ज़ी से नहीं जाने देती, खुद निकालती है और कैसे सभी जानते हैं)

क्या दिल्ली में सीटों का 5 – 2 का सौदा हो चुका है? क्या इसी लिए माकन को केजरीवाल पर नरम रहने के लिए कहा गया है? (आम आदमी 5 – कांग्रेस  2)

क्या आम आदमी के साथ हरियाणा में भी कोई सांठ गाँठ कर अशोक तंवर को भी किनारे तो नहीं किया जाएगा?

भूपेन्द्र सिंह हुड्डा बहुत कारसाज मुख्यमंत्री रहे हैं, पर ठक्कर भी अब टक्कर देने में सक्षम हैं. जहां लोग अभी तक हुड्डा की कार्य शैली को नहीं भुला पाए हैं वहीँ अब ठक्कर भी जनता और मिडिया की पसंद बनते जा रहे हैं.

कुल मिला कर क्या यह समय तंवर और माकन के लिए ठीक है?


पंचकुला :

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा अपने चुनाव घोषणा-पत्र को ‘जन-आवाज़’ बनाने के उद्देश्य से आम लोगों के विचार जानने के लिए खाद्य सुरक्षा और पोष्टिकता, स्वास्थ संभाल, अनुसूचित जातियों व जनजातियों और पिछड़े वर्गों सम्बद्ध कार्यकारी ग्रुप की एक बैठक मंगलवार को पंचकुला स्थित किसान भवन में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर के नेतृत्व में हुई।

बैठक की अध्यक्षता राज्य सभा सदस्य और चुनाव घोषण पत्र समिति के संयोजक राजीव गौवड़ा ने की। इसमें चुनाव घोषण पत्र समिति के कोआर्डीनेटर डॉ. अमुल देशमुख, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमेन डॉ. नितिन राऊत, पंजाब के प्रतिनिधि डॉ. राजदीप सिंह संधु और भारी संख्या में विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता ऑपिनियन बिल्डरस आदि ने भाग लिया। यह बैठक दो चरणों में हुई। पहले चरण में डॉक्टरों, निती निर्धरितकर्ताओं, मेडिकल कालेजों के विशेषज्ञों, एन.जी.ओ. के प्रतिनिधियों, जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों आदि ने भाग लिया जिनकी संख्या 90 के करीब थी। बैठक में किन्नरों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी समस्यायें रखीं जिनमें उनके सामाजिक तौर पर पुर्नवास की समस्या विशेष थी। दूसरे चरण में अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों, समाजसेवियों आदि वर्गों के 100 से अधिक नेताओं ने भाग लिया।

बैठक के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए राजीव गौवड़ा ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने पार्टी के चुनाव घोषणा-पत्र को ‘जन-आवाज़’ बनाने के उद्देश्य से देशभर में भ्रमण करके लोगों के विचार जानने के लिए 19 विषयों पर कार्यकारी ग्रुपों का गठन किया है। इन ग्रुपों द्वारा लोगों के विचार जानने के बाद मध्य जनवरी तक अपनी रिपोर्ट दे दी जायेगी जिस पर कांग्रेस कार्यकारिणी समिति द्वारा विचार करने के बाद सभी महत्वपूर्ण विषयों को कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया जायेगा।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की चुनाव घोषणा पत्र समिति के कोऑर्डीनेटर डॉ. अमुल देशमुख ने बताया कि जन-आवाज़ के बारे में जानकारी लेने के लिए 20-30 विषय निर्धारित किए गए हैं जिनके बारे में देशभर में कार्यकारी ग्रुप बैठकें कर रहे हैं और आज की यह बैठक इसी कार्यक्रम का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि बैठकों के दो चरणों के बाद हरियाणा में एक बैठक और की जायेगी जिसका विषय खेल-कूद होगा क्योंकि हरियाणा राजय खेल-कूद में विषय महत्व रखता है।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने बैठक में भाग लेने वालों का धन्यवाद दिया और कहा कि बैठक में बहुत ही बहुमुल्य सुझाव प्राप्त हुए हैं जो कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र को जन-आवाज बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पानी, स्वास्थ्य, कृषि संबंधी और पर्यावरण की विशेष समस्यायें हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अनुसूचित जातियों और पिछड़ा वर्गों के हितों का कोई ध्यान नहीं रखा है। उन्होंने कहा कि ये वर्ग रोजगार, सामाजिक विकास व सुरक्षा, शिक्षा आदि में काफी पिछड़ गए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषण पत्र में इन विषयों को भी शामिल करने के लिए विशेष ध्यान दिया जायेगा क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने सदैव ही कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया है और भविष्य में भी इन्हें महत्व दिया जायेगा। उन्होंने पूर्व आईएएस श्री दलबीर भारती द्वारा मंच संचालन करने के लिए धन्यवाद किया।


सरकारी अधिकारी कांग्रेस के साथ अपनी तथा कथित समबन्धों को दर्शाने में नहीं चूक रहे, कहीं राहुल उन्हें भी व्यापम वाले डॉ. आनंद राय कि भांति धोखा न दे दें (बकौल डॉ.आनंद राय  राहुल ने उन्हें टिकेट देने का वायदा किया था इसीलिए उन्होंने नौकरी भी छोड़ दी, और अब उन्हें मिलते भी नहीं)

तत्कालीन प्रभाव से14 HCS अफसरों के तबादले किये गए

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से 14 एचसीएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं। जयबीर सिंह को एडिशनल डिप्टी कमिशनल सोनीपत, राम कुमार को कमिशन, नगर निगम अंबाला, मनदीप कौर को चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, जिला परिषद् व सीईओ, डीआरडीए सोनीपत, सतबीर सिंह कुंडू को एडिशनल डिप्टी कमिश्रर कैथल, शुशील कुमार को सब डिविजनल ऑफिसर-कम एडिशनल कलैक्टर शाहबाद नियुक्त किया गया है।

वहीं, शुभिता ढाका को ज्वाइंट कमिश्रर, एमसी, एनआर्ईटी, फरीदाबाद, महेश कुमार को एम.डी को-ऑपरेटिव शुगर मिल्स, गोहाना, विरेंद्र चौधरी को सैक्रेट्री हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन, भिवानी, संदीप अग्रवाल, एम.डी को-ऑपरेटिव शुगर मिल्स पानीपत, सुमित कुमार, सिटी मैजिस्ट्रेट सिरसा, अनुपमा मलिक को सिटी मैजिस्ट्रेट करनाल नियुक्त किया गया है।

‘भाजपा के कुशासन की वजह से लोगों का सपना टूट गया.’ राहुल


यूपीए काल के 10 वर्षों में प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तथाकथित रूप से तार तार करने के बाद, संसद में अमेठी का प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल जो यदा कदा विदेश अज्ञात वास चले जाते हैं, अब प्रधान मंत्री मोदी को  उनका कार्य समझा रहे हैं। 


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि देश एक व्यक्ति से नहीं चलता. देश को पूरी जनता चलाती है. मोदी भारत के विकास को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले एक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि मोदी को लगता है कि देश का विकास तो उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद ही शुरू हुआ है. नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लघु एवं मध्यम कारोबारियों की कमर तोड़ने के लिए थे.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘वह (मोदी) तो यह तक नहीं जानते कि देश को जनता चलाती है, न कि एक व्यक्ति. इस तरह की बातें कहकर वे आपका अपमान करते हैं. नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या भारत के लोगों के हजारों करोड़ रुपये लेकर भाग गए. उन्हें देश वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कुछ नहीं कर रहे और इस मुद्दे पर एक शब्द तक नहीं बोलते’.

छत्तीसगढ़ में हमारी पार्टी की सरकार बनी तो राज्य में ‘जनता की सरकार’ होगी

राफेल सौदे में जांच रोकने के लिए सीबीआई निदेशक को रात के एक बजे पद से हटा दिया गया. लड़ाकू विमान बनाने में 70 साल का अनुभव रखने वाली एच ए एल की जगह राफेल सौदे के लिए अनिल अंबानी को चुना गया.अनिल अंबानी के पास अनुभव नहीं था. यहां तक कि उन्होंने कागज का जहाज तक नहीं बनाया है. यदि इसकी जांच हो जाए तो केवल दो नाम आएंगे- नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी. मोदी जांच से डरते हैं.

गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सोमवार को जिन 18 निर्वाचन क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ, वहां कांग्रेस के पक्ष में लहर है. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य चुनावी राज्यों में चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आएंगे. संसाधनों में छत्तीसगढ़ समृद्ध है, लेकिन बीजेपी सरकार के ‘कुशासन की वजह से लोगों का सपना टूट गया.’

गांधी ने वायदा किया कि यदि छत्तीसगढ़ में उनकी पार्टी की सरकार बनी तो वह राज्य में ‘जनता की सरकार’ होगी. उन्होंने कहा कि लोग ऐसी सरकार चाहते हैं जो उनके ‘मन की बात’ सुने. उन्होंने कहा, ‘कुछ उद्योपतियों के लिए काम करने की बजाए कांग्रेस राज्य में कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य के विकास के लिए काम करेगी.’

कांग्रेस सत्ता में आई तो युवाओं को कारोबार करने और बैंकों से कर्ज लेने की सुविधा के लिए प्रोत्साहित करेगी. कांग्रेस बड़े उद्यमियों के खिलाफ नहीं है, लेकिन यदि सरकार उन्हें फायदा पहुंचाती है तो लघु और मध्यम उद्यमों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए.

राहुल के बचाव में उतरे मनीष


स्मिता प्रकाश द्वारा राफेल के सीईओ के स्क्षातकार के बाद कांग्रेस की सुर ताल बिगड़ गयी है, जब से एरिक ने राहुल के बयानों को खारिज किया है ओर एक – एक कर कांग्रेस द्वारा लगाये आरोपों का सिलसिले वार जवाब दिया है तभी से राहुल के बचाव में कांग्रेस के सभी दिग्गज उतर गए हैं। पहले सुरजेवाला ने स्मिता प्रकाश के साक्षात्कार को प्रायोजित करार दे दिया वहीं अब मनीष भी ज़ुबानी जंग में कूद पड़े हैं। de


नई दिल्ली:

कांग्रेस ने आज कहा कि राफेल सौदे के बारे में सरकार द्वारा सुप्रीमकोर्ट में दायर हलफनामे में तथ्यों की जानकारी देने के बजाय छिपाने की कोशिश की गई है और सरकार को यह बताना चाहिए कि आफॅसेट साझीदार बनाने के बारे में रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 में पूर्व प्रभाव से संशोधन क्यों किया गया।

कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इस सौदे को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को मिली सरकार के हलफनामे की प्रति को पढने से ऐसा लगता है कि इसमें जानकारी देने के बजाय तथ्यों को छिपाने की कोशिश की गई है। इससे कई सवाल उठते हैं लेकिन देश सरकार से पांच बुनियादी सवालों का जवाब चाहता है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 5 अगस्त 2015 को रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 में पूर्व प्रभाव से संशोधन कर रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर से पहले विक्रेता द्वारा ऑफसेट साझीदार की सूची रक्षा मंत्रालय को देने की बाध्यता खत्म कर दी। पहले की नीति के अनुसार रक्षा मंत्रालय ऑफसेट कंपनी का मूल्यांकन कर सौदे पर हस्ताक्षर से पहले इस सूची को मंजूरी देता था।

लेकिन संशोधन के बाद विक्रेता रक्षा मंत्रालय को अपने ऑफसेट साझीदार की जानकारी सौदे पर हस्ताक्षर के बाद देगा। उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि यह संशोधन पूर्व प्रभाव से क्यों किया गया? इसके पीछे क्या उद्देश्य था?

प्रवक्ता ने कहा कि हलफनामे में कहा गया है कि 126 बहुउद्देशीय राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का सौदा और मोदी सरकार का 36 राफेल विमान की खरीद का सौदा अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह सही है तो सरकार ने पहले सौदे को रद्द करने से तीन महीने पूर्व दूसरे सौदे की घोषणा कैसे कर दी। क्या दूसरे सौदे के लिए सभी नियम प्रक्रियाओं को अपनाया गया।

तिवारी ने कहा कि विमानों की संख्या 126 से 36 करने के बारे में क्या वायु सेना से बात की गयी थी। क्या नये सौदे के तहत विमानों की मानक गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिए ‘एस क्यू आर’ की प्रक्रिया पूरी की गई थी। क्या वायु सेना ने इनके बारे में ‘स्टेटमेंट ऑफ केस’ दी थी। किसी भी सौदे को मंजूरी के लिए रक्षा खरीद परिषद में भेजने से पहले दो महत्वपूर्ण समिति इसकी जांच करती हैं उनकी बैठक कब हुई। उन्होंने दावा किया कि इस सौदे के बारे में सभी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।

प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा खरीद परिषद ने 13 मई 2015 में वायु सेना के लिए 36 राफेल विमान की खरीद को जरूरत के आधार पर मंजूरी दी। लेकिन सरकार यह बताए कि इस मंजूरी से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 अप्रेल 2015 को पेरिस में इस सौदे का ऐलान कैसे कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि निर्णय पहले ले लिया गया और उसे प्रक्रियागत अमली जामा बाद में पहनाया गया।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री बार बार यह कह रहे हैं कि विमानों में भारतीय जरूरत के हिसाब से अस्त्र शस्त्र लगाए गए हैं इसीलिए इसकी कीमत 526 करोड रूपए से बढकर 1670 करोड रूपए हो गई। उन्होंने कहा कि लेकिन हलफनामे में सरकार ने कहा है कि इन 36 विमानों में लगाए जाने वाली हथियार प्रणाली वही है जो 126 विमानों के सौदे के तहत उडने की हालत में खरीदे जाने वाले 18 विमानों में लगाई जाने वाली थी। उन्होंने पूछा कि यदि यह सही है तो 1100 करोड रूपए कहां गए।

उन्होंने कहा कि देश सरकार से यह भी जानना चाहता है कि रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड को इस सौदे से बाहर क्यों किया गया। फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रेपियर के एक साक्षात्कार में किए गए दावे कि मोदी सरकार को ये विमान 9 प्रतिशत कम कीमत पर बेचे गए हैं के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि वह सरकार के वकील की तरह बात कर रहे हैं। क्या ट्रेपियर यह बताएंगे कि संप्रग सरकार का सौदा जब अंतिम पड़ाव पर था तो एक विमान की कीमत क्या था। यदि वह सही हैं तो कीमत का खुलासा करें।

सर्वोच्च न्यायालय में आयकार संबंधी नोटिस के खिलाफ सोनिया राहुल की सुनवाई 4 दिसंबर को


सर्वोच्च न्यायालय को करोड़ों लोगों की आस्था समबद्धि मामले अनिवार्य नहीं लगते वहीं आयकर समबधित आयकार नोटिस को खारिज करने संबन्धित मामले त्वरित निपटाने की जल्दी दिखती है क्योंकि यह एक परिवार विशेष से जुड़े हुए हैं। 

हमें विश्वास है न्यायपालिका निष्पक्ष है।


 

नयी दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ‘आयकर आकलन’ मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य की अपील पर चार दिसम्बर को सुनवाई करेगा।

श्रीमती गांधी, उनके पुत्र और पार्टी के वरिष्ठ नेता ऑस्कर फर्नांडीस ने उन्हें जारी आयकर विभाग के नोटिस की वैधता को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की खंडपीठ ने कहा कि उसे इस बात की कानूनी समीक्षा करनी है कि आयकर विभाग का नोटिस वैध है या नहीं।

न्यायालय ने हालांकि इस मामले में आयकर विभाग को नोटिस जारी नहीं किया क्योंकि अदालत कक्ष में उसके वकील मौजूद थे। गौरतलब है कि कांग्रेस के तीनों नेताओं ने वित्त वर्ष 2011-2012 के लिए टैक्स के पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर जारी किये गये आयकर नोटिस को चुनौती दी है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने जिरह की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गत नौ सितंबर को आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ श्रीमती गांधी एवं उनके पुत्र राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी।

“If they think so then definitely it must be true”.Rajnikanth


The actor clarified on Tuesday after confusion erupted over his comments on Rajiv case convicts release and about the anti-BJP front.


A day after seemingly endorsing that BJP is a “dangerous party”, actor Rajinikanth on Tuesday hints that Prime Minister Narendra Modi is powerful than the opposition.

On Monday, a journalist had cited the opposition’s alliance against the BJP and asked if the party was such a dangerous political entity. To this, Mr Rajinikanth, who is nurturing political ambitions, said, “If they think so then definitely it must be true”.

However, addressing journalists outside his Poes Garden bungalow in Chennai on Tuesday, the actor clarified his stand thus: “The question (put to me) was about opposition parties considering the BJP as a dangerous party. When opposition parties think that BJP is a dangerous party, then BJP is a dangerous party for them only no? Whether BJP is a dangerous party or not will be decided by the people.”

Going beyond, he posed: “If 10 people join to fight one person (Modi), then who is more powerful…is it those 10 persons or that one person? You decide for yourself.”

Asked whether he considered Prime Minister Narendra Modi to be powerful, he said “I cannot say this more clearly,” and reiterated his point on the analogy of the 10 versus one.

Asked about his stand on the BJP, he said he cannot reveal it now, as he has not come into “full time politics” as of now.

‘Release on humanitarian grounds’

The actor also clarified that his response to a question on the proposal for premature release of the seven convicts in the former Prime Minister Rajiv Gandhi assassination case was being misconstrued. Some people were trying to create an impression that he did not know anything on the issue.

Mr Rajinikanth said the question posed to him on Monday was “about the seven people” without identifying them. “So I asked which seven people? The question was not clear,” he said adding that he was not such a fool to be ignorant of the seven life convicts.

“They (the seven convicts) have undergone punishment for the past 28 years. Enough. It is my opinion that they should be released on humanitarian grounds,” he said.

Mr. Rajinikanth said that he had spoken to one of the convicts Perarivalan over the phone for 10 minutes when he was out on parole. “See…If I know something, I will say ‘I know’. When I don’t know, I will say ‘I don’t know’. There’s nothing to be ashamed about (not knowing something),” the actor said.

200 करोड़ के घोटालेबाज को हरियाणा भाजपा का संरक्षण

हरियाणा बीजेपी सरकार के मंत्री श्री कृष्ण पंवार के चहेते रिश्तेदार बीजेपी नेता बरौदा से पूर्व विधायक श्री रामफल चिड़ाना ने 200 करोड़ की ठगी करने वाले भतीजे को दिया संरक्षण

हरियाणा के बीजेपी नेता पूर्व विधायक श्री रामफल चिड़ाना के भतीजे परवीन सपुत्र श्री सतबीर गांव चिड़ाना व उसके साथियो ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में गरीब लोगों के साथ चिटफंड कंपनी के माध्यम से लगभग 200 करोड़ रुपये की ठगी करके फ्रॉड किया है

चिड़ाना गांव के लोगों का कहना है कि परवीन व इसके साथियो के इस चिटफंड कंपनी के लगभग 200 करोड़ के फ्रॉड में बीजेपी नेता पूर्व विधायक श्री रामफल चिड़ाना,इसके दोनों बेटे मोहिंदर और देवेंदर की भी सांठगांठ है

लोगो ने ये भी कहा कि इन लोगों के पास कोई काम-धाम तो है नहीं इन्ही चिटफंड कंपनी के पैसे से इनकी फॉर्चूनर गाड़ी खरीदी गई है और इसमें तेल डाला जा रहा है

परवीन और इसके साथियो दुवारा जिला सोनीपत और हरियाणा के अन्य ज़िलों के लोगों को भी चिटफंड कंपनी के नाम से ठगा जा चूका है

बीजेपी नेता श्री रामफल चिड़ाना ने परवीन के परिवार को बीजेपी पार्टी ज्वाइन करवाई हुई है

इसलिए लगभग 200 करोड़ की ठगी के भगोड़े परवीन और इसके साथी बीजेपी नेता पूर्व विधायक, उसके बेटे मोहिंदर और देवेंदर के संरक्षण में सरे आम गोहाना मे घुम रहे है

जिस फॉर्चूनर गाड़ी में बिना रोक-टोक के घुम रहे है
उस गाड़ी मे पूर्व विधायक व उसके बेटों की सुरक्षा मे हरियाणा पुलिस के गनमैन मौजूद रहते है और इनकी फॉर्चूनर गाड़ी पर हरियाणा के वर्तमान विधायक का स्टीकर लगा हुआ है

पूर्व विधायक के बेटों दुवारा अपने इलाके के लोगों को कहा जा रहा है कि हम सरकारी तौर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर के साथ एटैच है

इसके इलावा पुरे चिड़ाना गांव और गोहाना में खबर ये भी है कि बीजेपी सरकार में मंत्री कृष्ण पंवार,मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर के पीए श्री अभिमन्यु और हरियाणा के कुछ आईएएस /आईपीएस /एच सी एस अफसरों के नाम का रौब दिखाकर जिला सोनीपत के पुलिस-प्रशासन, गोहाना की लोकल पुलिस मे अपना प्रभाव बनाया हुआ है जिससे लोकल लोग भी इनके झांसे मे फंसकर इन पर पैसे लुटाते है

गोहाना के लोगों ने लोकल पुलिस पर ये भी आरोप लगाया है कि जब भी हिमाचल पुलिस गोहाना में आरोपियों को छापे मारकर पकड़ने आती है तो लोकल पुलिस इनको पहले ही आगाह कर देती है

इसलिए ये लोग सरे आम लगभग 200 करोड़ की ठगी करने वाले फ्रौडियो को संरक्षण देने में कामयाब हो रहे है
बीजेपी नेता पूर्व विधायक श्री रामफल चिड़ाना,इसके दोनों बेटे मोहिंदर,देवेंदर,परवीन के पिता सतबीर,गांव चिड़ाना के पूर्व सरपंच कई बार हिमाचल मे इस केस की पैरवी करने के लिए जा चुके है
इनके साथ ही हरियाणा बीजेपी के नेता और अपने गुर्गो भी हिमाचल प्रदेश सरकार के बीजेपी नेताओं और पुलिस अधिकारियो से मिल चुके है।
इस मामले मे रसूखदार लोगों से फोन कारवार कार्यवाही व गिरफ्तारी न करने बारे सिफारिश करवा चुके है

कमाल कि बात ये भी है कि पूर्व विधायक के बेटे मोहिंदर और देवेंदर इन मुलजिमों के वकील बनकर भी ऊना पुलिस के आखों में धुल झोंकने का प्रयास कर चुके है अब हिमाचल पुलिस के उच्च अधिकारीयो को इस बात की भी भनक लग चुकी है कि आरोपी परवीन सपुत्र श्री सतबीर गांव चिड़ाना इन विधायक के बेटों के चाचा का लड़का है

इस मामले में वांछित परवीन और इसके अन्य आरोपी साथियो की लगभग 200 करोड़ की ठगी के केस को ये लोग हर पैतरे से खत्म और खुर्दबुर्द करना चाहते है इसलिए ऊना पुलिस के पुलिस-प्रशासन को भी बीस लाख रुपये रिश्वत दी गई बताई जा रही है

हरियाणा बीजेपी की सरकार व हिमाचल की बीजेपी सरकार इस मामले में संलिप्त नेताओं,पुलिस अधिकारियों तथा उपरोक्त व्यक्तियों के मोबाइल की लोकेशन और आपसी बातचीत की जाँच पड़ताल गंभीरता से नहीं करती है तो विपक्ष को बैठे- बैठाये मुद्दा मिल सकता है।
बीजेपी नेताओं की मिलीभगत की जाँच न करवाने से चिटफंड कंपनी के द्वारा लगभग ₹ 200 करोड़ के फ्रॉड से बीजेपी सरकार की किरकिरी हो सकती है।

क्योंकि हरियाणा और हिमाचल में दोनों जगह बीजेपी की सरकार है और अभी वर्तमान में देश के कई राज्यों में विधान सभा चुनाव होने वाले है

अब देखना ये होगा की दोनों राज्यों की बीजेपी सरकार क्या निर्णय लेती है और कैसे गरीब लोगों के लुटे हुए लगभग 200 करोड़ रुपये ठगो से वापिस दिलवाती है

भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल फिर एस जी पी सी के प्रधान

 

Amritsar:

भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल को अकाली दल तथा सुखबीर बादल से वफ़ादारी का इनाम मिला है। वह एक बार फिर एस जी पी सी के प्रधान बना दिए गए हैं। 191 सदस्यों वाली कमेटी के एकतरफा चुनाव में लिफ़ाफ़े से लोंगोवाल का नाम निकला। अकाली दल प्रवक्ता डा दलजीत चीमा उक्त लिफ़ाफ़ा लेकर तेजा सिंह समुंद्री हाल पहुंचे थे। इससे पहले सभी मेंबरों ने पुरानी रिवायत के अनुसार प्रधान चुनने का अधिकार अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल को सौंप दिया था। बीबी जागीर कौर ने बैठक में भाई लोंगोवाल का नाम लिया गया जिस पर सभी ने सर्वसम्मति जताई। उधर कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी ने इसे अलोकतांत्रिक बताया है। अपनी नियुक्ति के बाद भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने तनदेही से सेवा करने की बात की है।