आपराधिक छवि के बर्खास्त प्राध्यापक व उसके कुछ साथियों द्वारा हरियाणा एस्पायरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएशन  माध्यम से साजिशन एक्सटेंशन लेक्चरर्स को बदनाम करने  और षडयंत्र रचने बारे

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला :

 हरियाणा के राजकीय महाविद्यालयों में पिछले कई सालों से  कार्यरत 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर्स की  एक्सटेंशन लेक्चरर्स वेलफेयर एसोसिएशन के राज्य प्रधान ईश्वर सिंह ने बताया कि कुछ नकारात्मक लोगो ने मिलकर एक फर्जी एसोसिएशन बनाई हुई है जिसका नाम “हरियाणा एस्पायरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर” रखा गया है जो लगातार 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर्स के खिलाफ साजिश और षडयंत्र रचती रहती है और सोशल मीडिया के माध्यम से एक्सटेंशन लेक्चरर्स को बदनाम करती रहती है।

उन्होंने बताया कि इस फर्जी एसोसिएशन में वे लोग शामिल है जो सन्  2012 से 2015 में कॉलेज में एक्सटेंशन लेक्चरर्स लगे थे लेकिन लगभग 6000/- सैलरी होने की वजह से ये एस्पायरिंग लोग कॉलेजों को छोड़कर ज्यादा सैलरी के लालच में यूनिवर्सिटी और एडिड कॉलेजो में चले गए थे | लेकिन जब इन लोगों को पता चला कि एक्सटेंशन लेक्चरर्स के संघर्ष और आंदोलन से हरियाणा सरकार ने 2019 में एक्सटेंशन लेक्चरर्स को समान काम समान वेतन का लाभ देते हुए मासिक 57700/- किये ।इतनी ज्यादा सैलरी होने के बाद ये एस्पायरिंग लोग कई सालों के बाद वापिस कॉलेजो में जॉइन होना चाहते थे ,लेकिन सरकार की 04 मार्च 2020 पालिसी के कारण इनकी वापसी नहीं हो पाई |इससे चिढ़कर  इन लोगों ने एक्सटेंशन लेक्चरर्स, सरकार और हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट  को बदनाम करने का कार्य शुरू कर दिया।इस फर्जी एसोसिएशन में एक बर्खास्त प्रोफेसर भी है जिन पर अपने कॉलेज में महिला एक्सटेंशन लेक्चरर्स को प्रताड़ित करने के मामले में हरियाणा सरकार ने उनको रिटायरमेंट से पहले ही बर्खास्त कर दिया था ।उक्त आपराधिक छवि के प्रोफेसर का मकसद Hpsc की पोस्ट निकलवाना नही है बल्कि इसका मकसद कई सालों से कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स को बदनाम करके नोकरी से बहार करवाना है।

2014 में उक्त प्रोफेसर गुरुग्राम के द्रोणाचार्य कॉलेज में कॉमर्स विभाग में कार्यरत थे और गलत तरीको से अपने चहेतों को एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नोकरी पर लगाना चाहते थे लेकिन वहां के प्राचार्य के विरोध के कारण ये अपने मंसूबो में कामयाब नही हो पाया।  इसके साथ ही ईश्वर सिंह ने बिंदुवार बताया कि एक्सटेंशन लेक्चरर्स पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वे निराधार हैं और बिना किसी तथ्य के हैं:-

  1. एक्सटेंशन लेक्चर्स ने कभी भी नई भर्तियों का विरोध नहीं किया था, जिसका उदाहरण 2017-2018 में 2200 के लगभग भर्ती है जिसमें करीब 400 एक्सटेंशन लेक्चरर्स नियमित भर्ती हुए थे |
  2. समायोजन में भ्रष्टाचार से सम्बन्धित आरोप भी निराधार हैं, विस्थापित एक्सटेंशन लेक्चरर्स का समायोजन हरियाणा सरकार और उच्चतर शिक्षा विभाग की घोषित नियमावली के तहत हुआ है| 
  3. फर्जी पीएचडी का आरोप निराधार है,एक्सटेंशन लेक्चर्स 2010 से 2017 तक प्रति पिरियड लगभग छह महिने ही कार्य कर पाते थे ,बाकि छह महिने उनको कार्यमुक्त कर दिया जाता था। इसी समयावधि के दौरान यूजीसी से मान्यता प्राप्त विभिन्न विश्वविद्यालयों से पीएचडी की है| एक्सटेंशन लेक्चरर्स की योग्यता नेट/पीएचडी का सत्यापन कार्य उच्चतर शिक्षा विभाग तीन बार सम्बन्धित यूनिवर्सिटी से करवा चुका है, जिसमेें सभी एक्सटेंशन लेक्चरर्स के डॉक्युमेंट्स सही पाए गए हैं।
  4. जहाँ तक नॉन इलीजिबल एक्सटेंशन लेक्चरर्स का सवाल है तो इनकी संख्या 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर्स में मात्र 200 के लगभग है ओर इनकी जोइनिंग हाई कोर्ट के निर्णय के अनुसार हुई है ।ये हाई कोर्ट का फैसला है कि नॉन एलिजिबल एक्सटेंशन लेक्चरर्स को तब तक रखा जाए जब तक खाली वर्कलोड है और रेगुलर भर्ती न हो। हमारी मांग केवल ये है कि जो 10 वर्षों से कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स हैं और जो इन 10 वर्षों में ओवरएज हो चुके हैं उनका रोजगार सुरक्षित किया जाए|  

उन्होंने बताया कि एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से थी और एक्सटेंशन लेक्चरर्स लगाने के लिए तीन राष्ट्रीय समाचार पत्र में विज्ञापन दिया गया था । सभी योग्य एक्सटेंशन लेक्चरर्स को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित  किया गया था ।इसके साथ ही एक्सटेंशन लेक्चरर्स के चयन के लिए प्राचार्य और तीन प्रोफेसर की कमेटी बनाई गई थी जिन्होंने इंटरव्यू  और अकादमी स्तर पर एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नियुक्ति की थी। सभी प्रिंट/इलैक्ट्रोनिक मीडिया से हमारा निवेदन है कि 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर्स की कोई भी न्यूज़ देने से पहले एसोसिएशन के पक्ष को भी सुना जाए ताकि पत्रकारिता में पारदर्शिता बनी रहे और इस तरह के नकारात्मक लोगों की झुठ, साजिश ओर षडयंत्र का कोई अखबार माध्यम न बने।इसके साथ ही एक्सटेंशन लेक्चरर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने एलान किया है कि जल्दी ही इन लोगों के खिलाफ जो बिना किसी आधार के एक्सटेंशन लेक्चरर्स को बदनाम कर रहे हैं, कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी | इन सभी के खिलाफ हाईकोर्ट में मानहानि का केस किया जाएगा ।।इसके साथ ही एक्सटेंशन लेक्चरर्स के खिलाफ हो रहे इस तरह के    साजिश ओर षडयंत्र के बारे में एसोसिएशन पहले ही सरकार और हायर एजुकेशन के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में ला चुकी है ।