राम मंदिर के निर्माण हेतु चंदा एकत्रित होना शुरू
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए दान राशि एकत्रित करने के अभियान की शुरुआत शुक्रवार को हुई और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंदिर निर्माण के लिए पांच लाख रुपये से अधिक का योगदान दिया। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के परिवार ने मंदिर के निर्माण के लिए पांच लाख रुपये से अधिक का योगदान पहले ही दे दिया है।
नयी दिल्ली/ लखनऊ:
इससे पहले दिन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित वाल्मीकि मंदिर में एक पूजा की। सबसे बड़ा योगदान रायबरेली जिले के बैसवाड़ा के तेजगांव के पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह का रहा जिन्होंने विहिप के उपाध्यक्ष एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय को 1,11,11,111 रुपये का चेक प्रदान किया।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने भी दिए दान
विहिप के कार्यकारी अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ”विहिप ने मंदिर निर्माण के वास्ते धन संग्रह के लिए अपना अभियान आज शुरू किया। इसकी शुरुआत देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके परिवार की ओर से 5,00,100 रुपये की राशि प्राप्त करने से हुई। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू की पत्नी ऊषा नायडू पहले ही मंदिर के निर्माण के लिए पूरे परिवार की ओर से 5,11,116 रुपये का योगदान दे चुकी हैं।
राष्ट्रपति से दान प्राप्त करने के लिए मंदिर न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, विहिप के आलोक कुमार, ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा और आरएसएस के दिल्ली नेता कुलभूषण आहूजा ने राष्ट्रपति भवन में कोविंद से मुलाकात की।
विहिप के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से भी मुलाकात की और मंदिर के निर्माण के लिए दान के रूप में 1.21 लाख रुपये प्राप्त किए, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री ने भी 1.51 लाख रुपये का योगदान दिया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और उत्तर प्रदेश और झारखंड के राज्यपालों ने भी विहिप के प्रतिनिधिमंडलों को अपना योगदान दिया।
राम मंदिर निर्माण के लिए योगी आदित्यनाथ ने दो लाख रुपये दान दिए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में योगदान के रूप में शुक्रवार को दो लाख रुपये की सहयोग राशि दी। मंदिर के निर्माण के लिए बनाये गये ट्रस्ट ने देश व्यापी सहयोग अभियान शुरू किया है। राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह का अभियान शुक्रवार को शुरू हुआ।
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री रावत ने राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग राशि दी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए शुक्रवार को सहयोग राशि दी। यहां मुख्यमंत्री आवास में उनसे मिलने आए विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश पदाधिकारियों को उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिये सहयोग राशि दी। मुख्यमंत्री रावत ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा, ‘अयोध्या में हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की ओर से चलाए जा रहे अंशदान अभियान में मुझे भी सहयोग करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सहयोग जीवन का मूल मंत्र है और किसी कठिन लक्ष्य को सरल बनाने का आसान तरीका भी है ।
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने राम मंदिर निर्माण के लिए 1.11 लाख रुपए दिए
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए शुक्रवार को एक लाख 11 हजार रुपए दान दिए।कोश्यारी ने राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने के वास्ते शुरू किए गए अभियान में शिरकत की। इसका आयोजन राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास की विदर्भ शाखा ने किया था। उन्होंने हिंदू धर्म आचार्य सभा के अध्यक्ष स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और नागपुर के महापौर दयाशंकर तिवारी के साथ पोद्दारेश्वर राम मंदिर में आरती भी की।
मेरी अंतिम इच्छा जीते जी हो जाये राम मंदिर का निमार्ण: कल्याण सिंह
राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा कि उनकी अंतिम इच्छा है कि भव्य राम मंदिर का निमार्ण उनकी आंखों के सामने हो जाये ताकि वे अपने आराध्य को जी भर कर निहार सकें। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बुजुर्ग नेता ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष के उत्तराधिकारी कमल नयन दास को अपने आवास पर मंदिर निमार्ण के लिये एक लाख रूपया दान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा “मेरी अंतिम इच्छा है कि राम मंदिर का निमार्ण पूरा देखकर ही अंतिम सांस लूं। सारा जग जानता है कि मैं भगवान राम के प्रति श्रद्धा रखता हूं। जब मुख्यमंत्री था तब भी श्रद्धा थी और आज जब नही हूं तब भी उतनी ही श्रद्धा रखता हूं। मेरी श्रद्धा में कोई अंतर नहीं आया है।