अग्रिम जमानत रद्द, चिदम्बरम की तरह आजम खान की मुश्किलें बढ़ीं

नई दिल्ली:

आजम खान कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। रामपुर की अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी है। वे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम की राह पर चल रहे हैं। पी चिदंबरम ने भी अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों में अग्रिम जमानत का कवच लेकर गिरफ्तारी से बचने की कोशिश की थी। मगर जमानत याचिका खारिज होने के साथ ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

आजम खान ने अपने खिलाफ चल रहे 29 मुकदमों में जिला अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। उनके खिलाफ कई तरह के मामले दर्ज हैं। इनमें जमीन हड़पने का मामला, पीपुल्स रिप्रजेंटेशन एक्ट के तहत मामला और सरकारी काम में हस्तक्षेप करने का मामला भी शामिल है। उन्हें भू माफिया भी घोषित किया जा चुका है। आजम को अब अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा है। वे लंबे समय से रामपुर से दूर रहते आ रहे हैं। इसी गिरफ्तारी को टालने के लिए उन्होंने जमानत की याचिका दायर की थी।

ये आज़म खान को लगातार कोर्ट से मिला दूसरा झटका था। इससे पहले वे अपने खिलाफ सभी 27 मामलों में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे थे। मगर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि 27 एफआईआर. से जुड़े मामलों की सुनवाई एक की याचिका से नहीं हो सकती है। उन्हें हर एफआईआर. के लिए अलग याचिका दाखिल करनी होगी।

आजम खान के पूरे परिवार पर अलग-अलग मामले दर्ज हैं। उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्लाह आजम के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज है। आजम के समय के वक़्फ़ बोर्ड अधिकारियों पर भी मामले दर्ज हैं। इन सभी पर व्यक्तिगत फायदे के लिए वक़्फ़ की संपत्ति हड़पने का संगीन आरोप है।

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