उनकी अनुपस्थिति का किसी को पता भी न चला

काँग्रेस जिस आज़ादी को दिलाने का बहुत दम भरती है, जिसके लिए लाखों कुर्बानियों की बात करती है, जिस परिवार को आज़ादी का पुरोधा मानति है उसी कॉंग्रेस का वही शीर्ष परिवार आज स्वतन्त्रता दिवस के पावन अवसर पर राष्ट्रिय कार्यक्र्म से दूर रहा, हालांकि उनकी अनपस्थिति का किसी को आभास तक नहीं हुआ परंतु अमित मालवीय को कॉंग्रेस का यह दोगला आचरण खल गया ओर उन्होने twitter पर अपने क्षोभ को ज़ाहिर किया। यहाँ demokraticfront.com उन ट्वीट्स को सांझा कर रहा है जो कॉंग्रेस ने अपने टिवीटर अकाउंट से सांझा की जिसमें साफ है कि काँग्रेस का शीर्ष परिवार स्वास्थ्य है और यहीं पर है।

  • सोनिया गांधी को हाल ही में फिर से कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया है
  • सोनिया गांधी ने AICC के मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया
  • पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह समेत कई कांग्रेस नेता इस मौके पर मौजूद रहे

नई दिल्ली: भाजपा आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने गुरुवार को लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए। ट्विटर पर एक पोस्ट में मालवीय ने दोनों नेताओं के समारोह में शामिल ना होने पर आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘आज सोनिया गांधी, फिर से कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी, हाल तक कांग्रेस अध्यक्ष दोनों लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के जश्न के मौके से गायब रहे। भारत ने भी उनकी अनुपस्थिति पर पलक नहीं झपकाई, लेकिन विपक्षी नेताओं द्वारा लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान नहीं करना असामान्य है।’

लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में न तो राहुल और न ही सोनिया गांधी ने भाग लिया। हालांकि, दोनों नेताओं ने कांग्रेस पार्टी कार्यालय में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया। इस मौके पर अंतरिम कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा कि देश को कट्टरता और असहिष्णुता सहित कुछ नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 

कांग्रेस मुख्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, मोतीलाल वोरा, कपिल सिब्बल तथा कई अन्य नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे। सोनिया ने कहा, ‘भारत जैसे देश में कट्टरता, अंधविश्वास, संप्रदायवाद, अतिवाद, नस्लवाद, असहिष्णुता या अन्याय के लिए कोई जगह नहीं है। हमें अन्याय, असहिष्णुता और भेदभाव के हर कृत्य के खिलाफ एक राष्ट्र के रूप में खड़ा होना होगा ताकि सही मायनों में हम आजादी को संजोए रख सकें। हर व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह आजादी, भाईचारे, शांति और समानता के मूल्यों को सुरक्षित रखे।’ 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से 1947 के बाद दूसरा सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण दिया। दिलचस्प बात यह है कि उनका 92 मिनट का लंबा संबोधन 2016 के स्वतंत्रता दिवस के उनके भाषण से केवल चार मिनट कम है, जो कि एक भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा अब तक का सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस संबोधन है।

हाल ही में कांग्रेस कार्य समिति द्वारा सोनिया गांधी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने 1998 से 2017 तक 19 सालों तक कांग्रेस पार्टी प्रमुख के रूप में कार्य किया।

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