प्रियंका से मिल कर “भीमा कोरेगांव” क्यूँ दोहराना चाहते हैं चंद्रशेखर?

उत्तर प्रदेश में आक्रामक दलित राजनीति के सितारे हैं चन्द्रशेखर रावण, जिनहोने अभी कहा है “यदि अवशयकता पड़ी तो भीमा कोरेगांव दोहरा देंगे”। भीम आर्मी के प्रमुख स्वयम को राजनीति परिदृश्य पर मायावती के बाद का नेता देखते हैं और माया के लिए मन में सम्मान भी रखते हैं पर कुछ शर्तों के साथ। चंद्रशेखर अन्य राजनेताओं की तरह कोई भी मौका नहीं चूकते, और वह जानते हैं की कब क्या और कैसे कहना है।

अभी हाल ही में उन्होने देवबंद में चुनावप्रचार के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया था जिस कारण उन्हे राजनैतिक हिरासत में रखा गया और वहीं से उनकी तबीयत खराब होने के कारण मेरठ भेज दिया गया। स्वस्थ्य लाभ कर रहे चंद्रशेखर से माया और अखिलेश ने एक सुरक्षित राजनैतिक दूरी बना रखी है, लेकिन चन्द्रशेखर स्वयं को उनका अनुगामी ही मानते हैं।

अब प्रियंका उन्हे मिलने आतीं हैं, एक युवा जिसे योगी पुलिस ने प्रताड़ित किया जब व देवबंद में अपनी चुनावि रैली चला रहे थे। एक युवा की आवाज़ दबाने की कोशिश की गयी योगी पुलिस द्वारा। ऐसे में प्रियंका बहिन ने चंद्रशेखर का हाल पूछा। तब तक चुनाव न लड़ने की कसं खाने वाले चंद्रशेखर ने प्रियंका के आने से की जोश पाया यह तो वही जानें परंतु अगले ही दिन उन्होने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी और ज़रूरत पड़ने पर भीमा कोरेगांव हत्याकांड दोहरा देने की बात भी कह दी।

भीमा कोरेगांव में आखिर ऐसा क्या हुआ था जिसे ज़रूरत पड़ने पर दोहराया जा सकता है। भीमा कोरेगांव का इतिहास मराठों और अंग्रेजों के युद्ध की गाथा में पाया जाता है जहां 300 अग्रेज़ सैनिकों ने 500 महार जाती के लोगों की मदद से 23000 मराठों को प्रभात वेला में हमला कर खदेड़ दिया था अंग्रेजों ने यहाँ 23000 मराठों को 800 सैनिको द्वारा खदेड़े जाने के उपलक्ष्य में एक समारक भी बनाया हुआ ही जिसे वह एंग्लो – मराठा युद्ध विजय समारक के रूप में मानते हैं। लेकिन यहाँ का दलित समुदाय उसे ब्राह्मणों पर दलितों की विजय के रूप में देखता है और प्रत्येक वर्ष वहाँ उत्सव मनाता है।

यहाँ पिछले वर्ष हुए कार्यक्र्म में दलित नेता जिग्नेश मेवानी के साथ भारत तेरे टुकड़े होंगे इनशाल्लाह इनशाललह गैंग वाला ओमर खालिद भी शामिल था जहां इन दोनों ने राष्ट्र विरोधी बातें कहीं और भड़काऊ भाषण दिया जिससे हिंसा भड़क उठी। इन दोनों पर पुणे में एफ़आईआर भी दर्ज की गयी थी।

पुणे ने हिंसा का एस तांडव अंग्रेजों के रहते हुए भी नहीं देखा था।

अब प्रश्न यह है कि प्रियंका चंद्रशेखर द्वारा उत्तरप्रदेश में भीमा कोरगांव क्यों दोहराना चाहेंगीं ??

पद्मश्री थिमक्का ने राष्ट्रपति कोविन्द को आशीर्वाद दिया

सहज भाव से किए हुए किसी भी काम से मन ही नहीं समाज भी प्रसन्न हो उठता है, आज वैसा ही कुछ हमारे राष्ट्रपति के साथ हुआ, राष्ट्रपति ने पुरस्कार देते वक्त उनसे चेहरा कैमरे की तरफ करने को कहा तो उन्होंने राष्ट्रपति का माथा छू लिया और आशीर्वाद दिया।

नई दिल्ली: पद्म पुरस्कारों के वितरण समारोह में राष्ट्रपति भवन का कड़ा प्रोटोकाल भी कर्नाटक में हजारों पौधे लगाने के लिये पद्म श्री से सम्मानित 106 साल की सालूमरदा थीमक्का को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आशीर्वाद देने से नहीं रोक सका. पुरस्कार लेने पहुंची थीमक्का ने आशीर्वाद स्वरूप राष्ट्रपति के माथे को हाथ लगाया. 

थीमक्का ने बरगद के 400 पेड़ों समेत 8000 से ज्यादा पेड़ लगाएं हैं और यही वजह है कि उन्हें ‘वृक्ष माता’ की उपाधि मिली है. उन्हें राष्ट्रपति भवन में शनिवार को अन्य विजेताओं के साथ पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 

थीमक्का ने माथे पर ‘त्रिपुण्ड्र’ लगा रखा था
कड़े प्रोटोकाल के तहत आयोजित होने वाले समारोह में हल्के हरे रंग की साड़ी पहने थीमक्का ने अपने मुस्कुराते चेहरे के साथ माथे पर ‘त्रिपुण्ड्र’ लगा रखा था. जब थीमक्का से 33 साल छोटे राष्ट्रपति ने पुरस्कार देते वक्त उनसे चेहरा कैमरे की तरफ करने को कहा तो उन्होंने राष्ट्रपति का माथा छू लिया और आशीर्वाद दिया. 

थीमक्का के इस सहज कदम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मेहमानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई और समारोह कक्ष उत्साहपूर्वक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. 

थीमक्का की कहानी धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानी है. जब वह उम्र के चौथे दशक में थीं तो बच्चा न होने की वजह से खुदकुशी करने की सोच रही थीं, लेकिन अपने पति के सहयोग से उन्होंने पौधरोपण में जीवन का संतोष तलाश लिया. 

तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले केजरीवाल से चुनाव आयोग सावधान रहें: भाजपा

अरविंद केजरीवाल की अराजक छवि और उनके सत्ता प्राप्ति के साधन उनकी ध्रुवीकरण की राजनीति से ही प्रेरित हैं। उनकी तुष्टीकरण की राजनीति तो यहाँ तक है की उन्हे चुनावी तारीकें रमज़ान के महीने में अवरोध लगतीं हैं।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) को देखते हुए बीजेपी ने शनिवार को दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की. इस दौरान बीजेपी ने मांग की है कि मस्जिदों के लिए विशेष ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) नियुक्त किए जाए. साथ ही मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में विशेष रूप से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाए. बीजेपी का मानना है कि इन स्थानों से राजनीतिक और धार्मिक नेता चुनावों को प्रभावित करने के लिए लोगों के बीच नफरत फैला सकते हैं. बीजेपी ने इसके लिए आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल और उनके अन्य नेताओं पर सीधा आरोप लगाया है.

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Delhi BJP writes to Election Commission requesting it to “appoint Special Observer for the mosques especially in Muslim dominated areas so that political/religious leaders cannot spread hate among people to influence elections”1,0246:45 PM – Mar 16, 2019442 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

दरअसल, दिल्ली बीजेपी का आरोप है कि लोकसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के अन्य नेता धार्मिक और जातिगत आधार पर मतदाताओं को बांटने का प्रयास करेंगे. बीजेपी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में लिखा है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता पहले भी ऐसा कर चुके हैं. बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक भावनाएं भड़काने के कई मामले सामने आए हैं. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल अपने ट्विटर हैंडल और जनसभाओं से लगातार अल्पसंख्यक समुदायों के बीच नफरत फैला रहे है.
  
बीजेपी ने पत्र में लिखा है कि दिल्ली के बदरपुर में केजरीवाल ने मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को भड़काने वाला भाषण दिया था. वहीं, जामा मस्जिद के पास एक जनसभा में भी केजरीवाल ने लोगों को जाति और धर्म के आधार पर उकसाया था. इसके साथ ही बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के बयान को भी सामने रखा है. अमानतुल्लाह खान ने कहा था कि लोकसभा चुनाव 2019 में मुस्लिम समुदाय के लोग मतदान नहीं कर पाएंगे क्योंकि रमजान और चुनाव एक साथ पड़ रहे हैं. 

बीजेपी ने कहा कि इन सभी बयानों से साफ होता है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों का धुव्रीकरण करने के लिए ऐसा कर सकते हैं. बीजेपी ने कहा है कि आमतौर पर ऐसी सभाएं मस्जिदों के आसपास आयोजित की जाती हैं. यहां पर आए लोग आसानी से इन घृणा फैलाने वालों की बातों में आ जाते हैं. वहीं, रमजान के महीने में यह बढ़ सकता है. 

बीजेपी ने मांग की है कि इस स्थिति से बचने के लिए मस्जिदों के लिए विशेष ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) नियुक्त किए जाए. साथ ही मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में विशेष रूप से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाए. बीजेपी ने आरोप लगाया कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है और इसे रोकने के लिए चुनाव आयोग को हमारा सुझाव मानना चाहिए. 

सत्ता पिपासु कांग्रेस के लिए फ्रांसिस की मृत्यु – एक वरदान

कांग्रेस शुरू ही से मौत की सियासत करती आई है वह इन्दिरा की हो या राजीव की हत्या, जैसे ही कोई बड़ा नेता मारता है तभी कांग्रेस की बांछे खिल जातीं हैं। गिद्धों की टोली की तरह किसी की मृत्यु से उपजे खालीपन के मांस को नोचने यह वहाँ पहुँच जाती है। हालिया बात गोवा की है, जहां मनोहर पर्रिकर एक भीषण बीमारी से जूझते हुए, प्राणपण से अपना कार्यालय संभाल रहे हैं और कांग्रेस कई बार उनके स्वस्थ्य का हवाला दे कर भी उन्हे पद से हटाने और कांग्रेस को कमान थमाने की बात करती रही है। यकीन मानिए कांग्रेसी नेता सुबह की अखबार शायद इसी खबर की इनेजार में उठाते होंगे।

पणजी: गोवा की सियासत एक बार फिर उबाल आ गया है. कांग्रेस ने अब यहां पर नई सरकार गठन का दावा किया है. राज्‍यपाल को लिखे पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि गोवा में मनोहर पर्रिकर सरकार अल्‍पमत है इसलिए हमें सरकार बनाने का मौका दिया जाए. गोवा कांग्रेस ने गवर्नर को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा किया है.

मृदुला सिन्हा को लिखे पत्र में कावलेकर ने कहा, “प्रसंगवश भाजपा के दिवंगत विधायक फ्रांसिस डिसूजा की याद आती है, जिन्होंने विनम्रतापूर्वक कहा था कि मनोहर पर्रिकर के नेतृत्ववाली भाजपा सरकार लोगों का विश्वास पूरी तरह खो चुकी है और अब सदन में भी संख्याबल खो चुकी है.” यह अनुरोध करते हुए कि ऐसी अल्पमत सरकार को इस समय सत्ता में बने रहने की अनुमति न दें, उन्होंने लिखा, “हमारा यह भी अनुमान है कि भाजपा विधायकों की संख्या गिनती में और कम पड़ेगी.”

कावलेकर ने कहा, “इसलिए आपका कर्तव्य बनता है कि भाजपा के नेतृत्ववाली सरकार को बर्खास्त कर यह सुनिश्चित करें कि इस समय सदन में बहुमत रखनेवाली सबसे बड़ी पार्टी इंडियन नेशनल कांग्रेस को सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया जाए.”

विपक्ष के नेता ने कहा अगर राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लगाने की कोशिश की गई तो वह कानूनी रास्‍ता अख्‍त‍ियार करेंगे. इसके साथ ही उन्‍होंने बीजपी सरकार को बर्खास्‍त करने की मांग की है. बता दें कि गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे हैं. समय समय पर उनकी पार्टी के अंदर से भी उनके खिलाफ आवाज उठती रहती है, लेकिन बीजेपी ने अभी भी उन्‍हें गोवा की कमान सौंप रखी है.

40 सदस्‍यों वाली गोवा विधानसभा में इस समय बीजेपी के पास 13 और कांग्रेस के पास 14 विधायक हैं. 3 विधायकों की जगह खाली है. राज्‍य में बीजेपी भले कांग्रेस के मुकाबले छोटी पार्टी हो, लेकिन उसके गठबंधन के पास पूरे सदस्‍य हैं. बीजेपी गठबंधन के पास 22 सीटे हैं. इसमें बीजेपी के पास 13 महाराष्‍ट्र गोमांतक पार्टी के पास 3, जीएफपी के पास 3 और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. कांग्रेस के पास 14 विधायक हैं. इसके अलावा 1 विधायक एनसीपी का है.

बीजेपी कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन सरकार कांग्रेस की
कांग्रेस जिस आधार पर गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश कर रही है, उस आधार पर कर्नाटक में बीजेपी के पास मौका होना चाहिए था. कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी के पास 104 विधायक हैं. लेकिन सरकार कांग्रेस और जेडीएस मिलकर चला रहे हैं.

बीजेपी ने बुलाई बैठक
राज्‍य में उपजे ताजा हालात पर बीजेपी ने अपने विधायकों की मीटिंग बुलाई है. बता दें कि राज्‍य के मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्र‍िकर इस समय अपना इलाज करा रहे हैं, खुद मुख्‍यमंत्री कार्यालय ने बताया है कि उनकी हालत इस समय स्‍थिर है.

दरभंगा सीट किर्ति आज़ाद के लिए बनी चुनौती

भाजपा में हाशिये पर आए किर्ति आज़ाद अब कांग्रेस में भी अपनी ज़मीन तलाशते नज़र आ रहे हैं। उन्हे चुनोटी गठबंधन ही से मिल रही है। दरभंगा सीट पर कीर्ति आजाद और मधुबनी सीट पर अब्दुल बारी सिद्दीकि चुनाव लड़ने का दावा कर चुके हैं। दरअसल यह दोनों सीटें आरजेडी के खाते में जातीं जान पड़तीं है।

दरभंगाः महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला तय होने की बात कही जा रही है. हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सीटों पर उम्मीदवारी की पेंच महागठबंधन से लेकर एनडीएतक फंसी है. महागठबंधन में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर कहा जा रहा है कि कांग्रेस 11 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ेगी. सूत्रों की माने तो 21+11+5+2+1 का फॉर्मूला अपनाया गया है. यानी की आरजेडी 21, कांग्रेस 11, आरएलएसपी 5, हम 2 और वीआईपी को 1 सीट मिलेगी. लेकिन उम्मीदवारी को लेकर कई सीटों पर गणित उलझ रही है. जिसमें अब दरभंगा और मधुबनी सीट को लेकर भी पेंच फंसती नजर आ रही है.

हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाले कीर्ति आजाद के लिए यह अच्छी खबर नहीं है. लेकिन दरभंगा सीट पर कांग्रेस की ओर से ताल ठोकने वाले कीर्ति आजाद से यह सीट छिन सकती है. कीर्ति आजाद कांग्रेस ज्वाइन करने से पहले ही दरभंगा सीट पर लड़ने का दावा कर रहे थे. वहीं, कांग्रेस में आने के बाद भी वह दरभंगा सीट से ही लड़ने का दावा कर रहे थे. लेकिन अब इस सीट पर पेंच फंसती दिख रही है.

वहीं, दरभंगा सीट के अलावा मधुबनी सीट से चुनाव लड़ने वाले अब्दुल बारी सिद्दीकि के लिए भी अच्छी खबर नहीं है. माना जा रहा है कि दरभंगा सीट आरजेडी के पाले में जा सकती है और अब्दुल बारी सिद्दीकि मधुबनी के स्थान पर दरभंगा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में कीर्ति आजाद के खाते में कौन सी सीट होगी यह भी बड़ा सवाल उठ रहा है.

दरअसल, कांग्रेस विधायक भावना झा के एक बयान के बाद दरभंगा और मधुबनी सीट पर पेंच फंसने के कयास बिहार की राजनीति में शुरू हो गए. दरभंगा के बेनीपट्टी से विधायक भावना झा ने मधुबनी सीट पर शकील अहमद के लिए मांगा है. उन्होंने कहा कि सिद्दीकि साहब दरभंगा सीट से चुनाव लड़ें तो बेहतर होगा.

वहीं, दरभंगा सीट पर कीर्ति आजाद की दावेदारी को लेकर कहा कि वह बड़े नेता हैं. वह बड़े चेहरे हैं पूरे बिहार में कहीं से भी चुनाव लड़ेंगे तो वह जीत जाएंगे. लेकिन दरभंगा सीट पर सिद्दीकि साहब को मिलेगा तो बेहतर होगा. क्योंकि मधुबनी सीट पर शकील अहमद की मजबूत पकड़ हैं.

वहीं, सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और आरजेडी इस बात पर पहले से विचार भी कर रही है. अगर ऐसा हुआ तो कीर्ति आजाद और अब्दुल बारी सिद्दीकि के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है.

“Senior Citizen’s Walk for Fun”

16.03.2019

          Today 16.03.2019, a “Walk for Fun” was organized jointly by Chandigarh Senior Citizens’ Association (CSCA) and Chandigarh Police at 6.30am at Sukhna Lake, Chandigarh. Shri Sanjay Baniwal, IPS, Director General of Police, UT, Chandigarh flagged off the walk at 7 AM. Senior Citizens and Officers of Police Department Sh. O.P. Mishra, DIG/UT, Sh. Shashank Anand, IPS, SSP/Traffic & Sec., Ms. Nilambari Jagadale, IPS, SSP/UT, along with other senior officers of police department were present at the event.  Shri I.P. Puri, President of the Association briefed the participants about the rules, distance to be covered and the various facilities provided by the police department. The registration process was held between 6:00 AM to 6:40 AM. The distance of the walk was 1.5 Km for age group between 60 to 70 years and 1 KM for age group of 70 years & above. The walkers were separated on the basis of age of the members with Red and Green stickers. Chandigarh Police had provided ambulance facility for emergency purposes, drinking water, tea and refreshment.

          The Walk was followed by Interaction with DGP UT Chandigarh. Members of Senior Citizen’s Association spoke in glowing terms about the friendly attitude of Chandigarh Police and the many innovations it had brought in to protect the Senior Citizens. The members also raised many points about traffic lights, ruthless driving by younger generation, conditions of roads, parking facilities and many more. The DGP gave the suitable replies and also assured that he would issue the necessary directions for these issues to concerned unit. Shri I.P. Puri thanked the Police Department for facilitating the whole programme.

Police File

DATED 16.03.2019 :

Two arrested for consuming liquor at public place

Two different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC have been registered in PS-03 & PS-39, Chandigarh against two persons who were arrested while consuming liquor at public place on 15.03.2019. This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

One arrested under NDPS Act

Chandigarh Police arrested Sachin R/o # 331, Green City, Dhakoli Zirakpur Mohali PB (age 31 years) near public toilets, DBC, Sector 25, Chandigarh andrecovered 5 gram Heroine from his possession on 15.03.2019. A case FIR No. 47, U/S 21 NDPS Act has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Three arrested for possessing illegal liquor

Chandigarh Police arrested Surjit Singh R/o # 1124/2, Deep Complex, Hallo Majra, Chandigarh from near Gas Agency, Ph-2, Ram Darbar, Chandigarh while illegally possessing 16 quarters of country made liquor. A case FIR No. 94, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested Mohan Singh R/o # 4238, Sec-56, Chandigarh at road near Pingalwara, Sector-56, Chandigarh while illegally possessing 40 quarters of quarters of country made liquor. A case FIR No. 68, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested Manoj R/o # 857, DMC, Chandigarh from Sector-38/West Chandigarh while illegally possessing 24 quarters of quarters of country made liquor. A case FIR No. 35, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Action against Gambling/Satta

Chandigarh Police arrested Munish Kumar R/o # 132, Ph-1, BDC, Sec-26, Chandigarh while he was playing satta near Nirankari Bhawan Sec-28, Chandigarh on 15.03.2019. Total cash Rs. 2470/- was recovered from him. In this regard, a case FIR No. 57, U/S 13A-3-67 Gambling Act has been registered in PS-26, Chandigarh. Later he was released on bail. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested Sunil Kumar @ Tony R/o # 2104, PWT, Mani Majra, Chandigarh while he was playing satta near BSNL Turn, Mani Majra, Chandigarh on 15.03.2019. Total cash Rs. 2720/- was recovered from him. In this regard, a case FIR No. 37, U/S 13A-3-67 Gambling Act has been registered in PS-MM, Chandigarh. Later he was released on bail. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested Sachin R/o # 6535/A, Sector-56, Chandigarh, Nachatar Singh R/o # 162, Vill. Badheri Chandigarh, Ashok Kumar R/o # 56, Sec-56, Chandigarh while they were gambling near Palsora Chowk, Chandigarh on 15.03.2019. Total cash Rs. 3550/- was recovered from him. In this regard, a case FIR No. 66, U/S 13-3-67 Gambling Act has been registered in PS-39, Chandigarh. Later he was released on bail. Investigation of the case is in progress.

Accident

A case FIR No. 48, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh on the complaint of Ravinder Tewari R/o A-84, PU Campus, Chandigarh against driver of Thar Jeep No. PB-65AR-6688 namely Abhishek Dhanda R/o Village Khandrouli P.O. Gumthla, Teh. Jagadhari Distt. Yamunanagar (HR) who hit to complainant’s  Bullet M/Cycle No. CH-01BL-6528 near Main Market, PU, Sector-14, Chandigarh on 15.03.2019. Jeep driver arrested and later bailed out. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

          Mohit Garg R/o # 2316/B, Block-28, Sector-63, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Bullet M/Cycle No. PB-30W-3527 parked near his residence between 22-02-2019 to 01-03-2019. A case FIR No. 21, U/S 379 IPC has been registered in PS-49, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

          Karnail Singh R/o # 2247, Sec-44/C, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Activa Scooter No. CH-04-4036 parked near his residence on 09-03-2019. A case FIR No. 67, U/S 379 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

          Raghav Bansal R/o # 2794, Sec-37/C, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Activa Scooter No. CH-01AY-4812 parked near H.No. 153, Sec-40/A, Chandigarh. A case FIR No. 65, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

विजय बंसल ने कांग्रेसियों को दिए नियुक्ति पत्र , सौपी जिम्मेवारियां

– कालका विधानसभा में कांग्रेस मजबूत , हर बूथ पर कमेटी 
– प्रदेशउपाध्यक्ष ने किसान कांग्रेस में किया विस्तार 
– लोकसभा चुनावो को लेकर बनाई रणनीति 

पिंजोर।

हरियाणा किसान कांग्रेस के प्रदेशउपाध्यक्ष व पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार विजय बंसल ने कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ताओ को एहम जिम्मेवारियां सौंप दी है।किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रणधीर मलिक ने प्रदेशउपाध्यक्ष विजय बंसल की सहमति से बलबीर भुर्जी,महिंदर खोवाल,जसपाल,पवन,मदन गोपाल,सुनील सोनकर को जिला उपाध्यक्ष व गुरप्यारा डोड, हरि कृष्ण नेगी को जिला महासचिव नियुक्त किया है व प्रदेशउपाध्यक्ष विजय बंसल ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को अपने आवास स्थित कार्यालय पर नियुक्ति पत्र सौपे।विजय बंसल ने किसान कांग्रेस में विस्तार करके संगठन को मजबूत कर धरातल पर कांग्रेस की मजबूती का परिचय दिया है।इसके साथ ही लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत दर्ज करवाने के लिए भी रणनीति बनाकर चिंतन मंथन किया।गौरतलब है कि कांग्रेस की मजबूती व भाजपा की जनविरोधीनीतियों से कालका विधानसभा की जनता को अवगत कराने के लिए बंसल ने पोल खोलो अभियान तेजी से चलाया हुआ है जिसमे हर गली,मोहल्ले,गांव व कालोनी में जाकर वह अपने लोगो से मुलाकात कर बैठके कर रहे है।विजय बंसल ने बताया कि उन्होने अभी तक हाल ही में 153 बूथ कमेटियां गठित कर दी है जिसमे हर कमेटी में 10-10 लोगो को विभिन्न जिम्मेवारियां सौपी हुई है।इसके साथ ही पुराने निष्क्रिय कांग्रेसियों को सक्रिय कर,नए लोगो को भी कांग्रेस से जोड़ने का काम किया गया है।नव नियुक्त पदाधिकारियों ने अपने सँयुक्त बयान के दौरान कहा कि वह अपनी नियुक्ति पर राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला,प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बंसल व जिलाध्यक्ष रणधीर मलिक का जिम्मेवारी सौपने के लिए आभार प्रकट करते है व साथ ही आश्वस्त करते है कि संगठन को मजबूत करने में कोई कसर नही छोड़ेंगे।वही, उन्होंने कहा कि वह विजय बंसल के नेतृत्व में कालका विधानसभा में कार्य कर रहे है व आने वाले विधानसभा चुनावों में यदि कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया तो कालका की सीट कांग्रेस की झोली में डालेंगे।

श्यामचरण गुप्ता ने साइकिल की सवारी स्वीकारी, बांदा से लड़ेंगे चुनाव

पुराने समाजवादी गुप्ता जी अब फिर से सपा में आ गए हैं और बांदा से चुनाव लड़ेंगे।

लखनऊः लोकसभा चुनावों के मद्देनजर नेताओं का एक पार्टी छोड़ दूसरे में जाने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में बीजेपी सांसद श्यामचरण गुप्ता ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. समाजवादी पार्टी का दामन थामते ही श्याम चरण गुप्ता की दावेदारी भी पक्का हो गई है. समाजवादी पार्टी ने उन्हें बांदा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.

बांदा से समाजवादी पार्टी का टिकट मिलने के बाद श्यामचरण गुप्ता ने जी न्यूज से बातचीत के दौरान कहा कि ‘मैं अपनी पुरानी पार्टी में वापस आ गया हूं. इस बात की चर्चा थी कि बीजेपी मेरा टिकट इस बार काट देगी, इसलिए मैंने समाजवादी पार्टी से बात की और मुझे सपा ने बांदा से प्रत्याशी घोषित किया है. मैं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को धन्यवाद करता हूं.’
कौन है श्याम चरण गुप्ता
बता दें कि यूपी की राजनीति में श्याम चरण गुप्ता एक जाना माना चेहरा हैं. वह एक बड़े राजनेता के साथ-साथ प्रदेश के प्रख्यात व्यापारियों में भी जाने जाते हैं. श्यामाचरण जितना बारीकी से व्यापार के लिए जाने जाते हैं, उतनी ही बारीकी से राजनीति के लिए भी. 

दनिश आली हुए बीएसपी में शामिल

अभी कल तक कर्नाटक में कांग्रेस के सहयोग से बनी जेडीएस की सरकार के प्रवक्ता रहे और टीवी पर भाजपा के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए तेज़ तर्रार नेता ‘दनिश अली’ अभ बीएसपी में शामिल हो चुके हैं। पार्टी बदली है तेवर नहीं बस यहाँ उन्हे भाजा के साथ साथ पुराने साथी कांग्रेस के खिलाफ भी कुछ कहना होगा। चलो देखते हैं क्या होता है?

नई दिल्‍ली : जनता दल (सेक्‍युलर) यानी जेडीएस के महासचिव दानिश अली ने पार्टी छोड़कर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का दामन थाम लिया है. दानिश अली लखनऊ में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में बसपा में शामिल हुए. उन्‍हें सतीश चंद्र मिश्रा ने पार्टी ज्‍वाइन कराई. सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि बसपा प्रमुख मायावती दानिश अली को यूपी के अमरोहा से बतौर प्रत्‍याशी चुनावी मैदान में उतार सकती हैं. बता दें कि दानिश अली ने हाल ही में कांग्रेस और जेडीएस के बीच हुए गठबंधन कराने में अहम भूमिका निभाई थी.

बसपा का दामन थामने के बाद दानिश अली ने कहा कि जब मैं जेडीएस में भी था तो मैंने कभी किसी चीज के लिए नहीं कहा. जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा जी ही यह निर्णय लेते थे कि मुझे क्‍या काम करना है. मैं एचडी देवेगौड़ा जी की शुभकामनाएं और अनुमति लेकर ही यहां आया हूं. बहन जी (मायावती) मुझे जो भी जिम्‍मेदारी सौंपेंगी, उसे मैं निभाऊंगा.

13 मार्च को दानिश अली और कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के बीच कोच्चि में अहम बैठक हुई थी. इसमें लोकसभा चुनाव में जेडीएस और कांग्रेस के गठबंधन पर मुहर लगी थी. इसके तहत कर्नाटक में कांग्रेस 20 और जेडीएस आठ सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी. बता दें कि इस गठबंधन पर पिछले काफी दिनों से खींचतान चल रही थी. दोनों पार्टियों के बीच बातचीत सफल नहीं हो पा र‍ही थी. 2018 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस और जेडीएस ने एक-दूसरे के खिलाफ लड़ा था. लेकिन चुनाव नतीजे में त्रिशंकु रहने पर दोनों दलों ने सरकार बनाने के लिए हाथ मिला लिया.