Know your number

 

Over the centuries planets have been believed to govern the individuals’ mind and body as well as their own character. Also specific traits or factors such as thinking behavior, health education, prejudice, likes, dislikes, aptitude for a particular profession or vocation are decided according to the effects of the  principal planet.

Since the study of astrology is based on mathematics, we can expect a higher degree of accuracy in determining the result.

Number Planet Basic characteristics of individual
1 Sun Individualistic, determined, proud, dominating, authoritative, confident, showy, aspiring , research oriented.
2 Moon Emotional, companionable, restless, impatient, whimsical, introvert.
3 Jupiter  Honorable, dignified, philosophical, ambitious, vain, dictatorial.
4 Uranus Zealous, revolutionary, active, enduring, stubborn.
5 Mercury Shrewd, calculating, vigilant, business like, cooperative, skeptical unreliable.
6 Venus  Artful, moody, loving,  sympathetic, docile, strong memory
7 Neptune Austere, tolerant, peaceful, systematic, restless, research oriented, whimsical.
8 Saturn Authoritative, methodical, steady, systematic, lazy, cynical, nervous, lazy, delay prone.
9 Mars Energetic, active, hot tempered, dashing, courageous, impatient, quarrelsome, destructive.

One may well ask the highly relevant question: What about the thousands of babies born on same day and date over the world have the identical destinies? The answer is definitely no, because of varied latitudes and longitudes. Here we can say that numerological study can upto 60 percent  ascertain the individual’s characters from birth date alone.

According to numerology each number is believed to be governed by a planet. Each planet exhibits certain specific characteristics which are reflected in the number that each planet governs.

I m starting a series on numerology and hope the readers will understand the law of nature which influence human life.

गठबंधन टूटने के बाद पहली अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका

इंटेलिजेंस एजेंसियों की तरफ से जम्मू कश्मीर में 28 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमलों की चेतावनी के बाद सुरक्षा बलों ने लक्षित और सूचना-आधारित आतंक-विरोधी अभियानों के लिए बुधवार से जवानों की नए सिरे से तैनाती शुरू कर दी है. फ़र्स्टपोस्ट द्वारा खुफिया आकलन के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि लश्करे-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन की दक्षिण कश्मीर में- खासकर शोपियां, अनंतनाग, बड़गाम, कुलगाम और पुलवामा में गतिविधियों में लगातार तेजी आई है और ये आने वाले दिनों में और हमलों के लिए स्लीपर सेल्स को सक्रिय कर रहे हैं.

राज्य में आतंकवाद, हिंसा और कट्टरता बढ़ने का आरोप लगाते हुए बीजेपी द्वारा पीडीपी से गठबंधन तोड़कर निकल जाने के बाद 20 पन्नों का यह पहला इंटेलिजेंस आकलन है. एलर्ट में आने वाले दिनों में सुरक्षा बलों पर हमलों में बढ़ोत्तरी की चेतावनी दी गई है, जिसके बाद सरकार की तरफ से इनसे निपटने के लिए आक्रामक आतंक-विरोधी ऑपरेशंस की तैयारी की जा रही है. इंटेलिजेंस आकलन में सीमा पार से हुई बातचीत को डिकोड करने से पता चला है कि घाटी में शांति भंग करने और अव्यवस्था फैलाने के लिए राजनीतिक कार्यकर्ता पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों का आसान निशाना हो सकते हैं.

इस बात की आशंका है कि हमला करने के लिए आतंकवादी नेशनल हाईवे के करीब छिपने की जगहों पर इकट्ठा हों. ऐसे हमलों को रोकने और आतंकवादियों का जड़ से सफाया करने के लिए सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों को साझा प्रयास करने होंगे. जून के पहले हफ्ते में माछिल और करेन में इंटेलिजेंस आधारित एक के बाद एक ऑपरेशंस बताते हैं कि लश्कर और जैश की घुसपैठ बढ़ी है. सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि “हमने आतंकवादियों की योजना को विफल करने के लिए परंपरागत घुसपैठ रूटों पर लक्षित ऑपरेशंस शुरू करने के साथ ही आतंकवादियों के छिपने के संभावित ठिकाने वाले इलाकों में घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया है.”

हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के जमावड़े और गतिविधियों का इनपुट मिलने के बाद सुरक्षा बल कुलगाम के रामपोरा, बान, यासू, फराह, हवूरा, वानपोह और पांजाथ में सघन तलाशी अभियान चला सकते हैं. रमजान के दौरान स्थगित किए ऑपरेशंस के बाद हेफ शिरमल, चाक चोलान, नागबल, तरेंज और जैनापोरा में भी नए सिरे से ऑपरेशंस शुरू किए जा सकते हैं, जहां इंटेलिजेंस अलर्ट में हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तोइबा की गतिविधियों को लेकर चेतावनी दी गई है. इंटेलिजेंस रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया है कि आतंकवादियों के छिपने के संदिग्ध ठिकानों पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जाए और साथ ही विभिन्न बलों के बीच तालमेल बेहतर किया जाए.

इंटेलिजेंस नोट में कहा गया है, “बीते साल के शुरुआती आधे हिस्से की तुलना में इस साल ज्यादा आतंकवादियों के मारे जाने के बावजूद इस बार बड़ी संख्या में पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ के कारण घाटी में उनकी संख्या बढ़ी है. सुरक्षा बलों ने घाटी में विरोध प्रदर्शनों से निपटने में अधिकतम संयम दिखाया है, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से युद्धविराम के उल्लंघन के कारण सरहद पर रहने वाले लोगों की तकलीफों में इजाफा हुआ है.”

गृह मंत्रालय द्वारा मुहैया कराए आंकड़ों के मुताबिक 2017 में 2016 की तुलना में आतंकवादी हिंसा की घटनाओं और नागरिकों की मौतों में बढ़ोत्तरी हुई है. 2017 में सुरक्षा बलों के करीब 80 जवानों, 40 आम नागरिकों और 213 आतंकवादियों की मौत हुई. 2018 में जून के मध्य तक 38 आम नागरिक, सुरक्षा बलों के 40 जवान और 95 आतंकवादी मारे जा चुके हैं.

पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वीएन राय ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया कि घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के वास्ते बॉर्डर ऑपरेशंस के लिए इंटेलिजेंस उपायों को ज्यादा चाक-चौबंद किया जा सकता है और इस बात की संभावना है कि ऐसी कोशिशों के कुछ नतीजे दिखाई दें, लेकिन घाटी में नए सिरे से शुरू की कार्रवाई के संभवतः वांछित नतीजे ना मिलें और आने वाले दिनों में आतंकी हमलों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है.

राय कहते हैं, “आपको कश्मीर घाटी में शांति कायम करने के लिए आईएसआई की साजिशों और पाकिस्तानी सेना को हराना होगा. सेना और सुरक्षा बल भारी दबाव में काम कर रहे हैं, और मेरा मानना है कि लगातार आतंक-विरोधी अभियान से आतंकवादी हिंसा कम नहीं होने वाली है. यह सारे हालात मुझे राजीव गांधी के शासन के समय की याद दिलाते हैं, जब एक दिशाहीन नीति के कारण घाटी ने आतंकवाद का 10 साल लंबा दौर देखा था. मेरा मानना है कि अगर सरकार घाटी में आतंकवाद के खात्मे को लेकर गंभीर है तो सीमा के उस पार भी लॉन्च पैड या वो जो कुछ भी है, उसे खत्म करने के लिए ऑपरेशंस चलाना चाहिए. चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारी एजेंसियों के एकीकृत प्रयास, और सबसे ऊपर राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है.”

इंटेलिजेंस नोट में आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए घाटी में जिलों की सीमाओं पर मानव और तकनीकी इंटेलिजेंस के एक्शन प्लान को विस्तार देने का सुझाव दिया गया है. इसमें कहा गया है, “सूचना के आदान-प्रदान और समन्वित कार्रवाई के लिए राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों से नियमित संपर्क हर हालत में बनाए रखा जाना चाहिए. लक्षित ऑपरेशन के लिए इस संबंध में कोई भी महत्वपूर्ण सूचना सभी संबंधित लोगों को फौरन दी जानी चाहिए”

जाने-माने आंतरिक सुरक्षा विशेषज्ञ अजय साहनी ने फ़र्स्टपोस्ट से कहा कि हालात 1990 जितने खराब नहीं हैं और हमने बीते दो साल में नागरिकों को न्यूनतम और आतंकवादियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाने के लिए लक्षित ऑपरेशंस देखे हैं. वह कहते हैं कि 2017 में मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन सुरक्षा हालात का आकलन करने के लिए इसकी 1990 और 2000 के दशक से तुलना करना समझदारी नहीं है, क्योंकि वह घटनाओं और मौतों का बहुत मामूली दौर था.

साहनी कहते हैं कि 2018 में आतंकवादी घटनाओं से जुड़ी हिंसा में मौतें सिर्फ 29 तहसीलों में सीमित हैं और सिर्फ 5 तहसीलों में 60 फीसद मौतें होना दिखाता है कि हिंसा का क्षेत्र सिमट रहा है. “मुझे कुछ भी नया रवैया नहीं दिखता और आतंकवाद-विरोधी ऑपरेशंस बिना राष्ट्रवादी गुलगपाड़े के जारी रहेंगे, जिसकी गूंज शायद हमें दिल्ली में सुनाई दे. हम जो देखने जा रहे हैं, वह है इलाके को खाली कराके सर्च ऑपरेशन चलाने के भारी भरकम ऑपरेशंस के बजाय सटीक इनपुट पर आधारित सीमित ऑपरेशंस चलते रहेंगे. अगर आप बीते कुछ सालों में नागरिकों की मौतों की संख्या को देखें तो, तो इसमें काफी कमी आई है. और आतंकवादियों की मौत में काफी बढ़ोत्तरी हुई है.”

साहनी ने कहा कि यहां तक कि बीते साल की तुलना में पत्थरबाजी की घटना में भी काफी कमी आई है. मुझे लगता है कि इस तरह के लक्ष्य आधारित ऑपरेशंस जारी रहेंगे, क्योंकि हमने पूर्व में देखा है कि इससे अच्छे नतीजे मिलते हैं.”

गवर्नर रुल के दो दिन बाद ही सर्च आपरेशन को आये सुरक्षा बलों का स्वागत चाय नाश्ते से करवाते कश्मीरी लोग

सर्च आपरेशन को आये सुरक्षा बलों का स्वागत चाय नाश्ते से करवाते कश्मीरी लोग

 

नई दिल्‍ली:

जम्मू-कश्मीर में राज्‍यपाल शासन लागू होते ही घाटी की हवाओं ने अपना रुख बदल लिया है. घटी की इस बदली हुई हवा की बानगी J&K में राष्‍ट्रपति शासन लागू होने के बाद सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान देखने को मिली. दरसअल, बुधवार सुबह आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों ने घाटी के कुछ गांवों में सर्च आप्रेशन चलाया था. सर्च ऑपरेशन के दौरान पहली बार सुरक्षाबलों के जवानों को न ही किसी तरह के विरोध का सामाना करना पड़ा और न ही किसी तरह की पत्‍थरबाजी झेलनी पड़ी. जवानों के अचंभे का उस वक्‍त कोई ठिकाना नहीं रहा, जब गांव वालों ने जवानों को सामने चाय और नाश्‍ते की पेशकश रख दी. जम्‍मू-कश्‍मीर में सालों से तैनात सुरक्षाबलों के सामने पहली बार ऐसा मौका आया था, जब‍ घाटी के गांव वाले बिना किसी डर के इतनी सहृदयता से उनके साथ पेश आए हों.

सुरक्षबलों से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार बुधवार सुबह सूचना मिली थी कि कुछ आतंकी दक्षिण और उत्‍तरी कश्‍मीर के दो गांवों में छिपे हुए हैं. इंटेलीजेंस इनपुट में जिन दो गांवों के नाम का उल्‍लेख किया गया था, वे दोनों गांव दशकों से हिंसा के लिए बदनाम रहे हैं. सुरक्षाबलों का अनुभव भी इन गांवों को लेकर अच्‍छा नहीं था. अपने पुराने अनुभवों को ध्‍यान में रखते हुए सुरक्षाबलों ने इन गांवों की तरफ रवानगी से पहले सभी एहतियाती बंदोबस्‍त पूरे किए. सुरक्षाबलों को आशंका थी कि सर्च ऑपरेशन के दौरान उन्‍हें भारी पत्‍थरबाजी का समाना करना पड़ सकता है. लिहाजा, जवानों को कई टीमों में बांट दिया गया. कमांडो और स्‍नाइपर्स का चुनाव ऑपरेशन टीम के लिए किया गया. इसके अलावा, दूसरी टीम को इलाके के घेरेबंदी की जिम्‍मेदारी दी गई. वहीं तीसरी टीम की जिम्‍मेदारी थी कि वे किसी भी सूरत में पत्‍थरबाजों को ऑपरेशन एरिया में दाखिल नहीं होने देंगे.

इतना ही नहीं, सैकड़ों जवानों को रि-इर्फोसमेंट के लिए दोनों गांवों से कुछ दूरी पर रिजर्व कर दिया गया. जिससे पत्‍थरबाजी होने पर पत्थरबाजों की घेरेबंदी कर अपने जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. गांव में दाखिल होने से पहले जवानों ने आखिरी बार अपनी तैयारियों का जायजा लिया और एक-एक करके सुरक्षाबलों के काफिले की बख्‍तरबंद गाड़ियां गांव में दाखिल होने लगी. बख्‍तरबंद गाड़ियों में मौजूद जवान सड़क के दोनों तरफ मौजूद लोगों के हवाभाव पड़ने की कोशिश में लग गए. इस दौरान, गांव वालों के चेहरे पढ़कर उन्‍हें आभास हुआ कि गांव वालों की निगाहों में सुरक्षाबलों के आगमन को लेकर एक प्रश्‍नचिन्‍ह जरूर था, लेकिन किसी के चेहरे पर आक्रोश नजर नहीं आ रहा था.

खूंटी गैंगरेप: एक आरोपी का फोटो जारी, 4 पादरी- 2 नन से पूछताछ, 5 पर केस दर्ज

 

खूंटी:

झारखण्ड के खूंटी जिला के अड़की प्रखंड के कोचांग में एक एनजीओ से जुड़ी पांच लड़कियों के साथ हुए गैंग रेप के मामले में 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार पादरी और दो शिक्षक को भी हिरासत में लिया है. पादरियों पर गैंगरेप मामले को दबाने का आरोप है. पादरी को फिलहाल पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया गया है.

इस मामले में  चर्च की सिस्टर ने भी चौंकाने वाला बयान दिया है और कहा है कि लौटने के बाद सभी सामान्य दिख रही थी और साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सभी लड़कियां नहीं बल्कि औरतें थीं. मिली जानकारी के अनुसार लड़कियों के साथ गैंगरेप किया गया और वीडियो भी बनाया गया, इसी दौरान एक पीड़िता के मोबाइल में एक वीडियो रह गया और इसी के मदद से  पुलिस ने आरोपी की तस्वीर जारी की है और इसके बारे में सूचना देने वालों को 50 हज़ार रुपये इनाम के रूप में देने की घोषणा की है. पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए तीन टीम बनाई है जो इस मामले की पूरी जांच करेंगे.

22 जून को सभी पांच लड़कियों का मेडिकल करवाया गया है और धारा 164 के तहत बयान भी दर्ज कराया गया है. इस मामले में अड़की और महिला थाना में अलग-अलग 2 एफआईआर दर्ज किए गए हैं. महिला थाना में 323, 341, 342, 376 D, 354 B, 363, 365, 120 B, IPC 67,  67 A (IT act) धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं अड़की थाने में 341, 342, 323, 363, 365, 328, 506, 201 और 120 B के तहत मामला दर्ज किया गया है.

खूंटी दुष्कर्म मामले में विपक्ष ने रघुवर सरकार पर जोरदार हमला बोला है. विपक्ष का कहना है कि गैंगरेप की घटना के बाद रघुवर दास की सरकार को बने रहने का कोई हक नहीं है. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में अब ऐसी घटनाओं से उन्हें आश्चर्य नहीं होता. हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अब बलात्कार और भूख से मरने वालों की घटनाओं के लिए ही जाना जाता है.

इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर के 4 आतंकी ढेर

 

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को मार गिराया है. ये आतंकी ‘इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर’ नामक आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे. इस मुठभेड़ के दौरान जम्मू कश्मीर स्टेट का एक पुलिस शहीद हो गया और साथ ही कुछ आम नागरिक भी घायल हो गएं. घायल हुए सिविलियन में से एक की पहचान मुहम्मद युसूफ बताई जा रही है. असल में आतंकी युसूफ के घर में छुपे थे. जिसके कारण मुठभेड़ में उसकी जान चली गई. साथ ही उसकी पत्नी हफिज़ा भी घायल हो गई. उन्हें अभी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

सुरक्षाबलों को एक दिन पूर्व ही वहां आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने पूरे इलाके को घेर लिया. इस दौरान आतंकियों ने खुद को घिरा देख फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चार आतंकियों को मार गिराया.फिलहाल इन इलाकों (अनंतनाग और पुलवामा ) में सुरक्षा मामलों को देखते हुए मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है.

मारे गए आतंकवादियों को इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर (ISJ&K) से संबंधित बताया जा रहा है.

रमजान के दौरान सीजफायर पर लगे प्रतिबंध के हट जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में भारतीय जवान आतंकियों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आंतकवादियों के मौजूद होने की विशेष खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने दक्षिणी कश्मीर के इस जिले में श्रीगुफवारा क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया था. सुरक्षाबलों को इलाके में तीन आतंकियों के छुपे होने की सूचना मिली थी.

उन्होंने पूरे इलाके को घेर लिया. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के ऊपर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. जवाब में जवानों ने भी कार्रवाई की.वहीं स्‍थानीय लोगों को घरों के अंदर रहने की हिदायत दे दी गई है.

बता दें कि बीते कुछ दिनों से घाटी की स्थिती तनावपूर्ण रही है. चाहे वो वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या हो या शहीद औरंगजेब की. घाटी अशांती और आतंकवाद से जूझ रही है. ऐसे में इसे अचानक जम्मू-कश्मीर सरकार के निरस्त हो जाने के आफ्टइफेक्ट्स की तरह भी देखा जा रहा है. तभी तो आज राज्यपाल एन.एन.वोहरा ने आज घाटी की मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए सभी राज्य और राष्ट्रीय स्तर की सभी पार्टीयों की सर्वदलीय बैठक बुलाई है.

Complan and Horlicks sale signals

Is India no place for health drinks? First, Horlicks was put on sale by GlaxoSmithKline Plc (GSK) in March. News reports had then speculated Kraft Heinz Co. may bid for it, now it appears Kraft Heinz is planning to sell Complan, according to Bloomberg.

Both companies may have different reasons for the decision, but a common one could be a challenging health drinks market. Growth rates are slowing and competition is stiff.

In 2017, Kraft had recognized a $49 million impairment loss due to continued declines in its nutritional beverages business in India. GSK’s annual report also talks about competitive pressure on Horlicks, which competes with the likes of Bournvita and Complan.

Complan being put on sale adds a twist to the Horlicks’ deal. The asking price for Complan is $1 billion, while GSK’s 72.5% stake in locally listed GSK Consumer Healthcare Ltd alone is valued at $2.9 billion. The sums involved are large, implying a buyer has a lot at stake and will do everything to ensure the investment yields good returns.

If only one brand was sold, there would be one new owner to contend with incumbents. New owners for two different brands mean stiffer competition right off the blocks.

The bigger question is why are companies keen on exiting this market? One reason could be slowing growth. Malt-based drinks— Horlicks and Bournvita are in this category—have seen growth slip from 13.2% in 2014 to 8.6% in 2017, according to Euromonitor International.

Complan is measured in a separate category of supplement nutrition drinks, which includes products such as Ensure. This segment’s growth is higher than that of malt-based drinks, though smaller in size. Even here, growth has slowed, from 21.3% in 2014 to 11.5% in 2017.

Forecast compound annual growth in 2017-22 in constant prices is 3.7% for malt-based drinks and 5.6% for supplement nutrition drinks, according to Euromonitor.

Emerging alternatives could explain slower growth, as consumers are opting for products offering added protein, meal replacement or an energy boost, according to Devchandan Mallick, an analyst at Euromonitor. Some consumers are shifting to mixing syrups such as chocolate or vanilla in their milk instead.

Additionally, pharmaceutical companies have stepped up their presence in the consumer nutrition space. That explains why you see variants of Horlicks such as Protein, Growth and Cardia. Consumer goods companies are also now going deep into rural markets to increase sales growth. That requires investments and staying power, as these markets are different from urban ones and will take time to scale up.

All these challenges may explain why owners of big brands are seeking to exit. There is a risk of prospective bidders trying to negotiate lower valuations, if these exits are taken as a question mark on the potential market for these brands.

Arrest of BoM CEO is jolt to baking industry : IBA

 

The arrest of Ravindra Prabhakar Marathe, chief executive officer (CEO) of Bank of Maharashtra (BoM) on Wednesday has come as a jolt to the banking industry, prompting the Indian Banks Association (IBA) to call a meeting on Friday to discuss the future course of action.

IBA claims such action by investigative authorities will dent the morale of the banking industry, forcing bankers to stop lending.

The Economic Offences Wing (EoW) of Pune city police arrested top officials of Bank of Maharashtra, including Marathe, on charges of illegally sanctioning a loan of ₹100 crore for a real estate project of a DSK Group company.

State Bank of India, United Bank of India, Syndicate Bank, Vijaya Bank and IDBI Bank were part of the consortium of banks that had lent to the DSK group.

Citing Pune police’s statement to the local court, a report in The Indian Express said that these officials had sanctioned the loan without the approval of the other banks that were part of the consortium.

Bank of Maharashtra, however, maintained that the loans were sanctioned to the firm according to the bank’s lending norms. “The bank’s total outstanding exposure to M/S D. S. Kulkarni Developers Ltd is to the tune of ₹94.52 crore, which is fully secured by primary and collateral securities. Recovery process like SARFAESI action has already been initiated by the bank and some of the properties are due for auction. The bank has also declared M/S DSK Developers Ltd and its promoters as wilful defaulters,” the bank said.

A senior government official said it is awaiting the report from the investigation agency before deciding the future course of action.

Most bankers who know Marathe stand by him and claim that such actions will malign the reputation of bankers. “This looks like a breakdown of the law and order situation. It could be a local political issue against the developer and the Bank of Maharashtra chief got caught off-guard,” said the managing director and chief executive of a public sector bank, who did not want to be named.

“From the available information, the transaction which is in question is insignificant. To ascribe this kind of motive is reflective of ignorance or motivated action,” said a former banker who also spoke on condition of anonymity.

Marathe is one of several current and former officials of public sector banks being probed by investigation agencies for allegedly lending to defaulting companies. Those booked this year include IDBI Bank executives Kishor Kharat, now CEO of Indian Bank, and Melwyn Rego, CEO of Syndicate Bank, in connection with IDBI Bank’s ₹600 crore loan to entrepreneur C. Sivasankaran’s firm. Last month the Central Bureau of Investigation named Usha Ananthasubramanian, former managing director of Allahabad Bank, in a charge sheet in the Punjab National Bank fraud.

Swiggy raised $210 million of investments

Swiggy raised $210 million from a group of investors, catapulting India’s largest food delivery service provider into a select club of startup unicorns with a valuation of $1 billion or more. The latest funding, led by Naspers and billionaire Yuri Milner’s DST Global, values Swiggy at roughly $1.3 billion, surpassing rival Zomato’s $1.1 billion valuation based on a February fund-raising round. China’s Meituan-Dianping has also invested in the latest funding round, along with new investor Coatue Management.

Swiggy, founded in August 2014, is one of the fastest entrants into the unicorn club. The latest fund-raising will add pressure on Zomato to raise additional funds quickly to keep pace with its Bengaluru-based rival in the online food-delivery business.  On 2 April that Zomato was in talks to raise $200-400 million.

Swiggy, which has emerged as the breakout consumer internet start-up of the past five years, has easily been the most prolific food delivery start-up in terms of its ability to continue raising funds from deep-pocketed foreign investors. It has raised about $465 million till date, according to Mint research. Barely four months ago, Swiggy raised $100 million from South African media giant Naspers.

Swiggy, which is by far India’s best-funded food delivery start-up, plans to use the funds to ramp up its supply-chain network and expand to new markets, the company said in a statement.

“With this investment, we will continue to widen Swiggy’s offerings, along with bolstering our capabilities and plugging the gaps in the on-demand delivery ecosystem,” said Sriharsha Majety, CEO and co-founder of Swiggy.

Mint had first reported on 2 April that both Swiggy and Zomato were in talks to raise more money. In early February, Zomato raised $150 million from Ant Small and Micro Financial Services Group, valuing the food-tech start-up at about $1.1 billion.

Swiggy, which operates in 15 cities including Bengaluru, Delhi, Mumbai, Pune, Hyderabad and Kolkata, claims to have more than 35,000 restaurant partners on its platform and a delivery fleet of over 40,000.

Founded by Majety, Nandan Reddy and Rahul Jaimini, Swiggy is one of the few consumer internet start-ups from 2014 that is thriving and consistently chased by large global investors. Smaller peers such as food-ordering app TinyOwl, grocery-ordering app PepperTap and real estate platform Housing.com have either been shut down or sold in distress deals. Some others, such as online grocery start-up Grofers, are struggling to attract new investors and have been unable to find a sustainable long-term business model.

Congress-JD(S) amplifying “saffron terrorism”.

Now being hindu is Curse in Congress – JD(S) led Karnataka said Chethan Rajhans

Sanatan Sanstha has alleged that the SIT probing the Gauri Lankesh murder case is torturing the suspects and obtaining confessions from them. The Goa-based pro-Hindu organisation has come under the SIT scanner after a few arrested persons reportedly admitted that they were members of a radical Hindu outfit which h ad links with the Sanstha.

Sanstha spokesperson Chethan Rajhans on Thursday termed the arrests illegal and said it was being done by the Congress-JD(S) coalition in the state to amplify “saffron terrorism”.

The media were being fed imaginary stories about the Sanstha and other Hindu organisations, said Rajhans. “One of the accused, Sujit Kumar, was apprehended on May 6 but was shown as arrested on May 20. Three other accused were apprehended on May 14 but were shown as arrested on May 21. This shows that all these accused were under illegal detention for several days,” he added.

He also alleged that the accused were beaten by police and were not provided legal aid as they were Hindus.

Without street lights, it is scary and dangerous to walk at night in Dhkoli

Without street lights, it is scary and dangerous to walk at night

Dark streets and hide and seek of power supply have been plaguing the residents of Guru Nanak Nagar in Dhakoli of Zirakpur for past five summers. Complaints to the electricity department also could not bring any relief to the residents till date.

With the announcement of 66 KV project at Baltana, residents had hoped to finally ward off their long-pending problem this season. However, there hopes were dashed as the situation worsened after the work of the new infrastructure started in the area.

The residents said a fire broke out in a transformer three days ago. It was installed just last year. Tthe authorities acted upon it and got it repaired, only after a complaint was placed.

Residents complained the streets of the area generally remains dark due to the defunct streetlights. The commuters do not feel safe going out for a walk after sundown. The unscheduled power cuts also irk the residents making them spend almost four to five hours without electricity daily during the sultry summer season.

When enquired, power department staffers seem clueless about when and how the power supply would be restored.

From past one year the residents of the area are struggling to get the streetlights repaired. They keep on posting complaints but all in vain. Residents alleged that a bunch of wires is spread all over the area which is not only posing threat to their lives, but is also affecting the power supply in the area.

In fact, the poles installed in the area are tilted. A transformer here is also in bad shape. It has not been repaired by the department even after a number of reminders.

N S Rangi, executive engineer, Punjab State Power Corporation Limited (PSPCL) said the department resolved the problem of fluctuation immediately after a complaint was received. The maintenance of the transformers is also on our priority.