सत्ता में आते ही लागू करेंगे आटा-दाल-चीनी योजना: सुरजेवाला


-एक साल के भीतर ही भरेंगे दलितों की 60 हजार नौकरियों का बैकलॉग
-सुरजेवाला ने गरीबों के लिए जारी किया 10 सुत्री रोड मैप


जींद:

कांग्रेस सरकार बनने पर पार्टी का गरीबों व दलितों के लिए 10 सुत्रीय रोड मैप की घोषणा करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर गरीब व दलितों के लिए आटा-दाल-चीनी स्कीम को लागू किया जाएगा। जिसमें दलितों को कम दामों में आटा,दाल व चीनी मुहैया करवाई जाएगी और सरकार आते ही इंदिरा गांधी पेयजल योजना के तहत सभी दलित परिवारों के पानी के बिल एक कलम से माफ कर दिए जाएंगे।
श्री सुरजेवाला रविवार को जींद में आयोजित गरीब अधिकार रैली में उमड़े जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। हजारों तादाद में उपस्थित लोगों ने सुरजेवाला का नारों के बीच जोरदार स्वागत किया। रैली में सुबह से ही लोग आने शुरू हो गए थे और बाद में रैली ने एक बड़े जनसैलाब का रुप ले लिया। सुबह 10 बजे आरंभ हुई यह रैली शाम को साढ़े 4 बजे तक चलती रही।
सुरजेवाला ने कांग्रेस सरकार आने पर दलितों के लिए अपने 10 सुत्री रोड मैप के बारे में बताया कि आटा दाल चीनी स्कीम के तहत परिवार के 4 सदस्यों को 20 किलोग्राम अनाज 2 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से दिया जाएगा। इन परिवारों को 20 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से 2 किलोग्राम दाल व 12 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से एक किलोग्राम चीनी मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हर मौहल्ले में दलित चौपाल व धर्मशाला खोली जाएगी और उसकी मरम्मत का पैसा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के होनहार जो बच्चे आईएएस व आईपीएस की तैयारी करेंगे उनके लिए स्पेशल कोचिंग सैंटर खोले जाएंगे और उनको फीस में 50 फीसदी की छूट दी जाएगी।
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनते ही सफाई कर्मचारियों के लिए ठेका प्रथा को समाप्त किया जाएगा और उनको महीने की पहली तारीख को वेतन मिलेगा। दलितों के कल्याण के लिए अनुसूचित जाति कल्याण आयोग का गठन किया जाएगा। बीए, बीएससी, बीकाम, एमए, एमकाम करने वाले विद्यार्थियों को 1500 रुपये प्रति माह, एमबीबीएस को 5 हजार, इंजीनियरिंंग करने वालों को 2500 व आईटीआई व आईआईएम करने वालों को 5 हजार रुपये प्रति माह वजीफा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार बनने के बाद सभी एससी मौहल्लों में हर घर में शौचालय बनाना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एचपीएससी, एसएस बोर्ड व सभी प्रकार के बोर्ड व निगमों में दलित समुदाय के एक व्यक्ति को सदस्य बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने आज तक बैगलॉग की 60 हजार नौकरियों के पद नहीं भरे हैं। कांग्रेस सरकार आते ही एक साल के भीतर बैगलॉग की सभी 60 हजार नौकरियों पर भर्ती होगी।
सुरजेवाला ने कहा कि आज देश व प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। मोदी व खट्टर सरकार ने दलितों को उनके अधिकारों से वंचित रखा है। यह सरकारें दलित अधिकारों पर लगातार आक्रमण कर रही हैं, उनका सामाजिक शोषण किया जा रहा है। दलित आज आर्थिक अनदेखी का शिकार हो रहे हैं और सरकारी भेदभाव का दंश झेल रहे हैं। दलितों को संविधान आरक्षण का जो लाभ मिल रहा था उस पर भी लगातार हमले किए जा रहे हैं। सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस द्वारा 2010 में दलितोत्थान के लिए जो स्कीम बनाई गई थी उसे भी समाप्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि देश के 2018-19 के बजट में दलितों के लिए सरकार ने मात्र 5.58 फीसदी का प्रावधान किया, जबकि पूरे देश में दलितों की जनसंख्या 16 फीसदी है। सरकार ने दलितों के लिए चलाई की स्कीमों को भी कम कर दिया। देश में दलित कल्याण के लिए 294 योजनाएं चल रही थी, लेकिन मोदी सरकार ने इनमें 38 योजनाओं पर कैंची चला दी और अब यह योजनाएं 256 रह गई हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने दलित प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप में 86 फीसदी की कमी कर दी। कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2013-14 में स्कॉलरशिप के लिए 882 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, लेकिन इस मोदी सरकर ने इसे घटाकर 2018-19 के बजट में 125 करोड़ कर दिया। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के आज भी 12 हजार करोड़ रुपये बकाया पड़े हैं, जो दलित विद्यार्थियों को दिए ही नहीं गए। उन्होंने कहा कि इस सरकार में मैला साफ करने वालों को ना रोटी नसीब हो रही है और ना ही मकान। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दलितों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना लाकर तमाशा किया है, लेकिन अभी तक 5 लोगों को ही इससे मदद मिल सकी है।
सुरजेवाला ने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार आज देश में हर 12 मिनट में एक दलित पर अत्याचार होता है, प्रतिदिन 6 दलित महिलाएं ब्लात्कार का शिकार हो रही हैं। उन्होंने बताया कि आंकड़े बताते हैं कि देश में 2015 में दलितों पर अत्याचार के 38 हजार 670 व 2016 में बढ़कर 40 लाख 801 केस सामने आए। वहीं हरियाणा में 2014 में जहां दलितों पर अत्याचार के 474 केस सामने आए थे, वहीं 2015 में 510 तथा 2016 में 639 केस सामने आए। हैदराबाद में रोहित वेमला केस हो या फिर सोपार जैसे मामले, पूरे देश में दलितों पर अत्याचार को रोकने के बजाए इस मोदी सरकार ने इसे बढ़ावा देने का काम किया। यही नहीं दलितों की आवाज दबाने के लिए एससी एसटी कानून को ही समाप्त करने का प्रयास किया है।
सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में तो स्थिति और भी बुरी है। फरीदाबाद में एक दलित को बच्चों सहित जिंदा जला दिया गया। 14 जनवरी 2018 को 12वीं कक्षा की दलित छात्रा से गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई। खट्टर सरकार के मंत्री अनिल विज ने 28 नवंबर 2015 को आईपीएस संगीता कालिया को प्रताडि़त किया और उनका फतेहाबाद से ट्रांसफर करवा दिया। संगीता कालिया की गलती यह थी कि उन्होंने सच का साथ दिया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी खट्टर सरकार दलितों के जख्मों पर मरहम लगान की बजाए उसे और बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश में खट्टर की बीजेपी सरकार के अलावा एक और लूटेरा दल है, जो दलितों की बैसाखियों पर खड़ा होना चाहता है। यह दल दलित साथियों को सत्ता का मोहरा बनाकर दलितों के कंधे पर सवार होकर सत्ता में लौटने के सपने देख रहा है। उन्होंने कहा कि दलितों के लिए यह कोई लड़ाई नहीं लड़ रहे बल्कि सत्ता व लूट के माल के लिए दलितों का नाम लेकर अपनी रोटी सेंकना चाहते हैं और आपस में ही लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक कहता है कि छोटा भाई और दूसरा कहता है बड़ा भाई लेकिन फिर भी पार्टी की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जननायक चौधरी देवीलाल ने इनेलो को सींचकर खड़ा किया था आज इस पार्टी की बागडोर किन हाथों में आ गई है, जनता के सामने है, जो आपस में ही लड़ रहे हैं। यह लोग कभी प्रदेश का भला नहीं कर सकते, केवल अपने भले ही लड़ाई लड़ रहे हैं।
इनेलो का बिना नाम लिए हुए उनकी अंदरूनी कलह पर चुटकी लेते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इस पार्टी के बच्चे अब बीजेपी के हाथ में खेल रहे हैं, जिसके हाथ में पिछले साढ़े 4 साल से उनका चाचा खेल रहा था। ना चाचा बीजेपी के खिलाफ है और ना ही भतीजा बीजेपी के खिलाफ। सांसद दुष्यंत चौटाला ने तो सदन में हमेशा बीजेपी का साथ दिया, भले ही वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की बात हो या फिर राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के चुनाव की। जिन लोगों की आपस में नहीं बनती, वह दलितों का भला कैसे कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस रैली के साथ आज एक नए सूर्य का उदय प्रदेश में होगा। हम दलितों के हैं और दलित हमारे। इसलिए अपने अधिकारों के लिए आगे आना होगा। इस अवसर पर पूर्व विधायक बच्चन सिंह आर्य, राजकुमार वाल्मीकि, अनिल धंतौड़ी, फूल सिंह वाल्मीकि, सुमित्रा चौहान, सुलतान जडौला,शिव शंकर भारद्वाज,सुधीर गौतम,रमेश गुप्ता,सतबीर भाना, विद्या रानी दनौदा, सतबीर दबलैन, बृजलाल,ईश्वर नैन,भूपेन्द्र फौगाट,शालिका अटवाल, निर्मल सिंह मलाड़ी, वीरेन्द्र जागलान,शेर सिंह नीलोखेड़ी, पवन वाल्मीकि, नरेश वाल्मीकि, सचिन मंडल, सुरेश ओड, सुखबीर नागर, वकील रंगा, सुभाष वाल्मीकि, डा.राजेन्द्र सुरा, संजीव भारद्वाज, दिलबाग ढांडा, सुरेश युनिसपुर, रंजीता मैहता, सतपाल वुलडिया, आनन्द जाखड़, कृष्ण सातरोड, भजनलाल, कर्मबीर मायना, रणधीर मोलक, राजेश संदलाना, धर्मबीर कोलेखां, बिल्लू चांदना, दीपक देशवाल, बिजेन्द्र माजरा, सरदार नछत्तर सिंह, भूपेश मैहता, वीना देशवाल, मूर्ति मलिक, अमित, प्रो.महेन्द्र नैन, नरेश भनवाला, होशियार सिंह लाठर, रणबीर पहलवान, मुकेश चहल, संदीप सांगवान, दिलबाग थूआ, मनोज नचार, सतीश काली, दिनेश मिनी, सुनील चहल, जगत सिंह रेडू, डा.डीपी जैन, सुबेदार राय सिंह, पूर्व पार्षद रामपाल झील, दिनेश डूमरखा, रामनिवास ढिल्लो, नरेन्द्र खर्ब, शालू गर्ग, प्रवीन ढिल्लों व रणधीर सिंह खटखड़ सहित अनेक कांग्रेसी नेता मौजूद थे।

भाजपा ने किया शिक्षा, रोज़गार, सिंचाई, स्वाभिमान, सम्मान के साथ सबसे बड़ा खिलवाड़ और विश्वासघात – सुरजेवाला


 खट्टर सरकार से विश्वासघात का बदला लेगी अहिरवाल की जनता, लोकसभा में हरियाणा की सभी दसों सीट जीतकर मजबूत करेंगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हाथ
सोहना की अनाज मंडी में आयोजित बदलाव रैली अखिल भारतीय कांग्रेस कोर कमेटी सदस्य और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला


सोहना 10 नवम्बर 2018

लूटेरी खट्टर सरकार ख़ास तौर से दक्षिण हरियाणा के लिए अभिशाप साबित हुई है अखिल भारतीय कांग्रेस कोर कमेटी सदस्य और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला आज पहलवान सतबीर खटाना द्वारा सोहना की अनाज मंडी में आयोजित बदलाव रैली में भारी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे।कांग्रेस कोर कमेटी सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश की खट्टर सरकार ने दक्षिण हरियाणा के साथ विश्वासघात किया है। यहां बनने वाली डिफेंस यूनिवर्सिटी, डीएचआईसीडीसी कॉरिडोर अधर में लटके हुए हैं। जयपुर एक्सप्रेस हाइवे परियोजना को रद्द कर दिया गया। नॉर्थ साऊथ कॉरिडोर पर कभी हां होती है तो कभी ना। मानेठी, रेवाड़ी में बनने वाले एम्स के लिए तो सीएम खट्टर ने इंकार ही कर दिया। जिस मारुती की फैक्ट्ररी को इंदिरा गांधी हरियाणा में लेकर आई उसी फैक्ट्ररी को नरेंद्र मोदी गुजरात ले गए और हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर चुप बैठे रहे क्या हरियाणा के युवाओं से विश्वासघात करके खट्टर सरकार को एक दिन भी गद्दी पर बैठे रहने का हक़ है? मोदी सरकार द्वारा रक्षा यूनिवर्सिटी का वायदा साढ़े 53 महीने बीतने के बाद महज जूमला ही साबित हुआ, न सैनिक स्कूल बनाया गया। इसलिए इस निक्कमी, नकारा और खटारा सरकार के परिवर्तन का समय आ गया है।

खट्टर और मोदी सरकार को झूठों का सरदार होने का आरोप लगाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि आज पूरे हरियाण प्रांत और पूरे देश के अंदर पीठ और पेट एक करके मिट्टी से सोना पैदा करने वाला किसान व उसके साथ काम करने वाला मजदूर पीडि़त, व्यथित और आंदोलित है। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र में भाजपा की सरकार नहीं बनी थी तो नरेन्द्र मोदी ने कुरूक्षेत्र में एक जलसे के दौरान किसानों को वायदा किया था कि भाजपा की सरकार आने पर उनको फसल लागत का 50 फीसदी मुनाफा दिया जाएगा। जब सरकार बनी तो मोदी व खट्टर सरकार ने इस वायदे को भूलाकर किसानों की पीठ पर खंजर घोपने का काम किया। उन्होंने कहा कि यहां तक ही नहीं केन्द्र सरकार ने 22 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि वह किसानों को 50 फीसदी मुनाफा नहीं दे सकते। इससे बाजार भाव बिगड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी खट्टर के चार साल में किसानों को बेहाल कर दिया गया है। मोदी और खट्टर सरकार द्वारा इससे बड़ा अन्याय किसान के साथ क्या हो सकता है कांग्रेस राज में सरसों के भाव में 1350 रु की बढ़ोत्तरी करते हुए 1700 रु से 3050 रु क्विंटल तक किए गए। आज भाजपा राज में सरसों का भाव तो 4200 रु रहा लेकिन बाजार में 3000रु से 3200 रु क्विंटल तक पीटी। कांग्रेस राज में बाजरा के भाव को 515 रु से 1250 रु प्रति क्विंटल तक लेकर गई लेकिन आज बाजरा की खरीद 1950 रु क्विंटल होने पर भी 1300 रु तक किसान बेचने पर मजबूर हुए और जिसपर भी 8 क्विंटल तक की लिमिट लगाकर उसमें जिअस्में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए ईपोर्टल, टेलीफोन व मोबाइल न. और जमीन की जमाबंदी किसान के नाम होने की शर्त रख दी। कपास का समर्थन मूल्य 5150 रु प्रति क्विंटल होने के बावजूद भी 4200 रु प्रति क्विंटल बिकी है लेकिन कांग्रेस के शासन में यही कपास की फसल 6000रु से 6500 रु प्रति क्विंटल तक बिकी। इतना ही नहीं 22 सितम्बर से 24 सितम्बर और 11 व 12 अक्तूबर को बेमौसमी बारिश की वजह से किसानों की 35 प्रतिशत से 40 प्रतिशत फसल खराब हो चुकी है लेकिन इस किसान विरोधी खट्टर सरकार ने आज तक न तो गिरदावरी की और न ही किसानों के लिए कोई मुआवजा का प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि हर साल किसान 90 लाख टन खाद खरीदता है। कांग्रेस के राज में डीएपी का जो कट्टा 1075 रु में आता था आज वही कट्टा भाजपा सरकार ने उनके 52 महीने के शासनकाल में 375रु की बढ़ोत्तरी करते हुए 1450रु तक कर दिए। पोटाश की कीमत कांग्रेस राज में 450 रु थी वही आज भाजपा सरकार में 519रु की बढ़ोत्तरी के साथ 969रु की जा चुकी है। कांग्रेस राज में सुपर खाद की कीमत 260 रु थी लेकिन आज वाही भाजपा सरकार में 50रु की बढ़ोत्तरी के साथ 310रु की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त यूरिया के कट्टे का वजन 50 किलो से घटाकर 45 किलो बढ़ाते हुए रेट में बढ़ोत्तरी कर दी व इसके साथ ही बीज, बिजली, सिंचाई के साधनों के रेट बढ़ा दिए।

भाजपा पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब किसी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र पर टैक्स लगाया गया हो। भाजपा द्वारा ट्रैक्टर एवं अन्य सभी उपकरणों पर 12 प्रतिशत का जीएसटी टैक्स लगाया गया जबकि टायर, ट्यूब और ट्रांसमिशन पार्ट्स पर 18 प्रतिशत का जीएसटी टैक्स लगाया गया। कीटनाशक दवाइयों पर 18 प्रतिशत, खाद पर 5 प्रतिशत तथा कोल्ड स्टोरेज पर 12 प्रतिशत का जीएसटी लगा दिया गया है। किसानो के आलू को सुरक्षित रखने वाले कोल्ड स्टोरेज पर भी 12 प्रतिशत टैक्स लगाकर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया गया है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्राइवेट मुनाफा कम्पनी व किसान शोषण योजना करार देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि किसान की फसल खराब होती है तो केन्द्र व खट्टर सरकार कहती है कि हमने फसल बीमा योजना लागू की है। इसकी सच्चाई किसी को नहीं बताई। इस सरकार ने खेती बाड़ी पर टैक्स लगाकर 18 हजार करोड़ रुपये एकत्रित कर लिए और किसानों को बीमा के रूप में केवल मात्र 5600 करोड़ रुपया दिया गया। 16 हजार करोड़ रुपये देश की 7 बीमा कंपनियों के खाते में चले गए, इनमें से कुछ कंपनियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चहेती कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं, बल्कि प्राइवेट मुनाफा योजना व किसान शोषण योजना होना चाहिए था।

सुरजेवाला ने कहा कि आज भाजपा सरकार की तानाशाही रवैये के कारण प्रतिदिन 47 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। किसानों को सड़कों पर पीटा जाता है, जेलों में डाला जाता है। उन्होंने कहा कि मेरा सरकार से सवाल है कि जब देश के 12 उद्योगपतियों का 2 लाख 83 हजार करोड़ का कर्जा माफ कर दिया गया तो 62 करोड़ किसान मजदूरों का 2 लाख करोड़ रु क्यों नही माफ हो सकता। सुरजेवाला ने कहा कि जब कांग्रेस का शासन था तो कांग्रेस पार्टी ने इस देश के किसानों का 72 हजार करोड़ रु कर्जा माफ किया।

सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने पेट्रोल व डीज़ल पर भारी टैक्स लगाए, जिसके चलते डीज़ल व पेट्रोल आज भी उसी भाव में मिल रहा है, जब कच्चे तेल की कीमतें दोगुना हुआ करती थीं। सुरजेवाला ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 16 मई 2014 को पेट्रोल के भाव 71रु प्रति लीटर और डीजल के भाव 71.29 रु प्रति लीटर थे लेकिन आज भाजपा सरकार के 52 महीने के कार्यकाल में पेट्रोल के भाव 76.49 रु प्रति लीटर और डीजल के भाव 74.75 रु प्रति लीटर करके भाजपा इस देश पर कुठाराघात कर रही है और इतना ही नही जब कांग्रेस का राज था तब डीजल पर 9.72 प्रतिशत और पेट्रोल पर 21.5 प्रतिशत वैट था लेकिन आज खट्टर सरकार ने डीजल पर 17.22 प्रतिशत और पेट्रोल पर 5 प्रतिशत की बढोत्तरी के साथ 26.25 प्रतिशत की बढोत्तरी करके इस प्रदेश के लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। इसी प्रकार केंद्र की मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर 11 बार एक्साईज डयूटी लगाकर इस देश की जनता से 11 लाख करोड़ रुपए और खट्टर सरकार 18 हजार करोड़ रुपए वसूल रही है। रसोई गैस के सिलेंडर 414 रु से 942 रु कर दिया और सब्सिडी रसोई गैस सिलेंडर 412 रु से 507.42 रु कर दिए गए। यही भाजपा व कांग्रेस की सोच का फर्क है। क्या इस तरह से ही देश व प्रदेश के किसानो का भला करेगी भाजपा सरकार? इसलिए बदलाव की जरूरत है।

सुरजेवाला ने सोहना व तावडू की जनता से वायदा करते हुए कहा कि अबकी बार जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में आएगी तो सोहना में लड़के व लड़कियों का एक सरकारी कॉलेज बनाया जाएगा, रिठोल और बादशाहपुर के हाईस्कूल में बच्चों के लिए कमरों और जितने भी संसाधनों की जरुरत होगी वो सब दिया जाएगा, सोहना के अन्दर पोलिटेक्निक कालेज बनायेंगे ताकि यहां के बच्चों को फैक्ट्ररी के अनादर रोजगार मिल सके, सोहना और तावडू के बच्चों को हुनर की वजह से महरूम नहीं रहने देंगे, इस इलाके में हरिचंदपुर डिस्ट्रीब्यूट्री की मांग हमेशा से है जब राव बिरेन्द्र सिंह थे तब उन्होंने 56 पक्की बुर्जी बनाई थी जो अब भी 44 बुर्जी बाकि हैं जब कांग्रेस की सरकार आएगी तो उसे पक्का भी करेंगे, साफ़ भी करेंगे और चालु भी करेंगे। इस अवसर पर पहलवान सतबीर खटाना, पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य, महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुमित्रा चौहान, संजय छौक्कर, किसान खेत मजदुर प्रदेशाध्यक्ष भूपेन्द्र फौगाट, सतबीर गुर्जर, हरियाणा कृषक समाज प्रदेशाध्यक्ष ईश्वर नैन, भूपेन्द्र बूरा, महेश घोड़ारोप, अरविन्द खटाना, संजीव भारद्वाज, बलराम यादव, भीम यादव, तेजवीर मायना, पुरुषोत्तम यादव, सुशिल कौशिक, वेदपाल, अनिल शर्मा, नीना राठी, मोहम्मदी बेगम, अनिता नैन, राजेश, सरिता चौधरी, सतपाल राठी, बिशन सरोहा, कैप्टन महावीर, सुनील भाटी, हरीश नंदा, राजकुमार बेदी, बल्लू सरपंच, सौयज सरपंच, सुनील सरपंच, सच्चे खटाना, बिजेंद्र पहलवान, राजकिशोर एडवोकेट, मनोज सह्जावास, लिल्लू गुर्जर, जिन्नी पहलवान, बबली पहलवान, सुरेन्द्र खटाना, सुन्दर नगली, प्रवीन खटाना, रमण खटाना, योगेश भामला, अजित प्रधान, जगत खटाना आदि कांग्रेस नेताओं ने भी संबोधित किया।

केंद्र शासित प्रदेश में पंजाब के मुख्य मंत्री ने 60% नौकरियों पर अपना दावा ठोका


कैप्टन ने पीएम के सामने फिर उठाया चंडीगढ़ में हिस्सेदारी का मुद्दा

 सिविल पदों को भरने के लिए 60:40 के अनुपात को बनाए रखने के लिए जल्द कदम उठाने का आग्रह


चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में प्रशासकीय पदों के लिए पंजाब और हरियाणा में स्थिति ज्यों का त्यों बनाए रखने को यकीनी बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को संघ शासित (यूटी) चंडीगढ़ में सिविल पदों को भरने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच 60:40 के अनुपात को बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं, क्योंकि यह यथास्थिति लंबे समय से चली आ रही है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि यह ढांढस देने वाली बात थी कि इस साल एक अक्टूबर को लिखे उनके पत्र के समर्थन की वजह से केंद्र ने चंडीगढ़ पुलिस के डीएसपी के पदों का दिल्ली, अंडमान, निकोबार आईलैंड पुलिस सर्विस (डीएएन आईपीएस) में विलय करने संबंधी 25 सितंबर, 2018 के नोटिफिकेशन पर अस्थाई तौर पर रोक लगाने पर सहमति जताई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय चंडीगढ़ प्रशासन में 14 आईएएस अफसर तैनात हैं और इनमें से सिर्फ तीन पंजाब से और दो हरियाणा से संबंधित हैं जबकि बाकी अधिकारी यूटी काडर के हैं। इस तरह चंडीगढ़ में 7 आईपीएस अधिकारी तैनात हैं इनमें से सिर्फ 1-1 अधिकारी पंजाब और हरियाणा से संबंधित हैं, जबकि बाकी 5 अधिकारी यूटी काडर के हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन में अधिकारियों को लगाने के लिए 60:40 के अनुपात को बरकरार नहीं रखा जा रहा।

उन्होंने कहा कि यही स्थिति अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों के संबंध में है, जिनमें अध्यापक, डॉक्टर और अन्य सिविल अधिकारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन में पदों को भरने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच 60:40 को बनाए रखने की जरूरत को सही माना था, परंतु पिछले कुछ सालों के दौरान इसमें असंतुलन पैदा हुआ है जिसको ठीक करने की जरूरत है।  उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को यह भी कहा कि वह चंडीगढ़ प्रशासन को सलाह दें कि वह पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारी को हाथ न लगाएं जो कि पहले ही निर्धारित अनुपात और पदों के अनुसार प्रदान की गई है।

Chandigarh-Police

Police File

DATED

11.11.2018

Three arrested for consuming liquor at public place

Three different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC have been registered in PS-3, Chandigarh against three persons who were arrested while consuming liquor at public place. Later they bailed out.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

Action against Gambling/Satta

Chandigarh Police arrested 1) Harjinder Singh R/o # 285, Village-Dhanas, Chandigarh 2) Binder R/o # 1375/7, Phase-11, Mohali, Punjab 3) Ravi R/o # 6, Mahavir Market, Village- Dhanas, Chandigarh 4) Satpal R/o # 2895, DMC, Chandigarh while they were gambling near tubewell, EWS Colony, Village-Dhanas, Chandigarh on 10.11.2018. Total cash Rs. 37,500/- was recovered from them. In this regard, a case FIR No. 285, U/S 13-3-67 Gambling Act has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh. Later they were released on bail. Investigation of the case is in progress.

One arrested for MV theft

Sh. Mohit Singh R/o # 3237/1, Sector-45/D, Chandigarh alleged that unknown person stolen away Complainant’s M/Cycle No. HR-05AG-1883 while parked near his residence on 03.10.2018. Later one person namely Soman Chouhan R/o Sekho Nursing Home, Sector-33, Chandigarh has been arrested in this case. A case FIR No. 401, U/S 379 added 411 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

A lady resident of Sector-21/C, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Activa No. HR-06T-4760 while parked near French Department, Punjab University, Sector-14, Chandigarh on 02.11.2018. A case FIR No. 330, U/S 379 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Rioting

Sh. Bittu R/o # 831/A, Small Flats, Village-Dhanas, Chandigarh alleged that Sandeep R/o # 485/B, EWS Colony, Village-Dhanas, Chandigarh and 7/8 unknown persons beaten/threatened complainant near # 831, EWS Colony, Village-Dhanas, Chandigarh. A case FIR No. 286, U/S 147, 148, 149, 323, 341, 506 IPC has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh. Alleged person namely Sandeep R/o # 485/B, EWS Colony, Village-Dhanas, Chandigarh has been arrested in this case. Investigation of the case is in progress.

Quarrel

A lady resident of Sector-20, Chandigarh alleged that Rajdeep Singh, Khushdeep Singh and Pavneet all resident of Sector-32, Chandigarh quarreled and outraged modesty, threatened and attacked complainant at her residence on 07.11.2018. A case FIR No. 314, U/S 323, 354, 452, 506, 34 IPC has been registered in PS-19, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Theft

Sh. Rajesh Khurana R/o # 725, Sector-41/A, Chandigarh reported that unknown person stolen away Battery from complainant’s Maruti 800 car No. CH-03L-2374 while parked near his house on night intervening 09/10-11-2018. A case FIR No. 433, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

पुलिस कार्यवाही से लाखों की नकली सिगरेट पकड़ी गयी

आपने “सिगरेट पीना स्वास्थय के लिए हानिकारक है” हमेशा कहीं न कहीं तो पढ़ा होगा, परंतु जब सिगरेट ही नकली हो तब तो मामला और भी संगीन हो जाता है।

कुरुक्षेत्र व पिपली पुलिस ने थाना सिटी व पिपली के अंतर्गत COPTA के अंतर्गत कार्यवाई करते हुए कई दुकानदारों पर नकली सिगरेट्स व उन सिगरेट्स को ज़ब्त किया जिन पर खतरे के निशान नहीं दर्शाये गए थे ।ऐसी सिगरेट्स भी ज़ब्त की गईं जिन पर बनाने वाले का पूरा विवरण COPTA कानून के अंतर्गत नहीं दिया गया था ।इस कार्यवाही में लाखों की कीमत की नकली व विदेशी सिगरेट्स पकड़ी गयीं जिन पर कर चोरी भी की जाती थी जिससे सरकार को सलाना करोड़ों का घाटा हो रहा था। उक्त कार्यवाई दिल्ली की NGO उत्प्रेरित consumer foundation के द्वारा दर्ज शिकायत के माध्यम से की गई।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार सभी प्रकार के वाहनों पर हाइ सेक्यूरिटी नंबर प्लेट लगवाना हुआ अनिवार्य

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत हर प्रकार के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना अनिवार्य हो गया है। अब इसका पालन कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने भी कमर कस ली है। जिसके तहत अब लगातार नेशनल हाई-वे 344 पर ट्रैफिक पुलिस पैनी नजर जमाए बैठी हैै। इस कड़ी में शुक्रवार व शनिवार को ट्रैफिक पुलिस ने लगभग 50 वाहनों के चालान काटे। ट्रैफिक पुलिस एएसआई वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सभी तरह के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के मुताबिक पुलिस ने खूब प्रचार प्रसार भी किया। इसके बाद भी लोग नियम के पालन के लिए गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि शनिवार को धीन गांव के पास इसी कड़ी में 15 चालान किए गए हैं। जिनमें 8 चालान बगैर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट व 7 चालान ओवरस्पीड के काटे गए हैं। इसी तरह शुक्रवार को भी मनका गांव के पास चालान किए गए थे । जिसमें 16 चालान बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट व 7 चालान ओवरस्पीड वाहनों के काटे गए थे। उन्होंने सभी वाहन चालकों को नसीहत देते हुए कहा कि सभी को यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए। वाहन चलाते समय सीट बेल्ट व हैलमेट का प्रयोग करना चाहिए।

अब प्रश्न यह उठता है की आखिर यह हाइ सेक्यूरिटी नुंबर प्लेट है क्या?

आपको इसके नाम से ही पता चल गया होगा कि यह नया नंबर प्‍लेट पहले के मुकाबले बेहतर और सु‍रक्षित होगा। आपको बता दें कि, हाई सिक्‍यूरिटी रजिस्‍ट्रेशन प्‍लेट एल्‍यूमिनीयम का बना हुआ एक प्‍लेट होगा। इस नंबर प्‍लेट पर एक होलोग्राम लगा होगा जिसपर एक चक्र बना होगा। यह होलोग्राम एक ऐसा स्टीकर होगा जिसपर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर इंगित होगा। सबसे खास बात यह है कि यह होलोग्राम जल्‍द नष्‍ट होने वाली नहीं होगा।

इसके अलावा हर प्‍लेट पर 7 अंकों का एक यूनीक लेजर कोड होगा जो कि हर वाहन के नंबर प्‍लेट पर अलग-अलग होगा। इस नंबर प्‍लेट पर आपके वाहन का जो रजिस्‍टेशन नंबर होगा वो सबसे खास होगा। जिसे हटाने या फिर मिटाने में पसीने छूट जायेंगे। इस नंबर प्‍लेट पर आपके वाहन का जो रजिस्‍ट्रेशन नंबर लिखा गया होगा वो किसी पेंट या फिर स्‍टीकर आदि से नहीं लिखा होगा।

नंबर को आपके प्‍लेट पर प्रेसर मशीन से लिखा गया होगा जो कि प्‍लेट पर उभरा हुआ दिखेगा। यह कार्य आरटीओ द्वारा किया जायेगा इस वजह से जो अंक और अक्षर उभरेगा उस पर भी आईएनडी दिखेगा। इस कार्य में कोई जालसाजी नहीं हो सकती है क्‍योंकि कोई भी व्‍यक्ति अपने मन से न तो इन नंबरों में कोई फेर बदल कर सकता है और न ही उन्‍हे मिटा सकता है।

इस हाई सिक्‍यूरिटी रजिस्‍ट्रेशन प्‍लेट को अपने वाहन पर लगाने के लिए आपको अपने जेब से कितना पैसा खर्च करना होगा? आइयें हम आपको बतातें है। यदि आपके पास चार पहिया वाहन है तो इसके लिए आपको महज 334 रूपये और यदि दोपहिया वाहन है तो महज 111 रूपये देनें होंगे।

इसके अलावा यदि आप कोई व्‍यवसायीक वाहन के लिए हाई सिक्‍यूरिटी रजिस्‍ट्रेशन प्‍लेट प्राप्‍त करना चाहतें है। इसके लिए 134 रूपये और यदि आपका वाहन हैवी व्‍यवसायीक वाहन की श्रेणी में आता है तो इसके लिए आपको 258 रूपये देनें होंगे। आपको बता दें कि हर हाई सिक्‍यूरिटी रजिस्‍ट्रेशन प्‍लेट के वैधता समय भी होगा एक प्‍लेट जारी किये गये तारिख से 5 वर्षो तक के लिए वैध माना जायेगा। स्‍नैप लॉक देगा मजबूती: यह एक तरह का पिन होगा जो कि आपके हाई सिक्‍यूरिटी रजिस्‍ट्रेशन प्‍लेट को आपके वाहन से जोड़ेगा। इसे विभाग द्वारा ही लगाया जायेगा। सबसे खास बात यह कि यह किसी स्‍क्रू या फिर नट-बोल्‍ट की तरह नहीं होगा जिसे आप स्‍क्रू ड्राइवर या फिर पाने से खोल सकेंगे यह पिन एक बार आपके वाहन से प्‍लेट को पकड़ लेगा तो य‍ह दोनों ही तरफ से लॉक होगा। जो कि किसी भी द्वारा खोला नहीं जा सकेगा।

आखिर इस नंबर प्‍लेट की आवयश्‍क्‍ता क्‍या है। आपको बता दें कि यह नंबर प्‍लेट न केवल आपको सुविधा प्रदान करेगा बल्कि अपराधियों पर भी पूरी नकेल कसेगा। आइयें बतातें है कैसे? इस नंबर प्‍लेट में प्रयोग किये गये स्‍नैप लॉक सिस्‍टम के कारण कोई भी आपके वाहन के रजिस्‍ट्रेशन प्‍लेट को हटा नहीं सकेगा जिससे वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देनें वालों की खैर नहीं होगी।

इसके अलावा ऐसा कई बार देखा गया है कि किसी हादसे या फिर दुर्धटना आदि के दौरान वाहन जल जातें है। इस दौरान सबसे बड़ी समस्‍या यही होती है कि वाहन के नंबर प्‍लेट भी इस कदर जल जातें है कि उन पर लिखे नंबर गायब तक हो जातें है। लेकिन इस हाई सिक्‍यूरिटी रजिस्‍ट्रेशन प्‍लेट के साथ ऐसा नहीं होगा। वाहन कितनी भी बुरी तरह जल जाये लेकिन इस प्‍लेट पर उभरे हुए अंकों और अक्षरों को छू कर अंदाजा लगाया जा सकेगा कि वाहन का रजिस्‍ट्रेशन नंबर क्‍या है

ओवर स्पीड से हो रहे हादसे, ट्रैफिक पुलिस लगाएगा लगाम…………

ट्रैफिक पुलिस एएसआई विरेन्द्र सिंह ने बताया कि नेशनल हाइवे 344 बनने के बाद वाहनों की स्पीड़ बढ़ गई है । लोग ओवर स्पीड ड्राईव करते है, जिससे लगातार हादसे घटित हो रहे है । जिसमें कुछ जाने भी जा चुकी है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस ओवर स्पीड वाहनों के चालान काट कर उन्हें निर्धारित स्पीड में वाहन चलाने की नसीहत भी देती है । उन्होंने कहा कि यह अभियान नेशनल हाईवे 344 पर लगातार जारी रहेगा ताकि वाहन चालक यातायात नियमों का पालन करें व हादसों के बढ़ते ग्राफ में कमी आए । उन्होंने कहा यातायात के नियम तोडऩे वाले किसी भी वाहन चालक को नहीं बक्शा जाएगा।

300 मीटर ऊंचे सौर ऊर्जा से चलायमन टावर एयर प्यूरिफाइर आज की आवश्यकता


दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए आईआईटी से पढे लिखे मुख्य मंत्री की नहीं अपितु नीति ओर नियत की आवश्यकता है। 


जब दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने की बात आती है तो विकल्पों पर नहीं राजनीति पर अधिक ध्यान दिया जाता है। हमारे आईआईटी से पढे हुए ओर आईआरएस की नौकरी छोड़ चुके मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल के पास समस्याओं के लिए कोई समाधान नहीं होने पर दोषारोपण की राजनीति करते हैं। जब उससे भी बात नहीं बनती तो गुपचुप विदेश भ्रमण पर निकाल जाते हैं।

आज जब दिल्ली और एनसीआर जब वायु प्रदूषण की भीषण समस्या से फिर जूझ रहे हैं तो हमें चीन के उस एयर प्यूरीफायर के बारे में जानना चाहिए, जो दुनिया का सबसे बड़ा प्यूरीफायर भी है.

ये प्यूरीफायर चीन के शांक्शी प्रांत के झियान शहर में एक टॉवर पर लगाया गया है. ये 330 फीट ऊंचा एअर-प्यूरीफायर है. दुनिया में इतना बड़ा प्यूरीफायर और कहीं नहीं है. इसे चीन के दिमाग की उपज भी कह सकते हैं.

पूरे शहर की हवा साफ रखने की क्षमता
लगाया गया. ये पूरे शहर की हवा को साफ करने की क्षमता रखता है. ये रोज एक करोड़ घनमीटर हवा को साफ करता है. इसके लगने के बाद शहर की साफ हवा की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है. इस शहर की स्थिति इस एयर प्यूरीफायर लगने से पहले ये थी कि शहर का शख्स हवा में 21 सिगरेट के बराबर विषैले तत्व हवा के साथ पी रहा था.

वैज्ञानिक इसका पूरा काम देखते हैं. ये जब से लगाया गया है तब से दस किलोमीटर के रेंज की हवा को साफ रखता है. केवल यही नहीं ये प्यूरीफायर टॉवर हवा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ स्मॉग को भी 15 से 20 प्रतिशत तक कम करता है.

सारी प्रणाली सौर ऊर्जा से नियंत्रित
टॉवर की सारी कार्य प्रणाली सौर ऊर्जा से नियंत्रित है. इसलिए इसको बाहर से कोई बिजली नहीं दी जाती. ये सूरज से मिलने वाली ऊर्जा से खुद ब खुद काम करता है. जो खबरें हैं, उसके अनुसार इसके रिजल्ट्स को लेकर चीन की साइंस एकेडमी के वैज्ञानिक संतुष्ट हैं.

वैज्ञानिक कहते हैं कि अभी तो ये शुरुआत है. इस टॉवर से आने वाले समय में और बेहतर रिजल्ट मिलने लगेंगे. वैज्ञानिक आने वाले समय इसकी क्षमता और ऊंचाई दोनों बढाएंगे ताकि ये 30 किलोमीटर रेंज की हवा को साफ रख सके. यानि अगर ऐसा प्यूरीफायर किसी छोटे शहर में लगा दिया जाए तो आराम से पूरे शहर को हेल्दी हवा देता रहेगा.

दो साल में बना प्रोजेक्ट

कभी ये हाल था कि इस शहर में सर्दियों के दौरान इतना ज्यादा प्रदूषण होता था कि लोगों का सांस लेना दुश्वार हो चुका था. मुख्य तौर पर इस शहर का हीटिंग सिस्टम कोयला आधारित था. इस प्रोजेक्ट को 2015 में शुरू किया गया और दो साल के भीतर इसे पूरा कर लिया गया.

वैसे बीजिंग में भी चीन ने इसी तरह का एक विशाल स्मॉग टॉवर बनवाया है. ये केवल बिजली से चलता है हालांकि इसकी क्षमता उतनी नहीं है, जितनी शांक्शी प्रांत के इस झियान शहर के टॉवर की.


झियान शहर के लोग महसूस करने लगे हैं कि अब जाड़े के दौरान जिस हवा में वो सांस ले रहे हैं, वो बेहतर है और इससे वो खुद में अच्छा फील कर रहे हैं.

 

Sardar Patel statue fast emerging as tourist spot but visitors rue lack of facilities

The daily quota of number of people visiting the observation deck has been fixed at 5,000.


Due to the heavy rush of visitors, the Gujarat government has issued an advisory about restrictions on the number of people the site can accommodate per day


The Statue of Unity, unveiled on 31 October to mark the birth anniversary of Sardar Patel, has already become a tourist destination. The rush of people to the Sardar Patel statue has also been facilitated by the ongoing holidays to mark Deepawali followed by the Gujarati New Year the next day and then the Bhaidooj festival followed by the weekend.

More than 18,000 people have visited the 182-metre statue erected on Sadhu island on the western bank of Narmada river, 3 kilometres downstream of the multipurpose dam at the tri-junction of Gujarat, Madhya Pradesh and Maharashtra.

The highest ticket collection in a single day has been recorded at Rs 36 lakh, with 11,219 people visiting the Sardar Patel statue the day before Diwali.

Due to the heavy rush of visitors, the Gujarat government has issued an advisory about restrictions on the number of people the site can accommodate per day, and also the limited capacity of the two lifts that take visitors to the viewing gallery at the chest level of the world’s tallest statue. People have also been advised to avoid crowding at the Statue of Unity site.

The daily quota of number of people visiting the observation deck has been fixed at 5,000 only, according to a statement from the information department.

Meanwhile, tourists visiting the Statue of Unity have complained of improper planning at the fast emerging tourism destination in Gujarat, pointing out lack of parking facilities, covered waiting areas and separate lanes for vehicles and pedestrians.

“Did they really want people to visit the monument?We were standing 3 hours straight in the heat on the road for 16 buses that’d cater to approximately 10k people at a time since private vehicles weren’t given direct entry clearly highlighting lack of parking provision,” Twitter user @kosha_shah11 posted on the micro-blogging site on 9 November.

She also posted photographs of the tourist centre showing lack of facilities, and blamed the government for opening a “world record breaker monument to the public with half planned proposals”.

She was not alone. Another user tweeted this: “Very bad experience at statue of unity, sardar sarovar.Pick and drop facilities are very poor. Got frustrated people were in queue for more than 2 hrs. Is it worth just for 5 min drive.Was expecting good service from Gujarat.”

Seema Darshan at Pakistan border

The Gujarat government also intends to develop its barren border with Pakistan as a tourist destination, being marketed as ‘Seema Darshan’. Chief Minister Vijay Rupani visited Nandabet in Banaskantha district bordering Pakistan on Deepawali to spend time with jawans of the Border Security Force (BSF). About 10 lakh people have visited Nandabet for ‘Seema Darshan’ ever since then CM Narendra Modi spent a day at the site along with BSF jawans.

BJP releases manifesto, lauds Raman Singh govt for curbing Naxalism

Chhattisgarh Chief Minister Raman Singh and BJP President Amit Shah.


The first phase of polls in Chhattisgarh will be held on November 12 covering 18 constituencies while the remaining 72 constituencies will go to polls on November 20.


The Bharatiya Janata Party on Saturday released the manifesto for Chhattisgarh Assembly elections. The manifesto was jointly released by BJP chief Amit Shah and Chhattisgarh Chief Minister Raman Singh.

Lauding the ruling government in the state, Amit Shah said the Raman Singh-led BJP government has changed the state in the past 15 years and has been successful in containing Naxalism. He said the chief minister had made a successful attempt to transform the state.

He further said the BJP government has ensured the prosperity of farmers in the state by introducing e-procurement of food grains and digitisation of Public Distribution System.

Notably, Chhattisgarh is among many states in the country with a completely decentralised system for procurement of paddy and wheat under Centre’s ‘Decentralised Procurement Scheme (DCP)’.

The BJP president further noted that Chhattisgarh was the first state to provide short-term interest-free agriculture loan under the BJP rule.

He said the state was the among the first to bring out an ordinance for skill development, through which the BJP government had done a better job of employing the poor.

Exuding confidence in his party, Amit Shah said the BJP will form the government in Chhattisgarh for the fourth consecutive time.

Laying out a slew of projects, Shah said, extending 24-hour electricity, pure water, road construction, education, health, and transport facilities to the remote areas were the major achievements of the BJP government led by Chief Minister Raman Singh.

Meanwhile, Amit Shah accused the Congress of supporting and terming the Naxals as “revolutionaries” in the state.

He said a party which terms Naxals as revolutionaries cannot bring development in the state.

Earlier on Friday, while addressing a rally in Chhattisgarh’s Jagdalpur, Prime Minister Narendra Modi lashed out the opposition Congress accusing the party of “supporting urban Maoists” in the poll-bound state.

The PM had urged the people of Bastar to “teach the Congress leaders a fitting lesson who on one hand try to shield the urban Maoists and on the other, speak about freeing Chhattisgarh from Maoists”.

Rahul Gandhi who also addressed a rally in Chhattisgarh’s Kanker attacked the BJP government over alleged inaction against insolvent businessmen who have “fled the country”.

Gandhi is slated to be on a two-day tour of the state.

The Congress is hoping to leverage anti-incumbency sentiments and the rising agrarian crisis in the state in its bid to oust the 15-year-old Raman Singh-led government.

The campaigning for the first phase will end on Saturday.

The first phase of polls will be held on November 12 covering 18 constituencies across eight Naxal-affected districts namely Bastar, Kanker Sukma, Bijapur, Dantewada, Narayanpur, Kondagaon and Rajnandgaon. The remaining 72 constituencies will go to polls on November 20.

The counting of votes will be taken up on December 11.

Sri Lanka Oppn. to challenge dissolution of Parliament


High stakes legal battle in offing as parties will move Supreme Court next week


A day after Sri Lankan President Maithripala Sirisena controversially dissolved Parliament, parties opposed to the decision are preparing for a high stakes legal battle.

Major parties on Saturday decided to move the Supreme Court early next week, challenging Mr. Sirisena’s decision that, they said, violated the Constitution.

The United National Party (UNP) of the deposed Prime Minister, Ranil Wickremesinghe, and its coalition partners will mount a legal challenge, according to their members.

The Sri Lanka Muslim Congress (SLMC), which is part of the UNP-led front, is contemplating court action independent of the coalition as well, a senior member said.

The All Ceylon Makkal Congress (ACMC) is also preparing to petition the Supreme Court on Monday. “This is not because we fear elections, but because we think the President’s actions are completely unconstitutional and against democratic values,” ACMC leader Rishad Bathiudeen told The Hindu.

Further, the Tamil National Alliance (TNA) and the Janatha Vimukthi Peramuna (JVP), which were part of the Opposition in the House that was dissolved, are readying to file petitions in the Supreme Court on Monday.

‘Statute contravened’

The TNA will seek an interim order suspending the President’s proclamation on the dissolution of Parliament and calling for general election, party sources said.

Speaking to The Hindu on Saturday, Leader of the Opposition and TNA veteran R. Sampanthan said the action taken by the executive on Friday “contravened” the Constitution.

“I don’t think it can be constitutionally supported,” Mr. Sampanthan said.

“It was a follow-up action to the executive’s earlier actions — removing the prime minister, appointing a new prime minister and proroguing parliament. None of those can be constitutionally backed,” Mr. Sampanthan said.

The President’s move to dissolve Parliament, he said, was to do with “the inability” of the “purported new Prime Minister” to show majority in the House. “It was meant to serve a collateral and ulterior purpose,” he added.

Even as President Sirisena’s decision is being legally disputed, newly sworn-in Prime Minister Mahinda Rajapaksa and his supporters have welcomed early polls that will establish “the will of the people”.

JVP’s national organiser and parliamentarian Bimal Rathnayake told The Hinduthat while the party had been gearing up for elections since last year, “what we need is not just any election. We need a free and fair election. In the current circumstances, that is ruled out.”

Pointing to President Sirisena “violating the Constitution in broad daylight”, he said the Sirisena-Rajapaksa camp was keen on going to polls “only to legitimise all its illegal moves and recent appointments to the new cabinet.” The TNA also said it recognised the democratic spirit of elections but questioned the validity of polls being held in the wake of “unconstitutional” moves.

“Say they conduct elections and get an outcome they don’t like. How can we be sure they won’t dissolve Parliament again?” asked TNA legislator and senior lawyer M.A. Sumanthiran.

Role of poll panel

All eyes were on the Election Commission on Saturday, to see if the poll watchdog would independently seek the Supreme Court’s opinion on the matter. Following a meeting of its three commissioners, sources told The Hindu that one of them was of the view that “there was no vacancy in Parliament” and hence the question of holding polls did not arise.

The remaining two, however, had underscored the need to follow the President’s gazette notification and had reportedly asked the Commissioner General to begin preparatory work for the scheduled polls. On seeking the court’s opinion, a source familiar with the discussion said: “The Commission will give its input if it is named as a party [by any other petitioner].