‘दिल्ली मांगे अपना हक’ नाम से हस्ताक्षर अभियान चलाएगी आआपा


गोपाल राय ने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं होने की वजह से दिल्ली के मतदाताओं के मत की अहमियत अन्य राज्यों के मतदाताओं से कमतर है


दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को आम आदमी पार्टी (आप) एक अहम राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए व्यापक अभियान की शुरुआत आगामी एक जुलाई से करेगी. इसके लिए पार्टी ने दिल्ली में एक जुलाई को महासम्मेलन का आयोजन कर तीन से 25 जुलाई तक ‘दिल्ली मांगे अपना हक’ नाम से हस्ताक्षर अभियान चलाने का फैसला किया है.

पार्टी की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने शुक्रवार को बताया कि सम्मेलन में दिल्ली के सभी मुहल्लों से हर वर्ग के प्रतिनिधि एकत्र होकर इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाएंगे. इसके अलावा जनता को इस मामले की गंभीरता से अवगत कराने के लिए हस्ताक्षर अभियान के जरिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा जिससे लोग इस पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं होने के कारण विकास कार्यों में आने वाली बाधाओं से अवगत हो सकें. इसमें लगभग 10 लाख लोगों से हस्ताक्षर करवा कर उनकी मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाई जाएगी.

उन्होंने कहा कि दिल्ली के विकास कार्यों में आ रही बाधाओं की एकमात्र वजह पूर्ण राज्य का दर्जा न होना है. राय ने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं होने की वजह से दिल्ली के मतदाताओं के मत की अहमियत अन्य राज्यों के मतदाताओं से कमतर है. दिल्ली के मतदाता अपने वोट से ऐसी सरकार चुनते हैं जिसके पास शासन प्रशासन संबंधी पर्याप्त अधिकार नहीं हैं जबकि अन्य राज्यों के मतदाता पूर्ण अधिकार संपन्न सरकार को चुनते हैं.

 

पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग पर मुंह छुपा रही है कांग्रेस और बीजेपी

राय ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी ने समय-समय पर दिल्ली की जनता को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया, लेकिन आज जब दिल्ली की जनता पूर्ण राज्य की मांग कर रही है तो दोनों ही पार्टियां मुंह छुपा रही हैं.

पूर्ण राज्य नहीं होने के कारण दिल्ली के छात्रों के साथ हो रहे भेदभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत अंक पाने के बावजूद दिल्ली के छात्रों को कॉलेजों में दाखिला नहीं मिल पाता है. कमोबेश यही स्थिति रोजगार के मामले में भी है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा के पिछले सत्र में भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित हुआ था. इसमें नई दिल्ली क्षेत्र को छोड़कर बाकी इलाकों में प्रशासनिक जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के क्षेत्राधिकार में होने की बात कही गई है. इस अभियान के जरिए केन्द्र सरकार पर जनता की ओर से दबाव बनाने की हरसंभव कोशिश की जाएगी.

भाजपा को मिल सकता है सत्तारूढ़ दलों के विधायकों का साथ : येदियुरप्पा


येदियुरप्पा ने बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए जेडीएस- कांग्रेस गठबंधन को ‘अपवित्र गठबंधन’ करार दिया


कर्नाटक में सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सदस्यों में असंतोष के बीच प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने आज दावा किया कि कांग्रेस और जेडीएस के कई नेता उनकी पार्टी में शामिल होने को तैयार हैं.

विधानसभा में विपक्ष के नेता येदियुरप्पा ने यहां बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए जेडीएस- कांग्रेस गठबंधन को ‘अपवित्र गठबंधन’ भी करार दिया. येदियुरप्पा ने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि वे 2019 के आम चुनाव में राज्य की 28 लोकसभा सीटों में 25 पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने की दिशा में काम करें.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और जेडीएस के कई नेता मौजूदा राजनीतिक स्थिति में बीजेपी में शामिल होने को तैयार हैं. मैं नेताओं से अपील करता हूं कि वे ईमानदार और सक्षम लोगों को लाकर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करें.’

येदियुरप्पा ने कहा, ‘जो लोग बीजेपी में आने को तैयार हैं, हमें उन तक, उनके घरों तक व्यक्तिगत रूप से जाना होगा और उन्हें पार्टी में लाने तथा लोकसभा चुनाव के वास्ते पार्टी को मजबूत करने के लिए उनसे बात करनी होगी.’

इससे पहले जब कैबिनेट विस्तार के बाद कांग्रेस और जेडीएस, दोनों में व्यापक असंतोष था, तब येदियुरप्पा ने दावा किया था कि सत्तारूढ़ गठबंधन के कई नेता उनकी पार्टी में शामिल होने को इच्छुक हैं.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने के लिए येदियुरप्पा की हालिया अहमदाबाद यात्रा के बाद ये अटकलें लगाई जा रही थी कि कांग्रेस के कई असंतुष्ट विधायक उनके संपर्क में हैं और पाला बदलने के लिए तैयार हैं, जिससे बीजेपी राज्य में एक बार फिर सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है.

हालांकि, येदियुरप्पा ने यह कहते हुए इन अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की थी कि वह शाह को पार्टी की आज की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के लिए आमंत्रित करने वहां गए थे.

उन्होंने पिछले महीने विधानसभा में विश्वासमत का सामना किए बगैर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि बीजेपी बहुमत जुटाने में विफल रही थी. इस साल मई में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के बाद आज बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी की पहली बैठक हुई.

इसमें पार्टी महासचिव मुरलीधर राव, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, रमेश जिगाजिनगी और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार सहित अन्य नेता शामिल हुए.

जी सी चतुर्वेदी होंगे ICICI के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष


ICICI के नए चैयरमैन जीसी चतुर्वेदी को उनके जूनियर उन्हें निर्विवादित और सौहादपूर्ण अधिकारी के तौर पर याद करते हैं


वर्तमान में प्रबंधन के स्तर पर कई परेशानियों का सामना कर रहा आईसीआईसीआई बैंक ने सरकार के विश्वसनीय और पूर्व पेट्रोलियम सचिव जीसी चतुर्वेदी को अपना गैर-कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. चतुर्वेदी उत्तर प्रदेश कैडर के 1977 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं और 3 मई 2011 तक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव के रूप में भी काम भी कर चुके हैं.

उनके जूनियर उन्हें निर्विवादित और सौहादपूर्ण अधिकारी के तौर पर याद करते हैं. चतुर्वेदी से जुड़ी एक घटना को याद करते हुए अधिकारियों ने बताया कि जब पेट्रोलियाम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव के रूप में वो पहली बार मंत्रालय पहुंचे तो सभी संयुक्त सचिव और निदेशकों को दरवाजे पर खुद जा कर अपना परिचय पेश किया था. यह नौकरशाही में अपने आप में एक दुर्लभ घटना थी. चतुर्वेदी उस समय सचिव बने थे जब जनार्दन रेड्डी पेट्रोलियम मंत्री हुआ करते थे. रेड्डी से उनका संबंध शहरी विकास मंत्रालय के दिनों से था.

चतुर्वेदी उत्तर प्रदेश सरकार में भी कई सालों तक काम कर चुके हैं. इसके साथ ही वो कैनरा बैंक के डायरेक्टर के पद पर भी रह चुके हैं. चतुर्वेदी ने फिजिक्स और सोशल पॉलिसी में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक से एमएससी किया है. यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से उन्होंने इकोनॉमिक हिस्ट्री में डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की है.

महिला अफसर को गटर से बचाया गया

गुजरात मे कलेक्टर महोदया स्मार्ट सिटी की सफाई का जायजा लेने गयी तो खुद ही गटर मॆ गिर गयी । नाले के जिस ढक्कन पर DM खड़ी थीं, वही टूट गया।

इसको कहते हैं कमिशनखोरी l

ठेकेदार को 100 तोपों की सलामी l

 

 

मोदी को उन सभी सवालों के जवाब देने चाहिए जो वह चार साल पहले तक मनमोहन सिंह सरकार से पूछा करते थे

 


कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी को उन सभी सवालों के जवाब देने चाहिए जो वह चार साल पहले तक मनमोहन सिंह सरकार से पूछा करते थे


कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत में रिकॉर्ड गिरावट और स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों द्वारा जमा कराए जाने वाले धन में 50 फीसदी की बढ़ोतरी को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि उन्हें अब उन सभी सवालों के जवाब देने चाहिए जो वह चार साल पहले तक मनमोहन सिंह सरकार से पूछा करते थे.

पार्टी ने मोदी का 2013 का एक वीडियो भी जारी किया जिसमें वह डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने के लिए तत्कालीन संप्रग सरकार पर हमले करते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता आर पी एन सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री जी ने कहा था जब मेरी सत्ता आएगी तो जो हिंदुस्तानियों ने 80 लाख करोड़ विदेशों में कालाधन छुपाया हुआ है, उसको लाकर 15 लाख हर गरीब के खाते में डाला जाएगा. लेकिन जो स्विस बैंक के ताजा अधिकृत आंकड़े आए हैं उनसे पता चलता है कि स्विस बैंकों में जमा भारतीय धन में 50 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हो गई है.’


मोदी तो भारतीय अर्थव्यवस्था को डॉलर मुक्त बनाने जा रहे थे, क्या हुआ……….


उन्होंने कहा, ‘इससे पहले स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों द्वारा जमा कराए जाने वाले पैसे में सबसे ज्यादा वृद्धि 2004 में हुई थी जब भाजपा की सरकार थी.’ सिंह ने कथित बैंकिंग घोटालों और एनपीए का उल्लेख करते हुए दावा किया, ‘कुछ लोग हमारे बैंकों से 70,000 करोड़ रुपए लेकर देश छोड़ कर भाग गए. ये पैसे देश के गरीब लोगों के थे. बैंकों का एनपीए भी 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है. बैंकिंग व्यवस्था में लोगों का विश्वास कम हो रहा है.’

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘सरकार से बाहर रहते हुए मोदी जी हर मंच पर, कारोबारी बैठकों में, चुनावी भाषणों में जो सवाल पूछा करते थे, उनका जवाब आज उन्हें खुद देना चाहिए. देश इन मुद्दों पर उनका जवाब सुनना चाहता है.’ इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, ‘स्विस बैंकों में काला धन 50 फीसदी बढ़कर 7000 करोड़ रुपए हुआ. वादा था विदेशी बैंकों से 100 दिनों में 80 लाख करोड़ रुपए वापस लाने का. जुमले बने ‘अच्छे दिन, कहां गए वो सच्चे दिन?’

स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में रखा गया धन 2017 में 50 फीसदी से अधिक बढ़कर 7000 करोड़ रुपए (1.01 अरब फ्रेंक) हो गया. गौरतलब है कि कल डॉलर के मुकाबले रुपया 49 पैसे लुढ़ककर अब तक के निम्नतम स्तर 69.10 रुपए पर पहुंच गया था.

इलाज और बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन करवा कर लौटे सिद्धरमैया


सिद्धरमैया ने ट्वीट करके कहा कि 15 दिन के आयुर्वेदिक इलाज और बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन के बाद उनका शरीर और दिमाग राजनीति में सक्रिय होने के लिए पूरी तरह तैयार है


गुरुवार रात कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया बेंगलुरु वापस लौटे. एयरपोर्ट पर उतरने के 15 मिनट बाद सिद्धारमैया ने ट्वीट करके कहा कि 15 दिन के आयुर्वेदिक इलाज और बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन के बाद उनका शरीर और दिमाग राजनीति में सक्रिय होने के लिए पूरी तरह तैयार है.

हालांकि, यह ट्वीट एक साधारण और आम ट्वीट लगता है, लेकिन इसके जरिए सिद्धारमैया ने अपनी पार्टी कांग्रेस और गठबंधन साझीदार जेडीएस दोनों को संदेश दे दिया है कि उनकी अनदेखी नहीं होनी चाहिए. आने वाले दिनों में वह बड़ी भूमिका निभाएंगे.

प्राकृतिक चिकित्सा के लिए उज्जिर गए थे

कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता और कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धारमैया, राज्य में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन बनने के बाद मैंगलौर के पास उज्जिर में प्राकृतिक चिकित्सा के लिए चले गए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह राजनीति से पूरी तरह दूर हैं. हालांकि, उन्होंने अपने करीबी नेताओं से मुलाकात की और उनकी ‘निजी’ बातचीत मीडिया में भी लीक हो गई.

सिद्धारमैया कांग्रेस द्वारा उन्हें अनदेखा कर जेडीएस से सीधे बातचीत करने की वजह से पार्टी हाईकमान से नाराज हैं, लीक ऑडियो और वीडियो के माध्यम से उन्होंने अपनी नाराजगी सार्वजनिक कर दी. बताया जा रहा है कि इसके बाद कुमारस्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से शिकायत कर सिद्धारमैया पर नियंत्रण रखने की मांग की थी.

पहले ही सरकार गिरने की घोषणा कर चुके हैं सिद्धरमैया

गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा था कि कांग्रेस-जेडीएस के बीच कोई समस्या नहीं है. सरकार अपना कार्यकाल खत्म करेगी, जबकि इससे ठीक एक दिन पहले सिद्धारमैया ने अपने सहयोगियों को कहा था कि यह सरकार लोकसभा चुनाव से ज्यादा नहीं चलेगी.

जेडीएस सुप्रीमो और एक समय पर सिद्धरमैया के गुरु एचडी देवगोड़ा ने गठबंधन में चल रही उठापठक पर गुरुवार को बयान देते हुए कहा था कि कांग्रेस और जेडीएस के बीच कोई समस्या नहीं है, गठबंधन सरकार लंबी चलेगी.

दरअसल, देवगौड़ा के साथ सिद्धारमैया के मनमुटाव राजनीतिक कम और निजी ज्यादा हैं, इसलिए कांग्रेस उनकी नाराजगी को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है. कर्नाटक के ज्यादातर कांग्रेस नेताओं का मानना है कि गौड़ा के प्रति सिद्धारमैया का गुस्सा गठबंधन के पतन का कारण नहीं बनना चाहिए.

कांग्रेस के नेता हैं नाखुश

एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अगर कर्नाटक में फिर से बीजेपी आती है, तो इसके लिए सिद्धारमैया पूरी तरह से उत्तरदायी होंगे. उन्होंने पिछले पांच सालों में बीजेपी, आरएसएस, हिंदुत्व, मोदी और शाह के खिलाफ इतने बयान दिए हैं, अगर वह वास्तव में धर्मनिरपेक्ष नेता हैं और बीजेपी के खिलाफ हैं, तो उन्हें गठबंधन सरकार का समर्थन कर इसे साबित करना होगा. गौड़ा परिवार के साथ उनके व्यक्तिगत मुद्दे रास्ते में नहीं आने चाहिए, लेकिन नीतीश कुमार की तरह वह भी जनता परिवार की पृष्ठभूमि से हैं. इसलिए वह भी कुछ भी कर सकते हैं.’

सिद्धारमैया के किसी भी कदम के जवाब में देवगौड़ा और कुमारस्वामी ने बीजेपी का विकल्प खुला रखा हुआ है. गुरुवार को बीजेपी एमएलसी और येदियुरप्पा के करीबी लहर सिंह की देवगौड़ा से मुलाकात के बाद इस बात को और अधिक बल मिला है. लहर सिंह ने कहा था कि यह शिष्टाचार मुलाकात थी, जिसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.

वहीं, कर्नाटक कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी सिद्धारमैया पर लगाम लगाएं. उन्हें बताएं कि उन्होंने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया और राज्य में खुली छूट दी, लेकिन यह वक्त गठबंधन के साथ चलने का है.

तीसरे मोर्चे की तैयारी में लगे देवेगौडा


एच.डी देवगौड़ा को कांग्रेस के समर्थन वापस लेने से प्रधानमंत्री के पद से हटना पड़ा था. लेकिन अपने भाषण में देवगौड़ा ने कहा था कि अगर उनकी किस्मत में फिर से प्रधानमंत्री बनना है तो वो फिर से उठेंगे और कांग्रेस पार्टी भी उसको रोक नहीं सकती है.


कांग्रेस के नए साथी बने एच.डी देवगौड़ा भी तीसरे मोर्चे की बात शुरू करने वाले हैं. जिसके लिए गैर बीजेपी दलों के नेताओं से मिलने का सिलसिला शुरू कर रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री भी राजनीतिक संभावना तलाश रहे हैं. एच.डी देवगौड़ा ने कहा कि हमे जल्दी ही तीसरा मोर्चा खड़ा कर लेना चाहिए, ये वक्त की जरूरत है. क्योंकि समय से पहले चुनाव से इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि कांग्रेस के लिए राहत की खबर है कि कर्नाटक में जेडीएस ने कांग्रेस के साथ ही रहने की बात कही है.

लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए दोनों दलों के बीच औपचारिक बातचीत नहीं शुरू हुई है. एच.डी देवगौड़ा कांग्रेस के समर्थन से केंद्र में सरकार चला चुके हैं. जिसमें बीजेपी को छोड़कर लगभग सभी दलों की भागीदारी रही है. कई दल जो एनडीए के साथ हैं, वो संयुक्त मोर्चा सरकार में शामिल थे. यूपीए के साथी भी इस सरकार के हिस्सा थे. जाहिर है कि देवगौड़ा की राजनीतिक गणित में इन सभी संभावनाओं का खयाल जरूर रखा गया होगा.

कर्नाटक में सरकार से मिली मजबूती

कर्नाटक में सरकार आने से जेडीएस को मजबूती मिली है. इससे पहले जेडीएस की केंद्रीय राजनीति में कोई भूमिका नहीं थी. जेडीएस की कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनने के बाद एच.डी देवगौड़ा को केंद्र की राजनीति में दखल देने का मौका मिल गया है. एच.डी देवगौड़ा भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री बने थे. अब उनके बेटे एच.डी कुमारास्वामी मुख्यमंत्री हैं. देवगौड़ा को लग रहा है कि संभावना के इस खेल में उनकी लॉटरी फिर से लग सकती है. इसलिए वो सक्रिय हो रहे हैं.

दक्षिण की भूमिका

बीजेपी अपनी सारी ताकत उत्तर के राज्यों में लगा रही है. नया प्रयोग बंगाल और ओडिशा में कर रही है. बीजेपी को साउथ के राज्यों से ज्यादा उम्मीद नहीं है. कांग्रेस भी इन राज्यों में कमजोर है. रीजनल पार्टियां यहां मजबूत हैं. तमिलनाडु में एआईडीएमके और डीएमके, आंध्र प्रदेश में टीडीपी और वाईआरएस तेलांगना में टीआरएस जो पहले से ही तीसरे मोर्चे की वकालत कर रही है. केरल में भी लेफ्ट कांग्रेस के मुकाबले में है. ओडिशा में नवीन पटनायक गैर कांग्रेस गैर बीजेपी मोर्चे के साथ जा सकते हैं. ममता बनर्जी खुलकर तीसरे मोर्चे के लिए कवायद कर रही हैं.

केजरीवाल का भी मिलेगा साथ

राहुल गांधी के इफ्तार में सभी विपक्षी दलों को दावतनामा भेजा गया. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्योता नहीं दिया गया था. दिल्ली में केजरीवाल एलजी के खिलाफ धरने पर बैठे तो कांग्रेस का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा. लेकिन ममता बनर्जी समेत चार मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिलने दिल्ली आए थे. इनमें एच.डी कुमारास्वामी भी शामिल थे. इसके अलावा चंद्रबाबू नायडू और केरल के सीएम पी.विजयन भी थे. केजरीवाल और ममता के रिश्ते काफी अच्छे हैं. ममता कई बार कांग्रेस के नेताओं से इशारा कर चुकी हैं. ममता चाहती हैं कि केजरीवाल को भी भविष्य के गठबंधन में शामिल किया जाए. लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं है.

देवगौड़ा ने किया इशारा

पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी देवगौड़ा ने कई इशारे किए हैं. बेंगलूरु में कुमारास्वामी के शपथग्रहण समारोह में लगभग पूरा विपक्ष शामिल हुआ था. जिसपर देवगौड़ा ने साफ किया है कि मंच पर एक साथ दिखाई देने वाले नेता, जरूरी नहीं है कि चुनाव भी साथ लड़े, यानि संकेत साफ है कि कांग्रेस किसी मुगालते में ना रहे. मंच का फोटोसेशन राजनीतिक मुनाफे में तब्दील हो इसकी कोई गारंटी नहीं है. देवगौड़ा अभी कोशिश कर रहे हैं कि वो संयुक्त मोर्चा की तर्ज पर नया गठजोड़ खड़ा करें. अगर इसमें कामयाबी मिली तो कांग्रेस को सलाम नमस्ते भी कर सकते हैं. देवगौड़ा की अगुवाई वाली सरकार में लेफ्ट के इंद्रजीत गुप्ता मंत्री थे तो मुलायम, लालू, पासवान, शरद यादव तक मंत्रिपरिषद में थे. डीएमके, टीडीपी भी सरकार के साथ थे. बीजेडी तब जनता दल का ही हिस्सा थी.

कर्नाटक में ऑल इज नॉट वेल

कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का वीडियो वायरल हुआ है. इसमें वो आशंका जाहिर कर रहे हैं कि प्रदेश की सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है. जबकि इस पर देवगौड़ा ने कहा कि ऐसा सिद्धरमैया सोचते होंगे. जिससे लगता है कि कर्नाटक में गठबंधन की सरकार में को की कमी है.पार्टी के सीनियर नेता सरकार के कामकाज पर खुश नहीं है.जिससे बार बार इस तरह की बाते उठ रही है.

ड्राइविंग सीट के लिए मारामारी

यूपीए का गठबंधन का स्वरूप सामने नहीं आया है. कमजोर जेडीएस को ड्राइविंग सीट देने से रीजनल पार्टियां संभावना तलाश रही हैं. आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस को आगाह कर चुके हैं. कांग्रेस के साथी राज्यों में गठबंधन मनमुताबिक चलाना चाहते हैं. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के बारे में जो नो वैकेंसी वाला बयान दिया है. इसको साबित करता है. कांग्रेस ने भी तेजस्वी के बयान पर कुछ नहीं कहा है. बिहार में कांग्रेस की मजबूरी आरजेडी है.

कांग्रेस नहीं कर रही प्रयास

शायद कांग्रेस को हालात का अंदाजा है, इसलिए औपचारिक तौर पर कोशिश नहीं हो रही है. कांग्रेस के नेता समय का इंतजार करने की बात कह रहे हैं. चुनाव नजदीक आने पर कांग्रेस की कोशिश तेज होगी. राज्यवार गठबंधन की बात पर विचार हो रहा है. लेकिन यूपीए का कुनबा बढ़ाने की कोशिश नहीं की जा रही है. एनडीए का साथ छोड़ रहे दलों से कांग्रेस की तरफ से कोई पेशरफ्त नहीं हो रही है. जिससे तीसरे मोर्चे की बात बार-बार उठ रही है.

कांग्रेस ने गिराई थी देवगौड़ा सरकार

एच.डी देवगौड़ा को कांग्रेस के समर्थन वापस लेने से प्रधानमंत्री के पद से हटना पड़ा था. लेकिन अपने भाषण में देवगौड़ा ने कहा था कि अगर उनकी किस्मत में फिर से प्रधानमंत्री बनना है तो वो फिर से उठेंगे और कांग्रेस पार्टी भी उसको रोक नहीं सकती है. देवगौड़ा शायद फिर से उठने की कोशिश कर रहे हैं. इस बार हालात 1996 से भी ज्यादा मुफीद हैं. फर्क इतना है कि तब कांग्रेस की कमान केसरी के पास थी अब राहुल गांधी के पास है.

Jordan Sandhu and Payal Rajput will be seen in Punjabi Film, “Hanji Hanji”

Chandigarh, June 29, Friday 2018 : 

Punjabi cinema which is touching new heights everyday is no longer bound to the limited number artists or boundaries. For the past few years, new artists have brought themselves in front of the audience with lot of good talent and promises and in this kind of era, Punjabi film, “Hanji Hanji” is also going to make a significant mark in the industry. Being made under the banners of Teji Productions and Mahi Productions, the film was announced here in Chandigarh today in a private hotel. Present on this occasion were, the renowned singer Jordan Sandhu, playing the lead, and the actress Payal Rajput, famous bollywood artist, Sumit Gulati, Director Rakesh Dhawan, Producers, Ricky Teji, Deep Sood, Khushwant Singh and Co-Producer, Sukhdev Singh (Next Level Entertainment) and the Executive Producer Miss. Gunjan Chauhan.

On this occasion, the Director Rakesh Dhawan, said, that he has been associated with the entertainment industry from quite a long time. As a writer he has written many comedy and other shows and films as well and he is going to connect with the Punjabi Film Industry now. He further added that he has written so much for Punjabi Films as a writer, but as a Director, this will be his first Punjabi Film. This film is a complete family film whose shooting will be done in Canada and Punjab both. The first schedule of the film will be shot in Canada.

Renowned singer, Jordan Sandhu, said, that this film will show his acting skill in a different manner altogether. The audience will like its concept/subject and his character too. As per Jordan, this film is going to make his name in the industry. Infact he has finished the shooting of one punjabi film but this film is surely going to mark my presence in this industry. Got famous from her punabi film, “Channa Mereya”, the lead actress Payal Rajput is quite enthusiastic being a part of this film and said that the audience will be happy to see me in two different shades in this film. Payal, has complete trust in the Director and the Producers of this film, that they do full justice to the film and with the audience too. Sumit Gulati, the famous bollywood arist, also added that the audience loved my work in punjabi film, “Golak Bugni Bank Te Batua” and this love is the only reason he is a part of this film as well. This film will actually entertain its audience completely. His character in the film will actually tickle the audience with laughter. This is Producers Ricky Teji, Deep Sood, Khushwant Singh and Co-Producer, Sukhdev Singh (Next Level Entertainment) first Film. After having spent a good amount of time with the renowned personalities of the film industry, the producers chose this subject and selected the artists. They have full belief, that the audience will like this film a lot. There are couple of other renowned artists in this film whose names will also be revealed soon. The audience will also listen to the heart touching music also in this film.

PHD CHAMBER TO HOST STATES’ CONCLAVE – 2018 THEMED ON NEW INDIA@PUNJAB 2022

Chandigarh:

PHD Chamber of Commerce and Industry in collaboration with ‘Invest India’ – Investment Promotion and Facilitation Agency of Govt of India is organizing “States’ Conclave – 2018” which is themed on ‘New India @ Punjab 2022’ on August 24, 2018 at Hotel Taj Palace, New Delhi. Mr. Anil Khaitan, President, PHD Chamber along with Mr R.S Sachdeva, Chairman , Punjab Committee, Dr Ashok Khanna, Former President, PHD Chamber, Mr Satish Bagrodia, Former President, PHD Chamber, and Mr Rajiv Bhatnagar, Chairman, Defence and HLS Committee, PHD Chamber met Captain Amarinder Singh, Chief Minister, Punjab today to extend the invitation for this prestigious conclave.

This event is in continuation to the Chamber working relentlessly over the decades for the socio-economic development of Indian States with a motto – ‘Strong States Make Strong Nation.’. The conclave wll e attended by Industry captains and investors who are engaged in their businesses in Punjab.

A delegation of PHD Chamber under the leadership of its President  Anil Khaitan today met Captain Amarinder Singh, the Chief Minister of Punjab to extend him the invitation for conclave. Mr.Khaitan appraised Chief Minister about the background and objectives of the conclave.

 

In its 15th edition this year, PHD Chamber aims to support for “Making New India” through strengthening the base for government-industry interface at statesby ensuring the best desired outcomes in these crucial thrust areas during the Conclave and further on through sustainable practices which includes Agro & Food Processing, Healthcare, Infrastructure, MSME, Renewable Energy, IT &ITeS, Auto & Engineering, Tourism, Textiles, Defence Manufacturing and Electronics System Design & Manufacturing (ESDM)

According to Anil Khaitan, President, PHD Chamber, “The Government of India (GoI) with its latest vision, mission and further goals and policies, is pushing forth the idea of a government which governs, facilitates and encourages the citizens from diverse stratums to participate in economic development activities. Such a vision necessitates innovative means to achieve the desired ends.

As per an estimate of International Monetary Fund (IMF), the past 26 years have seen the Indian economy grow more than eightfold in dollar terms between 1992 and 2018. A $293 billion economy 26 years back is now a $2.65 trillion one in 2018. Average incomes have also gone up by a factor of six over the same period – from $318 to $1,852.

At the cusp of decisive change, if the collaborative efforts of government and industry could continue with the same momentum or increased pace, the next 25 years will end with making India a $20 trillion economy or even richer where the average Indian citizen would earn $7,100 or more.

“That is on track of attaining the goals figured out with “Making New India,” and the Conclave keeping the constructive bearing with the government and industry, spearheads the Campaign to transform the way India perceives governance.” Said Khaitan

A uniquely significant programme on government-industry interface in India, it upholds to ensure a robust eco-system for businesses, by simplifying the official procedures and making them transparent at decision-making levels, with greater interface of technology. Also, it proactively supports India’s “Economic Reforms Mission,” with bringing the highest echelons of government and industry at one powerful platform where who’s who of India makes their presence felt.

About PHD Chamber

PHDCCI, established in 1905, is a proactive and dynamic multi-State apex organisation working at the grass-root level across States of India and develop strong national and international linkages. Through policy interventions, it acts as a catalyst in the promotion of industry, trade and entrepreneurship.

The 113-year old Chamber is focused on facilitating nation-building endowed with a strong secretarial team comprising of 72 expert committees, 2 foundations, state chapters and an effectual State Development Council (SDC). SDC as the Think Tank of PHDCCI offers strategic advice on key identified areas at the State Level – and it hosts the Chamber’s signature initiative, Chief Ministers’ Conclave.

This Council, since its inception has been working towards a shared vision of priorities. It strives hard to create a knowledge, innovation and entrepreneurial support system through a collaborative group of experts, practitioners, partners, diplomatic community, members of civil society, chambers with diverse accreditation and media to pursue the developmental agenda for states and accelerate its implementation on ground.

Govt employees to plant trees : Dharmsot

Forest Minister Sadhu Singh Dharamsot said that the forest department would soon send a written communication to all the departmental heads with regard to sapling plantation by the government employees. He also said that the campaign of sapling plantation by the government employees would be commenced from Chandigarh and Mohali and afterwards taken to the other districts in a phased manner.