RaGa’s First Ever Press Conference in Mumbai Lasting 2 Minutes and 45 Secs

Congress president Rahul Gandhi’s first ever press conference in Mumbai on Wednesday turned out to be a huge disappointment: Lasting two minutes and 45 seconds.

Over 100 representatives from print, electronic and online media turned up and patiently waited for Rahul, who breezed in almost an hour later.The media briefing was organised by the Congress state and city units at a venue in Bandra around 8.30 am and mediapersons were barged with multiple reminders.

After the initial introductions, a question was put to the Congress chief whether he would be willing to take over the leadership of the opposition alliance before the 2019 Lok Sabha elections.

Brushing it aside, Rahul repeated his criticism of the Bharatiya Janata Party, Prime Minister Narendra Modi and the Rashtriya Swayamsevak Sangh.

This also lasted less than two minutes. Then he thanked everyone and suddenly got up, ending the press conference abruptly.

A party official later said: “Rahulji was getting delayed for his onward journey to Nagpur and Nanded and other engagements.”

Many mediapersons had left their homes at 6 am to reach the Bandra venue on schedule.

An apologetic Congress leader Sanjay Nirupam blamed it all on a PR team.

“We had clearly said he would give a few bytes to the electronic media. The print media was also specifically informed that he will not take any questions. The programme went as scheduled,” Nirupam

पाक ने किया संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन, 4 जवान शहीद

सांबा सेक्टर के रामगढ़ में बाबा चमलियाल के सालाना उर्स से पहले पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम तोड़ा गया है।

पाकिस्तान की नापाक हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पाकिस्तान की तरफ से बीती रात जम्मू कश्मीर के अरनिया सेक्टर के चमलियाल पोस्ट पर हुई फायरिंग में बीएसएफ के तीन अफसर सहित एक जवान शहीद हो गए. शहीदों की पहचान असिस्‍टेंट कमांडेंट जीतेंद्र सिंह, सब इंस्‍पेक्‍टर रजनीश, असिस्‍टेंट सब इंस्‍पेक्‍टर रामनिवास और कांस्‍टेबल हंसराज के रूप में हुई है. पाक की तरफ से हुई गोलीबारी में बीएसएफ के तीन अन्‍य जवान भी गंभीर रूप से हताहत हुए हैं. इन सभी को इलाज के लिए अस्‍पातल में भर्ती करा दिया गया है. जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.

बीएसएफ के अनुसार मंगलवार रात्रि करीब 9 बजकर 40 मिनट पर पाकिस्‍तान रेंजर्स के अधीन आने वाली असरफ पोस्‍ट से बीएसएफ की चमलियाल पोस्‍ट पर भारी गोलीबारी और मोर्टार से हमले शुरू किए गए.  सांबा सेक्टर के रामगढ़ में बाबा चमलियाल के सालाना उर्स से पहले पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम तोड़ा गया है।
गोलीबारी के लिए पाकिस्‍तान रेंजर्स लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों का इस्‍तेमाल कर रहे थे. चमलियाल पोस्‍ट पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने पाकिस्‍तानी रेंजर्स को मुंह तोड़ जवाब देना शुरू किया. इसी दौरान पाकिस्‍तान की तरफ से आई गोलियां बीएसएफ के तीन अधिकारी और चार जवानों को जा लगी. मौके पर मौजूद बल के अन्‍य सदस्‍यों ने सभी को समीपवर्ती अस्‍पताल में भर्ती कराया. जहां असिस्‍टेंट कमांडेंट जीतेंद्र सिंह, सब इंस्‍पेक्‍टर रजनीश, असिस्‍टेंट सब इंस्‍पेक्‍टर रामनिवास और कांस्‍टेबल हंसराज को मृत घोषित कर दिया गया. जबकि गंभीर रूप से जख्‍मी तीन अन्‍य जवानों का इलाज शुरू कर दिया गया है.

पाकिस्तानी रेंजर्स ने अखनूर सेक्टर के प्रगवाल इलाके और नजदीक के कंचक और खौर सेक्टरों में रविवार (3 जून) को भारी गोलीबारी और मोर्टार से गोले दागे थे. रविवार की रात करीब 1:15 बजे पाकिस्तान की ओर से प्रगवाल स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति BOP को निशाना बनाकर गोलीबारी की गई. इस गोलीबारी में सहायक उपनिरीक्षक एसएन यादव (48) और कांस्टेबल वीके पांडे गंभीर रूप से जख्मी हो गए. दोनों घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. जहां उन्‍होंने देश के लिए अपने प्राण न्‍यौछावर कर दिए. पाक की तरफ से हुई गोलाबारी में 9 स्‍थानीय नागरिक और एक पुलिस कर्मी जख्मी हुए थे. जिसमें 6  घायलों की पहचान सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल जाकिर खान, सुलक्षणा देवी (25), बंसीलाल (40) बलविंदर सिंह (22), सुधाकर सिंह (50) और विक्रम सिंह (34) के तौर पर हुई थी.

तीन जून को पाकिस्‍तान की तरफ से हुई फायरिंग का बीएसएफ ने मुंहतोड़ जवाब दिया था. बीएसएफ की गोलीबारी से पाकिस्‍तानी रेंजर्स इस तरह घबरा गए थे कि उन्‍होंने आनन-फानन ब्रिगेडियर अमजद हुसैन को बातचीत के लिए भेज दिया था. 4 जून को सेक्‍टर कमांडर लेबल की हुई इस बैठक में बीएसएफ के डीआईजी पीएस धीमान और रेंजर्स के ब्रिगेडियर अमजद हुसैन के बीच करीब एक घंटे तक चर्चा हुई थी. चर्चा के दौरान पाक बिग्रेडियर अहमद हुसैन ने वादा किया था कि पाकिस्‍तान की तरफ से अब के बाद गोलीबारी की शुरूआत नहीं की जाएगी. मीटिंग में यह भी तय हुआ था कि 21 जून को बीएसएफ और पाक रेंजर्स की सेक्‍टर कमांडर लेबल की वार्ता पर भी सहमति हुई थी. इससे पहले 29 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने जम्मू कश्मीर में सरहद पर गोलीबारी की घटनाओं को तुरंत रोकने के लिए 2003 के संघर्ष विराम समझौते को अक्षरश : लागू करने पर सहमति जताई थी.
विशेष हॉट लाइन पर हुई बातचीत में दोनों कमांडरों ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा भी की थी. हॉटलाइन पर बातचीत करने की पहल पाकिस्तानी डीजीएमओ ने की थी. बातचीत भारत के डीजीएमओ ले. जनरल अनिल चौहान और पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के बीच हुई थी. इसके बाद दोनों सेनाओं ने एक जैसा बयान जारी करके कहा था कि दोनों पक्ष 15 साल पुराने संघर्ष विराम समझौते को लागू करने पर सहमत हैं. उल्‍लेखनीय है कि  इस साल 29 मई तक संघर्षविराम उल्लंघन की कुल 908 घटनाएं हुईं  थी, जबकि पिछले साल 860 घटनाएं हुई थीं.
आपको बता दें कि आतंकी संगठन घाटी में एक बड़े हमले की फिरांक में हैं. मंगलवार को सुरक्षाबलों के काफिलों को निशाना बनाने के लिए आतंकियों ने बाहू त्राल के अवंतिपुरा रोड पर IED ब्‍लास्‍ट करने की साजिश रची. साजिश के तहत आतंकियों ने अवंतीपुरा रोड को काजीगुंड रेलवे स्‍टेशन से जोड़ने वाले लिंक रोड पर IED लगा दिया. यह IED करीब पांच किलो विस्‍फोटक से बना था. आतंकियों को पता था कि CRPF के वाहन पीकेट पार्टियों को लेकर वहीं से गुजरती हैं. आतंकियों का मंसूबा गाड़ी में मौजूद CRPF की पीकेट पार्टियों को एक साथ उठाना था. गनीमत रही कि CRPF की 185वीं बटालियन की फुट पेट्रोलिंग टीम को इस IED के बारे में पता चल गया. जिसके बाद CRPF के अधिकारियों ने तत्‍काल इसकी जानकारी J&K पुलिस के साथ साझा की. CRPF और J&K पुलिस की संयुक्‍त टीम तत्‍काल मौके पर पहुंची और इस IED को डिएक्टिवेट कर नष्‍ट कर दिया.

Johal Will Face Law : Kiran Rajiju

British man accused of killing RSS leaders in Punjab have to face law: India to UK

A British man, accused of conspiring targeted killings of RSS leaders in Punjab, will have to face law in India, Union minister Kiren Rijiju is believed to have told his UK counterpart Baroness Williams.

During an hour-long meeting at New Delhi on Tuesday, Rijiju is said to have conveyed to Williams that Jagtar Singh Johal is suspected to be one of the conspirators in carrying out targeted killings of seven RSS, Shiv Sena and Dera Sacha Sauda leaders between January 2016 and October 2017, an official said on Wednesday. The visiting minister has been told that Johal will have to face law in India for his alleged role in the crime in Punjab, the official said.

The National Investigation Agency, in a charge sheet filed in a court in Punjab’s Mohali on May 4, had claimed that Johal was involved in the funding of the conspiracy to kill Rashtriya Swayamsewak Sangh (RSS) leader Ravinder Gosain in Ludhiana last October. Johal is currently in a jail in Punjab and other cases against him are under various stages. Rijiju told Williams that regular consular access is being provided to diplomats of the British High Commission to meet Johal and so far 11 consular visits have been facilitated.

All legal avenues are available for Johal and his lawyers to pursue his case through India’s independent judicial system, the Union minister of state for home told his British counterpart. India has been maintaining that Johal, a citizen of the UK, has become a rallying point for Sikh groups in Britain. There was also a debate in the UK Parliament on Johal’s issue and providing the consular access to him. Since Johal’s arrest, a false, slanderous and orchestrated media campaign has been initiated by militants and their sympathisers as well as radical elements based in Britain and other Western countries against the Punjab government and the Punjab Police, another official said.

There were instances when Punjab Police officers received death threats targeted at them and their family members from such elements over phone, WhatsApp and various social media platforms, the official said. During his meeting with his UK counterpart recently, NSA Ajit Doval had even suggested that one can approach the National Human Rights Commission, which is an independent body with investigative and judicial powers, to look into allegations of mistreatment.

Johal had claimed that police threatened to shoot him and set him alight with petrol, according to the British media reports.

Bajwa Visted Kabul to Check the Rise of ISIS

Pakistan’s powerful Army chief General Qamar Javed Bajwa on Tuesday met with Afghanistan President Ashraf Ghani in Kabul, where the two discussed wide range of issues including peace efforts in the strife-torn country, checking the rise of ISIS and terror activities along their shared border.

Bajwa returned to Islamabad after the day-long visit to Kabul, where he had a one-on-one meeting with President Ghani, according to a statement by Pakistan Army. “The discussions encompassed wide range of issues especially the ongoing efforts for reconciliation in Afghanistan, measures needed to check the rise of ISIS and the issue of terrorists taking benefit of the porous border to indulge in terrorism, smuggling and drug trafficking, being often networked together,” it said.

Bajwa also congratulated Afghanistan authorities on recent peace initiatives during the holy month of Ramadan and Eid and wished that these steps gained more permanence leading toward an enduring peace. He said the recently-agreed Afghanistan Pakistan Action Plan for Peace and Stability (APAPPS) was expected to bring more cooperation and coordination between the two countries.

Referring to the border fencing with Afghanistan, he said it would help check terrorism but not pose any hurdle for people on both the sides. Ghani shared contours of his vision about regional development, efforts to extend ongoing temporary ceasefire and steps related to creating conditions for reconciliation.

The Pakistan Army chief also had meetings with Chief Executive Abdullah Abdullah and Commander Resolute Support Mission (RSM) General John Nicholson, the statement said. Talking to Nicholson, Bajwa said that Pakistan desires that US and NATO Forces must succeed and leave behind a peaceful and stable Afghanistan, according to the statement.

“किम – ट्रम्प” बर्फ पिघल रही है

अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में ऐतिहासिक मुलाक़ात समाप्त हो गई है. मुलाक़ात समाप्त होने के बाद किम ने ट्रंप से अंग्रेजी में कहा, ”नाइस टू मीट यू , मिस्टर प्रेज़ीडेंट”, जिस पर ट्रम्प ने कहा,” आईटी’स माय ऑनर, वे विल हैव टेरेफिक रिलेशनशिप, आई हैव नो डोयुट”

सिंगापुर के सैंटोसा द्वीप में स्थित कैपेला होटल में हुई यह मुलाक़ात करीब 50 मिनट तक चली. अब दोनों ही नेता अपने साथ आए वरिष्ठ सलाहकार और सहयोगियों के दल के साथ बैठक कर रहे हैं.

अमरीका की तरफ से इस बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, व्हाइट हाउस के चीफ़ ऑफ स्टाफ जॉन कैली और सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं.

वहीं दूसरी तरफ उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ उनके सबसे करीबी समझे जाने वाले किम योंग चोल मौजूद हैं, इसके अलावा विदेश मंत्री री योंग हो और पूर्व विदेश मंत्री री सु योंग मौजूद हैं.

किम और ट्रंप के बीच हुई फ़ेस-टू-फ़ेस यानी आमने-सामने की मुलाक़ात होटल की लाइब्रेरी में हुई.

इससे पहले दोनों नेताओं ने एक छोटी सी प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

इस दौरान डोनल्ड ट्रंप ने कहा, ”मैं बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा हूं. हमारे बीच शानदार बातचीत होने वाली है और मुझे लगता है कि यह मुलाकात ज़बरदस्त रूप से कामयाब रहेगी. यह मेरे लिए बहुत ही सम्मानजनक है और मुझे इसमें कोई शक़ नहीं कि हमारे बीच बेहतरीन संबंध स्थापित होंगे.”

वहीं किम जोंग उन ने कहा, ”यहां तक पहुंचना आसान नहीं था, हमारा इतिहास…और हमारे पूर्वाग्रह इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए रोढ़े बने हुए थे. लेकिन हम उन सभी को पार कर आज यहां मौजूद हैं.”

किम जोंग-उन से मुलाक़ात के ठीक पहले अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक ट्वीट किया, जिसमें इस बैठक को लेकर ख़ुद ट्रंप की आशंकाओं की झलक मिल रही थी. ट्रंप ने लिखा कि स्टाफ़ के सदस्यों और प्रतिनिधियों के बीच सबकुछ बहुत अच्छा रहा लेकिन ये बहुत मायने नहीं रखता. बहुत जल्द ये पता चल जाएगा कि इस मुलाक़ात में कोई असल समझौता हो पाता है या नहीं.

आशंकाएं अपनी जगह हैं लेकिन उम्मीदें भी कम नहीं हैं. दुनिया में बहुत लोग ये चाहते हैं कि 18 महीने पहले तक एक दूसरे को हमले की धमकी दे रहे देश, साथ मिलकर शांति स्थापित करने की ओर बढ़े. इसीलिए कल जब किम जोंग उन सिंगापुर घूम रहे थे तो वहां लोगों ने उन्हें देखकर ज़बरदस्त उत्साह दिखाया.

किम ने भी सिंगापुर वासियों को निराश नहीं किया और मुस्कुराकर, हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया.

अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप इस मुलाक़ात को शांति कायम करने का “एक और मौका” मान रहे हैं वहीं दुनिया से अलग-थलग रहने वाले उत्तर कोरिया के लिए यह दुनिया से जुड़ने का एक सुनहरा मौक़ा है.

इस मुलाक़ात में परमाणु कार्यक्रमों पर बात होनी तय है. अमरीका को उम्मीद है कि इससे उस प्रक्रिया को शुरू करने में मदद मिलेगी जिसके नतीजे में उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों का अपना कार्यक्रम बंद कर देगा.

वहीं उत्तर कोरिया का कहना है कि वह परमाणु कार्यक्रम बंद करने को तो तैयार है लेकिन ये सब कैसे होगा, ये अभी तक स्पष्ट नहीं है. इसके साथ ही ये भी स्पष्ट नहीं है कि उत्तर कोरिया ऐसा करने के ऐवज़ में क्या मांग रखेगा.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने दोनों नेताओं की मुलाक़ात को एक सार्थक पहल बताते हुए कहा कि दोनों ही नेता पिछले साल उपजे तनाव को दूर करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं. दोनों का ही मकसद शांति स्थापित करना होना चाहिए. जैसा कि मैं पिछले महीने ही दोनों नेताओं को ख़त लिखकर बोल चुका हूं कि यह रास्ता आपसी सहयोग, त्याग और एक उद्देश्य की मांग करता है. ज़ाहिर है इसमें कई तरह के उतार-चढ़ाव होंगे, असहमतियां होंगी और कठिन समझौते होंगे.

अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने दोनों नेताओं की इस मुलाक़ात को संभावनाओं से भरा हुआ बताया है.

पॉम्पियो ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस मुलाक़ात के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. हम चाहते हैं कि कह होने वाली मुलाक़ात का सार्थक परिणाम सामने आए जो दोनों देशों के हित में हो. यह बिल्कुल नई तरह की कोशिश है.

किम के संदर्भ में जानकारों का कहना है कि अब वो अपना ध्यान देश की अर्थव्यवस्था पर लगा रहे हैं और चाहते हैं कि उनके देश पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाएं. उत्तर कोरिया में अंतरराष्ट्रीय निवेश हो और ये मुलाक़ात इस लिहाज़ से भी काफी अहम है. सबसे अहम सवाल यही कि क्या यह बातचीत उस तनाव को कम करने में कामयाब होगी जो उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों और परमाणु कार्यक्रम से पनपा था और जिसने एक समय समूची दुनिया को अपनी ज़द में ले लिया था.

Neerav Modi Seeking Political Asylum in UK

Nirav Modi, the billionaire jeweller at the heart of a more than $2 billion fraud case in India, has fled to the UK, where he is claiming political asylum, the Financial Times reported on Sunday, citing Indian and British officials. Britain’s Home Office said it does not provide information on individual cases.

Nirav Modi could not be contacted by Reuters for comment on the FT report. Punjab National Bank, India’s second-largest state-run bank, said earlier in 2018 that two jewellery groups headed by Modi and his uncle Mehul Choksi had defrauded it of about $2.2 billion by raising credit from overseas branches of other Indian banks using illegal guarantees issued by rogue PNB staff at a Mumbai branch over several years.

Nirav Modi is in London trying to claim asylum from what he calls “political persecution”, the FT reported.

India’s ministry of external affairs told the FT the Indian government was waiting for the country’s law enforcement agencies to approach them before pushing for an extradition, which had thus far not happened. The ministry did not respond to a Reuters request for comment outside regular working hours.

India is already seeking the extradition of Vijay Mallya, a liquor and aviation tycoon, over unpaid loans to his defunct Kingfisher Airlines after the businessman and co-owner of the Formula One Force India team moved to Britain in March last year.

Indian federal police filed charges against more than 25 people in May including Modi, Choksi, former PNB chief Usha Ananthasubramanian, two of the bank’s executive directors and three companies belonging to Nirav Modi. Modi and Choksi have denied any wrongdoing.

Last month, senior executives at the bank were accused by the Indian police, in a charge sheet filed in court, of misleading the central bank in late 2016 over the lender’s handling of the financial messaging system and credit guarantees that were at the centre of the fraud.

CBI is Probing the Role of Top Bankers in Vijay Mallaya Case

CBI is probing the role of top bankers in connection with the loans given by banks to Kingfisher Airlines Ltd (KFAL), promoted by Vijay Mallya.

The agency has written to the consortium that lent to Kingfisher Airlines and a few bankers, including the former chairman of a public sector bank, seeking information and documents. It has also summoned a few bankers for recording their statements, sources said.

The latest investigation was launched after a London court, which is hearing the Mallya extradition matter, asked Indian authorities to explain their case against some of the bankers as it observed that rules were being violated by Indian banks which sanctioned the loans to Kingfisher Airlines.

Apart from this, a report by the government’s fraud office has pointed to the role of bankers in allegedly helping Mallya secure loans despite the weak financials of Kingfisher Airlines. The report suggested that the Central Vigilance Commission, CBI and the Reserve Bank of India (RBI), should “look into the aspect of violations of lending norms, if any, by the banks”.

The investigations by the fraud office has alleged several lapses by the public sector lenders of Kingfisher Airlines and the investment banking arm of a state-owned bank

or instance, the report said the Rs 8,000-crore Debt Recast Package (DRP) for Kingfisher Airlines prepared by the investment banking arm of a public sector bank in 2010 had a “number of shortcomings and flaws in respect of entire preparation of DRP financial projections” and “processing of the proposals by the lending banks.”

It said the DRP “did not carry out any independent viability study of the (financial) projections to ensure that the projections were realistic, just and achievable” and that “the banks also did not critically analyze and consider the various remarks made by the auditors in the audited financials of KFAL as at 31.03.2009” that could affect the financials of the airlines.

It said the investment banking arm of the public sector bank “did not do any due diligence on the valuation of the brand Kingfisher Airlines which was valued at Rs 4111.00 crore at the time of DRP and which formed part of more than 60 per cent of security value offered”.

“Political pressure was brought in to get the postponement of liquidation as well for DRP to be sanctioned. (The) DRP was pushed for consideration by banks at the insistence of top officials from GOI (Government of India) because of influence used by VJM (Vijay Mallya),” said the report.

The report also said that one of the state-owned bank sanctioned a loan of Rs 500 crore to Kingfisher Airlines even as the bank’s credit committee had “pruned down” the proposal for sanctioning the loan to Rs 300 crore. A higher loan was sanctioned to Kingfisher without “any reasonings/ rationale” as the then chairman of the bank “was committed to release Rs 500 crore on account of pressure of the officials of the Ministry of Finance,” the report alleged.

The serious fraud office report has cited another instance where bank documents were changed when a public sector bank lent money. According to the report, the copy of loan documents which were submitted to the probe agency did not have a repayment clause in it for a loan of hundreds of crores. However, it says, when the agency questioned the chairman of the credit committee of the bank, the person produced another copy of the document which had a repayment clause in it.

Kingfisher owes over Rs 9,000 crore to at least 17 lenders, including SBI, IDBI Bank, Punjab National Bank, Bank of India, Bank of Baroda and United Bank of India. Mallya has already been declared as a proclaimed offender by a Prevention of Money Laundering Act, (PMLA) Court. Mallya is currently in the UK battling his extradition.

India Refuses to Endorse BRI

More than a year after boycotting the Belt and Road Forum in Beijing, India Sunday again refused to endorse the ambitious Chinese Belt and Road Initiative (BRI). New Delhi was the lone dissenting voice against the project in the joint declaration that was signed Sunday following the conclusion of the Shanghai Cooperation Organisation (SCO) summit in Qingdao, China.

This was a reiteration of the stated Indian position, which was articulated at the SCO Foreign Ministers meet in April. At the time, the SCO declaration had not named India as one of the supporters of the BRI.

Prime Minister Narendra Modi laid the ground for India’s opposition to the project during his plenary speech when he said that India welcomed connectivity projects that respected the sovereignty and territorial integrity of nations.

After the two-day SCO summit, the eight full members signed the Qingdao joint declaration but India was missing from the section that referred to the BRI. “The Republic of Kazakhstan, the Kyrgyz Republic, the Islamic Republic of Pakistan, the Russian Federation, the Republic of Tajikistan, and the Republic of Uzbekistan reaffirm their support for the ‘Belt and Road Initiative’ proposed by China and affirm that all parties should implement the ‘Belt and Road Initiative’ to promote the ‘Belt and Road’ initiative,” stated the declaration.

The BRI, proposed by Chinese President Xi Jinping in 2013, is aimed at building a trade and infrastructure network connecting Asia with Europe and Africa along ancient trade routes. India has staunchly opposed the project citing the China Pakistan Economic Corridor (CPEC) – an important part of the BRI – that goes through Pakistan-occupied Kashmir (PoK). Citing its opposition to the CPEC, India had skipped the Belt and Road Forum in May last year, which 29 state heads had attended.

“Connectivity in SCO region and in our neighbouring countries is a priority for India. We welcome such new connectivity projects that are inclusive, sustainable and transparent and which respect the sovereignty and territorial integrity of nations,” Modi said in his address during the plenary session of the SCO summit Sunday.

In the 17-page Qingdao declaration, the BRI was the only point in which the names of approving countries were individually mentioned rather than the term “member states”.

The Qingdao declaration that was signed by the member countries also seemed to address the concerns of both India and Pakistan in thefight against terrorism. The declaration was unequivocal in condemning all forms of terrorism but also added that interference in the domestic affairs of other states on the pretence of fighting terrorism and extremism was unacceptable.

 

“The Member States note that the interference in the domestic affairs of other states under the pretence of combating terrorism and extremism is unacceptable, as well as the use of terrorist, extremist and radical groups for one’s own purposes,” stated the declaration.

In his speech, Modi also mentioned Afghanistan and spoke of a common front against forces destabilising the nation. Indian efforts to help and start capacity building projects in Afghanistan has been taken kindly by Pakistan and the Taliban.

“The situation in Afghanistan is an unfortunate example of terrorism and extremism in our region. I hope that all parties will respect the sentiments with which President Ghani has taken courageous steps for peace. It is our responsibility that causes which threaten Afghan unity, sovereignty, integrity, diversity and democracy in the past will not be repeated,” he said, without mentioning Pakistan.

Modi did, however, exchange pleasantries with Pakistani President Mamnoon Hussain twice, during the plenary session and later at the concluding session when the two leaders shook hands.

Modi also coined another acronym SECURE, which he said would facilitate comprehensive security in the SCO region. “I believe there are six dimensions summed up in the English word secure. S stands for the security of citizens, E for economic development for all, C is for connecting the region, U is for uniting our people, R is for respect for sovereignty and territorial integrity and E is for environmental protection,” he said.

Referring to mutual cooperation and improving people to people contact, Modi said that the number of foreign visitors from SCO countries constituted only six per cent of India’s total tourists, which he believed could easily be doubled to 12 per cent. He said India soon planned to organise a food festival of cuisines of SCO countries as well as a shared Buddhist heritage exhibition in India.

Meanwhile, the other joint documents that were adopted by all the member countries included the joint prevention of radicalisation of youth, the programme for combating terrorism, separatism and extremism 2019 to 2021, MoUs within the SCO for MSMEs, trade facilitation, tourism, environment protection, prevention of abuse of narcotic and psychotropic drugs and an anti-drug strategy.

The PM also held bilateral meetings with the leaders of Kazakhstan and Kyrgyzstan.

Chinese President Xi Jinping who chaired the SCO meet said that while hegemony and power politics still persist in this world, there was a growing call for a more just and equitable international order which must be heeded.

“We should promote open and inclusive cooperation for win-win outcomes. We should reject self-centered, short-sighted and closed-door policies. We should uphold WTO rules and support the multilateral trading system so as to build an open world economy,” Xi said during the Plenary session.

He also said that China would provide RMB 30 billion ($4.7 billion) in loans under a framework formed by SCO countries.

This is India’s first participation in the summit as a full-time member of the organisation. India, along with Pakistan, became full-time members during the Astana summit in Kazakhstan in June 2017. The PM flew out of Beijing on Sunday afternoon concluding his two-day visit.

The declaration also showed its support for the Iranian nuclear deal. Iran is presently an observer member of the SCO. Iran’s President Hassan Rouhani who attended the meet had slammed US attempts to impose its own policies on others during his speech.

“The member states deem it important to consistently implement the Joint Comprehensive Plan of Action on the Iranian nuclear programme, and call for participants to strictly observe their obligations with a view to ensuring its full and efficient implementation and promoting peace and stability in the region and globally,” the declaration said.

‘इंडियन फिल्‍म्‍स इज ऑल अबाउट हिप्‍स एंड बूब्‍स’ : प्रियंका चोपड़ा

हाल ही में प्रियंका ने मीडिया से बातचीत में बॉलीवुड पर टिप्पणी की, जिसे लोगों ने बेहद शर्मनाक बताया.

नई दिल्ली: 

अभी बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ‘क्वांटिको’ विवाद से पूरी तरह बाहर भी नहीं आई है और वह फिर से एक और विवाद में घिर चुकी हैं. हाल ही में प्रियंका ने मीडिया  से बातचीत में बॉलीवुड पर टिप्पणी की, जिसे लोगों ने बेहद शर्मनाक बताया. जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में एक जर्नलिस्ट को प्रियंका बताती हैं, ‘इंडियन फिल्‍म्‍स इज ऑल अबाउट हिप्‍स एंड बूब्‍स’. प्रियंका के इस बयान के बाद लोगों ने उन्होंने ट्रोल करना शुरू कर दिया है.

एक तरफ जहां लोग इस बयान को शर्मनाक करार दिया. वहीं दूसरी ओर लोगों ने कहा कि लगता है प्रियंका यह भूल चुकी हैं कि वह बॉलीवुड से फेमस हुई है न कि हॉलीवुड से. जाहिर सी बात है प्रियंका के इस विवादित बयान से बॉलीवुड अभिनेत्रियों को काफी दुख हो सकता है. साथ ही साथ उन्हें गुस्सा भी आ सकता है. बता दें, इससे पहले प्रियंका चोपड़ा अपने हॉलीवुड टीवी शो ‘क्वांटिको’ के सीजन 3 के एक एपिसोड को लेकर सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल की जा रही थीं. दरअसल, शो के एक एपिसोड में भारतीय राष्ट्रवादियों को आतंकी बताया गया था जिसके बाद से ही प्रियंका को सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था

जिसके बाद प्रियंका ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया और कहा कि, “मैं बहुत दुखी और शर्मिंदा हूं कि क्वांटिको के एक विवादित एपिसोड से कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. मेरा मकसद कभी भी किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. मैं माफी मांगती हूं. मुझे भारतीय होने पर गर्व है.”

बता दें, इससे पहले क्वांटिको के निर्माताओं ने माफी मांग थी. एबीसी नेटवर्क ने यह माफी क्वांटिको के उस एपिसोड के लिए मांगी थी, जिसमें आतंकी हमले के पीछे भारतीय राष्ट्रवादियों के होने की बात कही गई थी. गुरुवार को एक ट्वीट के जरिए एएनआई ने इसकी जानकारी दी थी. अपने ट्वीट में एएनआई ने लिखा था, ‘क्वांटिको’ के एपिसोड को बहुत ज्यादा इमोशनल रिएक्शन मिले हैं और उनमें से ज्यादातर प्रियंका चोपड़ा पर किए गए हैं लेकिन प्रियंका का इसमें कोई हाथ नहीं है क्योंकि न ही उन्होंने शो बनाया है और न ही शो लिखा या डायरेक्ट किया है. इस वजह से ऐबीसी नेटवर्क हिंदुओं से क्वांटिको में हिंदुओं को आतंकी कहे जाने के लिए माफी मांगता है. आपको बता दें कि शो में प्रियंका एफबीआई एजेंट की भूमिका निभा रही हैं.’

P M L-Nawaz has turned Balochistan into ‘Pathanistan’: Zafarullah Khan Jamali

 

QUETTA: 

Former prime minister Zafarullah Khan Jamali has lamented deposed PM Nawaz Sharif’s policies towards Balochistan, saying the Pakistan Muslim League-Nawaz government has turned Balochistan into ‘Pathanistan’.

“I had told Sharif that we can’t walk with people whose forefathers opposed creation of Pakistan, but my words and concerns were ignored by him,” said senior politician Jamali while filing his nomination papers in the returning officer’s office in Dera Murad Jamali on Saturday.

Fareedullah Khan Jamali, Khan Muhammad Jamali, Aurangzeb Jamali and other family members and supporters accompanied Jamali.

Jamali said, “Back in 2015, I had suggested Sharif to change his team otherwise his party would vanish from Balochistan in 2018. He didn’t take my words seriously at that time and tried to impose Pashtun decisions on the Baloch, which has turned Balochistan into Pathanistan.”

On upcoming elections, the former prime minister said, “In Pakistan, we have rare examples of free and fair elections. During Yahya Khan’s tenure in Marri and Bugti areas, turnout of voters had reached more than 100,000 while at that time the population was nearly 66,000.

On the recent announcement of joining Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI), Jamali said, “Imran Khan and I have been good friends for years. Imran is a junior politician in front of me. I haven’t joined PTI but have allowed my sons to shake hands with Imran.”