ग्रीस में राष्ट्रपति का ज़ोरदार स्वागत, वह क्यूबा और सूरीनाम भी जायेंगे

 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को ग्रीस, सूरीनाम और क्यूबा की आठ दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं। राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति के तौर पर यह कोविंद की चौथी और अफ्रीका से बाहर पहली अधिकारिक यात्रा है। वह सूरीनाम और क्यूबा की यात्रा करने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति होंगे। वहीं राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के वर्ष 2007 में ग्रीस की यात्रा करने के बाद वह इस देश की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं।’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने दौरे के पहले पड़ाव यानी ग्रीस पहुंच चुके हैं। जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनकी पत्नी सविता के अलावा, राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री विष्णु देव, लोकसभा सदस्य दिनेश कश्यप और नित्यानंद राय और वरिष्ठ अधिकारी भी इन देशों की यात्रा पर गए हैं। ग्रीस में, कोविंद राष्ट्रपति प्रोकोपिस पावलोपोलुस, प्रधानमंत्री एलेक्सी सिप्रास और विपक्ष के नेता कायरिआको मित्सोटाकिस के साथ बैठक करेंगे।

कोविंद वहां ग्रीस के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे और ग्रीस के अग्रणी थिंकटैंक, हैलेनीक फाउंडेशन फॉर यूरोप एंड फॉरेन पॉलिसी में ‘बदलते विश्व में भारत और यूरोप’ के मुद्दे पर भाषण देंगे। भारत और ग्रीस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 53 करोड़ डॉलर का है और कुछ भारतीय कंपनियां इस मध्य यूरोपीय देश में आधारभूत, फर्मास्युटिकल इस्पात क्षेत्र में मौजूद हैं।

कोविंद ग्रीस में 12,000 भारतीय प्रवासी समुदाय को भी संबोधित करेंगे। ग्रीस के बाद, कोविंद 19 जून को सूरीनाम जाएंगे, जोकि भारत के राष्ट्रपति का पहला दौरा होगा। कोविंद की सूरीनाम और क्यूबा दौरे को भारत के लैटिन अमेरिकी देशों को ज्यादा महत्व देने के नजरिए से देखा जा रहा है। सूरीनाम में वह स्वास्थ्य और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

सूरीनाम की 33 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल के लोगों की है। कोविंद यहां विवेकानंद संस्कृति केंद्र की आधारशिला भी रखेंगे। 21 जून को, कोविंद वहां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सूरीनाम के बाद, वह अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ क्यूबा जाएंगे, जोकि किसी भी भारतीय राष्ट्रपति का पहला दौरा होगा।

पॉल पोग्बा द्वारा 81वें मिनट में किए गए गोल से जीता फ्रांस

स्टार स्ट्राइकर पॉल पोग्बा द्वारा 81वें मिनट में किए गए गोल के दम पर पूर्व विजेता फ्रांस ने शनिवार को कजान एरिना स्टेडियम में खेले गए ग्रुप सी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर फीफा विश्व कप-2018 का आगाज जीत के साथ किया। फ्रांस के लिए एंटोनियो ग्रीजमैन (58वें मिनट) और पोग्बा ने गोल किए, जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिए कप्तान मिले जेडिनाक (62वें मिनट) ने गोल किया। ग्रीजमैन और जेडिनाक ने गोल पेनल्टी किक पर किए।

पहला हाफ पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा, जो फ्रांस के मजबूत आक्रमण पंक्ति को रोक पाने में सफल रहा। ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस को ज्यादा मौके नहीं बनने दिए और उसके मुख्य खिलाड़ी ग्रीजमैन को खुलकर नहीं खेलने दिया, लेकिन दूसरे हाफ में वो अपन खेल को जारी नहीं रख पाई। फ्रांस का खेल हालांकि ऑस्ट्रेलिया से बेहतर था, लेकिन उसकी कमजोरी इस हाफ में मिले मौकों को अंजाम तक न पहुंचना रही।

दूसरे हाफ में नजारा पूरी तरह से अलग रहा। फ्रांस ने इस हाफ में ऑस्ट्रेलिया को डिफेंस को व्यस्त रखा। मैच के तीनों गोल दूसरे हाफ में ही आए। पहले हाफ में फ्रांस को गोल करने का सबसे करीबी मौका मैच के दूसरे मिनट में मिला था। फ्रांस के स्टार खिलाड़ी कायलिन म्बाप्पे ने ऑस्ट्रेलियाई डिफेंस को भेदकर दाएं कोने से गोल करने की कोशिश की। उनके इस प्रयास को ऑस्ट्रेलिया के गोलकीपर मैट यार्न ने नकार दिया।

आठवें मिनट में म्बाप्पे ने ग्रीजमैन के साथ मिलकर एक और प्रयास किया लेकिन फ्री किक पर दोनों खिलाड़ी अपनी टीम को बढ़त दिलाने से चूक गए। 17वें मिनट में ऑस्ट्रेलिया के पास भी गोल करने का पहला मौका आया। एरोन मूय ने गोलपोस्ट पर निशाना लगाया लेकिन वह गोलकीपर को भेद नहीं पाए। पहले हाफ के अंत में ग्रीजमैन और पॉल पोग्बा ने कुछ मौके जरूर बनाए लेकिन वह ज्यादा करीबी नहीं थे। उन मौकों ने रोकने में मैट को परेशानी नहीं हुई। दूसरा हाफ रोमांचक रहा।

में दुनिया के सबसे बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी हूँ : नेमार

ब्राजीलियाई स्ट्राइकर नेमार ने कहा है कि वे दुनिया के सबसे बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी हैं क्योंकि अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी और पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो इस ग्रह के हैं ही नहीं। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक यूट्यूब चैनल पर जारी एक वीडियो में नेमार ने कहा, मेसी और रोनाल्डो इस ग्रह के हैं ही नहीं, वे किसी अन्य ग्रह से हैं। मैं इस ग्रह से हूं और इसलिए मैं दुनिया का सबसे अच्छा फुटबॉल खिलाड़ी हूं।

नेमार ने कहा कि मजाक अपनी जगह है लेकिन वे अपने खेल और रूस में जारी विश्व कप में अपनी टीम के अभियान को लेकर संजीदा हैं और वे चाहते हैं कि ब्राजील रूस में छठी बार विश्व कप खिताब अपने नाम करे। चोट से उबरने के बाद टीम में वापसी करते हुए विश्व कप में टीम की कमान संभाल रहे नेमार ने कहा कि अब वे पहले से काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं।

सलाह खेल रहे होते तो हमारी टीम अच्छी होती : कूपर

मिस्र की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कोच हेक्टर कूपर को उरुग्वे के साथ हुए फीफा विश्व कप के पहले मुकाबले में अपने स्टार खिलाड़ी मोहम्मद सलाह के नहीं खेल पाने का अफसोस है। उरुग्वे ने यह मैच 1-0 से जीता। कूपर ने कहा, उम्मीद है कि सलाह हमारे अगले मैच में खेलेंगे। वे हमारे लिए बहुत अहम खिलाड़ी हैं। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता। अगर वे खेल रहे होते तो हमारी टीम अच्छी होती।

हमें उम्मीद है कि अगले मैचों में वे हमारे लिए अहम योगदान देंगे। मिस्र का अगला मैच मेजबान रूस से है, जिसने अपने पहले मैच में सउदी अरब को 5-0 से हराया था। कूपर ने कहा कि रूस के खिलाफ उनकी टीम हर हाल में जीत के लिए प्रयास करेगी। सलाह खेलेंगे तो हमारी टीम के लिए अच्छा रहेगा। उरुग्वे के खिलाफ उन्हें नहीं खिलाया गया, क्योंकि इसमें जोखिम था।

चंडीगढ़ से फ्लाइट्स ऑपरेट होनी शुरू

आज शनिवार तड़के हुई बारिश से आसमान पर धूल का गुब्बार कम होने के बाद चंडीगढ़ से फ्लाइट्स सामान्य हो गई हैं। एअर पोर्ट ऑथारिटीज ने ने इस बात की पुष्टि की है। दो दिन से आसमान में धूल के कण और प्रदूषण हाेने के बाद अब फ्लाइट्स ऑपरेट होनी शुरू हो गईं।

एअरपोर्ट अथॉरिटीज के प्रवक्ता के मुताबिक कुछ फ्लाइट्स देरी से ऑपरेट हुई हैं, लेकिन अब धीरे धीरे सभी फ्लाइट्स सामान्य हो जाएंगी। शनिवार को इंटरनेशनल फ्लाइट भी ऑपरेट हुई है। गौरतलब है कि बीते दो दिनों में पुअर विजिबिलिटी के कारण शिमला हेली टैक्सी समेत करीब 30 फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा था। दुबई जाने वाले यात्रियों को सड़क मार्ग से दिल्ली पहुचाया गया था।

चंडीगढ़ में शुक्रवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 800 के आसपास पहुंच गया था। लोगों को सांस लेने में परेशनी का सामना करना पड़ रहा था। चंडीगढ़ की हवा में धूल के कणों की मौजूदगी पहले कभी इतनी ज्यादा नहीं रही। चंडीगढ़ की तरह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी यूपी में भी धूल की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई। मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को धूल कुछ छंट जाएगी। रविवार को बारिश से धूल से पूरी तरह राहत मिल सकती है।

Indians may have to wait for over 150 years for a Green Card

Indians with advanced degrees may have to wait for over 150 years for a Green Card which authorises them to live and work in the US permanently, according to projections by a think-tank.

The new calculation on the Green Card wait period by Cato Institute, a Washington-based think-tank, comes after the US Citizenship and Immigration Services (USCIS) recently released number of applicants for such cards.

The calculation is based on the number of Green Card issuances in 2017.

As of April 20, 2018, there were 632,219 Indian immigrants and their spouses and minor children waiting for Green Cards also known as legal permanent residency cards. The shortest wait is for the highest skilled category for EB-1 immigrants  with “extraordinary ability”. EB stands for employment based.

The extraordinary immigrants from India will have to wait “only” six years, Cato Institute said in its latest report.

According to the USCIS, there are 34,824 Indian applicants under EB-1 category.+ Along with their 48,754 spouse and children, 83,578 Indians are in line for Green Card under EB-1 category.

EB-3 immigrants– those with bachelor’s degrees– will have to wait about 17 years, Cato Institute said. As of April 20, there were 54,892 Indians in this category. Clubbed with 60,381 spouses and children, the total number of Indians waiting for Green Card in EB-3 category are 1,15,273.

However, the biggest backlog is for EB-2 workers, who have advanced degrees.

“At current rates of visa issuances, they will have to wait 151 years for a Green Card. Obviously, unless the law changes, they will have died or left by that point,” Cato institute said.

According to the USCIS, there were 2,16,684 primary Indian applicants under EB-2 category and 2,16,684 spouses and children, thus making a total of 4,33,368.

This is primarily because of the existing laws which imposes per-country-limit of seven per cent.

In all 306,400 primary Indian applicants are waiting for their Green Cards. Clubbed with their spouses and children numbering 325,819; as many as 632,219 Indians in all are waiting for their Green Cards.

In 2017 only 22,602 Indians were issued the legal permanent residency cards. Of these 13,082 were in the EB-1 category, 2,879 in EB-2 category and 6,641 in Eb-3 category, according to the latest USCIS figures.

Cato Institute said the Green Card allocation is not based on the the backlog, so 69 per cent of the backlog is in the EB-2 category, but it received only 13 per cent of the Green Cards issued in 2017.

There are two reasons for this, it explained.

First, each category is guaranteed a minimum of 40,040 Green Cards, so the allocation between categories does not adjust when one category has higher demand than the others.

Second, EB-2 is currently subject to the per-country limits, that prevent Indian immigrants from receiving more than seven per cent of the Green Cards issued in the category, the report said.

Cato Institute notes that that for employment-based Green Cards, the per-country limit only applies in full force when the category is filled up, meaning that if some Green Cards would go to waste, Indian immigrants can receive above the per-country limit of 7 per cent. For this reason, Indian immigrants received nearly 18 per cent of the total Green Cards issued in the EB-3 category in 2017.

Referring to the inconsistency in the application of the per-country limit, the report said if the per-country limits end up not applying fully for EB-2 during some future years, they could receive their Green Cards before the next century.

For example, if they received the same number of Green Cards as EB-3 workers did in 2017, they would have to wait “only” for 65 years, rather than 151 years as projected based on the number of issuances in 2017.

On the other hand, if the per-country limits end up applying fully for EB-3 workers after 2018, they could end up having to wait more than 40 years, rather than 17 years, the report said.

 

India Proposes to Raise Customs Duty on 30 US Products

India has now submitted a revised list of 30 items — including motor cycle, certain iron and steel goods, boric acid and lentils — to the WTO on which it proposes to raise customs duty by up to 50 per cent.

As duties hiked by the US on certain steel and aluminium products would have implications of about $241 million on India, the raise in tariffs proposed by New Delhi too would have an equal implication on America.

“The US would be collecting $241 million worth of duties by hiking tariffs on certain steel and aluminium items from India, we also proposed to withdraw concessions of similar amount from these 30 products imported by India from the US,” a source said.

Earlier in May, India proposed to raise duties by up to 100 per cent on 20 products such as almonds, apple and specific motorcycles imported from the US.

The additional duty proposed to be hiked on these items ranges from 10 per cent to 100 per cent.

“The revision is being provided to adjust the products and the tariff rates in accordance with India’s rights reserved vide its notification to the Council for Trade in Goods contained in the WTO document…of May 18, 2018.

“India hereby reiterates its decision to suspend concessions or other obligations notified to the Council for Trade in Goods on May 18, 2018…of the General Agreement on Tariffs and Trade 1994 and Article 8.2 of the Agreement on Safeguards, that are substantially equivalent to the amount of trade affected by the measures imposed by the United States,” according to a communication by India to WTO.

It said that the proposed suspension of concessions or other obligations takes the form of an increase in tariffs on selected products originating in the US, based on the measures of the America.

“India reserves its right to further suspend substantially equivalent concessions and other obligations based on the trade impact resulting from the application of the measures of the US,” it added.

The country has proposed this move under the WTOs Agreement on Safeguards.

On March 9, US President Donald Trump imposed heavy tariffs on imported steel and aluminium items, a move that has sparked fears of a global trade war.

Trump signed two proclamations that levied a 25 per cent tariff on steel and a 10 per cent tariff on aluminium imported from all countries except Canada and Mexico.

Earlier India had stated that these suspension will come into effect earlier than June 21, 2018, in case the US decides to continue the period of application of the measures.

It said that the duty imposed by America has affected steel exports by $198.6 million, while the same on aluminium was $42.4 million.

The other items include chickpeas, fresh apple, walnut, refined palmolein, motor cycle with engine capacity over 800 cc, diagnostic reagents and threaded nuts.

India has also dragged the US to the World Trade Organisations dispute settlement mechanism over the imposition of import duties on steel and aluminium.

India’s exports of steel and aluminium products to America stood at about $1.5 billion every year. Its exports to the US in 2016-17 stood at $42.21 billion, while imports were $22.3 billion.

Pakistani Taliban Leader Mullah Fazlullah Neutralized

Pakistani Taliban leader Mullah Fazlullah has been killed in a US-Afghan air strike in Afghanistan, a senior Afghan defence ministry official said on Friday, a killing likely to ease tension between the United States and Pakistan.

The US military said in Washington on Thursday it had carried out a strike aimed at a senior militant figure in the eastern Afghan province of Kunar, which is on the Pakistani border, and one US official said the target was believed to be Fazlullah.

Fazlullah was Pakistan’s most-wanted terrorist, notorious for attacks including a 2014 school massacre that killed 132 children and the 2012 shooting of schoolgirl Malala Yousafzai, who was later awarded the Nobel Peace Prize.

“I confirm that Mullah Fazlullah, leader of the Pakistani Taliban, has been killed in an joint air operation in the border area of Marawera district of Kunar province,” Mohammad Radmanish, spokesman for Afghan defence ministry, told Reuters, adding the air strike was carried out at about 9 a.m. on Thursday.

Fazlullah’s death could ease strained ties between Islamabad and Washington even as Afghanistan observes an unprecedented three-day ceasefire with the larger Afghan Taliban.

Pakistan is considered key to persuading Afghan Taliban leaders, who Washington believes shelter on Pakistani soil, to open negotiations to end the 17-year-old war in Afghanistan.

In March, the United States offered a $5 million reward for information on Fazlullah.

A member of the Pakistani Taliban told Reuters by telephone on Friday the group was trying to get word from Afghanistan, where most of the Pakistani Taliban fighters are now based.

“We have been hearing since early Friday that our Emir(leader) was martyred along with four other militant commanders in Marawar area of Kunar. They were staying at a house when a drone fired missiles and martyred them,” said Taliban member Maulvi Abdur Rasheed.

Fazlullah emerged as an Islamist leader in the Swat Valley, northwest of the Pakistani capital of Islamabad, more than a decade ago. He was known as “Mullah Radio” for his fiery broadcasts.

He was reviled in Pakistan for the 2014 assault on an army-run school in the city of Peshawar in which Pakistani Taliban gunmen killed at least 132 children.

He is also believed to have ordered the 2012 shooting of then-15-year-old Yousafzai over her advocacy of girls’ education.

The Pakistani Taliban have waged a decade-long insurgency seeking to establish a harsh interpretation of Islamic rule but most of their fighters have now fled to Afghanistan.

They are separate from the Afghan Taliban who ruled Afghanistan for five years before being ousted in a 2001 US-led military action.

Washington and Kabul accuse Pakistan of harbouring Afghan Taliban and the allied Haqqani network, which Islamabad denies. Islamabad says the Pakistani Taliban maintain sanctuaries in Afghanistan

Rock ON 2018 on 22

Auckland,June 14 (Ranjit Ahluwalia)

UA international is organising a musical evening Rock ON 2018 on June 22 2018 at Dorothy Winston Centre Auckland.in association with Travel Point and NCBT.
According to
Organiser Mr Umesh Sharma the youtube fame Avish will rock the show.
Guncha, Hemant, Bhavna and Shweta will present bollywood live

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उल्लंघन रिपोर्ट का भारत ने किया ज़ोरदार खंडन

 

जिनेवा/नयी दिल्लीः

संयुक्त राष्ट्र द्वारा कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर गुरुवार को जारी की गई अपनी तरह की पहली रिपोर्ट को भारत कड़े ऐतराज के बाद खारिज कर दिया. इस रिपोर्ट में यूएन ने इस क्षेत्र में मानवाधिकार उल्लंघनों की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की हैं. भारत ने रिपोर्ट पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए इसे ‘भ्रामक, पक्षपातपूर्ण’’ बताते हुए संयुक्त राष्ट्र में अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया.  भारत के विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट को पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह देश की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह रिपोर्ट भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है. सम्पूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. पाकिस्तान ने भारत के इस राज्य के एक हिस्से पर अवैध और जबरन कब्जा कर रखा है. हम लगातार पाकिस्तान से इस क्षेत्र को खाली करने के लिए कहते आ रहे है.

विदेश मंत्रालय द्वारा यूएन की इस रिपोर्ट पर दिए गए जवाब में कहा गया है, ‘इस रिपोर्ट में भारतीय क्षेत्र की गलत तरीके से व्याख्या की गई जो कि क्षतिपूर्ण, भ्रामक और अस्वीकार्य है. गिलगिट-बाल्टिस्तान और आजाद कश्मीर जैसा कोई क्षेत्र नहीं है.’

मंत्रालय ने बयान में कहा ‘मानवाधिकारों के हनन का सबसे बड़ा उदाहरण आतंकवाद रहा है, लेकिन इस रिपोर्ट में किसी तरह से सीमा पार से हो रहे आतंकवाद का जिक्र नहीं है जो कि पाकिस्तान और उसके द्वारा गैरकानून तरीके से कब्जा किए गए क्षेत्रों से संचालित किया जा रहा है. सीमा पार से हो रहा आतंकवाद और उकसावपूर्ण कार्रवाई का उद्देश्य जम्मू कश्मीर के लोगों की आवाज को दबाना है. ताकि वहां के राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने को अस्थिर किया जा सके. ‘