पाकिस्तान ने मुंबई हमले के सबूतों का क्या किया? : निर्मला सीतारमण

पुलवामा हमले पर मंगलवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि भविष्य में पुलवामा आतंकी हमले जैसी किसी भी घटना से बचने के लिए प्रयास किए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि मंत्रालय जमीनी स्तर पर और जानकारी इकट्ठा कर रहा है.

गौरतलब है कि मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी पुलवामा हमले पर बयान जारी किया था. इमरान ने इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से साफ इनकार किया. इमरान के बयानों पर पलटवार करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अभी कुछ कहना नहीं चाहती हैं क्योंकि उनके शब्द देश के गुस्से और आक्रोश को जताने के लिए बहुत कम होंगे.

पहले भी दे चुके हैं उन्हें सबूत, क्या किया उनका?

पुलवामा हमले की जवाबी कार्रवाई से संबंधित सवाल पर सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पहले ही साफ कर चुके हैं कि सेना को पूरी आजादी दे दी गई है कि वो जब चाहे जैसे चाहे सही समय पर कार्रवाई करें.View image on Twitter

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Defence Minister Nirmala Sitharaman: Prime Minister has already said that forces have been given freedom to respond at any given time and as they see fit. #PulwamaTerrorAttack2887:24 PM – Feb 19, 201986 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुंबई हमले पर न सिर्फ ये सरकार बल्कि पूर्व की सरकारें भी पाकिस्तान को डोजियर और सबूत दे चुकी हैं. इसी के साथ उन्होंने सवाल किया कि इन पर पाकिस्तान ने अब तक क्या कदम उठाया है. गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर भारत सबूत देगा तो वह कार्रवाई करेंगे.

सेना का मनोबल मजबूत है

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘भारत में कानून की उचित प्रक्रिया के बाद, अदालतों से संपर्क किया गया और मुंबई के हमलावरों को उचित प्रक्रिया के तहत दंडित भी किया गया. जबकी पाकिस्तान में निचली अदालतों ने तक अपना काम किया है. पाकिस्तान के पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है.’

Defence Minister Nirmala Sitharaman: In India following due process of law, courts have been approached & Mumbai attackers have been given due process and been punished too. In Pakistan not even the first court is doing its job. There is nothing for Pakistan to show.ANI@ANIDefence Minister Nirmala Sitharaman: Since the Mumbai attack not just this government but earlier government too sent dossiers after dossiers and evidence. What action has Pakistan taken on them?2517:35 PM – Feb 19, 2019Twitter Ads info and privacy85 people are talking about this

सीतारमण से सुरक्षा बलों के मनोबल से संबंधित सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सेना के मनोबल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, वो अपना काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. जिस तरीके से भारतवासियों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं उससे वो (सेना) काफी प्रोत्साहित हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री को लताड़ा

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘डियर इमरान खान, जैश का चीफ मसूद अजहर आपके देश में बहावलपुर में है और ISI की मदद से कई हमलों का मास्टरमाइंड भी बना हुआ है. जाओ उसको वहां से पकड़ लो’ बस कैप्टन का ज़ोर नहीं चलता तो सिद्धू पर नहीं.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के पुलवामा हमले पर आए बयान पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पलटवार किया है. अमरिंदर सिंह ने इमरान को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि अगर आप से कुछ नहीं हो रहा है तो हमें बताएं हम खुद कर लेंगे. इसी के साथ उन्होंने पाकिस्तान को चुनौती देते हुए कहा कि अब बातों का समय नहीं है.

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘डियर इमरान खान, जैश का चीफ मसूद अजहर आपके देश में बहावलपुर में है और ISI की मदद से कई हमलों का मास्टरमाइंड भी बना हुआ है. जाओ उसको वहां से पकड़ लो. अगर आप नहीं कर सकते तो हमें बताओ, हम कर लेंगे.’ इसी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री ने तंज भरे अंदाज में कहा, ‘वैसे आपने मुंबई 26/11 हमले के सबूतों का क्या किया. अब समय बातचीत का नहीं है.’View image on Twitter

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Dear @ImranKhanPTI you have Jaish chief Masood Azhar sitting in Bahawalpur & masterminding the attacks with ISI help. Go pick him up from there. If you can’t let us know, we’ll do it for you. BTW what has been done about the proofs of Mumbai’s 26/11 attack. Time to walk the talk.25.6K2:58 PM – Feb 19, 201911.3K people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

गौरतलब है कि मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर एक वीडियो जारी किया था. इसमें उन्होंने कहा कि इस हमले में पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है. साथ ही उन्होंने भारत से सबूतों की मांग की और कहा कि सबूत मिलने पर वह कार्रवाई जरूर करेगा.

शिवाजी भोंसले उर्फ़ छत्रपति शिवाजी महाराज

संकलन: राजविरेन्द्र वशिष्ठ

छत्रपति शिवाजी भोसले

शिवाजी भोंसले उर्फ़ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक और मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। शिवाजी ने आदिलशाही सल्तनत की अधीनता स्वीकार ना करते हुए उनसे कई लड़ाईयां की थी। शिवाजी को हिन्दूओं का नायक भी माना जाता है। शिवाजी महाराज एक बहादुर, बुद्धिमान और निडर शासक थे। धार्मिक कार्य में उनकी काफी रूचि थी। रामायण और महाभारत का अभ्यास वह बड़े ध्यान से करते थे। वर्ष 1674 में शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ और उन्हें छत्रपति का ख़िताब मिला।

माँ जीजाबाई की गोद में बालक शिवा

शिवाजी महाराज का जन्म 19 फ़रवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। इनके पिता का नाम शाहजी भोसलें और माता का नाम जीजाबाई था। शिवनेरी दुर्ग पुणे के पास है। उनकी माता ने उनका नाम भगवान शिवाय के नाम पर शिवाजी रखा। उनकी माता भगवान शिवाय से स्वस्थ सन्तान के लिए प्रार्थना किया करती थी। शिवाजी के पिताजी शाहजी भोंसले एक मराठा सेनापति थे, जो कि डेक्कन सल्तनत के लिए कार्य किया करते थे। शिवाजी के जन्म के समय डेक्कन की सत्ता तीन इस्लामिक सल्तनतों बीजापुर, अहमदनगर और गोलकोंडा में थी। शिवाजी अपनी माँ जीजाबाई के प्रति बेहद समर्पित थे। उनकी माँ बहुत ही धार्मिक थी। उनकी माता शिवाजी को बचपन से ही युद्ध की कहानियां तथा उस युग की घटनाओं के बारे में बताती रहती थीं, खासकर उनकी माँ उन्हें रामायण और महाभारत की प्रमुख कहानियाँ सुनाती थीं। जिन्हें सुनकर शिवाजी के ऊपर बहुत ही गहरा असर पड़ा था। इन दो ग्रंथो की वजह से वो जीवनपर्यन्त हिन्दू महत्वो का बचाव करते रहे। इसी दौरान शाहजी ने दूसरा विवाह किया और अपनी दुसरी पत्नी तुकाबाई के साथ कर्नाटक में आदिलशाह की तरफ से सैन्य अभियानो के लिए चले गए। उन्होंने शिवाजी और जीजाबाई को दादोजी कोंणदेव के पास छोड़ दिया। दादोजी ने शिवाजी को बुनियादी लड़ाई तकनीकों के बारे में जैसे कि- घुड़सवारी, तलवारबाजी और निशानेबाजी सिखाई।

कोंडना पर हमला

शिवाजी महाराज ने वर्ष 1645 में, आदिलशाह सेना को बिना सूचित किए कोंड़ना किला पर हमला कर दिया। इसके बाद आदिलशाह सेना ने शिवाजी के पिता शाहजी को गिरफ्तार कर लिया। आदिलशाह सेना ने यह मांग रखी कि वह उनके पिता को तब रिहा करेगा जब वह कोंड़ना का किला छोड़ देंगे। उनके पिता की रिहाई के बाद 1645 में शाहजी की मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु के बाद शिवाजी ने फिर से आक्रमण करना शुरू कर दिया।

वर्ष 1659 में, आदिलशाह ने अपने सबसे बहादुर सेनापति अफज़ल खान को शिवाजी को मारने के लिए भेजा। शिवाजी और अफज़ल खान 10 नवम्बर 1659 को प्रतापगढ़ के किले के पास एक झोपड़ी में मिले। दोनों के बीच एक शर्त रखी गई कि वह दोनों अपने साथ केवल एक ही तलवार लाए गए। शिवाजी को अफज़ल खान पर भरोसा नही था और इसलिए शिवाजी ने अपने कपड़ो के नीचे कवच डाला और अपनी दाई भुजा पर बाघ नख (Tiger’s Claw) रखा और अफज़ल खान से मिलने चले गए। अफज़ल खान ने शिवाजी के ऊपर वार किया लेकिन अपने कवच की वजह से वह बच गए, और फिर शिवाजी ने अपने बाघ नख (Tiger’s Claw) से अफज़ल खान पर हमला कर दिया। हमला इतना घातक था कि अफज़ल खान बुरी तरह से घायल हो गया, और उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद शिवाजी के सैनिकों ने बीजापुर पर आक्रमण कर दिया।

शिवाजी ने 10 नवम्बर 1659 को प्रतापगढ़ के युद्ध में बीजापुर की सेना को हरा दिया। शिवाजी की सेना ने लगातार आक्रमण करना शुरू कर दिया। शिवाजी की सेना ने बीजापुर के 3000 सैनिक मार दिए, और अफज़ल खान के दो पुत्रों को गिरफ्तार कर लिया। शिवाजी ने बड़ी संख्या में हथियारों ,घोड़ों,और दुसरे सैन्य सामानों को अपने अधीन कर लिया। इससे शिवाजी की सेना और ज्यादा मजबूत हो गई, और मुगल बादशाह औरंगजेब ने इसे मुगल साम्राज्य का सबसे बड़ा खतरा समझा।

मुगलों के शासक औरंगजेब का ध्यान उत्तर भारत के बाद दक्षिण भारत की तरफ गया। उसे शिवाजी के बारे में पहले से ही मालूम था। औरंगजेब ने दक्षिण भारत में अपने मामा शाइस्ता खान को सूबेदार बना दिया था। शाइस्ता खान अपने 150,000 सैनिकों को लेकर पुणे पहुँच गया और उसने वहां लूटपाट शुरू कर दी। शिवाजी ने अपने 350 मावलो के साथ उनपर हमला कर दिया था, तब शाइस्ता खान अपनी जान बचाकर भाग खड़ा हुआ और शाइस्ता खान को इस हमले में अपनी 3 उँगलियाँ गंवानी पड़ी। इस हमले में शिवाजी महाराज ने शाइस्ता खान के पुत्र और उनके 40 सैनिकों का वध कर दिया। शाइस्ता खान ने पुणे से बाहर मुगल सेना के पास जा कर शरण ली और औरंगजेब ने शर्मिंदगी के मारे शाइस्ता खान को दक्षिण भारत से हटाकर बंगाल का सूबेदार बना दिया।

सूरत की लूट जहां शिवाजी को 132 लाख की संपत्ति हासिल हुई

इस जीत के बाद शिवाजी की शक्ति और ज्यादा मजबूत हो गई थी। लेकिन कुछ समय बाद शाइस्ता खान ने अपने 15,000 सैनिकों के साथ मिलकर  शिवाजी के कई क्षेत्रो को जला कर तबाह कर दिया, बाद में शिवाजी ने इस तबाही का बदला लेने के लिए मुगलों के क्षेत्रों में जाकर लूटपाट शुरू कर दी। सूरत उस समय हिन्दू मुसलमानों का हज पर जाने का एक प्रवेश द्वार था। शिवाजी ने 4 हजार सैनिकों के साथ सूरत के व्यापारियों को लूटने का आदेश दिया, लेकिन शिवाजी ने किसी भी आम आदमी को अपनी लूट का शिकार नहीं बनाया।

शिवाजी महाराज को आगरा बुलाया गया जहां उन्हें लागा कि उनको उचित सम्मान नहीं दिया गया है। इसके खिलाफ उन्होंने अपना रोष दरबार पर निकाला और औरंगजेब पर छल का आरोप लगाया। औरंगजेब ने शिवाजी को कैद कर लिया और शिवाजी पर 500 सैनिकों का पहरा लगा दिया। हालांकि उनके आग्रह करने पर उनकी स्वास्थ्य की दुआ करने वाले आगरा के संत, फकीरों और मन्दिरों में प्रतिदिन मिठाइयाँ और उपहार भेजने की अनुमति दे दी गई थी। कुछ दिनों तक यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा। एक दिन शिवाजी ने संभाजी को मिठाइयों की टोकरी में बैठकर और खुद मिठाई की टोकरी उठाने वाले मजदूर बनकर वहा से भाग गए। इसके बाद शिवाजी ने खुद को और संभाजी को मुगलों से बचाने के लिए संभाजी की मौत की अफवाह फैला दी। इसके बाद संभाजी को मथुरा में एक ब्राह्मण के यहाँ छोड़ कर शिवाजी महाराज बनारस चले गए। औरंगजेब ने जयसिंह पर शक करके उसकी हत्या विष देकर करवा डाली। जसवंत सिंह ( शिवाजी का मित्र) के द्वारा पहल करने के बाद सन् 1668 में शिवाजी ने मुगलों के साथ दूसरी बार सन्धि की। औरंगजेब ने शिवाजी को राजा की मान्यता दी। शिवाजी के पुत्र संभाजी को 5000 की मनसबदारी मिली और शिवाजी को पूना, चाकन और सूपा का जिला लौटा दिया गया, लेकिन, सिंहगढ़ और पुरन्दर पर मुग़लों का अधिपत्य बना रहा। सन् 1670 में सूरत नगर को दूसरी बार शिवाजी ने लूटा, नगर से 132 लाख की सम्पत्ति शिवाजी के हाथ लगी और लौटते वक्त शिवाजी ने एक बार फिर मुगल सेना को सूरत में हराया।

सन 1674 तक शिवाजी के सम्राज्य का अच्छा खासा विस्तार हो चूका था। पश्चिमी महाराष्ट्र में स्वतंत्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के बाद शिवाजी ने अपना राज्याभिषेक करना चाहा, परन्तु ब्राहमणों ने उनका घोर विरोध किया। क्योंकि शिवाजी क्षत्रिय नहीं थे उन्होंने कहा की क्षत्रियता का प्रमाण लाओ तभी वह राज्याभिषेक करेगा। बालाजी राव जी ने शिवाजी का सम्बन्ध मेवाड़ के सिसोदिया वंश से समबंद्ध के प्रमाण भेजे जिससे संतुष्ट होकर वह रायगढ़ आया और उन्होंने राज्याभिषेक किया। राज्याभिषेक के बाद भी पुणे के ब्राह्मणों ने शिवाजी को राजा मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद शिवाजी ने अष्टप्रधान मंडल की स्थापना कि। विभिन्न राज्यों के दूतों, प्रतिनिधियों के अलावा विदेशी व्यापारियों को भी इस समारोह में आमंत्रित किया गया। इस समारोह में लगभग रायगढ़ के 5000 लोग इकट्ठा हुए थे। शिवाजी को छत्रपति का खिताब दिया गया। उनके राज्याभिषेक के 12 दिन बाद ही उनकी माता का देहांत हो गया। इस कारण फिर से 4 अक्टूबर 1674 को दूसरी बार उनका राज्याभिषेक हुआ। दो बार हुए इस समारोह में लगभग 50 लाख रुपये खर्च हुए। इस समारोह में हिन्दू स्वराज की स्थापना का उद्घोष किया गया था।

शिवाजी के परिवार में संस्कृत का ज्ञान अच्छा था और संस्कृत भाषा को बढ़ावा दिया गया था। शिवाजी ने इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपने किलों के नाम संस्कृत में रखे जैसे कि- सिंधुदुर्ग, प्रचंडगढ़, तथा सुवर्णदुर्ग। उनके राजपुरोहित केशव पंडित स्वंय एक संस्कृत के कवि तथा शास्त्री थे। उन्होंने दरबार के कई पुराने कायदों को पुनर्जीवित किया एवं शासकिय कार्यों में मराठी तथा संस्कृत भाषा के प्रयोग को बढ़ावा दिया।

शिवाजी एक कट्टर हिन्दू थे, वह सभी धर्मों का सम्मान करते थे। उनके राज्य में मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता थी। शिवाजी ने कई मस्जिदों के निर्माण के लिए दान भी दिए था। हिन्दू पण्डितों की तरह मुसलमान सन्तों और फ़कीरों को बराबर का सम्मान प्राप्त था। उनकी सेना में कई मुस्लिम सैनिक भी थे। शिवाजी हिन्दू संकृति का प्रचार किया करते थे। वह अक्सर दशहरा पर अपने अभियानों का आरम्भ किया करते थे।

शिवाजी, भारतीय नौसेना के पितामह

शिवाजी ने काफी कुशलता से अपनी सेना को खड़ा किया था। उनके पास एक विशाल नौसेना (Navy) भी थी। जिसके प्रमुख मयंक भंडारी थे। शिवाजी ने अनुशासित सेना तथा सुस्थापित प्रशासनिक संगठनों की मदद से एक निपुण तथा प्रगतिशील सभ्य शासन स्थापित किया। उन्होंने सैन्य रणनीति में नवीन तरीके अपनाएं जिसमें दुश्मनों पर अचानक आक्रमण करना जैसे तरीके शामिल थे।

अष्टप्रधान

शिवाजी को एक सम्राट के रूप में जाना जाता है। उनको बचपन में कुछ खास शिक्षा नहीं मिली थी, लेकिन वह फिर भी भारतीय इतिहास और राजनीति से अच्छी तरह से परिचत थे। शिवाजी ने प्रशासकीय कार्यों में मदद के लिए आठ मंत्रियों का एक मंडल तैयार किया था, जिसे अष्टप्रधान कहा जाता था। इसमें मंत्रियों प्रधान को पेशवा कहते थे, राजा के बाद सबसे ज्यादा महत्व पेशवा का होता था। अमात्य वित्त मंत्री और राजस्व के कार्यों को देखता था, और मंत्री राजा के दैनिक कार्यों का लेखा जोखा रखता था। सचिव दफ्तरी काम किया करता था। सुमन्त विदेश मंत्री होता था जो सारे बाहर के काम किया करता था। सेनापति सेना का प्रधान होता था। पण्डितराव दान और धार्मिक कार्य किया करता था। न्यायाधीश कानूनी मामलों की देखरेख करता था।

शिवाजी और अष्टप्रधान

मराठा साम्राज्य उस समय तीन या चार विभागों में बटा हुआ था। प्रत्येक प्रान्त में एक सूबेदार था जिसे प्रान्तपति कहा जाता था। हरेक सूबेदार के पास एक अष्टप्रधान समिति होती थी। न्यायव्यवस्था प्राचीन प्रणाली पर आधारित थी। शुक्राचार्य, कौटिल्य और हिन्दू धर्मशास्त्रों को आधार मानकर निर्णय दिया जाता था। गाँव के पटेल फौजदारी मुकदमों की जाँच करते थे। राज्य की आय का साधन भूमिकर था, सरदेशमुखी से भी राजस्व वसूला जाता था। पड़ोसी राज्यों की सुरक्षा की गारंटी के लिए वसूले जाने वाला सरदेशमुखी कर था। शिवाजी अपने आपको मराठों का सरदेशमुख कहा करते थे और इसी हैसियत से सरदेशमुखी कर वसूला जाता था।

शिवाजी महाराज ने अपने पिता से स्वराज की शिक्षा हासिल की, जब बीजापुर के सुल्तान ने उनके पिता को गिरफ्तार कर लिया था तो शिवाजी ने एक आदर्श पुत्र की तरह अपने पिता को बीजापुर के सुल्तान से सन्धि कर के छुड़वा लिया। अपने पिता की मृत्यु के बाद ही शिवाजी ने अपना राज-तिलक करवाया। सभी प्रजा शिवजी का सम्मान करती थी और यही कारण है कि शिवाजी के शासनकाल के दौरान कोई आन्तरिक विद्रोह जैसी घटना नहीं हुई थी। वह एक महान सेना नायक के साथ-साथ एक अच्छे कूटनीतिज्ञ भी थे। वह अपने शत्रु को आसानी से मात दे देते थे।

शिवाजी के सिक्के

एक स्वतंत्र शासक की तरह उन्होंने अपने नाम का सिक्का चलवाया। जिसे “शिवराई” कहते थे, और यह सिक्का संस्कृत भाषा में था।

3 अप्रैल, 1680 में लगातार तीन सप्ताह तक बीमार रहने के बाद यह वीर हिन्दू सम्राट सदा के लिए इतिहासों में अमर हो गया, और उस समय उनकी आयु 50 वर्ष थी। शिवाजी महाराज एक वीर पुरुष थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन मराठा, हिन्दू साम्राज्य के लिए समर्पित कर दिया। मराठा इतिहास में सबसे पहला नाम शिवाजी का ही आता है। आज महाराष्ट्र में ही नहीं पूरे देश में वीर शिवाजी महाराज की जयंती बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाई जाती है।

पाकिस्‍तान कुलभूषण जाधव एक प्रोपैंगेडा के हथियार के रूप में इस्‍तेमाल कर रहा है: हरीश साल्‍वे

द हेग: इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई में भारत की तरफ से वरिष्‍ठ वकील हरीश साल्‍वे पेश हुए. उन्‍होंने कहा कि यह मामला विएना संधि का उल्‍लंघन है. उन्‍होंने कहा, ”जाधव को बिना काउंसलर (वकील) की सुविधा के लगातार कस्‍टडी में रखा गया है. इसको गैरकानूनी करार दिया जाना चाहिए.” इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि पाकिस्‍तान इसको एक प्रोपैंगेडा के हथियार के रूप में इस्‍तेमाल कर रहा है. पाकिस्‍तान को अविलंब जाधव को काउंसर की सुविधा प्रदान करनी चाहिए क्‍योंकि वह ऐसा करने के लिए बाध्‍य है.

उन्‍होंने कहा कि 30 मार्च, 2016 को भारत ने जाधव को काउंसलर सुविधा दिलाने का आग्रह पाकिस्‍तान से किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उसके बाद अलग-अलग तारीखों में 13 बार इस तरह का आग्रह भारत की तरफ से किया जा चुका है. उन्‍होंने कहा कि 19 जून, 2017 को भारत ने पाकिस्‍तान से जांच में सहयोग का आग्रह करते हुए कहा कि जाधव के किसी आतंकी गतिविधि में शामिल होने के संबंध में पाकिस्‍तान की तरफ से कोई विश्‍वसनीय सबूत उपलब्‍ध नहीं कराए गए.

हरीश साल्‍वे ने कहा कि जाधव की कथित स्‍वीकारोक्ति बतलाती है कि उनको इसके लिए बाध्‍य किया गया. भारत ने पाकिस्‍तान को याद दिलाया कि पाक सरकार ने सार्क कन्‍वेंशन को अंगीकार नहीं किया है. इस संधि के तहत आपराधिक मामलों में कानूनी सहायता उपलब्‍ध कराई जाती है. इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान को इस बात के लिए पर्याप्‍त सबूत देना चाहिए कि उसको काउंसलर की सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए तीन महीने का वक्‍त क्‍यों चाहिए?

अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में सोमवार से शुरू हो रही चार दिवसीय सार्वजनिक सुनवाई में भारत और पाकिस्तान जिरह अपना-अपना पक्ष रखेंगे. जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है. भारत ने कहा है कि जाधव निर्दोष हैं.

विएना संधि का उल्‍लंघन
भारत 48 वर्षीय जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा ‘‘हास्यास्पद मुकदमे’’ में सुनाई गई सजा के खिलाफ मई 2017 में आईसीजे गया था. भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने आठ मई 2017 को आईसीजे से संपर्क कर कहा था कि पाकिस्तान ने जाधव तक राजनयिक संबंधी पहुंच से बार-बार इनकार कर राजनयिक रिश्तों से संबंधित 1963 की विएना संधि का ‘‘घोर उल्लंघन’’ किया है.

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए स्थापित आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को मामले का निपटारा होने तक जाधव की सजा पर अमल करने से पाकिस्तान को रोक दिया था. आईसीजे ने मामले में सार्वजनिक सुनवाई के लिए 18 से 21 फरवरी तक का समय निर्धारित किया है. यह सुनवाई द हेग, नीदरलैंड स्थित पीस पैलेस में हो रही है.


ANI✔@ANI · 1h


The Hague (Netherlands): International Court of Justice (ICJ) starts public hearing in Indian National Kulbhushan Jadhav case

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Harish Salve representing India & Kulbhushan Jadhav in ICJ: It is an egregious violation of the Vienna Convention pic.twitter.com/TRPNT80V212902:56 PM – Feb 18, 2019Twitter Ads info and privacy

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पहले भारत पेश करेगा दलीलें
भारत पहले 18 फरवरी को अपनी दलीलें पेश करेगा. वहीं, पाकिस्तान को 19 फरवरी को अभिवेदन देने का मौका मिलेगा. इसके बाद 20 फरवरी को भारत उत्तर देगा, जबकि पाकिस्तान 21 फरवरी को अपना समापन अभिवेदन देगा. ऐसी उम्मीद है कि आईसीजे का फैसला 2019 की गर्मियों में आ सकता है. इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने उल्लेख किया था कि जाधव के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भारत सभी प्रयास करने को प्रतिबद्ध है. कुमार ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली में एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘‘भारत अदालत में अपना मामला रखेगा.’’

पाकिस्‍तान
पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर आईसीजे में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जबकि दक्षिण एशिया मामलों के महानिदेशक मोहम्मद फैसल विदेश विभाग के पक्ष का नेतृत्व करेंगे. सुनवाई से पहले पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनका देश जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले को क्रियान्वित करने को लेकर कटिबद्ध है.

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से तीन मार्च 2016 को तब गिरफ्तार किया था जब उन्होंने ईरान से प्रवेश किया था. वहीं, भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया जहां वह सेवानिवृत्ति के बाद व्यवसाय करने गए थे. जाधव को सजा सुनाए जाने पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.

पाकिस्तान ने आईसीजे में जाधव तक राजनयिक पहुंच के भारत के आग्रह को खारिज कर दिया था और दावा किया था कि भारत अपने ‘‘जासूस’’ द्वारा एकत्र गई सूचना तक पहुंच बनाना चाहता है. हालांकि, पाकिस्तान ने 25 दिसंबर 2017 को इस्लामाबाद में जाधव से उनकी मां और पत्नी की मुलाकात कराई थी. आईसीजे में यह सुनवाई ऐसे समय में हो रही है जब चार दिन पहले जम्मू कश्मीर में हुए भीषण आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे.

पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद 44 जवानों के सम्मान में सूरजपुर गाँव वार्ड नंबर -6 में कैंडल मार्च निकला गया

खबर और तस्वीरें: राजकुमार

फोटो: राजकुमार

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी द्वारा पुलवामा में लगाई आग का आक्रोश संपूरण भारत में फैल चुका है, हम रोज़ कहीं न कहीं किसी न किसी जगह से आक्रोश की लहर देखते हैं, सभी भारतीय यह बताने में नहीं चूक रहे की भारत भूमि का हर पत्थर ज्वालामुखी है और हर कनकर एक शोला है, इसी कड़ी में पाकिस्तान के लिए आतंक का पर्याय सूरजपुर से भी पुलवामा विरोध की आवाज़ें उठीं हैं, पाकिस्तान 1971 में सूरजपुर का नाम सुन कर कांप जाता था, आज वहाँ से छोटे छोटे बच्चों ने और बुज़ुर्गों ने पाकिस्तान को ललकारा है। पाकिस्तान याद रखे काश्मीर हमारा है।

राज कुमार, पंचकूला: पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद 44 जवानों के सम्मान मैं सूरजपुर गाँव वार्ड नंबर -6 में कैंडल मार्च निकला गया …

फोटो: राजकुमार

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए कायराना आतंकी हमले के खिलाफ देश में हर तरफ आक्रोश का माहौल है। इस बीच देशभर में तमाम जगहों के साथ सूरजपुर गाँव वार्ड नंबर -6 से आतंकी हमले में राष्ट्र के प्रति सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारत मां के वीर सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए आज कैंडल मार्च निकला गया.

फोटो: राजकुमार

बड़ी तादाद में पहुंचे लोगों ने कैंडल मार्च में हिस्सा लेकर शहीद जवानों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और बाद में 2 मिनट का मौन रखकर पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी।

पाकिस्तान से भारत को निर्यात होने वाले सभी सामानों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी तत्काल प्रभाव से 200 % तक बढ़ा दी गई है.

पुलवामा पर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को दिया मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया. इसके बाद भारत ने अब पाकिस्तानी सामानों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 200 फीसदी बढ़ा दी है.

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर बताया ‘पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस ले लिया है. साथ ही पाकिस्तान से भारत निर्यात होने वाली सभी चीजों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 200 फीसदी तक तत्काल प्रभाव से बढ़ा दी गई है.’

Arun Jaitley@arunjaitley

India has withdrawn MFN status to Pakistan after the Pulwama incident. Upon withdrawal, basic customs duty on all goods exported from Pakistan to India has been raised to 200% with immediate effect. #Pulwama14.6K8:15 PM – Feb 16, 2019Twitter Ads info and privacy6,951 people are talking about this

सीमा शुल्क में बढ़ोत्तरी से पाकिस्तान से भारत को किया जाने वाले निर्यात पर काफी बुरा असर पड़ेगा. साल 2017-18 में पाकिस्तान से भारत को 3,482.3 करोड़ रुपए यानी 48.85 करोड़ डॉलर का निर्यात किया गया था. पाकिस्तान प्रमुख तौर पर भारत को ताजे फल, सीमेंट, बड़े पैमाने पर खनिज-अयस्क और तैयार चमड़ा निर्यात करता है.

इससे पहले नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, ‘पाकिस्तान को दिया गया MFN का दर्जा वापस लेने के निर्णय का उसकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. पाकिस्तान पहले से ही गहरे संकट में है.’ कुमार ने आगे कहा कि भारत का बड़ा बाजार अब पाकिस्तान के निर्यात के लिए बंद होगा. नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, ‘कश्मीर में अत्यंत उकसावे वाली कार्रवाई के बाद भारत MFN का दर्जा वापस लेने के लिए बाध्य हुआ है.’

दरअसल, 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकवादी हमला हुआ था. इस हमले में सेना के 40 जवान शहीद हो गए. हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.

दूसरी तरफ पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारतीय उप उच्चायुक्त को तलब किया और पुलवामा में हुए भीषण आतंकवादी हमले में उसकी भूमिका के बारे में भारत की ओर से लगाए गए आरोपों के प्रति अपना विरोध जताया. पाकिस्तान के जरिए भारतीय उप उच्चायुक्त को तलब करने का यह कदम ऐसे समय में उठाया गया जबकि भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद को तलब किया और सीआरपीएफ के जवानों के बलिदान को लेकर कड़ा डिमार्शे जारी किया.

विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि पाकिस्तान को जैश ए मोहम्मद के खिलाफ तत्काल और सत्यापित कार्रवाई करनी चाहिए और उसके क्षेत्र से संचालित आतंकवाद से जुड़े किसी भी समूह या व्यक्तियों को तत्काल रोकना चाहिए. हालांकि, पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि विदेश कार्यालय ने भारतीय उप उच्चायुक्त को तलब किया और पुलवामा हमले पर पाकिस्तान के खिलाफ भारत के जरिए लगाए गए आरोपों को आधारहीन कह कर खारिज कर दिया.

Navjot believes Pak is not terrorist supporter, he demands talks to continue no matter what

Navjot Singh Sidhu’s comment on Pulwama terror attack–Terrorism has no religion, no nation–has created a huge outrage in Twitterverse. He is not only receiving a backlash from his opponents, but also from Twitterati who are asking fans to boycott The Kapil Sharma Show and Sony TV to kick Sidhu out of the show.

“For a handful of people, can you blame the entire nation and can you blame an individual? It (the attack) is a cowardly act and I condemn it firmly. Violence is always condemnable and those who did it must be punished,” Sidhu was quoted as saying.

The comment did not go down well with the netizens who have made #BoycottKapilSharmaShow trend on Twitter. Some are asking Sidhu to apologise for his comment, while others want the channel to expel him from the comedy show.

Shaurya Sharma@Shaurya_Leo

#NavjotSinghSidhu boycott from #KapilSharmashow @sherryontopp at least don’t humiliate India, if u can’t support. Please read what China does to Muslims in their country. We don’t want same thing but at least our pride cannot be compromised @RajatSharmaLive @ZeeNews@SonyTV205:15 PM – Feb 15, 2019Twitter Ads info and privacySee Shaurya Sharma’s other Tweets

Sachin Kumar@SachinKrIndia

With what face will that disgrace #navjotsinghsidhu now appear on Kapil Sharma show and crack jokes. No respect for the soldiers. #bycottkapilsharmashow #Pulwama #PulwamaAttack65:40 PM – Feb 15, 2019Twitter Ads info and privacySee Sachin Kumar’s other Tweets

Tanmoy Sinha@Tanmoy_always

It is not handful of people. Rather it is u who goes to Pak & do handshaking with Pak general. Day will come & u will be nowhere.
Disgusting #NavjotSinghSidhu12:58 PM – Feb 15, 2019Twitter Ads info and privacySee Tanmoy Sinha’s other Tweets

rupesh kumar@rupesh093

#boycottkapilsharmashow aaj ke bd se nhi dekhna h jab tak sardarji h27:01 PM – Feb 15, 2019Twitter Ads info and privacySee rupesh kumar’s other Tweets

RAHUL VERMA@rahul_90_14

hello @SonyTV , if you ever tried to show this person @sherryontopp navjot, we will totally boycott sony entertainment channel and @KapilSharmaK9 show too, either you off air the show or we will boycott sony tv, #boycottkapilsharmashow #boycottsidhu1686:57 PM – Feb 15, 2019Twitter Ads info and privacy150 people are talking about this

Gangesh G Pandey@gangeshpandey21

Dear @SonyTV,
If you still not remove @sherryontopp from the our beloved show #TKSS. We didn’t hesitate to boycott the show.
That’s All
We won’t want this type of people on our fav. show#NavjotSinghSidhu #boycottkapilsharmashow @KapilSharmaK9546:56 PM – Feb 15, 2019Twitter Ads info and privacy53 people are talking about this

mukul @MukulAgarwal66 · 8h

Dear @SonyTV , if siddhu still remains on your show, will ve boycotting your channel by unsubscribing. Am sure others will join in. Your choice

Ashish Sharma @ash_sh

#RemoveSiddhu@SonyTV @KapilSharmaK9
If Siddhu continue with you we will #boycottkapilsharmashow #BoycottSonytv56:56 PM – Feb 15, 2019Twitter Ads info and privacySee Ashish Sharma ‘s other Tweets

Ankit Modanwal Hitman@AnkitModanwal45

कपिल शर्मा जी आप तुरन्त ही एक्शन लेते हुए अपने शो से पाकिस्तान प्रेमी नवजोत सिंह सिद्धू को निकाल दीजिए
नहीं तो हम जैसे प्रशंसक लोग आपके शो को देखना बंद कर देंगे#boycottkapilsharmashow@KapilSharmaK9 @SonyTV26:44 PM – Feb 15, 2019 · Uttar Pradesh, IndiaTwitter Ads info and privacySee Ankit Modanwal Hitman’s other Tweets

Bhaiyyaji@bhaiyyajispeaks · 4h

Dear @SonyTV & @KapilSharmaK9 either remove @sherryontopp from your show or we shall pledge not to choose the Sony Package as per new TRAI rules. How dare can someone continuously speak in the favour of a nation which is responsible for many other attacks like Pulwama.

Manjit sharma Mj@manjitsharma12

#सिद्धु_माफ़ी_माँगो #boycottkapilsharmashow #PulwamaAttack27:00 PM – Feb 15, 2019Twitter Ads info and privacySee Manjit sharma Mj’s other Tweets

40 CRPF jawans were martyred when an explosive-laden SUV rammed into one of the buses out of a 70-vehicle CRPF convoy in Jammu and Kashmir’s Pulwama district on Thursday (February 14).

Eetired Major General GD Bakshi also attacked Sidhu for what he deemed an “inappropriate comment” and said Sidhu has not faced what the CRPF has, what men in uniform routinely do in conflict areas.

Sidhu had courted controversy earlier for visiting Pakistan for Imran Khan’s oath-taking ceremony and his controversial hug with Pakistan Army General Qamar Javed Bajwa.

यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान को डर्टी-मनी ब्लैकलिस्ट नेशंस की सूची में डाला

यूरोपीय यूनियन से पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. सूत्रों के मुताबिक यूरोपियन कमीशन ने सऊदी अरब, पनामा और 4 अमेरिकी टेरिटरी को डर्टी-मनी ब्लैकलिस्ट नेशंस की सूची में डाल दिया है.

ईयू एग्जीक्यूटिव का कहना है कि यह फैसला इसलिए किया गया है जिससे मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों की फाइनेंसिंग को रोका जा सके. ईयू के इस फैसले पर कई देशों ने विरोध भी जताया है.

अब इस मामले पर ब्रिटेन को इस बात की चिंता है कि सूची में शामिल लोगों के साथ इकोनॉमिक रिश्तों का क्या होगा. वहीं पनामा ने कहा कि उसे इस सूची से बाहर किया जाना चाहिए क्योंकि उसने मनी लॉन्ड्रिंग के मसले पर गंभीर कदम उठाए हैं.

ईयू की इस डर्टी लिस्ट में दक्षिण कोरिया, अफगानिस्तान, ईरान, इथियोपिया, पाकिस्तान, सीरिया, श्रीलंका, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, यमन और ट्यूनीशिया भी शुमार है. इसके अलावा बोत्सवाना, लीबिया, बहामास और घाना भी इसमें शामिल हैं.

इस लिस्ट में शामिल देशों के लिए यह नियम हैं कि यूरोपीय देश इनके साथ बिजनेस नहीं कर सकते और इन पर सख्त कदम उठाते हैं. ईयू के कदम से पाकिस्तानी नागरिकों को व्यापार में काफी परेशानी होगी. विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तानी व्यापारियों को आसानी से लोन भी नहीं मिलेगा.

हालांकि यह लिस्ट अभी पास नहीं हुई है क्योंकि ईयू कमिश्नर ने इसे अभी प्रस्तावित किया है. यह मेजॉरिटी वोट से रिजेक्ट भी की जा सकती है. इसके लिए उनके पास 2 महीने का समय है. यूएस ट्रेजरी ने इस लिस्ट के प्रोसेस पर नाराजगी जताई है और इसे गलत बताया है.

सीएजी भगवान नहीं: चिदम्बरम

जब खेमका ने रोबर्ट वाड्रा की फ़ाइलस की जांच शुरू कर घोटालों का पर्दाफाश किया था तो भगवान थे चिदम्बरम जिनहोने कहा की “मैंने सब देख लिया है सब, ठीक है”। आज फिर वही भगवान सामने आ कर ‘सीएजी’ के बारे में कह रहे हैं की ‘सीएजी’ भगवान नहीं है, उसके ऊपर संसद हैं। यह संसद वही संसद है जिसमे प्रधान मंत्री मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और रक्षामंत्री श्रीमती सीतारमण हैं। परंतु भगवान चिदम्बरम सिर्फ कांग्रेस के सांसदों ही को संसद मानते हैं। राफेल के सौदे को भारत सरकार, सर्वोच्च न्यायालय, भारतीय संसद, वायु सेना, राफेल की निर्माता कंपनी, सीएजी(नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) और फ्रांस की सरकार ने माना कि इस सौदे में कोई त्रुटि नहीं है। सब पाक साफ है, कोई घोटाला अथवा दलाली कि बात नहीं है। परंतु माननीय पी चिदम्बरम जी को पता नहीं क्यों यकीन है कि कोई भी रक्षा सौदा बिना दलाली के संभव नहीं।

कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की आलोचना करते हुए गुरुवार को कहा कि कैग कोई भगवान नहीं है और इस मामले की छानबीन संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से ही सकती है क्योंकि संसद सर्वोच्च है.

पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, ‘अगर आप राफेल से जुड़ी कैग रिपोर्ट के 33 पन्नों को पढ़ेंगे तो सौदे के कई छिपे पहलुओं के बारे में पता चलेगा. इसमें विमानों की संख्या, कीमत और आपूर्ति के समय जैसे पहलू शामिल हैं. इन्हें पढ़ने के बाद आपको निराशा होगी.’

उन्होंने कहा, ‘कैग रिपोर्ट में जो कहा गया है उस संदर्भ में यह महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि जो नहीं कहा गया है उसको लेकर यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण है.’

पूर्व वित्त मंत्री ने आरोप लगाया, ‘कैग ने ऐसी रिपोर्ट सौंपी जिसमें कोई उपयोगी जानकारी, विश्लेषण या निष्कर्ष का उल्लेख नहीं है. कैग ने देश के लोगों को निराश कर दिया.’ उन्होंने दावा किया कि सरकार इस मामले में तथ्यों को छिपानी चाहती है और कैग ने उसकी मर्जी के मुताबिक काम किया है.

एक सवाल के जवाब में चिदंबरम ने कहा, ‘कैग भगवान नहीं है. उसने एक रिपोर्ट दी है. संसद सर्वोच्च है. संसद रिकॉर्ड की जांच कर सकती है और निष्कर्ष निकाल सकती है. संसद सत्र के आखिरी दिन कैग की रिपोर्ट पेश की गई ताकि लोकलेखा समिति इस पर विचार नहीं कर सके.’ एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कैग ने अपना ‘मजाक’ बनवाने दिया है.

गौरतलब है कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 36 लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद के लिए राजग सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट के साथ जो सौदा किया वह इन विमानों की खरीद के लिए 2007 में की गई तत्कालीन UPA सरकार की वार्ता पेशकश की तुलना में 2.86 फीसदी सस्ता है. हालांकि, रिपोर्ट में इन विमानों की कीमतों का जिक्र नहीं है.

पंचकुला और चंडीगढ़ के सैंकड़ों युवाओं ने पुलवामा हमले पर जताया आक्रोश

पाकिस्तान जबान से कही बात नहीं समझता तो उससे उसी ज़बान में बात करनी चाहिए जो वो समझता है। यही सच है और यही तारीख है, और यही वक़्त की रवायत भी,
ज़बाँ रोक दी जाए तो,
ख़ंजर बात करते हैं
Er. S.K. Jain : Feature Editor

ख़बर, विडियो और फोटो: राज कुमार

फोटो: राज कुमार

पंचकूला ( राजकुमार  )

पुलवामा में  आतंकी हमले में शहीद हुए सी आर पी एफ जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और पाकिस्तान के विरुद्ध रोष जताने के लिए राजीव कॉलोनी के सैंकड़ों युवाओं ने आज कैंडल मार्च निकाला।

मंजू कुमार के नेतृत्व में राजीव कॉलोनी सेक्टर सत्रह से मार्च आरम्भ किया गया।
युवाओं ने पाकिस्तान द्वारा भारत के जवानों पर हुए हमले की निंदा की।


विडियो : राज कुमार

मंजू कुमार ने बताया की अगर ज़रूरत पड़ी तो पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे और हमारी सरकार को अपना रवैया बदलना चाहिए बात करनी बंद करें और सफाया करना शुरू करें ।

फोटो: राज कुमार

वक्त आ गया है कि आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए उनकी ही भाषा में जवाब दे, कहीं ऐसा ना हो जैसे काश्मीर में भारत के विरुद्ध नारे लगाए जाते हैं वैसे ही देश के दूसरे हिस्से में भी सरकार के खिलाफ नारे लगाए जाएं। वक्त ना गंवाते हुए आतंकवादी देश पाकिस्तान का जल्द से जल्द दुनिया के नक्शे से सफाया कर देना चाहिए।

विडियो : राज कुमार

शहीद हुए सैनिकों को कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी गई और पंचकूला के शालीमार चौक पर पाकिस्तान का झंडा जलाकर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए वही कैंडल मार्च शहर में सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने पैदल निकाला इसके बाद युवाओं ने मौन धारण करके सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

ब्लाक 24 मौली जागरां से कांग्रेस नेता लेखपाल। फोटो: राज कुमार

पुलवामा में जो हमारे फौजी भाइयों के साथ हुआ है पाकिस्तान ने बहुत गलत किया है, देश चुप नहीं बैठेगा । आज वार्ड नंबर 24 के नेता लेखपाल ने पाकिस्तान का पुतला जलाया