दो कुख्यात बदमाश चोरी के आभूषणों एवम देशी तमन्चे सहित हुए गिरफ्तार

राहुल भारद्वाज, सहारनपुर – जून 10 :

थाना मिर्जापुर पुलिस व बदमाशो के बीच हुई मुठभेड़ में दो कुख्यात बदमाश चोरी के आभूषणों एवम देशी तमन्चे सहित हुए गिरफ्तार

सहारनपुर थाना मिर्जापुर के ग्राम सफीपुर गेट के पास आज पुलिस एवम बदमाशो के बीच हुई मुठभेड़ में,मिर्जापुर पुलिस व सर्विलांस की सयुंक्त टीम ने चोरी का माल लेकर भागते दो बदमाशो को चोरी के माल सहित गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की हे।

आपको बता दें कि एस,एस,पी,सहारनपुर दिनेश कुमार पी एवम एस,पी,देहात के निर्देश पर पुलिस का चेकिंग अभियान पूरे जनपद में जारी हे। थाना मिर्जापुर पुलिस एवम सर्विलांस की संयुक्त टीम ने इन दोनों बदमाशो राकेश पुञ जयसिंह निवासी ग्राम हुसैन मलकपुर तथा काक्का पुञ श्याम लाल निवासी ग्राम हुसैन मलकपुर को उस वक्त गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की जब यह दोनों बदमाश पुलिस को देखते ही भागने लगे,पुलिस ने अपने साहस का परिचय देते हुए इन दोनों बदमाशो को कुछ देर चली मुठभेड़ के बाद धर दबोचा। बाद में पुलिस को इनके कब्जे से चोरी के जेवरात,एक देशी तमन्चा, कारतूस तथा तीस हजार नकद सहित काफी संख्या में चोरी का सामान मिला। पुलिस ने इन दोनों का चालान कर जेल भेज दिया हे।

थाना कुतुबशेर पुलिस द्वारा चोरी की घटना का सफल अनावरण करते हुये 02 शातिर चोरो को चोरी का सामान व अवैध असलहा सहित किया गिरफ्तार

राहुल भारद्वाज, सहारनपुर – 9 जून:

आप को बता दे कि दिनांक 08/06/2020 को जमीर अहमद पुत्र वजीर अहमद निवासी रवा कॉलोनी गुघाल मेला थाना कुतुबशेर, सहारनपुर द्वारा अपनी फैक्ट्री से 02 लैपटॉप, 01 बैटरी व 01 मोटर चोरी करने के संबंध में प्रार्थना पत्र थाना कुतुबशेर पर दिया गया था जिसके संबंध में थाना कुतुबशेर में विभिन्न धाराओ में एफ आई आर दर्ज किया गया। आज दिनांक 09-06-2020 को उप निरीक्षक रामवीर कुमार शर्मा व उनकी टीम ने अभियुक्त गण

  1. शहजाद पुत्र रफीक निवासी एकता कॉलोनी थाना कुतुबशेर,सहारनपुर
  2. आशीष पुत्र इरफान निवासी कमेला कॉलोनी कुरेशिया मोहल्ला थाना मंडी, सहारनपुर

दोनों को उपरोक्त चोरी की घटना में चोरी किए गए 02 लैपटॉप, 01 मोटर, 01 इनवर्टर का बैटरा व 01 इनवर्टर को रेहडी में ले जाते हुए नाला पटरी कमेला रोड से गिरफ्तार किया गया है तथा अभियुक्त शहजाद के पास 01 तमंचा, 02 कारतूस जिंदा 315 बोर नाजायज भी बरामद हुआ है। जिसके संबंध में अभियुक्त शहजाद पुत्र रफीक निवासी फातिमा मस्जिद एकता कॉलोनी थाना कुतुबशेर, सहारनपुर के विरुद्ध थाना कुतुबशेर पर मु॰अ॰सं॰ 202/2020 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट पंजीकृत कर अभियुक्त गणों को जेल भेजा गया है।

सहारनपुर मंडी थाना पुलिस ने 90 ग्राम स्मैक के साथ नशा तस्कर को किया गिरफ्तार

राहुल भारद्वाज, सहारनपुर – 9 जून:

थाना मंडी क्षेत्र में अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन शिकंजा के तहत कार्यवाई की जा रही है, कार्यवाई में 90 ग्राम स्मैक के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. के द्वारा अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं।

ताबिश पुत्र मोहम्मद सफाक

एसपी सिटी विनीत भटनागर एवं सीओ प्रथम नगर रजनीश उपाध्याय के कुशल निर्देशन के चलते थाना मंडी प्रभारी के कुशल नेतृत्व में एसआई विजेंद्र सिंह ने हैड का॰ अरविंद व का॰ अजीत के साथ चैकिंग के दौरान मादक पदार्थ स्मैक तस्करी में लिप्त ताबिश पुत्र मोहम्मद सफाक निवासी पिलखनतला थाना मंडी सहारनपुर को गिरफ्तार किया है, और उसके पास से 90 ग्राम मादक पदार्थ स्मैक बरामद किया, आरोपी के विरुद्ध एनडीपीएस की धारा के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

राज्य में सीधी बीजाई के तहत 25 प्रतिशत क्षेत्रफल आऐगा – पन्नू

  • धान की सीधी बीजाई की तकनीक को पंजाब के किसानों द्वारा भरपूर समर्थन
  • राज्य सरकार द्वारा 40 से 50 प्रतिशत सब्सिडी पर सीधी बीजाई वाली 4000 मशीनें और धान की फ़सल लगाने वाली 800 मशीनें किसानों को देने की मंजूरी

धान की सीधी बुआई दो विधिओं यथा नम विधि एवं सूखी विधि से की जाती है। नम विधि में बुवाई से पहले एक गहरी सिंचाई की जाती है। जुताई योग्य होने पर खेत तैयार कर सीड ड्रिल से बुवाई की जाती है। बुवाई के बाद हल्का पाटा लगाकर बीज को ढँक दिया जाता है, जिससे नमीं सरंक्षित रहती है।

राकेश शाह, चंडीगढ़:

कोरोनावायरस की महामारी के दरमियान मज़दूरों की कमी की समस्या से निपटने के लिए पंजाब के किसानों ने इस साल धान की रिवायती बीजाई की बजाय सीधी बीजाई को भरपूर प्रोत्साहन दिया है जिससे राज्य में धान का 25 प्रतिशत क्षेत्रफल इस नवीनतम प्रौद्यौगिकी के तहत आने की संभावना है। यह कदम जहाँ मज़दूरों के खर्चे रूप में कटौती लायेगा, वहीं पानी की बचत के लिए भी बहुत सहायक होगा।

बोते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान देना चाहिए (डेमोक्रेटिकफ्रंट विशेषज्ञ)

  1. धान की बुवाई करने से पहले जीरो टिल मशीन का संशोधन कर लेना चाहिए, जिससे बीज (20-25 किग्रा. प्रति हे.) एवं उर्वरक निर्धारित मात्रा (120 किग्रा. डी.ए.पी.) एवं गहराई (3-4 सेमी.) में ही पड़े। ज्यादा गहरा होने पर अंकुरण तथा कल्लों की संख्या कम होगी इससे धान की पैदावार में कमी आ जाएगी।
  2. बुवाई के समय, ड्रिल की नली पर विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इसके रूकने पर बुवाई ठीक प्रकार नहीं हो पाती, जिससे कम पौधे उगेंगे और उपज कम हो जायेगी। यूरिया और म्यूरेट आफ पोटाश उर्वरकों का प्रयोग मशीन के खाद बक्से में नहीं रखना चाहिए। इन उर्वरकों का प्रयोग टाप ड्रेसिेंग के रूप में धान पौधों के स्थापित होने के बाद सिंचाई उपरान्त करना चाहिए।
  3. बुवाई करते समय पाटा लगाने की आवश्यकता नहीं होती अतः मशीन के पीछे पाटा नहीं बांधना चाहिए। सीधी बुवाई जीरो टिलेज धान की खरपतवार एक समस्या के रूप में आते है क्योंकि लेव न होने से इनका अंकुरण सामान्य की अपेक्षा ज्यादा होता है। बुवाई के पश्चात 48 घंटे के अन्दर पेन्डीमीथिलिन (स्टाम्प) की एक लीटर प्रति⁄हे. सक्रिय तत्व की दर से 600 से 800 लीटर पानी में छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव करते समय मिट्टी में पर्याप्त नमी रहनी चाहिये तथा यह समान रूप से सारे खेत में करना चाहिये। ये दवाएं खरपतवारों के जमने के पूर्व ही उन्हें मार देती है। बाद में यदि चौड़ी पत्ती के घास आये तो उन्हें 2, 4–डी 80% सोडियम साल्ट 625 ग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रयोग करना चाहिए। खड़ी फसल में बाद में उगने वाले खरपतवार निराई करके निकाल देना चाहिए वैसे निचले धनखर खेतों में जल भराव के कारण खरपतवार कम आते है।

धान की सीधी बीजाई (डी.एस.आर.) की प्रौद्यौगिकी को उत्साहित करने और किसानों को यह प्रौद्यौगिकी बड़े स्तर पर अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए राज्य के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी पर सीधी बीजाई वाली 4000 मशीनों और धान की फ़सल लगाने वाली 800 मशीनें देने की मंजूरी दे दी है।

कृषि सचिव काहन सिंह पन्नू ने बताया कि पंजाब ने मौजूदा साल के दौरान सीधी बीजाई की तकनीक के तहत लगभग पाँच लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल लाने का लक्ष्य निश्चित किया था परन्तु मज़दूरों की कमी आने और किसानों की तरफ से प्रगतिशील प्रौद्यौगिकी अपनाने के लिए दिखाई गई गहरी रूचि के कारण 6-7 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल इस तकनीक के तहत आने की संभावना है जो पंजाब में धान की कुल बीजाई का 25 प्रतिशत क्षेत्रफल बनता है।

उन्होंने आगे बताया कि सीधी बीजाई की तकनीक पानी की 30 प्रतिशत बचत करने के अलावा धान की लगवाई में प्रति एकड़ 6000 रुपए की कटौती लाने में मददगार साबित होती है। उन्होंने बताया कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की रिपोर्टों और अनुसंधान के मुताबिक सीधी बीजाई वाले धान का झाड़ भी रिवायती तरीके से लगाऐ गए धान के बराबर ही होता है।

लाभ (डेमोक्रेटिकफ्रंट विशेषज्ञ)

  1. धान की नर्सरी उगाने में होने वाला खर्च बच जाता है। इस विधि में जीरो टिल मशीन द्वारा 20-25 किग्रा. बीज प्रति⁄हे. बुवाई के लिए पर्याप्त होता है।
  2. खेत को जल भराव कर लेव के लिए भारी वर्षा या सिंचाई जल की जरूरत नहीं पड़ती है। नम खेत में बुवाई हो जाती है।
  3. धान की लेव और रोपनी का खर्च बच जाता है।
  4. समय से धान की खेती शुरू हो जाती है और समय से खेत खाली होने से रबी फसल की बुवाई सामयिक हो जाती है जिससे उपज अिधक मिलती है।
  5. लेव करने से खराब हुई भूमि की भौतिक दशा के कारण रबी फसल की उपज घटने की परिस्थिति नहीं आती है। रबी फसल की उपज अधिक मिलती है।

पन्नू ने आगे बताया कि कृषि क्षेत्र में धान की बीजाई ही एक ऐसा कार्य है जिसके लिए मज़दूरों की बहुत ज़रूरत पड़ती है और इस साल मज़दूरों की कमी होने के कारण कृषि विभाग ने किसानों को पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की तरफ से हाल ही में की गई सिफारिशों के मुताबिक धान की सीधी बीजाई करने की सलाह दी है। विभाग के मुलाजिमों द्वारा भी बेहतर तरीके से क्षेत्र में जाकर किसानों को नयी प्रौद्यौगिकी संबंधी सीध दी जा रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि इस नयी प्रौद्यौगिकी में सबसे नाजुक पक्ष खरपतावार को कंट्रोल करना है जिस कारण किसानों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा सीधी बीजाई करने से पहले खरपातवारनशक की खरीद ज़रूर की जाये और धान की बीजाई के 24 घंटों के अंदर-अंदर इस का छिडक़ाव किया जाये।

सावधानियां (डेमोक्रेटिकफ्रंट विशेषज्ञ)
धान की जीरो टिलेज से बुवाई करते समय निम्नलिखित सावधानियां अपनानी चाहिएः

  1. बुवाई के पहले ग्लाइफोसेट की उचित मात्रा को खेत में एक समान छिड़कना चाहिए।
  2. ग्लाइफोसेट के छिड़काव के दो दिनों के अंदर बरसात होने पर, या नहर का पानी आ जाने पर दवा का प्रभाव कम हो जाता है।
  3. खेत समतल तथा जल निकासयुक्त होना चाहिए अन्यथा धान की बुवाई के तीन दिनों के अंदर जल जमाव होने पर अंकुरण बुरी तरह प्रभावित होता है।

350 साल पहले दबाव में अपनाया था इस्लाम, आज की घर वापसी

गाँव मे खेवड़ा कॉलोनी के लोगों के अनुसार इन लोगों का कहना है कि तकरीबन 350 साल पहले औरंगजेब के समय तलवार के ज़ोर पर उनके बुजर्गों ने इस्लाम धर्म अपनाया था, लेकिन सतीश कुमार के बड़े बुजर्गो ने अपनी हिन्दू धर्म की परम्पराएं पूजा पाठ हवन नहीं छोड़े, क्योंकि इनके बड़ो के दिल से हिन्दू धर्म की परम्पराएं ओरंगजेब नहीं बदल पाएं, सतीश कुमार के बड़े बुजर्ग और खुद सतीश कुमार ने हिन्दू धर्म की परम्पराएं हवन पूजा पाठ सभी बरकरार रखी, सतीश कुमार अपने सभी कार्य हिन्दू धर्म के तहत करते आएं है, उसी का नतीजा आज देखने को मिला की आज सतीश कुमार और इसके परिवार ने हिन्दू धर्म मे वापसी की आज सतीश कुमार को बहुत खुशी मिली है। अब बिना किसी दबाव में घर वापसी की है।

दिनेश पाठक, राई जिला सोनीपत:

आज दिनांक 07-06-2020 को गाँव मे खेवड़ा कॉलोनी मे रह रहे एक परिवार सतीश कुमार ने और उनके पुरे परिवार ने मुस्लिम धर्म से हिन्दू धर्म मे वापसी की और ये धर्म वापसी सतीश कुमार ने भाजपा राई से विधायक मोहनलाल बड़ोली और आरएसएस से शशि भूषण और भाजपा के पदाधिकारियो की मौजूदगी मे सतीश कुमार और उनके पुरे परिवार ने हिन्दू धर्म मे रीति रीवाज से हवन करवाके, और आरएसएस से शशि भूषण जी द्वारा गीता उपदेश की किताब सतीश कुमार को भेट करके की।

गांव खेवड़ा में कई मुस्लिम धोबी परिवारों ने फिर से हिंदू धर्म में आस्था दिखाते हुए हिंदू धर्म अपना लिया है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के तहत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न हिंदू संगठनों के अलावा राई विधायक मोहन लाल बड़ौली भी शामिल हुए। इस दौरान हवन कर भाईचारे का संकल्प लिया गया। बताया गया है कि यह परिवार लंबे समय से गांव में रह रहे हैं और उन्होंने सभी कार्य हिंदू रीति रिवाज से करने का निर्णय लिया है।

सतीश कुमार के बड़े बुजर्गो ने अपनी हिन्दू धर्म की परम्पराएं पूजा पाठ हवन नहीं छोड़े, क्योंकि इनके बड़ो के दिल से हिन्दू धर्म की परम्पराएं ओरंगजेब नहीं बदल पाया, सतीश कुमार के बड़े बुजर्ग और खुद सतीश कुमार ने हिन्दू धर्म की परम्पराएं हवन पूजा पाठ सभी बरकरार रखी, सतीश कुमार अपने सभी कार्य हिन्दू धर्म के तहत करते आएं है, उसी का नतीजा आज देखने को मिला की आज सतीश कुमार और इसके परिवार ने हिन्दू धर्म मे वापसी की आज सतीश कुमार को बहुत खुशी मिली है।

घर वापसी करने वाले सतीश आर्य ने बताया कि उनका परिवार हिंदू धर्म में आस्था रखता है और अब इसी धर्म के अनुसार अपने कार्य संपन्न करेगा। इसके लिए रविवार को एक समारोह का आयोजन किया, जिसमें आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शशिभूषण के अलावा राई विधायक मोहन लाल बड़ौली, जजपा नेता अजीत आंतिल, पूर्व सरपंच संजय आंतिल, कांग्रेस नेता जसपाल आंतिल व रामकिशन फौजी, जाखोली मंडल महामंत्री अशोक कौशिक, मुरथल मंडल अध्यक्ष मुकेश बसौदी, नाहरी मंडल अध्यक्ष अशोक भारद्वाज, सतीश तुषीर जी, जाखोली मंडल ओ बी सी मोर्चा अध्यक्ष सुनील रोहिल्ला, खेवड़ा गाँव के पूर्व सरपंच संजय आंतिल जी, कृष्ण रोहिल्ला, रामबीर सिंह, खेवड़ा गाँव के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे l

कोरोना महामारी के बावजूद देश में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास किया है: कटारिया

पुरनूर, पंचकूला 6 जून:

केन्द्रीय जलशक्ति व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि भाजपा सरकार अपना एक साल की उपलब्धियों का पत्र लेकर देशभर में 10 करोड़ लोगों तक घर घर सम्पर्क स्थापित करने का अभियान चलाएगी। इस अभियान का शुभारम्भ अम्बाला लोकसभा क्षेत्र मेें एमडीसी सैक्टर 4 पंचकूला से 7 जून को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा अभियान के दौरान कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंस का पूरा पालन करेगी। 

केन्द्रीय मंत्री भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने धारा 370, 35 ए, तीन तलाक कानून पास किए और नागरिकों के लिए सीएए एक्ट लेकर आए। इसके अलावा अन्य आर्थिक उपलब्धियां को चरम सीमा पर ले जाने का प्रयास किया, लेकिन अचानक देश ने कोरोना महामारी का प्रकोप आ गया। उन्हांेने कहा कि सरकार ने देश में कोरोना पर काबू पाने के लिए चार लाॅकडाउन किए ओर पंाचवी बार अनबे्रेक लागू किया। इस दौरान बहुत सी गतिविधियां देश में जारी की गई हैं। 

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि भाजपा प्रदेश में 14 से 17 जून तक प्रदेश के 11 जिलों में लगातार 700-750 लोगों की रैलिंया आयोजित करेगी। इन रैलियों में सेनीटाईजर, मास्क इत्यादि बांटे जाएगें। भाजपा ने कोरोना के समय 19 करोड़ लोगों को भोजन के पैकेट व 4 करोड़ लोगों को सूखा राशन बांटने का कार्य किया। इनमें से 7.50 लाख लोगों को भोजन व 75 हजार मास्क पंचकूला मंे भी बांटे गए। इसके अलावा एनजीओ, समाजिक संगठनों ने भी इस दौरान पूरा सहयोग किया। 

कटारिया ने कहा कि देश में कोरोना की मृत्यु दर 2.1 प्रतिशत है जबकि विश्व स्तर पर 5.9 प्रतिशत है। अब तक केवल 6350 व्यक्तिय ही कोरोना के कारण मृत्यु का शिकार हुए है जो विश्व स्तर पर सबसे कम है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई आर्थिक पैकेज देने की घोषणा की। इनमें 31 मार्च को आयोग की सिफारिशों में 1 लाख 70 हजार रुपए का पैकेज की घोषणा की। इसके अलावा किसानों के लिए समय समय पर विभिन्न पैकेज दिये। उन्होंने कहा कि चतुर्थ पैकेज में स्माल स्केल उद्योग, किसानों, कोयला इत्यादि के लिए लगातार 5 दिन तक हर क्षेत्र को लाभान्वित करने की घोषणा की। 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 2 जून को प्रधानमंत्री के पीएम कल्याण पैकेज में 42 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। इसमें 53 हजार 248 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी। एक देश एक बाजार योजना के तहत भारत का किसान देश में कहीं भी अपनी फसल की बिक्री कर सकता है। इसके लिए सरकार ने आवश्यक सेवा अधिनियम में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने भी फसलों के बेचने की प्रक्रिया के तहत सीधा लाभ पहुुंचाया है। विशेषकर रेहड़ी, छोटे उद्यमियों को 53200 करोड़ रुपए पैकेज दिया है। इसमें अढाई लाख करोड़ किसानों को दिया है जिससे करोड़ांे किसान लाभान्वित होंगें। 

कटारिया ने कहा कि 2 लाख पशुपालन, मछुआरे, छोटे किसानों को भी लाभान्वित किया गया है। एमएसएमई के तहत 3 लाख करोड़ रुपए की ईक्विटी बढाई गई है जिसके तहत 45 लाख छोटी औद्योगिक ईकाईयों को 45 दिन में लाभ मिलेगा। एमएसएमई की सीमा बढाकर 200 करोड़ की गई है जिसके तहत इससे कम राशि के ग्लोबल टैण्डर नहीं माने जाएगे और मेक इन इंडिया के तहत भारत की कम्पनियां को ही यह राशि दी जाएगी। इसके अलावा जिन कर्मचारियों की सेलरी 15 हजार रुपए से कम है उन्हें भी राहत प्रदान की गई है। इसके तहत 25 प्रतिशत पैसा उनके पीएफ में भेजा जाएगा तथा शेष नकद मिलेगा। 

जल से नल योजना में 10 प्रतिशत प्रोत्साहन दिया जाएगा।  

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों को 18700 करोड़ रुपए के पैकेज के तहत 11 बड़े कदम उठाए जाएगें। फसल बीमा योजना में 6400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जल शक्ति मंत्रालय की ओर से 6 हजार करोड़ रुपए की राशि भूमि जल रिचार्ज करने के लिए 7 राज्यों में दी गई है। इसमें से हरियाणा को 711 करोड़ की राशि अटल भूजल योजना के तहत दी गई गई। उन्होंने बताया कि देश में 18 करोड़ की आबादी को जल से नल देने के लिए पानी की टुटी भारत सरकार की ओर दी जाएगी। इस कार्य पर 3.50 लाख करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी जिसकी पहली किस्त जारी कर दी गई है। जो राज्य पहली किस्त खर्च कर लेगा उसे तत्काल दूसरी किस्त जारी की जाएगी। इसके अलावा अच्छा व सराहनीय कार्य करने वाली सरकारों को 10 प्रतिशत प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। 

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास। 

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय पूरी दूनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है ओर आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, लेकिन देश में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने लाॅकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री का सहयोग किया जिससे विश्वस्तर पर पीएम की लोकप्रियता का ग्राफ बढा है। प्रवासी मजदूरों की समस्या का समाधान करने के लिए 4 हजार ट्रेनें चलाकर उन्हें गंतव्य स्थल भेजा गया लेकिन आर्थिक गतिविधियों के शुरू होने के बाद गुरूग्राम में एक लाख मजदूरों ने ट्रेन चलाने की मांग की है ताकि वे वापिस हरियाणा आ सके। 

कृषि क्षेत्र की बढौतरी ने कम किया कोरोना प्रभाव।  वन्य जीवों के लिए किए जाएगें 200 विकसित क्षेत्र। 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में 4 प्रतिशत की बढौतरी करके किसानों ने कोरोना का प्रभाव कम दिया। वर्तमान में अनाज के भण्डार जो प्रवासी मजदूरों के लिए खोले गए थे उनमें कोई कमी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों के लिए 200 क्षेत्र विकसित किए जाएगें, उनके लिए भूमि नगर निगम क्षेत्र की खाली भूमि या ठेके पर लेकर प्रयोग में लाई जाएगी। कोविड बीमारी से निपटने के लिए मैसिव टैस्टिंग, सोशल डिस्टेंस व मास्क पहनने के साथ साथ एमरजैंसी प्लान बनाए जाएगें। उन्होंने कहा कि विदेश से आने वालों के कारण कोरोना का आंकड़ा बढ गया लेकिन आगामी माह तक इस कवर कर लिया जाएगा। 

इस अवसर पर भाजपा के जिला प्रधान दीपक शर्मा, वरिन्द्र गर्ग,  प्रभारी रमनीक मान, मीडिया प्रभारी नवीन गर्ग भी मौजूद रहे।   

श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों व विधायकों ने दी जन्मदिन पर बधाई

अमरेंद्र सिंह को सोशल मीडिया पर भी खूब मिल रही हैं बधाई

जगंशेर राणा, चंडीगढ़ :

सीएम सिटी करनाल में पांच साल बतौर मुख्यमंत्री प्रतिनिधित जन-जन की समस्याओं का निराकरण करने के साथ सिटी के विकास का रोड मैप तैयार करने में अहम भूमिका निभाई। यह शख्स हैं मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी एवं श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह। अमरेंद्र सिंह का वर्तमान में मुख्य उद्देश्य श्रमिकों की कार्य दक्षता को बढ़ाने के साथ ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने हैं। इनकी इसी सोच से सरकार की जन कल्याणकारी नीतियां भी जन-जन तक पहुंच रही हैं।

शुक्रवार को श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह को उनके जन्मदिवस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित मंत्री, विधायकों व भाजपा नेताओं ने बधाई दी। यही नहीं सोशल मीडिया पर भी अमरेंद्र पूरे पंसदीदा हैं और उन्हें खूब बधाई मिल रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना चुनौती से निपटने के साथ श्रमिकों को भी पूरा ख्याल रख रही है। हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस के कारण किए गए लाकडाउन की वजह से गरीब, मजदूर और दिहाड़ीदार वर्ग के साथ-साथ रिक्शा चालकों की आर्थिक सहायता करने का बड़ा फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐसे लोगों को 4500 रुपये मासिक की आर्थिक दी जा रही है। सहायता चार किस्तों में साप्ताहिक आधार पर दिया जा रही है, ताकि लाकडाउन के दौरान किसी गरीब के घर में रोटी का संकट पैदा न हो सके।  

अमरेंद्र सिंह का कहना है कि श्रमिकों के उत्थान के लिए सरकार अनुकरणीय कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्रम पुरस्कार योजना से से प्रदेश में श्रमिकों की कार्यकुशलता व दक्षता बढ़ रही है तो औद्योगिक और कमर्शियल संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों की यह पुरस्कार नई पहचान स्थापित कर रहा है। यही नहीं हरियाणा के श्रमिकों को पेंशन की भी सौगात दी गई है। प्रदेश में करीब 22 लाख से अधिक श्रमिक पंजीकृत हैं। इनके परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने अनेक योजनाएं चलाई हैं। पंजीकृत 60 वर्ष की आयु से अधिक श्रमिकों 2500 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से मुख्यमंत्री श्रम पुरस्कार में चार श्रेणियों को रखा गया है, इनमें मुख्यमंत्री श्रम रत्न को एक लाख, हरियाणा श्रम भूषण को 50 हजार, हरियाणा श्रम वीर को 20 हजार और हरियाणा श्रम वीरांगना पुरस्कार में भी 20 हजार रुपये की राशि दी जाती है।

इसके अतिरिक्त अनके सौगातें श्रमिकों को दी गई हैं, इनमें कन्यादान योजना, बच्चों की शिक्षा व शादी के लिए वित्तीय सहायता, कामगारों के मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन राशि, अंशदाता श्रमिकों के लड़के व लडकियों के लिए पहली कक्षा से बारवीं कक्षा तक पढ़ाई जारी रखने पर स्कूल की वर्दी, किताबें व कापियां आदि खरीदने हेतु वित्तीय सहायता, अंशदाता श्रमिकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना सहित मुख्य मन्त्री कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत श्रमिकों के उत्थान का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में असंगठित क्षेत्र में लगे 18 से 40 साल के मजदूरों को बुढ़ापे में तीन हजार रुपये महीना पेंशन का फैसला लिया गया है।

कोरोना को लेकर विकट परिस्थितियां हो जाने पर पूरे इंतजाम की है तैयारियां मनोहर लाल मुख्यमंत्री हरियाणा

मनोज त्यागी, करनाल – 27 मई :

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने विधानसभा  करनाल आगमन पर लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक में, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए जूम एप के माध्यम से जिला के मीडिया कर्मियों से संवाद कर उनके सवालों के जवाब दिए।

   सवालों से पहले मुख्यमंत्री ने बोलते हुए कहा कि कोरोना काल की अब तक की अवधि में जो कुछ हुआ, उनमें बहुत से अच्छे काम है  उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा कृषि प्रधान तथा अन्न उत्पादन के दो प्रमुख राज्य है। इस काल में गेंहू खरीद का कार्य एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन उसको बड़े व्यवस्थित तरीके से कामयाब किया। राज्य में गेंहू खरीद केन्द्रों की संख्या 400 से बढ़ाकर 1800 की गई और सरसों के खरीद केन्द्र 100 से 200 किए गए। किसानों को समय पर उनकी फसल की अदायगी की गई। उन्होंने बताया कि 10 मई तक किसानों की सारी पेमेंट चली गई है, अगले दो-तीन दिन में आढ़तियों को शेष पेमेंट मिल जाएगी और 31 मई तक सभी किसानों की अदायगी हो जाएगी। हरियाणा के किसानों का एक-एक दाना खरीदा गया, अब दूसरे राज्यों से आने वाली गेंहू खरीदी जा रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के अब तक 1200 पोजिटिव केस सामने आए है, जिनमें करीब 400 एक्टिव केस है और उनका ईलाज चल रहा है। करनाल के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कोरोना केसों को लेकर यहां की स्थिति भी ठीक रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में राधा स्वामी सत्संग घर, डेरा कार सेवा, निर्मल कुटिया के अतिरिक्त अन्य सामाजिक संस्थाओं ने प्रशासन की मदद की और प्रवासी व जरूरतमंदों को भोजन व सूखा राशन पहुंचाया। धार्मिक नेताओं ने सामाजिक सौहार्द बनाया। जनता को निष्पक्ष और समय पर सूचनाएं पहुंचाकर मीडिया की भूमिका प्रशंसनीय है।  उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कुछ नई व्यवस्थाएं भी बनी है, जिनका संबंध रिफार्म यानि सुधार से है, इनमें जनता से ऑनलाईन सम्पर्क, बीपीएल परिवारों को दोगुना राशन, डिस्ट्रैस राशन टोकन से 4 लाख 85 हजार परिवारों को राशन, रिलीफ कैम्प लगाना, दूसरे प्रदेशों के ऐसे लोग जो हरियाणा में रूके रहे, को हर तरह की सुविधा दी गई, 3 लाख प्रवासियों को रेल व बस जैसी सुविधाओं से उनके घर भेजा गया, 50 हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक ईकाईयां चालूू करवाई गई, जिनमें 25 से 28 लाख लोग काम से जुड़े, शामिल है। अब नियमित ट्रैफिक की मूवमेंट भी शुरू हो गई है।

उन्होंने कहा कि कोरोना कब खत्म होगा, इस बारे कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन इससे काफी कुछ सीखा है, अर्थात मुसीबत में कैसे रास्ता खोजना चाहिए। कोरोना से लड़ाई लम्बी हो सकती है, लेकिन हरियाणा के लोग इससे हारने वाले नहीं है। दूसरे प्रदेशों की तुलना में हरियाणा प्रदेश की व्यवस्थाएं काफी बेहतर रही। अब आगे होटल इत्यादि जो होम डिलीवरी कर रहे है, उनको भी मुख्य धारा में लाएंगे।  व्यवस्थाओं का जिक्र करने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के प्रश्रों के जवाब दिए। एक प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से कुटीर उद्योगों में मालिक 20 हजार रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के एक मजदूर के लिए प्रावधान किया गया है ताकि वह मजदूर को आर्थिक सहयोग कर सके। एमएसएमई के माध्यम से अब ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि 25 से 30 लाख लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है।

एक अन्य प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना काल के चलते भविष्य में यदि परिस्थितियां विकट हो जाती है तो इसके लिए सरकार की ओर से अस्पतालों में पूरी तैयारी की गई है। भूमिगत जल की बचत के लिए उन्होंने कहा कि प्रदेश के 8 ब्लॉक ऐसे है, जहां भूमिगत जल करीब डेढ़ सौ फुट नीचे चला गया है, यदि इसका दोहन इसी प्रकार से जारी रहा तो आने वाली पीढिय़ां कोसेगी।  किसानों से कहा गया है कि वे हैप्पी सीडर जैसी मशीनों से धान की सीधी रोपाई करें। मक्का और दलहन फसलों पर सरकार की ओर से किसानों को 7 हजार प्रति एकड़ की सब्सिडी देने का ऐलान किया गया है।  उन्होंने बताया कि बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों में सरकार की ओर से बोरवेल बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इससे भूमिगत जल स्तर उपर आ सकेगा।

एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि नीजि स्कूलों को कहा गया है कि वे अभिभावकों से टयूशन फीस लें, सभी स्कूल आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है और फीस ही उनका मुख्य स्त्रोत है, इससे उनको अध्यापकों की सैलरी इत्यादि भी देनी पड़ती है।मुख्यमंत्री ने करनाल दौरे में अधिकारियों के साथ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर बैठक की गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर निर्मल कुटिया एवं कार डेरा सेवा में गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष शीश नवाया राधा स्वामी सत्संग व्यास से प्रवासी श्रमिकों को हरी झंडी दिखाकर बस द्वारा रवाना किया टोकन सिस्टम से पात्र व्यक्तियों को राशन वितरण व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया साथ ही करनाल के दानी सज्जनों द्वारा हरियाणा कुराना रिलीफ फंड एवं पीएम केयर में दी गई राशि के चेक जिलाअध्यक्ष जगमोहन आनंद द्वारा मुख्यमंत्री को सौपे गए

“कोरोना से डर नहीं लगता साहब…भूख से लगता है”……

समाज की वास्तविक स्थिति देखी तो यह प्रतीत हुआ कि किस लोकतंत्र की छाया में बैठ कर हमारा सम्पूर्ण समाज सविधान की चादर ओढ़े, सामाजिक समरसता के गीत गुनगुना रहा था। मैं किसी राजनैतिक पार्टी या धर्म विशेष की बात नहीं करना चाहता क्योंकि इनके बारे में बात करना इन प्रतिकूल परिस्थितियों में अंधे से रास्ता पूछने जैसा होगा।

सुशील पंडित, यमुनानगर

कोविड19 के प्रकोप ने सम्पूर्ण मानव जाति का परिदृश्य ही बदल कर रख दिया है। यह जो भी विकट समस्या महामारी के रूप में हमारे सामने मुँह खोले खड़ी है इसकी तो शायद हम में से किसी ने भी कल्पना भी नहीं की होगी।

सुशील पंडित

 जो भी वर्तमान में चल रहा है इससे यह तो बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है कि हम सभी अभी तक एक ऐसा भ्रम से सराबोर  जीवन व्यतीत कर रहे थे जो वास्तविकता से कोसों दूर है। आज जब समाज की वास्तविक स्थिति देखी तो यह प्रतीत हुआ कि किस लोकतंत्र की छाया में बैठ कर हमारा सम्पूर्ण समाज सविधान की चादर ओढ़े, सामाजिक समरसता के गीत गुनगुना रहा था। मैं किसी राजनैतिक पार्टी या धर्म विशेष की बात नहीं करना चाहता क्योंकि इनके बारे में बात करना इन प्रतिकूल परिस्थितियों में अंधे से रास्ता पूछने जैसा होगा। आज जब मैं अपनी रिपोटिंग के दौरान फील्ड में कार्य कर रहा था तो मैने देखा बहुत अधिक संख्या में लोग पैदल अपनी मंजिल की तलाश में चले जा रहे थे। जब मैंने उन्हें ध्यान से देखा तो प्रतीत हुआ वो तो सभी हिंदुस्तानी ही थे और शायद हमारे लोकतंत्र में भी बराबर के भागीदार, कुछ के थके-मांदे चहरो से तो सविधान भी पसीना बन कर टपक रहा था। और हाँ कुछ बच्चे भी थे, शायद हमारे देश के भविष्य में बनने वाले डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, व उच्च अधिकारी आदि पर अफ़सोस भूखे, थके और सहमे हुए थे। मातृशक्ति भी इस अंजान, परिणामरहित संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही थीं। सभी के मन में एक ही प्रश्न था कि ये सब क्या हो रहा है? और क्यों हो रहा है?

मैं एक पत्रकार होने से पहले आम इंसान हूँ इसलिए उनमें से एक को पूछ बैठा, आप कहा से हो? उस गरीब के जवाब ने मुझे भी झकझोर कर रख दिया कहने लगा साहब भारत से ही हूँ क्या आप भी फ़ोटो लेने आए हो? और मैं स्तब्ध रह कर उस व्यक्ति(मजदूर) को देखता रहा क्योंकि उसकी बात का जवाब शायद मेरे पास नही था। इससे पहले मैं कुछ और बात करता उस हैरान परेशान श्रमिक ने मार्मिक शब्दों में कहा “साहब कोरोना से डर नहीं लगता, भूख से लगता है” जाहिर सी बात है यह बात उसने किसी बड़ी वजह से ही कही होगी। एक ओर शासन प्रशासन प्रवासी मजदूरों की जरूरतें पूरी करने की क़वायद में लगी है चाहें वो बड़े बड़े बजट के माध्यम से या फिर राजनीतिज्ञों के मुखारबिंद से डिबेट्स में सीना चौड़ा करके कहे गये आम आदमी के कानों में रस घोलने वाले शब्दों के माध्यम से। परन्तु अफ़सोस धरातल पर अब शून्य ही नजर आ रहा है। सभी श्रमिकों में मौजूदा हालात को लेकर असमंजस की स्तिथि बनी हुई है। इन प्रतिकूल परिस्थितियों की आंच में विपक्षी दलों के द्वारा भी ओछी राजनीति की रोटियां खूब सेकी जा रही है। बहरहाल जो भी हो मेरा यानि हर उस आम आदमी का यही प्रश्न है कि क्या कमी है और कहा कमी है अगर है तो उसे सुधारने का मौका सभी गलती करने वालों के पास शायद है अभी। हमारे देश में कोरोना जैसी महामारी ने अभी दस्तक दी है और मैं परमपिता परमात्मा से यह प्रार्थना भी करता हूँ कि अब बस और नही क्योंकि यहाँ शासन अभी पूरी तरह से परिपूर्ण नही हैंं जो रोते हुए लोगों के आँसू पोंछ सके। और न ही यह सतयुग है कि जो दो चार सच्चे नेताओं की देशभक्ति से सभी पीड़ाओ को पल भर में समाप्त कर दे।

किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था ही वहाँ के सामाजिक जीवन की व्यवस्था को सुनिश्चित करती है। वर्तमान परिवेश में जो भी चल रहा है उसका निदान करना किसी भी विशेष राजनैतिक दल या विशेष समाज के हाथ में नही है लेकिन आपसी सामंजस्य स्थापित करके ही इस महामारी से लड़ने में हम सक्षम हो सकते हैं। हमें सभी की भावनाओं का आदर करना होगा वो चाहे इस देश का गरीब मजदूर हो या फिर राष्ट की अर्थव्यवस्था मजबूत करने वाला व्यपारी क्योंकि अगर लोकतंत्र है तो हम है और स्वस्थ लोकतंत्र में सामजिक समानता का अधिकार सभी को है। भविष्य के गर्भ में क्या है ये शायद किसी को नही पता। बहरहाल जो भी चल रहा है उसका सामना तो हम करेंगें और दूसरों को भी करने के लिए प्रेरित करने का सकारात्मक प्रयास करेंगे। अब बहुत हुआ किसी धर्म जाति पर कटाक्ष करने के यह खेल जो सिर्फ और सिर्फ इस दोगली राजनीति की उपज है।बुजुर्ग अक्सर कहते “शत्रु तब पहचानिए जब सुख हो निकट, मित्र तब जानिए जब परिस्थिति हो विकट ” भूतकाल तो चला गया जो हुआ नहीं पता परन्तु वर्तमान व भविष्य में अपने विवेक का प्रयोग करके स्वंम का और स्वस्थ, सुदृढ़,और सच्चे राष्ट्र का निर्माण करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

पालघर हत्याकांड में संतों के पक्ष में पैरवी करने वाले वकील दिग्विजय त्रिवेदी की एक्सीडेंट में मौत हो गई है

दिग्विजय त्रिवेदी राजनैतिक पार्टी बहुजन विकास अघाड़ी का लीगल सेल संभालते थे। इनकी मृत्यु के बाद ट्विटर पर पालघर मामले को लेकर सवाल उठाया जा रहा है और महाराष्ट्र सीएम, पालघर पुलिस, महाराष्ट्र डीजीपी को टैग करके पूछा जा रहा है कि बड़े पैमाने पर होने वाली लिंचिंग में किस-किस का हाथ है? क्या ये सब योजनाबद्ध है?

मुंबई (ब्यूरो):

पिछले महीनें महाराष्ट्र के पालघर में उन्मादी भीड़ ने पुलिस के सामने दो संतों की पीट-पीटकर ह्त्या कर दी थी। इस मामलें में अब एक और हैरान करने वाला वाकिया सामने आया है। पालघर हत्याकांड में संतों के पक्ष में पैरवी करने वाले वकील दिग्विजय त्रिवेदी की एक्सीडेंट में मौत हो गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सूरत जाते हुए मनोर के मेंडवान ब्रिज के पास बुधवार को हुए सड़क हादसे में वकील दिग्विजय त्रिवेदी की दर्दनाक मौत हो गई। बताया जा रहा है की जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय त्रिवेदी ही गाड़ी चला रहे थे और इसी दौरान कर अनियंत्रित होकर गाड़ी पलट गई, जिस कारण त्रिवेदी की मौके पर ही मौत हो गई। यह भी कहा जा रहा है की इसी केस के सिलसिले में कोर्ट जाते वक्त ये हादसा हुआ।

वकील दिग्विजय त्रिवेदी की मृत्यु के बाद ट्विटर पर पालघर मामले को लेकर सवाल उठाया जा रहा है इस एक्सीडेंट को साजिश करार दिया जा रहा है। लोगों का कहना है की इस एक्सीडेंट की सीबीआई जंच हो ताकि दूध का दूध, पानी का पानी हो जाये। दिग्विजय त्रिवेदी साधुओं को न्याय दिलाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन अब वो भी इस दुनिया से चले गए।