अल्लाह नाम से घाड़ क्षेत्र में किया जाएगा भव्य मस्जिद का निर्माण: मोहम्मद अली एड०, 800 बीघा जमीन पर 100 करोड़ की लागत से होना है मस्जिद का निर्माण: एक लाख नमाज़ी अदा कर सकेंगे नमाज़।
सहारनपुर इस्लामिक फाउंडेशन इंडिया के ज़ेरे इंतजाम घाड़ क्षेत्र में 800 बीघा जमीन के अंदर अल्ल्लाह के नाम से कांच की मस्जिद निर्मित करने का जो बीड़ा फाउंडेशन द्वारा गत वर्ष उठाया गया था वह अब सच होता दिखाई दे रहा है। घाड़ क्षेत्र में मस्जिद निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण शुरू हो चुका है जिस पर 100 करोड से अधिक लागत से मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। इस बात का खुलासा मुख्य ट्रस्टी मोहम्मद अली एडवोकेट ने मीडिया से बातचीत के दौरान किया है। उन्होंने बताया मस्जिद का निर्माण बहुत पहले शुरू हो गया होता किंतु कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण नहीं हो सका। अब मस्जिद का निर्माण अगले वर्ष 2021 के मार्च माह में विधिवत रूप से किया जाएगा।
ट्रस्टी अली ने बताया इस स्थान पर भव्य मस्जिद के अलावा अति आधुनिक सुविधाओं से युक्त हॉस्पिटल, उच्च शिक्षण संस्थान, कान्फ्रेंस हाल, ट्रेड सेंटर, के अलावा सहारनपुर के वुड कार्विंग हैंडीक्राफ्ट से संबंधित संस्थान खोले जाना प्रस्तावित है। विशेषकर सहारनपुर के लकड़ी उद्योग से जुड़े दस्त कारों को अवसर प्रदान किया जाएगा। यूं भी सहारनपुर का वुड कार्विंग हैंडीक्राफ्ट विश्व प्रसिद्ध है। यहां के कारीगरों को रोजगार उपलब्ध हो उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने की कोशिश ट्रस्ट द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष जलाल सिद्दीकी ने कहा मस्जिद निर्माण से घाड़ क्षेत्र का विकास होगा। मस्जिद इतनी भव्य और आलीशान होगी कि इसे दुनिया के आठवें अजूबे में शुमार किया जाएगा। इस मस्जिद में एक लाख लोगों से अधिक नमाजियों के लिए जगह होगी। जलाल सिद्दीकी ने बताया मस्जिद निर्माण के लिए कांच का प्रबंध बेल्जियम से कराया गया है और इसमें विश्व प्रसिद्ध कांच का काम करने वाले कारीगरों की सेवाएं ली जा रही हैं।
इस अवसर पर फाउंडेशन सेक्रेटरी अब्दुल सलाम, नवाब अंसारी, नूर अहमद के अलावा इस्लामिक फाउंडेशन सहारनपुर इंडिया के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्यगण मौजूद रहे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/12/IMG_20201204_103736.jpg485714Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-12-04 05:42:292020-12-04 05:43:32अल्लाह नाम से घाड़ क्षेत्र में किया जाएगा भव्य मस्जिद का निर्माण: मोहम्मद अली एड०
पाॅलीथिन के लिए निगम का 40 दुकानों पर छापा, अतिक्रमण व पाॅलीथिन के खिलाफ ब्रहस्पतिवार को भी चला अभियान।
सहारनपुर नगर निगम के प्रवर्तन दल ने ब्रहस्पतिवार को शहर में अतिक्रमण व पाॅलीथिन के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया। प्रतिबंधित पाॅलीथिन के लिए महानगर की करीब 40 दुकानों पर छापे मारी की गयी। अनेक दुकानों से पाॅलीथिन जब्त करते हुए 30 हजार का जुर्माना लगाया गया। कई दुकानदारों पर अतिक्रमण करने के आरोप में कार्रवाई करते हुए करीब पांच हजार का जुर्माना वसूला गया।
नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह के निर्देश पर प्रवर्तन दल ने कर्नल बी एस नेगी के नेतृत्व में ब्रहस्पतिवार को दयाल काॅलोनी, रेलवे काॅलोनी व नवीन नगर में करीब दो दर्जन दुकानों पर पाॅलीथिन की जांच की। नवीननगर में दो प्रोविजन स्टोर पर पाॅलीथिन का उपयोग पाया गया। दोनों पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया और पाॅलीथिन जब्त की गयी। इसके अलावा जामा मस्जिद के पास सब्जी मंडी व कक्कड़ गंज में भी करीब बीस दुकानों पर पाॅलीथिन की जांच की गयी। तीन दुकानों पर पाॅलीथिन का उपयोग पाया गया। तीनों से पाॅलीथिन जब्त कर 8 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया।प्रवर्तन दल ने अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत सड़क दूधली देहरादून रोड़ पर अतिक्रमण करने वाले एक ढ़ाबा स्वामी पर पांच हजार का जुर्माना लगाया गया। कोर्ट रोड पर कचहरी पुल के निकट फास्ट फूड की तीन दुकानों ने भी सड़क पर सामान फैला कर अतिक्रमण कर रखा था। इन तीनों दुकानों पर भी 1700 रुपये जुर्माना लगाया गया।
कार्रवाई के दौरान कर्नल नेगी के अतिरिक्त नरेश चंद, विक्रम, नवाबुद्दीन, सैनेटरी इंस्पैक्टर चंद्रपाल, प्रकाश, आशीष, राजबीर व शिवकुमार आदि मौजूद रहे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/12/IMG-20201203-WA0008.jpg5321152Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-12-04 05:37:452020-12-04 05:38:11पाॅलीथिन के लिए निगम का 40 दुकानों पर छापा
वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही लगा रहे पर्यावरण संरक्षण के नियमों को पलीता. ननौता में हरे आम के पेड़ कटान का मामला, लीपापोती में जुटा महकमा.
सहारनपुर सामाजिक वानिकी वन क्षेत्र की रामपुर मनिहारान रेंज क्षेत्र अंतर्गत थाना नानौता के पठानपुरा गांव में आम के हरे भरे बाग पर लकड़ी माफियाओं का कई दिन तक कुल्हाड़ा चलता रहा। विभागीय अधिकारी अवैध कटान रोकने की बजाय बहाने-बाजी करते रहे। मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो अब रेंज स्टाफ डीएफओ के संरक्षण में लीपापोती करने में जुट गया है।विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक थाना नानौता के पठानपुरा गांव में तीन भाइयों का एक बहुत बड़ा आम का बाग था। इस आम के बाग को रामपुर मनिहारान रेंज स्टाफ से सांठ-गांठ करके लकड़ी माफियाओं ने पहले किसान से औने पौने भाव खरीदा फिर कई दिन पहले बिना वन विभाग से अनुमति लिए कटान शुरू कर दिया।
मामला पुलिस सहित वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की जानकारी में प्रकृति मित्रों द्वारा लाया गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए लकड़ी माफियाओं को चुपचाप आम के पेड़ काटकर ठिकाने लगाने के लिए तेजी लाने की बात कह दी।तीन दिन पहले तक पठानपुरा में लकड़ी माफिया आम के लगभग 70 फ़ीसदी हरे पेडों को काट चुके थे। काटे गए पेड़ों की संख्या 50 के लगभग बताई जा रही है। जबकि 20 से अधिक पेड़ और बचे हुए हैं स्थानीय मीडिया कर्मियों ने इस संबंध में रेंज के सेक्शन इंचार्ज मेहर सिंह को हरे आम के पेड़ कटान के संबंध में पूछा तो उन्होंने विभागीय परमिट होने से इनकार करते हुए कहा कि उनकी ड्यूटी एमएलसी चुनाव में लगी हुई है वह कुछ नहीं कर सकते। इस बीच मामला डीएफओ सामाजिक वानिकी सहारनपुर एवं वन संरक्षक मेरठ तक के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने इस मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए बाग का कटान तो रुकवा दिया परंतु दोषियों के विरुद्ध विभाग की बड़ी कार्रवाई करने की बजाय कटे हुए पेड़ो के सबूत मिटाने के लिए खेत की जुताई करवा दी।इस बात से स्पष्ट होता है कि रेंज स्टॉप अपनी ड्यूटी के प्रति विभाग मे कितनी वफादारी निभा रहा है।
उच्च अधिकारियों के संज्ञान में पूरा मामला आने के बाद कल देर शाम वनक्षेत्राधिकारी रामपुर मनिहारान ओमपाल राणा के साथ डीएफओ सहारनपुर रणविजय सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने सब कुछ देखने के बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई करने की बजाए उसी चर्चित वन दरोगा को कार्रवाई के लिए कह कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।जानकारी करने पर डीएफओ रणविजय सिंह ने बताया कि मौके पर आम के 10 पेड़ कटे हैं कार्रवाई के लिए स्थानीय रेंज स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं जबकि लोगों का कहना है कि रामपुर मनिहारान रेंज क्षेत्र में यह वन दरोगा हरे प्रतिबंधित पेडों का अवैध कटान कराने में पहले से चर्चित है और इसी की मिलीभगत से आम के बाग का कटान हुआ है जानबूझकर एमएलसी चुनाव के दौरान बाग कटान के लिए लकड़ी माफियाओं को समय दिया गया है।
ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच की जाए तो भ्रष्टाचार की जडें किस प्रकार जमी है सामने आ जाएगी।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/12/IMG-20201203-WA0013.jpg569868Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-12-04 05:28:212020-12-04 05:28:37वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही लगा रहे पर्यावरण संरक्षण के नियमों को पलीता, लीपापोती में जुटा महकमा
थाना मिर्जापुर पुलिस तथा बदमाश के बीच हुई जबरदस्त मुठभेड़ में बदमाश सहित एक उप निरीक्षक भी घायल।
सहारनपुर आज शाम लगभग साढ़े छह:बजे हथनीकुण्ड क्षेञ में एक बदमाश तथा थाना मिर्जापुर पुलिस व क्राईम ब्रांच टीम के साथ हुई जबरदस्त मुठभेड़ में पुलिस का एक जवान तो घायल हुआ ही साथ में एक बदमाश भी पुलिस की गोली लगने से बुरी तरह जख्मी हो गया। जिसे पास के ही प्राथमिक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।पुलिस द्वारा पकड़े गये पच्चीस हजारी कुख्यात बदमाश के कब्जे से एक देशी तमन्चा जिन्दा एवम तीन खोंखा कारतूस बरामद किये।आपको बता दे,कि बदमाश व पुलिस के बीच यह मुठभेड़ इतनी जबरदस्त थी,कि पुरा जंगल गोलियों तडतडाहट से गूंजता रहा।आपको बता दें,कि आज शाम करीब साढ़े छहःबजे थाना मिर्जापुर प्रभारी अमरदीप लाल अपनी पुलिस टीम के साथ यहां फतेहपुर पुलिया के पास स्थित हथनीकुण्ड रोड पर गश्त पर थे,कि अचानक एक बदमाश बाईक से पुलिस टीम को देखते ही भागने लगा,पुलिस टीम ने जैसे ही इस बदमाश को ललकारा तो,इस कुख्यात बदमाश ने पुलिस एवम क्राईम ब्रांच टीम पर अन्धाधून्ध फायरिंग शुरू कर दी,इस भीषण फायरिंग में इसी थाने का एक एस.आई.वीरेन्द्र सिह जब घायल हुआ,तो पुलिस पार्टी ने भी हिम्मत का परिचय देते हुए बदमाश पर फायरिंग शुरू कर दी,पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उक्त कुख्यात बदमाश अफजाल उर्फ नाथी पुत्र हासिम निवासी ग्राम हुसैनपुरा थाना बेहट भी पुलिस की गोली लगने से घायल हो गया।घायल बदमाश तथा एस,आई,को को पास के ही प्राथमिक चिकित्सालय में भर्ती किया गया।थाना मिर्जापूर्व प्रभारी अमरदीप लाल ने हमें अभी-अभी फोन पर जानकारी देते हुए बताया,कि उक्त कुख्यात बदमाश मोटर साइकल पर सवार था,जो किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था,जिसे समय रहते पकड़ लिया गया।बदमाश से हुई इस भीषण मुठभेड़ में थाना प्रभारी के साथ-साथ चार उप-निरीक्षक तथा पांच कांस्टेबल मोजूद रहे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/12/IMG-20201203-WA0023.jpg1280960Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-12-04 05:20:042020-12-04 05:20:36भागते बदमाश ने पुलिस पार्टी पर की अन्धाधुन्ध फायरिंग, मुठभेड़ में बदमाश सहित एक उप निरीक्षक भी घायल
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग पूछ रहे थे कि क्या हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर किया जाएगा? मैंने कहा- क्यों नहीं, बीजेपी के सत्ता में आने के बाद जब फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या हो गया, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो गया तो फिर हैदराबाद का नाम भाग्यनगर क्यों नहीं हो सकता है.” उन्होंने आगे कहा कि ”मैं जानता हूं कि यहां कि सरकार एक तरफ जनता के साथ लूट खसोट कर रही है तो वहीं, AIMIM के बहकावे में आकर बीजेपी कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है.” उन्होंने कहा कि इन लोगों के खिलाफ नई लड़ाई लड़ने के लिए आप लोगों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए भगवान श्री राम की धरती से मैं स्वंय यहां आया हूं.”
हैदराबाद/दिल्ली:
बिहार विधानसभा में शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी की निगाह अब तेलंगाना तथा पश्चिम बंगाल पर भी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मोर्चे पर हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में निकाय चुनाव (ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपिल कॉर्पोरेशन) में मलकजगिरी इलाके में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में सभा के साथ एक रोड शो किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेलंगाना के रोड शो में शनिवार (नवंबर 28, 2020) को भारी भीड़ उमड़ी। सीएम योगी आदित्यनाथ हैदराबाद में एक दिसंबर को होने वाले निकाय चुनाव (ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपिल कॉर्पोरेशन) भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में रोड शो तथा जनसभा करने के लिए हैदराबाद में हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शाम को हैदराबाद के मलकजगिरी क्षेत्र में एक रोड शो किया। इस दौरान ‘जय श्री राम’ के नारे लगे और साथ ही सुपरहिट फिल्म बाहुबली का गाना ‘जियो रे बाहुबली’ भी रोड शो में बजता दिखा। सीएम योगी के रोड शो के में- ‘आया आया शेर आया…. राम लक्ष्मण जानकी, जय बोलो हनुमान की’, योगी-योगी, जय श्री राम, भारत माता की जय और वंदे मातरम के भी गगनभेदी नारे लगाए गए।
रोड शो के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करते हुए हैदराबाद और तेलंगाना के लोगों को जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने की पूरी आजादी दी।”
CM योगी ने कहा, “बिहार में, AIMIM के एक नव-निर्वाचित विधायक ने शपथ ग्रहण के दौरान ‘हिंदुस्तान’ शब्द का उच्चारण करने से इनकार कर दिया। वे हिंदुस्तान में रहेंगे, लेकिन जब हिंदुस्तान के नाम पर शपथ लेने की बात आती है, तो वे संकोच करते हैं। यह AIMIM का असली चेहरा दिखाता है।”
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के लिए मतदान एक दिसंबर को होगा। सीएम योगी ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के 150 वार्डों के लिए होने वाले चुनावों में प्रचार किया। सीएम योगी आदित्यनाथ के हैदराबाद में चुनाव प्रचार को एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी को सीधी चुनौती देने के रूप में देखा जा रहा है।
ओवैसी ने यहाँ पर चुनाव में 51 प्रत्याशी उतारे हैं। हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भी असदुद्दीन ओवैसी ने पुराने हैदराबाद के इलाके की सीटों पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें से पाँच टिकट हिंदुओं को दिए गए हैं। ओवैसी के 10 फीसदी प्रत्याशी हिंदू समुदाय के हैं। ओवैसी की पार्टी के हिंदू समुदाय के प्रत्याशी उन सीटों पर हैं, जहाँ पर हिंदू-मुस्लिम आबादी करीब-करीब बराबर यानी 50-50 फीसदी है और यहाँ विधानसभा सीट पर भी ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायकों का कब्जा है।
गौरतलब है कि सीएम योगी के रोड शो से पहले ओवैसी ने कहा था कि अगर बीजेपी सर्जिकल स्ट्राइक करेगी तो एक दिसंबर को वोटर्स डेमोक्रेटिक स्ट्राइक करेंगे। ओवैसी ने किसानों के मुद्दे पर भी केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के ऊपर ठंड में पानी डाला गया, यह सरकार हर मोर्चे पर फेल है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/11/yogi.jpg6751200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-11-28 15:46:162020-11-28 15:46:35हैदराबाद को भाग्यनगर बनाने के लिए आया हूं, ओवैसी के गढ़ में गरजे योगी
2018 में विधि आयोग की बैठक में भाजपा और कांग्रेस ने इससे दूरी बनाए रखी. कॉंग्रेस का विरोध तो जग जाहिर है लेकिन भाजपा की इस मुद्दे पर चुप्पी समझ से परे है. 2018 में ऐसा क्या था कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली भाजपा तटस्थ रही और आज मोदी इसका हर जगह इसका प्रचार प्रसार कर रहे हैं? 1999 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान विधि आयोग ने इस मसले पर एक रिपोर्ट सौंपी। आयोग ने अपनी सिफारिशों में कहा कि अगर किसी सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आता है तो उसी समय उसे दूसरी वैकल्पिक सरकार के पक्ष में विश्वास प्रस्ताव भी देना सुनिश्चित किया जाए। 2018 में विधि आयोग ने इस मसले पर एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई जिसमें कुछ राजनीतिक दलों ने इस प्रणाली का समर्थन किया तो कुछ ने विरोध। कुछ राजनीतिक दलों का इस विषय पर तटस्थ रुख रहा। भारत में चुनाव को ‘लोकतंत्र का उत्सव’ कहा जाता है, तो क्या पांच साल में एक बार ही जनता को उत्सव मनाने का मौका मिले या देश में हर वक्त कहीं न कहीं उत्सव का माहौल बना रहे? जानिए, क्यों यह चर्चा का विषय है.
सारिका तिवारी, चंडीगढ़:
हर कुछ महीनों के बाद देश के किसी न किसी हिस्से में चुनाव हो रहे होते हैं. यह भी चुनावी तथ्य है कि देश में पिछले करीब तीन दशकों में एक साल भी ऐसा नहीं बीता, जब चुनाव आयोग ने किसी न किसी राज्य में कोई चुनाव न करवाया हो. इस तरह के तमाम तथ्यों के हवाले से एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक देश एक चुनाव’ की बात छेड़ी है. अव्वल तो यह आइडिया होता क्या है? इस सवाल के बाद बहस यह है कि जो लोग इस आइडिया का समर्थन करते हैं तो क्यों और जो नहीं करते, उनके तर्क क्या हैं.
जानकार तो यहां तक कहते हैं कि भारत का लोकतंत्र चुनावी राजनीति बनकर रह गया है. लोकसभा से लेकर विधानसभा और नगरीय निकाय से लेकर पंचायत चुनाव… कोई न कोई भोंपू बजता ही रहता है और रैलियां होती ही रहती हैं. सरकारों का भी ज़्यादातर समय चुनाव के चलते अपनी पार्टी या संगठन के हित में ही खर्च होता है. इन तमाम बातों और पीएम मोदी के बयान के मद्देनज़र इस विषय के कई पहलू टटोलते हुए जानते हैं कि इस पर चर्चा क्यों ज़रूरी है.
क्या है ‘एक देश एक चुनाव’ का आइडिया?
इस नारे या जुमले का वास्तविक अर्थ यह है कि संसद, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ, एक ही समय पर हों. और सरल शब्दों में ऐसे समझा जा सकता है कि वोटर यानी लोग एक ही दिन में सरकार या प्रशासन के तीनों स्तरों के लिए वोटिंग करेंगे. अब चूंकि विधानसभा और संसद के चुनाव केंद्रीय चुनाव आयोग संपन्न करवाता है और स्थानीय निकाय चुनाव राज्य चुनाव आयोग, तो इस ‘एक चुनाव’ के आइडिया में समझा जाता है कि तकनीकी रूप से संसद और विधानसभा चुनाव एक साथ संपन्न करवाए जा सकते हैं.
पीएम मोदी की खास रुचि
जनवरी, 2017 में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश एक चुनाव के संभाव्यता अध्ययन कराए जाने की बात कही. तीन महीने बाद नीति आयोग के साथ राज्य के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी इसकी आवश्यक्ता को दोहराया. इससे पहले दिसंबर 2015 में राज्यसभा के सदस्य ईएम सुदर्शन नचियप्पन की अध्यक्षता में गठित संसदीय समिति ने भी इस चुनाव प्रणाली को लागू किए जाने पर जोर दिया था. 2018 में विधि आयोग की बैठक में भाजपा और कांग्रेस ने इससे दूरी बनाए रखी. चार दलों (अन्नाद्रमुक, शिअद, सपा, टीआरएस) ने समर्थन किया. नौ राजनीतिक दलों (तृणमूल, आप, द्रमुक, तेदेपा, सीपीआइ, सीपीएम, जेडीएस, गोवा फारवर्ड पार्टी और फारवर्ड ब्लाक) ने विरोध किया. नीति आयोग द्वारा एक देश एक चुनाव विषय पर तैयार किए गए एक नोट में कहा गया है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को 2021 तक दो चरणों में कराया जा सकता है. अक्टूबर 2017 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा था कि एक साथ चुनाव कराने के लिए आयोग तैयार है, लेकिन निर्णय राजनीतिक स्तर पर लिया जाना है.
क्या है इस आइडिया पर बहस?
कुछ विद्वान और जानकार इस विचार से सहमत हैं तो कुछ असहमत. दोनों के अपने-अपने तर्क हैं. पहले इन तर्कों के मुताबिक इस तरह की व्यवस्था से जो फायदे मुमकिन दिखते हैं, उनकी चर्चा करते हैं.
कई देशों में है यह प्रणाली
स्वीडन इसका रोल मॉडल रहा है. यहां राष्ट्रीय और प्रांतीय के साथ स्थानीय निकायों के चुनाव तय तिथि पर कराए जाते हैं जो हर चार साल बाद सितंबर के दूसरे रविवार को होते हैं. इंडोनेशिया में इस बार के चुनाव इसी प्रणाली के तहत कराए गए. दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनाव हर पांच साल पर एक साथ करा जाते हैं जबकि नगर निकायों के चुनाव दो साल बाद होते हैं.
पक्ष में दलीलें
1. राजकोष को फायदा और बचत : ज़ाहिर है कि बार बार चुनाव नहीं होंगे, तो खर्चा कम होगा और सरकार के कोष में काफी बचत होगी. और यह बचत मामूली नहीं बल्कि बहुत बड़ी होगी. इसके साथ ही, यह लोगों और सरकारी मशीनरी के समय व संसाधनों की बड़ी बचत भी होगी. एक अध्ययन के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव पर करीब साठ हजार करोड़ रुपये खर्च हुए. इसमें पार्टियों और उम्मीदवारों के खर्च भी शामिल हैं. एक साथ एक चुनाव से समय के साथ धन की बचत हो सकती है। सरकारें चुनाव जीतने की जगह प्रशासन पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाएंगी.
2. विकास कार्य में तेज़ी : चूंकि हर स्तर के चुनाव के वक्त चुनावी क्षेत्र में आचार संहिता लागू होती है, जिसके तहत विकास कार्य रुक जाते हैं. इस संहिता के हटने के बाद विकास कार्य व्यावहारिक रूप से प्रभावित होते हैं क्योंकि चुनाव के बाद व्यवस्था में काफी बदलाव हो जाते हैं, तो फैसले नए सिरे से होते हैं.
3. काले धन पर लगाम : संसदीय, सीबीआई और चुनाव आयोग की कई रिपोर्ट्स में कहा जा चुका है कि चुनाव के दौरान बेलगाम काले धन को खपाया जाता है. अगर देश में बार बार चुनाव होते हैं, तो एक तरह से समानांतर अर्थव्यवस्था चलती रहती है.
4. सुचारू प्रशासन : एक चुनाव होने से सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल एक ही बार होगा लिहाज़ा कहा जाता है कि स्कूल, कॉलेज और अन्य विभागों के सरकारी कर्मचारियों का समय और काम बार बार प्रभावित नहीं होगा, जिससे सारी संस्थाएं बेहतर ढंग से काम कर सकेंगी.
5. सुधार की उम्मीद : चूंकि एक ही बार चुनाव होगा, तो सरकारों को धर्म, जाति जैसे मुद्दों को बार बार नहीं उठाना पड़ेगा, जनता को लुभाने के लिए स्कीमों के हथकंडे नहीं होंगे, बजट में राजनीतिक समीकरणों को ज़्यादा तवज्जो नहीं देना होगी, यानी एक बेहतर नीति के तहत व्यवस्था चल सकती है.
ऐसे और भी तर्क हैं कि एक बार में ही सभी चुनाव होंगे तो वोटर ज़्यादा संख्या में वोट करने के लिए निकलेंगे और लोकतंत्र और मज़बूत होगा. बहरहाल, अब आपको ये बताते हैं कि इस आइडिया के विरोध में क्या प्रमुख तर्क दिए जाते हैं.
1. क्षेत्रीय पार्टियां होंगी खारिज : चूंकि भारत बहुदलीय लोकतंत्र है इसलिए राजनीति में भागीदारी करने की स्वतंत्रता के तहत क्षेत्रीय पार्टियों का अपना महत्व रहा है. चूंकि क्षेत्रीय पार्टियां क्षेत्रीय मुद्दों को तरजीह देती हैं इसलिए ‘एक चुनाव’ के आइडिया से छोटी क्षेत्रीय पार्टियों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो जाएगा क्योंकि इस व्यवस्था में बड़ी पार्टियां धन के बल पर मंच और संसाधन छीन लेंगी.
2. स्थानीय मुद्दे पिछड़ेंगे : चूंकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग मुद्दों पर होते हैं इसलिए दोनों एक साथ होंगे तो विविधता और विभिन्न स्थितियों वाले देश में स्थानीय मुद्दे हाशिये पर चले जाएंगे. ‘एक चुनाव’ के आइडिया में तस्वीर दूर से तो अच्छी दिख सकती है, लेकिन पास से देखने पर उसमें कई कमियां दिखेंगी. इन छोटे छोटे डिटेल्स को नज़रअंदाज़ करना मुनासिब नहीं होगा.
3. चुनाव नतीजों में देर : ऐसे समय में जबकि तमाम पार्टियां चुनाव पत्रों के माध्यम से चुनाव करवाए जाने की मांग करती हैं, अगर एक बार में सभी चुनाव करवाए गए तो अच्छा खास समय चुनाव के नतीजे आने में लग जाएगा. इस समस्या से निपटने के लिए क्या विकल्प होंगे इसके लिए अलग से नीतियां बनाना होंगी.
4. संवैधानिक समस्या : देश के लोकतांत्रिक ढांचे के तहत यह आइडिया सुनने में भले ही आकर्षक लगे, लेकिन इसमें तकनीकी समस्याएं काफी हैं. मान लीजिए कि देश में केंद्र और राज्य के चुनाव एक साथ हुए, लेकिन यह निश्चित नहीं है कि सभी सरकारें पूर्ण बहुमत से बन जाएं. तो ऐसे में क्या होगा? ऐसे में चुनाव के बाद अनैतिक रूप से गठबंधन बनेंगे और बहुत संभावना है कि इस तरह की सरकारें 5 साल चल ही न पाएं. फिर क्या अलग से चुनाव नहीं होंगे?
यही नहीं, इस विचार को अमल में लाने के लिए संविधान के कम से कम छह अनुच्छेदों और कुछ कानूनों में संशोधन किए जाने की ज़रूरत पेश आएगी.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/11/One-nation-one-election-1.jpg8101440Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-11-28 03:52:012020-11-28 03:56:55एक राष्ट्र एक चुनाव, पक्ष – विपक्ष
24 फरवरी को दिल्ली के चांदबाग इलाके में प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की हत्या कर दी थी। पुलिस के मुताबिक, उस वक्त ये 20 गुनहगार भी चांदबाग में इकट्ठा हुई भीड़ का हिस्सा थे। चांदबाग में हुई हिंसा में ही IPS अधिकारी और शहादरा के डीसीपी अमित शर्मा पर भी जानलेवा हमला किया गया था। इसी इलाके में हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस के ACP अनुज कुमार पर भी जानलेवा हमला हुआ था।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
देश की राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हुए ‘हिन्दू विरोधी दंगों’ को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया है। इस साल 2020 में फरवरी महीने के दौरान हुए इन दंगों को दिल्ली पुलिस ने ‘आतंकवादी गतिविधि’ बताया है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के कुल 20 आरोपितों की तस्वीर जारी की है। दिल्ली दंगों के इन आरोपितों की तस्वीरें राजधानी के तमाम क्षेत्रों में लगाई जाएगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ दिल्ली दंगों के आरोपितों की तस्वीर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाने के अलावा दिल्ली पुलिस ने एक और अहम बात कही है। दंगों के आरोपितों से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी साझा करने वाले व्यक्ति को दिल्ली पुलिस की तरफ से ईनाम भी दिया जाएगा। बहुत जल्द दिल्ली पुलिस द्वारा राजधानी के अनेक इलाकों में इन 20 आरोपितों की तस्वीर सार्वजनिक स्थानों पर लगा दी जाएगी।
साल 2020 फरवरी महीने के दौरान दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में हिन्दू विरोधी हिंसा भड़की थी। जिसमें सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, शिव विहार, बदरपुर और चाँद बाग़ मुख्य थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ हिंसा और दंगों की इन सिलसिलेवार घटनाओं में लगभग 50 से अधिक लोगों ने अपनी जान गँवाई थी और लगभग 700 लोग घायल भी हुए थे।
24 से लेकर 26 फरवरी के बीच नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के विरोध की आड़ में दंगाइयों ने पूरी राजधानी में हिंसा भड़काई थी। इन हिन्दू विरोधी दंगों की प्राथमिक जाँच के बाद दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में चार्जशीट भी दायर की थी जिसमें उन्होंने दिल्ली दंगों को ‘आतंकवादी गतिविधि’ करार दिया था। फ़िलहाल दिल्ली पुलिस की तरफ से दंगों के इस मामले पर कार्रवाई जारी है।
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में और भी कई अहम बातों का ज़िक्र किया है। चार्जशीट के मुताबिक़, “हिंसक दंगों के दौरान तमाम हथियार बरामद किए गए थे, जिनका इस्तेमाल अपनी ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों पर किया गया था। नतीजतन दंगों की इन घटनाओं में लगभग 208 पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हुए थे सिर्फ एक क़ानून का विरोध करने के लिए। इसे किसी भी सूरत में आतंकवादी गतिविधि से हट कर कुछ और नहीं कहा जा सकता है।”
हाल ही में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों और हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार ने बड़ा ऐलान किया था। ऐलान के मुताबिक़ जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम पर गैर कानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने को हरी झंडी दिखा दी गई है। यानी उमर खालिद और शरजील इमाम दोनों पर यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
इसके अलावा दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई चार्जशीट में उमर खालिद को लेकर कहा गया था कि उसने केवल नास्तिक होने का ढोंग किया, वस्तुत: वह कट्टर मुस्लिम है जो भारत को तोड़ना चाहता था। उमर ऐसा मानता था कि हिंसक राजनीतिक इस्लाम (violent political Islam) को फ्रंटल पॉलिटिकल पार्टियों के साथ मिलना चाहिए ताकि भारत को अपने हिस्से में लिया जा सके।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/11/EnxPkM4VoAEW0Nz.jpg9051280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-11-28 02:15:052020-11-28 02:29:24दिल्ली दंगों के 20 आरोपियों की तस्वीर की पुलिस ने की सार्वजनिक
सहारनपुर के प्रा.विद्यालयों का किया जा रहा कायाकल्प, शौचालय ब्लाॅक बनाने के अलावा सौन्दर्यीकरण व नवीनीकरण भी शामिल।
सहारनपुर के 63 परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प किया जा रहा है। अभी तक 43 विद्यालयों में कार्य पूरा किया जा चुका है और दस पर कार्य चल रहा है। वाॅश इन्स्टीट्यूट ‘स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम’ के तहत नगर निगम, आईटीसी मिशन सुनहरा कल व एसडीए के सहयोग से सहारनपुर में परिषदीय विद्यालयों में शौचालय ब्लाॅक बनाने के साथ-साथ विद्यालयों का सौंदर्यीकरण भी कर रहा है।
नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ‘स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम’ के तहत सहारनपुर के कुल 63 परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प किया जाना है। उन्होंने बताया कि नगर निगम, आईटीसी मिशन सुनहराकल व एसडीए की मदद से वाॅश इन्स्टीट्यूट द्वारा ये कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में परिषदीय विद्यालयों में शौचालय ब्लाॅक बनाने के साथ-साथ विद्यालय का सौन्द्रर्यीकरण एवं नवीनीकरण का कार्य, बच्चों की व्यक्तिगत स्वच्छता, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों की क्षमतावृद्धि,, बाल संसद का सामथ्र्य विकास, एवं स्कूलों में शौचालय ब्लाॅक के मेंटीनेंस को बढ़वा दिया जा रहा है। अब तक 43 विद्यालयों में शौचालय ब्लाॅक, निर्माण के साथ साथ विद्यालय के सौन्द्रीयकरण एवं नवीनीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि इसी सत्र में दस स्कूलों में शौचालय ब्लाॅक, बनाने व सौन्दर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। इनमें शिराज काॅलोनी, पुल खुमरान, रामगढ़, ज्ञानागढ़, रामनगर, शाहपुर कदीम, मौअज्जमपुरा व कोलागढ़ के प्राईमरी स्कूलों के अलावा गांधी पार्क व दाबकी जुनारदार के जूनियर स्कूल भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शेष दस स्कूलो में भी शीघ्र ही शौचालय ब्लाॅक बनाने तथा नवीनीकरण व सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जायेगा।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/11/IMG-20201126-WA0002.jpg12801280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-11-27 12:27:202020-11-27 12:27:42सहारनपुर के प्रा.विद्यालयों का किया जा रहा कायाकल्प
नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने निगम के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से आह्वान किया कि जो जिस पद पर है वहीं अपनी पूर्ण प्रतिभा का प्रयोग से उस कार्य को श्रेष्ठता के साथ संपादित कर राष्ट्र निर्माण में सहयोग करते हुए अपनी अलग पहचान बना सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों में देश प्रेम का भाव जगाये रखते हुए एक आदर्श समाज की स्थापना करना चाहती है।
नगरायुक्त नगर निगम में संविधान दिवस पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डाॅ.भीमराव अंबेडकर और सरदार पटेल ने विषम परिस्थितियों में भी उन्नत सोच के साथ समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य किया,यही कारण है कि आज पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ी अपने महापुरुषों के आजादी व राष्ट्र निर्माण में योगदान को भूल न जाए इसलिए आज संविधान दिवस पर संविधान की मूल प्रस्तावना व नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वाचन किया जा रहा है। इससे पूर्व उपनगरायुक्त दिनेश यादव ने संविधान की प्रस्तावना व नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वाचन किया तथा राष्ट्रपिता गांधी, डाॅ. अंबेडकर और सरदार पटेल के राष्ट्र निर्माण में योगदान पर भी प्रकाश डाला।
नगर स्वास्थय अधिकारी डाॅ. ए के त्रिपाठी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन अभियान राष्ट्रपिता गांधी जी की सोच पर आधारित है। गांधी जी ने कहा था कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाये। उन्होंने ही अस्पृश्यता और नारी स्वतंत्रता की बात जोरदार तरीके से की। मिशन शक्ति भी उन्हीं की सोच के आधार पर है।
न्होंने कहा कि हमें ये नहीं सोचना है कि देश ने हमें क्या दिया, बल्कि हमें यह सोचना है कि हम देश को क्या दे रहे हैं,या क्या दे सकते हैं। इसके अलावा डाॅ.वीरेन्द्र आज़म और डाॅ.सपना सिंह ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी में लेखाधिकारी राजीव कुशवाह, अधिशासी अभियंता निर्माण आलोक श्रीवास्तव, मुख्य सफाई निरीक्षक अमित तोमर, नायब तहसीलदार जनेश्वर सिंह, पार्षद प्रतिनिधि सईद सिद्दकी के अलावा अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/11/IMG-20201127-WA0002.jpg8641152Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-11-27 12:23:172020-11-27 12:23:43हर व्यक्ति अपनी अलग पहचान बना सकता है:नगरायुक्त
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के गुनहगारों के दिन पूरे हो गए है. क्योंकि यूपी की योगी सरकार जिहादियों के खिलाफ एक्शन के लिए पूरी तरह तैयार हो गई है. योगी कैबिनेट ने इस कानून पर अंतिम मुहर भी लगा दी है..
लखनऊ:
मजहब की आड़ में लव जिहाद का गंदा खेल खेलने वाले सावधान हो जाए. क्योंकि उनकी सारी करतूतों का हिसाब करने वाला कानून यूपी की योगी कैबिनेट में पास हो गया है. सीएम आवास पर हुई बैठक में लव जिहाद पर कानून पास कर दिया गया है. लव जिहाद और गैरकानूनी धर्म परिवर्तन रोकने के लिए यूपी सरकार अध्यादेश लाई. राज्यपाल की मंजूरी के बाद ये कानून लागू हो जाएगा.
Love Jihad कानून पर मुहर
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद करने वालों की अब खैर नहीं. आज योगी कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें लव जिहाद के खिलाफ कड़े कानून को मंजूरी दे दी गई. ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि इसे गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल के नाम से जाना जाएगा.
उत्तर प्रदेश के कई शहरों में लव जिहाद के मामले सामने आने के बाद योगी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने का ऐलान किया था. अब इस कानून पर योगी कैबिनेट ने मुहर भी लगा दिया है.
लव जिहाद पर यूपी के क़ानून में क्या?
उ.प्र.विधि विरुद्ध प्रतिषेद अध्यादेश 2020
धोखा या लालच देकर शादी करना अपराध
शादी के बाद जबरन धर्म बदलवाने पर सज़ा
दोषी को 5 से 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान
वहीं यूपी की तरह ही मध्य प्रदेश सरकार भी लव जिहाद के खिलाफ कड़े कानून लाने की तैयारी कर रही है. मध्य प्रदेश सरकार ने अपने प्रस्तावित बिल में पांच साल की कठोर सजा का प्रावधान किया है और मामले गैर जमानती धाराओं में दर्ज होंगे. वहीं हरियाणा में निकिता तोमर की हत्या के बाद हरियाणा सरकार ने भी लव जिहाद के ख़िलाफ़ कानून लाने की बात कही है. फिलहाल आज योगी सरकार ने लव जिहाद पर सबसे पहले कानून लाकर इतिहास रच दिया है. अब 20 करोड़ हिन्दुस्तानियों को लव जिहाद से आजादी मिल गई है. हमारी मुहिम है कि 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों को लव जिहाद से आजादी मिले.
सोमवार को ही उत्तर प्रदेश के कानपुर में 14 में से 11 मामले में लव जिहाद की पुष्टि हुई थी. SIT की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ था. जानकारी के मुताबिक सिर्फ 3 मामलों में लड़की बालिग थी.
लव जिहाद संगठित अपराध?
– कानपुर लव जिहाद मामले में SIT जांच से बड़ा खुलासा – 2019-20 के 14 में से 11 केस में लव जिहाद की पुष्टि – 11 केस में आरोपियों ने हिंदू लड़कियों को धोखा दिया – 4 लड़कों ने हिंदू लड़कियों को धोखे देकर निकाह किया – 3 लड़कों ने हिंदू नाम बताकर लड़कियों को धोखा दिया – आरोपियों ने धार्मिक पहचानकर बदलकर शादियां की – धोखे से शादी के बाद लड़कियों का जबरन धर्म बदला – जांच में पाया गया कि 4 लड़के एक दूसरे के संपर्क में थे – धोखे की शिकार हुई हिंदू लड़कियों में से 8 नाबालिग थीं – सिर्फ़ 3 मामलों में लड़कियों का लड़कों के पक्ष में बयान
अब आपको लव जिहाद को लेकर देश में मचे संग्राम के बारे में जानकारी दे देते हैं. क्योंकि इस कानून को लेकर देशभर में सियासी बवाल छिड़ा हुआ है.
लव जिहाद पर ‘आर-पार’
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश – बेटियों से खिलवाड़ करने वालों का राम नाम सत्य होगा Vs अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान – लव जिहाद कोई शब्द नहीं, बीजेपी का सांप्रदायिक शिगूफ़ा है
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश – विवाह के नाम पर साजिश करने वालों पर कड़ा क़ानून लाएंगे Vs असदुद्दीन ओवैसी, अध्यक्ष, AIMIM – लव जिहाद पर क़ानून असली मुद्दों से ध्यान हटाने की साज़िश
अनिल विज, गृहमंत्री, हरियाणा – लव जिहाद के खिलाफ़ कड़ा और प्रभावी कानून लाया जाएगा Vs नुसरत जहां, सांसद, TMC – प्यार निजी मामला है, धर्म को राजनीतिक हथियार नहीं बनाएं
धर्म पर क्या कहता है संविधान?
– अनुच्छेद 25, 26, 27 और 28 में हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता – अनुच्छेद 25 में सभी को अपना धर्म मानने, उसके प्रचार की आज़ादी – धर्म प्रचार के अधिकार में किसी अन्य के धर्मांतरण का अधिकार नहीं – अनुच्छेद 26 में सभी संप्रदायों को धार्मिक कार्यक्रम करने का अधिकार – अनुच्छेद 27- किसी धर्म विशेष को दान देने के लिये ज़बर्दस्ती नहीं
लव जिहाद या फिर संगठित अपराध? लव जिहाद के खिलाफ़ योगी सरकार आज अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री योगी ने जो ऐलान किया था, उसपर मुहर लग चुकी है. लव जिहाद पर मध्य प्रदेश सरकार और हरियाणा सरकार के भी प्रस्तावित कानून पाइप लाइन में हैं, यानी उनपर काम जारी है. यूपी में लव जिहाद पर अध्यादेश को मंज़ूरी से पहले कानपुर के मामलों में SIT रिपोर्ट सामने आई है. जांच का सार ये है कि सब कुछ सोचे-समझे तरीके से हो रहा है. यानी पहले धर्म छिपाना, फिर प्रेम जाल में फांसना और उसके बाद ज़बर्दस्ती करके हिंदू लड़की का धर्म बदलवा देना.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/11/hqdefault.jpg360480Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-11-25 17:58:072020-11-25 17:58:48लव जिहाद पर कानूनी मुहर
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