आरक्षण को कोई भी छीनने का प्रयास करे, तो थप्पड़ मारकर अपना अधिकार वापस छीन लो: कल्याण सिंह

 

राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने सोमवार को विवादित बयान दे डाला। बयान भी ऐसा की कानून को हाथ में लेने की सलाह दे दी। अब कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियां उनके इस बयान को लेकर पीछे पड़ गई है।

पिछड़ा वर्ग के लोगों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि आरक्षण उनका हक है और यह उनके लिए ही है। अगर उनके इस अधिकार को कोई भी छीनने का प्रयास करे, तो थप्पड़ मारकर अपना अधिकार वापस छीन लो। राज्यपाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ भी हो जाए, किसी भी कीमत पर अपना यह अधिकार मत खोना। सिंह ने कहा कि वीपी सिंह की जयंती पर लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में कल्याण सिंह ने कहा कि ‘आरक्षण के लिए कितने संघर्ष करने पड़े हैं, यह कोई पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय वीपी सिंह से पूछे। उन्होंने आपके लिए मंडल कमीशन लागू किया था। उस समय देश का क्या हाल हो गया था। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा कि लाठी, डंडे, गोली सब कुछ चला, खून भी बहा, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह न करते हुए मंडल कमीशन लागू किया। उनकी वजह से ही आप हैं। उनके दिए गए इस अधिकार को चाहे कोई कितना भी छीनने का प्रयत्न करे, आपको छीनने नहीं देना है।

घनश्याम तिवारी ने दिया इस्तीफा, बने भारत वाहिनी पार्टी

वसुंधरा राजे और घनश्याम तिवारी

 

राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से नाराज चल रहे बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता घनश्याम तिवारी ने सोमवार को पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया है। उन्‍होंने अपना इस्‍तीफा बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह को भेजा है। 5 बार से विधायक तिवारी ने अपना इस्‍तीफा ऐसे समय पर दिया है जब दो दिन पहले ही उनके बेटे अखिलेश ने भारत वाहिनी पार्टी नाम से अलग पार्टी बनाई है।

घनश्‍याम तिवारी ने कहा कि बीजेपी ने अगर वसुंधरा राजे को सीएम पद से नहीं हटाया तो अगले चुनाव में पार्टी को बुरी स्थिति का सामना करना पड़ेगा। तिवारी ने दावा किया कि वसुंधरा राजे सिंधिया तानाशाह की तरह काम कर रही हैं। पार्टी के पदों को बाहरी लोगों से भरा जा रहा है। इससे पार्टी के कार्यकर्ता निराश हैं। चुनाव से ठीक पहले तिवारी के पार्टी छोड़ने से बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। तिवारी सांगनेर विधानसभा सीट से विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में वह 60 हजार से अधिक वोटों से जीते थे।

उधर, घनश्याम तिवारी के बेटे अखिलेश तिवारी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में हिस्‍सा लेगी। अखिलेश ने कहा कि भारत वाहिनी पार्टी राज्‍य की 200 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयारी करेगी। तीन जुलाई को पार्टी अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की पहली बैठक आयोजित करने जा रही है। इस बैठक में 2000 कार्यकर्ता हिस्‍सा लेंगे। अखिलेश ने बताया कि हरेक विधानसभा सीट से 10 प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।

उन्‍होंने बताया कि दीन दयाल वाहिनी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता और प्रतिनिधि भी नई पार्टी में शामिल होंगे। बता दें, दीन दयाल वाहिनी की स्‍थापना घनश्‍याम तिवारी ने की थी। चुनाव आयोग ने भारत वाहिनी पार्टी को रजिस्‍टर कर लिया है और विधानसभा चुनाव में उम्‍मीदवार उतारने की अनुमति दे दी है। अखिलेश ने 11 दिसंबर 2017 को पंजीकरण के लिए आवेदन किया था।

Yoga is Rahmat not Zahmat Top Muslim Bodies

 

Yoga should not be used as a political tool or linked to a particular community, top Muslim bodies said on Wednesday on the eve of International Day for Yoga.

The organisations also said that Yoga should be seen as form of exercise and not through the prism of religion.

“Islam lays special emphasis on physical fitness and considers things related to fitness as good. Yoga as an exercise is good, but it should not be made compulsory which may not be acceptable to people of other religions.

“The most important thing is that Yoga should not be used as a political tool. But, sadly this practice is going on,” said All India Muslim Personal Law Board spokesman Sajjad Nomani .
He also said that people of every religion and section of society should be encouraged to celebrate Yoga Day on Thursday.

“It is unfair to force upon someone any particular exercise. There should be no dispute vis-a-vis Yoga. People of every religion and section of the society should be encouraged to celebrate International Yoga Day.

“It is important that Yoga should be perceived as a rahmat (mercy) and not a ‘zahmat‘ (worry),” the spokesman said.

“Yoga should not be seen as something linked to a particular community. It is related to the body only. People who have the habit of seeing Yoga through the prism of religion, actually want to see humanity in a sick state of affairs,” AISPLB spokesperson Yasoob Abbas said.

He said several Islamic nations celebrate International Day for Yoga and people participate happily in events.

On Muslims generally having objections to chanting of mantras during different Yoga asanas, Abbas said, “There is no doubt that Muslims worship Allah alone. But, Islam is not that weak that it will break at the slightest instance and moreover, Yoga is not a God.”

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 प्रधान मंत्री की अगुआई में आरम्भ

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में योग सत्र में हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने यहां मशहूर फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट यानी एफआरआई में करीब 50,000 लोगों के साथ कई तरह के योगासन किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल डॉक्टर के के पॉल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, केंद्रीय आयुष मंत्री और उत्तराखंड के आयुष मंत्री हरक सिंह रावत भी मौजूद रहे.

इससे पहले पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने योग दिवस के मौके पर अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि उत्तराखंड अनेक दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है. उन्होंने कहा, “यहां के ये पर्वत स्वत: ही योग और आयुर्वेद के लिए प्रेरित करते हैं, सामान्य से सामान्य नागरिक भी जब इस धरती पर आता है तो उसे एक अलग तरह की दिव्य अनुभूति होती है. इस पावन धरा में अद्भुत स्फूर्ति और सम्मोहन है”

पीएम मोदी ने कहा, “ये हम सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां-जहां उगते सूरज के साथ जैसे-जैसे सूरज अपनी यात्रा करेगा, दुनिया के उस भूभाग में लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं. देहरादून से लेकर कर डबलिन तक, शंघाई से लेकर शिकागो, जकार्ता से लेकर जोहान्सबर्ग तक योग ही योग है. योग समूचे विश्व को जोड़ने वाली ताकत बन गया है.”

पीएम मोदी ने कहा, आज की आपाधापी में योग व्यक्ति के जीवन में शांति की अनुभूति कराता है. व्यक्ति को परिवार से जोड़कर शांति स्थापित करता है और साथ लाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम अपनी विरासत पर गर्व करेंगे तभी पूरी दुनिया इसे स्वीकार करेगी. आज पूरी दुनिया में ऐसा माहौल है जो योग के लिए सभी को बढ़ावा देता है.

उन्होंने कहा, योग हर परिस्थिति में जीवन को समृद्ध कर रहा है, जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती है तो बिखराव आता है तो व्यक्तियों और समाज और राष्ट्रों के बीच बिखराव होता है, समाज में विवाद बढ़ते हैं, यहां तक कि व्यक्ति खुद ही बिखरता है और जीवन में तनाव बढ़ता चला जाता है. इस बिखराव के बीच योग जोड़ता है.

आज हमारी दुनिया में ऐसे करोड़ों लोग हैं जो कि हार्ट की बीमारी से ग्रसित हैं ऐसे में योग उन बीमारियों को दूर करने में भी मदद करता है. उन्होंने कहा कि योग के कारण दुनिया आज illness से wellness की तरफ बढ़ रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ योग करने के लिए न सिर्फ कॉलेज के विद्यार्थी अलग-अलग जगह से रात के 12 बजे से ही इंतज़ार में बैठे थे कि गेट खुले और वो अंदर जाए, बल्कि 6 साल की एक छोटी बच्ची भी इस इंतज़ार में थी कि मोदी अंकल के साथ योग कर सके, उसकी माने तो मोदी उसके नेता हैं और देश के लिए अच्छा ही कर रहे हैं.

आपको बता दें कि ये चौथा योग दिवस है. इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग-अलग शहरों में जाकर योग दिवस मनाया था. पीएम मोदी ने पहला योग दिवस दिल्ली में, दूसरा योग दिवस चंडीगढ़ में, तीसरा योग दिवस लखनऊ में मनाया था.

इन सभी आयोजनों में भी प्रधानमंत्री के साथ 50,000 से अधिक लोगों ने योग किया था. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में 21 जून को योग दिवस मनाया जाएगा.

आपको बता दें कि अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भी प्रधानमंत्री ने योग दिवस का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि अगर हम फिट रहेंगे, तो भारत फिट रहेगा.” 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले उन्होंने कहा, “मैं सभी देशवासियों से अपील करता हूं कि वह अपनी योग की विरासत को अपनाएं और एक स्वस्थ, सुखद और सुव्यवस्थित राष्ट्र का निर्माण करें.”

वह एक ऐतिहासिक क्षण था. 11 दिसंबर 2014 – यूनाइटेड नैशंस की आम सभा ने भारत द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में घोषित कर दिया. इस प्रस्ताव का समर्थन 193 में से 175 देशों ने किया और बिना किसी वोटिंग के इसे स्वीकार कर लिया गया.

यूएन ने योग की महत्ता को स्वीकारते हुए माना कि योग मानव स्वास्थ्य व कल्याण की दिशा में एक संपूर्ण नजरिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 सिंतबर 2014 को पहली बार पेश किया गया यह प्रस्ताव तीन महीने से भी कम समय में यूएन की महासभा में पास हो गया.

भारतीय राजदूत अशोक मुखर्जी ने ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ का प्रस्ताव यूएन असेंबली में रखा था, जिसे दुनिया के 175 देशों ने भी सह-प्रस्तावित किया था. यूएन जनरल असेंबली में किसी भी प्रस्ताव को इतनी बड़ी संख्या में मिला समर्थन भी अपने आप में एक रिकॉर्ड बन गया. इससे पहले किसी भी प्रस्ताव को इतने बड़े पैमाने पर इतने देशों का समर्थन नहीं मिला था. और यह भी पहली बार हुआ था कि किसी देश ने यूएन असेंबली में कोई इस तरह की पहल सिर्फ 90 दिनों के भीतर पास हो गयी हो. यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बनाए जाने के पीछे वजह है कि इस दिन ग्रीष्म संक्रांति होती है. इस दिन सूर्य धरती की दृष्टि से उत्तर से दक्षिण की ओर चलना शुरू करता है. यानी सूर्य जो अब तक उत्तरी गोलार्ध के सामने था, अब दक्षिणी गोलार्ध की तरफ बढ़ना शुरू हो जाता है. योग के नजरिए से यह समय संक्रमण काल होता है, यानी रूपांतरण के लिए बेहतर समय होता है.

 

Femina Miss India World 2018: Miss Anukreethy Vas

 

Femina Miss India World 2018: Miss Anukreethy Vas from Tamil Nadu was declared the winner of the 55th edition of Femina Miss India 2018 pageant held at Dome, NSCI Stadium whereas Miss Meenakshi Chaudhary from Haryana and Miss Shreya Rao from Andhra Pradesh bagged the first and second runner up positions respectively.

Miss Anukreethy Vas,Femina Miss India World 2018 will represent India in Miss Universe contest.

संत कबीर जी की 620 वीं जयंती

 

संत कबीर धानक समाज कर्मचारी वैल्फेयर एसोसिएशन हरियाणा और प्रदेश भर के धानक समाज के निवेदन पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आगामी 15 जुलाई 2018 को संत शिरोमणि सद्गुरु कबीर साहिब के 620वें प्रकटोत्सव पर फतेहाबाद में होने वाले कबीर महाकुम्भ कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत करेंगे जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी करेंगे। अनुसूचित जनजाति वित्त विभाग की चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल के अनुसार इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए सभी एक साथ प्रयासरत हैं।

ओमर अब्दुल्लाह पंहुचे गवरनर हाउस

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी महबूबा को राज्यपाल को त्यागपत्र सौंपे कुछ ही देर हुई है कि ओमर अब्दुल्लाह राज भवन पंहुच भी गए.

जारी है…….

कांग्रेस भाग्य छींका टूटा 

बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से समर्थन वापस लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. बीजेपी का आरोप है कि कश्मीर के मौजूदा हालातों को देखते हुए अब पीडीपी के साथ सरकार चलाना बहुत मुश्किल है.

इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल  शासन की आशंका बढ़ने लगी है. समर्थन वापसी के बाद अब जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देखा जा रहा है.

राजनीतिक विश्लेषक और डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्वालय के प्रोफेसर मोहम्मद अरशद बताते हैं कि ‘अगर जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल  शासन लागू हो जाता है तो सीधे तौर पर न सही राजभवन से होते हुए सूबे की कमान बीजेपी के हाथों में आ जाएगी. जबकि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ये कभी नहीं चाहेंगे कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी का दखल बढ़े.

 

ये ही वजह है कि बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती को समर्थन दे सकती है. कांग्रेस के पास इस वक्त 12 सीट हैं. अगर 5 निर्दलीय उम्मीदवारों को मिला लिया जाए तो पीडीपी बहुमत के आंकड़े 44 को छू सकती है.

दूसरी ओर अगर महबूबा नेशनल कांफ्रेंस के साथ सीएम की कुर्सी को लेकर कोई डील कर लेती है तो भी सत्ता बची रहेगी. ऐसे में नेशनल कांफ्रेंस के लिए भी ये घाटे का सौदा नहीं रहेगा.

एक और जहाँ सेना को अपने ओपेराश्न्स चलाने में कठिनाई नहीं आएगी

वहीँ दूसरी और अलगाववादियों, पत्थाराबजों, मानवाधिकार(आतंकवादियों के अधिकारों) की आवाज़ उठाने वालों की तूती बोलेगी

क्योंकि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस(कांग्रेस के साथ गठबंधन) के लिए उत्तरी कश्मीर का इलाका सियासी नजरिए से खासा अहम है. अभी सरकार चलाने के लिए 3 साल का वक्त बाकी है. एक रास्ता ये भी है कि सूबे में राज्यपाल शासन लागू न करके चुनाव करा दिए जाएं.’

 

सीज़ फायर ने तोड़ी जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी जोड़ी

अमित शाह ने आज ही बीजेपी नेताओं की बैठक बुलाई थी (फाइल फोटो)

भाजपा ने जम्मू कश्मीर की गठबंधन वाली सरकार में राष्ट्रिय हितों को ले कर टकराव के चलते पड़ी दरार.

अब गठबंधन धर्म से मुक्त भाजप क्या अपने पुराने एजेंडा पर लौटेगी?

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार में शामिल बीजेपी ने गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया है. सीजफायर सहित कई मुद्दों पर दोनों ही पार्टियों में काफी दिनों से टकराव चल रहा था. आज ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महबूबा मुफ्ती सरकार में शामिल बीजेपी कोटे के सभी मंत्रियों और राज्य के सभी बड़े नेताओं को दिल्ली में आपात बैठक के लिये बुलाया था. इसी बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी अमित शाह से मुलाकात की है. इसके बाद बीजेपी ने समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया.

– हम खंडित जनादेश में साथ आए थे. लेकिन इस मौजूदा समय के आकलन के बाद इस सरकार को चलाना मुश्किल हो गया था.
– हम एक एजेंडे के तहत सरकार बनाई थी. केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार की हर संभव मदद की.
– गृहमंत्री समय पर राज्य का दौरा करते रहे. सीमा पार से जो भी पाकिस्तान की सभी गतिविधियों को रोकने के लिये सरकार और सेना करती रही.
– हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार की हत्या कर दी गई. राज्य में बोलने की आजादी पर खतरा हो गया है.
– राज्य सरकार की किसी भी मदद के लिये केंद्र सरकार करती रही. लेकिन राज्य सरकार पूरी तरह से असफल रही. जम्मू और लद्दाख में विकास का काम भी नहीं हुआ. कई विभागों ने काम की दृष्टि से अच्छा काम नहीं किया.
– बीजेपी के लिये जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन आज जो स्थिति है उस पर नियंत्रण करने के लिये हमने फैसला किया है कि हम शासन को राज्यपाल का शासन लाये.

हम प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे : अहिरवार

 

बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बारे में केंदीय नेतृत्व से अब तक कोई दिशानिर्देश नहीं मिले हैं. अहिरवार ने यह भी बताया कि हम प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.

राज्य विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय दलों से गठबंधन की आस लगाए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बहुजन समाज पार्टी ने झटका दिया है. बसपा ने ऐलान किया है कि वो मध्य प्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी और इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में 230 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी.

मध्य प्रदेश बीएसपी के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद अहिरवार ने कहा कि मुझे मीडिया से पता चला है कि कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बीएसपी के साथ गठबंधन के लिए कांग्रेस की बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस गठबंधन के संबंध में राज्य स्तर पर हमारी कोई बातचीत नहीं हो रही है.

अहिरवार ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बारे में केंदीय नेतृत्व से अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं. अहिरवार ने यह भी बताया कि हम प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.

बता दें कि मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में 6.29 फीसदी वोट मिले थे और पार्टी ने कुल चार सीटें जीती थीं. वहीं, भाजपा को 44.88 फीसदी वोट, कांग्रेस को 36.38 फीसदी वोट मिले थे. 2013 के चुनाव में राज्य की 230 विधानसभा सीटों में भाजपा ने 165, कांग्रेस ने 58 सीटें जीतीं थी.